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भजो रे भै भया राम ग रे भै म गोविंद ह विंद हरी द हरे भै - कबीर रे भै भजो रे भै भया राम ग रे भै म गोविंद ह विंद हरी द हरे भै । रे भै म गोविंद ह विंद हरी द हरे भै , भजो रे भै भया राम ग रे भै म गोविंद ह विंद हरी द हरे भै || ध || जोप तप साधन नह धन नहिं कछु ह कछ लागत, खर गोविंद हत, खरे भैचत नहिं कछु ह गोविंद हठरे भै ॥ १ || " साधन नहतत साधन नहपत साधन नह"ख क क रे भैन, जो साधन नह भ)लागत, खर परे भै ॥ २ || कहत कबीर रे भै रे भै म नह जो म"ख, त म"ख धलागत, खर भरे भै ॥ ३ || ) भजो रे भै भया राम ग रे भै म गोविंद ह विंद हरी द हरे भै । रे भै म गोविंद ह विंद हरी द हरे भै , भजो रे भै भया राम ग रे भै म गोविंद ह विंद हरी द हरे भै ॥

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