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मार्च 2013
व्यूस: 27790
पं . ले खराज शमाच ज़ी क़ी विलक्षण प्रविभा
आभा बंसल

ज़ीिन में अनेक व्यक्तिय ं से वमलकर हम उनके र्मत्काऱी व्यक्तित्व से अत्यं ि प्रभाविि ह िे हैं। उनक़ी विशे षिा गु ण
ि् कायच प्रणाल़ी इस हद िक र्मत्काररक ह ि़ी हैं । क़ी उनके आगे निमस्तक ह ने क मन र्ाहिा हैं ।... और पढ़ें
ज्य विषप्रवसद्ध ल गज्य विष़ीय य गकुंडल़ी व्याख्याघरजैवमऩी ज्य विषग्रहभविष्यिाण़ी िकऩीक

अप्रैल 2012
व्यूस: 20324
कारकां श लग्न द्वारा फलकथन
वकश र वघक्तियाल

ज्य विष क़ी अनेक ं विद्याओं में से एक विद्या जै वमऩी ज्य विष भ़ी है वजसे जै वमऩी ऋवषय ं द्वारा उपदे श सूत् ं के रूप में
वदया गया है यह विद्या पराशऱीय प्रणाल़ी से विवभन्न ह िे हुये भ़ी काफ़ी सट़ीक ि सूक्ष्म फवलि ि गवणि कर पाने में
सक्षम है ... और पढ़ें
ज्य विषज्य विष़ीय य गकुंडल़ी व्याख्याघरजैवमऩी ज्य विषग्रहभविष्यिाण़ी िकऩीक

मार्च 2014
व्यूस: 9639
एस्ट्र पावमस्ट्ऱी
यशकरन शमाच

शु क्र, बु ध द न ं स्वास्थ्य रे खा से वमल जाएं और सूयच रे खा सुंदर ि स्पष्ट पाई जाए िथा सूयच का वसिारा बुध पिचि क़ी
ओर ह ि सूयच खाना नंबर एक में ह गा। Û भाग्य रे खा या सूयच रे खा बृ हस्पवि का रूख करें , मगर शवन के पिच ि पर
क ई शवन र... और पढ़ें
हस्तरे खा शास्रजैवमऩी ज्य विषहस्तरे खा वसद्धान्त
जू न 2018
व्यूस: 8990
सफेद पु खराज क़ी विशेषिाएं िथा धारण करने से लाभ
रे खा कल्पदे ि

साथ ह़ी इस शु भ रत्न क शु भ मुहूिच में पूणच विवध-विधान से धारण भ़ी कर ले ना र्ावहए। रत्न ं के बारे में कहा जािा हैं
वक रत्न यवद धारक क शुभ ह ं जाएं ि व्यक्ति का ज़ीिन राि -ं राि बदल दे िे हैं । अन्यथा गलि़ी से यवद रत्न अशु भ ह ं
जाएं ि ... और पढ़ें
ज्य विषहस्तरे खा शास्रज्य विष़ीय य गजैवमऩी ज्य विषकृष्णामू विच ज्य विष

अप्रैल 2008
व्यूस: 6378
ज्य विष और मृत्यु काल
सेिाराम जयपुररया

भारि़ीय परं परा में अनेक विशेषिाएं हैं और प्रत्ये क के प़ीछे एक ह़ी उद्दे श्य रहा है वक मानि ज़ीिन क अवधकिम
सुविधा ि सुरक्षा प्रदान क़ी जाय। िे दशास्त्र ज्ञान विज्ञान का महाभंडार हैं । इस़ी परं परा में ज्य विष शास्त्र िे द ं का
विशे ष छठा अंग ... और पढ़ें
ज्य विषज्य विष़ीय य गदशाजैवमऩी ज्य विषभविष्यिाण़ी िकऩीकग र्र

अप्रैल 2005
व्यूस: 5667
र्र दशा और वििाह
फ्यूर्र पाॅइन्ट

हमारे वऋवष मुवनय ं ने िै वदक ज्य विष में अनेक दशाओं का िणचन वकया है । इनमें ऋवष जै वमऩी क़ी िह महत्वपूणच र्र
दशा भ़ी है वजसका िणचन वकया है । इस आले ख में वििाह में र्र दशा क़ी भूवमका का िणचन प्रस्तु ि है । वििाह जै से
महत्वपूणच संस्कार... और पढ़ें
ज्य विषदशाजैवमऩी ज्य विषवििाहभविष्यिाण़ी िकऩीक

जु लाई 2009
व्यूस: 5633
कारकां श लग्न से डॉक्टर बनने के य ग
अनु पम गगच

''जै वमऩी सूत्म्'' के श्ल क नं. 87 के अनुसार यवद कारकांश लग्न में शु क्र या र्ं द्र ह और िहां क्तथथि र्ंद्र क बुध
दे खिा ह ि जािक डॉक्टर ह िा है ।... और पढ़ें
ज्य विषज्य विष़ीय य गकुंडल़ी व्याख्याघरजैवमऩी ज्य विषग्रहभविष्यिाण़ी िकऩीकव्यिसाय

जु लाई 2012
व्यूस: 5010
कारकां श लग्न और आप
वकश र वघक्तियाल

कारकां श लग्न के आधार पर व्यक्ति विशे ष के बारे में फलादे श आज के युग में समयानुसार पररििच न के साथ समझे
जा सकिे हैं। (1) कारकां श लग्न में सूयच ि राहु क़ी यु वि ह ि शु भ ग्रह क़ी दृवष्ट ह ि व्यक्ति विषिैद्य अथाचि
वर्वकत्सक ह िा है । (... और पढ़ें
ज्य विषज्य विष़ीय य गकुंडल़ी व्याख्याघरजैवमऩी ज्य विषग्रहभविष्यिाण़ी िकऩीक

अकिूबर 2005
व्यूस: 5004
पद, उपपद और अगचला के आधार पर फल कथन
अजुचन कुमार गगच

लग्नकुंडल़ी के आधार पर क़ी गई भविष्यिाण़ी वमथ्या ह जाि़ी है , वजसके वनराकरण हे िु महवषच पराशर ने षड् िगच क़ी
व्यिथथा क़ी। जब क ई फल लग्नकुंडल़ी के साथ-साथ षड् िगच कुंडल़ी से भ़ी प्रकट ह िा है , ि उसके वमथ्या ह ने क़ी
संभािना कम ह ि़ी है और ... और पढ़ें
ज्य विषज्य विष़ीय य गजै वमऩी ज्य विषभविष्यिाण़ी िकऩीक

जनिऱी 2014
व्यूस: 4425
गभाच धान एिं गभचपाि
रामर्ंद्र शमाच

जन्म कुण्डल़ी में वत्क ण भाि ं क सबसे शक्तिशाल़ी माना जािा है । लग्न, व्यक्तित्व ि व्यक्ति के स्वास्थ्य का भाि है ।
पंर्म भाि बु क्तद्ध, संिान िथा वनणचय क्षमिा से सम्बन्ध रखिा है । निम भाि भाग्य का है यह धमच ि वर्न्तन का भाि भ़ी
है । इन्ह... और पढ़ें
ज्य विषज्य विष़ीय य गकुंडल़ी व्याख्याघरजैवमऩी ज्य विषग्रहभविष्यिाण़ी िकऩीक

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