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विशेषण और उसके भेद

- यश्िी,के द्िारा
विशेषण : ऩररभाषा
वाक्म भें सॊऻा अथवा सववनाभ की ववशेषता
फताने वारे शब्दों को ववशेषण कहते हैं।

जैसे - कारा कुत्ता।


इस वाक्म भें कारा ववशेषण है ।
उऩयोक्त वाक्म भें कुत्ता ववशेष्म है ।

जजस शब्द (सॊऻा अथवा सववनाभ) की ववशेषता


फतामी जाती है उसे ववशेष्म कहते हैं।
विशेषण के प्रकार
ववशेषण के चाय प्रकाय हैं-

1. गण
ु िाचक विशेषण
2. संख्यािाचक विशेषण
3. ऩररमाण-बोधक विशेषण
4. सािवनाममक विशेषण।
1.गण
ु िाचक विशेषणः
जजस शब्द से सॊऻा मा सववनाभ के गण
ु , रूऩ, यॊ ग आदद का फोध
होता है , उसे गण
ु वाचक ववशेषण कहते हैं।
जैसे-
i. फगीचे भें सुॊदय पूर हैं।
ii. धयभऩुय स्वच्छ नगय है ।

उऩमुक्
व त वाक्मों भें सुॊदय औय स्वच्छ शब्द गुणवाचक ववशेषण हैं।

गुण का अथव अच्छाई ही नहीॊ, ककन्तु कोई बी ववशेषता।

1. सभम सॊफॊधी- नमा, ऩयु ाना, ताजा, वतवभान, बत ू , बववष्म, अगरा, वऩछरा आदद।
2. स्थान सॊफॊधी- रॊफा, चौडा, ऊॉचा, नीचा, सीधा, फाहयी, बीतयी आदद।
3. आकाय सॊफॊधी- गोर. चौकोय, सड ु ौर, ऩोरा, सॊद
ु य आदद।
4. दशा सॊफॊधी- दफु रा, ऩतरा, भोटा, बायी, गाढा, गीरा, गयीफ, ऩारतू आदद।
5. वणव सॊफॊधी- रार, ऩीरा, नीरा, हया, कारा, फैंगनी, सुनहयी आदद।
6. गणु सॊफॊधी- बरा, फयु ा, उचचत, अनचु चत, ऩाऩ, झठ ू आदद।
7. सॊऻा सॊफॊधी- भुॊफईमा, फनायसी, रखनवी आदद।
2.संख्यािाचक विशेषणः
जजस ववशेषण से सॊऻा मा सववनाभ की सॊख्मा का
फोध होता है , उसे सॊख्मावाचक ववशेषण कहते हैं।

जैसे-
1. कऺा भें चारीस ववद्माथी उऩजस्थत हैं।
2. दोनों बाइमों भें फडा प्रेभ हैं।

उऩमुक्
व त वाक्मों भें चारीस औय दोनों शब्द सॊख्मावाचक ववशेषण हैं।
सॊख्मावाचक ववशेषण के बी दो प्रकाय हैं-
1. ननजचचत सॊख्मावाचक
जैसे = एक, ऩाॉच, सात, फायह, तीसया, आदद।
2. अनिजचचत सॊख्मावाचक
जैसे= कई, अनेक, सफ, फहुत आदद।
3.ऩररमाण-बोधक विशेषणः
जजस ववशेषण से ककसी वस्तु की नाऩ-तौर का फोध होता
है , उसे ऩरयभाण-फोधक ववशेषण कहते हैं।
जैसे-
भझ
ु े दो भीटय कऩडा दो।
उसे एक ककरो चीनी चादहए।

उऩमुक्
व त वाक्मों भें दो भीटय, एक ककरो औय थोडा ऩानी शब्द ऩरयभाण-फोधक
ववशेषण हैं।
ऩरयभाण-फोधक ववशेषण के दो प्रकाय हैं-

1. ननजचचत ऩरयभाण-फोधक्
जैसे= दो सेय गेहूॉ, ऩाॉच भीटय कऩडा, एक रीटय दध
ू आदद।
2. अननजचचत ऩरयभाण-फोधक्
जैसे= थोडा ऩानी, औय अचधक काभ, कुछ ऩरयश्रभ आदद।

ऩरयभाण-फोधक ववशेषण अचधकतय बाववाचक, द्रव्मवाचक औय सभूहवाचक


सॊऻाओॊ के साथ आते हैं।
4.सािवनाममक विशेषणः
जफ कोई सववनाभ शब्द सॊऻा शब्द से ऩहरे आए
तथा वह ववशेषण शब्द की तयह सॊऻा की ववशेषता
फतामे, उसे साववनामभक ववशेषण कहते हैं।
जैसे-
1. वह आदभी व्मवहाय कुशर है ।
2. कौन छात्र भेया काभ कये गा।

उऩमुक्
व त वाक्मों भें वह औय कौन शब्द साववनामभक ववशेषण हैं।

ऩुरूषवाचक औय ननजवाचक सववनाभों को छोड फाकी सबी सववनाभ सॊऻा


के साथ प्रमक्
ु त होकय साववनामभक ववशेषण फन जाते हैं।

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