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मैडम जी ये नह
जानत
भूखे ह हम, नह
मानती
भूखे पेट, भरे गोदाम
मैडम चबा रही बादाम
आओ तुमको िसखला द हम
भूख है !या, "दखला द हम
गोल गोल सी, छोटी छोटी
इतनी पतली, इतनी मोटी
मं,ी जी का नाम है
भरा -आ गोदाम है
ग.ं क/ बन रही है खाद
ज़ोर से बोलो, 0जदाबाद
(पहला ि--- अरे , सुना है अपने देश म इतना अनाज है "क बोरी पर बोरी रखो तो
चांद तक प-ँच सकते ह. ये अनाज लोग9 को िमले तो भुखमरी कु पोषण तो खGम समझो.
दूसरा ि---- अरे मूख. @ ... अगर ये अनाज आम लोग9 म बांट "दया तो हमारा देश
चांद तक कै से प-ँचेगा.)
पािणिन आनंद
28 अग3त, 2010
"दKली
(रोटी का अिधकार अिभयान और खाL सुरMा के देशNापी संघष@ के िलए)