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घर नौवे हो कोई ग्रह फैठा, फध ु फैठा कोई साथी हो ऋण पऩत ृ उस घर से होगा असर ग्रह सफ ननष्पल हो साथी ग्रह जफ जड कोई

काटे दृष्ष्ट मगर वो छ ु ऩता हो ऩाॉच फारह दौ नौ कोई मॊदे, ऋण पऩत ृ फन जाता हो

मानो तो गॊगाजल है , न मानो तो फहता ऩानी ।।

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