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जड़ पर ूहार से िमटे गा नसलवाद

आ॓ म शंकर झा

नसिलय का िथंक ट क हं सा के जरये स ा हािसल करने क! नीित पर है इसिलए चुनाव जो जनतां*ऽक ूबया
का अिनवाय. हःसा है , उनके खास िनशाने पर होते ह । चुनावी हं सा रोकने के िलए ह3 आयोग ने पहले चरण म5
नसल ूभा*वत 7ेऽ म5 चुनाव कराने का िनण.य था ताक पहले से ह3 सार3 जगह पर आ8ड. फोस;स पहंु च जाएं।
इसके फायदे भी दखे लेकन आयोग का नागरक के िनवास के तीन कमी क! परिध म5 पोिलंग बूथ होने का
िनयम घातक सा*बत हआ।
ु इस िनयम के तहत फोस. को नसल ूभा*वत 7ेऽ के अंद@नी हःसे तक जाने क!
बाAयता होती है । चूंक पोिलंग पाटB के अिधकार3 कई कलोमीटर तक पैदल चलने म5 स7म नह3ं होते इसिलए
फोस;स को उनके साथ गाड़3 म5 जाना होता है और ऐसे म5 बा@द3 सुरंग अपना काम कर जाती है । यह खतरा
चुनाव के बाद पोिलंग बूथ से इलेशॉिनक वोटं ग मशीन (ईवीएम) को सह3 जगह पर पहंु चाने क! हड़बड़3 म5 भी
रहता है यक तब भी वाहन इःतेमाल करने क! मजबूर3 होती है । यक!नन चुनाव के दौरान लड माइन *वःफोट
को रोकना है तो इस िनयम म5 आयोग को ू
छट दे नी होगी।
वैसे नसली हं सा को जड़ से खLम करने क! ज@रत अिधक है । यह समःया अब पूवM र और ज8मू कँमीर क!
समःया से भयंकर होती जा रह3 है । गृह मंऽालय के आंकड़े बताते ह क 2008 म5 721 आम नागरक व
सेयुरट3 फोस;स के जवान हताहत हए
ु जो अभी तक क! सवा.िधक संPया है । नसल ूभा*वत इलाक के आम
लोग म5 भी आज नसली *वचारधारा क! पैठ बन गई है । सवाल यह है क सरकार3 अिभयान के बावजूद
नसिलय का आधार य बढ़ता जा रहा है ? म समझता हंू मछली तब तक सांस नह3ं ले सकती जब तक उसे
पानी नह3ं िमलेगा। नसिलय को पनपने का आधार सरकार3 नीितय म5 ह3 िनहत है । नसल ूभा*वत 7ेऽ क!
सामाSजक–आिथ.क हालत आजाद3 के बाद से ह3 खःता रह3 है । आिथ.क संपदा के मामले म5 धनी होते हए
ु भी
यह दे श का सबसे *पछड़ा 7ेऽ है । यहां जो भी सरकार3–गैरसरकार3 काय. हए
ु वह ःथानीय लोग के हत क!
अनदे खी क! क!मत पर। यहां कई ऐसे लोग ह Sजनका दो–दो बार *वःथापन हआ
ु है । गर3बी–भुखमर3 सभी यहां
दे खी जा सकती है । आSखर आम लोग क! हताशा का लाभ उठाकर ह3 नसिलय ने यहां अपना राज ःथा*पत
कया है इसिलए अगर Sःथित म5 सुधार लाना है तो सबसे पहले बेिसक चीज5 सुधारनी हगी और यह है लोग क!
सामाSजक–आिथ.क Sःथित म5 आमूलचूल सुधार।
वैसे आज सरकार अगर नसल ूभा*वत 7ेऽ म5 कोई *वकास काय. करना भी चाहती है तो नसली उसे सफल
नह3ं होने दे ते। ऐसे 7ेऽ मे न तो सड़क5 बन पा रह3 ह और न ह3 मोबाइल टावर खड़े हो पा रहे ह । इसिलए
सरकार के िलए ज@र3 है क वह सुर7ा और जमीनी सुधार दोन ःतर पर एक साथ काम करे । उसे ूभा*वत
राTय म5 लड रफाम. व फॉरे ःट एट लागू करने तथा राTय के लोग को *वकास का असली हकदार मानने क!
नीित पर चलना होगा। आदवािसय का *वःथापन भी रोकने क! ज@रत है । सेयुरट3 से संबंिधत सुधार भी
ूाथिमकता से होने चाहए। पुिलस क! संPया बढ़ाने, उUह5 अLयाधुिनक आ8स. दे ने और उनक! ूिश7ण क! उ म
Vयवःथा करनी होगी। पुिलस और अW. सैिनक बल का तालमेल बेहतर करना होगा। सलवा जुडूम जैसे आंदोलन
म5 सुधार करने हगे। इसके तहत आदवािसय को डवाइड करने क! नह3ं बSXक उनका उपयोग इं टेलीज5स
कलेशन के तौर पर कया जाए। वैसे सबसे ज@र3 है पॉिलटकल लीडरिशप क! इYछाश*Z। गौर करने वाली
बात है क यूपीए सरकार के दौरान नसिलय का मनोबल बढ़ा यक वामदल उसम5 शािमल थे। वामदल के
कारण सरकार खुल कर नसिलय के Sखलाफ अिभयान नह3ं चला पाई। फर क5ि और राTय सरकार म5 भी इस
*बंद ु पर सह3 तालमेल चाहए।

ौी झा आईड3एसए से जुड़े आंतरक सुर7ा *वशेष^ ह )


(ौी

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