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लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती
लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती
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| भन का ववश्वाि यगों भें साहस बयता है , चढ़ कय गगयना, गगयकय चढ़ना न अखयता है ; भेहनत उसकी फेकाय हय फाय नह ॊ होती, कोशिि कयने वारों की कबी हाय नह ॊ होती |
चढ़ती द वायों ऩय सौ फाय फपसरती है
, जा जा कय खार हाथ रौट कय आता है | शभरते ह सहज न भोती गहये ऩानी भें, फढ़ता दना ववश्वास इसी है यानी भें , ू भुट्ठी उसकी खार हय फाय नह ॊ होती;
डुफफकमाॉ शसन्धु भें गोताखोय रगाता है कोशिि कयने वारों की कबी हाय नह ॊ होती
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जफ तक न सपर हो नीॊद चैन को त्मागो तुभ सॊघर्षों का भैदान छोड़ भत बागो तुभ
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