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Nipah वायरस की जानकारी

आपके Family और Study


दोनों के लिए जरूरी
क्या है ननपाह वायरस?

केरि के कोझिकोड़ जजिे में 'ननपाह वायरस'(Nipah


Virus) ने आतंक मचा ददया है .

यह एक तरह का ददमागी बुखार है और ताजा


जानकारी के मुताबबक इसकी चपेट में आने से अब
तक 6 िोगों की मौत हो चक
ु ी है .

वहीं इंडियन मेडिकि एसोलसएशन ने एक कमेटी


बनाई है जो बीमारी की तह तक जाने में जुटी है .
ऐसे में अब सवाि उठ रहे हैं कक आझखर

Q. ये ननपाह वायरस है क्या?


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Q. यह कैसे फैिता है ?

Q. इससे कैसे बचा जा सकता है ?


ववश्व स्वास््य संगठन क्या कहता है ?
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1. ववश्व स्वास््य संगठन (WHO) के मत ु ाबबक ननपाह वायरस (NiV) एक ऐसा वायरस है
जो जानवरों से इंसानों में फैि सकता है .

2. यह जानवरों और इंसानों दोनों में गंभीर बीमाररयों की वजह बन सकता है .

3. इस वायरस का मख्
ु य स्रोत Fruit Bat यानी कक वैसे चमगादड़ हैं जो फि खाते हैं.

4. ऐसे चमगादड़ों को Flying Fox के नाम से भी जाना जाता है .


कहां से आया ननपाह वायरस ?
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1. इस वायरस की सबसे पहिे पहचान 1998 में मिेलशया के Kampung Sungai के ननपाह
इिाके में हुई थी.

2. उस वक्त वहां ददमागी बुखार का संक्रमण था. यह बीमारी चमगादड़ों से इंसानों और जानवरों
तक में फैि गई.

3. इस बीमारी की चपेट में आने वािे ज्यादातर िोग सअ


ु र पािन केंद्र में काम करते थे.

4. यह वायरस ऐसे फिों से इंसानों तक पहुंच सकता है जो चमगादड़ों के संपकक में आए हों.

5. यह संक्रलमत इंसान से स्वस्थ मनुष्य तक बड़ी आसानी से फैि सकता है .


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6. इसके बाद 2001 में बांग्िादे श में भी इस वायरस के मामिे सामने आए. उस वक्त
वहां के कुछ िोगों ने चमगादड़ों के संपकक वािे खजरू खा लिए थे और कफर यह वायरस
फैि गया.

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ननपाह वायरस के िक्षण क्या हैं?

• ननपाह वायरस के िक्षण ददमागी बुखार की तरह ही हैं.

• बीमारी की शुरुआत सांस िेने में ददक्कत, भयानक लसर ददक और


कफर बुखार से होती है है . इसके बाद ददमागी बुखार आता है .

• सेंटर फ़ॉर डिसीज़ कंट्रोि एंि वप्रवें शन (CDC) के मत ु ाबबक ननपाह


वायरस का इंफेक्शन एंसेफ़्िाइदटस से जड़ ु ा है , जजसमें ददमाग़ को
नक़
ु सान होता है .

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• 5 से 14 ददन तक इसकी चपेट में आने के बाद ये वायरस तीन से 14 ददन तक तेज़
बुखार और लसरददक की वजह बन सकता है .

• ये िक्षण 24-48 घंटों में मरीज़ को कोमा में पहुंचा सकते हैं. इंफेक्शन के शरु
ु आती दौर
में सांस िेने में समस्या होती है जबकक आधे मरीज़ों में न्यरू ोि़ॉजजकि ददक्कतें भी
होती हैं.

• साि 1998-99 में जब ये बीमारी फैिी थी तो इस वायरस की चपेट में 265 िोग आए
थे. अस्पतािों में भती हुए इनमें से क़रीब 40% मरीज़ ऐसे थे जजन्हें गंभीर नवकस
बीमारी हुई थी और ये बच नहीं पाए थे.

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कैसे फैिता है ननपाह वायरस?

• आम तौर पर ये वायरस इंसानों में इंफेक्शन की चपेट में आने वािी


चमगादड़ों, सअ
ू रों या कफर दस
ू रे इंसानों से फैिता है .

• मिेलशया और लसंगापरु में इसके सअू रों के ज़ररए फैिने की जानकारी लमिी
थी जबकक भारत और बांग्िादे श में इंसान से इंसान का संपकक होने पर
इसकी चपेट में आने का खतरा ज़्यादा रहता है .

• संक्रलमत चमगादड़ों, संक्रलमत सअ


ु र या संक्रलमत व्यजक्त के संपकक में आने
से ननपाह वायरस फैिता है .

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ननपाह वायरस का इिाज क्या है ?

अब तक ननपाह वायरस का कोई वैक्सीन नहीं बन पाया


है . इस वायरस का एकमात्र इिाज यही है कक संक्रलमत
व्यजक्त को ि़ॉक्टरों की कड़ी ननगरानी में रखा जाता है .

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क्या सावधानी बरतनी चादहए?

• चमगादड़ों की िार या पेशाब के संपकक में न आएं.

• खासकर पेड़ से गगरे फिों को खाने से बचें .

• इसके अिावा संक्रलमत सुअर और इंसानों के संपकक में न आएं.

• जजन इिाकों में ननपाह वायरस फैि गया है वहां जाने से बचें

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स्वस्थ रहें
खश
ु रहें
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