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दिन ां क 19.06.

2018
विषय : भारत सरकार के उपक्रम ों के विए चेन्नई नराकास (उपक्रम) के स्थापना के बारे
में I

दिछले कई वर्षों से न ल्को नर क स (रे लवे ) क सिस्य रह थ I चेन्नई के सभी सरक री


उिक्रम और सरक री क र् ा लर् नर क स (रे लवे ) क सिस्य थे I सां गठन के बहुत बडे आक र के क रण,
ध्य न स्पष्ट नही ां थ I बहुत कदठन ई के स थ हम अब तक र जभ र्ष से सां बांदित क र्ा क प्रबां िन करने की
कोदिि कर रहे थे। भ रत सरक र र जभ र्ष दवभ ग , नई दिल्ली के क र् ा लर् ज्ञ िन दिन ां क 30.05.2017
के अनुस र चेन्नई नर क स (उिक्रम) स्थ दित दकर् गर् थ I चेन्नई नर क स (उिक्रम) के गठन के
ब ि, न ल्को स्वच दलत रूि से सिस्य बनI I इस सां बांि में दवत्त वर्षा 2018-19 के दलए उन्हें सिस्यत
िुल्क भी भे ज गर् थ । िूणाक दलक र जभ स अदिक री की अनुिस्स्थदत में हम िहले हम रे िदिणी िे त्रीर्
क र् ा लर् में आदिक ररक भ र्ष क र् ा न्वर्न की आवश्यकत को सही ढां ग से करने में कदठन ई क स मन कर
रहे थे। अब तक हम बहुत कदठन ई के स थ प्रबां िन कर रहे थे, दजसके क रण क र् ा न्वर्न के अिेदित और
प्र प्त स्तर के बीच बहुत अांतर थ I चेन्नई नर क स (उिक्रम) के गठन के ब ि आर्ोदजत सभी क र्ा क्रमोां
िर सदक्रर् रूि से अध्यि और दहां िी अदिक री क भ ग लेन अदनव र्ा बत र् गर् हे और सभी आदिक ररक
क र्ों को दनिे ि के अनुस र दिभ र्षी में दकर् ज न है I जनिस्ि की अनुिस्स्थदत में, जो दहां िी में सदक्रर्
रूि से क म कर सकत है , अब चेन्नई नर क स (उिक्रम) के ि र दनि ा ररत म नकोां को िूर करन असां भव
हो गर् है I व दर्षाक ररिोर्ा , त्रै म दसक ररिोर्ा के अल व अब सभी ित्र च र के दलए दिभ र्षी रूि से सां व ि
करने क दनिे ि है दजसमें नोर्िीर्, दनदवि िस्त वे ज, अां तर क र् ा लर् ज्ञ िन, स म न्य आिे ि और रदजस्ट्र रोां
के रखरख व, ईमेल इत्य दि ि दमल हैं । दहां िी में िर् ा प्त क मक जी ज्ञ न रखने व ले जनिस्ि की कमी के
क रण अब नर क स, चेन्नई ि र घोदर्षत सतह को िूर करन मुस्िल है I

र जभ र्ष अदिदनर्म की ि र 3(3) तथ र जभ र्ष दनर्म,1976 के दनर्म 6 क अनु ि लन करने


के दलए दनिे दित दकर् गर् हे I हम रे क र् ा लर् क रा व ई में र जभ र्ष के क र् ा न्वर्न के सां बांि में दकसी भी
सदमदत के दनरीिण से िहले स्स्थदत में सु ि र के दलए किम उठ ने च दहए, इस सां बांि में हम आिसे अनुरोि
करन च हते हैं दक कृिर् हम रे क र् ा लर् में दहां िी में प्रवीणत रखने व ले व्यस्ि को प्रि न करें ।

मृतुन्जर् ि त्र
सह र्क प्रबां िक(दविणन)

उि प्रबां िक

िे त्रीर् प्रबां िक

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