Professional Documents
Culture Documents
Laxmiji Pujan
Laxmiji Pujan
दपावली :
वशे ष आरं िभक पूज न
विध
पूजन साममी का महव
ND
माता लआमीजी के पूजन क साममी अपने साम!य# के अनुसार होना चा'हए। इसम+ लआमीजी को कुछ वःतुएँ
वशेष
ूय
ह0 । उनका उपयोग करने से वे शीय ूस4न होती ह0 । इनका उपयोग अवँय करना चा'हए। व6 म+ इनका
ूय व6 लाल-
गुलाबी या पीले रं ग का रे शमी व6 है ।
तै य ार
चौक पर लआमी व गणेश क मूित#याँ इस ूकार रख+ 'क उनका मुख पूव# या पOPम म+ रहे । लआमीजी, गणेशजी क
दा'हनी ओर रह+ । पूजनकता# मूित#यR के सामने क तरफ बैठ+। कलश को लआमीजी के पास चावलR पर रख+ । नाSरयल को
hindi.webdunia.com/common/Print.htm 1/4
11/2/2010 Print Preview
लाल व6 म+ इस ूकार लपेट+ 'क नाSरयल का अमभाग 'दखाई दे ता रहे व इसे कलश पर रख+ । यह कलश वTण का
ूतीक है ।
इसके बीच म+ सुपार रख+ व चारR कोनR पर चावल क ढे र । सबसे ऊपर बीचRबीच ॐ िलख+ । छोट चौक के सामने तीन
थाली व जल भरकर कलश रख+ । थािलयR क िन[नानुसार \यवःथा कर+ - 1. _यारह दपक, 2. खील, बताशे, िमठाई, व6,
ु , चावल, लbग, इलायची, केसर-कपूर , हGद-चूने का
आभूषण, च4दन का लेप, िस4दरू, कुंकुम, सुपार, पान, 3. फूल, दवा#
लेप, सुगंिधत पदाथ#, धूप, अगरबcी, एक दपक।
इन थािलयR के सामने यजमान बैठे। आपके पSरवार के सदःय आपक बाU ओर बैठ+। कोई आगंतुक हो तो वह आपके या
आपके पSरवार के सदःयR के पीछे बैठे।
चौक
(1) लआमी, (2) गणेश, (3-4) िमHट के दो बड़े दपक, (5) कलश, Oजस पर नाSरयल रख+ , वTण (6) नवमह, (7)
षोडशमातृकाएँ, (8) कोई ूतीक, (9) बहखाता, (10) कलम और दवात, (11) नकद क संदकची
ू , (12) थािलयाँ , 1, 2,
3, (13) जल का पाऽ, (14) यजमान, (15) पुजार, (16) पSरवार के सदःय, (17) आगंतुक।
पू ज ा क सं O no
वध ि◌
सबसे पहले प
वऽीकरण कर+ ।
आप हाथ म+ पूजा के जलपाऽ से थोड़ा सा जल ले ल+ और अब उसे मूित#यR के ऊपर िछड़क+। साथ म+ मंऽ पढ़+ । इस मंऽ
और पानी को िछड़ककर आप अपने आपको पूजा क साममी को और अपने आसन को भी प
वऽ कर ल+।
ॐ प
वऽः अप
वऽो वा सवा# वःथां गतोऽ
पवा।
यः ःमरे त ् पुuडरकाnं स वाvwय4तर शुिचः॥
पृO!वित मंऽःय मेTपृyः ग
षः सुतलं छ4दः
कूमzदे वता आसने
विनयोगः॥
hindi.webdunia.com/common/Print.htm 2/4
11/2/2010 Print Preview
अब आचमन कर+
पुंप, च[मच या अंजुिल से एक बूँद पानी अपने मुँह म+ छो'ड़ए और बोिलए-
ॐ केशवाय नमः
और 'फर एक बूँद पानी अपने मुँह म+ छो'ड़ए और बोिलए-
ॐ नारायणाय नमः
'फर एक तीसर बूँद पानी क मुँह म+ छो'ड़ए और बोिलए-
ॐ वासुदेवाय नमः
'फर ॐ {
षकेशाय नमः कहते हए
ु हाथR को खोल+ और अंगठ
ू े के मूल से हRठR को पRछकर हाथR को धो
ल+ । पुनः ितलक लगाने के बाद ूाणायाम व अंग 4यास आ'द कर+ । आचमन करने से
वEा तव, आम
तव और बु
C तव का शोधन हो जाता है तथा ितलक व अंग 4यास से मनुंय पूजा के िलए प
वऽ हो
जाता है ।
ND
आचमन आ'द के बाद आँ ख+ बंद करके मन को Oःथर कOजए और तीन बार गहर साँ स लीOजए। यानी ूाणायाम कOजए
|यR'क भगवान के साकार }प का ~यान करने के िलए यह आवँयक है 'फर पूजा के ूारं भ म+ ःवOःतवाचन 'कया जाता
है । उसके िलए हाथ म+ पुंप, अnत और थोड़ा जल लेकर ःवितनः इं ि वेद मंऽR का उचारण करते हए
ु परम
पता
परमामा को ूणाम 'कया जाता है । 'फर पूजा का संकGप 'कया जाता है । संकGप हर एक पूजा म+ ूधान होता है ।
hindi.webdunia.com/common/Print.htm 3/4
11/2/2010 Print Preview
हाथ म+ थोड़ा सा जल ले लीOजए और आान व पूजन मंऽ बोिलए और पूजा साममी चढ़ाइए। 'फर नवमहR का पूजन
कOजए। हाथ म+ अnत और पुंप ले लीOजए और नवमह ःतोऽ बोिलए। इसके बाद भगवती षोडश मातृकाओं का पूजन
'कया जाता है । हाथ म+ गंध, अnत, पुंप ले लीOजए। सोलह माताओं को नमःकार कर लीOजए और पूजा साममी चढ़ा
दOजए।
hindi.webdunia.com/common/Print.htm 4/4