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श ा मनो व ान क

संपण
ू तैयार एक ह
पो ट मे
1)मनो व ान के जनक= व लयम जे स
2)आधु नक मनो व ान के जनक= व लयम जे स
3) कायवाद सा दाय के जनक= व लयम जे स
4)आ म स यय क अवधारणा= व लयम जे स
5) श ा मनो व ान के जनक= थानडाइक
6) यास एवं ु ट स धांत= थानडाइक
7) य न एवं भूल का स धांत= थानडाइक
8)संयोजनवाद का स धांत= थानडाइक
9)उ द पन-अनु या का स धांत= थानडाइक
10) S-R योर के ज मदाता= थानडाइक
11)अ धगम का ब ध स धांत= थानडाइक
12) संबंधवाद का स धांत= थानडाइक
13) श ण अंतरण का सवसम अवयव का स धांत= थानडाइक
14)बहु खंड बु ध का स धांत= थानडाइक
15) बने-साइमन बु ध पर ण के तपादक= बने एवं साइमन
16) बु ध पर ण के ज मदाता= बने
17) एक खंड बु ध का स धांत= बने
18) दो खंड बु ध का स धांत= पीयरमैन
19) तीन खंड बु ध का स धांत= पीयरमैन
20)सामा य व व श ट त व के स धांत के तपादक= पीयरमैन
21) बु ध का वय शि त का स धांत= पीयरमैन
22) -आयाम बु ध का स धांत= गलफोड
23)बु ध संरचना का स धांत= गलफोड
24) समूह खंड बु ध का स धांत= थ टन
25) यु म तुलना मक नणय व ध के तपादक= थ टन
26) मब ध अंतराल व ध के तपादक= थ टन
27) सम ि ट अ तर व ध के तपादक= थ टन व चेव
28) यादश या तदश(वग घटक) बु ध का स धांत= थॉमसन
29) पदानु मक( मक मह व) बु ध का स धांत= बट एवं वनन
30) तरल-ठोस बु ध का स धांत= आर. बी. केटल
31) तकारक ( वशेषक) स धांत के तपादक= आर. बी. केटल
32) बु ध ‘क’ और बु ध ‘ख’ का स धांत= है ब
33) बु ध इकाई का स धांत= टन एवं जॉनसन
34)बु ध लि ध ात करने के सु के तपादक= व लयम टन
35) संरचनावाद सा दाय के जनक= व लयम वु ट
36) योगा मक मनो व ान के जनक= व लयम वु ट
37) वकासा मक मनो व ान के तपादक= जीन पयाजे
38)सं ाना मक वकास का स धांत= जीन पयाजे
39) मलू व ृ य के स धांत के ज मदाता= व लयम मै डूगल
40)हा मक का स दा त= व लयम मै डूगल
41) मनो व ान को मन मि त क का व ान= प पोलॉजी
42) या सूत अनुबंधन का स दा त= ि कनर
43)स य अनब
ु ंधन का स दा त= ि कनर
44) अनुकू लत अनु या का स धांत= इवान पे ो वच पावलव
45) संबंध यावतन का स धांत= इवान पे ो वच पावलव
46) शा ीय अनुबंधन का स धांत= इवान पे ो वच पावलव
47) त थापक का स धांत= इवान पे ो वच पावलव
48) बलन(पुनबलन) का स धांत= सी. एल. हल
49) यवि थत यवहार का स धांत= सी. एल. हल
50)सबल करण का स धांत= सी. एल. हल
51) संपोषक का स धांत= सी. एल. हल
52) चालक /अंतन द( णोद) का स धांत= सी. एल. हल53) अ धगम का सू म स धा त= कोहलर
54) सझ
ू या अ त ि ट का स धांत= कोहलर, वद मर, को का
55)गे टा टवादस दाय के जनक= कोहलर, वद मर, को का
56) े ीय स धांत= ले वन
57) तल प का स धांत= ले वन
58) समूह ग तशीलता स यय के तपादक= ले वन
59)सामी य संबंधवाद का स धांत= गुथर
60) साईन( च न) का स धांत= टॉलमैन
61> स भावना स धांत के तपादक= टॉलमैन
62> अ म संगठक तमान के तपादक= डे वड आसुबेल
63> भाषायी सापे ता ा क पना के तपादक= हाफ
64> मनो व ान के यवहारवाद स दाय के जनक= जोहन बी. वाटसन
65> अ धगम या य हार स धांत के तपादक= लाक
66> सामािजक अ धगम स धांत के तपादक= अ बट बा डूरा
67> पन
ु राव ृ का स धांत= टे नले हॉल
68> अ धगम सोपानक के तपादक= गेने
69> वकास के सामािजक वतक= ए र सन
70> ोजे ट णाल से करके सीखना का स धांत= जान यूवी
71> अ धगम मनो व ान का जनक= ए वग हास
72> अ धगम अव थाओं के तपादक= जेरोम ूनर
73> संरचना मक अ धगम का स धांत= जेरोम न
ू र
74> सामा यीकरण का स धांत= सी. एच. जड
75> शि त मनो व ान का जनक= वॉ फ
76> अ धगम अंतरण का मू य के अ भ ान का स धांत= बगले
77> भाषा वकास का स धांत= चोम क
78> माँग-पू त(आव यकता पदानु म) का स धांत= मै लो (मा लो)
79> व-यथाथ करण अ भ ेरणा का स धांत= मै लो (मा लो)
80> आ म ान का स धांत= मै लो (मा लो)
81> उपलि ध अ भ ेरणा का स धांत= डे वड सी.मेि लएंड
82> ो साहन का स धांत= बो स व काफमैन
83> शील गुण( वशेष क) स धांत के तपादक= आलपोट
84> यि त व मापन का माँग का स धांत= हे नर मरु े
85> कथानक बोध पर ण व ध के तपादक= मोगन व मरु े

1.Psychology श द का सबसे पहले योग कया


– डो फ गॉलकाय वारा 1590 म
2. Psychology क थम पु तक Psychologia
लखी - डो फ गॉलकाय ने
3. Psychology श द क उ प हुई है – Psyche
+Logos यूनानी भाषा के दो श द से
4. व व क थम Psychology Lab – 1879 म
व लयम वट
ुं वारा जमनी म था पत
5. व व का थम बु ध पर ण – 1905 म बने
व साइमन वारा
* भारत का थम बु ध पर ण – 1922 म सी.
एच. राईस वारा
6. आधु नक मनो व ान का जनक – व लयम
जे स
7. आधु नक मनो व ान के थम
मनोवै ा नक – डेकाट
8. क डरगाटन व ध के तपादक – ोबेल
9. डा टन व ध के तपादक – मस हे लन

पाकह ट
10. मांटेसर व ध के तपादक – मैडम
मा रया मांटेसर
11. सं ाना मक आ दोलन के जनक – अ बट
बांडूरा
12. मनो व ान के व भ न स धांत/सं दाय
और उनके जनक –
गे टा टवाद (1912) – कोहलर, को का,
वद मर व ले वन
संरचनावाद (1879)– व लयम वट
ुं
यवहारवाद (1912) – जे. बी. वाटसन
मनो व लेशणवाद (1900) – सगमंड ायड
वकासा मक/सं ाना मक – जीन पयाजे
संरचना मक अ धगम क अवधारणा – जेरोम
ूनर
सामािजक अ धगम स धांत (1986) – अ बट
बांडूरा
संबंधवाद (1913) – थानडाईक
अनुकू लत अनु या स धांत (1904) –
पावलव
या सूत अनुबंधन स धांत (1938) –
ि कनर
बलन/पुनबलन स धांत (1915) – हल
अ त ि ट/सूझ स धांत (1912) - कोहलर
13. यि तत व मापन क मुख ेपी
व धयाँ
ासं गक
अंतब ध
पर ण
(T.A.T.)
बाल अंतब ध
पर ण
(C.A.T.)
याह ध बा पर ण (I.B.T.)
वा य पू त पर ण (S.C.T.)
14. यि तत व मापन क मुख अ ेपी
व धयाँ
अनुसच
ू ी
नावल
सा ा कार
आ मकथा व ध
यि त इ तहास व ध
नर ण
समाज म त
शार रक पर ण
व न व लेषण
मानदं ड मू यांकन व ध
वंत साहचय पर ण (F.W.A.T.)
15. बु ध के स धांत और उनके तपादक –
एक ख ड का / नरं कुशवाद स धांत (1911) –
बने, टरमन व टन
व ख ड का स धांत (1904) – पीयरमैन
तीन ख ड का स धांत – पीयरमैन
बहु ख ड का स धांत – थानडाईक
समूह कारक स धांत – थ टन व कैल
16. बु ध लि ध (I.Q.) ात करने का सू –
बु ध लि ध (I.Q.) = मान सक आयु (M.A.)/
वा त वक आयु (C.A.)×100
17. बु ध लि ध (I.Q.) ात करने के सू का
तपादक – व लयम टन (1912)
18. बु ध लि ध (I.Q.) ात करने के सू का
सव थम योग – (1916)
19. बु ध लि ध (Intelligent Quotient) श द का
सव थम योग – टरमन
20. मान सक आयु (Mental Age) श द का
सव थम योग – बने (1908)
21. वैयि तक भाषा मक बु ध पर ण/
पर ाएँ –
बने-साइमन बु ध पर ण – बने & थयोडर
साइमन (1905,1908,1911)
टे नफोड- बने केल – टे नफोड व. व. म
बने वारा (1916,1937,1960)
22. वैयि तक या मक बु ध पर ण/
पर ाएँ –
पो टयस भल
ू -भूलैया पर ण – एस. डी.
पो टयस (1924)
वै लर-वै यब
ू बु ध पर ण – डी. वै लवर
(1944,1955)
23. सामू हक भाषा मक बु ध पर ण/
पर ाएँ –
आम अ फ़ा पर ण – आथर एस. ओ टस
(1917)
सेना सामा य वग करण (A.G.C.T.) - (1945)
24. सामू हक या मक बु ध पर ण/
पर ाएँ –
आम बीटा पर ण - आथर एस. ओ टस
(1919)
शकागो या मक बु ध पर ण – 6 वष
से वय क क बु ध का मापन
25. ‘ ह द ु तानी या पर ण’ - (1922) सी.
एच. राईस

श ा मनो व ान नो स

1)मनो व ान के जनक= व लयम जे स


2)आधु नक मनो व ान के जनक= व लयम जे स
3) कायवाद सा दाय के जनक= व लयम जे स
4)आ म स यय क अवधारणा= व लयम जे स
5) श ा मनो व ान के जनक= थानडाइक
6) यास एवं ु ट स धांत= थानडाइक
7) य न एवं भूल का स धांत= थानडाइक
8)संयोजनवाद का स धांत= थानडाइक
9)उ द पन-अनु या का स धांत= थानडाइक
10) S-R योर के ज मदाता= थानडाइक
11)अ धगम का ब ध स धांत= थानडाइक
12) संबंधवाद का स धांत= थानडाइक
13) श ण अंतरण का सवसम अवयव का स धांत= थानडाइक
14)बहु खंड बु ध का स धांत= थानडाइक
15) बने-साइमन बु ध पर ण के तपादक= बने एवं साइमन
16) बु ध पर ण के ज मदाता= बने
17) एक खंड बु ध का स धांत= बने
18) दो खंड बु ध का स धांत= पीयरमैन
19) तीन खंड बु ध का स धांत= पीयरमैन
20)सामा य व व श ट त व के स धांत के तपादक= पीयरमैन
21) बु ध का वय शि त का स धांत= पीयरमैन
22) -आयाम बु ध का स धांत= गलफोड
23)बु ध संरचना का स धांत= गलफोड
24) समूह खंड बु ध का स धांत= थ टन
25) यु म तुलना मक नणय व ध के तपादक= थ टन
26) मब ध अंतराल व ध के तपादक= थ टन
27) सम ि ट अ तर व ध के तपादक= थ टन व चेव
28) यादश या तदश(वग घटक) बु ध का स धांत= थॉमसन
29) पदानु मक( मक मह व) बु ध का स धांत= बट एवं वनन
30) तरल-ठोस बु ध का स धांत= आर. बी. केटल
31) तकारक ( वशेषक) स धांत के तपादक= आर. बी. केटल
32) बु ध ‘क’ और बु ध ‘ख’ का स धांत= है ब
33) बु ध इकाई का स धांत= टन एवं जॉनसन
34)बु ध लि ध ात करने के सु के तपादक= व लयम टन
35) संरचनावाद सा दाय के जनक= व लयम वु ट
36) योगा मक मनो व ान के जनक= व लयम वु ट
37) वकासा मक मनो व ान के तपादक= जीन पयाजे
38)सं ाना मक वकास का स धांत= जीन पयाजे
39) मल
ू व ृ य के स धांत के ज मदाता= व लयम मै डूगल
40)हा मक का स दा त= व लयम मै डूगल
41) मनो व ान को मन मि त क का व ान= प पोलॉजी
42) या सूत अनुबंधन का स दा त= ि कनर
43)स य अनब
ु ंधन का स दा त= ि कनर
44) अनुकू लत अनु या का स धांत= इवान पे ो वच पावलव
45) संबंध यावतन का स धांत= इवान पे ो वच पावलव
46) शा ीय अनब
ु ंधन का स धांत= इवान पे ो वच पावलव
47) त थापक का स धांत= इवान पे ो वच पावलव
48) बलन(पुनबलन) का स धांत= सी. एल. हल
49) यवि थत यवहार का स धांत= सी. एल. हल
50)सबल करण का स धांत= सी. एल. हल
51) संपोषक का स धांत= सी. एल. हल
52) चालक /अंतन द( णोद) का स धांत= सी. एल. हल
53) अ धगम का सू म स धा त= कोहलर
54) सूझ या अ त ि ट का स धांत= कोहलर, वद मर, को का
55)गे टा टवाद स दाय के जनक= कोहलर, वद मर, को का
56) े ीय स धांत= ले वन
57) तल प का स धांत= ले वन
58) समूह ग तशीलता स यय के तपादक= ले वन
59)सामी य संबंधवाद का स धांत= गुथर
60) साईन( च न) का स धांत= टॉलमैन
61> स भावना स धांत के तपादक= टॉलमैन
62> अ म संगठक तमान के तपादक= डे वड आसब
ु ेल
63> भाषायी सापे ता ा क पना के तपादक= हाफ
64> मनो व ान के यवहारवाद स दाय के जनक= जोहन बी. वाटसन
65> अ धगम या य हार स धांत के तपादक= लाक
66> सामािजक अ धगम स धांत के तपादक= अ बट बा डूरा
67> पुनराव ृ का स धांत= टे नले हॉल
68> अ धगम सोपानक के तपादक= गेने
69> वकास के सामािजक वतक= ए र सन
70> ोजे ट णाल से करके सीखना का स धांत= जान यूवी
71> अ धगम मनो व ान का जनक= ए वग हास
72> अ धगम अव थाओं के तपादक= जेरोम ूनर
73> संरचना मक अ धगम का स धांत= जेरोम न
ू र
74> सामा यीकरण का स धांत= सी. एच. जड
75> शि त मनो व ान का जनक= वॉ फ
76> अ धगम अंतरण का मू य के अ भ ान का स धांत= बगले
77> भाषा वकास का स धांत= चोम क
78> माँग-पू त(आव यकता पदानु म) का स धांत= मै लो (मा लो)
79> व-यथाथ करण अ भ ेरणा का स धांत= मै लो (मा लो)
80> आ म ान का स धांत= मै लो (मा लो)
81> उपलि ध अ भ ेरणा का स धांत= डे वड सी.मेि लएंड
82> ो साहन का स धांत= बो स व काफमैन
83> शील गुण( वशेष क) स धांत के तपादक= आलपोट
84> यि त व मापन का माँग का स धांत= हे नर मरु े
85> कथानक बोध पर ण व ध के तपादक= मोगन व मरु े
86> ासं गक अ तब ध पर ण (T.A.T.) व धके तपादक = मोगन व मुरे87> बाल -अ तब ध पर ण (C.A.T.)
व ध के तपादक= लयोपो ड बैलक
88> रोशा याह बा पर ण (I.B.T.) व धके तपादक = हरमन रोशा
89> वा य पू त पर ण (S.C.T.) व ध के तपादक= पाईन व टडलर
90> यवहार पर ण व ध के तपादक= मे एवं हाटशान
91> कं डरगाटन(बालो यान ) व ध के तपादक= ोबेल
92> खेल णाल के ज मदाता= ोबेल
93> मनो व लेषण व ध के ज मदाता= सगमंड ायड
94> व न व लेषण व ध के तपादक= सगमंड ायड
95> ोजे ट व ध के तपादक= व लयम हेनर ि लपे
96> मापनी भेदक व ध के तपादक= एडव स व ि लपे क
97> डा टन व ध क तपादक= मस हे लेन पाकह ट
98> मांटेसर व ध क तपादक= मेडम मा रया मांटेसर
99> डे ोल व ध के तपादक= ओ वड डे ोल
100> वने टका(इकाई) व ध के तपादक= कालटन वाशबन
101> यू रि टक व ध के तपादक= एच. ई. आम ांग
102> समाज म त व ध के तपादक= जे. एल. मोरे नो
103> योग नधारण व ध के तपादक= लकट
104> केलो ाम व ध के तपादक= गटमैन
105> वभेद शाि दक व ध के तपादक= आसगड

106> वतं श द साहचय पर ण व ध के तपादक= ां सस गा टन
107> टे नफोड- बने केल पर ण के तपादक= टरमन
108> पोर टयस भूल-भुलैया पर ण के तपादक= एस.डी. पोर टयस
109> वे लर-वे यब
ू बु ध पर ण के तपादक= डी.वे लवर
110> आम अ फा पर ण के तपादक= आथर एस. ओ टस
111> आम बटा पर ण के तपादक= आथर एस. ओ टस
112> ह द ु तानी बने या पर ण के तपादक= सी.एच.राइस
113> ाथ मक वग करण पर ण के तपादक= जे. मनरो
114> बाल अपराध व ान का जनक= सीजर लो सो
115> वंश सु के नयम के तपादक= मडल
116> ेल ल प के तपादक= लुई ेल
117> साहचय स धांत के तपादक= एले जडर बैन
118> “सीखने के लए सीखना” स धांत के तपादक= हल
119> शर र रचना का स धांत= शै डन
120> यि त व मापन के जीव स धांत के तपादक-गो ड ट न।

: तपादक
=> मनो व ान के जनक
= व लयम जे स
=> आधु नक मनो व ान के जनक
= व लयम जे स
=> कायवाद सा दाय के जनक
= व लयम जे स
=> आ म स यय क अवधारणा
= व लयम जे स
=> श ा मनो व ान के जनक
= थानडाइक
=> यास एवं ु ट स धांत
= थानडाइक
=> य न एवं भूल का स धांत
= थानडाइक
=> संयोजनवाद का स धांत
= थानडाइक
=> उ द पन-अनु या का स धांत
= थानडाइक
=> S-R योर के ज मदाता
= थानडाइक
=> अ धगम का ब ध स धांत
= थानडाइक
=> संबंधवाद का स धांत
= थानडाइक
=> श ण अंतरण का सवसम अवयव का स धांत
= थानडाइक
=> बहु खंड बु ध का स धांत
= थानडाइक
=> बने-साइमन बु ध पर ण के तपादक
= बने एवं साइमन
=> बु ध पर ण के ज मदाता
= बने
=> एक खंड बु ध का स धांत
= बने
=> दो खंड बु ध का स धांत
= पीयरमैन
=> तीन खंड बु ध का स धांत
= पीयरमैन
=> सामा य व व श ट त व के स धांत के तपादक
= पीयरमैन
=> बु ध का वय शि त का स धांत
= पीयरमैन
=> -आयाम बु ध का स धांत
= गलफोड
=> बु ध संरचना का स धांत
= गलफोड
=> समूह खंड बु ध का स धांत
= थ टन
=> यु म तल
ु ना मक नणय व ध के तपादक
= थ टन
=> मब ध अंतराल व ध के तपादक
= थ टन
=> सम ि ट अ तर व ध के तपादक
= थ टन व चेव
=> यादश या तदश(वग घटक) बु ध का स धांत
= थॉमसन
=> पदानु मक( मक मह व) बु ध का स धांत
= बट एवं वनन
=> तरल-ठोस बु ध का स धांत
= आर. बी. केटल
=> तकारक ( वशेषक) स धांत के तपादक
= आर. बी. केटल
=> बु ध ‘क’ और बु ध ‘ख’ का स धांत
= हैब
=> बु ध इकाई का स धांत
= टन एवं जॉनसन
=> बु ध लि ध ात करने के सु के तपादक
= व लयम टन
=> संरचनावाद सा दाय के जनक
= व लयम वु ट
=> योगा मक मनो व ान के जनक
= व लयम वु ट
=> वकासा मक मनो व ान के तपादक
= जीन पयाजे
=> सं ाना मक वकास का स धांत
= जीन पयाजे
=> मल
ू व ृ य के स धांत के ज मदाता
= व लयम मै डूगल
=> हा मक का स दा त
= व लयम मै डूगल
=> मनो व ान को मन मि त क का व ान
= प पोलॉजी
=> या सूत अनुबध
ं न का स दा त
= ि कनर
=> स य अनब
ु ंधन का स दा त
= ि कनर
=> अनुकू लत अनु या का स धांत
= इवान पे ो वच पावलव
=> संबंध यावतन का स धांत
= इवान पे ो वच पावलव
=> शा ीय अनब
ु ंधन का स धांत
= इवान पे ो वच पावलव
=> त थापक का स धांत
= इवान पे ो वच पावलव
=> बलन(पुनबलन) का स धांत
= सी. एल. हल
=> यवि थत यवहार का स धांत
= सी. एल. हल
=> सबल करण का स धांत
= सी. एल. हल
=> संपोषक का स धांत
= सी. एल. हल
=> चालक / अंतन द( णोद) का स धांत
= सी. एल. हल
=> अ धगम का सू म स धा त
= कोहलर
=> सझ
ू या अ त ि ट का स धांत
= कोहलर, वद मर, को का
=> गे टा टवाद स दाय के जनक
= कोहलर, वद मर, को का
=> े ीय स धांत
= ले वन
=> तल प का स धांत
= ले वन
=> समहू ग तशीलता स यय के तपादक
= ले वन
=> सामी य संबंधवाद का स धांत
= गथ
ु र
=> साईन( च न) का स धांत
= टॉलमैन
=> स भावना स धांत के तपादक
= टॉलमैन
=> अ म संगठक तमान के तपादक
= डे वड आसुबेल
=> भाषायी सापे ता ा क पना के तपादक
= हाफ
=> मनो व ान के यवहारवाद स दाय के जनक
= जोहन बी. वाटसन
=> अ धगम या य हार स धांत के तपादक
= लाक
=> सामािजक अ धगम स धांत के तपादक
= अ बट बा डूरा
=> पुनराव ृ का स धांत
= टे नले हॉल
=> अ धगम सोपानक के तपादक
= गेने
=> वकास के सामािजक वतक
= ए र सन
=> ोजे ट णाल से करके सीखना का स धांत
= जान यवू ी
=> अ धगम मनो व ान का जनक
= ए वग हास
=> अ धगम अव थाओं के तपादक
= जेरोम नू र
=> संरचना मक अ धगम का स धांत
= जेरोम न
ू र
=> सामा यीकरण का स धांत
= सी. एच. जड
=> शि त मनो व ान का जनक
= वॉ फ
=> अ धगम अंतरण का मू य के अ भ ान का स धांत
= बगले
=> भाषा वकास का स धांत
= चोम क
=> माँग-पू त(आव यकता पदानु म) का स धांत
= मै लो (मा लो)
=> व-यथाथ करण अ भ ेरणा का स धांत
= मै लो (मा लो)
=> आ म ान का स धांत
= मै लो (मा लो)
=> उपलि ध अ भ ेरणा का स धांत
= डे वड सी.मेि लएंड
=> ो साहन का स धांत
= बो स व काफमैन
=> शील गुण( वशेष क) स धांत के तपादक
= आलपोट
=> यि त व मापन का माँग का स धांत
= हेनर मरु े
=> कथानक बोध पर ण व ध के तपादक
= मोगन व मुरे
=> ासं गक अ तब ध पर ण (T.A.T.) व ध के
तपादक = मोगन व मुरे
=> बाल -अ तब ध पर ण (C.A.T.) व ध के तपादक
= लयोपो ड बैलक
=> रोशा याह बा पर ण (I.B.T.) व ध के
तपादक = हरमन रोशा
=> वा य पू त पर ण (S.C.T.) व ध के तपादक
= पाईन व टडलर
=> यवहार पर ण व ध के तपादक
= मे एवं हाटशान
=> कं डरगाटन(बालो यान ) व ध के तपादक
= ोबेल
=> खेल णाल के ज मदाता
= ोबेल
=> मनो व लेषण व ध के ज मदाता
= सगमंड ायड
=> व न व लेषण व ध के तपादक
= सगमंड ायड
=> ोजे ट व ध के तपादक
= व लयम हेनर ि लपे क
=> मापनी भेदक व ध के तपादक
= एडव स व ि लपे क
=> डा टन व ध क तपादक
= मस हेलेन पाकह ट
=> मांटेसर व ध क तपादक
= मेडम मा रया मांटेसर
=> डे ोल व ध के तपादक
= ओ वड डे ोल
=> वने टका(इकाई) व ध के तपादक
= कालटन वाशबन
=> यू रि टक व ध के तपादक
= एच. ई. आम ांग
=> समाज म त व ध के तपादक
= जे. एल. मोरे नो
=> योग नधारण व ध के तपादक
= लकट
=> केलो ाम व ध के तपादक
= गटमैन
=> वभेद शाि दक व ध के तपादक
= आसगडु
=> वतं श द साहचय पर ण व ध के तपादक
= ां सस गा टन
=> टे नफोड- बने केल पर ण के तपादक
= टरमन
=> पोर टयस भल
ू -भुलैया पर ण के तपादक
= एस.डी. पोर टयस
=> वे लर-वे यब
ू बु ध पर ण के तपादक
= डी.वे लवर
=> आम अ फा पर ण के तपादक
= आथर एस. ओ टस
=> आम बटा पर ण के तपादक
= आथर एस. ओ टस
=> ह द ु तानी बने या पर ण के तपादक
= सी.एच.राइस
=> ाथ मक वग करण पर ण के तपादक
= जे. मनरो
=> बाल अपराध व ान का जनक
= सीजर लो सो
=> वंश सु के नयम के तपादक
= मडल
=> ेल ल प के तपादक
= लईु ेल
=> साहचय स धांत के तपादक
= एले जडर बैन
=> “सीखने के लए सीखना” स धांत के तपादक
= हल
=> शर र रचना का स धांत
= शै डन
=> यि त व मापन के जीव स धांत के तपादक
= गो ड ट न
: श ा मनो व ान भाग- 1 याद करने क (TRICK)
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श ा मनो व ान (Educational Psychology) :"मनो व ान सीखने से स बं धत मानव वकास के 'कैसे सीखा जाए'
क या या करती है , श ा सीखने के ' या सखा जाए' को दान करने क चे टा करती है।"
- ो व ो
मनो व ान मानव यवहार का अ ययन करता है और श ा मानव यवहार म प रवतन करती है , अतः श ा और
मनो व ान म गहन स ब ध है ।
श ा या है?
श ा श द सं कृत के ' श ्' धातु से बना है , िजसका अथ है :
सीखना अं ेजी श द एजक
ु े शन (Education) लै टन भाषा के एडुकेयर (Educare) एवं एडुसीयर (Educere) से बना है ,
िजसका अथ है 'नेत ृ व दे ना, बाहर लाना'
TRICK : MEL (Motivation & Education both are origin from Latin word)
भारतीय मनी षय ने 'सा व या या वमु तये' कहकर श ा को मुि त का साधन माना है । गाँधीजी ने श ा
सवागीण वकास (आ मा, शर र और मि त क के वकास) क या माना है।
श ा बालक म अ त न हत शि तय को उभारकर उ ह पूण वक सत करती है ।
श ा का अथ :
(A). संकु चत स दभ म ( ाचीन ि टकोण) :
1. 19वीं सद के उ रा ध (1879) तक
2. औपचा रक श ा ( कताबी ान)
3. श ा व यालय तक सी मत
4. ाना मक प पर बल
5. सै धाि तक प पर बल
(B). यापक स दभ म (नवीन ि टकोण) :
1. 1879 से अब तक (20वीं सद )
2. अनौपचा रक श ा
3. श ा जीवन पय त
4. सवागीण वकास पर बल
5. यावहा रक प पर बल

मनो व ान या है ?
मनो व ान के अं ेजी पयाय साइकोलॉजी (Psychology) श द क उ प यन
ू ानी ( ीक) भाषा केसाइक (Psyche)
और लोगस (Logos) से हुई है ।साइक का अथ है 'आ मा' और लोगस का अथ है 'अ ययन'। अतः मनो व ान का
शाि दक अथ है 'आ मा का अ ययन'।
अमर क व वान व लयम जे स (1842-1910) ने मनो व ान को दशनशा के शकंजे से मु त कर एक वतं
व या का प दया। इस लए इ हे मनो व ान का जनकमाना जाता है ।
मनो व ान क उ प दशनशा के अंग के प म हुई। काला तर म मनो व ान के अथ म प रवतन होता गया।
जो इस कार है :
1. आ मा का व ान : अर तू, लेटो, अ र टोटल औरडेकोट आ द यूनानी दाश नको ने मनो व ान को आ मा का
व ान माना, क तु आ मा क कृ त क अ प टता के कारण 16वीं शता द म मनो व ान का यह अथ अ वीकृत
कर दया गया।
TRICK-"आ मा से आप यू अड़े"
1. आ मा से-इन सभी दाश नको ने मनो व ान को आ मा का व ान माना
2. आ-अर तू (दाश नक)
3. प- लेटो (दाश नक)
4. यू-यूनानी दाश नक थे सभी
5. अ-अ र टोटल (दाश नक)
6. डे-डेकाट (दाश नक)
2. मि त क का व ान : 17वीं शता द म दशनीको ने मनो व ान को मन या मि त क का व ान कहा। इनमे
इटल के स ध दाश नक पॉ पोनॉजी के अलावा लॉक और बकल भी मुख है । कोई भी व वान मन क कृ त
तथा व प का नधारण नह कर सका, अतः यह प रभाषा भी मा यता नह पा सक ।
TRICK-"पलक क बाई मि त म"
1. प-पॉ पोनॉजी (दाश नक)
2. लक-लॉक (दाश नक)
क -silent
3. बा-बकल (दाश नक)
4. इटल -यह इटल के स ध दाश नक थे
5. मि त-इन सभी दाश नको ने मनो व ान को मि त क का व ान माना
3. चेतना का व ान : 19वीं शता द के मनो व ानक व लयम वु ट, व लयम जे स, वाइ स और जे स स ल आ द
ने मनो व ान को चेतना का व ान माना। इनका मानना था, क मनो व ान मनु य क चेतन याओ का
अ ययन करता है ।
मनो व ान केवल चेतन मन का ह नह , बि क अचेतन और अवचेतन आ द याओ का अ ययन भी करता है।
मनो व ान का यह अथ सी मत होने के कारण सवमा य न हो सका। मै डूगल ने अपनी पु तक 'आउटलाइन
साइकोलॉजी' म चेतना श द क कड़ी आलोचना क ।

TRICK-"चेतना को व लयम ने सजवाइ"


1. चेतना-इन सभी दाश नको ने मनो व ान को चेतना का व ान माना
को-silent
2. व लयम- व लयम वु ट
ने-silent
3. स-स ल अथात जे स स ल (दाश नक)
4. ज-जे स अथात व लयम जे स (दाश नक)
5. वाइ-वाइ स (दाश नक)
4. यवहार का व ान : 20वीं शता द के ारि भक दौर म मनो व ान के अनेक अथ सुझाए गए, इनमे से
"मनो व ान यवहार का व ान है ।" अथ सवा धक मा य रहा। इस स ब ध म कुछ मह वपण
ू प रभाषाएँ
न न ल खत है :
1. वाटसन : मनो व ान, यवहार का नि चत व ान है ।
2. वडु वथ : मनो व ान वातावरण के स ब ध म यि त क याओ का वै ा नक अ ययन है ।
3. ि कनर : मनो व ान, जीवन क सभी कार क प रि थ तय म ाणी क याओं का अ ययन करता है । or
मनो व ान, यवहार और अनुभव का व ान है ।
4. मन : आधु नक मनो व ान का स ब ध यवहार क वै ा नक खोज से है।
5. ो व ो : मनो व ान मानव यवहार और मानव स ब धो का अ ययन है ।
6. मै डूगल : मनो व ान जी वत व तओ
ु के यवहार का वधायक व ान है।
उपयु त त य के आधार पर हम वुडवथ के श द म इस न कष पर पहुँचते है :
"सबसे पहले मनो व ान ने अपनी आ मा का याग कया। फर उसने अपने मन या मि त क का याग कया।
उसके बाद उसने चेतना का याग कया। अब वह यवहार क व ध को वीकार करता है ।"
TRICK- सवम ( शवम) यवहार म वुड (लकड़ी/wood सा कठौर) के जैसा"
1. स-ि कनर (दाश नक)
2. व-वाटसन (दाश नक)
3. म-मन (दाश नक)
4. यवहार-इन सभी ने मनो व ान को यवहार का व ान माना
5. म-मै डूगल (दाश नक)
6. वुड-वडु वथ (दाश नक)
7. के- ो व ो (दाश नक)
जैसा-silent

श ा मनो व ान भाग-II
श ा मनो व ान का शाि दक अथ है :
श ा स ब धी मनो व ान अथात यह श ा क या म मानव यवहार का अ ययन करने वाला व ान है ।
श ा मनो व ान के अथ का व लेषण करने के लए ि कनर ने न न ल खत त य तुत कए है :
1. श ा मनो व ान का क मानव यवहार है ।
2. श ा मनो व ान खोज और न र ण से ा त त य का सं ह करता है ।
3. श ा मनो व ान संगहृ त ान को स धा त प दे ता है ।
4. श ा मनो व ान श ा क सम याओ के समाधान के लए प ध तय का तपादन करता है।

श ा मनो व ान क प रभाषाएँ :
1. ि कनर : श ा मनो व ान के अंतगत श ा से स बि धत स पूण यवहार और यि त व आ जाता है ।
2. ो व ो : श ा मनो व ान, यि त के ज म से व ृ धाव था तक सखाने के अनुभव का वणन और या या
करता है ।
3. कॉलस नक : श ा मनो व ान, मनो व ान के स धा त और अनुस धान का श ा म योग है।
4. ट फन : श ा मनो व ान शै णक वकास का मक अ ययन है ।
5. सॉरे व टे लफ़ोड : श ा मनो व ान का मु य स ब ध सखने से है। यह मनो व ान का वह अंग है , जो श ा
के मनोवै ा नक पहलुओ क वै ा नक खोज से वशेष प से स बि धत है ।
उपयु त प रभाषाओं के आधार पर कहा जा सकता है , क :
1. श ा मनो व ान शै क प रि थ तय म मानव यवहार का अ ययन करता है ।
2. श ा मनो व ान श ण अ धगम क या को अ धक सरल व सुगम बनाता है ।
3. श ा मनो व ान क कृ त वै ा नक है , य क इसके अ ययन म वै ा नक व धय का योग होता है ।
4. श ा मनो व ान म मनो व ान के स धांतो व व धय का योग होता है ।

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