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SHERO-E-SHAYERI

हमसे कोई िगला हो जाये तो माफ करना ,


याद न कर पाए तो माफ करना,
िदलसे तो हम आपको कभी भूलते नही,
पर यह िदल ही रक जाये तो माफ करना|

िदल के जखमो पर मत रो मेरे यार,


वक्त हर जखम का मरहम होता है,
िदल से जो सचचा पयार करे,
उनका तो खुदा भी दीवाना होता है|

बडी आसानी से िदल लगाये जाते है,


पर बडी मुिशकल से वादे िनभाए जाते है,
ले जाती है मोहबबत उन राहो पर,
जहा िदये नही िदल जलाये जाते है|

 हर वक्त तेरे आने की आस रहती है!


हर पल तुझसे िमलने की पयास रहती है!
सब कुछ है यहा बस तू नही!
इसिलए शायद ये िजंदगी उदास रहती है!
 कोई वादा नही िफर भी तेरा इंतजार है!
जुदाई के बाद भी तुम से पयार है!
तेरे चेहरे की उदासी बता रही है!
मुझसे िमलने के िलये तू भी बेकरार है!
 मोहबबत मुझे थी उसी से सनम!
यादो मे उसकी यह िदल तडपता रहा!
मौत भी मेरी चाहत को रोक न सकी!
कब मे भी यह िदल धडकता रहा!
 सोचा याद न करके थोडा तडपाऊं उनको!
िकसी और का नाम लेकर जलाऊं उनको!
पर चोट लगेगी उनको तो ददर मुझको ही होगा!
अब ये बताओ िकस तरह सताऊं उनको!
 जीना चाहते है मगर िजनदगी रास नही आती!
मरना चाहते है मगर मौत पास नही आती!
बहुत उदास है हम इस िजनदगी से!
उनकी यादे भी तो तडपाने से बाज नही आती!
 एक िदन हमारे आंसूं हमसे पूछ बैठ!े
हमे रोज - रोज कयो बुलाते हो!
हमने कहा हम याद तो उनहे करते है तुम कयो चले आते हो!
 जब तक तुमहे न देख!ूं
िदल को करार नही आता!
अगर िकसी गैर के साथ देख!ूं
तो िफर सहा नही जाता!
 जब कोई खयाल िदल से टकराता है!
िदल न चाह कर भी, खामोश रह जाता है!
कोई सब कुछ कहकर, पयार जताता है!
कोई कुछ न कहकर भी, सब बोल जाता है!
 तुम कया जानो शराब कैसे िपलाई जाती है!
खोलने से पहले बोतल िहलाई जाती है!
िफर आवाज लगायी जाती है आ जाओ ददे िदलवालो!
यहा ददर-ऐ-िदल की दावा िपलाई जाती है!
 इशक मुहबबत तो सब करते है!
गम - ऐ - जुदाई से सब डरते है
हम तो न इशक करते है न मुहबबत!
हम तो बस आपकी एक मुसकुराहट पाने के िलए तरसते है!


न वो आ सके न हम कभी जा सके!
न ददर िदल का िकसी को सुना सके!
बस बैठे है यादो मे उनकी!
न उनहोने याद िकया और न हम उनको भुला सके!
 बडी कोिशश के बाद उनहे भूला िदया!
उनकी यादो को िदल से िमटा िदया!
एक िदन िफर उनका पैगाम आया िलखा था मुझे भूल जाओ!
और मुझे भूला हुआ हर लमहा याद िदला िदया!
 बडी मुिशकल मे हूँ!
मै कैसे इजहार कर!
तुम तो खुशबु हो!
तुमको कैसे कैद कर!
 माना की तुम जीते हो जमाने के िलये!
एक बार जी के तो देखो हमारे िलये!
िदल की कया औकात आपके सामने !
हम तो जान भी दे देगे आपको पाने के िलये!
 मोहबबत मे लाखो जखम खाए हमने !
अफसोस उनहे हम पर ऐतबार नही!
मत पूछो कया गुजरती है िदल पर!
जब वो कहते है हमे तुमसे पयार नही!
 कल फुसरत न िमली तो कया होगा!
इतनी मोहलत न िमली तो कया होगा!
रोज कहते हो कल िमलेगे, कल िमलेगे!
कल मेरी आँखे न खुली तो कया होगा!
 वो करीब ही न आये तो इजहार कया करते!
खुद बने िनशाना तो िशकार कया करते!
मर गए पर खुली रखी आँखे!
इससे जयादा िकसी का इंतजार कया करते!
 जो हमारा पयार है!
उनहे िकसी और से पयार है!
बस हार गए हम यह जानकर!
िक िजससे उनहे पयार है, वो हमारा यार है!
 यह सफर दोसती का कभी खतम न होगा!
दोसतो से पयार कभी कम न होगा!
दूर रहकर भी जब रहेगी महक इसकी!
हमे कभी िबछडने का गम न होगा!
 एक आप हो िकतने अचछे हो!
एक आप हो िक िकतने सुंदर हो!
एक आप हो िक िकतने सचचे हो!
और एक हम है िक झूठ पर झूठ बोले जा रहे है!

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