You are on page 1of 40

🔵 शिन का रािश पिरवतन

र् बड़ी
घटना 🔵

सावत्थीतीथर् सजक
र् तपागच्छाचायर् आचाय.र्
िवजय श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी म सा

🔵 शनी के धनु रािश मे प्रवेश पर क्या प्रभाव


🔵 शनी के धनु रािश मे प्रवेश पर क्या प्रभाव
पड़ेगा सभी राशी पर 🔵

🔷 26 अक्टू बर 2017 को शिन के वृिश्चक से धनु


रािश में आने से अलग अलग रािशयों पर चल रािश
शिन की साढेसाती और ढैय्या में भी बड़ा पिरवतन
र्
होगा। िपछले लम्बे समय से शिन के वृिश्चक रािश
में गोचर करने से धनु, वृिश्चक और तुला रािश पर
साढेसाती तथा मेष और िसं ह रािश पर लघु
कल्याणी ढैय्या चल रही थी जो अब 26 अक्टू बर
2017 को शिन के धनु रािश में प्रवेश करने के साथ
ही समाप्त हो जाएगी।🔷

🔹 भद्रबाहुसिहं ता, भृगु संिहता, आदी ग्रंथ के


अभ्यास, अध्ययन, मनन. िचं तन के बाद की संिक्षप्त
जानकारी मेरे गुरूदेव, ज्योितष िवशारद, माँ
भगवती के उपासक, सावत्थीतीथर् सजक
र्
तपागच्छाचायर् आचाय.र् िवजय श्री.
िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी म सा के सूक्ष्म अवलोकन.
गुरुदेव से प्राप्त आज्ञा से उनका िशष्य अखंड गुरु
सेवा समिपर् त मुिन श्री अिजतचन्द्र िवजय म. सा
गुरुदेव से प्राप्त आज्ञा से उनका िशष्य अखंड गुरु
सेवा समिपर् त मुिन श्री अिजतचन्द्र िवजय म. सा
प्रस्तुत करता हू. यह पूरा फलादेश चन्द्र रािशं के
आधार पर है. व्यिक्तगत फलादेश आपकी कूंडली
पर िनभरर् है। कृपया व्यिक्तगत फलादेश के िलए ना
पूछे..🔹

🌀 26 अक्टू बर को होगा शिन का सबसे बड़ा ग्रह


पिरवतन,
र् पढ़ें आपकी रािश पर क्या होगा असर🌀

🔹 🔹  ज्योितष िवशारद आचाय.र् श्री.


िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते हे ज्योितष में वैसे तो नौ
ग्रहों का अपना अलग अलग महत्व है और प्रत्येक
ग्रह हमारे जीवन के कुछ िवशेष पक्षों को िनयंित्रत
करता है परंतु ज्योितष में भी िजस एक ग्रह का
सवार्िधक महत्व है वह है "शिन"।
शिन महाराज के घरपिरवतन को
र् ग्रह मंडल की बड़ी
घटना माना जाता है। शिन को ज्योितष में कम,र्
आजीिवका, जनता, सेवक, नौकरी, पिरश्रम,
तकनीक, तकनीकी काय,र् मशीने, गहन अध्ययन,
आध्यात्म, तपस्या, पाचन तन्त्र, हिड्डयों के जोड़,
तकनीक, तकनीकी काय,र् मशीने, गहन अध्ययन,
आध्यात्म, तपस्या, पाचन तन्त्र, हिड्डयों के जोड़,
लोहा, पेट्रोिलयम आिद का कारक माना गया है।
मुनी अिजतचन्द्र िवजय Whatsapp
+919824010332🔹 🔹

💎 शिन का िकसी भी एक रािश में इसका अविध


काल, प्रत्येक ग्रह का एक रािश में गोचर या संचार
करने का एक िनिश्चत समय होता है जैसे सूयर् एक
रािश में एक माह तक रहता है मंगल डेढ़ माह तथा
बृहस्पित एक वषर् तक एक रािश में रहता है परंतु
"शिन" सबसे अिधक समय तक एक रािश में रहने
वाला ग्रह है। शिन एक रािश में लगभग  "ढाई वष"र्
तक गोचर करता है और एक रािश में ढाई वषर् पूरे
होने पर अगली रािश में प्रवेश करता है इस प्रकार
बारह रािशयों के रािश चक्र को पूरा करने में शिन
को तीस वषर् का समय लगता है। शिन एक रािश में
ढाई वषर् तक संचार करता है और इतने लम्बे समय
तक एक रािश में रहने के कारण ही नवग्रहों में शिन
हमारे जीवन को सवािर् धक रूप से प्रभािवत करता
है। मुनी अिजतचन्द्र िवजय Whatsapp
+919824010332💎
है। मुनी अिजतचन्द्र िवजय Whatsapp
+919824010332💎

🔮 शिन जब िकसी एक रािश से िनकलकर अगली


रािश में प्रवेश करता है तो यह ज्योितष की गणनाओं
में सबसे बड़ी और महत्वपूणर् घटना होती है। हमारे
जीवन में होने वाली बड़ी घटनाएं या बड़े पिरवतन
र्
सामािजक, रािष्ट्रय अंतरराष्ट्रीय और भौगोिलक रूप
से होने वाले बड़े पिरवतन
र् या घटनाओं में भी शिन के
रािश पिरवतन
र् की एक बड़ी महत्वपूणर् भूिमका होती
है और शिन के एक रािश से दू सरी रािश में जाने पर
िविभन्न रािशयों पर चल रही साढेसाती और ढैय्या के
प्रभाव की समीकरण भी बदल जाते हैं। मुनी
अिजतचन्द्र िवजय Whatsapp
+919824010332🔮

💙 वैसे तो शिन का 26 जनवरी 2017 को धनु में


प्रवेश हो गया था लेिकन वक्री होने से 20 जून को
िफर से शिन वृिश्चक रािश में आ गए थे। पूणर् रूप
से शिन का धनु रािश में प्रवेश अब 26 अक्टू बर को
होगा। 26 अक्टू बर बृहस्पितवार को मध्याह्न 3
बजकर 20 िमनट पर शिन का धनु रािश में प्रवेश
होगा। 26 अक्टू बर बृहस्पितवार को मध्याह्न 3
बजकर 20 िमनट पर शिन का धनु रािश में प्रवेश
होगा। जनवरी 2020 तक शिन धनु रािश में ही
गोचर करेंगे।➡ ईस मेसेज को आप अपने सभी
मेम्बर ओर ग्रुप में फोरवड करे अगर आप को ईस
प्रकार के मेसेज चािहये तो अपना नाम ओर आप
कहासे हो वो भेिजये नीचे दशाये
र् नंबर पे...मुनी
अिजतचन्द्र िवजय Whatsapp
+919824010332💙

🌐 शिन का धनु रािश में गोचर शुभ और


सकारात्मक पिरवतन
र् करने वाला होगा। धनु रािश
परमशुभ ग्रह बृहस्पित की रािश है और ज्योितष में
शिन के धनु रािश में गोचर को शुभ फल देने वाला
माना गया है। इसिलए शिन का धनु रािश में गोचर
सामािजक रािष्ट्रय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर
सकारात्मक पिरवतन
र् करने वाला होगा। शिन को
तकनीकी कायोर्ं का कारक माना गया है तो धनु
रािश के स्वामी बृहस्पित को प्रगित और का कारक
माना गया है। अतः धनु रािश में शिन का गोचर
रािष्ट्रय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नयी तकनीकों का
िवकास कराएगा। धम,र् कमर् और आध्यात्म में प्रगित
रािष्ट्रय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नयी तकनीकों का
िवकास कराएगा। धम,र् कमर् और आध्यात्म में प्रगित
होगी। भारत की कुंडली वृष लग्न और ककर् रािश
की है शिन का धनु रािश में आना भारत में िवशेष
रूप से व्यावसाियक उन्नित कराएगा, रोजगारों में
वृिद्ध होगी। नए उद्योग और कायोर्ं का संचालन
होगा। मुनी अिजतचन्द्र िवजय Whatsapp
+919824010332🌐

😇 धनु, वृिश्चक, तुला, मेष और िसं ह से समाप्त


होगी ढैय्या😇

🔵 㶦 🐑 मेष :~ अ, ल, इ : मंत्र वेत्ता आचाय.र्


श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते हे दशम और
एकादश भाव का स्वामी अब आपके अष्टम भाव से
नवम भाव अथात
र् भाग्य स्थान में प्रवेश करेगा जहाँ
से इसकी सीधी दृिष्ट एकादश भाव में , पराक्रम
भाव में तथा छठे भाव में होगी .
शिन की इस िस्थित के कारण क्रोध और हठ
बढेगा . गूढ़ और प्राच्य िवद्याओं में रूिच बढ़ेगी ,
कायर् – व्यापार में लाभ देगा तथा धन का आगमन
बढेगा . गूढ़ और प्राच्य िवद्याओं में रूिच बढ़ेगी ,
कायर् – व्यापार में लाभ देगा तथा धन का आगमन
बेहतर करेगा परन्तु आपके पराक्रम में कुछ कमी
करेगा . करीबी लोगों से वाद – िववाद भी कराएगा .
शत्रु परेशान कर सकते हैं . कोटर् कचहरी के मामलों
में असफलता का और अपमान का योग बनेगा .
ज्योितष िवशारद आचाय.र् श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी
कहते हेकोई असाध्य रोग भी परेशान कर सकता है .
कुछ लोगों को राजदंड संभव है . यात्रा में धन की
हािन संभािवत है . आपकी योजनायें और प्रयास
बहुत साथक
र् नहीं होंगे िजसके कारण दुःख और
अप्रसन्नता होने की प्रबल संभावना बनेगी .
माँ भगवती के उपासक आचाय.र् श्री.
िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते हे घर में िकसी बड़े –
बुजग
ु र् या िपता का शोक हो सकता है . सहायक
कमचारी
र् , करीबी िमत्र भी मानिसक कष्ट देंगे . कुल
िमलाकर समय सावधानी का है . सबकुछ
नकारात्मक होने के बावजूद अपना मकान बनाने की
संभावना प्रबल रहेगी तथा जो लोग धािमर् क कायोर्ं से
जुड़े हुए हैं उन्हें लाभ अिधक होगा ➡ ईस मेसेज
को आप अपने सभी मेम्बर ओर ग्रुप में फोरवड करे
अगर आप को ईस प्रकार के मेसेज चािहये तो
को आप अपने सभी मेम्बर ओर ग्रुप में फोरवड करे
अगर आप को ईस प्रकार के मेसेज चािहये तो
अपना नाम ओर आप कहासे हो वो भेिजये नीचे
दशाये
र् नंबर पे...मुनी अिजतचन्द्र िवजय
Whatsapp +919824010332

💥 उपाय िनत्य गुरु के जाप करे ४ मंत्र मे से जो


आपको योग्य लगे वो

👉 1: ॐ ग्रां ग्रीं ग्रूं बृहस्पतये सूरपूजयाय नम:


स्वाह:

👉 2: ॐ ह्रीँ श्रीँ आिदनाथस्वािमने ज्रां ज्रीं ज्रौं


ॐ गूरवे नम:

👉 3: ॐ ह्रीँ नमो आयिरयाणं

👉 4: ॐ एँ ह्रीँ श्री गूरवे  नम:


ओर हर रवीवार को आयंमिबल या ऐकासणा करे
( ऐक वक्त ही भोजन करे) पीला अनाज का बना
भोजन करे िपले फल का भोजन करे.... गुरू ग्रह
के अनुकूल दान करे🔵
भोजन करे िपले फल का भोजन करे.... गुरू ग्रह
के अनुकूल दान करे🔵

🔵 㶦🐂 वृषभ :~ ब, व, उ👉 :- छोटी पनोती


लोहे का पाया :- मेहनत ज़्यादा , अशुभ फल :
उपसगर् िवजेता आचाय.र् श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी
कहते हे वृषभ लग्न वालों के िलए शिन अत्यंत ही
योगकारक ग्रह है क्योंिक यह आपके भाग्य और
दशम भाव का स्वामी है , परन्तु अब यह आपके
अष्टम भाव में प्रवेश करेगा .
सावत्थी तीथर् सजक
र् आचाय.र् श्री.
िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते हे शिन की इस िस्थित से
आप की रूिच नए कायोर्ं और नवीन खोज या
आिवष्कारों में अिधक होगी , कुछ लोग नयी
योजनायें बनायेगे तथा नए प्रयोग करेंगे अपने कायोर्ं
में और इन प्रयोगों से आपको लाभ भी िमलेगा .
प्रितष्ठाचायर् आचाय.र् श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते
हे शिन के इस भाव में आने सब कुछ होते हुए भी
मानिसक सवेदना बढ़ी – चढ़ी रहेगी और चैन से
भोजन नहीं कर पाएं गे कोई ना कोई तनाव घेरे
रहेगा . गूढ़ िवद्याओं की ओर रूिच बढ़ेगी .इस भाव
से शिन की दृिष्ट आपके दशम भाव पर होगी िजसके
रहेगा . गूढ़ िवद्याओं की ओर रूिच बढ़ेगी .इस भाव
से शिन की दृिष्ट आपके दशम भाव पर होगी िजसके
फलस्वरूप सामािजक – राजनैितक – आिथर् क और
व्यवसाियक उन्नित अवश्य होगी .  
तंत्राचायर् आचाय.र् श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते हे
शिन के इस भाव में प्रवेश से िकसी नजदीकी
िरश्तेदार तथा कुछ लोगों को जीवन साथी के िबछोह
का शोक हो सकता है . कुछ लोगों के िलए अचानक
धन हािन का योग भी बनेगा . यिद कुंडली में शिन
अच्छा नहीं है तो यह शिन बहुत अपमान की िस्थित
उत्पन्न कर सकता है . वृषभ लग्न के वे जातक
िजनकी आयु 50 वषर् से अिधक है उनके िलए यह
अत्यंत ही कष्टकारी होगा .➡ ईस मेसेज को आप
अपने सभी मेम्बर ओर ग्रुप में फोरवड करे अगर आप
को ईस प्रकार के मेसेज चािहये तो अपना नाम ओर
आप कहासे हो वो भेिजये नीचे दशाये
र् नंबर पे...मुनी
अिजतचन्द्र िवजय Whatsapp
+919824010332

💥 उपाय िनत्य बुध ग्रह के जाप करे ४ मंत्र मे से


जो आपको योग्य लगे वो
" श्री बुध दे वता "
जो आपको योग्य लगे वो
" श्री बुध दे वता "

👉 ॐ नमो बुधाय श्रां श्रीं द्र:स् वाहा ॥

👉 ॐ ह्रीँ श्रीँ शांितनाथस्वािमने ब्रां ब्रीं ब्रौं स: ॐ


बुधाय नम:

👉 ॐ ह्रीँ नमो उवज्झायाण

👉 ॐ एँ ह्रीँ श्री बुधाय नम:


ओर हर बुधवार को आयंमिबल या ऐकासणा करे
( ऐक वक्त ही भोजन करे) हरा (ग्रीन) अनाज का
बना भोजन करे हरे फल का भोजन करे.... बुध
ग्रह के अनुकूल दान करे🔵

🔵 㶦 💑 िमथुन :~  क, छ, घ :  गुरुदेव आचाय.र्


श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरज म. कहते हे िमथुन लग्न में
शिन अष्टम और नवम भाव का स्वामी है जो अब
आपके छठे भाव से सप्तम भाव में प्रवेश करेगा .
शिन की इस िस्थित के कारण आपको आध्याित्मक
और आिथर् क िवकास के अच्छे अवसर िमलेंगे परन्तु
शिन की इस िस्थित के कारण आपको आध्याित्मक
और आिथर् क िवकास के अच्छे अवसर िमलेंगे परन्तु
िकसी भी कायर् में प्रथम प्रयास में सफलता नहीं
िमलेगी अथात
र् हर कायर् में कुछ रूकावट के बाद ही
सफलता का योग बनेगा अतः आपको िनरंतरता
बनाये रखनी पड़ेगी . िववाह के योग्य जातकों के
िलए यह शिन रुकावटें पैदा करेगा.
िवसा यंत्र साधक आचाय.र् श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी
कहतेशिन के इस भाव में गोचर के दौरान आपकी
सोच और प्रवृित्त कुछ रहस्यात्मक रहेगी आप ऊपर
से कुछ और तथा अन्दर से कुछ और ही रहेंगे . जो
सोचेंगे वह बोलेंगे नहीं और जो बालेंगे वह सोचेंगे
नहीं अथात
र् कहनी और कथनी में बहुत अंतर
संभािवत है .

स्पष्ट वक़्ता आचाय.र् श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते


हे खचर् बढेगा . पिरवार में कुछ िववाद की िस्थित
उत्पन्न होगी तथा पिरवार का कोई सदस्य िवद्रोह
कर सकता है आपके िखलाफ . स्वास्थ्य के िलए भी
यह िस्थित बहुत अच्छी नहीं है . जीवन साथी और
िपता के स्वास्थ्य के िलए भी यह िस्थित ठीक नहीं
है . कुछ अिप्रय घटनायें घिटत हो सकती है िवशेष
िपता के स्वास्थ्य के िलए भी यह िस्थित ठीक नहीं
है . कुछ अिप्रय घटनायें घिटत हो सकती है िवशेष
कर वषर् के प्रारंभ और अंत में .➡ ईस मेसेज को
आप अपने सभी मेम्बर ओर ग्रुप में फोरवड करे अगर
आप को ईस प्रकार के मेसेज चािहये तो अपना नाम
ओर आप कहासे हो वो भेिजये नीचे दशाये
र् नंबर
पे...मुनी अिजतचन्द्र िवजय Whatsapp
+919824010332

💥 उपाय िनत्य चन्द्र के जाप करे ४ मंत्र मे से जो


आपको योग्य लगे वो
" श्री चंद्र दे वता "
👉 ॐ रोिहणीपतये चंद्राय ॐ ह्रीँ ह्रं द्रीँ चंद्राय
नम: स्वाहा ॥

👉 ॐ ह्रीँ श्रीँ चंद्रप्रभसवािमने श्रां श्रीँ श्रौँ ॐ


चंद्राय नम:

👉 ॐ ह्रीँ नमो अिरहंताणं

👉 ॐ एँ ह्रीँ श्री सोमाय नम:


ओर हर सोमवार को आयंमिबल या ऐकासणा करे
👉 ॐ एँ ह्रीँ श्री सोमाय नम:
ओर हर सोमवार को आयंमिबल या ऐकासणा करे
( ऐक वक्त ही भोजन करे) सफ़ेद अनाज का बना
भोजन करे.... चन्द्र ग्रह के अनुकूल दान करे🔵

🔵 🦀 ककर् :~ ड, ह👉 : स्पष्ट वक़्ता आचाय.र्


श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते हे ककर् लग्न के
जातकों के िलए शिन सप्तम और अष्टम भाव का
स्वामी है और मारकेश है जो अब आपके छठे भाव में
आ रहा है इस कारण एक ओर जहाँ िवपरीत
राजयोग का सृजन करेगा वहीँ यह वैवािहक जीवन
में अत्यंत ही किठनाइयाँ उत्पन्न करेगा .
ज्योितष िवशारद आचाय.र् श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी
कहते हे यह एक ओर जहाँ आिथर् क मामलों के िलए
अत्यन ही बेहतर है वही कुछ लोगों की साझेदारी टू ट
भी सकती है परन्तु कजर् और रोग से मुिक्त यह शिन
जरुर िदलाने का प्रयास करेगा साथ ही यिद कोई
शत्रु आपको परेशान कर रहा है तो यह शिन उसको
समाप्त करने में सक्षम होगा .
माँ भगवती के उपासक आचाय.र् श्री.
िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहतेधािमर् क यात्राओं का योग
बनेगा , िवदेश यात्रा का योग बनेगा . यिद बहुत
िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहतेधािमर् क यात्राओं का योग
बनेगा , िवदेश यात्रा का योग बनेगा . यिद बहुत
िदनों से एक ही स्थान पर बने हुए हैं तो स्थान
पिरवतन
र् का योग भी बनेगा . कुछ अनावश्यक खचर्
भी संभािवत हैं . कमर के िनचले िहस्से में अंग – भंग
होने का योग बनेगा . िववाह योग्य लोगों की बात
इस समय बनेगी नहीं , वैवािहक  जीवन के िलए यह
िस्थित अत्यंत ही कष्टकारी है यिद शिन का दशा –
अंतर भी है और जन्म कुंडली में भी सप्तम भाव
दू िषत है तो िववाह –िवच्छे द िनिश्चत है और साथ ही
मामला कोटर् कचहरी तक भी जा सकता है , ➡
ईस मेसेज को आप अपने सभी मेम्बर ओर ग्रुप में
फोरवड करे अगर आप को ईस प्रकार के मेसेज
चािहये तो अपना नाम ओर आप कहासे हो वो
भेिजये नीचे दशाये
र् नंबर पे...मुनी अिजतचन्द्र िवजय
Whatsapp +919824010332

💥 उपाय िनत्य गुरु के जाप करे ४ मंत्र मे से जो


आपको योग्य लगे वो

👉 1: ॐ ग्रां ग्रीं ग्रूं बृहस्पतये सूरपूजयाय नम:


स्वाह:
👉 1: ॐ ग्रां ग्रीं ग्रूं बृहस्पतये सूरपूजयाय नम:
स्वाह:

👉 2: ॐ ह्रीँ श्रीँ आिदनाथस्वािमने ज्रां ज्रीं ज्रौं


ॐ गूरवे नम:

👉 3: ॐ ह्रीँ नमो आयिरयाणं

👉 4: ॐ एँ ह्रीँ श्री गूरवे  नम:


ओर हर रवीवार को आयंमिबल या ऐकासणा करे
( ऐक वक्त ही भोजन करे) लाल अनाज का बना
भोजन करे िपले फल का भोजन करे.... सूयर् ग्रह
के अनुकूल दान करे🔵

🔵 🦁 िसं ह :~ म, ट👉 : उपसगर् िवजेता


आचाय.र् श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते हे िसं ह
लग्न के जातकों के िलए शिन छठे और सप्तम भाव
का स्वामी है अब यह आपके पंचम भाव में प्रवेश
करेगा यहाँ से इसकी सीधी दृिष्ट आपके सप्तम
भाव , एकादश भाव तथा दू सरे भाव पर होगी .
तंत्राचायर् आचाय.र् श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते हे
शिन की यह िस्थित आपके वैवािहक जीवन के िलए
तंत्राचायर् आचाय.र् श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते हे
शिन की यह िस्थित आपके वैवािहक जीवन के िलए
बेहतर है . िववाह योग्य लोगों का िववाह संभव है .
यह शिन नए प्रेम सम्बन्ध भी उत्पन्न करेगा. यह शिन
बहुत से लोगों को अनैितक कायोर्ं की ओर रूिच
बढायेगा कुंडली में बुध की िस्थित अच्छी नहीं है
बहुत से लोग खूब – हेरा फेरी और अनैितक कायोर्ं
से धन प्राप्त करने को प्रेिरत होंगे .
प्रितष्ठाचायर् आचाय.र् श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते
हे यह शिन संतान – िशक्षा और आिथर् क मामलों के
िलए अत्यंत ही कष्टकारी िस्थित उत्पन्न करेगा .
संतान के कारण कष्ट संभािवत है साथ ही गभवती
र्
मिहलाओं को बेहद सावधानी रखने की आवश्यकता
होगी .
सावत्थी तीथर् सजक
र् आचाय.र् श्री.
िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते हे िशक्षा और प्रितयोिगता
में सफलता के िलए आपको बहुत प्रयास करना
पड़ेगा कुछ लोगों को अनावश्यक रुकावटों का
सामना करना पड़ेगा . कुछ लोगों को झूठे आरोपों
का सामना करना पड़ सकता है . कोई करीबी िमत्र
धोखा दे सकता है और इसके कारण आपको अत्यंत
ही िवषम पिरिस्थित का सामना करना पड़ सकता
धोखा दे सकता है और इसके कारण आपको अत्यंत
ही िवषम पिरिस्थित का सामना करना पड़ सकता
है , अतः सावधान रहें .➡ ईस मेसेज को आप
अपने सभी मेम्बर ओर ग्रुप में फोरवड करे अगर आप
को ईस प्रकार के मेसेज चािहये तो अपना नाम ओर
आप कहासे हो वो भेिजये नीचे दशाये
र् नंबर पे...मुनी
अिजतचन्द्र िवजय Whatsapp
+919824010332

💥 उपाय िनत्य मंगल ग्रह के जाप करे ४ मंत्र मे से


जो आपको योग्य लगे वो

" श्री मंगल दे वता "

👉 ॐ नमो भूिम पुत्राय भृभुकुिटलनेत्राय


वक्रवदनाय द्र: स: मंगलाय नम: स्वाहा ॥

👉 ॐ ह्रीँ श्रीँ वासुपूज्यस्वािमने क्रां क्रीं क्रौं ॐ


भोमाय नम:

👉 ॐ ह्रीँ नमो िसध्दाणं

👉 ॐ एँ ह्रीँ श्री मंगलाय नम:


👉 ॐ एँ ह्रीँ श्री मंगलाय नम:
ओर हर बुधवार को आयंमिबल या ऐकासणा करे
( ऐक वक्त ही भोजन करे) हरा (ग्रीन) अनाज का
बना भोजन करे हरे फल का भोजन करे.... बुध
ग्रह के अनुकूल दान करे🔵

🔵 2 कन्या :~ प, ठ, ण👉 गुरुदेव आचाय.र्


श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरज म. कहते हे छोटी पनोती
कन्या राशी को लोहे का पाया :- मेहनत ज़्यादा ,
अशुभ फल कन्या लग्न के जातकों के िलए शिन
पंचम और षष्ठ भाव का स्वामी है जो अब तीसरे से
चतुथर् भाव में प्रवेश करेगा यहाँ से यह आपके छठे
भाव , दशम भाव तथा आपके लग्न पर सीधी दृिष्ट
डालेगा िजसके पिरणाम स्वरूप शत्रु तो परास्त होंगे
परन्तु माता – िपता के स्वास्थ्य तथा उनके साथ
संबंधों के मामले में यह ठीक नहीं है .
िवसा यंत्र साधक आचाय.र् श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी
कहते इस समय आपको क्रोध बहुत आ सकता है ,
छोटी – छोटी बातों पर आप भड़क उठें गे साथ ही
थोड़ी स्वाथपरता
र् भी बढ़ेगी. मकान , वाहन तथा
पैतृक संपित्त के मामलों में रूकावट आएगी अतः
थोड़ी स्वाथपरता
र् भी बढ़ेगी. मकान , वाहन तथा
पैतृक संपित्त के मामलों में रूकावट आएगी अतः
इनसे सम्बंिधत कायोर्ं में सफलता के िलए बहुत और
िनरंतर प्रयास करना पड़ेगा . पािरवािरक सुख में
कुछ कमी महसूस करेंगे .
मंत्र वेत्ता आचाय.र् श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते हे
ह्रदय रोिगयों के िलए शिन की यह िस्थित िबलकुल
ठीक नहीं है . आिथर् क मामलों में उतार चढाव दोनों
का ही सामना करना पड़ेगा अथात
र् िस्थरता में कमी
रहेगी , कुछ लोगों को अपने घर से दू र जाने की
िस्थित भी बनेगी . वाहन दुघटना
र् का भय बना रहेगा .
यिद शिन या केतु की दशा – अंतर है तो कयोर्ं में
बहुत रूकावट आएगी . िजन्हें संतान सुख प्राप्त होगा
इस समय उनके भाग्य का उदय होगा संतान प्रािप्त
के बाद और िवलम्ब से ही सही परन्तु आपको
पिरश्रम का फल अवश्य .➡ ईस मेसेज को आप
अपने सभी मेम्बर ओर ग्रुप में फोरवड करे अगर आप
को ईस प्रकार के मेसेज चािहये तो अपना नाम ओर
आप कहासे हो वो भेिजये नीचे दशाये
र् नंबर पे...मुनी
अिजतचन्द्र िवजय Whatsapp
+919824010332
💥 उपाय िनत्य शुक्र के जाप करे ४ मंत्र मे से जो
आपको योग्य लगे वो

" श्री शुक्र दे वता "

👉 ॐ य अमृताय अमृतवषणाय
र् दै त्यगुरूवे नम:
स्वाह: ॥

👉 ॐ ह्रीँ श्रीँ सुिविधनाथस्वािमने द्रां द्रीं द्रौं ॐ


शुक्राय नम:

👉 ॐ ह्रीँ नमो आरीहंताण

👉 ॐ एँ ह्रीँ श्री शुक्राय नम:


ओर हर शुक्रवार को आयंमिबल या ऐकासणा करे
( ऐक वक्त ही भोजन करे) सफ़ेद अनाज का बना
भोजन करे.... शुक्र ग्रह के अनुकूल तैली पदाथर्
का दान करे🔵

🔵 㶦 0⃣ 7⃣ ⚖ तुला :~ र, त👉 ज्योितष
िवशारद आचाय.र् श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते हे
🔵 㶦 0⃣ 7⃣ ⚖ तुला :~ र, त👉 ज्योितष
िवशारद आचाय.र् श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते हे
तुला लग्न के जातकों के िलए शिन चतुथर् और पंचम
भाव का स्वामी होने कारण और लग्नेश का िमत्र होने
के कारण अत्यंत ही योगकारी है . यह शिन अब
आपके दू सरे भाव से तीसरे भाव में प्रवेश करेगा .
तुला लग्न के जातकों के िलए शिन का यह रािश
पिरवतन
र् अत्यन ही शुभ फलदायी होने वाला है . यह
आपके पराक्रम को बढ़ाएगा . इस समय आप िजस
कायर् को अपने हाथ में लेंगे उसमे सफलता प्राप्त
होगी . मंत्र वेत्ता आचाय.र् श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी
कहते हे शिन आपको बौिद्धक और आध्याित्मक
दोनों ही प्रकार की उजार् से ओत – प्रोत कर देगा .
शत्रु परास्त होंगे और लगभग सभी घटनायें आपके
अनुकूल घिटत होंगी . पद – प्रितष्ठा – मान –
सम्मान में अभूतपूवर् वृिद्ध होगी . आजीिवका के नए
साधन और स्रोत उत्पन्न होंगे . िजन लोगों को अपने
अधीनस्थ कमचा
र् िरयों से समस्यायें उत्पन्न होती थी
या कमचारी
र् िटकते नहीं थे उनकी यह समस्या अब
समाप्त होगी . माँ भगवती के उपासक आचाय.र् श्री.
िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते हे नए वाहन का योग और
सुख प्राप्त होगा . कुछ लोगों को इस समय संतान
िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते हे नए वाहन का योग और
सुख प्राप्त होगा . कुछ लोगों को इस समय संतान
की प्रािप्त भी होगी और िशक्षा तथा प्रितयोिगता में
भी उत्कृष्ट सफलता िमलेगी . रुके हुए कायर्
अचानक बनने लगेंगे . अपने भाई – बहनों तथा अित
करीबी िमत्रो का स्नेह और सहयोग प्राप्त होगा
आपको . धािमर् क और सामािजक कायोर्ं की ओर
रुझान बढेगा . शिन की यह िस्थित केवल आपके
छोटे भाई के िलए दुखद और कष्टदायी हो सकती
है.➡ ईस मेसेज को आप अपने सभी मेम्बर ओर
ग्रुप में फोरवड करे अगर आप को ईस प्रकार के
मेसेज चािहये तो अपना नाम ओर आप कहासे हो वो
भेिजये नीचे दशाये
र् नंबर पे...मुनी अिजतचन्द्र िवजय
Whatsapp +919824010332

💥 उपाय िनत्य मंगल के जाप करे ४ मंत्र मे से जो


आपको योग्य लगे वो

" श्री मंगल दे वता "

👉 ॐ नमो भूिम पुत्राय भृभुकुिटलनेत्राय


वक्रवदनाय द्र: स: मंगलाय नम: स्वाहा ॥
👉 ॐ नमो भूिम पुत्राय भृभुकुिटलनेत्राय
वक्रवदनाय द्र: स: मंगलाय नम: स्वाहा ॥

👉 ॐ ह्रीँ श्रीँ वासुपूज्यस्वािमने क्रां क्रीं क्रौं ॐ


भोमाय नम:

👉 ॐ ह्रीँ नमो िसध्दाणं

👉 ॐ एँ ह्रीँ श्री मंगलाय नम:


ओर हर मंगलवार को आयंमिबल या ऐकासणा
करे ( ऐक वक्त ही भोजन करे) मसूर का बना
भोजन करे मंगल ग्रह के अनुकूल दान करे🔵

🔵 㶦 0⃣ 8⃣ 🦂 वृिश्चक :~ न, य👉 :
प्रितष्ठाचायर् आचाय.र् श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते
हे वृिश्चक लग्न के जातकों के िलए शिन तृतीय और
चतुथर् भाव का स्वामी है तथा मंगल से शत्रुता का
भाव रखता है . यह अब आपके लग्न से दू सरे भाव में
प्रवेश करेगा . यहाँ से इसकी दृिष्ट आपके चतुथर्
भाव पर , अष्टम पर और आय स्थान पर होगी .
शिन की यह िस्थित भौितक सुख – सुिवधाओं के
िलए अद्भुत होने वाली है . यिद िकसी िवपरीत ग्रह
शिन की यह िस्थित भौितक सुख – सुिवधाओं के
िलए अद्भुत होने वाली है . यिद िकसी िवपरीत ग्रह
की दशा नहीं है तो इस समय आप अपनी क्षमता
और प्रितभा के अनुकूल खूब धन कमाएं गे .
उपसगर् िवजेता आचाय.र् श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी
कहते हे शिन के इस गोचर के दौरान आपको धन –
पद – प्रितष्ठा – भूिम – भवन – वाहन – सुख –
ऐश्वयर् अथात
र् भौितक जगत से जुड़ी हुई लगभग हर
वस्तु प्राप्त होगी . इस शिन का नकारात्मक पक्ष है
िक यह आपके अन्दर अहंकार को जन्म दे सकता है
तथा वाणी कठोर और कडवी हो सकती है . िसफर्
इस समय शुक्र िक यिद दशा हुई तो यह थोडा
घातक और कष्टकारी हो सकता है क्योंिक यह
अकारण वाद – िववाद , धन हािन तथा स्वास्थ्य से
सम्बंिधत समस्यायें उत्पन्न कर सकता है . तंत्राचायर्
आचाय.र् श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते हे माँ के
प्रित आपके अन्दर प्रेम और आदर का भाव उत्पन्न
होगा . कुछ लोगों के िलए यह शिन बहुत लम्बे
समय तक स्थान पिरवितर् त कर सकता है या लम्बे
समय के िलए घर – पिरवार से दू र रहना पड़ सकता
है . जन्म कुंडली के समय यिद शिन खराब है तो
अच्छे पिरणामों में कुछ कमी आएगी तथा कुछ हािन
है . जन्म कुंडली के समय यिद शिन खराब है तो
अच्छे पिरणामों में कुछ कमी आएगी तथा कुछ हािन
का योग भी बनेगा . .➡ ईस मेसेज को आप अपने
सभी मेम्बर ओर ग्रुप में फोरवड करे अगर आप को
ईस प्रकार के मेसेज चािहये तो अपना नाम ओर
आप कहासे हो वो भेिजये नीचे दशाये
र् नंबर पे...मुनी
अिजतचन्द्र िवजय Whatsapp
+919824010332

💥 उपाय िनत्य शनी ग्रह के जाप करे ४ मंत्र मे से


जो आपको योग्य लगे वो

" श्री शनी दे वता "

👉 ॐ शनैश्चराय ॐ क्रों ह्रीँ क्रोंडाय नम: स्वाहा

👉 ॐ ह्रीँ श्रीँ मुिनसुव्रतस्वािमन् खां खीं खौं


शनैश्र्चराय नम:

👉 ॐ ह्रीँ नमो लोअे सव्व साहूणं

👉 ॐ एँ ह्रीँ श्री शनैश्र्चराय नम:


ओर हर शिनवार को आयंमिबल या ऐकासणा करे
👉 ॐ एँ ह्रीँ श्री शनैश्र्चराय नम:
ओर हर शिनवार को आयंमिबल या ऐकासणा करे
( ऐक वक्त ही भोजन करे) उड़द अनाज का बना
भोजन करे शिन ग्रह के अनुकूल दान करे🔵

🔵 㶦 0⃣ 9⃣ 🏹 धनु :~ भ, ध,फ👉 : स्पष्ट


वक़्ता आचाय.र् श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते हे धनु
लग्न के जातकों के िलए शिन िद्वतीय और तृतीय
भाव का स्वामी है और सहायक मारकेश की भूिमका
अदा करता है . यह शिन आपके द्वादश भाव से अब
लग्न पर आ रहा है . लग्न में आये हुए इस शिन की
दृिष्ट आपके तृतीय , सप्तम और दशम भाव पर पूणर्
रूप से पड़ेगी . िवसा यंत्र साधक आचाय.र् श्री.
िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते शिन की यह िस्थित यिद
कुंडली में गुरु की िस्थित अच्छी है तो आध्याित्मकता
और दाशर्िनकता के चरम पर पहुंचा सकता है . मन
में धािमर् क , आध्याित्मक भावनाओं का उदय होगा .
सबको समान दृिष्ट से देखेंगे साथ ही पिरवार तथा
समाज के िलए अपने उत्तरदाियत्वों के प्रित सजग
रहेंगे और अपने कतव्यों
र् के िनवहन
र् की सोचेंगे भी
और उन्हें पूरा करने में समथर् भी होंगे . गुरुदेव
आचाय.र् श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरज म. कहते हे शिन
और उन्हें पूरा करने में समथर् भी होंगे . गुरुदेव
आचाय.र् श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरज म. कहते हे शिन
की यह िस्थित आपके िलए धन , यश , कीितर् ,
िवद्या और बुिद्ध की वृिद्ध करने वाली होगी .
वैवािहक जीवन के िलए शिन की यह िस्थित थोड़ी
प्रितकूल रहेगी . जीवन साथी के स्वास्थ्य से
सम्बंिधत कुछ समस्या उत्पन्न हो सकती है . यिद
सप्तमेश की िस्थित उतनी अच्छी नहीं है तो कुछ
लोग जो िववाह के योग्य हैं उनका िवधवा /िवधुर या
तलाकशुदा स्त्री/पुरुष से संभािवत है . ➡ ईस
मेसेज को आप अपने सभी मेम्बर ओर ग्रुप में
फोरवड करे अगर आप को ईस प्रकार के मेसेज
चािहये तो अपना नाम ओर आप कहासे हो वो
भेिजये नीचे दशाये
र् नंबर पे...मुनी अिजतचन्द्र िवजय
Whatsapp +919824010332

💥 उपाय िनत्य शनी ग्रह के जाप करे ४ मंत्र मे से


जो आपको योग्य लगे वो

" श्री शनी दे वता "

👉 ॐ शनैश्चराय ॐ क्रों ह्रीँ क्रोंडाय नम: स्वाहा


👉 ॐ शनैश्चराय ॐ क्रों ह्रीँ क्रोंडाय नम: स्वाहा

👉 ॐ ह्रीँ श्रीँ मुिनसुव्रतस्वािमन् खां खीं खौं


शनैश्र्चराय नम:

👉 ॐ ह्रीँ नमो लोअे सव्व साहूणं

👉 ॐ एँ ह्रीँ श्री शनैश्र्चराय नम:


ओर हर शिनवार को आयंमिबल या ऐकासणा करे
( ऐक वक्त ही भोजन करे) उड़द अनाज का बना
भोजन करे शिन ग्रह के अनुकूल दान करे🔵

㶦 1 ⃣ 0⃣ 🐏 मकर :~ ख, ज👉 : स्पष्ट वक़्ता


आचाय.र् श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते हे मकर
लग्न में शिन लग्नेश और िद्वतीयेश है यह शिन अब
आपके द्वादश भाव में प्रवेश करेगा िजसके कारण
इसकी सीधी दृिष्ट आपके दू सरे भाव पर , छठे भाव
पर तथा भाग्य स्थान पर होगी . शिन की िस्थित
कहीं से भी सुखद नहीं है . भारी िवषमताओं का
सामना करना पड़ेगा . आय तो होगी पर खचर् उससे
भी अिधक होगा . आिथर् क िस्थित संभले नहीं
सामना करना पड़ेगा . आय तो होगी पर खचर् उससे
भी अिधक होगा . आिथर् क िस्थित संभले नहीं
संभलेगी . गुरुदेव आचाय.र् श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरज
म. कहते हे यिद शिन की ही दशा या अंतर दशा
चल रही हो तो भारी कष्ट संभािवत है. यिद कुंडली
में भी शिन ठीक नहीं है तो आपको दू सरों का आश्रय
लेना पड़ सकता है . आपका धन कोटर् – कचहरी
और अस्पतालों में खचर् होगा . पिरवार में भय –
तनाव और शोक का वातावरण बनेगा . कोई अिप्रय
और दुखद घटना घट सकती है . संतान को भी कष्ट
संभािवत है . यात्रायें िनरथक
र् और कष्टकारी होंगी .
घर से दू र जाना पड़ सकता है वह भी िकसी िवपरीत
पिरिस्थित के कारण . िवसा यंत्र साधक आचाय.र्
श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते हे बहुत धैयर् और
संयम से चलने की आवश्यकता पड़ेगी क्योंिक
अिधकांशतः कायोर्ं में असफलता, रूकावट और
बहुत िवलम्ब होगा . िशक्षा – प्रितयोिगता –
पदोन्नित के िलए बहुत अिधक प्रयास करना पड़ेगा .
कुल िमलाकर यह शिन कष्टकारी है और आपको
पहले ही उपचार कराना चािहए तथा बहुत संयम से
काम लेना चािहए ➡ ईस मेसेज को आप अपने
सभी मेम्बर ओर ग्रुप में फोरवड करे अगर आप को
काम लेना चािहए ➡ ईस मेसेज को आप अपने
सभी मेम्बर ओर ग्रुप में फोरवड करे अगर आप को
ईस प्रकार के मेसेज चािहये तो अपना नाम ओर
आप कहासे हो वो भेिजये नीचे दशाये
र् नंबर पे...मुनी
अिजतचन्द्र िवजय Whatsapp
+919824010332

💥 उपाय िनत्य मंगल के जाप करे ४ मंत्र मे


से जो आपको योग्य लगे वो

" श्री मंगल दे वता "

👉 ॐ नमो भूिम पुत्राय भृभुकुिटलनेत्राय


वक्रवदनाय द्र: स: मंगलाय नम: स्वाहा ॥

👉 ॐ ह्रीँ श्रीँ वासुपूज्यस्वािमने क्रां क्रीं क्रौं ॐ


भोमाय नम:

👉 ॐ ह्रीँ नमो िसध्दाणं

👉 ॐ एँ ह्रीँ श्री मंगलाय नम:


ओर हर मंगलवार को आयंमिबल या ऐकासणा
👉 ॐ एँ ह्रीँ श्री मंगलाय नम:
ओर हर मंगलवार को आयंमिबल या ऐकासणा
करे ( ऐक वक्त ही भोजन करे) मसूर का बना
भोजन करे मंगल ग्रह के अनुकूल दान करे🔵

🔵 㶦 1 ⃣ 1 ⃣ ⚱ कुंभ :~ ग, स, श, ष
👉 :प्रवचनकार आचाय.र् श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी
कहते हे कुम्भ लग्न के जातकों के िलए शिन लग्न
और द्वादश भाव का स्वामी है जो अब आपके
एकादश भाव में गोचर करेगा . शिन के यहाँ आने से
इसकी सीधी दृिष्ट आपके लग्न , पंचम और अष्टम
भाव पर पड़ेगी . संतान की िस्थित को छोड़ दू ँ तो यह
शिन आपके िलए अत्यंत ही सौभाग्यशाली रहने
वाला है . धन का आगमन प्रचुर मात्रा में होगा .
तपागच्छाचायर् आचाय.र् श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी
कहते हे इस समय आपको माता – िपता का
सहयोग और आशीवाद
र् प्राप्त होगा . जीवन साथी
का व्यवहार भी सहयोगात्मक रहेगा . इस समय
आपकी बौिद्धक क्षमता बहुत बेहतर रहेगी .
मानिसक िस्थित िस्थर रहेगी िजसके कारण बेहतर
िनणय
र् ले सकेंगे, िवषम पिरिस्थितयों से िनकलने में
समथर् होंगे तथा दू रगामी योजनायें बना पाने में
िनणय
र् ले सकेंगे, िवषम पिरिस्थितयों से िनकलने में
समथर् होंगे तथा दू रगामी योजनायें बना पाने में
स्कश्म होंगे.  सावत्थी तीथर् सजक
र् आचाय.र् श्री.
िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते समाज में मान – प्रितष्ठा
में अभूतपूवर् वृिद्ध होगी . गभवती
र् मिहलायें थोड़ी
सतकता
र् बरतें और िकसी प्रकार की लापरवाही ना
करें . संतान के स्वास्थ्य की िचं ता हो सकती है और
हो सकता है िक आपकी संतान आपकी बात ना
सुनें . यिद आपक िकसी लम्बी बीमारी के िशकार थे
तो इस समय वह धीरे – धीरे ठीक होगी तथा आपके
आयु की वृिद्ध होगी . िवचारों में आध्याित्मकता का
समावेश रहेगा तथा नेक राह पर स्वयं भी चलेंगे और
दू सरों को प्रेिरत भी करेंगे .➡ ईस मेसेज को आप
अपने सभी मेम्बर ओर ग्रुप में फोरवड करे अगर आप
को ईस प्रकार के मेसेज चािहये तो अपना नाम ओर
आप कहासे हो वो भेिजये नीचे दशाये
र् नंबर पे...मुनी
अिजतचन्द्र िवजय Whatsapp
+919824010332

💥 उपाय िनत्य गुरु के जाप करे ४ मंत्र मे से जो


आपको योग्य लगे वो
आपको योग्य लगे वो

👉 1: ॐ ग्रां ग्रीं ग्रूं बृहस्पतये सूरपूजयाय नम:


स्वाह:

👉 2: ॐ ह्रीँ श्रीँ आिदनाथस्वािमने ज्रां ज्रीं ज्रौं


ॐ गूरवे नम:

👉 3: ॐ ह्रीँ नमो आयिरयाणं

👉 4: ॐ एँ ह्रीँ श्री गूरवे  नम:


ओर हर रवीवार को आयंमिबल या ऐकासणा करे
( ऐक वक्त ही भोजन करे) पीला अनाज का बना
भोजन करे िपले फल का भोजन करे.... गुरू ग्रह
के अनुकूल दान करे🔵

🔵 㶦 1 ⃣ 2⃣ 🐠 मीन :~ द, च👉 : मंत्र वेत्ता


आचाय.र् श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते हे मीन लग्न
वालों के िलए शिन एकादश और द्वादश भाव का
स्वामी है जो अब आपके दशम भाव में प्रवेश करेगा
और करीब 3 वषोर्ं तक इसे प्रभािवत करेगा . शिन
के दशम भाव में होने से इसकी तीसरी दृिष्ट आपके
और करीब 3 वषोर्ं तक इसे प्रभािवत करेगा . शिन
के दशम भाव में होने से इसकी तीसरी दृिष्ट आपके
द्वादश भाव पर , चतुथर् भाव और सप्तम भाव पर
पूणर् रूप से होगी. शिन की यह िस्थित आपको
िमिश्रत पिरणाम देने वाली होगी . आपको लगभग
हर कायोर्ं में सफलता तो िमलेगी परन्तु इसका अंत
अच्छा नहीं बिल्क दुखद होगा . माँ भगवती के
उपासक आचाय.र् श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते हे
यिद आएगा तो उससे अिधक मात्रा में जायेगा . कजर्
यिद चाहेंगे तो िमल जायेगा परन्तु अंत में यह
अत्यिधक तनाव और अपमान का कारण भी बनेगा .
इस समय थोड़े प्रयास से ही पद – प्रितष्ठा की
प्रािप्त हो जाएगी परन्तु पुनः इसका अंत अत्यंत ही
कष्टकारी और प्रितष्ठा से कई गुना अिधक बदनामी
का भय उत्पन्न करने वाला होगा . अतः इस समय
कुछ प्राप्त हो तो उसका बहुत दू र तक मूल्यांकन
करना आवश्यक होगा . िववाह योग्य लोगों को
िवलम्ब या रुकावटों का सामना करना पड़ेगा .
वैवािहक जीवन में कष्ट उठाना पड़ सकता है . रोज
– रोज की कडवाहट का सामना करना पड़ेगा .
ज्योितष िवशारद आचाय.र् श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी
कहते हेधनिशक्षा के क्षेत्र में भी बाधाओं का सामना
ज्योितष िवशारद आचाय.र् श्री. िजनचन्द्रसूरीश्र्वरजी
कहते हेधनिशक्षा के क्षेत्र में भी बाधाओं का सामना
करना पड़ेगा . शत्रु बहुत अिधक परेशान कर सकते
हैं . माता को बहुत अिधक शारीिरक कष्ट हो सकता
है . कुंडली में शिन की िस्थित ठीक ना हो तो बहुत
संभल कर तथा धैयर् से आगे बढ़ने की आवश्यकता
पड़ेगी . बेहतर हो पहले ही उपचार करें िवशेष कर
शिन की दशा – अंतर हो तो अवश्य . ➡ ईस
मेसेज को आप अपने सभी मेम्बर ओर ग्रुप में
फोरवड करे अगर आप को ईस प्रकार के मेसेज
चािहये तो अपना नाम ओर आप कहासे हो वो
भेिजये नीचे दशाये
र् नंबर पे...मुनी अिजतचन्द्र िवजय
Whatsapp +919824010332

💥 💥 उपाय िनत्य मंगल के जाप करे ४ मंत्र मे से


जो आपको योग्य लगे वो

" श्री मंगल दे वता "

👉 ॐ नमो भूिम पुत्राय भृभुकुिटलनेत्राय


वक्रवदनाय द्र: स: मंगलाय नम: स्वाहा ॥

👉 ॐ ह्रीँ श्रीँ वासुपूज्यस्वािमने क्रां क्रीं क्रौं ॐ


👉 ॐ ह्रीँ श्रीँ वासुपूज्यस्वािमने क्रां क्रीं क्रौं ॐ
भोमाय नम:

👉 ॐ ह्रीँ नमो िसध्दाणं

👉 ॐ एँ ह्रीँ श्री मंगलाय नम:


ओर हर मंगलवार को आयंमिबल या ऐकासणा
करे ( ऐक वक्त ही भोजन करे) मसूर का बना
भोजन करे मंगल ग्रह के अनुकूल दान करे🔵
भोजन करे मंगल ग्रह के अनुकूल दान करे🔵

अखंड गुरु सेवा समिपर् त मुिन श्री अिजतचन्द्र


िवजय म. सा
| | : J I N : | |®™
~िजन शीशू अिजत~
मुनी अिजतचन्द्र िवजय .
Whatsapp +919824010332
८४ िजनालय समलंकृत सावत्थीतीथर् धाम,
८४ िजनालय समलंकृत सावत्थीतीथर् धाम,
बावला, अहेमदाबाद गुजरात
यह मेसेज आपको को अच्छा लगाहो तो आप
व्यिक्तगत ओर अपने ग्रुप में फोरवडर् करे अगर आप
को ईस प्रकार के मेसेज चािहये तो अपना नाम ओर
आप कहासे हो वो भेिजये ऊपर दशाये
र् नंबर पे...

You might also like