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ॐ ौी परमान े नमः। अथ समोायः। ौीभगवानवाच।
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मासमनाः पाथ योग ं यदाौयः। ु भज े मा ं जनाः सकितनोऽजन।
चतिवधा ुृ ु
ु १॥
ं ं समम ं मा ं यथा ािस तण॥
असशय ु ानी च भरतषभ॥
आत िजासरथाथ १६॥
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मनाणा ं सहॐषे ु कितित िसय।े उदाराः सव एवैत े ानी ाैव म े मतम।्
े ततः॥३॥
यततामिप िसाना ं किा ं वि ु
आितः स िह याा े ु ं गितम॥्१८॥
मामवानमा
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भिमरापोऽनलो वायःु ख ं मनो बिरव
ु े च। बना ं जनाम े ानवाा ं ूपत।े
अहार इतीय ं म े िभा ूकितरधा॥
ृ ४॥ ु े सविम
वासदवः ु
ित स महाा सलभः॥ १९॥
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अपरयिमता ृ ं िवि म े पराम।्
ं ूकित कामै
ै ै तानाः े े
ूपऽदवताः।
ू ं महाबाहो ययदे ं धायत े जगत॥् ५॥
जीवभता त ं त ं िनयममााय ूका
ृ िनयताः या॥२०॥
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एतोनीिन भतािन ु
सवाणीपधारय। यो यो या ं या ं तन ं ु भः ौयािचतिमित।
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अहं क
ृ जगतः ूभवः ूलयथा॥६॥ त ताचला ं ौा ं तामवे िवदधाहम॥् २१॥
् िदि धनय।
मः परतरं नात िक ु ताराधनमीहत।े
स तया ौया यः
ं ूोत ं सऽू े मिणगणा इव॥७॥
मिय सविमद ् य ैवः िविहताितान॥्२२॥
लभत े च ततः कामान म
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बीज ं मा ं सवभताना ं िवि पाथ सनातनम।् योगमायासमावतः।
नाहं ूकाशः सव ृ
ु ु
बिबिमतामि े े ् १०॥
तजजिनामहम॥ ू
मढोऽय ं नािभजानाित लोको मामजमयम॥्२५॥
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बलं बलवता ं चाहं कामरागिवविजतम।
े ं समतीतािन वतमानािन
वदाह ु
चाजन।
धमािवो ू े ु कामोऽि भरतषभ॥
भतष ११॥ ू
भिवािण च भतािन मा ं त ु वदे न कन॥२६॥
ु
िऽिभगणमय ं जगत।्
ैभाव ःै एिभः सविमद ु
े ं गत ं पाप ं जनाना ं पयकमणाम।
यषा ्
े परमयम॥् १३॥
मोिहत ं नािभजानाित मामः ु ाः भज े मा ं ढोताः॥२८॥
त े मोहिनम
दैवी षा ु
े गणमयी मम माया रया। जरामरणमोाय मामािौ यति य।े
मामवे य े ूप े मायामता
े ं तरि त॥
े १४॥ त े ॄ तिः कृ ं अा ं कम चािखलम॥् २९॥
ू ूप े नराधमाः।
न मा ं ृ ितनो मढाः ू व ं मा ं सािधय ं च य े िवः।
सािधभतािधदै
माययापतानाः आसरु ं भावमािौताः॥१५॥ ु े
े च मा ं त े िवयचतसः॥
ूयाणकालऽिप ३०॥
्
ॐ तत सितित ौीमगवीतास ु उपिनष ु ॄिवाया ं योगशा े ौीकाजनसवाद
ृ ु ं े ानिवानयोगो नाम समोायः।
Chapter 7: Jñaanavijñaanayogah
OM shrii paramaatmane namah. atha saptamodhyaayah. Shriibhagavaanuvaacha.