Great Love Story
By Mr. Shankar
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इस कहानी मे एक लड़का जो सच्चे प्यार की परिभाषा पर खरा उतरने की कोशिश करता है। एक किताब मे पढ कर वह यह मान लेता है कि एक सच्चा प्यार करने वाला अपनी प्रेमिका के सारे गम को दुर करदेता है। वह अंत तक लड़की को खुश करने की कोशिश मे लगा रहता है।
Mr. Shankar
iam love psychology and book reading .
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Great Love Story - Mr. Shankar
Great love story
mr.shankar
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यह कहानी एक लङके के त्याग और सम्र्पण को बयां करती है। लङका जो एक लङकी से बेइंतहा प्यार करता है। उसके लिए हर तरह की कुर्बानी देता है। लेकिन लङकी उसके प्यार की कद्र नहीं करती । लङका सच्चे प्यार की परिभाषा पर खरा उतरने की कोशिश मरते दम तक करता है। किन्तु वह उसमे पूरी तरह कामयाब नहीं हो पाता। इस कहानी का मकसद सिर्फ यह बताना है कि एक इंसान कभी भी सच्चा प्यार नहीं कर सकता । वह अपने प्यार के दायरे को कम कर सकता है। उसे जीरो कर सकता है ।उसकी सीमा को पार नहीं कर सकता।यिद किसी
इंसान के प्यार का दायरा बेहद बड़ा है। वो हमे तन से नहीं भावनाओं जोड़ता है। वो हमारी हर चीज से प्यार करता है। हमें उसके प्यार की कद्र करनीं चाहिए।
संम्पर्क ..........shankarskm4@gmail.com
1
आज रेखा का रिजेल्ट आया था ।उसने इंटरमिडियट पास कर लिया था। उसकी उम्र कोई 18 साल की रही होगी। वह बेहद गुस्सालू लङकी थी। उसके जिदृदी स्वभाव से तो सभी परेशान रहते थे। आखिर बङे घर की बेटी होने के कारण उसकी सभी मांगे पुरी की जाती थी। उसकी माम बेहद सुंदर थी बिल्कुल उसी की तरह वह भी कम सुंदर नहीं थी। कमर तक लम्बे बाल, तीखे नैंन नक्स और छोटे छोटे होंठ ऐसे प्रतीत हो रहे थे, मानों बनाने वाले ने सारे जहां कि सुंदरता उसमे ही घोल दी हो। आज वह बेहद खुश थीं। फोन पर किसी सहेली से बातें कर रही थी।
.......हां तो तुम्हारा क्या हुआ?
..........यार मैं तो फस्र्ट डिविजन से पास हुई हूं।
........चलो अच्छा हुआ अब कालेज मे एडमिशन कब ले रही हो ?
.......कल ही चलें ?
........हां यार बहुत मजा आयगा।
वह हंसती हुई बोली।
और फोन रख दिया।
........रेखा एक बार नीचे आना ।
यह उसकी माम की आवाज थी। इस वक्त वह वहां से उठने के मूड मे नहीं थी। पर कुछ सोच कर नीचे आगई।
........आज हमारा मुंह मीठा नहीं कराएगी।
उसकी माम ने उसके चमकते चेहरे की ओर देखते हुए कहा।
........ओह माम मैं तो भूल ही गई कोई बात नहीं मिठाई तो ऊपर के कमरे मे पङी हैं। मैं अभी ले आती हूं।
कहती हुई वह तुरन्त मिठाई का डिब्बा ले आई ।
............ लो माम आज मैं तुम्हे अपने हाथें से खिला देती हूं।
उसने एक दूध पीती बच्ची की भांति कहा।
......अच्छा तो खिला दे।
उसकी माम एकदम से तैयार थी। उसने अपने नाजुक हाथों से मिठाई का एक भोरा उसके मुंह मे दे दिया।और बोली
.....कैसी लगी?
......."बहुत अच्छी है बेटे।
तुम्हारे पापा ने भी फोन करके रिजेल्ट के बारे मे पूछा था। तब मैंने उन्हें बताया कि हमारी लाडली भी फस्र्ट डिविजन से पास हुई है। वे तो तुम्हारी शादी की भी बात कर रहे थे । शादी का नाम सुनते ही लङकी के चेहरे खुशी ऐसे हवा हुई जैसे खुशी उसने कभी देखी ही नहीं हो । वह