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उनका कहन
ना है िक सरक
कार को प्र तािव
िवत जनलोकपाल
ल िबल को वी
वीकार करना चािहए
च क्य िक ये
य जनता के
परामशर् से तैयार िकया गया
ग है और ये सरकारी लोकप
पाल िवधेयक से
स बेहतर है .
जनलोकपाल
ल िवधेयक कोो सेवािनव ृ त जि
ज टस संतोष हे गड़े, क़ानन
ू िवद
िव प्रशांत भष
ू ण
ण, सच
ू ना के अिधकार
अ के िल
िलए
लड़ रहे सम
माजसेवी अरिवं
िवंद केजरीवाल ने
न तैयार िकया है .
सरकारी िबल
िब और जनलोोकपाल िबल म मुख्य अंतर:
1. रा यसभ
भा के सभापित या पीकर से अनुमित:
सरकारी लोकपाल
लो के पास
स भ्र टाचार के मामल पर ख़द
ु या आम लो
लोग की िशकाय
यत पर सीधे कारर्
क वाई शु
करने का अ
अिधकार नहीं होगा.
ह सांसद से
स संबिं धत माम
मल म आम ल
लोग को अपनी
नी िशकायत रा यसभा के
सभापित य
या लोकसभा अ यक्ष को भेजनी
न पड़गी.
सरकारी लोक
ोकपाल के पास भ्र टाचार के मामल
म पर ख़द
ु या आम लोग की िशकायत पर
प सीधे कारर् वाई
ई शु करने काा
अिधकार न
नहीं होगा. सांसद से संबंिधत मामल
म म आम लोग को अपन
नी िशकायत रा यसभा के सभा
भापित या
लोकसभा अ यक्ष को भेजनी
न पड़गी. वहीं प्र तािवत जनल
लोकपाल िबल के तहत लोकपाल
ल ख़द
ु िकसी भी
भ मामले की
जांच शु क
करने का अिधक
कार रखता है . इस
सम िकसी से जां
ज च के िलए अ
अनम
ु ित लेने की ज़ रत नहीं ह
है
दोन
न प्र ताव म एक मुख्य अंतर
त
सरकारी िवधे
िव यक म लोक
कपाल केवल पररामशर् दे सकताा है . वह जांच के बाद अिधक
कार प्रा त सं था
थ के पास इस
िसफ़ािरश को
क भेजेगा. जह ड के सद य का सवाल है इस
हां तक मंत्रीमंडल इ पर प्रधानम
मंत्री फ़ैसला कररगे. वहीं
जनलोकपाल
ल सशक्त सं था
थ होगी. उसक
के पास िकसी भी
भ सरकारी अििधकारी के िव द्ध कारर् वाई कीी क्षमता होगी.
http://ww
ww.bbc.co.uk/hindi/news//2011/04/1100405_lokpal__janlokpal_ra..shtml
सरकारी िवधेयक म लोकपाल के पास पिु लस शिक्त नहीं होगी. जनलोकपाल न केवल प्राथिमकी दजर् करा
पाएगा बि क उसके पास पुिलस फ़ोसर् भी होगी.
अगर कोई िशकायत झूठी पाई जाती है तो सरकारी िवधेयक म िशकायतकतार् को जेल भी भेजा जा सकता है .
लेिकन जनलोकपाल िबल म झूठी िशकायत करने वाले पर जम
ु ार्ना लगाने का प्रावधान है .
सरकारी िवधेयक म लोकपाल का अिधकार क्षेत्र सांसद, मंत्री और प्रधानमंत्री तक सीिमत रहे गा. जनलोकपाल के
दायरे म प्रधानमत्री समेत नेता, अिधकारी, यायाधीश सभी आएँगे.
3. चयनकतार्ओं म अंतर:
लोकपाल की जांच पूरी होने के िलए छह महीने से लेकर एक साल का समय तय िकया गया है . प्र तािवत
जनलोकपाल िबल के अनस
ु ार एक साल म जांच पूरी होनी चािहए और अदालती कायर्वाही भी उसके एक साल
म परू ी होनी चािहए.
सरकारी लोकपाल िवधेयक म नौकरशाह और जज के िख़लाफ़ जांच का कोई प्रावधान नहीं है. लेिकन
जनलोकपाल के तहत नौकरशाह और जज के िख़लाफ़ भी जांच करने का अिधकार शािमल है . भ्र ट अफ़सर
को लोकपाल बख़ार् त कर सकेगा.
4. सज़ा और नक़
ु सान की भरपाई:
ऐसी ि थित मे िजसम लोकपाल भ्र ट पाया जाए, उसम जनलोकपाल िबल म उसको पद से हटाने का प्रावधान
भी है . इसी के साथ कद्रीय सतकर्ता आयक्
ु त, सीबीआई की भ्र टाचार िनरोधक शाखा सभी को जनलोकपाल का
िह सा बनाने का प्रावधान भी है .
http://www.bbc.co.uk/hindi/news/2011/04/110405_lokpal_janlokpal_ra.shtml