िनराकार पर4¯ह हे!, िच7गु¯त भगवान. िविU हिर हर 7य ह| तु¯हl, कमर देव गु"वान.. दिवक - भlितक शि4तयl, रं ग ÷प रस खान. तु¯हl 4से चर - 7चर म, रच संतित मितमान.. ज| रहसय यह जानते, वे ही ह कायस¤. कमरदेव क| प¸जते, ि4ना हु7 स¯यसत..
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िह¯दी की ि4ं दी! तव, चर"l म शत व¯दन. भावl की 7ंजली 7िपरत, "¿ा का चंदन.. 7¸ के 7ा" गीत म, किवता म नव जीवन. दीप िशखावत जलl, "ास हर िवहस 7क¯पन.. ती¤रराज की लु¯त सरसवती, सी तुम पावन. हु5 ि7वे"ी प¸"र, िमली नमरदा लुभावन.. शा"त 7िवनाशी म¸¯यl का, कर िचर गायन. वेदl सा सािह¯य रचा, शुिच 'सिलल' सनातन..
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ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ 7पने परम प¸7य िपता"ी सव. राय4हादुर माता7साद िस¯हा 'र5स', ~नरेरी मिजस[ेõ मनपुरी 3¬र 7देश क| शशव से ही िन¯य िशव भि4त म लीन ह|ते देखकर मेरे 4ाल मन पर िनराकार के साकार िवगह के 7ित आरा¯य- भाव 3¯प7 ह| गया ¤ा. महा¯मा गlUी के आ¯हान पर िपता"ी ~नरेरी मिजस[ेõ पद से ¯यागप7 दे कर नेह÷ जी के नेत¯व म कागेस स¯यागही 4न गये. िवदेशी वस7l की ह|ली जला5 गयी, खान- पान के िवदेशी 4तरन 7क िद7 गये, मु5े 7वं U|õी 4िहन क| 7ंगेजी पõानेवाली मेम हõाकर भारतीय सं गीत िसखाने के िल7 िशिuका लगा5 गयी. िपताजी कागेस सभा7ं म भाग लेते, ज| 7ंगेज 7िUकारी पापा के सा¤ र|ज पाõी करते ¤े वही 3¯ह िगर1तार करने लगे . हम पिरवारजन भगवान का भजन कर खुदक| िह¯मत 4Uाते . पापा ि7पुरी कागेस म भाग लेने ज4लपुर आये . यहl 3नकी मुला7ात स¤ानीय स¯यागही "ी 7वाला7साद वमा से हु5 ज| शहर क|तवाली के पास सु¯दरलाल तहसीलदार के 4ा7े म रहते ¤े , से5 ग|िव¯द दास, (ारका 7साद िम"ा, ¯य|हार राज5 िसंह, भवानी 7साद ितवारी आिद के नेत¯व म सिñय ¤े त¤ा 47े 7ुहारे पर 4जाजी (कप7े) की द¸ कान करते ¤े. पापा 4ा7े म 4ने िशव मि¯दर देखकर 4हुत 7भािवत हु7. 4ाद म 7वाला7साद जी के U|õे भा5 "ी राज 4हादुर वमा ज| त4 7िससõõ जेलर ¤े, के सा¤ मेरा िववाह हुआ. िववाह के 4ाद ससुराल म िशव- भि4त का वातावर" िमला. मेरे दिदया ससुर सव. सु¯दरलाल तहसीलदार 7वं 3नके U|õे भा5 खरातीलाल जी (सव. महादेवी वमा के नाना) (ारा 4नवाये गये िशव मंिदरl त¤ा पितदेव "ी राज4हादुर वमा जेल 7Uीuक की साि¯वक आचार- िवचार ने भगवान के 7ित भि4त- भाव क| पु7 िकया. कायस¤ पिरवार म सभी देवी- देवता7ं म परा¯पर परम4¯ह कमरदेव "ी िच7गु¯त का 7ादुभाव मानकर "¿ा सिहत प¸जने की पर¯परा ह. मेरे मन के भाव 7पने आप भजनl का ÷प लेते गये. "ीमती क¯"ा "ीवासतव ( महि1र महेश य|गी की भाभी), "ीमती साह¸ 7वं ¯य|हार4ा" रामाय" म°7ली की 7¯य सदसयl ने 5¯ह सराहा- गाया Vर Uपाने के िल7 लगातार आगह िकया िकं तु 5¯ह भ4तजनl के सामने लाने म मु5े संक|च ¤ा. संभवत: ये काल- ñम म न7 भी ह| गये ह|ते िकं तु दवी 7ेर"ा से मेरी ि7य 4हु7ं साUना-प¸नम, 4ेिõयl आशा, पु¯पा, िकर", सु1मा त¤ा 4ेõl संजीव- राजीव के आगह Vर 7यास से यह भजन संगह Uपकर आपके हा¤l म ह. भगवान का मिहमा- गायन भ4त का 7ह|भा¹य ह. ‘तेरा तु5क| 7पर" 4या लागे मेरा’ की िवन7 भावना सिहत यह भावाजिल समिपरत कर मन क| शाि¯त िमल रही ह. 4ेõे संजीव क| 5¯ह संपािदत- 7कािशत करने के िल7 मl का आशी1. 7पने 7पl7l- 7पlि7यl 7¯शुमान, आशुत|1, 7िभ1ेक, िनहािरका, िनिशता, म¯वं तर, तुिहना, 7िचरत, 7िपरता, मयं क व ि7यं क क| 5स आशा के सा¤ ये भजन सlपती ह¸ िक 3नके मनl म साि¯वकता, सरलता व शुिचता की 7य|ित सदा जलती रहेगी, भि4त- भावना हमेशा पलती रहेगी.
7भु चर"l की 7नुरागी
शाि¯त देवी
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* भगवान का गु"गान भ4त के जीवन का 7रमान ही नहl, 3सकी पहचान भी ह|ता ह.
* सlस की रािUका, आस की 4lसुरी िलये मन क| भगवjि4त के महारास म लीन कर दे, यही भ4त का सा¯य Vर 7भी7 ह.
* परम प¸7य मl के भाव: भि4तमय 7दय से गत × - ¬ दशकl म िविवU 7वसरl पर िन:सत 3jगारl क| 7भु- चर"l म 7िपरत करने के पुनीत कायर म मु5 7िकं चन क| कुU भ¸िमका िनभाने का 7वसर देकर परम 7भु त¤ा मl ने मु5े आशीि1त कर U¯य िकया ह.
* 4ेõा मl से सदा लेता ही ह , दे कुU नहl सकता. मl की सlगात देखी- 7देखी सं तानl तक पहुचाने का मा¯यम 4न पाना प¸वर ज¯म के पु¯य कमlं का 7ल ह.
* चकाचlU भरी u"जीवी द¸ रदशरनी आUुिनक संसकित के 7सार- काल म पर¯परागत सरलता, सहजता, Vदायर , आ¯मीयता Vर साि¯व¯कता के प¯च 7मत दनं िदन जीवन से लु¯त ह|ते जा रहे ह Vर 3नका स¤ान (े1, 5¯या, सपUा, कõुता त¤ा सवा¤रपरता के प¯च िव1 लेते जा रहे ह.
* 5स सं ñम" काल म भlितक सुख-समि¿, 7वं िवलािसता7ं के कराल ¯याल जाल से 4चते हु7 सत-िशव- सुंदर की 3पासना करते हु7 सत-िचत- आनं द की 7नुभ¸ित करने - कराने म ये भजन सहायक ह| सक, आप 5न भजनl का गायन कर पल मा7 भी 7भु की 7ेम 7सादी पा सक त| यह 4ालक|िचत 7यास सा¤रक ह|गा.
तात-मात चर"कमलानुरागी
संजीव 'सिलल'
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ॐॐॐॐॐॐॐ ñमाक मुख7ा प7ाक
+. वं दन ¯. नमन $. संपादकीय ×. 7नुñम ¬. "ी भगवान $. 7वU म ज¯म ह "ीराम u. 4ाजे 7वU 4Uया I. सुन| री गु5यl ". िसया 7ुल 4िगया आयी ह +¤. चली िसया िगिरजा प¸जन क| ++. िमि¤ला म सजी 4रात +¯. राम (ारे आये +$. जनक 7गना म ह|ती 7य|नार +×. 5ा7े जनक सकुचाय +¬. चलl जानकी ¯यारी +$. (ारे 4हुिरया आयी +u. आयी िसया ससुराल +I. ह|ली खेल िसया की सिखयl +". ह|ली खेल चारl भा5 ¯¤. वन क| चले रÞुवीर ¯+. ितलक कर रÞुवीर ¯¯. िमला राम नाम गले का हरवा ¯$. राम जी आये हमरे (ार ¯×. 4हे राम रस गं गा ¯¬. चल मन सीता राम की शर" ¯$. रÞुवर की कपा ह| जाती ह ¯u. तु¯हारे संग वन क| ¯I. िशवजी की आयी 4ारात ¯". िगिरजा कर स|लह िसंगार $¤. म|हक Uõा पावरती िशव की $+. भ|ले Þर 4ाजे 4Uा5 $¯. U¸मUाम भ|ले के गlव $$. मनभावन मुरली $×. हिर क| 4नना 4नाव $¬. चर"l म 7पने $$. हे क'"ा िस¯Uु भगवन! $u. °याम सुंदर न¯दलाल $I. स¯यागह करने $". 4ाप¸जी आये नगिरया
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िमõाने भ4तl का दु:ख-ददर, जगत म आते "ी भगवान...
ज4 मेरे 7भु जग म आव, नभ से देव सुमन 4रसाव. कलम-दवात सुश|िभत कर म, देते 7uर Hान िमõाने भ4तl का दु:ख-ददर, जगत म आते "ी भगवान...
िच7गु¯त 7भु श¯द- शि4त ह, मl सरसवती नाद शि4त ह. ¯विन 7uर का मेल 7चा7 , मं7- °ल|क िवHान िमõाने भ4तl का दु:ख-ददर, जगत म आते "ी भगवान...
मातु नं िदनी आिदशि4त ह. मl 5रावती म|ह- मुि4त ह. 57ा-िपं गला 7ि¿-िसि¿वत, करतl जग-3¯¤ान िमõाने भ4तl का दु:ख-ददर, जगत म आते "ी भगवान...
क"- क" म ज| िच7 गु¯त ह, कमर - लेख वह िच7गु¯त ह. कायस¤ ह काया म िस¤त, आ¯मा मिहमावान िमõाने भ4तl का दु:ख-ददर, जगत म आते "ी भगवान...
िविU-हिर- हर रच-पाल-िमõाय , 7नहद सुन य|गी तर जाय. रमा-शारदा-शि4त कर िनत, ज7- चेतन क¯या" िमõाने भ4तl का दु:ख-ददर, जगत म आते "ी भगवान...
°यामल मुख-Uिव, ÷प सुहाना, जसा 4|ना वसा पाना. कमर न क|5 िUपे 5श से, 'सिलल' रहे 7नजान िमõाने भ4तl का दु:ख-ददर, जगत म आते "ी भगवान...
ल|भ-म|ह-िव(े1- काम तज, क'"ासागर 7भु का नाम भज. कर स¯कमर 'शाि¯त' पा ले, दु¯कमर 7शाित िवUान िमõाने भ4तl का दु:ख-ददर, जगत म आते "ी भगवान...