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भ्रष्टाचाय क कायण औय ननवायण े

बायत भें मह सभम भ्रष्टाचाय क ववरुद्ध रडाई रडने का है . सभस्त दे श भें भ्रष्टाचाय े

एक व्माऩक भद्दा है जजसक लरए जनता क जनजागयण की आवश्मकता है. मह े े ु जनजागयण सयकाय फदरने क लरए नह ॊ फजकक व्मवस्था ऩरयवततन क लरए होना े े फनाई बी है. हभने भ्रष्टाचाय एवॊ आऩातकार क भद्दे को रेकय सन १९७७ भें े ु चाहहए. हभने इससे ऩहरे भ्रष्टाचाय को रेकय सयकायें फदर बी है औय सयकाय सयकाय फनाने भें सपरता ऩाई थी, रेककन हभ भ्रष्टाचाय को योकने भें सपर नह ॊ व्मवस्था की खालभमों से बी है.

हो ऩाए. इसका कायण मह है कक भ्रष्टाचाय सयकायों की खालभमों से ह नह ॊ फजकक

हभाये महाॉ रोकतॊत्र की ऩरयबाषा ह ववकृत हो गमी है . रोकतॊत्र का अथत होता है

रोगों का तॊत्र, रेककन बायतीम रोकतॊत्र भें तॊत्र रोक ऩय हावी हो गमा है. तॊत्र रोगों द्वाया ननदे लशत हो औय उनकी आवश्मकताओॊ क अनसाय कामत कये . रोकतॊत्र भें े ु

ऩय ननमॊत्रण कयने रगा है , रेककन आवश्मकता इस फात की है कक तॊत्र रोगों क े तॊत्र की बलभका कवर प्रफॊधन क स्तय तक औय प्रनतननधधत्व क स्तय तक सीलभत े े े ू यहनी चाहहए. व्मवस्था ऩरयवततन को रेकय आन्दोरन कयने औय रडाई छे डने से कयनी होगी तथा उसकी भात्रा का बी ऩता रगाना होगा. इसक फाद भ्रष्टाचाय से े इसक फाद हभको भ्रष्टाचाय क ववरुद्ध रडाई रडने की ओय फढ़ना होगा. े े ऩहरे हभें भ्रष्टाचाय को सभझने की आवश्मकता है. हभें भ्रष्टाचाय की ऩरयबाषा तम ननऩटने का सभाधान औय मह सभाधान कौन कये गा मह बी हभें तम कयना होगा.

भ्रष्टाचाय की ऩरयबाषा- जो

कामत भालरक से नछऩाकय ककमा जामे (इसभें घस ू

रेना बी शालभर) वह भ्रष्टाचाय है. अफ महद भालरक की फात कयें तो भालरक तो तथाकधथत सयकाय है औय उससे नछऩाकय ककमा जामे वह भ्रष्टाचाय है. रेककन मह तो सयकाय औय भ्रष्टाचाय क फीच का भाभरा हुआ, इसे साभाजजक भ्रष्टाचाय की े श्रेणी भें नह ॊ यखा जा सकता है . मह कवर व्मवस्था क अॊतगतत भ्रष्टाचाय है. अफ े े इसभें बी हभें मह ध्मान यखना चाहहए कक हभ ननमक्त हुए व्मजक्त से नह ॊ फजकक ु

उसको ननमक्त कयने वार सॊस्था क ववरुद्ध रडाई रडें अथातत ननमजक्तकतात से े ु ु रडाई रडें. हभाये सभाज भें प्रभख सभस्मा मह है कक भ्रष्टाचाय कयने वारों ने ु भ्रष्टाचाय की ऩरयबाषा ह अऩयाध नह ॊ गैयकाननी कृत्म है . दयअसर बायत क तॊत्र ने मह अनबव ककमा कक े ू ु फदर द है . हभें मह सभझना होगा कक भ्रष्टाचाय

महद नागरयक स्वमॊ को ननदोष सभझेगा तो तॊत्र को चनौती दे गा. इसलरए इतने ु अऩयाधी भानने रगे. मह जस्थनत अधधक कानन फनाने से उत्ऩन्न हुई. इसलरए ू भ्रष्टाचाय औय क़ानन व्मवस्था ऩय ननमॊत्रण कयने क लरए हभें अऩयाधों का े ू वगीकयण कयना होगा.

क़ानन फना हदए जाएॉ कक उनका ऩारन न कय ऩाने क कायण वह स्वमॊ को े ू

अऩयाधों का वगीकयण आवश्मक-

बायत भें नागरयकों को तीन प्रकाय क े

अधधकाय प्राप्त हैं. भरबत अधधकाय, सॊवधाननक अधधकाय एवॊ साभाजजक अधधकाय. ै ू ू महद कोई व्मवस्था मा व्मजक्त ककसी व्मजक्त क भर अधधकायों का हनन कयता है े ू तो मह अऩयाध कक श्रेणी भें आएगा औय ककसी क सॊवधाननक अधधकायों का महद े ै ककसी व्मजक्त क साभाजजक अधधकायों का हनन होता है तो मह अनैनतक कक श्रेणी े

हनन ककमा जाता है तो मह गैयकाननी कक श्रेणी भें आएगा. इसी प्रकाय से महद ू भें आएगा. इन तीनों का वगीकयण कयने ऩय दे श बय भें अऩयाधधमों की सॊख्मा कवर २% ह यह जाती है . ऐसे भें हभाय व्मवस्था क लरए मह आवश्मक है कक े े वह कवर २% अऩयाधों ऩय ह ननमॊत्रण का कामत कये फाकी की धचॊता छोड दे . अफ े

प्रश्न मह उठता है कक हभाये भरबत अधधकायों का हनन कयने वारा कौन है . ू ू हभाये अधधकायों का हनन कयने वारे वह रोग हैं, जजनको हभने अऩने अधधकाय अभानत भें हदए हैं औय उनको अऩने अधधकायों की यऺा का दानमत्व हदमा है.

हभाये द्वाया द गमी अभानत भें खमानत कयने वारे ह भख्मा रूऩ से अऩयाधी ु क फाये भें ववचाय कयना होगा. े

हैं, औय वह हैं हभाये याजनेता. अफ हभें इन अऩयाधों ऩय ननमॊत्रण कयने क उऩामों े

भ्रष्टाचाय एवॊ अऩयाध योकने क उऩामे

बायत भें अऩयाध योकने की

शजक्त कवर २% है, महद अऩयाध २% से अधधक हो जामेगा तो सयकाय उसको े ध्मान दे ने की आवश्मकता है . महद इससे अधधक अऩयाधों ऩय ननमॊत्रण कयने का कयने की जजम्भेदाय सयकाय को रेनी ह नह ॊ चाहहए. इसलरए मह आवश्मक है कक

ननमॊत्रण नह ॊ कय ऩामेगी. इसलरए सयकाय को कवर २% अऩयाधों क ननमॊत्रण ऩय े े प्रमास सयकाय कये गी तो व्मवस्था ऩॊगु हो जाएगी. अऩनी ऺभताओॊ से अधधक कामत सयकाय २% अऩयाधों ऩय ऩय शजक्त से ननमॊत्रण कयने का प्रमास कये . अफ सवार ू

मह बी उठता है कक क्मा गरत रोगों को ऩकडवाकय भ्रष्टाचाय को योका जा सकता इसका उऩाम मह हो सकता है कक हभ भ्रष्टाचाय क अवसय ह ऩैदा न होने दें . े

है . ऐसा सॊबव ह नह ॊ है , इस व्मवस्था क अॊतगतत तो बफरकर बी सॊबव नह ॊ है . े ु रेककन सयकाय ऐसा कयने क फजाम अधधकाधधक काननों क भाध्मभ से जनता को े े ू ह दोषी ठहयाने क प्रमास भें रगी हुई है. इसभें धभतगुरु बी ऩीछे नह ॊ हैं. याजनेता े औय धभतगुरु जनता को ह दोषी ठहयाने भें रगे हैं, रेककन मह रोग तॊत्र को दोषी हुए इन सभस्माओॊ से ननऩटने का प्रमास ककमा जामे.

नह ॊ फताते हैं. इसलरए आवश्मकता है कक तॊत्र भें व्माप्त ववसॊगनतमों को दय कयते ू

कानन एवॊ नीनतमों भें ववसॊगनतमाॊू


की तस्कय

बायत भें काननों भें बी असभानता है . ू

जैसे बफना राइसेंस क हधथमाय यखने का कस तो रोअय कोटत भें चरेगा औय गाॊजा े े भें बी बाय असभानता है . हभाये महाॉ साईककर ऩय तो ४०० रुऩमे का टै क्स है औय कयता है औय ३३% अभीय ७०% ऊजात की खऩत कयता है . इसी प्रकाय से का कस सेशन कोटत भें चरेगा. इसी प्रकाय से हभाय आधथतक नीनतमों े

गैस ऩय सजससडी है . ववचायणीम प्रश्न मह है कक ३३% गय फ ५% गैस की खऩत छत्तीसगढ़ सयकाय ने कानन फनामा है कक २५ गन्ना ककसानों को २५ ककरोभीटय ू क दामये भें ह अऩनी पसर को फेचना होगा, अथातत भेहनत ककसान की औय राब े लभरों का. इस प्रकाय क कानन जनहहतकाय नह ॊ हैं. े ू

कारे धन की सभस्मा औय उसका ननवायण-

कारा धन बायत भें वाऩस

आमे मह अच्छा है . रेककन इससे ऩहरे हभें मह बी सननजश्चत कयना चाहहए कक ु

क्मा कारा धन फनना फॊद हुआ? क्मा कारा धन फाहय जाना फॊद हुआ है? इसलरए जरूय मह है कक कारा धन फनना रुक औय दे श से फाहय जाना रुक. कारे धन की े े

रडाई भें हभें एक औय भद्दे को जोड दे ना चाहहए, वह भद्दा है जनप्रनतननधधमों को ु ु व्मवस्था क अॊतगतत जनता अधधकाय शन्म है . े ू

वाऩस फराने का अधधकाय. रोक औय तॊत्र क अधधकाय घोवषत होने चाहहए, वततभान े ु

को असीलभत अधधकाय हदए जाते हैं तो भ्रष्टाचाय की आशॊका फढ़ जाती है . महद आऩ ह भ्रष्ट हो जामेगा. इसलरए मह आवश्मक है कक उनक अधधकायों का े

सत्ता क ववकद्र कयण कक आवश्मकताे ें

महद ककसी व्मजक्त मा सॊस्था

भख्मभॊत्री, साॊसद मा ववधामक का ऩद भहॊ गा होगा तो उस ऩय सशोलबत व्मजक्त अऩने ु ु ववकद्र कयण ककमा जामे. हभें ग्राभ ऩॊचामतों को बी अधधक अधधकाय दे ने होंगे, जजससे ें

सत्ता का ववकद्र कयण होगा. महद इस व्मवस्था भें बी भ्रष्टाचाय आॊलशक रूऩ से यह ें जाता है तो बी वह वततभान व्मवस्था से कभ ह होगा. ववकद्र कयण ककमे जाने से ें जनबागीदाय बी फढ़े गी औय व्मवस्था भें शालभर रोगों की स्ऩष्ट रूऩ से जवाफदे ह बी तम हो सकगी. े

अॊत भें भैं मह कहूॉगा कक भ्रष्टाचाय कक वततभान रडाई कवर एक शरुआत मा प्रतीक े ु बय है . जजसक आगाभी चयणों भें हभें व्मवस्था ऩरयवततन, सत्ता का ववकद्र कयण, औय े ें जनप्रनतननधधमों को वाऩस फराने का अधधकाय जैसे भद्दों को सजम्भलरत कयना होगा. ु ु तम हो ऩामेगी. तबी भ्रष्टाचाय भक्त, सदृढ़ रोकताजन्त्रक व्मवस्था क अॊतगतत बायत की आगे की याह े ु ु

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