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वैलेंटाइन डे वैरेंटाइन द्वाय ऩय भुस्क ु या यहा था, बायत भाॉ का सिय झक ू ा जा यहा था| झूभ यहे थे तार ऩय वे रड़क े रड़ककमाॊ , जजनक े घयों भें नह ॊ थी िभ्मता की खिड़ककमाॉ| ऐिे ह क ु छ फच्चे कॉरेज भें हॊ ि गा यहे थे, रे दे कय प ू र वैरेंटाइन डे भना यहे थे|| तबी एक ककस्िा हभाये िाथ घट गमा, एक भहक का झोंका कय फ िे गुजय गमा| हभें बी जी आमा क हभ बी वैरेंटाइन डे भना रे, ककिी िे प ू र न सभरे तो न िह , ककिी िे आॉि तो सभरा रे| कक तबी हभे अऩने आि ऩाि क ु दस्ते नज़य आमे, ु छ गर जो घूभ यहे थे फाॉहों भें फाहें डारे, क ॊ धो िे क ॊ धो को सभरामे| हभें औय बी जोश आमा, हभने बी रार गर ु ाफ उठामा| औय जैिे ह हिीना की तयप हाथ फढामा, जोय िे आवाज आई ठाक! अफ हभ भॊददय की औय जा यहे थे, बगवन क े िॊग वैरेंटाइन भना यहे थे| हसिनाओ का भन भें ख्मार था| ऩय हभाया गार अफ तक रार था| भुॊह िे याभ याभ बज यहे थे| कानो भें अफ बी घॊटे बज यहे थे| ददन िभाजतत की औय फढ़ यहा था| वैरेंटाइन का फुिाय धीये धीये उतय यहा था|

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