नवोदय के हाइकू
By रवि कांत अनमोल, प्रदीप कुमार, रिद्धि पटेल and
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About this series
नवोदय के हाइकु का यह तीसरा भाग पहले दोनो भागों से विस्तृत भी है और इसका स्तर भी पहले दोनों भागों से ऊँचा है। नवोदय के हाइकु के इस भाग की एक विशेषता यह भी है कि इस में लिखने वाले सभी बच्चे नवोदय की प्रवास योजना के तहत जवाहर नवोदय विद्यालय पंचमहल, गुजरात से आए हुए वे बच्चे हैं जिन्हों ने पिछला एक साल जवाहर नवोदय विद्यालय अंबाला में बिताया है। इस एक वर्ष के दौरान जहां उन्होंने यह विधा सीखी है वहीं बेहतरीन हाइकु भी लिखे हैं। मूलतः अहिंदी भाषी बच्चों के द्वारा हाइकु जैसी मुश्किल विधा में लिखना भाषा पर उनकी पकड़ और भाषा में उनकी रुचि को दिखाता है।
Titles in the series (3)
- नवोदय के हाइकु 1: नवोदय के हाइकू, #1
जवाहर नवोदय विद्यालय भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में मेधावी ग्रामीण छात्र छात्राओं के लिए भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे आवासीय विद्यालय हैं। इन विद्यालयों में कक्षा छः से बारह तक के छात्र पढ़ते हैं। यह पुस्तक जवाहर नवोदय विद्यालय , अंबाला के छात्र छात्राओं द्वारा लिखे गए हाइकु का संग्रह है जिसे हिन्दी उर्दु के प्रसिद्ध कवि श्री रवि कांत 'अनमोल' द्वारा संपादित किया गया है।
- नवोदय के हाइकु 2: नवोदय के हाइकू, #2
नवोदय के हाइकू भाग २ जवाहर नवोदय विद्यालय अंबाला के बच्चों द्वारा लिखी गई और प्रसिद्ध कवि और लेखक श्री रवि कांत अनमोल द्वारा संपादित पुस्तक है। इस पुस्तक में बच्चों ने नवोदय विद्यालय के अपने अनुभवों और प्रकृति के अलावा मानवीय रिश्तों, मान्वीय मूल्यों और अपने सपनों को भी हाईकू शैली में काव्य में उतारा है। नवोदय के हाइकू के पहले भाग की सफ़लता और लिखने के प्रति बच्चों के उत्साह के चलते इस दूसरे भाग के बारे में सोचा गया और कुछ ही दिनों में यह पुस्तक तैयार हो गई।
- नवोदय के हाईकू-3: नवोदय के हाइकू, #3
नवोदय के हाइकु का यह तीसरा भाग पहले दोनो भागों से विस्तृत भी है और इसका स्तर भी पहले दोनों भागों से ऊँचा है। नवोदय के हाइकु के इस भाग की एक विशेषता यह भी है कि इस में लिखने वाले सभी बच्चे नवोदय की प्रवास योजना के तहत जवाहर नवोदय विद्यालय पंचमहल, गुजरात से आए हुए वे बच्चे हैं जिन्हों ने पिछला एक साल जवाहर नवोदय विद्यालय अंबाला में बिताया है। इस एक वर्ष के दौरान जहां उन्होंने यह विधा सीखी है वहीं बेहतरीन हाइकु भी लिखे हैं। मूलतः अहिंदी भाषी बच्चों के द्वारा हाइकु जैसी मुश्किल विधा में लिखना भाषा पर उनकी पकड़ और भाषा में उनकी रुचि को दिखाता है।
रवि कांत अनमोल
1997 से भारत के विभिन्न भागों में सेकंडरी स्कूलों में गणित, कंप्यूटर और हिन्दी भाषा के शिक्षण के साथ साथ रवि कांत अनमोल ने बच्चों में भाषा और गणित की रुचि बढ़ाने के लिए विभिन्न सफ़ल प्रयोग किए हैं। उन्होंने न केवल स्वयं कविताएं, निबंध और कहानियां लिखी हैं बल्कि अपने विद्यार्थियों को भी प्रेरित करके उनसे रचना करवाई है। गणित और कविता में उनकी विशेष रुचि रही है।
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