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स्पीकर्स रिर्र्स इनिनिएनिव (एर्आिआइस ) कार्सिाला के नलए ‘कृनि ऋण

िाहत – र्ुिौनतर्ाां औि र्माधाि’ नविर् पि पृष्ठभूनम िोि

कृषि क्षेत्र को अर्थ व्यवस्र्ा का प्रार्षिक क्षेत्र िाना जाता है क्ोोंषक यह


दे श की कुल श्रि करने वाली आबादी िें से लगभग 48.9 प्रषतशत को रोजगार
उपलब्ध कराता है और दे श के सकल वषधथत िू ल्य (जीवीए) िें इसका योगदान
केवल 15.2 प्रषतशत है . इसके अलावा दे श की पररचालनात्मक भू-जोतोों िें
छोटी और सीिाों त श्रेषियोों का षहस्सा लगभग 85 प्रषतशत है और
पररचालनात्मक भू-जोतें औसतन बहुत छोटे 1.15 हे क्टे. क्षेत्रफल वाली हैं .
ऊपर से कृषि क्षेत्र फसलोों की उत्पादकता िें किी, उत्पादन लागत िें वृद्धि
और कृषि उपज की उषचत कीित न षिल पाने जैसी सिस्याओों से ग्रस्त है .
खेतोों के छोटे -छोटे टु कडोों िें बोंटे होने और षकसानोों के असोंगषित होने के
कारि षकसान उषचत िूल्य पर षनषवषियाों खरीद पाने िें कषिनाइथ िहसूस
करते हैं और अपनी उपज का बेहतर दाि बाजार िें ले पाने के षलए जरूरी
िोल-भाव की शद्धि से वोंषचत रहते हैं . ऋि, प्रौद्योषगकी और षवस्तार से वाओों
तक उनकी पहुों च पयाथ प्त नहीों है . षकसानोों की इन परे शाषनयोों िें जलवायु
पररवतथन और इजाफा करता है क्ोोंषक इसके कारि षकसानोों को बुवाइथ के
सिय सूखे जैसी द्धस्र्षत उत्पन्न होने और कटाइथ के सिय असिय बाररश होने
जैसे कदरन बडे खतरोों का सािना करना पडता है . पररिाि यह होता है षक
छोटी जोतोों वाले अषधकाों श षकसान अपने कृषि कायथ से इिति िूल्य प्राप्त
करने िें असिर्थ रहते हैं षजससे वे षवपषि ग्रस्त हो जाते हैं . षकसानोों की षवपषि
के कुछ प्रिुख कारि हैं – प्रकृषत पर षनभथरता, जोद्धखि शिन तोंत्र का अभाव
और गैर सोंस्र्ागत उधार पर अपे क्षाकृत अषधक षनभथरता आषद. इसषलए
औपचाररक स्रोतोों से वहन कर सकने योग्य ब्याज दर पर अल्पावषध और
दीर्ाथ वषध दोनोों प्रकार के सों स्र्ागत ऋिोों की सिय पर उपलब्धता और उन
तक पहुों च, षनषित बेहतर षसोंचाइथ सुषवधाएों आषद कृषि उत्पादकता को बढाने
के षलए अषनवायथ हैं .

1
2. कृनि ऋण प्रवाह पि र्िकाि की प्रमुख िीनतगत पहलें

2.1 आधाि स्तिीर् कृनि ऋण प्रवाह

षकसानोों की कृषि सोंबोंधी आवश्यकताओों को पूरा करने के षलए पयाथ प्त और


सिय पर ऋि प्रवाह सुषनषित करने के षलए सरकार सतत प्रयास कर रही है .
प्रषत विथ भारत सरकार केंद्रीय बजट िें कृषि के षलए आधार स्तरीय ऋि का
लक्ष्य र्ोषित करती है षजसे बैंकोों को षविीय विथ के दौरान हाषसल करना होता
है . बैंक लगातार उनको षदए गए वाषिथक लक्ष्योों से अषधक उपलद्धब्ध हाषसल
कर रहे हैं . षपछले तीन विों के दौरान कृषि ऋि प्रवाह के षलए लक्ष्योों और
प्राप्त की गइथ उपलद्धब्धयोों तर्ा वतथिान षविीय विथ के लक्ष्य का षववरि
षनम्नानुसार है :
(रु. करोड)
विस लक्ष्य उपलब्धि
2014-15 8,00,000 8,45,328.23
2015-16 8,50,000 9,15,509.92#
2016-17 9,00,000 10,65,755.67#
2017-18 10,00,000 6,71,113.42 ##
# अनोंषति स्रोत : नाबार्थ
## अिूबर 2017 तक अनोंषति

2.1.1 कृषि क्षेत्र िें उत्पादन और उत्पादकता िें सुधार लाने के षलए कृषि क्षेत्र
िें पूोंजी षनिाथ ि पर अपेक्षाकृत अषधक बल दे ने के षलए िीयादी ऋि के
अोंतगथ त 32% का उप-लक्ष्य षदया गया है जो विथ 2017-18 के षलए कृषि ऋि
के सिग्र लक्ष्य रु. 10,00,000/- िें से रु.3,20,000/- करोड बनता है . 2017-
18 के षलए कृषि ऋि के एजेंसी-वार और प्रयोजन-वार लक्ष्य षनम्नानुसार हैं :

(रु. करोड)
एजेंर्ी फर्ल ऋण कृनि मीर्ादी ऋण कुल
वाषिज्य बैंक 4,43,000 2,47,000 6,90,000

2
सहकारी बैंक 1,31,000 39,000 1,70,000

क्षेग्रा बैंक 1,06,000 34,000 1,40,000

कुल 6,80,000 3,20,000 10,00,000

2.1.2 नपछले 5 विों के दौिाि कृनि ऋण बाजाि में एजेंर्ी-वाि नहस्सा


िीर्े तानलका में नदर्ा गर्ा है :
(रु. करोड)
एजेंर्ी 2012-13 2013-14 2014-15 2015-16 2016-17

िानि % िानि % िानि % िानि % िानि %


नहस्सा नहस्सा नहस्सा नहस्सा नहस्सा

वाषिज्य 432491 71.20 527506 75.25 604376 71.50 64295 70.23 799781 75.04
बैंक 4
सहकारी 111203 18.30 119964 16.43 138470 16.38 15329 16.74 142758 13.39
बैंक 5
क्षे ग्रा बैंक 63681 10.50 82653 11.32 102483 12.12 11926 13.03 123216 11.57
1
जोड 607376 730123 845328 91551 1065756
0

2.2 प्राथनमकता क्षे त्र उधाि

भारतीय ररजवथ बैंक के षदशाषनदे शोों के अनुसार प्रार्षिकता क्षेत्र उधार


के षलए षनधाथ ररत 40% के 18% को कृषि के षलए दे ना है . भारतीय ररजवथ बैंक
के सोंशोषधत प्रार्षिकता क्षेत्र उधार (पीएसएल) िागथषनदे शोों के अनुसार, जो
23 अप्रैल 2015 से लागू है , सभी र्रे लू अनुसूषचत वाषिज्य बैंकोों के षलए यह
अषधदे श है षक वे गत विथ की तदनु रूप तारीख की द्धस्र्षत के अनुसार अपनी
सिायोषजत षनवल बैं क ऋि (एएनबीसी) राषश अर्वा अपने तुलन-पत्र से इतर
एक्सपोजर (ओबीइथ ) के बराबर की ऋि राषश िें से जो भी अषधक हो उसके
18% को कृषि क्षेत्र उधार के षलए षनधाथ ररत करें . 18% के सिग्र लक्ष्य के
सिक्ष उपलद्धब्ध 2014-15 िें 15.82%, 2015-16 िें 17.87% और 2016-
17 िें 17.87% रही.

2.3 छोिे औि र्ीमाांत नकर्ािोां के नलए उधाि

3
चूोंषक 85.01% पररचालनात्मक भू-जोतें छोटे और सीिाों त षकसानोों की हैं
इसषलए उन्हें सोंस्र्ागत ऋि के दायरे िें लाना उषिि है . सोंशोषधत प्रार्षिकता
क्षेत्र उधार (पीएसएल) िागथषनदे शोों के अनुसार, जो 23 अप्रै ल 2015 से लागू है ,
बैंकोों को अपनी सिायोषजत षनवल बैंक ऋि (एएनबीसी) राषश अर्वा अपने
तुलन-पत्र से इतर एक्सपोजर (ओबीइथ ) के बराबर की ऋि राषश िें से जो भी
अषधक हो उसके 8% को छोटे और सीिाों त षकसानोों के षलए दे ना है . इस
लक्ष्य को चरिबि तरीके से हाषसल षकया जाना है . 7% के लक्ष्य के सिक्ष
िाचथ 2016 तक उपलद्धब्ध 7.42% और 8% के लक्ष्य के सिक्ष उपलद्धब्ध िाचथ
2017 तक 7.89% र्ी.

2.4 दीर्ासवनध ऋण:


ग्रािीि क्षेत्रोों िें षवशेि रूप से कृषि क्षेत्र िें पूोंजी षनिाथ ि िें दीर्ाथ वषध
षनवेश ऋि िहत्वपूिथ भूषिका षनभाता है . चूोंषक पूोंजी षनिाथ ि का प्रिुख
उत्प्रेरक षनजी क्षेत्र है और अषधकाों शत: यह बैंक ऋि के िाध्यि से षकया
जाता है इसषलए गत विों िें दीर्ाथ वषध ऋि प्रवाह के लक्ष्य लगातार बढाए जाते
रहे हैं .
(रु.करोड)
मीर्ादी ऋण

विस लक्ष्य उपलब्धि


2013-14 200000 181688
2014-15 225000 209916
2015-16 255000 250197
2016-17 285000 376298
2017-18 (अिूबर 2017 तक 320000 229558.75
अनोंषति)

2.5 अल्पावनध फर्ल ऋण औि ब्याज र्हार्ता


विस आधाि जीएलर्ी - अल्पावनध अल्पावनध मीर्ादी विस के दौिाि विस के अांत में
स्तिीर् उपलब्धि मीर्ादी फर्ल ऋण - नवत्तपोनित बकार्ा
ऋण फर्ल उपलब्धि फर्ल ऋण फर्ल ऋण
(जीएलर्ी) (रु.करोड) ऋण - खातोां की र्ांख्या वाले खातोां
– लक्ष्य लक्ष्य (रु.करोड) की र्ांख्या
(रु.करोड) (लाख िें)
(रु.करोड) (लाख िें)

4
2014- 8,00,000 8,45,328 5,75,000 6,35,412 741.39 875.52
15
2015- 8,50,000 9,15,510 5,95,000 6,65,313 761.66 908.30
16
2016- 9,00,000 10,65,755 6,15,000 6,89,457 860.60 914.34
17
2017- 10,00,000 6,71,113.42 6,80,000 4,41,554.67 535.84
18 (31.10. (31.10.2017 (31.10.2017
2017 की तक) तक)
द्धस्र्षत)

2.5.1उत्पादन प्रयोजनोों के षलए ररयायती ऋि उपलब्ध कराने के उिे श्य से


केंद्र सरकार वाषिज्य बैंकोों, क्षेग्रा बैं कोों, सहकारी बैंकोों को उनकी अपनी
षनषधयोों से 7% वाषिथक की ब्याज दर पर षकसानोों को रु.3.00 लाख तक का
अल्पावषध फसल ऋि उपलब्ध कराने के षलए 2% की ब्याज सहायता दे ती है .
इसके अलावा जो षकसान फसल ऋि सिय पर चु काते हैं उन्हें 3% की
प्रोत्साहनिूलक ब्याज सहायता भी दी जाती है . इस तरह जो षकसान अपना
फसल ऋि सिय पर चुकाते हैं उन्हें 4% वाषिथक की प्रभावी ब्याज दर पर
ऋि षिलता है . इसके अषतररि सरकार नाबार्थ को ब्याज सहायता दे ती है
ताषक वह इसी प्रकार ररयायती ब्याज दरोों पर क्षेग्रा बैंकोों और सहकारी बैंकोों
को पुनषवथि उपलब्ध करा सकें.
2.5.2षकसानोों को गरजू षबक्री करने से हतोत्साषहत करने और उन्हें अपनी
उपज को भोंर्ारागार रसीदोों के सिक्ष भोंर्ारागारोों िें रखने के षलए प्रोत्साषहत
करने के षलए षकसान क्रेषर्ट कार्थ रखने वाले छोटे और सीिाों त षकसानोों को
भोंर्ारागारोों िें अपनी उपज रखने के षलए परक्राम्य भोंर्ारागार रसीदोों के
सिक्ष फसल कटाइथ के बाद और छह िहीनोों की अवषध के षलए उसी दर पर
ब्याज सहायता दी जाती है षजस दर पर वह फसल ऋि के षलए उपलब्ध है .
2.5.3भारतीय ररजवथ बैंक और नाबार्थ के स्र्ायी षदशाषनदे शोों िें प्राकृषतक
आपदा की र्ोििा के बाद अल्पावषध फसल ऋि के पुन: अनुसूचीकरि का
प्रावधान है . फसल ऋिोों का यह अनुसूचीकरि उन्हें िीयादी ऋिोों िें बदल
दे ता है और इस तरह अल्पावषध फसल ऋिोों के िािले िें लागू ररयायती ऋि
दर उन पर लागू नहीों होती. प्राकृषतक आपदाओों की द्धस्र्षत िें षकसानोों को
राहत दे ने के षलए भारतीय ररजवथ बैंक द्वारा षनधाथ ररत नीषत के अनुसार बैंकोों
को पुन:सोंरषचत राषश पर पहले विथ के षलए 2% की ब्याज सहायता दी जाती है
और दू सरे विथ से सोंरषचत ऋिोों पर सािान्य ब्याज दर प्रभाररत की जाती है .
5
2.6 यह सुषनषित करने के षलए षक सभी पात्र षकसानोों को कृषि कायों के
षलए षबना षकसी परे शानी के सिय पर ऋि उपलब्ध हो, सरकार ने नकर्ाि
क्रेनिि कािस (केर्ीर्ी) योजना शु रू की है षजससे वे बीज, उवथरक
कीटनाशक जैसी कृषि षनषवषियोों की खरीद के षलए और सार् ही कृषि सोंबोंधी
और उपभोग सोंबोंधी जरूरतोों के षलए नकदी का आहरि कर सकते हैं .
षकसानोों को एक बार के दस्तावेजीकरि और सीिा िें अोंतषनथषहत लागत वृद्धि
आषद सुषवधाओों के सार् एटीएि सिषर्थत र्े षबट कार्थ उपलब्ध कराकर
केसीसी योजना को और सरल बनाया गया है .

2.7 छोटे , सीिाों त, पट्टे दार षकसानोों, िौद्धखक पट्टे दार षकसानोों आषद को
सोंस्र्ागत ऋि के दायरे िें लाने के षलए बैंकोों द्वारा र्ांर्ुक्त दे र्ता र्मूह
(जेएलजी) सोंवषधथत षकए गए हैं . सरकार बडे पैिाने पर कृिक उत्पादक
सोंगिनोों (एफपीओ) के गिन को भी बढावा दे रही है ताषक षकसान बडे पैिाने
पर काि करने से होने वाले फायदोों का लाभ न केवल कृषि षनषवषियोों के षलए
बद्धि षवपिन के अवसरोों िें वृद्धि के षलए भी उिा सकें.

2.8 भारतीय ररजवथ बैंक ने 18 जून 2010 के पररपत्र के िाध्यि से बैंकोों को


सूषचत षकया है षक वे रु. 1,00,000/- तक के कृषि ऋिोों के िािले िें िाषजथन/
प्रषतभूषत सोंबोंधी अपे क्षाओों के पालन से छूट दें .

3. ऋण माफी
कृषि सोंकट को ध्यान िें रखते हुए ,केंद्र और राज्य सरकारोों ने सिय-सिय पर
दे श के जरूरतिोंद षकसानोों को अल्पावषध सहायता प्रदान करने के षलए कृषि
ऋि िाफी की र्ोििा की है और हाल ही की कुछ पहलें षनम्नानुसार हैं :
3.1 कृनि ऋण माफी औि ऋण िाहत र्ोजिा(एिीिबल्यूिीआिएर्)
कृषि ऋि िाफी और ऋि राहत योजना (एर्ीर्बल्यूर्ीआरएस )की र्ोििा
केन्द्रीय बजट 09-2008िें की गई और षवषवध षहतधारकोों के सार् परािशथ
और उनके सुझावोों के आधार पर ,एर्ीर्बल्यूर्ीआरएस 2008,के षलए
षवस्तृत षदशाषनदे श 28.05.2008को जारी षकए गए .एर्ीर्बल्यूर्ीआर
योजना के अोंतगथत ,षकसानोों को 31.03.1997से 31.03.2007के बीच
सोंषवतररत सभी प्रत्यक्ष कृषि ऋि ,जो षक 31.12.2007तक अषतदे य र्े और
6
षजनका 29.02.2008तक भुगतान नहीों षकया गया ,उन सभी को इस योजना
के अोंतगथ त शाषिल षकया गया 1 .हे क्टेयर तक की कृषि भूषि पर खेती करने
वाले षकसानोों को ‘सीिाों त षकसानोों ’के रूप िें वगीकृत षकया गया और जो
षकसान 1से 2हेक्टेयर के बीच कृषि भूषि पर खेती करते र्े उन्हें ‘छोटे
षकसान कहा गया 2 .हे क्टेयर से अषधक की कृषि भूषि पर खेती करने वाले
षकसानोों को ‘अन्य षकसानोों ’के रूप िें वगीकृत षकया गया र्ा‘ .छोटे और
सीिाों त षकसानोों ’को पात्र राषश के षलए ऋि िें सोंपूिथ िाफी दी गई और ‘अन्य
षकसानोों ’को %25के एकिुश्त षनपटान और बाकी %75के तीन से अनषधक
कीस्टोन िें भुगतान की छूट दी गई.

3.2 अनुसूषचत वाषिज्य बैंकोों ,शहरी सहकारी बैंकोों और स्र्ानीय क्षेत्र बैंकोों
के षलए भारतीय ररजवथ बैंक को नोर्ल एजेंसी के रूप िें नाषित षकया गया ,
जबषक क्षेत्रीय ग्रािीि बैंकोों और सहकारी ऋि सोंस्र्ाओों के षलए रािरीय कृषि
और ग्रािीि षवकास बैंक (नाबार्थ )नोर्ल एजेंसी र्े .

3.3 इस योजना के कायाथ न्वयन के षलए सरकार द्वारा जारी षदशाषनदे शोों िें
अन्य बातोों के सार्-सार् लाभाषर्थयोों की सूची तैयार करने की कायथषवषध, पात्र
लाभाषर्थयोों के षववरिोों की पररशुिता के बारे िें उधारदाता सोंस्र्ाओों की
षजम्मेदारी, पररवाद षनवारि तोंत्र की स्र्ापना और दावोों की भारतीय ररजवथ
बैंक/ नाबार्थ द्वारा यर्ाषनदे षशत सोंगािी अर्वा षवशेि लेखापरीक्षा के बारे िें
प्रावधान षकए गए हैं . कृषि ऋि िाफी और ऋि राहत योजना 2008 की ऋि
िाफी वाला षहस्सा अपनी षनधाथ ररत षतषर् अर्ाथ त् 30.03.2008 को सिाप्त हो
गया जबषक ऋि राहत वाले षहस्से की अवषध 31.12.2009 तक और षफर
30.06.2010 तक आगे बढाइथ गइथ .

3.4कृषि ऋि िाफी और ऋि राहत योजना (एर्ीर्ब्‍ल्‍यूर्ीआर 2008 )की


कषियाों
 ऋिग्रस््‍तता के िािलोों के सोंदभथ िें सों स््‍र्ागत ऋि तक षकसानोों की
पहुों च बहुत ही कि है और बडे षकसानोों के िािले िें इस तरह की पहुों च
काफी बेहतर है .अतः िाफी के इस तरह के उपायोों का लाभ बहुत ही
छोटे सिूह अर्ात् सों पन्‍न षकसानोों को ही षिल पाता है .

7
 सभी ऋिोों का लगभग 40% ऋि अनौपचाररक स्रोतोों से प्राप्‍त होता है
और सीिाों त षकसानोों के िािले िें यह लगभग 85% है .अतः कृिक
सिुदाय का एक बहुत बडा तबका ऋि िाफी योजना से वोंषचत रह
जाता है .
 इस योजना के कारि सोंस्र्ागत ्‍ स्रोतोों के िाध्‍यि से भषवष्‍य िें ऋि
षवतरि और उसकी चुकौती पर बहुत बु रा प्रभाव पडता है .भावी छूट
की प्रत्‍याशा िें ऋि की चुकौती सोंबोंधी व्‍यवस््‍र्ाएों बुरी तरह से प्रभाषवत
होती हैं .
 कृषि ऋिग्रस््‍तता से षनपटने के षलए कृषि ऋि की िाफी कारगर उपाय
प्रतीत नहीों होती है और इसके सिर्थन िें षदया जाने वाला कोई भी तकथ
सोंगत प्रतीत नहीों होता है .कोलकता द्धस्र्त भारतीय साों ख्‍यकीय सोंस्र्ान ्‍
(आईएसआई) और षवश्‍व बैंक के अध्‍ययनोों से यह बात सािने आई है
षक ऋि िाफी भारतीय कृषि से सोंबोंषधत िुिोों का सिाधान नहीों है .
o विथ 2008िें केन्‍द्र सरकार द्वारा कृषि ऋि िाफी की र्ोििा के
बाद आईएसआई के अध्‍ययन )2013(से यह पता चला है षक
ऋि लौटाने िें चूक के िािलोों िें वृद्धि दजथ हुई है .इस तरह की
ऋि िाफी के बाद ईिानदार षकसान भी अपनी ऋि की चुकौती
िें चूक करने लगे हैं .
o षवश्‍व बैंक के अध्‍ययन से पता चला है षक इस तरह के कदि से
िध्‍यावषध और दीर्ाथ वषध िें कृषि की उपज पर बुरा असर पडता है
क्‍योोंषक ऋि प्रदान करने के िािले िें बैंक अत्‍यों त सावधानी
बरतने लगते हैं .अध्‍ययन से यह भी पता चला है षक षजन क्षेत्रोों िें
ऋि राहत की बदौलत पाररवाररक ऋि िें िहत्‍वपूिथ किी आ
गई ऐसे क्षेत्रोों िें अच्‍छे षनवे श ,उपभोग अर्वा सकारात्‍िक श्रि
बाजार जैसे पररिाि के कोई प्रिाि नहीों दृषिगत हुए हैं .
o आईसीआरआईईआर पेपर )2015(से पता चला है षक 2008 िें
बहुत बडी राषश को बट्टे खाते िें र्ालने के पररिािस््‍वरूप बैंकोों
पर बहुत बडा बोझ आ गया षजसके चलते 10-2009और -2012
13के बीच वाषिज्‍य बैंकोों की अनजथक आद्धस्तयोों िें तीनगु नी वृद्धि
हो गई .

8
3.5 कृनि ऋण माफी औि ऋण िाहत र्ोजिा 2008 ,पि
महालेखा पिीक्षक (र्ीएजी )की रिपोिस

 13.46% खाते जो योजना के अोंतगथत लाभ के षलए वास्तव िें पात्र र्े
षकन्तु पात्र षकसानोों की सूची तैयार करते सिय ऋि प्रदाता सोंस्र्ाओों
द्वारा उनके बारे िें षवचार नहीों षकया गया.

 8.5% िािलोों िें लाभार्ी न तो ऋि िाफी अर्वा न तो ऋि राहत के


षलए पात्र र्े , षकोंतु उन्हें इस योजना का लाभ प्रदान षकया गया.
 34.28% लाभाषर्थयोों को ऋि राहत प्रिाि पत्र जारी नहीों षकए गए,
इससे वे नए ऋि के षलए पात्र हो जाते.

4. नवनभन्न िाज्ोां द्वािा र्ोनित ऋण माफी


नाबार्थ द्वारा की गई ररपोटथ के अनुसार ऐसे राज्योों का ब्यौरा षजन्होोंने कृषि ऋि
िाफी (2014 से ) की र्ोििा की है :
क्रम िाज् का नवविण
र्ां. िाम
1 तषिलनार्ु तषिलनार्ु सरकार ने षदनाों क 23 िई 2016 के जीओ
सोंख्या 50 के िाध्यि से ऋि बकाया के छूट की
र्ोििा की र्ी .31 िाचथ 2016 तक सहकारी बैंकोों
द्वारा छोटे और सीिाों त षकसानोों को जारी षकए गए
बकाया फसल ऋिोों, िध्यावषध और दीर्ाथ वषध (कृषि
क्षेत्र) के ऋिोों को िाफ कर षदया गया र्ा.
2 िहारािर िहारािर सरकार ने षदनाों क 28-06-2017 के जीआर
के िाध्यि से ऋि िाफी की र्ोििा की र्ी षजसके
तहत 3.1 षिषलयन षकसानोों को इस योजना का लाभ
षिला र्ा और ऋि िाफी की राषश रु.30,500 करोड
र्ी.
3 कनाथ टक कनाथ टक सरकार ने षदनाों क 23 जून 2017 के जीओ
सों . सीओ 313 सीएलएस 2017 के िाध्यि से राज्य

9
सरकार की सहकारी सोंस्र्ाओों से षलए गए रु.50,000
तक की राषश वाले कृषि ऋिोों को िाफ षकया र्ा
षजसके तहत 2.2 षिषलयन षकसानोों को शाषिल करते
हुए रु.8,165 करोड की ऋि राषश िाफ की गई र्ी.
4 आों ध्र प्रदे श आों ध्र प्रदे श सरकार ने षदनाों क 02.08.2014 के जीओ
एिएस सों . 164 के िाध्यि से षकसानोों के कृषि फसलोों
से सोंबोंषधत ऋिोों को िाफ करने की र्ोििा की र्ी.
5 उिर प्रदे श उिर प्रदे श सरकार ने 04 अप्रैल को रु.30,729
करोड की राषश की छूट की र्ोििा की र्ी षजसके
अोंतगथ त छोटे और सीिाों त षकसानोों द्वारा षलए गए
रु.1.00 लाख तक के फसल ऋि को िाफ षकया गया
र्ा .इसके अलावा, लगभग सात लाख षकसानोों के
अशोध्य ऋिोों को िाफ करने के षलए रु.5,630 करोड
की राषश आबोंषटत की गई र्ी. इसको षिलाकर ऋि
राहत के षलए आबोंषटत की गई कुल राषश रु.36,359
करोर् हो गई र्ी. िुख्य सषचव, उिर प्रदे श सरकार ने
षदनाों क 24 िई 2017 के अधथ सरकारी पत्र के िाध्यि
से राज्य के छोटे और सीिाों त षकसानोों के फसल ऋिोों
के िोचन के षलए एक योजना कायाथद्धन्वत करने के
अपने सरकार के षनिथय के बारे िें सभी अनुसूषचत
वाषिद्धज्यक बैंकोों के सीएिर्ी/ िुख्य कायथपालक
अषधकाररयोों को एक पत्र षलखा र्ा.
6 जम्मू और जम्मू और कश्मीर सरकार ने षदनाों क 23.01.2017 के
कश्मीर सरकारी आदे श सों . 2017 के 16 एफ के िाध्यि से
केसीसी के अोंतगथ त ऋि िाफी योजना की र्ोििा की
र्ी.
7 पोंजाब पोंजाब सरकार ने षदनाों क 19.06.2017 के जीओ के
िाध्यि से षकसानोों के षलए ऋि िाफी की र्ोििा की
र्ी षजसके तहत 1.00 षिषलयन षकसानोों को शाषिल
10
करते हुए रु.10,000 करोड की राषश का ऋि िाफ
षकया गया र्ा.
8 तेलोंगािा तेलोंगािा सरकार ने षदनाों क 13.08.2014 के जीओ
आरटी सों . 69 के िाध्यि से षकसानोों के षलए ऋि
िाफी की र्ोििा की र्ी.

4.1. ऋण माफी पि भाितीर् रिजवस बैंक के नवर्ाि

भारतीय ररजवथ बैंक द्वारा दी गइथ ररपोटथ के अनुसार िुख्य षनवाथ चन


आयुि को सोंबोषधत अपने पत्र िें भारतीय ररजवथ बैंक के भूतपू वथ गवनथर ने
चुनाव के सिय राजनीषतक दलोों द्वारा ऋि िाफी के वायदे करने के जोद्धखि
के बारे िें उल्लेख षकया र्ा क्ोोंषक लाभार्ी षविीय दृषि से भुगतान करने िें
सक्षि होने के बावजूद भुगतान करना रोक दे ते हैं और इससे बैंषकोंग क्षेत्र के
सार्-सार् राज्य षवि पर दु ष्प्रभाव पडता है . भूतपू वथ गवनथ र ने रािरीय कृषि और
ग्रािीि षवकास बैंक तर्ा भारतीय लर्ु उद्योग षवकास बैंक द्वारा सोंयुि रूप
से आयोषजत एक सम्मेलन को सोंबोषधत करते हुए कहा र्ा षक ऋि िाषफयोों
और सद्धिषर्योों से ऋि अनुशासन खराब होता है .

4.2 प्राकृनतक आपदाओां की ब्धथथनत में नकए जािे वाले िाहत के उपार्ोां
के र्ांबांध में भाितीर् रिजवस बैंक के नदिानिदे ि

भारतीय ररजवथ बैंक ने अन्य बातोों के सार् सार् प्राकृषतक आपदाओों से


प्रभाषवत क्षेत्रोों िें सोंबोंषधत ऋि सों स्र्ाओों द्वारा षकए जाने वाले राहत के उपायोों
के षलए षनदे श जारी षकए हैं षजसिें वतथिान फसल ऋिोों और िीयादी ऋिोों
की पुन:सोंरचना/ पुन:अनुसूचीकरि शाषिल है . रािरीय आपदा प्रबोंधन फ्रेिवकथ
के अनुसार बैंकोों द्वारा षकए जाने वाले राहत के उपायोों के षलए फसल हाषन के
षलए षनधाथ ररत बेंचिाकथ को र्टाकर 33% षकया गया है . भारतीय ररजवथ बैंक
के षनदे शोों के अनुसार प्राकृषतक आपदा के सिय अषतदे य हुए ऋिोों को
छोडकर सभी अल्पावषध ऋि पुन:सोंरचना के षलए पात्र होोंगे. भारतीय ररजवथ
बैंक ने बैंकोों को सूषचत षकया है षक प्राकृषतक आपदा के विथ िें दे य िूलधन
की राषश सार् ही सार् ब्याज को िीयादी ऋि िें रूपाों तररत षकया जा सकता
है . यषद हाषन 33% और 50% के बीच हुइथ है तो चुकौती अवषध अषधकति 2
11
विथ की होगी और यषद हाषन 50% या उससे अषधक हुइथ है तो चुकौती अवषध
5 विथ (1 विथ की आस्र्गन अवषध सषहत) तक होगी.

भारतीय ररजवथ बैंक ने यह भी षनदे श षदया है षक एसएलबीसी /र्ीसीसी


द्वारा ऋिोों के पुन:अनुसूचीकरि का षनिथय षलए जाने के बाद इन अल्पावषध
ऋिोों के पररवतथन होने तक बैंक वतथिान िें लागू षदशाषनदे शोों के अनुसार कृषि
क्षेत्र और षवशेि फसल के षलए षनधाथ ररत षवििान के आधार पर प्रभाषवत
षकसानोों को नया ऋि दे सकते हैं . कृषि और अनुिोंगी गषतषवषधयोों (िुगी
पालन, ित्स्यपालन, पशुपालन आषद )िें षवषभन्न प्रयोजनोों के षलए बैंकोों से
दीर्ाथ वषध ऋि सहायता की जरूरत को ध्यान िें रखते हुए भारतीय ररजवथ बैंक
ने सूषचत षकया है षक बैंक, अन्य बातोों के सार् सार्, षकसानोों की
आवश्यकताओों का अपने आप आकलन करके प्रभाषवत उधारकताथ ओों को
ऋि की िात्रा और ऋिोों की िोंजूरी सोंबोंधी प्रषक्रया अपनाने के बारे िें षनिथय
ले सकते हैं .भारतीय ररजवथ बैंक ने यह भी सूषचत षकया है षक बैंक वतथिान
उधारकताथ ओों को रु.10,000 का उपभोग ऋि षबना षकसी सोंपाषवथक प्रषतभूषत
के िोंजूर कर सकते हैं .

5. नवमुद्रीकिण के बाद कृनि क्षे त्र के नलए िाहत के उपार्


i. भारत सरकार ने षनिथय षलया षक ऐसे षकसान षजनकी फसल ऋि की
चुकौती की दे य षतषर् 01.11.2016से 31.12.2016के बीच पड रही
हो और षजन्‍होोंने अपने ऋि की चुकौती दे य षतषर् से 60षदनोों के भीतर
कर दी हो ,तो उन्‍हें सिय पर चुकौती करने के षलए 3% के षहसाब से
प्रोत्‍साहन राषश दे ने के षलए 60षदनोों की अषतररक्‍त छूट दी जाए .
ii. सरकार ने यह भी षनिथय षलया षक सहकारी बैंकोों से 01.04.2016से
30.05.2016के बीच षलए गए सभी अल्‍पावषध ऋि के षलए दो िाह
(नवोंबर और षदसोंबर )2016के षलए ब्‍याज िाफी दी जाए और इसे
सोंबोंषधत षकसानोों के खातोों िें सीधे जिा करा षदया जाए .

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iii. नाबार्थ ने अल्‍पावषध उधार के षलए रु. 17,880.78करोड की राषश
बाजार से प्रचषलत बाजार ब्‍याज पर जुटाई और विथ 17-2016के दौरान
इसे आगे ऋि दे ने हे तु सहकारी बैंकोों को 4.5% की दर पर पुनषवथत्‍त के
रूप िें सोंषवतररत षकया .
.6 ऋणग्रथ्‍तता औि कृनि क्षेत्र का र्ांकि - नर्ांता का कािण
 कृषि िें द्धस्र्र उपज ,षिट्टी की र्टती गुिवत्‍ता ,षिट्टी और तकनीक का
पुराने होने, बढती कीितोों ,उपज और उत्पादोों की अलाभकारी और
अद्धस्र्र कीितोों की वजह से पररवतथनशील आय और दू सरी ओर स््‍वास््‍थ्‍य
और षशक्षा की बढती लागत से पररवार का बजट षबगडता है और
ऋिग्रस््‍तता बढती है .
 दू सरी ओर 70वें एिएसएसओ सवेक्षि )2014(से स््‍पष्‍ट है षक कृषि
ऋिग्रस््‍तता के हालात भी षचोंताजनक हैं .इस ररपोटथ िें उल्‍लेख षकया
गया है षक दे श िें अनुिानतः 52प्रषतशत कृषि पररवार ऋि से गस््‍त हैं .
कृषि से जुडे पररवारोों की ऋिग्रस््‍तता िें 93% के सार् आों ध्र प्रदे श
पहले स््‍र्ान पर है ,इसके बाद तेलोंगािा 90(प्रषतशत ,)राजस््‍र्ान 62(
प्रषतशत ,)ओषर्शा 58(प्रषतशत ,)िहाराष्‍टर 57(प्रषतशत )और पोंजाब
53(प्रषतशत )का स््‍र्ान आता है .इस सवेक्षि ररपोटथ िें यह भी उल्‍लेख
है षक कृषि से जुडे पररवारोों की औसत बकाया ऋि रु. 70,580र्ा
जबषक विथ 13-2012िें खेती से वाषिथक आय रु. 77,112र्ी .यह आय
व्‍यवसाय के व्‍ययोों को र्टाने के बाद है , लेषकन उपभोग आवश्‍यकताओों
की पूषतथ के बाद कुछ खास बचता नहीों है .ऐसे िें आगे व्‍यवसाय चलाने
के षलए उधार लेना ही पडता है .

.7र्मथ्‍र्ा के हल के नलए िाबािस के र्ुझाव


 फसल और न्‍यूनति सिर्थन िूल्‍य नीषत िें क्षेत्रीय षवििता ,सरकारी
खरीद और सोंस्र्ागत
्‍ ऋि तक पहुों च सों बोंधी िूल सिस््‍याओों का हल की
जरूरत है .

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 ऋि िाफी और न्‍यूनति सिर्थन िूल्‍य के अषतररक्‍त कृषि क्षेत्र िें कृषि
भूषि लीषजोंग ,षनजी षनवेश को बढाने और आवश्‍यक वस््‍तुओों तर्ा
बाजार िें नीषतगत पररवतथन सषहत िहत्‍वपूिथ सुधारोों की जरूरत है .
 कृषि षवपिन ,िृदा स््‍वास््‍थ्‍य और उषचत लागत पर गुिवत्‍तापूिथ बीजोों की
उपलब्‍धता से जुडी षवषभन्‍न सिस््‍याओों का इलाज ऋि िाफी से नहीों हो
सकता है .
 षकसान अपनी सिस््‍याओों का दीर्थकाषलक सिाधान चाहते हैं .फसल
अच्‍छी होने पर अलाभकारी िूल्‍य से राहत षदलाने िें ऋि िाफी कुछ
हद तक अस््‍र्ायी राहत दे ती है .लेषकन ऋि िाफी से राज्‍य और केन्‍द्र
के खजाने पर भारी षवत्‍तीय दबाव पडता है .
 दीर्ाथ वषध सिाधान के षलए भारत िें कृषि क्षेत्र िें सोंधारिीय षवकास
सुषनषित करने के षलए षवशेि सावथजषनक षनवेश की जरूरत है .षसोंषचत
भूषि िें किी ,भूषिगत जल का र्टता स्तर, भूजल प्रदू िि ,प्राकृषतक
आपदाएों ,विाथ की िात्रा और इसका असिान षवतरि ,जलवायु
पररवतथन आषद षचोंता के षविय हैं .
 कृषि क्षेत्र के षवकास और आधुषनकीकरि के षलए षनवेश की जरूरत है .

7.1 निष्‍किस
षनःसोंदेह कृषि क्षेत्र की खराब द्धस्र्षत कई कारि हैं . लगातार आषर्थक हाषनयोों
की वजह से षकसान कजथ के जाल िें फोंस जाते हैं .कजथ का भारी बोझ
षकसानोों को उनकी उत्‍पादक आद्धस्तयोों और जिीन को बेचने पर िजबूर कर
दे ता है और इस प्रकार वे और भी बडे सोंकट िें आ जाते हैं .किथ िाफी /राहत
एक तात्‍काषलक सिाधान है ,यह अपने आप िें पयाथ पत ्‍ नहीों है .उदाहरिार्थ -
कजथ िें राहत षिलने से ऋिकताथ षकसानोों को लाभ षिलता है .इसके
अषतररक्‍त ,अनौपचाररक स्रोतोों से षलए गए उच्‍च लागत के ऋिोों से राहत नहीों
षिल पाती है .
अतः कृषि क्षेत्र और षकसानोों की सिस््‍याओों के हल के षलए ऋि राहत से आगे
सोचने की जरूरत है . कृषि क्षेत्र िें (खेती और अन्‍य) सिावेशी बीिा सुरक्षा
दे ना एक उपाय हो सकता है षजसिें ऋि न लेने वाले षकसानोों को भी शाषिल
षकया जाना चाषहए .षकसानोों के षलए षवषवधीकरि, षजसिें कृिीतर क्षेत्र को भी
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शाषिल षकया जा सकता है और षजसके िाध्‍यि से उन्‍हें षनयषित आय ,
भावान्‍तर भुगतान योजना के द्वारा लाभकारी िूल्‍य षदलाया जा सकता है और
इसके सार्-सार् सावथजषनक षवतरि प्रिाली िें सुधार ,सिय पर गुिवत्‍तापूिथ
कृषि षनषवषियोों की आपूषतथ करना ,खराब बीजोों ,कीटनाशकोों और उवथरकोों से
बचाव जैसे कुछ उपाय षकए जा सकते हैं .कृषि सोंकट के षनवारि के षलए
लाई गई षवषभन्‍न याजनाओों के षलए अपेषक्षत षनषधयोों के षलए एक षवशेि राहत
कोि बनाया जा सकता है षजसिें सीएसआर सषहत षवषभन्‍न स्रोतोों से अोंशदान
षदया जा सकता है .साराों श यह है षक यह सोंकट पू वथ से से चली आ रही
षदक्‍कतोों का पररिाि है और इसके षनवारि के षलए दीर्थकाषलक और
दू रगािी उपाय षकए जाने की जरूरत है .

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