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य◌ं-मं-तं
ग◌ु
त-स तशती
अ टू
बर 3, 2008 at 12:50 अपरा न · Filed under यं-मं-तं·Tagged कु
ि जका- तो , गु
त-स तशती
क◌ु ि जका- तो
।।पूव-पी ठका-ई वर उवाच।।
ण
ृु दे
व, व या म कु ि जका-म मु तमम।्
येनम भावे
न च डीजापं शुभं
भवेत॥1॥
्
न वम नागला- तो ं क लकं न रह यकम।्
न सूतं ना प यानं च न यासं च न चाचनम॥2॥
्
कुि जका-पाठ-मा ेण दु गा-पाठ-फलंलभे त।्
अ त गुयतमं देव दे
वानाम प दुलभम॥्3॥
गोपनीयंय ने न व-यो न-व च पाव त।
मारणं मोहनं व यंत भनो चाटना दकम।्
पाठ-मा ेण सं स ः कुि जकाम मु तमम॥्4॥
अथ मं
ॐ ल दँ ुल ंल जुं
सः वलयो वल वल वल- वल बल- बल हं संलं ंफ वाहा
॥ इ त मंः॥
इस ‘कुि जका-म ’ का यहाँ
दस बार जप करे
। इसी कार ‘ तव-पाठ’ केअ त म पु
नः इस म का दस बार
जप कर ‘कुि जका तो ’ का पाठ करे
।
प◌ा◌ंपींपू
ं
पावती पूणा, खां खीं
खूं
खे
चर तथा॥
लांल ंलू ं
द यती पू णा, कु
ि जकायैनमो नमः।।
सांसीं
स तशती- स ,ं कु व जप-मा तः॥
इदंतुकुि जका- तो ं मं-जाल- हां ये।
अभ ते च न दात यं, गोपये त्
सवदा ण ।।
ृु
कुं
िजका- व हतंदेव य तु स तशतीं पठे
त।्
न त य जायतेस ,ं अर येदनं यथा॥
। इ त ी यामले गौर तंेशवपावतीसं वादेकु
ं
िजका तो ं
सं
पू
णम ्
।
ॐ ं - ं- ं
ऐंकु मार , कु
ह-कुह-म खले , को कले
नानुर ागे
।
मुा-सं- -रेखा, कु-कु सततं , ी महा-मा र गुये ।।
ते
ज ां
गेस -नाथे , मन-पवन-चले , नैव आ ा- नधाने।
ऐं
क ारे
रा -म ये, व पत-पशु -जने , त का ते नम ते।।४
ॐ ां - ीं ं क व वे
- ू , दहन-पुर -गतेि म- पे णच े ।
ः-श तया, युत-वणा दक, कर-न मते , दा दवंपू
व-वण।।
- थाने
ं काम-राजे
, वल- वल व लते , को श न कोश-प े ।
व छ दे क ट-नाशे, सुर -वर-वपुषे
, गुय-मुडे नम ते ।।५
ॐ ां- ीं
- ं
घोर-तुडे
ू , घघ-घघ घघघे घघरा या -घोषे।
ं ंं ूो च-च े , रर-रर-र मते, सव- ानेधाने।।
ंतीथषुच ये ठे
, जुग-जुग जजु गेल ंपदेकाल-मुडे।
सवागेर त-धारा-मथन-कर-वरे , व -द डे नम ते
।।६
ॐ ां ंं
वाम-न मते
ू , गगन गड-गडे
गुय-यो न- व पे
।
tantrarahasya.wordpress.com/2008/10/03/गुत-स तशती/ 2/11
10/14/13 गुत-स तशती | यं-मं-तं
ॐ हुँ
हु
ँहु
क ार-नादे
ं , वषमवश-करे , य -वैताल-नाथे
।
सु
- स यथ सु -स ै ः, ठठ-ठठ-ठठठः, सव-भ ेच डे ।।
जू
ंसः स शाि त-कमऽमृ त-मृ
त-हरे , नःसमेसं
समुे ।
दे
व, वं साधकानां , भव-भव वरदे, भ -काल नम ते ।।८
स◌्तवन
या दे
वी ख ग-ह ता, सकल-जन-पदा, या पनी वशऽव-दु गा।
यामां
गी शुल-पाशाि द जगण-ग णता, म-दे हाध-वासा।।
ानानांसाधय ती, त मर- वर हता, ान- द य- बोधा।
सा दे
वी, द य-मू
त दहतु दु
रतं, मुड-च डेच डे।।१
ॐ हां हंहू
ंवम-युते
, शव-गमन-ग तभ षणे भीम-व े।
ां ंं ू ोध-मूत वकृत- तन-मुखे, रौ -दंा-कराले
।।
कंकंकं काल-धार मि त, जग ददं भ य ती स ती-
हु
क ारो चारय ती दहतु
ं दु
रतं
, मुड-च डेच डे ।।२
ॐ ां ंहूं - पे
, भुवन-न मते, पाश-ह ते -नेे।
रां
र ंं
रं
गेकलेक लत रवा, शूल-ह तेच डे ।।
लांलंलू
ंल ब-िज वे
हस त, कह-कहा शु-घोरा -हासै ः।
कंकाल काल-रा ः दहतुदुरतं
, मुड-च डेच डे ।।३
ॐ ांींू ंघोर- पे
घघ-घघ-घ टते घघराराव घोरे
।
नमाँ
से शुक-जंघेपब त नर-वसा ध ू-ध ूायमाने।।
ॐ ां ंं ूावय ती, सकल-भुव-तले, य -ग धव-नागान।्
ां ीं ू
ं ोभय ती दहतुदुरतंच ड-मुडेच डे ।।४
ॐ हुँहुँ
फ काल-रा ीं पु
र -सुर -मथनीं ध ू-मार कुमार ।
ां ंू ं
हि त दुटान ्
क लत कल- कला श द अ ा हासे ।।
हा-हा भू
त- भूते
, कल- क लत-मु खा, क लय ती स ती।
हु
क ारो चारय ती दहतु
ं दु रतं च ड-मुडेच डे ।।७
ॐ वंा मी वं च रौ स च श ख-गमना वं च दे
वी कु
मार ।
वंच च -हासा घु र -घु
रत रवा, वंवराह- व पा।।
रौ ेवं
चम-मुडा सकल-भु व-तले सं
ि थतेवग-माग।
पाताले
शैल- ग
ंे
ृ ह र-हर-न मते देव च डी नम ते।।१०
इ ये
वं
बीज-म ःै तवनम त- शवं पातक- या ध-नाशनम।्
य ंद य- पंह-गण-मथनं मदनंशा कनीनाम।।
्
इ ये
वं
वे
द-वेयंसकल-भय-हरं म -शि त च न यम।्
म ाणांतो कंयः पठ त स लभतेा थतांम - स म।।१२
्
परमा लं
क
27s ट प णयाँ
»
1. arun said
अ ै
ल 1, 2009 @ 7:52 अपरा न
म◌ैयह जानना चाहता हूँक स कुंिजका तो मंजो गीता े स क कताब म है
यह उससे
कुछ भ न है
या यह पु
नः जाँ
च कर लया गया हैक इसका आले ख सु
ध है
नवरा ी के थम दवस पर ह अचानक इस साईट पर ि ट पड़ी
आपके म सा य काय को वन नमन माँ दु
गा क कृ
पा बनी रहे
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2. kaushalsharma said
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aspundir said
मई 6, 2009 @ 10:29 पू
वा न
It is Complete
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Mohit said
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sachinsharma said
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5. pk tiwari said
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sachinsharma said
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sachinsharma said
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sachinsharma said
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rajkishor said
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RK TIWARI said
जु
लाई 6, 2010 @ 10:34 पू
वा न
tantrarahasya.wordpress.com/2008/10/03/गुत-स तशती/ 9/11
10/14/13 गुत-स तशती | यं-मं-तं
RITIKA JI AAP APNE SAAS ME MAA KE ROOP KA DHYAN KAREN. JO BHI SAMASYA
HO KISI AUR KO BATANE KE BAJAY MAA SE PRARTHNA KAREN. WAHI SAB
THEEK KARENGI. JAI MATA DI.
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2. Navratra will be starting in next two weeks and I want to do proper Sadhana. Being born and
raised in pakistan I don’t have Guru to obtain his blessing and Diksha. And performing Sadhna
like Maa Bgla mukhi requires Guru Diksha and Guidance. Is it possible to get Diksha from you
with a proper guidance? Is there any procedure which will make me take diksha from far away
from you? I am rady to do that. OR if suggest anything to win delicate and serious court case.
Please help.
Pranam
KK
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2. Navratra will be starting in next two weeks and I want to do proper Sadhana. Being born and
raised in Pakistan I don’t have Guru to obtain his blessing and Diksha. And performing Sadhna
like Maa Bagla Mukhi requires Guru Diksha and Guidance. Is it possible to get Diksha from you
with a proper guidance? Is there any procedure which will make me take diksha from far away
from you? I am ready and prepared to do that. OR if suggest any other mantra sadhna to win
delicate and serious court case. Please help.
Pranam
KK
Kankot3201@yahoo.com
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अ टू
बर 15, 2010 @ 1:24 अपरा न
Namaskar,
mai ek baar maa ka darshan matr karna chahta hu uska liya koi sidhi mantr hai to kirpiya
mujha uska bara ma bataian
Dhanyabad
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