You are on page 1of 17

भारत शासन

अधधधनयम 1935
Sky Educare www.skyeducare.com

इस PDF में जो बातें धिखी गई उसको अच्छी प्रकार से


समझा कर पढाया भी गया है धजसके धिधियो YouTube
पर देखने के धिए YouTube पर “Sky Educare”
धिखकर सर्च करें और घर बैठे पढ़ें ....
• 1935 ई. का अधधधनयम काफ़ी िम्बा एिं
जधिि था ।
• इसमे 321 अनच्ु छेद और 10 अनस ु ूधर्यााँ थी ।
• संिध
ै ाधनक सध ु ारों क़ी श्ंख
ृ िा में यह धिधिश
शासन का अंधतम अधधधनयम था ।
े ताएं –
धिशष
• अधखि भारतीय संघ : - अधखि भारतीय संघ
क़ी व्यिस्था क़ी गई थी : यह संघ 11 धिधिश
प्रांतो, 6 र्ीफ कधमश्नर के क्षेत्रों और उन देशी
ररयासतों से धमिकर बनना था, जो स्िेच्छा से
संघ में सम्मधित हों. प्रांतों के धिए संघ में
सधम्मधित होना अधनिायच था, िेधकन देसी
ररयासतों के धिय यह एधच्छक था. असफि रही।
• तीन सूधर्यों का प्रािधान धकया गया जो धनम्न है –
1. केंद्रीय सूर्ी (इसमें 59 धिषय थे सरु क्षा, धिदेशी मामिे, मद्रु ा,
िाक एिं तार संघ िोक सेिा आधद।)
2. राज्य सूर्ी (इसमें 54 धिषय थे। धशक्षा, भू-राजस्ि, सािचजधनक
स्िास््य, न्याय, स्थानीय महत्ि के धिषय।)
3. समिती सूर्ी (इसमें 36 धिषय थे दीिानी एिं फौजदारी
कानून, धििाह, तिाक, कारखाने, श्म, कल्याण।)
• समिती सूर्ी में उल्िेधखत धिषयों पर केंद्रीय और
प्रांतीय दोनों सरकार कानून आ सकती थी धिरोध क़ी
धस्थधत में केंद्रीय सरकार द्वारा बनाया गया कानून भी
िागू होता था
• केंद्रीय सूर्ी में उल्िेधखत धिषयों पर केंद्र को कानून
बनाने का अधधकार प्राप्त था।
• इस अधधधनयम में संघ िोक सिे ा
आयोग क़ी धसफाररश क़ी गई।
• प्रांतीय स्िायत्ता - इस अधधधनयम के द्वारा
प्रांतो में द्वैध शासन व्यिस्था का अंत कर
उन्हें एक स्ितंत्र और स्िशाधसत संिधै ाधनक
आधार प्रदान धकया गया. (1935 के
अधधधनयम का यही एकमात्र भाग ऐसा था
धजसे धियांधित धकया गया था )
केंद्र में द्वैध शासन क़ी स्थापना - प्रान्तों से हिाकर
केंद्र में द्वैध शासन प्रणािी िागू क़ी गई। अधखि भारतीय संघीय
सरकार को धदया जाने िािे धिषयों को सरु धक्षत एिं स्थानांतररत
कर दो भागों में धिभक्त धकया गया कुछ संघीय धिषयों [ सरु क्षा,
िैदधे शक संबंध, धाधमचक मामिें] को गिनचर जनरि के हाथों में
सरु धक्षत रखा गया. अन्य संघीय धिषयों क़ी व्यिस्था के धिए
गिनचर- जनरि को सहायता एिं परामशच देने हेतु मंधत्रमंिि क़ी
व्यिस्था क़ी गई, जो मंधत्रमंिि व्यिस्थाधपका के प्रधत उत्तरदायी
था.
संघीय न्यायािय क़ी व्यिस्था - धदल्िी में 1 अक्िूबर
1935 को संघीय न्यायािय क़ी स्थापना क़ी गई , इसका
अधधकार क्षेत्र प्रांतों तथा ररयासतों तक धिस्तत
ृ था. इस
न्यायिय में एक मख् ु य न्यायाधीश तथा दो अन्य
न्यायाधीशों क़ी व्यिस्था क़ी गई. यह सिोच्र् न्यायािय
नहीं था इसके धनणचय के धिरुद्ध धप्रिी काउं धसि में अपीि
क़ी जा सकती थी, सिोच्र् न्यायािय के प्रथम मख् ु य
न्यायाधीश माररस ग्िायर बने।
• धिधिश संसद क़ी सिोच्र्ता - इस अधधधनयम में धकसी
भी प्रकार के पररितचन का अधधकार धिधिश संसद के
पास था. प्रांतीय धिधान मंिि और संघीय
व्यिस्थाधपका: इसमें धकसी प्रकार का पररितचन नहीं
कर सकते थे.
• केंद्र में उच्र् सदन के सदस्यों क़ी संख्या 260 और
धनम्न सदन के सदस्यों क़ी संख्या 375 कर दी गई।
• 11 गिनचर िािे प्रांतों के धिधानमंिि में से 6
धिधानमंिि धद्वसदनात्मक कर धदए गए शेष 5 प्रांतों में
धिधानमंिि एक सदनात्मक थे ।
• प्रांतीय धिधान मंिि के उच्र् सदन को धिधान पररषद
तथा धनम्न सदन को धिधानसभा कहा गया
• जनसंख्या के 15% भाग को मताधधकार प्राप्त हुआ।
सांप्रदाधयक धनिाचर्न पद्धधत का धिस्तार -
संघीय तथा प्रांतीय व्यिस्थाधपकाओ ं में धिधभन्न
सम्प्रदायों को प्रधतधनधधत्ि देने के धिए सांप्रदाधयक
धनिाचर्न पद्धधत को जारी रखा गया और उसका
धिस्तार आंग्ि भारतीयों - भारतीय ईसाइयों,
यूरोधपयनों और हररजनों के धिए भी धकया गया.
• भारत पररषद का अंत - इस अधधधनयम के द्वारा
भारत पररषद का अंत कर धदया गया.
• इस अधधधनयम में प्रस्तािना का आभाि था.
• इसके द्वारा बमाच को भारत से अिग कर धदया
गया, अदन को इं ग्िैंि के औपधनिेधशक
कायाचिय के अधीन कर धदया गया
• धिधिश प्रांतों क़ी संख्या 11 कर दी गई।
• पंधित नेहरू के अनस ु ार यह अधधधनयम ऐसा
इं जन था धजसके र्ारों ओर िेक िगे थे।
• ररजिच बैंक में रे ििे िैधाधनक सत्ता क़ी स्थापना
क़ी गई ।
दोस्तों इस PDF को आगे िोगों तक जरुर भेजें क्योधक
धिद्या एक ऐसा धन है जो बांिने से बढाता है .
दोस्तों आप को अन्य कोई PDF र्ाधहए तो आप हमें
WhatsApp नंबर पर बताएाँ „
WhatsApp : 9928549654

Sky Educare www.skyeducare.com

You might also like