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भ्रष्टाचार का मुकाबला व कालेधन के विरूद्ध लड़ाई - Vijay Kumar Ratre
भ्रष्टाचार का मुकाबला व कालेधन के विरूद्ध लड़ाई - Vijay Kumar Ratre
किसी भी देश िी अर्थव्यवस्र्ा उस देश में प्रचकित मद्रु ा िी गकतशीिता पर बहुत अकिि किभथर होती है। मद्रु ा व्यकि िे जीवि िा वह कहस्सा है कजससे
व्यकि अछूता िहीं रह सिता। साि 2016 में 8 िवंबर िी शाम जब भारत िे माििीय प्रिािमंत्री श्री िरे न्द्द्र मोदी जी िे देश में प्रचकित पांच सौ और
एि हज़ार िे िोटों िो अमान्द्य घोकित िर कदया, यह वही झण र्ा जब देि िे अपिी आकर्थि प्रगकत िे पर् पर भ्रष्टाचार और िािेिि िे कििाफ एि
सव्ु यवकस्र्त, पर एि िड़वा िदम रखा।
किसी भी देश द्वारा इस प्रिार िा िठोर िदम तब उठाया जाता है जब देश भ्रष्टाचार िी गतथ में कदिों-कदि िंसता जा रहा हो, और इसे उबारिा बेहद
जरूरी हो गया हो। क्योंकि भ्रष्टाचार, खासिर िािेिि, िे पावं पसारिे िे सार्-सार् देश िी मद्रु ाकस्फकत में आमि ू -चि
ू पररवतथि होिे िगते हैं और
इसिा सीिा-सीिा प्रभाव देश िी जिता िो भगु तिा पड़ता है। भ्रष्टाचार और िािािि दोिों ही एि-दसू रे िे कहतैिी हैं, ज्यों-ज्यों देश में भ्रष्टाचार बढ़ता
जाता है, वैसे ही िािेिि िे भडं ारों में भी बढ़ोतरी होती जाती है। देश िे भ्रष्टाचार िा महंु -तोड़ जवाब देिे िे किए सबसे पहिे िािेिि रूपी सपथ िे
कसर पर चोट िरिी चाही है, उसिा एि सबसे बड़ा और प्रभाविारी िदम है िोटबंदी या कवमद्रु ीिरण।
सबसे पहिे हमें समझिा होगा कि भ्रष्टाचार आकखर क्या बिा है। कहन्द्दी कविीपीकडया िे अिसु ार भ्रष्टाचार ‘आम तौर पर सरिारी सत्ता और संसाििों
िे किजी फ़ायदे िे किए किया जािे वािा बेजा इस्तेमाि भ्रष्टाचार है। दसू रे शब्दों में किजी या सावथजकिि जीवि िे किसी भी स्र्ाकपत और स्वीिायथ
मािि िा चोरी-कछपे उल्िंघि, भ्रष्टाचार है। इकतहास गवाह है कि जब देशिाि में भ्रष्टाचार हावी हुआ है तब इसिे पररणामस्वरूप इििे उन्द्मिू ि िे
किए िई सुिारों िे जन्द्म किया है। प्रिािमंत्री महोदय द्वारा िोटबंदी िा िदम भी इसी पररप्रेक्ष्य में देखा जा सिता है।
भ्रष्टाचार िा मि
ु ाबिा िोई व्यकि कवशेि िहीं िर सिता है, पर व्यकि कवशेि भ्रष्टाचार िे कवरुद्ध िड़ाई में जरूर ही एि महत्वपणू थ सािि हो सिता है।
भ्रष्टाचार िा मिु ाबिा िरिे िे किए वैसे तो देश िे सभी चारों स्तंभ, अर्ाथत न्द्यायपाकििा, िायथपाकििा, संसद और प्रेस िो समकन्द्वत प्रयास िरिा
होगा, और इन्द्ही चारों स्तंभों िे समन्द्वय से देशिाि में सिु ार और पररवतथिों िो अंजाम देिा होगा। भ्रष्टाचार िा मि
ु ाबिा ि िे वि राजिीकति पररश्यय
में, बकल्ि आकर्थि और सामाकजि क्षेत्रों में भी िरिा होता है। स्वतंत्रता पवू थ भारत िा इकतहास ऐसे असंख्य उदाहरणों से भरा पड़ा है जहां ि िे वि
राजिीकति पर सामाकजि व आकर्थि यहां ति िी िाकमथि भ्रष्टाचार अपिे चरम पर र्े। िभी प्रर्ाओ ं और रीकतयों िे िाम पर तो िभी िमथ व संस्िृ कत
िे िाम पर। जैसे जैसे देश िे िोगों िे कशक्षा और िुशिता िो अपिाया है, भ्रष्टाचार िी पररभािा और व्याकि में भी बदिाव हुआ है। और हर पररवतथि
िे दौर में िुछ ि िुछ राजिैकति, सामाकजि, आकर्थत व िाकमथि सुिारों िे भ्रष्टाचार िा कसर िुचिा है। स्वतंत्रता िे इि सत्तर सािों में देश िे कजस गकत
से प्रगकत िी है उसी गकत से भ्रष्टाचार रूपी खरपतावर भी उगते रहे हैं, और इन्द्हें जड़ से उखाड़ फें ििे िे किए िई सिु ारों िो भी अपिाया गया है।
जैसा कि उपरोि पैरा में उल्िेख किया गया है कि भ्रष्टाचार िा एि अकभन्द्ि कहस्सा िािेिि िा होता है, िािेिि िे प्रसार पर रोि िगािे िे किए भी
सरिार और अर्थव्यवस्र्ा द्वारा िई िड़े िदम उठाए जाते हैं। िेकिि सवथप्रर्म हमें समझिा होगा कि िािािि क्या है। िािेिि िी पररभािा कबल्िुि
ही सरि और स्पष्ट है कि अवैि तरीिों से अकजथत किया गया िि िािा िि िहिाता है। भारतीय पररप्रेक्ष्य में िािािि वह भी है कजसिे सापेक्ष िोई
िर सरिार िो अदा िहीं किया गया हो। यह िािािि ही है जो भ्रष्टाचार िा पािि-पोिण िरता है। िािेिि िो प्रगकतशीि देशों िे बीच गैर-िाििू ी
तरीिे से होिे वािा िि-प्रवाह भी िहा जाता है। कवश्व बैंि िे एि अिमु ाि िे अिसु ार भारत िे िुि अर्थव्यवस्र्ा में इसिे सिि घरे िू उत्पाद िा
िगभग 23 प्रकतशत कहस्सा िािेिि िा है।
वतथमाि सरिार िे िािेिि िे कििाफ अपिी िड़ाई में सबसे िारदार हकर्यार िे रूप में िोटबंदी िा इस्तेमाि किया है और िाफी हद ति इसमें यह
सफि भी रही है। िािेिि िा परु ज़ोर कवरोि िरिे िी कदशा में सरिार िे अपिी सचू िा प्रौद्योकगिी तंत्र िा उपयोग िरिे िे सार्-सार् कडकजटि
भगु ताि, मेि इि इकं डया, बैंकिंग क्षेत्र में सिु ार जैसे िई जरूरी प्रयासों िो िायाथकन्द्वत िर रही है, तर्ा इि पर सरिार िगातार ज़ोर देती रही है। िािेिि
िी समाकि िी कदशा में िोटबंदी िे होते ही िई फजीवाड़ों और भ्रष्टाचार में किि िंपकियों व फमों िा स्वमेव ही सफाया हो गया। हािांकि इस कसक्िे िे
दो पहिू र्े, और इस िठोर िदम से देश िी जिता िो भी िुछ िि ु साि उठािा पड़ा। िेकिि मेरा माििा है कि जो िि ु साि हुए भी हैं वे सभी कियोजि
िी िमी और िायथप्रणािी िो अद्यति िहीं िरिे देिे िे िारण उठािे पड़े हैं। उदाहरण िे किए यकद सभी िे पास सकिय बैंि खाते होंगे तो जाकहर सी
बात है कि िोई भी िगदी िेिदेि िी जरूरत िहीं पड़ेगी, और जब िगदी में िेिदेि िम होगा, तो िािेिि िा सृजि भी िहीं होगा। सट्टा-बाजार, संकदग्ि
िंपकियां, हेरा-फे री िरिे वािे, तस्िरी बाजार, ब्याज पर पैसों िा अवैि िेि-देि, इि सभी पर िोटबंदी िे ज़ोरदार प्रहार किया है, जो कि िािेिि िे
स्रोत हुआ िरते र्े।
िािेिि िे कििाफ िड़ाई में सरिार द्वारा जमीि-जायदाद एवं ररयि-एस्टेट क्षेत्र में किए गए सिु ार भी महत्वपणू थ प्रयास हैं। क्योंकि ये ही वे क्षेत्र हैं
कजसमें िाखों-िरोड़ों िे फजी िेिदेि िी आशंिा हमेशा बिी रहती है। बेिामी संपकत्त िे कवरूद्ध सरिार द्वारा किए गए किणथय िे िािेिि िे मागों िो
अवरूद्ध िर कदया है। और कवमद्रु ीिरण जैसे आकर्थि सिु ार िे जररए प्रत्यक्ष बदिाव िािे हेतु मागथ प्रशस्त किया गया है। एि ओर िोटबंदी से बैंिो में
दो िाख िरोड़ िा िािािि बैंिो में आया है और िरीब 1.75 िाख िरोड़ िी राकश जांच िे दायरे में हैं, वहीं दसू री ओर भ्रष्टाचार िे कवरूद्ध िड़ाई में
800 िरोड़ िी बेिामी संपकत्त भी जब्त िी गई है।
भारत िी अर्थव्यवस्र्ा ऐसे ही प्रयासों से मजबतू बिेगी और सरिार िे िए भारत बिािे िे सि
ं ल्पों िो आिार कमिेगा। देश में हो रहे राजिीकति,
आकर्थि, सामाकजि सिु ारों िे पररणामस्वरूप ही हम इसे समृद्ध, शकिशािी और अग्रणी बिा पाएगं े। भारत िी अर्थव्यवस्र्ा िो मजबतू ी प्रदाि िरिे
िा सबसे सटीि प्रयास होगा भ्रष्टाचार और िािेिि पर परू ी तरह से रोि िगािा, और ऐसा िरिे ही हम देश िो कवश्व िी महाशकि बििे िी ओर
अग्रसर िर सिते हैं।
भारत जैसे बहुआयामी, बहुसांस्िृ कति, बहुिाकमथि व व्यापि राजिीकति पररश्यय वािे देश में भ्रष्टाचार िा मि ु ाबिा व िािेिि िे कवरूद्ध िड़ाई
िे वि सरिार िा ही एिमेव प्रयास िहीं होिा चाकहए, बकल्ि भारत िे हर एि जागरूि िागररि िो इस प्रयास में अपिा बहुमल्ू य योगदाि देिा होगा,
और सरिार द्वारा किए जा रहे हर छोटे -बड़े सार्थि प्रयासों िी सराहिा व समर्थि िरिा होगा। आईए भ्रष्टाचार व िािेिि िे कवरूद्ध िड़ाई में हम भी
अपिी भकू मिा िो किभाएं और देश तर्ा अपिे समाज िे सपिों िो चररतार्थ िरें ।
- ववजय कुमार रात्रे, मुुंबई
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