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Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies,

Online ISSN 2278-8808, SJIF 2018 = 6.371, www.srjis.com


PEER REVIEWED JOURNAL, SEPT-OCT, 2018, VOL- 6/47

शिऺा के अधधकाय अधधननमभ 2009 के सॊदबभ भें ऩरयषदीम प्राथशभक विद्मारमों

का एक अध्ममन

कुन्दन शसॊह

(िोधाथी), शिऺा एिॊ सहफध्द विऻान सॊकाम विबाग, भहात्भा ज्मोनिफा पुरे

रूहे रखण्ड विश्िविद्मारम, फये री, उत्िय प्रदे ि , Kundan.softmail@gmail.com

Abstract

ननिुल्क एिॊ अननिामभ शिऺा का अधधकाय अधधननमभ 2009 बायिीम प्रायम्भबक शिऺा के ऺेत्र
भें एक भीर का ऩत्थय है, जो 6 से 14 िषभ के प्रत्मेक फच्चे को प्रायम्भबक शिऺा ऩूर्भ कयने
का भूरबूि अधधकाय प्रदान कयिा है । बायि भें प्रायम्भबक शिऺा को ननिुल्क एिॊ अननिामभ
फनाने की मात्रा फहुि रॊफी यही है म्जसका प्रायभब 1870 भें ब्रिटे न भें ऩास ककए गए ननिुल्क
ि अननिामभ शिऺा के अधधकाय के आधाय ऩय 1882 भें भहात्भा ज्मोनिफा पुरे द्िाया ककमा
गमा जफ उन्होने हॊ टय कभीिन से बायि के शरए बी ऐसी ही भाॉग यखी। उसके फाि 1910-
11 के गोखरे का प्रस्िाि, िधाभ आमोग (1937) आदद से होिी हुई सॊविधान सबा भें ऩहुॉची,
जहाॉ प्रायम्भबक शिऺा को याज्म के नीनि- ननदे िक शसद्ाॊिों भें सम्भभशरि ककमा गमा। बायि
के उच्चिभ न्मामारम ने 2002 भें एक प्रािधान के िहि शिऺा को गरयभाऩूर्भ जीिन जीने
के शरमे आिश्मक भाना िथा फाद भें मही 86 िाॊ सॊविधान सॊिोधन फना। 2006 भें एक
भॉडर विधेमक ऩास ककमा गमा िथा अगस्ि 2009 भें ननिुल्क एिॊ अननिामभ फार शिऺा का
अधधकाय अधधननमभ 2009 ऩास ककमा गमा। ऩयन्िु दब
ु ाभग्म से अबी बी इसको ऩूर्ि
भ मा रागू
नही ककमा जा सका है । म्जससे इसके अऩेक्षऺि ऩरयर्ाभ प्राप्ि नही हो ऩा यहें हैं। प्रस्िुि
अध्ममन भें बी ऩरयषदीम प्राथशभक विद्मारमों भें शिऺा के अधधकाय अधधननमभ का
कामाभन्िमन दे खने का प्रमास ककमा गमा है ।

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कुन्दन शसॊह
11194
(Pg. 11193-11206)

प्रस्तावना

“ऩौधों का ववकास कृवि द्वाया तथा भनुष्म का ववकास शिऺा द्वाया होता है ”

“Plants developby cultivation and human by education”

- John Lock

शिऺा साभाजिक ऩरयवततन औय ववकास का एक भहत्वऩूणत भाध्मभ है तथा मह

ककसी बी व्मजतत, सभाि अथवा दे ि की प्रगतत को तनणातमक ददिा दे ती है ।

गुणवत्ता ऩयक शिऺा के प्रचाय-प्रसाय द्वाया ही दे ि के ववकास को वाॊतित गतत

एवॊ ददिा दी िा सकती है । अत् मह आवश्मक है की शिऺा व्मवस्था एसी हो

िो सतत ऩरयवततनिीर सभाि की वैववध्मऩण


ू त आवश्मकताओॊ की ऩतू तत कय सके।

‘तनिल्
ु क एवॊ अतनवामत फार शिऺा का अधधकाय अधधतनमभ -2009 ’ सभाि की

िैक्षऺक आवश्मकताओॊ की ऩूततत की ददिा भे उठामा गमा अत्मॊत दयू गाभी कदभ

है । इससे दे ि की शिऺा व्मवस्था भे आभूर-चूर ऩरयवततन अऩेक्षऺत है । मद्मवऩ

इसके रागू होने से हभायी शिऺा व्मवस्था के सभऺ अनेक चुनौततमाॉ बी उत्ऩन्न

हुई है । अफ हभ सबी का दातमत्व न केवर 6 से 1 4 वमवगत के प्रत्मेक फच्चे

को अतनवामत तनिल्
ु क शिऺा उऩरब्ध कयाना है वयन मह बी सतु नजश्चत कयना है

कक प्रत्मेक फच्चे को बम तथा तनाव यदहत वातावयण भे गुणवत्ता ऩयक शिऺा

प्राप्त हो।

फच्चे हभायी ऩयॊ ऩया के वाहक हैं औय बववष्म कक आिा बी। उत्सुकता से

चभकती आॉखों औय ऩरयशभत ऊिात वारे फच्चे सफकुि सीखने की ररक रेकय

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कुन्दन शसॊह
11195
(Pg. 11193-11206)

आऩके ऩास आते हैं ऩयॊ तु िफ स्कूर उन्हे तनयाि कायता है तो उनकी रूधच

खत्भ हो िाती है औय कई फाय तो वे स्कूर व शिऺा की दतु नमा से वाऩस चरे

िाते हैं।

तनिुल्क औय अतनवामत फार शिऺा का अधधकाय अधधतनमभ 2009

‘तनिुल्क औय अतनवामत फार शिऺा का अधधकाय अधधतनमभ 2009 ’ िम्भू एवॊ

कश्भीय को िोड़कय दे ि के अन्म सबी याज्मों भे 1 अप्रैर 201 0 से 6-1 4 वित

वगत के फच्चों के शरए रागू हो चक


ु ा है । ववश्व भें ऐसे फहुत कभ दे ि हैं , िहाॉ

फच्चों को तनिुल्क व अतनवामत शिऺा दे ने की याष्रीम व्मवस्था रागू है । इस

दृजष्ि से मह अधधतनमभ बायत को प्रायजम्बक शिऺा के ऺेत्र भे सहस्राब्दी ववकास

रक्ष्मों को प्राप्त कयने की आधाय बूशभका उऩरब्ध कया यहा है । इस अधधतनमभ

भें 6-1 4 वित आमु के हय एक फच्चे को तनिुल्क औय अतनवामत शिऺा प्रदान

कयने के शरए ववशबन्न प्रावधान एवॊ उन प्रावधानों को ऩण


ू त कयने के ककए

कततव्म एवॊ दातमत्व तनधातरयत हैं।

ऐततहाशसक दृजष्ि से 1 870 भें ब्रििे न भें अतनवामत शिऺा अधधतनमभ

ऩारयत होने के उऩयाॊत सवतप्रथभ प्रत्मेक फच्चे को तनिुल्क एवॊ अतनवामत शिऺा

प्रदान कयने की भाॉग भहात्भा ज्मोततफा पुरे द्वाया 1 882 भें हॊ िय कभीिन से

की गई थी। 1 906 भें इॊऩीरयमर रेजिसरेदिव असेंफरी से बी गोऩार कृष्ण

गोखरे द्वाया बायतीम फच्चों को तनिल्


ु क एवॊ अतनवामत शिऺा का अधधकाय

प्रदान कयने की भाॉग की गई। ककन्तु उन्हे बी सपरता प्राप्त नही हुई। सन

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कुन्दन शसॊह
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(Pg. 11193-11206)

1 937 भें भहात्भा गाॉधी ने वधात भें याष्रीम शिऺा ऩरयिद की फैठक भें बी सबी

फच्चों के शरए सावतबौशभक शिऺा का प्रस्ताव यखा , ककन्तु ववत्तीम सॊसाधनों के

अबाव का कायण फताकय फच्चों को मे अधधकाय प्रदान नही ककमा गमा। सन

1 948-49 भें सॊववधान सबा के सभऺ बी मे प्रश्न उत्ऩन्न हुआ ककन्तु सॊववधान

सबा की सराहाकय सशभतत ने इसे भौशरक अधधकाय न भानते हुमे नीतत-

तनदे िक शसद्ाॊतों की सच
ू ी भें स्वीकाय ककमा। नीतत-तनदे िक शसद्ाॊत के अनच्
ु िे द

45 के अनस
ु ाय याज्म इस सॊववधान के रागू होने के 1 0 सार की अवधध भें

सबी फच्चों के शरए , िफ तक कक वे 1 4 सार कक आमु को प्राप्त नही कय रेते

तनिुल्क औय अतनवामत शिऺा उऩरब्ध कयाने का प्रमास कये गा। सबी फच्चों के

शरए शिऺा की व्मवस्था के सॊफॊध भें उच्चतभ न्मामारम द्वाया 1 993 भें प्रदत्त

तनणतम भें मह कहा गमा कक शिऺा के ब्रफना िीवन का अधधकाय अऩूणत है । तथा

1 4 वित तक के सभस्त फच्चकों को तनिल्


ु क प्रायजम्बक शिऺा प्रदान कयना

याज्म का दातमत्व है । इस तनणतम के उऩयाॊत 86 वाॊ सॊवैधातनक सॊिोधन 2002

के अॊतगतत भूर अधधकायों भें अनुच्िे द 21 ‘अ’ सजम्भशरत ककमा गमा जिसके

अनुसाय ‘ याज्म 6-1 4 वित के आमु वगत वारे सबी फच्चों के शरए तनिुल्क औय

अतनवामत शिऺा उऩरब्ध कयाने का ऐसी यीतत भे िो याज्म ववधध द्वाया

अवधारयत कये , उऩरब्ध कयामेगा। इसके साथ ही सॊववधान के अनच्


ु िे द 45 के

ु िे द स्थानाऩन्न ककमा ‘ याज्म सबी फच्चों को िफ तक


शरए तनम्नशरखखत अनच्

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कुन्दन शसॊह
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(Pg. 11193-11206)

वे अऩनी 6 वित कक आमु ऩयू ी नही कय रेते , फचऩन ऩव


ू त सयु ऺा उऩरब्ध कयाने

का प्रमास कये गा।

इसके परस्वरूऩ प्रायजम्बक शिऺा को एक भौशरक अधधकाय का

दिात प्राप्त हुआ औय सबी फच्चों को मह अधधकाय उऩरब्ध कयने के शरए

प्रमत्न प्रायम्ब हुमे। इसी क्रभ भें वित 2006 भें शिऺा का अधधकाय अधधतनमभ

का एक भॉडर ववधेमक ववकशसत हुआ िो 4 अगस्त 2009 को तनिल्


ु क एवॊ

अतनवामत फार शिऺा का अधधकाय अधधतनमभ 2009 के रूऩ भें ऩारयत तथा 27

अगस्त 2009 को बायत के याज्म-ऩत्र भें प्रकाशित हुआ। अॊतत् बायत के सबी

फच्चों को तनिुल्क औय अतनवामत शिऺा प्रदान कयने की मात्रा रगबग 1

िताब्दी के फाद 1 01 0 भें भॊजिर प्राप्त कय सकी औय 7 अप्रैर सन 201 0 से

शिऺा का अधधकाय अधधतनमभ रागू हो गमा। शिऺा का अधधकाय अफ 6-1 4

वित तक के सब फच्चों के शरए एक भौशरक अधधकाय है तथा याज्म प्रत्मेक

फच्चे को कऺा 8 तक तनिल्


ु क शिऺा उऩरब्ध कयाने के शरए उत्तयदामी है ।

अध्ममन की आवश्मकता

आिादी के फाद से अफ तक हभाये दे ि की एक कभिोयी ऩप्रभुख

मोिनाओॊ का प्रबावी कक्रमान्वमन न होना यहा है । सयकायें अऩनी सपरता

ददखाने के शरमे चराई गई मोिनाओॊ का उच्च प्रततपर प्राप्त होने के दावे

कयती हैं , िफकक धयातर ऩय मदद दे खा िाता है तो मोिनाओॊ का कक्रमान्वमन

ही उधचत ढॊ ग से नही होता है , जिसके कायण मोिनाओॊ के अऩेक्षऺत ऩरयणाभ

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कुन्दन शसॊह
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(Pg. 11193-11206)

की आिा कयना ही फेभानी है । प्रस्तुत अध्ममन भें बी शिऺा के अधधकाय

अधधतनमभ के सॊदबत भे सयकायी दावों तथा वास्तववक कक्रमान्वमन के फीच का

अॊतय ऩता रगाने का प्रमास ककमा गमा है ।

सभस्मा कथन

“ तनिुल्क एवॊ अतनवामत शिऺा का अधधकाय अधधतनमभ 2009 के सॊदबत

भें ऩरयिदीम प्राथशभक ववद्मारमों का एक अध्ममन ”

अध्ममन का ऩरयसीभन

प्रस्तुत िोध भें सभम एवॊ सॊसाधनों की उऩरब्धता को ध्मान भें

यखते हुमे िोध कामत को उत्तय प्रदे ि के फये री भहानगय के ऩरयिदीम प्राथशभक

ववद्मारामों तक ही सीशभत यखा गमा है ।

ऩरयकल्ऩना

प्रस्तुत अध्ममन के सॊफॊध भें तनम्नशरखखत तीन ऩरयकल्ऩनाएॊ की

िा सकती हैं।

1. शिऺा के अधधकाय अधधतनमभ 2009 भें वखणतत सबी िैक्षऺक प्रावधान

प्राथशभक स्तय की शिऺा भें रागू हो चुके हैं।

2. शिऺा के अधधकाय अधधतनमभ 2009 भें वखणतत िैक्षऺक प्रावधान अबी

आॊशिक रूऩ से ही रागू हुमे हैं।

3. शिऺा के अधधकाय अधधतनमभ 2009 भें वखणतत िैक्षऺक प्रावधान अबी

तक ब्रफल्कुर बी रागू नही हुमे हैं।

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कुन्दन शसॊह
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िनसॊख्मा एवॊ न्मादित ववधध

प्रस्तुत अध्ममन हे तु फये री भहानगय के 1 34 कुर ऩरयिदीम

प्राथशभक ववद्मारमों भें से 25 ववद्मारमों का चमन अध्ममन हे तु मादृजच्िक

न्मादितन ववधध से ककमा गमा है तथा उऩयोतत 25 ववद्मारमों से सॊफजन्धत

1 50 शिऺकों , 1 50 िात्रों तथा 1 50 अववबावकों को सजम्भशरत ककमा गमा है ।

प्रमत
ु त उऩकयण

प्रस्तुत अध्ममन को भूतत रूऩ दे ने के शरमे स्वतनशभतत तीन अनुसूधचमों का

तनभातण ककमा गमा है -

1. शिऺा के अधधकाय अधधतनमभ 2009 भे अववबावकों से सॊफजन्धतप्रावधानों

हे तु अनुसूची।

2. शिऺा के अधधकाय अधधतनमभ 2009 भें शिऺकों से सॊफजन्धत प्रावधानों

हे तु अनस
ु च
ू ी।

3. शिऺा के अधधकाय अधधतनमभ 2009 भें िात्रों से सॊफजन्धत प्रावधानों हे तु

अनुसूची।

आॉकड़ो का सॊग्रह एवॊ साॊजख्मकी

प्रस्तुत अध्ममन हे तु आॉकड़ो का सॊग्रह सवेऺण ववधध से ककमा गमा

है तथा आॉकड़ो के ववश्रेिण हे तु प्रततितता ववधध का प्रमोग ककमा गमा है ।

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कुन्दन शसॊह
11200
(Pg. 11193-11206)

शिऺा के अधधकाय अधधतनमभ 2009 भें प्रस्ताववत शिऺकों , अववबावकों तथा

िात्रों से सॊफजन्धत प्रावधानों काववश्रेिण –

आय. िी. ई. 2009 के अॊतगतत वखणतत प्रावधानों अथवा सुववधाओॊ का नाभ प्रावधान मा सुववधा की वततभान जस्थतत अथवा उऩरब्धता की प्रततितता

1.विद्मारमों भे कामभयि कुर अध्माऩक की प्रनििििा


i.एक अध्माऩक िारे विद्मारम 04 प्रनििि
ii.दो अध्माऩक िारे विद्मारम 24 प्रनििि
iii.िीन कामभयि अध्माऩक िारे विद्मारम 32 प्रनििि
iv.चाय कामभयि अध्माऩक िारे विद्मारम 16 प्रनििि
v.ऩाॉच कामभयि अध्माऩक िारे विद्मारम 08 प्रनििि
vi.छ् कामभयि अध्माऩक िारे विद्मारम 16 प्रनििि
2.विद्मारमों भें अध्ममनयि कुर विद्माधथभमों की प्रनििििा
i.01-50 विद्माधथभमों िारे विद्मारम
ii.51-100 विद्माधथभमों िारे विद्मारम
iii.101-150 विद्माधथभमों िारे विद्मारम 24 प्रनििि
iv.151-200 विद्माधथभमों िारे विद्मारम 28 प्रनििि
v.201-250 विद्माधथभमों िारे विद्मारम 12 प्रनििि
vi.251-300 विद्माधथभमों िारे विद्मारम 16 प्रनििि
3.शिऺा के अधधकाय अधधननमभ 2009 के अनरू
ु ऩ 16 प्रनििि
विद्मारमों भें शिऺक-छात्र अनुऩाि 04 प्रनििि
4.शिऺा के अधधकाय अधधननमभ 2009 के अनुसाय
शिऺकों की िैक्षऺक मोग्मिा
5.विद्मारमों भें अम्ग्निभन मॊत्र के प्रमोग हे िु i.32 प्रनििि विद्मारमों भें शिऺक-छात्र अनुऩाि= 1
प्रशिक्षऺि अध्माऩकों की प्रनििििा ii.16 प्रनििि विद्मारमों भें शिऺक-छात्र अनऩ
ु ाि= 1
6.विद्मारमों भें प्राथशभक उऩचाय फॉक्स की उऩम्स्थनि iii.36 प्रनििि विद्मारमों भें शिऺक-छात्र अनुऩाि= 1
7.विद्मारमों भें ऩाठ्म सहगाभी किमाओॊ के iv.12 प्रनििि विद्मारमों भें शिऺक-छात्र अनुऩाि= 1
आमोजन की म्स्थनि v.04 प्रनििि विद्मारमों भें शिऺक-छात्र अनऩ
ु ाि= 1
8.विद्मारमों भें स्टॉक यम्जस्टय की उऩम्स्थनि 60 प्रनििि शिऺक शिऺक- ऩात्रिा ऩयीऺा उत्िीर्भ
9.शिऺकों को टी. एर. एभ. की धनयाशि की उऩरब्धिा
10.शिऺकों द्िाया टी. एर. एभ. के ननभाभर् की म्स्थनि
11.नाभाॊककि फच्चों से ककसी प्रकाय का प्रिेि िुल्क 12 प्रनििि शिऺक प्रशिक्षऺि
रेने सॊफॊधी प्रकयर्
12.फच्चों का प्रिेि से ऩहरे स्िीननॊग टे स्ट शरमा जाना
13.विशबन्न कऺाओॊ भें आमु के अनुरूऩ नाभाॊककि 66 प्रनििि भें उऩम्स्थि

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कुन्दन शसॊह
11201
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ककए गए आउट ऑप स्कूर/ गैयनाभाॊककि फच्चों को 65 प्रनििि विद्मारमों भें


कऺा के अनुरूऩ विशिष्ट प्रशिऺर् प्रदान कयने की की जािी हैं।
प्रानििििा
14.नाभाॊककि फच्चों से ककसी प्रकाय का अन्म िल्
ु क 96 प्रनििि भें उऩम्स्थि
शरमे जाने की प्रनििििा 98 प्रनििि को उऩरब्ध हो चक
ु ी थी
15.विद्मारमों भे विशिष्ट आिश्मकिा िारे फच्चों 94 प्रनििि द्िाया ननभाभर्
को ऩढ़ाने के शरमे प्रशिक्षऺि अध्माऩकों की प्रनििििा ककमा गमा
16.विद्मारमों भें शिऺकों द्िाया फनी सभम-सायर्ी 00 प्रनििि
17.सभम-सायर्ी के अनस
ु ाय विद्मारमों का सॊचारन
18.विद्मारमों भें फच्चों की सशभनिमों का गठन ककमा 36 प्रनििि प्रकयर्ों भें
जाना टे स्ट शरमा जािा है ।
19.विद्मारमों भें िाडभ शिऺा सशभनिमों के गठन की 26 प्रनििि
प्रनििििा
20.िाडभ शिऺा सशभनिमों की ननमशभि फैठकों की
प्रनििििा 00 प्रनििि
21.ििभभान सत्र भें िाडभ शिऺा सशभनि की औसि फैठकें
22.शिऺकों द्िाया विद्मारम विकास की धनयाशि एिॊ 16 प्रनििि
अन्म भदों भें प्राप्ि धनयाशि को एस. एभ. सी. के
सभऺ प्रस्िि
ु ककमे जाने की प्रनििििा 48 प्रनििि भें ही सभम
23.फच्चों की उऩम्स्थनि फढ़ाने के शरमे शिऺकों द्िाया सायर्ी का प्रमोग होिा है ।
सभुदाम के सदस्मों का सहमोग शरमे राने की प्रनििििा 44 प्रनििि का सॊचारन
24.प्राथभना सबा भें ननभनशरखखि गनिविधधमों के सभम सायर्ी के अनुसाय
आमोजन की प्रनििििा 32 प्रनििि विद्मारमों भें
i.कहानी गठन ककमा गमा
ii.कवििा 92 प्रनििि भें गठन ककमा
iii.ऩहे री जा चक
ु ा था
iv.चट
ु ु कुरे
v.अशबनम 92 प्रनििि
vi.भुख्म सभाचाय 09 फैठकें प्रनि विद्मारम
(100 प्रनििि)
25.प्राथभना सबा भें सभुदाम द्िाया सहबाधगिा 100 प्रनििि
26.फार सबा भें सभुदाम द्िाया सहबाधगिा
27.विद्मारमों भें फच्चों के ननमशभि स्िास््म
ऩयीऺर् की म्स्थनि 100 प्रनििि
28.फच्चों की स्िास्थ ्म ऩयीऺर् सॊस्था
29.ििभभान सत्र भें छात्रिनृ ि की म्स्थनि

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कुन्दन शसॊह
11202
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30.विद्मारमों भें एभ. डी. एभ. हे िु यसोइमे की ननमुम्क्ि


31.शिऺक-सॊदशिभका प्रशिऺर् भॉड्मूर की उऩम्स्थनि
32.विद्मारमों भें खेर साभाग्री की उऩरब्धिा 84 प्रनििि
33.ऩस्
ु िकारम हे िु ऩस्
ु िकों की उऩरब्धिा 80 प्रनििि
34.भीनू के अनुसाय बोजन दे ने की प्रनििििा 60 प्रनििि
35.भध्मान्ह बोजन की गुर्ित्िा से फच्चों की 50 प्रनििि
सॊिम्ु ष्ट की प्रनििििा 26 प्रनििि
36.िौचारम के फाद साफुन से हाथ धोने की प्रनििििा 20 प्रनििि
37.फच्चों को िायीरयक मािना दे ने के प्रकयर् का
12 प्रनििि
16 प्रनििि
38.अध्माऩकों द्िया ट्मि
ू न ऩढ़ाने का प्रकयर् 34 प्रनििि विद्मारमों भें
39.फच्चों के फैठने हे िु पनीचय की व्मिस्था ननमशभि स्िास््म ऩयीऺर् ककमा
40.विद्मारमों भें साप ऩानी की उऩरब्धिा जािा है ।
41.विद्मारमों भें ब्रफजरी की उऩरब्धिा प्राथशभक स्िास््म केंद्र िथा
एस. एभ. सी. की ननमशभि फैठकों का औसि म्जरा धचककत्सारम
84 प्रनििि फच्चों को प्राप्ि
हो चक
ु ी थी
00 प्रनििि ( एन. जी. ओ.
द्िाया आऩनू िभ)
84 प्रनििि विद्मारमों भें
उऩरब्ध
68 प्रनििि भें उऩरब्ध
100 भें प्रनििि
52 प्रनििि
22 प्रनििि

49 प्रनििि
38 प्रनििि प्रकयर्ों भें
िायीरयक मािना दी जािी है ।
00 प्रनििि
00 प्रनििि
28 प्रनििि
24 प्रनििि
14 प्रनििि

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कुन्दन शसॊह
11203
(Pg. 11193-11206)

तनष्कितनात्भक वववेचन –ताशरका 1 की वववेचना के आधाय ऩय ऩरयरक्षऺत होता

है कक शिऺा के अधधकाय अधधतनमभ 2009 के सबी प्रावधान अबी तक ककसी

बी प्राथशभक ऩरयिदीम ववद्मारम भें ऩूणत रूऩ से रागू नही हुमे हैं। िफकक

शिऺा का अधधकाय अधधतनमभ 2009 , उत्तय प्रदे ि भें िुराई 201 1 से रागू है ।

कुि प्रावधानों की कामातन्वमन प्रततितता िून्म प्रततित तथा कुि की

कामातन्वमन प्रततितता आॊशिक ही ऩामी गई। अत् कहा िा सकता है कक शिऺा

का अधधकाय 2009 भें वखणतत प्रावधानों का कक्रमान्वमन अबी अऩण


ू त है , तथा

जिसे ऩूणत ककमा िाना गुणवत्ताऩूणत शिऺा के शरमे आवश्मक है । अत् महाॉ ऩय

दस
ू यी ऩरयकल्ऩना सत्म प्रतीत होती है ।

नीतत तनधातयकों हे तु सुझाव

प्रस्तुत िोध अध्ममन के तनष्किों के आधाय ऩय प्राथशभक

ववद्मारमों के नीतत तनधातयकों हे तु तनम्न सझ


ु ाव प्रस्तुत ककए िा सकते हैं।

1. प्राथशभक ववद्मारमों के तनमशभत तनयीऺण हे तु एक उधचत व्मवस्था फनाई

िाए, जिससे आय. िी. ई. के प्रावधानों को सॊऩूणत


त ा से रागू ककमा िा सके।

2. सबी ववद्मारम भें शिऺक- िात्र अनुऩात सॊतुशरत ककमा िाए तथा अधधक

शिऺको वारे ववद्मारमों से शिऺकों को कभ शिऺकों वारे ववद्मारमों भे

स्थानाॊतरयत ककमा िामे।

3. भध्मान्ह बोिन का तनमशभत तनयीऺण ककमा िामे तथा सॊफजन्धत स्वमॊ सेवी

सॊस्था ऩय दृजष्ि यखी िामे।

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कुन्दन शसॊह
11204
(Pg. 11193-11206)

4. प्रततददन ववद्मारम न आने वारे शिऺकों ऩय कठोय कामतवाही की िामे।

5. तनमशभत रूऩ ववद्मारमों भें िैक्षऺक गुणवत्ता की िाॊच की िामे।

6. शिऺकों के प्रशिऺण कामतक्रभ न्माम ऩॊचामत स्तय ऩय ककए िामे।

7. ववद्मारमों को ऩूणत स्वामत्ता दी िामे तथा ववत्तीम साधन फढ़ामे िाएॉ

जिससे आवश्मकता अनुसाय सुववधाओ को िुिामा िामे।

8. ववद्मारम की िुट्टी के फाद ववद्मारम सॊऩजत्त तथा ऩरयसय की दे खबार हे तु

एक तनमशभत कभतचायी की तनमजु तत की िामे।

अववबावकों हे तु सुझाव

1. फच्चों को तनमशभत ववद्मारम बेिना सुतनजश्चत कयें ।

2. ववद्मारम का प्रफॊध तथा िैक्षऺक गुणवत्ता फढ़ाने भें शिऺकों का सहमोग

कयना चादहए।

3. ववद्मारम सॊऩजत्त को चोयों तथा असाभाजिक तत्वों से फचाना चादहए।

4. ववद्मारमों भें सभम- सभम ऩय उऩजस्थत होकय अऩने ऩाल्मों की िैक्षऺक

प्रगतत की सूचना प्राप्त कयनी चादहए।

5. फच्चों के िैक्षऺक सॊवधतन हे तु उनको घय ऩय िैक्षऺक कामों तथा गहृ कामत को

कयने के शरमे प्रेरयत कयें ।

6. अववबावकों का मह दातमत्व है कक वे अऩने ऩाल्मों के उधचत भानशसक व

िायीरयक ववकास हे तु उनको सॊतुशरत बोिन उऩरब्ध कयाना सतु नजश्चत कयें ।

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कुन्दन शसॊह
11205
(Pg. 11193-11206)

7. अववबावक ववद्मारम तथा शिऺकों से सॊऩकत फनाए यखे तथा आवश्मकता

होने ऩय ववद्मारम भें उऩजस्थत होना सुतनजश्चत कयें ।

8. अववबावकों को ववद्मारम प्रफॊध सशभतत तथा वाडत/ ग्राभ शिऺा सशभतत के

भाध्मभ से ववद्मारम के िैक्षऺक उन्नमन भें अऩेक्षऺत सहमोग कयना चादहमे।

शिऺकों हे तु सुझाव

1. ववद्मारम भें तनमशभत सभम से उऩजस्थत होकय शिऺण कामत भें सॊरग्न

होना चादहए।

2. ववद्मारम भें िैक्षऺक गुणवत्ता फढ़ाने का प्रमास कयना चादहमे ।

3. अववबावकों से सॊऩकत तथा सहमोग फनाए यखना चादहमे ।

4. भध्मान्ह बोिन की गुणवत्ता को फनाए यखना चादहमे।

5. फच्चों को फार केजन्ित ढॊ ग से उनके सवाांगीण ववकास हे तु शिऺा प्रदान

कयनी चादहमे।

6. फच्चों का साभाजिक व ताककतक ववकास कयने के शरमे ववद्मारम भें ऩाठ्म

सहगाभी कक्रमाओॊ का तनमशभत रूऩ से आमोिन कयना चादहमे।

7. फच्चों भें प्रेयणा उत्ऩन्न कयने के शरमे उन्हें आवश्मकतानुसाय ऩुनफतरन प्रदान

कयना चादहमे।

8. फच्चों भें अनि


ु ासन तथा उत्तयदातमत्व की बवना ववकशसत कयने हे तु उनको

अनि
ु ासन तथा उत्तयदातमत्व सौऩने चादहमे।

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कुन्दन शसॊह
11206
(Pg. 11193-11206)

9. स्वस्थ िैक्षऺक वातावयण के शरमे ववद्मारम तथा फच्चों की स्वच्िता ऩय

वविेि ध्मान दे ना चादहमे।

सॊदबत ग्रन्थ सूची


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