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नर्मदाष्टकर् ् श्री नर्मदाष्टकर् , सब द ॊ ु ससन्धु सस् ु खऱ तरॊ ग भॊग रॊ जजतर् द्विषत्सु ऩाऩ जात जात कारर िारर सॊयत

ु र् कृतान्त दत ू काऱ भत ु भीतत हारर िर्मदे त्िदीय ऩाद ऩॊकजर् नर्ासर् दे िी नर्मदे १ त्िदम् ु ऱीन दीन र्ीन ददव्य सम्रदायकर् कऱौ र्ऱौघ भारहारर सिमतीर्म नायक ॊ सर् ु स्त्य कच्छ नक्र चक्र चक्रिाक् शर्मदे त्िदीय ऩाद ऩॊकजर् नर्ासर् दे िी नर्मदे २ र्हागभीर नीर ऩर ु ऩाऩधत ु भत ू ऱॊ ध्िनत सर्स्त ऩातकारर दररताऩदाचऱर् जगल्लल्लये र्हाभये र्क ू ु हम्यमदे ृ ॊु डूसन त्िदीय ऩाद ऩॊकजर् नर्ासर् दे िी नर्मदे ३ गतॊ तदै ि र्ें भयॊ त्िदम् ु िीक्षऺतर् यदा र्क ू ु शौनका सर ु ारी सेिी सिमदा ृ ॊु डूसन ऩन ु भमिाजधध जन्र्जॊ भिाजधध द् ु ख िर्मदे त्िदीय ऩाद ऩॊकजर् नर्ासर् दे िी नर्मदे ४

अऱऺऱऺ ककन्न रार्रासर ु ादी ऩज ू जतॊ सऱ ु ऺ नीर तीर धीर ऩऺीऱऺ क ु जजतर् िसशष्ठसशष्ट वऩप्ऩऱाद कदम र्ादद शर्मदे त्िदीय ऩाद ऩॊकजर् नर्ासर् दे िी नर्मदे ५ सनत्क े त कश्यऩाबि षटऩदै ु र्ार नाचचक धत ृ र् स्िकीय र्ानषेशु नारदादद षटऩदै : रविन्द ु रजन्त दे िदे ि राजकर्म शर्मदे त्िदीय ऩाद ऩॊकजर् नर्ासर् दे िी नर्मदे ६ अऱऺऱऺ ऱऺऩाऩ ऱऺ सार सायध ु ॊ ततस्तु जीिजॊतु तॊतु भज ॊ ु ततर्ज ु तत दायक विरन्ची विष् ु शॊकरॊ स्िकीयधार् िर्मदे त्िदीय ऩाद ऩॊकजर् नर्ासर् दे िी नर्मदे ७ अहोर्त े श जातटे ु न श्रत ु र् र्हे षक ृ र् श्रि ककरात सत ू िाड़िेषु ऩजडडते शठे नटे दर ु ॊ त ऩाऩ ताऩ हारर सिमजॊतु शर्मदे त्िदीय ऩाद ऩॊकजर् नर्ासर् दे िी नर्मदे ८

इदन्तु नर्मदाष्टकर् बिकऱार्ेि ये सदा ऩठजन्त ते तनरॊ तरर् न याजन्त दग म तर् कदा ु त सऱ म ॊ र्हे शधार् गौरिर् ु भ्य दे ि दऱ ु भ ऩन ु भमिा नरा न िै बिऱोकयॊती रौरिर् ९ त्िदीय ऩाद ऩॊकजर् नर्ासर् दे िी नर्मदे नर्ासर् दे िी नर्मदे, नर्ासर् दे िी नर्मदे त्िदीय ऩाद ऩॊकजर् नर्ासर् दे िी नर्मदे र्ाॉ रे िा की जय ! र्ाॉ नर्मदा जी जय !

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