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सीबीएसई

क ा - 8 िहंदी आदश न प (सेट-ए)


स - 2016-17
इ था कूल)

सामा य िनदश:

इस न-प के चार खंड ह- क, ख, ग और घ। चार खंड के उ र देना अिनवाय है।


न के सभी उपभाग के उ र मशः दी जए।
इस न प म 20 न ह।
भाषा क शु ता और लखावट का िवशेष यान र खए।

खंड-क

1. िन न ल खत ग ांश पढ़कर िदए गए न के उ र ल खए।

हमारे भारत का िकसान एक स चा देश ेमी है। वह सारे रा का पालन कर रहा है। वै ािनक ि से उ ित के फल व प हमारे
कृिष-वै ािनक उ म िक म के नए बीज तथा यादा अनाज देने वाली फसल उगाने के लए नई-नई तकनीक क खोज करने म
लगे ह। अब इन कृिष-वै ािनक के कारण उ म बीज , रासायिनक खाद तथा आधुिनक खेती के औज़ार क मदद से खेती-बाड़ी
के काम को बढ़ाया जा रहा है। आज का भारतीय िकसान खा सम या का समाधान करने के लए तैयार है। अब हमारे देश म कृिष
को अ य उ ोग क भाँित माना जा रहा है। सरकार का सदा यही य न रहता है िक खेती के उ ोग को ही ाथिमकता दान क
जाए। इस म म सरकार िकसान को खेती के काम म बढ़ावा देने के लए स ते याज पर ऋण देने के लए यास कर रही है। कृिष
काय के लए वह बीज, उपकरण जैसी अ य सुिवधाएँ भी िकसान को देने क कोिशश कर रही है।

(क) कृिष वै ािनक िकसान के लए या- या काय करते ह? (2)

(ख) सरकार िकसान क मदद के लए या- या कर रही है? (2)

(ग) ‘वै ािनक’ श द म मूल श द तथा यय अलग क जए। (1)

उ र- (क) उ म िक म के बीज, अ धक अनाज उ प करने के लए वै ािनक तकनीक तथा खाद आिद उपल ध कराने क खोज
करते ह।

(ख) सरकार उ ह स ते याज पर ऋण उपल ध कराना तथा अ य सभी कार क सुिवधाएँ जैसे – बीज, उपकरण आिद दे रही है।

(ग) मूलश द = िव ान यय = इक

2. िन न ल खत का यांश पढ़कर िदए गए न के उ र ल खए।

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सिदय से हम साथ जए ह, साथ मरे ह
िच , नृ य,स संगीत, का य के कोष भरे है
िहंदी, उद, बं
ू गला, तिमल, तेलुग,ू क ड़

इं धनुष के अलग-अलग रंग समान ह।

होली, ईद, बड़ा िदन, ओणम और वैशाली


हमने िमलकर साथ मनाई-दिु नया साखी
साथ मनाई मौज, साथ ही दख
ु झेले ह-
हम सब त क िभ डा लय के समान ह।

आगे बढ़ता रहे रा -यह ल य हमारा;


धम, ांत भाषा से बढ़कर भारत यारा;

मजदरू , यापारी और सरकारी नौकर

एक गगन के ह-न के समान ह।

(क) इं धनुष के िविभ रंग िक ह कहा गया है? (2)

(ख) संसार िकस बात का सा ी ह? (2)

(ग) किव ने भारतवा सय को िकसके समान माना है? (1)

उ र- (क) िहंदी, उद, बं


ू गला, तिमल, तेलगू, क ड़ इं धनुष के अलग-अलग रंग समान ह।

(ख) सभी योहार होली, ईद, बड़ा िदन, ओणम, वैशाली आिद िमलकर मनाने का सा ी है।

(ग) हम सब भारतवा सय को पेड़ क िभ डा लय के समान माना है।

खंड-ख

3. को क म िदए गए िनदशानुसार उ र दी जए।

(क) आनद, चादनी (श द म अनु वार तथा अनुना सक िच लगाइए।) (1)

(ख) अंतर-अंदर, कुल-कूल ( ुितसमिभ ाथक श द के अथ ल खए।) (2)

(ग) अंबर, उ र (अनेकाथ श द के दो-दो अथ ल खए।) (2)


(घ) सुशोिभत, बेचन
ै ी (उपसग तथा यय अलग क जए।) (2)

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(च) धरती, माता (दो-दो पयायवाची श द ल खए।) (2)

(छ) कमलनयन,मनचाहा (समास-िव ह क जए।) (2)

(ज) उपयोग, योग ( एकाथक श द ल खए।) (2)

उ र- (क) आनंद,चाँदनी (अनु वार तथा अनुना सक िच )

(ख) दय-भीतर, वंश-fdukjk ( ुितसमिभ ाथक श द)

(ग) आकाश, व (अनेकाथ श द)


जवाब एक िदशा

(घ) सु, बे (उपसग)


इत, ई ( यय)
(च) धरती= भूिम, वसुधा (पयायवाची श द)
माता= जननी, अंबा
(छ) कमल के समान नयन, मन से चाहा (समास-िव ह)
(ज) उपयोग= िकसी व तु का उिचत ढंग से योग (एकाथक श द)
योग = िकसी व तु का सामा य प

4. िन न ल खत वा य म से ि या- िवशेषण छाँटकर ल खए।

(क) महँगाई ितिदन बढ़ती जा रही है। (1)

(ख) चुटकुला सुनकर सभी हँसते-हँसते लोटपोट हो गए। (1)

उ र- (क) ितिदन (ि या)


(ख) हँसते-हँसते (ि या-िवशेषण)

5. िन न ल खत वा य म से संबध
ं बोधक अ यय श द छाँटकर ल खए।

(क) तालाब के िकनारे हरे-भरे पेड़ ह। (1)

(ख) दीन-द ु खय क मदद करने के समान कोई दस


ू रा धम नह है। (1)

उ र- (क) के िकनारे (संबध


ं बोधक)
(ख) के समान (संबध
ं बोधक)

6. िन न ल खत वा य को शु क जए।

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(क) मुझे एक कहािनय क िकताब देना। (1)

(ख) काला कोयल गा रही है। (1)

उ र- (क) मुझे कहािनय क एक िकताब देना।


(ख) काली कोयल गा रही है।

7. िन न ल खत अनेक श द के लए एक श द ल खए।

(क) शरण म आया हआ (1)

(ख) जो सब कुछ जानता हो (1)

उ र- (क) शरणागत
(ख) सव

8. िन न ल खत मुहावर का अथपूण वा य बनाइए।

(क) तबीयत फड़क उठना (1)

(ख) आपे से बाहर होना (2)

उ र-

9. िन न ल खत वा य म उिचत िवराम-िचहन लगाकर वा य दोबारा ल खए।

(क) पशु पि य पर आधा रत कहानी ल खए (1)

(ख) ओह सुनकर बहत दख


ु हआ (1)

उ र- (क) पशु-पि य पर आधा रत कहानी ल खए।

(ख) ओह! सुनकर बहत दख


ु हआ।

खंड-ग

10. िन न ल खत न के उ र 20-25 श द म ल खए।

(क) सरदार सुजान संह िकस रयासत के दीवान थे? (1)

(ख) क याण अपने पु बलकरन का ज मादन कंस कार मनाना चाहता थी? (2)

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(ग) नागालड को 'फूल क घाटी य कहते ह? (2)

उ र- (क) सरदार सुजान संह देवगढ़ रयासत के दीवान थे।

(ख) क याणी अपने पु बलकरन का ज मिदन बड़े धूम-धाम से फूल क माला पहनाकर खीर और तरह तरह क िमठाइयाँ बनाकर
तथा आशीवाद देकर मनाना चाहती थी......।

(ग) नागालड को 'फूल क घाटी वहाँ के पवत, हरे-भरे जंगल और अनिगनत फूल क सुंदरता के कारण कहा ह।

11. आज का जीवन साधन-संप है, िफर भी लोग तनाव त य ह? 40-50 श द म ल खए। (5)

उ र-

12. िन न ल खत ग ांश पढ़कर िदए गए न के उ र दी जए।

मेरा मन कभी-कभी बैठ जाता है। समाचार-प म ठगी, डकैती, चोरी, त करी और ाचार के समाचार भरे रहते ह। आरोप-
यारोप का कुछ ऐसा वातावरण बन गया है िक लगता है, देश म कोई ईमानदार आदमी ही नह रह गया है। हर यि को संदेह क
ि से देखा जा रहा है। जो जतने ही ऊँचे पद पर ह उनम उतने ही अ धक दोष िदखाए जाते ह। एक बहत बड़े आदमी ने मुझसे एक
बार कहा थािक इस समय सुखी वही है जो कुछ नह करता। जो कुछ भी करेगा उसम लोग दोष खोजने लगगे। उसके सारे गुण भुला
िदए जाएँ गे और दोष को बढ़ा-चढ़कर िदखाया जाने लगेगा। दोष िकसम नह होते? यही कारण है िक हर आदमी दोषी अ धक िदख
रहा है, गुणी कम या िबलकुल ही नह । थित अगर ऐसी है तो िन चय ही िचंता का िवषय है।

(क) लेखक के अनुसार आज समाज म कौन-कौन सी बुराइयाँ िदख रही ह? (2)

(ख) या कारण है िक आज लोग म दोष अ धक िदखाई दे रहे ह और गुण कम? (2)

(ग) पाठ तथा लेखक का नाम बताइए। [1]

उ र- (क) समाज म ठगी, चोरी, डकैती, त करी, ाचार फैले हए ह आरोप- यारोप का वातावरण होने के कारण ईमानदारी का
कम होना...

(ख) संदेह के कारण दोष को बढ़ाकर, िदखाकर गुण (अ छाई) को कम देखना या िफर िब कुल न देखना आिद।

(ग) या िनराश हआ जाए, लेखक-हज़ारी साद ि वेदी

13. िन न ल खत न के उ र 20-25 श द म ल खए।

(क) नारद जी या देखकर चकरा गए? (1)

(ख) किव ने आँ गन म टहलते हए या देखा? (2)

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(ग) किव ने बचपन म िछपकर पैसे य बोए थे? (2)

उ र- (क) िकसान िदन म तीन बार ही भगवान का नाम लेता था। इसके बावजूद भी भगवान का ि यतम भ था|

(ख) किव ने आँ गन के कोने म टहलते हए सेम के बीज से अनिगनत हरी लताओं को देखा.

(ग) किव के पवचार से बचपन म िछपकर पैसे बोने पर उससे पैस का पेड़ उगना,सेठ बनना.

14. ‘कम म ही जीवन का आनंद है।' अपने िवचार 40-50 श द म ल खए । (5)

उ र-

15. िव जी क िकन िवशेषताओं आपको भािवत िकया? उ ह आप अपने जीवन म िकस कार अपनाना चाहोगे? (5)

उ र-

16. िन न ल खत न के उ र 15-20 श द म ल खए।

(क) माया अपनी पड़ो सन से या माँगकर लाई थी? (1)

(ख) जम दार के बेटे का या नाम था? (1)

(ग) स य काश नौकरी करने कहाँ गया था? (1)

(घ) हार क क मत चुकाने के लए पंिड़त जी ने या ब लदान िकया? (1)

(च) ठाकुर ने लेखक से या कहा? (1)

उ र- (क) माया अपनी पड़ो सन से सोने का हार माँगकर लाई थी।

(ख) जम दार के बेटे का नाम ई वरी था।

(ग) स य काश नौकरी करने कलक ा गया था।

(घ) हार क क मत चुकाने के लए पंिड़त जी ने वतं ता का ब लदान िकया।

(च) ठाकुर ने लेखक से पूछा िक वराज िमलने पर जम दार न रहगे।

खंड-घ

17. िन न ल खत संकेत िबंदओ


ु ं के आधार पर 80-100 श द म कोई एक अनु छे द ल खए। (5)

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(क) आओ चल पहाड़ पर-
- या ा का उ े य

- तैयारी

-या ा-वणन तथा लाभ

(ख) िविवधता म एकता िबखेरते भारत के रा ीय पव

- पव हमारी सं कृित को िदखाने वाले

- रा ीय पव का आयोजन

-एकता का तीक

(ग) आज का यूथ और पु तक मेला-

- मेले कर मह व

- िद ी का पु तक मेला

- युवा वग के लए पु तक मेले क उपयोिगता

उ र-

18. आपका िम बीमारी के कारण परी ा नह दे पा रहा, इससे वह िनराश है। उसका हौसला बढ़ाते हए सहानुभूित प ल खए।
(5)

अथवा

जल संकट से उ प किठनाइय का वणन करते हए जलबोड के अ धकारी को प ल खए।

उ र-

19. दक
ु ानदार और ाहक के बीच हई बातचीत को 40-50 श द म संवाद के प म ल खए। (5)

उ र-

20. िदए गए िच का वणन 25-30 श द म क जए। (5)

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उ र-

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