सफेद साड़ी
अवसान के समय स्वरमय, पहना दिया सफेद कफन,
संभला दी गई बंदिशें और प्रथाओं की ढेरों चाबियां ।
जिस सिंदूरी रिश्ते को वो मनुहार से जीती आई थी,
वही निर्जीव नसीब में लिख गया जमाने की रूसवाईयां ।
सफेद साड़ी
अवसान के समय स्वरमय, पहना दिया सफेद कफन,
संभला दी गई बंदिशें और प्रथाओं की ढेरों चाबियां ।
जिस सिंदूरी रिश्ते को वो मनुहार से जीती आई थी,
वही निर्जीव नसीब में लिख गया जमाने की रूसवाईयां ।
सफेद साड़ी
अवसान के समय स्वरमय, पहना दिया सफेद कफन,
संभला दी गई बंदिशें और प्रथाओं की ढेरों चाबियां ।
जिस सिंदूरी रिश्ते को वो मनुहार से जीती आई थी,
वही निर्जीव नसीब में लिख गया जमाने की रूसवाईयां ।