उ जैन। क्या आप पैस की परे शािनय का सामना कर रहे है ?
क्या आपको अपनी मेहनत का
उिचत प्रितफल प्रा त नहीं हो पा रहा है ? क्या आपके घर-पिरवार म सुख-शांित और समिृ द्ध नहीं है ? क्या आपकी कंु डली म कोई ग्रह दोष है ? यिद हां तो यहां आपके िलए 81 ल मी उपाय बताए जा रहे ह। इन उपाय से आपके जीवन की सभी परे शािनयां समा त हो जाएंगी। यहां बताए जा रहे सभी उपाय दीपावली या िकसी भी े ठ मह ु ू तर् म िकए जा सकते ह। इसके साथ ही यह सभी उपाय सभी रािश के लोग वारा आसानी से िकए जा सकते ह।यिद आप चाहे तो इन उपाय म से कई उपाय भी कर सकते ह या कोई एक उपाय भी िकया जा सकता है । मानते ह िक ल मी पूजन म एकाक्षी नािरयल या समुद्री नािरयल की पूजा करने एवं यवसाय थल पर इसे रखने से घाटा नहीं होगा एवं समिृ द्ध आएगी। - कमलगट्टे की माला से दीपावली की राित्र म या िकसी भी े ठ मुहूतर् म अनु ठान कर तथा यह माला ितजोरी या पज ू ा थान म रखना अ य त शभ ु समझा जाता है । - ल मी, भगवान नारायण की प नी ह और नारायण को अ यंत िप्रय भी ह। उनकी उ पि त समुद्र मंथन से हुई है । शंख, मोती, सीप, कौड़ी भी समुद्र से प्रा त होने के कारण नारायण को िप्रय ह। अत: ल मी पूजन म समुद्र से प्रा त व तुओं का उपयोग अिधक िकया जाता है । मा यता है िक पूजन के बाद इन चीज़ को धन थान पर थािपत करने से धन विृ द्ध होती है । दीपावली पर या िकसी भी े ठ मह ु ू तर् म प्रमख ु वार पर ल मी के गह ृ प्रवेश करते हुए चरण थािपत िकए जाते ह। - ीयंत्र, कनकधारा यंत्र, कुबेर यंत्र को िसद्ध करा कर पूजा थान/ितजोरी म रखा जाता है । महाल मी के अ ट व प माने गए ह- धनल मी या वैभवल मी, गजल मी, अिधल मी, िवजयल मी, ऐ वयर् ल मी, वीर ल मी, धा य ल मी, संतान ल मी। िजस भक्त को िजस प की अिभलाषा होती है , वह उसी प की आराधना करता है । दिक्षणावतीर् शंख के पज ू न व थापना से भी धनागमन और सख ु प्राि त का लोकिव वास है । - ल मी के साथ 51 कौिडय़ की पज ू ा कर उ ह पज ू ा थल, ितजोरी एवं यवसाय थल पर रखना शुभ-समिृ द्ध दायक माना जाता है । एक िनयम हर रोज के िलए बना ल। आपके घर म जब भी खाना बने तो उसम से सबसे पहली रोटी गाय को िखलाएं। घर म ल मी को आमंित्रत करने के साथ ही उ ह सहे ज कर रखने के जतन करना भी मह वपूणर् है । इसिलए, नकदी और गहने-जेवरात की अलमािरयां दिक्षण या पि चम की दीवार पर ह और उ तर या पव ू र् की ओर खल ु । ख्याल रहे , इन अलमािरय पर दपर्ण न लगा हो। - कहते ह, धनतेरस को भोजपत्र पर ीयंत्र बनाने के बाद दीपावली के िदन या िकसी भी े ठ मुहूतर् म इसे िसद्ध कर ितजोरी म थािपत करने से ितजोरी कभी खाली नहीं होती। िकसी भी े ठ मुहूतर् म पारद िशविलंग की थापना व पारद गणेश की आराधना समिृ द्ध दे ती है । - पारद ल मी की आराधना को भी ऐ वयर् दायक कहा गया है । फिटक ीयंत्र व फिटक माला का उपयोग/ थापना भी की जाती है । माला िसिद्ध के बाद उससे ल मी मंत्र जाप एवं कनकधारा तोत्र अनु ठान िकया जा सकता है । - दीपावली पर या िकसी भी े ठ मुहूतर् म रामरक्षा तोत्र का पाठ व अनु ठान करने से सफलता एवं ऐ वयर् की प्राि त होती है । - ऐसी पूजा गु त रखनी चािहए, इसका बखान नहीं करना चािहए। सवर्िपत ृ अमावस को िपतर वापस नहीं जाते ह, वे धरती पर ही रहते ह। वे लौटते ह िदवाली की रात म। चंिू क िपतर को जाने के िलए मागर् पर प्रकाश की आव यकता होती है , अत: इस रात दीप की पंिक्तयां लगाकर िपतर के वापसी का मागर् प्रकािशत िकया जाता है । इससे यम प्रस न होते ह और िपतर की कृपा भी िमलती है । काितर्क माह के शुक्ल पक्ष की िवतीया यम और उनकी बहन यमुना से ही सीधे जुड़ी है , जो आगे चलकर भाई-बहन से संबद्ध हो गई। यम और यमुना की कथा हम बताती है िक हम चाहे िजतने भी मह वपूणर् काय म य त ह , हम अपने िप्रयजन से मेल-िमलाप के िलए समय िनकालना ही चािहए और हमेशा उनके क याण की कामना करनी चािहए। यही इस पवर् का शभ ु संदेश है । िकसी भी े ठ मुहूतर् म ल मी पूजन करते समय हकीक की पज ू ा भी करनी चािहए। पूजन के बाद हकीक को धारण करने से धन की विृ द्ध होती है । हकीक बाजार म आसानी से उपल ध हो जाता है । गणेशजी ऋिद्ध और िसिद्ध के वामी ह और महाल मी धन की दे वी ह। अत: इन दोन का संयक् ु त यंत्र पज ू न म रखने से ीगणेश के साथ ही ल मी की कृपा भी प्रा त होती है । दीपावली या िकसी भी े ठ मुहूतर् म सुबह ग ने की जड़ लेकर आएं। इसके बाद राित्र म ल मी पूजन कर तब ग ने की इस जड़ की भी पूजा करनी चािहए। ऐसा करने पर धन लाभ होता है । दीपावली या िकसी भी े ठ मुहूतर् म पित-प नी सुबह-सुबह ल मी-िव णु मंिदर जाएं और वहां दे वी ल मी को व त्र आिद अिपर्त कर। इससे पित-प नी को जीवन म कभी भी धन की कमी नहीं होती है । िकसी भी े ठ मह ु ू तर् म ल मी पज ू न के समय कमल के पु प अिपर्त कर और कमल गट्टे की माला से ल मी मंत्र ऊँ महाल मयै नम: का जप कर। इससे दे वी ल मी की प्रस नता प्रा त होती है । दीपावली या िकसी भी े ठ मुहूतर् म ल मी के साथ ही अशोक के वक्ष ृ की जड़ का पूजन भी करना चािहए। इससे धन-संपि त म विृ द्ध होती है । दीपावली या िकसी भी े ठ महु ू तर् म सब ु ह ज दी उठ और तांबे के लोटे म जल ल और उसम लाल िमचीर् के बीज डालकर सयू र् को अिपर्त कर। इस उपाय से आपको मनचाहे थान पर प्रमोशन और ट्रांसफर िमलेगा। यह उपाय िनयिमत प से करना चािहए। दीपावली या िकसी भी े ठ मुहूतर् म िकसी ऐसे िशव मंिदर म जाएं जो मशान म ि थत हो। उस मंिदर म िशविलंग पर दध ू , जल आिद अिपर्त कर। दीपक लगाएं। इस उपाय थाई ल मी की प्राि त होती है । दीपावली या िकसी भी े ठ मह ु ू तर् म सब ु ह ज दी उठ और िन य कम से िनव ृ त होकर तुलसी के प त की माला बनाएं और इसे महाल मी को अिपर्त कर। ऐसा करने से धन म विृ द्ध होगी। दीपावली या िकसी भी े ठ मुहूतर् म ह दी की 11 गांठ लेकर आएं और रात म ल मी के साथ ही इनकी भी पूजा कर। इसके बाद पीले कपड़े म बांधकर ितजोरी म रख। पज ू न के समय ल मी और ीगणेश के संयुक्त फोटो की पूजा करनी चािहए। दीपावली या िकसी भी े ठ मुहूतर् म िकसी मंिदर म एक सुपारी और तांबे का लोटा रख आएं। इसके साथ ही कुछ दिक्षणा भी रख। इस उपाय से भी दे वी-दे वताओं की कृपा प्रा त होती है । अमाव या ितिथ पर पीपल के वक्ष ृ को जल अिपर्त करना चािहए। ऐसा करने पर शिन के दोष और कालसपर् दोष समा त हो जाते ह। - योितष और सभी धमर् शा त्र के अनुसार एक पीपल का पौधा लगाने वाले यिक्त को जीवन म िकसी भी प्रकार को कोई दख ु नहीं सताता है । उस इंसान को कभी भी पैस की कमी नहीं रहती है । पीपल का पौधा लगाने के बाद उसे िनयिमत प से जल अिपर्त करना चािहए। जैसे- जैसे यह वक्ष ृ बड़ा होगा आपके घर-पिरवार म सख ु -समिृ द्ध बढ़ती जाएगी, धन बढ़ता जाएगा। पीपल के बड़े होने तक इसका पूरा यान रखना चािहए तभी आ चयर्जनक लाभ प्रा त ह गे। दीपावली या िकसी भी े ठ मुहूतर् म झाड़ू अव य खरीदना चािहए। पूरे घर की सफाई नई झाड़ू से कर। - आंकड़े के गणेशजी की पूजा व थापना से स प नता का आशीष िमलता है । ल मी पज ू न म सप ु ारी रख। सप ु ारी पर लाल धागा लपेटकर अक्षत, कुमकुम, पु प आिद पज ू न सामग्री से पज ू ा कर और पज ू न के बाद इस सप ु ारी को ितजोरी म रख। दीपावली या िकसी भी े ठ मुहूतर् म ल मी पूजा करते समय एक बड़ा घी का दीपक जलाएं, िजसम नौ बि तयां लगाई जा सके। सभी 9 बि तयां जलाएं और ल मी पज ू ा कर। दीपावली या िकसी भी े ठ मुहूतर् म तेल का दीपक जलाएं और दीपक म एक ल ग डालकर हनुमानजी की आरती कर। िकसी मंिदर हनुमान मंिदर जाकर ऐसा दीपक भी लगा सकते ह। दीपावली या िकसी भी े ठ मह ु ू तर् म तेल का दीपक जलाएं और दीपक म एक ल ग डालकर हनम ु ानजी की आरती कर। िकसी मंिदर हनम ु ान मंिदर जाकर ऐसा दीपक भी लगा सकते ह। िकसी म मंिदर झाड़ू का दान कर। यिद आपके घर के आसपास कहीं महाल मी का मंिदर हो तो वहां गुलाब की सुगंध वाली अगरब ती का दान कर। यिद संभव हो सके तो िकसी िक नर से उसकी खश ु ी से एक पया ल और इस िसक्के को अपने पसर् म रख। बरकत बनी रहे गी। िकसी भी े ठ मह ु ू तर् म घर से िनकलते ही यिद कोई सह ु ागन त्री लाल रं ग की पारं पिरक ड्रेस म िदख जाए तो समझ ल आप पर महाल मी की कृपा होने वाली है । यह एक शभ ु शकुन है । ऐसा होने पर िकसी ज रतमंद सुहागन त्री को सुहाग की सामग्री दान कर। िकसी भी े ठ मुहूतर् म ल मी और कुबेर दे व का पूजन कर और यहां िदए एक मंत्र का जप कम से कम 108 बार कर। मंत्र: ऊँ यक्षाय कुबेराय वै ववाय, धन-धा यिधपतये धन-धा य समिृ द्ध मम दे िह दापय वाहा। महाल मी के पज ू न म गोमती चक्र भी रखना चािहए। गोमती चक्र भी घर म धन संबंधी लाभ िदलाता है । रात को सोने से पहले िकसी चौराहे पर तेल का दीपक जलाएं और घर लौटकर आ जाएं। यान रख पीछे पलटकर न दे ख। िकसी भी े ठ मुहूतर् म अशोक के पेड़ के प त से वंदन वार बनाएं और इसे मुख्य दरवाजे पर लगाएं। ऐसा करने से घर की नकारा मक ऊजार् न ट हो जाएगी। िकसी िशव मंिदर जाएं और वहां िशविलंग पर अक्षत यानी चावल चढ़ाएं। यान रह सभी चावल पूणर् होने चािहए। खंिडत चावल िशविलंग पर चढ़ाना नहीं चािहए। अपने घर के आसपास िकसी पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाएं। यह उपाय िकसी भी े ठ मुहूतर् म िकया जाना चािहए। यान रख दीपक लगाकर चुपचाप अपने घर लौट आए, पीछे पलटकर न दे ख। यिद संभव हो सके तो दीपावली की दे र रात तक घर का मुख्य दरवाजा खल ु ा रख। ऐसा माना जाता है िक िदवाली की रात म महाल मी प ृ वी पर भ्रमण करती ह और अपने भक्त के घर जाती ह। महाल मी के पूजन म पीली कौिडय़ा भी रखनी चािहए। ये कौिडय़ा पूजन म रखने से महाल मी बहुत ही ज द प्रस न होती ह। आपकी धन संबंधी सभी परे शािनयां ख म हो जाएंगी। िकसी भी े ठ मुहूतर् म ल मी पूजन के साथ ही अपनी दक ु ान, क यटू र आिद ऐसी चीज की भी पज ू ा कर, जो आपकी कमाई का साधन ह। ल मी पज ू न के समय एक नािरयल ल और उस पर अक्षत, कुमकुम, पु प आिद अिपर्त कर और उसे भी पूजा म रख। पीपल के 11 प ते तोड़ और उन ीराम का नाम िलख। राम नाम िलखने के िलए चंदन का उपयोग िकया जा सकता है । यह का पीपल के नीचे बैठकर करगे तो ज दी शुभ पिरणाम प्रा त होते ह। राम नाम िलखने के बाद इन प त की माला बनाएं और हनुमानजी को अिपर्त कर। प्रथम पू य ीगणेश को दव ू ार् अिपर्त कर। दव ू ार् की 21 गांठ गणेशजी को चढ़ाने से उनकी कृपा प्रा त होती है । िकसी भी े ठ मह ु ू तर् म यह उपाय करने से गणेशजी के साथ महाल मी की कृपा भी प्रा त होती है प्रितिदन सुबह घर से िनकलने से पहले केसर का ितलक लगाएं। ऐसा हर रोज कर, महाल मी की कृपा प्रा त होगी। यिद संभव हो सके तो िकसी भी े ठ मुहूतर् म िकसी गरीब यिक्त को काले कंबल का दान कर। ऐसा करने पर शिन और राहु-केतु के दोष शांत ह गे और काय म आ रही कावट दरू हो जाएंगी। महाल मी के पूजन म दिक्षणावतीर् शंख भी रखना चािहए। यह शंख महाल मी को अितिप्रय है । इसकी पूजा करने पर घर म सुख-शांित का वास होता है । महाल मी के िचत्र का पज ू न कर, िजसम ल मी अपने वामी भगवान िव णु के पैर के पास बैठी ह। ऐसे िचत्र का पूजन करने पर दे वी बहुत ज द प्रस न होती ह। घर म हमेशा शांित बनाए रख। िकसी भी प्रकार का क्लेश, वाद-िववाद न कर। िजस घर म शांित रहती है वहां दे वी ल मी हमेशा िनवास करती ह। नान के बाद अ छे व त्र धारण कर और सूयर् को जल अिपर्त कर। जल अिपर्त करने के साथ ही लाल पु प भी चढ़ाएं। िकसी ब्रा मण या ज रतमंद यिक्त को अनाज का दान कर। अनाज के साथ ही व त्र का दान करना भी े ठ रहता है । महाल मी के मंत्र: ऊँ ीं ीं ीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसी ीं ीं ीं ऊँ महाल मयै नम: इस मंत्र का जप कर। मंत्र जप के िलए कमल के गट्टे की माला का उपयोग कर। िकसी भी े ठ मुहूतर् म कम से कम 108 बार इस मंत्र का जप कर। िकसी भी े ठ मुहूतर् म ीयंत्र के सामने अगरब ती व दीपक लगाकर पूवर् िदशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठ। िफर ीयंत्र का पूजन कर और कमलगट्टे की माला से महाल मी के मंत्र: ऊँ ीं ीं ीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसी ीं ीं ीं ऊँ महाल मयै नम: का जप कर। घर के मख् ु य वार पर कुमकुम से वि तक का िच न बनाएं। वार के दोन ओर कुमकुम से ही शुभ-लाभ िलख। िकसी भी े ठ मुहूतर् म वेताकर् गणेश प्रितमा घर म लाएंगे तो हमेशा बरकत बनी रहे गी। पिरवार के सद य को पैस की कमी नहीं आएगी। यिद संभव हो सके तो इस िदन िकसी तालाब या नदी म मछिलय को आटे की गोिलयां बनाकर िखलाएं। शा त्र के अनस ु ार इस पु य कमर् से बड़े-बड़े संकट भी दरू हो जाते ह। घर म ि थत तुलसी के पौधे के पास रात म दीपक जलाएं। तुलसी को व त्र अिपर्त कर। फिटक से बना ीयंत्र िकसी भी े ठ मुहूतर् म बाजार से खरीदकर लाएं। ीयंत्र को लाल व त्र म लपेटकर ितजोरी म रख। कभी भी पैस की कमी नहीं होगी। प्रितिदन सुबह-सुबह िशविलंग पर तांबे के लोटे से जल अिपर्त कर। जल म यिद केसर भी डालगे तो े ठ रहे गा। जो लोग धन का संचय बढ़ाना चाहते ह उ ह ितजोरी म लाल कपड़ा िबछाना चािहए। इसके प्रभाव से धन का संचय बढ़ता है । एक उपाय के अनुसार िकसी भी े ठ मुहूतर् म 3 अिभमंित्रत गोमती चक्र, 3 पीली कौिडय़ां और 3 ह दी गांठ को एक पीले कपड़ म बांध। इसके बाद इस पोटली को ितजोरी म रख। धन लाभ होने लगेगा। यिद धन संबिं धय परे शािनय का सामना कर रहे ह तो िकसी भी े ठ मह ु ू तर् म हनुमानजी का यह उपाय कर। उपाय के अनस ु ार िकसी पीपल के वक्ष ृ एक प ता तोड़। उस प ते पर कुमकुम या चंदन से ीराम का िलख। इसके बाद प ते पर िमठाई रख और यह हनुमानजी को अिपर्त कर। इस उपाय से भी धन लाभ होता है । एक बात का िवशेष यान रख िक माह की हर अमाव या पर पूरे घर की अ छी तरह से साफ- सफाई की जानी चािहए। साफ-सफाई के बाद घर म धूप-दीप- यान कर। इससे घर का वातावरण पिवत्र और बरकत दे ने वाला बना रहे गा। स ताह म एक बार िकसी ज रतमंद सुहािगन त्री को सुहाग का सामना दान कर। इस उपाय से दे वी ल मी तुरंत ही प्रस न होती ह और धन संबध ं ी परे शािनय को दरू करती ह। यान रख यह उपाय िनयिमत प से हर स ताह करना चािहए। यिद कोई यिक्त िकसी भी े ठ मुहूतर् म िकसी पीपल के वक्ष ृ के नीचे छोटा सा िशविलंग थािपत करता है तो उसकी जीवन म कभी भी कोई परे शािनयां नहीं आएंगी। यिद कोई भयंकर परे शािनयां चल रही ह गी वे भी दरू हो जाएंगी। पीपल के नीचे िशविलंग थािपत करके उसकी िनयिमत पूजा भी करनी चािहए। इस उपाय से गरीब यिक्त भी धीरे -धीरे मालामाल हो जाता है । िकसी भी े ठ मुहूतर् म ल मी का पज ू न करने के िलए ि थर लग्न े ठ माना जाता है । इस लग्न म पूजा करने पर महाल मी थाई प से घर म िनवास करती ह। पूजा म ल मी यंत्र, कुबेर यंत्र और ीयंत्र रखना चािहए। यिद फिटक का ीयंत्र हो तो सवर् े ठ रहता है । एकाक्षी नािरयल, दिक्षणावतर् शंख, ह थाजोड़ी की भी पज ू ा करनी चािहए। कलयुग म हनुमानजी शीघ्र प्रस न होने वाले दे वता माने गए ह। इनकी कृपा प्रा त करने के िलए कई प्रकार उपाय बताए गए ह। यिद पीपल के वक्ष ृ के नीचे बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ िकया जाए तो यह चम कारी फल प्रदान करने वाला उपाय है । महाल मी को तुलसी के प ते भी चढ़ाने चािहए। ल मी पूजा म दीपक दाएं, अगरब ती बाएं, पु य सामने व नैवे य थाली म दिक्षण म रखना े ठ रहता है । िकसी भी े ठ मह ु ू तर् म ल मी पज ू न के बाद घर के सभी कमर म शंख और घंटी बजाना चािहए। इससे घर की नकारा मक ऊजार् और दिरद्रता बाहर चली जाती है । मां ल मी घर म आती ह। िकसी भी े ठ मुहूतर् म ीसूक्त एवं कनकधारा तोत्र का पाठ करना चािहए। रामरक्षा तोत्र या हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ भी िकया जा सकता है । - कभी भी िकसी भी बज ु ग ु र् इंसान का अपमान नहीं करना चािहए और िकसी भी े ठ महु ू तर् म िवशेष प से उनके चरण पशर् करके आिशवार्द ग्रहण कर। ऐसा करने पर बड़ी-बड़ी परे शािनयां भी दरू हो जाती ह। शिन दोष से मुिक्त के िलए तो पीपल के वक्ष ृ के उपाय रामबाण ह। शिन की साढ़े साती और ढ या के बुरे प्रभाव को न ट करने के िलए पीपल के वक्ष ृ पर जल चढ़ाकर सात पिरक्रमा करनी चािहए। इसके साथ ही शाम के समय पीपल के वक्ष ृ के नीचे दीपक भी लगाना चािहए।
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