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राष्ट्रीय मनुष्य अिद्वतीय प्राप्त ध्वजा त्याग िवद्यालय काव्य प्रस्ताव स्वभाव सम्मान

क्रीड़ा क्लेष आक्रांत वीभत्स बुिद्ध समृिद्ध व्यिक्त अन्वेषण अनुगृही वृक्ष वस्तुतः
अनुप्रेक्षी प्रिदप्त प्रदीप प्रज्ञा मत्यर् गंध अध्याय कृष्ण अज्ञ आराध्य द्वारा
घिनष्ठ सारयुक्त ग्रंथ वेदान्त भिक्त अग्रगण्य िविछन्न िशष्य िमश्रण सवर्था सम्पूणर्
गुह्य उद्देश्य वणर्न साक्षी स्वरूप संस्तिु त पाश्वर् वैद्य अंत्योदय अघ्यर् श्रुित
िवस्मृत अन्वय पृथक सृजन िजह्वा श्रवण राित्र क्षमा भक्षक नेत्र क्षुद्र
आिश्रत त्रस्त त्राण त्रुिट स्त्री गायत्री यज्ञ श्रिमक श्रद्धा आज्ञा अज्ञेय
शत्रु िमत्र िचत्र चैत्र िचन्ह वृक्ष क्षेम क्षमा पृथक आषर् िवद्युत
भायार् िविभन्न सृिष्ट अिग्न िवस्मृत कष्ट कृषक वीयर् िवष्णु उन्नत तृष्णा
व्योम संकीणर् उद्दात्त नगण्य ग्रहण युद्ध िवषाद िनगुर्ण अनुग्रह अनुनय श्रेष्ठ
श्रेय िवधा िनष्ठा प्रोक्ता िनष्पाप अश्नुत किश्चत क्षण ितष्ठती संयम्य स्मरण
िमथ्या छद्म व्ययस्था व्यिक्त अथार्त प्रगित सवर्स्व त्याग अिपतु सवर्स्व क्रमशः
अजुर्न िमथ्या िक्लश्ट िनिदर् ष्ट धमर् गृहस्थ अतः कतर्व्य प्रकृित पुरुष इं द्र
शस्त्र िनवार्ह ग्रस्त दू िषत अन्यत्र मुक्त ऋण हस्त ित्रिवध ित्रदेव ित्रशूल
ित्रकोण ह्यस्य द्वे षो अनुष्ठी प्रयुक्त प्रयोग प्रमाण प्रपंच प्रणव अघ्यर् प्रणीित
यद्यिप प्रवृत्त स्वभाव उत्पन्न क्रोध भक्षी िजज्ञाषा संसगर् गभर् दपर्ण अपर्ण
तपर्ण आवृत शून्य िशशु जंघा घृणा एषः स्थान स्वजन स्नान साक्षी
उत्कंठा उिद्वग्न झरोखा विणर् त िस्थर स्वप्न दंत तृतीय चतुथर् षष्ठी सप्तमी
अष्टम नवम एकादशी द्वादशी त्रयोदशी चतुदर्शी पंचदश षोडश िनष्णात कृित्रम सूयर्
यंत्र तंत्र प्रदान आज्ञा भाष्य अनन्त ईक्ष ऋिष किनष्ठ ज्येष्ठ दुष्कृताम
त्यक्त उपािश्रत पाथर् िक्षप्र िसिद्ध अव्यय नृिसं घ स्पृहा बध्यते सृष्टा ज्ञात्वा
मोक्ष पश्य युक्त िनत्य िनराश्रय िकंिचत संतुष्ट कृत्वा ब्रह्म पयुर् श्रोत्र
गृहस्थ द्रव्य प्रवृत्त अपर्ण क्षिपत ज्ञात्वा द्रक्ष पाण्डु पिरत्राण संशय छद्म
क्षुधा मुिक्त ज्ञेयः िनद्वर्ं द बृही द्वं द्व सांख्य कृित्रम तत्व स्पशर् स्वाँस
िनिमष संगम आयुक्त स्मशान आवृतम मुह्यत
ं ी ऐषाम ग्रहण प्रकट पूणर् ईश्वर
तत्व अग्रसर द्रष्टा श्रोता िवशेषज्ञ यथाथर् साक्ष सारांश ऊष्ण ककर् विरश्च
वृतांत मूढ़ अग्र समग्र तुिष्ट सिहष्णु त्र्यम्बक त्राण प्राण अपाण धनुधर्र
श्लाघ्य मुक्तक िवस्मरण िवस्मृत नैवैद्य द्रुत िवध्वंस िनरुक्त शत्रुघ्न विह्न रौद्र
पृथक पृथ्वी पाथर् द्रुप मिस्तष्क अिभन्न वज्र क्लेष िनिणर् मेष तुयर् शुभ्र
आद्यांत शीतोष्ण त्यज्य ध्यान अिक्रया घूणर् ित्रज़्या छटाँक छु द्र कतर्व्य सत्य
लुप्त गुप्त शीघ्र युग्म िवप्लव उग्र िवघ्न तात्पयर् पाठ्य पत्ता तथ्य
तकर् श्रुित समग्र पद्धित वतर्नी व्युत्पित्त अन्न यद्यिप तथािप इकठ्ठा िनघंटु
प्रौढ़ उत्कृष्ट अद्यतन शुष्क आद्रर् िवशेषण शयन संकीणर् व्यथा तोष शल्भ
उद्धार मनुष्य उच्चारण िरक्त रुद्ध रूद्र रौद्र रोद्र रूद्रन भ्रामक भ्रमण
भिवष्य भूँज भ्रम भ्रिमत व्यय कारुण्य िक्रतान्त कृित्रम क्रिमक आक्रांत कृिषक

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