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हनुमान जी के 10 और चमत्कारी मंदि1 PDF
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हनुभान जी के 10 चभत्कायी भंददय
दहन्द ू भान्मता औय कथाओ के अनुसाय बगवन हनुभान, भाता अंजनी औय वानय याज केसयी के ऩुत्र हैं।
चैत्र र्ुक्र ऩऺ की ऩूर्णशभा ततथथ को हनुभान जी की जमंती भनामी जाती है । भंददय भें जाकय ससपश
बगवान हनुभान जी की ऩूजा कयने से ही राब नहीं होता फल्कक हनुभान की ककसी बी अच्छाई को
अऩनाना औय उसे फढ़ावा दे ना हभाये इंसानी जीवन को साथशक कय सकता है । वैसे तो हय र्हय कसफे के
हय इराके भें हनुभान भंददय अवश्म होता है । एक नजय डारें बायत के 10 सफसे प्रससद्ध औय अद्भत
ु
हनुभान भंददयों ऩय-
हनुभान जी के ब्रह्भचायी रूऩ से तो हय कोई ऩरयथचत है । रेककन आऩने कबी सुना है कक हनुभान जी का
एक ऐसा भंददय बी है जहां नायी रूऩ भें हनुभान जी की भूततश ववयाल्जत है । बफरासऩुय के यतनऩुय ल्थथत
थगरयजाफंध के बगवान हनुभान भंददय भें ऩूजा कयने के सरए रोग फहुत दयू -दयू से आते हैं। मह भाना
जाता है कक मह प्रततभा दस हजाय सार ऩुयानी है । स ्थानीम रोगों की भान्मता है कक जो बी व्मल्क्त सच्चे
भन से महां उनकी ऩूजा कयता है , उसकी भनोकाभना जरूय ऩूयी होती है ।
06 मेहंद़ीऩुर बाऱाजी, राजस्थान
याजथथान दौसा ल्जरे के ऩास दो ऩहाडडय़ों के फीच भेहंदीऩुय नाभक थथान है । इसी जगह ऩय भेहंदीऩुय
फाराजी का प्रससद्ध भल्न्दय। मह भंददय 2 ऩहाडड़मों के फीच ल्थथत है इससरए इन्हें घाटे वारे फाफा जी बी
कहा जाता है । भल्न्दय भें ल्थथत फजयं ग फरी की फाररूऩ भूततश ककसी कराकाय ने नहीं फनाई, फल्कक मह
थवमंबू है । बत
ू प्रेतादद ऊऩयी फाधाओं के तनवायण के सरए महां आने वारों का तांता रगा यहता है ।
07 हनम
ु ान धारा, सीताऩरु
उत्तयप्रदे र् के ल्जरे सीताऩुय से 3 भीर की दयू ी ऩय ल्थथत है हनुभान धाया का मह भंददय। मह भंददय
ऩहाड़ों के फीच ल्थथत है , जहां बगवान हनुभानजी की ववर्ार भूततश के ससय ऩय जर के 2 कंु ड हैं, ल्जनसे
हभेर्ा ऩानी फहता यहता है । धाया का जर हनुभानजी को थऩर्श कयता हुआ फहता है । इसीसरए इस भंददय
को हनुभान धाया कहते हैं। महां ऐसी भान्मता है कक श्रीयाभ के अमोध्मा भें याज्मासबषेक होने के फाद
हनुभानजी ने रंका दहन से उत्ऩन्न अऩने र्यीय का ताऩ इसी थथान ऩय सभटामा था।
08 कष्टभंजन हनम
ु ान मंददर, सारं गऩरु
गुजयात के सायं ग-ऩुय ल्थथत मह चभत्कायी भंददय बायत के प्रभुख हनुभान भंददयों भें भाना जाता है । इस
भंददय भें हनुभान जी का कष्टबंजन रूऩ भें थथावऩत है । मह भंददय थवाभीनायामण सम्प्प्रदाम का एकभात्र
हनुभान भंददय है ।
09 ऩंचमख
ु ी आंजनेयर हनम
ु ान- तसमऱनाडू
तसभरनाडू याज्म के कुम्प्फकोनभ नाभक एक थथान ऩय श्री ऩंचभुखी आंजनेमय थवाभी के नाभ से हनुभान
जी का प्रससद्ध भंददय है । महां हनुभान का ववग्रह ऩंचभुखी रूऩ भें थथावऩत है । प्राचीन भान्मताओं औय
कथाओ के अनुसाय जफ अदहयावण औय उसके बाई ने श्रीयाभ औय रक्ष्भण को अगवा कय सरमा था, तफ
श्रीयाभ को ढूंढ़ने के सरए हनुभान जी ने ऩंचभुख रूऩ धायण कय इसी थथान से अऩनी खोज र्ुरू की थी।
औय कपय इसी रूऩ भें उन्होंने अदहयावण औय उसके बाई का वध ककमा था।
10 महावीर मंददर, ऩटना
बफहाय के ऩटना ल्थथत, बगवान हनुभान का मह भंददय दे र् के प्रससद्ध औय चभत्कायी भंददयों भें से एक है ।
कई राखों तीथशमात्री हय सार महां आते हैं। मह भंददय उत्तय बायत भें सफसे अथधक दर्शन ककए जाने वारे
भंददयों भें भाता वैष्णों दे वी के फाद मह भहावीय भंददय दस
ू ये थथान ऩय है । याभनवभी के ऩावन अवसय ऩय
भंददय भें बक्तों का तांता रगा यहता है ।