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ईद

ईद आयी, ईद आई, सबके िलये खुिशयां लायी. ब े ख़शी से इदी लेत, े और बड़े भी वहां हँसते रहते. शाम को जब चाँद िनकलता, सब ख़शी से झूमे नाचे. घर घर जाकर बधाइयां देकर, और सबके भी नाच नचाते. गले िमलते, इ तार खाते, खाते - खाते गाना गाते. ईद मनाओ, खुिशयाँ बनाओ, और सब को भी साथ बुलाओ.

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