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पदेश का भौितक व प

jepybhakar.com/2018/02/Rajasthan-GK-important-questions.html

Rajasthan gk important questions by jepybhakar

♦पदेश का भौितक व पः-


पदेश को भौगोिलक व प के आधार पर चार भागो म बाँटा गया है-
1.उ री-पि चमी म थलीय पदेश
2.अरावली पवतीय पदेश
3.पूव मैदानी पदेश
4.दि ण पूव पठार/हाड़ौती का पठार/लावा का पठार

1..उ री-पि चमी म थलीय पदेशः-


इसको थार का म थल (गेट इंिडयन डेजट) भी कहा जाता है, जो िक टे िथस सागर का अवशेष है।
अरावली पवतमाला के पि चमी म ि थत इस पदेश को पि चमी रेतीली भूिम कहते है।
इसको मु यतः दो भाग- शु क म थल पदेश व अ शु क म थल पदेश म बॅाटा गया है।

अ शु क म थल पदेश को पुनः 4 भागो म बॅाटा जाता है जो िन न पकार है-

1. बांगर पदेश/शेखावाटी पदेश


2. घ घर का मैदान
3.उ च नागौरी पदेश
4.गोड़वाड़ पदेश/लूनी बेिसन।

रेत के िवशाल लहरदार टीलो को धोरे कहा जाता है। अ च दाकार आकित वाले िवशेष टीले बरखान कहा जाता है।

यह रा य के कु ल ै फल का 61.11% है, िजसम रा य की 40.00% जनसं या िनवास करती है।

इस पदेश म वषा 20 से 50 सेमी., शु क व अ यिधक िवषम जलवायु िवषम जलवायु व िम टी रेतीली बलुई पाई जाती है।

थार िव व की सवािधक घनी आबादी व जनघन व वाला म थल है।

यहाँ सवािधक जैव िविवधता पाये जाने के कारण इस ै को ै कहा जाता है।

शेखावाटी ै म थानीय भाषा कु ए को जौहड़ तथा घास के मैदान को बीड़ कहते है।

कु बड़ पट् टी नागौर से अजमेर के बीच पाई जाती है।

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2.अरावली पवतीय पदेशः-


यह पदेश के कु ल ै फल का 9.00% ै है, िजसम पदेश की 11.00% जनसं या िनवास करती है।

इसकी जलवायु उप आ , वषा 50-90 सेमी. होती है।

अरावली पवतमाला गोड़वाना लै ड का अवशेष है।

अरावली पवत ख
ृ ला का शाि दक अथ चोिटयों की पंि त है।

यह सबसे पाचीनतम विलत पवतमाला की ृखला है, िजसका उ व केि बयन युग हुआ था।
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यह संरचना मक दृ◌्ि ट से अरावली पवतमाला देहली म की है।

रा य अरावली पवतमाला खेड़बमा (िसरोही) से खेतड़ी (झु झुन)ू तक फैली हुई है।

अरावली पवतमाला की कु ल ल बाई 692 िकमी.( ) व राज थान म इनम से 550 िकमी ल बाई है(खेड़बमा (िसरोही) से
खेतड़ी (झु झुन)ू )।

अरावली का सवािधक िव तार दि णी राज थान या उदयपुर म तथा युनतम म य राज थान या अजमेर म हुआ है।

यह पवतमाला राज थान को दो भागो म बाटती है।

यह भारत म महान जल िवभाजक रेखा का काम करती है।

अरावली की चोटीयाँ मशः गु िशखर (िसरोही, 1722/1727 मी., इसे कनल टॅ ाड ने स तो का टीला कहा), सेर
(िसरोही, 4597 मी.), िदलवाडा◌़ (िसरोही,1442 मी.), जरगा(उदयपुर, 1431 मी.), अचलगढ़ (िसरोही, 1380 मी.),
रघुनाथगढ़(सीकर, 1055), खौ। (नोट:- वतमान म इनका म दुसरा है जो आपको अितिशघ उपल ध करा िदया
जायेगा।)

अरावली पवतमाला की समुदतल से औसत उँ चाई 930 मीटर है।

अरावली का कामलीघाट राजसंमद-पाली म तथा केवड़ा की नाल, उदयपुर म है।

राज थान जीके मह वपूण प न हर परी ा पूछे जाने वाले

3.पूवी मैदानी पदेशः-


यह पदेश के कु ल ै फल का 23.00% है, जहॅा पदेश की 39.00% जनसं या िनवास करती है।

यह आद जलवायु, जलोढ़ दोमट िम टी (सवािधक उपजाऊ), वषा 50 से 80 सेमी. है।

इसको मु यता चार भागो म बाँटा जाता है-


(अ). च बल बेिसनः- सवािधक बीहड़ इसी बेिसन के सवाईमाधोपुर िजले म पाया जाता है।
(ब). माही बेिसन
(स). बनास बेिसन
(द). बाण गंगा का मैदानः-यह मैदान उतर म मालपुरा करौली का मैदान व दि ण म मवाड़ का मैदान कहलाता है।

4.दि ण पूव पठार/हाड़ौती का पठार/लावा का पठारः-


यह अरावली पवतमाला व िव याचल पवतमाला के म य ि थत है।

यहाँ रा य के कु ल ै फल का 6.89% ै पर 11.00% रा य की जनसं या िनवास करती है।

यहाँ काली िम टी, अितआद जलवायु, 80 से 120 सेमी. वषा है।

इस ै म सवािधक खिनज पाये जाते है।

मुकं ु दरा की पहािड़याँ कोटा व झालावाड़ िजले म फैली होती है।

♦राज थान को जलवायु (वषा को भी) के आधार पर 5 भागौ म बाँटा गया है-

जलवायु - िकसी भु-भाग पर ल बी अविध के दौरान िविभ न समयों म िविवध मौसमों की औसत अव था उस भू-भाग की
जलवायु कहलाती है।

राज थान उ ण शीतो ण किटबंध म आता है, तो तापमान की दृि ट से रा सथान गम शीतो ण किटबंध म आता है, कयोिक
राज थान का अिधकाश भाग कक रेखा के उतर म ि थत है।
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रा य या देश सबसे ल बा िदन 21 जून, सबसे छोटा िदन 22 िदस बर, सबसे ठ डा िदन 22 िदस बर, सबसे गम िदन 21
जून है।

राज थान की वािषक वषा का 58 सेमी./57.7 सेमी. व वािषक औसत तापमान 38 िडगी से. है।

राज थान म सवािधक ठ डा मिहना जनवरी, गम मिहना जुन व सवािधक आपेिखक आदता पुलाई से िसत बर
माह तक होती है।

राज थान के जुलाई माह म वायुदाब मानिच म 999 िमली बार रेखा जालौर, पाली, अजमेर, टोंक आिद िजलो से गुजरती
है।

रा य म सवपथम बरसात अरब सागरीय मानसून से तथा सवािधक वषा बंगाल की खाड़ी के मानसुन से होती है।

पु कर पहािड़यों म भारी बषा होने से बालोतरा म बाढ़ आ जाती है।

राज थान नयुनतम गी मकालीन तापमान वाला ै दिखणी-पूव राज थान है, तो पि चमी राज थान का सूखा मौसम है।

रा य म जुलाई से िसत बर के दौरान 90 पितशत वषा/विृ ट होती है।

रा य म शीतकालीन म होने वाली वषा (मावठ) पि चमी िव ोभ (उतरी-पि चमी हवाओ) की उ पित भुम य सागर एवं
के पीयन सागर से होती है।

राज थान म मानसून वषा दि ण-पि चमी से उतर-पूव की ओर बढ़ती है, तो राज थान म उतर-पि चम से दि ण पुव की
ओर राज थान म वषा की मा ा विृ होती है।

रा य का सवािधक शु क थान फलौदी (जोधपुर), सवािधक ठ डा व गम िजला चू , सवािधक गम चु व


सवािधक ठ डा थान माउ ट आबु(िसरोही) (माउ ट आबु को राज थान का बखोया सक भी कहा जाता है, योिक िव व
का सबसे ठ डा थान स म बखोया सक है।)

युनतम तापा तर वाला थान माउण्अ आबु व अिधकतम तापा तर वाला िजला चु व नयुनतम तापा तर वाला िजला
डु गरपुर है।

रा य का सवािधक कम व अिधक वषा वाला थान मशः सम (जैसलमेर) व माउ ट आबु है।

राज थान का सवािधक व युनतम वषा वाला िजला मशः झालावाड़ व जैसलमेर है।

सवािधक आदता वाला िजला व थान मशः झालावाड़ व माउ ट आबु है।

रा य का सवािधक शु क थान फलौदी (जोधपुर) व िजला जैसलमेर है।

सवािधक जलवायु िवषमता वाला िजला जैसलमेर है।


सवािधक व युनतम आँिधयों वाल िजले मशः ीगंगानगर व झालावाड़ है।

सुय की सवािधक ितरछी िकरण ीगंगानगर व सीधी िकरण बाँसवाड़ा िजले म पड़ती है।

सवािधक वषा वाला दुसरा िजला बाँसवाड़ा है।

जैसलमर व इसके आसपास के इलाके मेकं जलगहण की पर परागत िवधी को खड़ीन कहते है।

राज थान को 50 सेमी वषा रेखा ओ भागो पूव व पि चमी राज थान म बाँटती है।

25 सेमी. वषा रेखा रा य के रेिग तान को दो भागो (शु क म थलीय पदेश व अ शु क म थलीय पदेश) म बाँटती है।

भारतीय मौसम िवभाग की वैधशाला रा य के जयपुर म ि थत है।


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1. शु क जलवायु पदेशः- 0 से 20 सेमी. वषा (सूखा पदेश), वन पित रिहत पदेश(सम, जैसलमेर), औसत तापमान- गम
म 34 से 40 िडगी सेि सयस, सद म 12 से 16 िडगी सेि सयस, होता है। यह पदेश मु यता थार के म थल के
पि चमी भाग म फैला हुआ है। यहाँ गिमयों धुल भरी आिधयाँ (सवािधक गंगानगर) व लू चलती है।

2. अ शु क जलवायु पदेशः- इसकी जलवायु पदेश वषा 20से 40 सेमी. ( आधा सुखा), औसत तापमान- गम म 30 से
36 िडगी सेि सयस, सद म 10 से 17 िडगी सेि सयस रहता है। इस पदेश म कांटेदार झाडीयाँ व घास ( टे पी पकार की
घास) पायी जाती है।

3. उपआद शु क जलवायु पदेशः- इसम वषा 40 से 60 सेमी., तापमान- गम म 28 से 34 िडगी सेि सयस, सद म 12
से 18 िडगी सेि सयस, व टे पी पकार के पतझड़ व िवरल वन पित पाई जाती है। पूव राज थान की जलवायु
पिरि थितयाँ सामा यतः नम होती है।

4. आद जलवायु पदेशः- इसम वषा 60 से 80 सेमी., तापमान- गम म 32 से 35 िडगी सेि सयस, सद म 14 से 17


िडगी सेि सयस, व वन सघन वन पित व पतझड़ वन पाये जाते है।

5. अितआद्र जलवायु पदेशः- इसम वषा 80 से 120 सेमी., तापमान- गम म 30 से 34 िडगी सेि सयस, सद म 12 से
18 िडगी सेि सयस, व व वन पित मानसूनी सवाना व सदाबहार पाई जाती है।

♦राज थान की अपवाह पणाली को तीन भागो में बाँटा में गया है-

राज थान की दो नदीयां सर वती नदी (घ घर नदी) व ेषवती नदी (जयपुर म बहती थी, िजसका अवशेष अमानीशाह नाला
ह। यह जयपुर की लाइफ लाइन है।) का वणन ऋ वेद म िमलता है।

रा य के बीकानेर व चु िजले म कोई नदी नही ं बहती है।

नदीयो को जोड़ने से संबिधत योजना अमृत ांित है, तो भारतीय इंजीनीयर मो मु डम िव वे वरैया को राज थान म नदी
जोड़ने का जनक कहा जाता है।

1.अ तः पवाह वाली नदीयां:-


आ तिरक पवाह की दृि ट से सबसे ल बी व छोटी नदी मशः घ घर (4◌़65 िकमी.) व कांकणी (17 िकमी.) नदी है।
राज थान म पूण की दृि ट से से आ तिरक पवाह की सबसे ल बी कांतली नदी (100 िकमी.) है।

घ घर नदी- इसका उ गम िहमाचल पदेश की िशवािलक पहाड़ी(कालका माता के तंिदर के पास) से तथा वषा के िदनों म
उफान पर होने पर इसका पानी फोट अ बास (पािक तान) तक चला जाता है। पािक तान म इसका बहाव ै हकरा
कहलाता है। राज थान म िट बी नामक थान से पवेश करती ह। इससे थोड़ी दुर तलवाड़ा झील (राज थान की सबसे
नीची झील)। इसे नट नदी/मतृ नदी/सोतर नदी/सर वती नदी/ ेषवती नदी/राज थान का शोक/लेटी हुई नदी आिद नामों से
जाना जाता है। यह आ तिरक पवाह की दृि ट से सबसे ल बी (4◌़65 िकमी.) नदी है।इस नदी िकनारे हनुमानगढ़
जं शन का धरातल थल उसके पास की नदी के पेटे के तर से भी नीचे है। इसका रा य बहाव ै नाली/पाट कहलाता
है।

कांकणी नदीः- उ गम कोठारी (जैसलमेर), िवलु त मीठा खाड़ी(जैसलमेर), यह जैसलमेर म बुझ झील का िनमाण करती
है। इसे कांकनेय व थानीय भाषा म मसूरदी नदी कहते ह। यह आ तिरक पवाह की सबसे छोटी(17 िकमी.) नदी ह।

साबी नदीः- उ गम सेवर के पहािड़यों से, िवलु त पटौदी (गुड़गांव,हिरयाणा) म। अलवर िजले की सबसे बड़ी नदी।

पनगढ़ नदीः- उ गम सलेमाबाद (िकशनगढ़), िवलु त सांभर झील म।


मे था नदीः- उ गम मनोहरपुर, िवलु त सांभर झील म।

कांतली नदीः- उ गम ख डेला की पहाडीयों (रैवासा) से, िवलु त चु की सीमा पर। इसका बहाव ै तोरावाटी
कहलाता है। इसे मौसमी नदी भी कहा जाता है। राज थान म पूण की दृि ट से से आ तिरक पवाह की सबसे ल बी नदी
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ं नु ू को दो भागो म िवभािजत करती है।
(100 िकमी.) है। इसके िकनारे गणे वर स यता िवकिसत ह। यह झुझ

पारेल नदीः- उ गम उदय नाथ की पहाड़ी (थानागाजी, अलवर) से, िवलु त- सीकरी बाँध भरतपुर म। इसे लसवारी नदी
व थानीय भाषा म वराह नदी कहा जाता है।

♦अरब सागर की ओर बहने वाली नदीयां◌ः-

माही नदीः- उ गम- म यपदेश के धार िजले की अमरो पहाड़ी के सरदारपुरा के िनकट मेहद झील से। इसे आिदवािसयों
की गंगा, बांगड़ की गंगा, काँठल की गंगा, दि णी राज थान की वण रेखा आिद नामों से जाना जाता है। माही नदी से
सुजलाम-सुफलाम ांित स बिधत है। माही नदी ि वेणी संगम (सोम, माही, जाखम नदी का) बेणे वर (डं◌ुगरपुर) बनाती
है। इसकी कु ल ल बाई 576 िकमी. व रा य म 171 िकमी. है। माही नदी कक रेखा को दो बार काटती है। माही नदी
डु ंगरपुर व बांसवाड़ा की सीमा का िनधारण करती है।

सोम नदी- उ गम- ऋषभदेव के बाबलवाड़ा के जंगल की बीछामेड़ा पहाड़ी से। माही व जाखम के साथ बेणे वर
(डं◌ुगरपुर) म ि वेणी संगम।

जाखम नदी- उ गम- पतापगढ़ की छोटी सादड़ी म भँवर माता के मि दर की पहाड़ी से। सोम व माही के साथ बेणे वर
(डं◌ुगरपुर) म ि वेणी संगम।

पि चमी बनास- उ गम- िसरोही के नया सोनवारा गांव के िनकट से।

साबरमती नदी- उ गम- पदराडा(उदयपुर) से। रा य की एकमा नदी िजसका उ गम राज थान से होता है, पर तु मह व
गुजरात के िलए है। इसकी कु ल ल बाई 416 िकमी. व रा य म 45 िकमी. बहती है।

लूनी नदी- उ गम- अजमेर के नाग पहाड़। इसका पचीन नाम लवणमती, पु कर के पास सा ी नदी, उ गम थल अजमेर
से सरगावती/सागरमती नदी, जालौर म रेल/नाड़ा, मीठी-खारी नदी, म थल की गंगा, पि चमी राज थान की सबसे ल बी
नदी आिद नामों से जाना जाता है। इसका जल बालोतरा तक मीठा इसके प चात खारा हो जाता है, यौिक बालोतरा का
धरातल थल उसके पास की नदी के पेटे के तर से भी नीचा ह। इसका पवाह ै गोड़वाड़ पदेश कहलाता है। इसकी
कु ल ल बाई 495 िकमी. म से रा य म 330 िकमी. म बहती है। सहायक नदीयां- मीठड़ी, सुकड़ी, जवाई, सागी व जोजड़ी
नदी ह।

सागी नदी- उ गम- जालौर के जसव तपुरा की पहाड़ी से।

जवाई नदी- उ गम- पाली िजले की बाली तहसील की गौरया गांव से।

सुकड़ी नदी- उ गम- देसरू ी, पाली के पास से।

मीठड़ी नदी-

जोजड़ी नदी- उ गम- पाड़लु गांव नागौर। लूनी की एकमा सहायक नदी जो लूनी नदी म दाँए िकनारे से िमलती है व
िजसका उ गम अरावली के पहाड़ीयो से नही ं होता है।

♦पदेश से बंगाल की खाड़ी की ओर िगरने वाली नदीयां-

जलपताप-1. चूिलया जलपताप-भसरोड़गढ़ (िचतौड़गढ़) म चमबल नदी पर।


2.भीमतल जलपताप-भीमतल (बूदं ी) माँगली नदी पर।
3. मेनाल नदी-मेनाल (भीलवाड़ा) मेनाल नदी व ऊपरमाल पठार से।
4.अरणा-जरणा जलपताप-जोधपुर म,
5.दमोह जल पताप-धोलपुर म।

राज थान के लोकदेवता (एक बार ज र जाने) जानने िलए ि लक कर।


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च बल नदी- उ गम- म यपदेश ् के इ दौर िजले के महु के िनकट जानापाव की पहाड़ी से। इसे चम वती नदी, राजसथान
की कामधेन,ु बारहमासी नदी, िन यवाही नदी आिद नामों से जाना जाता है। एकमा नदी जो राज थान व म यपदेश की
अ तरा यीय सीमा बनाती है। िव व की एकमा नदी िजसके 100 िकमी. के दायरे म तीन बाँध (गाँधी सागर बाँध,
राणापताप सागर बाँध, जवाहर सागर बाँध) बनाये गये ह और तीनों पर ही जल िवधुत उ पादन ◌ेि◌कया जाता ह। रा य म
च बल के ारा ही सवािधक अवनिलका अपरदन होता ह। इसकी पवाह पणाली वृ ाकार व बहाव दि ण से उतर की ओर
है। यह रा य की बहाव ै की दृि ट से सबसे ल बी नदी है। इसकी कु ल ल बाई 965/966 िकमी. मं◌े से रा य म 135
िकमी. बहती ह। यह 241 िकमी. अ तरा यीय सीमा बनाती है। सहायक नदीयां- पावती नदी, मेज नदी, बनास नदी
आिद। यह म यह यमुना नदी म िमल जाती ह।

मेज नदी- उ गम- िबजौिलया भीलवाड़ा से।

पावती नदी- उ गम- म य पदेश के सेहोर ै से। यह राज थान म पवेश करयाहाट, बांरा नामक थान से। यह पािलया,
कोंटा म च बल नदी म िमल जाती है।

बाणगंगा नदी- उ गम- जयपुर िजले की बैराठ की पहाड़ी से। इसे अजुन की गंगा व ताला नदी कहा जाता है। इसके
िकनारे बैराठ स यता िवकिसत है। यह रा य की जो अपना पानी सीधा यमुना नदी (फतेहाबाद, आगरा) म डालती है।
इसकी कु ल ल बाई 380 िकलोमीटर ह।

बनास नदी- उ गम- खमनोर की पहाड़ी कु भलगढ़ से। इसे वणाशा नदी, विशि ट नदी व वन की आशा आिद नामों से
जाना जाता है। यह रा य मं◌े पुण बहाव की दृि ट से सबसे ल बी नदी है। इसकी कु ल ल बाई 480 िकमी. है। इसका
जलगहण सवािधक है। इस पर तीन ि वेणी संगम बनते है-
1. बी ंगोद, भीलवाड़ा म मेनाल, बनास व बेड़च नदी ारा बनाया जाता ह।
2. देवली के िनकट बीसलपुर, टोंक म डाई, खारी, बनास नदी ारा बनाया जाता है।
3. रामे वरम्, सवाईमाधोपुर म च बल, बनास व सीप नदी ारा बनाया जाता है। मेनाल झरना भीलवाड़ा व

िचतौड़गढ़ िजलो की सीमा पर ि थत है। यह सवाईमाधोपुर के ख डार गांव म रामे वरम् नामक थान म चमबल नदी
िमलती ह। इसकी सहायक नदीयां बेड़च, मेनाल, कोठारी, खारी, मेनाल व डाई नदी है।

बेड़च नदीः- उ गम-गोगु दा की पहाड़ी से इस नदी को उदय सागर झील से पहले आयड़ नदी व इसके प चात इसे बेड़च
नदी कहा जाता ह। इसके िकनारे आहड. स यता िवकिसत हुई है। इसकी ल बाई 190 िकमी. ह। यह बी ंगोद, भीलवाड़ा
म मेनाल व बनास के साथ िमलकर ि वेणी संगम बनाती है।

कोठारी नदीः- उ गम- िदवेर की पहाड़ी कु भलगढ़ से।

खारी नदीः- उ गम- िबजराल की पहाड़ी से।

डाई नदीः- उ गम- अजमेर के िभनाई के पास से।

मेनाल नदीः- उ गम- मा डलगढ़ की पहाड़ी से।

ग भीरी नदीः- उ गम- जावद गाँव (म यपदेश) व िचतौड़गढ़ के पास बेड़च म िमलती है।

ग भीर नदीः- उ गम- गंगापुरिसटी से। इटावा के पास यमुना म िवलय।

आहु नदीः- उ गम- सुसनेर (म यपदेश) से, व राज थान म पवेश न दपुर गाँव (झालावाड़) म से। यह गागरोन के िकले के
पास कालीिसंध म िमल जाती है। गागरोन का िकला (झालावाड़) कालीिसंध व आहु नदी के संगम पर ही ि थत है।

कालीिसंध नदीः- उ गम- देवास (म यपदेश) के बागली गाँव की पहाड़ी से। राज थान म पवेश रायपुर गाँव (झालावाड़) म,
व नानेरा, कोटा म यह च बल नदी म िगर जाती है।

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परवन नदीः- उ गम- म यपदेश के मालवा के पठार से। राज थान म पवेश खरीबोर गाँव (झालावाड़) म। यह रामगढ़
कोटा म कालीिसंध नदी म िमल जाती है। इसी नदी पर बारां िजले म परवन पिरयोजना शु की गई है।

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