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भगव४ननन शशकक षण क४ अवत४र: पररचय
पथम अधय४य क४ स४र४रश इस पक४र हह। इस अधय४य मम बत४य४ गय४ हह कक ददवकक कद आठवम पपत
द४र४ म४रद ज४नद कद अपशकप न कक सपनकर डरद हहए करस नद ककस तरह ददवकक कद पपतत कक एक-एक करकद
म४र ड४ल४।
जब शपकददव गकसव४मश यदपबरश तथ४ उसश कद स४थ चनद ददव तथ४ ससयर ददव कद वरशत क४ वणरन कर
चपकद तक मह४र४ज परशककत नद उनसद प४थरन४ कक कक वद यदपवरश मम बलददव कद स४थ पकट हकनद व४लद
भगव४ननन कक षण क४ तथ४ इस जगत मम उनकद द४र४ समपन क४यरकल४पत क४ वणरन करम। र४ज४ नद कह४ कक
कक षण कदवय हह अतएब उनकद क४यरकल४पत कक समझन४ मपक४तम४ओर क४ क४यर हह । कक षण-लशल४ क४ शवण
ऐसश न४व हह, कजससद जशवन कद चरम लकय कक प४प ककय४ ज४ सकत४ हह। कस४ई य४ आतमघ४तश वयकक
कक छकडकर पतयदक बपकदम४न मनपषय कक कक षण तथ४ उनकद क४यरकल४पत कक समझनद क४ पय४स करन४
च४कहए।
प४णडवत कद एकम४त आर४धयददव कक षण थद। जब मह४र४ज परशककत अपनश म४त४ उतर४ कद गभर मम थद
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तक कक षण नद उनहम बह-शखत कद पह४र सद बच४य४ थ४। अब मह४र४ज परशककत शपकददव गकसव४मश सद पसछतद
हह कक रककहणश-पपत भगव४ननन बलददव ककस तरह ददवकक कद गभर सद पकट हक सकद , कक षण मथपर४ सद
वकनद४वन कनयत सथ४न४नतररत हह ए और वद वह४ह अपनद पररव४र व४लत कद स४थ ककस तरह रहद ? कक षण नद
मथपर४ तथ४ वकनद४वन मम कय४ ककय४ और उनहतनद अपनद म४म४ करस क४ वध कनयत ककय४ ? कक षण ककतनद वरर
तक द४रक४ मम रहद और उनकद ककतनश र४कनय४ह थथ? मह४र४ज परशककत नद शपकददव गकसव४मश सद यद स४रद
पशन पसछद। उनहतनद शपकददव गकसव४मश सद यह भश अनपरकध ककय४ कक वद कक षण कद उन अनय क४यर क४ भश
वणरन करम कजनहम उनहतनद नहथ पसछ४।
एक ब४र जब समसत कवशव आसपरश र४ज४ओर कक बढतश सहनय शकक सद बककझल हक उठ४ तक पकथवश
म४त४ नद ग४य क४ रप ध४रण ककय४ और उनसद छप टक४र४ प४नद कद कलए बह४जश कद प४स पहह हचश। म४त४
पकथवश कद सननतन ४प पर दय४ करकद बह४जश कशवजश तथ४ अनय ददवत४ओर समदत ग४य रपश धरतश कक अपनद
स४थ लदकर कशर स४गर कद तट पर पहह हचद और भगव४ननन कवषणप कक, जक कदवय परम४ननद मम एक दशप पर
शयन कर रहद थद, पसन करनद कद कलए सतपकतय४ह ककर। ततपशच४तनन बह४जश नद मह४कवषणप कक सल४ह समझ
कर ससकचत ककय४ कक असपरत क४ भ४र हट४नद कद कलए कवषणप पकथवश पर पकट हतगद। ददवत४ओर कक च४कहए
कक अपनश अपनश पकतनयत सकहत यदपवशर कक जनसरखय४ बढ४नद कद कलए कक षण कद सरकगयत कद रप मम
पकट हत। कक षण-कक प४ सद सबसद पहलद अननतददव बलर४म कद रप मम पकट हतगद और कक षण कक शकक
यकगम४य४ भश पकट हतगश। बह४जश नद म४त४ पकथवश कक इसकद कवरय मम सबकप छ बत४य४ और तब वद
अपनद ध४म ललट गयद।
जब वसपददव ददवकक सद कवव४ह करकद ददवकक कद भ४ई करस द४र४ ह४हकद ज४ रहद रथ पर सव४र हककर
अपनद घर ललट रहद थद तभश आक४शव४णश सपन४ई पडश कक ददवकक क४ आठव४ह पपत कर स क४ वध करदग४।
यह अपशकप न सपनकर करस ददवकक कक ततकण म४र ड४लनद कद कलए उदत हह आ ककनतप वसपददव नद
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वयवह४रकप शलत४ उसद यह कहकर समझ४य४ कक उसद अपनश छकटश बहन कक, कवशदरत: कवव४ह कद समय
पर, नहथ म४रन४ च४कहए। हर ददहध४रश कक मकतयप अवशय हकगश। हर जशव एक शरशर मम कप छ क४ल तक
जशकवत रहत४ हह और तब वह दससरद शरशर मम सथ४न४नतररत हकत४ हह ककनतप दपभ४रगयवश वह शरशर कक
आतम४ म४न बहठत४ हह। यकद इस भ४नत ध४रण४ सद ककई वयकक अनय वयकक कक म४रन४ च४हत४ हह, तक
उसकक न४रककय कद तलर पर कननद४ हकतश हह।
चसहकक करस कक वसपददव कद उपददशत सद सननननतकर नहथ हह आ इसकलए वसपददव नद एक यपकक कनक४लश।
उनहतनद यह पसत४व रख४ कक वद ददवकक कक स४रश सननतन ४नत कक ल४कर कर स कक ससप कदय४ करमगद कजनहम वह
म४र ड४लद। तक कफर ददवकक कक अब म४रनद सद कय४ ल४भ ? करस कक यह पसत४व भ४ गय४। समय आनद पर
जब ददवकक कद बच४ उतपन हह आ तक वसपददव उस नवज४त कशशप कक लदकर करस कद प४स पहह हचद जक
वसपददव कक वद४नयत४ ददखकर चककत रह गय४। जब वसपददव नद वह कशशप करस कक दद कदय४ तक कप छ बपकद
कदख४तद हहए करस नद कह४ कक चसकह क उसक४ वध आठवथ सनत४न कद द४र४ हकन४ हह, तक कफर पहलश सनत४न
कक म४रनद सद कय४ ल४भ ? यदकप वसपददव कक करस कद कहनद पर कवशव४स नहथ हक रह४ थ४ ककनतप करस नद
वसपददव सद ब४लक कक व४पस लद ज४नद कद कलए कह४ परनतप ब४द मम जब न४रदमपकन करस कद प४स पहहचह द
और उसद यह रहसय बत४य४ कक ददवत४गण यदप तथ४ वककषणवरशत मम उतपन हककर उसद म४रनद क४ रडडयरत
रच रहद हह, तक करस नद इन वरशत मम जनम लदनद व४लद समसत ब४लकत कक म४र ड४लनद क४ कनशचय ककय४ और
उसनद यह भश तय ककय४ कक ददवकक कद गभर सद उतपन स४रद ब४लकत कक म४र ड४ल४ ज४य। अतएव उसनद
वसपददव तथ४ ददवकक दकनत हश कक बनदश बन४ कलय४ और एक-एक करकद उनकद छह पपतत कक म४रत४
रह४। न४रद नद करस कक यह भश ससकचत ककय४ कक करस अपनद पसवरजनम मम क४लनदकम न४मक असपर थ४
कजसक४ वध कवषणप नद ककय४ थ४। फलसवरप करस यदपवरकशयत क४ मह४ननन शतप बन गय४। यह४ह तक कक
उसनद अपनद कपत४ उगसदन कक भश बनदश बन४ कलय४ कयतकक वह अकद लद र४जय-भकग करन४ च४हत४ थ४।
कक षण कक लशल४एह तशन पक४र कक हह--तज लशल४, मथपर४ लशल४ तथ४ द४रक४ लशल४। जहस४कक पहलद
उलदख ककय४ ज४ चपक४ हह, शशमद४गवत कद दसवम सकरध मम ९० अधय४य हह कजनमम इन लशल४ओर क४
वणरन हह आ हह। पथम च४र अधय४यत मम पकथवश क४ भ४र हट४नद कद कलए बह४ द४र४ कक गई सतपकतय४ह हह और
लशल४ओर क४ वणरन हह। च४लशसवम अधय४य मम बतल४य४ गय४ हह कक कक षण नद ककस तरह यमपन४-जल क४
आननद लसट४ और अकस र नद ककस तरह सतपकतय४ह ककर। अधय४य ४१ सद लदकर ५१ तक कद गय४रह अधय४यत
मम कक षण कक मथपर४ लशल४एह हह और अधय४य ५२ सद ९० तक कद ३९ अधय४यत मम कक षण कक द४रक४
लशल४एह हह।
उनतशस सद लदकर तहतशसवम अधय४य तक गककपयत कद स४थ कक षण कद न४चनद क४, अथ४रतनन र४सलशल४ क४
वणरन हह। अतएव इन प४हच अधय४यत कक र४स पद४धय४य कह४ ज४त४ हह। और सहत४लशसव४ह अधय४य शमर
शश-र४ज४ उब४च--र४ज४ परशककत नद कह४; ककथत:--पहलद हश वकणरत हक चपक४ हह, जक; बरश-कवसत४र:--वरश क४ कवसत४र सद
वणरन; भवत४--आपकद द४र४; सकम-ससययर क:--चनदददव तथ४ ससयरददव कद ; र४ज४मस--र४ज४ओर क४; च--तथ४; उभय--दकनत;
वरशय४न४मनन--वरश कद सदसयत क४; चररतमननस--चररत; परम-- शदष; अदपतमनन--तथ४ अदपत।.
र४ज४ परशककत नद कह४ : हद पभप, आपनद चनदददव तथ४ ससयरददव दकनत कद वरशत क४, उनकद
र४ज४ओर कद मह४ननन तथ४ अदपत चररतत सकहत कवशद वणरन ककय४ हह।
आतम४नम४तमकनगम गधय४जनदपप ॥
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यदपवरश सकम अथ४रतनन चनदददव सद चलद आ रहद कप ल सद समबकनधत थ४। यदकप गहत कक ऐसश वयवसथ४
हह कक ससयर चनदम४ सद पहलद आत४ हह, ककनतप परशककत मह४र४ज नद चनदवरश अथ४रतनन सकमवरश कक अकधक
समम४न कदय४ कनयतकक चनदम४ सद चलद आ रहद य४दववरश मम कक षण अवतशणर हह ए थद। दक पकथकन न ककतय
र४जवरश हह चनदगह कद र४ज४ सद चल४ आनद व४ल४ वरश तथ४ ससयरगह कद र४ज४ सद चल४ आनद व४ल४ वरश।
जब भश भगव४ननन अवतशणर हकतद हह, तक स४म४नयतय४ वद ककतयवरश मम पकट हकतद हह कयतकक वद धमर कद
कसद४नतत तथ४ सतयमय जशवन कक सथ४पन४ करनद आतद हह| वहकदक पण४लश कद अनपस४र ककतयवरश म४नव
ज४कत क४ रकक हकत४ हह। जब भगव४ननन शशर४मचनद कद रप मम पकट हह ए तक वद ससयर ददवत४ सद चलद आ रहद
ससयरवरश मम अवतररत हह ए थद, ककनतप जब वद कक षण कद रप मम पकट हहए तक वद चनदददबत४ सद चलद आ रहद
यदपवरश मम अवतशणर हहए। शशमद४गवत कद नवम सकनध कद चलबशसवम अधय४य मम यदपबरशश र४ज४ओर कक
लमबश ससचश दश हह ई हह। सकमवरश तथ४ ससयरबरश कद स४रद र४ज४ मह४ननन तथ४ शककश४लश थद और मह४र४ज
परशककत नद सबकक बडश पशरस४ कक थश (र४ज४र चकभयवरशय४न४र चररतर परम४दपशनपतमनन )। कफर भश वद
सकमवरश कद कवरय मम और अकधक सपनन४ च४ह रहद थद कयतकक इसश वरश मम कक षण अवतशणर हह ए थद।
अदशय हकत४ हह। इस अवयक पद४थर कद परद आधय४कतमक लकक हह, कजसद भगवदशत४ मम परम तथ४ कनतय
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कह४ गय४ हह। इस लकक क४ कभश सरह४र नहथ हकत४। यदकप भलकतक पकक कत क४ ब४रमब४र सकजन तथ४
सरह४र हकत४ रहत४ हह, ककनतप आधय४कतमक पकक कत श४शवत रहतश हह। शशमद४गवत कद दशम सकनध मम उस
आधय४कतमक पकक कत, उस आधय४कतमक जगत क४ वणरन वकनद४वन, गकलकक वकनद४वन य४ वजध४म कद रप
मम हह आ हह। नवम सकनध कद उपयपरक शलकक ज४वकगत: कपठक गरह४दनन क४ कवसतकत वणरन इस दशम सकनध मम
कमलदग४।
यदकद--यदप य४ यदपवरश क४; च-- भश; धमर-शशलसथ-- जक धमरकनष हह; कनतर४मनन--अतयनत यकगय; मपकन-सतम--हद मपकनयत मम शदष
अथव४ मपकनयत कद र४ज४ ( शपकददव गकसव४मश ); तत--उस वरश मम; अरशदन--अपनद अरश बलददव कद स४थ; अवतशणरसय--अवत४र
रप मम पकट; कवषणक: -- भगव४ननन कवषणप कद ; वशय४रकण--मकहम४मय क४यरकल४प; शरस--कक पय४ वणरन करम; न:--हमसद |.
अन४कदर४कदयतकवनद: सवरक४रणक४रणमनन ॥
“गककवनद कहद ज४नद व४लद कक षण हश परम कनयनत४ हह। उनक४ शरशर कनतय, आननदमय तथ४
आधय४कतमक हह। वद सबकद उदम हह । उनक४ ककई अनय उदम नहथ कयतकक वद समसत क४रणत कद क४रण
हह।!!
यसयहककनशचकसतक४लमथ४वलमबय
“'असरखय बह४णडत कद पध४न बह४गण मह४कवषणप कद एक श४स कक अवकध कद बर४बर जशकवत रहतद
हह। मह४कवषणप कजन आकद भगव४ननन गककवनद कद अरशम४त हह, मह उनकक पसज४ करत४ हह।ह '' ( बह-सरकहत४
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५.४८) |
गककवनद य४ कक षण आकद भगव४ननन हह। कक षणसतप भगव४ननन सवयमनन ।/ यह४ह तक कक वद मह४कवषणप, कजनकक
शव४स सद करकडत बह४णड उतपन हकतद हह, कक षण कद कल४ कवशदर अथ४रतनन अरश कद भश अरश हह। मह४कवषणप
सरकररण कद अरश (कल४) हह, जक न४र४यण कद अरश हह। न४र४यण चहह वयसह कद और चतनपवयसरह कक षण कद
पथम प४कट बलददव कद अरश हह। अत: जब बलददव समदत कक षण आकवभसरत हह ए तक उनकद स४थ स४रद कद
स४रद कवषणपततव पकट हहए।
हज४रत जशभत सद कक षण क४ वणरन करनद क४ पयतन करतद हह, तक भश यह वणरन अधसर४ हश रहत४ हह।
अवतशयर--अवत४र लदकर; यदक: बरशद--यदपवशर मम; भगव४नननस-- भगव४ननन; भसत-भ४वन: --कवर४ट जगत कद क४रणसवरप;
'कक तव४नस--समपन ककय४; य४कन--जक भश ( क४यर ); कवशव-आतम४--समपसणर बह४णड कद परम४तम४; त४कन--उन सभश ( क४यर )
कक; न:--हमसद; वद--कहम; कवसतर४तनन-कवसत४र सद |.
परम४तम४ अथ४रतनन पसणर पपररकतम भगव४ननन कक षण, जक कवर४ट जगत कद क४रण हह, यदपवरश मम
पकट हहए। आप कक प४ करकद मपझद उनकद यशसवश क४यरकल४पत तथ४ उनकद चररत क४ आकद सद
लदकर अनत तक वणरन करम।
त४तपयर : इस शलकक मम आयद कक तव४ननन य४कन शबद ससकचत करतद हह कक इस धर४ मम रहतद हह ए कक षण नद
कजतनद भश क४यरकल४प ककयद वद म४नव सम४ज कद कलए ल४भपद हह । यकद धमरवदत४, द४शरकनक तथ४ स४म४नय
लकग कक षण कद क४यरकल४पत क४ कद वल शवण करम तक उनकक मपकक कमल सकतश हह। हमनद कई ब४र कह४
हह कक कक षणकथ४ दक पक४र कक हह--एक तक भगवदशत४ कजसद भगव४ननन कक षण नद अपनद कवरय मम कह४ हह
और दससरश शशमद४गवत कजसद शपकददव गकसव४मश नद कक षण कक मकहम४ कद कवरय मम कह४ हह। जक भश
वयकक कक षणकथ४ मम थकडश सश भश रकच कदखल४त४ हह, वह मपकक प४प करत४ हह। ककवरन४दनन एव कक षणसय
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मपकसरग: पररर वजदतनन ( भ४गवत १२.३.५१) | कद वल ककतरन करनद अथव४ ब४रमब४र कक षणकथ४ कहनद सद
मनपषय ककलयपग कद कलमर सद मपक हक ज४त४ हह। इसशकलए चहतनय मह४पभप नद उपददश कदय४ हह-- य४रद ददख,
व४रद कह “कक षण” उपददश ( चदतनय-चररत४यकत, मधय ७.१२८) । कक षणभ४वन४मकत क४ उददशय हह--कक षण कद
कनवकततरररपगशयम४न४दनन
भवलरध४चछकतमनक उकभर४म४तनन ।
क उतमशलककगपण४नपव४द४तनन
पपम४कनवरजयदत कवन४ पशपघन४तस ॥ ४॥
कनवकत--मपक; तरर:--क४म य४ भलकतक क४यर सद; उपगशयम४न४तनन--वकणरत य४ ग४य४ ज४नद व४ल४; भव-औरध४तनन-- भलकतक रकग
कक सहश औरकध सद; शकत--क४नत सद सपननद कक कवकध; मन:--मन कद कलए कवच४र क४ कवरय; अकभर४म४तनन--ऐसद मकहम४-वणरन
कक सपह४वनश धवकन सद; क:--कलन; उतमशलकक-- भगव४ननन क४; गपण-अनपव४द४तनन--ऐसद क४यर क४ वणरन करनद सद; पपम४नननस--
मनपषय; कवरजयदत--अपनद कक कवलग रख सकत४ हह; कवन४--रकहत; पशप-घन४तस--कस४ई अथव४ अपनद आप क४ हश वध करनद
व४लद सद।.
इस तरह लगद रहनद पर कक षणकथ४ कद महतव कक, च४हद वह भगवदशत४ कद रप मम हक, च४हद
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जक वहषणव-आचरण व४ल४ न हक उससद कथ४ नहथ सपननश च४कहए। वहषणव तक कनवकत -ठक षण हकत४
हह--उसक४ ककई भलकतक उददशय नहथ हकत४ कयतकक उसक४ एकम४त उददशय कक षणभ४वन४मकत क४ पच४र
करन४ हकत४ हह । तथ४ककथत कवद४न, द४शरकनक तथ४ र४जनशकतज सव४थरवश भगवदशत४ कद अथर कक तकड-
मरकड कर अपन४ उलह सशध४ करन४ च४हतद हह । इसशकलए यह शलकक स४वध४न करत४ हह कक कक षणकथ४
क४ व४चन वहश करद जक कनवकत-ठक षण हक । शपकददव गकसव४मश शशमद४गवत कद आदशर उपयपक व४चक हह
और मकतयप क४ स४मन४ करनद कद पसवर अपन४ र४जय तथ४ पररव४र कक ककसश उददशय सद छकडनद व४लद परशककत
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मह४र४ज आदशर शकत४ हह। शशमद४गवत क४ सपयकगय व४चक बदजशवत कक सहश औरकध ( भवलरकध )
पद४न करत४ हह। इसशकलए कक षणभ४वन४मकत आनदकलन ऐसद यकगय पच४रकत कक पकशककत करनद मम
पयतनशशल हह, जक स४रद जगत मम शशमद४गवत तथ४ भगवदशत४ क४ व४चन कर सकम कजससद कवशवभर कद
स४म४नयजन इस आनदकलन क४ ल४भ उठ४ सकम और भलकतक सरस४र कद तशनत त४पत सद छसट सकम ।
भगवदशत४ कद आददश तथ४ शशमदननभ४गवत कद वणरन इतनद मनकह४रश हह कक भलकतक सरस४र कद तशनत
त४पत सद तप प४य: पतयदक वयकक इन गरथत मम सद भगव४ननन कक मकहम४ कक सपनन४ च४हदग४ और मपकक कद
म४गर मम ल४भ उठ४न४ च४हदग४। ककनतप दक पक४र कद लकग कभश-भश भगवदशत४ तथ४ शशमद४गवत कद
सनददश कक सपननद मम रकच नहथ लमगद--एक वद जक आतमहतय४ करनद पर तपलद हह और दससरद वद जक अपनद
सव४द कद कलए गलवत तथ४ अनय पशपओर क४ वध करनद पर तपलद हह ए हह। यदकप ऐसद लकग भ४गवत-सप४ह
कद समय शशमद४गवत सपननद क४ कदख४व४ करतद हह, ककनतप यह कमरजनत कक दससरश सककष हह कजनहम ऐसद
कक तय सद ककई ल४भ नहथ कमल सकत४। इस समबनध मम पशपषन४तनन शबद महतवपसणर हह। पशचपघत क४ अथर हह
““कस४ई।'' उचतर लककत मम ज४नद कद कलए कमरक४णडश वयककयत कक यज करतद समय पशपओर क४ वध
करन४ हकत४ हह इसशकलए भगव४ननन बपदददव नद वददत कद पम४ण क४ कतरसक४र ककय४ कनयतकक वद पशपबकल कक
रककन४ च४हतद थद कजनकक वहकदक अनपष४नत मम सरसतपकत कक गई हह।
सदयहदय दकशरतपशपर४तर
( गशत गककवनद )
यदकप वहकदक उतसवत मम पशपबकल कक म४नयत४ प४प हह, ककनतप ऐसद उतसवत कद कलए जक वयकक
पशपओर क४ वध करतद हह, वद कस४ई ( पशपषन ) म४नद ज४तद हह। भल४ कस४इयत कक कक षणभ४वन४मकत मम कह सद
रकच हक सकतश हह जब उनहम भलकतक आकररण कमल४ रहत४ हह ? उनकक एकम४त रकच नशवर शरशर कद
कलए सपकवध४एह उतपन करनद मम हकतश हह--
भकगहशवयरपसक४न४र तय४पहतचदतस४मनन ।
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“जक लकग इकनदयभकग तथ४ भलकतक ऐशवयर कद पकत आसक हह और जक ऐसश वसतपओर सद मकहगसत
रहतद हह उनकद मन मम भगव४ननन कक भकक कद कलए दढ सरकलप नहथ बन प४त४।”' ( भगवदननगशत४ २.४४)
शशल नरकतमद४स ठ४कप र कहतद हह--
कक षणकथ४ कद कलए वक४ तथ४ शकत४ हकन४ च४कहए और यद दकनत कक षणभ४वन४मकत मम तभश रकच लद
सकम गद जब उनहम भलकतक कथ४ओर मम रकच न हक। व४सतव मम यह हर ककई ददख सकत४ हह कक जक लकग
कक षणभ४वन४भ४कवत हह उनमम यह पवककत सवत: उतपन हकतश हह। यदकप कक षणभ४वन४मकत आनदकलन कद
भकगण तरण वयकक हह, ककनतप वद भलकतकत४व४दश अखब४र, पकतक४एह इतय४कद नहथ पढतद कयतकक उनहम
ऐसश कथ४ओर मम ककई रकच नहथ हकतश ( कनवकततरर )। वद ददह४तमबपकद क४ सवरथ४ पररतय४ग कर ददतद हह।
गपर उतमशलकक अथ४रतनन पसणर पपररकतम भगव४ननन कवरयक कथ४ओर कक कहत४ हह और कशषय धय४न सद उनहम
सपनत४ हह। जब तक दकनत भलकतक इचछ४ओर सद मपक नहथ हक लदतद, तब तक उनहम कक षणभ४वन४मकत कक
कथ४ओर मम रकच नहथ हक सकतश। गपर तथ४ कशषय कक कक षण कद अकतररक और कप छ समझनद कक
आवशयकत४ नहथ रहतश कयतकक कक षण कक समझनद तथ४ कक षण कद कवरय मम ब४तम करनद म४त सद हश वयकक
पसणरतय४ कवद४न बन सकत४ हह ( यकसमननन कवज४तद सवरमदवर कवज४तर भव४कत )। भगव४ननन हर एक कद हदय मम
आसशन रहत४ हह और उनकक कक प४ सद भक तक भगव४ननन सद हश सशधद आददश प४प करत४ हह जहस४कक
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““मह हर एक कद हदय मम आसशन हह ह और मपझश सद समककत, ज४न तथ४ कवसमककत उतपन हकतद हह। स४रद
वददत कद द४र४ मह हश वदद हह।ह मह हश वदद४नत क४ रचकयत४ और वददत क४ ज४त४ हह ह ।'' कक षणभ४वन४मकत इतन४
उच हह कक कक षणभ४वन४भ४कवत वयकक गपर कद कनदरशन सद शशमद४गवत, भगवदशत४ तथ४ अनय वहकदक
स४कहतय मम प४पय कक षणकथ४ कक पढकर तपष रहत४ हह। जब कक षण कद कवरय मम कद वल ब४तम करन४ इतन४
सपह४वन४ लगत४ हह, तक कफर कक षण कक सदव४ करन४ ककतन४ सपह४वन४ हकग४, इसकक कलपन४ कक ज४ सकतश
हह।
जब मपकगपर तथ४ उसकद कशषय कद मधय कक षणकथ४ पर व४त४रएह हकतश हह, तक अनय लकग भश कभश
कभश इन कथ४ओर कक सपनकर ल४भ उठ४तद हह। यद कथ४एह जनम तथ४ मकतयप कद चक कक रककनद मम र४मब४ण
औरकध क४ क४यर करतश हह। ब४रमब४र जनम तथ४ मकतयप क४ चक, कजससद मनपषय कक पपनद-पपनद कवकभन
शरशर गहण करनद पडतद हह, भव य४ भवरकग कहल४त४ हह। यकद ककई वयकक इचछ४ य४ अकनचछ४ सद
कक षणकथ४ सपनत४ हह, तक उसक४ भवरकग अथ४रतनन जनम-मरण क४ रकग कनशचय हश ज४त४ रहत४ हह। इसकलए
कक षणकथ४ कक भवकरकध--जनम-मकतयप कद चक कक रककनद कक औरकध--कह४ गय४ हह। कमरजन जक
भलकतक इकनदयतककप मम आसक हह, स४म४नयतय४ अपनश भलकतक इचछ४ओर क४ पररतय४ग नहथ कर सकतद,
ककनतप कक षणकथ४ ऐसश र४मब४ण औरकध हह कक कक षणकथ४ सपननद कद कलए पदररत हकनद पर वह इस रकग सद
कनकशचत रप सद मपक हक ज४त४ हह। इसकद जवलनत उद४हरण धपव मह४र४ज हह, जक अपनश तपसय४ कद ब४द
अतयनत तपष थद। जब भगव४ननन नद उनहम वर ददन४ च४ह४ तक धपव नद वर लदनद सद मन४ कर कदय४। सव४कमननन
कक त४थर3 कसम वरर न य४चद-हद पभप! मह पसरश तरह सद तपष हक गय४ हह ,
ह मपझद इकनदयतककप कद कलए ककई वर
नहथ च४कहए। हम ददख रहद हह कक कक षणभ४वन४मकत आनदकलन मम यपवकत तथ४ यपवकतयत तक नद अपनश बपरश
सद बपरश आदतम जहसद अवहध यलन, म४रस४ह४र, नश४ तथ४ जपआ खदलन४ छकड दश हह। चसकह क कक षणभ४वन४मकत
इतन४ पबल हह कक इससद उनहम पसणर सननतन कर कमलत४ हह अतएवर वद भलकतक इकनदयतककप मम रकच नहथ लदतद।
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ददवबत४द४कतरथदकसतकमकडड लह: ।
दपरतययर कलरवसहनयस४गरर
कक तव४तरनवतसपदर सम यतपव४: ॥ ५॥
दलणयसकवपहषकमदर मदडर
सनननत४नबशजर कप रप४णडव४न४मनन ।
जपगकप कप ककर गत आतचकक
म४तपशच मद यद शरणर गत४य४: ॥ ६॥
वशय४रकण तसय४कखलददहभ४ज४-
मनतबरकह: पसररक४लरपह: ।
पयचछतक मकतयपमतप ४मकतर च
म४य४मनपषयसय वदसव कवदननन ॥ ७॥
कपत४मह४:--प४हचत प४णडव, जक मदरद ब४ब४ हह; मद--मदर; द समरद--कप रकदत कद यपदसथल मम; अमरमनन जयह:--यपदभसकम मम ददवत४ओर
पर कवजय प४प करनद व४लद यकद४ओर समदत; ददववत-आद-- भशषमददव तथ४ अनय; अकतरथह:--मह४ सदन४पकतयत कद स४थ;
कतकमरडलहद--कतकमरकगल ( बडश मछलश ) कद सम४न; दपरतययमनन--दपलरधय; कलरव-सहनय-स४गरमनन--कलरवत कद एकत सहकनकत कद
स४गर कक; कक तव४--म४नकर; अतरननन--प४र कर कलय४; वतस-पदमनन--गक खपर कद सम४न; सम--थ४; यतननन-पव४:--कक षण कक
चरणकमल रपश न४व क४ आशय; दलकण--अशवतथ४म४ कद ; अस--बहस सद; कवपहषमस-- आकमण करकद जल४य४ गय४;
इकदमनन-यह; मतनन-अडमननस--मदर४ शरशर; सननतन ४न-बशजमनन--एकम४त बच४ हह आ बशज, वरश क४ अकनतम उतर४कधक४रश; कप र-
प४णडव४न४मस-कलरवत तथ४ प४णडवत क४ ( कप रकदत मम मदरद अकतररक सभश लकग म४रद ज४ चपकद हह ); जपगकप--शरण दश; कप ककमनन--
गभर मम; गत:--सथ४कपत; आत-चक:--ह४थ मम चक कलए; म४तप:--म४त४ क४; च--भश; मद--मदरश; यद--जक भगव४ननन;
शरणमनन--शरण; गत४य४: --गहण कर लश हह; वशय४रकण--कदवय गपणत क४ ग४न; तसय--उस ( भगव४ननन ) क४; अकखल-ददह-
भ४ज४मनन--समसत ददहध४रश जशवत क४; अनत: बकह:--भशतर तथ४ ब४हर; पसरर-- परम पपरर क४; क४ल-रपह:--कनतय समय कद
रपत मम; पयचछत: --ददनद व४ल४; मकतयपम- नन -मकतयप कक; उत--ऐस४ कह४ ज४त४ हह; अमकतमनन च--तथ४ श४शवत जशवन; म४य४-
मनपषयसय-- भगव४ननन क४, जक अपनश शकक सद मनपषय रप मम पकट हह ए हह; वदसव--कक प४ करकद कहम; कवदनस--हद कवद४न
(शपकददव गकसव४मश )।
कक षण कद चरणकमल रपश न४व कक लदकर मदरद ब४ब४ अजपरन तथ४ अनयत नद उस कप रकदत
यपदसथल रपश स४गर कक प४र कर कलय४ कजसमम भशषमददव जहसद सदन४पकत उन बडश-बडश मछकलयत
कद तपलय थद, जक उनहम आस४नश सद कनगल गई हकतथ। मदरद कपत४महत नद भगव४ननन शशकक षण कक कक प४ सद
इस दपलरधय स४गर कक इतनश सरलत४ सद प४र कर कलय४ म४नक ककई गकखपर क४ कचनह हक । चसकह क मदरश
म४त४ नद सपदशरन चकध४रश भगव४ननन शशकक षण कद चरणकमलत कक शरण गहण कक थश अतद
उनहतनद उनकद गभर मम पवदश करकद मपझद बच४ कलय४ जक कलरवत तथ४ प४णडवत क४ अकनतम बच४
हह आ उतर४कधक४रश थ४ और कजसद अशवतथ४म४ नद अपनद बहस सद नषप४य कर कदय४ थ४। भगव४ननन
कक षण नद समसत ददहध४रश जशवत कद भशतर तथ४ ब४हर श४शत क४ल कद रपत मम--यथ४ परम४तम४
तथ४ कवर४ट रपत मम--अपनश शकक सद पकट हककर हर एक कक कस र मकतयप कद रप मम य४ जशवन
कद रप मम मकक पद४न ककय४। कक पय४ उनकद कदवय गपणत क४ वणरन करकद मपझद पबपद कककजए।
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सम४कशत४ यद पदपलनलवपवर
भव४मबपकधवतसपदर पर पद
““कजसनद कवर४ट जगत कद आशय तथ४ मपर४रर अथ४रतनन मपर न४मक असपर कद शतप भगव४ननन कद
चरणकमल रपश न४व कक पकड कलय४ हह उसकद कलए यह भवस४गर गकखपर मम भरद जल कद सम४न हह।
उसक४ लकय परर पर अथ४रतनन वहकपणठ हकत४ हह जह४ह भलकतक कषत क४ न४मककनश४न नहथ रहत४, न कक वह
सथ४न जह४ह पग-पग पर सरकट हह।'!
जक वयकक भगव४ननन शशकक षण कद चरणत कक शरण लदत४ हह उसद तपरनत हश भगव४ननन सपरक४ पद४न करतद
हह। भगवदशत४ (१८.६६) मम भगव४ननन वचन ददतद हह-- अहर तव४र सवरप४पदभयक मकककयषय४कम म४ शपचद-मह
तपमहम स४रद प४पत सद उब४र लसहग४; तपम डरक मत--भगव४ननन कक षण कक शरण मम आनद सद मनपषय सबसद सपरककत
आशय प४प कर लदत४ हह। इस तरह जब प४णडवत नद कक षण कद चरणकमलत कक शरण गहण कर लश तक
वद कप रकदत कक यपदभसकम मम सपरककत दल मम आ गयद। इसशकलए परशककत मह४र४ज अपनद जशवन कद अकनतम
कदनत मम कक षण क४ कचनतन करतद हह ए कक तजत४ क४ अनपभव कर रहद थद। कक षणभ४वन४मकत क४ यह आदशर
'फल हह--अनतद न४र४यणसमकत: / यकद मकतयप कद समय ककई कक षण क४ समरण कर सकद तक उसक४ जशवन
सफल हक ज४त४ हह। इसशकलए परशककत मह४र४ज नद अपनद जशवन कद अकनतम कदनत मम कक षण कक अनदक
कक तजत४ओर कद क४रण कक षण क४ कनरनतर कचनतन करनद कक बपकदम४नश कक। कक षण नद मह४र४ज परशककत कद
ब४ब४ओर कक कप रकदत कद यपदसथल मम बच४य४ थ४ और कक षण नद सवयर मह४र४ज परशककत कक उस समय
रक४ कक थश जब अशवतथ४म४ नद बह४सन सद उन पर आकमण ककय४ थ४। प४णडव पररव४र कद कलए कक षण
एक कमत तथ४ आर४धयददव कद तपलय थद। भगव४ननन कक षण क४ प४णडवत कद स४थ वयककगत सरपकर हकनद कद
अकतररक, कक षण स४रद जशवत कद परम४तम४ हह और हर एक कक मपकक पद४न करनद व४लद हह-- भलद हश ककई
शपद भक हक य४ न हक। उद४हरण४थर, करस कबलकप ल भक नहथ थ४ कफर भश उसद म४रनद कद ब४द कक षण नद
उसद मकक पद४न ककय४। कक षणभ४वन४मकत हर एक कद कलए ल४भपद हह, च४हद वह शपद भक हक य४
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अभक। कक षणभ४वन४मकत कक यहश मकहम४ हह। यह कवच४र कर भल४ कलन ऐस४ हकग४ जक कक षण कद
चरणकमलत कक शरण गहण नहथ करदग४ ? इस शलकक मम कक षण कक म४य४मनपषय कह४ गय४ हह कनयतकक वद
कबलकप ल मनपषय कक हश तरह अवतररत हकतद हह। वद ककमरयत य४ स४म४नय जशवत कक तरह यह४ह आनद कद
कलए ब४धय नहथ हह पतयपत वद अपनश अनतररग४ शकक कद द४र४ ( समभव४मय४तमग४यय४ ) पकतत बदजशवत
पर कक प४ कदख४नद कद कलए पकट हकतद हह। कक षण अपनद सकचद४ननद कवगह रप मम सदहव कसथत रहतद हह
और जक ककई उनकक सदव४ करत४ हह, वह भश अपनद मसल आधय४कतमक सवरप मम कसथत हक ज४त४ हह
( सवरपदण वयवकसथकत:) । यहश म४नव जशवन कक सवरच कसकद हह।
रककहणय४:--बलददव कक म४त४ रककहणश ददवश क४; तनयद --पपत; पकक:--कवखय४त; र४म: --बलर४म; सडस ररण:--सरकररण और
ककई नहथ, बलर४म हह, जक चतपवयसरह ( सरकररण, अकनरद, पदपमन तथ४ व४सपददव ) मम पथम हह; तवय४--आपकद द४र४ (ऐस४ कह४
ज४त४ हह ); ददवकय४:--कक षण कक म४त४, ददवकक क४; गभर-समबनध:--गभर समबनधश; कप त:--कह सद; ददह-अनतरमनन--शरशरत कद
सथ४न४नतरण कद ; कवन४--कबन४.
त४तपयर : यह४ह पर एक पशन उठ४य४ गय४ हह, जक कवशदर रप सद स४क४तनन सरकररण, बलर४म कक
समझनद कक ओर लककयत हह। यह पकसद हह कक बलर४म रककहणश कद पपत थद, ककनतप यह भश ज४त हह कक वद
ददवकक कद पपत थद। परशककत मह४र४ज इस रहसय कक ज४नन४ च४हतद थद कक बलर४म ददवकक तथ४ रककहणश
दकनत हश कद पपत ककस तरह थद ?
'कसम४तनन-कयत; मपकपनदद--हर एक कक मकक ददनद व४लद कक षण; भगव४ननन-- भगव४ननन; कपतप:--अपनद कपत४ ( वसपददव ) कद ; गदह४तनन--
घर सद; वजमन--वजध४म य४ वजभसकम; गतद--गयद; क--कह४ह; व४समनन--रहनद कद कलए रख४; ज४कतकभ:--उनकद समबकनधयत कद ;
स४थरमनन--स४थ; कक तव४ननन--कर कदय४; स४तवत४मनन पकत: --समसत वहषणव भकत कद सव४मश |.
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बजद--वकनद४वन मम; वसननन--रहतद हह ए; ककमनन अकरकतनन--उनहतनद कय४ ककय४; मधपपयप ४रमनन--मथपर४ मम; च--तथ४; कद शव: --कद शश कद
सरह४र करनद व४लद, कक षण नद; भ४तरमनन-- भ४ई; च--तथ४; अवधशतनन-- म४र४; करसमनन-- करस कक; म४तप:--अपनश म४त४ कद ; अद४--
पतयक; अ-ततनन-अहरणमनन-श४स कजसकक अनपमकत नहथ ददतद.
भगव४ननन कक षण वकनद४वन तथ४ मथपर४ दकनत जगह रहद तक वह४ह उनहतनद कय४ ककय४ ? उनहतनद अपनश
म४त४ कद भ४ई (म४म४ ) करस कक कनयत म४र४ जबकक श४स ऐसद वध कक ररचम४त भश अनपमकत नहथ
ददतद?
त४तपयर : म४म४ क४ पद कपत४ कद तपलय हकत४ हह। म४म४ कद सनननत४न न हकनद पर भ४झ४ हश उसकक सरपकत
क४ वहध उतर४कधक४रश बनत४ हह। तक कफर कक षण नद अपनश म४त४ कद भ४ई कक कनयत म४र४? मह४र४ज परशककत
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ददहमनन-शरशर; म४नपरमनन-मनपषय कक हश तरह; आकशतय--सवशक४र करकद ; ककत वर४रकण--ककतनद वरर तक; वककषणकभ: --वककषण
वरश मम उतपन हकनद व४लत कद स४थ मम; यदप-पपय४रमस--यदपओर कद आव४स-सथ४नत मम, द४रक४ मम; सह--स४थ; अव४तसशतननस-- भगव४ननन
रहद; पलय:--पतय४ह; ककत--ककतनश; अभवननन-- हह ई; र पभकद-- भगव४ननन कद .
भगव४ननन कक षण क४ शरशर भलकतक नहथ हह, कफर भश वद म४नव कद रप मम पकट हकतद हह। वद
वककषण कद वरशजत कद स४थ ककतनद वरर तक रहद ? उनकद ककतनश पकतय४ह थथ? वद द४रक४ मम ककतनद
वरर तक रहद ?
त४तपयर : अनदक सथलत पर भगव४ननन कक सकचद४ननद कवगह अथ४रतनन कदवय आननदमय शरशर व४लद
कह४ गय४ हह। उनक४ सवरप नर४कक कत अथ४रतनन मनपषय जहस४ हह। यह४ह पर इसश भ४व कक म४नपषमनन आकशतय
द४र४ दपहर४य४ गय४ हह, जक इस ब४त क४ ससचक हह कक वद मनपषय जहस४ हश शरशर ध४रण करतद हह। सवरत
इसकक पपकष हह ई हह कक कक षण कनर४क४र नहथ हह। उनक४ सवरप मनपषय जहस४ हह। इसमम तकनक भश सनददह
नहथ हह।
एततनन--यद स४रश ब४तम; अनयतनन च--तथ४ अनय ब४तम भश; सवरमनन-स४रश ब४तम; मद--मपझकक; मपनद--हद मपकन; कक षण-कवचदकषतमनन--
भगव४ननन कक षण कद क४यरकल४पत कक; वकप मस--बतल४नद मम; अहकस--समथर हह; सवर-ज--सब कप छ ज४ननद व४लद; भद४न४य--
अडद४व४न हकनद कद क४रण; कवसतकतमनन--कवसत४र सद |.
न--नहथ; एघ४--यह सब; अकत-दपदसह४--सहनद मम अतयनत ककठन; कपतनन-- भसख; म४मनन-मपझकक; तयक-उदमनन--जल गहण
करन४ छकड ददनद कद ब४द; अकप--भश; ब४धतद--ब४ध४ नहथ ड४लत४; कपबनतमनन--पशतद रहनद पर; तवतनन-मपख-अमभकज-चयपतमनन--
आपकद कमलमपख सद कनकल४ हह आ; हरर-कथ४-अमकतमनन--कक षण कथ४ क४ अमकत.
मकतयप द४र पर हकतद हह ए अपनद बत कद क४रण महनद जल गहण करन४ भश छकड कदय४ हह कफर भश
आपकद कमलमपख सद कनकलद कक षण-कथ४ रपश अमकत क४ प४न करनद सद मदरश असह४ भसख तथ४
व४
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त४तपयर : स४त कदनत कद भशतर मरनद कक तहय४रश करनद कद उददशय सद मह४र४ज परशककत नद भकजन तथ४
जल गहण करन४ छकड कदय४ थ४। मनपषय हकनद कद न४तद उनकक भसख तथ४ पय४स लगनश सव४भ४कवक थश
इसकलए शपकददव गकसव४मश कक षणकथ४ बनद करन४ च४ह रहद हतगद, ककनतप मह४र४ज परशककत उपव४स रखनद
कद ब४वजसद भश थकद हहए नहथ थद। उनहतनद कह४, “मदरद उपव४स सद उतपन भसख तथ४ पय४स मपझद नहथ
सत४तथ। एक ब४र मह अतयनत पय४स४ थ४, तक जल पशनद कद कलए शमशक मपकन कद आशम गय४ थ४, ककनतप
मपकन नद मपझद जल नहथ कदय४। अतएव महनद उस मपकन कद कनधद पर एक मकत सपर लपदट कदय४ थ४ कजसकद
फलसवरप ब४हण ब४लक नद मपझद श४प दद ड४ल४। ककनतप अब मह सवसथ हह ।ह मह भसख तथ४ पय४स सद तकनक
भश कवचकलत नहथ हह ।ह '” इससद ससकचत हकत४ हह कक यदकप भलकतक सतर पर भसख तथ४ पय४स ब४धक बनतश
हह, ककनतप आधय४कतमक सतर पर थक४न जहसश ककई वसतप नहथ हकतश।
स४र४ सरस४र आधय४कतमक पय४स कद क४रण कष उठ४ रह४ हह। हर जशव बह य४ आधय४कतमक आतम४
हह और उसद अपनश भसख-पय४स बपझ४नद कद कलए आधय४कतमक भकजन कक आवशयकत४ पडतश हह। ककनतप
दपभ४रगय हश कहमगद कक सरस४र कक षणकथ४ कद अमकत सद सवरथ४ अनज४न हह। इसकलए कक षणभ४वन४मकत
आनदकलन द४शरकनकत, धमरकवदत तथ४ स४म४नय लकगत कद कलए वरद४न तपलय हह। कक षण तथ४ कक षणकथ४ मम
कनकशचत रप मम कवशदर आकररण हह। इसशकलए परबह कक षण अथ४रतनन सव४रकधक आकररक कहल४तद हह।
अगत शबद चनदम४ क४ भश दकतक हह और अमबपज क४ अथर हह “कमल ''। सपह४वनश च४हदनश तथ४
कमल कक सपह४वनश सपगनध कमलकर शपकददव गकसव४मश कद मपख सद कक षणकथ४ सपननद मम आननद पद४न कर
रहश थश। कह४ भश गय४ हह--
कमथकउकभपददत गहवव४न४मनन।
पपन: पपनशचकवरतचवरण४न४मनन ॥
“'भलकतकत४व४दश जशवन कद पकत अतयनत आसक वयकक अपनश अकनयरकतत इकनदयत कद क४रण
न४रककय कसथकत कक ओर बढतद ज४तद हह और एक ब४र चब४यद हहए कक पपनद-पपनद चब४तद रहतद हह । उनमम
न तक ककसश कद उपददश सद, न अपनद आप, न हश इन दकनत कद द४र४ कक षण कद पकत रकच ज४गकत हकतश हह।''
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(शशमदभ४गवत ७.५.३०) समपकत स४र४ म४नव सम४ज चकवरतचवरण करनद मम लग४ हह (पपनद
पपनशचकवरतचरवणर ४न४मनन ) । लकग एक शरशर मम जनम लदकर मरनद और पपनद दससर४ शरशर ध४रण कर कफर
मकतयप भकगनद कद कलए तहय४र रहतद हह ( मकतयपसस
र ४र-वतमशकन ) | इस जनम-मकतयप कद चक कक रककनद कद कलए
कक षणकथ४ अथव४ कक षणभ४वन४मकत कनत४नननत आवशयक हह। ककनतप जब तक शपकददव गकसव४मश जहसद
सवरपकसद वयकक सद कक षणकथ४ नहथ सपनश ज४तश तब तक स४रश भलकतक थक४न कक दसर करनद व४लश
कक षणकथ४ कद अमकत क४ न तक आननद कलय४ ज४ सकत४ हह न हश आधय४कतमक अकसततव मम आननदमय
जशवन भकग४ ज४ सकत४ हह। जब हम कक षणभ४वन४मकत आनदकलन कद ब४रद मम सकचतद हह, तक हम ददखतद हह
कक कजनहतनद कक षण-कथ४ रपश अमकत क४ आसव४दन कर कलय४ हह वद स४रश भलकतक इचछ४ओर क४ पररतय४ग
कर ददतद हह, ककनतप जक कक षण य४ कक षणकथ४ कक नहथ समझतद वद कक षणभ४वन४भ४कवत जशवन कक ““मकसतषक
धपल४ई'' य४ ““मन-कनयरतण'' म४नतद हह। एक ओर जह४ह भकगण आधय४कतमक आननद क४ अनपभव करतद
हह वहथ अभकत कक यह ददखकर हहर४नश हकतश हह कक भकत नद भलकतक ल४लस४ओर क४ पररतय४ग कर कदय४
हह!
ससत उब४च
एवर कनशमय भकगपननदन स४धपव४दर
वहय४सकक: स भगव४नथ कवषणपर४तमनन ।
पतयचयर कक षणचररतर ककलकलमरघनर
वय४हतपरम४रभत भ४गवतपध४न: ॥ १४॥
ससतद उब४च--ससत गकसव४मश नद कह४; एवमनन--इस पक४र; कनशमय--सपनकर; भकगप-ननदन--हद भसगपवशर श, शलनक; स४धप-व४दमनन--
शपभ पशन; बहय४सकक: --वय४सददव कद पपत, शपकददव गकसव४मश; सद--वह; भगव४ननन--अतयनत शककश४लश; अथ--इस पक४र;
कवषणप-र४तमनन-कवषणप द४र४ सपरककत परशककत मह४र४ज कक; पतयचयर--स४दर नमसक४र करकद ; कक षण-चररतमनन--कक षणकथ४ कक;
'ककल-कलमर-घतमनन--इस ककलयपग कद कषत कक कम करनद व४लश; वय४हतपरमस--वणरन करनद कद कलए; आरभत--शपर ककय४;
भ४गवत-पध४न:--शपद भकत मम पमपख शपकददव गकसव४मश नद ।.
ससत गकसव४मश नद कह४ : हद भकगपपपत (शलनक ऋकर ), परम आदरणशय वय४सपपत भक शपकददव
गकसव४मश नद मह४र४ज परशककत कद शपभ पशनत कक सपनकर र४ज४ कक स४दर धनयव४द कदय४। कफर
उनहतनद कक षणकथ४ कद कवरय मम व४त४र प४रमभ कक जक इस ककलयपग कद समसत कषत कद कलए
औरकध हह।
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कक षण कद क४यरकल४प समसत कषत कक र४मब४ण औरकध हह । कह४ ज४त४ हह कक ककलयपग कद लकग अलप४यप
हकतद हह और उनमम कक षणभ४वन४मकत कक सरसकक कत नहथ प४ई ज४तश। यकद कद४कचतनन ककसश कक रकच
आधय४कतमक सरसकक कत मम हकतश भश हह, तक उसद कवकभन पक४र कद अप४म४कणक सव४मश तथ४ यकगश भ४नत
करतद रहतद हह, जक कक षणकथ४ क४ न४म भश नहथ लदत।द इसशकलए अकधक४रश लकग अभ४गद तथ४ अनदक
कवपद४ओर सद गसत रहतद हह। शशल वय४सददव नद इस यपग कद कष भकग रहद लकगत कक छप टक४र४ कदल४नद कद
कलए ( ककल कलमषषनमनन ) न४रदमपकन कद आगह पर शशमद४गवत कलख४। कक षणभ४वन४मकत आनदकलन
शशमद४गवत कक मनकह४रश कथ४ओर कद म४धयम सद लकगत कक पबपद करनद मम जश-ज४न सद लग४ हह।
शशमद४गवत तथ४ भगवदशत४ क४ सनददश स४रद कवशव मम, सररद कदतत मम, कवशदर रप सद पगत कशककत
लकगत कद बशच म४नय हक रह४ हह ।
““जशव कद भलकतक कष, जक उसद वयथर लगनद व४लद हह, यकद भकक कद स४थ जकड दम तक कम ककयद ज४
सकतद हह। ककनतप लकग इसद समझ नहथ प४तद इसशकलए कवद४न वय४सददव नद इस वहकदक गरथ शशमद४गवत
कक रचन४ कक जक परम सतय कद कवरय मम हह।'' ( शशमद४गवत १.७.६) अकधक४रश लकग इस तथय सद
अवगत नहथ हकतद कक शशमद४गवत क४ सनददश ककलयपग कद कषत सद म४नव सम४ज कक छप टक४र४ कदल४
सकत४ हह ( ककलकलमरषनमनन )।
शशशपक उव४च
समयगवयवकसत४ बपकदसतव र४जकररसतम ।
व४सपददवकथ४य४र तद यज४त४ नहकषकक रकत: ॥ १५॥
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शश-शपकद उव४च-- शश शपकददव गकसव४मश नद कह४; समयकन न--पसरश तरह; वयवकसत४--कसथर; बपकदर:--बपकदर; तब--आपकक;
र४ज-ऋकर-सतम-हद र४जकररयत मम शदष; व४सपददब-क थ४य४मनन--व४सपददव कक षण कवरयक कथ४ओर कद सपननद मम; तद--आपक४;
यतनन-- कयतकक; ज४त४--उतपन; नहकषकक--अनवरत; रकत:--आकररण य४ भ४वमय भकक.
त४तपयर : र४जकरर अथ४रतनन पमपख पश४सक कद कलए कक षणकथ४ अकनव४यर हह। भगवदशत४ मम भश यहश
कह४ गय४ हह (इमर र४जररयक कवदप:) | ककनतप दपभ४रगयवश इस यपग मम सरक४रश शकक धशरद-धशरद ऐसद कनकक ष
लकगत कद ह४थ मम ज४ रहश हह कजनहम ककई आधय४कतमक ज४न नहथ हह। इसशकलए सम४ज क४ तदजश सद पतन
हक रह४ हह। सरक४र कद पश४सकत कक कक षणकथ४ समझनश च४कहए अनयथ४ पज४ कह सद सपखश हक सकतश हह
और ककस तरह उसद भलकतकत४व४दश जशवन कद कषत सद छप टक४र४ कमल सकत४ हह? कजसक४ मन
कक षणभ४वन४मकत मम कसथर हक चपक४ हक, समकझए कक जशवन-मसलयत कद कवरय मम उसद पखर बपकद प४प हह।
मह४र४ज परशककत र४जकरर-सतमनन अथ४रतनन समसत र४जकररयत मम शदष थद और शपकददव गकसव४मश मपकन-सतमनन
थद अथ४रतनन स४रद मपकनयत मम शदष थद । दकनत हश कक षणकथ४ मम एक सश रकच कद क४रण उच पद कक प४प थद।
अगलद शलकक मम वक४ तथ४ शकत४ कद उच पद कक बहह त सपनदर वय४खय४ कक गई हह। कक षणकथ४ इतनश
उतस४हद४यक हह कक मह४र४ज परशककत समसत भलकतक ब४तत कक, यह४ह तक कक ख४नद-पशनद समबनधश कनजश
सपकवध४ओर कक भश भसल गयद। यह इसक४ पम४ण हह कक कक षणभ४वन४मकत आनदकलन कक वक४ तथ४ शकत४
दकनत कक एकसम४न कदवय सतर पर ल४नद तथ४ भगवद४म लद ज४नद कद कलए स४रद कवशव मम ककस तरह फह ल
ज४न४ च४कहए।
व४सपददवकथ४पशन: पपरर४रसशनननपपन४कत कह ।
वक४रर पचछकर शकतकरसततप४दसकललर यथ४ ॥ १६॥
व४सपददव-कथ४-पशन:--व४सपददव कक षण कक लशल४ओर तथ४ गपणत कद कवरय मम पशन; पपरर४नननस-- पपररत कक; तशननन--तशनत;
पपन४कत--पकवत करतद हह; कह--कनशचय हश; वक४रमनन--वक४ कक, यथ४ शपकददव गकसव४मश; पचछकमनन--कजज४सप शकत४ कक, यथ४
मह४र४ज परशककत; शकतसनननस--तथ४ कथ४ कक सपननद व४लत कक; ततनन-प४द-सकललमनन यथ४--कजस तरह भगव४ननन कवषणप कद अहगसठद सद
कनकलनद व४लद गरग४ जल सद समपसणर सरस४र पकवत हक ज४त४ हह। .
भगव४ननन कवषणप कद चरणत कद अहगसठद सद कनकलनद व४लश गरग४ तशनत लककत--ऊपरश, मधय तथ४
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अध: लककत--कक पकवत बन४नद व४लश हह। इसश तरह जब ककई वयकक भगव४ननन व४सपददव कक षण कक
लशल४ओर तथ४ गपणत कद कवरय मम पशन करत४ हह, तक तशन पक४र कद वयकक--वक४ य४ उपददशक,
पशनकत४र तथ४ सपननद व४लद मनपषय--शपद हक ज४तद हह।
त४तपयर : शशमद४गवत मम हश (११.३.२१) कह४ गय४ हह तसम४दनन जपरर पपददत कजज४सप: शदय
उतममनन / जक लकग जशवन क४ लकय जहस४ कदवय कवरय ज४नन४ च४हतद हह उनहम च४कहए कक प४म४कणक
आधय४कतमक गपर कद प४स ज४हए। तसम४दनन गपर पपददत। मनपषय कक च४कहए कक ऐसद गपर कक शरण मम ज४यद
जक कक षण कद कवरय मम उसद सहश ज४नक४रश दद सकद । यह४ह पर मह४र४ज परशककत नद व४सपददव कथ४ कद
कवरय मम ज४ननद कद कलए प४म४कणक वयकक शपकददव गकसव४मश कक शरण गहण कक हह। व४सपददव आकद
भगव४ननन हह कजनकद अननत आधय४कतमक क४यरकल४प हह। शशमदनन भ४गवत इन क४यरकल४पत क४ सरगह हह और
भगवदशव४ व४सपददव द४र४ सवयर कदए गए पवचन क४ सरगह हह। चसकह क कक षणभ४वन४मकत आनदकलन व४सपददव
कथ४ सद ओतपकत हह अतएव जक भश इसमम श४कमल हकत४ हह, जक भश सपनत४ हह और जक भश पच४र करत४
भसकमईर पनकपवय४जदहतय४नशकशत४यपतह: ।
आक४नत४ भसररभ४रदण बहणर शरणर ययल ॥ १७॥
भसकम: --पकथवश म४त४; हप--गकवरत; नकप-वय४ज--र४ज४ओर क४ सव४रग भरतद हह ए अथव४ र४जय मम स४क४तनन परम शकक; दहतय--असपरत
कक; अनशक--सहकनकत कक सदन४; शत-अयपतह:--सहकडत हज४रत मम, असरखय; आक४नत४--बककझल हककर; भसरर-भ४रदण--वयथर
कक सदन४ कद बकझ सद; बहणमनन--बह४ कद प४स; शरणमनन--शरण खकजनद; ययल--गयश |.
एक ब४र म४त४ पकथवश र४ज४ओर कद वदश मम गकवरत ल४खत असपरत कक सदन४ सद बककझल हक उठश तक
वह इससद छप टक४र४ प४नद कद कलए बह४ कद प४स पहह हचश।
त४तपयर : जब भश सरस४र अन४वशयक सहकनक वयवसथ४ओर सद बककझल हक उठत४ हह और जब भश
कवकवध आसपरश र४ज४ओर क४ श४सन हकत४ हह, तक इस बकझ कद क४रण भगव४ननन कक पकट हकन४ पडत४ हह।
भगवदशत४ (४.७) मम भगव४ननन कहतद हह :
यद४ यद४ कह धमरसय गल४कनभरव४कत भ४रत।
अभयपतथ४नमधमरसय तद४तम४नर सडज४मयहमनन ॥
“हद भरतवरशश ! जब-जब धमर क४ ह४स हकत४ हह और अधमर क४ प४बलय हकत४ हह तब-तब मह
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अवतशणर हकत४ हह ।ह '' जब इस धर४ कद कनव४सश न४कसतक तथ४ ईशवरकवहशन हक ज४तद हह, तक वद कस करत-
ससकरत कक कसथकत कक प४प हकतद हह और उनक४ एक हश क४यर रह ज४त४ हह , वह हह परसपर भसहकन४। यहश
धमरसय गल४कन अथ४रतनन जशवन लकय सद कवचलन हह। मनपषय जशवन तक कक षणभ४वन४मकत मम सवरच कसकद
प४प करनद कद कनकमत हह, ककनतप जब लकग ईशवरकवहशन हक ज४तद हह और र४जय४धयक य४ र४ज४ अपनश
सहनयशकक पर अन४वशयक गवर करनद लगतद हह, तक उनक४ क४यर यपद करन४ तथ४ अपनद कवकभन र४जयत कक
सहनय शकक कक बढ४न४ रह ज४त४ हह। इसशकलए आजकल ऐस४ पतशत हकत४ हह कक हर र४जय तकतशय कवशव-
यपद कक तहय४रश कद कलए परम४णप हकथय४र बन४नद मम वयसत हह। ऐसश तहय४रश वयथर हह और इससद र४जय कद
पध४नत क४ कमथय४ अहरक४र पकतकबकमबत हकत४ हह। पध४न श४सक क४ असलश क४यर तक जशवन कद कवकभन
कवभ४गत मम स४म४नय लकगत कक कक षणभ४वन४मकत क४ पकशकण ददकर उनहम सपखश बन४न४ हह। च४दपवरणयर मय४
सपषर गपणकमरकवभ४गश: ( भगवदशत४ ४.१३) । नदत४ कक च४कहए कक लकगत कक ब४हण, ककतय, वहशय तथ४
शसद क४ पकशकण दद और उनहम अनदक वककतपरक क४यर मम लग४यद कजससद वद कक षणभ४वन४मकत कक कदश४ मम
पगकत कर सकम । ककनतप हक यह रह४ हह कक चकर तथ४ उचकद रकक कद वदश मम मतद४न-पदकत कक
वयवसथ४ करतद हह और पज४तरत कद न४म पर वद यदन-कद न पक४रदण सत४ मम आकर पज४ क४ शकरण करतद
हह। यह४ह तक कक बहहत पपर४नद जम४नद मम असपरगण, जक कक ईशभ४वन४मकत सद कवहशन थद, र४जय कद पध४न
बन गए थद और अब कफर सद वहस४ हश हक रह४ हह। सरस४र कद कवकभन र४जय सहनयशकक कक वयवकसथत
करनद मम लगद हह ए हह। कभश-कभश तक वद इस क४यर कद कलए सरक४र कक आय क४ ६५ पकतशत खचर कर
ददतद हह। ककनतप लकगत कक ककठन कम४ई कक इस तरह कनयत फसह क४ ज४ए? वतरम४न कवशव पररकसथकत कक
ददखतद हहए कक षणभ४वन४मकत आनदकलन कद रप मम कक षण अवतररत हह ए हह। यह सव४भ४कवक हश हह कयतकक
कक षणभ४वन४मकत आनदकलन कद कबन४ कवशव मम श४कनत और सपख सथ४कपत नहथ हक सकत४।
गल:--ग४य; भसतव४--बनकर; अशप-मपखश-- आहखत मम आहसस भरकर; कखन४-- अतयनत दपखश; कनदनतश--रकतश हह ई; करणमनन--
बदच४रश; कवभक: --बह४ कद ; उपकसथत४--पकट हहई; अकनतकद --समक; तसमह--उनसद ( बह४ सद ); वयसनमनन--अपनश कवपद४;
समवकचत--कनवददन ककय४।.
म४त४ पकथवश नद ग४य क४ रप ध४रण ककय४। वह अतयनत दपकखय४रश, अपनश आहखत मम आहसस भर
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बह४--बह४जश; ततनन-उपध४यर--हर ब४त कक ठशक सद समझ कर; अथ--ततपशच४तनन; सह--स४थ; ददवहद--ददवत४ओर कद ; तय४
सह--म४त४ पकथवश कद स४थ; जग४म--कनकट गए; स-बकत-नयन:--तशन नदतत व४लद कशवजश कद स४थ; तशरमनन--तट पर; कशर-पय:-
कनधद: --कशर स४गर कद |.
म४त४ पकथवश कक कवपद४ सपनकर बह४जश, म४त४ पकथवश तथ४ कशवजश एवर अनय समसत ददवत४ओर
त४तपयर : जब बह४जश पकथवश कक सरकटमय कसथकत कक समझ गयद तक सबसद पहलद वद इस बह४णड
कद कवकवध क४यर क४ भ४र सहभ४लनद व४लद भगव४ननन इनद तथ४ सरह४र कद कलए उतरद४यश कशवजश कद प४स
गयद। सकजन और सरह४र क४यर भगव४ननन कद आददश४नपस४र कनरनतर चलत४ रहत४ हह। जहस४कक भगवदशत४
(४.८) मम कह४ गय४ हह पररत४ण४य स४धसन४र कवन४श४य च दपषकव४म / जक लकग ईशवर कद कनयमत क४ प४लन
करनद व४लद हह उनकक रक४ कवकभन सदवकत तथ४ ददवत४ओर द४र४ कक ज४तश हह, ककनतप जक अव४रकछत हह,
कशवजश उनक४ सरह४र कर ददतद हह। सवरपथम बह४जश कशवजश समदत स४रद ददवत४ओर सद कमलद। तब म४त४
पकथवश कक स४थ लदकर वद कशर स४गर कद ककन४रद गयद जह४ह कवषणप भगव४ननन शदतदशप मम शयन करतद हह।
त४तपयर : स४रद ददवत४ यथ४ बह४जश, कशवजश, ददवर४ज इनद, चनद तथ४ ससयर पसणर पपररकतम भगव४ननन कद
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अधशन हह। ददवत४ओर कद अकतररक म४नव सम४ज मम भश अनदक पभ४वश४लश वयकक हह, जक कवकवध वय४प४रत
य४ पकतष४नत क४ अधशकण करतद हह। ककनतप भगव४ननन कवषणप तक ददवत४ओर कद भश ईशवर ( परमदशवर ) हह। वद
परम पपरर परम४तम४ हह। जहस४कक बह-सरकहत४ (५.१) मम पपकष हह ई हह--ईशवदद परम: कक षणद
सकचद४ननदकवगह:--' ' गककवनद न४म सद कवखय४त कक षण परम कनयनत४ हह। उनक४ शरशर सतस, कचतनन तथ४
आननद सद यपक हह।'' न तक ककई भगव४ननन कद तपलय हह, न हश उनसद बढकर हह इसशकलए यह४ह पर जगन४थ
ददव-ददव, वकर४क४कप तथ४ पपरर जहसद शबदत सद उनक४ वणरन ककय४ गय४ हह। भगव४ननन कवषणप कक शदषत४ कक
पपकष भगवदशत४ (१०.१२) मम अजपरन कद कनमनकलकखत कथन सद भश हकतश हह--
“आप परम बह, परम ध४म, शपदकत४र, परम सतय तथ४ कनतय दहवश पपरर हह। आप आकद भगव४ननन
हह, कदवय और श४शवत हह और अजनम४ हह तथ४ सवरवय४पक सलनदयर हह।'' कक षण आकद पपरर ( गककवनदम४कद
पपरर तमहर भज४कम ) हह। कवषणप भगव४ननन कक षण कद सव४रश हह और स४रद कवषणपततव परमदशवर तथ४ ददवददव
हह।
कगरमनन-शबदत कक धवकन; सम४धल--सम४कध मम; गगनद--आक४श मम; समशररत४मनन-- धवकनत; कनशमय-- सपनकर; बदध४: --बह४ नद;
कतदश४नस--ददवत४ओर कक; उव४च--कह४; ह--ओह; ग४मनन--आददश; पलररशमनन--परम पपरर सद प४प; मद--मपझकक; शसणतप --
सपकनए; अमर४:--हद ददवत४ओ; पपन:द--कफर; कवधशयत४मनन--समपन करक; आशप--तपरनत; तथ४ एब--उसश तरह; म४--मत;
कचरमस--कवलमब।.
बहजश जब सम४कध मम थद, भगव४ननन कवषणप कद शबदत कक आक४श मम धवकनत हकतद सपन४। तब
उनहतनद ददवत४ओर सद कह४, “अरद ददवत४ओ! मपझसद परम पपरर कशरकदकश४यश कवषणप क४ आददश
सपनक और कबन४ ददर लग४ए उसद धय४नपसवरक पसर४ करक।''
त४तपयर : ऐस४ पतशत हकत४ हह कक भगव४ननन कद शबदत कक सकम वयकक सम४कध मम सपन सकतद हह।
आधपकनक कवज४न नद हमम टदलशफकन पद४न ककय४ हह, कजसकक सह४यत४ सद हम सपदरस सथ४न कक धवकनय४ह
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सपन सकतद हह। इसश तरह, यदकप अनय लकग भगव४ननन कवषणप कद शबदत कक नहथ सपन सकतद, ककनतप
बह४जश अपनद अभयरतर मम भगव४ननन कद शबदत कक सपन सकतद हह। इसकक पपकष शशमद४गवत कद प४रमभ मम
हश (१.१.१) तदनद बहहद४ य आकद कवतयद कद द४र४ हह ई हह। आकद कवश बह४जश हह। बह४जश नद सककष कद
आकद मम अपनद हदय कद म४धयम सद ( हढ४ ) भगव४ननन कवषणप सद वहकदक ज४न क४ आददश प४प ककय४। यह४ह
उसश कसद४नत कक पपकष हह ई हह। बह४ नद सम४कधसथ अवसथ४ मम कशरकदकश४यश कवषणप कद शबद सपनद और
भगव४ननन कद सनददश कक ददवत४ओर तक पहह चह ४य४। इसश तरह बह४ नद सककष कद आकद मम अपनद हदय कद
भशतर भगव४ननन सद वहकदक ज४न प४प ककय४। दकनत हश अवसरत पर बह४जश तक सनददश लद ज४नद मम एक हश
कवकध पयपक हह ई। दससरद शबदत मम, यदकप भगव४ननन कवषणप बह४जश कक भश नहथ कदख रहद थद, ककनतप वद
अपनद हदय कद म४धयम सद भगव४ननन कवषणप कद शबद सपन सकद । बह४जश तक कक नहथ कदखतद कफर भश वद
इस धर४ पर अवतररत हकतद हह और स४म४नय जनत४ कक दकषगकचर हकतद हह । यह उनकक अहहतक प क कक प४वश
हश हकत४ हह, ककनतप मसखर तथ४ अभक यहश सकचतद हह कक कक षण स४म४नय ऐकतह४कसक वयकक हह। चसकह क वद
भगव४ननन कक अपनद हश जहस४ स४म४नय वयकक सकचतद हह इसकलए उनहम मकढ कह४ गय४ हह ( अवज४नकनत म४र
मसढन४:) | ऐसद असपरगण जक भगवदशत४ कद उपददशत कक नहथ समझ प४तद और जक इसशकलए उन उपददशत
कक गलत वय४खय४ करतद हह, वद भगव४ननन कक अहहतक प क कक प४ कक उपदक४ करतद हह।
पपर४--इससद भश पहलद; एब--कनससनददह; पपरस४-- भगव४ननन द४र४; अवधकत:--ज४त थ४; धर४-जवरद --पकथवश पर सरकट; भवकदद--
आपकद ; अरशह: --अरशत द४र४; यदपरप--र४ज४ यदप कद वरश मम; उपजनयत४मनन-- जनम लदकर; सद--वह ( भगव४ननन ); य४वतननस--जब
तक; उवय४र:--पकथवश क४; भरमनन- भ४र; ईशवर-ई शवरद --ई शवरत कद ई शवर; सव-क४ल-शकतय४--अपनश हश क४ल शकक द४र४;
कपयनननस-घट४नद कद कलए; चरदतननस--गकत करम; भपकव-- पकथवश कक सतह पर।.
भगव४ननन बह४जश नद ददवत४ओर कक बतल४य४: हम४रद द४र४ य४चन४ करनद कद पसवर हश भगव४ननन
पकथवश कद सरकट सद अवगत हक चपकद थद। फलतद जब तक भगव४ननन अपनश क४ल शकक कद द४र४
पकथवश क४ भ४र कम करनद कद कलए पकथवश पर गकतशशल रहम तब तक तपम सभश ददवत४ओर कक यदपओर
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“मह उन गककवनद कक पसज४ करत४ हह ह जक र४म, नसकसरह अवत४रत तथ४ अनय उप-अवत४रत कद रप मम
सदहव कसथत रहतद हह, ककनतप जक आकद भगव४ननन हह और कक षण कहल४तद हह और जक सवयर भश अवतररत
हकतद हह।'!
अडशमद४गवत कद इस शलकक मम पपरहव पपरस४वधनतक त धर४जवरद शबद आयद हह। पपरस४ कक षण क४ दकतक हह,
जक पहलद सद अवगत थद कक स४र४ सरस४र असपरत कक ब४ढ सद ककस तरह पशकडत थ४। भगव४ननन कक परम
शकक क४ उलदख ककयद कबन४ असपरगण अपनद आपकक सवतरत र४ज४ तथ४ र४षडपकत बतल४तद हह और इस
तरह अपनश सहनय शकक बढ४कर उतप४त मच४तद हह। जब ऐसद उतप४त अतयकधक मपखर हक उठतद हह, तक
कक षण पकट हकतद हह। इस समय भश कवशवभर मम अनदक आसपरश र४जय अनदक पक४र सद अपनश-अपनश सहनय
शकक बढ४ रहद हह कजससद स४रश कसथकत पशड४जनक हक उठश हह। इसशकलए कक षण अपनद न४म सद हरद कक षण
आनदकलन मम पकट हह ए हह, जक कनशचय हश कवशव कद भ४र कक कम करदग४। द४शरकनकत, धमरजत तथ४ स४म४नय
जनत कक गमभशरत४पसवरक इस आनदकलन मम भ४ग लदन४ च४कहए कयतकक म४नवकनकमरत यकजन४ओर तथ४
यपककयत सद पकथवश पर श४कनत ल४नद मम सह४यक नहथ हक सकतश। हरद कक षण कक कदवय धवकन पपरर कक षण सद
कभन नहथ हह।
( पद पपर४ण )
श४
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वसपददव-गकहद-- वसपददव ( कक षण कद कपत४ ) कद घर मम; स४क४तनन--स४क४र रप मम; भगव४ननन--पसणर शककम४न भगव४ननन; पपरर:--
आकद पपरर; परद--कदवय; जकनषयतद--उतपन हकग४; ततनन-कपय-अथरमनन--उसकक तपकष कद कलए; समभवनतप--जनम लदन४ हकग४; सपर-
कसय:--ददवत४ओर कक कसयत कक
त४तपयर : भगवदशत४ (४.९) मम भगव४ननन कहतद हह-- तयकतव४ ददह पपनजरनस नहकत म४मदकत--भलकतक
शरशर तय४गनद कद ब४द भगवदक भगव४ननन कद प४स व४पस ललट आत४ हह। इसक४ अथर यह हकत४ हह कक
भक पहलद उस बह४णड कवशदर मम भदज४ ज४त४ हह जह४ह भगव४ननन उस समय अपनश लशल४एह करतद हकतद हह।
बह४णड असरखय हह और हर कण भगव४ननन इनमम सद ककसश एक मम पकट हकतद रहतद हह। इसशकलए उनकक
लशल४एह कनतयलशल४ कहल४तश हह । कशशपओर कद रप मम ददवकक कद घर भगव४ननन क४ प४कटय कनरनतर एक कद
ब४द दससरद बह४णड मम हकत४ रहत४ हह। इसकलए भक कक सवरपथम वह४ह भदज४ ज४त४ हह जह४ह उस समय
भगव४ननन कक अपनश लशल४एह चल रहश हकतश हह । जहस४कक भगवदशत४ मम कह४ गय४ हह कक यकद भक कक
भकक पसरश नहथ भश हक प४तश तक भश वह सवगर क४ सपख भकगत४ हह जह४ह अतयनत पकवत लकग कनव४स करतद
हह और तब वह ककसश शपकत य४नडशम४ननन अथ४रतनन पकवत ब४हण य४ धनश वहशय कद घर मम जनम लदत४ हह।
( शपचशन४र शशमत४र गदहद यकगशषकईअकभज४यतद ) | इस तरह शपद भक यकद भकक कक पसर४ करनद मम असमथर
रहत४ हह, तक भश वह सवगर मम भदज कदय४ ज४त४ हह जह४ह पपणय४तम४ रहतद हह । यकद उसकक भकक पसरश हक ज४तश
हह, तक वह४ह सद ऐस४ भक ऐसद सथ४न कक भदज कदय४ ज४त४ हह जह४ह भगव४ननन कक लशल४एह चल रहश हकतश हह।
यह४ह पर समभवनतप सपरककय: कह४ गय४ हह। सपरसनडश अथ४रतनन सवगर कक कसयत कक वकनद४वन मम यदपवरकशयत कद
यह४ह जनम लदकर कक षण कक लशल४ओर कक समकद बन४नद क४ आददश कदय४ गय४। यद सपरकखतय४ह कक षण कद
स४थ रहनद क४ और अकधक पकशकण प४नद कद ब४द आकद गकलकक वकनद४वन भदज दश ज४एहगश। इस जगत मम
कक षण कक लशल४ओर कद समय सपरकखनररयत कक कवकभन पररव४रत मम कवकभन पक४रत सद कक षण कक आननद
पद४न करनद कद कलए पकट हकन४ थ४ कजससद कनतय गकलकक वकनद४वन भदजद ज४नद कद पसवर वद पसरश तरह
पकशककत हक ज४हय। वद द४रक४पपरश, मथपर४पपरश य४ वकनद४वन मम कक षण कक सरगकत सद कनशचय हश भगवद४म
व४पस ज४एहगश। सपरकखतयत मम अनदक भककनम हह यथ४ कक षण कद उपदनद अवत४र कक म४त४। ऐसश हश अनपरक
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व४सपददव-कल४ अननत:--भगव४ननन कक षण क४ अरश जक अननतददव य४ सरकररण अननत कद न४म सद पकसद हह, भगव४ननन क४
सवरवय४पक अवत४र; सहस-वदन:--हज४र फनत व४ल४; सवर४टन न-पसणरतय४ सवतरत; अगत:द--इसकद पसवर; भकवत४-- पकट हकग४;
ददव: -- भगव४ननन; हरद: --कक षण क४; कपय-कचककररय४-- आननद कद कलए क४यर करनद कक इचछ४ सद |.
कक षण क४ सबसद अगणश सवरप सरकररण हह, जक अननत कहल४त४ हह। वह इस भलकतक जगत
मम स४रद अवत४रत क४ उदम हह। भगव४ननन कक षण कद प४कटय कद पसवर यह आकद सरकररण कक षण कक
उनकक कदवय लशल४ओर मम पसन करनद कद कलए बलददव कद रप मम पकट हकग४।
त४तपयर : शश बलददव स४क४तनन भगव४ननन हह। वद शदषत४ मम ईशवर कद हश सम४न हह, कफर भश जह४ह कहथ
कक षण पकट हकतद हह, शशबलददव उनकद भ४ई कद रप मम, कभश बडद भ४ई कद रप मम तक कभश छकटद भ४ई कद
रप मम पकट हकतद हह। जब कक षण अवतशणर हकतद हह, तक उनकद स४रद सव४रश तथ४ अनय अवत४र भश उनहथ कद
स४थ पकट हकतद हह। शशचदतनय-चररत४मनडत मम इसकक कवसतकत रप मम वय४खय४ कक गई हह। इस ब४र बलददव
कक षण सद पहलद उनकद बडद भ४ई कद रप मम पकट हतगद।
कवषणक: म४य४--भगव४ननन कवषणप कक शकक; भगवतश--भगव४ननन कद हश समकक अतएव भगवतश न४म सद ज४नश ज४नद व४लश; यय४--
कजससद; सममककहतमनन--मककहत; जगतनन--स४रद जगत, भलकतक तथ४ आधय४कतमक दकनत; आकदष४--आददश प४कर; पभपण४--सव४मश
कद द४र४; अरशदन--अपनद कवकभन शककश४लश क४रकत कद स४थ; क४यर-अथर --पसर४ क४म करनद कद कलए; समभकवषयकत--जनम
लदगश।.
कवषणप म४य४ कहल४नद व४लश भगव४ननन कक शकक जक भगव४ननन कद हश सम४न हह, भगव४ननन कक षण
कद स४थ-स४थ हश पकट हकगश। यह शकक कवकभन पदत पर क४यर करतश हह ई भलकतक तथ४
आधय४कतमक सभश जगतत कक मकहनद व४लश हह। वह अपनद सव४मश कद आगह पर भगव४ननन क४ क४यर
समपन करनद कद कलए अपनश कवकवध शककयत सकहत पकट हकगश।
त४तपयर : पर४सय शकककवकवधदव शसयतद ( शरदत४अतर उपकनरदनन ६.८)। वददत मम कह४ गय४ हह कक
भगव४ननन कक शककय४ह कवकवध न४मत सद पपक४रश ज४तश हह यथ४ यकगम४य४ तथ४ मह४म४य४। ककनतप अनततकगतव४
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भगव४ननन कक शकक एक हह, ठशक उसश तरह कजस तरह कक कवदपतनन शकक एक हह यदकप वह शशतल करनद
तथ४ गरम करनद दकनत क४ हश क४यर करतश हह। भगव४ननन कक शकक आधय४कतमक तथ४ भलकतक दकनत जगतत
मम क४यर करतश हह। आधय४कतमक जगत मम यह यकगम४य४ कद रप मम क४यर करतश हह, तक भलकतक जगत मम
वहश मह४म४य४ कद रप मम क४यर करतश हह उसश तरह कजस तरह कवदपतनन शकक हशटर तथ४ कस लर दकनत मम
क४म करतश हह। भलकतक जगत मम यह शकक मह४म४य४ कद रप मम क४यर करतश हह ई बदजशवत कक भकक सद
अकधक४कधक वरकचत कर४नद व४लश हह। कह४ गय४ हह यय४ सममककहतत जशव आतम४नर कतगपण४तमकमनन।
बदजशव भलकतक जगत मम अपनद कक तशन गपणत ( कतगपण ) कक उपज म४नत४ हह। यह ददह४तमबपकद हह। हर
वयकक भलकतक शकक कद तशन गपणत सद अपनद कक समबद करनद कद हश क४रण अपनद कक अपन४ शरशर
म४नत४ हह। ककई अपनद कक ब४हण तक ककई अपनद कक ककतय म४नत४ हह और ककई वहशय य४ शसद | व४सतव
मम न तक ककई ब४हण हह, न ककतय, न वहशय और न शसद | वह तक भगव४ननन क४ अरश हह ( ममहव४रश:) ककनतप
भलकतक शकक मह४म४य४ सद पचछन हकनद कद क४रण वह कभन-कभन ढरगत सद अपनश पहच४न करत४ हह।
ककनतप जब बदजशव मपक हक ज४त४ हह, तक वह अपनद कक कक षण क४ कनतय द४स म४नत४ हह। जशवदर
“सवरप हयकक षणदर “कनतय-द४स // जब वह इस पद कक प४प कर लदत४ हह, तक वहश शकक यकगम४य४ उसद
शपद बननद और अपनश शकक भगव४ननन कक सदव४ मम लग४नद मम अकधक४कधक सह४यक बनतश हह।
जशव च४हद बद हक य४ मपक, भगव४ननन पतयदक अवसथ४ मम सवरपरर हह। जहस४कक भगवदशत४
(९.१०) मम कह४ गय४ हह-- मय४धयकदण पकक कत: ससयतद सचर४चरमनन-- भगव४ननन कद हश आददश सद मह४म४य४
बदजशव पर अपन४ पभ४व कदखल४तश हह।
अहरक४र-कवयसद
न ४तम४ कत४रहकमकत मनयतद ॥
““मकहगसत जशव पकक कत कद तशनत गपणत कद वशशभसत हककर अपनद कक उन क४यर क४ कत४र म४न बहठत४
हह, जक व४सतव मम पकक कत द४र४ समपन हकतद हह।'” ( भगवदडगशत४ ३.२७) बदजशव मम ककसश कक सवतरतत४
प४प नहथ, ककनतप मनपषय मकहगसत हकनद तथ४ मह४म४य४ कद वशशभसत हकनद सद मसखरत४वश अपनद कक सवतरत
म४न बहठत४ हह ( अहरक४रकवमसद
न ४तम४ कत४रहकमकत मननननयतद )। ककनतप जब भकक करनद कद क४रण बदजशव
मपक बनत४ हह, तक उसद कवकभन रसत मम यथ४ द४सय-रस, सखय-रस, व४तसलय-रस तथ४ म४धपयर-रस मम
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भगव४ननन कद स४थ अपनद समबनध क४ आसव४दन करनद क४ अकधक४कधक अवसर प४प हकत४ हह।
शशशपक उव४च
इतय४कदशय४मरगण४नपज४पकतपकतकवरभप: ।
आशव४सय च महथ गशकभर: सवध४म परम ययल ॥ २६॥
शश-शपकद उव४च-- शशशपकददव गकसव४मश नद कह४; इकत--इस पक४र; आकदशय--ससचन४ ददकर; अमर-गण४नसनन--ददवत४ओर कक;
पज४पकत-पकत:--पज४पकतयत कद सव४मश बह४जश; कवभप:--सवरशककम४न; आशव४सय-- आशव४सन ददकर; च-- भश; महशमनन--म४त४
पकथवश कक; गशकभर: --मधपर शबदत सद; सव-ध४म--अपनद ध४म, बहलकक; परममनन--सवर शदष ( बह४णड कद भशतर )) ययल--ललट
गयद।.
शपकददव गकसव४मश नद आगद कह४ : इस तरह ददवत४ओर कक सल४ह ददकर तथ४ म४त४ पकथवश कक
आशवसत करतद हहए अतयनत शककश४लश बह४जश, जक समसत पज४पकतयत कद सव४मश हकनद सद
'पज४पकत-पकत कहल४तद हह, अपनद ध४म बहलकक ललट गयद।
शसरसदनक यदपपकतमरथपर४म४वसनपपरशमनन ।
म४थपर४|नछसरसदन४रशव कवरय४नबपभपजद पपर४ ॥ २७॥
शसरसदन:--र४ज४ शसरसदन; यदप-पकत:--यदपवरश क४ मपकखय४; मथपर४मनन--मथपर४ न४मक सथ४न मम; आवसननन--ज४कर रहनद लग४;
पपरशमस--नगरश मम; म४थपर४नननस--म४थपर कजलद कद न४म सद कवखय४त सथ४न मम; शसरसदन४ननन च--तथ४ शसरसदन न४मक सथ४न मम; कवरय४ननन--
ऐसद र४जयत क४; बपभपजद-- भकग ककय४; पपर४--प४चशन क४ल मम |.
प४चशन क४ल मम यदपबरश क४ मपकखय४ शसरसदन मथपर४ न४मक नगरश मम रहनद कद कलए गय४। वह४ह
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र४जध४नश--र४जध४नश; तत:--उस समय सद; स४--वह ( मथपर४ न४मक नगरश तथ४ ददश ); अभसतनन--बन गय४; सवर-य४दव-
भसभपज४मनन-यदपवरश मम हकनद व४लद स४रद र४ज४ओर कक; मथपर४--मथपर४ न४मक सथ४न; भगव४नननस-- भगव४ननन; यत--जह४ह; कनतयमनन-
श४शवत रप सद; सकनकहत:--घकनषत४पसवरक समबद, कनतयव४स करतद हह ए; हरर: --भगव४ननन |
उस समय सद मथपर४ नगरश स४रद यदपबरशश र४ज४ओर कक र४जध४नश बनश रहश। मथपर४ नगरश तथ४
मथपर४ जनपद कक षण सद घकनषत४पसवरक जपडद हह कयतकक वह४ह कक षण क४ कनतय व४स हह।
त४तपयर : ऐस४ ज४त हकत४ हह कक मथपर४ नगरश भगव४ननन कक षण क४ कनतय ध४म हह। यह ककई स४म४नय
भलकतक नगरश नहथ कयतकक यह सद४ सद पसणर पपररकतम भगव४ननन सद जपडश हह ई हह। वकनद४वन मथपर४ कक
सशम४ कद अनतगरत हह और आज भश कवदम४न हह | चसकह क मथपर४ तथ४ वकनद४वन क४ कक षण सद श४शवत समबनध
हह इसकलए कह४ ज४त४ हह कक कक षण वकनद४वन कक कभश नहथ छकडतद ( वकनद४वन पररतयजय पदमदकर न
गचछकत ) | समपकत मथपर४ कजलद कद अनतगरत वकनद४वन कदवय सथ४न कद रप मम म४नय हह और जक भश वह४ह
ज४त४ हह, शपद बन ज४त४ हह। नवदशप ध४म भश बजभसकम सद घकनषत४पसवरक समबद हह। इसशकलए शशल
नरकतमद४स ठ४कप र कहतद हह--
““बजभसकम '' दकतक हह मथपर४-वकनद४वन क४ और गलड मणडल भसकम कद अनतगरत नवदशप आत४ हह।
यद दकनत सथ४न अकभन हह। इसकलए नवदशप ध४म क४ ककई भश व४सश जक कक षण तथ४ चहतनय मह४पभप कक
एक रप मम ज४नत४ हह, वह बजभसकम मथपर४-वकनद४वन मम व४स करत४ हह। मह४पभप नद बदजशवत कक मथपर४,
वकनद४वन तथ४ नवदशप मम व४स करन४ और भगव४ननन सद पतयक समबनध सथ४कपत करन४ आस४न बन४ कदय४
हह। इन सथ४नत मम रहनद सद हश मनपषय भगव४ननन कद समपकर मम आ सकत४ हह। ऐसद अनदक भक हह, जक
वकनद४वन तथ४ मथपर४ छकडकर अनयत न ज४नद क४ बत लदतद हह। यह अचछश ब४त हह, ककनतप यकद ककई
वयकक भगव४ननन कक सदव४ करनद कद कलए वकनद४वन, मथपर४ य४ नवदशप ध४म कक छकडत४ हह, तक उसक४
समबनध भगव४ननन सद टस टत४ नहथ। जक हक, हमम च४कहए कक मथपर४-वकनद४वन तथ४ नवदशप ध४म कद कदवय
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महतव कक समझन४ च४कहए। जक वयकक इन सथ४नत मम रहकर भकक करत४ हह, वह शरशर तय४गनद कद ब४द
कनकशचत रप सद भगवद४म ज४त४ हह। इस पक४र मधपर४ भगव४ननन यत कनतयर सकबकहतत ह४रर:--यद वचन
कवशदर महतव रखतद हह। भक कक च४कहए कक इस उपददश क४ पसर४-पसर४ ल४भ उठ४ए। जब भश भगव४ननन
अवतशणर हकतद हह, तक मथपर४ मम हश अवतशणर हकतद हह कयतकक इस सथ४न सद उनक४ घकनष समबनध हह।
इसकलए मथपर४ तथ४ वकनद४वन इस धर४ध४म मम कसथत हकतद हह ए भश भगव४ननन कद कदवय ध४म हह।
'तसयथ४मनन--उस मथपर४ न४मक सथ४न मम; तप--कनससनददह; ककहरकचतननस--कप छ समय बशत४; शलरर:--शसर क४ वरशज, ददवत४; वसपददव:--
वसपददव रप मम पकट; कक त-उदह:--कवव४ह करनद कद ब४द; ददवकय४--ददवकक सद; ससयरय४--अपनश नवकवव४कहत४ पतनश कद ;
स४धरमनन--स४थ; पय४णद--घर ललटनद कद कलए; रथमनन--रथ पर; आरहतनन-चढ४ ।.
कप छ समय पसवर ददववरश (य४ शसरवरश ) कद बसपददव नद ददवकक सद कवव४ह ककय४। कवव४ह कद
उगसदन-सपत:--उगसदन क४ बदट४; करस:--करस नद; सवसप:-- अपनश बकहन ददवकक कद ; कपय-कचककररय४--कवव४ह कद अवसर पर
उसद पसन करनद कद कलए; रशमशनननस--लग४मत कक; हय४न४मनन-धकडत कक; जग४ह--पकड कलय४; रलकमह: --सकनद कक बनश; रथ-
शतह:--सहकडत रथत सद; वकत:--कघर४ हह आ.
र४ज४ उगसदन कद पपत करस नद अपनश बहन ददवकक कक उसकद कवव४ह कद अवसर पर पसन करनद
कक दकष सद घकडत कक लग४मम अपनद ह४थ मम थ४म लथ और सवयर रथच४लक ( स४रथश ) बन गय४।
वह सहकडत सपनहरद रथत सद कघर४ थ४।
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द४सशन४मनन--द४कसयत कद ; सप-कप म४रशण४मनन-अतयनत जव४न तथ४ सपनदर अकवव४कहत लडककय४ह; दद--दक; शतद--सल; समलड तद--
'गहनत सद सकजत; दपकहतद--अपनश पपतश कक; ददवक:--र४ज४ ददवक; प४द४तनन-भमट सवरप कदय४; य४नद--ज४तद समय; दपकहतक-
बतसल:--अपनश पपतश ददवकक कक अतयकधक च४हनद व४ल४।.
ददवकक क४ कपत४ र४ज४ ददवक अपनश पपतश कक अतयकधक सनदह थ४। अतएव जब ददवकक तथ४
उसक४ पकत घर सद कवद४ हकनद लगद तक उसनद दहदज मम सकनद कद ह४रत सद सपसकजत च४र सल ह४थश कदए।
स४थ हश दस हज४र घकडद, अठ४रह हज४र रथ तथ४ दक सल अतयनत सपनदर तथ४ गहनत सद अचछश तरह
अलरककत यपव४ द४कसय४ह दथ।
त४तपयर : वहकदक सभयत४ मम अपनश पपतश कक दहदज ददनद कक पथ४ दशघरक४ल सद चलश आ रहश हह।
आज भश, उसश पथ४ क४ प४लन करतद हह ए धनव४न कपत४ अपनश पपतश कक भरपसर दहदज ददत४ हह। चसकह क पपतश
कक कपत४ कक समपकत मम अकधक४र नहथ कमलत४ इसकलए वतसल कपत४ अपनश पपतश कद कवव४ह कद अवसर
पर यथ४शकक दहदज ददत४ हह। इसकलए वहकदक पथ४ कद अनपस४र दहदज अवहध नहथ हह। ककनतप ददवक नद
ददवकक कक जक दहदज कदय४ वह स४म४नय नहथ थ४। चसकह क ददवक र४ज४ थ४ अतएव अपनद र४जसश-पद कद
अनपस४र उसनद उपयपक दहदज कदय४। यह४ह तक कक स४म४नय वयकक, कवशदर रप सद कप लशन ब४हण, ककतय
य४ वहशय सद आश४ कक ज४तश हह कक वह कदल खकल कर यशथदष दहदज दद। कवव४ह कद तपरनत ब४द पपतश अपनद
ससपर४ल ज४तश हह और यह भश पथ४ हह कक अपनश बहन कद पकत पदभभ४व दशरन कद कलए दपलकहन क४
भ४ई उसकद तथ४ बहनकई कद स४थ-स४थ ज४य। करस इसश पथ४ क४ प४लन कर रह४ थ४। वण४रशम धमर
सम४ज मम, कजसद आज गलतश सद कहनदस सम४ज कह४ ज४त४ हह, यद पपर४नद रशकत-ररव४ज प४ए ज४तद हह। इन
शदप--शरख; तसयर --तपरहश; मकदडग४:--मकदरग; च--भश; नदद: प --बजनद लगद; दपनदपभय:--नग४डद; सममनन--एकस४थ; पय४ण-
पकमद--कवद४ई कद समय; त४त--हद पपत; वर-वधवक:--दसलह४ तथ४ दपलहन कक; सप-मडलमनन--शपभ कवद४ई कद कलए।.
हद कपय पपत मह४र४ज परशककत, जब दसलह४ तथ४ दपलहन कवद४ हकनद लगद तक उनकक शपभ कवद४ई
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पकथच--र४सतद मम; पगकहणमनन--घकडत कक लग४म थ४मद हह ए; करसमनन--करस कक; आभ४षय--समबककधत करतद हह ए; आह--कह४; अ-
शरशर-व४कन न--अदशय शरशर सद आनद व४लश आव४ज नद; असय४:--इस ( ददवकक ) क४; तव४मस-- तपमकक; अषम:--आठव४ह; गभर:--
गभर; हनत४--म४रनद व४ल४; य४मस--कजसकक; वहसद--कलए ज४ रहद हक; अबपध-हद मसखर |.
जब करस घकडत कक लग४म थ४मद म४गर पर रथ ह४हक रह४ थ४, तक ककसश अशरशरश आव४ज नद
उसकक समबककधत ककय४, ““ओरद मसखर दपष! तपम कजस सश कक कलए ज४ रहद हक उसकक आठवथ
सननननत४न तपमह४र४ वध करदगश।'!
त४तपयर : इस भकवषयव४णश मम अषमकगभर: कक ब४त थश, ककनतप सपष नहथ बतल४य४ गय४ थ४ कक वह
लडक४ हकग४ य४ लडकक । यकद करस यह भश ददख सकत४ कक ददवकक कक आठवथ सनननत४न लडकक हकगश तक
भश उसद सनददह नहथ रहत४ कक आठवथ सनननत४न सद उसक४ वध हकन४ हह। “कवशवककश' कद अनपस४र गभरतथ४
अभरक दकनत हश कशशप कद दकतक हह। करस अपनश बहन कद पकत वतसल थ४ इसशकलए वह अपनश बहन
तथ४ बहनकई कक उनकद घर पहह हच४नद कद कलए रथच४लक क४ क४म कर रह४ थ४। ककनतप ददवत४गण नहथ
च४हतद थद कक करस ददवकक कद पकत वतसल रहद अतएव उनहतनद अदशय सथ४न सद करस कक उसकद पकत
उकस४नद कद कलए पकतस४कहत ककय४। यहश नहथ, मरशकच कद छहत पपतत कक श४प कमल४ थ४ कक वद ददवकक कद
गभर सद जनम लम और करस द४र४ वध ककए ज४नद पर उनक४ उद४र हक। जब ददवकक कक पत४ चल४ कक करस
उसकद गभर सद जनम लदनद व४लद भगव४ननन कद द४र४ म४र४ ज४एग४ तक वह अतयकधक पसन हह ई। वहसद शबद भश
स४थरक हह कयतकक यह ससकचत करत४ हह कक उस भकवषयव४णश नद करस कक कधक४र४ कक तपम अपनद शतप कक
इकत उक:--इस तरह कहद ज४नद पर; सद--वह ( करस ); खल:--दपष, ईषय४रलप; प४प: --प४पश; भकज४न४मननस-- भकज कप ल क४; कप ल-
प४रसन:--अपनद कप ल कक खय४कत कक नशचद कगर४नद व४ल४; भकगनशमनन-- अपनश बहन कक; हनतपमनन आरबधमनन--म४रनद कद कलए उदत;
खडग-प४कण:--ह४थ मम तलव४र लदकर; कचद--ब४ल; अगहशतननस--पकड कलय४।.
करस भकजवरश क४ अधम वयकक थ४ कनयतकक वह ईषय४रलप तथ४ प४पश थ४। इसकलए उसनद जब
यह आक४शव४णश सपनश तक उसनद ब४एह ह४थ सद अपनश बहन कद ब४ल पकड कलए और उसकद कसर
कक धड सद अलग करनद कद कलए द४कहनद ह४थ सद अपनश तलव४र कनक४लश।
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त४तपयर : करस रथ ह४हक रह४ थ४ और ब४एह ह४थ सद लग४मम थ४मद थ४, ककनतप जयतहश उसनद यह
आक४शव४णश सपनश कक उसकक बहन कक आठवथ सननतन ४न उसक४ वध करदगश तक उसनद लग४म छकड दश,
तपरनत अपनश बहन कद ब४ल पकड कलए और द४कहनद ह४थ मम तलव४र लदकर उसक४ वध करन४ च४ह४।
इसकद पसवर वह इतन४ वतसल थ४ कक अपनश बहन क४ रथ ह४हक रह४ थ४, ककनतप जयतहश उसनद सव४थर कक
ब४त सपनश अथव४ यह सपन४ कक उसकद प४ण सरकट मम हह, तक वह स४र४ व४तसलय भसल गय४ और तपरनत
मह४ननन शतप बन गय४। यहश असपरत क४ सवभ४व हह। असपर च४हद ककतन४ हश वतसल कनयत न हक उस पर
कवशव४स नहथ करन४ च४कहए। इसकद अकतररक र४ज४, र४जनशकतज य४ सश पर भश कभश कवशव४स नहथ करन४
च४कहए कनयतकक वद कनजश कहत कद कलए घककणत सद घककणत क४यर कर सकतद हह। इसशकलए च४णकय पकणडत
कहत४ हह-- कवशव४सरक नहव कतरवय: सनडशएड र४जकप लदपप च।
तमनन--उस ( करस ) कक; जपगपकपसत-कम४रणमनन--जक ऐस४ घककणत कमर करनद कद कलए तहय४र थ४; नकशरसमनन--अतयनत कस र;
कनरपतपमनन-बदहय४, कनलरज; वसपददव:--वसपददव नद; मह४-भ४ग:--व४सपददव क४ अतयनत भ४गयश४लश कपत४; उब४च--कह४;
पररस४नतवयननन--स४नतवन४ ददतद हह ए।.
त४तपयर : कक षण कद हकनद व४लद कपत४ वसपददव कक मह४भ४ग अतयरत ईम४नद४र तथ४ गमभशर वयकक
बतल४य४ गय४ हह कयतकक यदकप करस उनकक पतनश कक म४रनद ज४ रह४ थ४, ककनतप वसपददव गमभशर तथ४
अकवचल थद। वसपददव नद श४नत मपद४ मम यपककयपक तकर पसतपत करतद हह ए करस कक समबककधत ककय४।
वसपददव मह४भ४ग य४ मह४पपरर थद कनयतकक वद कस र वयकक कक श४नत करन४ तथ४ कटर सद कटर शतप कक
कम४ करन४ ज४नतद थद। जक भ४गयश४लश हकत४ हह उसद ब४घ य४ स४हप भश नहथ पकड प४तद।
शशवसपददव उब४च
शल४घनशयगपण: शसरहभरव४नभकजयशसकरद ।
स कथर भकगनथ हनय४कतसयमपद४हपवरकण ॥ ३७॥
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शश-वसपददव: उब४च--मह४भ४ग वसपददव नद कह४; शल४घनशय-गपण:--पशरसनशय गपणत सद यपक; शसरह:--शसरवशरत कद द४र४; भव४ननन--
आप; भकज-यश:-कर:--भकजवरश क४ दहदशपयम४न नकत; सद--आप जहस४; कथमनन--ककस तरह; भकगनशमनन--अपनश बहन कक;
हनय४तस-म४र सकत४ हह; कसयमस--कवशदर रप सद सश कक; उद४ह-पवरकण--कवव४हकतसव कद समय।.
बसपददव नद कह४ : हद स४लद मह४शय, तपमह४रद भकज पररव४र कक तपम पर गवर हह और बडद -बडद
शसरवशर तपमह४रद गपणत कक पशरस४ करतद हह। भल४ तपमह४रद जहस४ यकगय वयकक एक सश कक, जक उसश
कक बहन हह, कवशदर रप सद उसकद कवव४ह कद अवसर पर, म४र कह सद सकत४ हह?
त४तपयर : वहकदक कनयमत कद अनपस४र ब४हण, वकद वयकक, सनश, ब४लक य४ ग४य क४ ककसश भश
कसथकत मम वध नहथ करन४ च४कहए। वसपददव नद इस ब४त पर बल कदय४ कक ददवकक खश हश नहथ अकपतप
करस कद पररव४र कक हश सदसय४ हह। वसपददव सद अब कवव४कहत हकनद कद क४रण वह परखश थश और यकद
ऐसश सश क४ वध ककय४ ज४ए तक उससद करस कक न कद वल प४प लगदग४ अकपतप भकजवरश कद र४ज४ कद रप
मम उसकक कककतर पर कलरक चढदग४। इस तरह वसपददव नद अनदक पक४र सद कर स कक आशव४सन कदल४नद क४
मकतयप:--मकतयप; जनम-वत४मननस-- जनम लदनद व४लद जशवत कद ; वशर--हद वशर; ददहदन सह--शरशर कद स४थ; ज४यतद--उतपन हकतश हह;
अद--आज; व४--च४हद; अबद-शत--सल वरर कद ; अनतद-- अनत मम; व४--अथव४; मकतयप:--मकतयप; बह--कनससनददह; प४कणन४मनन--
स४रद जशवत कक; धपव:--कनकशचत हह ।.
हद शसरवशर, कजसनद जनम कलय४ हह उसकक मकतयप कनकशचत हह, कयतकक शरशर कद हश स४थ मकतयप क४
उदव हकत४ हह। ककई च४हद आज मरद य४ सल वरर ब४द, ककनतप पतयदक जशव कक मकतयप कनकशचत हह।
त४तपयर : वसपददव करस कक यह बतल४न४ च४ह रहद थद कक यदकप वह मकतयप सद भयभशत हह इसकलए
सश तक क४ वध करन४ च४ह रह४ हह, ककनतप वह मकतयप सद बच नहथ सकत४। मकतयप धपव हह। तक कफर करस
ऐस४ कप छ कनयत करद जक उसकक कककतर तथ४ उसकद पररव४र कद कलए अशकभनशय हक ? जहस४कक भगवदशत४
(२.२७) मम पपकष हह ई हह--
“'कजसनद भश जनम कलय४ हह उसकक मकतयप कनकशचत हह और जक मर चपक४ हह उसक४ जनम भश कनकशचत
उ४
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हह। अत: अपनद अपररह४यर क४यर कक करनद मम तपमहम शकच नहथ करन४ च४कहए।”' मनपषय कक मकतयप सद डरन४
नहथ च४कहए पतयपतप अपनद आप कक अगलद जनम कद कलए तहय४र करन४ च४कहए। उसद अपनद इस मनपषय
जशवन कद समय क४ उपयकग जनम-मकतयप कक ककय४ कक सम४प करनद मम करन४ च४कहए। ऐस४ नहथ हह कक
मकतयप सद अपनद कक बच४नद कद कलए प४पकमर ककए ज४हय। यह अचछश ब४त नहथ हह।
ददहद--जब शरशर; पशञतवमनन आपनद--प४हच ततवत मम बदल ज४त४ हह; ददहश--ददहध४रश, जशव; कमर-अनपग:--अपनद सक४म कमर कद
'फलत क४ प४लन करत४ हह आ; अवश:--सवत: ; ददह-अनतरमनन--दससर४ शरशर ( भलकतक ततवत सद कनकमरत ); अनपप४पप--फल कद रप
मम प४प करकद ; प४कतमस--पहलद व४ल४; तयजतद--छकड ददत४ हह; बपप:--शरशर |.
जब यह शरशर कमटश बन ज४त४ हह और कफर सद प४हच ततवत मम--पकथवश, जल, अकग, व४यप
तथ४ आक४श--पररणत हक ज४त४ हह, तक शरशर क४ सव४मश जशव सवतद अपनद सक४म कमर कद
अनपस४र भलकतक ततवत सद बन४ दससर४ शरशर प४प करत४ हह। अगल४ शरशर प४प हकनद पर वह
वतरम४न शरशर कक तय४ग ददत४ हह।
त४तपयर : भगवदशत४ (२.१३) मम इसकक पपकष हह ई हह, कजससद आधय४कतमक ज४न कद शपभ४रमभ क४
पत४ चलत४ हह--
“कजस तरह इस शरशर मम ददहध४रश आतम४ ब४लपन सद यपव४वसथ४ और कफर वकद४वसथ४ कक प४प
हकत४ हह उसश तरह मकतयप कद समय आतम४ दससरद शरशर मम चल४ ज४त४ हह। सवरपकसद वयकक ऐसद पररवतरन
सद मकहगसत नहथ हकत४।'' वयकक य४ पशप भलकतक ददह नहथ, पतयपत भलकतक ददह जशव४तम४ क४ आवरण हह।
भगवदशत४ मम शरशर कक तपलन४ वस सद कक गई हह और कवसत४र सद बतल४य४ गय४ हह कक मनपषय ककस
पक४र अपनद वस एक कद ब४द एक बदलत४ रहत४ हह। उसश वहकदक ज४न कक यह४ह पपकष हह ई हह। जशव
अथ४रतनन आतम४ कनरनतर एक कद ब४द एक शरशर बदलत४ रहत४ हह। यह४ह तक कक वतरम४न जशवन मम भश
शरशर ब४लकपन सद कप म४र४वसथ४, कप म४र४वसथ४ सद यपव४वसथ४ और यपव४वसथ४ सद वकद४वसथ४ मम बदलत४
ज४त४ हह। इसश क४रण जब शरशर क४फक वकद हक ज४त४ हह, तक जशव इस शरशर कक तय४ग ददत४ हह और
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पकक कत कद कनयम४नपस४र अपनद सक४म कमर, इचछ४ओर तथ४ महतव४क४रक४ओर पर आध४ररत दससर४ शरशर
प४त४ हह। पकक कत कद कनयम इस अनपकम कक कनयरकतत करतद हह अत: जशव जब तक बकहररग४ भलकतक
शकक कद कनयरतण मम रहत४ हह तब तक सक४म कमर कद अनपस४र श४रशररक पररवतरन सवतद हकतद रहतद हह।
इसकलए वसपददव करस कक यह बत४न४ च४ह रहद थद कक यकद वह सश कक म४रनद क४ यह प४पकमर करत४ हह ,
तक अगलद जनम मम उसद भलकतक शरशर तक कमलदग४, ककनतप उसद और कष झदलनद हतगद। इस तरह वसपददव नद
करस कक सल४ह दश कक वह प४पकमर न करद।
जक वयकक अपनद अज४न अथ४रतनन तमकगपण कद क४रण प४पकमर करत४ हह उसद कनमनतर शरशर कमलत४ हह।
क४रण गपण-सरगक5 सय सदसदककनजनमसप ( भगवदशत४ १३.२२) । जशवन कक ल४खत यककनय४ह हह । तक कफर
उचतर तथ४ कनमनतर शरशर कयत कमलतद हह ? जशव कक यद शरशर पकक कत कद दसरणत कद क४रण प४प हकतद हह।
यकद ककई इस जशवन मम तमकगपण तथ४ प४पकमर ( दपषकन ककतश ) सद सरदकस रत हक ज४त४ हह, तक अगलद जशवन मम
उसद कनशचय हश कषमय शरशर प४प हकग४ यह पकक कत क४ कनयम हह। पकक कत कद कनयम बदजशव कक
कलपन४जनक इचछ४ओर कद अधशन नहथ रहतद। अतएवर हम४र४ पय४स यहश हकन४ च४कहए कक सदहव
सतगगपण कद स४थ चलद और रजकगपण य४ तमकगपण मम कलप न हत ( रजसतमकभ४व४:) । क४मदचछ४एह तथ४
लकभ जशव कक लग४त४र अज४न मम रखतद हह और सतवगपण य४ शपद सतवगपण कद पद तक पहह हचनद सद रककतद
हह। मनपषय कक सल४ह दश ज४तश हह कक वह शपद सतवगपण अथ४रतनन भकक कद पद कक प४प हक कयतकक तभश
वह भलकतक पकक कत कद तशन गपणत कद फल सद पकतरककत रहदग४।
बजनननस--र४सतद पर चलतद हह ए ककई वयकक; कतषननन-- खडद हककर; पद४ एकद न--एक प४हव पर; यथ४--कजस तरह; एव--कनससनददह;
एकद न--दससरद प४हव सद; गचछकत--ज४त४ हह; यथ४--कजस तरह; तकण-जललक४--कतनकद पर बहठ४ ककड४; एवमनन--इस तरह; ददहश--
जशव; कमर-गकतमनन--सक४म कमर कद फल; गत:--भकगत४ हह।.
कजस तरह र४सतद पर चलतद हह ए मनपषय अपन४ एक प४हव जमशन पर टदकत४ हह और कफर दससरद
प४हव कक उठ४त४ हह य४ कजस तरह वनसपकत क४ एक ककड४ पहलद एक पतश पर बहठत४ हह और कफर
इसद छकड कर दससरश पतश पर ज४त४ हह उसश तरह जब बदजशव दससरद शरशर क४ आशय गहण
करत४ हह तब कपछलद शरशर कक तय४ग ददत४ हह।
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त४तपयर : यह कवकध हह आतम४ द४र४ एक शरशर सद दससरद मम ददह४नतरण कक। मकतयप कद समय, जशव
अपनश म४नकसक अवसथ४ कद अनपस४र ससकम शरशर द४र४, कजसमम मन, बपकद तथ४ अहरक४र सकममकलत हह,
दससरद सथसल शरशर मम लद ज४य४ ज४त४ हह। जब उच अकधक४रश यह कनकशचत कर ददतद हह कक जशव कक ककस
तरह क४ सथसल शरशर कमलदग४ तक उसद ब४धय हककर उस शरशर मम पवदश करन४ पडत४ हह और इस तरह वह
कपछलद शरशर कक सवयमदव तय४ग ददत४ हह। जक मनदबपकद लकग ददह४नतर कक इस कवकध कक नहथ समझतद वद
यह म४न बहठतद हह कक सथसल शरशर कद सम४प हकतद हश जशवन हमदश४ कद कलए सम४प हक ज४त४ हह। ऐसद
लकगत कद प४स मकसतषक हकत४ हश नहथ कजससद ददह४नतरण कक कवकध कक समझम। समपकत हरद कक षण
आनदकलन क४ क४फक कवरकध हक रह४ हह इसद ““मकसतषक धपल४ई'” आनदकलन बतल४य४ ज४त४ हह। ककनतप
व४सतकवकत४ यह हह कक प४शच४तय ददशत कद तथ४ककथत वहज४कनकत, द४शरकनकत तथ४ अनय नदत४ओर कद तकनक
भश मकसतषक नहथ हह। हरद कक षण आनदकलन ऐसद मसखर लकगत कक बपकद कक चदतन करकद उनहम ऊपर उठ४नद
कद कलए पयतन कर रह४ हह, कजससद वद म४नव शरशर क४ ल४भ उठ४ सकम । दपभ४रगयवश, कनपट अज४न कद
क४रण हश वद हरद कक षण आनदकलन कक मकसतषक धपल४ई आनदकलन कहतद हह। वद यह नहथ ज४नतद कक
ईशभ४वन४मकत कद कबन४ मनपषय कक एक शरशर सद दससरद शरशर मम सथ४न४नननतरण करतद रहन४ पडत४ हह। अपनद
शहत४नश मकसतषक कद क४रण उनहम आगद कगहरत जशवन सवशक४र करन४ हकग४ और वद इस भलकतक जगत कद
बद जशवन सद अपनद कक कभश भश मपक नहथ कर प४एहग।द इस शलकक मम आतम४ कद ददह४नतरण कक सपष
वय४खय४ हह ई हह।
सवपनद--सपनद मम; यथ४--कजस तरह; पशयकत--ददखत४ हह; ददहमनन--शरशर क४ पक४र; ईहशमनन--उसश तरह; मनकरथदन--म४नकसक
कचनतन द४र४; अकभकनकवष-- पसरश तरह लशन; चदतन:--चदतन४ सद यपक; दष--आहखत सद ददखकर जक अनपभव ककय४ गय४ हक;
शपत४भय४मस--तथ४ सपन करकद ; मनस४--मन सद; अनपकचनतयनननस--सकचतद, अनपभव करतद तथ४ इचछ४ करतद हह ए; पपदतद--शरण मम
आत४ हह; ततननस--उस अवसथ४ तक; ककमनन अकप--कय४ कह४ ज४ सकत४ हह; कह--कनससनददह; अपसमककत:-- वतरम४न शरशर क४
कवसमरण।.
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अपनद इस शरशर क४ कवच४र न करतद हह ए उसकद वशशभसत हक ज४त४ हह। इसश तरह म४नकसक सरतपलन
द४र४ वह र४त मम कभन शरशरत तथ४ कभन पररकसथकतयत मम रहकर सपन४ ददखत४ हह और अपनश
व४सतकवक कसथकत कक भसल ज४त४ हह। उसश पककय४ कद अनतगरत वह अपन४ वतरम४न शरशर तय४गकर
दससर४ शरशर गहण करत४ हह ( तथ४ ददह४नतरप४कप: )।
त४तपयर : इस शलकक मम आतम४ कद ददह४नतर कक सपष वय४खय४ हह ई हह। मनपषय कभश-कभश अपनद
वतरम४न शरशर कक भसल ज४त४ हह और अपनद बचपन कद शरशर कद कवरय मम कवगत शरशर कद ब४रद मम सकचत४
हह कक वह ककस तरह खदलत४, कस दत४ और ब४तम इतय४कद ककय४ करत४ थ४। जब भलकतक शरशर क४म कद
ल४यक नहथ रह ज४त४ तक कमटश बन ज४त४ हह, ““तपम म४टश हक और अनत मम म४टश मम कमल ज४ओगद।”!
ककनतप जब शरशर कफर सद प४हच भलकतक ततवत--पकथवश, जल, अकग, व४यप तथ४ आक४श-मम कमल ज४त४
हह, तक मन तब भश क४यर करत४ रहत४ हह। मन ससकम ततत हह, कजससद शरशर बनत४ हह जहस४कक हम अपनद
सवण मम और जग ज४नद पर कचनतन कद समय अनपभव करतद हह। हमम यह समझन४ हकग४ कक म४नकसक
कचनतन कक कवकध ऐसद नए-नए पक४र कद शरशर उतपन करतश रहतश हह कजनक४ व४सतकवक अकसततव हश
नहथ हकत४। यकद हम मन कक पकक कत ( मनकरथदन ) तथ४ इसकद सकचनद, अनपभव करनद तथ४ च४हनद कक
समझ सकम तक हम यह आस४नश सद समझ सकतद हह कक ककस तरह मन सद कवकभन पक४र कद शरशर उतपन
हकतद हह।
अतएव कक षणभ४वन४मकत आनदकलन कदवय क४यरकल४पत कक ऐसश कवकध पसतपत करत४ हह, कजसमम मन
कक षण समबनधश क४यर मम पसरश तरह लशन रहत४ हह। आतम४ कक उपकसथकत चदतन४ द४र४ अनपभव कक ज४तश हह
और मनपषय कक च४कहए कक वह अपनश चदतन४ कक शपद करकद भलकतक सद आधय४कतमक बन४ लद अथव४
दससरद शबदत मम कक षणभ४वन४मकत मम पररणत कर लद। जक आधय४कतमक हह, वह श४शवत हह और जक भलकतक
हह, वह अकनतय य४ नशवर हह। कक षणभ४वन४मकत कद कबन४ मनपषय कक चदतन४ सदहव नशवर वसतपओर मम लशन
रहतश हह। इसशकलए कक षण नद भगवदशत४ (९.३४) मम हर एक कद कलए सरसतपकत कक हह--मनमन४ भव
मदकक मद४जश म४र नमसकप र। मनपषय कक च४कहए कक वह सदहव कक षण कद कवच४रत मम लशन रहद, उनहथ क४
भक बनद, सद४ उनकक सदव४ करद और उनहम हश सबसद बड४ म४नकर पसजद तथ४ नमसक४र करद। भलकतक
जगत मम मनपषय ककसश न ककसश बडद वयकक क४ द४स हकत४ हह और आधय४कतमक जगत मम हम४रश वहध४कनक
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कसथकत परबह कक सदव४ करनद कक हह। यहश शश चहतनय मह४पभप क४ उपददश हह। जशवदर सवरप ” हयकक षणदर
“कनतय द४स ! ( चदतनय-चररतव४मकत, मधय २०.१०८)।
कक षणभ४वन४मकत मम क४यर करन४ जशवन कक कसकद और यकग कक सवरच कसकद हह। भगव४ननन कक षण
भगवदशत४ (६.४७) मम कहतद हह--
“समसत यककगयत मम जक अतयनत शद४पसवरक कदवय पदम४भकक मम मदरश पसज४ करतद हह ए सदहव मपझमम हश
रहत४ हह, वह यकग मम मपझसद घकनषत४पसवरक सरयक
प हकत४ हह और सवरच हकत४ हह।'!
सरकलप तथ४ कवकलप कद बशच डगमग४नद व४लद अथ४रतनन ककसश कक सवशक४र करनद और कफर उसश कक
असवशक४र करनद व४लद कक दश४ मकतयप कद समय एक भलकतक शरशर सद दससरद मम आतम४ कद सथ४न४नतरण मम
अतयकधक महतवपसणर हह।
“शरशर तय४गतद समय मनपषय जहसश दश४ क४ समरण करत४ हह उसद अवशयमदव वहसश हश दश४ प४प
हकतश हह।'' ( भगवदशत४ ८.६) अतद मनपषय कक च४कहए कक वह अपनद मन कक भककयकग पदकत मम
पकशककत करद जहस४कक सद४ कक षणभ४वन४मकत मम रहनद व४लद मह४र४ज अमबरशर नद ककय४ थ४। सड वद मनद
कक षण पद४रकवनदयक: / मनपषय कक च४कहए कक चलबशसत घरटद अपनद मन कक कक षण कद चरणकमलत पर कसथर
रखद। ऐस४ करनद सद अनय इकनदयत कद क४यरकल४प भश कक षण कक सदव४ मम लगद रहमगद। हरशकद ण हरशकद श-
सदवन भककरचयतद-शपद इकनदयत द४र४ इकनदयत कद सव४मश हरशकद श कक सदव४ करन४ भकक हह। जक लकग
कनरनतर भकक मम लगद रहतद हह, वद पकक कत कद भलकतक गपणत सद ऊपर कदवय पद पर कसथत हकतद हह । जहस४कक
कक षण नद भगवदशत४ (१४.२६) मम कह४ हह--
“'जक पसणरतय४ भकक मम लग४ रहत४ हह, जक ककसश भश पररकसथकत मम चयपत नहथ हकत४ वह तशनत गपणत
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कक ततकण प४र करकद बह कद सतर पर आ ज४त४ हह।” मनपषय कक वहकदक स४कहतय सद, कवशदर रप सद
जब वहकदक ज४न क४ नवनशत भगवदशत४ यथ४रप मम पसतपत ककय४ गय४ हह, सफलत४ कक कपर जश प४प कर
लदनश च४कहए।
चसहकक मन अनततकगतव४ पसणर पपररकतम भगव४ननन कक षण द४र४ कनयरकतत हकत४ हह अतएव अपसयककत: शबद
महतवपसणर हह। अपनश हश पहच४न कक भसल ज४न४ अपसमककत: हह। यह अपसमककत भगव४ननन द४र४ कनयरकतत हक
सकतश हह कयतकक भगव४ननन कहतद हह-- मतद समककतजनमपकहनर च--मपझश सद समककत, ज४न तथ४ कवसमककत
उतपन हकतद हह। कक षण मनपषय कक अपनश असलश कसथकत भसलनद न ददकर मकतयप कद समय उसकक मसल
पहच४न कक ज४गकत कर सकतद हह यदकप मन चरचल हकत४ हह। भलद हश मकतयप कद समय मन ठशक सद क४म
न करद, कक षण अपनद भक कक अपनद चरणकमलत मम शरण ददतद हह। अतद जब भक अपन४ शरशर तय४गत४
हह, तक मन उसद दससरद भलकतक शरशर मम नहथ लद ज४त४ ( तयकतव४ ददहर पपनजरनम नहकत म४मदकत ) पतयपत भक
कक कक षण ऐसश जगह लद ज४तद हह जह४ह वद अपनश लशल४एह करतद हह ( म४मनन एकत ) जहस४कक हम कपछलद
शलककत मम बतल४ चपकद हह। अतद मनपषय कक चदतन४ सद४ कक षण मम लशन रहद तक उसक४ जशवन सफल हक
ज४एग४। अनयथ४ मन आतम४ कक ककसश अनय भलकतक शरशर मम लद ज४एग४। यह आतम४ कपत४ कद वशयर मम
पसथ४कपत हककर म४त४ कद गभर मम सखकलत हकग४। वशयर तथ४ रज सद म४त४-कपत४ कद सवरप कद अनपस४र
कवशदर पक४र क४ शरशर उतपन करतद हह और जब शरशर पररपक हक ज४त४ हह, तक आतम४ उसमम पसफप कटत
हकत४ हह और नवशन जशवन क४ ससतप४त हकत४ हह। एक शरशर सद दससरद शरशर मम आतम४ कद ददह४नतरण कक
कवकध यहश हह ( कथ४ ददह४नतरग४कप:) । दपभ४रगयवश अलपबपकद व४लद लकग यह सकचतद हह कक शरशर कद लपप
हकनद पर सब सम४प हक ज४त४ हह। स४र४ सरस४र ऐसद मसखर तथ४ मसढत द४र४ भ४नत हक रह४ हह। ककनतप
भगवदशत४ (२.२०) मम कह४ गय४ हह-- न हनयतद हनयम४नद शरशरद। शरशर कद नष हकनद पर भश आतम४ नष
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यत: यत:--एक सथ४न सद दससरद सथ४न कक य४ एक पद सद दससरद पद कक; ध४वकत--कचनतन करत४ हह; दहव-चककदतमनन-- भ४गय द४र४
पदररत; मनद--मन; कवक४र-आतमकमनन--एक पक४र कद भ४वत सद दससरद पक४र मम बदलतद हह ए; आप--अनत मम प४प करत४ हह
( पवककत ); पशचसप--मकतयप कद समय ( जब भलकतक शरशर भलकतक पद४थर मम पररणत हक ज४त४ हह ); गपणदरप--( मपक न हकनद सद मन
सरलग रहत४ हह ) भलकतक गपणत सद; म४य४-रकचतदरप-- जह४ह म४य४ वहस४ हश शरशर रचतश हह; ददहश--ऐस४ शरशर ध४रण करनद व४ल४
आतम४; असल--वह; पपदम४न:--शरण४गत ( ऐसश कसथकत कक ); सह--स४थ; तदन--वहसद हश शरशर कद द४र४; ज४यतद-- जनम लदत४
हह।.
मकतयप कद समय मनपषय सक४म कमर मम कनकहत मन कद सकचनद, अनपभव करनद और च४हनद कद
अनपस४र हश शरशर-कवशदर प४प करत४ हह। दससरद शबदत मम, मन कद क४यरकल४पत कद अनपस४र हश
शरशर कवक४स करत४ हह। शरशर कद पररवतरन मन कक चरचलत४ कद क४रण हह अनयथ४ आतम४ तक मसल
आधय४कतमक शरशर मम रह सकत४ हह।
त४तपयर : मनपषय यह आस४नश सद समझ सकत४ हह कक मन कनरनतर चल४यम४न रहत४ हह, वह अपनद
सकचनद, अनपभव करनद तथ४ च४हनद कक गपणवत४ कक बदलत४ रहत४ हह। भगवदशत४ (६.३४) मम अजपरन नद
इसकक वय४खय४ कक हह--
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मनपषय च४हद तक हरद कक षण मरत क४ कनररतर ककतरन करतद हहए अपनद मन कक कक षण कद चरणकमलत मम
कसथर कर सकत४ हह ( सड वद मन: कक षण पद४रकवनदयक:) और इस तरह यकग-कसकद प४प कर सकत४ हह।
अनयथ४ मन तक इकनदयभकग कद कलए चरचल हकत४ रहदग४ और मनपषय कक एक शरशर छकडकर दससर४ शरशर
ध४रण करतद रहन४ हकग४ कयतकक मन कद वल भलकतक ततवत य४ दससरद शबदत मम कमथय४ इकनदयतककप क४
अभयसत हकत४ हह। म४य४यपख४य भरमपदहतत कवयसढ४ननन ( भ४गवत ७.९.४३) । मनकरथ कद द४र४ कनयरकतत हकनद
कद क४रण मसढ लकग जशवन क४ ककणक आननद लदनद कद कलए वकहदनन आयकजन करतद हह, ककनतप मकतयप कद
समय उनहम अपन४ यह शरशर तय४गन४ हकग४, जब कक षण कक बकहररग४ शकक सब कप छ छशन लदतश हह ( मकतयप:
सवरहसक४हमनन ) । उस समय जशवन भर मम जक कप छ अकजरत ककय४ हह आ रहत४ हह, वह सब नष हक ज४त४
हह और भलकतक पकक कत द४र४ ब४धय हककर नय४ शरशर सवतद ध४रण करन४ हकत४ हह। इस जशवन मम भलद हश
ककसश नद गगनचपमबश महल कयत न बन४य४ हक, ककनतप अगलद जशवन मम अपनश म४नकसकत४ कद क४रण उसद
कबलश, कप त४ य४ वकक अथव४, हक सकत४ हह, ददवत४ क४ शरशर ध४रण करन४ पडद। इस तरह भलकतक
पकक कत कद कनयमत कद द४र४ शरशर पदत हकत४ हह। क४रणर गण सरगरकउसय सदसदककनजनमसप ( भगवदशत४
१३.२२) । भलकतक पकक कत कद तशन गपणत कद समपकर सद हश आतम४ उच तथ४ कनमन यककनयत मम जनम लदत४
हह।
“जक सतकगपणश हह, वद कमशद सवगरलकक कक ज४तद हह, जक रजकगपणश हह, वद पकथवशलकक मम रहतद हह
और जक तमकगपणश हह, वद नरकलकक मम ज४तद हह ।'” ( भगवदशत४ १४.१८)
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कक सदव४ मम लगश रहतश हह, तक सवरच कसकद प४प हकतश हह। हरशकद ण हरशकद शसदवनर भककरचयतद।
कक षणभ४वन४मकत आनदकलन भककयकग क४ आनदकलन हह। वहर४गयकवद४ कनजभककयकग। इस आनदकलन कद
कनयमत पर चलकर मनपषय भलकतक मनकरथत सद कवलग हक ज४त४ हह और जशव तथ४ परमदशवर कद सदवक-
सदवय कद कनतय समबनध व४लद मसल पद पर कसथत हक ज४त४ हह। सरकदप मम, कक षणभ४वन४मकत आनदकलन क४
जयककतयरथवद कदकप४कथरवदषवदद
समशरवदग४नपगतर कवभ४वयतद ।
एवर सवम४य४रकचतदषवसल पपम४ननन
गपणदरप र४ग४नपगतक कवमपह४कत ॥ ४३॥
जयककत:--आक४श मम ससयर, चनदम४ तथ४ त४रद; यथ४--कजस तरह; एब--कनससनददह; उदक--जल मम; प४कथरवदरप--य४ अनय तरल
पद४थर यथ४ तहल मम; अदद --पतयक रप सद; समशर-बदग-अनपगतमनन--व४यप कद वदग सद ठदल४ ज४कर; कवभ४वयतद--कवकभन रपत मम
पकट हकतद हह; एबमनन--उसश तरह; सव-म४य४-रकचतदरप-- अपनद मनकरथत सद उतपन पररकसथकत मम; असल--जशव; पपम४नस--मनपषय;
गपणदरप-- पकक कत कद गपणत द४र४ पकट, भलकतक जगत मम ; र४ग-अनपगत:--अपनश आसकक कद अनपस४र; कवमपह४कत--पहच४न कद
द४र४ मकहगसत हकत४ हह।.
जब आक४श मम कसथत नकत जहसद ससयर, चनदम४ तथ४ त४रद तदल य४ जल जहसद तरल पद४थर मम
पकतकबकमबत हकतद हह, तक व४यप कद वदग कद क४रण वद कवकभन आक४रत कद लगतद हह कभश गकल, कभश
लमबद तक कभश और कप छ। इसश तरह जब जशव४तम४ भलकतकत४व४दश कवच४रत मम मग रहत४ हह, तक
वह अज४न कद क४रण कवकवध रपत कक अपनश पहच४न कद रप मम गहण करत४ हह। दससरद शबदत मम,
पकक कत कद भलकतक गपणत सद कवचकलत हकनद कद क४रण वह मनकरथत कद द४र४ मकहगसत हक ज४त४ हह।
त४तपयर : यह शलकक एक उतम उद४हरण पसतपत करत४ हह, कजससद यह समझ४ ज४ सकत४ हह कक
भलकतक जगत मम कनतय आतम४ ककस तरह कवकभन पदत और कवकभन शरशरत कक गहण करत४ हह
( ददह४नतरप४कप:) | चनदम४ कसथर हह और एक हह, ककनतप जब इसक४ पकतकबमब जल य४ तदल मम पडत४ हह,
तक हव४ चलनद सद यह कवकभन आक४र गहण करत४ हह। इसश तरह आतम४ कक षण क४ कनतयद४स हह, ककनतप
जब उसद पकक कत कद भलकतक गपणत मम रख४ ज४त४ हह, तक वह कवकभन शरशर ध४रण करत४ हह कभश ददवत४
क४, कभश मनपषय क४ तक कभश कप तद, वकक इतय४कद क४। जशव भगव४ननन कक भ४मक शकक अथ४रतनन म४य४ कद
वशशभसत हककर सकचत४ हह कक वह अमपक-अमपक वयकक--अमरशकक, भ४रतशय, अथव४ कबलश, कप त४,
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वकक इतय४कद हह। इसद हश म४य४ कहतद हह। जब मनपषय इस मकह सद छसट ज४त४ हह और समझत४ हह कक
आतम४ इस भलकतक जगत कद ककसश सवरप सद समबकनधत नहथ हह, तक वह आधय४कतमक पद पर
( बहभसतक ) कसथत हकत४ हह।
इस अनपभसकत कक कभश-कभश कनर४क४र कह४ ज४त४ हह। ककनतप इसक४ अथर यह नहथ हह कक आतम४
क४ ककई रप नहथ हकत४। आतम४ क४ रप हकत४ हह, ककनतप भलकतक कलमर कद क४रण उसद जक ब४ह-
उददकलत रप प४प हकत४ हह, वह कमथय४ हकत४ हह। इसश तरह ईशवर कक भश कनर४क४र कह४ ज४त४ हह,
कजसक४ अथर हह कक ईशवर कद ककई सवरप नहथ हकत४, ककनतप वह सकचवद४ननद कवगह हह। जशव इसश परम
सकचद४ननद कवगह क४ अरश हह, ककनतप उसकद भलकतक सवरप नशवर य४ भ४मक हकतद हह। जशव तथ४
परमदशवर दकनत कद आकद आधय४कतमक सवरप ( सकचद४ननद कवगह ) हकतद हह लदककन परमदशवर अपन४
सवरप नहथ बदलत४। परमदशवर उसश रप मम रहत४ हह, ककनतप जशव कक पकक कत सद ब४धय हककर कवकभन रप
ध४रण करनद पडतद हह। जब जशव कक यद कवकभन सवरप प४प हकतद हह, तक वह उनहम अपन४ सवरप म४न
बहठत४ हह न कक अपनद मसल आधय४कतमक सवरप कक । जयत हश जशव अपनद मसल आधय४कतमक सवरप तथ४
ज४न कक कफर सद प४ लदत४ हह तयत हश वह परम सवरप परमदशवर कक शरण मम चल४ ज४त४ हह। इसकक
वय४खय४ भगवदशत४ (७.१९) मम हह ई हह। बहह न४र जनमन४मनतद ज४नव४ननन म४र पपदतथ/ जब जशव अनदक४नदक
जनमत मम कवकभन सवरपत कद पशच४तनन अपनद मसल कक षणभ४वन४मकत सवरप मम ललटत४ हह, तक वह तपरनत परम
सवरप कक षण कद चरणकमलत मम अपनद कक समकपरत कर ददत४ हह। यहश मपकक हह। भगवदशत४ (१८.५४)
मम भगव४ननन कहतद हह--
“जक कदवय पद पर कसथत हह उसद परबह कक अनपभसकत तपरनत हश हक ज४तश हह और वह परम पसन
हक ज४त४ हह। वह न तक कभश शकक करत४ हह न ककसश वसतप कक इचछ४ करत४ हह। वह हर जशव कक सम-
भ४व सद ददखत४ हह। उस अवसथ४ मम वह मदरश शपद भकक प४प करत४ हह।'” परमसवरप कद पकत समपरण
भकक क४ पकतफल हह। यह भकक अथव४ अपनश कसथकत क४ ज४न हश पसणर मपकक हह। जब तक मनपषय परम
सतय कक कनर४क४र म४नत४ हह तब तक उसद शपद ज४न नहथ हकत४ ककनतप कफर भश उसद शपद ज४न कद कलए
व४
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सरघरर करन४ च४कहए। कद शक5 कधकतरसतदन४ अवयक४सकचदतस४मनन ( भगवदशत४ १२.५) | भलद हश ककई
आधय४कतमक दकष सद ककतन४ हश उनत कनयत न हक यकद वह परम सतय कद कनर४क४र सवरप कद पकत
आसक हह, तक उसद और अकधक शम करनद कक आवशयकत४ रहतश हह जहस४कक कद शकउकधकतरद शबदत सद
ससकचत हकत४ हह कजनक४ अथर हह और अकधक कष। ककनतप भक कक अपन४ आकद आधय४कतमक सवरप
प४प करनद मम ककठन४ई नहथ हकतश और वह भगव४ननन कद आकद रप कक समझ लदत४ हह।
सवयर कक षण भगवदशत४ कद कदतशय अधय४य मम जशवत कद कवकवध रपत क४ वणरन करतद हह ए अजपरन
कक बतल४तद हह कक वद, अजपरन तथ४ अनय स४रद जशव, जक इसकद पसवर अपनद मसल रप मम थद अब पकथकन न-
पकथकन न पहच४न रखतद हह। वद भसतक४ल मम वहयककक अकसततव व४लद थद, अब भश हह और भकवषय मम भश
अपन४-अपन४ सवरप रखतद हतगद। अनतर इतन४ हश हह कक बदजशव कवकवध भलकतक सवरपत मम पकट
हकत४ हह, जबकक कक षण अपनद मसल आधय४कतमक रप मम पकट हकतद हह । दपभ४रगयवश कजनक४ आधय४कतमक
ज४न अलप हह वद सकचतद हह कक कक षण उनकद हश जहसद हह और कक षण क४ सवरप भलकतक सवरपत जहस४ हह।
अवज४नकनत म४र मसढ४ म४नपरर तनपम४कशतमनन ( भगवदशत४ ९.११) | कक षण कभश भश भलकतक ज४न सद गकवरत
नहथ हकतद इसशकलए उनहम अचयपत कह४ ज४त४ हह, जबकक जशव नशचद कगरतद हह (चयपत) और पकक कत द४र४
कवशलपबध हकतद हह | परमदशवर तथ४ जशवत मम यहश अनतर हह।
इस पसरग मम यह धय४न ददनद कक ब४त हह कक कदवय पद पर कसथत हकनद कद क४रण वसपददव नद करस कक
सल४ह दश कक वह और आगद प४पकमर न करद। असपरत क४ पकतकनकध करस कक षण य४ ईशवर कक म४रनद कद
कलए सद४ तहय४र रहत४ थ४ जबकक वसपददव ऐसद कदवय पद प४प पपरर क४ पकतकनकधतव करतद हह कजनकद
यह४ह कक षण जनम लदतद हह (व४सपददव पपत हह वसपददव कद ) | वसपददव च४हतद थद कक उनक४ स४ल४ करस अपनश
बहन कक हतय४ क४ प४पकमर न करद कनयतकक भलकतक पकक कत द४र४ कवकहबध ककयद ज४नद पर करस कक ऐस४
शरशर ध४रण करन४ हकग४ कजसमम उसद ब४रमब४र कष सहन४ पडदग४। शशमद४गवत मम अनयत (५.५.४)
ऋरभददव भश कहतद हह--
असनकप कद शद आस ददह: ।
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शरशर प४प हकत४ रहदग४ कजसमम भलकतक पकक कत कद क४रण उसद तशन पक४र कद त४पत कक सहन करन४ हकग४
( कतत४पयनतण४ ) | अत: बपकदम४न वयकक कक च४कहए कक वह अपनद कक भलकतक पकक कत कद तशन गपणत कद
पभ४व सद मपक कर लद और भगव४ननन कक षण कक सदव४ मम लग कर अपनद मसल आधय४कतमक शरशर कक कफर
सद प४प करद। सरस४र मम आसक रहनद पर मनपषय कक जनम, मकतयप, जर४ तथ४ रकग सवशक४र करनद हतगद।
इसकलए बपकदम४न वयकक कक च४कहए कक तथ४ककथत अचछद तथ४ बपरद सक४म कमर कद फद र मम न पडकर
वह अपनद जशवन कक कक षणभ४वन४मकत मम पगकत करनद मम लग४ए कजससद उसद दससर४ शरशर न ध४रण करन४
तसम४तननस--अतद; न--नहथ; कसयकचतनन--ककसश कक; दकहमनन--ईषय४र; आचरदतनन--आचरण करद; सद--पपरर ( करस ); तथ४-
कवध: --( वसपददव द४र४ ) इस पक४र सद उपददश कदय४ गय४; आतमन:--अपन४; कदममस--कलय४ण; अकनवचछननन--च४हद तक; दकगधप:--
अनयत सद ईषय४र रखनद व४लद क४; बह--कनससनददह; परत:-- अनयत सद; भयमनन-- भय क४ क४रण हकत४ हह।.
चसहकक ईषय४लप एवर अपकवत क४यर ऐसद शरशर क४ क४रण बनतद हह कजससद अगलद जशवन मम कष
भकगन४ पडत४ हह इसकलए मनपषय अपकवत क४यर करद हश कयत? अपनद कलय४ण कक धय४न मम रखतद
हह ए मनपषय कक च४कहए कक वह ककसश सद ईषय४र न करद कयतकक ईषय४रलप वयकक कक इस जशवन मम य४
अगलद जशवन मम अपनद शतपओर सद सद४ ह४कन क४ भय बन४ रहत४ हह।
त४तपयर : अनय जशवत कद पकत शतप भ४व रखनद कद बज४य मनपषय कक च४कहए कक भगव४ननन कक सदव४ मम
लगकर पकवत क४यर करद कजससद इस जशवन तथ४ अगलद दकनत जशवनत मम भय४पसणर कसथकत सद बच सकद ।
इस समबनध मम, मह४ननन र४जनशकतज च४णकय पकणडत क४ कनमनकलकखत नहकतक उपददश अतयनत स४थरक हह--
मनपषय कक च४कहए कक खलत, असपरत तथ४ अभकत कक सरगकत क४ तय४ग करद और सदहव भकत तथ४
सनत पपररत कक सरगकत करद। उसद च४कहए कक इस जशवन कक नशवर म४नकर पपणयकमर करद और ककणक
सपख तथ४ दपख मम कलप न हक। कक षणभ४वन४मकत आनदकलन स४रद म४नव सम४ज कक कक षणभ४वन४भ४कवत
हकनद कद इसश कसद४नत कक कशक४ ददत४ हह और इस तरह उनकद जशवन कक समसय४ओर कक सद४-सद४ कद
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कलए हल कर ददत४ हह। ( तयकतव४ ददह पपनजरनम नहकत म४मदकत सक5 जपकन )
तपमह४रश छकटश बहन बदच४रश ददवकक तपमह४रश पपतश कद सम४न हह और वह ल४ड-पय४र सद प४लद
ज४नद यकगय हह। तपम दय४लप हक, अतद तपमहम इसक४ वध नहथ करन४ च४कहए कनससरददह यह तपमह४रद
सनदह कक प४त हह।
शशशपक उब४च
एवर स स४मकभभददहबरधयम४नक5 कप द४रण: ।
न नयवतरत कलरवय पपरर४द४ननपततद ॥ ४६॥
शश-शपकद उब४च-- शश शपकददव गकसव४मश नद कह४; एवमनन--इस तरह; सद--वह ( करस कक ); स४मकभ:--समझ४नद-बपझ४नद कद
पय४सत सद; भददहद--नहकतक उपददश द४र४ कक वह अनयत कद पकत कस र न बनद; बकधयम४न: अकप--ककयद ज४नद पर भश; द४रण: --
अतयनत कस र; न नयवतरत--नहथ म४न४ ( जघनय क४यर करनद सद ); कलरवय--हद मह४र४ज परशककत; पपरर-अद४ननन--र४कसत क४;
अनपबत:--अनपय४यश |.
कनबरनधमस--करनद कद सरकलप कक; तसय--उस ( करस ) क४; तमनन--उस ( सरकलप ) कक; ज४तव४--ज४नकर; कवकचनतय--गहर४ई सद
सकचकर; आनकदपनदपकभ:--वसपददव; प४पमनन--आय४ हहआ; क४लमननस--आसकन मकतयप-सरकट कक; पकतवयकढप मननस--ऐसद क४यर सद रककनद
कद कलए; इकदमनन-यह; तत--वह४ह; अनवपदत--अनय उप४यत कक सकच४।.
जब वसपददव नद ददख४ कक करस अपनश बहन ददवकक कक म४र ड४लनद पर तपल४ हह आ हह, तक उसनद
अपनद मन मम गमभशरत४पसवरक सकच४। मकतयप कक आय४ हह आ ददखकर उसनद करस कक रककनद क४ दससर४
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उप४य सकच४।
त४तपयर : यदकप वसपददव नद ददख४ कक उसकक पतनश ददवकक कद म४रद ज४नद क४ सरकट उपकसथत हह,
ककनतप उसद अपनद कलय४ण क४ भरकस४ थ४ कनयतकक उसकद जनम कद समय ददवत४ओर नद दपनदपकभय४ह बज४ई थथ
अतद उसनद ददवकक कक बच४नद कक दससरश यपकक सकचश।
मकतयपबपकदमत४पकहक य४वदपकदबलकदयमनन ।
यदसल न कनवतरत न४पर४धक5 कसत ददकहन: ॥ ४८॥
मकतयप:--मकतयप; बपकनद-मत४--बपकदम४न वयकक द४र४; अपकह४: --दसर रहन४ च४कहए; य४वतनन--जब तक; बपकद-बल-उदयमनन--बपकद
तथ४ श४रशररक शकक रहतद हह ए; यकद--यकद; असल--वह ( मकतयप ); न कनवतरत--रककक नहथ ज४ सकतश; न--नहथ; अपर४ध:--
अपर४ध; अकसत--हह; ददकहन:--मकतयप सरकट मम फह सद वयकक क४।.
त४तपयर : अस४मकयक मकतयप क४ स४मन४ करनद व४लद वयकक कद कलए सव४भ४कवक हह कक वह अपनश
रक४ क४ पसर४ पयतन करद। यदकप मकतयप कनकशचत हह, ककनतप पतयदक वयकक कक च४कहए कक उससद बचद और
कबन४ कवरकध कद मकतयप कक वरण न करद कयतकक पतयदक जशव कनतय आतम४ हह। चसकह क मकतयप इस जगत मम
कननदनशय जशवन पर थकप४ गय४ दणड हकतश हह, अतद वहकदक सरसकक कत मकतयप सद बचनद पर आध४ररत हह
( तयकतव४ ददहर पपनजरस नहकत )। हर वयकक कक च४कहए कक आधय४कतमक जशवन क४ अनपशशलन करकद
मकतयप तथ४ पपनजरनम सद बचनद क४ पय४स करद और जशकवत रहनद कद कलए सरघरर ककए कबन४ मकतयप कद स४मनद
घपटनद न टदकद। जक वयकक मकतयप कक रककनद क४ पय४स नहथ करत४ वह बपकदम४न मनपषय नहथ हह। चसकह क
ददवकक कक आसतन मकतयप क४ स४मन४ करन४ पड रह४ थ४ अतएव वसपददव क४ कतरवय थ४ कक उसद प४णपण
सद बच४तद। अतद उनहतनद करस कक फप सल४नद क४ दससर४ तरशक४ सकच४ कजससद ददवकक कक बच४य४ ज४ सकद ।
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पद४य--ददनद क४ व४द४ करकद ; मकतयवद --ददवकक कद कलए क४लसवरप करस कक; पपत४नस--पपतत कक; मकचयद--आसन सरकट सद
छप ड४नद कद कलए; कक पण४मनन--कनदरर; इम४मनन--ददवकक कक; सपत४: --पपत; मद--मदरद; यकद--यकद; ज४यदरननन-- उतपन हतगद; मकतयप:--
करस; व४--अथव४; न--नहथ; कपयदत--मरन४ हकग४; चदतनन--यकद; कवपयरय: --इसकद कवपरशत; व४--अथव४; ककमनन-- कय४; न--
नहथ; सथ४तननस--हक सकत४ हह; गकत: --गकत; ध४तप:--प४रबध कक; दपरतयय४--समझन४ मपकशकल हह; उपकसथत:--अभश प४प हकनद
व४ल४; कनवतरत--रक सकत४ हह; कनवकत:--ददवकक कक मकतयप कक रककनद पर; पपनद: आपतदतनन-- भकवषय मम कफर हक सकद ( तक मह कय४
कर सकत४ हह ह )॥
बसपददव नद कवच४र ककय४: मह मकतयप रपश करस कक अपनद स४रद पपत ददकर ददवकक कद प४ण बच४
सकत४ हह ।ह हक सकत४ हह कक करस मदरद पपतत कद जनम कद पसवर हश मर ज४ए, य४ कफर जब ससद मदरद पपत
कद ह४थत सद मरन४ कलख४ हह, तक मदर४ ककई पपत उसद म४रद हश। इस समय मपझद च४कहए कक मह करस कक
अपनद सररद पपतत कक ससपनद कक पकतज४ कर लसह कजससद करस अपनश यह धमकक तय४ग दद और यकद
आगद चलकर करस मर ज४त४ हह, तक कफर मपझद डरनद कक ककई ब४त नहथ रह ज४तश।
त४तपयर : अपनद पपतत कक करस कक ससपनद क४ वचन ददकर वसपददव अपनश पतनश ददवकक कद प४ण
बच४न४ च४ह रहद थद। उनहतनद सकच४, “'हक सकत४ हह भकवषय मम करस मर ज४ए य४ हक सकत४ हह कक मदरद
पपत हश न हत। यकद पपत उतपन भश हक और मह उसद करस कक दद दसह तक करस उसकद ह४थत मर सकत४ हह
कयतकक दहववश कप छ भश हक सकत४ हह। यह समझ सकन४ बहह त ककठन हह कक कवध४त४ द४र४ ककस तरह
वयवसथ४ कक ज४तश हह।' इस तरह वसपददव नद कनशचय ककय४ कक मह ददवकक कक मकतयप कद आसन सरकट सद
उब४रनद कद कलए अपनद पपतत कक करस कद ह४थत ससप ददनद क४ वचन दद दसह।
अगदयरथ४ द४रकवयकगयकगयक-
रदषतकडनयन कनकमतमकसत ।
एवर कह जनतकरकप दपकवरभ४वय:
शरशरसरयकगकवयकगहदतप: ॥ ५१॥
अगद:--जरगल कक आग क४; यथ४--कजस तरह; द४र--लकडश क४; कवयकग-यकगयक:--सरयकग तथ४ कवयकग दकनत क४;
अदषत: --अहशय प४रबध कक अपदक४; अनयतननस-- ककई अनय क४रण य४ सरयकग; न--नहथ; कनकमतमनन--क४रण; अकसत--हह;
एवमनन--इस पक४र; कह--कनशचय हश; जनतक: --जशव क४; अकप--कनससनददह; दपकवरभ४वय:--प४य४ नहथ ज४ सकत४; शरशर--शरशर
क४; सरयकग--सवशकक कत; कवयकग--पररतय४ग; हदतप:--क४रण |.
जब ककसश अदशय क४रण सद आग लकडश कद एक टप कडद सद लपक कर दससरद खरड कक जल४
ददतश हह, तक इसक४ क४रण प४रबध हह। इसश तरह जब जशव एक पक४र क४ शरशर सवशक४र करकद
दससरद क४ पररतय४ग करत४ हह, तक इसमम अदशय प४रबध कद अकतररक ककई अनय क४रण नहथ हकत४।
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एवमनन--इस पक४र सद; कवमकशय--सकच कवच४र कर; तमनन--करस कक; प४पमनन--अतयनत प४पश; य४वतनन--यथ४समभव; आतमकन-
दशरनमस--अपनश बपकद भर, भरसक; पसजय४मनन आस--पशरस४ कक; बह--कनससनददह; शलरर: --वसपददव नद; बहह -म४न--सतक४र करतद
हह ए; पपरदसरमनन--उसकद स४मनद |.
इस तरह इस कवरय पर अपनश बपकदसद भरपसर कवच४र करनद कद ब४द बसपददव नद प४पश करस कद
पसन-वदन-अमभकज:--वसपददव, जक ब४हर सद परम पसन लग रहद थद; नकशरसमनन--अतयनत कस र; कनरपतपमनन--कनलरज करस कक;
मनस४--मन सद; दसयम४नदन--कचनत४ तथ४ दपख सद पसणर; कवहसननन--ब४हर सद हहसतद हहए; इदमनन अबवशतननस--इस पक४र बकलद।.
वसपददव क४ मन कचनत४ सद पसणर थ४ कयतकक उनकक पतनश सरकट मम थथ, ककनतप कस र, कनलरज
तथ४ प४पश करस कक पसन करनद कद उददशय सद बन४वटश हहसश ल४तद हह ए वद इस पक४र बकलद।
त४तपयर : कभश-कभश सरकटक४लशन कसथकत मम कपट सद क४म चल४न४ पडत४ हह जहस४कक वसपददव नद
अपनश पतनश कक बच४नद कद कलए ककय४। यह भलकतक जगत बहह त हश जकटल हह और अपन४ कतरवय
कनभ४नद कद कलए ऐसश दकहरश च४ल अपन४नश पडतश हह। वसपददव नद कक षण कक जनम ददनद कद कलए अपनश
पतनश कक बच४नद कद कलए हर समभव पय४स ककए। इससद ससकचत हकत४ हह कक कक षण तथ४ उनकद कहतत कक
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रक४ कद कलए दकहरश च४ल सद क४म कलय४ ज४ सकत४ हह। पसवर-घककरत वयवसथ४ कद अनपस४र करस क४ वध
करनद कद कलए कक षण कक वसपददव तथ४ ददवकक सद जनम लदन४ थ४। अतद वसपददव कक इस कसथकत सद कनपटनद
कद कलए हर पयतन करन४ पड४। यदकप स४रश घटन४एह कक षण द४र४ पसवकर नयककजत हकतश हह, ककनतप भक कक
कक षण कक सदव४ कद कलए हर समभव पय४स करन४ हकत४ हह। कक षण सवयर सवरशककम४न हह ककनतप इसक४
अथर यह नहथ कक भक कक ह४थ पर ह४थ धरकर बहठ ज४न४ च४कहए और सबकप छ कक षण पर हश छकड ददन४
च४कहयद। भगवदशत४ सद भश यहश उपददश प४प हकत४ हह। यदकप अजपरन कद कलए कक षण सब कप छ कर रहद
थद, ककनतप अजपरन कभश अकहरसक कक तरह आलसश बन कर बहठ४ नहथ। वह यपद मम यथ४शकक लडनद और
शशवसपददव उब४च
न ह४सय४सतद भयर सलमय यदह स४ह४शरशरव४कन न ।
पपत४नसमपरकयषयदउसथ४ यतसतद भयमपकतथतमनन ॥ ५४॥
शश-वसपददव: उब४च-- शश वसपददव नद कह४; न--नहथ; कह--कनससनददह; असय४:--इससद ( ददवकक सद ); तद--तपमह४र४; भयमनन-- भय;
सलमय--हद श४लशन; यतनन--जक; बह--कनससनददह; स४--वह; आह--बकलश; अ-शरशर-व४कन न --कबन४ शरशर कद व४णश; पपत४ननन--
अपनद स४रद पपतत कक; समपरकयषयद-- तपमहम ससप दसहग४; असथ४:--इस ददवकक कद ; यत:द--कजससद ; तद--तपमह४र४; भयमनन-- भय;
उकतथतमनन-उतपन हह आ हह।.
बसपददव नद कह४ : हद भद-शदष, तपमनद अहशयव४णश सद जक भश सपन४ हह उसकद कलए तपमहम अपनश
बहन ददवकक सद तकनक भश डरनद कक ककई ब४त नहथ हह। तपमह४रश मकतयप क४ क४रण उसकद पपत हतगद
अतद मह तपमहम वचन ददत४ हह ह कक जब उसकद पपत उतपन हतगद, कजनसद तपमहम डर हह, तक उन सबकक
ल४कर मह तपमहम ससप कदय४ करहग४।
त४तपयर : करस कक ददवकक सद भय थ४ कक उसकद आठवम गभर सद जक पपत उतपन हकग४ वहश उसक४
वध करदग४। इसकलए वसपददव नद अपनद स४लद कक सव४रकधक सपरक४ क४ वचन कदय४ कक वह सररद पपतत कक
ल४कर उसद दद कदय४ करदग४। आठवम पपत कक पतशक४ न करकद वह प४रमभ सद हश ददवकक कद गभर सद उतपन
स४रद पपतत कक करस कद ह४थत ससप ददग४। वसपददव नद करस कद समक यह सबसद उद४र पसत४व पसतपत ककय४।
शशशपक उव४च
सवसपवरध४कनववकतद करससतद४कयस४रकवतनन ।
बसपददवक5 कप तर पशत: पशसय प४कवशदननगकहमनन ॥ ५५॥
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शश-शपकद उव४च-- शश शपकददव गकसव४मश नद कह४; सवसप:--अपनश बहन कद ( ददवकक कद ); वध४तनन--वध सद; कनववकतद--कप छ
क४ल कद कलए रक गय४; करस: --करस; ततनन-व४कय--वसपददव कद वचन; स४र-कवतनन--सहश ज४नकर; वसपददव: --वसपददव; अकप--
भश; तमनन--उसकक ( करस कक ); पशत:--तपष हककर; पशसथ--अकधक स४नननतवन४ ददकर; प४कवशतनन गकहमनन-- अपनद घर मम पवदश
ककय४।.
शश शपकददव गकसव४मश नद आगद कह४ : करस वसपददव कद तकर सद सहमत हक गय४ और वसपददव
कद बचनत पर पसर४ भरकस४ करकद उसनद अपनश बहन कक म४रनद क४ कवच४र छकड कदय४। वसपदवद नद
करस सद पसन हककर उसद और भश स४नतवन४ दश और अपनद घर मम पवदश ककय४।
त४तपयर : यदकप करस प४पश असपर थ४, ककनतप उसद कवशव४स थ४ कक वसपददव अपनद बचनत सद कभश
कडगदग४ नहथ। वसपददव जहसद शपद भक क४ चररत ऐस४ थ४ कक करस जहसद मह४ननन असपर कक भश उसकद
वचनत पर हढ कवशव४स थ४ और वह सनतपष हक गय४। यसय४कसत भककभरगवतयककशञन४ सवरगपरनणसतत
सम४सतद सपर४द ( भ४गवत ५.१८.१२) । भक मम स४रद अचछद गपण कवदम४न रहतद हह यह४ह तक कक करस तक
अथ--तपशच४तनन; क४लद--समय बशतनद पर; उप४वकतद--पररपक हकनद पर; ददवकक --कक षण कद कपत४ वसपददव कक पतश नद; सवर-
ददवत४--ददवकक, कजसकद कलए स४रद ददवत४ तथ४ सवयर भगव४ननन पकट हह ए; पपत४नस--पपतत कक; पसपरपवद--उतपन ककय४; च--तथ४;
अषल--आठ; कनय४र च--तथ४ एक कनय४ सपभद४ कक भश; एब--कनससनददह; अनपवतसरमनन--वर४रनपवरर, पकतवरर |.
ततपशच४तनन पकत-वरर समय आनद पर ईशवर तथ४ अनय ददवत४ओर कक म४त४ ददवकक नद एक कशशप
कक जनम कदय४। इस तरह एक कद ब४द एक उनकद आठ पपत तथ४ सपभद४ न४मक एक कनय४ उतपन
हह ई।र
त४तपयर : गपर कक कभश-कभश सवददवमयकगपर कहकर मकहम४मरकडत ककय४ ज४त४ हह ( भ४गवत
११.७.२७) । आधय४कतमक गपर कक कक प४ सद कवकभन पक४र कद ददवत कक समझ४ ज४ सकत४ हह। ददव शबद
ईशवर क४ ससचक हह, जक समसत ददवत४ओर (ददवत) क४ मसल उदम हह। भगवदशत४ (१०.२) मम भगव४ननन
कहतद हह-- अहर आकदकहर ददव४न४म-मह समसत ददवत क४ उदम हह ।ह आकद पपरर भगव४ननन कवषणप अपनद
कवकभन रपत मम कवसत४र करतद हह। तदहकत बहह सय४मनन ( छ४नदकगय उपकनरदनन ६.२.३) | वद हश अनदक रपत मम
कवसतशणर हक गए। अदहतडमनन अचयपतमनन अन४कदयनन अननतरपमनन ( बह-सरकहत४ ५.३३) । सवरप कक कवकभन
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कककटय४ह सव४रश तथ४ कवकभन४रथ कहल४तश हह। सव४रश अथव४ कवषणप-ततव भगव४ननन हकतद हह और कवकभन४रश
जशवततव हकतद हह, जक भगव४ननन कद अरश हह ( ममहव४रगक जशवलककद जशवभसत: सन४तन:द) | यकद हम कक षण
कक भगव४ननन म४नकर उनकक पसज४ करतद हह, तक भगव४ननन कद स४रद अरश सवतद पपज ज४तद हह।
सव४रहरणमचयपतदजय४ ( भ४गवत ४.३१.१४) | कक षण अचयपत कहल४तद हह ( सदनयकरभयकमरधयद रथर सथ४पय
मद5 चयपत ) । अचयपत कक षण कक पसज४ करनद सद स४रद ददवत४ओर कक सवत: पसज४ हक लदतश हह। तब न तक
कवषणप-ततत न हश जशव-ततवत कक अलग-अलग पसजनद कक आवशयकत४ रह ज४तश हह। यकद कक षण पर
धय४न एक४ग ककय४ ज४ए तक हर एक कक पसज४ हक ज४तश हह। अत: कक षण कक जनम ददनद कद क४रण म४त४
ददवकक कक सव४ददवत४ कह४ गय४ हह।
कककतरमनतमनन-कककतरम४न न४म सद; पथम-जमनन--पहलद पहल जनम४ कशशप; करस४य--करस कक; आनकदपनदपकभ: --वसपददव द४र४;
अपरय४मनन आस--दद कदय४ गय४; कक चछदण --बडश मपकशकल सद; सद--वह ( वसपददव ); अनकत४तनन--झसठ४ बननद कद भय सद, वचन भरग
करनद सद; अकत-कवहलद --अतयनत भयभशत.
बसपददव अतयकधक कवहल थद कक कहथ उनक४ वचन भरग हहआ तक वद झसठद स४कबत हतगद। इस
तरह उनहतनद बडश हश वददन४ कद स४थ अपनद पथम पपत कककतरम४न कक करस कद ह४थत मम ससप कदय४।
त४तपयर : वहकदक पदकत मम, जयत हश ककई बच४, कवशदरकर पपत, उतपन हकत४ हह, तक कपत४ कवद४न
ब४हणत कक बपलव४त४ हह और बचद कक कपर डलश कद अनपस४र उसक४ न४मकरण ककय४ ज४त४ हह। इसद
न४मकरण सरसक४र कहतद हह। इस तरह वण४रशम धमर पदकत मम दस सरसक४र हकतद हह कजनमम सद न४मकरण
सरसक४र एक हह। यदकप वसपददव कद पथम पपत कक करस कद ह४थत ससप कदय४ ज४न४ थ४, ककनतप उसक४
न४मकरण सरसक४र समपन हह आ और उसक४ न४म कककतरम४न रख४ गय४। ऐसद न४म जनम कद तपरनत ब४द रखद
ज४तद हह।
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ककमनन--कय४; दपदसहमनन--पशड४पद हह; नप--कनससनददह; स४धसन४मननन--स४थप पपररत कद कलए; कवदपर४म--कवद४न पपररत कद कलए; ककमनन
अपदककतमनन--कय४ कनभररत४ हह; ककमनन अक४यरमनन--कय४ मन४ हह; कदय४रण४मनन-अधम पपररत कद कलए; दपसतवजमनन--छकड प४न४
अतयनत ककठन; ककमनन--कय४; धकत-आतमन४मनन--सवरपकसद वयककयत कद कलए.
वद स४धप पपरर जक सतय पर अटल रहतद हह, उनकद कलए कय४ पशड४द४यक हह? उन शपद भकत
कद कलए जक भगव४ननन कक ततव कद रप मम ज४नतद हह, भल४ सवतरतत४ कयत नहथ हकतश? कनमनचररत
व४लद पपररत कद कलए कलन सद क४यर वकजरत हह ? कजनहतनद भगव४ननन कक षण कद चरणकमलत पर अपनद
कक पसरश तरह समकपरत कर कदय४ हह वद कक षण कद कलए भल४ कलन सश वसतप नहथ तय४ग सकतद ?
त४तपयर : चसहकक ददवकक कद आठवम पपत द४र४ करस क४ वध हकन४ थ४ अत: यह पशन ककय४ ज४ सकत४
हह कक वसपददव कक पहलद पपत कक लद ज४कर ददनद कक कय४ आवशयकत४ थश? इसक४ उतर यह हह कक
वसपददव नद करस कक वचन कदय४ थ४ कक वह ददवकक सद उतपन स४रद पपतत कक ल४कर ससप ददग४। असपर हकनद
कद क४रण करस कक कवशव४स नहथ हक प४ रह४ थ४ कक आठवथ सनननत४न हश उसक४ वध करदगश। उसनद यह
म४न कलय४ थ४ कक वह ददवकक कक ककसश भश सनत४न कद द४र४ म४र४ ज४ सकत४ हह। इसशकलए ददवकक कक
बच४नद कद कलए वसपददव नद करस कक हर सनननत४न, च४हद वह लडक४ हक य४ लडकक, ददनद क४ वचन कदय४
थ४। दससरश दकष सद, वसपददव तथ४ ददवकक दकनत परम पसन थद कक भगव४ननन कक षण आठवम पपत कद रप मम
उनकद यह४ह उतपन हतगद। भगव४ननन क४ शपद भक हकनद सद वसपददव कक षण कक ददवकक कद आठवम गभर सद
उतपन हकतद ददखनद कद कलए ल४ल४कयत थद। इसशकलए वद स४रश सनत४नत कक तपरनत ससपन४ च४हतद थद कजससद
आठवथ सननतन ४न कक ब४रश आए और कक षण पकट हत। इसशकलए पकतवरर वद एक सनत४न उतपन करतद रहद
इकष४--ददखकर; समतवमनन--सपख य४ दपख सद अकवचकलत, समभ४व सद; ततनन-- उस; शलरद: --वसपददव कद ; सतयद--सतय मम; च--
कनससनददह; एब--कनशचय हश; वयवकसथकतमनन--हढ पररकसथकत; करस: --करस नद; तपष-मन४द --अतयनत सरतपष हककर ( अपन४ वचन
कनभ४नद कद कलए पहलश सरत४न ल४कर ससपनद कद वसपददव कद आचरण सद ); र४जनननस--हद मह४र४ज परशककत; पहसननन-हहसतद हह ए;
इदमनन--यह; अबवशतननस--कह४ |
हद र४ज४ परशककत, जब करस नद ददख४ कक वसपददव सतय मम कसथर रहतद हह ए अपनश सनत४न उसद
ससपनद मम समभ४व बनद रहद, तक वह अतयकधक पसन हह आ और उसनद हहसतद हह ए यह कह४।
त४तपयर : इस शलकक मम समतवमनन शबद अतयनत महतवपसणर हह। समतवमनन ससचक हह ऐसद वयकक क४ जक
छ४
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सपख य४ दपख सद अपभ४कवत रहतद हहए सदहव समरस रहत४ हह। वसपददव इतनद समरस थद कक अपनद पथम
ज४तपपत कक करस कद ह४थत म४रद ज४नद कद कलए ससपतद हहए भश तकनक भश कवचकलत नहथ हह ए। भगवदनननगशत४
(२.५६) मम कह४ गय४ हह--ढप दखदषवनपकदगरनमन४द सपखदरप कवगतसपपहद / भलकतक जगत मम न तक ककसश कक
सपखश रहनद कद कलए अतयनत उतसपक हकन४ च४कहए, न हश भलकतक दपख सद अकधक दपखश हकन४ च४कहए।
भगव४ननन कक षण नद अजपरन कक उपददश कदय४ कक( भगवदशत४ २.१४)--
“हद कप नतशपपत! सपख तथ४ दपख क४ असथ४यश प४कट और क४लकम मम उनक४ अदशय हक ज४न४
शशत तथ४ गशषम ऋतपओर कद आनद तथ४ ज४नद कद तपलय हह। हद भरतवरशश ! यद इकनदयबकध सद उतपन हकतद हह
और मनपषय कक च४कहए कक कवचकलत हह ए कबन४ इनहम सहन४ सशखद ।”” सवरपकसद वयकक तथ४ककथत दपख
य४ सपख सद कभश भश कवचकलत नहथ हकत४ और वसपददव जहसद मह४ननन भक पर तक यह ब४त कवशदर रप सद
ल४गस हकतश हह कजनहतनद अपनद वय४वह४ररक उद४हरण द४र४ ऐस४ कर कदखल४य४। वद कर स कद ह४थत अपनश
पहलश सरत४न म४रद ज४नद कद कलए ससपतद समय तकनक भश उकदग नहथ थद।
पकतय४तप--हद वसपददव, अपनद बचद कक घर लद ज४ओ; कप म४र:--नवज४त कशशप; अयमनन--यह; न--नहथ; कह--कनससनददह;
असम४तनन-- उससद; अकसत--हह; मद--मदर४; भयमनन-- भय; अषम४तनन--आठवम सद; यपवयक: --तपम पकत-पतनश दकनत कद ; गभ४रतनन-गभर
सद; मकतयप: --मकतयप; मद--मदर४; कवकहत:--जक हकन४ हह; ककल--कनससनददह |.
हद बसपददव, तपम अपनद बचद कक व४पस लद सकतद हक और घर ज४ सकतद हक। मपझद तक तपमह४रश
और ददवकक कक आठवथ सननतन ४न सद कचकनतत हह ह, कजसकद ह४थत मदरश मकतयप कलखश हह।
तथ४--बहह त अचछ४; इकत--इस पक४र; सपतमनन आद४य-- अपनद पपत कक व४पस ल४कर; ययल--उस सथ४न सद चल४ गय४;
आनककप नदपकभ:--वसपददव; न अभयननदत--बहह त महतव नहथ कदय४; ततनन-व४कयमनन--उसकद ( करस कद ) वचनत पर; असत:--
चररतकवहशन; अकवकजत-आतमन:--तथ४ आतमसरयमकवहशन |.
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बसपददव म४न गयद और वद अपन४ पपत घर व४पस लद आए, ककनतप करस चररतहशन तथ४
आतमसरयमकवहशन वयकक थ४ अतएव बसपददव ज४नतद थद कक करस कद शबदत क४ ककई भरकस४ नहथ।
ननद-आद४:--ननद मह४र४ज तथ४ अनय लकग; यद--यद सभश; बजद--वकनद४वन मम; गकप४: --गव४लद; य४:--जक; च--तथ४;
अमशर४मनन--उन सबक४ ( वकनद४वनव४कसयत क४ ); च--भश; यककरत:--कसय४ह; वकषणय:--वककषणवरश कद सदसय; वसपददव-आद४:--
बसपददव इतय४कद; ददवकक-आद४:--ददवकक इतय४कद; यदप-कसयद--यदपवरश कक कसय४ह; सवर--सभश; बह--कनससनददह; ददवत४-
प४य४:--सवगर कद कनव४सश थद; उभयक:--ननद मह४र४ज तथ४ बसपददव दकनत कद ; अकप--कनससनददह; भ४रत--हद मह४र४ज परशककत;
ज४तय:--समबनधशगण; बनधप--स४रद कमत; सपहदद -शपभदचछप जन; यद--जक; च--तथ४; करसमनन अनपवत४:--करस कद अनपय४यश हकतद
हह ए भश।.
हह भरतवरकशयत मम शदष, मह४र४ज परशककत, ननद मह४र४ज तथ४ उनकद सरगश गव४लद तथ४ उनकक
कसय४ह सवगरलकक कक हश व४सश थथ। इसश तरह वसपददव आकद वककषणवरशश तथ४ ददवकक एवर यदपबरश
कक अनय कसय४ह भश सवगरलकक कक व४सश थथ। ननननद मह४र४ज तथ४ वसपददव कद कमत, समबनधश,
शपभकचनतक तथ४ ऊपर सद करस कद अनपय४यश लगनद व४लद वयकक सभश ददवत४ हश थद।
त४तपयर : जहस४ पहलद बतल४य४ ज४ चपक४ हह, भगव४ननन कवषणप नद बह४जश कक बतल४ कदय४ थ४ कक
धरतश क४ कष हरनद कद कलए कक षण सवयर अवतररत हतगद। भगव४ननन नद सवगर लतकक कद समसत कनव४कसयत
कक आददश कदय४ थ४ कक वद यदप तथ४ वककषण वरश कद कवकभन पररव४रत मम तथ४ वकनद४वन मम ज४कर जनम लम।
इस शलकक सद पत४ चलत४ हह कक यदपवशर , वककषणवरश, ननननद मह४र४ज कद स४रद कमत तथ४ गकप भगव४ननन कक
लशल४ओर कक ददखनद कद कलए सवगरलकक सद अवतररत हह ए थद। जहस४कक भगवदशत४ (४.८) मम पपकष कक
गई हह भगव४ननन कक लशल४ओर मम भकत कक रक४ करन४ तथ४ असपरत क४ वध करन४ सकममकलत हह--
पररत४ण४य स४धसन४र कवन४श४य च दपषकक त४मनन/ इन लशल४ओर कद पदशरन४थर भगव४ननन नद बह४णड कद कवकभन
भ४गत कद भकत कक बपल४य४।
ऐसद अनदक भक हह, जक सवगरलकक कक भदजद ज४तद हह।
प४पय पपणयकक त४र लकक४ननन उकपतव४ श४शतश सम४: ।
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“असफल यकगश अनदक४नदक वरर तक पकवत जशवत कद लककत मम भकग करनद कद ब४द पकवत लकगत
कद पररव४र मम य४ ककसश धनव४न वयकक कद घर मम जनम लदत४ हह (भगवदननगशत४ ६.४१) | कप छ भक अपनश
भकक कद कवफल हक ज४नद पर उस सवगरलकक कक भदजद ज४तद हह जह४ह पपणय४तम४ ज४तद हह और वह४ह पर भकग
करनद कद ब४द उनहम उस सथ४न कक भदज४ ज४ सकत४ हह जह४ह भगव४ननन कक लशल४एह हक रहश हत। जब कक षण
कक अवतशणर हकन४ थ४, तक सवगरव४कसयत कक भगव४ननन कक लशल४एह ददखनद कद कलए आमरकतत ककय४ गय४ थ४
इसशकलए यह४ह पर यह कह४ गय४ हह कक यदप तथ४ वककषणवरशश एवर वकनद४वन कद कनव४सश ददवत४ थद य४
ददवत४ओर कद हश तपलय थद। यह४ह तक कक ऊपर ऊपर सद करस कद क४यरकल४पत कक सह४यत४ करनद व४लद भश
सवगर लकक सद समबद थद। वसपददव कक बनदश बन४न४ और उनक४ छकड४ ज४न४ तथ४ कवकवध असपरत क४
वध--यद सब भगव४ननन कक लशल४ओर कक अकभवयककय४ह थथ और चसकह क भकमण इन लशल४ओर कक ददखकर
पसन हतगद इसकलए उनहम इन पररव४रत कद कमतत तथ४ समबकनधयत कद रप मम जनम लदनद कद कलए आमरकतत
ककय४ गय४ थ४। कप नतश कक सतपकत (शशमद४गवत १.८.१९) मम पपकष कक गई हह नटक न४टयधरत यथ४।
भगव४ननन कक असपर सरह४रक कक और अपनद भकत कद कमत, पपत तथ४ भ४ई कक भसकमक४ अद४ करनश थश
इसशकलए इन स४रद भकत कक बपल४य४ गय४ थ४।
एततनन--यदप तथ४ वककषण वरशत कद कवरय मम यद शबद; करस४य--करस कद कलए; भगव४ननन--परमद शवर क४ अतयनत शककश४लश
पकतकनकध; शशरस--ससचन४ दश ( करस कक, जक सरशय मम थ४ ); अभयदतय--कनकट ज४कर; न४रद:--न४रद मपकन नद; भसमद:-- भसकमपर;
भ४र४यम४ण४न४मनन--जक भ४रसवरप हह उनकद ; दहतय४न४मनन च--तथ४ असपरत कद ; वध-उदममनन--वध करनद क४ पय४स |.
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जब भश असपरत द४र४ भ४र उतपन हकत४ हह और जब भश कनदरर भकत कक आसपरश श४सक पशकडत
करतद हह, तक भगव४ननन समय आनद पर अपनद असलश पकतकनकधयत जक प४ररभ४करक शबद मम ददवत४ कहल४तद
हह, कक सह४यत४ सद असपरत क४ वध करनद कद कलए पकट हकतद हह। उपकनरदत मम कह४ गय४ हह कक
ददवत४गण भगव४ननन कद कवकभन अरग हह। कजस तरह शरशर कद अरगत क४ पसरद शरशर कक सदव४ करन४ कतरवय हह
उसश तरह कक षण कद भकत क४ कक षण कक इचछ४नपरप उनकक सदव४ करन४ कतरवय हह। कक षण क४ क४यर हह
असपरत क४ वध करन४ अतएव भकत क४ भश यहश क४यर हकन४ च४कहए। ककनतप ककलयपग कद लकग पकतत हह
अतद शश चहतनय मह४पभप नद उन पर कक प४ करकद उनहम म४रनद कद कलए ककई हकथय४र गहण नहथ ककय४।
पतयपत कक षणभ४वन४मकत (कक षण-पदम) क४ पस४र करकद उनहतनद उनकद बपरद आसपरश कक तयत कक म४रन४ च४ह४।
कक षणभ४वन४मकत आनदकलन क४ यहश उददशय हह। जब तक इस पकथवश कद ऊपर सद आसपरश कक तयत क४
सफ४य४ नहथ ककय४ ज४त४ तब तक ककई सपखश नहथ रह सकत४। बदजशव कद कलए पसरश यकजन४ क४ वणरन
भगवदगशत४ मम ककय४ गय४ हह। मनपषय कक कद वल उसक४ प४लन करकद सपखश बनन४ च४कहए। इसशकलए शश
चहतनय मह४पभप नद सरसतपकत कक हह--
लकगत कक च४कहए कक हरद कक षण मरत क४ कनरनतर ककतरन करम। तभश उनकक आसपरश पवककतय४ह नष
हतगश और वद उतम भक बन सकम गद तथ४ इस जशवन मम तथ४ अगलद जशवन मम सपखश रह सकम गद।
ऋरद: --न४रद ऋकर कद ; कवकनगरमद--चलद ज४नद पर; करस: --करस नद; यदसनननस--समसत यदपवकर शयत कक; मतव४--सकचकर; सपर४नननस--
ददवत४ कद रप मम; इकत--इस तरह; ददवकय४:--ददवकक कद ; गभर-समभसतमनन-गभर सद उतपन सरत४नम; कवषणपमस--कवषणप कद रप मम
सवशक४र करतद हहए; च--तथ४; सव-वधमनन पकत--कवषणप सद अपनश मकतयप कद भय सद; ददवककमनन--ददवकक कक; वसपददवमनन च--तथ४
उसकद पकत वसपददव कक; कनगकह--बनदश बन४कर; कनगडह:--लकहद कक जरजशरत सद; गकहद--घर पर हश; ज४तमनन ज४तमनन--एक कद ब४द
एक उतपन हकनद व४लद; अहननन--म४र ड४ल४; पपतमनन--पपतत कक; तयक:--वसपददव तथ४ ददवकक कद ; अजन-शडय४--इस भय सद कक वद
कवषणप न हत।.
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न४रद ऋकर कद चलद ज४नद पर करस नद सकच४ कक यदपवरश कद स४रद लकग ददवत४ हह और ददवकक कद
गभर सद जनम लदनद व४लश ककई भश सनत४न कवषणप हक सकतश हह। अतद अपनश मकतयप कद भय सद करस नद
बसपददव तथ४ ददवकक कक बनदश बन४ कलय४ और उनकद लकहद कक जरजशरम ड४ल दथ। करस नद इस
भकवषयव४णश सद सशरककत हककर कक कवषणप उसक४ वध करमगद, हर सनननत४न कक इस आशरक४ सद कक
वह कहथ कवषणप न हक, एक एक करकद म४र ड४ल४।
त४तपयर : इस शलकक कक टशक४ करतद हह ए शशल जशव गकसव४मश नद उलदख ककय४ हह कक न४रद मपकन
नद करस कक यह ज४नक४रश कह सद दश। यह घटन४ 'हररवरश' मम वकणरत हह। दहवयकग सद न४रद मपकन करस कक
ददखनद गयद तक करस नद उनक४ सव४गत ककय४। इसकलए न४रद नद उसद बतल४य४ कक ददवकक क४ ककई एक पपत
कवषणप हकग४। चसकह क करस क४ वध कवषणप द४र४ हकन४ थ४ इसकलए न४रदमपकन नद सल४ह दश कक ददवकक कद
ककसश भश पपत कक जशकवत न छकड४ ज४ए। न४रद क४ उददशय थ४ कक इन सरत४नत कक हतय४ करनद सद कर स कद
प४पकमर बढमगद कजससद शशघ हश उसद म४रनद कद कलए कक षण अवतररत हतगद। न४रदमपकन सद आददश प४कर
करस नद एक-एक करकद ददवकक कद स४रद पपतत कक म४र ड४ल४।
अजन-शरकय४ शबद ससकचत करत४ हह कक कवषणप कभश जनम नहथ लदतद ( अजन ) अतद कक षण कद रप
मम उनहतनद स४म४नय मनपषय कक तरह जनम कलय४ ( म४नपरर तनपम४कशतमनन ) | करस नद ददवकक तथ४ वसपददव सद
उतपन स४रद कशशपओर कक म४रनद क४ पय४स ककय४ यदकप वह ज४नत४ थ४ कक यकद कवषणप उतपन हह ए तक
उनक४ वध नहथ हक सकत४। व४सतव मम हह आ भश ऐस४ कक जब कवषणप कक षण कद रप मम पकट हह ए तक करस
उनहम म४र नहथ प४य४; पतयपत भकवषयव४णश कद अनपस४र वह उनहथ कद द४र४ म४र४ गय४। यह सच४ई ज४न
लदनश च४कहए कक कक षण क४ जनम कदवय कवकध सद हकत४ हह और वद असपरत कक म४रनद कद कलए लशल४ करतद
हह, ककनतप उनक४ वध नहथ ककय४ ज४ सकत४। जब श४सत कद म४धयम सद कक षण कक इस तरह समझ कलय४
ज४त४ हह, तक मनपषय अमर हक ज४त४ हह। भगव४ननन नद भगवदशत४ (४.९) मम कह४ हह--
“हद अजपरन! जक मदरद प४दपभ४रव तथ४ क४यर कक कदवय पकक कत कक ज४नत४ हह, वह शरशर तय४गनद कद ब४द
इस भलकतक सरस४र मम कफर सद जनम नहथ लदत४ अकपतप मदरद ध४म कक प४प हकत४ हह।”
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म४तरमनन-म४त४ कक; कपतरमनन-कपत४ कक; भ४तकनननस-- भ४इयत कक; सव४रननन च--सबकक; सपहदद --कमतगण; तथ४-- भश; घतकनत--
म४रतद हह; कह--कनससनददह; असप-तकप:--जक अपनश इकनदयत कद कलए अनननयत सद ईषय४र करतद हह; लपबध४:--ल४लचश; र४ज४न: --ऐसद
र४ज४; प४यशद --प४य:; भपकव--पकथवश पर।.
इस पकथवश पर इकनदयतककप कद ल४लचश र४ज४ प४य: सद४ अपनद शतपओर क४ अरध४धपधर वध करतद
हह। वद अपनश सनक कक पसकतर कद कलए ककसश क४ भश, यह४ह तक कक अपनश म४त४, कपत४, भ४इयत
य४ कमतत क४ भश वध कर सकतद हह।
आतम४नमसनन--सवयर; इह--इस सरस४र मम; सज४तमनन-पपन: जनम लदकर; ज४ननननस- भलशभ४हकत ज४नतद हह ए; प४कन न--इस जनम कद पसवर;
कवषणपन४-- भगव४ननन कवषणप द४र४; हतमनन-म४र४ गय४ थ४; मह४-असपरमनन--बडद असपर; क४लनदकममनन--क४लनदकम कक; यदपकभ:--
यदपवरश कद सदसयत कद स४थ; सद--उस ( करस ) नद; वयरधयत--शतपवतनन वयवह४र ककय४।.
पसवर जनम मम करस क४लनदकम न४म क४ मह४ननन असपर थ४ और कवषणप द४र४ म४र४ गय४ थ४। न४रद सद
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त४तपयर : जक वयकक र४कस हकतद हह और भगव४ननन कद शतप हकतद हह, वद असपर कहल४तद हह। जहस४कक
भगवदशत४ मम कह४ गय४ हह कक भगव४ननन कद पकत शतपत४ कद क४रण असपरगण जनम-जनम४रतर असपर
पररव४रत मम जनम लदतद हह और घकर अरधक४रमय नरक कक ज४तद हह ।
उमगसदन कद अतयनत बलश४लश पपत करस नद अपनद कपत४ तक कक, जक यदप, भकज तथ४ अरधक
वबरशत क४ र४ज४ थ४, बनदश बन४ कलय४ और शसरसदन न४मक र४जयत क४ श४सन सवयर चल४नद लग४।
उतदकजत मन कक उपम४ कपबध जल सद दश ज४तश हह, जक ससयर और चनदम४ कक पकतकबकमबत करत४ हह।
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सरयकग न४म कक ककई वसतप नहथ हह। यकद द४व४कग सद ककई वकक जल रह४ हक और दसर कद वकक मम
आग लग ज४ए, ककनतप प४स क४ वकक बच ज४ए तक यह सरयकग जहस४ लगत४ हह। इसश तरह मनपषय कक
सरयकगवश कवकभन पक४र कद शरशर प४प हकतद कदखतद हह, ककनतप व४सतव मम उसद यद शरशर मन कद क४रण
प४प हकतद हह। मन सवशकक कत और असवशकक कत कद बशच दकल४यम४न रहत४ हह और मन द४र४ इस सवशकक कत-
असवशकक कत कद अनपस४र हश हमम कवकभन पक४र कद शरशर प४प हकतद हह यदकप ऊपर सद ऐस४ पतशत हकत४ हह
कक सरयकगवश हश ऐस४ हकत४ हह। यकद हम इस सरयकग-कसद४नत कक म४न भश लम तक शरशर पररवतरन हकनद
क४ त४तक४कलक क४रण मन कक चरचलत४ हकगश।
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शशल सन४तन गकसव४मश नद वहषणव तकरणश मम धमरशशलसय शबद कक वय४खय४ कक हह। धमरशशल क४
असलश अथर हह “कवशपद भक ।'” असलश धमर तक पसणरतय४ भगव४ननन कक षण कक शरण मम ज४न४ हह
( सवरधम४रनपररतयजय म४मदकर शरणर बज ) । जक पसणरतय४ कक षण कक शरण४गत हह, वहश व४सतव मम धमरशशल
हह। ऐसद हश धमरशशल थद मह४र४ज परशककत। जक भश वयकक अनय स४रद धमर कक तय४गकर भगव४ननन कद
चरणकमलत कक शरण गहण करनद कद कसद४नत क४ प४लन करत४ हह, वहश व४सतकवक धमरशशल हह।
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कप छ भलकतक ल४भ च४हतद हह, ककनतप भकक क४ उददशय यह नहथ हह। भकक कक पसणरत४ तक कक षण कद
चरणकमलत मम कबन४ भलकतक इचछ४ओर कद समपरण हह। जक इस पक४र शरण४गत हकत४ हह, वह पहलद सद
मपक हकत४ हह। जशवनयपक: स उचयतद। जक वयकक, च४हद ककसश भश कसथकत मम कनयत न रहद सदहव कक षण कक
सदव४ मम लग४ रहत४ हह, वह इसश जशवन मम हश मपक हह आ म४न४ ज४त४ हह। ऐस४ वयकक शपद भक हकत४ हह
और उसद अपन४ शरशर बदलनद कक आवशयकत४ नहथ हकतश। कनससनददह उसक४ भलकतक शरशर रहत४ हश
नहथ कयतकक उसक४ शरशर पहलद हश आधय४कतमक बन चपक४ हकत४ हह। आग मम रख४ लकहद क४ डरड४
अनततद आग बन ज४त४ हह और वह कजसद भश छसत४ हह, वह जल ज४त४ हह। इसश पक४र शपद भक
आधय४कतमक जगत रपश अकग मम रहत४ हह, अत: उसक४ शरशर कचनमय अथ४रतनन आधय४कतमक, न कक
भलकतक, हकत४ हह कनयतकक शपद भक कक भगव४ननन कक कदवय सदव४ करनद कद अकतररक अनय ककई इचछ४
नहथ सत४तश। चतपथर शलकक मम उपगशयम४न४तनन शबद पयपक हह आ हह-- कनवकततरररपगशयम४न४तन।न भल४ भक
हह ए कबन४ भगव४ननन कक मकहम४ क४ ककतरन कलन करदग४ ? अत: कनवकत-वरर शबद भक क४ हश ससचक हह
और ककसश क४ नहथ। वशरर४घव आच४यर तथ४ कवजयधवज जहसद आच४यर क४ यहश मत हह। भकक कद
बज४य ककसश और कक इचछ४ करन४ भलकतक इचछ४ओर सद मपकक कक कम कर ददग४ ककनतप जब ककई ऐसश
सभश इचछ४ओर सद मपक हक ज४त४ हह, तक वह कनवकत-तरर कहल४त४ हह।
कवन४ पशपषन४वनन पशपषन अथ४रतनन पशप क४ वध करनद व४लद कक कभश भश कक षणभ४वन४मकत प४प नहथ हक
सकत४ । इसशकलए हम४रद कक षणभ४वन४मकत आनदकलन मम पशप-वध क४ पसणर कनरदध हह।
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भवलरध४तनन शबद क४ अथर हह, “कवशव औरकध सद।” न४म ककतरन तथ४ भगव४ननन क४ गपण४नपव४द यद
भलकतकत४व४दश जशवन कद कषत कक र४मब४ण औरकधय४ह हह। जक लकग इस भलकतक जगत सद मपक हकन४
च४हतद हह, वद मपगपकप कहल४तद हह। ऐसद लकग भलकतकत४व४दश जशवन कद कषत कक समझतद हह और वद
भगव४ननन कद क४यरकल४पत क४ गपण४नपव४द करकद इन कषत सद छप टक४र४ प४ सकतद हह | भगव४ननन कद न४म, यश,
रप, गपण तथ४ स४ज-स४म४न कवरयक कदवय धवकनय४ह भगव४ननन सद अकभन हकतश हह। इसकलए भगव४ननन कद
गपण४नपव४द और न४म कक धवकन क४नत कक आननदद४यश लगतश हह और भक भगव४ननन कद न४म, रप तथ४
गपण कक परम पकक कत कक समझकर हकररत हकत४ हह। यह४ह तक कक जक भक नहथ हह, वद भश भगव४ननन कद
कदवय क४यरकल४पत कक मकहक कथ४ओर क४ आननद लदतद हह। यह४ह तक कक ऐसद स४म४नय वयकक जक
कक षणभ४वन४मकत मम बढद-चढद नहथ हकतद वद शशमद४गवत मम अरककत कथ४ओर कद वणरन मम आननद प४प
करतद हह। जब ककई भलकतकत४व४दश वयकक इस तरह सद शपद हक ज४त४ हह, तक वह भगव४ननन कक मकहम४
सपननद और ककतरन करनद मम लग ज४त४ हह। चसहकक भगव४ननन कक लशल४ओर क४ गपण४नपव४द भक कद क४नत तथ४
हदय कद कलए अतयनत मकहक हकत४ हह, अत: यह कवरय एवर कवरयश दकनत बन ज४त४ हह।
इस जगत मम तशन पक४र कद लकग हह मपक, मपमपशरप तथ४ इकनदयभकग मम कलप। इन तशनत मम सद मपक
लकग भगव४ननन कद न४म क४ ककतरन तथ४ शवण करतद हह कयतकक वद भलशभ४हकत ज४नतद हह कक कद वल भगव४ननन
कद गपण४नपव४द सद हश कदवय पद पर रह४ ज४ सकत४ हह। दससरश पक४र कद लकग जक मपकक प४नद क४ पय४स
कर रहद हह भगवन४म ककतरन तथ४ शवण कक मपकक कक कवकध म४नतद हह अत: उनहम भश इस ककतरन मम कदवय
आननद कमलत४ हह। जह४ह तक ककमरयत तथ४ कवरयश लकगत कक ब४त हह वद भश भगव४ननन कक लशल४ओर यथ४
कप रकदत मम भगव४ननन द४र४ यपद करनद तथ४ वकनद४वन मम गककपयत कद स४थ नकतय कक सपननद मम आननद लद
सकतद हह।
उतमशलककगपण४नपव४द शबद भगव४ननन कद कदवय गपणत क४ दकतक हह यथ४ म४त४ यशकद४ तथ४ गव४लत कद
पकत उनक४ सनदह तथ४ गककपयत कद पकत पदमभ४व। भगव४ननन कद भकत कक भश उतमशलककगपण४नपव४द कक
पदवश दश ज४तश हह यथ४ मह४र४ज यपकधषकटर कक। अनपव४द शबद भगव४ननन य४ उनकद भकत कद गपणत कद वणरन
क४ ससचक हह। जब इन गपणत क४ वणरन ककय४ ज४त४ हह, तक अनय भक भश उनहम सपननद मम रकच कदखल४तद
हह। जक इन कदवय गपणत कक सपननद मम कजतनश अकधक रकच लदत४ हह उसद उतन४ हश आननद प४प हकत४ हह।
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इसकलए मपमपकत! कवमपकत तथ४ ककमरयत समदत हर एक कक भगव४ननन कक मकहम४ क४ ककतरन और शवण
करकद ल४भ४कनवत हकन४ च४कहए।
यदकप भगव४ननन कद कदवय गपणत कक धवकन सबकक सम४न रप सद ल४भपद हकतश हह, ककनतप जक मपक हह
उनहम यह कवशदर रप सद कपय हह। शशमद४गवत (८.३.२०) मम बतल४य४ गय४ हह कक शपद भक कजनकक
भलकतक इचछ४एह सम४प हक ज४तश हह और जक भगव४ननन कद चरणकमलत कक शरण गहण कर लदतद हह,
भगव४ननन कद पकवत न४म क४ ककतरन एवर शवण करकद आननदस४गर मम कनरनतर मग रहतद हह। इस शलकक
कद अनपस४र न४रद तथ४ शवदतदशप कद अनय कनव४कसयत जहसद भक सदहव भगवन४म क४ ककतरन करतद ददखद
ज४तद हह कयतकक ऐस४ करनद सद वद ब४हत: तथ४ आनतररक रप सद आनकनदत रहतद हह। मपमपकणण जक मपक
हकन४ च४हतद हह, इकनदयत कद सपख पर आकशत नहथ रहतद अकपतप भगवन४म ककतरन करकद मपक हकनद पर
धय४न लग४ए रहतद हह। कमरजन अपनद क४नत तथ४ हदयत कक अचछद लगनद व४लद क४यर करन४ च४हतद हह ,
ककनतप कभश-कभश वद भश भगव४ननन क४ गपण४नपव४द करन४-सपनन४ च४हतद हह कफर भश वद इसद पतयक रप मम
नहथ करतद। ककनतप भकगण सदहव भगव४ननन कद क४यर क४ शवण, ककतरन और समरण सवदचछ४ सद करतद हह
और इस तरह वद पसणरतद सनतपष रहतद हह भलद हश यद इकनदयतककप कद कवरय कदख४ई दम। परशककत मह४र४ज
तक भगव४ननन कद क४यरकल४पत कक कदवय कथ४एह सपननद म४त सद मपक हक गए। अतद वदनदतमनकउकभर४म थद
अथ४रतनन उनहतनद शवण कवकध कक अपन४य४। स४रद जशवत कक यहश कवकध अपन४नश च४कहए।
इन कदवय आननदत सद कवहशन वयककयत कक पकथकन न करनद कद कलए परशककत मह४र४ज नद कवरजयदत एम४ननन
शबदत क४ पयकग ककय४ हह। एम४ननन ककसश भश वयकक क४ च४हद नर हक य४ न४रश य४ इन दकनत कद बशच क४,
ससचक हह। ददह४तमबपकद कद क४रण हम शकक करतद हह, ककनतप ददह४तमबपकद सद रकहत वयकक आधय४कतमक
शवण तथ४ ककतरन मम आननद क४ अनपभव करत४ हह। इसकलए ददह४तमबपकद मम मग वयकक आधय४कतमक
उनकत न कर सकनद कद क४रण कनशचय हश अपनद आपकक म४रत४ रहत४ हह। ऐस४ वयकक पशपघत कहल४त४
हह। पशपओर कद कशक४रश(आखदटक) जक भगव४ननन कद पकवत न४म कद शवण और ककतरन मम रकच नहथ
रखतद, आधय४कतमक जशवन सद कवलग रहतद हह। ऐसद आखदटक इस जशवन मम और अगलद जशवन मम भश
सदहव दपखश रहतद हह। इसशकलए कह४ गय४ हह कक आखदटक कक न तक मरन४ च४कहए न हश जशकवत रहन४
च४कहए कनयतकक मरन४ तथ४ जशन४ दकनत हश उसकद कलए कषक४रक हकतद हह। यद पशप आखदटक स४म४नय
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ककमरयत सद सवरथ४ कभन हकतद हह इसशकलए इनहम शवण तथ४ ककतरन कवकध मम सकममकलत नहथ ककय४ ज४त४।
कवन४ पशपषन४तनन । उनहम भगवन४म कद ककतरन और शवण मम ककई कदवय आननद नहथ कमलत४।
मह४रथ शबद उस मह४वशर क४ ससचक हह, जक ११,००० अनय यकद४ओर सद अकद लद लड सकत४ हह।
शलकक ५ मम आय४ अकवरथ शबद ऐसद वयकक क४ ससचक हह, जक असरखय यकद४ओर सद लड सकत४ हह।
मह४भ४रत मम इसक४ वणरन इस पक४र हह आ हह--
म४य४-मनपषयसय (१०.१.१७)। यकगम४य४ द४र४ आवकत हकनद कद क४रण (न४हर पक४शद सवरसय
यकगम४य४सम४वकत:) कक षण कभश-कभश म४य४मनपषय कहल४तद हह, जक यह बतल४त४ हह कक भगव४ननन हकतद
हह ए भश वद स४म४नय मनपषय कक तरह पकट हकतद हह। चसकह क जनत४ कक दकष पर यकगम४य४ क४ पद४र पड४
रहत४ हह इसशकलए भम उतपन हकत४ हह। यदकप भगव४ननन स४म४नय वयकक कक तरह उतपन हकतद हह , ककनतप
उनक४ पद स४म४नय वयकक सद सवरथ४ कभन हकत४ हह। वद सदहव कदवय हह। म४य४ शबद कभश “दय४'' तक
कभश “'ज४न'' कक ससकचत करत४ हह। भगव४ननन समसत कदवय ज४न सद पसणर रहतद हह अतएव मनपषय कक भ४हकत
कमर करतद हहए भश वद ज४न सद पसणर भगव४ननन हकतद हह। उनक४ मसल सवरप म४य४ कद अधशकक ( मय४धयकदण
पकक कत: ससयतद सचर४चरमनन ) कद रप मम हकत४ हह। इसशकलए भगव४ननन कक एक स४म४नय मनपषय कक भ४हकत
क४यर करनद कद क४रण म४य४मनपषय कह४ ज४ सकत४ हह यदकप वद भलकतक और आधय४कतमक दकनत शककयत
कद कनयनत४ हह। भगव४ननन पपररकतम हह, ककनतप यकगम४य४ द४र४ हम४रद छलद ज४नद कद क४रण वद स४म४नय वयकक
कक तरह पकट हकतद हह। ककनतप अनततकगतव४ यकगम४य४ अभक कक भश पदररत करतश हह कक वह परम पपरर
कक पपररकतम रप मम समझद। भगवदशत४ मम भगव४ननन कद दक कथन प४पय हह। भकत कद कवरय मम उनक४
कथन हह--
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“जक लकग कनरनतर मदरश भकक करतद हह और पदमपसवरक मदरश पसज४ करतद हह उनहम मह बपकद पद४न करत४
हह ह कजससद वद मदरद प४स आ सकम ।'” भगवदशत४ १०.१०) | इस तरह च४हनद व४लद भक कक भगव४ननन बपकद
ददतद हह कजससद वह उनहम समझ सकद और भगवद४म व४पस ज४सकद । अभकत कद कलए भगव४ननन क४ कथन
हह-- मकतयप: सवरहसक४हम-मह सब कप छ हरण करनद व४लश अकनव४यर मकतयप हह ह। पहद४द जहस४ भक भगव४ननन
नककसरहददव कद क४यरकल४पत मम आननद प४त४ हह और पह४द कद कपत४ कहरणयककशपप जहस४ अभक भगव४ननन
नककसरह कद समक मकतयप कक प४प हकत४ हह। इसकलए भगव४ननन दक तरह सद क४यर करतद हह कप छ कक तक वद
जनम-मरण कद चक मम ड४ल ददतद हह और कप छ कक भगवद४म व४पस भदज ददतद हह।
क४ल शबद क४ अथर “क४ल४”! हह, जक भगव४ननन कक षण कद ररग क४ ससचक हह। भगव४ननन कक षण तथ४
र४मचनद दकनत हश शय४म ररग कद कदखतद हह। वद अपनद भकत कक मपकक तथ४ कदवय आननद पद४न करतद हह।
भलकतक शरशर ध४रण करनद व४लद कप छ वयकक कभश-कभश इचछ४मकतयप भकगतद हह | ऐसद वयकक कद कलए मकतयप
असमभव हह कयतकक ककई भश मरन४ नहथ च४हत४। यदकप भशषमददव मम यह शकक थश, ककनतप भगव४ननन कक
परम इचछ४ सद वद भगव४ननन कद समक बडश हश आस४नश सद मर गए। ऐसद अनदक असपर भश हक चपकद हह,
कजनहम मकक कक ककई आश४ नहथ थश कफर भश भगव४ननन कक परम इचछ४ सद कर स कक मकक कमल४। करस हश
नहथ, पसतन४ कक भश मकक कमल४ और वह भगव४ननन कक म४त४ कद सम४न पद प४प कर सकक। इसशकलए
परशककत मह४र४ज उन भगव४ननन कद कवरय मम सपननद कद कलए अतयकधक उतसपक थद, जक अपनद अकचनतय
गपणत कद द४र४ ककसश कक भश मपकक पद४न कर सकतद हह। अपनश मकतयप कद कनकट परशककत मह४र४ज कनशचय
हश अपनश मपकक कद कवरय मम उतसपक थद। जब भगव४ननन जहस४ मह४ननन मनपषय अकचनतय गपणत सद समपन
हककर स४म४नय मनपषय कक तरह वयवह४र करत४ हह, तक उसक४ वह वयवह४र म४य४ कहल४त४ हह। इसशकलए
भगव४ननन कक स४य४मनपषय कह४ गय४ हह। यह शशल जशव गकसव४मश क४ मत हह। मप ससचक हह मपकक क४ और
कप बपरद अथर मम आत४ हह। अतद मडकप भगव४ननन क४ ससचक हह, जक मनपषय कक भलकतक सरस४र कक बपरश कसथकत
सद बच४त४ हह। भगव४ननन कक मपकपनद इसशकलए कह४ गय४ हह कयतकक वद भक कक न कद वल भलकतक सरस४र सद
बच४तद हह अकपतप उसद सदव४ मम कदवय पदममय आननद पद४न करतद हह।
कद शव (क+ईश) मम क क४ अथर हह बह४ तथ४ ईश क४ अथर हह कशवजश। भगव४ननन अपनद कदवय गपणत
सद बह४ तथ४ कशव दकनत क४ मन मकह लदतद हह इसशकलए वद कद शव कहल४तद हह। यह मत शशल सन४तन
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कह४ ज४त४ हह कक कतनयन अथ४रतनन कशव समदत स४रद ददवत४ कशर स४गर कद तट पर गए और पपरर-
ससक मरत द४र४ कवषणप कक सतपकत कक। इस कथन सद पत४ चलत४ हह कक ददवत४ न तक कशरश४यश कवषणप कद
प४स सशधद ज४ सकतद हह न उनकद ध४म मम पवदश कर सकतद हह। मह४भ४रत कद मककधमर तथ४ शशमद४गवत
कद अगलद अधय४य मम भश यह सपष कह४ गय४ हह : भगव४ननन कक षण क४ ध४म गकलकक मम हह ( गकलककन४कमन
कनजध४ररकन तलद च तसय ) । भगव४ननन कक षण सद उतपन हह चतपवयसहर सरकररण, अकनरद, पदपमम तथ४ व४सपददव।
बह४णडत कक सरखय४ अननत हह और वद सब क४रणकदकश४यश कवषणप कद रकमकस पत सद उदसत हकतद हह और
हर बह४णड मम एक गभरदकश४यश कवषणप हकत४ हह, जक अकनरद क४ आरकशक कवसत४र हकत४ हह। अकनरद
अरश हह पदपमन कद , जक आरकशक कशरकदकश४यश कवषणप हह और स४रद जशवत मम परम४तम४ कद रप मम हह। यद
कवषणप अरश उन कक षण सद कभन हह, जक गकलकक वकनद४वन मम कनव४स करतद हह। जब यह कह४ ज४त४ हह कक
ददवत४ओर नद पपरर ससक द४र४ भगव४ननन कक सतपकत कक तक इसक४ यहश अथर हकत४ हह कक उनहतनद भककमयश
सतपकतयत कद द४र४ भगव४ननन कक पसन ककय४।
वकर४क४कप शबद उस वयकक क४ ससचक हह, जक अपनद भकत कक हर तरह सद तपष करत४ हह और उनहम
स४रश भलकतक कचनत४ओर सद मपक करत४ हह। वकर यज जहसद ध४कमरक कक तयत क४ ससचक हह। भगव४ननन यज ककए
कबन४ हश सवगर कद स४रद भकग प४प कर सकतद हह। यह कथन कक पपररकतम य४ जगन४थ वसपददव कद घर मम
पकट हतगद, भगव४ननन कक स४म४नय पपररत सद कवभदकदत करत४ हह। उनक४ कथन कक वद सवयर पकट हह ए यह
बतल४त४ हह कक उनहतनद अपनद अरश कक नहथ भदज४। कपय४थरमनन शबद ससकचत करत४ हह कक वद रककमणश तथ४
र४ध४र४नश कक पसन करनद कद कलए पकट हह ए। कपय४ क४ अथर हह, “सव४रकधक कपय।''
“'हद ददवत४ओर! बडद-बडद मपकन तक कवषणप क४ आददश प४कर भगव४ननन कक दसध ददकर पसन करनद कद
कलए गलवत तथ४ बछडत कद रप मम पकट हह ए।''
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र४म४नपज४च४यर कभश-कभश बलददव कक शवकनतय४वदश अवव४र सवशक४र करतद हह, ककनतप शशल जशव
गकसव४मश नद बतल४य४ हह कक बलददव कक षण कद अरश हह और बलददव कद भश अरश हह सरकररण। यदकप
बलददव तथ४ सरकररण अकभन हह, ककनतप बलददव सरकररण कद उदम हह। इसशकलए यह बत४नद कद कलए कक
बलददव कक सवतरत सत४ हह, सवर४टन न शबद पयपक हह आ हह। सवर४टन न शबद यह भश ससकचत करत४ हह कक
बलददव इस सरस४र कक भलकतक कलपन४ सद परद हह। म४य४ उनहम आकक ष नहथ कर सकतश कयतकक वद पसणर
सवतरत हह और वद कहथ भश अपनश आतमशकक सद पकट हक सकतद हह। म४य४ कवषणप कद अधशन हह। चसकह क
भलकतक शकक तथ४ यकगम४य४ भगव४ननन कद प४कट मम घपलकमल ज४तश हह अतद उनहम एक४नरश४ कह४ गय४
हह। कभश-कभश एक४नररश४ क४ अथर “कबन४ अनतर” लग४य४ ज४त४ हह। सरकररण तथ४ शदरन४ग अकभन हह।
यमपन४ ददवश नद कह४ हह, “हद र४म, हद सरस४र कद मह४भपज सव४मश ! आपनद अपनद एक सव४रश सद अपनद कक
स४रद कवशव मम फह ल४ कदय४ हह। भल४ आपकक कलन पसरश तरह समझ सकत४ हह।'” इसकलए एक४रश४ शदरन४ग
क४ दकतक हह। दससरद शबदत मम, बलददव अपनद अरश सद स४रद कवशव कक ध४रण करतद हह।
क४य४रथद शबद उस वयकक क४ दकतक हह, कजसनद ददवकक कद गभर कक आकक ष ककय४ तथ४ यशकद४ म४त४
कक मककहत ककय४। यद लशल४एह परम गपह हह। भगव४ननन नद यकगम४य४ कक आददश कदय४ कक वह उनकद
सरकगयत कक लशल४ओर मम और करस जहसद असपर कक मककहत करद। जहस४कक पहलद कह४ ज४ चपक४ हह--
यकगम४य४र सम४कदशतनन/ भगव४ननन कक सदव४ करनद कद कलए यकगम४य४ मह४म४य४ कद स४थ पकट हह ई। मह४म४य४
चयकतक हह यय४ समपककहतर जगत--''जक स४रद भलकतक जगत कक मककहत करनद व४लश हह।”” इस कथन सद
यह समझन४ च४कहए कक यकगम४य४ अपनद अरश रप मम मह४म४य४ बनतश हह और स४रद बदजशवत कक मकहतश
हह। दससरद शबदत मम, समपसणर सककष कद दक कवभ४ग हह कदवय य४ आधय४कतमक तथ४ भलकतक। यकगम४य४
आधय४कतमक जगत कक वयवसथ४ करतश हह और वह अपनद अरश मह४म४य४ कद रप मम इस भलकतक जगत
क४ भ४र सरभ४लतश हह। जहस४ न४रद पशचर४त मम कह४ गय४ हह मह४म४य४ अरश हह यकगम४य४ क४। उस गरथ मम
सपष कह४ गय४ हह कक भगव४ननन कद कद वल एक शकक हकतश हह, जक कभश-कभश दपग४र कहल४तश हह। बह-
सरकहत४ कहतश हह-- छ४यदव यसय भपवन४कनकबभकतर दपग४र। दपग४र यकगम४य४ सद कभन नहथ हह। दपग४र कक
भलशभ४हकत ज४न लदनद पर मनपषय तपरनत हश मपक हक ज४त४ हह कनयतकक दपग४र आकद हन ४कदनश शकक हह, कजसकक
कक प४ सद भगव४ननन कक बहह त आस४नश सद ज४न४ ज४ सकत४ हह। र४ध४कक षण पणयकवकक कतह४कदनशशककरसम४दनन ।
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मह४म४य४ शकक यकगम४य४ कक आवरण हह इसशकलए उसद आवकत४ शकक कह४ गय४ हह। इसश आवकत४ शकक
सद स४र४ भलकतक जगत मककहत हह ( यय४ सममककहतर जगत )। कनषकरर यह कनकल४ कक बदजशवत कक
मककहत करन४ तथ४ भकत कक मपकक ददन४ यद दकनत क४यर यकगम४य४ कद हह। ददवकक कद गभर क४ सथ४न४नतरण
और यशकद४ कक गहरश कनद४ मम रखन४ यद दकनत क४यर यकगम४य४ द४र४ ककए गए। मह४म४य४ ऐसद भकत पर
अपन४ असर नहथ कदख४ सकतश कयतकक वद सदहव मपक रहतद हह। यदकप मह४म४य४ मपक४तम४ओर य४ भगव४ननन
कक अपनद वश मम नहथ कर सकतश, ककनतप करस कक मककहत ककय४ हश। यकगम४य४ क४ सवयर कक करस कद
स४मनद पसतपत करन४ मह४म४य४ क४ क४यर थ४, यकगम४य४ क४ नहथ। यकगम४य४ करस जहसद दसकरत वयकक कक
ददख य४ छस भश नहथ सकतश। म४करणडदय पपर४ण मम चणडश न४मक गय४रहवम अधय४य मम मह४म४य४ कहतश हह,
“'वहवसवत मनप कद क४ल मम अट४इसवम यपग मम मह यशकद४ कक पपतश कद रप मम जनम लसहगश और
कवनधय४चलव४कसनश कद न४म सद ज४नश ज४ऊहगश।'!
इन दकनत म४य४ओर, यकगम४य४ तथ४ मह४म४य४ क४ अनतर इस पक४र बतल४य४ ज४त४ हह। गककपयत कद
स४थ कक षण कक र४सलशल४ करन४ तथ४ गककपयत द४र४ अपनद पकतयत, ससपरत तथ४ अनय समबकनधयत सद
सरभकमत हकन४ यद सब यकगम४य४ कद क४म थद कजनमम मह४म४य४ क४ ककई पभ४व नहथ थ४। शशमद४गवत मम
इसक४ पय४रप पम४ण कमलत४ हह जब यह सपष कह४ ज४त४ हह यकगम४य४मपप४कशतद । दससरश ओर स४लव
आकद असपर तथ४ दपयरधन जहसद ककतय थद, जक कक षण कद व४हन गरड तथ४ उनकद कवशवरप कक ददखकर भश
भकक सद कवहशन थद और जक कक षण कक भगव४ननन कद रप मम समझ हश नहथ प४ए। यह भश मकह थ४, ककनतप
यह मह४म४य४ कद क४रण थ४। अत: जक म४य४ मनपषय कक भगव४ननन सद दसर खथच लद ज४तश हह, वह जडम४य४
और कदवय सतर पर क४यर करनद व४लश म४य४ यकगम४य४ हह । जब ननद मह४र४ज कक वरण लद गय४ तक उनहतनद
कक षण क४ वहभव ददख४, ककनतप तक भश उनहम अपन४ पपत हश समझ४। आधय४कतमक जगत मम इस तरह क४
व४तसलय पदम यकगम४य४ क४ क४यर हह, जडम४य४ य४ मह४म४य४ क४ नहथ। शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र
क४ ऐस४ मत हह।
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जब ककई सवरपकसद अपनद कदवय पद पर कसथत हककर कमर करत४ हह, तक उसक४ पद मथपर४
कहल४त४ हह। दससरद शबदत मम, जब ककई वयकक भककयकग कक कवकध सद कमर करत४ हह, तक वह च४हद जह४ह
रहद, ककनतप व४सतव मम वह मथपर४-वकनद४वन मम हकत४ हह। नननद मह४र४ज कद पपत कक षण कक भकक हश समसत
ज४न क४ स४र हह और ऐस४ ज४न जह४ह भश पकट ककय४ ज४त४ हह उस सथ४न कक मथपर४ कह४ ज४त४ हह।
अपररच, जब ककई वयकक अनय कवकधयत कक छकडकर भककयकग कक सथ४पन४ करत४ हह, तक उसकक कसथकत
मथपर४ कहल४तश हह। यत कनतयर सकबकहतत ह४रर:--कजस सथ४न मम भगव४ननन कनतय रहतद हह वह मथपर४
कहल४त४ हह। भगव४ननन कनतय हह और उनक४ ध४म कनतय हह। गकलकक एव कनवसतयकखल४तमभसव : । यदकप
भगव४ननन अपनद ध४म गकलकक वकनद४वन मम कनतयव४स करतद हह, ककनतप वद सवरत पसणर रप सद कवदम४न रहतद
हह। इसक४ अथर यह हह आ कक जब भगव४ननन इस कवशव पर अवतररत हकतद हह, तक उनक४ आकद ध४म ररक
नहथ रहत४ कयतकक वद अपनद मसलध४म मम रहतद हह ए मथपर४, वकनद४वन, अयकधय४ इतय४कद सथ४नत मम एकस४थ
अवतररत हक सकतद हह। उनहम अवतररत हकनद कक आवशयकत४ भश नहथ पडतश कनयतकक वद पहलद सद वह४ह
कवदम४न रहतद हह। बस, उनहम अपनद आपकक पकट करन४ हकत४ हह।
शशल शपकददव गकसव४मश नद मह४र४ज परशककत कक व४त अथ४रतनन “कपय पपत '” कहकर समबककधत ककय४
हह। अपनद अरतदकरण मम व४तसलय पदम हकनद कद क४रण हश शपकददव गकसव४मश नद इस शबद क४ पयकग ककय४
हह। चसहकक शशघ हश वसपददव तथ४ ददवकक कद पपत रप मम कक षण उतपन हकनद व४लद थद इसकलए शपकददव
गकसव४मश नद व४तसलय पदम कद क४रण मह४र४ज परशककत कक व४त कह४ हह।
कवशवककश मम गभर शबद कक वय४खय४ इस पक४र हह--गभर शसणद अभरकद कप क४कवतय४कद। जब करस
ददवकक कक म४रनद व४ल४ थ४, तक वसपददव नद उसद रककनद कद कलए स४म तथ४ भदद कस टनशकत क४ सह४र४ कलय४।
स४म क४ अथर हह “स४नतवन४ ददन४।' वसपददव नद करस कक समबनध, ल४भ, कलय४ण, पहच४न तथ४
गपण४नपव४द द४र४ स४नतवन४ ददनश च४हश। इन प४हचत क४ सनदभर स४म कद अनतगरत आत४ हह। वसपददव द४र४ इस
जशवन तथ४ अगलद जशवन मम भय पसतपत करन४ भदद थ४। इस तरह वसपददव नद करस कक स४नतवन४ ददनद कद
कलए स४म तथ४ भदद क४ पयकग ककय४। करस कद गपणत कक पशरस४ करन४ गपण४नपव४द थ४ और भकजवरश क४
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उतर४कधक४रश कहन४ समबनध क४ दकतक थ४। “तपमह४रश बहन” सद पहच४न क४ बकध कर४न४ थ४। सश कक
हतय४ कद उलदख सद यश तथ४ कलय४ण कवरयक पशन उठतद हह और कवव४ह कद समय अपनश बहन कक
हतय४ क४ प४पपसणर कक तय भय उतपन करत४ हह, जक भदद क४ एक पक हह। भकज वरश उन लकगत क४ दकतक
हह, जक एकम४त इकनदयतककप मम लगद रहतद थद अतएव अकधक कप लशन नहथ थद। भकज क४ अनय अथर हह
“यपद करन४।”” यद सभश करस कद अपयश कद लकण थद। जब वसपददव नद करस कक दशनवतसल कह४ तक
यह अकतशय पशरस४ थश। चसहकक करस अपनद गरशब र४जयत सद कर कद रप मम बछडद कलय४ करत४ थ४
इसकलए भश वह दशनवतसल कहल४त४ थ४। वसपददव कक पत४ थ४ कक वद बल-पयकग सद ददवकक कक आसतन
सरकट सद नहथ बच४ सकम गद। ददवकक व४सतव मम करस कद च४च४ कक लडकक थश इसशकलए ददवकक कक सपहतनन
अथ४रतनन “समबनधश '” कह४ गय४ हह। कह४ ज४त४ हह कक करस नद अपनद कनकट समबनधश ददवकक कक हतय४
इसशकलए नहथ कक कनयतकक तब पररव४र कद अनय सदसयत मम मह४ननन यपद कछड ज४त४। करस इस सरकट सद
बचन४ च४ह रह४ थ४ कयतकक इससद अनदक लकगत कक ज४नम चलश ज४तथ।
पसवर क४ल मम क४लनदकम न४मक असपर कद छह पपत हह ए कजनकद न४म थद हरस, सपकवकम, क४थ, दमन,
ररपपमरदरन तथ४ ककधहनत४। यद बडनगभर कहल४ए। यद छहत सम४न बलश४लश तथ४ यपदकल४ मम कनपपण थद।
इन छहत नद अपनद ब४ब४ कहरणयककशपप क४ स४थ छकड कदय४ और बह४ कक पसन करनद कद कलए ककठन
तपसय४ कक। बह४ नद पसन हककर मपहहम४हग४ वर ददनद कद कलए कह४। इस पर रडगभर नद कह४, “हद
बह४जश! यकद आप हमम वर ददन४ हश च४हतद हह, तक हमम यह आशशव४रद दशकजए कक हम ककसश ददवत४,
मह४रकग, यक, गनधवरपकत, कसद, च४रण य४ मनपषय अथव४ अपनश तपसय४ओर मम पसणर ककसश भश महकरर
द४र४ म४रद न ज४ सकम ।”' बह४ उनकद मनकभ४व ज४न गए अतद उनहतनद उनकक इचछ४ पसरश कर दश। ककनतप
जब कहरणयककशपप कक इसक४ पत४ चल४ तक वह अपनद पलतत पर अतयनत कप द हह आ। उसनद कह४, “मदर४
स४थ छकडकर तपम लकग बह४ कक पसज४ करनद गए। अत: अब मह तपमसद न४त४ तकडत४ हह।ह तपम लकगत नद
अपनद आपकक ददवत४ओर सद बचनद क४ पयतन ककय४ हह लदककन मह तपम लकगत कक श४प ददत४ हह ह कक तपमह४र४
कपत४ करस कद रप मम जनम लदग४ और तपम छहत ददवकक कद गभर सद उतपन हकनद पर करस द४र४ म४रद ज४ओ।
इसश श४प कद क४रण कहरणयककशपप कद पलतत कक ददवकक कद गभर सद जनम लदन४ पड४ और करस द४र४ उनक४
वध हकन४ हश थ४, भलद हश पसवरजनम मम वह उनक४ कपत४ कयत न रह४ हक। यह वणरन हररवरश कद कवषणपपवर
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कद कदतशय अधय४य मम कमलत४ हह। '“वहषणवतकरणश '' टशक४ कद अनपस४र कककतरम४न न४मक ददवकक क४ पपत
तशसर४ अवत४र थ४। अपनद पहलद अवत४र मम वह मरशकच क४ पपत समर थ४, जक ब४द मम क४लनदकम क४ पपत
बन४। पपर४णत मम इसक४ उलदख कमलत४ हह।
एक४नतमपपसरगमय व४कयमदतदपव४च ह॥
अथ--इस पक४र; करसमननस--करस कद प४स; उप४गमय--ज४कर; न४रद: --मह४मपकन न४रद; बहननदन: --बह४जश कद पपत;
एक४नतमपपसरगमय--एक४नत सथ४न मम ज४कर; व४कयमननस--ससचन४; एततनन-- यह; उव४च--कह४; ह--कनकशचत रप सद।
“ततपशच४तनन बह कद म४नस पपत न४रद करस कद प४स गयद और एक४नत सथ४न मम उनहतनद उसद
कनमनकलकखत ज४नक४रश दश।'!
मह४ननन मपकन न४रद सवगर सद मथपर४ आए और उनहतनद करस कद प४स अपन४ दसत भदज४। जब दसत नद करस
कद प४स ज४कर न४रद कद आनद कक ज४नक४रश दश तक असपरत क४ मपकखय४ करस अतयनत पसन हह आ और वह
तपरनत हश उनकद सव४गत४थर अपनद महल सद ब४हर आय४। न४रद मपकन ससयर जहसद तदजसवश थद, अकग जहसद
शककश४लश थद और सभश पक४र कद प४प-कक तयत सद रकहत थद। करस नद अकतकथ कद रप मम सतक४र करतद
हह ए उनहम स४दर नमसक४र ककय४ और ससयर सहश दददशपयम४न सकनद कद कसरह४सन पर कबठ४य४। न४रद सवगर कद
र४ज४ कद कमत थद अतएव उनहतनद उगसदन कद पपत करस सद कह४, “'हद शसरवशर! मह तपमह४रद आकतथय सद पसन
हह ह अतएव मह तपमसद कप छ गपप ब४तम कहह हग४। जब मह ननननदन क४नन कद चहतरथ जरगल सद हककर यह४ह आ
रह४ थ४, तक महनद ददवत४ओर कक एक कवश४ल सभ४ ददखश और यद ददवत४ मदरद स४थ सपमदर पवरत तक आए।
हम अनदक तशथरसथलत मम गए और अनत मम हमनद पकवत गरग४ नदश क४ दशरन ककय४। जब बह४जश अनय
ददवत४ओर कद स४थ सपमदर पवरत पर मरतण४ कर रहद थद तक मह भश अपनश वशण४ कद स४थ वह४ह उपकसथत थ४।
मह तपमहम गपप रप सद बतल४ऊहग४ कक यह सभ४ तपम समदत स४रद असपरत कक म४र ड४लनद कक यकजन४ बन४नद
कद कलए कक गई थश। तपमह४रश छकटश बहन ददवकक हह न! और यह तथय हह कक उसक४ आठव४ह पपत तपमह४र४
वध करदग४। ( हररवरश, कवषणप पवर १.२१६)
न४रद पर ककई यह दकर४रकपण नहथ कर सकत४ कक उनहतनद ददवकक कद पपतत क४ वध करनद कद कलए
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करस कक पकतस४कहत ककय४। न४रद मपकन तक म४नव सम४ज कद सततनन शपभकचनतक हह। वद च४हतद थद कक
कजतनश जलदश हक सकद , कक षण इस धर४ पर अवतररत हत कजससद ददवत४ओर क४ सम४ज पसन हक और करस
तथ४ उसकद कमतत क४ कक षण द४र४ वध ददखम। करस कक भश अपनद कप कक तयत सद मकक प४प हक सकद । इससद
ददवत४ओर तथ४ उनकद अनपय४कययत कक परम पसनत४ हकगश। इस समबनध मम शशल कवशवन४थ चकवतर
ठ४कप र कक कटपपणश हह कक न४रदमपकन कभश-कभश ऐसद क४यर करतद थद, जक ददवत४ओर तथ४ असपरत कक एक
स४थ ल४भपद हकतद थद। इस पसरग मम शश वशरर४घव आच४यर नद अपनश टशक४ मम कनमनकलकखत आध४ शलकक
सकममकलत ककय४ हह--
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(॥भए(0द दक
ददवत४ओर द४र४ गभरसथ कक षण कक सतपकत
करस अपनद ससपर जर४सरध कद सररकण मम पलमब, बक, च४णसर, तकण४वतर, अघ४सपर, मपकषक, ब४ण तथ४
भलम४सपर जहसद असपर कमतत कक सह४यत४ सद यदपवरकशयत कक सत४नद लग४। इसकलए यदपवशर श अपनद अपनद
घर छकड कर कप र, पञम४ल, कद कय, श४लव तथ४ कवदभर जहसद र४जयत कक शरण मम चलद गयद। उनमम सद कप छ
हश, जक न४मम४त कद कमत थद, करस कद स४थ रहतद रहद।
भगव४ननन नद यकगम४य४ कक आददश कदय४ कक वह यशकद४ददवश कद गभर सद जनम लद। चसकह क कक षण तथ४ उनकक
शकक यकगम४य४ एकस४थ भ४ई-बहन कद रप मम पकट हहए इसकलए यह सरस४र वहषणवत तथ४ श४कत सद
पररपसणर हह और उनकद बशच कनशचय हश कप छ पकतदकनदत४ हह । वहषणव जन परमदशवर कक पसज४ करतद हह और
श४कगण यकगम४य४ कक पसज४ अपनश अपनश इचछ४ कद अनपस४र दपग४र, भदक४लश तथ४ चकणडक४ जहसद रपत
मम करतद हह। यकगम४य४ नद भगव४ननन कद आददश४नपस४र ददवकक कद स४तवम पपत बलददव य४ सरकररण कक ददवकक
कद गभर सद रककहणश कद गभर मम सथ४न४नतररत कर कदय४। चसकह क सरकररण कक षण कद पदम कक बढ४नद कद कलए.
पकट हकतद हह इसकलए वद बलददव कहल४तद हह। भगवदक बननद कद कलए मनपषय कक च४कहए कक वह
इनहथ सद शपभ शकक गहण करद इसशकलए वद बलभद भश कहल४तद हह।
इसश बशच मम ददवकक कद गभर मम भगव४ननन कक उपकसथकत कद क४रण स४रद ददवत४ उनकक सतपकत करनद
आयद । उनहतनद कह४ कक भगव४ननन परम सतय हह। आतम४ सथसल शरशर कक अपदक४ अकधक महतवपसणर हह और
परम४तम४ आतम४ सद भश अकधक महतवपसणर हह। भगव४ननन परम सवतरत हह और उनकद अवत४र कदवय हह।
ददवत४ओर कक सतपकतय४ह भकत कक मकहम४ कक दककतत करतश हह और उन वयककयत कद भ४गय क४ बख४न
करतश हह, जक अपनद कक भलकतक पकक कत कक पररकसथकतयत सद ऊपरश तलर पर मपक म४नतद हह। भक सदहव
सपरककत रहतद हह। जब भक भगव४ननन कद चरणकमलत पर पसरश तरह शरण लद लदत४ हह, तक वह भलकतक
सरस४र कद भय सद पसणरतय४ मपक हक ज४त४ हह। ददवत४ओर कक सतपकतय४ह भगव४ननन कद अवतररत हकनद कद क४रण
कक बतल४तश हह। वद भगवदशत४ (४.७) मम भगव४ननन कद कथन कक पपकष करतश हह--
शशशपक उब४च
पलमबबकच४णसरतकण४वतरमह४शनह: ।
मपकषक४ररषकदकवदपसतन४कद शश धहनपकह: ॥ १॥
अनयहशव४सपरभसप४लहनब४णभलम४कदकभयपरतद ।
शश-शपक: उब४च-- शशशपकददव गकसव४मश नद कह४; पलमब--पलमब न४मक असपर; बक--बक न४मक असपर; च४णसर--च४णसर
न४मक असपर; तकण४वतर--तकण४वतर न४मक असपर; मह४शनहद--अध४सपर द४र४; मपकषक--मपकषक न४मक असपर; अररष--अररष असपर;
कदकवद--कदकवद असपर जहसद; पसतन४--पसतन४; कद शश --कद शश; धदनपकह:--थधदनपक द४र४; अनयह: च--तथ४ अनयत द४र४; असपर-
भसप४लह: --पकथवश पर असपर र४ज४ओर द४र४; ब४ण--ब४ण असपर; भलम--भलम४सपर; आकदकभ:--इ तय४कद कद द४र४; यपत:--सद सह४यत४
प४प करकद ; यदसन४मनन--यदपबरश कद र४ज४ओर क४; कदनमनन--उतपशडन; चकद --ककय४; बलश--अतयनत शककश४लश; म४गध-
सरशभय:--मगध कद र४ज४ जर४सनध कद सररकण मम |.
शपकददव गकसव४मश नद कह४ : मगधर४ज जर४सरध कद सररकण मम शककश४लश करस द४र४ यदपबरशश
र४ज४ओर कक सत४य४ ज४नद लग४। इसमम उसद पलमब, बक, च४णसर, तकण४वतर, अघ४सपर, मपकषक,
अरररपट, कदकवद, पसतन४, कद शश, धदनपक, ब४ण४सपर, नरक४सपर तथ४ पकथवश कद अनदक दससरद असपर
र४ज४ओर क४ सहयकग प४प थ४।
व४पस ज४नद क४ अवसर पद४न करम ककनतप दपभ४रगयवश र४ज४ तथ४ र४जनदत४ भगव४ननन कद उददशय मम ब४धक
बनतद हह। अत: सबकप छ ठशक करनद कद कलए भगव४ननन सवयर य४ अपनद अरशत कद स४थ पकट हकतद हह।
इसशकलए कह४ गय४ हह--
तद--यदपवशर श र४ज४; पशकडत४:--सत४यद हह ए; कनकवकवशप:--र४जयत मम घपस आयद; कप र-पशन४ल--कप रओर तथ४ परच४लत द४र४
अकधकक त ददशत मम; कद कय४नननस-- कद कयत कद ददश; श४लव४नननस--श४लवत द४र४ अकधकक त ददश; कवदभ४रनस-कवदभर द४र४ अकधकक त ददश;
कनरध४ननन--कनरथत द४र४ अकधकक त ददश; कवददह४नस--कवददहत क४ ददश; ककशल४ननन अकप--ककशलत द४र४ अकधकक त ददशत मम भश।.
असपर र४ज४ओर द४र४ सत४यद ज४नद पर य४दवत नद अपन४ र४जय छकड कदय४ और कप रओर, पशञ४लत,
एकद --कप छ; तमनन--उस करस कक; अनपरनध४न४: --अपनश नशकत क४ प४लन करनद व४लद; ज४तय:--समबनधशजन; पयपरप४सतद--उसकक
ह४ह मम ह४ह कमल४नद लगद; हतदरप--म४रद ज४कर; रटसप--छद; ब४लदरप--ब४लक; ददवकय४:--ददवकक द४र४ उतपन; औगसदकनन४--उगसदन
कद पपत ( करस ) द४र४; सपम:--स४तव४ह; वहषणवमनन-- भगव४ननन कवषणप कद ; ध४म-- अरश; यमनन--कजसकक; अननतमननस--अननत न४म सद;
पचकतद--कवखय४त हह; गभर:--गभर; बभसब--थ४; ददवकय४: --ददवकक क४; हरर-शकक-कववधरन:--एकस४थ हरर तथ४ शकक कक
बढ४नद व४ल४।.
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ककनतप उनकद कप छ समबनधश करस कद इश४रत पर चलनद लगद और उसकक नलकरश करनद लगद।
जब उगसदन क४ पपत करस ददवकक कद छह पपतत क४ वध कर चपक४ तक ददवकक कद गभर मम कक षण क४
सव४रश पकवष हह आ कजससद उसमम कभश सपख कक तक कभश दपख कक वककद हकतश। यह सव४रश मह४ननन
मपकनयत द४र४ अननत न४म सद ज४न४ ज४त४ हह और कक षण कद कदतशय चतपवयसहर सद समबकनधत हह।
त४तपयर : कप छ पमपख भकगण, यथ४ अकस र करस कद स४थ उसकक तपकष कद कलए रहतद रहद। ऐस४
उनहतनद कई उददशयत सद ककय४। उन सबत कक आश४ थश कक करस द४र४ ददवकक कद अनय पपतत कद वध कद
पशच४तनन आठवम पपत कद रप मम भगव४ननन पकट हतगद अतद वद उतसपकत४पसवरक उनकद प४कट कक पतशक४
करनद लगद। करस कद स४थ रहनद सद वद भगव४ननन कक जनम लदतद तथ४ ब४ललशल४एह करतद ददख सकम गद और
ब४द मम अकस र कक षण तथ४ बलर४म कक वकनद४वन सद मथपर४ लद ज४नद कद कलए ज४एहगद। पयपरप४सतद शबद
महतवपसणर हह कयतकक यह ससकचत करत४ हह कक कप छ भक करस कद प४स इसशकलए रकन४ च४हतद थद कक वद
भगव४ननन कक इन सब लशल४ओर कक ददख सकम । करस नद कजन छह ब४लकत क४ वध ककय४ थ४ वद पसवरजनम
मम मरशकच कद पपत थद ककनतप एक ब४हण कद श४पवश उनहम कहरणयककशपप कद न४कतयत कद रप मम जनम लदन४
पड४। करस नद क४लनदकम कद रप मम जनम कलय४ थ४ और अब वह अपनद हश पपतत कक म४रनद कद कलए
कववश थ४। यहश वह रहसयपसणर ब४त थश। जयतहश ददवकक कद पपत म४रद ज४तद, वद अपनद मसल सथ४न ललट
ज४तद। भकगण इसद भश ददखन४ च४हतद थद। स४म४नयतय४ ककई भश वयकक अपनद भ४रजत कक नहथ म४रत४ ककनतप
करस इतन४ कस र थ४ कक कबन४ ककसश कझझक कद ऐस४ करत४ थ४। अननत य४ सरकररण कदतशय चतपवयसरह सद
भगव४ननन-- शशकक षण नद; अकप--भश; कवशव४तम४--हर एक क४ परम४तम४; कवकदतव४--यदपओर तथ४ उनकद अनय भकत कक कसथकत
ज४नकर; करस-जमनन--करस कद क४रण; भयमनन--डर; यदसन४मननस--यदपओर कद ; कनज-न४थ४न४मननस--अपनद परम आशय सवरप;
यकगम४य४मनन--कक षण कक आधय४कतमक शकक यकगम४य४ कक; सम४कदशतनन-- आददश कदय४ ।.
करस कद आकमण सद अपनद कनजश भक, यदपओर, कक रक४ करनद कद कलए कवशव४तम४ भगव४ननन नद
यकगम४य४ कक इस पक४र आददश कदय४।
त४तपयर : शशल सन४तन गकसव४मश नद भगव४ननन आकप कवशव४तम४ कवकदतव४ करसजर भयमनन कक टशक४ इस
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पक४र कक हह। भगव४ननन सवयमनन शशकक षण हह। कषणसतप भगव४ननन सवयमनन। वद कवशव४तम४ हह कयतकक उनक४
सव४रश परम४तम४ कद रप मम कवसत४र करत४ हह। इसकक पपकष भगवदशत४ (१३.३) सद हकतश हह। कदतजर च४कप
म४र कवकद सवरकदतदरर भ४रत। भगव४ननन कक षण सभश जशवत कद कदतज अथ४रतनन परम४तम४ हह। वद भगव४ननन कद
समसत अरशत कद आकद उदम हह । कवषणप कद ल४खत अरश हह यथ४ सरकररण, पदपमन, अकनरद तथ४ व४सपददव
ककनतप इस भलकतक जगत मम कवशव४तम४ तक कशरकदकश४यश कवषणप हह। जहस४कक भगवदशत४ (१८.६१) मम
कह४ गय४ हह-- ईशवर: सवरभसतदरप हडददशद5 जपन कवषकत--हद अजपरन! परमदशवर समसत जशवत कद हदय मम कसथत
हह। अपनद अरश कवषणपततव कद रप मम कक षण वसतपतद कवशव४तम४ हह कफर भश अपनद भकत कद सनदहवश वद
उनहम कनदरश ददनद कद कलए परम४तम४ क४ क४यर करतद हह (सवसथ च४ह हकद सकबनकवषक मतद
समककतज४नमपकहनर च ) ।
“मह उन पर कक प४ कद क४रण उनकद हदयत मम रहकर ज४न रपश दशपक सद अज४न सद उतपन अरधक४र
यकग शबद क४ अथर हह “कडश ''। ककई भश यकग पदकत भगव४ननन सद अपनद टस टद समबनध कक पपनद
जकडनद क४ पय४स हह। यकग कद अनदक भदद हह कजनमम सद भककयकग सवरशदष हह। अनय यकग पदकतयत मम
कसकद कद पसवर कवकवध पक४र कक कवकधय४ह अपन४नश पडतश हह ककनतप भककयकग तक पतयक हकत४ हह।
भगवदशत४ (६.४७) मम भगव४ननन कहतद हह--
“समसत यककगयत मम सद जक यकगश शद४पसवरक मदरश पसज४ करतद हह ए मपझमम कनष४ रखत४ हह, वह यकग मम
मपझसद भलशभ४हकत जपड४ रहत४ हह और वहश सवरच हह।'' भककयकगश कद कलए अगलद जनम मम मनपषय-शरशर
कमलन४ कनकशचत हह जहस४कक कक षण नद कह४ हह ( शपचशन४र शशमत४र गदहद यकगशषकउकभज४यतद )। यकगम४य४
भगव४ननन कक आधय४कतमक शकक हह। भगव४ननन अपनद भकत पर सनदह कद क४रण कनररनतर उनकद समपकर मम
रहतद हह अनयथ४ उनकक म४य४शकक इतनश पबल हह कक वह बह४ जहसद बडद बडद ददवत४ओर कक भश मककहत
कर ददतश हह। अतद भगव४ननन कक शकक यकगम४य४ कहल४तश हह। चसकह क भगव४ननन कवशव४तम४ हह अतएव उनहतनद
यकगम४य४ कक आददश कदय४ कक वह ददवकक कक रक४ करद।
'गचछ--अब ज४ओ; ददकव--हद समसत जगत कक पसजय४; बजमनन--वज भसकम मम; भदद--हद समसत जशवत क४ कलय४ण करनदव४लश;
गकप-गककभ:--गव४लत तथ४ ग४यत कद स४थ; अलडह तमनन--अलरककत, सकजत; रककहणश--रककहणश; वसपददवसय--कक षण कद कपत४
बसपददव कक; भ४य४र--पकतलयत मम सद एक; आसतद --रह रहश हह; ननद-गककप लद--गककप ल न४म सद कवखय४त मह४र४ज ननद कद र४जय मम
जह४ह ल४खत ग४यम प४लश ज४तश हह; अनय४: च--तथ४ अनय पकतनय४ह; करस-सरकवग४:--करस कद भय सद; कववरदरप--एक४नत सथ४नत मम;
वसकनत--रह रहश हह; कह--कनससनददह।.
भगव४ननन नद यकगम४य४ कक आददश कदय४: हद समसत जगत द४र४ पसजय४ तथ४ समसत जशवत कक
सलभ४गय पद४न करनद व४लश शकक, तपम बज ज४ओ जह४ह अनदक गव४लद तथ४ उनकक पकतनय४ह रहतश
हह। उस सपनदर पददश मम जह४ह अनदक गलवम कनव४स करतश हह, वसपददव कक पतनश रककहणश ननद मह४र४ज
कद घर मम रह रहश हह। वसपददव कक अनय पकतनय४ह भश करस कद भय सद वहथ अज४तव४स कर रहश हह।
कक प४ करकद वह४ह ज४ओ।
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त४तपयर : र४ज४ ननद क४ आव४स ननदगककप ल सवयर अतयनत सपनदर थ४ और जब यकगम४य४ कक वह४ह
ज४कर भकत कक अभय पद४न करनद कद कलए आददश कदय४ गय४ तक यह और भश सपनदर तथ४ सपरककत हक
गय४। चसकह क यकगम४य४ मम ऐस४ व४त४वरण उतपन करनद कक कमत४ थश इसकलए उसद ननदगककप ल कद यह४ह
ददवकय४: --ददवकक कद ; जठरद--गभर मम; गभरभस-- भसण; शदर-आखयमनन--कक षण कद अरश, शदर न४म सद कवखय४त; ध४म--अरश;
म४मकमनन-मदर४; ततनन--उसकक; सकनकक षय--कनक४ल करकद ; रककहणय४:--रककहणश कद ; उदरद--गभर कद भशतर; सकनवदशय--कबन४
'ककठन४ई कद सथ४न४नतररत करक |.
ददवकक कद गभर मम सरकररण य४ शदर न४म क४ मदर४ अरश हह। तपम उसद कबन४ ककसश ककठन४ई कद
त४तपयर : कक षण कद पथम अरश बलददव हह, जक शदर भश कहल४तद हह। भगव४ननन क४ शदर अवत४र स४रद
बह४रड कक ध४रण करत४ हह और इस अवत४र कक श४शवत म४त४ हह म४त४ रककहणश। भगव४ननन नद यकगम४य४ सद
कह४, “चसहकक मह ददवकक कद गभर मम ज४ रह४ हह ह अत: शदर अवत४र पहलद हश वह४ह पहह हच चपकद हह और
उनहतनद वह४ह मदरद रहनद कक पसरश वयवसथ४ कर दश हह। अब उनहम अपनश म४त४ रककहणश कद गभर मम पवदश
करन४ च४कहए।!!
इस समबनध मम ककई पसछ सकत४ हह कक भगव४ननन जक सदहव कदवय रप मम कसथत हह, ककस तरह ददवकक
कद उस गभर मम पवदश प४ सकद कजसमम पहलद हश छह असपर ( रडगभर ) व४स कर चपकद थद। तक कय४ इसक४
यह अथर हह आ कक यद रडगभ४रसपर भगव४ननन कद कदवय शरशर कद तपलय थद? इसक४ उतर शशल कवशवन४थ
चकवतर ठ४कप र नद कदय४ हह, जक इस पक४र हह--
समग सककष तथ४ इसकद वयकष अरश भश भगव४ननन कक शकक कद कवसत४र हह। इसकलए भलकतक जगत मम
भगव४ननन पवदश करकद भश ऐस४ नहथ करतद। इसकक वय४खय४ भगव४ननन नद सवयर भगवदशत४ (९.४-५) मम
कक हह--
“यह समग बह४णड मदरद अपकट रप मम मपझसद वय४प हह। स४रद जशव मपझमम हह ककनतप मह उनमम नहथ
हह ।ह कफर भश हर सककजत वसतप मपझमम कटकक नहथ हह। ममरद यकग-ऐशवयर कक तक ददखक! यदकप मह स४रद जशवत
क४ प४लक हह ह और सवरत रहत४ हह ह ककनतप मदरश आतम४ सककष क४ उदम हह।”' सवर खकलवदर बह / हर वसतप
बह अथ४रतनन भगव४ननन क४ अरश हह कफर भश हर वसतप ईशवर नहथ हह और ईशवर सवरत हह भश नहथ। हर वसतप
उन पर कटकक हह और नहथ भश कटकक हह। इसद कद वल अकचनतय भदद न ४भदद दशरन द४र४ समझ४य४ ज४ सकत४
हह। कफर भश ऐसद सतय कक शपद भक कद अकतररक अनय ककई नहथ समझ सकत४ कयतकक भगवदशत४
(१८.५५) मम भगव४ननन कहतद हह-- भकतय४ म४मकभज४न४कत य४व४ननन यशच४कसम ततवतद-- भगव४ननन कक उनकद
असलश रप मम कद वल भकक द४र४ समझ४ ज४ सकत४ हह। यदकप स४म४नय वयकक भगव४ननन कक नहथ समझ
सकतद ककनतप इस कसद४नत कक श४सत कद कथन सद समझ४ ज४ सकत४ हह।
शपद भक भककयकग कक नल कवकभन कवकधय४ह समपन करकद ( शवणर ककतरन कवषणत: समरणर प४ढद-
सदवनमनन। अच४रनर वनदनर द४सयर सखयम४तमकनवददनसनन ) कदवय पद पर आसशन रहत४ हह। इस तरह भकक कक
प४प भक इस भलकतक जगत मम रहतद हह ए भश उसमम नहथ रहत४। इतनद पर भश भक सद४ डरत४ रहत४ हह
कक भलकतक जगत सद स४कनधय हकनद सद उसद अनदक कलमर पभ४कवत कर सकतद हह। इसकलए वह सदहव
भय कद क४रण चलकजन४ रहत४ हह, कजससद उसक४ भलकतक स४कतनधय कमश: घटत४ ज४त४ हह।
पतशक रप मम म४त४ ददवकक क४ करस सद कनरनतर डरन४ उनहम शपद बन४ रह४ थ४। शपद भक कक सदहव
भलकतक स४तकनधय सद डरतद रहन४ च४कहए। इससद भलकतक स४कनधय मम रहनदव४लद स४रद असपरत क४ वध हक
ज४एग४ कजस तरह करस कद द४र४ रडनगभ४रसपरत क४ वध हह आ थ४। ऐस४ कह४ ज४त४ हह कक मरशकच मन सद
पकट हकत४ हह। दससरद शबदत मम, मरशकच मन क४ अवत४र हह। मरशकच कद छह पपत हह--क४म, ककध, लकभ,
मकह, मद एवर म४तसयर । भगव४ननन शपद भकक सद पकट हकतद हह । इसकक पपकष वददत द४र४ हह ई हह-- भककरदवदनर
दशरय४कत। कद वल भकक सद हश मनपषय कक भगव४ननन क४ स४कनधय प४प हक सकत४ हह। भगव४ननन ददवकक कद
गभर सद पकट हह ए इसकलए ददवकक भकक कक पतशक हह और करस भलकतक भय क४ पतशक हह। जब भक
भलकतक स४कतधय सद डरत४ रहत४ हह, तक उसक४ असलश पद-भकक-पकट हकत४ हह, कजससद उसमम
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भलकतक भकग कद पकत अरकच उतपन हक ज४तश हह। जब मरशकच कद छठत पपतत क४ ऐसद भय द४र४ वध हक
ज४त४ हह और मनपषय भलकतक कलमर सद मपक हक ज४त४ हह, तक भकक कद गभर सद भगव४ननन उतपन हकतद हह।
इस तरह ददवकक क४ स४तव४ह गभर भगव४ननन कद प४कटय कक ससकचत करत४ हह। जब क४म, ककध, लकभ,
मकह, मद तथ४ म४तसयर--यद छह पपत म४र ड४लद ज४तद हह, तक भगव४ननन कद प४कट हदतप शदर अवत४र उपयपक
पररकसथकत उतपन करत४ हह। दससरद शबदत मम, जब मनपषय मम उसकक सहज कक षणचदतन४ ज४गकत हकतश हह, तक
भगव४ननन कक षण पकट हकतद हह। शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र नद यहश वय४खय४ कक हह।
अथ-तपशच४तनन; अहमनन-मह; अरश-भ४गदन--अपनद अरश द४र४; ददवकय४: --ददवकक क४; पपतत४मनन-पपत; शपभद--हद कलय४णश
यकगम४य४; प४पसथ४कम--बनसहग४; तवमनन-तपम; यशकद४य४मनन-म४त४ यशकद४ कद गभर मम; ननद-पतय४मनन--मह४र४ज ननद कक पतनश;
भकवषयकस--तपम भश पकट हकगश।.
हद सवर-कलय४णश यकगम४य४, तब मह अपनद छहत ऐशवयर सद यपक हककर ददवकक कद पपत रप मम
पकट हकऊहग४ और तपम मह४र४ज ननननद कक मह४र४नश म४त४ यशकद४ कक पपतश कद रप मम पकट हकगश।
त४तपयर : इस शलकक मम अरशन-भ४गदन शबद महतवपसणर हह। भगवदशत४ (१०.४२) मम भगव४ननन कहतद
हह--
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सथ४न४नतररत करद और यह उसकद कलए भ४रश क४यर थ४। वह समझ हश नहथ प४ रहश थश कक सरकररण कक
ककस तरह खथचद। इसशकलए कक षण नद उसद शपभद कह कर समबककधत ककय४, “तपमह४र४ कलय४ण हक, तपम
मपझसद शकक प४प करक और तपम इस क४म कक कर सककगश। “' भगवतकक प४ हकनद पर ककई भश वयकक ककई
भश क४यर कर सकत४ हह कनयतकक भगव४ननन हर वसतप मम अपनद अरशत सद ( अरशभ४गदन ) उपकसथत रहतद हह
और उसद अपनश परम इचछ४ सद घट४तद-बढ४तद रहतद हह। बलर४म कक षण सद कद वल पनदह कदन बडद थद।
कक षण कद आशशव४रद सद यकगम४य४ म४त४ यशकद४ कक पपतश बनश ककनतप परमदशवर कक इचछ४ सद वह अपनद
कपत४-म४त४ क४ पदम न प४ सकक। यदकप कक षण म४त४ यशकद४ कद गभर सद उतपन नहथ हहए थद कफर भश उनहम
म४त४ यशकद४ तथ४ ननद क४ पदम प४प हह आ। कक षण कद आशशव४रद सद यकगम४य४ कक म४त४ यशकद४ कक पपतश
हकनद क४ गलरव प४प हक सक४। यशकद४ भश कक षण कद आशशव४रद सद पकसद हक गई।र यशकद४ क४ अथर हह
“यश ददनद व४लश |”!
अकचरषयकनत--पसज४ करमगद; मनपषय४:--म४नव सम४ज; तव४मनन--तपम कक; सवर-क४म-वर-ई शवरशमनन-- स४रश भलकतक इचछ४ओर कक पसर४
करनद व४लद ददवत४ओर मम सवरशदष हकनद सद; धसप--सपगकनधत दवय सद; उपह४र-- भमट सद; बकलकभ:--यज द४र४ कवकवध पक४र कक पसज४
सद; सवर-क४म--स४रश भलकतक इचछ४ओर मम सद; वर--आशशव४रद; पद४मस--पद४न कर सकनद व४लश |
स४म४नय लकग पशपओर कक बकल करकद कवकवध स४मगश सद तपमह४रश भवय पसज४ करमगद कयतकक
तपम हर एक कक भलकतक इचछ४एह पसरश करनद मम सवरपरर हक।
तरह दपग४र ददवश य४ यशकद४ कक पपतश कद रप मम उतपन म४य४ददवश कक पसज४ कद भश अनदक पकवत सथल हह।
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करस कक छलनद कद ब४द म४य४ददवश स४म४नय लकगत सद कनयकमत पसज४ कर४नद कद कलए अनदक सथ४नत मम,
सतय तथ४ परम४तम४ कक ज४ननद मम रकच रखनश च४कहए। जक लकग आतमततव मम रकच रखतद हह, वद भगव४ननन
कक पसज४ करतद हह ( यकसमननन कवज४तद सवरमदवर कवज४तर भव४कत ) | कफर भश जहस४कक इस अधय४य कद अगलद
शलकक मम बत४य४ गय४ हह, जक लकग आतमततव कक नहथ समझ सकतद ( अपशयत४मनन आतमवतवमनन ) वद
यकगम४य४ कद कवकभन रपत कक पसज४ करतद हह। इसशकलए शशमद४गवत ( २.१.२) मम कह४ गय४ हह--
औरशववय४दशकन र४जदद नकणन ४र सकनत सहखशद ।
“हद र४जननन! जक लकग भलकतक सरस४र मम फह सद हह, वद परम सतय कद ज४न कद पकत अरधद हकनद सद म४नव
सम४ज मम अनदक पक४र कद कवरयत कक सपनतद रहतद हह ।'” जक लकग इस भलकतक सरस४र मम बनद रहन४ च४हतद
हह और आधय४कतमक मपकक मम रकच नहथ रखतद उनकद प४स करनद कद कलए अनदक क४यर हकतद हह ककनतप जक
आधय४कतमक मपकक मम रकच रखत४ हह उसक४ एकम४त कतरवय हकत४ हह कक वह पसरश तरह कक षण कक शरण
गहण कर लद ( सवरधम४रननन पररतयजय म४मदकर शरणर बज ) । ऐस४ वयकक भलकतक भकग मम रकच नहथ रखत४।
न४मधदय४कन--कवकभन न४म; कप वरकनत-दमगद; सथ४न४कन--कवकभन सथ४नत मम; च-- भश; नर४:--भलकतक भकग मम रकच रखनद व४लद
लकग; भपकव--पकथवश पर; दपग४र इकत--दपग४र न४म; भदक४लश इकत--भदक४लश न४म; कवजय४--कवजय४ न४म; वहषणवश इकत--वहषणवश
न४म; च-- भश; कप मपद४--कप मपद४; चकणडक४--चकणडक४; कक षण४-- कक षण४; म४धवश--म४धवश; कनयक४ इकत--कनयक४ य४
'कनय४कप म४रश; च-- भश; म४य४--म४य४; न४र४यणश --न४र४यणश; ईश४नश --ईश४नश; श४रद४ --श४रद४; इकत-- इस पक४र;
अकमबक४-- अकमबक४; इकत-- भश; च-- तथ४ |.
त४तपयर : चसहकक कक षण तथ४ उनकक शकक स४थ स४थ पकट हह ए अतद लकगत नद स४म४नयतय४ दक समसह
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बन४ रखद हह--श४क तथ४ वहषणव--और कभश कभश दकनत मम सपध४र चलतश हह। अकनव४यर रप सद, जक
लकग भलकतक भकग मम रकच रखतद हह, वद श४क हह और जक आधय४कतमक मकक तथ४ आधय४कतमक ध४म
प४प करनद मम रकच रखतद हह, वद वहषणव हह। चसकह क लकग स४म४नयतय४ भलकतक भकग मम रकच रखतद हह
अतएव वद भगव४ननन कक शकक म४य४ददवश कक पसज४ करतद हह । ककनतप वहषणव जन झपदश४क अथव४ शपद भक
हकतद हह कयतकक हरद कक षण मह४मरत भगव४ननन कक शकक हर४ कक पसज४ कक ससकचत करत४ हह। पतयदक वहषणव
भगव४ननन कक शकक सद प४थरन४ करत४ हह कक वह ऐस४ अवसर पद४न करद कजससद वह भगव४ननन कक सदव४
उनकक आधय४कतमक शकक समदत कर सकद । इसकलए सभश वहषणव जन र४ध४-कक षण, सशत४-र४म, लकमश-
न४र४यण तथ४ रककमणश-द४ररक४धशश जहसद अच४रकवगहत कक पसज४ करतद हह ककनतप दपग४रश४क लकग
भलकतकशकक कक पसज४ कवकवध न४मत सद करतद हह।
म४य४ददवश कजन-कजन न४मत सद कवकभन सथ४नत मम ज४नश ज४तश हह उसकक ससचश वलभ४च४यर नद दश हह।
वद व४र४णसश मम दपग४र, अवनतश मम भदक४लश, उडशस४ मम कवजय४ और कप लह४पपर मम वहषणवश य४ मह४लकमश
कहश ज४तश हह। (मह४लकमश तथ४ अकमबक४ कक पकतकनकध मपमबई मम हह) वद क४मरप पददश मम चकणडक४,
उतर भ४रत मम श४रद४ तथ४ कप म४रश अनतरशप मम कनननयक४ कहल४तश हह। इस तरह वद कवकभन सथ४नत मम
कवकभन न४मत कद अनपस४र ज४नश ज४तश हह।
शशल कवजयधवज तशथरप४द नद पद-रतन४वलश टशक४ मम कवकभन न४मत कक वय४खय४ कक हह। म४य४ कक
दपग४र इसकलए कहतद हह कयतकक उनहम ककठन४ई सद प४प ककय४ ज४त४ हह। उनहम शपभ हकनद सद भद४ और गहरद
नशलद ररग कक हकनद सद क४लश कह४ ज४त४ हह। अतयनत शककश४लश हकनद सद कवजय४ और कवषणप कक कवकभन
शककयत मम सद एक हकनद कद क४रण वद वहषणवश कहल४तश हह। भलकतक जगत क४ भकग करनद तथ४ भकग कक
सपकवध४एह पद४न करनद कद क४रण कप मपद४, शतपओर (असपरत) कद पकत कठकर हकनद कद क४रण चकणडक४ और
समसत भलकतक सपकवध४एह पद४न करनद कद क४रण वद कक षण४ कहल४तश हह। इस तरह भलकतक शकक कद
कवकवध न४म हह और वद पकथवश पर कवकभन सथ४नत मम कसथत हह।
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गभर-सडररण४तनन--ददवकक कद गभर सद कनक४ल कर रककहणश कद गभर मम पहह हच४यद ज४नद कद क४रण; तमनन--उसकक ( रककहणशननदन कक );
बह--कनससनददह; प४ह:--लकग कहमगद; सडजगररणमनन--सरकररण कक; भपकव--सरस४र मम; र४म इकत--र४म कहल४एग४; लकक-रमण४तनन--
लकगत कक भक बननद मम समथर बन४नद सद; बलभदमस--बलभद कहल४एग४; बल-उचछप य४तनन-- पचपर बल कद क४रण.
ददवकक कद गभर सद कनक४ल कर रककहणश कद गभर मम भदजद ज४नद कद क४रण रककहणश क४ पपत
सरकररण भश कहल४एग४। वह गककप ल कद स४रद कनव४कसयत कक पसन रखनद कक कमत४ हकनद कद
क४रण र४म कहल४एग४ और अपनश पचपर श४रशररक शकक कद क४रण बलभद कहल४एग४।
सकनदष४--आददश कदयद ज४नद पर; एवमनन--इस पक४र; भगवत४--भगव४ननन द४र४; तथ४ इकत--ऐस४ हश हक; ३४--3 मरत; इकत--
इस पक४र; ततनन-बच:--उनकद शबद; पकतगकह--म४नकर; पररकमय--उनकक पररकम४ करकद ; ग४मनन--पकथवश पर; गत४--तपरनत
चलश गई; ततनन-- भगव४ननन द४र४ कदय४ गय४ आददश; तथ४--उसश तरह; अकरकतनन--ककय४।.
भगव४ननन सद इस तरह आददश प४कर यकगम४य४ नद उसद तपरनत सवशक४र कर कलय४। उसनद वहकदक
मरत 5 ७ कद स४थ पपकष कक कक उससद जक कह४ गय४ हह उसद वह करदगश। इसकद ब४द उसनद पसणर
पपररकतम भगव४ननन कक पररकम४ कक और वह पकथवश पर कसथत ननदगककप ल न४मक सथ४न कद कलए
चल पडश। वह४ह उसनद वहस४ हश ककय४ जहस४ कक उसद आददश कमल४ थ४।
त४तपयर : भगव४ननन क४ आददश प४कर यकगम४य४ नद अपनश दकहरश सहमकत “ह४ह मह आपक४ कहन४
करहगश' तथ४ ३ कहकर वयक कक। शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र कक टशक४ हह कक ३» वहकदक पपकष
क४ ससचक हह। इस तरह यकगम४य४ नद भगव४ननन कद आददश कक वहकदक आददश कद रप मम गहण ककय४। यह
तथय हह कक भगव४ननन जक भश कहतद हह वह वहकदक आददश हकत४ हह, कजसकक उपदक४ नहथ कक ज४नश च४कहए।
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वहकदक आददशत मम न तक ककई तपकट हह न ककई भ४कनत और न धकख४-धडश। इसकलए वहकदक पम४ण कक
समझद कबन४ श४स क४ उदरण ददन४ कनरथरक हह। वहकदक आददशत कक उपदक४ नहथ कक ज४नश च४कहए पतयपत
वददत मम कदयद गयद आददशत कक हढत४ सद पसर४ करन४ च४कहए। भगवदशत४ (१६.२४) मम कह४ गय४ हह--
“मनपषय कक च४कहए कक श४सत कद कनयमत कद द४र४ कतरवय तथ४ अकतरवय कक समझद। ऐसद कवकध-
कवध४नत कक ज४नतद हह ए मनपषय कक च४कहए उनकद अनपस४र क४यर करद कजससद वह कमश: ऊपर उठ
सकद ।!!
गभर--जब गभर; पणशतद-- लद ज४य४ गय४; ददवकय४:--ददवकक क४; रककहणशमनन--रककहणश कद गभर मम; यकग-कनदय४--यकगम४य४ द४र४;
अहक--ह४य; कवसनरकसत:--नष हक गय४; गभर: --गभर; इकत--इस पक४र; पलर४:--घर कद रहनद व४लद; कवचपकपशप:--कवल४प करनद
लगद।.
त४तपयर : महल कद स४रद व४कसयत मम करस भश सकममकलत थ४। जब स४रद लकग कवल४प कर रहद थद तक
दय४वश करस भश यह सकचकर उनकद स४थ कवल४प करनद लग४ कक हक न हक दव४ओर कद क४रण य४ अनय
ककसश ब४हरश क४रण सद ददवकक क४ यह गभरप४त हक गय४। ककनतप हररवरश मम यकगम४य४ द४र४ ददवकक कद गभर
सद ब४लक कक खथच करकद रककहणश कद स४त म४स कद गभर मम सथ४कपत करनद कक पसरश कथ४ वकणरत हह।
अधरर४कत मम गहरश नथद मम सकतद सकतद रककहणश कक लग४ म४नक सपनद मम उसद गभरप४त हक गय४ हह। कप छ
समय ब४द जब वह जगश तक उसनद ददख४ कक सचमपच ऐस४ हश हक चपक४ हह अतएव वह बहह त कचकनतत
थश। ककनतप यकगम४य४ नद उसद बतल४य४, ““हद शपभद ! तपमह४रद ब४लक कक पपनसथ४रकपत ककय४ ज४ रह४ हह। मह
ददवकक कद गभर सद ब४लक खथच रहश हह ह इसकलए तपमह४रद ब४लक क४ न४म सरकररण हकग४।'!
यकगकनद४ शबद महतवपसणर हह। जब आतम-स४क४तक४र द४र४ मनपषय अधय४तम सद पपनद जपडत४ हह, तक
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मनपषय अपनद जशवन कक सवपनवतनन म४नत४ हह । भगवदशत४ (२.६९) मम कह४ गय४ हह--
“जक सभश जशवत कद कलए र४त हह, वह सरयमश पपररत कद कलए जगनद क४ समय हह और जक स४रद
जशवत कद जगनद क४ समय हह, वहश मपकनयत कद कलए र४त हकतश हह।'' आतम-स४क४तक४र कक अवसथ४
यकगकनद४ कहल४तश हह। इस अवसथ४ मम स४रद भलकतक क४यरकल४प सवपनवतस पतशत हकतद हह। इस तरह
भगव४ननन- भगव४ननन; अकप- भश; कवशव४तम४--स४रद जशवत कद परम४तम४; भक४न४मस-- अपनद भकत कद ; अभयमनन-करद--भय कद
क४रण कक म४रनद व४लद; आकववदश--पकवष हक गयद; अरश-भ४गदन-- अपनद स४रद ऐशवयर कद स४थ ( रडहशवयरपसणर ); मनद--मन मम;
आनकदपनदपभद:--वसपददव कद मन मम.
इस तरह समसत जशवत कद परम४तम४ तथ४ अपनद भकत कद भय कक दसर करनद ब४लद पसणर
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सद--वह ( वसपददव ); कबभतनन- ध४रण ककयद हह ए; पलररमनन-- परम पपरर समबनधश; ध४म-- आधय४कतमक तदज; भ४जम४न:--
पक४शम४न; यथ४--कजस तरह; रकव:--ससयर-पक४श; दपर४सद: --ददखद ज४नद मम भश अतयनत ककठन; अकत-दपधररर:-- अतयनत
ककठन४ई सद प४स पहह हचनद यकगय; भसत४न४मनन--समसत जशवत मम; समबभसव--बन गय४; ह--कनकशचत रप सद
बसपददव अपनद हदय कद भशतर भगव४ननन कद सवरप कक ध४रण ककयद हह ए भगव४ननन कद कदवय
पक४शम४न तदज कक वहन कर रहद थद कजसकद क४रण वद ससयर कद सम४न चमककलद बन गयद। अतद
उनकक ओर ललककक दकष द४र४ ददखन४ य४ उन तक पहह चह न४ ककठन थ४, यह४ह तक कक वद करस जहसद
पर४कमश वयकक कद कलए हश नहथ, अकपतप स४रद जशवत कद कलए भश दपधररर थद।
त४तपयर : ध४म शबद महतवपसणर हह। ध४म ससचक हह भगव४ननन कद रहनद कद सथ४न क४। शशमद४गवत कद
प४रमभ मम हश (१.१.१) कह४ गय४ हह- ध४मतर४ सवदन सद४ कनरसतकप हकर सतयर परर धशमकह। भगव४ननन कद
ध४म मम भलकतक शकक क४ ककई पभ४व नहथ रहत४ ( क४मत४सवदन सद४ कनरसतकप हकमनन )। जह४ह कहथ भश
भगव४ननन अपनद न४म रप, गपण य४ पररकर कद स४थ रहतद हह, वहश तपरनत ध४म बन ज४त४ हह--उद४हरण४थर,
वकनद४वन ध४म, द४रक४ ध४म, मथपर४ ध४म कयतकक इन सथ४नत मम भगव४ननन क४ न४म, यश, गपण तथ४ पररकर
सदहव उपकसथत रहतद हह। इसश तरह यकद भगव४ननन ककसश कक कप छ करनद कद कलए शकक पद४न करतद हह, तक
उसक४ हदय ध४म बन ज४त४ हह और वह इतन४ शककश४लश बन ज४त४ हह कक न कद वल उसकद शतप अकपतप
स४रद लकग उसकद क४यरकल४पत कक ददखकर चककत रह ज४तद हह । दपधररर हकनद कद क४रण उसकद शतप चककत
हह ए कबन४ नहथ रहतद जहस४कक दपर४सदकउकतदपधरररद शबदत कद द४र४ बतल४य४ गय४ हह।
पलरर ध४म कक वय४खय४ अनदक आच४यर नद कक हह। शशवशरर४घव आच४यर कहतद हह कक यद शबद
भगव४ननन कद तदज कद ससचक हह। कवजयधवज क४ कहन४ हह कक यद शबद कवषणपतदज कद ससचक हह और
शपकददव इसद भगवतसवरप कहतद हह। वदषणवतकरणश कद अनपस४र यद शबद परमदशवर कद तदज कद पभ४व कक
ससकचत करतद हह तथ४ कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र कहतद हह कक यद भगव४ननन कद प४कट कद ससचक हह।
ततक जगनमडनलमचयपत४रशर
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ततद--ततपशच४तनन; जगतनन-मडलमनन--बह४णड भर कद जशवत कद कलए मरगल; अचयपत-अरशमनन-- भगव४ननन जक अपनद अरशत मम उपकसथत
छह ऐशवयर सद कभश कवयपक नहथ हकतद; सम४कहतमनन--पसरश तरह सथ४न४नतररत; शसर-सपतदन--शसरसदन कद पपत वसपददव द४र४; ददवश --
ददवकक ददवश नद; दध४र--वहन ककय४; सवर-आतमकमनन-- सबत कद परम४तम४; आतम-भसतमनन--समसत क४रणत कद क४रण; क४ष४--
पसवर कदश४; यथ४--कजस तरह; आननद-करमनन-- आननदमय ( चनदम४ ); मनसत:--मन कद भशतर कसथत हकनद सद ।.
ततपशच४तनन परम तदजसवश, समपसणर जगत कद कलए सवरमरगलमय समसत ऐशवयर सद यपक भगव४ननन
अपनद सव४रशत समदत बसपददव कद मन सद ददवकक कद मन मम सथ४न४नतररत कर कदयद गयद। इस तरह
बसपददव सद दशक४ प४प करनद सद ददवकक सबत कक आकद चदतन४, समसत क४रणत कद क४रण भगव४ननन
कक षण कक अपनद अनतदकरण मम ध४रण करनद कद क४रण सपनदर बन गई र कजस तरह उकदत चनदम४
कक प४कर पसवर कदश४ सपनदर बन ज४तश हह।
अचयपव४रशमनन शबद क४ पयकग इसकलए ककय४ गय४ हह कयतकक भगव४ननन रडहशचयरपसणर --धन, बल, यश,
ज४न, सलनदयर तथ४ तय४ग सद पसणर हह, वद कभश भश अपनद कनजश ऐशवयर सद कवलग नहथ हकतद। बह-सरकहत४
(५.३९) मम ठशक हश कह४ गय४ हह-- र४म४कदमसकतरणप कल४कनयमदन कवषननन-- भगव४ननन अपनद स४रद अरशत-यथ४
र४म, नककसरह, वर४ह आकद कद सकहत सदहव कसथत हकतद हह। इसशकलए यह४ह पर अचयपतमनन शबद क४ कवशदर
रप सद पयकग हह आ हह। इससद ससकचत हकत४ हह कक भगव४ननन सदहव अपनद अरशत तथ४ ऐशवयर कद स४थ
उपकसथत रहतद हह। तब यकगशजन कजस रप मम उनक४ कक कतम ढरग सद कचनतन करतद हह उसकक आवशयकत४
नहथ रह ज४तश। धय४न४वकसथत-तदतदन मनस४ पशयकनत यर यककगन: ( भ४गवत १२.१३.१)। यकगशजन
अपनद मन कद भशतर परम पपरर क४ धय४न करतद हह। ककनतप भक कद कलए भगव४ननन उपकसथत रहतद हह--
उनकक उपकसथकत कक प४म४कणक गपर द४र४ दशक४ कद म४धयम सद ज४गकत ककयद ज४नद कक हश आवशयकत४
पडतश हह। भगव४ननन कक ददवकक कद गभर कद भशतर रहनद कक आवशयकत४ नहथ थश कयतकक ददवकक कद हदय
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मम उनकक उपकसथकत हश उनकक ध४रण करनद कद कलए पय४रप थश। यह४ह पर यह सकचनद कद कलए मन४ ककय४
गय४ हह कक वसपददव द४र४ ददवकक कद गभर सद कक षण उतपन ककयद गयद और वद उनहम अपनद गभर मम ध४रण ककयद
रहथ।
कमलन थ४।
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स४ ददवकक सवरजगकनव४स-
स४ ददवकक--वह ददवकक ददवश; सवर-जगतनन-कनव४स--स४रद बह४णड कक ध४रण करनद व४लद भगव४ननन क४ ( मतसथ४कन सवरभसत४कन );
कनव४स-भसत४--ददवकक कक कप कक अब कनव४स बनश हह ई हह; कनतर४मनन--कवसत४र सद; न--नहथ; रदजद-- पक४शम४न हक उठ४; भकजदनद-
गदहद-- करस कद घर कक चह४रदशव४रश कद भशतर; अकग-कशख४ इब--आग कक लपटत कद सम४न; रद४--ढकक हह ई; सरसवतश--
कवद४; ज४न-खलद--ज४न-खल न४मक वयकक मम, ऐसद वयकक मम जक ज४न हकनद पर भश उसकक कवतररत नहथ करत४; यथ४--कजस
तरह; सतश--हककर भश।.
तब ददवकक नद समसत क४रणत कद क४रण, समग बह४णड कद आध४र भगव४ननन कक अपनद भशतर
रख४ ककनतप करस कद घर कद भशतर बनदश हकनद सद वद ककसश प४त कक दशव४लत सद ढकक हह ई अकग कक
लपटत कक तरह य४ उस वयकक कक तरह थथ जक अपनद ज४न कक जनसमपद४य कद ल४भ हदतप कवतररत
नहथ करत४।
त४तपयर : इस शलकक मम ज४ग-खल शबद अतयनत महतवपसणर हह। ज४न तक कवतरण कद कलए हकत४ हह।
यदकप पहलद सद हश पय४रप ज४न हह ककनतप जब भश कवज४कनयत य४ द४शरकनकत कक ककई नय४ ज४न ससझत४ हह ,
तक वद उसद कवशवभर मम कवतररत कर ददन४ च४हतद हह अनयथ४ वह ज४न कमश: ससख ज४त४ हह और उससद
ककई भश वयकक ल४भ नहथ उठ४ प४त४। भ४रत कद प४स भगवदशत४ क४ ज४न हह ककनतप दपभ४रगयवश ककसश न
ककसश क४रणवश इस कदवय भगवदज४न क४ कवशवभर मम कवतरण नहथ हक प४य४ यदकप यह स४रद म४नव
सम४ज कद कनकमत हह। इसशकलए कक षण सवयर शश चहतनय मह४पभप कद रप मम पकट हह ए और उनहतनद स४रद
भ४रतशयत कक आददश कदय४ कक वद भगवदशत४ कद ज४न क४ स४रद कवशव मम कवतरण करनद क४ भ४र अपनद
ह४थ मम लम।
“ भगवदशत४ तथ४ शशमद४गवत मम कदयद गयद भगव४ननन शशकक षण कद आददशत क४ प४लन करनद कद
कलए हर एक कक उपददश दक। इस तरह आधय४कतमक गपर बनकर इस ददश कद हर वयकक कक मपक करनद
क४ पय४स करक।'” ( चदतनयचररत४मकत मधय ७.१२८) यदकप भ४रत कद प४स भगवदशत४ क४ कदवय ज४न हह
ककनतप भ४रतशयत नद इसद कवतररत करनद क४ अपन४ कतरवय नहथ कनभ४य४। इसशकलए अब इस ज४न कक
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यथ४रप मम कबन४ ककसश कवक४र कद कवतररत करनद कद कलए कक षणभ४वन४मकत आनदकलन कक सथ४पन४ कक
गई हह। यदकप इससद पसवर भश भगवदशत४ कद ज४न क४ कवतरण करनद कद पय४स हह ए हह ककनतप इन पय४सत
मम कवकक कत तथ४ सरस४रश ज४न सद समझलत४ ककय४ ज४त४ रह४ हह। लदककन अब कक षणभ४वन४मकत आनदकलन
भगवदशत४ यथ४रप क४ कवतरण कर रह४ हह और लकग इस ज४न क४ ल४भ उठ४कर कक षणभ४वन४मकत कक
ओर जग रहद हह और कक षण कद भक बन रहद हह। इस तरह ज४न कद समपकचत कवतरण कद शपभ४रमभ सद न
कद वल स४र४ कवशव ल४भ४कनवत हकग४ अकपतप म४नव सम४ज मम भ४रत कक कककतर बढदगश। कर स नद
कक षणभ४वन४मकत कक अपनद घर कद भशतर ( भकजदनदहद ) बनदश बन४नद क४ पय४स ककय४ कजसक४ पररण४म
यह हह आ कक वह अपनद स४रद ऐशवयर समदत नष हक गय४। इसश तरह दपर४गहश भ४रतशय नदत४ओर द४र४
भगवदशत४ कद असलश ज४न क४ गल४ घतट४ ज४ रह४ थ४ और पररण४मसवरप भ४रतशय सरसकक कत तथ४
भगवदज४न नष हक रह४ थ४। ककनतप अब कक षणभ४वन४मकत कद पस४र कद स४थ हश भगवदशत४ क४ सहश
त४मननस--उस ददवकक कक; वशकय--ददखकर; करस:--उसकद भ४ई करस नद; पभय४--उसकद सलनदयर और पभ४व कद बढनद सद; अकजत-
अनतर४मस--अकजत य४ भगव४ननन कवषणप कक अपनद भशतर रखनद कद क४रण; कवरकचयनतशमनन-पक४कशत करतश हह ई; भवनमननस-घर कद
समसचद व४त४वरण कक; शपकच-कसमत४मनन-हहसतश हह ई तथ४ तदजसवश; आह--अपनद आप कह४; एर: --यह ( परम पपरर ); मद--मदर४;
प४ण-हर:--मदरश ज४न लदनदव४लद; हरर: -- भगव४ननन कवषणप नद; गपह४मनन--ददवकक कद गभर मम; धपवमनन--कनकशचत रप सद; कशत:--शरण
लश हह; यतनन--कयतकक; न--नहथ थश; पपर४--पहलद; इयमनन--ददवकक; ईहशश--इस तरह ।.
गभर मम भगव४ननन कद हकनद सद ददवकक कजस सथ४न मम बनदश थथ वह४ह कद स४रद व४त४वरण कक वद
आलकककत करनद लगथ। उसद पसन, शपद तथ४ हहसमपख ददखकर करस नद सकच४, “इसकद भशतर
कसथत भगव४ननन कवषणप अब मदर४ बध करमगद। इसकद पसवर ददवकक कभश भश इतनश तदजव४न तथ४ पसन
नहथ कदखश।''
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'ककमद तकसमनकरणशयम४शप मद
यदथरतनतक न कवहकनत कवकममनन ।
कसय४: सवसपगपररमतय४ वधक5 यर
यश: कशयर हनतयनपक४लम४यप: ॥ २१॥
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ककमनन-कय४; अद--अब तपरनत; तकसमनननस--इस कसथकत मम; करणशयमनन--करनद यकगय; आशप--कबन४ कबलमब ककयद; मद--मदर४
कतरवय; यतनन--कयतकक; अथर-तनत:-- भगव४ननन, जक स४धपओर कक रक४ करनद तथ४ अस४धपओर क४ वध करनद कद कलए कक तसरकलप हह;
न--नहथ; कवहकनत--तय४गतद हह; कवकममनन--अपनद पर४कम कक; कसय४: --सश क४; सवसप:--बहन क४; गपर-मतय४:--कवशदररप
सद जब वह गभरवतश हह; वध: अयमस--वध; यश:--यश; कथयमनन--ऐशवयर; हकनत--नष हक ज४एग४; अनपक४लमस-- हमदश४ कद कलए;
आयप:--तथ४ उम |.
करस नद सकच४: अब मपझद कय४ करन४ च४कहए? अपन४ लकय ज४ननद व४लद भगव४ननन
( पररत४ण४य स४धसन४र कवन४श४य च दपषकक त४मनन ) अपन४ पर४कम तय४गनद व४लद नहथ हह। ददवकक सश
हह, वह मदरश बहन हह और गभरवतश भश हह। यकद मह उसद म४र ड४लसह तक मदरद यश, ऐशवयर तथ४ आयप
कनकशचत रप सद नष हक ज४एहग।द
त४तपयर : वहकदक कनयमत कद अनपस४र ककसश सश, ब४हण, वकद, कशशप तथ४ ग४य क४ कभश भश वध
नहथ ककय४ ज४न४ च४कहए। ऐस४ लगत४ हह कक भगव४ननन क४ परम शतप हकतद हह ए भश करस वहकदक सरसकक कत सद
अवगत थ४ और इस तथय कद पकत ज४गरक थ४ कक आतम४ एक शरशर सद दससरद मम ददह४नतर करत४ हह और
मनपषय इस जशवन कद कमर कद अनपस४र अगलद जशवन मम कष भकगत४ हह। इसकलए वह ददवकक क४ वध
करनद सद डर रह४ थ४ कयतकक वह सश थश, कफर उसकक बहन थश और कतस पर वह गभरवतश थश। ककतय
वशरत४पसणर क४यर करकद कवखय४त हकत४ हह। ककनतप ऐसश सश कक म४रनद मम कलन सश बह४दपरश हकगश जक
उसकक शरण मम थश? इसकलए वह ददवकक क४ वध करनद क४ जघनय क४यर नहथ करन४ च४हत४ थ४। कर स
क४ शतप तक ददवकक कद गभर कद भशतर थ४ ककनतप शतप क४ ऐसश अज४न कक कसथकत मम वध करन४ बह४दपरश
नहथ हकगश। ककतय कनयमत कद अनपस४र शतप सद आमनद-स४मनद तथ४ उकचत हकथय४रत कद स४थ यपद करन४
च४कहए। और यकद शतप म४र४ ज४त४ हह, तक जशतनद व४ल४ कवखय४त बनत४ हह। करस नद इन ब४तत पर बडद
कववदक सद तकर-कवतकर ककय४ और यह पसरश तरह ज४नतद हह ए भश कक ददवकक कद गभर मम उसक४ शतप पकट
स एर जशवनखलप समपरदतक
वतरत यकउतयनतनकशकर सतदन ।
ददहद मकतद तर मनपज४: शपकनत
गनत४ तमकडनधर तनपम४कननक शपवमनन ॥ २२॥
सद--वह; एर:--वह ईषय४रलप वयकक; जशवनननस--जशकवत रहतद हह ए; खलप-- भश; समपरदतद--मकत हह; वतरत--जशकवत रह रह४ हह;
यद--जक; अतयनत--अतयकधक ; नकशकर सतदन--कस र कमर द४र४; ददहद--शरशर हकनद पर; मकतद--सम४प हक ज४त४ हह; तमनन--उसकक;
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मनपज४:--स४रद मनपषय; शपकनत--कननननद४ करतद हह; गनत४--ज४एग४; तम: अनधमनन--न४रककय जशवन कक; तनप-म४कनन:--ददह४तमबकध
व४लद वयकक कद ; धपवमनन--ककई सनददह नहथ +
अतयकधक कस र वयकक कक जशकवत रहतद हह ए भश मकत म४न४ ज४त४ हह कयतकक उसकद जशकवत रहतद
हह ए य४ उसकक मकतयप कद ब४द भश हर ककई उसकक कननद४ करत४ हह। ददह४तमबपकदव४ल४ वयकक मकतयप कद
ब४द भश अनधतम नरक कक भदज४ ज४त४ हह, इसमम ककई सनददह नहथ।
त४तपयर : करस नद कवच४र ककय४ कक यकद वह अपनश बहन कक म४रत४ हह, तक जब तक वह जशकवत
रहदग४ तब तक लकग उसकक कननद४ करमगद और मकतयप कद ब४द उसद अपनश इस कस रत४ कद कलए अनधतम
नरक मम ज४न४ पडदग४। कह४ गय४ हह कक कस४ई जहसद कस र वयकक कक सल४ह दश ज४तश हह कक वह न तक
कजयद और न हश मरद। जशकवत अवसथ४ मम ऐस४ कस र वयकक अपनद अगलद जशवन कद कलए न४रककय कसथकत
उतपन करत४ हह अतएवर उसद जशकवत नहथ रहन४ च४कहए। ककनतप उसद मरनद कक भश सल४ह नहथ दश ज४तश
कयतकक मकतयप कद ब४द उसद अनधतम नरक मम ज४न४ पडदग४। इस तरह वह दकनत तरह सद कननदनशय हह।
इसशकलए आतम४ कद ददह४नतरण क४ ज४न हकनद कद क४रण करस नद ज४नबसझ कर ददवकक क४ वध करनद सद
अपनद कक रकक४।
इस शलकक मम गनत४ तमक5 नधर तनपम४कननत धपव शबद अतयनत महतवपसणर हह और उनकक कवसतकत
ज४नक४रश आवशयक हह। शशल जशव गकसव४मश नद वहषणव ककरणश टशक४ मम कह४ हह --तत तनपम४कननद
प४कपन इकत ददह४तम४बपदधयहव पप४कभकनवदशक भव४कत। जक वयकक यह सकचतद हहए कक ““मह यह शरशर हह ह!
ददह४तमबकध मम जशत४ हह, वह अपनद कक इस कवच४र म४त कद आध४र पर प४पमय कक तयत मम ड४लत४ हह। इस
कवच४र कद अनतगरत जशनद व४ल४ ककई भश वयकक नरक क४ भ४गश समझ४ ज४न४ च४कहयद।
अद४नवगककभकवरशत४र तकमनड
पपन: पपनशचकवरतचवरण४न४मनन
( भ४गवत ७.५.३०)
ददह४तमबपकद व४ल४ वय४कक अपनश इकनदयतककषत पर अरकपश नहथ लग४ प४त४। ऐस४ वयकक ख४नद, पशनद,
आननद मन४नद तथ४ इकनदयतककप कद कलए कप छ भश कर सकत४ हह। उसद इसक४ ज४न नहथ रहत४ कक आतम४
क४ ददह४नतरण एक शरशर सद दससरद मम हकत४ हह। ऐस४ वयकक जक च४हत४ हह, जक सकचत४ हह, वहश करत४ हह,
कजसकद क४रण पकक कत कद कनयमत कद अनपस४र वह कवकभन भलकतक शरशरत मम घकर कष भकगत४ हह।
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असतनकप कद शद आस ददह: ।
यदकत शरशर कणभरगपर हह यह अनदक पक४र सद कष कदय४ करत४ हह ककनतप दपभ४रगयवशय म४नव सभयत४
तबपम४नश अथ४रतनन ददह४तमबपकद पर आकशत हह, कजसमम मनपषय सकचत४ हह, “मह अमपक र४षड सद समबद हह ह, मह
इस समपद४य क४ हह ह, उस समपद४य क४ हह ! ह इतय४कद इतय४कद। हममम सद हर एक कद अपनद अपनद कवच४र हह
और हम वयककगत, स४म४कजक, ज४कतगत तथ४ र४षडगत रप सद कम४रनपबनध कक प४पमयश जकटलत४ओर मम
बहधतद ज४ रहद हह। शरशर कद कनव४रह हदतप लकग अनय शरशरत क४ वध करतद हह और कम४रनपबनध मम फह सतद
ज४तद हह। इसशकलए शशल जशव गकसव४मश कहतद हह कक तनपम४नश प४पश हकतद हह। ऐसद प४कपयत क४ अकनतम
गनतवय अनधतम नरक हकत४ हह ( गनत४ तमक5 नधमनन ) | कवशदरतय४, जक वयकक पशपओर कक म४र कर अपन४
शरशर प४लन४ च४हत४ हह, वह सबसद बड४ प४पश हह और वह आधय४कतमक जशवन कद महतव कक नहथ समझ
सकत४। भगवदशत४ (१६.१९-२०) मम भगव४ननन कहतद हह--
“जक लकग ईर४रलप तथ४ ऊतप४तश हह, जक पपररत मम अधम हह उनहम मह इस भवस४गर मम कवकभन आसपरश
यककनयत मम ड४ल ददत४ हह ह। ऐसद वयकक आसपरश जशवन कक यककनयत मम ब४रमब४र जनम गहण करतद हह ए मदरद
प४स कभश नहथ पहह चह प४तद। ऐसद लकग कमश: अतयनत कननदनशय कसथकत मम नशचद चलद ज४तद हह।'' यह
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म४नव जशवन एक वरद४न हह, जक अनदक४नदक जनमत कद ब४द कमल४ हह, कजसकद मसलय कक मनपषय कक
समझन४ च४कहए। अत: मनपषय कक तनपम४नश अथ४रतनन ददह४तमबपकद सद मपक हककर भगव४ननन क४ स४क४तक४र
करन४ च४कहए।
इकत--इस तरह उपयपरक कवकध सद सकचतद हह ए; घकर-तम४तनन भ४व४तनन-- अपनश बहन कक ककस तरह म४रद इस अतयनत जधनय कवच४र सद;
सकनवकत:--कवलग रहकर; सवयमनन--सवयर कवच४र करकद ; पभप: --पसणरज४न मम ( करस ); आसतद--रहत४ रह४; पतशकनन न स--उस कण
कक पतशक४ करतद हहए; ततनन-जनम--उसक४ जनम हकनद तक; हरद:--भगव४ननन हरर कद ; वहर-अनपबनध-कक तनन--ऐस४ बहर चल४तद रहनद कद
कलए दढ ।.
शपकददव गकसव४मश नद कह४ : इस तरह तकर-कवतकर करतद हह ए करस यदकप भगव४ननन कद पकत
शतपत४ बन४यद रखनद कद कलए हढ थ४ ककनतप अपनश बहन क४ जघनय वध करनद सद कतर४त४ रह४।
उसनद भगव४ननन कद जनम लदनद तक पतशक४ करनद और तब जक आवशयक हक, करनद क४ कनशचय
ककय४।
आसशनद--कमरद य४ कसरह४सन पर आर४म सद बहठद हह ए; सरकवशननन--अथव४ अपनद कबसतर पर लदटद हह ए; कतषनस--य४ अनयत ठहरद हह ए;
भपझन४न:--ख४तद; पयरटनननस-घसमतद; महशमनन--पकथवश पर, इधर-उधर ज४तद हह ए; कचनतय४न: --सदहव शतप-भ४व सद कचनतन करतद;
हरशकद शमनन-सबत कद कनयनत४ भगव४ननन कक; अपशयतनन--ददख४; ततनन-मयमनन--उससद ( कक षण सद ) हश यपक; जगतनन--स४र४ सरस४र।.
कसरह४सन पर अथव४ अपनद कमरद मम बहठद, कबसतर पर लदटद य४ कहथ भश रहतद हह ए, ख४तद, सकतद
य४ घसमतद हह ए करस कद वल अपनद शतप भगव४ननन हरशकद श कक हश ददखत४ थ४। दससरद शबदत मम, अपनद
सवरवय४पक शतप क४ कचनतन करतद करतद करस पकतकस ल भ४व सद कक षणभ४वन४भ४कवत हक गय४ थ४।
त४तपयर : शशल रप गकसव४मश नद भकक कद सवरतम पक४र कक आजपकसलयदन कक षण४नपशशलनमनन कह४ हह।
कनससनददह करस भश कक षणभ४वन४भ४कवत थ४ ककनतप वह कक षण कक शतप म४नत४ थ४। अत: कक षणभ४वन४मकत मम
कनमग रहतद हह ए भश उसक४ कक षणभ४वन४मकत उसकद जशवन कद अनपकसल न थ४। यकद कक षणभ४वन४मकत क४
अनपकसल अनपशशलन ककय४ ज४य तक मनपषय इतन४ सपखश हक सकत४ हह कक कक षणभ४वन४भ४कवत वयकक कक
कद वलयसपखर अथ४रतनन कक षण मम त४द४तमय भश ककई बहह त बड४ ल४भ नहथ लगत४। कह वलयमर नरक४यतद।
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यदकप करस हरर कद कवच४रत मम सदहव डस ब४ रहत४ थ४ ककनतप वह सपखश नहथ थ४। पर भक च४हद
कसरह४सन४रढ हक य४ वकक कद नशचद बहठ४ हक, सदहव सपखश रहत४ हह। शशल रप गकसव४मश नद वकक कद नशचद
बहठनद कद कलए सरक४र कद मरतशपद सद तय४गपत दद कदय४ थ४; कफर भश वद सपखश थद। तयकतव४
बसणरपपशदरमणडलपकवशदणथ सद४ दपचछवतनन ( रडगकसव४मयटक ४)। उनहतनद मरतश कद सपखद४यक पद कक
परव४ह नहथ कक। वद वकनद४वन मम एक वकक कद नशचद हश भगव४ननन कक अनपकसल सदव४ करतद हह ए सपखश थद।
श४
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एक भक तथ४ अभक मम यहश अनतर हह। अभक कद कलए सरस४र समसय४ओर सद पसणर हह जब कक भक कद
कलए स४र४ जगत सपखमय हह।
( चहतनयचद४यपत ९५)
बह४--चतपमपरख सवरच ददवत४; भव: च--तथ४ कशवजश; तत--वह४ह; एतय--आकर; मपकनकभ:--मपकनयत; न४रद-आकदकभ: --
न४रद इतय४कद कद स४थ; ददवह: --तथ४ इनद, चनद, वरण इतय४कद ददवत४ओर कद स४थ; स-अनपचरह:--अपनद अपनद अनपय४कययत कद
स४थ; स४कमनन--स४थ; गशकभर: --अपनश सतपकतयत सद; वकरणमनन--ककसश कक भश वर ददनद व४लद भगव४ननन; ऐडयननन--पसन ककय४।.
बह४जश तथ४ कशवजश, न४रद, ददवल तथ४ वय४स जहसद मह४मपकनयत एवर इनद, चनद तथ४ वरण
जहसद ददवत४ओर कद स४थ अदशय रप मम ददवकक कद कक मम पहह चह द जह४ह सबत नद कमलकर वरद४यक
भगव४ननन कक पसन करनद कद कलए स४दर सतपकतय४ह ककर।
त४तपयर : दश धकव-सयर लककद उकसमननन दहव आसपर एवर च ( पदपपर४ण ) | मनपषय दक पक४र कद हकतद
हह-- दहव तथ४ असपर--और इन दकनत मम बड४ भ४रश अनतर हह। असपर हकनद कद क४रण करस लग४त४र
भगव४ननन य४ उनकक म४त४ ददवकक कक म४र ड४लनद कद कलए तरह तरह कक यकजन४एह बन४त४ रहत४ थ४। इस
तरह वह भश कक षणभ४वन४भ४कवत थ४। ककनतप भकगण अनपकसल रप सद कक षणभ४वन४भ४कवत हकतद हह ( कवषणप
भक: समकतत दहवद) । बह४जश इतनद शककश४लश हह कक उनहम समपसणर बह४णड कद सकजन क४ क४यर कदय४ गय४
हह कफर भश वद भगव४ननन क४ सव४गत करनद सवरय आयद। भव अथ४रतनन कशवजश भगव४ननन कद न४म क४ ककतरन
करकद सद४ हकररत हकतद हह। और न४रद क४ तक कहन४ हश कय४? न४रदयपकन, ब४ज४ब वशण४, र४कधक४-रमण-
न४सद । न४रदमपकन सदहव भगव४ननन क४ गपणग४न करतद रहतद हह और उनक४ क४यर हह पसरद कवशव क४ भमण करकद
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सन४तन गकसव४मश नद तकरणश टशक४ मम कलख४ हह कक न४रद-आकदशकभ: शबद क४ अथर हह कक न४रद तथ४
ददवत४ओर कद स४थ सनक तथ४ सन४तन मपकन भश थद और वद सभश अपनश बध४ई ददनद तथ४ भगव४ननन क४
सव४गत करनद आयद थद। यदकप करस ददवकक कक म४रनद कक यकजन४ बन४ रह४ थ४ ककनतप वह भश भगव४ननन कद
सतय-बतमनन--भगव४ननन जक अपनद बत सद कभश कवचकलत नहथ हकतद; * सतय-परमनन--परम सतय ( जहस४कक शशमद४गवत कद प४रमभ
मम कह४ गय४ हह, सतयर परर धशमकह ); कत-सतयमननस--वद इस जगत कक सककष, प४लन तथ४ इसकद सरह४र कद ब४द भश परम सतय कद रप मम
कवदम४न रहतद हह; सतयसय--परम सतय कक षण सद उदसत स४रद सतयत कद ; यककनमस--क४रण; कनकहतमनन--पकवष; **च--तथ४;
सतयद--इस जगत कक उतपन करनद व४लद क४रणत ( परचततवत-कककत, जल, प४वक, गगन, समशर ); सतयसय--सतय म४नद ज४नद व४लद
क४; सतयमनन-भगव४ननन जक आकद सतय हह; ऋत-सतय-नदतमननस--अचछद लगनद व४लद सतय कद उदम ( सपनदतमनन ); सतय-आतमकमनन--
भगव४ननन सद समबद हर वसतप सतय हह ( सकचद४ननद ) ( उनक४ शरशर सतय हह, उनक४ ज४न सतय हह और उनक४ आननद सतय हह );
तव४मस-- तपमह४रश, हद भगव४ननन; शरणमनन--शरण मम; पपन४:-- आपकद सररकण मम हम सभश |.
ददवत४ओर नद प४थरन४ कक; हद पभक, आप अपनद वत सद कभश भश कवचकलत नहथ हकतद जक सद४ हश
पसणर रहत४ हह कयतकक आप जक भश कनणरय लदतद हह वह पसरश तरह सहश हकत४ हह और ककसश कद द४र४
रकक४ नहथ ज४ सकत४। सककष, प४लन तथ४ सरह४र--जगत कक इन तशन अवसथ४ओर मम वतरम४न रहनद
सद आप परम सतय हह। ककई तब तक आपकक कक प४ क४ भ४जन नहथ बन सकत४ जब तक वह पसरश
तरह आज४क४रश न हक अतद इसद कदख४वटश लकग प४प नहथ कर सकतद। आप सककष कद स४रद
अवयवत मम असलश सतय हह इसशकलए आप अनतय४रमश कहल४तद हह। आप सबत पर समभ४व रखतद हह
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और आपकद आददश पतयदक क४ल मम हर एक पर ल४गस हकतद हह। आप आकद सतय हह अतद हम
नमसक४र करतद हह और आपकक शरण मम आए हह। आप हम४रश रक४ करम।
त४तपयर : ददवत४ य४ भकगण भलशभ४हकत ज४नतद हह कक च४हद यह भलकतक जगत हक य४ वहकप णठलकक,
असलश वसतप तक भगव४ननन हश हह। इसशकलए शशमद४गवत क४ आरमभ ३४ नमक भगवतद व४सपददव४य ...
सतयर परर धशमकह सद हकत४ हह। व४सपददव कक षण हश परर सतय हह। परम सतय तक परम कवकध द४र४ हश पहहचह ४
ज४ सकत४ हह जहस४ कक परम सतय नद घककरत ककय४ हह--भकननतय४म४मकभज४न४कत य४व४ननन यशव४कसम ततवतद
(भगवदननगशत४ १८.५५) | परम सतय कक समझनद क४ एकम४त ढरग हह भकक। इसशकलए ददवत४गण अपनश
रक४ कद कलए परम सतय कक हश शरण मम आतद हह स४पदक सतय कक नहथ। ऐसद अनदक लकग हह, जक
ददवत४ओर कक पसज४ करतद हह ककनतप परम सतय कक षण नद भगवदशत४ (७.२३) मम कह४ हह-- अनतवतनप फल
तदर४र तदवतयलपमदधस४मनन--अलपज लकग ददवत४ओर कक पसज४ करतद हह और उनकद फल सशकमत तथ४
ककणक हकतद हह। ददवत४ओर कक पसज४ सशकमत समय कद कलए ल४भद४यक हक सकतश हह ककनतप पररण४म
न४शव४न हकत४ हह। यह सरस४र नशवर हह और ददवत४ भश नशवर हह | ददवत४ओर सद प४प हकनद व४लद वर भश नशवर
हकतद हह जब कक जशव श४शवत हह ( कनतयककनतय४न४मनन चदतनशवदतवव४न४मनन )। इसकलए हर जशव कक नशवर सपख
नहथ अकपतप श४शवत सपख कक खकज करनश च४कहए सतयर परर धशयकह ससकचत करत४ हह कक मनपषय कक सतय
कक खकज करनश च४कहए स४पदक सतय कक नहथ।
भगव४ननन नककसरहददव कक प४थरन४ करतद हह ए पह४द मह४र४ज नद कह४ थ४--
ब४लसय नदह शरण कपतरत नककसरह
न४तरसय च४गदयपदनवकत मजतक नक: ।
स४म४नयतय४ यह समझ४ ज४त४ हह कक बचद कद रकक उसकद म४त४-कपत४ हकतद हह ककनतप यह यथ४थर
नहथ हह। असलश रकक तक पसणर पपररकतम भगव४ननन हह।
तपसय ततपकतकवकधयर इह४जसदएटन सनन
व४वकदभक तनपभनव४र तवदपपदककत४न४मनन।
( भ४गवत ७.९.१९)
यकद ककसश ब४लक कक उपदक४ भगव४ननन द४र४ हकतश हह, वह अपनद म४त४कपत४ कद हकतद हह ए भश कष
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भकगत४ हह। इसश तरह रकगश वयकक स४रश कचककतस४ हकनद पर भश मर ज४त४ हह। इस भलकतक सरस४र मम , जह४ह
जशवन-सरघरर चल रह४ हह, लकगत नद रक४ कद अनदक स४धन ढस हढ कनक४लद हह ककनतप यकद भगव४ननन इनक४
कतरसक४र कर ददतद हह, तक यद वयथर हक ज४तद हह। इसकलए ददवत४ओर नद ज४नबसझ कर कह४-- सतय४तमकर तव४र
शरण पपन४:--हद पभप! आप हश असलश रक४ कर सकतद हह अतएव हम आपकक शरण गहण करतद हह।
भगव४ननन च४हतद हह कक लकग उनकक शरण मम आएह ( सवरधम४रननन पररतयजय म४मदकर शरणर बज ) और
वद आगद कहतद हह--
अभवरसवरद४तसमहदद४मयदतदवतर मम ॥
“यकद ककई कनष४पसवरक यह कहकर मदरश शरण मम आत४ हह कक 'हद पभक! आज सद मह आपकक शरण
मम हह !
ह तक मह उसद सदहव सपरक४ पद४न करत४ हह ।ह यह मदर४ वत हह।'” ( र४म४यण यपद क४णड १८.३३)।
ददवत४ओर नद भगव४ननन कक सतपकत कक कयतकक करस तथ४ उसकद सहयककगयत द४र४ सत४यद गयद स४रद भकत कक
रक४ करनद कद कलए भगव४ननन अपनश भक ददवकक कद गभर मम अब पकट हक चपकद थद। इस तरह भगव४ननन
सतयवत कक भसकमक४ अद४ करतद हह। भगव४ननन द४र४ कक ज४नद व४लश रक४ कक तपलन४ ददवत४ओर द४र४ दश ज४नद
व४लश रक४ सद नहथ कक ज४ सकतश। कह४ ज४त४ हह कक र४वण कशवजश क४ मह४ननन भक थ४ ककनतप जब
भगव४ननन र४मचनद जश उसद म४रनद गयद तक कशवजश उसद सपरक४ पद४न नहथ कर सकद ।
बह४जश तथ४ कशव, न४रद जहसद मह४ननन ऋकरयत तथ४ अनदक अनय ददवत४ओर कद स४थ करस कद घर मम
अदशय हककर आयद। वद भगव४ननन कक सतपकत ऐसद चपनद हह ए शलककत सद करनद लगद जक भकत कक कपय हह और
इचछ४ओर कक पसर४ करनद व४लद हकतद हह। प४रकमभक शबदत मम उनहतनद कह४ हह कक भगव४ननन अपनद वत कद पकद
हह। जहस४कक भगवदशव४ मम कह४ गय४ हह, कक षण पपणय४तम४ओर कक रक४ करनद तथ४ अधकमरयत क४ कवन४श
करनद कद कलए हश इस भलकतक सरस४र मम अवतररत हकतद हह। यहश उनक४ बत हह। ददवत४ समझ गयद थद कक
भगव४ननन अपनद इस बत कक पसर४ करनद कद कलए हश ददवकक कद गभर मम व४स कर चपकद हह। वद परम पसन थद
कक भगव४ननन अपन४ धयदय पसर४ करनद कद कलए पकट हक रहद हह और उनहतनद उनहम सतयर परमनन कह कर
समबककधत ककय४।
हर वयकक सतय कक खकज मम रहत४ हह। यहश जशवन कक द४शरकनक शहलश हह। ददवत४ यह ज४नक४रश ददतद
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हह कक परम सतय कक षण हह । जक पसणरतय४ कक षणभ४वन४भ४कवत हह, वह परम सतय कक प४प कर सकत४ हह।
कक षण परम सतय हह। स४पदक सतय क४ल कक तशनत अवसथ४ओर मम सतय नहथ हह। क४ल कक भसत , वतरम४न
तथ४ भकवषय मम कवभ४कजत ककय४ ज४त४ हह। कक षण भसत, वतरम४न तथ४ भकवषय सबत मम सतय हह। भलकतक
जगत मम हर वसतप क४ कनयरतण परम क४ल द४र४ भसत, वतरम४न तथ४ भकवषय कद रप मम हकत४ हह। सककष कद
पहलद भश कक षण कवदम४न थद और सककष कक रचन४ हक ज४नद पर हर वसतप कक षण पर कटकक हह और इस सककष
कद नष हकनद पर कक षण बनद रहमगद। अत: वद समसत पररकसथकतयत मम परम सतय हह। यकद इस जगत मम ककई
सतय हह, तक वह परम सतय कक षण सद उदसत हह। यकद इस जगत मम ककई ऐशवयर हह, तक उस ऐशवयर क४
क४रण कक षण हह। यकद इस जगत मम ककई यश हह, तक उसकद क४रणसवरप कक षण हह। यकद इस जगत मम
ककई पर४कम हह, तक उसक४ क४रण कक षण हह। यकद इस जगत मम ककई बपकद तथ४ कवद४ हह, तक उसक४
क४रण कक षण हह। अत: कक षण समसत स४पदक सतयत कद उदम हह।
इसशकलए भकगण बह४जश क४ अनपसरण करतद हह ए प४थरन४ करतद हह-- गरककवनदम४कदपपरर तमहर
भज४कम--कक हम आकद पपरर परम सतय गककवनद कक पसज४ करतद हह। सवरत स४रद क४यर ज४न-बल-ककय४
इन तशन कसद४नतत कद रप मम समपन हकतद हह। यकद हर कदत मम पसणर ज४न, पसणर बल तथ४ पसणर ककय४ नहथ
हकतश तक ककई पय४स कभश सफल नहथ हकत४। अत: यकद ककई वयकक हर क४म मम सफलत४ च४हत४ हह
उसद इन तशन कसद४नतत क४ आध४र कमलन४ च४कहए। वददत मम ( शरदत४शतर उपकनरद ६.८ ) भगव४ननन
समबनधश कनमनकलकखत कथन प४य४ ज४त४ हह--
सव४भ४कवकक ज४नबलककय४ च॥
भगव४ननन कक सवयर कप छ भश करनद कक आवशयकत४ नहथ पडतश कयतकक उनकद प४स ऐसश शककय४ह हह
कक वद जक भश करव४न४ च४हतद हह वह भलकतक पकक कत कद कनयरतण द४र४ भलशभ४हकत समपन हक ज४त४ हह
( सव४भ४कवकक ज४नबलककय४ च )। इसश तरह जक लकग भगव४ननन कक सदव४ मम लगद हह वद जशवन-सरघरर
करनद कद कनकमत नहथ हकतद। इस समय कक षणभ४वन४मकत आनदकलन क४ पस४र करनद मम जक दस हज४र सद
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भश अकधक नर-न४रश कवशवभर मम लगद हह ए हह उनकद प४स ककई सथ४यश वककत नहथ हह कफर भश हम ददखतद हह
कक व४सतव मम उनक४ प४लन अतयनत ठ४ट-ब४ट सद हकत४ हह। भगवदशत४ (९.२२) मम भगव४ननन कहतद
हह--
“जक लकग भककपसवरक मदरश पसज४ करतद हह और मदरद कदवय रप क४ धय४न धरतद हह उनहम मह वह ददत४ हह ह
जक उनकद प४स नहथ हह तथ४ जक उनकद प४स हह उसकक सपरक४ करत४ हह ।ह '' भकत कक इसकक कचनत४ नहथ
रहतश कक आगद कनय४ हकग४, वद कह४ह ठहरमगद य४ कय४ ख४यमगद कयतकक उनकद कलए वद भगव४ननन हर वसतप
बन४यद रखतद हह और पसकतर करतद हह कजनहतनद वचन कदय४ हह-- कलनतदय पकतज४नशकह न मद भक: पणशयकत--
हद कप नतशपपत! तस कनभरक हककर घककरत कर दद कक मदर४ भक कभश कवनष नहथ हकत४ हह। ( भगवदशत४
९.३१) इसकलए सभश दकषयत सद, सभश पररकसथकतयत मम यकद ककई पसरश तरह भगव४ननन कक शरण मम चल४
ज४त४ हह, तक कफर उसकद जशवन-सरघरर करनद क४ पशन हश नहथ उठत४। इस समबनध मम शशप४द मधव४च४यर
कक टशक४ स४थरक हह, कजसमम तनत भ४गवत सद उदरण कदयद गयद हह--
शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र सतयसय यककनमनन शबद कक वय४खय४ करतद हह ए कहतद हह कक कक षण
अवव४रश अथ४रतनन स४रद अवत४रत कद उदम हह। स४रद अवत४र परम सतय हह कफर भश भगव४ननन कक षण हश
समसत अवत४रत कद उदम हह। दशप४कचररदव कह दश४नतरमशभयपपदतय दशप४यतद ( बह-सरकहत४ ५.४६ )। म४न
लशकजयद कक अनदक दशपक हह, जक सम४न शककव४लद हह कफर भश पहल४, दससर४, तशसर४ इतय४कद-इतय४कद
दशपक हकतद हह । इसश तरह अवत४र अनदक हह कजनकक तपलन४ दशपकत सद कक ज४तश हह लदककन पहल४ दशपक
आकद भगव४ननन कक षण हह। गककवनदम४कदपपरर तमहर भज४कम।
ददवत४ओर कक पसणर पपररकतम भगव४ननन कक आज४ प४लन करनद कद कलए पसज४ करनश च४कहए ककनतप यह
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तकर ककय४ ज४ सकत४ हह कक भगव४ननन ददवकक कद गभर कद भशतर थद अत: वद भश भलकतक ददह मम पकट हकनद
व४लद थद। तक कफर उनकक पसज४ कनयत कक ज४ए? ककसश स४म४नय जशव तथ४ भगव४ननन मम अनतर कनयत करम ?
इन पशनत क४ उतर अगलद शलककत मम कदय४ गय४ हह।
एक४यनक5 सल कदफलकसमसल-
शवतसरस: पञञकवध: रड४तम४ ।
सपतवगषकवटपक नव४कक
दशचछदश कदखगक ह४कदवकक: ॥ २७॥
एक-अयन:--स४म४नयजशव क४ शरशर भलकतक ततवत पर पसरश तरह आकशत हह; असल--वह; कद-फल:--इस शरशर मम हमम सपख
तथ४ दपख कमलतद रहतद हह, जक कमर सद पकतफकलत हकतद हह; कत-मसल:--तशन जडत व४लश पकक कत कद तशन गपण ( सतक, रजक तथ४
'तमकगपण ) कजनसद शरशर बन४ हह; चतप:-रसद *--च४र रस य४ आसव४द; पशच-कवध:--ज४न प४प करनद कक प४हच इकनदयत ( आहख,
क४न, न४क, जशभ तथ४ सपशर ) सद यपक; रघटन न-आतम४--छद पररकसथकतय४ह ( शकक, मकह, जर४, मकतयप, भसख, पय४स ); सप-तवकन न--
स४त आवरण ( तवच४, रक, पदशश, वस४, अकसथ, मज४ तथ४ वशयर ) व४ल४; अष-कवटपद --आठ श४ख४एह ( प४हच सथसल ततव पकथवश,
जल, अकग, व४यप और आक४श तथ४ मन, बपकद एवर अहरक४र ); नव-अक:--नल दरव४जद; दश-छदश--दस पक४र कक प४ण व४यप
जक वकक कद पतत कद सहश हह; कद-खग:--दक पकश ( आतम४ तथ४ परम४तम४ ); कह--कनससनददह; आकद-वकक:द--यहश आकद वकक य४
शरशर कक बन४वट हह।.
शरशर कक अलरक४ररक रप मम “आकद वकक'' कह४ ज४ सकत४ हह। यह वकक भलकतक पकक कत
कक भसकम पर आकशत हकत४ हह और उसमम दक पक४र कद --सपख भकग कद तथ४ दपख भकग कद --फल
लगतद हह। इसकक तशन जडम तशन गपणत--सतक, रजक तथ४ तमक गपणत कद स४थ इस वकक कद
'क४रणसवरप हह। श४रशररक सपख रपश फलत कद सव४द च४र पक४र कद हकतद हह--धमर, अथर, क४म
तथ४ मकक जक प४हच ज४न इकनदयत द४र४ छद पक४र कक पररकसथकतयत--शकक, मकह, जर४, मकतयप,
भसख तथ४ पय४स कद म४धयम सद अनपभव ककयद ज४तद हह। इस वकक कक छ४ल मम स४त परतम हकतश हह --
तवच४, रक, पदशश, वस४, अकसथ, मज४ तथ४ वशयर । इस वकक कक आठ श४ख४एह हह कजनमम सद प४हच
सथसल ततव तथ४ तशन ससकमततव हह--कककत, जल, प४वक, समशर, गगन, मन, बपकद तथ४
अहरक४र। शरशर रपश वकक मम नल कछद ( ककठर ) हह--आहखम, क४न, नथपनद, मपहह, गपद४ तथ४
जननदकनदय। इसमम दस पकतय४ह हह, जक शरशर सद कनकलनद व४लश दस व४यप हह। इस शरशररपश वकक मम
दक पकश हह--एक आतम४ तथ४ दससर४ परम४तम४।
त४तपयर : यह शरशर प४हच पध४न ततवत--कककत, जल, प४वक, समशर तथ४ गगन--सद बन४ हह। यद स४रद
ततव कक षण सद उदसत हह। यदकप भलकतकत४व४दश कवज४नश इन प४हच मसल ततवत कक भलकतक जगत क४
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क४रण म४नतद हह ककनतप यद ततव सथसल तथ४ ससकम अवसथ४ओर मम कक षण द४र४ हश उतपन हह कजनकक तटसथ४
शकक सद भलकतक जगत मम जशव भश उतपन हकतद हह। भगवदशत४ कद सपम अधय४य मम बतल४य४ गय४ हह
कक समग कवशव कक षण कक दक शककयत-पर४ तथ४ अपर४ शककयत-क४ मदल हह। स४रद जशव पर४ शकक हह
और कनजरव ततव उनकक अपर४ शकक हह। सपरपप अवसथ४ मम हर वसतप कक षण पर कटकक रहतश हह।
* कजस तरह वकक कक जड पकथवश सद जल (रस) खथचतश हह उसश तरह शरशर धमर अथर, क४म तथ४
मकक क४ आसव४दन करत४ हह। यद हश च४र पक४र कद रस हह।
भलकतक कवज४नश शरशर कक भलकतक रचन४ क४ ऐस४ पसणर कवशलदरण पसतपत नहथ कर प४तद। भलकतक
कवज४नश कद वल कनजरव पद४थर क४ कवशलदरण करतद हह ककनतप यह अपय४रप हह कयतकक जशव भलकतक
श४रशररक सररचन४ सद पसणरतय४ कभन हकत४ हह। भगवदशत४ (७.५) मम भगव४ननन कहतद हह--
“इस अपर४ पकक कत कद अकतररक हद मह४ब४हह अजपरन! मदरश एक पर४ पकक कत हह, कजसमम भलकतक
पकक कत सद सरघरर करनद व४लद तथ४ कवशव कक बन४यद रखनद व४लद स४रद जशव प४यद ज४तद हह।”' यदकप स४रद
भलकतक ततव पसणर पपररकतम भगव४ननन कक षण सद उदसत हकतद हह ककनतप वद पकथकन न हह ए ततव हह और जशकवत
ततवत द४र४ ध४रण ककयद ज४तद हह।
कदखयद शबद सद ससकचत हकत४ हह कक शरशर कद भशतर कद जशकवत ततव वकक मम बहठद दक पककयत कद
सम४न हह। ख क४ अथर हह “'आक४श'' तथ४ ' ग' क४ अथर हह, ““गमन करनद व४लद अतद कद-खगद दक
पककयत क४ दकतक हह। इस शरशर रपश वकक मम दक पकश अथ४रतनन दक सजशव ततव हह और वद दकनत सदहव
पकथकन न-पकथकन न हकतद हह। भगवदशत४ (१३.३) मम भगव४ननन कहतद हह- कदतजर च४कप म४र कवकद सवरकदतदर
भ४रत--हद भ४रत! तपम यह भश ज४न लक कक मह स४रद शरशरत क४ ज४त४ भश हह ।ह कदतज अथ४रतनन शरशर क४
सव४मश भश खग अथ४रतनन जशव कहल४त४ हह। शरशर कद भशतर ऐसद दक कदतज हह--आतम४ तथ४ परम४तम४।
आतम४ अपनद शरशर क४ सव४मश हह ककनतप परम४तम४ स४रद जशवत कद शरशरत कद भशतर उपकसथत रहत४ हह।
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श४रशररक सररचन४ क४ ऐस४ समयक कवशलदरण तथ४ ज४न वहकदक स४कहतय कद अकतररक अनयत दपलरभ हह।
जब दक पकश ककसश वकक मम पवदश करतद हह, तक मसखरत४वश ककई यह सकच सकत४ हह कक दकनत पकश
एक हक गयद य४ वकक सद तद४क४र हक गयद ककनतप ऐस४ हकत४ नहथ। पतयपत हर पकश कक अपनश वयकष
(कनजश) पहच४न बनश रहतश हह। इसश तरह आतम४ तथ४ परम४तम४ कभश एक नहथ हकतद, न हश पद४थर सद
उनक४ त४द४तमय हकत४ हह। जशव सदहव पद४थर कद कनकट रहत४ हह ककनतप इसक४ अथर यह नहथ हह कक वह
उससद एक४क४र हक ज४त४ हह ( असरगक हयर पपरर:) यदकप भलकतक कवज४नश जहव तथ४ अजहव य४ जड तथ४
चदतन कक गलतश सद कमल४जपल४ म४नतद हह।
वहकदक ज४न कक बरदश बन४कर अथव४ गपप रख४ गय४ हह ककनतप हर वयकक कक इसद समझनद कक
आवशयकत४ हह। अज४न कक आधपकनक सभयत४ कद वल शरशर क४ कवशलदरण करनद मम वयसत हह, अत: लकग
इस गलत पररण४म कक प४प हकतद हह कक शरशर कद भशतर कक जशवनश शकक ककनहथ भलकतक अवसथ४ओर मम
उतपन हकतश हह। लकगत कक आतम४ कवरयक ककई ज४नक४रश नहथ हह ककनतप इस शलकक मम पसरश पसरश वय४खय४
दश हह ई हह कक जशवनश शककय४ह दक हह (कद-खग )--आतम४ तथ४ परम४तम४। परम४तम४ हर शरशर मम
उपकसथत हह (ईशवर: सवरभसत४न४र हददशद3 जपन कतषकत ) जबकक आतम४ कद वल अपनद हश शरशर मम ( ददहश )
कसथत हह और एक शरशर सद दससरद मम सथ४न४नननतरण करत४ रहत४ हह।
तवमन-तपम ( हद पभप )) एक:--अकद लद, आप हश सवरसव हह; एब--कनससनददह; असथ सत:--इस दशय जगत क४; पससकतद--मसल
सकत; तवमस--आप; सकनध४नमनन--सवरसव कवनष हक ज४नद पर ऐसश स४रश शकक क४ सररकण; तवमस--आप; अनपगह: च--तथ४
प४लक; तवतस-म४यय४--आपकक म४य४ सद; सरवतक -चदतस:--उनक४, कजनकक बपकद ऐसश म४य४ सद आवकत हह; तव४मस-- आपकक;
पशयकनत--ददखतद हह; न४न४--अनदक पक४र; न--नहथ; कवपकशचत:--कवद४न य४ भकगण; यद-- जक |.
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त४तपयर : अनदक ददवत४, यथ४ बह४, कशव तथ४ कवषणप इस भलकतक जगत कद सष४, प४लक तथ४
सरह४रक म४नद ज४तद हह ककनतप व४सतव मम वद हह नहथ। यथ४थर तक यह हह कक भगव४ननन अपनश कवकवध शककयत
कद रप मम हर वसतप मम पकट हह। एकमदव४कदतशयर बह-और ककई दससर४ अकसततव नहथ हह। जक लकग
सचमपच कवरकशचतनन अथ४रतनन कवद४न हह, वद जशवन कक ककसश भश अवसथ४ मम भगव४ननन कक समझनद तथ४ ददखनद
मम समथर हकतद हह। पदम४जनचछप ररतभकककवलकचनदन सननननतद सदहव हदयदरप कवलककयकनत ( बह-सरकहत४
५.३८ )। कवद४न भक कष कक भश भगव४ननन कक उपकसथकत कद रप मम सवशक४र करतद हह। जब ककई भक
कष मम हकत४ हह, तक वह ददखत४ हह कक भगव४ननन तक भलकतक जगत कद कलमर सद उसद छप टक४र४ कदल४नद य४
शपद करनद कद कलए कष कद रप मम पकट हह ए हह। इस जगत मम रहतद हह ए मनपषय कवकवध अवसथ४ओर मम
रहत४ हह, अत: भक कष कक अवसथ४ कक भश भगव४ननन क४ दससर४ सवरप हश सवशक४र करत४ हह।
ततद5 अनपकसप४र सपसमशकम४ण: ( भ४गवत १०,१४८ )। अतद भक कष कक भगव४ननन क४ मह४ननन अनपगह
म४नत४ हह कयतकक वह समझत४ हह कक उसकद कलमर धकयद ज४ रहद हह। तदर४महर समपदत४र
मकतयपसरस४रस४गर४तनन ( भगवदशत४ १२.७) । कष क४ उदय कनरदध४तमक कवकध हह, कजससद भक कक इस
मकतयप सरस४र सद अथव४ भलकतक सरस४र सद अथ४रतनन जनम-मकतयप कक कनरनतर पपनर४वककत सद छप टक४र४ कदल४य४
ज४त४ हह । शरण४गत कक पपन: पपनद जनम-मकतयप सद बच४नद कद कलए हश भगव४ननन उसद थकड४ कष ददकर उसकद
कलमर कक धक ददतद हह। अभक इसद नहथ समझ सकत४ ककनतप भक कवरकशचतनन अथ४रतनन कवद४न हकनद कद
क४रण इसद ददख सकत४ हह। इसकलए अभक कष मम परदश४न हक ज४त४ हह ककनतप भक इस कष कक भगव४ननन
क४ दससर४ रप ज४नकर सव४गत करत४ हह। सवर खकलवदर बह / भक व४सतव मम ददख सकत४ हह कक भगव४ननन
कद अकतररक अनय ककई दससरश सत४ नहथ हह। एकमदव४कदतशयमनन। भगव४ननन कद वल एक हह, जक अपनद कक
कवकभन शककयत कद रप मम पसतपत करत४ हह।
कजनहम असलश ज४न नहथ हह, वद सकचतद हह कक बह४ सष४ हह, कवषणप प४लक हह और कशव सरह४रकत४र
हह और कवकभन ददवत४गण कवकवध क४यर कक पसकतर कद कनकमत हह।इस तरह वद लकग तरह तरह कद पयकजन
कनकमरत करतद हह और इन क४यर कक पसकतर कद कलए कवकवध ददवत४ओर कक पसज४ करतद हह।
क४मदसतहसतदडरतज४न४: पपदनतद3 नयददवत४:) । ककनतप भक ज४नत४ हह कक कवकवध ददवत४ भगव४ननन कद हश अरग हह
और इन अरशत कद पसजद ज४नद कक ककई आवशयकत४ नहथ हह। भगव४ननन भगवदशत४ (९.२३) मम कहतद
उ४
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हह--
“हद कप नतशपपत! मनपषय जक कप छ भश अनय ददवत४ओर कक अकपरत करत४ हह, वह व४सतव मम कद वल मदरद
कनकमत हकत४ हह ककनतप इसद कबन४ सहश ज४न कद अपरण ककय४ ज४त४ हह।”' ददवत४ओर कद पसजन कक
आवशयकत४ नहथ रहतश कयतकक यह अकवकध हह। म४त कक षण कद चरणकमलत कक शरण गहण करनद सद
मनपषय कद स४रद क४यर पसरद हक ज४तद हह और कवकवध अच४रकवगहत य४ ददवत४ओर कक पसजनद कक ककई
आवशयकत४ नहथ रह ज४तश। कद वल यमकढ इन सब ददवत४ओर कक म४नतद हह कयतकक वद भलकतक पकक कत कद
तशनत गपणत द४र४ मककहत हकतद हह। ( कतकभगपणमयदभ४रकवरदकभ: सवरकमदर जगतनन ) ऐसद मसढ इतन४ भश नहथ समझ
सकतद कक हर वसतप कद असलश सकत तक भगव४ननन हह ( मककहत न४कभज४न४कत म४मदभय: परमवययमनन )।
मनपषय कक च४कहए कक भगव४ननन कद कवकवध सवरपत सद कवचकलत न हक अकपतप परमदशवर मम धय४न एक४ग
करकद उनहथ कक पसज४ करद ( म४सदकर शरणर बज ) | मनपषय-जशवन क४ यहश आदशर कसद४नत हकन४ च४कहए।
कबभकरर--आप सवशक४र करम; रप४कण--अनदक रप यथ४ मतसय, कस मर, वर४ह, र४म, नपकसरह आकद; अवबकध: आतम४--कवकभन
अवत४रत कद ब४वजसद आप परम ज४त४ बनद रहतद हह; कदम४य--हर एक कद और कवशदरतय४ भकत कद ल४भ कद कलए; लककसय--स४रद
जशवत कद ; चर-अचरसय--जड तथ४ चदतन क४; सतव-उपपन४कन--ऐसद स४रद अवत४र कदवय हकतद हह ( शपद सतत ); सपख-
अवह४कन--कदवय आननद सद पसररत; सत४मनन-भकत क४; अभद४कण--स४र४ अशपभ य४ सरह४र; मपहहद--पपनद पपन: ; खल४न४मनन--
अभकत क४.
हद ईशवर, आप सदहव ज४न सद पसणर रहनद व४लद हह और स४रद जशवत क४ कलय४ण करनद कद कलए
आप कवकवध रपत मम अवतररत हकतद हह, जक भलकतक सककष कद परद हकतद हह। जब आप इन अवत४रत
कद रप मम पकट हकतद हह, तक आप पपणय४तम४ओर तथ४ ध४कमरक भकत कद कलए मकहक लगतद हह ककनतप
अभकत कद कलए आप सरह४रकत४र हह।
त४तपयर : इस शलकक मम बतल४य४ गय४ हह कक भगव४ननन पपनद पपनद कयत अवतररत हकतद हह। भगव४ननन कद
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स४रद अवत४र अलग-अलग क४यर करतद हह ककनतप उनक४ एक पध४न क४यर हकत४ हह भकत कक रक४ और
दपषत क४ सरह४र ( पररत४ण४य स४धसन४र कवन४श४य च दपषकक त४मनन ) | इन दपर४गकहयत क४ सरह४र भश उनकद कलए
अनततकगतव४ शपभ हश हकत४ हह।
तवययमबपज४क४कखलसतवध४कमन
सम४कधन४वदकशतचदतसहकद ।
तवतप४दपकतदन महतकक तदन
कप वरकनत गकवतसपदर भव४कबधमनन ॥ ३०॥
तवकय--आप मम; अमबपज-अक--हद कमल जहसद नदतव४लद पभप; अकखल-सतव-ध४कमन--जगत कद आकद क४रण कजससद हर वसतप
'उदसत हकतश हह और कजसमम समसत शककय४ह नव४स करतश हह; सम४कधन४--सथ४यश धय४न तथ४ पसणर तलनलशनत४ ( आपकद कवच४रत मम )
द४र४; आवदकशत--पसणरतय४ तलनलशन, सरलग; चदतस४--चदतन४ द४र४; एकद -- आपकद चरणकमलत कद कवरय मम कचनतन कक एक
कवकध; तवतनन-प४द-पकतदन--आपकद चरणकमल रपश न४व मम चढकर; महतनन-कक तदन--ऐसद क४यर द४र४ जक अतयनत शककश४लश म४न४
ज४त४ हह य४ जक मह४जनत द४र४ समपन ककय४ ज४त४ हह; कप वरकनत--करतद हह; गकवतस-पदमनन--बछडद कद खपर कद कनश४न तपलय; भव-
अकबधमस--सरस४र स४गर कक.
हह कमलनयन पभप, समपसणर सककष कद आग४र रप आपकद चरणकमलत मम अपन४ धय४न एक४ग
करकद तथ४ उनहथ चरणकमलत कक सरस४र-स४गर कक प४र करनद व४लश न४व म४नकर मनपषय
मह४जनत ( मह४ननन सनननतत, मपकनयत तथ४ भकत ) कद चरणकचनहत क४ अनपसरण करत४ हह। इस सरल
सश कवकध सद वह अज४न स४गर कक इतनश आस४नश सद प४र कर लदत४ हह म४नक ककई बछडद कद खपर
क४ कचनह प४र कर रह४ हक।
त४तपयर : जशवन क४ असलश उददशय ब४रमब४र जनम-मपतयप कद अज४न-स४गर कक प४र करन४ हह। ककनतप
अज४न कद अरधक४र मम रहनद व४लद इस उददशय कक नहथ ज४नतद। उलटद वद भलकतक पकक कत कक तररगत द४र४
बह४ लद ज४यद ज४नद कद क४रण ( पकक तद: ककयम४ण४कन गपण कम४रकण सवरशद) ब४रमब४र जनम-मकतयप कद कषत
कक झदलतद रहतद हह ( मडतयपसस
र ४रवतमरकन )। ककनतप कजन वयककयत नद भकत कक सरगकत सद ज४न प४प कर
कलय४ हह वद मह४जनत क४ ( महतकक तदन ) अनपसरण करतद हह। ऐसद लकग अपनद कचत कक भगव४ननन कद
चरणकमलत पर कद कनदत करतद हह और नवध४ भकक मम सद एक य४ अकधक कक ( शवणर ककतरन कवषणक:
समरण प४दसदवनसनन ) गहण करतद हह। कद वल इसश कवकध सद मनपषय अज४न कद दपलरघय सरस४र कक प४र कर
सकत४ हह।
भकक च४हद कजस रप मम हक, शककश४लश हकतश हह। शशकवषणक: शवणद परशककदनन अभवदनन वहय४सककद
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( शशमद४गवत ६.३.२०)
हमम ऐसद हश भकत कद चरणकचहन“त क४ अनपसरण करन४ हह कयतकक इस एक सरल कवकध सद हश मनपषय
अज४न कद स४गर कक उसश तरह सद प४र कर सकत४ हह, कजस तरह बछडद कद खपर सद उतपन एक छकटद कचह
कक।
यह४ह पर भगव४ननन कक अखबपज४क अथ४रतनन कमलनदत कह४ गय४ हह। भगव४ननन कद कमल जहसद नदतत कक
ददखकर मनपषय इतन४ तपष हक ज४त४ हह कक वह अनय ककसश वसतप कक ओर अपनश दकष उठ४न४ नहथ
च४हत४। भगव४ननन कद कदवय सवरप कक ददख करकद हश भक अपनद हदय मम कसथत भगव४ननन मम तलनलशन हक
ज४त४ हह। यह तलनलशनत४ हश सम४कध कहल४तश हह। धय४न४वकसथत तदतदन मनस४ पशयकनत यर यककगन:
( भ४गवत १२.१३.१ )। यकगश भगव४ननन कद कवच४रत मम लशन रहत४ हह कयतकक उसकद हदय मम कसथत
भगव४ननन कद कचनतन कद अकतररक उसकद प४स ककई अनय क४यर नहथ रहत४। कह४ भश गय४ हह--
सम४कशत४ यद पदपलवपवर
भव४सबपकधवतसपदर पर पदर
“कजसनद उन भगव४ननन कद चरणकमल रपश नलक४ गहण कर लश हह, जक सरस४र कद आशय हह और मपर
र४कस कद शतप, मपर४रश न४म सद कवखय४त हह, उसकद कलए यह भवस४गर बछडद कद खपर मम भरद हह ए जल कद
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सम४न हह। उसक४ लकय परर पदमनन अथ४रतनन वहकपणठ हह जह४ह न तक भलकतक कद श हह और न पग पग पर
कवपद४ हह। ( भ४गवत १०.१४.५८) बह४जश तथ४ कशव जहसद मह४जनत नद ( सवयमभसन४ररद:शमभसद) इस
कवकध कक सरसतपकत कक हह, अतद अज४न कक ल४हघनद कद कलए हमम इसश कवकध कक गहण करन४ च४कहए। यह
अतयनत सरल हह ककनतप हमम मह४जनत कद पदकचहत क४ अनपसरण करन४ च४कहए तभश सफलत४ कमल
सकतश हह।
महतकक तदन शबद कद कवरय मम यह भश महतवपसणर ब४त हह कक बडद-बडद भकत द४र४ कदखल४ई गई
कवकध उनहथ कद कलए नहथ अकपतप अनयत कद कलए भश हकतश हह। जक वसतपओर कक इस तरह सरल बन४तद हह
उससद न कद वल उनहम हश अकपतप उनकद अनपसरण करनद व४लत कक भश आस४नश हकतश हह। इस शलकक मम
अज४न-स४गर कक प४र करनद कद कलए जक कवकध बतल४ई गई हह, वह न कद वल एक भक कद कलए अकपतप
भक क४ अनपसरण करनद व४लद ककसश स४म४नय वयकक कद कलए भश हह ( मह४जनक यनद गत: स पनननथ४:) ।
भव४णरवर भशममदभसलहद४: ।
भवतपद४मभकरहन४वमत तद
सवयमनन--खपद, आप; समपतशयर--प४र करकद ; सप-दपसतरमनन--दपलरधय; दपमननन--अज४न कद इस लकक कद अरधक४र मम ससयर कद सम४न
चमककनद व४लद हद पभप; भव-अगरणवमनन--सरस४र स४गर कक; भशममनन-- भय४नक; अदभन-सलहद४:--भकगण जक पकतत४तम४ओर कद पकत
सदहव महतशभ४व रखतद हह; भवतनन-पद-अमभकरह--आपकद चरणकमल; न४वमननस--प४र करनद कद कलए न४व कक; अत--इस सरस४र
मम; तद--वद ( वहषणवजन ); कनध४य--पशछद छकडकर; य४त४:--चरम लकय, वहकपणठ; सतनन-अनपगह:द--भकत पर सदहव कक प४लप तथ४
दय४लप; भव४नननस-- आप।.
हद दपकतपसणर पभप, आप अपनद भकत कक इचछ४ पसरश करनद कद कलए सद४ तहय४र रहतद हह इसशकलए
आप व४रछ४-कलपतर कहल४तद हह। जब आच४यरगण अज४न कद भय४वह भवस४गर कक तरनद कद
कलए आपकद चरणकमलत कक शरण गहण करतद हह, तक वद अपनद पशछद अपनश वह कवकध छकडद
ज४तद हह कजससद वद प४र करतद हह। चसहकक आप अपनद अनय भकत पर अतयनत कक प४लप रहतद हह अतएव
उनकक सह४यत४ करनद कद कलए आप इस कवकध कक सवशक४र करतद हह।
त४तपयर : इस कथन सद पत४ चलत४ हह कक ककस तरह दय४लप आच४यरगण तथ४ कक प४लप भगव४ननन
कमलकर उस गरभशर भक कक सह४यत४ करतद हह, जक भगवद४म व४पस ज४न४ च४हत४ हह। शश चहतनय
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गपर तथ४ कक षण कक दय४ सद हश मनपषय कक भककलत४ बशज प४प हक सकत४ हह। गपर क४ कतरवय हह
कक क४ल, पररकसथकत तथ४ प४त कद अनपस४र स४धनत कक खकज करद कजससद मनपषय कक भकक करनद कद
कलए पदररत ककय४ ज४ सकद कयतकक भगवद४म व४पस ज४नद व४लद वयकक सद कक षण यह भकक सवशक४र करतद
हह। भ४गयव४न वयकक सरद बह४णड क४ भमण करनद कद ब४द इस भलकतक जगत मम ऐसद गपर य४ आच४यर
कक शरण खकजत४ हह, जक भक कक पररकसथकत कद अनपस४र सदव४ करनद कक उपयपक कवकधयत क४ पकशकण
दद सकद कजससद भगव४ननन उसकक सदव४ सवशक४र कर लम । इससद प४त कक अपनद चरम गनतवय तक पहह चह नद मम
सपकवध४ हकतश हह। अत: आच४यर क४ कतरवय हह कक वह ऐसद स४धन खकजद कजससद भक श४कनकक कवकध सद
भकक कर सकद । उद४हरण४थर, रप गकसव४मश नद आगद आनद व४लद भकत कक सह४यत४ करनद कद कलए
' भककस४मकतकसनधप' जहसद गरथ क४ पक४शन ककय४। इस तरह आच४यर क४ कतरवय हह कक वद भ४वश प४तत
कक भकक करनद मम सह४यक पपसतकम पक४कशत करम कजससद लकग परमदशवर कद कक प४ सद भगवद४म व४पस ज४
सकम । हम४रद कक षणभ४वन४मकत आनदकलन मम इसश म४गर कक सरसतपकत कक ज४तश हह और इसशक४ प४लन ककय४
ज४त४ हह। इस तरह भकत कक सल४ह दश गई हह कक वद च४र प४पकमर सद बचम। यद हह --अवहध यलन, नश४,
म४रस४ह४र तथ४ जपआ। उनहम पकत कदन सकलह म४ल४एह जप करनद कक भश सल४ह दश गई हह। यद प४म४कणक
आददश हह। चसकह क प४शच४तय ददशत मम सतत ककतरन सरभव नहथ हह अत: बन४वटश तरशकद सद हररद४स ठ४कप र
कक नकल नहथ करनश च४कहए ककनतप इसश कवकध क४ प४लन करन४ च४कहए। जक लकग अकधक४ररयत द४र४
पक४कशत कवकवध पपसतकत मम सरसतपत कवकध-कवध४नत क४ प४लन करतद हह, कक षण उनहम भक कद रप मम
सवशक४र कर लदतद हह। अज४न कद स४गर कक प४र करनद कद कलए भगव४ननन कद चरणकमलत कक नलक४ बन४नद
कक उपयपक कवकध आच४यर द४र४ बतल४ई ज४तश हह और यकद प४लनकत४र इस कवकध क४ हढत४ सद प४लन
करत४ हह, तक वह भगवदकक प४ सद गनतवय तक अवशय पहह हच ज४त४ हह। यह कवकध आच४यर समपद४य
कहल४तश हह। इसशकलए कह४ गय४ हह कक समपद४यकवहनशन४ यदमनत४सतद कनषफल४ मत४: ( पदपपर४ण )।
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आच४यर-समपद४य कनत४नत प४म४कणक हह। इसकलए इस समपद४य कक सवशक४र करन४ च४कहए अनयथ४ स४र४
पय४स वयथर ज४एग४। इसशकलए शशल नरकतमद४स नद गशत ग४य४ हह--
यद अनयद--ककई य४ अनय सभश; अरकवनद-अक--हद कमलनदत; कवमपक-म४कनन: -- भव-कलमर कद बनधन सद अपनद कक झसठद हश
मपक म४ननद व४लद; तवकय--तपम मम; असत- भ४व४तननस--कवकवध रप सद सकचतद हह ए ककनतप आपकद चरणकमलत कद कवरय मम अकधक न
ज४ननद कक इचछ४ रखतद हहए; अकवशपद-बपदवद --कजनकक बपकद अब भश शपद नहथ हह और जक जशवन-लकय कक नहथ ज४नतद;
आरह- प४प करकद भश; कक चछदण-- ककठन तपसय४ तथ४ शम कद द४र४; परमनन पदमनन--सवरच पद ( अपनश कलपन४ कद
अनपस४र ); ततद--उस पद सद; पतकनत--कगरतद हह; अध:--पपनद नशचद भवस४गर मम; अन४हत--उपदक४ ककय४ हह आ; यपषमतनन--
आपकद ; अदघय:--चरणकमल।.
त४तपयर : भकत कद अल४व४ अनय अभक भश हह, जक कमर, ज४नश, यकगश, परम४थरव४दश, उपक४रश,
र४जनशकतज, कनकवरशदरव४दश तथ४ शसनयव४दश कहल४तद हह। अभकत कद अनदक भदद हह कजनकद मपकक कद म४गर
अलग-अलग हह ककनतप भगव४ननन कद चरणकमलत कद आशय कक न ज४ननद सद वद अपनद कक मपक तथ४
'परमपद प४प हह आ सकचतद हहए भश नशचद कगरतद हह। भगवदशत४ (९.३) मम भगव४ननन नद सपष कह४ हह--
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“हद शतपओर कद कवजदत४! जक लकग भकक कद पथ कद पकत शद४व४ननन नहथ हह, वद मपझद नहथ प४प कर
सकतद। वद इस भलकतक जगत मम जनम तथ४ मकतयप कद कलए व४पस ललट आतद हह ।'' च४हद ककई कमर हक य४
ज४नश, यकगश, उपक४रश, र४जनशकतज य४ अनय कप छ हक, यकद उसकद मन मम भगव४ननन कद चरणकमलत कद पकत
पदम नहथ हकत४ तक वह नशचद कगरत४ हह। इस शलकक मम बह४जश नद यहश कनणयर कदय४ हह।
कप छ लकग ऐसद हह, जक कहतद हह कक च४हद कजस कवकध कक अपन४य४ ज४य उसश लकय तक पहहचह ४ ज४
सकत४ हह ककनतप इस शलकक मम इसक४ पररह४र ककय४ गय४ हह और ऐसद वय४ककयत कक कवमपकम४कनन: कह४
गय४ हह, जक इसक४ ससचक हह कक यदकप ऐसद लकग अपनद कक परम कसकद प४प हह आ समझतद हह ककनतप
यह यथ४थर नहथ हकत४। समपकत सरस४र कद बडद-बडद र४जनशकतज ऐस४ सकचतद हह कक यकजन४ बन४कर वद
र४षडपकत य४ पध४न मरतश जहसद सवरच र४जनशकतक पद पर पकतकषत हक सकतद हह ककनतप हम ददखतद हह कक
ऐसद र४षडपकत य४ पध४नमरतश अभक हकनद कद क४रण इसश जशवन मम नशचद कगर ज४तद हह ( पतनतयध:) ।
र४षडपकत य४ पध४न मरतश बनन४ सरल नहथ हह। उस पद कक प४प करनद कद कलए ककठन शम करन४ हकत४ हह
( आरह कक चछदण ) | और यकद अपनद लकय तक ककई पहह चह भश ज४त४ हह, तक ककसश भश समय भलकतक
पकक कत उसद ठप कर४ सकतश हह। म४नव सम४ज मम ऐसद अनदक दष४नत कमलतद हह जब बडद बडद र४जनशकतज
सरक४र सद पदचयपत हककर कवसमककत कद गभर मम कवलशन हक गयद। इसक४ क४रण हह अकवशपद बपदय:--
उनकक बपकद अशपद हह। श४स क४ कथन हह-न तद कवदपद सव४थरगकतर कह कवषयपमनन ( भ४गवत ७.५.३१)।
कवषणप भक हककर जशवन-कसकद प४प कक ज४ सकतश हह लदककन लकग इसद ज४नतद नहथ। इसशकलए
भगवदशत४ (१२.५) मम कह४ गय४ हह-- कद शक5 कधकतरसतदर४र अवयक४सक चदतस४मक। जक लकग
अनततकगतव४ भगव४ननन कक सवशक४र नहथ करतद और भकक नहथ करतद पतयपत कनकवरशदरव४द और शसनयव४द मम
कलप रहतद हह उनहम अपन४ लकय प४प करनद कद कलए बहहत शम करन४ पडत४ हह--
औरय:सपकन तभककमपदसयतदकव भक
ककशयकनत यद कद वल-बकध-लबधयद ।
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ज४न प४प करनद कद कलए ऐसद लकग अतयकधक शम करतद हह और घकर तप करतद हह ककनतप उससद शम
तथ४ तपसय४ कक उपलकबध भलद हक ककनतप इनसद जशवन-लकय कक प४कप नहथ हक सकतश।
धपव मह४र४ज पहलद अपनद कपत४ सद भश बड४ स४म४जय तथ४ भलकतक समपकत प४प करन४ च४हतद थद
ककनतप जब भगव४ननन वर ददनद कद कलए उनकद समक पकट हहए तक धपव मह४र४ज नद यह कहकर मन४ कर
कदय४- सव४कमतनन कक त४थर5 कसम वरर न य४चद--अब मह पसरश तरह सनतपष हह ह। मपझद ककई भलकतक वर नहथ
च४कहए। ( हरर भकक सपधकदय ७.२८) यहश जशवनकसकद हह। यर लबधव४ च४परर ल४भर मनयतद न४कधकर ततद
( भगवदशत४ ६.२२) । भगव४ननन कद चरणकमलत कक शरण प४प हक ज४नद पर मनपषय पसणररपदण सरतपष हक
ज४त४ हह और उसद ककई भलकतक वर म४हगनद कक आवशयकत४ नहथ रह ज४तश।
र४कत मम कमल नहथ कदखतद कयतकक कमल कदन मम हश कखलतद हह। अतदअरकवनद४क शबद महतवपसणर
हह। जक वयकक भगव४ननन कद कमलनयनत अथव४ उनकद कदवय रप सद मककहत नहथ हकत४ वह उसश तरह
अरधक४र मम रहत४ हह जहसद कमल कक न ददखनद व४ल४। कजसनद शय४मसपनदर कद कमलनदतत तथ४ उनकद कदवय
रप कक नहथ ददख४ उसक४ जशवन वयथर हह। पदम४झननचछप ररत भकककवलकचनदन सननननतद सदहव हदयदरप
कवलककयकनत। जक लकग भगव४ननन कद पदम मम अनपरक हह, वद सदहव उनकद कमलनदतत तथ४ कमल-चरणत क४
दशरन करतद हह ककनतप अनय लकग भगव४ननन कद सलनदयर क४ दशरन नहथ कर प४तद अतद वद अन४हव
यपषपदडखयद अथ४रतनन आपकद स४क४र सवरप कक उपदक४ करनद व४लद कहल४तद हह। जक लकग भगव४ननन कद
सवरप क४ अन४दर करतद हह उनकक जशवन-पथ मम पग-पग पर असफलत४ कमलतश हह ककनतप यकद ककई
न४मम४त कक भश भगवतपदम उतपन कर लदत४ हह, तक वह अन४य४स हश मपक हक ज४त४ हह ( सवलपमपयसय
धमरसय त४यतद महतक भय४तनन )। इसशकलए भगव४ननन नद भगवदशत४ (९.३४) मम सरसतपकत कक हह-- मनमन४
भव मदभकक मद४जश म४र नमसकप र-कद वल मदर४ कचनतन करक, मदरद भक बनक, मदरश पसज४ करक और मपझद
हश नमसक४र करक। कद वल इसश कवकध सद मनपषय भगवद४म व४पस ज४ सकत४ हह और चरम कसकद प४प
कर सकत४ हह। भगव४ननन आगद भश पपकष करतद हह ( भगवदशत४ १८.५४-५५)
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“इस तरह कदवय पद कक प४प वयकक तपरनत परबह क४ स४क४तक४र करत४ हह और पसणर रप सद पसन
रहत४ हह। वह न शकक करत४ हह न ककसश वसतप कक इचछ४ करत४ हह। वह हर जशव पर समभ४व रखत४ हह।
ऐसश कसथकत मम उसद मदरश शपद भकक प४प हकतश हह। कद वल भकक द४र४ भगव४ननन कद यथ४रप कक ज४न४ ज४
सकत४ हह। जब वह ऐसश भकक द४र४ पसणरयय४ ईशभ४वन४भ४कवत हक ज४त४ हह, तक वह भगवद४म मम पवदश
कर सकत४ हह।'!
'तथ४--उनकक ( अभकत कक ) तरह; न--नहथ; तद--वद ( भकगण ); म४धव--हद लकमशपकत भगव४ननन; त४वक४:--भककम४गर कद
अनपय४यश, भकगण; ककचतनन--ककसश भश पररकसथकत मम; भशयकनत--नशचद कगरतद हह; म४ग४रतनन-- भकक म४गर सद; तवकय--आप मम;
बद-सलहद४:--आपकद चरणकमलत मम पसरश तरह सद अनपरक हकनद कद क४रण; तवव४-- आपकद द४र४; अकभगपप४:--स४रद सरकटत सद
सपरककत; कवचरकनत--कवचरण करतद हह; कनभरय४:--कनभरक हककर; कवन४यक-अनशकप--शतप जक भकक कवच४रध४र४ क४ कवरकध
करनद कद कलए स४ज-स४म४न रखतद हह; मसथरसप-- अपनद कसरत पर; पभक-हद पभप.
हद म४धव, पसणर पपररकतम परमदशवर, हद लकमशपकत भगव४ननन, यकद आपकद पदमश भकमण कभश
भककम४गर सद चयपत हकतद हह, तक वद अभकत कक तरह नहथ कगरतद कयतकक आप तब भश उनकक रक४
करतद हह। इस तरह वद कनभरय हककर अपनद पकतदकनदयत कद मसतकत कक झपक४ ददतद हह और भकक मम
पगकत करतद रहतद हह।
त४तपयर : स४म४नयतय४ भकत क४ पतन नहथ हकत४ ककनतप यकद पररकसथकतवश ऐस४ हक भश ज४य तक
भगव४ननन उनकक पबल अनपरकक कद क४रण सभश पररकसथकतयत मम उनहम सररकण पद४न करतद हह। भकगण
कगरकर भश इतनद पबल रहतद हह कक अपनद शतपओर कद मसतकत पर चल सकम । हमनद व४सतव मम ददख४ हह
कक हम४रद कक षणभ४वन४मकत आनदकलन कद अनदक कवरकधश हह, जहसद “'डशपकग४मसर '' कजनहतनद हम४रद भकत कद
कवरद एक भ४रश मपकद४ चल४ रख४ थ४। हमनद सकच रख४ थ४ कक इस मपकदम४ कद तय हकनद मम क४फक
समय लगदग४ ककनतप भकत कक रक४ भगव४ननन करतद हह अत: हम आश४ कद कवपरशत एक कदन मम हश
मपकदम४ जशत गयद। इस तरह जक मपकदम४ स४लत चलनद व४ल४ थ४ वह भगव४ननन कद सररकण कद क४रण एक
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म४धव शबद स४थरक हह। म४; लकमश, सभश ऐशवयर कक म४त४ सदहव भगव४ननन कद स४थ रहतश हह और
यकद भक भगव४ननन कद समपकर मम रहत४ हह, तक भगव४ननन कद स४रद ऐशवयर उसकक सह४यत४ कद कलए तहय४र
रहतद हह।
( भगवदनननगशत४ १८.७८)
जह४ह भगव४ननन कक षण तथ४ उनक४ भक अजपरन अथ४रतनन प४थर रहतद हह वह४ह कवजय, ऐशवयर, अस४ध४रण
शकक तथ४ नहकतकत४ रहतद हह। भक क४ ऐशवयर कमरक४णडकवच४र क४ पकतफल नहथ हकत४। भक सदहव
भगव४ननन कद स४रद ऐशवयर द४र४ सपरककत रहत४ हह। ककई भश उससद उनहम वरकचत नहथ कर सकत४ ( तदर४र
कनतय४कभयपक४न४र यकगकदयर वह४मयहमनन ) | इस तरह भक अपनद ककसश भश कवरकधश द४र४ पर४सत नहथ ककय४
ज४ सकत४। इसकलए भक कक च४कहए कक ज४नबसझ कर भकक कद म४गर सद कवचकलत न हक। दढ भक कक
व४
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सतवमनन-- अकसततव; कवशपदमनन-कदवय, तशन गपणत सद अतशत; भयतद--सवशक४र करत४ हह; भव४नननस--आप; कसथतल--इस जगत कद
प४लन कद समय; शरशररण४मनन--स४रद जशवत कद ; शदय:--परम कलय४ण क४; उप४यनमनन--ल४भ कद कलए; वपप:--कदवय शरशर; वदद-
ककय४--वददकवकहत अनपष४नत कद द४र४; यकग--भकक द४र४; तप: --तपसय४ द४र४; सम४कधकभ:--सम४कध द४र४; तब--तपमह४रश;
अहरणमनन--पसज४; यदन--ऐसद क४यर सद; जन:--म४नव सम४ज; समशहतद--कक तजत४ पकट करत४ हह।.
हद परमदशवर, प४लन करतद समय आप कतगपण४तशत कदवय शरशर व४लद अनदक अवत४रत कक पकट
करतद हह। जब आप इस तरह पकट हकतद हह, तक जशवत कक वहकदक कमर--यथ४ अनपष४न, यकग,
तपसय४, सम४कध आपकद कचरतन मम भ४वपसणर तलनलशनत४--मम यपक हकनद कक कशक४ ददकर उनहम
सलभ४गय पद४न करतद हह। इस तरह आपकक पसज४ वहकदक कनयमत कद अनपस४र कक ज४तश हह।
त४तपयर : ' भगवदशत४ (१८.३) मम कह४ गय४ हह कक वहकदक कमरक४णड, द४न, तपसय४ तथ४ अनय
सरसतपत क४यर क४ पररतय४ग नहथ करन४ च४कहए ( यजद४नतप: कमर न तय४जयमनन ) । जक आतम४स४क४तक४र मम
बहह त उनत हक उसद भश वहकदक कनयमत क४ प४लन करन४ च४कहए (१८.५)- यजक द४नर तफशरहव प४वन४कन
मनशकरण४मनन / यह४ह तक कक कनमनतम अवसथ४ मम भश ककमरयत कक सल४ह दश ज४तश हह कक वद भगव४ननन कद
कनकमत क४यर करम।
यज४थ४रतनन कमरणकउनयत
लकककउवर कमरबनधन: ।
( भगवदशत४ ३.९)
“कवषणप कद कलए यज कमर करन४ हकत४ हह अनयथ४ कमर मनपषय कक इस भलकतक जगत सद ब४हध ददत४
हह।”” यज४थ४रतनन कमरण: शबद ससकचत करतद हह कक सभश पक४र कद कमर करतद हहए मनपषय कक समरण रखन४
च४कहए कक यद कमर भगव४ननन कक तपष करनद कद कलए ककयद ज४हय ( सवकमरण४ तमभयचयर ) | वहकदक कनयमत
कद अनपस४र म४नव सम४ज क४ कवभ४जन हकन४ च४कहए ( च४दपवरणयर गय४ सकषमनन )। ब४हण, ककतय, वहशय
तथ४ शसदत मम सद हर एक कक भगव४ननन कक पसज४ करनश सशखन४ च४कहए ( तमभयचयर ) | यहश असलश म४नव
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म४नव सम४ज कद आधपकनक क४यर क४ वणरन शशमद४गवत मम गदखर (गलओर और गधत) कद क४यर
कद रप मम हह आ हह-- स एव गकखर: / हर वयकक ददह४तमबपकद सद क४यर करत४ हह, कजसमम सम४ज, महतश तथ४
आकथरक और र४जनशकतक पररकसथकतयत मम सपध४र कद पकत पदम कनकहत रहत४ हह। इस तरह स४रद क४यरकल४प
अकवद४ मम समपन हकतद हह। इसकलए भगव४ननन हमम कसखल४नद कद कलए आतद हह कक ककस तरह वहकदक
कसद४नतत कद अनपस४र कमर करन४ च४कहए। इस ककलयपग मम पसणर पपररकतम भगव४ननन शश चहतनय मह४पभप कद
रप मम पकट हहए और यह उपददश कदय४ कक इस यपग मम वहकदक क४यरकल४पत कक ठशक सद समपन नहथ
ककय४ ज४ सकत४ कयतकक लकग अतयनत पकतत हक चपकद हह। उनहतनद श४सरत कद आध४र पर यह सरसतपकत
कक--
“कलह तथ४ कदख४वद कद इस यपग मम उद४र क४ एकम४त स४धन हह भगवजन४म क४ ककतरन। इसकद
अल४व४ ककई दससर४ र४सत४ नहथ हह।'” इसशकलए कक षणभ४वन४मकत आनदकलन कवशवभर कद लकगत कक कसख४
रह४ हह कक हरद कक षण मरत क४ ककस तरह ककतरन ककय४ ज४य और यह सभश सथ४नत तथ४ सभश समयत मम
अतयनत पभ४वश४लश कसद हह आ हह। हमम वहकदक कसद४नतत कक कशक४ ददनद कद कलए भगव४ननन पकट हकतद हह
कजससद हम उनहम समझ सकम ( वददहशर सवररहमदव वदद:) | हमम यह ज४नन४ च४कहए कक जब कक षण तथ४ शश
चहतनय मह४पभप पकट हह ए थद तक वद अपनद शपदसतव शरशरत कद स४थ पकट हह ए थद। हमम कक षण अथव४
चहतनय मह४पभप कद शरशरत कक अपनद जहस४ भलकतक म४ननद कक भसल नहथ करनश च४कहए कयतकक वद समसत
म४नव सम४ज कद ल४भ हदतप पकट हहए थद। भगव४ननन अहहतपकक कक प४वश कवकभन यपगत मम अपनद शपदसतव
कदवय शरशर कद स४थ म४नव सम४ज कद कदवय सतर तक उतथ४न हदतप पकट हकतद हह। दपभ४रगगपवश आधपकनक
र४जनदत४ तथ४ अनय नदत४ जशवन कक सथसल सपकवध४ओर ( यसय४तमबपकद: कप णपद कतध४ठप कद ) पर बल ददतद हह
और इस य४ उस व४द कद क४यरकल४पत पर अपन४ धय४न एक४ग करतद हह, कजनहम वद कई पक४र कक पपकषपत
सपनदर भ४र४ मम वणरन करतद हह। मसलतद ऐसद क४यरकल४प पशपओर कद क४यरकल४प हह (स एव गकखर:)।
हमम भगवदशत४ सद कमर करन४ सशखन४ च४कहए जक म४नव ज४न कद हदतप सब कप छ बत४तश हह। इस पक४र
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सतवम-- शपदसतव, कदवय; न--नहथ; चदतननस--यकद; ध४त:--समसत क४रणत कद क४रण; इकदमननस--यह; कनजमनन--मदर४, आधय४कतमक;
भवदतनन--हक ज४त४; कवज४नमननस-कदवय ज४न; अज४न-कभद४--तमकगपण कक भग४नद व४ल४; अपम४जरनमनन--पसणरतय४ सद कवलपप; गपण-
पक४शह:--ऐस४ कदवय ज४न ज४गकत करकद ; अनपमशयतद--पकट हकत४ हह; भव४नननस--आप; पक४शतद-- पकट हकतद हह; यसथ--कजसकद ;
च--तथ४; यदन--कजससद; व४--अथव४; गपण:--गपण य४ बपकद
हह क४रणत कद क४रण ईशवर, यकद आपक४ कदवय शरशर गपण४तशत न हकत४ तक मनपषय पद४थर तथ४
अधय४तम कद अनतर कक न समझ प४त४। आपकक उपकसथकत सद हश आपकद कदवय सवभ४व कक ज४न४
ज४ सकत४ हह कयतकक आप पकक कत कद कनयनत४ हह। आपकद कदवय सवरप कक उपकसथकत सद पभ४कवत
हह ए कबन४ आपकद कदवय सवभ४व कक समझन४ ककठन हह।
त४तपयर : कह४ गय४ हह-तहगपणयकवरय४ वदद४ कनररगपणयक भव४जपन। अधय४तम कक ज४नद कबन४ भगव४ननन
कद कदवय सवभ४व कक नहथ ज४न४ ज४ सकत४। शशमद४गवत ( १०.१४.२९) मम कह४ गय४ हह--
पस४दलदश४नपगहशत एव कह।
भगव४ननन कक कक प४ हकनद पर हश उनहम समझ४ ज४ सकत४ हह। पकक कत कद गपणत मम कसथत रह कर हज४रत
वरर कद कचनतन कद ब४द भश उनहम नहथ समझ४ ज४ सकत४। भगव४ननन कद असरखय रप हह ( र४म४कदयसकतररप
कल४कनयमदन कवषननन ) और यकद भगव४ननन र४मचनद, नसकसरहददव, कक षण तथ४ बलर४म जहसद रप कदवय न हकतद
तक अननतक४ल सद भकत द४र४ इनकक पसज४ कनयत चलश आ रहश हकतश ? भकतय४ म४मकभज४न४कत य४व४ननन
यशच४कसम ततततद ( भगवदननगशत४ १८.५५) | जक लकग भगव४ननन कक उपकसथकत मम अपनद कदवय सवभ४व कक
ज४गकत कर लदतद हह और भकक कद कनयमत क४ प४लन करतद हह, वद हश भगव४ननन कक षण, भगव४ननन र४मचनद
तथ४ अनय अवत४रत कक, जक इस भलकतक जगत कद नहथ हकतद अकपतप जनत४ कद कहत४थर बहकपणठ सद आतद
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हह, समझ सकतद हह । जक इस कवकध क४ प४लन नहथ करत४ वह पकक कत कद अनपस४र मनम४नद ढरग सद ईशवर कद
ककसश रप कक कलपन४ कर लदत४ हह और भगव४ननन कद पकत असलश ज४न कक कभश ज४गकत नहथ कर
सकत४। भकतय४ म४मकभज४न४कत य४व४ननन यशच४कसम ततव: कथन इस ब४त क४ दकतक हह कक भकक कद
कवध४नत कद अनपस४र भगव४ननन कक पसज४ ककयद कबन४ कदवय सवभ४व कक ज४गकत नहथ ककय४ सकत४। भगव४ननन
कक अनपपकसथकत मम भश मसकतरपसज४ भक कद कदवय सवभ४व कक ज४गकत करनदव४लश हह, कजससद भक भगव४ननन
कद चरणकमलत मम और अकधक अनपरक हक ज४त४ हह।
कक षण कद प४दपभ४रव सद भगव४ननन कक समसत क४लपकनक मसकतरकल४ क४ उतर कमल ज४त४ हह। पतयदक
वयकक अपनद गपण४नपस४र भगव४ननन कद सवरप कक कलपन४ करत४ हह। बह-सरकहत४ मम कह४ गय४ हह कक
भगव४ननन सबसद प४चशन पपरर हह। इसकलए कप छ ध४कमरक समपद४य ईशवर कक अतयनत प४चशन म४नतद हह अतद
वद ईशवर क४ अरकन एक अतयनत वकद पपरर कद रप मम करतद हह। ककनतप उसश बह-सरकहत४ मम इसक४
कवरकध हह आ हह--यदकप ईशवर समसत जशवत मम प४चशन हह ककनतप स४थ हश वद कनतय यपव४ हह। शशमदभ४गवत
मम उनक४ यथ४थर वणरन इस पक४र हह आ हह-- कवज४नमनन अज४नकभद४पम४जरनमनन। कवज४न क४ अथर हह ईशवर क४
कदवय ज४न। कवज४न अनपभसत ज४न भश हह। कदवय ज४न कक कशषय-पण४लश कक परमपर४ सद उसश तरह गहण
ककय४ ज४त४ हह, कजस तरह बह४ नद कक षण कद ज४न कक बह-सरकहत४ मम पसतपत ककय४ हह। बह-सरकहत४
कवज४न हह, जक बह४ द४र४ अनपभव ककय४ गय४ कदवय अनपभव हह। इस तरह उनहतनद कदवय ध४म मम कक षण कक
लशल४ओर कक तथ४ उनकद सवरप कक पसतपत ककय४। अज४नकभद४ क४ अथर हह “जक समसत पक४र कक
कलपन४ओर क४ स४मन४ कर सकद ''। लकग अज४नवश भगव४ननन कद सवरप कक कलपन४ करतद हह। इस तरह
उनकक कलपन४ओर कद अनपस४र कभश उनक४ सवरप हकत४ हह, तक कभश नहथ भश हकत४। लदककन बह-
सरकहत४ मम कक षण कक पसतपकत एक कवज४न हह--कवकशष अनपभसत ज४न कजसद बह४ नद अनपभव करकद पसतपत
ककय४ और मह४पभप चहतनय नद सवशक४र ककय४। इसकद कवरय मम ककसश पक४र क४ सनददह नहथ हह। शशकक षण
क४ सवरप, शशकक षण कक ब४हसपरश, शशकक षण क४ ररग--सभश व४सतकवकत४एह हह। यह४ह यह कह४ गय४ हह कक
यह कवज४नमनन सभश पक४र कक कलपन४ओर कक सद४ पर४कजत करनद व४ल४ हह। इसशकलए ददवत४ओर नद सतपकत
कक कक जब तक आप कक षण रप मम पकट नहथ हकतद तब तक न तक अज४नकभद४ ( क४लपकनक ज४न कक
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कलपन४ लपप हक ज४एगश और बह४जश जहसद मह४जनत क४ असलश अनपभसत ज४न सथ४कपत हक सकद ग४। लकग
तशन गपणत सद पभ४कवत हककर अपनश पकक कत कद अनपस४र कवकभन पक४रत मम ईशवर कक कलपन४ करतद हह।
इस तरह ईशवर कक कवकभन पक४रत सद पसतपत ककय४ ज४त४ हह ककनतप आपकद प४कट सद इसक४ सतय४पन हक
ज४एग४ कक ईशवर क४ असलश सवरप कय४ हह।'!
ददवत४ओर नद सतपकत कक, “हद पभप! जब आप कवकभन अवत४रत मम पकट हकतद हह, तक पररकसथकतयत कद
अनपस४र कभन कभन न४म तथ४ सवरप ध४रण करतद हह। आपक४ न४म भगव४ननन कक षण हह कयतकक आप सवर
आकररक हह। आप शय४मसपनदर कह४तद हह कयतकक आपक४ सलनदयर कदवय हह। शय४म क४ अथर स४हवल४ हह
कफर भश वद कहतद हह कक आप हज४रत क४मददवत सद अकधक सपनदर हह। कनदपर कककट कमनशय । यदकप आप
शय४ममदघ जहसद ररग व४लद हह ककनतप आप परम बह हह अतएव आपक४ सलनदयर क४मददव कद ककमल शरशर
सद भश अकधक आकररक हह। आप कभश कभश कगररध४रश कहल४तद हह कयतकक आपनद गकवधरन पवरत कक
उठ४य४ थ४। आप कभश कभश ननननदननदन य४ व४सपददव य४ ददवककननदन कहल४तद हह कयतकक आप मह४र४ज
ननद, ददवकक य४ वसपददव कद पपत रप मम पकट हकतद हह । कनकवरशदरद४दश सकचतद हह कक आपकद अनदक न४म
य४ सवरप आपकद क४यर कवशदर कद अनपस४र हकतद हह कयतकक वद आपकक भलकतक दकष सद ददखतद हह। ''
“हद भगवननन ! आपकक समझनद कक कवकध यह नहथ हह कक आपकद परम सवभ४व, रप य४ क४यरकल४पत
कक कलपन४ कक ज४ए। भकक मम सरलग हकनद पर हश आपकद सवभ४व, आपकद कदवय सवरप, न४म तथ४
गपण कक समझ४ ज४ सकत४ हह। व४सतव मम कजसद आपकद चरणकमलत कक सदव४ करनद मम तकनक भश रकच
हकतश हह, वह आपकद कदवय सवभ४व, रप तथ४ गपण कक समझ सकत४ हह। अनय लकग हज४रत वरर तक
कचनतन करनद कद ब४द भश आपकद एक अरश कक भश नहथ ज४न सकतद।”' दससरद शबदत मम, भगव४ननन कक षण
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कभश भश अभकत कक समझ मम नहथ आतद कयतकक कक षण क४ व४सतकवक सवरप यकगम४य४ कद आवरण सद
ढक४ रहत४ हह। भगवदशत४ सद (७.२५) पपकष हकतश हह-- न४हर पक४श: सवरसय--मह हर एक कक दशरन
नहथ ददत४। जब कक षण आयद तक वद कप रकदत कक यपदभसकम मम व४सतव मम उपकसथत हह ए और सबत नद उनहम
ददख४। ककनतप सभश लकग यह नहथ समझ प४यद थद कक वद भगव४ननन हह। तथ४कप जक भश उनकद स४मनद मर४ उसद
भवबनधन सद पसणर मपकक प४प हह ई और वह वहकपणठ लकक कक गय४।
चसहकक मसढ लकग अपनश आधय४कतमक पकक कत कक ज४गकत नहथ करतद इसकलए वद कक षण य४ र४म कक नहथ
समझ प४तद ( अवज४नकनत म४र मसढ४ म४नपरर तनपम४कशतमनन )। यह४ह तक कक बडद बडद कवद४न कक षण कक
क४लपकनक म४नतद हह कयतकक वद उन आच४यर कद पय४सत पर कवच४र नहथ करतद कजनहतनद अपनद भ४षयत तथ४
लदखत मम भकक कक सरसतपकत कक हह। कदवय ज४न कद अभ४व तथ४ कक षणभ४वन४मकत ज४गकत करनद कक
असफलत४ कद क४रण ऐस४ हकत४ हह। मनपषय कक पशन करनद क४ इतन४ स४म४नय बकध हकन४ च४कहए कक
यकद कक षण य४ र४म क४लपकनक हकतद तक शशधर सव४मश, रप गकसव४मश, सन४तन गकसव४मश, वशर र४घव,
कवजयधवज, वलभ४च४यर जहसद पक४णड कवद४न एवर गणयम४नय आच४यर शशमद४गवत क४ भ४षय कलखनद
न न४मरपद गपणजनमकमरकभ-
न--नहथ; न४म-रपद--न४म तथ४ रप; गपण--गपण; जनम--जनम; कमरकभ:--क४यरकल४पत य४ लशल४ओर सद; कनरकपतवयद--
कनकशचत नहथ ककयद ज४ सकतद; तब--आपकद ; तसय--उसकद ; स४ककण:--स४कश; मन:--मन क४; वचकभय४मनन-शबदत द४र४;
अनपमदय--ध४रण४; वतमरन:--र४सत४; ददव--हद पभप; ककय४य४मनन-- भककक४यर मम; पकतयकनत--अनपभव करतद हह; अथ अकप--कफर
भश; कह--कनससनददह ( भकत द४र४ आप अनपभवगमय हह )।.
हद परमदशवर आपकद कदवय न४म तथ४ सवरप क४ उन वयककयत कक पत४ नहथ लग प४त४, म४त
जक कद वल कलपन४ कद म४गर पर कचनतन करतद हह। आपकद न४म, रप तथ४ गपणत क४ कद वल भकक
द४र४ हश पत४ लग४य४ ज४ सकत४ हह।
त४तपयर : पद पपर४ण मम कह४ गय४ हह--
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“मनपषय अपनश भलकतकत४ सद दसकरत इकनदयत कद द४र४ शशकक षण कद न४म, रप, गपण तथ४ लशल४ओर कक
कदवय पकक कत कक नहथ समझ सकत४। जब वह भगव४ननन कद पकत कदवय सदव४भ४व सद सरतकप हक ज४त४ हह
तभश उसद भगव४ननन कद कदवय न४म, रप, गपण तथ४ लशल४एह पक४कशत हकतश हह। चसकह क कक षण और उनकद
न४म, रप तथ४ क४यरकल४प सभश कदवय हह अत: स४म४नयवयकक, य४ कजनहम अतयलप ज४न हह वद उनहम नहथ
समझ सकतद। अभक कवद४न तक कक षण कक क४लपकनक म४नतद हह। यदकप तथ४ककथत कवद४न एवर
भ४षयक४र कक षण कक ऐस४ ऐकतह४कसक पपरर नहथ म४नतद जक मह४भ४रत मम अरककत कप रकदत कद यपदसथल मम
उपकसथत थद कफर भश वद भगवदशत४ तथ४ अनय ऐकतह४कसक गरथत पर भ४षय कलखनद कक ब४धय हकतद हह।
सदवकनयपखद कह कजद४दत सवयमदव सफप रतयद:--कक षण कक पसणर भ४वन४भ४कवत सदव४ मम पवकत हकनद पर हश
कक षण कद न४म, रप, गपण तथ४ क४यर सवतद पक४कशत हकतद हह। इसकक पपकष कक षण कद हश शबदत मम
भगवदशत४ द४र४ (१८.५५) हकतश हह--
“कद वल भकक कद द४र४ भगव४ननन कक यथ४रप मम ज४न४ ज४ सकत४ हह। इस तरह कक षणभ४वन४भ४कवत
हकनद पर हश भगवद४म मम पवदश ककय४ ज४ सकत४ हह।'' सदवकनयपख हककर हश भगव४ननन कद न४म, रप तथ४
गपणत कक अनपभसकत हक सकतश हह।
ददवत४ओर नद कह४, “हद पभप ! कनकवरशदरर४दश अभक यह नहथ समझ सकतद कक आपक४ न४म आपकद
सवरप सद अकभन हह।'” बह हकनद सद भगव४ननन कद न४म और व४सतकवक सवरप मम ककई अनतर नहथ रहत४।
भलकतक जगत मम सवरप और न४म मम अनतर हकत४ हह। आम क४ फल आम कद न४म सद कभन हकत४ हह।
कद वल ““आम, आम, आम'' कहनद सद ककसश कक आम क४ सव४द नहथ कमल सकत४। ककनतप भक ज४नत४
हह कक भगव४ननन कद न४म तथ४ रप मम ककई अनतर नहथ हकत४ इसशकलए वह हरद कक षण, हरद कक षण, कक षण
कक षण, हरद हरद। हरद र४म, हरद र४म, र४म र४म, हरद हरद क४ ककतरन करत४ हह और अनपभव करत४ हह कक वह
सदहव कक षण कद स४थ हह।
जक भगवदनन ज४न मम बढद-चढद नहथ हह, उनहम कक षण अपनश कदवय लशल४एह कदखल४तद हह। ऐसद लकग
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भगव४ननन कक लशल४ओर कद कचनतन म४त सद ल४भ उठ४ सकतद हह । चसहकक भगव४ननन कद कदवय न४म और सवरप
मम ककई अनतर नहथ हकत४ इसकलए भगव४ननन कक कदवय लशल४ओर और उनकद सवरप मम भश ककई अनतर
नहथ हकत४। अलपजत कद कलए (यथ४ कसय४ह, शकमक, य४ वय४प४रश) महकरर वददवय४स नद मह४भ४रत कक
रचन४ कक। मह४भ४रत मम कक षण अपनद कवकभन क४यरकल४पत मम कवदम४न हह। मह४भ४रत इकतह४स हह और
कक षण कद कदवय क४यरकल४पत कद अधययन, शवण तथ४ समरण सद अलपजत कक भश शपद भकत क४ पद प४प
हक सकत४ हह।
भगव४ननन भकत तथ४ अभकत कक जशवन कद चरमलकय कक अनपभसकत कद कलए सम४न अवसर पद४न
करतद हह। भकत कक भगव४ननन क४ दशरन करनद और उनकक पसज४ करनद क४ पतयक अवसर प४प हकत४ हह।
जक लकग इस पद कक प४प नहथ हकतद उनहम भगव४ननन कद क४यरकल४पत सद पररकचत हकनद और उसश पद तक
पहह हचनद क४ अवसर कमलत४ हह।
यर शय४मसपनदरमकचनतयगपणसवरपर
यदकप कक षण क४ कदवय सवरप शय४मल हह ककनतप भगव४ननन सद पदम करनद व४लद भक शय४मसपनदर कद
रप मम उनक४ गपणग४न करतद हह। भगव४ननन क४ सवरप इतन४ सपनदर हह कक बह-सरकहत४ (५.३०) मम भश
कह४ गय४ हह--
वदरपर कणनतमरकवनददल४यत४कर
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बह४ववरसमकसत४मबपदसपनदर४रगमनन /
कनदररकककटकमनशयकवशदरजक भर
“मह आकद भगव४ननन गककवनद कक पसज४ करत४ हह ह जक कदवय ब४हसपरश क४ व४दन करतद हह। उनकद नदत
'कमलपपषपत कद सम४न हह। वद मकरपरखत सद सपशककभत हह और उनक४ वणर सवचछ शय४मल ब४दलत कद सम४न
हह। उनक४ यह सवरप करकडत क४मददवत कक लज४नद व४ल४ हह।'' भगव४ननन क४ यह सलनदयर उन भकत कद
द४र४ ददख४ ज४त४ हह, जक उनसद पदम करतद हह, वद भक कजनकक आहखत मम भगवतपदम रपश अरजन लग४ रहत४
हह। ( पदम४जनचछप ररतभकककवलकचनदन )
भगव४ननन कक कगररध४रश य४ कगररवरध४रश भश कह४ ज४त४ हह। चसकह क कक षण नद भकत कद कलए गकवधरन
पवरत उठ४ कलय४ थ४ अत: भकगण उनकक अकचनतय शकक कक पशरस४ करतद हह ककनतप अभकगण भगव४ननन
कक अकचनतय शकक कक ददख करकद भश उनकद क४यरकल४पत कक क४लपकनक म४नतद हह। एक भक और
अभक मम यहश अनतर हकत४ हह। अभकगण भगव४ननन कक ककई न४म नहथ दद सकतद कफर भश वद शय४मसपनदर
तथ४ कगररध४रश कहल४तद हह। इसश तरह भगव४ननन ददवककननदन तथ४ यशकद४ननदन कहल४तद हह , कयतकक
उनहतनद म४त४ ददवकक तथ४ म४त४ यशकद४ कद पपत रप मम भसकमक४ कनभ४ई। वद ग४यत तथ४ बछडत क४ प४लन
करनद कद क४रण गकप४ल कहल४तद हह। इसशकलए ककई सरस४रश न४म न हकनद पर भश वद भकत द४र४
ददवककननदन, यशकद४ननदन, गकप४ल तथ४ शय४मसपनदर कहकर समबककधत ककयद ज४तद हह। यद सभश कदवय
न४म हह कजनकक मकहम४ भकगण हश ज४नतद हह, अभकजन नहथ।
भगव४ननन कद न४म, रप, गपण तथ४ क४यर कक नहथ समझ प४तद यदकप वद मह४जनत य४ इकतह४स कद म४धयम
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सद भगव४ननन कद क४यर क४ अवलककन करतद रहतद हह। पपर४ण प४चशन प४म४कणक इकतह४स-पगरथ हह ककनतप
अभकगण, उनहम, कवशदरतय४ वहकदक ज४न कद स४र शशमद४गवतमनन कक नहथ समझ प४तद। यह४ह तक कक वद
भगवदशव४ कद कदवय ज४न कद प४रकमभक अधययन कक भश नहथ समझ प४तद। बद म४त कचनतन द४र४ बदतपकद
कवक४रत सद यपक मनम४न४ भ४षय कलखतद हह। कहनद क४ त४तपयर यह हह कक भककयकग क४ अभय४स ककयद
कबन४ और कदवय पद तक उठद कबन४ भगव४ननन कक य४ उनकद न४म, रप, गपणत य४ क४यर कक नहथ समझ४ ज४
सकत४। ककनतप यकद भ४गयवश भकत कक सरगकत कमल ज४य और मनपषय भगव४ननन तथ४ उनकद सवरप कक
व४सतव मम समझ लद तक वह तपरनत मपक हक ज४त४ हह। भगवदशत४ (४.९) मम भगव४ननन कहतद हह--
“हद अजपरन! जक मदरद प४कट तथ४ कमर कक कदवय पकक कत कक ज४नत४ हह, वह इस शरशर कक तय४गनद
कद ब४द इस भलकतक जगत मम पपनद जनम नहथ लदत४ अकपतप मदरद कदवय ध४म कक प४प हकत४ हह। '”
इसशकलए शशल रप गकसव४मश नद कह४ हह कक भगव४ननन कद पकत सनदह तथ४ पदम सद भकमण अपनद शबद
द४र४ उनसद अपनद मन कक ब४त वयक करतद हह। ककनतप अनय लकग ऐस४ नहथ कर प४तद जहस४कक भगवदशत४
शकणवनगणनसरसमरयर श कचनतयननन
न४म४कन रप४कण च मडल४कन तद ।
ककय४सप यसतवचरण४रकवनदयक-
र४कवषचदत४ न भव४य कलपतद ॥ ३७॥
शकणबनस--कनरनतर भगव४ननन कद कवरय मम सपनतद हह ए ( शवणर ककतरन कवषणक: ); गकणनननस--ककतरन करतद हह ए य४ सपन४तद हहए;
सरसमरयननन-- समरण करतद हह ए ( भगव४ननन कद चरणकमलत तथ४ उनकद सवरप कद कवरय मम कनरनतर कचनतन करतद हह ए ); च--तथ४;
कचनतयननन--कचनतन करतद हह ए ( भगव४ननन कद क४यरकल४पत क४ ); न४म४कन--उनकद कदवय न४म; रप४कण--उनकद कदवय सवरप; च--
भश; मडल४कन--कदवय हकनद सद शपभ; तद--आपकद ; ककय४सप-- भकक मम लगद रहनद पर; यद --जक; तवतनन-चरण-अरकवनदयक: --
आपकद चरण कमलत पर; आकवष-चदत४: -- पसणरतय४ लशन रहनदव४ल४ भक; न--नहथ; भव४य-- भलकतक पद कद कलए; कलपतद--
यकगय हह।.
कवकवध क४यर मम लगद रहनद पर भश कजन भकत कद मन आपकद चरणकमलत मम पसरश तरह लशन
रहतद हह और जक कनरनतर आपकद कदवय न४मत तथ४ रपत क४ शवण, ककतरन, कचनतन करतद हह तथ४
अनयत कक समरण कर४तद हह, वद सदहव कदवय पद पर कसथत रहतद हह और इस पक४र सद पसणर पपररकतम
छ४
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त४तपयर : इस शलकक मम बतल४य४ गय४ हह कक भककयकग क४ ककस तरह अभय४स ककय४ ज४ सकत४
हह। शशल रप गकसव४मश नद कह४ हह कक कजस ककसश नद मन सद, वचन सद तथ४ कमर सद ( कमरण४मनस४
कगर४ ) भगव४ननन कक सदव४ मम अपन४ जशवन समकपरत कर कदय४ हह ( ईह४ यसय हरददसयद ) वह च४हद जशवन
कक ककसश भश कसथकत मम कयत न हक, ( कनकखल४सवपयवसथ४सप ) वह बद न रहकर मपक हक ज४त४ हह
( जशवनयपक: स उचयतद )। ऐस४ भक भलकतक शरशर ध४रण करतद हहए भश अधय४तम मम कसथत हकत४ हह।
न४र४यणपर४: सवर न कप तशनन कबभयकत-कदवय क४यर मम लगद रहनद कद क४रण वह भलकतक ददहध४रश बननद
सद भयभशत नहथ रहत४। ( भ४गवतनन ६.१७.२८ ) इस जशवनमपक अवसथ४ क४ दष४नत पसतपत करतद हह ए शश
चहतनय मह४पभप नद प४थरन४ कक हह-- मम जनमकन जनसनशशवरद भवत४दनन भककरहहदक
प क तवकय-मह तक जनम-
जनम४रतर कद वल आपकक अहहतक प क भकक कक क४मन४ करत४ हह ह (कशक४षक, ४) | यकद भगव४ननन कक इचछ४
सद ककई भक इस भलकतक जगत मम जनम लदत४ भश हह, तक भश उसकक भकक मम अवरकध नहथ आत४। जब
र४ज४ भरत सद भसल हक गई और अगलद जनम मम वद कहरन बन गयद तक उनकक भकक मम अवरकध नहथ आय४
यदकप उनहम उपदक४ कद कलए थकड४ दणड कमल४। न४रदमपकन कहतद हह कक यकद ककई भककपथ सद चयपत भश
हकत४ हह, तक उसक४ कवन४श नहथ हकत४ ककनतप अभकत क४ सवरन४श हक ज४त४ हह कयतकक वद भकक नहथ
'करतद। इसशकलए भगवदशत४ (९.१४) मम सरसतपकत कक गई हह कक मनपषय कक च४कहए कक कम सद कम हरद
कक षण मह४मरत क४ ककतरन तक ककय४ करद।
“मह४तम४ लकग सदहव मदरद यश क४ ककतरन करकद हढ सरकलपपसवरक पय४स करकद मदरद समक
नतमसतक हककर भककपसवरक मदरश पसज४ करतद हह।'!
मनपषय कक च४कहए कक नल पक४र कद भककयकग क४ पररतय४ग न करद (शवणर ककतरन कवषणत सपरणर
प४दसदवनमनन...) । इनमम सद सबसद महतवपसणर कवकध हह गपर, स४धप तथ४ श४स सद शवण करन४ ( अडवणमनन )।
स४धप-श४सत-गपर-व४कय, कचतदतद क४ररय४ ऐकय। हमम अभकत कक टशक४एह तथ४ वय४खय४एह नहथ सपननश
च४कहए कयतकक शशल सन४तन गकसव४मश नद फदपपर४ण सद उदरण ददतद हह ए इसक४ कनरदध ककय४ हह--
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इस शलकक क४ ककय४सप शबद महतवपसणर हह। इसक४ अथर हह “श४रशररक शम द४र४” य४ “क४यर
द४र४।'' मनपषय कक भगव४ननन कक वय४वह४ररक सदव४ करनश च४कहए। हम४रद कक षणभ४वन४मकत आनदकलन मम
हम४र४ स४र४ क४यर कक षणस४कहतय कद कवतरण पर कद कनदत रहत४ हह। यह अतय४वशयक हह। ककसश कद प४स
भश पहह हच कर उससद कक षणस४कहतय पढनद कद कलए पदररत ककय४ ज४ सकत४ हह, कजससद भकवषय मम वह भक
बन सकद । इस शलकक मम ऐसद हश क४यर कक सरसतपकत कक गई हह। ककय४सप यसतवचरण४रकवनदयक: । ऐसद
क४यर भक कक भगव४ननन कद चरणकमलत क४ सद४ समरण कदल४तद रहमग।द कक षणकवरयक पपसतकत कद कवतरण
मम कचत एक४ग करनद सद मनपषय कक षण मम लशन रहत४ हह। यहश सम४कध हह।
कदषघ४--भ४गयवश; हरद--हद भगव४ननन; असय४:--इस ( सरस४र ) कद ; भवत:--आपकद ; पद: --सथ४न क४; भपव:--इस धर४ पर;
भ४र:--असपरत द४र४ उतपन बकझ; अपनशत:--दसर हह आ; तब--आपकद ; जनमन४--अवत४र लदनद सद; ईकशतप:--सबकद कनयनत४ आप;
कदषय४--तथ४ भ४गय सद; अकडभत४मनन--कचकनहत; तवतनन-पदकह :--आपकद चरणकमलत सद; सप-शकभनह:--शरख, चक, पढ तथ४ गद४
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कचहत सद अलरककत; दकय४म--हम ददखगम द; ग४मनन--इस पकथवश पर; द४मनन च--तथ४ सवगर मम भश; तब अनपककमपत४मनन--हम पर आपकक
प क कक प४ हकनद सद |.
अहहतक
त४तपयर : भगव४ननन कद चरणकमलत कद तलवद शरख, चक, गद४, पद कचहत सद अरककत हकतद हह। स४थ
हश धवज४ तथ४ वज भश अरककत रहतद हह। कक षण जब इस धर४ध४म मम य४ सवगरलकक मम कवचरण करतद हह,
तक यद कचह दकषगकचर हकतद रहतद हह। वकनद४वन ध४म कदवय सथ४न हह कयतकक यह४ह कक षण कई ब४र कवचरण
करतद हह। वकनद४वनव४सश भ४गयश४लश थद कक उनहतनद इन कचहन“त कक जगह जगह ददख४। जब अकस र कक षण
तथ४ बलर४म कक करस द४र४ आयककजत उतसव मम लद ज४नद कद कलए वकनद४वन गयद तक वद वकनद४वन कक भसकम
पर कक षण कद चरणकचहत कक ददख कर भसकम पर लकटकर कर४हनद लगद। यद कचह उनहथ भकत कक कदखतद हह
कजन पर भगव४ननन कक अहहतपकक कक प४ हकतश हह ( तव४नपककमपत४मनन ) | ददवत४गण कद वल इसकलए हकररत नहथ
थद कक भगव४ननन असपरत क४ भ४र दसर कर दमगद अकपतप इसकलए भश कक वद भगव४ननन कद चरणत पर अरककत
कचहनत कक भश भसकम पर ददख सकम गद। गककपय४ह चर४ग४हत मम कवचरण करतद कक षण कद चरणकमलत क४ सदहव
कचनतन करतश रहतश थथ और जहस४कक कपछलद शलकक मम कह४ गय४ हह, कद वल कक षण कद चरणकमलत कद
कचनतन सद गककपय४ह अधय४तम मम लशन रहतश थथ ( आकवषचदत४ न भव४य कलपतद ) | गककपयत कक हश तरह
जक भगव४ननन कद कवच४र मम सदहव लशन रहत४ हह, वह भलकतक सतर सद ऊपर कसथत रहत४ हह और कफर इस
भलकतक जगत मम नहथ आत४। अत: हम४र४ कतरवय हह कक हम सदहव भगव४ननन कद चरणकमलत कद कवरय मम
सपनम, ककतरन करम और कचनतन करम कजस तरह कक वकनद४वन मम रहनद व४लद वहषणवजन अहकनरश भगव४ननन कद
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न--नहथ; तद--आपकद ; अभवसथ--जक जहसद कक स४म४नय जशव, उसक४ जनम, मकतयप, प४लन पकरण सद परद हह, जक, उसक४; ईश--हद
ईशवर; भवसथ-- आपकद जनम क४; क४रणमनन--क४रण; कवन४--रकहत; कवनकदमननस-- लशल४एह ( आपकक कववश हककर इस जगत मम
नहथ आन४ पडत४ हह ); बत--कफर भश; तकरय४महद--हम तकर-कवतकर नहथ कर सकतद ( लदककन इनहम अपकक लशल४ हश समझम );
भव: --जनम; कनरकध:--मकतयप; कसथकत:--प४लन; अकप-- भश; अकवदय४--म४य४ द४र४; कक त४:--ककय४ गय४; यत: --कयतकक;
तवकय--तपममम; अभय-आशय--हद सबत कद कनभरय आशय; आतमकन--स४म४नय जशवन क४।.
हद परमदशवर, आप ककई स४म४नय जशव नहथ जक सक४म कमर कद अधशन इस भलकतक जगत मम
उतपन हकत४ हह। अतद इस जगत मम आपक४ प४कट य४ जनम एकम४त ह४कदनश शकक कद क४रण
हकत४ हह। इसश तरह आपकद अरश रप स४रद जशवत कद कषत--यथ४ जनम, मकतयप तथ४ जर४ क४ ककई
दससर४ क४रण नहथ कसव४य इसकद कक यद सभश आपकक बकहररग४ शकक द४र४ सरच४कलत हकतद हह।
“भगव४ननन कक आनद कक कनय४ आवशयकत४ हह ?”' ककनतप इसक४ उतर यह हह “उनहम कयत नहथ आन४
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च४कहए? वद जशव कक इचछ४ सद कनयरकतत कनयत हत ?'” भगव४ननन इचछ४नपस४र क४यर करनद कद कलए मपक हह।
इसशकलए इस शलकक मम कह४ गय४ हह-- कवन४ कवनकदर बत तकरय४महद । वद कवनकदवश हश आतद हह अनयथ४
उनहम आनद कक ककई आवशयकत४ नहथ रहतश।
जब जशव इस जगत मम भलकतक भकग करनद आत४ हह, तक वह भगव४ननन कक म४य४ द४र४ कमर तथ४
कमर-फल मम बहध ज४त४ हह। ककनतप यकद ककई भगव४ननन कद चरणकमलत कक शरण खकज लदत४ हह, तक वह
पपनद अपनश आकद मपक अवसथ४ कक प४प कर लदत४ हह। जहस४कक यह४ह पर कह४ गय४ हह --कक त४
यतसतवययभय४शय४तमकन--जत भगव४ननन कद चरणकमलत क४ आशय खकज लदत४ हह, वह सद४ कनभरय रहत४
हह। चसहकक हम भगव४ननन पर आकशत हह अतएवर हमम यह कवच४र तय४ग ददन४ च४कहए कक इस जगत मम हम
कक षण कद कबन४ सवतरतत४ भकग सकतद हह । इसश कवच४र कद क४रण हम बहधद हह ए हह। अब हम४र४ कतरवय हह
कक हम पपनद भगव४ननन कद चरणकमलत कक शरण खकजम। यह शरण अभय बतल४यश गयश हह। चसकह क कक षण
कक जनम, मकतयप, जर४ तथ४ रकग नहथ सत४तद और चसकह क हम कक षण कद हश अरश हह अतद हम भश जनम,
मकतयप, जर४ तथ४ रकग कद अधशन नहथ हह ककनतप हम इन मकहमय समसय४ओर मम इसकलए जकड गयद हह
कयतकक हमनद कक षण कक तथ४ उनकद कनतय द४स रप मम अपनश कसथकत कक भपल४ कदय४ हह ( जशवदर सवरप!
हय-कन कषणदर “कनतयद४स” )। अत: यकद हम सदहव भगव४ननन क४ कचनतन, उनक४ गपणग४न उनक४ ककतरन
करतद हहए उनकक सदव४ करम जहस४कक शलकक ३७ मम कह४ गय४ हह ( शवणर गपणननन सरसमरयरशर कचनतयननन ) तक
हमम अपनश आकद सव४भ४कवक कसथकत प४प हक सकतश हह और हम४र४ बच४व हक सकत४ हह। इसकलए
ददवत४ओर नद ददवकक कक कवशव४स कदल४य४ कक वद करस सद डरद नहथ अकपतप उन भगव४ननन क४ कचनतन करम जक
पहलद हश उनकद गभर मम आ चपकद हह।
मतसय४शकचछपनसकसरहवर४हहरस-
र४जनयकवपकवबपधदरप कक त४वत४र: ।
तवर प४कस नकसभपवनर च यथ४धपनदश
भ४रर भपवक हर यदसतम वनदनर तद ॥ ४०॥
मतसय--मतसय४वत४र; अशव--धघकडद क४ अवत४र; कचछप--कस म४रवत४र; नसकसरह--नसकसरह अवत४र; वर४ह--वर४ह अवत४र; हरस--
हरस अवत४र; र४जनय--र४मचनद तथ४ अनय ककतयत कद रप मम अवत४र; कवप--व४मनददव जहसद ब४हणत कद रप मम अवत४र;
कवबपधदरप--ददवत४ओर कद बशच; कक त-अवत४र:--अवत४रत कद रप मम पकट हहए; तवमस--आपकक; प४कस--कक पय४ बच४यम; न:--
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हमम; कत-भपवनमनन च--तथ४ तशनत लककत कक; यथ४--तथ४; अधपन४--अब; ईश--हद भगव४ननन; भ४रमनन- भ४र; भपव: --पकथवश क४;
हर--कक पय४ कम करम; यदप-उतम--हद यदपओर मम शदष, हद कक षण; वनदनमनन तद--हम आपकक वनदन४ करतद हह।.
हह परम कनयनत४, आप इसकद पसबर अपनश कक प४ सद स४रद कवशव कक रक४ करनद कद कलए मतसय,
अशव, कचछप, नककसरहददव, वर४ह, हरस, भगव४ननन र४मचनद, पशपर४म क४ तथ४ ददवत४ओर मम सद व४मन
कद रप मम अवतररत हहए हह। अब आप इस सरस४र क४ उतप४तत कम करकद अपनश कक प४ सद पपनद
हम४रश रक४ करम। हद यदपशदष कक षण, हम आपकक स४दर नमसक४र करतद हह।
त४तपयर : पतयदक अवत४र मम भगव४ननन कक ककसश न ककसश कवशदर उददशय कक पसकतर करनश हकतश हह
और यदपवशर मम ददवकक कद पपत रप मम उनक४ आकवभ४रव इसकक पपकष करत४ हह। अतद स४रद ददवत४ओर नद
नतमसतक हककर भगव४ननन कक प४थरन४ कक और उनसद प४थरन४ कक कक जहसश आवशयकत४ समझम करम । हम
भगव४ननन कक हम४रद कलए कप छ करनद क४ आददश नहथ दद सकतद। हम उनहम कद वल नमसक४र कर सकतद हह
जहस४कक भगवदशत४ क४ उपददश हह ( मननननमन४ भव मदकक मद४जश म४र नमसकप र ) और उनसद प४थरन४ कर
नरशदन स४क४दगव४नभव४य न: ।
म४भसदयर भकजपतदमपमसरर-
कदषघ४--भ४गयवश; अमब--हद म४त४; तद--तपमह४रश; कप कक-गत: --ककख मम; पर:--परम४तम४; पपम४नननस-- भगव४ननन; अरशदन--अपनश
समसत शककयत सकहत; स४क४तनन- पतयक रप सद; भगव४नननस-- भगव४ननन; भव४य--कलय४ण कद कलए; न:--हम सबत कद ; म४
अभसतनन-कभश न हत; भयमनन-- भयभशत; भकज-पतद: -- भकजवरश कद र४ज४ करस सद; मपमसरर: --कजसनद भगव४ननन कद ह४थत सद मरनद कक
ठ४न लश हह; गकप४--रकक; यदसन४मननस--यदपवशर क४; भकवत४--हकग४; तब आतमज:--तपमह४र४ पपत |.
हह म४त४ ददवकक, आपकद तथ४ हम४रद सलभ४गय सद भगव४ननन अपनद सभश सव४रशत यथ४ बलददव
समदत अब आपकद गभर मम हह। अतएव आपकक उस करस सद भयभशत नहथ हकन४ हह, कजसनद भगव४ननन
कद ह४थत सद म४रद ज४नद कक ठ४न लश हह। आपक४ श४शवत पपत कक षण स४रद यदपवरश क४ रकक हकग४।
त४तपयर : परद पपम४ननन अरशदन पद दककतत करत४ हह कक कक षण आकद पसणर पपररकतम भगव४ननन हह। यह
श४स क४ कनणरय हह (कक षणसतप भगव४ननन सवयमनन )। अतद ददवत४ओर नद ददवकक कक स४नतवन४ कदल४ई,
“आपक४ पपत भगव४ननन हह और वह अपनद सव४रश बलददव कद स४थ पकट हकनद व४ल४ हह। वह आपकक पसरश
रक४ करदग४ और उस करस क४ वध करदग४ कजसनद भगव४ननन कद पकत शतपत४ बन४यद रखनद क४ कनशचय कर
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रख४ हह। इसकलए वह उनकद ह४थत सद म४र४ ज४यदग४।'!
शशशपक उब४च
इतयकभषह य पपरर यदसपमकनदर यथ४ ।
बहदश४नल पपरकध४य ददव४: पकतययपकदरवमनन ॥ ४२॥
शश-शपक: उब४च-- शश शपकददव गकसव४मश नद कह४; इकत--इस पक४र; अकभषह य--सतपकत करकद ; पपररमनन--परम पपरर कक; यतनन-
रपमस--कजसक४ सवरप; अकनदमनन-कदवय; यथ४--कजस पक४र; बह--बह४जश; ईश४नल--तथ४ कशवजश; पपरकध४य--आगद
करकद ; ददव४:--स४रद ददवत४; पकतययप:--ललट गयद; कदवमनन--अपनद सवगर कनव४स कक |.
पसणर पपररकतम भगव४ननन कवषणप कक इस तरह सतपकत करनद कद ब४द स४रद ददवत४ बह४जश तथ४
कशवजश कक आगद करकद अपनद अपनद सवगर-आव४सत कक ललट गयद।
त४तपयर : कह४ गय४ हह कक--
भगव४ननन कद अवत४र नदश य४ समपद कक तररगत कद सम४न सतत पकट हकतद रहतद हह। भगव४ननन कद
अवत४र असशम हह ककनतप भ४गयश४लश भक हश उनहम ददख सकतद हह। सलभ४गयवश ददवत४गण भगव४ननन कद
अवत४र कक ज४न गयद थद इसशकलए उनहतनद सतपकतय४ह ककर। अपनद अपनद कनव४सक कक ललटतश ब४र कशवजश
कप कक-गतद क४ अथर हह “ददवकक कक ककख मम''। शशल जशव गकसव४मश नद कमसनदभर भ४षय मम
इसकक वय४खय४ कक हह। चसकह क यह पहलद कह४ ज४ चपक४ हह कक कक षण वसपददव कद हदय मम कवदम४न थद
और तब ददवकक कद हदय मम सथ४न४नतररत ककयद गयद अतद शशल जशव गकसव४मश कलखतद हह कक यह कह सद
इचछ४नपस४र कहथ भश रक सकतद हह अतद अपनद पसवर-जनम कक इचछ४नपस४र ददवकक कक वरद४न सवरप
भगव४ननन ददवककननदन कक पपत रप मम प४प करनद क४ अवसर कमल४।
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(॥979(९/ तशन
कक षण जनम
म४त४ ददवकक सकचद४ननद हकनद कद क४रण इस भलकतक जगत सद समबद नहथ हह। भगव४ननन च४र ह४थत
सद यपक पकट हहए म४नक उनकद गभर सद उतपन हह ए हत। भगव४ननन कद इस कवषणप रप मम ददखकर वसपददव
कवकसमत रह गए और उनहतनद ददवकक समदत कदवय हरर मम आकर मन हश मन ब४हणत कक दस हज४र ग४एह
द४न मम दद ड४लथ। कफर वसपददव नद भगव४ननन कक सतपकत परम पपरर, परबह, परम४तम४ कद समबकधनत सद कक
जक दहत सद परद हह और भशतर तथ४ ब४हर सद सवरवय४पक हह। समसत क४रणत कद क४रण भगव४ननन भलकतक
जगत सद परद हह यदकप वद हश इस भलकतक जगत कद सष४ हह । जब वद इस जगत मम परम४तम४ रप मम पकवष
हकतद हह, तक वद सवरवय४पक हकतद हह ए ( अणड४नतरसथ परम४णपचय४नतरसथमनन ) भश कदवय बनद रहतद हह। इस
भलकतक जगत कद सकजन, प४लन तथ४ सरह४र कद कलए वद गपण४वत४रत-यथ४ बह४, कवषणप तथ४ महदशवर कद
रप मम पकट हकतद हह। इस तरह वसपददव नद भगव४ननन कक स४थरक प४थरन४ कक। उनकद ब४द ददवकक नद भश
भगव४ननन कक कदवय पकक कत क४ वणरन करतद हह ए प४थरन४ कक। करस कद डर सद तथ४ इस अकभल४र४ सद कक
न४कसतक तथ४ अभकजन भगव४ननन कक समझ न प४एह ददवकक नद भगव४ननन सद प४थरन४ कक कक वद इस चतपभपरज
रप कक तय४गकर दक ह४थ व४लद स४म४नय ब४लक कद रप मम पकट हत।
भगव४ननन नद वसपददव तथ४ ददवकक कक उन दक अनय अवत४रत क४ समरण कर४य४ जक पहलद हश उनकद
पपत रप मम पकट हक चपकद थद। वद पककशनगभर तथ४ व४मनददव कद रप मम पकट हक चपकद थद और अब तशसरश
ब४र वद उनकक इचछ४-पसकतर कद कलए ददवकक कद पपत रप मम पकट हक रहद थद। तब भगव४ननन नद करस कद
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क४र४ग४र मम बनदश वसपददव तथ४ ददवकक कद आव४स कक छकडनद क४ कनशचय ककय४ और ठशक उसश समय
यकगम४य४ नद यशकद४ कक पपतश कद रप मम जनम कलय४। यकगम४य४ कक हश वयवसथ४ द४र४ वसपददव बनदशगकह
कक तय४गनद एवर करस कद ह४थत सद ब४लक कक बच४नद मम समथर हक सकद । जब वसपददव कक षण कक ननद
मह४र४ज कद घर ल४ए तक उनहतनद ददख४ कक यकगम४य४ कक वयवसथ४ सद यशकद४ तथ४ दससरद स४रद लकग सकए
हह ए थद। इस तरह उनहतनद यकगम४य४ कक यशकद४ कक गकद सद लदकर बदलद मम कक षण कक रख कदय४। कफर वद
यकगम४य४ कक अपनश पपतश कद रप मम लदकर व४पस ललट आए उनहतनद यकगम४य४ कक ददवकक कद बसतर मम
रख कदय४ और पसवरवतनन बनदश बन गए। गककप ल मम यशकद४ कक यह पत४ नहथ चल प४य४ कक उनहम लडक४
हह आ य४ लडकक।
शशशपक उब४च
यह४हव४जनजनमक श४नतकगहत४रकमनन ॥ १॥
महश मडलभसकयषपपरग४मतज४कर४ ॥ २॥
मन४रसथ४सनपसन४कन स४धसन४मसपरदह४मनन ।
शश-शपक: उब४च-- शशशपकददव गकसव४मश नद कह४; अथ--भगव४ननन कद आकवभ४रव कद समय; सवर--च४रत ओर; गपण-उपदत:--
भलकतक गपणत सद समपन; क४ल:--उपयपक समय; परम-शकभन:--अतयनत शपभ तथ४ सभश दकषयत सद उपयपक; यकहर--जब; एव--
कनकशचत रप सद; अजन जनम-ऋकमनन-रककहणश नकत समसह; श४नत-ऋक--स४रद नकत श४नत थद; गह-त४रकमनन--तथ४ गह एवर त४रद
(यथ४ अकशवनश ); कदशद--स४रश कदश४एह; पसदद: प --अतयनत शपभ तथ४ श४नत पतशत हह ई;
र गगनमनन-- आक४श; कनमरल-उडप -गण-
'उदयमनन--कजसमम स४रद शपभ नकत दकषगकचर थद; महश--पकथवश; मडड ल-भसकयष-पपर-ग४म-तज-आकर४:--कजसकद अनदक नगर,
ग४म, गकचर भसकम तथ४ ख४नम शपभ तथ४ कनमरल हक गई; र नदद--नकदय४ह; पसन-सकलल४:--जल सवचछ हक गय४; हद४द--झशलम य४
जल४शय; जलरह-कशय: --च४रत ओर कमलत कद कखलनद सद अतयनत सपनदर लगनद लग४; कदज-अकल-कप ल-सन४द-सतवक४:--
पककयत ( कवशदरतय४ ककयल ) तथ४ मधपमककखयत क४ समसह मधपर धवकन मम ककतरन करनद लग४, म४नक भगव४ननन कक सतपकत कर रहद हत;
वन-र४जय:-हरद वकक भश ददखनद मम मनकहर लग रहद थद; वबल--बहनद लगश; व४यप: --व४यप, मनद हव४; सपख-सपशर:--छसनद मम
सपह४वनश; पपणय-गनध-वह:--सपगनध सद पसररत; शपकच:-- धसल सद रकहत; अगय: च--तथ४ यजसथलत कक अकगय४ह; कदज४तशन४मनन--
ब४हणत कक; श४नत४:-- श४नत; तत--वह४ह; सकमनधत--जलतश हह ई; मन४रकस--ब४हणत कद मन ( जक करस सद भयभशत थद );
आसनस--हक गए; पसन४कन--पसणर तपष तथ४ उतप४त सद रकहत; स४धसन४मननस--ब४हणत कद , जक सबकद सब वहषणव भक थद; असपर-
दहमनन--जक ध४कमरक अनपष४न समपन करतद समय करस तथ४ अनय असपरत द४र४ सत४ए गए थद; ज४यम४नद-- जनम हकनद सद; अजनद--
अजनमद, भगव४ननन कवषणप कद ; तकसमनननस--उस सथ४न मम; नदद:
प --बज उठथ; दपनदपभयद--दपनदपकभय४ह; सममनन--एकस४थ ( ऊपरश लककत
सद).
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ततपशच४तनन भगव४ननन कद आकवभ४रव कक शपभ बदल४ मम स४र४ बह४णड सतकगपण, सलनदयर तथ४
श४कनत सद यपक हक गय४। रककहणश नकत तथ४ अकशवनश जहसद त४रद कनकल आए। ससयर, चनदम४ तथ४
अनय नकत एवर गह अतयनत श४नत थद। स४रश कदश४एह अतयनत सपह४वनश लगनद लगथ और मनभ४वन
नकत कनदभ आक४श मम कटमकटम४नद लगद। नगरत, ग४मत, ख४नत तथ४ चर४ग४हत सद अलरककत पकथवश
सवर-मरगलमय पतशत हकनद लगश। कनमरल जल सद यपक नकदय४ह पव४कहत हकनद लगथ और सरकवर तथ४
कवश४ल जल४शय कमलत तथ४ कप मपकदकनयत सद पसणर हककर अतयकधक सपनदर लगनद लगद। फस लत-
पकतयत सद पसणर एवर ददखनद मम सपह४वनद लगनद व४लद वककत और हरद पलधत मम ककयलत जहसद पकश तथ४
भलरत कद झपणड ददवत४ओर कद कलए मधपर धवकन मम गपरज४र करनद लगद। कनमरल मनद व४यप बहनद लगश
कजसक४ सपशर सपखद थ४ और जक फस लत कक गनध सद यपक थश। जब कमरक४णड मम लगद ब४हणत नद
वहकदक कनयम४नपस४र अकग पजबकलत कक तक अकग इस व४यप सद अकवचकलत रहतश हह ई कसथर भ४व
सद जलनद लगश। इस तरह जब अजनम४ भगव४ननन कवषणप पकट हकनद कक हह ए तक करस जहसद असपरत
तथ४ उसकद अनपचरत द४र४ सत४ए गए स४धपजनत तथ४ ब४हणत कक अपनद हदयत कद भशतर श४कनत
पतशत हकनद लगश और उसश समय सवगर मम दपनदपकभय४ह बज उठथ।
त४तपयर : भगवदशत४ मम भगव४ननन कहतद हह कक “मदर४ जनम तथ४ क४यरकल४प सभश कदवय हह। जक
मपझद यथ४थरतदद समझ लदत४ हह, वह तपरनत वहकपणठ ज४नद कद यकगय बन ज४त४ हह।'” भगव४ननन क४ जनम
स४म४नय वयकक जहस४ नहथ हकत४, कजसद अपनद पसवरकमर कद अनपस४र भलकतक शरशर ध४रण करनद कद कलए
ब४धय हकन४ पडत४ हह। भगव४ननन कद प४कटय कक वय४खय४ कपछलद अधय४य मम हक चपकक हह वद सवदचछ४ सद
पकट हकतद हह।
जब भगव४ननन कद प४कट क४ समय आ गय४ तक नकत शपभ हक गए। रककहणश नकत क४ जयककतर-
'फल भश पध४न थ४ कयतकक यह नकत अतयनत शपभ म४न४ ज४त४ हह। रककहणश बह४ कद अधशन हह और बह४
कवषणप सद उतपन हह। रककहणश अजनम४ कवषणप कद जनम कद समय कवषणप सद हश जनम लदकर पकट हकत४ हह।
जयककतर कद अनपस४र नकतत कक कसथकत कद अकतररक कवकभन गहत कक कवकभन कसथकतयत कद क४रण शपभ
तथ४ अशपभ कण हकतद हह। कक षण-जनम कद समय स४रद गहत क४ अपनद आप ऐस४ त४लमदल बहठ४ कक सब
कप छ शपभ बन गय४।
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उस समय पसवर, पकशचम, उतर तथ४ दककण सभश कदश४ओर मम श४कनत तथ४ समपनत४ क४ व४त४वरण थ४।
आक४श मम शपभ नकत कदख रहद थद और पकथवश पर स४रद नगरत, स४रद ग४मत य४ चर४ग४हत मम तथ४ हर प४णश
कद मन कद भशतर सलभ४गय कद लकण पकट हक रहद थद। नकदय४ह जल सद पसणर थथ और सरकवर सपनदर कमलत
सद सपशककभत थद। जरगल सपनदर पककयत तथ४ मकरत सद पसणर थद। जरगल कद स४रद पकश मधपर धवकन सद ग४नद लगद
और मकर मकरकनयत कद स४थ न४चनद लगद। सपखद मनद व४यप कवकभन फस लत कक गनध लदकर पव४कहत हकनद
लगश कजसक४ सपशर अतयनत सपखद थ४। अकग यज करनद व४लद ब४हणत कक यज करनद कद कलए अपनद घर
अतयनत सपखद पतशत हकनद लगद। आसपरश र४ज४ओर कद उतप४तत कद क४रण ब४हणत कद घरत कक यज-अकग
प४य: बपझ चपकक थश, ककनतप वहश अब पपनद श४कनतपसवरक जलनद लगश। यजत पर प४बनदश लग४ए ज४नद सद
ब४हण मन, बपकद तथ४ कमर सद अतयनत सरतप थद। ककनतप कक षण कद आकवभ४रव कद समय उनकद मन सवतद
पसनत४ सद भर उठद कयतकक आक४श मम भगव४ननन कद प४कट कक घककरत करनद व४लश कदवय धवकन जकर सद
सपन४ई पडनद लगश थश।
जगप:--शपभ गशत ग४ए; ककनर-गनधव४र:--कवकभन लककत कद कनव४सश ककनर तथ४ गयनधवर; तपषडवप:--सतपकतय४ह ककर; कसद-
च४रण४:--सवगर कद अनय कनव४सश कसद तथ४ च४रणत नद; कवद४धयर: च--और कवद४धररय४ह, सवगरलकक कद अनय कनव४सश;
ननकतप:--आननदपसवरक नकतय ककय४; अपसरककभ:--अपसर४ओर कद , सवगर कक सपनदर नकतरक४एह; सममनन-स४थ; मपद४--पमपकदत हककर।.
ककनर तथ४ गनधवर शपभ गशत ग४नद लगद, कसदत तथ४ च४रणत नद शपभ प४थरन४एह ककर तथ४
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मपमपचप:--बरस४य४; मपनय:--मपकनयत नद; ददव४:--तथ४ ददवत४ओर नद; सपमन४रकस--सपनदर तथ४ सपगकनधत फस ल; मपद४ अकनवत४:--
पसनकचत हककर; मनदमनन मनदमनन--धशरद-धशरद; जल-धर४:--ब४दल; जगजपर:--गरजनद लगद; अनपस४गरमनन--समपद कक लहरत कक
धवकन कद स४थ; कनशशधद-- अधरर४कत मम; तम:-उदतस द--घन४ अरधक४र हकनद पर; ज४यम४नद--पकट हकनद पर; जन४दरनद-- भगव४ननन
कवषणप कद ; ददवकय४मनन-ददवकक कद गभर मम; ददव-रकपणय४मनन-- भगव४ननन कद रप मम ( आननदकचनमय रस पकतभ४कवत४कभ: );
कवषणप:-- भगव४ननन कवषणप; सवर-गपह४-शय:--हर एक कद हदय मम कसथत; आकवर४सशतनन--पकट हह ए; यथ४--कजस पक४र; प४चय४मनन
कदकश--पसवर कदश४ मम; इनदप: इब--पसणर चनदम४ कद सम४न; पपषकल: --सब पक४र सद पसणर |
ददवत४ओर तथ४ मह४ननन स४धप पपररत नद पसन हककर फस लत कक वर४र कक और आक४श मम ब४दल
उमड आए तथ४ मनद सवर सद गजरन करनद लगद म४नक समपद कक लहरत कक धवकन हक। तब हर हदय
मम कसथत पसणर पपररकतम भगव४ननन कवषणप र४कत कद गहन अरधक४र मम ददवकक कद हदय सद उसश तरह
पकट हहए कजस तरह पसवर कककतज मम पसणर चनदम४ उदय हह आ हक कयतकक ददवकक शशकक षण कक हश
कककट कक थथ।
आननदकचनययरसपकतभ४कवव४कभसनन
भगव४ननन कद आकवभ४रव कद समय स४रद मपकन तथ४ ददवत४ पसन हककर फस लत कक वर४र करनद लगद।
समपदतट पर मनद लहरत कक धवकन हक रहश थश और समपद कद ऊपर आक४श मम ब४दल थद, जक अतयनत
मनकह४रश गजरन४ करनद लगद।
जब इस तरह क४ व४त४वरण बन गय४ तक पतयदक जशव कद हदय मम कनव४स करनद व४लद भगव४ननन कवषणप
अहधदरश र४त मम ददवशसवरप४ ददवकक कद समक पकट हह ए। उस समय भगव४ननन कवषणप कद प४कट कक उपम४
पसवर अनतररक मम पसणर चनदम४ कद उदय हकनद सद दश ज४ सकतश हह। यह४ह यह आकदप ककय४ ज४ सकत४ हह
कक कक षण तक कक षणपक कक अषमश कद कदन उतपन हह ए तक कफर पसणर चनदकदय कह सद हह आ ? इसक४ उतर
यह हह आ कक कक षण चनद वरश मम उतपन हह ए थद अत: भलद हश उस र४त चनदम४ अपसणर रह४ हक, ककनतप
भगव४ननन कजस कप ल मम पकट हह ए उसमम चनदम४ स४क४तनन आकद पपरर हह, अत: चनदम४ अतयकधक पसन थ४
और कक षणकक प४ सद वह पसणररप मम पकट हक सक४। भगव४ननन क४ सव४गत करनद कद कलए कक षणपक क४ च४हद
हरर कद म४रद पसणर चनदम४ बन गय४।
अऔरशमद४गवत कद अनदक प४ठत मम ददवरकपणय४मनन शबद कद सथ४न पर कवषणपरकपणय४मनन प४ठ कमलत४ हह।
पतयदक दश४ मम अथर यहश हह कक ददवकक क४ सवरप भगव४ननन कद हश सहश आधय४कतमक हह। भगव४ननन
सकचद४ननद कवगह हह और ददवकक भश वहश हह। अतद कजस कवकध सद सकचद४ननदकवगह भगव४ननन ददवकक
कद गभर सद पकट हह ए उसकद कवरय मम ककई तपकट नहथ कनक४लश ज४ सकतश।
कजनहम यह पसरश तरह समझ नहथ हह कक भगव४ननन क४ प४कट तथ४ कतरकध४न कदवय हकतद हह ( जनम कमर
च मद कदवयमनन ) वद कभश-कभश आशचयरचककत रह ज४तद हह कक भगव४ननन स४म४नय ब४लक कक तरह जनम लद
सकतद हह। ककनतप व४सतकवकत४ यहश हह कक भगव४ननन क४ जनम कभश भश स४म४नय नहथ हकत४। भगव४ननन पहलद
सद हर प४णश कद हदय मम अनतय४रमश परम४तम४ कद रप मम कसथत हह। अतद ददवकक कद हदय मम सरपसणर शकक
कद स४थ उपकसथत रहनद सद वद उनकद शरशर कद ब४हर भश पकट हकनद मम समथर थद।
अलग कसथत हह। इसश तरह अकचनतय शककयत कद क४रण भगव४ननन भलद हश हर एक कद हदय मम कसथत हत,
ककनतप वद अलग-अलग नहथ हह। एकतवमनपपशयत: ( ईरकपकनरदनन ७) । भगव४ननन एक हह, ककनतप वद अपनश
अकचनतय शकक कद द४र४ हर प४णश कद हदय मम पकट हक सकतद हह। इस तरह भगव४ननन ददवकक कद हदय मम
रहतद हहए भश उनकद पपत रप मम पकट हह ए। इसशकलए कवषणप-पपर४ण कद अनपस४र जहस४कक वहषणव-तकरणश मम
उदतक ककय४ हह, भगव४ननन ससयर कद सम४न पकट हह ए ( अलपगहयसय )। बह-सरकहत४ (५.३५) पपकष करतश
हह कक भगव४ननन पतयदक परम४णप कद भशतर भश कसथत हह ( अणड४नतरसथ परम४णपचय४नतरसथमनन )। वद मथपर४
मम, वहकपणठ मम तथ४ हदय मम कसथत हह। अत: हमम सपष समझ लदन४ हकग४ कक वद ददवकक कद हदय य४ गभर
मम स४म४नय ब४लक कक तरह नहथ रहद थद। न हश वद स४म४नय म४नवश कशशप कक तरह उतपन हह ए यदकप करस
जहसद असपरत कक मककहत करनद कद कलए ऐस४ करतद हह ए पतशत हह ए। असपरगण वयथर हश सकचतद हह कक कक षण
नद स४म४नय ब४लक कक तरह जनम कलय४ और स४म४नय वयकक कक भ४हकत इस सरस४र सद चलद गए। भगवतननस -
ज४नश वयकक ऐसश आसपरश ध४रण४ओर क४ खरडन करतद हह। अजक5 कप सनवयय४तय४ धसव४न४मनन ईशवरक5 कप सननन
( भगवदशत४ ४.६) । भगव४ननन अज अथ४रतनन अजनम४ हह और सबकद परम कनयनत४ हह। कफर भश वद ददवकक
कद पपत रप मम पकट हहए। इस शलकक मम पसणर-चनदसवरप पकट हकनद व४लद भगव४ननन कक अकचनतय शकक
क४ वणरन हहआ हह। भगव४ननन कद आकवभ४रव कक कवकशष महत४ कक समझतद हह ए भगव४ननन कक कभश भश
तमदपतर ब४लकममबपजदकणर
चतपभपरजर शटभपगद४दपद४यपधमनन ।
शशवतसलकमर गलशककभकलसतपभर
पशत४मबरर स४नदययकदसलभगमनन ॥ ९॥
मह४ईवहदयस रककरशटकप णडल
कतवर४ पररषवकसहसकप नतलमनन ।
उद४मक४जचयडड दकडण४कदकभरनन
कवरकचम४नर वसपददव ऐकत ॥ १०॥
'तमनन--उस; अदपतमनन-- अदपत; ब४लकमनन-ब४लक कक; अमबपज-ईकणमनन--कमल जहसश आहखत व४लद; चतप:-भपजमनन--च४र
भपज४ओर व४लद; शदप-गद४-आकद--च४र ह४थत मम शरख, चक, गद४ तथ४ कमल कलए हह ए; उद४यपधमनन-कवकभन आयपध; शशवतस-
लकममस-- शशवतस सद अलरककत, ब४लत क४ कवशदर पक४र शशवतस कहल४त४ हह और यह भगव४ननन कद वकसथल पर हश उगत४ हह; गल-
शककभ-कलसतपभमनन--उनकद गलद मम वहकपणठ-लकक मम प४प हकनद व४ल४ कलसतपभ मकण थ४; पशत-अमबरमनन--पशल४ वस; स४नद-
'पयकद-सलभगमनन-- अतयनत सपनदर तथ४ शय४मल ररग क४; मह४-अह-वहदयस र-ककरशट-कप णडल--उनक४ मपकपट तथ४ उनकद कप णडल
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मसलयव४न बहदयस र मकण सद जडद थद; कतवर४--सलनदयर द४र४; पररषवक-सहस-कप नतलमनन--कबखरद बडद-बडद ब४लत कद द४र४ चमचम४त४;
उद४म-क४ञश-अडभद-कडडण-आकदकभ:--कमर मम चमककलश पदटश, भपज४ओर मम बलय, कल४इयत मम करकण इतय४कद सद यपक.;
कवरकचम४नमनन--अतयनत सपनदर ढरग सद अलरककत; वसपददव:--कक षण कद कपत४ वसपददव नद; ऐकत--ददख४।.
त४तपयर : अदपवमनन शबद कद समथरन मम नवज४त कशशप कद अलरकरण तथ४ ऐशवयर क४ वणरन हह आ हह।
बह-सरकहत४ (५.३०) मम पपकष हह ई हह-- बह४कवतरसमकसत४मबपद सपनदर४रगम-- भगव४ननन क४ सपनदर सवरप
शय४म ररग कद घनद ब४दलत जहस४ ( अकसत-शय४म तथ४ अमबपद--ब४दल) हह। चतपथपरज शबद सद सपष हह
कक कक षण पहलद च४र ह४थत सकहत भगव४ननन कवषणप कद रप मम पकट हह ए। म४नव सम४ज मम ककई भश
स४म४नय कशशप आज तक च४र ह४थत व४ल४ उतपन नहथ हह आ और कनय४ पसरश तरह बडद ब४लत सद यपक कभश
ककई कशशप उतपन हह आ हह ? इसकलए भगव४ननन क४ अवतरण स४म४नय कशशप कद जनम सद सवरथ४ कभन हह।
बहदयस रमकण कभश नशल४, कभश पशल४ तक कभश ल४ल कदखत४ हह और वहकपणठलकक मम उपलबध हह। भगव४ननन
सद--वह ( वसपददव, जक आनकदपनदपकभ कहल४तद हह ); कवसमय-उतफप ल-कवलकचन:-- भगव४ननन कद सपनदर सवरप कक ददखनद सद
आशचयरचककत आहखम; हररमनन-- भगव४ननन हरर कक; सपतमनन--पपत रप मम; कवलककय--ददखकर; आनकदपनदपकभ:--वसपददव द४र४;
तद४--उस समय; कक षण-अवत४र-उतसव--कक षण कद आकवभ४रव पर उतसव मन४नद कद कलए; समभम:--समम४न कद स४थ भगव४ननन
क४ सव४गत करनद कक इचछ४; असपकशतनन--ब४हटनद क४ अवसर प४प ककय४; मपद४--अतयकधक हरर कद स४थ; कदजदभयद--ब४हणत
कक; अयपतमनन--दस हज४र; आपहतद--कवभकर; गव४मनन-ग४एह |.
जब वसपददव नद अपनद कवलकण पपत कक ददख४ तक उनकक आहखम आशचयर सद कवसफ४ररत रह गई।र
उनहतनद परम हरर मम मन हश मन दस हज४र ग४एह एकत ककर और उनहम ब४हणत मम कवतररत कर कदय४
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त४तपयर : शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र नद वसपददव कक अपनद कवलकण पपत कक ददखद ज४नद पर जक
आशचयर हह आ उसक४ कवशलदरण ककय४ हह। वसपददव नवज४त कशशप कक बहह मसलय वसत तथ४ रतनत सद
आभसकरत ददखकर आशचयर सद क४हप रहद थद। वद तपरनत समझ गए कक यह ककई स४म४नय ब४लक नहथ अकपतप
चतपभपरजश भगव४ननन हह, जक अपनद आकद रप मम पसरश तरह अलरककत हककर पकट हह ए हह। पहल४ आशचयर यह
थ४ कक करस कद उस बनदशगकह मम जनम लदनद सद भगव४ननन डरद नहथ कजसमम वसपददव तथ४ ददवकक बनद थद।
दससर४ यह कक सवरवय४पश परम बह हकतद हह ए भश वद ददवकक कक ककख सद पहद४ हह ए। तशसर४ आशचयर यह
कक ककख सद जनम लदनद व४ल४ ब४लक इतनश अचछश तरह अलरककत थ४। चलथ४ यह कक भगव४ननन तक वसपददव
कद आर४धयददव थद कफर भश वद उनकद पपत रप मम उतपन हह ए। इनहथ क४रणत सद वसपददव अतयकधक हकररत थद
अतएव वद ककतयत कक तरह पपत क४ जनमकतसव मन४न४ च४ह रहद थद, ककनतप बनदश हकनद कद क४रण पतयक
रप मम ऐस४ करप४नद मम असमथर थद इसशकलए उनहतनद यह उतसव मन मम हश मन४ कलय४। इससद ककई अनतर
नहथ पड४। यकद ककई भगव४ननन कक सदव४ ब४हतद नहथ कर सकत४ हह, तक वह मन मम भश उनकक सदव४ कर
सकत४ हह कयतकक मन कद क४यर अनय इकनदयत कद क४यर कद हश सम४न हकतद हह। यह अदव ज४न कहल४त४
हह। लकग स४म४नयतय४ पपत-जनम पर कमरक४णडशय उतसव मन४तद हह। तक कफर वसपददव ऐस४ उतसव कनयत
अधदनमसतलदवध४यर पसररर
अथ-तपशच४तनन;: एनमस--ब४लक कक; असतलतनन--सतपकत अकपरत ककय४; अवध४यर--यह कनशचय करकद कक ब४लक भगव४ननन थ४;
पसररमनन--परम पपरर कक; परमनन-परम कदवय; नत-अडभ:--कगरकर; कक त-धश: --एक४ग हककर; कक त-अदजकल:--ह४थ जकडकर;
सव-रककचर४--अपनद श४रशररक सलनदयर कद तदज सद; भ४रत--हद मह४र४ज परशककत; ससकतक४-गकहमनन-वह सथ४न, जह४ह भगव४ननन क४
जनम हह आ; कवरकचयनतमनन--च४रत ओर सद पक४कशत करतद हह ए; गत-भशद -- भय सद रकहत हककर; पभ४व-कवतनन--( भगव४ननन कद )
पभ४व कक ज४न सक४।.
भगव४ननन न४र४यण हह। इस कनषकरर पर पहह हचतद हश वद कनभरय हक गए। ह४थ जकडद, मसतक नव४यद तथ४
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एक४गकचत हककर वद उस ब४लक कक सतपकत करनद लगद जक अपनद सहज पभ४व कद द४र४ अपनद
जनम-सथ४न कक जगमग कर रह४ थ४।
त४तपयर : इतनद मह४ननन आशचयर सद चककत वसपददव नद अब अपन४ धय४न भगव४ननन पर एक४ग ककय४। वद
भगव४ननन कद पभ४व कक समझकर कनभरय हक गए कयतकक वद ज४न गए कक मदरश रक४ कद कलए भगव४ननन पकट
हह ए हह ( गतभश: पभ४वकवतनन ) | यह ज४नकर कक स४क४तनन भगव४ननन उपकसथत हह उनहतनद इस पक४र यथककचत
रप मम सतपकत कक।
शशवसपददव उव४च
कवकदतक5 कस भव४नस४क४तपपरर: पकक तद: पर: ।
कद वल४नपभव४ननदसवरप: सवरबपकदहकन न ॥ १३॥
शश-वसपददवद उव४च-- शश वसपददव नद प४थरन४ कक; कवकदत: अकस--अब मह आपसद अवगत हह ह; भव४नननस--आप; स४क४तनन- पतयक;
पपरर:--परम पपरर; पकक तद:--पकक कत सद; पर:--कदवय, परद; कद वल-अनपभव-आननद-सवरप: --आपक४ सवरप सकचद४ननद
कवगह हह और जक भश आपक४ अनपभव करत४ हह, वह आननद सद पसररत हक ज४त४ हह; सवर-बपकद-हकन न--परम पदकक, परम४तम४,
पतयदक कक बपकद।.
त४तपयर : वसपददव कद हदय कद भशतर अपनद पपत कद पकत सनदह तथ४ भगव४ननन कक कदवय पकक कत क४
ज४न दकनत ज४गकत हह ए। प४रमभ मम तक व४सपददव नद सकच४, “ऐसद सपनदर ब४लक नद जनम कलय४ हह, कजसद करस
आकर म४र ड४लदग४।'' ककनतप जब उनकक समझ मम यह ब४त आ गई कक यह स४म४नय ब४लक नहथ अकपतप
स४क४तनन भगव४ननन हह, तक वद कनभरय हक गए। वद अपनद पपत कक हर तरह सद अदपत एवर भगव४ननन समझकर
भगव४नककचत सतपकत करनद लगद। करस कद उतपशडनत सद कनभरक हककर उनहतनद एक हश समय उस ब४लक
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सद--वह ( भगव४ननन ); एव--कनससनननददह; सव-पकक तय४-- अपनश हश शकक सद ( मय४धयकदण पकक कत: ससयतद सचर४चरमनन ); इकदमनन--
यह भलकतक जगत; सकधठ४--सकजन करकद ; अगद--प४रमभ मम; कत-गपण-आतमकमनन--पकक कत कद तशन गपणत सद बनद
( सचतवरजसतमकगपण ); ततनन अनप--ततपशच४तनन; तवमस--आप; कह--कनससनननददह; अपकवष:--पवदश न करनद पर; पकवष: इब--ऐस४
पतशत हकत४ हह कक पवदश ककय४ हह; भ४वयसद-- ऐस४ समझ४ ज४त४ हह।.
हह भगवननन, आप वहश पपरर हह कजसनद प४रमभ मम अपनश बकहररग४ शकक सद इस भलकतक जगत
कक सककष कक। तशन गपणत ( सतव, रजसनन तथ४ तमसनन ) व४लद इस जगत कक सककष कद ब४द ऐस४
लगत४ हह कक आपनद उसकद भशतर पवदश ककय४ हह यदकप यथ४थर तक यह हह कक आपनद पवदश नहथ
ककय४।
तशन गपणत सतवगपण, रजकगपण तथ४ तमकगपण--व४ल४ यह भलकतक जगत पकथवश, जल, अकग, व४यप,
मन, बपकद तथ४ अहरक४र सद बन४ हह और यद सभश कक षण सद कनकलनद व४लश शककय४ह हह, ककनतप कदवय हकनद
कद क४रण कक षण सदहव इस भलकतक जगत सद पकथकन न हह। कजनहम शपदज४न नहथ हह वद कक षण कक पद४थर कक
उपज म४नतद हह और उनकद शरशर कक अपनद जहस४ भलकतक सकचतद हह ( अवज४नकनत म४र मकढ४:) | कफर भश
कक षण इस भलकतक जगत सद सदहव कवलग रहतद हह।
वहकदक व४डमय मम सककष क४ समबनध मह४कवषणप सद बतल४य४ ज४त४ हह। बह-सरकहत४ (५.३५) मम
कह४ गय४ हह--
अणड४नतरसथपरम४णपचय४नतरसथर
“मह आकद भगव४ननन गककवनद कक पसज४ करत४ हह ।ह वद मह४कवषणप कद अरशरप मम भलकतक पकक कत मम
पवदश करतद हह। कफर वद गभरदकश४यश कवषणप कद रप मम पतयदक बह४णड मम पवदश करतद हह और वद स४रद
ततवत मम, यह४ह तक कक पतयदक अणप कद भशतर, कशरकदकश४यश कवषणप कद रप मम पवदश कर ज४तद हह। सककष
कक ऐसश अकभवयककय४ह अननत हह, जक बह४णडत तथ४ वयकष परम४णपओर मम पकट हकतश हह।'' गककवनद क४
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अरशत: प४कट अनतय४रमश अथ४रतनन परम४तम४ कद रप मम हकत४ हह, जक इस भलकतक जगत मम पवदश करतद हह
(अणड४नतरसथ ) और जक परम४णप कद भश भशतर हह। बह-सरकहत४ (५.४८) मम आगद भश कह४ गय४ हह--
यसयहककनशचसनकतक४लमथ४वलमबय
मसखर वयकक सकचतद हह कक जब कक षण वसपददव कद पपत रप मम पकट हकतद हह, तक वद स४म४नय ब४लक
कक तरह सशकमत शककव४लद हकतद हह। ककनतप वसपददव यह ज४नतद थद कक भगव४ननन उनकद पपत रप मम उतपन
हह ए हह, परनतप वद न तक ददवकक कद गभर मम पकवष हहए और न उससद ब४हर आए। पतयपत भगव४ननन सदहव वह४ह
कवदम४न थद। भगव४ननन भशतर और ब४हर सवरत उपकसथत रहतद हह, सवरवय४पश हह। पकवष इव भ४वयसद ऐस४
लगत४ हह कक वद ददवकक कद गभर मम पकवष हहए और अब वसपददव कद पपत रप मम पकट हह ए हह | वसपददव
द४र४ इस ज४न कक अकभवयकक सरकदत करतश हह कक वसपददव कक पत४ थ४ कक यद घटन४एह ककस तरह घटथ।
वसपददव कनकशचत हश भगव४ननन कद परम भक थद और हमम ऐसद हश भक सद कशक४ लदनश च४कहए। इसशकलए
भगवदशत४ कक (४.३४) सरसतपकत हह--
“जर४ आधय४कतमक गपर कद समशप ज४कर सतय सशखनद क४ पय४स तक करक। कवनशत भ४व सद उनसद
पशन करक और उनकक सदव४ करक। सवरपकसद वयकक हश तपमहम ज४न पद४न कर सकत४ हह कयतकक उसनद
सतय कक ददख४ हह।'” वसपददव नद भगव४ननन कक जनम कदय४ कफर भश उनहम इसक४ पसणर ज४न थ४ कक भगव४ननन
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ककस तरह पकट तथ४ अपकट हकतद हह। अतएव वद ततवदशर थद कयतकक उनहतनद सवयर ददख४ थ४ कक परम
सतय ककस तरह उनकद पपत रप मम पकट हह ए थद। वसपददव अज४नश न थद कजससद वद यह सकचतद कक उनकद
पपत रप मम उतपन हकनद सद भगव४ननन सशकमत हक गए हह। भगव४ननन असशम हह और भशतर-ब४हर सवरवय४पश
हह। अत: उनकद पकट हकनद य४ अदशय हकनद क४ पशन हश नहथ उठत४।
यथ४--कजस तरह; इमद-- भलकतक शकक सद बनश यद भलकतक सककषय४ह; अकवकक त४:--कछन-कभन नहथ; भ४व४:-- ऐसश कवच४रध४र४ सद;
तथ४--उसश पक४र; तद-- वद; कवकक तहद सह--समपसणर भलकतकशकक सद उतपन इन कवकभन ततवत कद स४थ; न४न४-वशय४र:--पतयदक
ततव कवकभन शककयत सद पसणर हह; पकथकन न--कवलग; भसत४:--हक कर; कवर४जमननस--समपसणर कवशव कक; जनयकनत--उतपन करतद हह;
कह--कनससनददह; सकनपतय--आधय४कतमक शकक क४ स४थ हकनद सद; समपतप४द--उतपन ककए ज४नद कद ब४द; दशयनतद--पकट हकतद हह;
अनपगत४: --उसकद भशतर पकवष हह ए; इब--म४नक; प४कन न--शपर सद, इस जगत कक सककष कद पसवर सद; एब--कनससनददह;
कवदम४नतव४तनन-- भगव४ननन कद अकसततव कद क४रण; न--नहथ; तदर४मनन--इन भलकतक ततवत क४; इह--इस जगत मम; समभव: --
पवदश करन४ समभव हह आ हकत४; एवमनन--इस पक४र; भव४नस--हद पभप; बपकद-अनपमदय-लकणह: --असलश बपकद सद तथ४ ऐसद
लकणत सद; ग४हह:--इकनदय कवरयत सद; गपणहद-- गपणत सद; सननन अकप--यदकप समपकर मम हह; ततनन-गपण-अगह:--उन गपणत कद द४र४
सपशर नहथ ककए ज४तद; अन४वकततव४तनन--सवरत उपकसथत हकनद सद; बकह: अनतरमनन--ब४हर-भशतर; न तद--ऐसश ककई ब४त नहथ हह;
सवरसय--हर वसतप क४; सवर-आतमन:--सभश वसतपओर कद मसल सवरप; आतम-वसतपन:--हर वसतप आपकक हह, ककनतप आप हर वसतप
कद ब४हर तथ४ भशतर हह।.
समपसणर भलकतक शकक ( महतनन ततव) अकवभ४जय हह, ककनतप भलकतक गपणत कद क४रण यह
पकथवश जल, अकग, व४यप तथ४ आक४श मम कवलग हकतश सश पतशत हकतश हह। यद कवलग हह ई शककय४ह
जशवभसत कद क४रण कमलकर कवर४ट जगत कक दशय बन४तश हह, ककनतप तथय तक यह हह कक कवर४ट
जगत कक सककष कद पहलद सद हश महतनन ततव कवदम४न रहत४ हह। अतद महतनन ततव क४ व४सतव मम सककष
मम पवदश नहथ हकत४ हह। इसश तरह यदकप आप अपनश उपकसथकत कद क४रण हम४रश इकनदयत द४र४
अनपभवगमय हह, ककनतप आप न तक हम४रश इकनदयत द४र४ अनपभवगमय हक प४तद हह न हश हम४रद मन य४
बचनत द४र४ अनपभव ककए ज४तद हह ( अव४इनसनस४गकचर )। हम अपनश इकनदयत सद कप छ हश वसतपएह
ददख प४तद हह, स४रश वसतपएह नहथ। उद४हरण४थर, हम अपनश आहखत क४ पयकग ददखनद कद कलए कर
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सकतद हह, आसव४द कद कलए नहथ। फलसवरप आप इकनदयत कद परद हह। यदकप आप पकक कत कद
तशनत गपणत सद सरबद हह, आप उनसद अपभ४कवत रहतद हह। आप हर वसतप कद मसल क४रण हह,
सवरवय४पश अकवभ४जय परम४तम४ हह। अतएवर आपकद कलए कप छ भश ब४हरश य४ भशतरश नहथ हह। आपनद
कभश भश ददवकक कद गभर मम पवदश नहथ ककय४ पतयपत आप पहलद सद वह४ह उपकसथत थद।
“मदरद अवयक रप सद यह स४र४ बह४णड पररवय४प हह। स४रद जशव मपझमम हह, ककनतप मह उनमम नहथ
हह ।ह "
भगव४ननन कक अनपभसकत सथसल इकनदयत कद म४धयम सद नहथ हक प४तश। कह४ गय४ हह कक भगव४ननन कक षण
कद न४म, यश, लशल४एह इतय४कद भलकतक इकनदयत द४र४ नहथ ज४नद ज४ सकतद। जक समपकचत कनदरशन कद
अनतगरत शपद भकक मम लग४ हह आ हह कद वल वहश उनक४ स४क४तक४र कर सकत४ हह। बह-सरकहत४
(५.३८) मम कह४ गय४ हह--
पदम४जनचछप ररतभकककवलकचनदन
कजसनद भगव४ननन कद पकत कदवय पदमभ४व उतपन कर कलय४ हह, वह सदहव भगव४ननन गककवरद कक अपनद
भशतर और ब४हर ददख सकत४ हह। इस तरह वद सवरस४म४नय कक दकषगकचर नहथ हकतद। अत: भगवदशत४
कद इस शलकक मम यह कह४ गय४ हह कक यदकप भगव४ननन सवरवय४पश हह, ककनतप भलकतक इकनदयत द४र४ वद
कवच४रणशय नहथ हह। यदकप हम उनहम ददख नहथ सकतद, ककनतप व४सतव मम स४रश वसतपएह उनहथ पर कटकक हह।
जहस४कक भगवदशत४ कद स४तवम अधय४य मम कह४ गय४ हह, यह समपसणर कवर४ट जगत उनकक दक कवकभन
शककयत पर४ तथ४ अपर४ अथ४रतनन आधय४कतमक तथ४ भलकतक शककयत क४ मदल हह। कजस तरह ससयर क४
पक४श स४रद बह४णड कद ऊपर फह लत४ हह उसश तरह भगव४ननन कक शकक सककष भर मम फह लश हह और स४रश
वसतपएह उसश शकक पर कटकक हह।
ककनतप इसक४ अथर यह भश नहथ हह कक वद सवरवय४पश हकनद कद क४रण अपन४ कनजश अकसततव खक चपकद
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हह। ऐसद तकर क४ खणडन करनद कद कलए भगव४ननन कहतद हह, “मह सवरत हह ह और स४रश वसतपएह मपझमम हह,
कफर भश मह पकथकन न हह।ह '” उद४हरण४थर, र४ज४ सरक४र क४ मपकखय४ हकत४ हह और यह सरक४र र४ज४ कक शकक
कक अकभवयकक हश हह। सरक४र कद कवकवध कवभ४ग र४ज४ कक शककय४ह हकतद हह और हर कवभ४ग र४ज४ कक
शकक पर आकशत रहत४ हह। इतनद पर भश र४ज४ सद यह आश४ करन४ कक वह हर कवभ४ग मम वयककगत रप
मम उपकसथत हक सकद ग४, वयथर हह। यह तक भतड४ उद४हरण हह आ। इसश तरह हम जक कप छ भश ददखतद हह
और कजतनश भश वसतपएह कवदम४न हह च४हद वद इस भलकतक जगत मम हत य४ वहकप णठ लकक मम, वद सब
भगव४ननन कक शकक पर अकशत हह। भगव४ननन कक कवकभन शककयत कद कवसरण सद हश सककष बनतश हह और
जहस४कक भगवदशत४ मम कह४ गय४ हह वद अपनद स४क४र रप मम सवरत उपकसथत हह, जक उनकक कवकभन
शककयत क४ कवसरण हह।
यह तकर कदय४ ज४ सकत४ हह कक जक भगव४ननन कद वल अपनश कचतवन सद सरद बह४णड कक सककष करतद
हह, वद भल४ वसपददव कक पतनश ददवकक कद गभर कद भशतर कह सद आ सकतद हह | इस तकर क४ खणडन करनद कद
कलए हश वसपददव नद कह४, “हद पभप! यह ककई बहह त बड४ आशचयर नहथ हह कक आप ददवकक कद गभर कद
भशतर पकट हहए हह कयतकक सककष भश तक इसश तरह बनश थश। आप मह४कवषणप कद रप मम क४रण४णरव मम
लदटद हहए थद और आपकक शव४स सद असरखय बह४णड उतपन हक गए। तब आप हर बह४णड कद भशतर
गभरदकश४यश कवषणप कद रप मम पकवष हह ए। इसकद ब४द आपनद पपन: अपन४ कवसत४र कशरकदकश४यश कवषणप
कद रप मम ककय४ और स४रद जशवत कद हदयत मम, यह४ह तक कक हर परम४णप कद भश भशतर पकवष कर गए।
अत: आपक४ ददवकक कद गभर मम पवदश इसश तरह समझ मम आ ज४त४ हह। ऐस४ पतशत हकत४ हह कक आपनद
पवदश ककय४ हह ककनतप इसकद स४थ स४थ आप सवरवय४पश भश बनद रहतद हह। हम भलकतक उद४हरणत सद
आपकद पवदश तथ४ अपवदश कक समझ सकतद हह। कप ल भलकतक शकक (महतनन ततव) सकलह ततनर मम
कवभ४कजत हककर भश जहसश कक तहसश (अकत)बनश रहतश हह। यह भलकतक शरशर प४हच सथसल ततवत--
पकथवश, जल, अकग, व४यप तथ४ आक४श क४ मदल हश तक हह। जब भश ककई भलकतक शरशर उपकसथत हकत४
हह, तक लगत४ हह कक उन ततवत क४ नए कसरद सद सकजन हह आ हह, ककनतप यद स४रद ततव शरशर कद ब४हर सदहव
कवदम४न रहतद हह। इसश तरह यदकप आप ददवकक कद गभर मम कशशप रप मम पकट हक रहद हह, आप ब४हर भश
कवदम४न हह। आप सदहव अपनद ध४म मम रहतद हह, ककनतप आप एक हश समय ल४खत रपत मम अपन४
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“आपकद प४कट कक क४फक बपकद लग४कर समझन४ पडत४ हह कयतकक आपसद भलकतक शकक भश
उदसत हकतश रहतश हह। आप भलकतक शकक कद उसश पक४र सद मसल सकत हह कजस तरह ससयर-पक४श क४
सकत ससयर हह। न तक ससयर-पक४श ससयरमणडल कक आचछ४कदत कर सकत४ हह, न हश आपसद उदसत भलकतक
शकक आपकक आचछ४कदत कर सकतश हह। आप भलकतक शकक कद तशन गपणत मम पतशत हकतद हह, ककनतप यद
तशनत गपण आपकक आचछ४कदत नहथ कर सकतद। अतयनत बपकदजशवश द४शरकनक इसद समझतद हह। दससरद
शबदत मम, यदकप आप भलकतक शकक कद भशतर पतशत हकतद हह, ककनतप आप इसकद द४र४ कभश आचछ४कदत
नहथ हकतद।'!
वददत क४ कथन हह कक परबह क४ अपन४ तदज पकट हकत४ रहत४ हह, कजससद हर वसतप पक४कशत हकतश
हह। बह-सरकहत४ सद हमम पत४ चलत४ हह कक बहजयककत य४ बहतदज भगव४ननन कद शरशर सद उदसत हकत४ हह।
इसश बहतदज सद स४रश सककष उतपन हकतश हह। भगवदशत४ मम यह भश कह४ गय४ हह कक भगव४ननन बहतदज कद
आशय हह। मसलतद वद हश स४रश वसतपओर कद मसल क४रण हह | ककनतप अलपज यह सकचतद हह कक जब भगव४ननन
इस भलकतक जगत मम आतद हह, तक वद भलकतक गपणत कक सवशक४र करतद हह। ऐस४ कनषकरर पररपक नहथ
यद--जक भश; आतमन:--आतम४ क४; दशय-गपणदरप-- शरशर इतय४कद दशय पद४थर मम सद; सनस--उस अवसथ४ कक प४प; इकत--इस
पक४र; वयवसथतद --कमर करत४ रहत४ हह; सव-वयकतररकत:--म४नक शरशर आतम४ सद सवतरत हह; अबपध:-- धसतर, मसढ; कवन४
अनपव४दमनन-समपकचत अधययन कद कबन४; न--नहथ; च--भश; ततनन--शरशर तथ४ अनय दशय वसतपएह; मनशकरतमनन--कववदचन४ ककय४
हह आ; समयकन न--पसरश तरह; यत:--मसखर हकनद कद क४रण; तयकमस--कतरसकक त कर कदए ज४तद हह; उप४ददतनन--इस शरशर कक
व४सतकवकत४ म४न बहठत४ हह; पपम४नननस--मनपषय।.
जक वयकक पकक कत कद तशन गपणत सद बनद अपनद दशय शरशर कक आतम४ सद सवतरत म४नत४ हह, वह
अकसततव कद आध४र सद हश अनज४न हकत४ हह और इसकलए वह मसढ हह। जक कवद४न हह, वद इस कनणरय
कक नहथ म४नतद कयतकक कववदचन४ द४र४ यह समझ४ ज४ सकत४ हह कक आतम४ सद कनर४भकशनत दशय
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शरशर तथ४ इकनदय४ह स४रहशन हह। यदकप इस कनणरय कक असवशक४र कर कदय४ गय४ हह , ककनतप मसखर
वयकक इसद सतय म४नत४ हह।
त४तपयर : आतम४ कद मसल४ध४र कद कबन४ शरशर उतपन नहथ हक सकत४। यदकप तथ४ककथत कवज४कनयत नद
अपनश-अपनश र४स४यकनक पयकगश४ल४ओर मम सजशव प४णश कक उतपन करनद कद न४न४कवध पय४स ककए हह,
ककनतप वद ऐस४ कर नहथ प४ए कयतकक जब तक आतम४ कवदम४न नहथ हकत४ तब तक भलकतक ततवत सद
शरशर कनकमरत नहथ ककय४ ज४ सकत४। चसहकक कवज४नश शरशर कक र४स४यकनक रचन४ कद कवरय मम जक
कसद४नत पसतपत करतद हह उनकद पकत अब मपगध हह, अत: हमनद अनदक कवज४कनयत कक ललक४र४ हह कक वद
एक छकट४ स४ अरड४ तक बन४कर कदखल४ दम। अरडद कद र४स४यकनक पद४थर सरलत४ सद उपलबध ककए ज४
सकतद हह। उसमम एक सफद द अरश हकत४ हह और एक पशल४ अरश। यद एक आवरण सद ढकद रहतद हह और
आधपकनक कवज४नश सरलत४ सद इसकक नकल कर सकतद हह| म४न४ कक वद ऐस४ अरड४ बन४ भश लम, ककनतप
जब उसद वद इनकप बदटर कद भशतर रखतद हह, तक इस मनपषयकनकमरत र४स४यकनक अरडद सद मपगर कद चसजद नहथ
कनकलतद। इसमम आतम४ क४ यकग हकन४ हश च४कहए कयतकक जशव कद वल र४स४यकनक सरयकग नहथ हह। अतद
जक लकग सकचतद हह कक आतम४ कद कबन४ जशवन क४ अकसततव हक सकत४ हह उनहम अबपध : य४ मसखर कह४
गय४ हह।
पपनद कप छ लकग ऐसद भश हह, जक शरशर कक अपय४रप समझकर शरशर क४ कतरसक४र करतद हह। वद भश
मसखर कक हश शदणश मम आतद हह। इस शरशर क४ न तक कतरसक४र ककय४ ज४ सकत४ हह न हश इसद पय४रप
कहकर सवशक४र ककय४ ज४ सकत४ हह। कहनद क४ त४तपयर यह हह कक भगव४ननन तथ४ शरशर एवर आतम४,
भगव४ननन कक हश शककय४ह हह कजनक४ वणरन सवयर भगव४ननन नद भगवदनननगशत४ (७.४-५) मम ककय४ हह--
“पकथवश, जल, अकग, व४यप, आक४श, मन, बपकद तथ४ अहरक४र यद मदरश आठ कवकभन भलकतक
शककय४ह हह। ककनतप हद मह४ब४हह अजपरन! इस अपर४ शकक कद अकतररक भश मदरश एक पर४शकक हह, जक उन
व४
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समसत जशवत सद यपक हह, जक भलकतक पकक कत सद सरघरर कर रहद हह और बह४णड कक बन४यद रखद हहए हह।''
अतएव शरशर क४ भगव४ननन सद वहस४ हश समबनध हकत४ हह जहस४ आतम४ क४ हकत४ हह। चसहकक दकनत हश
भगव४ननन कक शककय४ह हह अतएव इनमम सद ककई भश कमथय४ नहथ हह कयतकक उनक४ आगम व४सतव मम हह आ
हकत४ हह। जक जशवन कद इस रहसय कक नहथ ज४नत४ वह अबपध:द कह४ ज४त४ हह। वहकदक आददशत कद
अनपस४र- ऐवद४तपयमनन इदर सवरम सवर खकलवदर बह--स४रश वसतपएह परबह हह। अतएव शरशर तथ४ आतम४
दकनत हश बह हह कयतकक पद४थर तथ४ आतम४ बह सद उदसत हह।
वददत कद कनणरयत सद ज४त न हकनद कद क४रण कप छ लकग भलकतक पकक कत कक पद४थर कद रप मम सवशक४र
करतद हह और कप छ लकग आतम४ कक पद४थर म४नतद हह, ककनतप व४सतव मम बह हश पद४थर हह। बह समसत
क४रणत क४ क४रण हह। इस जगत कद अवयव तथ४ क४रण बह हह और इस जगत कद अवयवत कक हम
बह सद सवतरत नहथ रख सकतद। स४थ हश, चसकह क इस भलकतक जगत कद अवयव तथ४ इसक४ क४रण बह
हश हह अतएव यद दकनत हश सतय हह अत: बह सतयर जगकनमथय४ वकवय कक ककई वहधत४ नहथ हह। यह
जगत कमथय४ नहथ हह।
ज४नश लकग इस जगत क४ कनरदध करतद हह और मसखर लकग इसद हश सतय म४नतद हह । इस तरह दकनत हश
कदगभकमत रहतद हह। यदकप आतम४ कक तपलन४ मम शरशर महतवपसणर नहथ हह, ककनतप हम यह तक नहथ कह
सकतद कक वह कमथय४ हह। कफर भश शरशर नशवर हह और जक मसखर भलकतकत४व४दश वयकक हह, कजनहम आतम४
क४ पसर४-पसर४ ज४न नहथ हह, नशवर शरशर कक सतय म४नकर उसकक सज४नद-सहव४रनद मम लगद रहतद हह। शरशर
कक कमथय४ म४नकर उसक४ कनरदध तथ४ शरशर कक सवरसव म४नन४ इन दकनत दकरत सद --बच४ ज४ सकत४ हह
यकद कक षणभ४वन४मकत पद कक प४प कर कलय४ ज४ए। यकद हम इस जगत कक कमथय४ म४नतद हह , तक असपरत
कक कककट मम आ ज४तद हह, जक यह कहतद हह कक यह जगत कमथय४ हह, इसक४ ककई आध४र नहथ हह और
ईशवर इसक४ कनयरतक नहथ हह ( असतयमगकतषर तद जगद४हह रनशशचरमनन )। भगवदशत४ कद सकलहवम अधय४य
तवतकडसय जनमकसथकतसरयम४कनवभक
वदनतयनशह४दगपण४दकवककय४तनन ।
तवयशशवरद बहकण नक कवरधयतद
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तवत:--आपसद; असय--समपसणर जगत कक; जनम--सककष; कसथकत--प४लन; सरयम४ननन--तथ४ सरह४र; कवभक-हद पभप; वदकनत--
कवद४न वहकदक परकडत कहतद हह; अनशह४तनन--पयतन सद मपक; अगपण४तनन--पकक कत कद गपणत सद अपभ४कवत; अकवककय४तनन-- आपकक
कदवय कसथकत मम कसथर रहनद व४लद; तवकव--आप मम; ईशवरद-- भगव४ननन मम; बहकण--परबह मम; नक--नहथ; कवर धयतद--कवरकध हकत४
हह; तवतननस-आ शयतव४तनन- आपकद द४र४ कनयरकतत हकनद सद; उपचयरतद--अपनद आप चलतश हह; गपणहद-- गपणत कद क४यरशशल हकनद सद |.
हद पभप, कवद४न वहकदक परकडत कहतद हह कक समपसणर कवशव क४ सकजन, प४लन एवर सरह४र आपकद
द४र४ हकत४ हह तथ४ आप पय४स सद मपक, पकक कत कद गपणत सद अपभ४कवत तथ४ अपनश कदवय कसथकत
मम अपररवकतरत रहतद हह। आप परबह हह और आप मम ककई कवरकध नहथ हह। पकक कत कद तशनत गपण--
सतक, रजक तथ४ तमकगपण आपकद कनयरतण मम हह अतद स४रश घटन४एह सवत: घकटत हकतश हह।
न ततसमशच४भयकधकशव दशयतद।
सव४भ४कवकक ज४नबलककय४ च॥
“भगव४ननन कक न तक कप छ करन४ हकत४ हह और न ककई उनकद तपलय हह, न उनसद बढकर हश हह कयतकक
स४रश घटन४एह उनकक अनदक शककयत द४र४ सवतद सपच४र रप सद घटतश रहतश हह ।'' ( शरदत४शरतर उपकनरदनन
६.८) सकजन, प४लन तथ४ सरह४र इन तशनत क४ सरच४लन भगव४ननन सवयर करतद हह और इसकक पपकष
भगवदशव४ मम कक गई हह ( मय४धयकदण पकक कत: ससयतद सचर४चरमनन ) | अनततकगतव४ भगव४ननन कक कप छ भश
करनद कक आवशयकत४ नहथ पडतश इसशकलए वद कनकवरक४र अथ४रतनन अपररवतरनशय कहल४तद हह। चसहकक हर
घटन४ उनकद कनदरश४नपस४र हकतश हह, अतद वद सककषकत४र कहल४तद हह । इसश तरह वद सरह४र कद सव४मश हह। जब
सव४मश एक सथ४न पर आसशन रहत४ हह और उनकद नलकर कवकभन क४यर करतद रहतद हह, तक वद जक भश क४म
करतद हह वह अनततद सव४मश क४ क४यर हकत४ हह यदकप वह कप छ भश नहथ करत४ ( न तसय क४यर करणर च
कवदतद ) | भगव४ननन कक शककय४ह असरखय हह अतद स४रश घटन४एह सपच४र रप सद घटतश रहतश हह। भगव४ननन
कसथर हह और इस भलकतक जगत मम ककसश भश वसतप कद पतयक कत४र नहथ हह।
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सद तवमस--आप, जक वहश वयकक अथ४रतनन बह हह; कतगलकक-कसथतयद--तशनत लककत उच, मधय तथ४ अधद लककत क४ प४लन करनद
कद कलए; सव-म४यय४--अपनश कनजश शकक सद ( आतमम४यय४ ); कबभकरर--ध४रण करतद हह; शपकमनन--सतकगपणश कवषणप कद शवदत
रप मम; खलप--भश; वणरमनन--ररग; आतमन:--आपकक हश कककट क४ ( कवषणपततव ); सग४रय--समपसणर जगत कक सककष कद कलए;
रकमनन-रजकगपण कद ररग क४ ल४ल; रजस४--रजकगपण सद यपक; उपबसरकहतमनन--आकवष; कक षणमनन च--तथ४ अरधक४र क४ गपण;
वणरमनन--ररग; तमस४-- अज४न सद आवकत; जन-अतययद--समपसणर सककष कद कवन४श हदतप
हह भगवननन, आपक४ सवरप तशनत भलकतक गपणत सद परद हह कफर भश तशनत लककत कद प४लन हदतप
आप सतकगपणश कवषणप क४ शवदत ररग ध४रण करतद हह, सकजन कद समय जक रजकगपण सद आवकत हकत४ हह
आप ल४ल पतशत हकतद हह और अनत मम अज४न सद आवकत सरह४र कद समय आप शय४म पतशत हकतद हह।
त४तपयर : वसपददव नद भगव४ननन सद प४थरन४ कक, “आप शपकमनन कहल४तद हह। जपकमनन अथव४ शवदत परम
सतय क४ पतशक हह कयतकक यह भलकतक गपणत सद अपभ४कवत रहत४ हह। बह४जश रक कहल४तद हह कयतकक
वद सककष कद रजकगपण कद दकतक हह | तमकगपण (अरधक४र) कशवजश कद अकधक४र मम हह कयतकक वद कवशव क४
सरह४र करतद हह। इस जगत कक सककष, सरह४र और प४लन आपकक शककयत द४र४ सरच४कलत हह, ककनतप आप
इन गपणत सद सद४ अपभ४कवत रहतद हह ।'” जहसश कक वददत मम पपकष हह ई हह-- ह४ररकहर कनयपरण: स४क४तनन- भगव४ननन
स४रद भलकतक गपणत सद मपक हकतद हह। यह भश कह४ ज४त४ हह कक भगव४ननन कद शरशर मम रजक तथ४ तमकगपण
नहथ प४ए ज४तद हह।
हमम अपनश इकनदयत कद अनपभव कद अनपस४र मम इस शलकक मम उकलकखत तशन ररगत शपक, रक तथ४
कक षण क४ श४कबदक अथर नहथ गहण करन४ च४कहए अकपतप यद सतवगपण . रजकगपण तथ४ तमकगपण क४
पकतकनकधतव करनद व४लद हह। कभश-कभश हमम तमकगपणश बगपल४ शवदत कदखत४ हह। बक४नध नय४य कद अनपस४र
मसखर बगपल४ बहलत कद अरडककरत कक लटकतश मछकलय४ह समझकर उसकद पशछद दलडत४ हह त४कक जहसद हश वद
कगरम, उसश समय वह उनहम पकड लद। इस तरह बगपल४ सदहव अरधक४र मम रहत४ हह। यदकप वहकदक स४कहतय
कद पणदत४ वय४सददव शय४म ररग कद थद, ककनतप इसक४ अथर यह नहथ हह कक वद तमकगपणश थद। वद तक पकक कत कद
भलकतक गपणत कद परद सतवगपण कद सवरच पद पर पकतकषत थद। कभश-कभश यद ररग ( शपकरकसतथ४पशत:)
ब४हणत, ककतयत, वहशयत तथ४ शसदत कक बतल४नद व४लद हकतद हह। कशरकदकश४यश भगव४ननन कवषणप शय४म ररग
कद हह, कशवजश शदत और बह४ ल४ल ररग कद , ककनतप शशल सन४तन गकसव४मश नद वदषणव तकरणश टशक४ मम
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शपक, रक तथ४ कक षण क४ सहश ज४न इस पक४र हकत४ हह। भगव४ननन सदहव कदवय हह, ककनतप सककष करनद
कद कलए वद बह४ क४ रक ररग ध४रण करतद हह। पपन: कभश-कभश भगव४ननन कप द हकतद हह। भगवदशत४
(१६.१९) मम भगव४ननन कहतद हह--
“जक लकग ईषयरलप तथ४ कस र हह और नर४धम हह उनहम मह भवस४गर मम कवकवध असपर यककनयत मम ड४ल
ददत४ हह ।ह '' इन असपरत क४ कवन४श करनद कद कलए भगव४ननन कप द हकतद हह और तब वद कशवजश क४ रप गहण
करतद हह। सरकदप मम, भगव४ननन तशनत गपणत सद परद हह। हमम इकनदय अनपभसकत कद क४रण अनयथ४ सकचकर
कदगभकमत नहथ हकन४ च४कहए। हमम मह४जनत कद म४धयम सद भगव४ननन कक कसथकत कक समझन४ च४कहए।
जहस४कक शशमद४गवत (१.३.२८) मम कह४ गय४ हह-- एतद च४रश कल४: पपरस: कक षणसतप भगव४ननन सवयमनन।
तवमस--आप; असय--इस जगत कद ; लककसथ--कवशदरतय४ इस मतवरलकक कद ; कवभक--हद परमदशवर; रररककरप:--( असपरत कद उतप४त
सद ) सपरक४ कद इचछप क; गकहद--इस घर मम; अवतशणर: अकस--अब पकट हह ए हक; मम--मदरद; अकखल-ई शर--यदकप आप समपसणर
सककष कद सव४मश हह; र४जनय-सरज-असपर-कककट-यसथ-पह: --र४जनशकतजत तथ४ र४ज४ओर कद रप मम ल४खत असपरत तथ४ उनकद
अनपय४कययत समदत; कनवयसनमर ४म४न४: --स४रद सरस४र मम कवचरण कर रहद; कनहकनषयसद --म४रदग४; चमस:--सदन४, स४ज-स४म४न, सहकनक |.
हद परमदशवर, हद समसत सककष कद सव४मश, आप इस जगत कक रक४ करनद कक इचछ४ सद मदरद घर मम
पकट हहए हह। मपझद कवशव४स हह कक आप ककतयत क४ ब४न४ ध४रण करनद व४लद र४जनशकततजत कद
न४यकतव मम जक असपरत कक सदन४एह सरस४र भर मम कवचरण कर रहश हह उनक४ वध करमग।द कनदरर
जनत४ कक सपरक४ कद कलए आपकद द४र४ इनक४ वध हकन४ हश च४कहए।
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अयमनन--इस ( धसतर ) नद; तप--लदककन; असभय:--तकनक भश सभय नहथ ( असपर क४ अथर हश हकत४ हह असभय और सपर क४ सभय );
तब--आपक४; जनम--जनम; नल--हम४रद; गकहद--धर मम; शपवव४--सपनकर; अगज४ननन तद--आपसद पहलद उतपन हह ए भ४इयत कक;
नननयवधशतनन--म४र ड४ल४; सपर-ईशवर--हद सभय पपररत अथ४रतनन ददवत४ओर कद ईशवर; सद--वह ( असभय करस ); तद--तपमह४रद, आपकद ;
अवत४रमनन-प४कट कक; पपररह:--अपनद सदन४पकतयत द४र४; समकपरतमनन--ससचन४ कदय४ हहआ; शपतव४--सपनकर; अधपन४--अब;
एव--कनससनददह; अकभसरकत--तपरनननत आएग४; उद४यपध:--हकथय४र उठ४ए हह ए।.
हद परमदशवर, हद ददवत४ओर कद सव४मश, यह भकवषयव४णश सपनकर कक आप हम४रद घर मम जनम लमगद
और उसक४ वध करमगद, इस असभय करस नद आपकद कई अगजत कक म४र ड४ल४ हह। वह जयतहश
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अपनद सदन४न४यकत सद सपनदग४ कक आप पकट हह ए हह, वह आपकक म४रनद कद कलए हकथय४र समदत
तपरनत हश आ धमकद ग४।
त४तपयर : यह४ह पर करस कक असभय कह४ गय४ हह, कजसक४ अथर हह जरगलश “मह४कस र'' कयतकक वह
अपनश बहन कक कई सनत४नत कक म४र चपक४ थ४। जब उसनद यह भकवषयव४णश सपनश कक उसक४ वध
ददवकक कद आठवम पपत द४र४ हकग४ तक वह असभय पपरर करस तपरनत हश अपनश नवकवव४कहत४ बहन कक म४र
ड४लनद कद कलए उदत हक गय४। असभय वयकक अपनश इकनदयत कक तपकष कद कलए कप छ भश कर सकत४ हह।
वह कशशपओर क४, ग४यत क४, ब४हणत क४ और वकदत तक क४ वध कर सकत४ हह। उसद ककसश पर दय४
नहथ आतश। वहकदक सभयत४ कद अनपस४र यकद ग४एह, कसय४ह, बचद, बकद तथ४ ब४हण दकरश भश हत तक उनहम
कम४ कर कदय४ ज४न४ च४कहए। ककनतप असपरगण--असभयजन--इसकक परव४ह नहथ करतद। समपकत ग४यत
क४ तथ४ बचत क४ वध कबन४ रककटकक कद चल रह४ हह, अतद यह सभयत४ ररचभर भश म४नवशय नहथ हह
और जक लकग इस कनरदनशय सभयत४ क४ सरच४लन कर रहद हह, वद असभय असपर हह।
ड४लदग४। इसश तरह यदकप कक षणभ४वन४मकत आनदकलन तथ४ कक षण कवलग नहथ और उनहम असपरगण रकक
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नहथ सकतद, ककनतप हम भयभशत हह कक यद असपर ककसश भश समय कवशव कद ककसश भश भ४ग मम इस
आनदकलन कक रकक सकतद हह।
शशशपक उब४च
अधदनम४तमजर वशकय मह४पपररलकणमनन ।
ददवकक तमपप४ध४वतकरस४दशत४ सपकवकसमत४ ॥ २३॥
शश-शपक: उब४च-- शश शपकददव गकसव४मश नद कह४; अथ--वसपददव द४र४ प४थरन४ करनद कद ब४द; एनमनन--इस कक षण कक;
आतमजमनन--अपनद पपत; वशकय--ददखकर; मह४-पपरर-लकणमनन-- भगव४ननन कवषणप कद समसत लकणत सद यपक; ददवकक --कक षण कक
म४त४; तमस--उन ( कक षण ) कक; उप४ध४वतनन-- प४थरन४ कक; करस४तनन--करस सद; भशत४-- भयभशत; सप-कवकसमत४--ऐस४ अदभपत
ब४लक ददखकर आशवयरचककत।.
शपकददव गकसव४मश नद कह४ : ततपशच४तनन यह ददखकर कक उनकद पपत मम भगव४ननन कद स४रद लकण
हह, करस सद अतयकधक भयभशत तथ४ अस४म४नय रप सद कवकसमत ददवकक भगव४ननन सद प४थरन४ करनद
लगथ।
त४तपयर : इस शलकक क४ सपकवकसमत४ शबद महतवपसणर हह, कजसक४ अथर हह, “चककत।'' ददवकक तथ४
उनकद पकत वसपददव कक आशव४सन कदय४ गय४ थ४ कक उनक४ पपत भगव४ननन हह अतएव कर स द४र४ अवधय हह,
ककनतप सनदह कद वशशभसत हककर तथ४ करस कक पसवर नकशरसत४ कक सकचकर वद भयभशत हक रहद थद कक कक षण
क४ कहथ वध न हक ज४ए। इसशकलए सपकवकसमत४ शबद क४ पयकग हह आ हह। इसश पक४र हम भश यह
सकचकर हहर४न हक ज४तद हह कक यह आनदकलन असपरत द४र४ कप चल ड४ल४ ज४एग४ य४ कनभरय हककर आगद
बढत४ ज४एग४।
शशददवकयपव४च
रपर यततप४हह रवयकम४दर
बह जयककतकनरगपरणर कनकवरक४रमनन ।
सत४म४त कनकवरशदरर कनरशहर
सतवरस४क४कदषणपरधय४तमदशप: ॥ २४॥
शश-ददवकक उव४च-- शश ददवकक नद कह४; रपमनन--सवरप; यतनन ततनन--कयतकक आप वहश रप हह; प४हह :--कहल४तद हह;
अवयकमनन-अवयक, भलकतक इकनदयत द४र४ अनपभसत न हकनद व४लद ( अत: शशकक षणन४म४कद न भवददनन ग४हकमकनदकय ); आदमनन--आकद
क४रण; बह--बह; जयककत: -- पक४श; कनगपरणमनन-- भलकतक गपणत सद रकहत; कनकवरक४रमनन--कबन४ पररवतरन कद कवषणप क४ श४शवत
सवरप; सत४-म४तमस--आकद ततव, सबक४ क४रण; कनकवरशदरमनन-परम४तम४ कद रप मम सवरत कवदम४न; कनरशहमनन--इचछ४रकहत;
सद--वह परम पपरर; तवमननस--आपकक; स४क४तनन- पतयक; कवषणप: -- भगव४ननन कवषणप; अधय४तम-दशप:--समसत कदवय ज४न कद कलए
दशपक ( आपकक ज४न लदनद पर सब कप छ ज४न४ ज४ सकत४ हह.
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शशददवकक नद कह४ : हद भगवन, बदद अनदक हह। उसमम सद कप छ आपकक शबदत तथ४ मन द४र४
अवयक बतल४तद हह कफर भश आप समपसणर कवशव कद उदम हह। आप बह हह, सभश वसतपओर सद बडद
और ससयर कद सम४न तदज सद यपक। आपक४ ककई भलकतक क४रण नहथ, आप पररवतरन तथ४
कवचलन सद मपक हह और आपकक ककई भलकतक इचछ४एह नहथ हह। इस तरह वददत क४ कथन हह कक
आप हश स४र हह। अतद हद पभप, आप समसत वहकदक कथनत कद उदम हह और आपकक समझ लदनद
पर मनपषय हर वसतप धशरद धशरद समझ ज४त४ हह। आप बहजयककत तथ४ परम४तम४ सद कभन हह कफर भश
आप उनसद कभन नहथ हह। आपसद हश सब वसतपएह उदसत हह। दरअसल आप हश समसत क४रणत कद
क४रण हह, आप समसत कदवय ज४न कक जयककत भगव४ननन कवषणप हह।
त४तपयर : हर वसतप कद उदम कवषणप हह और भगव४ननन कवषणप तथ४ भगव४ननन कक षण मम ककई अनतर नहथ
कयतकक दकनत हश कवषयप-ततव हह। ऋगदद सद पत४ चलत४ हह-- 35 तदसनन कवषणक: परमर पदमनन-मसल ततव तक
सवरवय४पश भगव४ननन कवषणप हह, जक परम४तम४ तथ४ तदजकमय बह हह। स४रद जशव भश उन कवषणप कद अरश हह
कजनकक शककय४ह कवकवध हह ( पर४सय शकककवकवधदव शसयतद सव४भ४कवकक ज४न-बलककय४ च )। इसकलए
कवषणप य४ कक षण सवरसव हह। भगवदशत४ (१०.८) मम भगव४ननन कक षण कहतद हह-- अहर सवरसय पभवत मत:
सवर पवतरतद--मह स४रद आधय४कतमक तथ४ भलकतक जगतत क४ उदम हह।ह स४रश वसतपएह मपझश सद उदसत हह।
अतएव कक षण हर वसतप कद आकद क४रण हह ( सवरक४रणक४रणमनन ) | जब कवषणप अपनद कवशववय४पश रप मम
कवसत४र करतद हह, तक हमम समझन४ च४कहए कक वद कनर४क४र कनकवरशदर बहजयककत रप मम हह।
यदकप स४रश वसतपएह कक षण सद उदसत हकतश हह, ककनतप अनततकगतव४ वद एक पपरर हह। अहर आकदकहर
ददव४न४मनन वद बह४, कवषणप तथ४ महद शवर कद उदम हह और उन सबसद अनदक अनय ददवत४ पकट हकतद हह।
इसशकलए कक षण नद भगवदशत४ (१४.२७) मम कह४ हह-बहणक कह पकतषहम-बह मपझ पर आकशत हह।
भगव४ननन यह भश कहतद हह ( भगवदशत४ ९.२३ )--
“हद कप नतशपपत! अनय ददवत४ओर कक मनपषय च४हद जक कप छ भश अकपरत कनयत न करद, ककनतप व४सतव मम
वह एकम४त मदरद कनकमत हकत४ हह परनतप वह असलश समझ कद कबन४ समपन ककय४ ज४त४ हह।” ऐसद अनदक
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लकग हह, जक कभन-कभन ददवत४ओर कक पसज४, उनहम पकथकन न ददवत४ म४नकर करतद हह, ककनतप व४सतव मम वद
पकथकन न हकतद नहथ। यथ४थर तक यह हह कक हर ददवत४ तथ४ हर जशव कक षण क४ अरश हह ( ममहव४रशत जशवलककद
जशवशभसत:) । ददवत४ भश जशव कक कककट मम आतद हह, वद पकथकन न ददवत४ नहथ हकतद। ककनतप अपररपक बपकद
व४लद तथ४ भलकतक पकक कत कद गपणत सद कलपकरत वयकक अपनश-अपनश बपकद कद अनपस४र कवकवध ददवत४ओर
कक पसज४ करतद हह। इसशकलए भगवदशत४ मम इनकक भतसरन४ कक गई हह ( क४महसतहसतहहरतज४न४:
पपदचनतद5 नननयददवत४:) । चसकह क लकग बपकदकवहशन तथ४ बहह त कम पगत हकतद हह और उनहम सतय क४ समपकचत
ज४न नहथ रहत४ इसकलए वद य४ तक कवकवध ददवत४ओर कक पसज४ करतद हह य४ कवकभन दशरनत कद अनपस४र यथ४
म४य४व४दश दशरन कद अनपस४र कचनतन करतद हह।
कक षण य४ कवषणप हश हर वसतप कद व४सतकवक उदम हह। वददत मम कह४ गय४ हह-- यसय भ४र४ सवरकमदर
कवभ४कत। परम सतय क४ वणरन शशमद४गवत (१०.२८.१५) मम सतयर ज४नमननतमनन यदहजयककत सन४तनमनन
कद रप मम हह आ हह। यह बहजयककत सन४तन हह कफर भश कक षण पर आकशत हह ( बहणक कह पकतष४हमनन )।
बह-सरकहत४ क४ कथन हह कक भगव४ननन सवरवय४पश हह। अणड४नतरसथपरम४णपचय४नतरसथमनन। वद इस बह४णड
कद भशतर हह और परम४णप कद भशतर परम४तम४ रप मम हह। यसय गभ४ पभवतकजगदणडकककट-कककट
पवशदरवसडध४कदकवधसकतकभनग--बह भश भगव४ननन सद सवतरत नहथ। अत: द४शरकनक जक कप छ भश वणरन
करत४ हह, वह अनततकगतव४ कक षण य४ कवषणप हश हह ( सवर खकलवदर बह पर बह पररर ध४म पकवत परम
भव४ननन ) | ज४न कक कवकभन अवसथ४ओर कद अनपस४र भगव४ननन कवषणप क४ वणरन कभन-कभन पक४र सद ककय४
ज४त४ हह, ककनतप यथ४थरत: वद हर वसतप कद उदम हह।
अननय भक हकनद कद क४रण ददवकक ज४न चपकक थथ कक वहश भगव४ननन कवषणप उनकद पपत-रप मम पकट
हह ए हह। इसशकलए वसपददव कक प४थरन४ कद ब४द ददवकक नद प४थरन४ कक। वद अपनद भ४ई कक कस रत४ कद क४रण
अतयकधक डरश हह ई थथ। ददवकक नद कह४, “हद पभप! न४र४यण, भगव४ननन र४म, शदर, वर४ह, नककसरह, व४मन,
बलददव तथ४ कवषणप सद उदसत ऐसद हश असरखय अवत४र जक आपकद कनतय रप हह उनहम वददत नद मसल रप
म४न४ हह। आप मसल रप हह कयतकक अवत४र कद रप मम आपकद सभश सवरप इस भलकतक सककष कद परद हह।
आपक४ सवरप इस जगत कक सककष कद पहलद भश कवदम४न थ४। आपकद सवरप कनतय तथ४ सवरवय४पश हह।
यद सवतकतदजसवश, पररवतरनरकहत तथ४ भलकतक गपणत द४र४ अकलपकरत हह। ऐसद कनतय रप ज४न सद तथ४
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आननद सद पसणर हह--वद सतकगपणश हह और कवकभन लशल४ओर मम लगद रहतद हह। आप ककसश एक रप तक हश
सशकमत नहथ हह--ऐसद कदवय श४शवत सवरप आतम४र४म हह। मह अब समझ गई हह ह कक आप भगव४ननन कवषणप
हह।'” इस तरह हम इस कनषकरर पर पहह हचतद हह कक भगव४ननन कवषणप हश सब कप छ हह यदकप वद स४रश
वसतपओर सद कभन भश हह। यहश अकचनतयभदद४भददततव दशरन हह।
नषद--सरह४र कद ब४द; लककद --कवशव कद ; कद-पर४धर-अवस४नद-- ल४खत वरर कद ब४द ( बह कक आयप ); मह४-भसतदरप--प४हच
प४रकमभक ततवत ( कककत, जल, प४वक, गगन तथ४ समशर ) मम; आकद-भसतमनन गतदरप--इकनदय-बक ध कद ससकम ततवत कद भशतर पवदश
करतद हह; वयकद -- पकट हकनद पर; अवयकमनन--अवयक मम; क४ल-बदगदन--क४ल कद वदग सद; य४तद--पवदश करत४ हह; भव४ननन--
आप; एक:--कद वल एक; कशषयतद--रहत४ हह; अशदर-सरज:--कवकभन न४मत सद यपक वहश एक |.
ल४खत वरर ब४द कवशव-सरह४र कद समय जब स४रश वयक तथ४ अवयक वसतपएह क४ल कद वदग सद
नष हक ज४तश हह, तक प४हचत सथसल ततव ससकम सवरप गहण करतद हह और वयक वसतपएह अवयक बन
ज४तश हह। उस समय आप हश रहतद हह और आप अननत शदर-न४ग कहल४तद हह।
त४तपयर : सरह४र कद समय पकथवश, जल, अकग, व४यप तथ४ आक४श यद प४हच सथसल ततव मन, बपकद
तथ४ अहरक४र मम पवदश कर ज४तद हह और स४र४ कवशव उन भगव४ननन कक आधय४कतमक शकक मम पवदश करत४
हह, जक हर वसतप कद उदम हकनद कद क४रण, बचद रहतद हह। इसशकलए भगव४ननन शदर-न४ग, आकद पपरर तथ४
अनय अनदक न४मत सद ज४नद ज४तद हह।
इसकलए ददवकक नद प४थरन४ कक, “ल४खत वरर ब४द जब बह४ कक आयप पसरश हक ज४तश हह, तक इस
कवर४ट जगत क४ सरह४र हकत४ हह। उस समय प४हचत ततत-पकथवश, जल, अकग, व४यप तथ४ आक४श महतनन
ततव मम पवदश करतद हह। यह महतनन ततव समय कद वदग सद अवयक समपसणर भलकतक शकक मम पवदश करत४
हह और यह समपसणर भलकतक शकक शककम४न पध४न मम तथ४ यह पध४न आप मम पवदश करत४ हह। इसकलए
समपसणर जगत कद सरह४र कद ब४द कद वल आप अपनद कदवय न४म, रप, गपण तथ४ स४ज-स४म४न कद स४थ
रहतद हह।
श४
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भलकतक पकक कत कद चरम आग४र हह। हद पभप! यह समसच४ कवर४ट जगत कण सद लदकर वररपयरनत कक
अवकधक४ल कद पभ४व कद अनतगरत हह। सबकद सब आपकद कनदरश४नपस४र क४यर करतद हह। आप सभश कद
'यद--जक; अयमननस--यह; क४ल: --क४ल ( कमनट, घरट४, सदकरड ); तसथ--उसक४; तद--तपमह४र४; अवयक-बनधक--हद पभप! आप
अवयक कद प४रमभकत४र हह ( महतनन ततव य४ पकक कत ); चदष४मस-पय४स य४ लशल४एह; आहह :--कह४ ज४त४ हह; चदषतद --क४यर करत४ हह;
यदन--कजससद; कवशवमनन-- समपसणर सककष; कनकमर-आकद:--क४ल कद ससकम अरश आकद; वतसर-अनत:--वरर कद अनत तक; महशय४नननस--
शककश४लश; तमनन--आपकक; तव४ ईश४नमननस--परम कनयरतक आपकक; कदम-ध४म--समसत शपभ कद आग४र; पपदद--मह पसरश तरह
आपकक शरण४गत मम हह।ह .
र४ज४ समसतसपरयसकतररशदरतदज४: ।
“ससयर समसत गहत क४ र४ज४ हह, कजसमम ऊषम४ तथ४ पक४श कक असशकमत शकक रहतश हह। मह उन
आकद भगव४ननन गककवरद कक पसज४ करत४ हह ह कजनकद वशशभसत हककर भगव४ननन कद चकपरप ससयर भश कनतय क४ल
कक कसथर धपरश मम चकर लग४त४ हह।”' यदकप हम कवशव (पकक कत) कक कवर४ट तथ४ अदपत ददखतद हह,
ककनतप यह क४ल कक सशम४ओर कद भशतर हह। इस क४ल पर भश भगव४ननन क४ कनयरतण रहत४ हह, कजसकक
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पपकष भगवदशव४ द४र४ हकतश हह ( मय४धयकदण पकक कत: ससयतद सचर४चरमनन )। पकक कत क४ल कद अधशन हह।
असल मम हर वसतप क४ल कद अधशन हह और क४ल पसणर पपररकतम भगव४ननन कद वश मम हह। अतद भगव४ननन
कक समय कद घ४तक आकमणत सद ककई भय नहथ रहत४। क४ल क४ म४पन ससयर ( सकवत४ ) कक गकत सद
ककय४ ज४त४ हह। यह४ह तक कक हर कमनट, सदकरड, हर कदन, हर र४त, हर म४स तथ४ हर वरर कक गणन४
ससयर कक गकत सद कक ज४ सकतश हह। ककनतप ससयर सवतरत नहथ हह कयतकक वह क४ल कद अधशन हह। शमकत
सरभतक४लचकद--ससयर क४लचक कद भशतर घसमत४ रहत४ हह। ससयर क४ल कद कनयरतण मम हह और क४ल
भगव४ननन कद द४र४ कनयरकतत हकत४ हह। अतद भगव४ननन कक क४ल क४ तकनक भश डर नहथ रहत४।
मतयर:--जशव, कजनकक मकतयप कनकशचत हह; मकतयप-वय४ल-भशतद--मकतयप रपश सपर सद भयभशत; पल४यननन-- भ४गतद हह ए; लकक४नस--
कवकभन लककत कक; सव४रनस--सभश; कनभरयमनन-कनभरकत४; न अधयगचछतनन--प४प नहथ करत४; तवतनन-प४द-अबजमनन--आपकद
चरणकमलत कक; प४पप--शरण प४कर; यहचछय४--सल भ४गयवश, भगव४ननन तथ४ गपर कक कक प४ सद ( गपरकक प४, कक षणकक प४ );
अद--इस समय; सप-सथ:--अकवचकलत तथ४ श४नत; शदतद-- सक रहद हह; मकतयप:--मकतयप; असम४तनन--उन लकगत सद; अपहकत--दसर
भ४गत४ हह।.
इस भलकतक जगत मम ककई भश वयकक जनम, मकतयप, बपढ४प४ तथ४ रकग--इन च४र कनयमत सद छसट
नहथ प४य४ भलद हश वह कवकवध लककत मम कनयत न भ४ग ज४ए। ककनतप हद पभप , अब चसकह क आप पकट
हक चपकद हह अतद मकतयप आपकद भय सद दसर भ४ग रहश हह और स४रद जशव आपकक दय४ सद आपकद
चरणकमलत कक शरण प४प करकद पसणर म४नकसक श४कनत कक नथद सक रहद हह।
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त४तपयर : जशवत कक कवकभन कककटय४ह हह, ककनतप सभश जशव मकतयप सद भयभशत रहतद हह। ककमरयत क४
सवरच लकय सवगरलकक कक ज४न४ हह जह४ह दशघ४रय प प४प हकतश हह। जहस४कक भगवदशत४ (८.१७) मम
कह४ गय४ हह-- सहसयपग पयरनतमनन अहयरदनन बहणक कवदपद--बह४ क४ एक कदन १००० यपगत कद बर४बर
हकत४ हह और पतयदक यपग मम ४३,००,००० वरर हकतद हह। इसश तरह बह४ कक र४कत १००० गपकणत
४३,००,००० वरर कद बर४बर हकतश हह। इस कवकध सद हम बह४ कद म४स तथ४ वरर कक गणन४ कर सकतद
हह, ककनतप करकडत वरर तक जशकवत रहनद व४लद ( कदपर४धरक४ल ) बह४ कक भश मरन४ पडत४ हह। वहकदक
श४स कद अनपस४र सवगरलकक कद व४सश १०,००० वरर तक जशकवत रहतद हह। और कजस तरह बह४ क४ एक
कदन हम४रद ४,३०,००,००,००० स४लत कद बर४बर कगन४ ज४त४ हह, सवगरलकक मम एक कदन हम४रद ६ म४स कद
तपलय हकत४ हह। इसशकलए कमरजन सवगरलकक ज४नद कक इचछ४ रखतद हह, ककनतप इससद वद मकतयप सद मपक नहथ
हक सकतद। इस जगत मम बह४ सद लदकर एक कपद चथटश तक कक मरन४ हकत४ हह। इसशकलए यह जगत
मतसरलकक कहल४त४ हह। भगवदशत४ (८.१६) मम कक षण कहतद हह-- आनहभपवन४लनलकक४:
पपनर४वकतरनक5 जपन--जब तक मनपषय इस लकक मम य४ बहलकक अथव४ इस बह४णड कद अनय ककसश
लकक मम रहत४ हह तब तक उसद जनम-जनम४रतर क४लचक कद वशशभसत हकन४ हकत४ हह ( धसतव४ भसतव४
पलशयतद ) | ककनतप यकद मनपषय भगवद४म व४पस ललट ज४त४ हह ( यदतव४ न कनवतरनतद ) तक उसद क४ल
कक सशम४ मम कफर सद पवदश नहथ करन४ पडत४। अत: कजन भकत नद भगव४ननन कद चरणकमलत मम शरण लद
रखश हह उनहम भगव४ननन कद इस आशव४सन कद अनतगरत सपख कक नथद सकन४ च४कहए। भगवदशत४ (४.९) मम
पपकष कक गई हह तयकतव४ ददहर पपनजरनन म नहकत इस शरशर कक तय४गनद कद ब४द कक षण-भक कक इस जगत मम
कफर सद आनद कक आवशयकत४ नहथ पडतश।
जशव कक वहध४कनक कसथकत श४शत हह ( न हनयतद हनयम४नद शरशरद, कनतय: श४शतरकउयमनन )। पतयदक
जशव कनतय हह। इस जगत मम आ कगरनद कद क४रण हश वह इस बह४णड मम घसमत४ रहत४ हह और लग४त४र
एक कद ब४द दससर४ शरशर ध४रण करत४ रहत४ हह। शश चहतनय मह४पभप कहतद हह--
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इस बह४णड मम स४रद लकग ऊपर-नशचद घसम रहद हह, ककनतप जक भ४गयश४लश हकत४ हह, वह गपर-कक प४ सद
कक षणभ४वन४मकत कद समपकर मम आत४ हह और भककम४गर पर अगसर हकत४ हह। तब उसद मकतयप क४ भय नहथ
रह ज४त४ उसक४ जशवन श४शवत हक ज४त४ हह। जब कक षण पकट हकतद हह, तक पतयदक वयकक कद मन सद मकतयप
क४ भय ज४त४ रहत४ हह कफर भश ददवकक कक लग४, “यदकप आप हम४रद पपत रप मम उतपन हह ए हह, तक भश
हम करस सद भयभशत हह ।'' वद थकड४-कप छ मकहगसत थथ। उनकक समझ मम नहथ आ रह४ थ४ कक ऐस४ कनयत
हक रह४ हह, अतद उनहतनद भगव४ननन सद कनवददन ककय४ कक वद उनहम तथ४ वसपददव कक इस भय सद मपक करम।
इस पसरग मम धय४न ददन४ हकग४ कक चनदम४ सवगर क४ एक लकक हह। वददत सद ज४त हकत४ हह कक जक
चनदम४ कक ज४त४ हह उसद दस हज४र वरर कक आयप प४प हकतश हह, कजसमम वह अपनद पपणयत कद फलत क४
भकग करत४ हह। यकद हम४रद तथ४ककथत वहज४कनक चनदलकक ज४ रहद हह, तक उनहम यह४ह व४पस नहथ आन४
च४कहए। अत: हम कनससरददह इस कनषकरर पर पहह हचतद हह कक वद चदलकक तक पहहचह द हश नहथ। चनदम४
तक ज४नद कद कलए पपणयकमर कक यकगयत४ च४कहए। तभश ककई वह४ह ज४कर रह सकत४ हह। यकद ककई
वयकक चनदम४ तक गय४ हह, तक भल४ वह इस लकक कक कफर सद कयत ललटनद लग४ जह४ह जशवन-अवकध
इतनश कम हह ?
स तवर घकर४दपगसदन४तमज४न-
सनड४कह तसत४नभकतयकवत४सह४कस ।
रपर चददर पलररर धय४नकधषणयर
म४ पतयक म४रसहश४र कक रशष४: ॥ २८॥
सद--वह; तवमस--आप; घकर४तननस--अतयनत कस र; उगसदन-आतमज४तनन-- उगसदन कद पपत सद; न:--हम४रश; त४कह--रक४ कककजए;
असत४नननस--अतयकधक भयभशत; भकतय-कवत४स-ह४ अकस-- आप अपनद द४सत कद भय कक दसर करनद व४लद हह; रपमस-- अपनद कवषणप
रप मम; च-- भश; इकदमनन-- इस; पलररमनन-- भगव४ननन रप कक; धय४न-कधषणयमनन--धय४न कद द४र४ अनपभव ककय४ गय४; म४--नहथ;
पतयकम-पतयक; म४रस-हश४मनन-- अपनश भलकतक आहखत सद ददखनद व४लत कक; कक रशष४द--हकडए |.
हद पभप, आप अपनद भकत कद भय कक दसर करनद व४लद हह अतएवर आपसद मदरश प४थरन४ हह कक
आप करस कद कवकर४ल भय सद हमम बच४इए और हमम सररकण पद४न कककजए। यकगशजन आपकद
कवषणप रप क४ धय४न मम अनपभव करतद हह। कक पय४ इस रप कक उनकद कलए अदशय बन४ दशकजए
जक कद वल भलकतक आहखत सद ददख सकतद हह।''
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सवरप क४ धय४न यकगशजन करतद हह ( धय४न४वकसथत तदतदन मनस४ पशयकनत यर यककगन:) | ददवकक नद
कवषणपरप मम पकट भगव४ननन सद प४थरन४ कक कक वद इस रप कक कछप४ लम कयतकक वद भगव४ननन कक एक
स४म४नय कशशप कद रप मम ददखन४ च४हतश हह--एक कशशप-रप मम कजसद सभश लकग भलकतक आहखत सद
पतयक ददख सकतद हह। ददवकक यह ददखन४ च४ह रहश थथ कक कय४ सचमपच भगव४ननन पकट हह ए हह अथव४ वद
कवषणप सवरप क४ सवपन ददख रहथ हह। वद सकचनद लगथ कक यकद करस आ ज४ए तक वह कवषणप रप कक
ददखकर तपरनत हश ब४लक क४ वध कर ददग४, ककनतप यकद वह म४नवश ब४लक कक ददखद तक हक सकत४ हह कक
कप छ कवच४र करद। ददवकक उगसदन आतमज सद भयभशत थथ अथ४रतनन उगसदन तथ४ उनकद अनपचरत सद नहथ
अकपतप उगसदन कद पपत सद। इस तरह उनहतनद भगव४ननन सद प४थरन४ कक कक वद इस भय कक दसर करम कयतकक वद
अपनद भकत कक सदहव सररकण पद४न करनद कद कलए ( अभय ) उदत रहतद हह। उनहतनद प४थरन४ कक, “' हद
पभप! आप उगसदन कद पपत करस कद कस र ह४थत सद मपझद बच४इए। आपसद मह इस भय४वह कसथकत सद उब४रनद
कद कलए प४थरन४ कर रहश हह ह कयतकक आप अपनद सदवकत कक सररकण ददनद कद कलए सदहव तहय४र रहतद हह।''
भगव४ननन नद भगवदशत४ मम इस कथन कक पपकष यह कहकर कक हह, “हद अजपरन! तपम सरस४र कक घककरत
कर सकतद हक कक मदर४ भक कभश भश कवनष नहथ हक सकत४।'!
भगव४ननन सद रक४ करनद कक इस पक४र प४थरन४ करतद हहए ददवकक नद अपन४ म४तक-सनदह वयक ककय४,
“मह ज४नतश हह ह कक आपकद इस कदवय रप कक अनपभसकत प४यद बडद-बडद ऋकरयत कद धय४न मम हकतश हह,
ककनतप मह अब भश डर रहश हह ह कयतकक जयतहश करस कक पत४ चल ज४एग४ कक आप पकट हक चपकद हह, तक
वह आपकक ककत पहहचह ४ सकत४ हह। इसकलए मदरश प४थरन४ हह कक इस समय आप भलकतक आहखत सद
अदशय हक ज४हए।'' दससरद शबदत मम, उनहतनद भगव४ननन सद प४थरन४ कक कक वद स४म४नय ब४लक क४ रप ध४रण
कर लम। “मपझद अपनद भ४ई करस सद डरनद क४ एक हश क४रण हह और वह हह आपक४ प४कट | हद भगव४ननन
मधपससदन ! करस कक पत४ चल सकत४ हह कक आप पहलद हश जनम लद चपकद हह। इसकलए मदरश प४थरन४ हह कक
आप अपनद इस चतपभपरज रप कक कछप४ लम जक कवषणप कद च४र कचहत अथ४रतनन शरख, चक, गद४ और कमल
कक ध४रण ककए हह ए हह। हद पभप! कवर४ट जगत कद सरह४र कद ब४द आप समपसणर बह४णड कक उदरसथ करनद
व४लद हह कफर भश आप अपनश अननय कक प४ सद मदरद उदर सद उतपन हह ए हह। मपझद आशचयर हह कक आप अपनद
भक कक पसन करनद कद कलए स४म४नय मनपषयत जहस४ क४यर करतद हह।'!
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ददवकक करस सद इतनश भयभशत थथ कक उनहम कवशव४स हश नहथ हक प४ रह४ थ४ कक कर स पतयक भगव४ननन
कवषणप कक म४रनद मम असमथर हकग४। इसशकलए म४तकसनदहवश उनहतनद भगव४ननन सद प४थरन४ कक कक वद अनतध४रन
हक ज४हय। यदकप भगव४ननन कद अनतध४रन हकनद सद करस यह सकचकर ददवकक कक अकधक सत४एग४ कक उसनद
अपनद नवज४त कशशप कक कहथ कछप४ कदय४ हह, ककनतप वद नहथ च४हतश थथ कक कदवय ब४लक कक सत४य४
और म४र४ ज४ए। इसशकलए उनहतनद भगव४ननन कवषणप सद प४थरन४ कक कक वद अनतध४रन हक ज४हय। ब४द मम , जब
उनहम सत४य४ ज४एग४ तक वद अपनद मन मम उनकद कवरय मम सकचमगश।
जनम--जनम; तद--तपमह४र४, भगव४ननन क४; मकय--मदरद ( गभर ) मम; असल--वह करस; प४प:--प४पश; म४ कवद४तनन-हक सकत४ हह कक
समझ न प४ए; मधपससदन--हद मधपससदन; समपकदजद--कचनत४ सद पसणर मह; भवतनन-हदतक:-- आपकद पकट हकनद सद; करस४तनन--करस सद,
कजसक४ मपझद कदप अनपभव हह; अहमनन--मह; अधशर-धश: --अकधक४कधक उकदग हह।ह .
हह मधपससदन, आपकद पकट हकनद सद मह करस कद भय सद अकधक४कधक अधशर हक रहश हह।ह अतद
कप छ ऐस४ कककजए कक वह प४पश करस यह न समझ प४ए कक आपनद मदरद गभर सद जनम कलय४ हह।
त४तपयर : ददवकक नद भगव४ननन कक मधपससदन न४म सद समबककधत ककय४। उनहम ज४त थ४ कक भगव४ननन नद
मधप जहसद अनदक असपरत क४ वध ककय४ हह, जक करस सद सहकडत-हज४रत गपन४ बलश४लश थद तक भश कदवय
ब४लक कद सनदहवश उनहम आशरक४ हक रहश थश कक करस उसक४ वध कर ददग४। भगव४ननन कक असशम शकक
कक न सकचकर वद सनदहवश भगव४ननन कद कवरय मम सकच रहश थथ इसशकलए उनहतनद कदवय ब४लक सद
अनतध४रन हकनद कक प४थरन४ कक।
उपसरहर--व४पस लद लशकजए; कवशव४तमननन--हद कवशववय४पश भगव४ननन; अद: --उस; रपमनन--सवरप कक; अललकककमनन--इस जगत मम
अप४कक कतक; शदप-चक-गद४-पद--शरख, चक, गद४ तथ४ कमल सद यपक; कशय४--इन ऐशवयर सद यपक; जपषमस-- अलरककत;
चतप:-भपजमनन--च४र ह४थत व४लद |.
हद पभप, आप सवरवय४पश भगव४ननन हह और आपक४ यह चतपभपरज रप, कजसमम आप शरख, चक,
गद४ तथ४ पद ध४रण ककए हह ए हह, इस जगत कद कलए अप४कक त हह। कक पय४ इस रप कक समदट
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लशकजए ( और स४म४नय म४नवश ब४लक बन ज४इए कजससद मह आपकक कहथ कछप४नद क४ पय४स कर
सकसह )।
त४तपयर : ददवकक भगव४ननन कक कछप४नद कक सकच रहश थथ। वद अनय ब४लकत कक तरह इनहम कर स कद
ह४थत ससपन४ नहथ च४ह रहश थथ। यदकप वसपददव नद वचन कदय४ थ४ कक वद कर स कक हर ब४लक दद कदय४
करमगद, ककनतप इस ब४र वद अपन४ वचन भरग करकद ब४लक कक कहथ कछप४ ददन४ च४हतद थद। ककनतप इस
कवशवमनन--समपसणर कवशव कक; यतनन एततनन--चर तथ४ अचर सककषयत सद यपक; सव-तनल--अपनद शरशर कद भशतर; कनश४-अनतद--सरह४र
कद समय; यथ४-अवक४शमनन--कबन४ ककठन४ई कद आपकद शरशर मम शरण; पपरर: -- भगव४ननन; पर: --कदवय; भव४नननस--आप;
कबभकतर--प४लन करतद हह; सद--वहश ( भगव४ननन ); अयमनन--वह रप; मम--मदर४; गभर-ग:--मदरद गभर मम आय४; अभसतननस--हह आ;
अहक--ओह; नक-लककसय--जशवत कद इस जगत क४; कवडमबनमनन--सकच प४न४ ककठन हह; कह--कनससनददह; ततनन--वह ( गभर )।.
सरह४र कद समय चर तथ४ अचर जशवत सद यपक स४रश सककषय४ह आपकद कदवय शरशर मम पवदश कर
ज४तश हह और कबन४ ककठन४ई कद वहथ ठहरश रहतश हह। ककनतप अब वहश कदवय रप मदरद गभर सद जनम
लद चपक४ हह। लकग इस पर कवशव४स नहथ करमगद और मह हहसश कक प४त बन ज४ऊहगश।
पदम४जनचछप ररतभकककवलकचनदन
यर शय४मसपनदरमकचनतयगपणसवरपर
( बह-सरकहत४ ५.३८)
शपद भकजन अपनश आहखत मम पदम क४ अरजन लग४कर भगव४ननन शय४मसपनदर, मपरलशधर कक दकनत
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ह४थत मम ब४हसरप श झपल४तद हहए ददखन४ च४हतद हह। यह सवरप वकनद४वनव४कसयत कद कलए उपलबध हह, जक
भगव४ननन कद उस कवषणप अथव४ न४र४यण रप सद पदम नहथ करतद जक वहकपणठ मम पसकजत हह जह४ह भकगण
उनकद ऐशवयर कक पशरस४ करतद हह अकपतप वद उनकद शय४मसपनदर सवरप सद पदम करतद हह । यदकप ददवकक कक
वकनद४वन पद प४प नहथ हह, ककनतप वद वकनद४वन पद कद कनकट हह । वकनद४वन पद पर कक षण कक म४त४ यशकद४
हह जबकक मथपर४ तथ४ द४रक४ पद पर कक षण कक म४त४ ददवकक हह। मथपर४ तथ४ द४रक४ मम भगव४ननन क४ पदम
ऐशवयर सद कमकशत रहत४ हह, ककनतप वकनद४वन मम भगव४ननन क४ ऐशवयर पदकशरत नहथ हकत४।
भगव४ननन कक पदम४भकक कक प४हच अवसथ४एह हह--श४नत, द४सय, सखय, व४तसलय तथ४ म४धपयर । ददवकक
व४तसलय पद पर हह। वद अपनद श४शवत पपत कक षण कद स४थ पदमवय४प४र करन४ च४हतश थथ इसशकलए वद
च४हतश थथ कक भगव४ननन अपन४ कवषणप क४ ऐशवयरश४लश सवरप समदट लम। शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र
नद इस शलकक कक टशक४ मम इस तथय पर कवशदर पक४श ड४ल४ हह।
भकक, भगव४ननन तथ४ भक-यद भलकतक जगत सद समबद नहथ रहतद। इसकक पपकष भगवदशत४
(१४.२६) मम हह ई हह--
“जक अननय भकक कद आधय४कतमक क४यर मम अपनद कक लग४त४ हह, वह तपरनत हश पकक कत कद गपणत
कक ल४हघकर आधय४कतमक पद पर उठ ज४त४ हह।'' भकक मम मनपषय प४रमभ सद हश कदवय पद पर कसथत हक
ज४त४ हह। अतएवर वसपददव तथ४ ददवकक शपद भकक पद पर कसथत हकनद सद इस भलकतक जगत सद परद हह और
उनहम भलकतक भय नहथ सत४त४। ककनतप कदवय जगत मम शपद भकक कद क४रण, गहन पदम कद फलसवरप
ऐस४ हश भय बन४ रहत४ हह।
जहस४कक भगवदशत४ मम कह४ गय४ हह ( भककनतय४ म४मकभज४न४कत य४व४ननन यशच४कसम ततववद) तथ४
अआरशमद४गवत मम भश पपकष हह ई हह ( भकतय४हमदकय४ ग४हद) भकक कद कबन४ भगव४ननन कक आधय४कतमक
कसथकत कक समझ४ नहथ ज४ सकत४। भकक कक तशन अवसथ४एह म४नश ज४ सकतश हह-- गपणश भसत, पध४नश भसत
तथ४ कद वल और इनकद भश तशन कवभदद हह-- ज४न, ज४नमयश तथ४ रकत य४ गदम४ अथ४रतनन स४म४नय ज४न, ज४न-
कमकशत पदम तथ४ शपद पदम। ज४न सद, कबन४ ककसश पररवतरन कद , कद वल कदवय आननद क४ अनपभव ककय४
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ज४ सकत४ हह। यह अनपभसकत म४नशसकत कहल४तश हह। ज४नमयश अवसथ४ मम भगव४ननन कद कदवय ऐशवयर क४
अनपभव हकत४ हह। ककनतप शपद पदम य४ रकत अवसथ४ मम पहहचह कर भगव४ननन कद कक षण य४ र४म रप कक
अनपभसकत हकतश हह। यहश व४रछनशय हह। म४धपयर रस मम तक मनपषय भगव४ननन सद अनपरक हक ज४त४ हह
( शशकवगहकनषरप४कद ) | तब भगव४ननन तथ४ भक मम पदम-वय४प४र च४लस हकत४ हह।
बजभसकम य४ वकनद४वन मम अपनद ह४थ मम ब४हसपरश कलए हह ए कक षण कक कवशदर महत४ म४धपरश... कवर४जतद
द४र४ वकणरत हह। ह४थ मम ब४हसरप श कलए भगव४ननन क४ सवरप अतयनत आकररक हह और इस सवरप सद
शशमतश र४ध४र४नश य४ र४कधक४ कवशदर आकक ष हकतश हह। वद कक षण कद स४थ आननदमय स४कतधय क४ भकग
करतश हह। कभश-कभश लकग यह नहथ समझ प४तद कक शशमद४गवत मम र४कधक४ कद न४म क४ उलदख कनयत
नहथ हह आ। व४सतव मम र४कधक४ कक आर४धन शबद सद समझ४ ज४ सकत४ हह, कजसक४ अथर हह कक वह
कक षण कद स४थ उचतम पदम४ल४प क४ आननद भकग करतश हह।
ददवकक नहथ च४हतश थथ कक कवषणप कक जनम ददनद कद क४रण उनक४ उपह४स हक अतद वद दक भपज४ओर
व४लद कक षण कक च४ह रहथ थथ। इसशकलए उनहतनद भगव४ननन सद अपन४ सवरप बदलनद कद कलए प४थरन४ कक।
शशभगव४नपबव४च
तवमदव पसवरसगद3 भस: पककशन: सव४यमभपवद सकत ।
तद४यर सपतप४ न४म पज४पकतरकलमर: ॥ ३२॥
शश-भगव४ननन उव४च-- भगव४ननन नद ददवकक सद कह४; तवमनन--तपम; एब--कनससनददह; पसवर-सगर--पसवर यपग मम; अभस:--थथ; पककशन:--
पककशटन न४मक; सव४यमभपवद--सव४यमभपव मनप कद यपग मम; सकत--हद सतश; तद४--उस समय; अयमनन--यह वसपददव; सपतप४--सपतप४;
न४म--न४मक; पज४पकत: --पज४पकत; अकलमर:--कनमरल वयकक |.
शशभगव४ननन नद उतर कदय४: हद सतश म४त४, आप अपनद पसवर जनम मम सव४यरभपव मनप कलप मम
पककशन न४म सद कवखय४त थथ और वसपददव सपतप४ न४मक अतयनत पकवत पज४पकत थद।
त४तपयर : भगव४ननन नद यह सपष कर कदय४ कक ददवकक पहलश ब४र हश उन कक म४त४ नहथ बनथ पतयपत
वद इसकद पसवर भश उनकक म४त४ थथ। कक षण श४शत हह और वद अपनद भकत मम सद हश श४शवत रप सद अपनद
म४त४-कपत४ क४ चपन४व करतद रहतद हह। इसकद पसवर भश ददवकक भगव४ननन कक म४त४ और वसपददव उनकद कपत४
थद। तब उनकद न४म कमशद पककशन तथ४ सपतप४ थद। जब भश पसणर पपररकतम भगव४ननन कक षण पकट हकतद हह,
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कनरनतर चलतश रहतश हह इसकलए कनतयलशल४ कहल४तश हह। इस तरह यह आशचयर य४ उपह४स कक ब४त न
थश। भगव४ननन नद सवयर भगवदशत४ (४.९) मम सपष ककय४ हह--
“हद अजपरन! जक मदरद प४कट तथ४ क४यर कक कदवय पकक कत कक ज४न लदत४ हह, वह इस शरशर कक
तय४गनद कद ब४द इस भलकतक जगत मम कफर सद जनम नहथ लदत४ अकपतप मदरद कनतय ध४म कक प४प करत४
हह।” मनपषय कक च४कहए कक भगव४ननन कद प४कट तथ४ कतरकध४न कक वहकदक मह४जनत सद समझद, कलपन४
सद नहथ। जक भगव४ननन कद कवरय मम कलपन४ क४ अनपसरण करत४ हह, वह कननदनशय हह।
( भगवदशत४ ९.११)
भगव४ननन अपनद पररर भ४वमनन कद द४र४ अपनद भक कद पपत रप मम पकट हकतद हह। भ४व शबद शपद पदम
अवसथ४ क४ दकतक हह, कजसक४ भलकतक वय४प४रत सद ककई समबनध नहथ हकत४।
यपव४मनन--तपम दकनत ( पककशन तथ४ सपतप४ ); बह--कनससनददह; बहण४ आकदषल--बह४ ( जक कपत४मह य४ पज४पकतयत कद कपत४ कहल४तद
हह ) कक आज४ सद; पज४-सगर--सनत४न उतपन करनद मम; यद४--जब; तत:--ततपशच४तनन; सकनयमय--पसणर कनयरतण मम रखतद हहए;
इकनदय-ग४ममनन--इकनदयत कक; तदप४थद --कक; परममनन--मह४न; तप:द--तपसय४ |.
जब भगव४ननन बह४ नद तपम दकनत कक सनत४न उतपन करनद क४ आददश कदय४ तक तपम दकनत नद
पहलद अपनश इकनदयत कक वश मम रखतद हह ए कठकर तपसय४ कक।
त४तपयर : यह४ह पर यह आददश हह कक सनत४न उतपकत करतद समय इकनदयत क४ ककस तरह उपयकग
ककय४ ज४ए। वहकदक कनयमत कद अनपस४र सरत४न उतपन करनद सद पहलद इकनदयत क४ पसणर कनयरतण करन४
च४कहयद। यह कनयरतण गभ४रध४न सरसक४र कद म४धयम सद पसर४ हकत४ हह। भ४रत मम कवकवध य४रकतक कवकधयत सद
गभर कनरकध करनद पर बड४ आनदकलन कछड४ हह आ हह, ककनतप जनम पर कभश य४रकतक कवकध सद कनयरतण
नहथ ककय४ ज४ सकत४। जहस४कक भगवदशत४ (१३.९) मम कह४ गय४ हह-- जनममकतयपजर४वय४कध
उ४
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दपदखदकर४नपदशरमनन-जनम, मकतयप, बपढ४प४ तथ४ रकग यद इस भलकतक जगत कद पमपख दपख हह। लकग जनम
कक कनयरकतत करन४ च४ह रहद हह, ककनतप मकतयप पर कनयरतण करनद मम असमथर हह और यकद हम मकतयप कक
कनयरतण मम नहथ कर सकतद तक जनम कक भश कनयरतण मम नहथ ल४ सकतद। दससरद शबदत मम, जनम कक
कक कतम ढरग सद कनयरकतत करन४ मकतयप पर कक कतम कनयरतण करनद सद सपलभ नहथ हह।
वहकदक सभयत४ कद अनपस४र गभ४रध४न कक ध४कमरक कनयमत कद पकतकस ल नहथ हकन४ च४कहए। तभश जनम
दर पर कनयरतण हक सकत४ हह। जहस४कक भगवदशत४ (७.११) मम कह४ गय४ हह- धम४रकवरदक धसतदरप
क४मक5 कसम--जक क४म (यलन) धमर कद कवरद नहथ हह, वह भगव४ननन क४ सवरप हह। लकगत कक कशक४ दश
ज४नश च४कहए. कक ककस तरह सरसक४रत कद द४र४ वद उतम सनत४न उतपन करम। गभर कक कक कतम स४धनत सद
नहथ रकक४ ज४न४ च४कहए कयतकक इससद पशप-सभयत४ क४ जनम हकग४। ध४कमरक कनयमत क४ प४लन करनद
व४ल४ सवतद गभर-कनरकध क४ प४लन करत४ हह कयतकक आधय४कतमक कशक४ प४प वयकक ज४नत४ हह कक क४म
क४ दपषपभ४व कवकवध पक४र कद दपखत कद रप मम हकत४ हह ( बहह ददप खभ४ज )। जक आधय४कतमक रप सद
उनत हह, वह अकनयरकतत यलन मम कलप नहथ हकत४। अत: क४म कक य४ अकधक सनत४न कद जनम कक
बलपसवरक रककद ज४नद कक बज४य लकगत कक आधय४कतमक कशक४ दश ज४नश च४कहए। तभश गभर कनरकध सवतद
हकनद लगदग४।
यकद ककई आधय४कतमक पगकत करनद पर तपल ज४ए तक वह तब तक सनत४न उतपन नहथ करदग४ जब
तक वह उस सनननतन ४न कक भक न बन४ सकद । शशमद४गवत (५.५.१८) मम कह४ गय४ हह-कपत४ न स
सय४त--जब तक मनपषय अपनश सनत४न कक मकतयप सद अथ४रतनन जनम-मरण कद चक सद बच४ प४नद मम समथर न
हक तब तक उसद कपत४ नहथ बनन४ च४कहए। ककनतप इसकक कशक४ कह४ह दश ज४तश हह ? उतरद४यश कपत४ कप तत
और कबकलयत कक तरह सनत४नम नहथ उतपन करत४। लकगत कक गभरकनरकध कद कक कतम स४धनत कक अपन४नद
कद सथ४न पर उनहम कक षणभ४वन४मकत क४ पकशकण कदय४ ज४न४ च४कहए कयतकक तभश वद अपनश सनत४नत कद
पकत अपनद उतरद४कयतव कक समझ सकम गद। यकद ऐसश सनत४नम उतपन कक ज४ सकम जक भक बनम और
कजनहम जनम-मकतयप कद म४गर सद पकथकन न रहनद कक कशक४ दश ज४ सकद ( मडतयप:सरस४रवतमरकन ) तक गभरकनरकध
कक ककई आवशयकत४ नहथ रहतश बकलक सरत४न उतपन करनद कद कलए मनपषय कक पकतस४कहत ककय४ ज४न४
च४कहए। गभरकनरकध कक कक कतम कवकधय४ह कनरथरक हह। ककई सनत४न उतपन करद य४ नहथ, ककनतप कप तत और
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कबकलयत जहसश जनसरखय४ सद म४नव सम४ज कभश भश सपखश नहथ रह सकत४। इसकलए लकगत कक
आधय४कतमक कशक४ कदए ज४नद कक आवशयकत४ हह, कजससद कप तत-कबकलयत कक तरह सनत४नम उतपन करनद
कद सथ४न पर वद तपसय४ करकद भकत कक जनम दम। इससद उनकद जशवन सफल हक ज४एहगद।
वररब४त४तपकहमघमरक४लगपण४ननप ।
शशणरपण४रकनल४ह४र४बपपश४नतदन चदतस४ ।
वरर--वर४र; व४त--तदज हव४; आतप--तदज धसप; कहम--कड४कद कक ठरड; घडमर--घ४म; क४ल-गपण४ननन अनप--ऋतप पररवतरनत कद
अनपस४र; सहम४नल--सहन करकद ; शव४स-रकध--स४हस रकककर, यकग४भय४स द४र४; कवकनधसतर --मन मम जमश महल धपल ज४तश हह; मनद-
मलल--मन भलकतक कलमर सद मपक हककर शपद बन गय४; शशणर--शपषक, तयक; पणर--पदडत कद पतद; अकनल--तथ४ व४यप;
आह४रल--ख४कर; उपश४नतदन--श४नत; चदतस४-- पसणर सरयकमत मन सद; मत:--मपझसद; क४म४ननन अभशपसनतल-- कप छ वर म४हगनद कक
इचछ४ सद; मतनन--मदरश; आर४धनमनन--पसज४; ईहतपद--तपम दकनत नद समपन कक |.
हह म४त४-कपत४, तपम लकगत नद कवकभन ऋतपओर कद अनपस४र वर४र, तसफ४न, कडश धसप तथ४
कड४कद कक ठरड सभश पक४र कक असपकवध४एह सहश थथ। तपमनद शरशर कद भशतर व४यप रककनद कद कलए
प४ण४य४म करकद तथ४ कद वल हव४ और वककत सद कगरद ससखद पतद ख४कर अपनद मन सद स४रद महल कक
स४फ कर कदय४ थ४। इस तरह मदरद बर कक इचछ४ सद तपम लकगत नद श४नत कचत सद मदरश पसज४ कक थश।
त४तपयर : वसपददव तथ४ ददवकक कक पपत रप मम भगव४ननन आस४नश सद नहथ कमलद थद , न हश भगव४ननन यत
हश ककसश कक अपन४ म४त४-कपत४ बन४तद हह। यह४ह हम ददख सकतद हह कक वसपददव तथ४ ददवकक नद ककस
तरह अपनद कदवय पपत कक प४प ककय४। हमम भश अचछश सनत४न प४प करनद कद कलए यह४ह पर कदए गए
कनयमत क४ प४लन करन४ च४कहए ह४ह, यह हर एक कद कलए समभव नहथ कक उसद पपत-रप मम कक षण प४प
हत, ककनतप म४नव सम४ज कद ल४भ कद कलए अचछद पपत तथ४ पपकतय४ह तक उतपन ककए हश ज४ सकतद हह।
भगवदशव४ मम कह४ गय४ हह कक यकद मनपषय आधय४कतमक जशवन-शहलश क४ प४लन नहथ करतद तक कप तद-
कबकलयत कक तरह जनमश वणरसरकर जनसरखय४ मम वककद हकगश और स४र४ जगत नरक तपलय बन ज४एग४।
कक षणभ४वन४मकत क४ अभय४स ककए कबन४ म४त कक कतम ढरग सद जनसरखय४ कक वककद रककनद कद पय४स वयथर
हतगद। इससद जनसरखय४ बढदगश जक वणरसरकर हकगश, अव४रकछत सनत४नम हतगश। अत: लकगत कक यह कशक४
ददन४ शदयसकर हकग४ कक ककस तरह सरयमपसवरक सनत४नम उतपन कक ज४हए न कक कप तद-कबकलयत कक तरह।
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म४नव जशवन शसकर य४ कस कर जहस४ बननद कद कलए नहथ अकपतप तपक कदवयमनन अथ४रतनन कदवय तप कद
कलए हह। हर एक कक तपसय४ कक कशक४ दश ज४नश च४कहए। यदकप पककशन तथ४ सपतप४ कक तरह तपसय४ कर
प४न४ समभव नहथ रह गय४, ककनतप श४स मम तपसय४ कक सरलतम कवकध बतल४ई गई हह और वह हह
सरककतरन आनदकलन। कक षण जहसश सनननतन ४न प४नद कद कलए तपसय४ करनद कक ककसश सद आश४ नहथ कक ज४
सकतश, ककनतप हरद कक षण मह४मरत कद ककतरन म४त सद ( ककवरन४द एवर कक षणसय ) वह इतन४ पकवत बन
सकत४ हह कक इस जगत कद स४रद कलमर सद मपक हककर ( मपकसरग:) भगवद४म व४पस ज४ सकद ( परर
बजदत ) । अतएव कक षणभ४वन४मकत आनदकलन लकगत कक सपख कद कक कतम स४धन अपन४नद कक कशक४ नहथ
ददत४ अकपतप श४जत द४र४ सरसतपत सपख क४ असलश म४गर-हरद कक षण मरत ककतरन--अपन४नद और भलकतक
जशवन मम हर पक४र सद पसणर बननद कक कशक४ ददत४ हह।
एवमनन--इस तरह सद; व४मनन--तपम दकनत कक; तपयतक:--तपसय४ करतद; तशबमस--अतयनत कठकर; तपद--तपसय४; परम-दपषकरमनन--
समपन करन४ ककठन; कदवय-वरर--सवगरलकक कद अनपस४र क४ल गणन४; सहस४कण--हज४र; द४दश --ब४रह; ईयप:--बशत गए;
मतनन-आतमनक: --मदरश चदतन४ मम लगद रहकर।.
इस तरह तपम दकनत नद मदरश चदतन४ ( कक षणभ४वन४ ) मम ककठन तपसय४ करतद हह ए ब४रह हज४र
कदवय वरर कबत४ कदए।
तद४--तब ( ब४रह हज४र कदवय वरर बशत ज४नद पर ); व४मनन-तपम दकनत कद स४थ; पररतपष: अहमनन--मह सरतपष हह आ; अमपन४--इससद;
वपपर४--कक षण कद रप मम; अनधद--हद कनषप४प म४त४; तपस४--तपसय४ कद द४र४; शदय४--शद४पसवरक; कनतयमनन--कनरनतर ( लगद
रहकर ); भकतय४--भकक कद द४र४; च--भश; हकद--हदय कद भशतर; भ४कवत:--कसथर ( सरकलप ); प४दपर४समनन--तपमह४रद समक
( उसश तरह ) पकट हह आ; वर-द-र४टन न-- शदष वरद४यक; यपवयक:--तपम दकनत क४; क४म-कदतसय४--इचछ४ पसरश करनद कद कलए;
कबयत४मनन-तपमसद मन कक ब४त कहनद कद कलए पसछ४; बर:--वरद४न कद कलए; इकत उकद --इस तरह अनपरकध ककए ज४नद व४लद;
म४हशद--मदरश हश तरह; व४मनन--तपम दकनत क४; वकत:--पसछ४ गय४ थ४; सपतद --तपमह४रद पपत रप मम ( तपमनद मदरद जहस४ पपत च४ह४ थ४ )॥
हद कनषप४प म४त४ ददवकक, उन ब४रह हज४र कदवय वरर कद बशत ज४नद पर, कजनमम तपम अपनद हदय
मम परम शद४, भकक तथ४ तपसय४पसवरक कनरनतर मदर४ धय४न करतश रहश, मह तपम सद अतयनत पसन
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त४तपयर : जक लकग सवगरलकक मम रहतद हह उनकद कलए ब४रह हज४र कदवय वरर दशघर क४ल नहथ हह भलद
हश इस लकक कद रहनद व४लत कद कलए यह सपदशघर अनतर४ल लगद। सपतप४ बह४ क४ पपत थ४। भगवदशत४ सद
(८.१७) ज४त हह कक बह४ क४ एक कदन हम४रश गणन४ कद ल४खत वरर कद तपलय हकत४ हह
( सहसदपगपयरनतमहयरदनन बहणक कवदप:)। हमम धय४न रखन४ हकग४ कक कक षण जहस४ पपत प४नद कद कलए
ककतनश मह४ननन तपसय४ करनश हकतश हह। यकद हम च४हतद हह कक भगव४ननन हम४रद बशच इस भलकतक जगत मम
पकट हत तक इसकद कलए ककठन तपसय४ कक आवशयकत४ हकगश, ककनतप यकद हम कक षण कद प४स व४पस
ज४न४ च४हम ( तयवतव४ ददह पपनजरनननम नहकत म४मदकत5 जपरन ) तक हमम कद वल कक षण कक समझन४ तथ४ उनसद पदम
करन४ हकग४। पदम कद द४र४ हश हम भगवद४म व४पस ज४ सकतद हह। इसशकलए शश चहतनय मह४पभप नद घककरत
ककय४- पदम४ एपमथर मह४ननन-- भगवतपदम ककसश कद कलए भश सवरच उपलकबध हह।
जहस४कक बतल४य४ ज४ चपक४ हह, भगव४ननन कक पसज४ कक तशन अवसथ४एह हकतश हह-- ज४न, ज४नमयश तथ४
र४कत। सपतप४ तथ४ उसकक पतनश पककशन नद ज४न कद आध४र पर भकक क४यर क४ शपभ४रमभ ककय४ थ४। धशरद-
धशरद उनमम भगव४ननन कद पकत पदम उतपन हह आ और जब यह पदम पलढ हक चपक४ तक भगव४ननन कवषणप रप मम
पकट हहए। यदकप ददवकक नद तब उनसद कक षण रप ध४रण करनद कक प४थरन४ कक थश। भगव४ननन सद अकधक
पदम करनद कद कलए हमम कक षण य४ र४म रप मम भगव४ननन कक क४मन४ करनश च४कहए। हम कक षण कद स४थ पदम
क४ आद४न-पद४न कवशदर रप सद कर सकतद हह।
इस यपग मम हम सभश अधम हह, ककनतप भगव४ननन, शश चहतनय मह४पभप कद रप मम, हम पर भगवतपदम
कक वर४र करनद कद कलए पकट हहए हह। इसद शश चहतनय मह४पभप कद सरगश समझतद थद। रप गकसव४मश नद
कह४ हह--
इस शलकक मम शश चहतनय मह४पभप कक मह४वदन४नय अथ४रतनन सव४रकधक द४नश वयकक कह४ गय४ हह
कयतकक वद इतनश आस४नश सद कक षण क४ द४न ददतद हह कक हरद कक षण मह४मरत क४ ककतरन करनद म४त सद मनपषय
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कक षण-प४कप कर सकत४ हह। अतएव हमम शश चहतनय मह४पभप द४र४ पदत वर क४ ल४भ उठ४न४ च४कहए और
जब हरद कक षण मरत क४ ककतरन करनद सद हम स४रद महल सद शपद हक ज४हय ( चदतकदपरणम४जरजमनन ) तक हम
बडश आस४नश सद समझ सकम गद कक कक षण हश एकम४त पदम कद लकय हह ( ककवरन४दनन एव कक षणसय मपकसरग:
पर बजदतनन ) |
अतद मनपषय कक हज४रत वरर तक घकर तपसय४ करनद कक आवशयकत४ नहथ रह ज४तश। उसद कक षण सद
पदम करन४ सशखन४ हकत४ हह और उनहथ कक सदव४ मम सद४ लगद रहन४ हकत४ हह ( सदवकनयपखद कह कजह४दत
सवयमदव सफप रतयद:) | तभश मनपषय सरलत४ सद भगवद४म व४पस ज४ सकत४ हह। यकद पपत रप मम य४ अनय
रप मम ककसश वसतप कक प४कप कद कलए अपनद भलकतक क४यर हदतप भगव४ननन कक यह४ह न बपल४कर हम सवयर
भगवद४म व४पस चलद ज४तद हह, तक भगव४ननन कद स४थ हम४र४ असलश समबनध पकट हक ज४एग४ और हम
श४शवत समबनध बन४ए रख सकतद हह। हरद कक षण मरत क४ ककतरन करकद हम धशरद-धशरद परम पपरर कद स४थ
श४शवत समबनध सथ४कपत कर लदतद हह और हमम सवरपकसकद प४प हक ज४तश हह। हमम च४कहए कक इस वर
क४ ल४भ उठ४कर भगवद४म व४पस ज४हय। इसशकलए शशल नरकतमद४स ठ४कप र नद ग४य४ हह-- पकततप४वनहददप
तव अवव४र--शश चहतनय मह४पभप क४ अवत४र हम जहसद पकतत४तम४ओर क४ उद४र करनद और भगवतपदम
अजपषग४मयकवरय४वनपतयल च दमपतश ।
न वद४थद5 पवगर मद मककहतक ददवम४यय४ ॥ ३९॥
अजपष-ग४मय-कवरयल--कवरयश जशवन तथ४ मपझ जहस४ ब४लक उतपन करनद कद कलए; अनपतयल--सनत४नकवहशन हकनद कद क४रण;
च--भश; दमनन-पतश-- पकत-पतनश दकनत; न--कभश नहथ; वब४थद--म४हग४ ( ककई वर ); अपवगरमनन--इस जगत सद मकक; मद--मपझसद;
मककहतल--अतयकधक आककररत हककर; ददव-म४यय४--मदरद कलए कदवय पदम कद क४रण ( मपझद अपनद पपत रप मम च४हकर )।.
त४तपयर : वसपददव तथ४ ददवकक सपतप४ तथ४ पककशन कद समय सद हश पकत-पतनश ( दमपकत ) थद और वद
भगव४ननन कक पपत रप मम प४प करनद कद उददशय सद पकत-पतनश बनद रहन४ च४ह रहद थद। यह अनपरकक
ददवम४य४ कद पभ४व सद उतपन हहई। कक षण सद पपत रप मम पदम करन४ वहकदक कसद४नत हह। वसपददव तथ४
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कनकषकशनसय भगवदजनकनयपखसय
जक भगवद४म व४पस ज४न४ च४हत४ हह उसद कनकषकचन अथ४रतनन समसत भलकतक इचछ४ओर सद मपक हकन४
च४कहए। इसकलए यह च४हनद कद बदलद कक भगव४ननन यह४ह आकर उसकद पपत बनम, उसद समसत भलकतक
इचछ४ओर सद मपक हक ज४नद कक अकभल४र४ करनश च४कहए ( अनय४कभल४करत४ शकनयमनन ) और भगवद४म
व४पस ज४न४ च४कहए। शश चहतनय मह४पभप नद कशक४पटक मम हमम कशक४ दश हह--
'गतद मकय--मदरद चलद ज४नद पर; यपव४मनन-तपम दकनत कक ( दमपकतयत कक ); लबधव४--प४कर; वरमनन--वरद४न ( पपत प४कप क४ ); मतनन-
सहशमनन--मदरश हश तरह कद ; सपतमनन--पपत कक; ग४मय४ननन भकग४नननस-- भकग-कवल४स मम वयसत रहन४; अभपज४थ४मनन-- भकग ककय४;
यपव४मननस--तपम दकनत कक; प४प-- प४प करकद ; मनकरथल-- अकभल४र४एह |.
जब तपम वर प४प कर चपकद और मह अनतध४रन हक गय४ तक तपम मपझ जहस४ पपत प४प करनद कद
उददशय सद कवरयभकग मम लग गए और महनद तपमह४रश इचछ४ पसरश कर दश।
त४तपयर : सरसकक त कद शबदककश अमरककश कद अनपस४र कवरयश जशवन ग४मय धमर कहल४त४ हह
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लदककन आधय४कतमक जशवन मम इस ग४मय धमर कक अतयकधक सर४ह४ नहथ ज४त४। यकद ककसश मम भकजन
करनद, सकनद, महथपन करनद तथ४ रक४ करनद कक ररचभर भश ल४लस४ रहतश हह, तक वह कनकषकशजन नहथ रहत४।
ककनतप मनपषय कक कनकषकचन हकन४ च४कहए। अत: सरभकग द४र४ कक षण जहस४ पपत उतपन करनद कद कलए इचछ४
सद उसद मपक हकन४ च४कहए। इस शलकक मम अपरकक रप मम यहश इरकगत ककय४ गय४ हह।
अदनकधन४--न प४कर; अनयतममनन--ककसश अनय कक; लककद --इस जगत मम; शशल-औद४यर-गपणहद:--शशल तथ४ उद४रत४ कद गपणत सद
यपक; सममनन--तपमह४रद तपलय; अहमननस--मह; सपत:--पपत; व४मनन--तपम दकनत क४; अभवमनन-- बन४; पकशनकन-गभर: --पककशटन सद उतपन हह आ;
इकत--इस पक४र; शपतद --पकसद हह आ |.
चसहकक मपझद सरलत४ तथ४ शशल कद दससरद गपणत मम तपम जहस४ बढ४-चढ४ अनय ककई वयकक नहथ
कमल४ अतद मह पककशन-गभर कद रप मम उतपन हह आ।
त४तपयर : तदत४यपग मम भगव४ननन पककशनगभर कद रप मम पकट हह ए। शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र कहतद
'तयक:--तपम पकत-पतनश दकनत क४; व४मननस--दकनत मम; पपनद एब--कफर सद हश; अहमनन--मह; अकदतय४मनन-- अकदकत कद गभर मम; आस--
पकट हह आ; कशयप४तनन--कशयपमपकन कद वशयर सद; उपदनद:--उपदनद न४म सद; इकत--इस पक४र; कवखय४त:--सपपकसद; व४मनतव४तनन
च--तथ४ बलन४ बननद सद; व४मन:--व४मन न४म सद कवखय४त।.
मह अगलद यपग मम तपम दकनत सद, म४त४ अकदकत तथ४ कपत४ कशयप सद पपनद पकट हह आ। मह उपदनद
तकतशयद--तशसरश ब४र; अकसमननन भवद--इस रप मम ( कक षण रप कद ); अहमनन-मह; बह--कनससनददह; तदन--उसश वयकक सद; एबव--इस
तरह; वपपर४--रप द४र४; अथ--कजस तरह; व४मनन-तपम दकनत कद ; ज४त:--उतपन; भसय:--कफर सद; तयक: --तपम दकनत क४;
एव--कनससनददह; सतयमनन--सतय म४नकर; मद--मदर;द वय४हतमनन--शबद; सकत--हद सतश।.
हह परम सतश म४त४, मह वहश वयकक अब तशसरश ब४र तपम दकनत कद पपत रप मम पकट हह आ हह ।ह
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त४तपयर : भगव४ननन अपनद म४त४-कपत४ क४ चपन४व सवयर करतद हह कजनसद उनहम ब४रमब४र जनम लदन४
पडत४ हह। सवरपथम भगव४ननन नद सपतप४ तथ४ पककशन सद, कफर कशयप तथ४ अकदकत सद और अब उनहथ
म४त४-कपत४ वसपददव-ददवकक सद जनम कलय४। भगव४ननन नद कह४, “अनय जनमत मम भश महनद तपम लकगत क४
पपत बननद कद कलए हश स४म४नय कशशप क४ रप ध४रण ककय४ कजससद हम पदम क४ आद४न-पद४न कर
सकम ।'” शशल जशव गकसव४मश नद कक षण सनदभर (९६.३७) मम बतल४य४ हह कक अमपन४ वपर४ क४ अथर हह
“उसश रप कद द४र४।”' दससरद शबदत मम, भगव४ननन नद ददवकक सद कह४, ““इस ब४र मह अपनद मसल शशकक षण-
रप मम उतपन हहआ हह ।ह ”” शशल जशव गकसव४मश कहतद हह कक अनय रप तक भगव४ननन कद आकद रप कद अरश
थद, ककनतप पककशन तथ४ सपतप४ द४र४ जक पग४ढ पदम उतपन हह आ थ४ उसकद फलसवरप कक षण-रप मम भगव४ननन
अपनद समसत ऐशवयर समदत ददवकक तथ४ वसपददव सद पकट हहए। इस शलकक मम भगव४ननन पपकष करतद हह, ““मह
वहश भगव४ननन हह ह, ककनतप समसत ऐशवयर समदत कक षण रप मम पकट हह आ हह ।ह '” ““तदनहव वपपर४'” क४ यहश
त४तपयर हह। जब भगव४ननन नद पककशन-गभर क४ उलदख ककय४, तक उनहतनद-- तदनहव वएपर४ नहथ कह४, ककनतप
उनहतनद ददवकक कक कवशव४स कदल४य४ कक तशसरद जनम मम भगव४ननन कक षण पकट हह ए हह, उनक४ अरश नहथ।
पककशन-गभर तथ४ व४मन कक षण कद अरश४वत४र थद, ककनतप तशसरद जनम मम स४क४तनन कक षण पकट हह ए। शशल
जशव गकसव४मश नद कक षण सनदभर मम यहश वय४खय४ दश हह।
एततनन--कवषणप क४ यह रप; व४मनन--तपम दकनत कक; दकशरतमनन--कदखल४य४ गय४; रपमनन--चतपभपरज भगव४ननन कद रप मम मदर४ सवरप;
प४कन न-जनम--पसवर जनमत क४; समरण४य--तपमकक समरण कदल४नद कद कलए; मद--मदर४; न--नहथ; अनयथ४--अनयथ४; मतनन-भवमनन--
कवषणप क४ प४कट; ज४ममनन--यह कदवय ज४न; मतयर-कलडड दन--म४नवश कशशप कक तरह जनम लदकर; ज४यतद--उतपन हकत४ हह।.
महनद तपम लकगत कक यह कवषणप-रप म४त अपनद पसवरजनमत क४ समरण कर४नद कद कलए
कदखल४य४ हह। अनयथ४ यकद मह स४म४नय ब४लक कक तरह पकट हकत४ तक तपम लकगत कक कवशव४स न
हक प४त४ कक भगव४ननन कवषणप सचमपच पकट हह ए हह।
त४तपयर : ददवकक कक यह बत४ए ज४नद कक आवशयकत४ नहथ थश कक भगव४ननन कवषणप उनकद पपत रप मम
पकट हहए थद, वद इसद पहलद सद सवशक४र कर चपकक थथ। कफर भश वद कचकनतत थथ कक यकद पडकसश सपनमगद
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कक उसकद पपतरप मम कवषणप पकट हह ए हह, तक इस पर ककई कवशव४स नहथ करदग४। इसकलए वद च४ह रहश थथ
कक भगव४ननन कवषणप म४नवश ब४लक क४ रप ध४रण कर लम। दससरश ओर भगव४ननन भश कचकनतत थद कक यकद
वद स४म४नय ब४लक कद रप मम पकट हहए तक उनकक म४त४ कक कवशव४स नहथ हकग४ कक भगव४ननन कवषणप पकट
हह ए हह। भक तथ४ भगव४ननन कद मधय ऐसद हश वय४प४र चलतद हह। भगव४ननन भकत कद स४थ मनपषयत जहस४ हश
वयवह४र करतद हह, ककनतप इसक४ अथर यह नहथ हह कक वद मनपषय हकतद हह कयतकक ऐस४ कनणरय तक अभकत
क४ हकत४ हह ( अवज४नकनत म४र मकढ४ म४नपरर तनपम४कशतम )। भकमण भगव४ननन कक हर पररकसथकत मम
पहच४न लदतद हह। भक तथ४ अभक मम यहश अनतर हकत४ हह। भगव४ननन कहतद हह -- मननननमन४ भव मदकक
मद४जश म४र नमसकप र-अपनद मन कक मदरद कचनतन मम लग४ओ, मदरद भक बनक, मपझद हश नमसक४र करक तथ४
मदरश पसज४ करक। अभक कक यह कवशव४स हश नहथ हक प४त४ कक ककसश वयकक क४ कचनतन करनद म४त सद
इस भलकतक सरस४र सद मपकक कमल सकतश हह और वह भगवद४म व४पस ज४ सकत४ हह। ककनतप यह यथ४थर
हह। भगव४ननन मनपषय कद रप मम आतद हह और यकद ककई भगव४ननन कद स४थ पदम४भकक द४र४ जपड ज४त४ हह, तक
यपव४मनन--तपम दकनत ( पकत-पतश ); म४मनन--मपझकक; पपत-भ४वदन-- अपनद पपत रप मम; बह-भ४वदन-- मपझद भगव४ननन कद रप मम ज४नतद
हह ए; च--तथ४; असकक तनन--कनरनतर; कचनतयनतल--इस तरह सकचतद हह ए; कक त-सनदहल --पदम क४ बत४रव करतद हह ए; य४सयदथद --दकनत
कक प४प हकग४; मतनन-गकतमनन--मदर४ परम ध४म; पर४मनन-कदवय |.
तपम पकत-पलश कनरनतर अपनद पपत कद रप मम मदर४ कचनतन करतद हक, ककनतप तपम यह ज४नतद रहतद
हक कक मह भगव४ननन हह।ह इस तरह कनरनतर सनदहपसवरक मदर४ कचनतन करतद हह ए तपम लकग सवरच कसकद
प४प करकगद अथ४रतनन भगवद४म व४पस ज४ओगद।
त४तपयर : भगव४ननन द४र४ अपनद म४त४-कपत४ कक जक उनसद श४शवत रप सद समबकनधत हह, कदय४ गय४ यह
उपददश कवशदर तलर पर उन वयककयत कद कलए हह, जक भगवद४म व४पस ज४न४ च४हतद हह। मनपषय कक
च४कहए कक भगव४ननन कक कभश भश स४म४नय मनपषय न समझद जहस४ अभक करतद हह। पसणर पपररकतम भगव४ननन
कक षण सशरशर पकट हहए थद और उनहतनद म४नव सम४ज कद ल४भ कद कलए अपनद उपददश छकडद, ककनतप मसखर
तथ४ मसढ उनहम दपभ४रगयवश स४म४नय मनपषय म४नतद हह और भगवदशत४ कद उपददशत कक मनम४नद ढरग सद
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अपनश इकनदयतककप कद कलए तकडतद मरकडतद हह। जक भश भगवदशत४ पर भ४षय कलखत४ हह, एक तरह सद
वह अपनश इकनदयतककषत कद कलए वय४खय४ करत४ हह। आजकल आधपकनक कवद४नत तथ४ र४जनशकतजत मम यह
कवशदर रप सद फह शन बन चपक४ हह कक वद भगवदशत४ कक वय४खय४ इस तरह करतद हह म४नक वह
कपकलककलपत हक। वद अपनश गलत वय४खय४ओर सद अपन४ जशवन तक कबग४डतद हश हह अनयत कद भश जशवन
कक कबग४डतद हह। ककनतप कक षणभ४वन४मकत आनदकलन इस आरकप कद कवरद लड रह४ हह कक कक षण
क४लपकनक पपरर हह और कप रकदत क४ यपद नहथ हह आ थ४; हर ब४त स४रकदकतक हह एवर भगवदशत४ मम कप छ
भश सतय नहथ हह। कप छ भश हक, यकद ककई सचमपच सफल बनन४ च४हत४ हह, तक उसद भगवदशत४ यथ४रप
क४ प४ठ करन४ च४कहए। शश चहतनय मह४पभप भगवदशत४ कद उपददशत पर कवशदर बल ददतद थद-- य४रद ददख,
व४रद कह “कक षण '-उपददश । यकद ककई वयकक जशवन मम सवरच सफलत४ च४हत४ हह, तक उसद भगवदशत४
कक कजस पक४र सद शशकक षण नद कह४ हह उसश पक४र सद गहण करन४ च४कहए। भगवदशत४ कक इस रप मम
सवशक४र करनद सद स४र४ म४नव सम४ज पसणर तथ४ सपखश बन सकत४ हह।
इस ब४त पर धय४न ददन४ च४कहए कक चसकह क ददवकक तथ४ वसपददव कक षण कक ननद मह४र४ज कद
कनव४ससथ४न गककप ल लद ज४नद पर उनसद कवलग हक ज४एहगद, इसकलए स४क४तनन भगव४ननन नद उनहम आददश कदय४
कक वद उनहम अपनद पपत तथ४ भगव४ननन कद रप मम समरण ककय४ करम। इससद वद उनकद समपकर मम बनद रहमग।द
भगव४ननन ११ वरर कद ब४द उनकद पपत रप मम मथपर४ ललटमगद अत: उनकद कवयपक हकनद क४ पशन हश नहथ
उठत४।
शशशपक उब४च
इतयपकतव४सशदररसतकषणथ भगव४न४तमम४यय४ ।
कपतक: समपशयतक: सदक बभसव प४कक तद कशशप: ॥ ४६॥
शश-शपक: उब४च-- शशशपकददव गकसव४मश नद कह४; इकत उकतव४--इस तरह उपददश ददकर; आसशतनन--रहद; हरर:-- भगव४ननन;
तकषणशमस--मलन; भगव४ननन-- भगव४ननन कवषणप; आतम-म४यय४--अपनश आधय४कतमक शकक सद क४यर करतद हह ए; कपतक: समपशयतक:--
यथ४थर रप मम म४त४-कपत४ द४र४ ददखद ज४कर; सद:--तपरनत; बभसब--हक गयद; प४कक तद:--स४म४नय वयकक कक तरह; कशशप:--
ब४लक.
शपकददव गकसव४मश नद कह४ : अपनद म४त४-कपत४ कक इस तरह उपददश ददनद कद ब४द भगव४ननन
कक षण मलन रहद। तब उनहथ कद स४मनद अपनश अरतररग४ शकक सद उनहतनद अपनद आप कक एक छकटद
कशशप कद रप मम बदल कलय४। ( दससरद शबदत मम, उनहतनद सवयर कक अपनद आकद रप मम रप४नतररत
व४
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सव४भ४कवकक ज४न-बल-ककय४ च।
यह सव४भ४कवक हह कक भगव४ननन भलकतक गपणत कद द४र४ ररकजत नहथ हकतद और चसहकक उनकक
आधय४कतमक शकक मम हर वसतप सपच४र ढरग सद उपकसथत रहतश हह अतएव वद जक भश इचछ४ करतद हह , वह
तपरनत हक ज४त४ हह। भगव४ननन ग४कक त कशशप अथ४रतनन इस जगत कद कशशप नहथ हह, अकपतप अपनश आतमशकक सद
वद उस रप मम पकट हहए। स४म४नय लकगत कक परम कनयनत४ भगव४ननन कक मनपषय रप मम सवशक४र करनद मम
ककठन४ई हक सकतश हह कनयतकक वद भसल ज४तद हह कक भगव४ननन आतमम४यय४ अथ४रतनन आधय४कतमक शकक सद
कप छ भश कर सकतद हह। अकवशव४सश लकग कहतद हह “परम कनयनत४ ककस तरह स४म४नय वयकक कद रप मम
अवतररत हक सकत४ हह ?”' ऐसश कवच४रध४र४ भलकतकत४व४दश सकच हह। शशल जशव गकसव४मश कहतद हह कक
भगव४ननन कक शकक कक हम४रद शबदत और मन कक कलपन४ कद परद अथ४रतनन अकचनतय म४नद कबन४ हम उनहम
समझ नहथ सकतद। कजनहम इसमम सनददह हह कक भगव४ननन अपनद कक म४नव रप मम अवतररत हककर, कशशप
कद रप मम उपकसथत कर सकतद हह, वद मसखर हह कयतकक वद कक षण कद शरशर कक भलकतक शरशर म४नकर यह
सकचतद हह कक वद जनम लदतद हह और मरतद भश हह।
कक षण कद शरशर क४ कवन४श नहथ थ४ पतयपत यह भगव४ननन कक आतमशकक द४र४ उनक४ अनतध४रन हकन४ थ४।
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व४सतव मम भगव४ननन अपनद शरशर क४ पररतय४ग नहथ करतद कनयतकक वद श४शवत हह। कजस तरह वद कवषणप
रप सद स४म४नय कशशप क४ रप ध४रण कर सकतद हह उसश तरह वद इचछ४नपस४र अपन४ शरशर ककसश भश रप
मम बदल सकतद हह। ककनतप इसक४ अथर यह नहथ हकत४ कक वद अपनद शरशर क४ पररतय४ग करतद हह। वद
अपनश कदवय शकक सद क४ष य४ पतथर कद बनद कवगह मम पकट हक सकतद हह। वद अपनद शरशर कक ककसश भश
वसतप मम बदल सकतद हह कयतकक हर वसतप उनहथ कक शकक हह ( पर४सय शकककवकवधहव अनसयतद )।
भगवदशत४ (७.४) मम सपष कह४ गय४ हह-- कभन४ पकक कतरशध४-स४रद भलकतक ततव भगव४ननन कक कभन४
शककय४ह हह । यकद वद अपनद शरशर कक अच४रयकस तर मम पररणत कर ददतद हह कजसद हम पतथर य४ क४षठ कद रप मम
ददखतद हह, तक भश वद कक षण हह। इसशकलए श४ख आग४ह करत४ हह-- अचयर कवषणत कशल४धशगपरणप नरमकतद
जक वयकक अच४रकवगह कक क४ष य४ पतथर क४ बन४ सकचत४ हह, जक वहषणव गपर कक स४म४नय वयकक म४नत४
हह य४ जक वहषणव कक भलकतक रप मम ककसश कवशदर ज४कत क४ म४नत४ हह, वह न४रकक हह अथ४रतनन नरक मम
व४स करत४ हह। भगव४ननन हम४रद समक इचछ४नपस४र अनदक रपत मम पकट हक सकतद हह , ककनतप हमम
व४सतकवकत४ ज४ननश च४कहए-- जनम कमर च मद कदवयमदव यक वदकत ततवतद ( भगवदशत४ ४.९)। स४धप,
गपर तथ४ श४स कद उपददशत क४ प४लन करनद सद हश कक षण कक समझ४ ज४ सकत४ हह और मनपषय भगवद४म
ततशन शलररभगवतपचककदतद
सपतर सम४द४य स ससकतक४गकह४तनन ।
यद४ बकहगरनतपकमयदर तह४रज४
य४ यकगम४य४जकन ननदज४यय४ ॥ ४७॥
'ततद--ततपशच४तनन; च--कनससनददह; शलरर:--वसपददव; भगवतनन-पचककदत:-- भगव४ननन सद आज४ प४कर; सपतमननस-- अपनद पपत कक;
सम४द४य--स४वध४नश सद लद ज४कर; स:--उसनद; ससकतक४-गकह४तनन--पससकतगकह सद, सलरश सद; यद४--जब; बकहद गनतपमनन--ब४हर ज४नद
कद कलए; इयदर--च४ह४; तकहर--तब, उस समय; अज४--न जनम लदनद व४लश कदवय शकक; य४--जक; यकगम४य४--यकगम४य४ नद;
अजकन--जनम कलय४; ननद-ज४यय४--ननद मह४र४ज कक पतनश सद।.
त४तपयर : शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र कहतद हह कक कक षण एक हश समय ददवकक कद पपत तथ४
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तय४--यकगम४य४ कद पभ४व सद; हत-पतयय--स४रश अनपभसकत सद रकहत; सवर-वककतरप--अपनश समसत इकनदयत सकहत; द४:-सथदरप --
स४रद द४रप४ल; पलरदरप अकप--तथ४ घर कद स४रद लकग भश; श४कयतदरप--गहरश नथद मम मरन; अथ--जब वसपददव नद अपनद पपत कक
बनदशगकह सद ब४हर लद ज४नद क४ पय४स ककय४; द४र: च--तथ४ दरव४जद भश; सव४र:--स४रद; कपकहत४: --कनकमरत; दपरतयय४--अतयनत
कठकर तथ४ हढ; बकहतननस-कप४ट--तथ४ बडद दरव४जद पर; आयस-ककल- शकदडप लहद-- लकहद कद क४हटत सद बनद तथ४ लकहद कक जरजशरत सद
बनद ककए गए; त४:--वद सब; कक षण-व४हद--कक षण कक कलए हह ए; वसपददवद--जब वसपददव; आगतद--पकट हह ए; सवयमनन--सवयर;
वयवयरनत--खपल गए; यथ४--कजस तरह; तम:-- अहधदर४; रवदद --ससयर कद उदय हकनद पर; ववरर--प४नश बरसद हह ए; पजरनयद--
आक४श मम ब४दल; उप४रशप-गकजरत:--मनद गजरन४ करतद और ररमकझम बरसतद; शदर:-- अननत न४ग; अनवग४तनन-- पशछद-पशछद चल४;
व४रर--वर४र कक झडश; कनव४रयननन--रककतद हहए; फणह:--अपनद फनत कक फह ल४कर।.
यकगम४य४ कद पभ४व सद स४रद द४रप४ल गहरश नथद मम सक गए, उनकक इकनदय४ह कनकषकय हक गई र
और घर कद अनय लकग भश गहरश नथद मम सक गए। कजस पक४र ससयर कद उदय हकनद पर अरधक४र
सवतद कछप ज४त४ हह उसश तरह वसपददव कद पकट हकनद पर लकहद कक ककलत सद जडद तथ४ भशतर सद
लकहद कक जरजशरत सद जकडद हह ए बरद दरव४जद सवतद खपल गए। चसहकक आक४श मम ब४दल मनद गजरन४
कर रहद थद और झडश लग४ए हह ए थद अत: भगव४ननन कद अरश अननत न४ग दरव४जद सद हश वसपददव तथ४
कदवय कशशप कक रक४ करनद कद कलए अपनद फण फह ल४कर वसपददव कद पशछद लग कलए।
त४तपयर : शदरन४ग भगव४ननन कद अरश हह और उनक४ क४म हह स४रद स४ज-स४म४न कद स४थ भगव४ननन कक
सदव४ करन४। जब वसपददव कशशप कक कलए ज४ रहद थद तक शदरन४ग भगव४ननन कक सदव४ करनद तथ४ वर४र कक
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मधककन वररकत--इनद कक वर४र कद क४रण; असकक तनन--कनरनतर; यम-अनपज४--यमपन४ नदश, कजसद यमर४ज कक बहन म४न४ ज४त४ हह;
गमभशर-तकय-ओघ--गहरद जल कद ; जब--वदग सद; ऊकमर--लहरत सद; फद कनल४--फद न सद पसणर; भय४नक-- भय४नक; आवतर-
शत--भहवरत सद; आकप ल४--शरपबध; नदश--नदश नद; म४गरमनन--र४सत४; ददल--दद कदय४; कसनधप: इब--समपद कद सम४न; कथयद पतदद--
ददवश सशत४ कद पकत भगव४ननन र४मचनद कक।.
इनद द४र४ बरस४यश गयश कनरनतर वर४र कद क४रण यमपन४ नदश मम प४नश चढ आय४ थ४ और उसमम
भय४नक भहवरत कद स४थ फद न उठ रह४ थ४। ककनतप कजस तरह पसवरक४ल मम कहनद मह४स४गर नद
भगव४ननन र४मचनद कक सदतप बन४नद कक अनपमकत ददकर र४सत४ पद४न ककय४ थ४ उसश तरह यमपन४ नदश
ननद-बजमन--ननननद मह४र४ज कद ग४हव य४ घर तक; शलररद--वसपददव ; उपदतय-- पहह हचकर; तत-- वह४ह; त४नस--स४रद लकगत कक;
गकप४ननन--स४रद गव४लत कक; पसपप४नननस--सकय४ हहआ; उपलभय--ज४नकर; कनदय४--गहरश कनद४ मम; सपतमनन--पपत कक ( वसपददव कद
पपत कक ); यशकद४-शयनद--उस कबसतर पर कजसमम यशकद४ सक रहश थथ; कनध४य--रखकर; ततनन-सपत४मनन--उसकक पपतश कक;
उप४द४य--लदकर; पपनद--कफर; गकह४ननन--अपनद घर कक; अग४तनन--ललट आय४।.
जब वसपददव ननद मह४र४ज कद घर पहह हचद तक ददख४ कक स४रद गव४लद गहरश नथद मम सकए हह ए थद।
उनहतनद अपनद पपत कक यशकद४ कद पलरग मम रख कदय४, उसकक पपतश कक, जक यकगम४य४ कक अरश थश,
उठ४य४ और अपनद घर करस कद बरदशगकह व४पस ललट आए।
त४तपयर : वसपददव ज४नतद थद कक जयत हश पपतश करस कद बनदशगकह मम पहह हचगद श वह तपरनत उसद म४र
ड४लदग४, ककनतप अपनद पपत कक रक४ करनद कद कलए उनहम अपनद कमत कक सनननत४न क४ वध कर४न४ पड४।
यदकप नननद मह४र४ज उनकद कमत थद, ककनतप अपनद पपत कद पकत गहन सनदह तथ४ अनपर४ग कद क४रण हश
उनहतनद ज४नबसझ कर ऐस४ हकनद कदय४। शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र कहतद हह कक ककसश अनय कद
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ब४लक कक बकल ददकर अपनद बचद कक रक४ करनद कद कलए ककसश कक दकरश नहथ ठहर४य४ ज४ सकत४।
स४थ हश वसपददव पर कनदरयत४ क४ दकर नहथ मढ४ ज४ सकत४ कयतकक वद जक कप छ कर रहद थद वह सब
यकगम४य४ कद वशशभसत हककर कर रहद थद।
ददवकय४: --ददवकक कद ; शयनद--कवसतर पर; नयसय--रखकर; वसपददव: --वसपददव नद; अथ--इस पक४र; द४ररक४मनन-लडकक कक;
पकतमपचय--पपनद पहन कर; पदक: लकहमनन-प४हवत कक बदकडय४ह; आसतद--हक गय४; पसवर-बतनन--पहलद कक तरह; आबकत: --बहध४
हह आ।.
यशकद४--यशकद४, गककप ल मम कक षण कक म४त४; ननद-पतश--ननद मह४र४ज कक पतलश; च-- भश; ज४तमनन--उतपन कशशप; परमस--परम
पपरर कक; अबपधयत--समझ गई; न--नहथ; ततनन-कलडमस--कक ब४लक नर हह य४ म४द४; पररश४नत४--अतयकधक पसव पशड४ कद
क४रण; कनदय४--नथद कद वशश भसत; अपगत-समककत:द--चदतन४ खककर।.
कशशप जननद कक पशड४ सद थककर यशकद४ नथद कद वशशभसत हक गई और यह नहथ समझ प४ई र
कक उनहम लडक४ हह आ हह य४ लडकक।
त४तपयर : ननद मह४र४ज तथ४ वसपददव घकनष कमत थद तथ४ उनकक पकतनय४ह यशकद४ तथ४ ददवकक भश
घकनष कमत थथ। यदकप उनकद न४म कभन थद, ककनतप एक तरह सद वद अकभन थथ। अनतर थ४ तक इतन४ हश
कक ददवकक ज४नतश थथ कक भगव४ननन उनसद जनमद हह और अब कक षण बन गए हह, ककनतप यशकद४ कक यह भश
पत४ नहथ थ४ कक उसद लडक४ हह आ हह य४ लडकक। यशकद४ इतनश मह४ननन भक थथ कक उनहतनद कक षण कक
कभश भगव४ननन करकद म४न४ हश नहथ। वद तक उनहम अपनद पपत कक तरह पय४र करतश रहथ। ककनतप ददवकक शपर
सद हश ज४नतश रहथ कक कक षण कहनद कक तक उनकद पपत हह, ककनतप हह भगव४ननन । वकनद४वन मम कक षण कक ककई
भश वयकक भगव४ननन नहथ म४नत४ थ४। जब कक षण ककई अनहकनश घटन४ कर बहठतद तक वकनद४वन कद स४रद
व४सश-गव४लद, गव४लब४ल, ननद मह४र४ज, यशकद४ इतय४कद आशवयरचककत हक उठतद, ककनतप उनहतनद अपनद
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पपत कक कभश भश भगव४ननन नहथ म४न४। कभश-कभश वद यह कहतद कक कक षण रप मम ककई बड४ ददवत४
पकट हह आ हह। भकक कक ऐसश चरम४वसथ४ मम भक कक षण कद पद कक भसल ज४त४ हह और भगव४ननन कद पद
कक समझद कबन४ उनसद पग४ढ पदम करत४ हह। यह कद वल भकक कहल४तश हह और ज४न तथ४ ज४नमयश भकक
अवसथ४ओर सद सवरथ४ कभन हकतश हह।
इस तरह शशमद४गवतमनन कद दसवम सकरध कद अनतगरत “कक षण जनम ”” न४मक तकतशय अधय४य कद
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(19370 च४र
र४ज४ करस कद अतय४च४र
इस अधय४य मम बतल४य४ गय४ हह कक ककस पक४र करस अपनद असपर कमतत कद कहनद पर छकटद-छकटद
बचत पर अतय४च४र करनद कक हश अतयनत वयवह४र-कप शलत४ समझनद लग४।
कगरकर कम४-य४चन४ कक और उनहम आशवसत करनद क४ पय४स ककय४ कक जक कप छ घट चपक४ हह उसद घटन४
हश थ४। अतएव उसकद द४र४ वध कक गई र अपनश अनदक सनत४नत कद कलए वद दपखश न हत। चसकह क ददवकक
तथ४ वसपददव अतयनत पकवत थद अतएवर उनहतनद करस कक उसकद अतय४च४रत कद कलए तपरनत कम४ कर कदय४
और यह ददखकर कक उसकक बहन तथ४ बहनकई पसन थद करस अपनद घर ललट गय४।
ककनतप र४त बशत ज४नद पर करस नद अपनद मरकतयत कक बपल४कर उनहम जक कप छ घट४ थ४ कह सपन४य४। यद
स४रद मरतश असपर थद अत: उनहतनद करस कक सल४ह दश कक चसकह क उसक४ शतप अनयत जनम लद चपक४ हह,
अतद कवगत दस कदनत मम करस कद र४जय कद ग४हवत मम कजतनद भश ब४लक उतपन हहए हत उनहम म४र ड४ल४
ज४ए। यदकप ददवत४गण करस सद सदहव भयभशत रहतद हह, ककनतप उनकद स४थ नमर नहथ बरतनश च४कहए।
कयतकक आकखरक४र हह तक वद शतप हश, अत: करस कक च४कहए कक वह उनक४ समसल कवन४श करनद क४
भरसक पयतन करद। उन असपर मरकतयत नद यह भश सल४ह दश कक करस कक च४कहए कक वह कवषणप कद पकत
अपनश शतपत४ बन४ए रखद कयतकक कवषणप हश स४रद ददवत४ओर कद आकद पपरर हह। ब४हण, ग४य, वदद, तपसय४,
सच४ई, इकनदयत तथ४ मन क४ सरयम, आज४क४ररत४ तथ४ दय४ कवषणप कद शरशर कद कवकभन अरग हह, जक
बह४जश तथ४ कशवजश समदत सभश ददवत४ओर कद आकदददव हह। अतद मरकतयत नद सल४ह दश कक ददवत४ओर,
सनत पपररत, ग४यत तथ४ ब४हणत कक ठशक सद दकणडत ककय४ ज४ए। अपनद असपर कमत-मरतशगणत द४र४ इस
तरह कक कठकर सल४ह कदए ज४नद पर करस नद उनकक ब४तत कक म४न कलय४ और यहश ल४भपद समझ४ कक
वह ब४हणत सद ईषय४र बन४ए रखद। अत: करस कद आददश४नपस४र असपरत नद पसरश बजभसकम मम अपनद अतय४च४र
शपर कर कदए।
शशशपक उब४च
बकहरनतदपपरद४रद सव४र: पसवरवद४वकत४: ।
ततक ब४लधवकनर शपतव४ गकहप४ल४: समपकतथत४: ॥ १॥
शश-शपक: उब४च-- शशशपकददव गकसव४मश नद कह४; बकह:-अनत:-पपर-द४र:--घर कद भशतरश तथ४ ब४हरश दरव४जद; सव४र:--स४रद;
पसवर-बतनन--पहलद कक तरह; आवकत४:--बनद; तत:--ततपशच४तनन; ब४ल-धवकनमननस--नवज४त कशशप क४ रकदन; शपतव४--सपनकर; गकह-
प४ल४:--घर कद स४रद व४सश कवशदरतय४ द४रप४ल; समपकतथत४:--जग गए.
शशशपकददव गकसव४मश नद कह४ : हद र४ज४ परशककत, घर कद भशतरश तथ४ ब४हरश दरव४जद पसवरबतनन
बनद हक गए। ततपशच४तनन घर कद रहनद व४लत नद, कवशदर रप सद द४रप४लत नद, नवज४त कशशप क४
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त४तपयर : इस अधय४य मम यकगम४य४ कद क४यरकल४प पतयक दकषगकचर हकतद हह ददवकक तथ४ वसपददव
करस कद भ४मक नकशरस क४यर कक कम४ कर ददतद हह और करस पशच४त४प करत४ हह आ उनकद चरणत पर कगर
पडत४ हह। बरदशगकह कद द४रप४लत तथ४ अनय लकगत कद जगनद कद पसवर अनदक घटन४एह घटथ। कक षण क४ जनम
हह आ और वद गककप ल मम यशकद४ कद घर पहह चह ४ कदए गए, सपदढ दरव४जद खपलद और कफर बनद हक गए और
बसपददव पपन: लकहद कक शकरखल४ओर मम जकड गए। ककनतप द४रणल यह सब नहथ ज४न प४ए। वद तक तब जगद
जब उनहतनद नवज४त कशशप यकगम४य४ कक कचल४तद सपन४।
शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र नद कह४ हह कक यद द४रप४ल कप तत कद तपलय थद। र४त मम कप तद सडकत
पर द४रप४ल जहस४ क४यर करतद हह। यकद एक कप त४ भसहकत४ हह, तक सब कप तद उसश समय भसहकनद लगतद हह।
यदकप इन कप तत कक द४रप४ल क४ क४यर करनद कद कलए ककई कनयपक नहथ करत४, ककनतप वद अपनद पडकस
कक रक४ करन४ अपन४ कतरवय समझतद हह और जयतहश ककई अज४त वयकक पवदश करत४ हह , तक वद तपरनत
भसहकनद लगतद हह। यकगम४य४ तथ४ मह४म४य४ दकनत हश अनदक भलकतक क४यरकल४पत मम क४म करतश हह
( पकक तद: ककयम४ण४कन गपणद कम४रकण सवरशद) ककनतप यदकप भगव४ननन कक शकक उनकद अपनद कनदरश४नपस४र
क४यर करतश हह ( मय४धयकदण पकक कत: ससयतद सचर४चरमनन ) ककनतप कप तद-सहश र४जनशकतज तथ४ कस टनशकतज
सकचतद हह कक वद ब४हजगत कद खतरत सद अपनद पडकस कक सपरककत रखतद हह। यद म४य४ कद क४यर हह। ककनतप
जक कक षण शरण मम चल४ ज४त४ हह, वह इस जगत कद इन कप तत तथ४ कप तत जहसद अकभभ४वकत द४र४ पदत
सररकण सद मपकक प४ लदत४ हह।
तद--बद स४रद द४रप४ल; तप--कनससनददह; तसणरमननस--शशघ; उपबजय--र४ज४ कद समक ज४कर; ददवकय४: --ददवकक क४; गभर-जनम--गभर
सद ब४हर आन४; ततनन--उस ( कशशप ); आचखयप: -- पसतपत ककय४; भकज-र४ज४य-- भकजर४ज करस कक; यतनन--कजससद ; उकदग: --
अतयकधक कचकनतत; पतशकतद--पतशक४ कर रह४ थ४ ( कशशप जनम कक )।.
ततपशच४तनन स४रद द४रप४ल जलदश सद भकजवरश कद श४सक र४ज४ करस कद प४स गयद और उसद
ददवकक सद कशशप कद जनम लदनद क४ सम४च४र बतल४य४। अतयनत उतसपकत४ सद इस सम४च४र कक
पतशक४ कर रहद करस नद तपरनत हश क४यरव४हश कक।
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सद--वह ( करस ); तलप४तनन--कबसतर सद; तसणरमनन--शशघ हश; उतथ४य--उठकर; क४ल: अयमनन--यह रहश मदरश मकतयप, परम क४ल;
इकत--इस पक४र; कवह: --उकदग; ससतश-गकहमनन--सलर कक; अग४तनन--गय४; तसणरमनन-ददरश लग४ए कबन४; पसखलननन--कबखदरद हह ए;
मपक--खपलद; मसथर-ज:--कसर कद ब४ल।.
करस तपरनत हश कबसतर सद यह सकचतद हह ए उठ खड४ हह आ, “यह रह४ क४ल, कजसनद मदर४ बध
करनद कद कलए जनम कलय४ हह।'' इस तरह उकदग एवर अपनद कसर कद ब४ल कबखर४ए करस तपरनत हश
उस सथ४न पर पहह हच४ जह४ह कशशप नद जनम कलय४ थ४।
त४तपयर : क४ल: शबद महतवपसणर हह। यदकप यह ब४लक करस क४ वध करनद कद कलए उतपन हह आ
थ४, ककनतप करस नद सकच४ कक इस ब४लक क४ वध करनद क४ यह उपयपक समय हह, कजससद सवयर उसक४
जशवन बच ज४ए। व४सतव मम क४ल भगव४ननन क४ हश दससर४ न४म हह जब वद वध करनद कद उददशय सद पकट
हकतद हह। जब अजपरन नद कवर४ट रप कक षण सद पसछ४, “आप कलन हह ?'” तक भगव४ननन नद कह४ कक मह स४क४तनन
क४ल हह ।ह पकक कत क४ कनयम हह कक जब अव४रकछत रशकत सद जनसरखय४ मम वककद हकतश हह , तक क४ल पकट
हकत४ हह और भगव४ननन कक ऐसश वयवसथ४ बनतश हह कक लकग बडश सरखय४ मम यपद, मह४म४रश, दपकभरक
इतय४कद न४न४ क४रणत सद म४रद ज४तद हह। उस समय न४कसतक र४जनशकतक नदत४ भश कगररज४घर, मसकजद य४
मकनदर ज४कर ईशवर सद कक प४ म४हगतद हह । ककनतप इसकद पसवर वद भगव४ननन कक य४ उनकक इचछ४ कक ज४ननद क४
ककई पय४स नहथ करतद। क४ल कद पकट हकनद पर हश वद कक प४ म४हगतद हह। मकतयप परम क४ल अथ४रतनन भगव४ननन
क४ एक दससर४ गपण हह। मकतयप कद समय न४कसतक कक क४ल कद समक घपटनद टदकनद पडतद हह और तब
भगव४ननन उसकक स४रश समपकत हर लदतद हह ( मनडतयप: सवर हरक४हमनन ) और उसद दससर४ शरशर ध४रण करनद कद
कलए ब४धय कर ददतद हह ( तथ४ ददह४नतरग४कप:) | न४कसतक लकग इसद नहथ ज४नतद और यकद ज४नतद भश हह,
तक उपदक४ करतद हह कजससद वद अपन४ स४म४नय जशवन कबत४ सकम । कक षणभ४वन४मकत आनदकलन उनहम
कसखल४नद क४ पय४स कर रह४ हह कक भलद हश वद कप छ वरर तक मह४ननन रकक य४ पहरश बनद रहम, ककनतप
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क४ल कद पकट हकतद हश उनहम दससर४ शरशर ध४रण करन४ हकग४। यहश पकक कत क४ कनयम हह। इसद न ज४ननद
कद क४रण वद पहतश बनकर अपन४ समय वयथर गहव४तद हह और भगव४ननन कक कक प४ प४प करनद क४ पय४स
नहथ करतद। सपष कह४ गय४ हह-- अप४पय म४र कनवतरनतद मकतयपसस
र ४रवतमरकन--कक षणभ४वन४मकत कद कबन४
मनपषय कक जनम-मकतयप मम भटकतद रहन४ पडत४ हह और इसक४ पत४ नहथ चल प४त४ हह कक अगलद जनम मम
कय४ हकग४।
तमनन-करस सद; आह--कह४; भ४तरमनन--अपनद भ४ई; ददवश--म४त४ ददवकक नद; कक पण४--असह४य; करणमननस--क४तर; सतश--
सतश; सनपर४ इयमनन तब--यह कशशप तपमह४रश भ४वश पपत-वधस बनदगश; कलय४ण--हद शपभ; कसयमननस--सश कक; म४--नहथ; हनतपमस-वध
करन४; अहरकस--तपमहम शकभ४ ददत४ हह।.
असह४य तथ४ क४तर भ४व सद ददवकक नद करस सद कवनतश कक : मदरद भ४ई, तपमह४र४ कलय४ण हक।
तपम इस ब४कलक४ कक मत म४रक। यह तपमह४रश पपत-वधस बनदगश। तपमहम शकभ४ नहथ ददत४ कक एक
कनय४ क४ वध करक।
सव४भ४कवक हश थ४।
बहवद--अनदक; कहरकसत४:--ईषय४रवश म४रद गए; भ४तद--हद भ४ई; कशशव:--अनदक कशशप; प४वक-उपम४:--तदज और सलनदयर मम
अकग कद सम४न; तवय४--तपमह४रद द४र४; दहव-कनसकषदन-- भकवषयव४णश सद; पपकतक४-- कनय४; एक४--एक; पदशयत४मननस--तपम मपझद
उपह४र सवरप दद दक |.
हद भ४त४, तपम दहववश मदरद अनदक सपनदर तथ४ अकग जहसद तदजसवश कशशपओर कक पहलद हश म४र
चपकद हक। ककनतप कक प४ करकद इस कनय४ कक छकड दक। इसद उपह४र सवरप मपझद दद दक।
( भ४गवत १.५.१८)
ददवकक अचछश तरह ज४नतश थथ कक उनकद अनदक पपतत क४ वध कवकध द४र४ कनकदरष थ४ अत: करस कक
दकरश नहथ ठहर४य४ ज४ सकत४ थ४। करस कक अचछश कशक४ ददन४ भश वयथर थ४। उपददशक कह मसख
न ४ण४र
पककप४य न श४नतयद (च४णकय परकडत)। मसखर वयकक कक अचछ४ उपददश ददनद पर वह अकधक४कधक ककध
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पकट करत४ हह। यहश नहथ, कस र वयकक स४हप सद भश अकधक घ४तक हकत४ हह। स४हप तथ४ कस र वयकक दकनत
हश कस र हकतद हह, ककनतप कस र वयकक अकधक घ४तक हकत४ हह कयतकक सपर कक तक मरतत य४ औरकधयत सद
मपगध ज४ सकत४ हह, ककनतप कस र वयकक क४ दमन ककसश पक४र नहथ ककय४ ज४ सकत४। करस क४ सवभ४व
ऐस४ हश थ४।
ननप--ककनतप; अहमनन-मह; तद--तपमह४रश; कह--कनशचय हश; अवरज४--छकटश बहन; दशन४--दशन; हत-सपत४--सनत४न सद कवहशन कक
गई।; पभक--हद पभप; द४तपमनन अहकस--तपम ददनद मम समथर हक; मनद४य४:--इस अभ४कगन कक; अड--मदरद भ४ई; इम४मननस--इस;
चरम४मनन-- अकनतम; पज४मस-ब४लक कक |.
हद पभप, हद मदरद भ४ई, मह अपनद स४रद ब४लकत सद कवरकहत हककर अतयनत दशन हह ह, कफर भश मह
तपमह४रश छकटश बहन हह ह अतएव यह तपमह४रद अनपरप हश हकग४ कक तपम इस अकनतम कशशप कक मपझद भमट
मम दद दक।
शशशपक उब४च
उपगपद४तमज४मदवर रदतय४ दशनदशनवतनन ।
य४कचतसत४र कवकनभररतसय हसत४द४कचकचछदद खल: ॥ ७॥
शश-शपक: उब४च-- शश शपकददव गकसव४मश नद कह४; उपगपह४--आकलरगन करकद ; आतमज४मनन-- अपनश पपतश कक; एवमनन--इस पक४र;
रदतय४--रदन करतश ददवकक द४र४; दशन-दशन-वतनन--एक गरशब सश कक भ४हकत अतयनत दशनत४पसवरक; य४कचत:--म४हगद ज४नद पर;
त४मननस--उसद ( ददवकक कक ); कवकनभरसयर--भतसरन४ करकद ; हसत४तस--ह४थ सद; आकचकचछदद--बलपसवरक छशन कलय४; खल: --उस
दपष करस नद।.
शपकददव गकसव४मश नद आगद कह४ : अपनश पपतश कक दशनत४पसवरक सशनद सद लग४यद हह ए तथ४
कबलखतद हह ए ददवकक नद करस सद अपनश सनत४न कद प४णत कक भशख म४हगश, ककनतप वह इतन४ कनदरयश
थ४ कक उसनद ददवकक कक फटक४रतद हहए उसकद ह४थत सद उस ब४कलक४ कक बलपसवरबक झपट कलय४।
त४तपयर : यदकप ददवकक एक दशन सश कक तरह कबलख रहश थथ ककनतप व४सतव मम वद दशन नहथ थथ
इसशकलए दशनववनन शबद क४ पयकग हहआ हह। वद पहलद हश कक षण कक जनम दद चपकक थथ अतएवर उनसद
बढकर धनव४न और कलन हक सकत४ थ४? यह४ह तक कक ददवत४गण भश उनकक सतपकत करनद आयद थद,
ककनतप ददवकक नद एक कनधरन सत४ई हह ई सश कक भसकमक४ इसशकलए कनभ४ई कयतकक वद यशकद४ कक कनय४ कक
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त४मननस-कशशप कक; गकहशतव४--बलपसवरक लदकर; चरणयक:--दकनत प४हवत सद; ज४त-म४त४मनन--नवज४त कशशप कक; सवसप:--अपनश
बहन कक; सपत४मनन-- कनय४ कक; अपकथयतनन-- पछ४ड कदय४; कशल४-पकष- द -पतथर कद ऊपर; सव-अथर-उनमसकलत--कवकट सव४थर कद
वशशभसत हककर जड सद उख४ड फम क४; सलहद:--स४रद कमत य४ प४ररव४ररक समबनध.
अपनद कवकट सव४थर कद क४रण अपनश बहन सद स४रद समबनध तकडतद हह ए घपटनत कद बल बहठद
स४--वह कनय४; ततनन-हसत४तननस-करस कद ह४थ सद; समस-उतपतय--छसटकर; सद: --तपरनननत; ददवश--ददवश कद रप मम; अमबरमनन--
आक४श मम; गत४--चलश गई; अदशयत--ददखश गई; अनपज४--छकटश बहन; कवषणक: --भगव४ननन कक; स-आयपध४--हकथय४रत
सकहत; अष--आठ; मह४-भपज४--बडश-बडश भपज४ओर व४लश |.
वह कनय४, यकगम४य४ ददवश जक भगव४ननन कवषणप कक छकटश बहन थश, करस कद ह४थ सद छसट कर
ऊपर कक ओर चलश गई र और आक४श मम हकथय४रत सद यपक आठ भपज४ओर व४लश ददवश--ददवश
दपग४र--कद रप मम पकट हहई।र
त४तपयर : करस नद कनय४ कक नशचद पतथर पर पटकन४ च४ह४, ककनतप वह तक भगव४ननन कवषणप कक छकटश
बहन यकगम४य४ थश अत: ह४थ सद छसटकर ऊपर चलश गई और ददवश दपग४र क४ रप ध४रण कर कलय४।
अनपज४ शबद महतवपसणर हह। इसक४ अथर हह, “'छकटश बहन।'” जब कवषणप य४ कक षण नद ददवकक सद जनम
कलय४ तक उसश समय उनहतनद यशकद४ कद गभर सद भश जनम कलय४ हकग४। अनयथ४ यकगम४य४ भगव४ननन कक
छकटश बहन कह सद बनतश ?
कदवयसगमबर४लदपरत४भरणभसकरत४ ।
धनपदशसलदरपचम४रकसशदडप चकगद४धर४ ॥ १०॥
कसदच४रणगनधवररपसर:ककनरकरगह: ।
उप४हतकरबकलकभ: सतसयम४नददमबवशतनन ॥ ११॥
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कदवय-सतकस -अमबर-आलदप--तब उसनद चनदन लदप, फस ल-म४ल४ तथ४ सपनदर वसत सद आभसकरत ददवश क४ रप ध४रण कर कलय४;
रत-आभरण-भसकरत४--बहह मसलय रतनत व४लद आभसरणत सद सकजत; धनप:-शसल-इरप-चमर-अकस--धनपर, कतशसल, तशर, ढ४ल तथ४
तलव४र सद यपक; शटभप-चक-गद४-धर४--तथ४ शरख, चक और गद४ ध४रण ककए हहए; कसद-च४रण-गनधवर:-- कसद, च४रण तथ४
गनधवर कद द४र४; अपसर:-ककनर-उरगह:--अपसर४ओर, ककनरत तथ४ उरगत द४र४; उप४हत-उर-बकलकभ:--सभश उसकद कलए भमटम
लदकर आए; सतसयम४न४--पशरकसत हककर; इकदमनन--यद शबद; अबवशतनन--उसनद कहद।.
ककमनन--कय४ ल४भ; मय४--मपझद; हतय४--म४रनद मम; मनद--अरद मसखर; ज४त:--पहलद हश जनम लद चपक४ हह; खलप--कनससनददह; तब
अनत-कक तनन--जक तपमह४र४ वध करदग४; यत क व४-- अनयत कहथ; पसवर-शतप: --तपमह४र४ पहलद क४ शतप; म४--मत; कहरसश: --म४रक;
'कक पण४ननन-- अनय बदच४रद ब४लक; वकथ४--वयथर हश।.
ओरद मसखर करस, मपझद म४रनद सद तपझद कय४ कमलदग४? तदर४ जनमज४त शतप तथ४ वध करनद व४ल४
पसणर पपररकतम भगव४ननन अनयत कहथ जनम लद चपक४ हह। अतद तस वयथर हश अनय ब४लकत क४ वध
मत कर।
इकत--इस तरह; पभ४षय--कहकर; तमनन--करस सद; ददवश--ददवश दपग४र; म४य४--यकगम४य४; भगवतश-- भगव४ननन जहसश शकक सद
समपन; भपकव--पकथवश पर; बहह -न४म--अनदक न४मत व४लद; कनकद तदरप--कवकभन सथ४नत मम; बहह -न४म४--अनदक न४मत व४लश;
बभसव--हह ई;
र ह--कनससनददह
करस सद इस तरह कहकर ददवश दपग४र अथ४रतनन यकगम४य४ व४र४णसश इतय४कद जहसद कवकभन सथ४नत
मम पकट हहईर और अनपसण४र, दपग४र, क४लश तथ४ भद४ जहसद कवकभन न४मत सद कवखय४त हह ई।र
त४तपयर : ददवश दपग४र कलकत४ मम क४लश, मपमबई मम मपमब४ददवश, व४र४णसश मम अनपसण४र, कटक मम
भदक४लश तथ४ अहमद४ब४द मम भद४ कहल४तश हह। इस तरह अलग-अलग जगहत मम वद अलग-अलग
न४मत सद ज४नश ज४तश हह। उनकद भक श४क अथ४रतनन भगव४ननन कक शकक कद उप४सक कहल४तद हह जबकक पसणर
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पपररकतम भगव४ननन कद भक वहषणव कहल४तद हह । वहषणवत क४ कदवय लकक अथ४रतनन वहकपणठ ज४न४ कनकशचत हह,
जबकक श४कत कक इसश भलकतक जगत मम रहकर तरह-तरह कद भकग-कवल४स करन४ कनयत हह। भलकतक
जगत मम जशव कक न४न४ पक४र कद शरशर ध४रण करनद पडतद हह। आड४मयननन सवरभतस ४कन यनत४रढकन म४यय४
( भगवदशत४ १८.६१) । यकगम४य४ य४ म४य४ दपग४रददवश जशव कक इचछ४ कद अनपस४र उसद कवशदर पक४र क४
शरशर पद४न करतश हह, कजसद यनत अथ४रतनन मशशन कह४ गय४ हह। ककनतप जक जशव वहकपणठलकक चलद ज४तद हह
उनहम पपन: इस भलकतक शरशर रपश बनदशगकह मम ललटन४ नहथ हकत४ ( तयकतव४ ददहर पपनजरनम नहकत म४मदकत
सक5 जपन )। जनम न एकन क-यद शबद ससकचत करतद हह कक स४रद जशव भगव४ननन कक सरगकत क४ आननद उठ४नद
कद कलए बहकपणठ तथ४ वकनद४वन कद कदवय ध४मत मम अपनद मसल आधय४कतमक शरशरत मम रहतद हह।
तय४-दपग४र ददवश द४र४; अकभकहतमनन-कहद गए शबदत कक; आकणयर--सपनकर; करस:--करस; परम-कवकसमत: --अतयकधक
आशचयरचककत थ४; ददवककमनन--ददवकक कक; वसपददवमनन च--तथ४ वसपददव कक; कवमपचय--तपरनत कवमपक करकद ; पकशत:--अतयनत
दशनत४पसवरक; अबनवशतनन--इस पक४र बकल४।.
ददवशदपग४र कद शबदत कक सपनकर करस अतयनत कवकसमत हह आ। तब वह अपनश बहन ददवकक तथ४
बहनकई वसपददव कद कनकट गय४, उनहम बदकडयत सद कवमपक कर कदय४ तथ४ अकत कवनशत भ४व मम इस
पक४र बकल४।
त४तपयर : करस कक आशचयर हह आ कयतकक ददवश दपग४र तक ददवकक कक कनय४ कनकलथ | ददवकक तक म४नव
ज४कत कक थश, भल४ ददवश दपग४र उसकक पपतश ककस तरह हक सकतश हह ? उसकद आशचयर क४ यहश क४रण थ४।
यहश नहथ, ददवकक कक आठवथ सननतन ४न कनय४ कह सद हक गई? इससद भश उसद आशचयर हह आ। असपरगण
स४म४नयतय४ म४त४ दपग४र अथ४रतनन शकक य४ कफर ददवत४ओर कद , कवशदर रप सद कशवजश कद , भक हकतद हह।
अपनद आकद अषभपजश रप मम हकथय४र ध४रण ककए हह ए दपग४र कद प४कट नद तपरनत हश करस कक इस ध४रण४
कक बदल कदय४ कक ददवकक म४नव हह। अवशय हश उसमम ककई न ककई कदवय गपण हतगद अनयथ४ ददवश दपग४र
उसकद गभर सद कयत जनम लदतथ ? ऐसश पररकसथकत मम आशचयरचककत करस नद अपनश बहन ददवकक कद पकत
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अहक--ओह; भकगकन--मदरश बहन; अहक--ओह; भ४म--मदरद बहनकई; मय४--मदरद द४र४; व४मनन--तपम दकनत कक; बत--कनससनददह;
प४पमन४--प४पपसणर क४यर सद; पपरर-अदद --म४नव-भकश, र४कस; इब--सहश; अपतयमनन-कशशप कक; बहव:--अनदक;
कहरकसत४:--म४रद गए; सपत४: --पपतगण |.
ह४य मदरश बहन! ह४य मदरद बहनकई! मह सचमपच उस म४नव-भकश ( र४कस ) कद तपलय प४पश हह ह जक
अपनद हश कशशप कक म४रकर ख४ ज४त४ हह कयतकक महनद तपमसद उतपन अनदक पपतत कक म४र ड४ल४ हह।
त४तपयर : ऐस४ म४न४ ज४त४ हह कक र४कसगण अपनद हश पपतत कक ख४ ज४नद कद आदश हकतद हह कजस तरह
स४हप तथ४ अनय अनदक ज४नवर कभश कभश करतद हह। समपकत ककलयपग मम र४कस कपत४ तथ४ म४त४ अपनद
कशशपओर कक गभर मम हश म४र रहद हह और कप छ तक भसण कक भश बडद च४व सद ख४तद हह । इस तरह तथ४ककथत
स तवहर तयकक४रणयसतयकज४कतसपहतखल: ।
क४नलकक४नवह गकमषय४कम बहहदव मकत: शवसननन ॥ १६॥
महनद दय४कवहशन तथ४ कस र हकनद कद क४रण अपनद स४रद समबकनधयत तथ४ कमतत क४ पररतय४ग कर
कदय४ हह। अतद मह नहथ ज४नत४ कक ब४हण क४ वध करनद व४लद वयकक कद सम४न मकतयप कद ब४द य४
इस जशकवत अवसथ४ मम मह ककस लकक कक ज४ऊहग४ ?
दहवमनन-कवध४त४; अकप-- भश; अनकतमनन--झसठ; वकक--कहतद हह; न--नहथ; मतय४र:--मनपषयगण; एव--कनशचय हश; कद वलमनन--
कद वल; यतनन-कवशमभ४तननस--उस भकवषयव४णश मम कवशव४स करनद कद क४रण; अहमनन--महनद; प४प:-- अतयनत प४पश; सवसप:--अपनश
बहन कद ; कनहतव४ननन--म४र ड४लद; कशशसनननस--अनदक ब४लकत कक |.
ह४य! कभश-कभश न कद वल मनपषय झसठ बकलतद हह अकपतप कवध४त४ भश झसठ बकलत४ हह। और मह
इतन४ प४पश हह ह कक महनद कवध४त४ कक भकवषयव४णश कक म४नतद हह ए अपनश हश बहन कद इतनद बचत
क४ वध कर कदय४।
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म४ शकचतमनन--( इसकद पहलद जक हक गय४ उसकद कलए ) अब दपखश न हत; मह४-भ४गल--हद आतमज४नश तथ४ भ४गयश४कलनश;
आतमज४नननस--अपनद पपतत कद कलए; सव-कक तमनन--अपनद कमर कद हश क४रण; भपज:--भकग कर रहद हह; ज४नतव:--स४रद जशव-जनतप;
न--नहथ; सद४--सदहव; एकत--एक सथ४न मम; दहव-अधशन४:--जक भ४गय कद वश मम हह; तद४--अतएवर; आसतद--जशकवत रहतद
ह४. हद मह४ननन आतम४ओ, तपम दकनत कद पपतत कक अपनद हश दपभ४रगय क४ फल भकगन४ पड४ हह। अतद
तपम उनकद कलए शकक मत करक। स४रद जशव परमदशवर कद कनयरतण मम हकतद हह और वद सदहव एकस४थ
नहथ रह सकतद।
त४तपयर : करस नद अपनश बहन तथ४ बहनकई कक गह४भ४गत कहकर समबककधत ककय४ कयतकक यदकप
वह उनकद स४म४नय बचत क४ वध कर चपक४ थ४, ककनतप अब ददवश दपग४र इन दकनत सद उतपन हक चपकक थथ।
चसहकक ददवकक नद दपगकदवश कक अपनद गभर मम ध४रण ककय४ इसकलए उसनद ददवकक तथ४ उसकद पकत कक
पशरस४ कक। असपरगण ददवश दपग४र, क४लश इतय४कद कद पकत अतयकधक समकपरत हकतद हह। इसशकलए कवकसमत
करस नद अपनश बहन तथ४ बहनकई कद उच पद कक पशरस४ कक। दपग४र पकक कत कद कनयमत कद अधशन नहथ
कयतकक वद हश पकक कत कद कनयमत कक कनयरतक हह। ककनतप स४म४नय जशव तक इनहथ कनयमत द४र४ कवकनयकमत
हकतद हह ( पकक तद: ककयम४ण४कन गपणह कम४रकण सवरश:) फलसवरप हममम सद ककसश कक भश अकधक क४ल
तक स४थ-स४थ रहनद नहथ कदय४ ज४त४। करस इस तरह कक ब४तत सद अपनद बहन तथ४ बहनकई कक
भपकव--पकथवश पर; भलम४कन--पकथवश सद बनद स४रद भलकतक पद४थर यथ४ घडद आकद; भसत४कन--उतपन; यथ४--कजस तरह; य४कनत--
पकट हकतद हह; अपय४कनत--कवलशन हकतद हह ( खरकडत हककर कमटश मम कमल ज४तद हह )। च--तथ४; न--नहथ; अयमनन आतम४--आतम४
य४ आधय४कतमक सवरप; तथ४--उसश तरह; एतदरप--इन सब ( भलकतक ततवत सद बनद पद४थर ) मम सद; कवपयदकत--बदल ज४त४ हह य४
टस ट ज४त४ हह; यथ४--कजस तरह; एव--कनशचय हश; भस:--पकथवश |.
इस सरस४र मम हम ददखतद हह कक बतरन, कखललनद तथ४ पकथवश कद अनय पद४थर पकट हकतद हह,
टस टतद हह और कफर पकथवश मम कमलकर कवलपप हक ज४तद हह। ठशक इसश तरह बदजशवत कद शरशर
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कवनष हकतद रहतद हह, ककनतप पकथवश कक हश तरह यद जशव अपररवकतरत रहतद हह और कभश कवनष नहथ
हकतद ( न हनयतद हनयम४नद शरशरद )।
त४तपयर : यदकप करस कक असपर कह४ गय४ हह, ककनतप आतम-वतव क४ उसद अचछ४ ज४न थ४। प४हच
हज४र वरर पसवर, करस जहसद र४ज४ओर कक असपर कह४ ज४त४ थ४, ककनतप करस आधपकनक र४जनशकतजत तथ४
कस टनशकतजत सद कहथ उतम थ४ कयतकक इनहम आतम-वतत कवरयक ककई ज४न नहथ हह। वददत मम कह४ गय४
हह-- असकद हयर पपरपर:--आतम४ क४ भलकतक शरशर कद पररवतरनत सद ककई न४त४ नहथ हकत४। शरशर मम छह
पररवतरन हकतद हह--जनम, वककद, कसथकत, उप-ज४त, ह४स तथ४ सरह४र-ककनतप यद पररवतरन आतम४ मम नहथ
ददखद ज४तद। ककसश शरशर कद कवन४श कद ब४द भश शरशर कद ततवत क४ मसल सकत बदलत४ नहथ। जशव
भलकतक शरशर क४ भकग करत४ हह, जक पकट हकत४ हह और कवलपप हकत४ रहत४ हह, ककनतप परचततव-कशरकत,
जल, प४वक, गगन और समशर-वहसद कद वहसद रहतद हह। यह४ह पर कमटश सद बनद प४तत तथ४ कखललनत क४
इकष४नत कदय४ गय४ हह। यद टस टनद पर अपनद मसल अवयवत मम कमल ज४तद हह | कप छ भश हक, वसतपओर क४ मसल
सकत वहश रहत४ हह।
जहस४कक पहलद बतल४य४ ज४ चपक४ हह, शरशर क४ कनम४रण आतम४ कक इचछ४ओर कद अनपस४र हकत४ हह।
आतम४ जहसश इचछ४ करत४ हह, वहस४ शरशर बनत४ हह। इसशकलए भगवदशत४ (१८.६१) मम कक षण कहतद
हह--
“हद अजपरन! भगव४ननन हर प४णश कद हदय मम कसथत हह और उन स४रद जशवत कक घपम४तद रहतद हह, जक
म४नक भलकतक शकक सद बनद यरत पर आरढ हह।'” न तक परम४तम४, न हश आतम४ अपनद मसल आधय४कतमक
सवरप कक बदलत४ हह। आतम४ क४ न तक जनम हकत४ हह, न मकतयप, न शरशर कक तरह उसमम पररवतरन हकतद
हह। इसशकलए वददससकक हह-- असकद हयर पपरर:--यदकप आतम४ इस भलकतक जगत मम बद हह, ककनतप
भलकतक शरशरत मम हकनद व४लद पररवतरनत सद इसक४ ककई समबनध नहथ हकत४।
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यथ४--कजस तरह; अनस-एवमनन-कवद:--ऐसद वयकक क४ कजसद ( आतम-ततव तथ४ आतम४ कद सथ४कयतव क४ ) शरशर कद पररवतरनत कद
ब४वजसद ककई ज४न नहथ हकत४; भदद: --शरशर तथ४ आतम४ क४ अनतर; यत:--कजससद; आतम-कवपयरय:--यह मसखरत४पसणर ज४न कक
वह शरशर हह; ददह-यकग-कवयकगल च--तथ४ कवकभन शरशरत मम समबनध तथ४ कवयकगत कक उतपन करत४ हह; सरसककत:--बद जशवन कक
कनरनतरत४; न--नहथ; कनवतरतद--रकतश हह |.
धमर क४ अथर हह ““क४म मम लगन४।”” जक वयकक भगव४ननन कक सदव४ मम अकवर४म तथ४ कनरवरकध लग४
रहत४ हह (यक भककरधककजद ) वह अपनश मसल आधय४कतमक अवसथ४ कक प४प हह आ समझ४ ज४त४ हह।
इस अवसथ४ कक प४प कर लदनद पर वह सदहव कदवय आननद क४ अनपभव करत४ हह। अनयथ४ ददह४तमबपकद
कद क४रण उसद भलकतक कष भकगनद पडतद। जनममनडतयपजर४वय४कध दपद खदकर४नपदशरनमनन । शरशर मम जनम, मकतयप,
जर४ तथ४ रकग लगद हश रहतद हह, ककनतप कजसक४ जशवन आधय४कतमक हह ( यक भककरधककजद ) उसद जनम,
मकतयप, जर४ तथ४ रकग नहथ सत४तद। ककई यह तकर कर सकत४ हह कक चलबशसत घणटद अधय४तम मम लग४ रहनद
व४ल४ वयकक भश रकग सद पशकडत ददख४ ज४ सकत४ हह। तथय तक यह हह कक वह न तक कष भकग रह४ हकत४
हह, न रकगश हकत४ हह अनयथ४ वह चलबशसत घणटद आधय४कतमक क४यर मम कह सद लग४ रह सकत४ हह?
उद४हरण४थर, कभश-कभश गरग४ कद जल कद ऊपर गनद४ फद न य४ कस ड४-करकट तहरत४ कदखत४ हह। यह नशर
धमर कहल४त४ हह। ककनतप जक गरग४ मम सन४न करनद आत४ हह, वह जल मम तहरतश हह ई फद न तथ४ गरदगश कक
परव४ह नहथ करत४। वह इन गरदकगयत कक ह४थ सद हट४कर गरग४ मम सन४न करकद सन४न क४ ल४भ उठ४त४ हह।
अतद आधय४कतमक जशवन कबत४नद व४ल४ वयकक फद न तथ४ कस ड४-करकट य४ अनय ऊपरश गनदश ब४तत सद
अपभ४कवत रहत४ हह। इसकक पपकष शशल रप गकवसव४मश नद कक हह--
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““मनस४, व४च४, कमरण४ कक षण कक सदव४ मम लग४ हह आ वयकक इस जगत मम रहतद हह ए भश मपक हकत४
हह।'' ( कभकस४यकत कसनधप १.२.१८७)। अतद गपर कक कभश भश स४म४नय मनपषय नहथ म४नन४ च४कहए
( गपरर नरमकतर... न४रकक सद)। आधय४कतमक गपर य४ आच४यर जशवन मम सदहव आधय४कतमक पद पर
रहत४ हह। उसद जनम, मकतयप, जर४ तथ४ वय४कध नहथ सत४तद। अतएव हररभकककवल४स कद अनपस४र आच४यर
कद कतरकध४न हकनद पर उसकद शरशर कक भसमशभसत नहथ ककय४ ज४त४ कनयतकक वह आधय४कतमक हकत४ हह।
तसम४तननस--अतद; भदद--मदरश बहन ( तपमह४र४ कलय४ण हक ); सव-तनय४ननन--अपनद पपतत कद कलए; मय४--मदरद द४र४; वय४प४कदत४नननस--
दपभ४रगयवश म४रद गए; अकप--यदकप; म४ अनपशकच--दपखश मत हकओ; यत:--कयतकक; सवर:--हर एक वयकक; सव-कक तमनन--
अपनद कमर कद हश सक४म फलत कक; कवनदतद-- भकगत४ हह; अवश:--कवधन४ कद वशश भसत हककर।.
मदरश बहन ददवकक, तपमह४र४ कलय४ण हक। हर वयकक प४रबध कद अधशन अपनद हश कमर कद फल
भकगत४ हह। अतएव, दपभ४रगयवश मदरद द४र४ म४रद गए अपनद पपतत कद कलए शकक मत करक।
यकसतवदयकपमथवददमहक सवकमर-
बनध४नपरपफलभ४जनम४वनककत ।
इनदणकप न४मक कपद ककट सद लदकर सवगरलकक कद र४ज४ इनद तक स४रद प४कणयत कक अपनद सक४म
कमर कद फल भकगनद पडतद हह। हमम ऊपर सद कदखल४ई पड सकत४ हह कक ककई वयकक ककननहन थ ब४ह
क४रणत सद कष भकग रह४ हह य४ सपख उठ४ रह४ हह, ककनतप असलश क४रण तक उसकद अपनद सक४म कमर हकतद
हह। यह४ह तक कक जब ककई ककसश कक म४र ड४लत४ हह, तक यह म४न४ ज४त४ हह कक म४रद ज४नद व४लद वयकक
कक अपनद हश कमर क४ फल कमल४ हह और म४रनद व४ल४ वयकक भलकतक पकक कत क४ क४रण म४त थ४। इस
तरह करस नद इस कवरय क४ गरभशरत४ सद कववदचन करतद हह ए ददवकक सद कम४ य४चन४ कक। ददवकक कद पपतत
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कक मकतयप क४ क४रण करस नहथ अकपतप उन पपतत क४ अपन४ भ४गय थ४। ऐसश अवसथ४ मम ददवकक कक च४कहए
थ४ कक करस कक कम४ कर दद और कबन४ शकक ककए उसकक कवगत करतसतत कक भसल ज४ए। कर स नद अपन४
दकर सवशक४र ककय४, ककनतप उसनद जक कप छ ककय४ थ४ वह प४रबध कद अधशन थ४। भलद हश करस ददवकक कद
पपतत कक मकतयप क४ ततक४कलक पतयक क४रण रह४ हक, ककनतप सपदरस क४रण तक उनकद कवगत कमर हश थद।
य४वतनन--जब तक; हतद अकसम--( दससरत द४र४ ) म४र४ ज४ रह४ हह ह; हनत४ अकसम--( अनयत क४ ) म४रनद व४ल४ हह ; ह इकत--इस पक४र;
आतम४नमनन--अपनद कक; मनयतद--म४नत४ हह; अ-सव-हकन नस--जक अपनद आप कक नहथ ददखत४ हह ( ददह४तमबपकद कद अहधदरद कद क४रण );
त४वतननस--तब तक; ततनन-अकभम४नश--अपनद कक म४र४ गय४ य४ म४रनद व४ल४ म४नतद हह ए; अज:--मसखर वयकक; ब४धय-ब४धकत४मनन--
'कप छ उतरद४कयतव लदनद कद कलए ब४धय स४रस४ररक वयवह४र; इय४तननस--रहत४ हह।.
“'जक कमथय४ अहरक४र सद पदररत नहथ हह, कजसकक बपकद उलझश हह ई नहथ हह, वह इस जगत मम मनपषयत
क४ वध करतद हहए भश हतय४र४ नहथ हह। न हश वह अपनद कमर सद बहध४ हह।'” इस सवयरकसद सतय कद
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अनपस४र करस नद य४चन४ कक कक वह ददवकक तथ४ वसपददव कद पपतत क४ वध करनद कद कलए उतरद४यश नहथ
हह। उसनद कह४, “कक पय४ ऐसद कमथय४ ब४ह क४यर कद कलए मपझद कम४ करम और इसश ज४न सद श४नत हत।!
करस नद य४चन४ कक, “हद मदरश बहन तथ४ ममरद बहनकई, मपझ जहसद कपद-हदय वयकक पर कक प४लप
हकयम कयतकक तपम दकनत हश स४धप सदश वयकक हक। मदरश कस रत४ओर कक कम४ कर दम।'' यह कहकर
खदद कद स४थ आहखत मम अशप भरकर करस वसपददव तथ४ ददवकक कद चरणत पर कगर पड४।
त४तपयर : यदकप करस नद असलश ज४न कद कवरय मम सपनदर-सपनदर ब४तम कहथ, ककनतप उसकद कवगत
कमर कननननदनशय तथ४ नकशरस थद इसकलए उसनद अपनश बहन और बहनकई कद चरणत पर कगरकर उनसद कम४
म४हगश और सवशक४र ककय४ कक वह घकर प४पश हह।
मकचय४मनन आस--करस नद उनहम मपक कर कदय४; कनगड४तननस--लकहद कक जरजशरत सद; कवशबध:--पसणर कवशव४स कद स४थ; कनयक४-
कगर४--ददवश दपग४र कक व४णश मम; ददवककमनन--अपनश बहन ददवकक कद पकत; वसपददवमनन च--तथ४ वसपददव कक; दशरयननन-- पदकशरत
करतद हहए; आतम-सलहदमनन--आतमशयत४ |.
ददवश दपग४र कक व४णश मम पसरश तरह कवशव४स करतद हह ए करस नद ददवकक तथ४ बसपददव कक तपरनत हश
भ४तप:--अपनद भ४ई करस कद पकत; समनपतपसय--खदद वयक करनद कद क४रण; क४नत-रकर४--ककध श४नत हह आ; च-- भश;
ददवकक--कक षण कक म४त४, ददवकक नद; वयसकजतनन-छकड कदय४; बसपददव: च--तथ४ वसपददव नद भश; पहसथ--हहसकर; तमनन--करस सद;
'उव४च-- कह४; ह--कवगत मम |.
जब ददवकक नद ददख४ कक उसक४ भ४ई पसवकर नध४रररत घटन४ओर कक वय४खय४ करतद हह ए व४सतव मम
व४
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पशच४त४प वयक कर रह४ हह, तक उनक४ स४र४ ककध ज४त४ रह४। इसश पक४र, वसपददव भश ककध मपक
हक गए उनहतनद हहसकर करस सद कह४।
त४तपयर : स४धप सदश वयकक हकनद कद क४रण ददवकक तथ४ वसपददव नद करस द४र४ पसतपत यह सतय
सवशक४र कर कलय४ कक प४रबध द४र४ हर ब४त पसवर कनध४रररत हकतश हह। भकवषयव४णश कद अनपस४र करस क४
वध ददवकक कद आठवम पपत द४र४ हकन४ थ४। अतएवर वसपददव तथ४ ददवकक कक लग४ कक इन स४रश घटन४ओर
कद पशछद पसणर पपररकतम भगव४ननन कक बहह त बडश यकजन४ थश। चसहकक भगव४ननन नद पहलद हश स४म४नय ब४लक
कक तरह जनम लद कलय४ थ४ और वद यशकद४ कद सररकण मम सपरककत थद अतएव हर क४यर एक यकजन४ कद
अनपस४र घकटत हक रह४ थ४। फलत: करस कद पकत दपभ४रवन४ बन४ए रखनद कक आवशयकत४ नहथ थश। इस
एवमनन--ह४ह, यह ठशक हह; एततनन--तपमनद जक कह४ हह; मह४-भ४ग--हद मह४पपरर; यथ४--कजस तरह; वदकस--तपम बकल रहद हक;
ददकहन४मनन-जशवत कद कवरय मम; अज४न-पभव४--अज४नवश; अहमनन-धश:--यह मदर४ सव४थर ( कमथय४ अहरक४र ) हह; सव-पर४ इकत--
यह दससरद क४ सव४थर हह; कभद४--भदद; यतद--ऐसश ददह४तमबपकद कद क४रण।.
हद मह४पपरर करस, कद वल अज४न कद पभ४व कद हश क४रण मनपषय भलकतक ददह तथ४ अकभम४न
सवशक४र करत४ हह। आपनद इस दशरन कद कवरय मम जक कप छ कह४ वह सहश हह। आतम-ज४न सद रकहत
ददह४तम-बपकद व४लद वयकक “यह मदर४ हह, '' “यद पर४य४ हह '' कद रप मम भददभ४व बरततद हह।
त४तपयर : भगव४ननन कद कनदरश४नपस४र क४यर करनद व४लश पकक कत कद कनयमत कद द४र४ हर क४यर सवतद
हकत४ रहत४ हह। सवतरत रप सद ककसश द४र४ कप छ ककए ज४नद क४ पशन हश नहथ उठत४ कयतकक इस भलकतक
व४त४वरण मम रहनद व४ल४ वयकक पकक कत कद कनयमत कद अधशन हह। अतएव हम४र४ मपखय क४यर यह हकन४
च४कहयद कक हम इस बद जशवन सद अपनद कक छप ड४एह और आधय४कतमक जगत मम ज४हय। मनपषय कद वल
अज४नवश यह सकचत४ हह कक ““मह ददवत४ हह, ह मह मनपषय हह ह, मह कप त४ हह ह, मह कबलश हह !
ह ” य४ कफर यकद
अज४न और भश अकधक बढ ज४त४ हह, तक वह अपनद कक ईशवर म४ननद लगत४ हह। आतम-स४क४तक४र प४प
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शककहररभयददरलक भमकहमद४कनवत४: ।
कमथक घलनतर न पशयकनत भ४वहभ४रवर पकथगहश: ॥ २७॥
गपणत सद समकनवत हकतद हह। वद उस आसन (उप४द४न ) क४रण सद पभ४कवत हकतद हह कजसक४
कनर४करण करनद मम वद लगद रहतद हह कयतकक उनहम दसरसथ परम क४रण ( कनकमत क४रण ) अथ४रतनन
भगव४ननन क४ ककई ज४न नहथ हकत४।
शशशपक उब४च
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शश-शपक: उब४च-- शश शपकददव गकसव४मश नद कह४; करस:--र४ज४ करस नद; एवमनन--इस पक४र; पसन४भय४मननस--अतयनत पसन;
कवशपदमनन-कवशपद; पकतभ४करत:--उतर कदए ज४नद पर; ददवकक-वसपदवद ४भय४मनन-- ददवकक तथ४ वसपददव द४र४; अनपज४त: -- अनपमकत
सद; अकवशतनन-- पवदश ककय४; गकहमनन--अपनद महल मम |.
शपकददव गकसव४मश नद आगद कह४ : श४नतमन४ ददवकक तथ४ बसपददव द४र४ शपदभ४व सद इस तरह
समबककधत ककए ज४नद पर करस अतयरत हकररत हह आ और उनकक अनपमकत लदकर वह अपनद घर चल४
गय४।
तसयथ४मनन--उस; र४तननय४मस-र४त कक; वयतशत४य४मननस--कबत४कर; करस:--करस नद; आहह य--बपल४कर; मकनतण:--स४रद मरकतयत कक;
तदभय:--उनहम; आचष-- ससकचत ककय४; ततनन--वह; सवरमनन-- सब; यतनन उकमननस--जक कह४ गय४ थ४ ( कक करस क४ वध करनद व४ल४
अनयत कहथ हह ); यकग-कनदय४--यकगम४य४, ददवश दपग४र द४र४.
र४त बशत ज४नद पर करस नद अपनद स४रद मरकतयत कक बपल४कर वह सब उनहम बतल४य४ जक
यकगम४य४ नद कह४ थ४ ( कजसनद यह रहसय बत४य४ थ४ कक करस कक म४रनद व४ल४ कहथ अनयत उतपन
हक चपक४ हह )।
त४तपयर : चरडश न४मक वहकदक श४स मम भगव४ननन कक शकक म४य४ कक कनद४ कह४ गय४ हह -- दपगन ४कदवश
सवरभसतदरप कनद४रपदण सम४कसथत: । यकगम४य४ तथ४ मह४म४य४ कक शकक जशवत कक इस जगत कद अज४न
रपश गहन अरधक४र मम सपल४ए रखतश हह। यकगम४य४ अथ४रतनन ददवश दपग४र नद करस कक कक षण कद जनम कद
कवरय मम अरधक४र मम रख४ और यह कहकर उसद भ४नत ककय४ कक उसक४ शतप कक षण अनयत जनम लद
चपक४ हह। कक षण तक ददवकक कद पपत रप मम उतपन हह ए थद, ककनतप भगव४ननन कक पसवयर कजन४ कद अनपस४र,
कजसकक भकवषयव४णश बह४ कक कक थश, वद म४त४ यशकद४ तथ४ ननद मह४र४ज एवर अनय घकनष कमतत तथ४
भकत कक गय४रह वरर तक आननद पद४न करनद कद कलए वकनद४वन गए। इसकद ब४द वद करस क४ वध करनद
ललटद। चसकह क करस इसद नहथ ज४नत४ थ४ इसशकलए उसनद यकगम४य४ कद इस कथन पर कवशव४स कर कलय४ कक
कक षण अनयत जनम लद चपकद हह, ददवकक सद उतपन नहथ हह ए।
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आकणयर--सपनकर; भतपर:--अपनद सव४मश कद ; गकदतमनन--कथन कक; तमनन ऊचप:--उससद कह४; ददव-शतव:--ददवत४ओर कद शतप,
स४रद असपर; ददव४नस--ददवत४ओर कद ; पकत--पकत; कक त-अमर४र:--ईषय४रलप; दहतदय४:--असपरगण; न--नहथ; अकत-कककवद४:--
अतयनत क४यरकपशल।.
अपनद सव४मश कक ब४त सपनकर, ददवत४ओर कद शतप तथ४ अपनद क४मक४ज मम अकप शल, ईषय४रलप
असपरत नद करस कक यह सल४ह दश।
( पद पपर४ण )
भगव४ननन कवषणप य४ कक षण कद भक सपर य४ ददवत४ हह और भकत कद कवरकधश लकग असपर हह। भकगण
स४रद वयवह४रत मम पटप हकतद हह ( यसय४कसत भककभरगवतयककदञन४ सवरगपणहसतत सम४सतद सपर४द) | इसकलए वद
कककवद अथ४रतनन “पटप'” कहल४तद हह । ककनतप असपरगण ऊपर सद क४मपक वककतयत मम पटप त४ कदखल४तद हह ए भश
पसरश तरह मसखर हकतद हह। न तक वद गमभशर हकतद हह, न कककवद। वद जक भश करतद हह वह अपसणर हकत४ हह।
मकघ४श४ मकघकम४रण: ।यह कववरण असपरत कद कवरय मम भगवदशत४ (९.१२) मम प४य४ ज४त४ हह, कजसकद
अनपस४र वद जक भश करतद हह उससद उनहम कनर४श४ हश कमलतश हह। करस कक मरतण४ ददनद व४लद ऐसद हश वयकक
एवमनन--इस तरह; चदतनन-- यकद ऐस४ हह; तकहर--तक; भकज-इनद--हद भकजर४ज; पपर-ग४म-तज-आकदरप--स४रद नगरत, ग४हवत तथ४
चर४ग४हत मम; अकनदरश४नननस--दस कदन सद कम आयप व४लद; कनदरश४ननन च--तथ४ जक दस कदन पसर४ कर चपकद हह; हकनषय४म:--हम म४र
ड४लमगद; अद--आज सद; बह--कनससनददह; कशशसनस-- बचत कक |.
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ककमनन--कय४; उदमह: --अपनद पय४सत सद; कररषयकनत--करमगद; ददव४: --स४रद ददवत४; समर-भशरव:--लडनद सद भयभशत; कनतयमनन--
सदहव; उकदग-मनस:--वय४कप ल कचत व४लद; जय४-घकरह:--डकरश कक धवकन सद; धनपर:--धनपर कक; तब--तपमह४रश |.
स४रद ददवत४ आपकक धनपर कक डकरश ( पतयरच४) कक आव४ज सद सदहव भयभशत रहतद हह। वद
सदहव कचकनतत रहतद हह और लडनद सद डरतद हह। अतद वद अपनद पयतनत सद आपकक ककस पक४र ह४कन
असयतद--आपकद द४र४ छकडद गए तशरत सद छददद ज४नद सद; तद--आपकद ; शर-ब४तहद--ब४णत कद समसह सद; हनयम४न४:--म४रद गए;
समनतत:--च४रत ओर; कजजशकवरव: --जशनद कक क४मन४ करतद हह ए; उतसकजय--यपदभसकम छकडकर; पल४यन-पर४: --बचकर भ४गनद
कक इचछ४ व४लद; ययप:-- भ४ग गए।.
आपकद द४र४ च४रत कदश४ओर मम छकडद गए ब४णत कद समसहत सद कछदकर कप छ सपरगण जक घ४यल
हक चपकद थद, ककनतप कजनहम जशकवत रहनद कक उतकणठ४ थश यपदभसकम छकडकर अपनश ज४न लदकर भ४ग
कनकलद।
कद कचतनन--उनमम सद कप छ; प४जललयद--आपकक पसन करनद कद कलए अपनद ह४थ जकडद हह ए; दशन४द--अतयनत कनरशह; नयसत-
शस४:--स४रद हकथय४रत सद कवहशन; कदवलकस:--ददवत४गण; मपक-कचछ-कशख४: --अपनद वस तथ४ ब४ल खकलद और कबखदरद हह ए;
कद कचतनन--कप छ; भशत४: --हम अतयनत भयभशत हह; सम--हह ए थद; इकत व४कदन:--उनहतनद इस तरह कह४ ।.
ह४र ज४नद पर तथ४ स४रद हकथय४रत सद कवहशन हककर कप छ ददवत४ओर नद लडन४ छकड कदय४ और
ह४थ जकडकर आपकक पशरस४ करनद लगद और उनमम सद कप छ अपनद वस तथ४ कद श खकलद हह ए
आपकद समक कहनद लगद, “'हद पभप, हम आपसद अतयकधक भयभशत हह।''
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न--नहथ; तवमस--आप; कवसमकत-शस-अस४नस--जक अपनद हकथय४र चल४न४ भसल चपकद हह; कवरथ४ननन--रथकवहशन; भय-सरवकत४ननन--
भय सद भसचकद ; हरकस--म४रतद हक; अनय-आसक-कवमपख४ननन--जक लडनद मम अनपरक न रहकर कप छ अनय क४यर मम लगद रहतद हह;
भग-च४प४ननन--दटस टद धनपरत व४लद; अयपधयत:--अत: यपद न करतद हह ए।.
जब ददवत४गण रथकवहशन हक ज४तद हह, जब वद अपनद हकथय४रत क४ पयकग करन४ भसल ज४तद हह,
जब वद भयभशत रहतद हह य४ लडनद कद अल४व४ ककसश दससरद क४म मम लगद रहतद हह य४ जब अपनद
धनपरत कद टस ट ज४नद कद क४रण यपद करनद कक शकक खक चपकद हकतद हह, तक आप उनक४ वध नहथ
करतद।
त४तपयर : यपद करनद कद भश कप छ कनयम हकतद हह। जब शतप कद प४स रथ नहथ हकत४, वह भय कद
क४रण यपदकल४ भसल ज४त४ हह य४ कफर यपद नहथ करन४ च४हत४ तक उसक४ वध नहथ करन४ च४कहए। करस
कद मरतश उसद समरण कदल४ रहद थद कक अपनश शकक कद ब४वजसद भश वह यपद कद कनयमत सद अवगत थ४
इसशकलए उसनद ददवत४ओर कक उनकक अकमत४ कद क४रण कम४ कर कदय४ थ४। मरकतयत नद कह४, “ककनतप
पसतपत आपकत मम ऐसश दय४ य४ सहनय कशषत४ कदख४नद कक घडश नहथ रह गई। अब तक आपकक हर ह४लत
मम लडनद कद कलए तहय४र हक ज४न४ च४कहए।'' इस तरह मरकतयत नद करस कक सल४ह दश कक लड४ई कद
कक कदमशहकवरबपधदरसरयगप कवकतथनह: ।
रहकजपर४ कक हररण४ शमभपन४ व४ वनलकस४ ।
कककमनददण४लपवशयरण बहण४ व४ तपसयत४ ॥ ३६॥
ककमननस--ककस ब४त क४ भय; कदम--ऐसद सथ४न मम जह४ह लडनद कक कमत४ क४ अभ४व हह; शहद--ददवत४ओर द४र४; कवबपधद--ऐसद
शककश४लश पपररत द४र४; असरयगप -कवकतथनह: --वकथ४ डथग म४रनद सद, लडनद सद दसर रहनद; रह:-जपर४--हदय कद ककनद मम रहनद व४ल४;
ककमनन हररण४-- भगव४ननन कवषणप सद कनय४ डरन४; शमभपन४--कशव सद; व४-- अथव४; वन-ओकस४--बनव४सश; ककमनन इनददण--इनध सद
कनय४ भय; अलप-वशयरण--वह तकनक भश शककश४लश नहथ हह ( कक आपसद लड सकद ); बहण४-- और बह४ सद डरनद कक तक ककई
ब४त हश नहथ; व४--अथव४; तपसयत४--जक सदहव धय४न मम मग रहत४ हक |
ददवत४गण यपदभसकम सद दसर रहकर वयथर हश डथग म४रतद हह। वद वहथ अपनद पर४कम क४ पदशरन
कर सकतद हह जह४ह यपद नहथ हकत४। अतएवर ऐसद ददवत४ओर सद हमम ककसश पक४र क४ भय नहथ हह।
जह४ह तक भगव४ननन कवषणप कक ब४त हह, वद तक कद वल यककगयत कद हदय मम एक४नतव४स करतद हह और
भगव४ननन कशव, वद तक जरगल चलद गयद हह। बह सदहव तपसय४ तथ४ धय४न मम हश लशन रहतद हह। इनद
इतय४कद अनय स४रद ददवत४ पर४कमकवहशन हह। अतद आपकक ककई भय नहथ हह।
त४तपयर : करस कद मरकतयत नद उससद कह४ कक स४रद बडद-बडद ददवत४ उसकद भय सद भ४ग गए थद। एक
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जरगल कक गय४, एक हदय कद भशतर चल४ गय४ हह और एक तपसय४ मम लग४ हह। उनहतनद कह४, ''अतएव
आप ददवत४ओर सद ककसश पक४र भयभशत न हत, बस लडनद कद कलए तहय४र हक ज४हए।'!
तथ४ अकप--कफर भश; ददव४:--ददवत४गण; स४पतनय४तनन-शतपत४ कद क४रण; न उपदकय४:-- उपदक४ नहथ कक ज४नश च४कहए; इकत
मनमहद--यह हम४र४ मत हह; तत:--इसकलए; ततनन-मसल-खननद--उनहम समसल नष करनद कद कलए; कनयपडछ--कनयपक कककजए;
असम४ननन--हमम; अनपवत४नननस--आपक४ अनपगमन करनद कद कलए ततपर।.
त४तपयर : नहकतक उपददशत कद अनपस४र अकग कक पसरश तरह बपझ४नद मम, रकग क४ पसर४-पसर४ कनव४रण
करनद तथ४ ऋण पसर४ अद४ करनद मम ककसश तरह कक ल४परव४हश नहथ बरतनश च४कहए। अनयथ४ यद बढतद
ज४एहगद और ब४द मम इनक४ शमन कर प४न४ ककठन हकग४। इसकलए मरकतयत नद कर स कक सल४ह दश कक वह
यथ४--कजस तरह; आमय:--रकग; अडलद--शरशर मम; समपपदककत: --उपदक४ ककए ज४नद सद; नककभ:--मनपषयत द४र४; न--नहथ;
शकयतद--समथर हकत४ हह; रढ-पदद--गमभशर हकनद पर; कचकककतसतपमस--उपच४र कद यकगय; यथ४--कजस तरह; इकनदय-ग४म:--
इकनदय४ह; उपदककत: --प४रमभ मम वश मम न रखनद सद; तथ४--उसश तरह; ररपप: मह४नस--बड४ शतप; बद-बल:द--बलव४न हह आ तक;
न--नहथ; च४लयतद-- वश मम ककय४ ज४ सकत४ हह।.
कजस तरह शपर मम रकग कक उपदक४ करनद सद वह गमभशर तथ४ दपदस४धय हक ज४त४ हह य४ कजस
तरह प४रमभ मम कनयरकतत न करनद सद, ब४द मम इकनदय४ह वश मम नहथ रहतथ उसश तरह यकद आरमभ मम
शतप कक उपदक४ कक ज४तश हह, तक ब४द मम वह दजरय हक ज४त४ हह।
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मसलमनन--आध४र; कह--कनससनददह; कवषणप:-- भगव४ननन कवषणप हह; ददव४न४मस--ददवत४ओर कद ; यत--जह४ह; धमर:--धमर; सन४तन: --
श४शवत, परमपर४गत; तसथ--उस ( आध४र ) क४; च-- भश; बह--बह सभयत४; गक-- गक-रक४; कवप४: --ब४हणणगण; तप:--
तपसय४; यज४:--यज; स-दककण४: --समपकचत प४ररभकमक ( दककण४ ) समदत |.
समसत ददवत४ओर कद आध४र भगव४ननन कवषणप हह कजनक४ व४स वहथ हकत४ हह जह४ह धमर,
परमपर४गत सरसकक कत, वदद, गलवम, ब४हण, तपसय४ तथ४ दककण४यपत यज हकतद हह।
त४तपयर : यह४ह पर सन४तन धमर क४ वणरन ककय४ गय४ हह, कजसमम बहश सरसकक कत, ब४हण, यज तथ४
धमर कनकहत हकतद हह। यद कमलकर कवषणप स४म४जय कक सथ४पन४ करतद हह । कवषणप स४म४जय कद कबन४ ककई भश
सपखश नहथ हक सकत४। न तद कवदप: सव४थरगकतर कह कवषणपम-इस आसपरश सभयत४ मम दपभ४रगयवश लकग यह
नहथ समझ प४तद कक म४नव सम४ज क४ सव४थर कवषणप मम कनकहत हह। दपर४शय४ यद बकहरथरम४कनन:--अतद वद
कनर४श४पसणर आश४ मम लगद हह। लकग ईशभ४वन४मकत य४ कक षणभ४वन४मकत कद कबन४ हश सपखश रहन४ च४हतद हह
कयतकक उनक४ म४गरदशरन ऐसद अज४नश नदत४ करतद हह, जक म४नव सम४ज मम अवयवसथ४ उतपन करतद हह।
करस कद असपर अनपय४यश म४नव सपख कक परमपर४गत कसथकत कक भरग करकद ददवत४ओर और भकत कक
हर४न४ च४ह रहद थद। जब तक ददवत४ओर तथ४ भकत क४ प४ध४नय नहथ हकग४, तब तक असपरगण बढमगद और
तसम४तसव४रतमन४ र४जनब४हण४नबहवग४कदन: ।
तपकसवनक यजशशल४नग४शच हनमक हकवदपघ४: ॥ ४०॥
तसम४तनन--इसकलए; सवर-आतमन४--हर तरह सद; र४जननन--हद र४जननन; ब४हण४ननन--ब४हणत कक; बह-व४कदन:--कवषणप-कद कनदत
बहश सरसकक कत कक बन४ए रखनद व४लत; तपकसवन:--तपसवश जनत; यज-शशल४ननन--यज मम लगद रहनद व४लत कक; ग४: च--गलवत तथ४
गलवत कक रक४ करनद व४लत कक; हनम:--हम वध करमगद; हकव:-दपघ४:--कजनकद दसध सद यज मम ड४लनद कद कलए घश कमलत४ हह।.
हद र४जनस, हम आपकद सचद अनपय४यश हह, अतद वहकदक ब४हणत, यज तथ४ तपसय४ मम लगद
वयककयत तथ४ उन ग४यत क४, जक अपनद दसध सद यज कद कलए घश पद४न करतश हह, वध कर ड४लमग।द
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कवप४:--ब४हण; ग४वद च--तथ४ ग४एह; वदद४: च--तथ४ वहकदक ज४न; तप:द--तपसय४; सतयमनन--सतयत४; दम: --इकनदय सरयम;
शम:--मन क४ सरयम; शद४-- शद४; दय४--दय४; कतकतक४--सकहषणपत४; च--भश ; कतव:द च--तथ४ यज भश; हरद: तनस:--
भगव४ननन कवषणप कद शरशर कद कवकभन अरग हह।.
ब४हण, गलवम, वहकदक ज४न, तपसय४, सतय, मन तथ४ इकनदयत क४ सरयम, शद४, दय४,
सकहषणपत४ तथ४ यज--यद भगव४ननन कवषणप कद शरशर कद कवकवध अरग हह और दहवश सभयत४ कद यद हश
स४ज-स४म४न हह।
जब कक षण स४म४कजक वयवसथ४ मम व४सतकवक पसणरत४ सथ४कपत करनद आतद हह, तक वद गलवत तथ४
ब४हणत कक अपन४ सररकण पद४न करतद हह ( गकब४हणकहत४य च ) । यह उनकक पहलश अकभरकच रहतश हह
कयतकक ब४हणत तथ४ गलवत कक सपरक४ कद कबन४ म४नव सभयत४ असमभव हह और सपखश श४नत जशवन क४
पशन हश नहथ उठत४। इसशकलए असपरगण सद४ ब४हणत तथ४ गलवत क४ वध करनद कक त४क मम रहतद हह।
कवशदर रप सद इस ककलयपग मम गलवम कवशवभर मम म४रश ज४ रहश हह और जयतहश बहश सभयत४ कक सथ४कपत
करनद कद कलए आनदकलन हकत४ हह तयतहश आम जनत४ सद कवदकह कर४ कदय४ ज४त४ हह। वद कक षणभ४वन४मकत
आनदकलन कक एक तरह कक “कदम४गश धपल४ई'' म४नतद हह। ऐसद ईषय४रलप लकग ईशवरकवहशन सभयत४ मम
ककस तरह सपखश हक सकतद हह ? भगव४ननन ऐसद लकगत कक जनम-जनम४रतर अरधक४र मम रखकर दणड ददतद हह
और उनहम कनमन सद कनमततम नरक कद जशवन मम धकद ल ददतद हह। कक षणभ४वन४मकत आनदकलन नद बहश
सभयत४ क४ शपभ४रमभ ककय४ हह, ककनतप कवशदर रप सद जब प४शच४तय ददशत मम इसक४ ससतप४त हक रह४ हह, तक
असपरगण अनदक पक४र सद इसद रककनद कद पय४स कर रहद हह। इतनद पर भश म४नव सम४ज कद ल४भ कद कलए
स कह सवरसपर४धयकक ह४सपरकदडगपह४शय: ।
तनमसल४ ददवत४: सव४र: सदशवर४: सचतपमख पर ४: ।
अयर वह तदधकप४यक यदरशण४र कवकहरसनमनन ॥ ४२॥
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ददवत४ जशकवत हह; सव४र:--वद सभश; स-ई शवर४:--कशव समदत; स-चतप:-मपख४:--तथ४ च४र मपखत व४लद बह४ भश; अयमननस--यह हह;
बह--कनससनददह; ततननस-वध-उप४य:--उसकद ( कवषणप कद ) म४रनद क४ एकम४त उप४य; यतनन-- जक; ऋरशण४मनन--ऋकरयत-मपकनयत अथव४
वहषणवत क४; कवकहरसनमनन--सभश पक४र कद दणड द४र४ दमन।.
पतयदक वयकक कद हदय मम व४स करनद व४लद परम४तम४ सवरप भगव४ननन कवषणप असपरत कद परम
शतप हह और इसशकलए वद असपरकदटन न कहल४तद हह। वद स४रद ददवत४ओर कद अगपआ हह कयतकक भगव४ननन
कशव तथ४ भगव४ननन बह४ समदत स४रद ददवत४ उनहथ कद सररकण मम रह रहद हह। बडद-बडद ऋकर, स४धप
तथ४ वहषणव भश उनहथ पर आकशत रहतद हह। अतद वहषणवत क४ उतपशडन करन४ हश कवषणप कक म४रनद
क४ एकम४त उप४य हह।
त४तपयर : कवशदर रप सद ददवत४ तथ४ वहषणवजन भगव४ननन कवषणप कद अरग हह कयतकक वद उनकक आज४
क४ सदहव प४लन करतद हह ( ३४ तदनन कवषणक: परमर पदर सद४ पशयकनत ससरयद) | करस कद असपर अनपय४कययत
नद सकच४ कक यकद वहषणवत, स४धप-पपररत तथ४ ऋकरयत कक सत४य४ ज४एग४ तक कवषणप क४ मसल शरशर सहज
हश कवनष हक ज४एग४। इस तरह उनहतनद वहषणवव४द क४ दमन करनद क४ कनशचय ककय४। असपरगण नहथ
च४हतद कक वहषणवव४द फह लद इसकलए वद वहषणवत कक कनरनतर सत४तद रहनद कद कलए पयतनशशल रहतद हह।
वहषणवजन एकम४त भकक क४ पच४र करतद हह। वद ककमरयत, ज४कनयत तथ४ यककगयत कक ककसश पक४र क४
पकतस४हन नहथ ददतद कयतकक यकद ककई अपनद कक भवबनधन सद छप ड४न४ च४हत४ हह , तक अनततकगतव४ उसद
वहषणव बनन४ हकग४। हम४र४ कक षणभ४वन४मकत आनदकलन इसश ओर उनननमपख हह इसशकलए असपरगण इसद दब४नद
मम सदहव लगद रहतद हह।
शशशपक उब४च
एवर दपमरनतकभ: करस: सह सममनतय दपमरकत: ।
बहकहरस४र कहतर मदनद क४लप४श४वकतक 5 सपर: ॥ ४३॥
शश-शपक: उब४च-- शशशपकददव गकसव४मश नद कह४; एवमनन--इस पक४र; दपमरनतकभ: --अपनद बपरद मरकतयत कद ; करस:--र४ज४ करस;
सह--स४थ; सममनननय--कवसत४र सद कवच४र-कवमशर करकद ; दपमरकतद--बपकदहशन; बह-कहरस४मनन--ब४हणत कद उतपशडन कक; कहतमननस--
सवरतकक ष उप४य कद रप मम; मदनद--म४न कलय४; क४ल-प४श-आवबकतद --यमर४ज कद कवकध-कवध४नत सद बहध४ हह आ; असपरद--असपर
हकनद कद क४रण।.
शपकददव गकसव४मश नद आगद कह४ : इस पक४र अपनद बपरद मरकतयत कक सल४ह पर कवच४र करकद
यमर४ज कद कनयमत सद बहध४ हह आ हकनद तथ४ असपर हकनद सद बपकदहशन उस करस नद सलभ४गय प४प
श४
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त४तपयर : शशल लकचनद४स ठ४कप र क४ गशत हह-- आपन करम भपज४यद शमन, कहयद लकचनद४स।
ईशवरकवहशन अभकगण ऋकरयत तथ४ श४सत सद सदपपददश गहण न करकद मनम४नद ढरग सद क४यर करतद हह।
ककनतप व४सतव मम ककसश कक अपनश ककई यकजन४ नहथ हकतश कयतकक सभश पकक कत कद कनयमत सद बहधद हकनद
कद क४रण बद जशवन कक अपनश पवककत कद अनपस४र कमर करमगद। अतद मनपषय कक अपन४ कनणरय
बदलकर कक षण तथ४ कक षण भकत कद कनणरय क४ प४लन करन४ हकग४। तभश वह यमर४ज कद दणड सद बच
सकत४ हह। करस अनपढ न थ४। वसपददव तथ४ ददवकक कद स४थ उसकक ब४तत सद ऐस४ लगत४ हह कक वह
पकक कत कद कनयमत कद ब४रद मम सब ज४नत४ थ४। ककनतप अपनद बपरद मरकतयत कक सरगकत कद क४रण वह अपनद
कलय४ण कद कवरय मम ककई सपष कनणरय नहथ लद सक४। इसशकलए शशचदतनय-च४ररव४गडत (मधय २२.५४)
मम कह४ गय४ हह--
यकद ककई अपन४ असलश कलय४ण च४हत४ हह, तक उसद च४कहए कक वह स४धप पपररत तथ४ भकत कक
सरगकत करद और इस तरह अपनद जशवन कक भलकतक दश४ कक सपध४रद।
सकनदशय-- अनपमकत ददकर; स४धप-लककसय--स४धप पपररत कद ; कदनद--सत४नद मम; कदन-कपय४नननस--अनयत कक सत४नद मम कपय असपरत
कक; क४म-रप-धर४नननस--अपनश इचछ४नपस४र ककई भश रप ध४रण करनद मम समथर; कदशरप--स४रश कदश४ओर मम; द४नव४नन
न स--असपरत कक;
गकहमनन आकवशतनन--करस अपनद महल मम चल४ गय४।.
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तद--वद असपर मरतशगण; बह--कनससनददह; रज:-पकक तय: --रजकगपणश पकक कत कद क४रण; तमस४--तमकगपण सद पररपसणर; मसढ-
चदतस: --मसखर वयकक; सत४मनन--स४धप पपररत कक; कवददरमनन--सत४न४, उतपशडन; आचदर: --समपन ककय४; आर४तनन आगत-मकतय-
वबद--मकतयप पहलद सद हश जक उनकद कनकट थश।.
रजक तथ४ तमकगपण सद पसररत तथ४ अपनद कहत य४ अकहत कक न ज४नतद हहए उन असपरत नद,
कजनकक मकतयप उनकद कसर पर न४च रहश थश, स४धप पपररत कक सत४न४ प४रमभ कर कदय४।
“कजस पक४र इस शरशर मम ददहध४रश जशव४तम४ ब४लपन सद यपव४वसथ४ तथ४ कफर वकद४वसथ४ कक प४प
हकत४ हह उसश तरह मकतयप कद समय आतम४ दससरद शरशर मम चल४ ज४त४ हह। सवरप कसद पपरर ऐसद पररवतरन
सद मककहत नहथ हकत४।'” रजक तथ४ तमकगपण सद पसणर गहरकजममदद४र वयकक मसखरत४ सद ऐसद क४म करतद रहतद
हह, कजनहम नहथ ककय४ ज४न४ च४कहए ( नसनर पमत: कप रतद कवकमर ) | ककनतप ऐसद गहरकजममदद४र कमर क४ फल
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(1 ०ए 0 ०'- प४हच
ननद मह४र४ज तथ४ वसपददव कक भमट
इस अधय४य मम बतल४य४ गय४ हह कक नननननद मह४र४ज नद अपनद नवज४त कशशप क४ जनमकतसव बडद हश
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धसमध४म कद स४थ मन४य४। इसकद ब४द वद करस कक कर ददनद गए तथ४ अपनद घकनष कमत वसपददव सद कमलद।
कक षण-जनम सद स४रद वकनद४वन मम अतयकधक उल४स थ४। हर वयकक खपशश सद फस ल४ नहथ सम४ रह४
थ४। इसकलए बजर४ज मह४र४ज ननद नद इस कशशप क४ जनमकतसव मन४न४ च४ह४ और उनहतनद इसद मन४य४
भश। इस महकतसव मम उनहतनद उपकसथत लकगत कक मपहहम४हगश भमटम दथ। उतसव कद ब४द ननननद मह४र४ज गव४लत
कद ऊपर गककप ल कक रक४ क४ भ४र ससपकर करस कक कर चपक४नद कद कलए सवयर मथपर४ गए। मथपर४ मम ननननद
मह४र४ज कक भमट वसपददव सद हह ई। वद दकनत भ४ई-भ४ई थद। वसपददव नद ननननद मह४र४ज कद भ४गय कक सर४हन४
कक कयतकक उनहम ज४त थ४ कक कक षण नद ननद मह४र४ज कक अपन४ कपत४ म४न कलय४ हह। जब वसपददव नद कशशप
कक कप शलत४ कद कवरय मम ननननद मह४र४ज सद पसछ४ तक उनहतनद वकनद४वन कद कवरय मम स४रश ब४तम बतल४ई।र
वसपददव यह सपनकर अतयनत पसन हह ए यदकप करस द४र४ ददवकक कद अनदक कशशपओर कद म४रद ज४नद क४
शकक भश उनहतनद वयक ककय४। नननद मह४र४ज नद वसपददव कक यह कहकर ढ४ढस बहधह ४य४ कक हर क४यर
प४रबध कद अनपस४र हकत४ हह, अत: जक इसद ज४नत४ हह, वह दपखश नहथ हकत४। वसपददव कक गककप ल मम अनदक
उतप४तत कक आशरक४ थश इसकलए उनहतनद ननद मह४र४ज कक सल४ह दश कक वद मथपर४ मम अकधक न रकम
अकपतप कजतनश जलदश हक सकद वकनद४वन ललट ज४हए। इस पक४र ननननद मह४र४ज नद वसपददव सद कवद४ लश और
शशशपक उब४च
शश-शपकद उव४च-- शशशपकददव गकसव४मश नद कह४; नननननदद--मह४र४ज ननद; तप--कनससनददह; आतमजद--अपनद पपत कद ; उतपनद--उतपन
हकनद मम; ज४त--अकभभसत हह ए; आह४द:--अतयकधक हरर; मह४-मन४:--कवश४ल मन व४लद; आहह य--बपल४य४; कवप४नननस--ब४हणत
कक; वदद-ज४नस--वददत कद ज४त४; सन४त:--सन४न करकद ; शपकच:--अपनद कक शपद करकद ; अलडह त: --सपनदर आभसरणत तथ४ नए
वसत सद सकजत; व४चकयतव४--प४ठ करकद ; सवकसत-अयनमनन--( ब४हणत द४र४ ) वहकदक मरत; ज४त-कमर--जनमकतसव;
आतमजसय--अपनद लडकद क४; बह--कनससनददह; क४रय४मनन आस--समपन कर४य४; कवकध-वतनन--वहकदक कवध४न कद अनपस४र; कपतक-
ददव-अचरनमनन--पसवरजत तथ४ ददवत४ओर कक पसज४; तथ४--स४थ हश स४थ।.
शपकददव गकसव४मश नद कह४ : ननद मह४र४ज सवभ४व सद अतयनत उद४र थद अतद जब भगव४ननन
शशकक षण नद उनकद पपत रप मम जनम कलय४ तक वद हरर कद म४रद फस लद नहथ सम४ए। अतएव सन४न द४र४
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अपनद कक शपद करकद तथ४ समपकचत ढरग सद वस ध४रण करकद उनहतनद वहकदक मरतत क४ प४ठ करनद
ब४लद ब४हणत कक बपल४ भदज४। जब यद यकगय ब४हण शपभ बहकदक सतकतत क४ प४ठ कर चपकद तक
ननद नद अपनद नवज४त कशशप कद ज४त-कमर कक कवकधवतनन समपन ककए ज४नद कक वयवसथ४ कक।
उनहतनद ददवत४ओर तथ४ पसवरजत कक पसज४ क४ भश पबनध ककय४।
त४तपयर : शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र नद ननननदसतप शबदत कद महतव कक वय४खय४ कक हह। उनक४
कहन४ हह कक ठप शबद व४कय कक पसकतर कद कलए नहथ आय४ कयतकक यह व४कय ठप शबद कद कबन४ भश पसणर
हह। अतद ढप क४ पयकग ककसश कभन पयकजन सद ककय४ गय४ हह। यदकप कक षण ददवकक पपत कद रप मम उतपन
हह ए, ककनतप वसपददव तथ४ ददवकक ज४तकमर क४ आननद नहथ उठ४ प४ए थद। उलटद, इसक४ आननद कलय४ ननद
मह४र४ज नद जहस४कक यह४ह बतल४य४ गय४ हह ( नननननदसतप आतमज उतपनद ज४त४हदक मह४मन४:) | जब ननद
मह४र४ज वसपददव सद कमलद तक वसपददव नद यह पकट नहथ ककय४ कक “तपमह४र४ पपत कक षण तक व४सतव मम मदर४
पपत हह। तपम तक आधय४कतमक रप सद उसकद कपत४ हक।” करस कद भय कद क४रण वसपददव कक षण क४
ज४तकमर नहथ मन४ सकद । ककनतप ननननद मह४र४ज नद इस अवसर क४ पसर४-पसर४ ल४भ उठ४य४।
ज४तकमर नवज४त कशशप कद न४ल क४टतद समय क४ उतसव हह। ककनतप कक षण कक तक ननननद मह४र४ज कद
घर लद ज४य४ गय४ थ४ अतएवर इसकद कलए कह४ह अवसर थ४! इस पसरग मम कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र
अनदक श४तरत कद पम४णत सद यह कसद करन४ च४हतद हह कक कक षण नद यशकद४ कक ककख सद यकगम४य४ कद
पहलद हश जनम लद कलय४ थ४ इसशकलए यकगम४य४ उनकक छकटश बहन कहश ज४तश हह। भलद हश न४ल क४टनद
कद ब४रद मम कप छ शरक४एह हत और भलद हश कक षण क४ न४ल न क४ट४ गय४ हक ककनतप जब भगव४ननन पकट हकतद
हह, तक ऐसश घटन४एह यथ४थर म४नश ज४तश हह। कक षण बह४ कद नथपनत सद वर४हददव कद रप मम पकट हह ए तक
बह४ कक वर४हददव क४ कपत४ कह४ ज४त४ हह। क४रय४मनन आस कवकधवत शबद भश महतवपसणर हह। पपत -जनम
कद हर४रकतररक कद क४रण ननद मह४र४ज नद ददख४ हश नहथ कक पपत क४ न४ल कट४ अथव४ नहथ। इस तरह
उनहतनद बडश हश धसमध४म सद उतसव मन४य४। कप छ कवद४नत कद अनपस४र कक षण व४सतव मम यशकद४ कद पपत
रप मम उतपन हहए थद। जक भश हक, हम इस पचडद मम न पडकर यह म४न सकतद हह कक ननद मह४र४ज द४र४
कक षण कद जनम पर ककय४ गय४ यह उतसव उकचत थ४। इसशकलए यह उतसव हर जगह ननदकतसव कहल४त४
हह।
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थदनसन४मनन-दपध४र ग४यत क४; कनयपतद--बशस ल४ख; प४द४तनन-द४न मम कदय४; कवपदभय:--ब४हणत कक; समलडह तद-- पसरश तरह
सकजत; कतल-अदशनस--कतल ( अन ) कद पह४ड; सप--स४त; रतन-ओघ-श४त-कलमभ-अमबर-आवकत४ननन--रतनत तथ४ सपनहरद
ककन४रद व४लद वसत सद ढकद |.
ननद मह४र४ज नद ब४हणत कक वसत तथ४ रतनत सद अलरककत बशस ल४ख गलवम द४न मम दथ। उनहतनद
रतनत तथ४ सपनहरद गकटद व४लद बसत सद ढकद कतल सद बन४यद गयद स४त पह४ड भश द४न मम कदए।
'क४लदन--समय आनद पर ( सथल तथ४ अनय वसतपएह पकवत हक ज४नद पर ); सत४न-शलच४भय४मनन--सत४न तथ४ सफ४ई कद द४र४ ( शरशर
तथ४ मकलन वसतपएह शपद हकतश हह ); सरसक४रहद--सरसक४र द४र४ ( जनम शपद हकत४ हह ); तपस४--तपसय४ द४र४ ( इकनदय४ह शपद हकतश
हह ); इजयय४--पसज४ द४र४ ( ब४हण शपद बनतद हह ); शपधयकनत--शपद बनतद हह; द४नह:द--द४न द४र४ ( समपकत शपद हकतश हह );
सनतपषठध४--सनतकर सद ( मन शपद हकत४ हह ); दवय४कण--स४रश समपकत यथ४ गलवम, भसकम तथ४ सकन४; आतम४--आतम४ ( शपद बनत४
हह ); आतम-कवदय४--आतम-स४क४तक४र द४र४।.
हह र४जन, समय बशतनद कद स४थ हश, धरतश तथ४ अनय समपकत शपद हक ज४तश हह; सन४न सद
शरशर शपद हकत४ हह और सफ४ई करनद सद मकलन वसतपएह शपद हकतश हह। सरसक४र अनपष४नत सद जनम
शपद हकत४ हह, तपसय४ सद इकनदय४ह शपद हकतश हह तथ४ पसज४ सद और ब४हणत कक द४न ददनद सद भलकतक
समपकत शपद हकतश हह। सननतन कर सद मन शपद हकत४ हह और आतमज४न अथ४रतनन कक षणभ४वन४मकत सद
आतम४ शपद हकत४ हह।
त४तपयर : वहकदक सभयत४ कद अनपस४र वसतपओर कक ककस तरह शपद ककय४ ज४ए, इसकद कवरय मम हश
यद आददश हह। शपद ककए कबन४ पयकग कक ज४नद व४लश हर वसतप हमम कलमरगसत कर ददगश। भ४रत मम प४हच
हज४र वरर पसवर, ग४हवत तक मम, यथ४ ननननद मह४र४ज कद ग४हव मम भश लकग ज४नतद थद कक वसतपओर कक ककस
तरह शपद ककय४ ज४त४ हह, कजसकद क४रण वद कलमररकहत जशवन कबत४तद थद।
सलमडस लय-कगर:--कजनकक व४णश सद कनकलद मरत तथ४ सतकत व४त४वरण कक शपद करतद थद; कवप४:--ब४हणणण; ससत--इकतह४स
ग४नद मम पटप लकग; म४गध--र४जपररव४रत कद इकतह४स ग४नद मम पटप लकग; वकनदन:--स४म४नय व४चक; ग४यक४: --गवहयद; च-- भश;
जगप:--उच४रण ककय४; नदद:प --बज४य४; भदयर:--एक पक४र क४ व४द यरत; दपनदपभय:--एक पक४र क४ ब४ज४; मपहहद --कनरनतर |.
ब४हणत नद मरगलक४रश वहकदक सतकत सपन४ए कजनकक धवकन सद व४त४वरण शपद हक गय४।
प४चशन इकतह४सत य४ पपर४णत कक सपन४नद व४लद, र४जपररव४रत कद इकतह४स सपन४नद व४लद तथ४ स४म४नय
ब४चकत नद ग४यन ककय४ जबकक गयवहयत नद भदरश, दपनदपभश आकद अनदक पक४र कद व४द यरतत कक
सरगत मम ग४य४।
बजद समपकषसरकसकद४र४कजरगकह४नतर: ।
कचतधवजपत४क४सनडकहलपलवतकरणह: ॥ ६॥
बज: --ननद मह४र४ज कद अकधक४र व४ल४ भस-कदत; सममकष--अतयनत सवचछ कक गई; सरकसक--अचछश तरह धकई गई; द४र--
दरव४जद; अकजर-- आहगन; गकह-अनतर: --घर कद भशतर कक स४रश वसतपएह; कचत--ररग-कबररगश; धवज--झरकडय४ह; पत४क४--झरडद;
सतकस -फस लत कद ह४र; चहल--कपडद कद ; पललब--आम कक पकतयत कद ; तकरणहद --कवकभन सथ४नत पर बन४ए गए द४रत कद द४र४
(अलरककत )..
ननद मह४र४ज क४ कनव४स बजपपर ररग-कबररगश झरकडयत तथ४ झरडत सद पसरश तरह सज४य४ गय४ थ४
और कवकभन सथ४नत पर न४न४ पक४र कद फस लत कक म४ल४ओर, वसत तथ४ आम कक पकतयत सद तकरण
बन४ए गए थद। आहगन, सडकत कद प४स कद दरव४जद तथ४ घरत कद कमरत कद भशतर कक स४रश वसतपएह
अचछश तरह सद झ४ड बपह४र कर प४नश सद धकई गई थथ।
ग४व:--गलवम; वकर४: --बहल; वतसतर४:--बछडद; हररद४--हलदश; तहल--तदल; रकरत४:--लदप ककए गए; कवकचत--तरह-तरह कद ;
ध४तप--ररगशन खकनज; बई-सकस -मकरपरख कद ह४र; वस--कपडद; क४ञनन--सपनहरद गहनद; म४कलन:--म४ल४ओर सद सज४ए हह ए।.
गलवत, बहलत तथ४ बछडत कद स४रद शरशर मम हलदश तथ४ तदल कद स४थ न४न४ पक४र कद खकनजत
क४ लदप ककय४ गय४ थ४। उनकद मसतकत कक मकर परखत सद सज४य४ गय४ थ४, उनहम म४ल४एह पहन४ई
गईर थथ और ऊपर सद वस तथ४ सपनहरद गहनत सद आचछ४कदत ककय४ गय४ थ४।
त४तपयर : भगव४ननन कद भगवदशत४ (१८.४४) मम आददश कदय४ हह-कक करयकरकयव४कणजयर
वहशयकमरसवभ४वजमनन-खदतश करन४, गक-रक४ तथ४ वय४प४र वहशयत कद गपण हह। ननद मह४र४ज वहशय ज४कत
कद --खदकतहर--थद। ककस तरह ग४यत कक रक४ करनश च४कहए और यह वहशय ज४कत ककतनश समपन थश
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इसश क४ वणरन इन शलककत मम हह आ हह। हम कलपन४ भश नहथ कर सकतद कक गलवम, बहल तथ४ बछडत कक
इतनद सपनदर ढरग सद ददखभ४ल कक ज४तश हकगश और उनहम वतर तथ४ बहह मसलय सपनहरश गहनत सद इस तरह
सज४य४ ज४त४ हकग४। वद लकग ककतनद सपखश थद। शशमद४गवत मम अनयत वणरन आय४ हह कक मह४र४ज
यपकधषकटर कद क४ल मम गलवम इतनश सपखश थथ कक उनकद दसध सद गकचर भसकम कसक हक ज४तश थश। यह हह
भ४रतशय सभयत४। कफर भश उसश भ४रतवरर मम न ज४नद ककतनद लकग वहकदक जशवन-शहलश छकडनद तथ४
मह४ईवस४भणकञपककषणशरभसकरत४: ।
गकप४: सम४ययस र४जन४नकप४यनप४णय: ॥ ८॥
मह४-अहर --अतयनत मसलयव४न; वस-आभरण--कपडत तथ४ गहनत सद; कञलपक--वकनद४वन मम पहन४ ज४नद व४ल४ कवशदर वस,
अहगरख४; उषणशर--पगडश सद; भसकरत४द--अचछश तरह सजद; गकप४:--स४रद गव४लद; सम४ययप:--वह४ह आए; र४जनननस-हद र४जननन
( मह४र४ज परशककत ); न४न४--अनदक पक४र कक; उप४यन-- भमटम; प४णय:--ह४थ मम कलए हह ए।.
हद र४ज४ परशककत, गव४लद अतयनत मसलयव४न गहनद तथ४ करचपक और पगडश जहसद वसत सद खसब
सजद-धजद थद। इस तरह सद सजधज कर तथ४ अपनद ह४थत मम तरह-तरह कक भमटम लदकर वद ननद
मह४र४ज कद घर आए।
त४तपयर : जब हम ददह४त कद खदकतहर कक पपर४नश दश४ पर कवच४र करतद हह, तक पत४ चलत४ हह कक
म४त कक कर-उपज तथ४ गलवत कक सपरक४ कद बल पर वह ककतन४ समकद थ४। ककनतप वतरम४न समय मम कक कर
कक उपदक४ कक ज४ रहश हह और गक-रक४ क४ पररतय४ग हक चपक४ हह, कजससद खदकतहर कक कसथकत दयनशय हह
और वह फटद-पपर४नद वस पहनद रहत४ हह। प४चशन भ४रत और वतरम४न-क४लशन भ४रत मम यहश अनतर हह।
गकपयद-गव४लत कक पकतय४ह, गककपय४ह; च-- भश; आकणरयर --सपनकर; मपकदत४द --अतयरत पसन हहए; यशकद४य४:-- यशकद४ म४त४
कद ; सपत-उदवमनन--पपत जनम कक; आतम४नमनन-सवयर; भसरय४मनन चकप :--उतसव मम ज४नद कद कलए अचछश तरह सद सज गई;
र बस-
आकलप-अजन-आकदकभद --उपयपक वसत, गहनत, क४जल इतय४कद सद |.
गककपय४ह यह सपनकर अतयकधक पसन थथ कक म४त४ यशकद४ नद पपत कक जनम कदय४ हह , अतद वद
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नव-कप डह म-ककजलक--कद सर तथ४ नव-कवककसत कपर कप म फस ल सद; मपख-पदलपज-भसतय:--अपनद कमल जहसद मपखत मम अस४ध४रण
सलनदयर पकट करतद हह ए; बकलकभ:--अपनद ह४थत मम भमटम कलए हह ए; तवररतमनन--जलदश सद; जममप:--( म४त४ यशकद४ कद घर ) गई;
र
पकथप-शकणयद --सशयककचत सलनदयर कद अनपरप भ४रश कनतमबत व४लश; चलतनन-कप च४:--कहल रहद बडद-बडद सतन |
अपनद कमल जहसद अस४ध४रण सपनदर मपखत कक कद सर तथ४ नव-कवककसत कपर कप म सद अलरककत
करकद गककपय४ह अपनद ह४थत मम भमटम लदकर म४त४ यशकद४ कद घर कद कलए तदजश सद चल पडथ।
प४कक कतक सलनदयर कद क४रण उनकद कनतमब बडद-बडद थद तथ४ तदजश सद चलनद कद क४रण उनकद
बडद-बडद सतन कहल रहद थद।
त४तपयर : गव४लद तथ४ गव४कलनम ददह४तत मम प४कक कतक जशवन कबत४तद थद और रकखतयत मम सहज कसयककचत
सलनदयर कवककसत हकत४ थ४ कजससद उनकद कनतमब और सतन बडद-बडद हकतद थद। चसकह क आधपकनक सभयत४
मम कसय४ह प४कक कतक जशवन नहथ कबत४तथ इसकलए उनकद कनतमब तथ४ सतन प४कक कतक ढरग सद पररपपष नहथ
हकतद। बन४वटश जशवन कबत४नद सद कखतयत नद अपन४ प४कक कतक सलनदयर खक कदय४ हह भलद हश वद अपनद कक
सवतरत तथ४ भलकतक सभयत४ मम पपरदसर कनयत न म४नतश हत। ग४मशण कसयत क४ यह कववरण प४कक कतक
जशवन और गकहत सम४ज कद कक कतम जशवन कद अनतर क४ एक सपष उद४हरण हह--कवशदर रप सद
प४शच४तय ददशत मम जह४ह नग सलनदयर कक कबत तथ४ दपक४नत मम तथ४ आम कवज४पन कद कलए सहज हश
खरशद४ ज४ सकत४ हह। बकलकभ: शबद बतल४त४ हह कक कसय४ह सवणरमपद४एह, रतजकटत म४ल४एह, सपनदर वख,
दसव४र, चनदन लदप, पपषप म४ल४एह तथ४ सवणर कक थ४लत मम कवकवध भमटम लदकर गई थथ। ऐसश भमटम बकल
कहल४तश हह। तवररत जगमप: शबद ससकचत करतद हह कक ग४मशण स४य४ह ककतनश जलदश समझ गई र कक म४त४
यशकद४ नद कक षण न४मक अदपत ब४लक कक जनम कदय४ और वद ककतनश पसन थथ!
त४तपयर : कक षण क४ सव४गत करनद कद कलए मह४र४ज ननद कद घर ज४ रहश गककपयत क४ वणरन कवशदर
रप सद महतवपसणर हह। गककपय४ह स४म४नय कसय४ह नहथ थथ अकपतप वद कक षण कक ह४कदनश शकक कक अरश थथ,
जहस४कक बह-सरकहत४ मम कह४ गय४ हह--
आननदकचनययरसपकतभ४कवत४कभ-
( बह-सरकहत४ ५.३७)
कचनत४मकणपकरसदसप कलपवकक-
लक४वकतदरप सपरभशर४कभप४लयनतमनन ।
लकमशसहसशतसमभम सदवयम४नर
( बह-सरकहत४ ५.२९)
कक षण जह४ह भश ज४तद हह, सद४ हश गककपयत द४र४ पसजद ज४तद हह। इसशकलए शशमद४गवत मम कक षण क४
इतन४ कवशदनन वणरन हहआ हह। शश चहतनय मह४पभप नद भश कक षण क४ वणरन इस पक४र ककय४ हह--रसय४
क४कचदपप४सन४ बजवधसवगरण य४ ककलपत४ । स४रश गककपय४ह अपनश-अपनश भमटम लदकर कक षण कद प४स ज४ रहश
त४द--स४रश कसय४ह, गव४लत कक पकतलय४ह तथ४ पपकतय४ह; आकशर:--आशशव४रद; पयपज४न४:-- भमट; कचरमस--दशघरक४ल तक; प४कह--
आप बज कद र४ज४ बनम और इसकद स४रद कनव४कसयत क४ प४लन करम; इकत--इस पक४र; ब४लकद --नवज४त कशशप कक; हररद४-
चसणर--हलदश क४ चसणर; तहल-अकद:--तदल सद कमकशत; कसदनतयद--कछडक४व करतद हह ए; अजनमनन--अजनम४ भगव४ननन कक;
उजगपद--सतपकतय४ह कक.
गव४लत कक पकतनयत तथ४ पपकतयत नद नवज४त कशशप, कक षण, कक आशशव४रद ददतद हहए कह४,
“आप बज कद र४ज४ बनम और यह४ह कद स४रद कनव४कसयत क४ दशघरक४ल तक प४लन करम।'' उनहतनद
“जब-जब धमर कक ह४कन हकतश हह और अधमर क४ प४ध४नय हकत४ हह तब-तब हद भरतवरशश ! मह सवयर
अवतररत हकत४ हह ।ह '' बह४ कद एक कदन मम, जब भश कक षण अवतररत हकतद हह, तक वद वकनद४वन मम ननननद
मह४र४ज कद घर मम हश आतद हह । कक षण स४रश सककष कद सव४मश हह ( सवरलककमहदशवरमनन ) | अत: न कद वल नरद
मह४र४ज कद बज कद पडकस मम अकपतप स४रद बह४णड मम तथ४ अनय सभश बह४णडत मम भगव४ननन कद शपभ
गकप४:-गव४लद; परसपरमनन--एक दससरद सद; हष४:--पसन हककर; दकध--दहश; कशर-- औरट४य४ दसध ( खशर ); घकत-अमबपकभ:--घश
कद स४थ कमलद जल सद; आकसशञनतद--कछडकतद हह ए; कवकलमपनत:--लदप करकद ; नवनशतहद च--तथ४ मकखन सद; कचककपपद--एक
दससरद पर फम कनद लगद।.
गव४लत नद पसन हककर एक दससरद कद शरशरत मम दहश, खशर, मकखन तथ४ जल क४ घकल
कछडककर इस महकतसव क४ आननद कलय४। उनहतनद एक दससरद पर मकखन फम क४ और एक दससरद
कद शरशरत मम पकत४ भश।
त४तपयर : इस कथन सद हम समझ सकतद हह कक प४हच हज४र वरर पसवर दसध, दहश तथ४ मकखन कक
इतनश पचपरत४ थश कक न कद वल ख४नद, पशनद तथ४ भकजन बन४नद कद कलए पय४रप थ४ अकपतप उतसव कद
अवसर पर कबन४ रककटकक कद ऐसद फम क४ भश ज४त४ थ४। म४नव सम४ज मम दसध, दहश, मकखन तथ४ ऐसद
दससरद पद४थर कक च४हद कजतनश म४त४ पयपक कक ज४ए इस पर ककई रकक न थश। हर वयकक कद प४स दसध क४
पचपर सरगह हकत४ थ४ और इससद कवकवध वयरजन बन४कर लकग प४कक कतक ढरग सद सवसथ रहतद और
ननदद--मह४र४ज ननद; मह४-मन४:--जक गव४लत मम सव४रकधक नय४यशशल तथ४ म४ननशय पपरर थद; तदभय:--गव४लत कक; व४स:--
वस; अलडव४र-गहनद; गक-धनमनन--तथ४ ग४एह; ससत-म४गध-वबकनदभय:--ससतत ( प४चशन ग४थ४ ग४नद व४लत ), म४गधत( र४जवरशत कक
ग४थ४ ग४नद व४लत ) तथ४ वनदशजनत ( स४म४नय सतपकत ग४यकत ) कक; यद अनयद--तथ४ अनयत कक; कवद४-उपजशकवन: --कवद४ कद बल
पर जशकवक४ चल४नद व४लद; तहद तहद--उन उन; क४मह:-- इचछ४ओर सद; अदशन-आतम४-- मह४र४ज ननद, जक इतनद वद४नय थद; यथ४-
'उकचतमनन--जक उपयपक थ४; अपसजयतनन--उनकक पसज४ कक अथव४ उनहम तपष ककय४; कवषणक: आर४धन-अथ४रय--भगव४ननन कवषणप कक
पसन करनद कद उददशय सद; सव-पपतसथ--अपनद पपत कद ; उदय४य--सवरतकमपखश पगकत कद कलए; च--तथ४।.
उद४रचदत४ मह४र४ज ननद नद भगव४ननन कवषणप कक पसन करनद कद कलए गव४लत कक वस,
आभसरण तथ४ ग४एह द४न मम दथ। इस तरह उनहतनद अपनद पपत कक दश४ कक सभश पक४र सद सहव४र४।
उनहतनद ससतत, म४गधत, वनदशजनत तथ४ अनय वककत व४लद लकगत कक उनकक शहककक यकगयत४ कद
अनपस४र द४न कदय४ और हर एक कक इचछ४ओर कक तपष ककय४।
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रककहणश--बलददव कक म४त४, रककहणश; च-- भश; मह४-भ४ग४--परम भ४गयश४कलनश ( कक षण तथ४ बलर४म कक स४थ-स४थ प४लनद कद
क४रण ); ननद-गकप४-अकभनकनदत४--ननद मह४र४ज तथ४ म४त४ यशकद४ द४र४ समम४कनत; वयचरतनन--इधर-उधर कवचरण करनद मम
वयसत; कदवय--सपनदर; व४स--वदश भसर४; सतकप -म४ल४; कणठ-आभरण--गलद कद गहनद सद; भसकरत४--कवभसकरत |.
बलददव कक म४त४ अकत-भ४गयश४कलनश रककहणश ननननद मह४र४ज तथ४ यशकद४ द४र४ अकभनकनदत
हह ई।र उनहतनद भश श४नद४र वस पहन रखद थद और गलद कद ह४र, म४ल४ तथ४ अनय गहनत सद अपनद कक
सज४ रख४ थ४। वद उस उतसव मम अकतकथ-कसयत क४ सव४गत करनद कद कलए इधर-उधर आ-ज४ रहश
थथ।
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त४तपयर : वसपददव कक दससरश पतनश रककहणश कक भश उनकद पपत बलददव समदत ननननद मह४र४ज कक
ददखरदख मम रख४ गय४ थ४। चसहकक उनकद पकत कक करस नद बनदश बन४ कलय४ थ४ अतएव वद अकधक पसन न
थथ, ककनतप कक षण जनम४षमश अथ४रतनन ननदकतसव पर, जब ननद मह४र४ज अनयत कक वस तथ४ गहनद द४न मम दद
रहद थद तक उनहतनद रककहणश कक भश श४नद४र वस तथ४ गहनद कदए कजससद वद उतसव मम सकममकलत हक सकम ।
इस तरह वद भश अकतकथ रप मम आयथ कसयत क४ सव४गत करनद मम वयसत थथ। कक षण तथ४ बलर४म क४
एकस४थ प४लन-पकरण करनद क४ सलभ४गय प४नद कद क४रण उनहम मह४भ४ग४ कह४ गय४ हह।
ततद आरभय--उस समय सद लदकर; ननदसय--मह४र४ज ननद क४; बज:--बजभसकम, गलवत कक प४लनद तथ४ सररकण पद४न करनद कक
भसकम; सवर-समककदम४ननन--सभश पक४र कद धन सद ऐशवयरव४न; हरद: कनव४स-- भगव४ननन कद कनव४स सथ४न क४; आतम-गपणह: --कदवय
गपणत सद; रम४-आककडमनन--लकमश कक लशल४सथलश; अभसतनन--बनश; नसप--हद र४ज४ ( परशककत )।.
हद मह४र४ज परशककत, ननननद मह४र४ज क४ घर पसणर पपररकतम भगव४ननन तथ४ उनकद कदवय गपणत
क४ श४शवत ध४म हह फलतद उसमम समसत समपद४ओर क४ ऐशवयर सदहव कनकहत हह। कफर भश कक षण कद
आकवभ४रव कद कदन सद हश वह घर ददवश लकमश कक ककड४सथलश बन गय४।
गय४ हह।
गकप४नननस-गव४लत कक; गककप ल-रक४य४मस--गककप ल मणडल कक रक४ कद कलए; कनरपय--कनयपक करकद ; मथपर४मनन--मथपर४; गत:--
गए; ननद:--ननद मह४र४ज; करससय--करस क४; व४कररकयमनन-व४कररक कर; करमनन--ल४भ४रश; द४तपमस--भपगत४न करनद कद कलए;
कप र-उदद-हद कप र वरश कद रकक, मह४र४ज परशककत।.
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शपकददव गकसव४मश नद आगद कह४ : हद मह४र४ज परशककत, हद कप रवरश कद सवरशदष रकक, उसकद
ब४द ननद मह४र४ज नद सथ४नशय गव४लत कक गककप ल कक रक४ कद कलए कनयपक ककय४ और सवयर र४ज४
करस कक व४कररक कर ददनद मथपर४ चलद गए।
त४तपयर : चसहकक ब४लकत क४ वध ककय४ ज४ रह४ थ४ और यह सबकक ज४त हक चपक४ थ४ अतद ननद
मह४र४ज अपनद नवज४त कशशप कद कलए अतयकधक डरद हहए थद। इसकलए उनहतनद अपनद घर तथ४ कशशप कक
रक४ कद कलए सथ४नशय गव४लत कक कनयपक कर कदय४। वद तपरनत हश मथपर४ ज४कर कर भपगत४न करन४ च४ह
रहद थद और अपनद नवज४त कशशप कद उपलकय मम कप छ भमट भश ददन४ च४हतद थद। वद कशशप कद सररकण कद
कलए कवकभन ददवत४ओर तथ४ कपतरत कक पसज४ कर चपकद थद और सब कक जश भर कर द४न भश दद चपकद थद।
इसश तरह ननननद मह४र४ज करस कक न कद वल व४कररक कर चपकत४ करन४ च४ह रहद थद अकपतप कप छ भमट भश
ददन४ च४ह रहद थद कजससद करस भश तपष हक ज४ए। उनकक एकम४त कचनत४ यहश थश कक अपनद कदवय कशशप
कक षण कक ककस तरह रक४ करम।
वसपददव:--वसपददव; उपशपतय--सपनकर; भ४तरमनन--अपनद कमत तथ४ भ४ई; ननदमनन-- ननननद मह४र४ज कक; आगतमनन--मथपर४ आय४
हह आ; ज४तव४--ज४नकर; दत-करमननस--पहलद हश कर चपकत४ ककय४ ज४ चपक४ थ४; र४जद--र४ज४ कद प४स; ययल--गय४; ततस-
अवमकचनमनन--ननद मह४र४ज कद डदरद तक।.
जब वसपददव नद सपन४ कक उनकद अतयनत कपय कमत तथ४ भ४ई नननननद मह४र४ज मथपर४ पध४रद हह और
त४तपयर : वसपददव तथ४ ननननद मह४र४ज क४ समबनध इतन४ घकनष थ४ कक वद भ४इयत कक तरह रहतद थद।
यहश नहथ, शशप४द मधव४च४यर कक कटपपकणयत सद ज४त हकत४ हह कक वसपददव तथ४ ननननद मह४र४ज सलतदलद भ४ई
थद। वसपददव कद कपत४ शसरसदन नद एक वहशय लडकक सद श४दश कक कजससद ननद मह४र४ज उतपन हह ए। ब४द मम
सवयर ननननद मह४र४ज नद एक वहशय लडकक यशकद४ सद श४दश कक। इसकलए उनक४ पररव४र वहशय पररव४र कद
न४म सद कवखय४त हह। कक षण नद उनकद पपत कद रप मम वहशय कमर कक सहभ४ल४ ( कक कर गकरकय व४कणजयमनन ) |
बलर४म कक कर कद कलए भसकम जकतनद क४ पकतकनकधतव करतद हह इसशकलए वद अपनद ह४थ मम सदहव हल कलए
रहतद हह। कक षण गलवम चर४तद हह अतएव वद अपनद ह४थ मम ब४हसपरश कलए रहतद हह। इस तरह दकनत भ४ई
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तमनन--उसकक ( वसपददव कक ); दष४--ददखकर; सहस४-- अच४नक; उतथ४य--उठकर; ददह:--वहश शरशर; प४णमनन--प४ण; इब--
म४नक; आगतमनन--ललट आय४ हक; पशत:--इतन४ पसन; कपय-तममनन--अपनद कपय कमत तथ४ भ४ई; दकभय४रमनन--अपनश दकनत ब४हह ओर
द४र४; ससवजद --गलद कमलद; पदम-कवह: --पदम तथ४ सनदह सद अकभभसत |.
जब ननद मह४र४ज नद सपन४ कक वसपददव आए हह, तक बद पदम तथ४ सनदह सद अकभभसत हक उठद और
इतनद पसन हह ए म४नक उनहम पपन: जशवन प४ कलय४ हक । बसपददव कक अच४नक उपकसथत ददखकर वद उठ
खडद हह ए और अपनश दकनत भपज४ओर मम लदकर गलद लग४ कलय४।
त४तपयर : ननद मह४र४ज वसपददव सद बडद थद। इसशकलए उनहतनद वसपददव कक गलद लग४ कलय४ और
'पसकजत: --इस तरह पदम पसवरक सव४गत ककए गए वसपददव; सपखमनन आसशन:--सपखपसवरक बहठनद कद कलए सथ४न कदए गए; पकष४ --
'पसछकर; अन४मयमनन--शपभ पशन; आहत:--सम४दररत; पसक-धश:--अतयनत आसक हकनद कद क४रण; सव-आतमजयक: --अपनद
दकनत पपतत ( कक षण तथ४ बलर४म ); इकदमनन--इस पक४र; आह--पसछ४; कवश४मनन-पतद--हद मह४र४ज परशककत |.
हद मह४र४ज परशककत, ननद मह४र४ज द४र४, इस पक४र आदरपसवरक सतक४र एवर सव४गत ककए
ज४नद पर वसपददव बडश हश श४कनत सद बहठ गए और अपनद दकनत पपतत कद पकत अग४ध-पदम कद क४रण
उनकद कवरय मम पसछ४।
कदषडद
न ४ भ४त: पवयस इद४नशमपजसय तद ।
पज४श४य४ कनवकतसय पज४ यतसमपदत ॥ २३॥
कदषघ४--सलभ४गयवश; भ४त:--हद भ४ई; पवयस: --अकधक आयप व४लद आपक४; इद४नशमस--इस समय; अपजसय--सनत४नहशन
क४; तद--आपक४; पज४-आश४य४: कनवकतसय--कजसद इस अवसथ४ मम पपत प४कप कक आश४ न रह गई हक, उसक४; पज४--पपत;
यतनन--जक भश; समपदत--भ४गयवश प४प हक गय४।.
चपकद थद। अतद अब जबकक आपकक पपत प४प हह आ हह, तक यह अतयकधक सलभ४गय क४ लकण हह।
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त४तपयर : स४म४नयतय४ वकद४वसथ४ मम पपत उतपन नहथ ककय४ ज४ सकत४। यकद भ४गयवश ककई सनत४न
उतपन भश हक तक वह लडकक हकतश हह। इस तरह वसपददव नद अपतयक रप सद ननननद मह४र४ज सद पसछ४ कक
उनहम पपत उतपन हह आ हह य४ पपतश । वसपददव ज४नतद थद कक यशकद४ कक कनय४ उतपन हह ई हह, कजसद वद चपर४
ल४ए थद और उसकद सथ४न मम पपत छकड आए थद। यह एक बहह त बड४ रहसय थ४ और वसपददव ज४नन४
च४हतद थद कक ननननद मह४र४ज कक पहलद सद इसक४ भ४न हह अथव४ नहथ। ककनतप पसछनद पर उनहम पसणर कवशव४स
हक गय४ कक कक षण-जनम तथ४ यशकद४ कक ददखरदख मम उनकद छकडद ज४नद क४ रहसय अब भश गपप हह। इससद
ककसश पक४र क४ खतर४ न थ४ कनयतकक करस कक पत४ नहथ थ४ कक इससद पहलद कय४ हक चपक४ हह।
कदषय४--सलभ४गय सद हश; सरस४र-चकद अकसमनस--इस जनम-मकतयप व४लद जगत मम; वतरम४न:--कवदम४न हककर; पपन:-भव:--
आपकक मदरश भमट दससरद जनम कक तरह हह; उपलबध: --मदरद द४र४ प४प हककर; भव४ननन-- आप; अद--आज; दपलरभमनन--यदकप इसद
कभश घकटत नहथ हकन४ थ४; कपय-दशरनमनन--हद कमत, आपकक पपन: ददखनद कद कलए।.
यह मदर४ सलभ४गय हश हह कक मह आपकद दशरन कर रह४ हह ।ह इस अवसर कक प४प करकद मपझद
ऐस४ लग रह४ हह म४नक महनद कफर सद जनम कलय४ हक। इस जगत मम उपकसथत रह कर भश मनपषय कद
कलए अपनद घकनष कमतत तथ४ कपय समबकनधयत सद कमल प४न४ अतयनत ककठन हकत४ हह।
त४तपयर : चसहकक करस नद वसपददव कक बरदश बन४ कर रख४ थ४ इसकलए मथपर४ मम हकतद हह ए भश वद अनदक
वरर तक ननद मह४र४ज क४ दशरन नहथ कर सकद थद। अत: जब वद कफर सद कमलद तक वसपददव नद इस कमलन
न--नहथ; एकत--एक सथ४न मम; कपय-सरव४स:-- अपनद कपय कमतत तथ४ समबकनधयत कद स४थ रहन४; सपहद४मनन--कमतत क४; कचत-
कमरण४मनन--हम सबक४ कजनहम अपनद कवगत कमर कद क४रण न४न४ पक४र कद फल भकगनद हकतद हह; ओघदन--बल कद द४र४;
वयसहम४न४न४मस-- लद ज४य४ ज४कर; पव४न४मस--जल मम तहरनद व४लद कतनकद तथ४ अनय पद४थर क४; सकतस:--लहरत क४; यथ४--
कजस तरह।.
लकडश कद फटद और छकडय४ह एकस४थ रकनद मम असमथर हकनद सद नदश कक लहरत कद वदग सद
बह४ कलए ज४तद हह। इसश तरह हम अपनद कमतत तथ४ समबकनधयत सद घकनष समबनध रखतद हह ए भश
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अपनद न४न४ पक४र कद कवगत कमर तथ४ क४ल कक लहरत कद क४रण एकस४थ रहनद मम असमथर हकतद
हह।
त४तपयर : वसपददव दपख जत४ रहद थद कयतकक वद तथ४ ननननद मह४र४ज कभश एक-स४थ नहथ रह प४यद।
कफर भश वद एकस४थ कह सद रह सकतद थद ? वसपददव स४वध४न करतद हह कक घकनष समबनध हकनद पर भश हम
सभश क४ल कक लहरत कद द४र४ अपनद कवगत कमर-फलत कद अनपस४र दसर बह४ कलए ज४तद हह।
हह।
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भ४त:--मदरद भ४ई; मम--मदर;द सपतद--पपत ( रककहणश पपत बलददव ); ककचतनन--कय४; म४त४ सह--अपनश म४त४ रककहणश कद स४थ;
भवतनन-बजद--अपनद घर मम; त४तमनन--कपत४ तपलय; भवनतमनन-- आपकक; मनव४न:--सकचतद हह ए; भवदभय४मस-आप तथ४ आपकक
'पतश यशकद४ द४र४; उपल४कलत:--ठशक सद प४लद ज४नद सद |.
आप तथ४ यशकद४ ददवश कद द४र४ प४लद ज४नद कद क४रण मदर४ पपत बलददव आप दकनत कक अपन४
रह रह४ हह न!
पपरस:द--मनपषय क४; कत-वगर:--जशवन कद तशन उददशय ( धमर, अथर और क४म ); कवकहत:--वहकदक सरसक४रत कद अनपस४र आकदष;
सपहदद--समबकनधयत तथ४ कमतत कद पकत; कह--कनससनददह; अनपभ४कवत:--सहश म४गर मम हकनद पर; न--नहथ; तदरप-- उनमम;
ककशयम४नदरप-- कद श मम पडद हहए; कत-वगर:--जशवन कद तशन उददशय; अथ४रय--ककसश पयकजन कद कलए; कलपतद--ऐस४ हक ज४त४
हह।.
जब ककसश कद कमत तथ४ समबनधशगण अपनद-अपनद पदत पर ठशक तरह सद बनद रहतद हह, तक
वहकदक स४कहतय मम उकलकखत उनकद धमर, अथर तथ४ क४म ल४भपद हकतद हह। अनयथ४, कमतत तथ४
समबकनधयत कद कद शगसत हकनद पर इन तशनत सद ककई सपख नहथ कमल प४त४।
त४तपयर : वसपददव नद नननद मह४र४ज सद खदद वयक ककय४ कक पतनश तथ४ सनत४नम हकनद पर भश वद उनक४
प४लन करनद क४ अपन४ कतरवय नहथ कनभ४ प४ रहद हह अतएव वद दपखश हह।
शशननद उब४च
अहक तद ददवककपपत४: करसदन बहवक हत४: ।
एक४वकशष४वरज४ कनय४ स४कप कदवर गत४ ॥ २९॥
शश-ननदद उब४च--ननद मह४र४ज नद कह४; अहक--ह४य; तद--तपमह४रद; ददवकक-पपत४: --तपमह४रश पतनश कद स४रद पपत; करसदन--करस
द४र४; बहव:-- अनदक; हत४:--म४रद गए; एक४--एक; अवकशष४ --बचश हह ई; अवरज४--सबसद छकटश; कनय४--कनय४; स४
अकप--वह भश; कदवमनन गत४--सवगरलकक कक चलश गई।.
ननद मह४र४ज नद कह४ : ह४य! र४ज४ करस नद ददवकक सद उतपन तपमहदर अनदक ब४लकत कक म४र
ड४ल४। और तपमह४रश सननतन ४नत मम सबसद छकटश एक कनय४ सवगरलकक कक चलश गई।र
त४तपयर : जब वसपददव नद ननननद मह४र४ज सद यह ज४न कलय४ कक कक षण कद जनम तथ४ यशकद४ कक कनय४
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सद उनकद बदलद ज४नद क४ रहसय अब भश खपल४ नहथ हह, तक वद पसन थद कक सब कप छ ठशक सद चल रह४
हह। यह कहकर कक वसपददव कक सबसद छकटश सनननत४न उनकक पपतश सवगरलकदक चलश गई, ननद मह४र४ज नद
यह इरकगत ककय४ कक उनहम यह ज४त नहथ कक यह कनय४ यशकद४ सद जनमश हह और वसपददव नद उसद कक षण सद
नसनमस--कनशचय हश; कह--कनससनददह; अदष--अनददख४; कनष: अयमननस--यहश अनत हह; अदष--अहष प४रबध; परम: --परम; जन:--
सरस४र क४ हर जशव; अदषमननस--वहश प४रबध; आतमन:--अपन४ हश; ततवमनन--परम सतय; य:--जक; वदद--ज४नत४ हह; न--नहथ;
सद--वह; मपह४कत--मकहगसत हकत४ हह।.
पतयदक वयकक कनशचय हश प४रबध द४र४ कनयरकतत हकत४ हह कयतकक उसश सद मनपषय कद सक४म
कमर कद फल कनध४रररत हकतद हह। दससरद शबदत मम, अदष प४धर कद क४रण हश मनपषय कक पपत य४
पपतश प४प हकतश हह और जब पपत य४ पपतश नहथ रहतद, तक वह भश अदनकष प४रबध कद हश क४रण हकत४
हह। प४रबध हश हर एक क४ अनकनतम कनयरतक हह। जक इसद ज४नत४ हह, वह कभश मकहगसत नहथ
हकत४।
त४तपयर : ननद मह४र४ज नद अपनद छकटद भ४ई वसपददव कक यह कहकर ढ४ढस बरध४य४ कक अरततकगतव४
प४रबध हश पतयदक ब४त कद कलए उतरद४यश हह। वसपददव कक इस ब४त सद दपखश नहथ हकन४ च४कहए कक
उसकक अनदक सरत४नम करस द४र४ म४र दश गई हह अथव४ इसकलए कक उनकक अकनतम सरत४न जक एक कनय४
शशवसपददव उव४च
करक वह व४कररकक दतक र४जद दष४ वयर च व: ।
नदह सथदयर बहह कतथर सनतयपतप४त४शन गककप लद ॥ ३१॥
शश-वसपददवद उव४च-- शश वसपददव नद उतर कदय४; कर:--कर; बह--कनससनददह; व४कररक :--व४कररक ( स४ल४न४ ); दत:--कदय४
हह आ; र४जद--र४ज४ कक; दष४:--ददख४ गय४; वयमनन च--हम दकनत; व:--तपमह४र४; न--नहथ; इह-- इस सथ४न मम; सथदयमनन--रकन४,
'ठहरन४; बहह -कतथमनन--बहह त कदनत तक; सकनत--हक सकतद हह; उतप४त४: च--अनदक उपदव; गककप लद--आपकद घर गककप ल मम |.
बसपददव नद ननद मह४र४ज सद कह४ : मदरद भ४ई, अब तक आपनद करस कक व४कररक कर चपक४ कदय४
हह और मपझसद भश भमट कर लश हह, अतद इस सथ४न पर अब अकधक कदन मत रकक। गककप ल ललट
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शशशपक उब४च
इकत ननद४दयक गकप४द पकक४सतद शलररण४ ययप: ।
अनककभरनडप यपकहसतमनपज४पप गककप लमनन ॥ ३२॥
शश-शपकद उब४च-- शश शपकददव गकसव४मश नद कह४; इकत--इस पक४र; ननद-आदय:--ननद मह४र४ज तथ४ उनकद स४थश; गकप४:--
गव४लद; पकक४:--सल४ह कदए ज४नद पर; तद--वद; शलररण४--वसपददव द४र४; ययप:--उस सथ४न सद रव४न४ हक गए; अनककभ:--
बहलग४कडयत द४र४; अनडप तनन-यपकह: --बहलत सद जपतश; तमनन अनपज४पप--वसपददव सद अनपमकत लदकर; गककप लमनन--गककप ल कद कलए।.
इस पक४र शशयद४गवत कद दसवम सकरध कद अनतगरत ““नननननद मह४र४ज तथ४ वसपददव कक भमट” न४मक
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(1979/९०" छह
पसतन४ वध
जब ननद मह४र४ज वसपददव कद आददश४नपस४र घर ललट रहद थद तक उनहतनद म४गर पर एक कवश४ल र४कसश
कक पडद ददख४ और ब४द मम उसकक मकतयप कद ब४रद मम भश सपन४।
जब बज कद र४ज४ ननननद मह४र४ज गककप ल मम हकनद व४लद उतप४तत कद ब४रद मम वसपददव कद शबदत पर
कवच४र कर रहद थद तक वद कप छ भयभशत थद और उनहतनद शश हरर कद चरणकमलत मम शरण गहण कक । उसश
बशच करस नद गककप ल ग४हव मम पसतन४ न४म कक एक र४कसश भदजश जक इधर-उधर घसम-घसमकर छकटद-छकटद
बचत कक म४र ड४लतश थश। कनससनददह जह४ह कक षणभ४वन४मकत नहथ हह, वह४ह ऐसश र४ककसकनयत क४ खतर४
रहत४ हह, ककनतप कजस गककप ल मम स४क४तनन भगव४ननन हत वह४ह पसतन४ कक अपनश हश मकतयप कद अकतररक और
कय४ कमल सकत४ थ४!
एक कदन पसतन४ ब४ह आक४श सद ननद मह४र४ज कद घर गककप ल मम पहहचह श और अपनश यकगशकक सद
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अकत सपनदर सश क४ रप ध४रण कर कलय४। वह स४हस करकद कबन४ ककसश कक अनपमकत कलए सशधद कक षण
कद शयन-कक मम घपस गई। कक षणकक प४ सद उसद ककसश नद घर मम य४ कमरद मम घपसनद सद मन४ नहथ ककय४
कयतकक कक षण कक ऐसश हश इचछ४ थश। ब४लक कक षण नद जक र४ख सद ढकक अकग कद सम४न थद, पसतन४ कक
ददख४ और सकच४ कक मपझद इस सपनदर सश कद रप व४लश र४ककसनश क४ वध करन४ हकग४। यकगम४य४ तथ४
भगव४ननन कद पभ४व सद मककहत हककर पसतन४ नद कक षण कक अपनश गकद मम लद कलय४ तक न तक रककहणश नद मन४
ककय४, न हश यशकद४ नद। तब पसतन४ कक षण कक अपनद सतन कपल४नद लगश, ककनतप उनमम कवर चपपड४ हह आ
थ४। इसकलए ब४लक कक षण नद उसकद सतन इतनश जकर-जकर सद चससद कक उसद असह पशड४ हहई कजससद वह
अपन४ असलश रप मम आकर भसकम पर कगर पडश। तब कक षण उसकद सतन पर एक छकटद कशशप कक तरह
खदलनद लगद। उनहम खदलत४ हह आ ददखकर गककपयत कक र४हत हह ई और उनहतनद बचद कक अपनश गकद मम उठ४
कलय४। इस घटन४ कद ब४द गककपय४ह चलकनश रहनद लगथ कजससद ककई र४ककसनश आकमण न करद। तब म४त४
यशकद४ नद ब४लक कक अपन४ दसध कपल४य४ और कबसतर पर कलट४ कदय४।
तब तक ननद तथ४ उनकद सरगश गव४लद मथपर४ सद ललट आए थद और जब उनहतनद पसतन४ कद कवश४ल मकत
शरशर कक ददख४ तक वद हकद -बकद रह गए। हर एक कक आशचयर हक रह४ थ४ कक वसपददव नद इस दपघरटन४ क४
पसव४रनपम४न लग४ कलय४ थ४। अतद स४रद लकग वसपददव कक दसरदनककष कक पशरस४ करनद लगद। बजव४कसयत नद
पसतन४ कद शरशर कद खरड-खरड कर ड४लद, ककनतप कक षण द४र४ सतनप४न ककए ज४नद सद उसकद स४रद प४प दसर हक
चपकद थद अत: जब गव४लत नद उन टपकडत क४ अकगद४ह ककय४, तक उससद उठद धपएह सद च४रत ओर कक व४यप
आनरदमय सपगरध सद भर गई। इस तरह यदकप पसतन४ नद कक षण कक म४र ड४लन४ च४ह४ थ४ वह भगवद४म
पहह हच गई। इस घटन४ सद हमम यह कशक४ कमलतश हह कक यकद ककई वयकक कक षण सद थकड४-बहह त भश लग४व
रखत४ हह, च४हद वह शतपभ४व सद कनयत न हक, तक उसद सफलत४ अवशय कमलतश हह। भल४ उन भकत कद
कवरय मम कय४ कह४ ज४ए जक कक षण पदम मम सहज हश अनपरक रहतद हह ? जब बजव४कसयत नद पसतन४-वध
तथ४ कशशप कक कप शलत४ क४ सम४च४र सपन४ तक वद अतयकधक पसन हह ए। ननननद मह४र४ज नद ब४लक कक
अपनश गकद मम उठ४ कलय४ और सनतकर कक स४हस लश।
शशशपक उव४च
शश-शपक: उब४च-- शश शपकददव गकसव४मश नद कह४; नननननदद --ननद मह४र४ज नद; पकथ--घर आतद हह ए, र४सतद मम; वच:--शबद;
शलरद: --वसपददव कद ; न--नहथ; मकर४--कनरथरक ; इकत--इस पक४र; कवकचनतयनननस-- अपनद पपत कद अशपभ कद कवरय मम सकच कर;
हररमस-- भगव४ननन, कनयनत४ कक; जग४म--गहण कक; शरणमनन--शरण; उतप४त--उपदवत कक; आगम--आश४ सद; कशडत:--
भयभशत हहए।.
शपकददव गकसव४मश नद कह४ : हद र४जननन! जब नननननद मह४र४ज घर व४पस आ रहद थद तक उनहतनद
त४तपयर : जब कभश ककई सरकट आ पडत४ हह, तक शपद भक सदहव भगव४ननन द४र४ दश ज४नद व४लश
सररकण तथ४ आशय४ कद कवरय मम सकचत४ हह। भगवदशत४ मम भश (९.३३) इसश क४ उपददश हह--
अकनतयमसपखर लकककममर प४पप भजसव म४य / इस जगत मम पग पग पर सरकट (कवपद४) हह ( पद पद
यकदपद४मनन ) । अतएवर भक कद कलए पद-पद पर भगव४ननन कक शरण मम ज४नद कद अकतररक ककई अनय
'करसदन--करस द४र४; पकहत४--पहलद सद लग४ई गई; घकर४--अतयनत भय४नक; पसतन४--पसतन४ न४मक; ब४ल-घ४कतनश--र४कसश;
कशशसननन--छकटद छकटद बचत कक; चच४र--घसमतश रहतश थश; कनधननतश --म४रतश हह ई; पपर-ग४म-तज-आकदरप--नगरत, ग४हवत मम इधर
उधर।.
जब ननद मह४र४ज गककप ल ललट रहद थद तक वहश कवकर४ल पसतन४, कजसद करस नद बचत कक म४रनद
कद कलए पहलद सद कनयपक कर रख४ थ४, नगरत तथ४ ग४हवत मम घसम घसम कर अपन४ नकशरस कक तय कर
रहश थश।
न--नहथ; यत--जह४ह; शवण-आदशकन--शवण, ककतरन इतय४कद भककयकग कद क४यर; रकद-घन४कन--समसत कवपद४ओर तथ४
अशपभत कक म४रनद कक धवकन; सव-कमरसप--अपनद क४म मम लगश; कप वरकनत--ऐसद क४यर ककयद ज४तद हह; स४तवत४मनन भतपर:-- भकत कद
रकक कद ; य४तपध४नय:--बपरद लकग, उतप४तश; च--भश; तत कह--हक न हक ॥
हद र४जननन! जह४ह भश लकग ककतरन तथ४ शवण द४र४ भककक४यर कक अपनश वककतयत मम लगद रहतद
हह ( शवणर ककतरन कवषणकद ) वह४ह बपरद लकगत सद ककसश पक४र क४ खतर४ नहथ रहत४। जब स४क४तनन
भगव४ननन वह४ह कवदम४न हत तक गककप ल कद कवरय मम ककसश पक४र कक कचनत४ कक आवशयकत४ नहथ
थश।
त४तपयर : शपकददव गकसव४मश नद मह४र४ज परशककत कक कचनत४ दसर करनद कद कलए हश यह शलकक कह४।
चसहकक मह४र४ज परशककत कक षणभक थद अतएवर जब उनहतनद समझ४ कक गककप ल मम पसतन४ उतप४त मच४ रहश
थश तक वद कप छ कप छ उकदग हक उठद। इसकलए शपकददव गकसव४मश नद उनहम आशवसत ककय४ कक गककप ल मम
ककई खतर४ नहथ थ४। शशल भकककवनकद ठ४कप र क४ गशत हह : न४म४शय क४ररउ यतनद ठप कम, थ४कह आपन
क४जद । इसकलए हर एक कक सल४ह दश ज४तश हह कक वह हरद कक षण मह४मरत ककतरन क४ आशय गहण करद
और अपनद क४यर मम लग४ रहद। इसमम ककई ह४कन नहथ ककनतप ल४भ अथ४ह हह। यह४ह तक कक भलकतक दकष
सद भश सभश पक४र कद खतरत सद बचनद कद कलए हरद कक षण मरत क४ ककतरन करन४ च४कहए। यह जगत खतरद
सद पसणर हह ( पद पदर यकदपद४मनन ) | इसकलए हमम हरद कक षण मह४मरत क४ ककतरन करनद कद कलए पकतस४कहत
हकन४ च४कहए. कजससद हम४रद पररव४र, सम४ज, पडकस तथ४ ददश कद स४रद क४म आस४नश सद चलम और ककई
खतर४ न रहद।
स४--वह ( पसतन४ ); खद-चरश--आक४श म४गर मम य४त४ करनद व४लश; एकद४--एक ब४र; उतपतय-- उडतद हहए; पसतन४--पसतन४;
ननद-गककप लमनन--ननद मह४र४ज कद सथ४न, गककप ल मम; यककरतव४--सपनदर सश क४ वदश ध४रण करकद ; म४यय४--यकगशकक सद;
आतम४नमननस-- अपनद आपकक; प४कवशतनन-- पवदश ककय४; क४म-च४ररणश --इचछ४नपस४र कवचरण करनद व४लश।.
एक ब४र सवदचछ४ सद कवचरण करनद व४लश पसतन४ र४कसश ब४ह आक४श ( अनतररक ) मम घसम
रहश थश तक वह अपनश यकगशकक सद अपनद कक अकत सपनदर सश कद रप मम बदलकर ननद मह४र४ज
कद सथ४न गककप ल मम पकवष हह ई।
त४तपयर : र४कसश य४ह ऐसश यकगशकक ज४नतश हह कजनसद वद यरतत कद कबन४ हश ब४ह आक४श मम य४त४
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कर सकतश हह। आज भश भ४रत कद कप छ भ४गत मम ऐसश ड४इनम (ज४दसगरकनय४ह) हह, जक डरडद पर बहठकर
पलक म४रतद एक सथ४न सद दससरद सथ४न पहह चह ज४तश हह । पसतन४ कक यह कल४ आतश थश। उसनद सपनदर रतश
त४र कद शबनधवयकतरकमकलक४र
बकहकनतमबसतनकक चछप मधयम४मनन ।
सपव४ससर ककलपतकणरभसरण-
कतवरकलसतकप नतलमकणडत४नन४मनन ॥ ५॥
वलगपकसमत४प४कडवसगरवशककतह-
मरनक हरनतथ बकनत४र बतजलकस४मनन ।
अमरसत४मभकजकरदण रकपणथ
गकपय: कशयर दषमव४गत४र पकतमनन ॥ ६॥
अकधक बकझ पडत४ पतशत हक रह४ थ४। वह अतयनत सपनदर वस ध४रण ककयद थश। उसकद कद श
मकलक४ फस ल कक म४ल४ सद सपसकजत थद जक उसकद सपनदर मपख पर कबखरद हह ए थद। उसकद क४न कद
कप णडल चमककलद थद। वह हर वयकक पर दकष ड४लतद हह ए आकररक ढरग सद मपसक४ रहश थश।
उसकक सपनदरत४ नद बज कद स४रद कनव४कसयत क४ कवशदर रप सद पपररत क४ धय४न आकक ष कर रख४
थ४। जब गककपयत नद उसद ददख४ तक उनहतनद सकच४ कक ह४थ मम कमल क४ फस ल कलए लकमश जश अपनद
पकत कक षण कक ददखनद आई हह।
ब४ल-गहद--ड४इन, कजसक४ क४म छकटद-छकटद बचत कक म४रन४ हह; तत--वह४ह खडश; कवकचनवतश--सकचतश हह ई, ढस हढतश हह ई;
कशशसननन-ब४लकत कद ; यहचछय४--सवतरत रप सद; ननननद-गकहद--ननननद मह४र४ज कद घर मम; असतनन-अनतकमनन--स४रद असपरत कक म४रनद
मम समथर; ब४लमस--ब४लक कक; पकतचछन--ढकक; कनज-उर-तदजसमनन-- अपनश असशम शकक कक; ददशर--ददख४; तलपद--कबसतर
पर ( लदट४ ); अकगमस-- अकग कक; इब--सहशय; आकहतमनन--ढकक; भकस--र४ख कद भशतर।.
छकटद छकटद ब४लकत कक दसहढतश हहई बचत क४ वध करनद व४लश पसतन४ कबन४ ककसश रककटकक
कद ननद मह४र४ज कद घर मम घपस गई र कयतकक वह भगव४ननन कक पर४ शकक द४र४ भदजश गई र थश। वह
ककसश सद पसछद कबन४ ननद मह४र४ज कद उस कमरद मम घपस गई जह४ह उसनद ब४लक कक कबसतरद पर सकतद
ददख४ जक र४ख मम ढकक अकग कद सम४न असशम शकक-समपन थ४। वह समझ गई कक यह ब४लक
ककई स४ध४रण ब४लक नहथ हह, अकपतप स४रद असपरत क४ वध करनद कद हदतप आय४ हह।
त४तपयर : असपरगण सदहव उतप४त मच४तद और हतय४ करतद रहतद हह, ककनतप ननननद मह४र४ज कद घर मम
कवबपधय--समझ कर; त४मस-- उसकक ( पसतन४ कक ); ब४लक-म४ररक४-गहमनन-ब४लकत कक म४रनद मम पटप ड४इन कक; चर-अचर-
आतम४--सवरवय४पक परम४तम४ कक षण; सद--उसनद; कनमशकलत-ईकण:-- अपनश आहखम बनद कर लथ; अननतमस-- असशम;
आरकपयतनन--रख कलय४; अडमनन--अपनश गकद मम; अनतकमनन-- अपनद कवन४श कद कलए; यथ४--कजस तरह; उरगमनन-स४हप कक;
सपपमननस-सकयद हहए; अबपकद--बपकदहशन वयकक; रजनप-धशद:--स४हप कक रससश समझनद व४ल४।.
कबसतर पर लदटद सवरवय४पश परम४तम४ कक षण नद समझ कलय४ कक छकटद ब४लकत कक म४रनद मम पटप
यह ड४इन पसतन४ मपझद म४रनद आई हह। अतएव उनहतनद अपनश आहखम बनद कर लथ म४नक उससद डर
गयद हत। तब पसतन४ नद अपनद कवन४श-रप कक षण कक अपनश गकद मम लद कलय४ कजस तरह कक
बपकदहशन मनपषय सकतद स४हप कक रससश समझ कर अपनश गकद मम लद लदत४ हह।
गकद मम लद रहश हह; उसनद सपर कक स४म४नय रससश समझ४। अनतकमनन तथ४ अननतम-यद दकनत शबद परसपर
कवरकधश हह। बपकदम४न न हकनद कद क४रण पसतन४ नद सकच४ कक वह अपनद अनतकमनन अथ४रतनन क४ल कक म४र
सकतश हह ककनतप अननत हकनद सद उस ब४लक कक ककई नहथ म४र सकत४ थ४।
त४र तशकणकचत४मकतव४मचदकषत४र
वशकय४नतर४ ककरपररचछद४कसवतनन ।
वरकसयर ततपभय४ च धकररतद
कनरशकयमम४णद जननश हकतषत४मनन ॥ ९॥
त४मस--उस ( पसतन४ र४कसश कक ); तशकण-कचत४मनन--बचत क४ वध करनद कद कलए अतयनत प४र४ण हदय व४लश; अकत-व४म-
चदकषत४मस--यदकप वह बचद कद स४थ म४त४ सद भश अकधक अचछ४ बत४रव करनद क४ पय४स कर रहश थश; वशकय अनतर४--कमरद कद
भशतर उसद ददख कर; ककर-पररचछद-अकस-वतनन--मपल४यम मय४न कद भशतर तदज तलव४र कक तरह; वर-कसयमनन--सपनदर सश कद ;
ततनन-पभय४--उसकद पभ४व सद; च-- भश; धकररतद-- अकभभसत, कवहल; कनरशकयम४णद--ददख रहश थथ; जननश--दकनत म४त४एह; कह--
कनशचय हश; अकतषत४मनन-वद मलन रह गई र ॥.
पसतन४ र४कतश क४ हदय कठकर एवर कस र थ४ ककनतप ऊपर सद बह अतयनत सनदहमयश म४त४ सदश
लग रहश थश। वह मपल४यम मय४न कद भशतर तदज तलव४र जहसश थश। यदकप यशकद४ तथ४ रककहणश नद
उसद कमरद कद भशतर ददख४ ककनतप उसकद सलनदयर सद अकभभसत हकनद कद क४रण उनहतनद उसद रकक४ नहथ
अकपतप वद मलन रह गई र कयतकक वह बचद कद स४थ म४तकवतनन वयवह४र कर रहश थश।
त४तपयर : यदकप पसतन४ ब४हरश सश थश और स४क४तनन भय४नक क४ल थश कयतकक उसकद हदय मम
ब४लक कक म४र ड४लनद क४ सरकलप थ४ ककनतप जब वह आई और उसनद ब४लक कक अपनश गकद मम लद
कलय४ तक ब४लक कक म४त४एह उसकद सलनदयर पर इतनश मपगध हक गई र कक उनहतनद उसद ऐस४ करनद सद रकक४
भश नहथ। कभश-कभश सपनदर सश अतयनत घ४तक हकतश हह कयतकक लकग उसकक ब४ह सपनदरत४ पर मककहत
हककर ( म४य४मककहत ) यह नहथ समझ प४तद कक उसकद मन मम आकखर हह कय४! जक लकग बकहररग४ शकक
कद सलनदयर द४र४ मपगध हक ज४तद हह, वद म४य४गककहत कहल४तद हह। मककहत न४कभज४न४कत म४मद भय: परमवययमनन
( भगवदशत४ ७.१३)। न तद कवदपदसव४थरगकतर कह कवषणपरदरप ४शय४ यद बकहरथथम४कनन: ( शशमद४गवत
७.५.३१) | यह४ह पर रककहणश तथ४ यशकद४ दकनत म४त४एह ब४ह शकक सद मपगध अथ४रतनन म४य४मककहत न थथ
अकपतप भगव४ननन कक लशल४ कद कवक४स हदतप यकगम४य४ द४र४ वद मपगध कर दश गई।र यकगम४य४ क४ क४यर हश हह
ऐस४ म४य४मकह।
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तकसमससतनर दपजररवशयरमपलबणर
घकर४डम४द४य कशशकदरद४वथ ।
ग४ढर कर४भय४र भगव४नपपशड ततननस-
प४णह: समरर रकरसमकनवतक5 कपबतनन ॥ १०॥
तकसमनननस--उस सथ४न मम; सतनमनन--सतन; दपजरर-वशयरमनन--कवर सद कमकशत अतयनत शककश४लश हकथय४र; उलबणमनन-- भयरकर;
घकर४--अतयनत खसहख४र पसतन४; अडमनन--अपनश गकद मम; आद४य--रखकर; कशशक: --ब४लक कद मपख मम; ददल--कदय४; अथ--
ततपशच४तनन; ग४ढमननस--अतयनत कठकर; कर४भय४मनन--दकनत ह४थत सद; भगव४ननन--भगव४ननन; पपशड-पशड४ पहहचह ४तद हह ए; ततनन-प४णहद --
उसकद प४ण; सममनन-कद स४थ; रकर-समकनवत:--उस पर कप द हककर; अकपबतनन--सतनप४न ककय४।.
उसश जगह भय४नक तथ४ रहखव४र र४कसश नद कक षण कक अपनश गकद मम लद कलय४ और उनकद
मपहह मम अपन४ सतन दद कदय४। उसकद सतन कद चसचह पक मम घ४तक एवर तपरनत पभ४व कदख४नद व४ल४ कवर
चपपड४ हह आ थ४ ककनतप भगव४ननन कक षण उस पर अतयनत कप द हह ए और उसकद सतन कक पकड कर
अपनद ह४थत सद कड४ई सद कनचकड४ और कवर तथ४ उसकद प४ण दकनत चसस ड४लद।
स४--वह ( पसतन४ ); मपझन-छकडक; मपझन--छकडक; अलमस-- बस! बस!; इकत--इस पक४र; पभ४करणश--कचल४तश;
कनषपशडम४न४--बपरश तरह दब४ई ज४कर; अकखल-जशव-ममरकण--सररद ममरसथलत मम; कववकतय--खकल कर; नदतद--दकनत आहखम;
चरणल--दकनत प४हव; भपजल--दकनत ह४थ; मपहहद--पपनद पपनद; पकसवन-ग४त४--पसशनद सद तर शरशर; ककपतश--फम कतद हह ए; ररकद--
जकर सद कचल४ई; ह--कनससनददह।.
पतयदक ममरसथल मम असहन ४ दब४व सद पसतन४ कचल४ उठश, “मपझद छकड दक, मपझद छकड दक! अब
मदर४ सतनप४न मत करक।'' पसशनद सद तर, फटश हह ई आहखम तथ४ ह४थ और पहर पटकतश हह ई वह ब४र-
ब४र जकर जकर सद कचल४नद लगश।
त४तपयर : कक षण नद इस र४कसश कक बपरश तरह दणड कदय४। वह ह४थ-पहर इधर-उधर पटकनद लगश
और अपनद दपषकमर क४ दणड ददनद कद कलए कक षण भश उसद लकतय४नद लगद।
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तसय४: सवनदन४कतगभशरररहस४
स४कदमहश दलशर चच४ल सगह४ ।
रस४ कदशशच पकतनदकदरर जन४द
पदतप: ककतल वजकनप४तशटभसय४ ॥ १२॥
तसय४:--कवकट र४कसश पसतन४ कक; सवनदन--धवकन सद; अकत--अतयनत; गभशर-- गहन; ररहस४--शककश४लश; स-अकद:--पवरतत
समदत; महश --पकथवश; दक: च--तथ४ आक४श; चच४ल--कहलनद लगद; स-गह४--त४रत समदत; रस४--पकथवश लकक कद नशचद; कदशद
च--तथ४ स४रश कदश४एह; पकतनदकदरर--गसहजनद लगथ; जन४:--लकग; पदतप:--कगर पडद; ककतल--पकथवश पर; वज-कनप४त-शडभपय४--इस
आशरक४ सद कक वजप४त हह आ हह।.
पसतन४ कक गहन तथ४ जकरद४र चशतक४र सद पवरतत समदत पकथवश तथ४ गहत समदत आक४श
डगमग४नद लग४। नशचद कद लकक तथ४ स४रश कदश४एह थरथर४ उठथ और लकग इस आशरक४ सद कगर पडद
कनश४-चरश --र४कसश नद; इतथमनन--इस तरह; वयकधत-सतन४--सतन पर दब४ब पडनद सद दपखश; वयसप:--प४ण छकड कदय४;
वय४द४य--मपहह फह ल४ कर; कद श४नननस--ब४लत क४ गपचछ४; चरणल--दकनत प४हव; भपजल--दकनत ह४थ; अकप-- भश; पस४यर--पस४र कर;
गकषद--गकचर मम; कनज-रपमनन आकसथत४-- अपनद मसल आसपरश रप मम कसथत; वज-आहत: --इनद कद वजन सद मर४ हह आ; वकत:--
वकत४सपर; इब--सहश; अपततनन--कगर पडश; नकप--हद र४जननन।.
इस तरह कक षण द४र४ सतन पर दब४व ड४लनद सद अतयनत वयकधत पसतन४ नद अपनद प४ण तय४ग
कदयद। हद र४ज४ परशककत, वह अपन४ मपहह फह ल४यद तथ४ अपनद ह४थ, प४हव पस४रद और ब४ल फह ल४यद
अपनद मसल र४कसश रप मम गकचर मम कगर पडश म४नक इनद कद बज सद आहत वकत४सपर कगर४ हक।
त४तपयर : पसतन४ दपद४रत र४कसश थश कजसद यकगशकक द४र४ अपनद मसल रप कक कछप४नद कक कल४ ज४त
थश ककनतप जब वह मर गई तक उसकक यकगशकक उसद कछप४ न प४ई कजससद वह अपनद मसल रप मम पकट
हक गई।
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अतम४नक5 कप तहददहकसगवयसतयनतरदपम४ननन ।
चसणरय४म४स र४जदनद महद४सशतददपतमनन ॥ १४॥
'पतम४न: अकप--कगरतद हह ए भश; ततनन-ददह:--उसक४ कवश४ल शरशर; कत-गवयसकत-अनतर--ब४रह मशल कक सशम४ कद भशतर; दम४ननन--
स४रद वककत कक; चसणरय४मनन आस--चसर चसर कर कदयद; र४जदनद--हद र४ज४ परशककत; महतनन आसशतनन--बहह त कवश४ल थ४; ततननस--वह
शरशर; अदपतमनन--तथ४ अतयनत कवकचत |.
हद र४ज४ परशककत, जब पसतन४ क४ कवश४ल शरशर भसकम पर कगर४ तक उससद ब४रह मशल कद द४यरद
कद स४रद वकक चसर चसर हक गयद । अपनद कवश४ल शरशर मम पकट हकनद सद वह सचमपच अस४म४नय थश।
त४तपयर : कक षण द४र४ सतनप४न ककयद ज४नद सद जक पशड४ हह ई उससद मरतद समय पसतन४ नद न कद वल
मक४न छकड कदय४ अकपतप उसनद वह ग४हव भश छकड कदय४ और उसक४ कवश४ल शरशर चर४ग४ह मम कगर
पड४।
ईर४-म४त--हल कद फ४ल कक तरह; उग-- भय४नक; दरष--द४हत; आसयमनन--मपहह कद भशतर; कगरर-कनदर--पवरत कक गपफ४ कद
सम४न; न४कसकमनन--न४क कद छदद; गणड-शहल--पतथर कक बडश कशल४ कक तरह; सतनमनन--सतन; रलदमस--अतयनत कवकर४ल;
पककणर--कबखरद हह ए; अरण-मसथर-जमनन--त४ग ररग कद ब४लत व४लश; अनध-कस प-- भसषट कप ओर कक तरह; गभशर--गहरद; अकमनन--
आहख कद गडद; पपकलन-आरकह-भशरणमनन--कजसकक ज४हघम नदश कद ककन४रत कक तरह भय४वनश थथ; बद-सदतप-भपज-उरस-अकडप--
कजसकक भपज४एह, ज४हघम तथ४ पहर मजबसत बनद पपलत कद सम४न थद; शसनय-तकय-हद-उदरमननस--कजसक४ पदट जलकवहशन झशल कक तरह
थ४; सनततसप: सम--डर गयद; ततनन--उस; वशकय--ददखकर; गकप४:--स४रद गव४लद; गकपय: --तथ४ गव४कलनम; कलदवरमनन-ऐसद
कवश४ल शरशर कक; पसवरमनन तप--इसकद पहलद; ततनन-कनदसवकनत-- उसकक पपक४र सद; कभन--दहलद हह ए, कटद; हतननस--कजनकद हदय;
'कणर--क४न; मसतक४: --तथ४ कसर।.
र४कसश कद मपहह मम द४हत हल कद फ४ल ( कप शश ) जहसद थद; उसकद नथपनद पवरत-गपफ४ओर कक तरह
गहरद थद और उसकद सतन पवरत सद कगरद हह ए बडद बडद कशल४खणडत कद सम४न थद। उसकद कबखरद ब४ल
त४प ररग कद थद। उसकक आहखत कद गडद गहरद अरधद ( भसरट ) कपह ओर जहसद थद, उसकक भय४नक ज४हवम
नदश कद ककन४रत जहसश थथ; उसकद ब४जस, ट४हगम तथ४ प४हव बडद बडद पपलत कक तरह थथ तथ४ उसक४
पदट ससखश झशल कक तरह लग रह४ थ४। र४कसश कक चशख सद गव४लत तथ४ उनकक पकतनयत कद हदय,
क४न तथ४ कसर पहलद हश दहल चपकद थद और जब उनहतनद उसकद अदपत शरशर कक ददख४ तक वद और
10
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ब४लमनन च--ब४लक भश; तसय४:--उस ( पसतन४ ) कद ; उरकस--छ४तश पर; ककडनतमनन--खदलनद मम वयसत; अकप तकभयमनन--कनडर
हककर; गकपयद--स४रश गककपय४ह; तसणरमनन--तपरनत; समभयदतय--प४स आकर; जगकहहद--उठ४ कलय४; ज४त-समभम४:--उसश सनदह कद
स४थ।.
त४तपयर : यद हह पसणर पपररकतम भगव४ननन कक षण। यदकप यकगशकक सद पसतन४ अपनद शरशर कक घट४-बढ४
सकतश थश और उसश कद अनपस४र शकक प४प करतश थश ककनतप भगव४ननन च४हद कजस भश रप मम कनयत न हत,
सम४न रप सद शककश४लश रहतद हह। कक षण असलश भगव४ननन हह कयतकक च४हद वद ब४लक हत य४ यपवक, वद
रहतद हह वहश पपरर, उनहम धय४न य४ ककसश अनय ब४ह पय४स सद शककश४लश बननद कक आवशयकत४ नहथ
हकतश। इसकलए जब कबकट शककश४कलनश पसतन४ नद अपन४ शरशर बढ४य४ तक कक षण वहसद हश ननहम ब४लक
बनद रहद और कनडर हककर उसकक छ४तश कद ऊपरश भ४ग पर खदलतद रहद । रडहशचयर-पसणर । भगव४ननन च४हद कजस
रप मम हत अपनश समसत शककयत सद सदहव पसणर रहतद हह। उनकक शककय४ह सदहव पसणर रहतश हह। पर४सय
शकककवकवधहव शसयतद /वद ककसश भश पररकसथकत मम अपनश स४रश शककयत क४ पदशरन कर सकतद हह।
'यशकद४-रककहणश भय४मस-- यशकद४ तथ४ रककहणश म४त४ओर कद स४थ कजनहतनद मपखयतद ब४लक कक कचममदद४रश लश; त४:-- अनय गककपय४ह;
सममनन--यशकद४ तथ४ रककहणश कक हश तरह महतवपसणर; ब४लसय--ब४लक कद ; सवरतद--स४रद खतरत सद; रक४मनन--रक४; कवदकधरद--
समपन ककय४; समयकन न-- भलशभभ४हकत; गक-पपचछ-भमण-आकदकभ:--चहवर डप ल४ कर
ततपशच४तनन म४त४ यशकद४ तथ४ रककहणश नद अनय पलढ गककपयत समदत ब४लक शशकक षण कक पसणर
सररकण ददनद कद कलए चहवर डप ल४य४।
त४तपयर : जब कक षण इतनद बडद खतरद सद बच गयद तक म४त४ यशकद४ तथ४ रककहणश कक मपखय रप सद
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कचनत४ हक गई। अनय वकद४ गककपयत नद भश जक उनहथ कक तरह वय४कप ल थथ, म४त४ यशकद४ तथ४ रककहणश क४
अनपकरण ककय४। यह४ह हम प४तद हह कक घरदलस क४यर मम कखय४ह ब४लक कक रक४ ग४य कक सह४यत४ सद हश
करतश थथ। वद ज४नतश थथ कक बचद कक सभश पक४र कद खतरत सद बच४नद कद कलए ककस पक४र चहवर
डप ल४यश ज४तश हह। गकरक४ सद अनदक सपकवध४एह प४प हकतश हह ककनतप लकग इन ब४तत कक भसल चपकद हह।
इसशकलए कक षण भगवदशत४ मम ग४यत कक सपरक४ पर बल ददतद हह ( ककरयकरकय व४कणजयर वहशयकमर
सवभ४वजमनन )। आज भश वकनद४वन कद आसप४स कद ग४हवत कद कनव४सश ग४य कक रक४ करकद सपखपसवरक
जशवन कबत४तद हह। वद गकबर कक अचछद सद सहभ४लकर रखतद हह और सपख४ कर ईधर न कक तरह उसक४
पयकग करतद हह। उनकद प४स पय४रप अन-भणड४र रहत४ हह और ग४यत कक रक४ करनद सद उनकद प४स पय४रप
दसध तथ४ दसध सद बननद व४लद पद४थर हकतद हह कजनसद स४रश आकथरक समसय४एह हल हक ज४तश हह। म४त गकरक४
सद ग४मशण लकग बडश श४कनत सद रहतद हह। यह४ह तक कक गकमसत तथ४ गकबर कद औरधशय उपयकग भश हह।
गक-मसतदण--ग४यत कद पदश४ब सद; सन४पकयतव४--नहल४ कर; पपन:--कफर सद; गक-रजस४--गकधसकल सद; अभरकमनन--छकटद ब४लक
कक; रक४मनन-रक४; चकप :--समपन ककय४; च-- भश; शकक त४--गकबर सद; द४दश-अडलदरप--ब४रह जगहत मम ( द४दश कतलक );
न४मभश:-- भगव४ननन क४ न४म अरककत करकद ।.
ब४लक कक गकमसत सद अचछश तरह नहल४य४ गय४ और कफर गकधसकल सद उसकक लदप ककय४
गय४। कफर उनकद शरशर मम ब४रह अरगत पर, कतलक लग४नद कक भ४हकत म४थद सद शपर करकद , गकबर सद
भगव४ननन कद कवकभन न४म अरककत ककयद गयद। इस तरह ब४लक कक सपरक४ पद४न कक गई।र
गकपय:--गककपयत नद; सरसपकष-सकलल४:--जल कद पय४लद कक छसकर तथ४ पशकर ( आचमन करकद ); अडदरप--अपनद शरशरत पर;
'करयक:--दकनत ह४थत पर; पकथकन नप--अलग अलग; नयसय--मरत कद अकरत कक रख कर; आतमकन--अपनद ऊपर; अथ--तब;
ब४लसथ--ब४लक कद ; बशज-नय४समनन--मरतनय४स कक कवकध; अकप वरत--समपन कक |.
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त४तपयर : नय४समनत मम द४कहनद ह४थ मम जल लदकर उसद पश कर आचमन ककय४ ज४त४ हह। शरशर कक
शपद करनद कद कलए कभन-कभन कवषणपमनत हह। गककपय४ह तथ४ व४सतव मम स४रद गकहसथ वहकदक मरतत क४
उच४रण करकद शपद बननद कक कवकध ज४नतद थद। इस कवकध सद गककपयत नद सवरपथम सवयर कक शपद बन४य४
और कफर ब४लक कक षण कक। अरगनय४स तथ४ करनय४स कक कवकध मम थकड४ जल पश कर मरत पढ४ ज४त४
हह। मरत कद पसवर ३& नम: उच४रण ककय४ ज४त४ हह-- ३४ नमत5 जसतव४डगश अवय४तप मम मनत मकणम४रसतव
ज४नपनश अवय४तनन । भ४रतशय सरसकक कत खक ददनद सद भ४रतशय गकहसथ यह भसल चपकद हह कक ककस तरह अरगनय४स
ककय४ ज४त४ हह। वद एकम४त इकनदयतककप मम लगद रहतद हह। उनहम म४नव सभयत४ क४ ककसश तरह क४ उनत
ज४न नहथ हह।
अवय४तननस--रक४ करद; अज:-- भगव४ननन अज; अदकपन--प४हव; मकणम४नननस-- भगव४ननन मकणम४न; तब--तपमह४रद; ज४नप--घपटनद; अथ--
ततपशच४तनन; उर--ज४हघम; यज: --यजददव; अचयपतद-- भगव४ननन अचयपत; ककट-तटमननस--कमर क४ ऊपरश कहसस४; जठरमनन--उदर;
हय४सय:-- भगव४ननन हयगशव; हतनन--हदय; कद शव:-- भगव४ननन कद शव; तवतनन--तपमह४र४; उर: --वकसथल, सशन४; ईशद --
'परमकनयनत४, भगव४ननन ईश; इन: --ससयर ददव; तप--लदककन; कणठमनन--गल४; कवषणप:-- भगव४ननन कवषणप; भपजमनन--ब४हम; मपखमनन--
मपहह; उरकम:-- भगव४ननन उरकम; ईशवरद-- भगव४ननन ई शवर; कमनन--कसर; चकक --चक ध४रण करनद व४ल४; अगतद--स४मनद; सह-
गदद--गद४ध४रश; हररद-- भगव४ननन हरर; असतप-- रहत४ रहद; पशच४तनन-पशछद, पशठ पर; तवतनन-प४शरयक: --तपमह४रश दकनत बगलत मम;
धनप:-असश--धनपर तथ४ तलव४र ध४रण करनद व४ल४; मधप-ह४--मधप असपर क४ वध करनद व४ल४; अजन:--कवषणप; च--तथ४;
'ककणदरप--ककनत मम; शदग:--शरखध४रश; उरग४य:--पसकजत; उपरर--ऊपर; उपदनद:-- भगव४ननन उपदनद; त४कय:--गरड; ककतल--
पकथवश पर; हलधर:--भगव४ननन हलधर; पपरर: --परम पपरर; समनत४तननस--सभश कदश४ओर मम |.
कक रक४ करम। कद शव तपमह४रद हदय कक, ईश तपमह४रद वकसथल कक, ससयरददव तपमह४रद गलद कक, कवषणप
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तपमह४रद भपज४ओर कक, उरकम तपमह४रद मपहह कक तथ४ ईशवर तपमह४रद कसर कक रक४ करम। चकक आगद सद,
गद४ध४रश हरर पशछद सद तथ४ धनपधरर मधपह४ एवर खडगनन भगव४ननन कवषणप दकनत ओर सद तपमह४रश रक४
करम। शरखध४रश उरग४य समसत ककणत सद तपमह४रश रक४ करम। उपदनद ऊपर सद, गरड धरतश पर तथ४
परम पपरर हलधर च४रत ओर सद तपमह४रश रक४ करम।
त४तपयर : खदकतहरत कद घरत मम भश जक सभयत४ कक आधपकनक कवकधयत मम बढद-चढद नहथ थद, कसय४ह
गकबर तथ४ मकमसत कद द४र४ मरत पढकर बचत कक रक४ करन४ ज४नतश थश। बडद सद बडद खतरत सद महतश
सपरक४ पद४न करनद कक यह एक सरल तथ४ वय४वह४ररक कवकध थश। इसद कह सद करन४ हह लकगत कक ज४नन४
इकनदय४कण--स४रश इकनदयत कक; हरशकद श:--सभश इकनदयत कद रकक भगव४ननन हरशकद श; प४ण४ननन--स४रद प४णत कक; न४र४यण: --
भगव४ननन न४र४यण; अवतप--रक४ करम; शवदतदशप-पकत:--शवदतदशप कद सव४मश, कवषणप; कचतमननस--हदय कक; मनद--मन कक;
यकगदशवर: -- भगव४ननन यकगदशवर; अवतप--सररकण पद४न करम।.
हरशकद श तपमह४रश इकनदयत कक तथ४ न४र४यण तपमह४रद प४णव४यप कक रक४ करम। शदतदशप कद सव४मश
तपमह४रद कचत कक तथ४ यकगदशवर तपमह४रद मन कक रक४ करम।
पककशटनगभर:--भगव४ननन पककशनगभर; तप--कनससनददह; तद--तपमह४रश; बपकदमनन--बपकद कक; आतम४नमनन--आतम४ कक; भगव४ननन-- भगव४न;
'पर:--कदवय; ककडनतमनन-खदलतद हह ए; प४तप--रक४ करम; गककवनद:--गककवनद; शय४नमनन--सकतद समय; प४तप--रक४ करम; म४धव: --
भगव४ननन म४धव; बजनतमनन--चलतद हह ए; अवय४तनन--रक४ करम; वहकपणठ:-- भगव४ननन वहकपणठ; आसशनमनन--बहठद हह ए; तव४मनन-तपमकक;
कशय: पकत: --लकमशपकत, न४र४यण; भपझञ४नमस--जशवन क४ भकग करतद हह ए; यजभपकनन--यजभपक; प४तप--रक४ करम; सवर-गह-
भयमनन-करद --जक स४रद दपष गहत कक भय ददनद व४लद |.
भगव४न पकशनगभर तपमह४रश बपकद कक तथ४ पसणर पपररकतम भगव४ननन तपमह४रद आतम४ कक रक४
करम। तपमह४रद खदलतद समय गककवनद तथ४ तपमह४रद सकतद समय म४धव तपमह४रश रक४ करम। भगव४ननन
बहकपणठ तपमह४रद चलतद समय तथ४ लकमशपकत न४र४यण तपमह४रद बहठतद समय तपमह४रश रक४ करम। इसश
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तरह भगव४ननन यजभपक, कजनसद स४रद दपषगह भयभशत रहतद हह तपमह४रद भकग कद समय सदहव तपमह४रश
रक४ करम।
ड४ककनयद य४तपध४नय: च कप षम४णड४:--ड४इनम, चपडहलम, बचत कक दपशमनम; यद--जक हह; अभरक-गह४: --बचत कद कलए अशपभ
नकतत तपलय; भसत--दपष४तम४एह; पदत--पदत; कपश४च४:--भसतत कद हश तपलय दपष४तम४एह; च-- भश; यक--यकगण; रक:--र४कसगण;
कवन४यक४:--कवन४यक न४म कद ; ककटर४--ककटर४ न४मक; रदवतश--रदवतश न४मक; जयदष४--जयदष४ न४मक; पसतन४--पसतन४ न४मक;
म४तकक४-आदय: --म४तकक४ इतय४कद दपकषनम; उनम४द४:--उनम४द उतपन करनद व४लश; यद--जक अनय; कह--कनससनददह; अपसम४र४:--
समककत ह४कन करनद व४लश; ददह-प४ण-इकनदय--शरशर, प४ण तथ४ इकनदयत कक; दपहद-- कष ददनद व४लश; सवपन-दष४:--बपरद सपनद ल४नद
व४लद, दपष४तम४; मह४-उतप४त४: --मह४ननन उतप४त मच४नद व४लद; वकद४:--अनपभवश; ब४ल-गह४: च--तथ४ ब४लकत पर आकमण करनद
व४लद; यद--जक; सवर-- सभश; नशयनतप-- कवनष हत; तद--वद; कवषणक: -- भगव४ननन कवषणप कद ; न४म-गहण--न४म लदनद सद; भशरव:--
डर ज४तद हह।.
ड४ककनश, य४तपध४नश तथ४ कप षम४णड न४मक दपष ड४इनम बचत कक सबसद बडश शतप हह तथ४ भसत,
पदत, कपश४च, यक, र४कस तथ४ कवन४यक जहसद दपष४तम४ओर कद स४थ ककटर४, रदवतश, जयदष४, पसतन४
तथ४ म४तकक४ जहसश ड४इनम भश सदहव शरशर, प४ण तथ४ इकनदयत कक कष पहह चह ४नद कद कलए तहय४र
रहतश हह कजससद समककत कक ह४कन, उनम४द तथ४ बपरद सवपन उतपन हकतद हह। वद दपष अनपभवश वकदत कक
तरह बचत कद कलए कवशदर रप सद भ४रश उतप४त खड४ करतद हह। ककनतप भगव४ननन कवषणप कद
न४मकच४र सद हश उनहम नष ककय४ ज४ सकत४ हह कयतकक जब भगव४ननन कवषणप क४ न४म पकतधवकनत
हकत४ हह, तक वद सब डर ज४तद हह और दसर भ४ग ज४तद हह।
अदहवमचयपतमन४कदमननतरपमनन
वदददरप दपलरभमदपलरभम४तमभकक
“मह उन भगव४ननन गककवनद कक पसज४ करत४ हह ह जक आकद पपरर हह, अदहत हह, अचयपत हह और अन४कद
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हह। यदकप वद अननत रपत मम कवसत४र करतद हह कफर भश वद भलकतक हह और सबसद वकद पपरर हककर भश वद
सदहव यपवक लगतद हह। ऐसद कनतय, आननदमय तथ४ सवर रपत व४लद भगव४ननन कक वददत कद पपसतककय ज४न
सद नहथ ज४न४ ज४ सकत४ अकपतप वद सवतद शपद अननय भकत कद समक पकट हकतद हह ।''
हम शरशर कक कतलक सद सज४तद समय कवषणप कद ब४रह न४मत क४ उच४रण करकद शरशर कक सपरक४
पद४न करतद हह। यदकप गककवनद य४ भगव४ननन कवषणप एक हह ककनतप उनकद कवकभन न४म तथ४ रप हह कजनसद
वद कभन कभन क४यर करतद हह। ककनतप यकद ककसश कक एकस४थ स४रद न४म समरण नहथ रहतद तक वह एकम४त
“भगव४ननन कवषणप! ' भगव४ननन कवषणप' ' भगव४ननन कवषणप' न४मकच४रण और भगव४ननन कवषणप क४ सदहव कचनतन
कर सकत४ हह। कवषणकर४र४धनर परमस-पसज४ क४ यहश सवरच रप हह। यकद ककई कनरनतर कवषणप क४ समरण
करद तक भलद हश उसद दपष४तम४एह सत४तश हत ककनतप उसकक रक४ कनससनददह हक सकतश हह। आयपवरदश४ख कक
सरसतपकत हह-- औरकध कचनतयदतनन कवषणपम-यह४ह तक कक दव४ ख४तद समय भश कवषणप क४ समरण करद कयतकक
दव४ हश सब कप छ नहथ। भगव४ननन कवषणप असलश रकक हह। यह भलकतक जगत कवपद४ओर सद भर४ हह आ हह
( पर पदर यदनन कवपद४मनन ) | अत: मनपषय कक वहषणव बनकर कनरनतर कवषणप क४ कचनतन करन४ च४कहए। हरद
कक षण मह४मरत क४ ककतरन करनद सद यह अकधक सपगम हक ज४त४ हह। इसशकलए शश चहतनय मह४पभप नद
सरसतपकत कक हह-- ककतरनशय: सद४ ह४रर:, पररर कवजयतद शशकक षणसडभशवरनमनन तथ४ ककवरन४ददव कक षणसय मपकसरग:
परर बजदतनन ।
शशशपक उव४च
इकत पणयबद४कभगगकपशकभ: कक तरकणमनन ।
प४यकयतव४ सतन म४त४ सननयवदशयद४तमजमनन ॥ ३०॥
शश-शपक: उब४च-- शशशपकददव गकसव४मश नद कह४; इकत--इस तरह; पणय-बद४कभ:--म४तकसनदह सद बहधद हह ए; गकपशकभ: --यशकद४
आकद पलढ गककपयत कद द४र४; कक त-रकणमनन--ब४लक कक रक४ करनद कद कलए सभश उप४य ककयद गयद; प४यकयतव४--इसकद ब४द
ब४लक कक कपल४ कर; सतनमनन-सतन; म४त४--म४त४ यशकद४ नद; सननयवदशयतनन--कबसतर पर कलट४ कदय४; आतमजमनन-- अपनद बदटद
कक.
शशल शपकददव गकसव४मश नद आगद कह४ : म४त४ यशकद४ समदत स४रश गककपय४ह म४तकसनदह सद बहधश
हह ई थथ। इस तरह ब४लक कक रक४ कद कलए मरतकचय४रण कद ब४द म४त४ यशकद४ नद बचद कक अपन४
दसध कपल४य४ और उसद कबसतर पर कलट४ कदय४।
त४तपयर : जब ब४लक अपनश म४त४ कद सतनत क४ दसध पशत४ हह, तक यह सवसथत४ क४ शपभ लकण हह।
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इसकलए वकद४ गककपय४ह कक षण कक सपरक४ पद४न करनद कद कलए कद वल मरतकच४रण सद हश सरतपष नहथ हह ईर
अकपतप उनहतनद इसकक भश परशक४ कक कक उनकद ब४लक क४ सव४सथय ठशक हह कक नहथ। जब ब४लक नद
सतन सद दसध चसस४ तक इससद पपकष हक गई कक ब४लक सवसथ हह और जब गककपय४ह पसरश तरह तपष हक गई र तक
उनहतनद ब४लक कक उसकद कबसतरद पर कलट४ कदय४।
त४वतननस--तब तक, इस बशच; ननद-आदय: --ननद मह४र४ज इतय४कद; गकप४:--स४रद गव४लद; मथपर४य४:--मथपर४ सद; बजमनन--
वकनद४वन; गत४:--व४पस आ गयद; कवलककय--ददखकर; पसतन४-ददहमनन-पसतन४ कद मकत कवश४ल शरशर कक; बभसवप:--हक गयद;
अकत--अतयनत; कवकसमत४:-- आशवयरचककत |.
तब तक ननद मह४र४ज समदत स४रद गव४लद मथपर४ सद ललट आयद और जब उनहतनद र४सतद मम पसतन४
नसनमनन--कनशचय हश; बत--मदरद दकसतक; ऋकर:--सननननत पपरर; सज४त:--बन गय४ हह; यकग-ईशद --यकग शकक क४ सव४मश; व४--
अथव४; सम४स--बन गय४ हह; सद--उसनद ( वसपददव नद ); सद--वहश; एब--कनससनददह; दष:--ददख४ गय४; कह--कयतकक;
उतप४त:--उतप४त; यतनन--जक; आह-- भकवषयव४णश कक गई; आनकदपनदपकभ: --वसपददव द४र४ |.
नननननद मह४र४ज तथ४ अनय गव४लद कचल४ पडद: कमतक, ज४न लक कक आनकदपनदपकभ अथ४रतनन
बसपददव बहह त बड४ सनत य४ यकगदशवर बन चपक४ हह। अनयथ४ वह इस उतप४त कक पहलद सद कह सद ददख
सकत४ थ४ और हमसद इसकक भकवषय व४णश कह सद कर सकत४ थ४ ?
त४तपयर : इस शलकक सद ककतयत तथ४ बदच४रद वहशयत क४ अनतर पकट हकत४ हह। वसपददव र४जनशकतक
व४
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कसथकत क४ अधययन करकद ददख सकतद थद कक कनय४ हकनद व४ल४ हह जबकक खदकतहरत कद र४ज४ ननद मह४र४ज
इतन४ हश अनपम४न लग४ सकतद थद कक वसपददव मह४र४ज परम सनत हह और उनहम यकगशकक प४प हक चपकक
हह। व४सतव मम वसपददव कद अधशन स४रश यकगशककय४ह थथ अनयथ४ वद कक षण कद कपत४ कह सद बनतद ? ककनतप
व४सतकवकत४ तक यह थश कक करस कक र४जनहकतक हलचलत क४ अधययन करकद हश उनहतनद उतप४तत कक
पहलद हश ददख कलय४ थ४ और ननद मह४र४ज कक सतकर त४ बरतनद कद कलए स४वध४न ककय४ थ४। ननद
मह४र४ज इस घटन४ कक भकवषयव४णश कक वसपददव कक आशचयरजनक यकगशकक सद समभव म४न रह थद।
हठयकग कद अभय४स द४र४ प४प यकगशकक सद मनपषय भकवषय कक ज४न सकत४ हह।
कलदवरमनन--पसतन४ कद कवश४ल शरशर कक; परशपकभ:--कप लह४कडयत य४ फरसत सद; कछतत४--खणड खणड करकद ; ततनन--उस ( शरशर
कक ); तद--वद सभश; बज-ओकस:--बजव४सश; दसर- द -बहह त दसर; ककपव४--फम क कर; अवयवश:--शरशर कद कवकभन खरड;
नयदहननन--जल४ कदय४; क४ष-वदकषतमनन--लकडश सद ढक४ हह आ.
त४तपयर : यह पथ४ हह कक स४हप कक म४रनद कद ब४द उसकद शरशर कक खरड खरड कर कदय४ ज४त४ हह कक
कहथ हव४ कद सरसगर सद वह पपनद जशकवत न हक उठद। स४हप कक म४र ददन४ हश क४फक नहथ हह , म४रनद कद ब४द
इसद खरड खरड करकद जल४ ददन४ च४कहए। इससद खतर४ ज४त४ रहदग४। पसतन४ एक कवश४ल सपर कक तरह थश
इसकलए गव४लत नद इनहथ स४वध४कनयत कक धय४न मम रखकर उसकद शरशर कक जल४ कर क४र कर ड४ल४।
दहम४नसय--जल४कर क४र करतद समय; ददहसय--पसतन४ कद शरशर क४; धसम:-- धपहआ; च--तथ४; अगपर-सलरभ:--अगपर जहस४
सपगकनधत धपहआ; उकतथतद--शरशर सद उठ४ हह आ; कक षण-कनभपरक--कक षण द४र४ सतन चससद ज४नद सद; सपकद--तपरनननत; आहत-प४पमन:--
उसक४ भलकतक शरशर आधय४कतमक बन गय४ अथव४ वह भवबनधन सद छसट गय४।.
बह तपरनत समसत भलकतक कलमर सद मपक हक गई। उसकद स४रद प४प सवतद हश दसर हक गयद अतएव
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जब उसकद कवश४ल शरशर कक जल४य४ ज४ रह४ थ४, तक उसकद शरशर सद कनकलनद व४ल४ धपआ
ह अगपर
कक सपगनध स४ महक रह४ थ४।
त४तपयर : कक षणभ४वन४मकत क४ ऐस४ हश पभ४व हकत४ हह। यकद ककई वयकक अपनश इकनदयत कक भगव४ननन
कक सदव४ मम लग४ कर ककसश तरह कक षणभ४वन४भ४कवत हक ज४त४ हह, तक वह स४रद भलकतक कलमर सद तपरनत
मपक हक ज४त४ हह। शणवत४र सवकथ४: कक षण: पपणयशवणककतरन: ( भ४गवत १.२.१७) | कक षण कक लशल४ओर
कक सपनन४ शपद जशवन कक शपरआत हह। पपणयशवणककवरन:--कद वल सपननद तथ४ ककतरन करनद सद मनपषय
शपद बन ज४त४ हह। अतद भकक करतद समय शवणककवरन अतयनत महतवपसणर हह। तब मनपषय शपद इकनदयत
सद भगव४ननन कक सदव४ करन४ शपर करत४ हह ( हरशकद ण हरशकद शसदवनमनन )। भककरचयतद-यह भकक
कहल४तश हह। जब यदन कद न पक४रदण, पतयक य४ अपतयक रशकत सद पसतन४ सद सतनप४न कर४ कर भगव४ननन
कक सदव४ मम उसद लग४य४ गय४ तक वह तपरनत शपद बन गई, यह४ह तक कक जब उसक४ दपष भलकतक शरशर
जलकर क४र हक गय४ तक उससद अगपर कक सश सपगनध कनकलश जक कक अतयनत अचछश लगनद व४लश
सपगरकधत जडश-बसटश हह।
पसतन४--पदशदवर र४कसश पसतन४; लकक-ब४ल-घनश--जक मनपषयत कद ब४लकत कक म४र ड४लतश थश; र४कसश--र४कसश; रकधर-
अशन४--खसन कक पय४सश; कजघ४रसय४--कक षण कक म४र ड४लनद कक इचछ४ सद ( कक षण सद ईषय४र करनद तथ४ करस द४र४ आददश कदयद
ज४नद सद ); अकप-- भश; हरयद-- भगव४ननन कक; सतनमननस-- अपनद सतन; दतव४-- पद४न करकद ; आप--प४प ककय४; सतनन-गकतमनन--
वहकपणठ क४ सवरच पद; ककमनन--कय४ कह४ ज४य; पपन:--कफर; शदय४--शद४यपत; भकतय४--भककपसवरक; कक षण४य--कक षण
कक; परम४तमनद--परम पपरर; यचछननन-- भमट करतद हह ए; कपय-तममनन--अतयनत कपय; ककमनन--कप छ; नप--कनससनददह; रक४:--
समबनधश; ततननस-म४तर:--कक षण कक सनदहमयश म४त४एह; यथ४--कजस तरह।.
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त४तपयर : पसतन४ कक कक षण सद ककई सनदह न थ४, पतयपत वह उनसद ईषय४र करतश थश और उनहम म४र
ड४लन४ च४हतश थश। कफर भश ज४नद-अनज४नद उसनद उनहम सतनप४न कर४ कर परमगकत प४प कक। ककनतप
व४तसलय पदम मम अनपरक भकत कक भमट अतयनत कनष४यपक हकतश हह। म४त४ अपनद पपत कक सनदह तथ४ पदम
सद ककई वसतप भमट करन४ च४हतश हह, तक उसमम ईषय४र क४ लदशम४त भश नहथ रहत४। अत: हम यह४ह
तपलन४तमक अधययन कर सकतद हह। यकद पसतन४ उपदक४ भ४व सद ईषय४रपसवरकत सतनप४न कर४ कर
आधय४कतमक जशवन क४ ऐस४ सवरच पद प४प कर सकतश हह, तक भल४ म४त४ यशकद४ तथ४ अनय गककपयत
कद कवरय मम कय४ कह४ ज४य कजनहतनद कक षण कक सदव४ ल४ड-पय४र कद स४थ कक और कक षण कक तपकष कद
कलए हर वसतप अकपरत कर दश ? गककपयत कक सवतद परम पद प४प हह आ। इसशकलए शश चहतनय मह४पभप नद
व४तसलय पदम य४ म४धपयर पदम मम गककपयत कद सनदह कक हश जशवन कक सवरच कसकद बतल४य४ (रमय४
पदभय४मस-दकनत चरणकमलत सद; भक-हकद-सथ४भय४मस--कजनकद हदय मम भगव४ननन कनरनतर कसथत रहतद हह; वनद४ भय४मस--कजनकक
सदहव वनदन४ कक ज४नश च४कहए; लकक-वकनदतह:--बह४ तथ४ कशव द४र४, जक तशनत लककत कद व४कसयत द४र४ पशरकसत हह; अडड मस--
शरशर कक; यसय४: --कजस ( पसतन४ ) क४; सम४कमय--आकलरगन करकद ; भगव४ननन-- भगव४ननन; अकप--भश ; ततनन-सतनमनन--उस सतन
कक; य४तपध४नश अकप--यदकप वह भसतनश थश; स४--उसनद; सवगरमनन-कदवय ध४म कक; अव४प-प४प ककय४; जननश-गकतमननस--म४त४
कद पद कक; कक षण-भपक-सतन-कशर४द--चसकह क उनकद सतनत क४ प४न कक षण नद ककय४ थ४; ककमनन उ--कय४ कह४ ज४य; ग४व:--गलवम;
अनपम४तर:--म४त४ओर कक हश तरह कजनहतनद कक षण कक अपन४ सतन-प४न कर४य४।.
भगव४ननन कक षण शपद भकत कद हदय मम सदहव कसथत रहतद हह और बह४जश तथ४ भगव४ननन
कशवजश जहसद पसजय पपररत द४र४ सदहव वनदनशय हह। चसकह क कक षण नद पसतन४ कद शरशर क४ आकलरगन
अतयनत पदमपसवसरक ककय४ थ४ और भसतनश हकतद हह ए भश उनहतनद उसक४ सतनप४न ककय४ थ४ इसकलए
उसद कदवय लकक मम म४त४ कक गकत और सवरच कसकद कमलश। तक भल४ उन गलवत कद कवरय मम कय४
कह४ ज४य कजनक४ सतनप४न कक षण बडद हश आननद सद करतद थद और जक बडद हश पय४र सद म४त४ कद
हश सम४न कक षण कक अपन४ दसध ददतश थथ?
त४तपयर : यद शलकक बतल४तद हह कक भगव४ननन कक भकक च४हद पतयक कक ज४य य४ अपतयक, ज४न सद
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बतल४य४ हह | गकलकक वकनद४वन मम म४त४ यशकद४ कक सह४यत४ करनद कद कलए उसद ध४य तथ४ द४सश क४ पद
कदय४ गय४।
पय४रकस य४स४मकपबतयपतसनदहसनपत४नयलमनन ।
भगव४नददवकक पपत: कह वलय४दकखलपद: ॥ ३९॥
त४स४मकवरतर कक षणद कप वरतशन४र सपतदकणमनन ।
न पपनद कलपतद र४जनसरस४रकउज४नसमभव: ॥ ४०॥
परय४रकस--दसध ( शरशर सद कनकल४ ); य४स४मनन--उन सबत क४; अकपबतनन--कक षण नद कपय४; पपत-सनदह-सनपत४कन--म४तक सनदह कद
क४रण, न कक बन४वटश ढरग सद, गककपयत कद शरशर सद कनकल४ दसध; अलमस-- पय४रप; भगव४ननन-- भगव४ननन; ददवकक-पपत:--ददवकक
कद पपत रप मम पकट हहए; कह वलय-आकद--यथ४ मपकक य४ बह तदज मम लशन हकन४; अकखल-पदद --ऐसद समसत वरत कद पद४त४;
त४स४मनन--उन स४रश गककपयत क४; अकवरतमनन--कनरनतर; कक षणद--कक षण मम; कप बरतशन४मनन-- करतद हह ए; सपत-ईकणमनन--म४त४ द४र४
अपनद कशशप कक कनह४रन४; न--कभश नहथ; पपन:द--कफर; कलपतद--कलपन४ कक ज४ सकतश हह; र४जननन--हद र४ज४ परशककत;
सरस४र: --जनम-मकतयप क४ भलकतक बनधन; अज४न-समभव:--सपखश बननद कक क४मन४ करनद व४लद मसखर वयककयत द४र४ अनज४नद मम
सवशकक त ककय४ गय४।.
त४तपयर : यह४ह कक षणभ४वन४मकत कद ल४भ क४ वणरन हह आ हह। कक षणभ४वन४मकत कमश: कदवय सतर पर
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कवककसत हकत४ हह। मनपषय परम पपरर, परम सव४मश, परम कमत, परम पपत य४ परम यपगल पदमश कद रप मम
कक षण क४ कचनतन कर सकत४ हह। यकद कक षण सद ककसश क४ इनमम सद ककसश रप मम कदवय समबनध हकत४ हह,
तक समकझयद कक उसकद भलकतक जशवन क४ अनत हक गय४ हह। जहस४कक भगवदशत४ (४.९) मम पपकष हह ई
हह-नयकतव४ ददह पपनजरनननम नहकत म४मदकत--ऐसद भकत कद कलए भगवद४म व४पस ज४न४ सपकनकशचत हह। न पपनद
कलपतद र४जननन सरस४रक5 ज४नसमभव: । यह शलकक इस ब४त कक भश पपकष हकतश हह कक जक भक कक षण सद
ककसश कवशदर समबनध मम बहध कर कनरनतर धय४न करतद हह, वद इस जगत मम कफर नहथ ललटतद। इस सरस४र
मम भश वहश समबनध हह। मनपषय सकचत४ हह “यह मदर४ पपत हह', 'यह मदरश पतनश हह' “यह मदर४ पदमश हह' य४
“यह मदर४ कमत हह।' ककनतप यद समबनध ककणक म४य४ हह। अज४नसमभव:--ऐसश चदतन४ अज४न कद क४रण
उतपन हकतश हह। ककनतप जब यहश चदतन४ कक षणभ४वन४मकत मम ज४गकत हकतश हह, तक उसद पपनद आधय४कतमक
जशवन प४प हकत४ हह और वह कनकशचत रप सद भगवद४म व४पस ज४त४ हह। यदकप गककपय४ह रककहणश तथ४
म४त४ यशकद४ कक सकखय४ह थथ और कक षण कक अपन४ सतनप४न कर४तश थथ परनतप पतयकतद कक षण कक
म४त४एह न थथ। ककनतप उनहम भगवद४म ज४नद क४ तथ४ कक षण कक स४सम, द४कसय४ह आकद बननद क४ वहस४ हश
अवसर प४प हह आ जहस४कक रककहणश तथ४ यशकद४ कक कमल४। सरस४र शबद अपनद शरशर, घर, पकत य४ पतनश
तथ४ बचत कद पकत अनपरकक क४ दकतक हह, ककनतप गककपय४ह तथ४ वकनद४वन कद अनय व४सश अपनद पकत तथ४
घर कद पकत वहस४ हश सनदह तथ४ अनपरकक रखतद हह ए भश कक षण कक अपनद सनदह क४ कद नद बन४यद हह ए थद।
इसशकलए अगलद जनम मम उनहम गकलकक वकनद४वन ज४नद तथ४ कक षण कद स४थ रहकर श४शवत कदवय सपख-भकग
कक प४कप कनकशचत हह। इस भलकतक जगत सद छसट कर कदवय पद कक प४प करनद और भगवद४म ज४नद क४
सरलतम म४गर भकककवनकद ठ४कप र नद सपझ४य४ हह-- कक षणदर सरस४र कर छ४कडउअन४च४र--स४रद प४प कमर कक
'कट-धसमसय--पसतन४ कद शरशर कद कवकभन अरगत कद जलनद सद उतपन धपएह कक; सलरभयमनन--सपगकनध; अवध४य--ससहघ कर; बज-
ओकसद --दसर दसर कद बजव४सश; ककमनन इकदमनन-यह सपगकनध कह सश हह; कप तद--कह४ह सद आ रहश हह; एब--कनससनददह; इकत--इस
तरह; वदनतद--ब४तम करतद; बजमनन--वजभसकम मम; आययप:--पहह हचद ।.
पसतन४ कद जलतद शरशर सद कनकलद धपएह कक सपगनध कक ससहघ कर दसर दसर कद अनदक बजव४सश
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आशचयरचककत थद और पसछ रहद थद, “यह सपगकनध कह४ह सद आ रहश हह ?'' इस तरह वद उस सथ४न तक
गयद जह४ह पर पसतन४ क४ शरशर जल४य४ ज४ रह४ थ४।
त४तपयर : शव कद जलनद सद कनकलद धपहए कक गनध रकचकर नहथ हकतश | इसशकलए ऐसश अदपत सपगरकध
सद बज कद कनव४सश चककत थद।
तद--आयद हहए स४रद लकग; तत--वह४ह ( ननद मह४र४ज कद र४जय कद पडकस मम ); वकणरतमनन--वकणरत; गकपहद --गव४लत द४र४; पसतन४-
आगमन-आकदकमनन--ककस तरह पसतन४ आई तथ४ उसनद उतप४त मच४य४ इन सबकद कवरय मम; शपवव४--सपनकर; ततनन-कनधनमनन-तथ४
उसकद मरनद कद कवरय मम; सवकसत--मरगल हक; कशशक: --ब४लक क४; च--तथ४; आसनस--अकपरत ककय४; सप-कवकसमत४:--जक कप छ
घट४ थ४ उससद आशचयरचककत हककर।.
जब दसर दसर सद आयद बजव४कसयत नद पसरश कथ४ सपनश कक ककस तरह पसतन४ आई और कफर
कक षण द४र४ म४रश गई तक वद हतननपभ रह गयद और उनहतनद पसतन४ कद म४रनद कद अदपत क४यर कद कलए
उस ब४लक कक आशशव४रद कदय४। कनससनददह ननद मह४र४ज वसपददव कद अतयनत कक तज थद कजनहतनद
इस घटन४ कक पहलद हश ददख कलय४ थ४। उनहतनद यह सकचकर वसपददव कक धनयव४द कदय४ कक वद
ककतनद अदभपत हह।
ननदद--मह४र४ज ननद; सव-पपतमनन आद४य-- अपनद पपत कक षण कक अपनश गकद मम लदकर; पदतय-आगतमनन--म४नक कक षण मकतयप कद मपख
सद ललट आयद हत ( ककई कलपन४ भश नहथ कर सकत४ थ४ कक ब४लक ऐसद सरकट सद बच ज४एग४ ); उद४र-धश:--उद४र तथ४ सरल
हकनद सद; मसकधनर--कक षण कद कसर पर; उप४ध४य--ससहघ कर; परम४मनन--सवरच; मपदमनन--श४कनत; लदभद--प४प ककय४; कप र-उदह-हद
मह४र४ज परशककत।,
हद कप र शदष मह४र४ज परशककत, ननननद मह४र४ज अतयनत उद४र एवर सरल सवभ४व कद थद। उनहतनद
तपरनत अपनद पपत कक षण कक अपनश गकद मम उठ४ कलय४ म४नक कक षण मकतयप कद मपख सद ललटद हत और
अपनद पपत कद कसर कक ससहघ कर कनससनददह कदवय आननद क४ अनपभव ककय४।
त४तपयर : ननद मह४र४ज यह नहथ समझ प४यद कक उनकद घर कद लकगत नद ककस तरह पसतन४ कक घर मम
घपसनद कदय४, न हश वद इस कसथकत कक गमभशरत४ क४ अनपम४न लग४ सकद । वद यह नहथ समझ प४यद कक कक षण
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नद पसतन४ कक म४रन४ च४ह४ थ४ और उनकक लशल४एह यकगम४य४ द४र४ समपन कक गई।र ननननद मह४र४ज नद तक
कद वल इतन४ हश सकच४ कक ककसश नद उनकद घर मम घपस कर उतप४त मच४ कदय४ हह। यहश ननननद मह४र४ज क४
भकल४पन थ४।
य एततपसतन४मककर कक षणसय४भरकमदपतमनन ।
शणपय४चछप दय४ मतयर गककवनदद लभतद रकतमनन ॥ ४४॥
जक ककई भश भगव४ननन कक षण द४र४ पसतन४ कद म४रद ज४नद कद कवरय मम शद४ तथ४ भककपसवरक
शवण करत४ हह और कक षण कक ऐसश ब४ल लशल४ओर कद सपननद मम अपनद कक लग४त४ हह उसद कनशचय
हश आकद पपरर रप गककवनद कद पकत अनपरकक प४प हकतश हह।
त४तपयर : यह घटन४, कजसमम उस ड४इन नद बचद कक म४रनद क४ पय४स ककय४ ककनतप सवयर म४रश गई,
कनशचय हश अदपत हह। इसशकलए इस शलकक मम अदपतमनन शबद पयपक हह आ हह, कजसक४ अथर हह कवशदर
रप सद आशचयरजनक । कक षण अपनद कवरय मम अनदक अदपत कथ४एह छकड गयद हह। 'कक षण' न४मक गनथ मम
इन कथ४ओर कक पढनद म४त सद मनपषय कक इस भलकतक जगत सद मपकक प४प हक ज४तश हह और वह आकद
पपरर गककवनद कद पकत कमश: अनपरकक तथ४ भकक उतपन कर लदत४ हह।
इस वरह शशमद४गवत कद दसवम सकरध कद अनतगरत 'पसतन४ वध” न४मक छठक अधय४य कद
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इस अधय४य मम शकट भरजन, तकण४वतर असपर क४ वध तथ४ शशकक षण द४र४ अपनद मपख कद भशतर स४रद
बह४णड क४ पदशरन न४मक शशकक षण लशल४ओर क४ वणरन ककय४ गय४ हह।
एक अनय कदन, जब म४त४ यशकद४ बचद कक गकद मम कलए बहठश थथ तक उनहम सहस४ लग४ कक बचद मम
स४रद बह४णड क४ भ४र सम४ गय४ हह। वद इतनश अचकमभत हह ईर कक बचद कक नशचद बहठ४न४ पड४। तभश करस
क४ एक द४स तकण४वतर चकव४त (अरधड) कद रप मम वह४ह आय४ और बचद कक उड४ लद गय४। गककप ल क४
स४र४ पददश धसल सद भर गय४ और ककई भश यह न ददख प४य४ कक ब४लक कह४ह लद ज४य४ गय४। स४रश
गककपय४ह कवहल थथ कयतकक ब४लक धसलभरश आहधश द४र४ उड४ लद ज४य४ गय४ थ४ लदककन वह असपर ब४लक
कद भ४र कद क४रण आक४श मम उसद दसर तक नहथ लद ज४ सक४। वह ब४लक कक नशचद कगर४ भश नहथ प४ रह४
थ४ कनयतकक ब४लक नद उसद मजबसतश सद पकड रख४ थ४। अतद सवयर तकण४वतर क४फक ऊहच४ई सद नशचद कगर
पड४ और तपरनत मर गय४। ब४लक उसकद कनधद कक मजबसतश सद पकडद हह ए थ४। जब वह असपर कगर पड४
तक गककपयत नद बचद कक उठ४ कलय४ और उसद म४त४ यशकद४ कक गकद मम ल४कर दद कदय४। यशकद४ म४त४
आशचयरचककत थथ ककनतप यकगम४य४ कद पभ४व सद ककई यह नहथ ज४न प४य४ कक आकखर कक षण हह कलन और
असल मम घटन४ कय४ घटश। पतयपत पतयदक वयकक बचद कद भ४गय कक सर४हन४ करनद लग४ कक वह ऐसश
कवपद४ सद बच गय४ हह। ह४ह, ननननद मह४र४ज तक वसपददव कक अदपत भकवषयव४णश कद कवरय मम हश सकच रहद
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थद और वद उस मह४ननन यकगश कक पशरस४ करनद लगद। ब४द मम जब ब४लक म४त४ यशकद४ कक गकद मम
अहगड४ई लदनद लग४ तक म४त४ यशकद४ नद उसकद मपख कद भशतर समपसणर बह४णड ददख४।
शशर४जकब४च
यदन यदन४वत४रदण भगव४नहरररश शवरद ।
'करककत कणररमय४कण मनकज४कन च नद पभक ॥ १॥
यचछप णवतक 5 पहतयरकतकवरतकषण४
सतवर च शपदयडतयकचरदण पपरसद ।
भककहरल ततपपररद च सखयर
तददव ह४रर बद मनयसद चदतनन ॥ २॥
शश-र४ज४ उव४च--र४ज४ नद ( शपकददव गकसव४मश सद ) पसछ४; यदन यदन अवत४रदण--कजन कजन अवत४रत कद द४र४ पदकशरत लशल४एह;
भगव४नसनन-- भगव४ननन; हरर: --हरर; ईशवर: --कनयनत४; करककत-- पसतपत करत४ हह; कणर-रमय४कण--क४नत कक सपननद मम सपखद; मनद-
ज४कन--मन कद कलए आकररक; च--भश; न:--हम सबत कद ; पभक--हद पभप, शपकददव गकसव४मश; यतनन-शकणवतद --इन कथ४ओर कक
सपननद व४लद क४; अपहकत--दसर हक ज४त४ हह; अरकत:--अन४कररण; कवतकषण४--मन कद भशतर क४ महल जक हमम कक षणभ४वन४मकत मम
अरकच उतपन कर४त४ हह; सतवमनन च--हदय कद भशतर अकसततव; शपदगकत--शपद बन४त४ हह; अकचररण--तपरनत; पपरस:--ककसश भश
वयकक क४; भकक: हरल-- भगव४ननन कद पकत भकक; ततनन-पपररद--वहषणवत कद स४थ; च--भश; सखयमनन--सरगकत कद कलए आकररण;
ततनन एबव--कद वल वह; ह४रमनन-- भगव४ननन कद क४यरकल४प कजनहम सपनन४ च४कहयद और गलद मम म४ल४ कद सम४न रखन४ च४कहए; बद--
कक प४ करकद कहम; मनयसद--आप उकचत समझतद हह; चदतनन--यकद।.
र४ज४ परशककत नद कह४ : हह पभप शपकददव गकसव४मश, भगव४ननन कद अवत४रत द४र४ पदकशरत कवकवध
कक षण-बकहनयख
प हहय४ भकग-व४जछ४ करद।
हम४र४ भलकतक जगत म४य४ हह, कजसमम हम तरह तरह कद भलकतक भकगत कक अकभल४र४ करतद हह
इसकलए हम तरह तरह कद शरशर ध४रण करतद रहतद हह ( श४मयननन सवरभतस ४कन यन४रढ४कन
म४यय४ ) ।असनकप कद शद आस ददह:--जब तक हम४रश यह नशवर ददह रहदगश तब तक अनदक पक४र
कद --आधय४कतमक, आकधभलकतक तथ४ आकधदहकवक--कद श कमलतद रहतद हह। स४रद कषत क४ मसल क४रण
यहश हह, कजसद कक षणभ४वन४मकत कक ज४गकत करकद हश दसर ककय४ ज४ सकत४ हह। इसकलयद वय४सददव तथ४
अनय मपकनयत द४र४ पसतपत स४र४ वहकदक स४कहतय हममम कक षणभ४वन४मकत कक ज४गकत करनद कद उददशय सद
कलख४ गय४ हह। यह शवणर ककवरनर कद ज४गरण सद प४रमभ हकत४ हह। शणवत४र सननवकथ४: कक षण: ( भ४गवत
१.२.१७)। शशमद४गवत तथ४ अनय वहकदक गरथ कद वल कक षण कद कवरय मम शवण करनद कद कलए अवसर
पद४न करनद कद कनकमत हह। कक षण कद कवकभन अवत४र हह। वद सभश अदपत हह अतएव वद हम४रश उतकरठ४
कक ज४गकत करनद व४लद हह ककनतप मतसय, कस मर तथ४ वर४ह जहसद अवत४र कक षण कद सम४न आकररक नहथ हह।
चसहकक सवरपथम, हममम कक षण कद कवरय मम सपननद कद कलए ककई आकररण नहथ हकत४ इसशकलए यह हम४रद
कषत कक जड बन ज४त४ हह।
अथ-भश; अनयतनन अकप--अनय लशल४एह भश; कक षणसय--ब४लक कक षण कक; तकक-आचररतमनन अदपतमनन--वद भश अदपत ब४ल-
लशल४एह; म४नपरमनन--म४नक म४नवश ब४लक हत; लककमनन आस४द--इस पकथवशलकक मम म४नव सम४ज मम पकट हककर; ततनन-ज४कतमननस--
म४नवश ब४लक कक हश तरह; अनपरनधत:--अनपकरण ककय४।.
शशशपक उब४च
कद४कचदलतथ४कनककलतपक४पवद
जनमकयकगद समवदतयककरत४मनन ।
व४कदतगशतकदजमनतव४चकह -
शवक४र ससनकरकभरदचनर सतश ॥४॥
शश-शपकद उब४च-- शशशपकददव गकसव४मश आगद बकलतद गयद; कद४कचतनन--उस समय ( जब कक षण तशन म४स कद थद ); औतथ४कनक-
'कलतपक-आपवद--जब कक षण ३-४ म४स कद थद तक उनक४ शरशर बढ रह४ थ४ और वद इधर-उधर पलटनद क४ पय४स कर रहद थद तक
इस अवसर पर सन४नकतसव मन४य४ गय४; जनम-ऋक-यकगद--उस समय चनदम४ तथ४ शपभ नकत रककहणश क४ सरयकग थ४; समवदत-
यककरत४मनन--एकत कसयत कद बशच ( यह उतसव मन४य४ गय४ ); व४कदत-गशत--न४न४ पक४र क४ सरगशत तथ४ ग४यन; कदज-मनत-
व४चकह : --यकगय ब४हणत द४र४ वहकदक सतकतत कद उच४रण कद स४थ; चक४र--समपन ककय४; ससनक: --अपनद पपत क४;
अकभरदचनमनन--सन४न उतसव; सतश--म४त४ यशकद४ नद.
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शपकददव गकसव४मश नद आगद कह४ : जब यशकद४ क४ नननहन ४ कशशप उठनद तथ४ करवट बदलनद क४
पयतन करनद लग४ तक वहकदक उतसव मन४य४ गय४। ऐसद उतसव मम, कजसद उतथ४न कह४ ज४त४ हह और
जक ब४लक द४र४ घर सद पहलश ब४र ब४हर कनकलनद कद अवसर पर मन४य४ ज४त४ हह, ब४लक कक
ठशक सद नहल४य४ ज४त४ हह। जब कक षण तशन म४स कद पसरद हह ए तक म४त४ यशकद४ नद पडकस कक अनय
औरतत कद स४थ इस उतसव कक मन४य४। उस कदन चनदम४ तथ४ रककहणश नकत क४ यकग थ४। इस
महकतसव कक म४त४ यशकद४ नद ब४हणत द४र४ वहकदक मनत कद उच४रण तथ४ पदशदवर ग४यकत कद
सहयकग सद समपन ककय४।
त४तपयर : वहकदक सम४ज मम जनसरखय४ कक ब४ढ य४ बचद क४ अपनद म४त४-कपत४ पर भ४र बननद क४
पशन हश नहथ थ४। ऐस४ सम४ज इतन४ सपवयवकसथत हकत४ हह और लकग आधय४कतमक कदश४ मम इतनद उनत
हकतद हह कक कशशप-जनम कक कभश बकझ य४ कचनत४ नहथ म४न४ ज४त४। कशशप जयत जयत बढत४ ज४त४ हह , तयत
तयत म४त४-कपत४ अकधक हकररत हकतद हह और कशशप द४र४ करवट लदन४ भश हरर क४ सकत बनत४ हह। कशशप कद
जनम कद पसवर भश जब म४त४ गकभरणश रहतश हह, तक अनदक अनपष४न समपन करनद कक सरसतपकत कक गई हह।
उद४हरण४थर, जब कशशप म४त४ कद गभर मम तशन महशनद तथ४ स४त महशनद क४ हक ज४त४ हह, तक म४त४ पडकस कद
ब४लकत कद स४थ भकजन करकद उतसव मन४तश हह। इसद सव४दभकण कहतद हह। इसश पक४र कशशप-जनम कद
पसवर गभ४रध४न उतसव हकत४ हह। वहकदक सभयत४ मम कशशप-जनम य४ गभरध४रण कभश भ४र नहथ म४न४ ज४त४
पतयपत यह हरर क४ क४रण बनत४ हह। इसकद कवपरशत आधपकनक सभयत४ कक गभरध४रण य४ कशशप-जनम
पसनद नहथ हह और यकद कशशप जनम लदत४ हह, तक कभश कभश लकग उसद म४र भश ड४लतद हह। इससद हम
सकच सकतद हह कक ककलयपग कद आगमन सद म४नव सम४ज ककतन४ पकतत हह आ हह। यदकप वतरम४न समय
मम भश लकग अपनद कक सभय घककरत करतद हह ककनतप यथ४थरतद अब म४नव सभयत४ नहथ रहश--कद वल दक
प४हव व४लद पशपओर कक भशड रह गई हह।
ननदसय--ननद मह४र४ज कक; पलश--पतनश ( यशकद४ ); कक त-मजनन-आकदकमनन--जब वद तथ४ घर कद अनय लकग नह४ चपकद और
ब४लक कक भश नहल४ कदय४ गय४ उसकद ब४द; कवपह: --ब४हणत कद द४र४; कक त-सवसतययनमनन--शपभ वहकदक मरतत कद प४ठ करनद मम
लग४कर; सप-पसकजतहद--कजनक४ ठशक सद सव४गत तथ४ पसजन ककय४ गय४; अन-आद--उनननहम पय४रप अन४ज तथ४ अनय भकजय वसतपएह
ददकर; व४स:द-- वस; सकन नस-अभशष-धदनपकभद-- फस लत कक म४ल४एह तथ४ उपयपक गलवम भमट करकद ; सञ४त-कनद४--उनथदश; अकमनन--
आहखम; अशशशयतनन-- बचद कक कलट४ कदय४; शनह:--उस समय ।.
बचद क४ सन४न उतसव पसर४ हक ज४नद कद ब४द म४त४ यशकद४ नद ब४हणत क४ सव४गत ककय४ और
उनकक पचपर अन तथ४ अनय भकजय पद४थर, वस, व४रकछत गलवम तथ४ म४ल४एह भमट करकद उनकक
उकचत समम४न कद स४थ पसज४ कक। ब४हणत नद इस शपभ उतसव पर उकचत रशकत सद वहकदक मरत पढद।
जब मरतकच४र सम४प हह आ और म४त४ यशकद४ नद ददख४ कक ब४लक उनथद४ हक रह४ हह, तक वद उसद
लदकर कबसतर पर तब तक लदटश रहथ जब तक वह श४नत हककर सक नहथ गय४।
त४तपयर : सनदहमयश म४त४ अपनद बचद क४ क४फक धय४न रखतश हह और यह ददखतश रहतश हह कक
उसक४ बच४ कण-भर भश कवचकलत न हक। बच४ जब तक म४त४ कद प४स रहन४ च४हत४ हह, म४त४ उसकद
प४स रहतश हह और बच४ अपनद कक क४फक आर४मददह अनपभव करत४ हह। म४त४ यशकद४ नद ददख४ कक उनक४
बच४ उनथद४ हक रह४ हह, तक उसद सकनद कक पसरश सपकवध४एह ददनद कद कलए वद सवयर ब४लक कद स४थ लदट गईर
औतथ४कनकलतसपकयमन४ मनकसवनश
सम४गत४नपसजयतश वजलकस: ।
नहव४शपणकदह रकदतर सपतसय स४
रदनसतन४थर चरण४वपदककपतनन ॥ ६॥
औतथ४कनक-औतसपकय-मन४: --म४त४ यशकद४ बचद क४ उतथ४न उतसव मन४नद मम अतयकधक वयसत थथ; मनकसवनश--भकजन, वस,
आभसरण तथ४ गलवम ब४हटनद मम अतयनत उद४र; सम४गत४नननस--एकत मदहम४नत कक; पसजयतश--उनहम तपष करनद कद कलए; बज-
ओकस: --बजव४कसयत कक; न--नहथ; एव--कनशचय हश; अशसणकतनन--सपन४; वह--कनससनददह; रकदतमनन--रकन४; सपतसय--बचद क४;
स४--यशकद४; रदनननस--रकन४; सतन-अथर--कक षण जक म४त४ कद सतन क४ दसध पशन४ च४ह रहद थद; चरणल उदककपतनन--ककध कद म४रद
अपनद दकनत प४हव इधर-उधर उछ४ल रहद थद।.
उतथ४न उतसव मन४नद मम मग उद४र म४त४ यशकद४ मदहम४नत क४ सव४गत करनद, आदर-सकहत
उनकक पसज४ करनद तथ४ उनहम वस, गलवम, म४ल४एह और अन भमट करनद मम अतयकधक वयसत थथ।
अतद वद ब४लक कद रकनद कक नहथ सपन प४ई।र उस समय ब४लक कक षण अपनश म४त४ क४ दसध पशन४
च४हत४ थ४ अतद ककध मम आकर वह अपनद प४हव ऊपर कक ओर उछ४लनद लग४।
त४तपयर : कक षण घरदलस छकडद कद नशचद कलट४यद गयद थद ककनतप यह छकड४ व४सतव मम शकट४सपर क४
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अनय रप थ४--यह असपर ब४लक कक म४रनद कद कलए वह४ह आय४ थ४। कक षण नद अपनश म४त४ क४ सतनप४न
करनद कद बह४नद इस असपर क४ वध करनद क४ अवसर प४प ककय४। उनहतनद शकट४सपर कक ल४त म४रश
कजससद स४र४ भदद खपल ज४यद। यदकप कक षण कक म४त४ मदहम४नत कद सव४गत मम लगश थथ ककनतप भगव४ननन
कक षण शकट४सपर कक म४र कर उनक४ धय४न अपनश ओर आकक ष करन४ च४हतद थद इसकलए उनहतनद छकडद
कद आक४र व४लद असपर कक ल४त सद म४र४। कक षण कक लशल४एह ऐसश हश हह। वद अपनश म४त४ क४ धय४न
आकक ष करन४ च४ह रहद थद ककनतप ऐस४ करतद समय उनहतनद ऐस४ उतप४त खड४ कर कदय४ कजसद स४म४नय
लकग समझ नहथ सकद । यद कथ४एह अदपत एवर आननद ददनद व४लश हह और जक भ४गयश४लश हह, वद भगव४ननन
कक इन अस४ध४रण लशल४ओर कक सपनकर आशचयरचककत रह ज४तद हह। यदकप अलपज इनहम कमथय४ कथ४एह
म४नतद हह कयतकक उनकक बपकद मम भसस४ भर४ रहत४ हह ककनतप यद कथ४एह व४सतकवक हह। यद कथ४एह इतनश
रकचक तथ४ पबपद करनद व४लश हह कक मह४र४ज परशककत तथ४ शपकददव गकसव४मश कक इनमम आननद आय४
और उनकद चरणकचहन त मम चलनद व४लद अनय मपक पपरर भश भगव४ननन कक अदपत लशल४ओर कक सपनकर
अतयनत हकररत हकतद हह।
अध:-शय४नसयथ--ग४डश ( छकडद ) कद नशचद सकयद; कशशक:--ब४लक क४; अन: --ग४डश; अलपक-- अकधक बड४ नहथ; पव४ल--
नई पतश कक तरह; मकद- प अकडध-हतमनन--उनकद सपनदर मपल४यम प४हवत सद म४रश गई; वयवतरत--उलट कर कगर गई; कवधवसत--कबखर
गई; न४न४-रस-कप पय-भ४जनमनन-- ध४तपओर कद बनद बतरन-भ४रडद; वयतयसत--इधर-उधर हटद हह ए; चक-अक--दकनत पकहयद तथ४ धपरश;
कवकभन--टस टद हह ए; कस बरमननस--शकट क४ कस बर ( लट४ ), कजसमम जपआ लग४ रहत४ हह।.
शशकक षण आहगन कद एक ककनद मम छकडद कद नशचद लदटद हह ए थद और यदकप उनकद प४हव कतपलत
कक तरह ककमल थद ककनतप जब उनहतनद अपनद प४हवत सद छकडद पर ल४त म४रश तक वह भडभड४ कर
उलटनद सद टस ट-फस ट गय४। पकहए धपरद सद कवलग हक गयद और कबखर गयद और ग४डश क४ लट४ टस ट
गय४। इस ग४डश पर रखद सब छकटद-छकटद ध४तप कद बतरन-भ४रडद इधर-उधर कछतर४ गयद।
खणड-खणड हक गई। ऐस४ उनकद कलए कबलकप ल समभव थ४ और इसमम उनहम अकधक पररशम भश नहथ
करन४ पड४। अपनद व४मन अवत४र मम भगव४ननन कक अपनद प४हव कक इतनश ऊहच४ई तक बढ४न४ पड४ थ४
कजससद वह बह४णड कद आवरण मम पवदश कर सकद । इसश तरह जब भगव४ननन नद कहरणयककशपप कक म४र४
तक उनहम नसकसरहददव कद रप मम कवशदर सवरप ध४रण करन४ पड४ थ४। ककनतप कक षण अवत४र मम भगव४ननन कक
इतनश शकक वयय नहथ करनश पडश | इसशकलए-- कक षणसतप भगव४ननन सवयम-कक षण सवयर भगव४ननन हह। अनय
अवत४रत मम भगव४ननन कक ददश तथ४ क४ल कद अनपस४र कप छ शकक वयय करनश पडश ककनतप इस अवत४र मम
उनहतनद असशम शकक क४ पदशरन ककय४। इसशकलए छकड४ चसर चसर हक गय४, उसकद जकड टस ट गयद और
उसकद ऊपर रखद ध४तप कद बतरन-भ४रडद कछतर४ गयद।
वहषणव-तकरणश कक टशक४ मम कलख४ हह कक यदकप छकड४ बचद सद ऊहच४ थ४ ककनतप ब४लक आस४नश
सद पकहए छस सकत४ थ४ और इतन४ हश पय४रप थ४ असपर कक पकथवश पर नशचद फम कनद कद कलए। भगव४ननन नद
एक हश स४थ असपर कक पकथवश पर फम क४ और छकडद कक तकड ड४ल४।
जब यशकद४ तथ४ उतथ४न उतसव कद अवसर पर जपटश कसयत तथ४ ननद मह४र४ज इतय४कद सभश
पपररत नद यह अदपत दशय ददख४ तक वद आशचयर करनद लगद कक यह छकड४ ककस तरह अपनद आप
चसर चसर हक गय४ हह। वद इसक४ क४रण ढस हढनद कद कलए इधर-उधर घसमनद लगद ककनतप कप छ भश तय न
कर प४यद।
ऊचपरवयवकसतमतशनगकप४नगकपशशव ब४लक४: ।
रदत४नदन प४ददन ककपमदतन सरशय: ॥ ९॥
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ऊचप:--कह४; अवयवकसत-मतशननन--वतरम४न कसथकत मम लकक बपकद क४प नहथ कर रहश थश; गकप४ननन--गव४लत कक; गकपश: च--
तथ४ गककपयत कक; ब४लक४द--बचद; रदत४ अनदन--जयतहश बच४ रकय४; प४ददन--एक प४हव सद; ककपमनन एततनन--यह ग४डश दसर ज४
कगरश और कछतर-कबतर हक गई; न सरशय: --इसमम ककई सनददह नहथ हह
वह४ह पर जपटद गव४लद तथ४ गककपय४ह सकचनद लगद कक यह घटन४ कह सद घटश? वद पसछनद लगद,
“कहथ यह ककसश असपर य४ अशपभ गह क४ क४म तक नहथ हह?'' उस समय वह४ह पर उपकसथत
ब४लकत नद सपष कह४ कक ब४लक कक षण नद हश इस छकडद कक ल४त सद म४र कर दसर फम क४ हह। रकतद
ब४लक नद जयतहश छकडद कद पकहयद पर अपनद प४हव म४रद तयतहश पकहयद सकहत छकड४ धवसत हक गय४।
इसमम ककई सनददह नहथ हह।
त४तपयर : हमनद यह सपन४ हह कक लकगत कक भसत-पदत सत४तद हह। सथसल शरशर प४प न हकनद सद भसत
सथसल शरशर कक ढस हढ कर उसश मम अड४ जम४त४ हह। शकट४सपर ऐस४ हश भसत थ४ कजसनद छकडद मम शरण लद
रखश थश और कक षण कक ककत पहह हच४नद कक त४क मम थ४। जब कक षण नद अपनद छकटद-छकटद मपल४यम पहरत सद
छकडद पर पह४र ककय४, तक जहस४ वणरन ककय४ ज४ चपक४ हह भसत पकथवश पर नशचद आ पड४ और उसक४
आशय भरग हक गय४। पसणर शककम४न हकनद कद क४रण हश कक षण ऐस४ कर सकद , कजसकक पपकष बह-सरकहत४
सद (५.३२) हकतश हह--
आननदकचनययसदपजवलकवगहसय
“कक षण क४ शरशर सकचद४ननद कवगह य४ आननद कचनमय रसकवगह हह। अथ४रतनन उनकद आननद कचनमय
शरशर क४ ककई भश अरग ककसश अनय अरग कक तरह क४यर कर सकत४ हह। भगव४ननन कक अकचनतय शककय४ह
ऐसश हह। भगव४ननन कक यद शककय४ह अकजरत नहथ करनश हकतथ, वद उनकद प४स हश रहतश हह | इस तरह कक षण नद
अपनद ननननहम-ननननहम प४हवत सद पह४र ककय४, तक स४र४ क४यर समपन हक गय४। यहश नहथ, यकद ककई स४म४नय
ब४लक हकत४ तक छकडद कद टस टनद सद उसद बपरश तरह चकट ख४ ज४त४ ककनतप कक षण तक भगव४ननन हह। अतएव
उनहम छकडद कद टस टनद मम आनरद कमल४ और उनक४ ब४ल भश ब४हक४ नहथ हहआ। उनकद द४र४ ककय४ गय४
पतयदक क४यर आननद कचनमय रस--अथ४रतनन कदवय आननद सद पसणर हकत४ हह। इसमम कक षण कक बड४ आननद
10
७ 80 10, ७ 0 ४ छ४र
आय४।
प४स खदल रहद ब४लकत नद ददख४ थ४ कक कक षण नद हश छकडद कद पकहयद पर ल४त म४रश थश कजससद यह
दपघरटन४ घटश थश। यकगम४य४ कक यकजन४ सद स४रद गकप-गककपयत नद सकच४ कक यह घटन४ ककसश अशपभ गह
य४ असपर कक कर४म४त हह ककनतप व४सतव मम यह सब कक षण द४र४ ककय४ गय४ थ४ और उनहतनद इसक४
आननद कलय४ थ४। जक कक षण कक लशल४ओर क४ रस लदतद हह, वद भश आननद कचनमय रस पद कक प४प हकतद
हह--वद भलकतक पद सद मपक हक ज४तद हह । जब ककई वयकक कषणकथ४ सपननद कक आदत बन४ लदत४ हह , तक
कनशचय हश वह इस भलकतक जगत सद परद चल४ ज४त४ हह, कजसकक पपकष भरगवदशत४ द४र४ हकतश हह (स
गपण४ननन समतशतयदत४ननन बहभसय४य कलपतद )। आधय४कतमक पद कक प४प ककयद कबन४ भगव४ननन कक कदवय
लशल४ओर क४ आननद नहथ उठ४य४ ज४ सकत४। अथव४ दससरद शबदत मद, जक ककई भश कक षण कक कदवय
लशल४ओर क४ शवण करत४ हह, वह भलकतक पद पर कसथत नहथ हकत४ वरननन कदवय आधय४कतमक पद पर
कसथत हकत४ हह।
न--नहथ; तद--उन; शदकधरर--कवशव४स ककय४; गकप४:--गव४लद तथ४ गककपयत नद; ब४ल-भ४करतमनन--एकत ब४लकत कक बचक४न४
ब४त पर; इकत उत--इस तरह कह४ गय४; अपमदयमनन--असशम, अकचनतय; बलमननस--शकक; तसथ ब४लकसय--उस छकटद-सद ब४लक
कक षण कक; न--नहथ; तद--वद, गकप तथ४ गककपय४ह; कवदप:--अवगत थद।.
वह४ह एकत गककपयत तथ४ गकपत कक यह कवशव४स नहथ हह आ कक ब४लक कक षण मम इतनश
अकचनतय शकक हक सकतश हह कयतकक वद इस तथय सद अवगत नहथ थद कक कक षण सदहव असशम हह।
उनहम ब४लकत कक ब४तत पर कवशव४स नहथ हह आ अतएव उनहम बचत कक भकलश-भ४लश ब४तम ज४नकर,
उनहतनद उनकक उपदक४ कक।
रदनतमनन--रकत४ हहआ; सपतमनन--पपत कक; आद४य--उठ४कर; यशकद४--म४त४ यशकद४ नद; गह-शकदत४--बपरद गह सद भयभशत; कक त-
सवसतयवनमननन-तपरनत हश सलभ४गय कद कलए अनपष४न ककय४; कवपहद--ब४हणत कक बपल४कर; ससकहद--वहकदक सतपकतयत द४र४;
सतनमनन-- अपन४ सतन; अप४ययतनन--बचद कक कपल४य४।.
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त४तपयर : जब भश ककई सरकट आ पडत४ हह य४ ककई अशपभ घटन४ घट ज४तश हह, तक वहकदक सभयत४
कक यह पथ४ हह कक उसकद पकतक४र कद कलए वहकदक सतपकतय४ह कर४नद हदतप यकगय ब४हण बपल४यद ज४तद हह।
म४त४ यशकद४ नद इसद ठशक पक४र सद ककय४ और अपनद बचद कक सतन-प४न कर४नद लगथ।
पसवर-बतनन--कजस तरह छकड४ पहलद रख४ थ४; सथ४कपतमनन-कफर सद बतरन-भ४रडद सज४ कर; गकपह:--गव४लत द४र४; बकलकभ:--बलश,
बलव४न; स-पररचछदमनन--स४रद स४ज-स४म४न सकहत; कवप४:--ब४हणत नद; हह तव४--अकग उतसव करकद ; अचरय४मनन चकप :--अनपष४न
समपन ककय४; दकध--दहश; अकत--च४वल; कप श--कप श घ४स; अमबपकभ:--जल सद |.
जब बकलरपठ गठशलद गव४लत नद बतरन-भ४रडद तथ४ अनय स४मगश कक छकडद कद ऊपर पहलद कक
भ४हकत वयवकसथत कर कदय४, तक ब४हणत नद बपरद गह कक श४नत करनद कद कलए अकग-यज क४
अनपष४न ककय४ और तब च४वल, कप श, जल तथ४ दहश सद भगव४ननन कक पसज४ कक।
त४तपयर : छकडद पर भ४रश भ४रश बतरन-भ४रडद तथ४ अनय स४मगश रखश हह ई थश। इस छकडद कक पसवर
कसथकत मम ल४नद कद कलए क४फक बल कक आवशयकत४ थश ककनतप गव४लत नद इसद सरलत४ सद समपन कर
कलय४। कफर गकप-ज४कत कक पथ४ कद अनपस४र सरकटमयश कसथकत कद शमन हदतप कवकवध वहकदक अनपष४न
ककयद गयद।
यदअससय४नकतदमभदर४रकहरस४म४नकववकजरत४: ।
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यद--जक ब४हण; अससय--अससय४; अनकत--झसठ; दमभ--कमथय४ अहरक४र; ईर४र--ईषय४र; कहरस४--अनयत कद वहभव कक ददखकर
कवचकलत हकन४; म४न--कमथय४ पकतष४; कववकजरत४: --सद पसणरतय४ रकहत; न--नहथ; तदर४मनन--ऐसद ब४हणत क४; सतय-शशल४न४मनन--
ब४हण यकगयत४ओर ( सतय, शम, दम इतय४कद ) सद यपक; आकशर:--आशशव४रद; कवफल४: --वयथर ; कक त४:--ककयद गयद; इकत--इन
ब४तत पर कवच४र करतद हह ए; ब४लकमनन--ब४लक कक; आद४य--ल४कर; स४म--स४मवदद कद अनपस४र; ऋकन न--ऋगवदद कद अनपस४र;
यजप:--तथ४ यजपवरद कद अनपस४र; उप४कक तह:--ऐसद उप४यत सद शपद ककय४ हह आ; जलह: --जल सद; पकवत-औरकधकभ:--शपद
जडश-बसकटय४ह कमल४कर; अकभकरचय--( ब४लक कक ) नहल४नद कद ब४द; कदज-उतमहद--उच कककट कद यकगय ब४हणत द४र४;
व४चकयतव४--उच४रण करनद कद कलए प४थरन४ ककयद गयद; सवकसत-अयनमनन--शपभ सतपकतय४ह; ननद-गकप:--गकपत कद मपकखय४ ननद
मह४र४ज नद; सम४कहत:--उद४र तथ४ उतम; हह तव४--आहह कत करकद ; च-- भश; अकगमनन--अनकगन मम ; कदज४कतभय:--उन उच कककट
कद ब४हणत कक; प४द४तननस-द४न मम कदय४; अनमनन--अन; मह४-गपणमनन--सवरतम |.
जब ब४हणजन ईषय४र, झसठ, कमथय४ अहरक४र, ददर, अनयत कद वहभव कक ददखकर मचलनद तथ४
कमथय४ पकतष४ सद मपक हकतद हह, तक उनकद आशशव४रद वयथर नहथ ज४तद। यह सकचकर ननद मह४र४ज नद
गमभशर हककर कक षण कक अपनश गकद मम लद कलय४ और इन सतयकनष ब४हणत कक स४म, ऋगनन तथ४
यजपवरद कद पकवत सतकतत कद अनपस४र अनपष४न समपन करनद कद कलए आमरकतत ककय४। जब
मरतकच४र हक रह४ थ४, तक ननद नद बचद कक शपद जडश-बसकटयत सद कमकशत जल सद सन४न कर४य४
और अकग-यज करनद कद ब४द सभश ब४हणत कक उतम अन तथ४ अनय पक४र कद पद४थर क४
सव४कदष भकजन कर४य४।
त४तपयर : नननद मह४र४ज कक ब४हणत कक यकगयत४ एवर उनकद आशशव४रद पर पसर४-पसर४ भरकस४ थ४।
उनहम पसर४ कवशव४स थ४ कक यकद उतम ब४हण कद वल अपन४ आशशव४रद दम तक ब४लक कक षण सपखश रहदग४।
यकगय ब४हणत कद आशशव४रद न कद वल भगव४ननन कक षण कक, अकपतप हर एक कक सपख पद४न करनद व४लद
हकतद हह। पसणर सव४वलमबश हकनद कद क४रण कक षण कक ककसश कद आशशव४रद कक आवशयकत४ नहथ हह कफर
भश ननद मह४र४ज नद सकच४ कक कक षण कक ब४हणत कद आशशव४रद कक जररत हह। तक कफर अनयत कद कलए
कय४ कह४ ज४य ? अत: म४नव सम४ज मम पपररत क४ एक आदशर वगर, ब४हण वगर, हकन४ च४कहए जक अनयत
कक अथ४रतनन ककतयत, वहशयत तथ४ शसदत कक--आशशव४रद दद सकद कजससद हर ककई सपखश हक सकद । इसशकलए
भगवदशत४ (४.१३) मम कक षण कहतद हह कक म४नव सम४ज मम च४र वगर हकनद च४कहए ( च४तदपवरणयर मय४ सपटन र
गपणकमरकवभ४गश:) । ऐस४ नहथ हह कक हर ककई शसद य४ वहशय बन ज४य तक म४नव सम४ज समकद हकग४।
जहस४कक भगवदशत४ मम सथ४पन४ कक गई हह सतय, शम, दम तथ४ कतकतक४ जहसद गपणत सद यपक ब४हणत क४
एक वगर हकन४ च४कहए।
यह४ह भ४गवत मम भश ननननद मह४र४ज यकगय ब४हणत कक बपलव४तद हह। ककई ज४कत सद ब४हण हक सकतद हह
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और हम४रद मन मम ब४हण ज४कत कद कलए आदर हह ककनतप ब४हण पररव४रत मम जनम लदनद सद हश वद म४नव
सम४ज कद अनय सदसयत कक आशशव४रद ददनद कद यकगय नहथ बन ज४तद। यह श४सत क४ कनणरय हह। ककलयपग
मम ब४हण ज४कत मम जनमद म४नव कक हश ब४हण म४न कलय४ गय४ हह। कवगतवद ससतमदव कह (भ४गवत
१२.२.३) | ककलयपग मम दक पहसद क४ जनदऊ ध४रण करकद ककई भश वयकक ब४हण बन ज४त४ हह। ननद
मह४र४ज नद ऐसद ब४हणत कक नहथ बपलव४य४ थ४। जहस४कक न४रदमपकन नद कह४ हह (भ४गवत ७.११.३५)-
यसय यलकणर पककमनन। श४स मम ब४हण कद लकण कदयद हह ए हह और उसद इन लकणत सद समपन हकन४
च४कहए।
ऐसद ब४हण जक ईषय४रलप नहथ हह, गवर सद फस लद नहथ रहतद तथ४ अहरक४र और कमथय४ पकतष४ नहथ
कदखल४तद और सतकगपण सद यपक हकतद हह, वद हश उपयकगश हकतद हह। इसकलए मनपषयत कद एक वगर कक शपर
सद हश ब४हण बननद कक कशक४ दश ज४नश च४कहए। बहच४रश गपरकप लद वसननन द४नतत गपरककहतमनन ( भ४गवत
७.१२.१)। द४नत: शबद अतयनत महतवपसणर हह। यह ऐसद वयकक क४ ससचक हह, जक ईषय४रलप नहथ हकत४ और
झसठश पकतष४ कद बल पर इतर४त४ नहथ। हम कक षणभ४वन४मकत आनदकलन कद द४र४ सम४ज मम ऐसद ब४हणत क४
सम४वदश करनद क४ पय४स कर रहद हह। ब४हणत कक अनततद वहषणव हक ज४न४ च४कहए और यकद ककई
वहषणव हह, तक उसनद पहलद हश ब४हण कद गपण अकजरत कर कलयद हह। बह-भनसतद पसन४तय४ ( भगवदशत४
१८.५४) बहथसतद शबद ब४हण बननद य४ बह कय४ हह उसद समझनद क४ ससचक हह ( बह ज४न४तशकत
ब४हण:) । जक बहभसत हह, वह सदहव पसन रहत४ हह ( पसब४तम४ )। न शकचकत न क४रककत--वह कभश
भलकतक आवशयकत४ओर सद कवचकलत नहथ हकत४। सम: सवररप भसतदरपद--वह हर एक कक सम४न रप सद
आशशव४रद ददनद कक तहय४र रहत४ हह। मदनन-भकक लभतद पर४म--तब वह वहषणव बनत४ हह। इस यपग मम शशल
भकककसद४नत सरसवतश नद अपनद वहषणव कशषयत कद कलए यजकपवशत सरसक४र क४ ससतप४त इस कवच४र सद
ककय४ कक लकग समझम कक जब ककई वहषणव बनत४ हह, तक वह पहलद सद हश ब४हण कद गपणत कक अकजरत
कर चपक४ हकत४ हह। इसकलए जक लकग अनतर४रषडशय कक षणभ४वन४मकत सरघ मम हह और जक ब४हण बननद कद
कलए दक ब४र दशक४ प४प करतद हह उनहम सतय, मन तथ४ इकनदयदमन, सकहषणपत४ इतय४कद सद यपक हकनद कद
परम उतरद४कयतव कक सदहव धय४न मम रखन४ च४कहए। तभश उनक४ जशवन सफल हकग४। ऐसद हश ब४हणत
कक ननद मह४र४ज नद वहकदक सतकतत क४ उच४रण करनद कद कलए बपल४य४ थ४, स४म४नय ब४हणत कक नहथ।
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शलकक १३ मम कहरस४म४न क४ सपष उलदख हह आ हह। म४न शबद कमथय४ पकतष४ य४ कमथय४ अहरक४र क४
चयकतक हह। कजनहम ब४हण कप ल मम उतपन हकनद कद क४रण अपनद कक ब४हण म४ननद क४ कमथय४ अहरक४र थ४,
ननद मह४र४ज नद उनहम ऐसद अवसरत पर नहथ बपल४य४।
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समसय४ हल हकनद व४लश नहथ। यह सभयत४ नहथ हह। असभय जरगलश लकग कक कर द४र४ अन उतप४दन तथ४
गक-रक४ सद अनज४न हकनद कद क४रण पशपओर कक ख४ सकतद हह ककनतप ज४न मम अगणश पसणर म४नव सम४ज
ग४व:--गलवम; सवर-गपण-उपदत४:--पय४रप दसध ददनद सद अतयनत गपणश हकनद; व४स:-- अचछद वस पहनद; सतकन नस--म४ल४ सद यपक;
रकननम-म४कलनश:--तथ४ सकनद कद ह४र पहनद; आतमज-अभयपदय-अथ४रय--अपनद पपत कद अभयपदय हदतप; प४द४तनन--द४न मम कदय४; तद--
उन ब४हणत नद; च-- भश; अनवयपजत--उनहम सवशक४र ककय४ |.
ननद मह४र४ज नद अपनद पपत कद धन-वहभव हदतप ब४हणत कक गलवम द४न मम दथ जक बसत, फस ल-
म४ल४ओर तथ४ सपनहरद ह४रत सद सज४ई गई र थथ। यद गलवम जक पचपर दसध ददनद व४लश थथ ब४हणत कक
द४न मम दश गई थथ और ब४हणत नद उनहम सवशक४र ककय४। बदलद मम उनहतनद समसचद पररव४र कक तथ४
कवशदर रप सद कक षण कक आशशव४रद कदय४।
त४तपयर : नननद मह४र४ज नद पहलद ब४हणत कक भवय द४वत दश और तब सपनहरद ह४रत, वसत और फस ल
कक म४ल४ओर सद सजश उतम कककट कक गलवम द४न मम दथ।
कवप४:-- ब४हणगण; मनत-कवद: --वहकदक मरतकच४रण मम पटप; यपक४: --पसणर यकगश; तहद--उनकद द४र४; य४:--जक; पकक४:--कह४
गय४; तथ४--वहस४ हश हक ज४त४ हह; आकशर:--स४रद आशशव४रद; त४:--ऐसद शबद; कनषफल४: --वयथर, कवफल; भकवषयकनत न--
कभश नहथ हतगद; कद४कचतननस--ककसश समय; अकप--कनससनददह; सफप टमननस-यथ४थर |.
बहकदक मरतत कद उच४रण मम पसरश तरह सद पटप ब४हण यकगशककयत सद समपन यकगश थद। वद जक
भश आशशव४रद ददतद वह कभश कनषफल नहथ ज४त४ थ४।
त४तपयर : बहश गपणत सद यपक ब४हण सद४ यकगशकक-समपन यकगश हकतद हह। उनकद शबद वयथर नहथ
ज४तद। सम४ज कद अनय सदसयत कद स४थ अपनद पतयदक वयवह४र मम ब४हण कनकशचत रप सद कवशवसनशय हकतद
हह। ककनतप इस यपग मम धय४न रखन४ च४कहए कक ब४हण अपनश यकगयत४ओर कद कवरय मम अकनकशचत हह।
य४कजक ब४हणत कद न हकनद सद स४रद यज वकजरत हह। इस यपग मम एकम४त सरककतरन यज कक सरसतपकत कक गई
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हह। यजह सडडडशतरन ग४यदयरजकनत कह सपमदधस: ( भ४गवत ११.५.३२) | यज कवषणप कक तपष करनद कद कनकमत
ककय४ ज४त४ हह ( यज४थ४रतनन कमरणकदनयत लककक5 यर कमरबनधन:) । इस यपग मम यकगय ब४हणत कद न हकनद सद
मनपषयत कक च४कहए कक हरद कक षण-मरत कद ककतरन द४र४ यज करम (यज सडशवरन ग४यदनयजकनत कह
सपमदधसद) । यह जशवन यज कद कनकमत हह और यज हरद कक षण हरद कक षण कक षण कक षण हरद हरद हरद र४म हरद
र४म र४म र४म हरद हरद ककतरन द४र४ समपन ककय४ ज४त४ हह।
एकद४--एक ब४र ( समभवतद जब कक षण एक स४ल कद थद ); आरकहमनन--अपनश म४त४ कक गकद मम; आरढमनन-- बहठद हह ए;
ल४लयनतश--ल४ड-पय४र करतश हह ई, दपल४रतश हह ई; सपतमनन-- अपनद पपत कक; सतश--म४त४ यशकद४; गररम४णमनन-- भ४र बढनद सद;
कशशक:--ब४लक कद ; वकढप मनन-सहन कर प४नद; न--नहथ; सदहद --समथर थश; कगरर-कस ट-बतनन--पवरत कक चकटश कद भ४र जहस४ लगनद
ब४ल४।.
एक कदन, कक षण कद आकवभ४रव कद एक वरर ब४द, म४त४ यशकद४ अपनद पपत कक अपनश गकद मम
दपल४र रहश थथ। तभश सहस४ उनहम वह ब४लक पवरत कक चकटश सद भश भ४रश लगनद लग४, कजससद वद
उसक४ भ४र सहन नहथ कर प४ई।र
वह उसद लद ज४य और ब४लक कद म४त४ कक गकद मम ललटनद तक कप छ क४ल तक उनकद स४थ खदलद।
व४
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भसमल--जमशन पर; कनध४य--रख कर; तमनन--उस ब४लक कक; गकपश--म४त४ यशकद४; कवकसमत४--चककत; भ४र-पशकडत४--बचद
कद भ४र सद दपकखत; मह४-पपररमनन--कवषणप य४ न४र४यण कक; आदधयल--शरण लश; जगत४मनन--म४नक स४रद जगत क४ भ४र हक;
आस--अपनद कक वयसत ककय४; कमरसप--घर कद अनय क४मत मम |.
त४तपयर : म४त४ यशकद४ यह नहथ समझ प४ई र कक कक षण वसतपओर मम सद सबसद भ४रश हह और वद सबत कद
भशतर कनव४स करतद हह ( मतसथ४कन सवरभसत४कन )। भगवदशत४ (९.४) मम पपकष कक गई हह-- मय४ ततकमदर
सवर जगदवयकमसकतरन४--कक षण अपनद कनकवरशदर रप मम सवरत कवदम४न हह और स४रश वसतपएह उनहथ पर
कटकक हह। कफर भश-न च४ह तदषववकसथत:--कक षण सवरत नहथ रहतद। म४त४ यशकद४ इस दशरन कक नहथ
समझतश थथ कयतकक यकगम४य४ कक यकजन४नपस४र वद कक षण कक म४त४ कद रप मम उनकद स४थ वयवह४र कर
रहश थथ। कक षण कक महत४ कक न समझ सकनद सद वद कक षण कक सपरक४ कद कलए कद वल न४र४यण कक शरण
लद सकतश थथ और इस दश४ कद शमन हदतप ब४हणत कक बपल४ सकतश थथ।
दहतय:--दससर४ असपर; न४मन४--न४म व४ल४; तकण४वतर:--तकण४वतर; करस-भकतय:--करस क४ द४स; पणककदत:--उसकद द४र४ पदररत;
चअकव४त-सवरपदण--बवरडर कद रप मम; जह४र--उड४ लद गय४; आसशनमनन--बहठद हह ए; अभरकमनन-ब४लक कक
जब ब४लक जमशन पर बहठ४ हह आ थ४, तक तकण४वतर न४मक असपर, जक करस क४ द४स थ४, वह४ह
पर करस कद बहक४नद पर बवरडर कद रप मम आय४ और बडश आस४नश सद ब४लक कक अपनद स४थ
उड४कर आक४श मम लद गय४।
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तपरनत उड४ लद गय४। यह कक षण कक अकचनतय शकक क४ दससर४ पदशरन थ४। जब तकण४वतर आय४ तक कक षण
कतनकद सद भश अकधक हलकद हक गयद कजससद वह उनहम उड४ लद ज४ सकद । यह उनक४ आननदकचनमय रस
थ४।
गककप लमनन-गककप ल मरडल कक; सवरमनन--समसचद; आवकणवननन--पचछन करतद हह ए; मपषणननन--हरतद हह ए; चकसरकर--ददखनद कक शकक;
रदणकप भ:द--धसल कद कणत सद; ईरयननन--कह प४तद हह ए; सप-मह४-घकर--अतयनत भय४नक तथ४ भ४रश; शबददन--आव४ज सद; पकदश:
कदश:--स४रश कदश४ओर मम घपस गय४।.
त४तपयर : तकण४वतर नद बवरडर क४ रप ध४रण कर कलय४ और समसचद गककप ल पददश कक धसल भरद
मपहहतरमनन--कण-भर कद कलए; अभवतनन --हक गय४; गकषमनन--समसचद चर४ग४ह मम; रजस४-- धसल-कणत सद; तमस४ आवकतमनन--अरधक४र
सद पचछन; सपतमनन--अपनद पपत कक; यशकद४--म४त४ यशकद४ नद; न अपशयतनन--नहथ ददख४; तकसमननन--उसश सथ४न मम; नयसतवतश--
रख४ थ४; यत:--जह४ह।.
कण-भर कद कलए समसच४ चर४ग४ह धसल भरश अरधड कद घनद अरधक४र सद ढक गय४ और म४त४
न--नहथ; अपशयतनन-ददख४; कशचन--ककसश कक; आतम४नमनन--अपनद कक; परमनन च अकप--य४ दससरद कक; कवमककहत:--मककहत
हककर; तकण४वतर-कनसकष४कभ:--तकण४वतर द४र४ फम कद गयद; शकरर४कभ:--ब४लस कद कणत सद; उपदपत:--और कवचकलत ककय४ ज४कर।.
तकण४वतर द४र४ फम कद गयद ब४लस कद कणत कद क४रण लकग न तक सवयर कक ददख सकतद थद न
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इकत खरपवनचकप४रशपवरर
सपतपदवशमबल४कवलकय म४त४ ।
अकतकरणमनपसमरनतयशकचदनन
भपकव पकतत४ मकतवतसक४ यथ४ गल: ॥ २४॥
इकत--इस पक४र; खर-- अतयनत पचरड; पवन-चक--बवरडर सद; प४रशप-वरर-- धसल-कणत कक वर४र हकनद पर; सपत-पदवशमनन--
अपनद पपत कद सथ४न कक; अबल४--बदच४रश सश; अकवलकय--न ददखकर; म४त४--उसकक म४त४ हकनद सद; अकत-करणमनन--अतयनत
'क४रकणक; अनपसमरनतश--अपनद पपत क४ कचनतन करतश हह ई; अशकचतनन--अतयकधक कवल४प ककय४; भपकव-- भसकम पर; पकतत४--
कगर गई; मकत-वतसक४-- अपनद बछडद कक खककर; यथ४--कजस तरह; गल: --ग४य |.
पबल बवरडर सद उठद अरधड कद क४रण म४त४ यशकद४ न तक अपनद पपत क४ ककई पत४ लग४
सककर, न हश ककई क४रण समझ प४ई।र वद जमशन पर इस तरह कगर पडथ म४नत ककसश ग४य नद अपन४
रकदतमनपकनशमय तत गकपयक
भसशमनपतपकधयक शपपसणरमपखय: ।
ररदपरनपपलभय ननदससनपर
पवन उप४रतप४रशपवररवदगद ॥ २५॥
रकदतमस-करण४पसवरक रकतश हहई म४त४ यशकद४; अनपकनशमय--सपनकर; तत-- वह४ह; गकपय:--अनय गककपय४ह; भसशमनन--अतयकधक;
अनपतप--म४त४ यशकद४ कद स४थ कवल४प करतश; कधय:--ऐसश भ४वन४ओर सद; अशप-पसण- र मपखय:--तथ४ आहसपओर सद पसररत मपखत
व४लश अनय गककपय४ह; ररदप:--रक रहश थथ; अनपपलभय--न प४कर; ननद-ससनपमनन--ननद मह४र४ज कद पपत, कक षण कक; पवनद--बवरडर
कद ; उप४रत--बनद हक ज४नद पर; प४रशप-वरर-वदगद-- धसल कक वर४र कद वदग सद |.
जब अरधड तथ४ बवबरडर क४ वदग घट गय४, तक यशकद४ क४ करण कनदन सपनकर उनकक
सकखय४ह--गककपय४ह--उनकद प४स आई।र ककनतप वद भश कक षण कक वह४ह न ददखकर अतयनत उकदग हह ईर
और आहखत मम आहसस भर कर म४त४ यशकद४ कद स४थ वद भश रकनद लगथ।
त४तपयर : कक षण कद पकत गककपयत कक अनपरकक कवलकण तथ४ कदवय हह। गककपयत कद स४रद क४यरकल४पत
कद कद नद कक षण थद। कक षण कद रहनद पर वद सपखश रहतश थथ ककनतप उनकद प४स न हकनद पर वद दपखश थथ। इस
तरह जब म४त४ यशकद४ कक षण कद ज४नद सद कवल४प कर रहश थथ तक अनय सकखतय४ह भश रकनद लगथ।
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त४तपयर : यह४ह पर कक षण तथ४ तकण४वतर कक यकगशकक मम पकतयककगत४ कदख४ई गई हह। यकग४भय४स द४र४
असपरगण स४म४नयतय४ आठ कसकदय४ह प४प करतद हह--यद हह अकणम४, लकघम४, मकहम४, प४कप, प४क४मय,
ईकशतव, वकशतव तथ४ क४म४वस४कयत४। यदकप असपर कप छ हद तक ऐसश शककय४ह प४प कर सकतद हह
ककनतप वद कक षण कक यकगशकक सद सपध४र नहथ कर सकतद कयतकक कक षण यकगदशवर हह ( यत यकगदशवरक ह४रर:) |
कक षण सद ककई हकड नहथ लद सकत४। कनसननसनददह , कभश कभश कक षण कक यकगशकक क४ एक अरश प४कर यद
असपर अपनश शकक क४ पदशरन मसखर जनत४ कद समक करतद हह और अपनद कक ईशवर बतल४तद हह। वद यह
नहथ ज४नतद कक ईशवर तक परम यकगदशवर हह । यह४ह भश हम ददखतद हह कक तकण४वतर मकहम४ कसकद प४प करकद
कक षण कक स४म४नय ब४लक कद रप मम उड४ लद गय४। ककनतप कक षण भश मकहम४कसद यकगश बन गयद। जब
म४त४ यशकद४ उनहम कलयद थथ तक वद इतनद भ४रश हक गयद कक म४त४ कजनहम कक षण कक गकद मम उठ४नद क४
अभय४स थ४, यह भ४र सहन नहथ कर प४ई र कजससद उनहम नशचद जमशन पर रखन४ पड४। इस तरह तकण४वतर
म४त४ यशकद४ कक उपकसथकत मम कक षण कक लद ज४ सक४। ककनतप जब कक षण नद आक४श मम ऊहच४ई पर
मकहम४कसकद ध४रण कक तक वह असपर आगद न ज४ सक४ अतद उसद अपनश शकक रककनश हश पडश और
कक षण कक इचछ४ कद अनपस४र नशचद आन४ पड४। इसकलए मनपषय कक च४कहए कक वह कक षण कक यकगशकक
कक बर४बरश न करद।
भकत मम स४रश यकगशकक सवतद रहतश हह ककनतप वद कक षण सद बर४बरश नहथ करन४ च४हतद। बकलक वद
कक षण कक पसणर समपरण कर ददतद हह और उनकक यकगशकक कक षण कक कक प४ सद पदकशरत हकतश हह। भकगण
इतनश पबल यकगशकक पदकशरत कर सकतद हह कजसकक ककई असपर कलपन४ भश नहथ कर सकत४। ककनतप वद
अपनश इकनदय-तककषत कद कलए कभश पदशरन नहथ करन४ च४हतद। वद जक कप छ भश करतद हह, भगव४ननन कक
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सदव४ कद कलए करतद हह फलत: वद असपरत सद शदषठटर पद पर हकतद हह। ऐसद अनदक कमर, यकगश तथ४ ज४नश
हकतद हह, जक बन४वटश तलर पर कक षण कक बर४बरश करन४ च४हतद हह अतद ऐसद स४म४नय मसखर लकग जक
कवद४नत सद ककमद४गवत सपननद कक परव४ह नहथ करतद, ककसश धसतर यकगश कक भगव४ननन म४ननद लगतद हह।
समपकत ऐसद अनदक तथ४ककथत ब४ब४ हह, जक ककई तपचछ यकगशकक कदख४कर अपनद कक ईशवर क४ अवत४र
बतल४तद हह । मसखर लकग कक षण कवरयक ज४न कद अभ४व मम इन ब४ब४ओर कक ईशवर म४न लदतद हह।
तमनन-कक षण कक; अशम४नमनन--लकहद कक तरह कद भ४रश पतथर; मनयम४न:--इस तरह सकचतद हह ए; आतमन: गपर-मतय४-- अनपम४न सद
भश अकधक भ४रश हकनद कद क४रण; गलद--उसकक गदरन मम; गकहशतद--अपनश ब४हहत सद बहध४ य४ आकलरगन ककय४ ज४कर; उतसषमनन--
छकडनद कद कलए; न अशकनकतनन--समथर नहथ थ४; अदपत-अभरकमनन--अदपत ब४लक कक जक स४म४नय ब४लक सद कभन थ४।.
कक षण कद भ४र कद क४रण तकण४वतर उनहम कवश४ल पवरत य४ लकह क४ कपरड म४न रह४ थ४। ककनतप
कक षण नद असपर कक गदरन पकड रखश थश इसकलए वह उनहम फम क नहथ प४ रह४ थ४। इसकलए उसनद
सकच४ कक यह ब४लक अदपत हह, कजसकद क४रण मह न तक उसद लद ज४ सकत४ हह ह न हश इस भ४र कक
दसर फम क सकत४ हह।ह
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'गल-गहण-कनशहष: --कक षण द४र४ गल४ पकडद रहनद सद तकण४वतर क४ गल४ घपट रह४ थ४ और वह कप छ भश नहथ कर सक४; दहतय:--
असपर; कनगरत-लकचन:द--दब४व सद आहखम ब४हर कनकल आई; र अवयक-र४व:--गल४ घपटनद सद उसकक कर४ह भश नहथ कनकल प४यश;
नयपततनन--कगर पड४; सह-ब४ल:--ब४लक सकहत; वयसप: बजद--बज कक भसकम पर कनजरव
कगर४।
तमनतररक४तपकततर कशल४य४र
कवशशणरसव४रवयवर कर४लमनन ।
पपरर यथ४ रदशरदण कवदर
कसयक रदतयक ददशप: समदत४: ॥ २९॥
तमनन--उस असपर कक; अनतररक४तनन-आक४श सद; पकततमनन--कगर४ हह आ; कशल४य४मनन--चट४न पर; कवशशणर--कबखर४, कछन-कभन;
सवर-अवयवमनन--शरशर कद स४रद अरग; कर४लमनन--अतयनत कवकर४ल ह४थ-प४हव; पपरमनन-कतपपर४सपर क४ सथ४न; यथ४--कजस तरह;
रद-शरदण--कशवजश कद ब४ण सद; कवदमनन--बदध४ गय४; कसयद--स४रश कसय४ह, गककपय४ह; रदतयद--कक षण कवयकग कद क४रण रकतश
हह ई;
र दहशप:-- अपनद स४मनद हश ददख४; समदत४:--एकस४थ |.
त४तपयर : कदवय भकक मम जयतहश भगवदक शकक४कप ल हक ज४तद हह, तक उनहम भगव४ननन कद कदवय
क४यरकल४पत क४ अनपभव हकनद लगत४ हह और वद कदवय आननद मम मग हक ज४तद हह। व४सतव मम ऐसद भक
सदहव कदवय आननद कक प४प रहतद हह और ऐसश ऊपरश कवपद४एह उस आननद कक और अकधक वकधरत
करतश हह।
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प४द४य--उठ४कर; म४तद--उनकक म४त४ कक; पकतहतय--ह४थत मम ससप कदय४; कवकसमत४: --स४रद लकग अचरकभत थद; कक षणमनन च--
तथ४ कक षण कक; तसय--असपर कक; उरकस--छ४तश पर; लमबम४नमनन--कसथत; तमनन--कक षण कक; सवकसतमनतमनन--समसत कलय४ण सद
यपक; पपरर४द-नशतमनन-म४नवभकश असपर द४र४ लद ज४य४ गय४; कवह४यस४--आक४श मम; मकतयप-मपख४तनन--मकतयप कद मपहह सद;
पमपकमस--अब मपक हह ए; गकपय:--गककपय४ह; च--तथ४; गकप४:द--गव४लद; ककल--कनससनददह; ननद-मपखय४:--ननद मह४र४ज
इतय४कद; लबधव४--प४कर; पपन: --कफर ( उनक४ पपत ); प४पप:-- प४प ककय४; अतशव--अतयकधक; मकदमनन--आननद |.
त४तपयर : असपर आक४श सद पशठ कद बल कगर४ और कक षण उसकक छ४तश पर कबन४ चकट ख४यद और
ककसश दपघरटन४ सद गसत हह ए कबन४ खदल रहद थद। आक४श मम असपर द४र४ दसर तक लद ज४यद ज४नद पर भश
कक षण तकनक भश कवचकलत नहथ थद। कक षण सद खदल रहद थद और आनरद लद रहद थद। यहश हह आननदकचनमय
रस कवगह। वद हर ह४लत मम सकचद४ननद कवगह हह । उनहम ककई दपख नहथ सत४त४। अनयत नद भलद हश सकच४
हक कक वद सरकट मम थद लदककन असपर कक छ४तश इतनश चलडश थश कक वद पसनत४पसवरक उसश पर खदल रहद
थद। यह सबसद अकधक आशचयर कक ब४त थश कक यदकप असपर आक४श मम बहह त ऊहच४ई तक उनहम लद गय४
थ४ ककनतप वद कगरद नहथ। इस तरह ब४लक कक षण एक तरह सद मकतयप कद मपहह सद ब४ल-ब४ल बचद थद। उनकद
सपरककत रहनद सद वकनद४वन कद स४रद कनव४सश अतयनत पसन थद।
अहक--ओह; बत--कनससनददह; अकत--अतयनत; अदपतमस-यह घटन४ बडश अदपत हह; एघ:--यह ( ब४लक ); रकस४--
म४नवभकश असपर कद द४र४; ब४ल:--अबकध ब४लक कक षण; कनवककतमस--म४र कर ख४यद ज४नद कद कलए लद ज४य४ गय४; गकमत:--दसर
चल४ गय४; अभयग४तनन पपन:--ककनतप वह कबन४ चकट लगद व४पस आ गय४; कहरस:--ईषय४रलप; सव-प४पदन--अपनद हश प४पपसणर क४यर
सद; कवकहरकसत:-- अब ( वहश असपर ) म४र४ ज४ चपक४ हह; खल:--दपष हकनद कद क४रण; स४धप:--प४प सद रकहत तथ४ कनदरर वयकक;
समतवदन--सम४न हकनद सद; भय४तनन--सभश पक४र कद भय सद; कवमपचयतद--छसट ज४त४ हह।.
यह सबसद अकधक आशचयर कक ब४त हह कक यह अबकध ब४लक इस र४कस द४र४ ख४यद ज४नद कद
कलए दसर लद ज४य४ ज४कर भश कबन४ म४रद य४ चकट ख४यद व४पस ललट आय४। चसहकक र४कस ईषय४रलप ,
कस र तथ४ प४पश थ४, इसकलए वह अपनद प४पपसणर कक तयत कद कलए म४र४ गय४। यहश पकक कत क४ कनयम
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हह। कनदरर भक कक रक४ सदहव भगव४ननन द४र४ कक ज४तश हह और प४पश वयकक कक अपनद प४पमय
जशवन कद कलए दणड कदय४ ज४त४ हह।
त४तपयर : कक षणभ४वन४भ४कवत जशवन क४ अथर हह कनषप४प भककमय जशवन। स४धप वह हह, जक पसरश
तरह कक षण मम अनपरक हक। कक षण नद भगवदशत४ (९.३०) मम पपकष कक हह-- भजतद म४र अननय-भ४कन न
स४धपरदव स मनतवय:--कक षण कद पकत पसणररपदण अनपरक वयकक स४धप हह। ननननद मह४र४ज, गककपय४ह तथ४ अनय
गव४लद यह समझ हश नहथ सकद कक कक षण भगव४ननन हककर म४नवश ब४लक कक भसकमक४ अद४ कर रहद हह
और उनक४ जशवन ककसश भश पररकसथकत मम खतरद मम नहथ थ४। पतयपत कक षण कद पकत उतकट व४तसलय-पदम
कद क४रण वद कक षण कक अबकध ब४लक म४न रहद थद कजसद भगव४ननन नद बच४ कलय४ थ४।
इस भलकतक जगत मम अतशव क४म तथ४ भकगदचछ४ कद क४रण मनपषय अकधक४कधक प४पपसणर जशवन मम
फह सत४ ज४त४ हह ( क४म एप ककध एव रजकगपणसमपदनभन वद) । इसकलए भलकतक जशवन कद पकत मम सद भय
एक हह ( आह४रकनद४भयमदधपनर च )। ककनतप कक षणभ४वन४भ४कवत हकनद पर भकक कक कवकध अथ४रतनन शवणर
ककतरन इस जगत कद कलपकरत जशवन कक घट४ ददतद हह। इससद वह शपद बनकर भगव४ननन द४र४ सररककत हक
ज४त४ हह। शणवत४र सवकथ४: कक षण: पपणयशवणककवरन: । भककमय जशवन मम मनपषय कक इस कवकध मम शद४
रहतश हह। ऐसश शद४ छद पक४र कक शरण४गकतयत मम सद एक हह। रककषयतशकत कवशव४स: ( ह४रर भकक
११.६७६) । शरण४गकत कक एक कवकध यह भश हह कक मनपषय इस कवशव४स सद एकम४त कक षण पर आकशत
रहद कक वद उसकक सभश पक४र सद रक४ करमगद। कक षण अपनद भक कक रक४ करतद हह--यह तथय हह और
ननद मह४र४ज तथ४ वकनद४वन कद अनय कनव४कसयत नद इसद सहज हश सवशक४र कर कलय४, यदकप उनहम ज४त न
थ४ कक स४क४तनन भगव४ननन उनकद समक हह। ऐसद अनदक दष४नत हह कजनमम पहद४द मह४र४ज य४ धपव मह४र४ज
जहसद भक कक उसकद कपत४ नद सत४य४ ककनतप तक भश सभश पररकसथकतयत मम उसकक रक४ हह ई। अत: हम४र४
एकम४त यह धमर हह कक हम कक षणभ४वन४भ४कवत हककर रक४ कद कलए कक षण पर पसरश तरह सद आकशत रहम।
कक नसतपशचशणरमधक कज४चरन
पसतरषदतमपत भसतसलहदमनन ।
यतसमपरदतद पपनरदव ब४लकक
कदषद४ सवबनधसनपणयनपपकसथत: ॥ ३२॥
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ककमनन--ककस तरह कक; न: --हम४रद द४र४; तप:-- तपसय४; चशणरमनन--दशघरक४ल तक कक गई; अधककज--भगव४ननन कक;
अचरनमनन--पसज४; पसतर--सडकम बनव४न४ इतय४कद.; इष--जनकलय४ण क४यर; दतमनन-द४न ददन४; उत-- अथव४ और कप छ; भसत-
सलहदमनन--जनत४ कद पकत पदम हकनद सद; यतनन--कजसकद क४रण; समपरदत:--मकतयप कक प४प हकनद पर भश; पपनद एब--कफर सद, अपनद
पपणयत कद क४रण; ब४लक:--ब४लक; कदषय४-- भ४गय द४र४; सव-बनधसनस--कनजश समबकनधयत कक; पणयनननस--पसन करनद कद कलए;
उपकसथत: --यह४ह उपकसथत हह.
ननद मह४र४ज तथ४ अनय लकगत नद कह४ : हमनद अवशय हश पसवरजनम मम दशघरक४ल तक तपसय४
कक हकगश, भगव४ननन कक पसज४ कक हकगश, जनत४ कद कलए सडकम तथ४ कप एह बनव४कर पपणय कमर
ककयद हतगद और द४न भश कदय४ हकग४ कजसकद फलसवरप मकतयप कद मपख मम गय४ हह आ यह ब४लक
अपनद समबकनधयत कक आननद पद४न करनद कद कलए ललट आय४ हह।
त४तपयर : ननननद मह४र४ज नद पपकष कक कक पपणय कमर सद मनपषय स४धप बन सकत४ हह, कजससद वह घर मम
सपखश रह सकत४ हह और उसकद ब४ल-बचद सपरककत रह सकतद हह। श४स मम ककमरयत तथ४ ज४कनयत कद
कलए, कवशदर रप सद ककमरयत कद कलए अनदक आददश हह कजनसद वह पकवत बन सकतद हह और भलकतक
जशवन मम भश सपखश हक सकतद हह। वहकदक सभयत४ कद अनपस४र मनपषय कक च४कहए कक जनत४ कद ल४भ कद
कलए क४यर करद--यथ४ सडकम बनव४यद, सडकत कद दकनत ओर वकक लगव४यद कजससद लकग छ४य४ मम चल
सकम , स४वरजकनक कपह ए खपदव४यद कजससद हर एक कक कबन४ ककसश ककठन४ई कद जल कमल सकद । अपनश
इचछ४ओर कक वश मम रखनद कद कलए मनपषय कक तपसय४ करनश च४कहए और उसश कद स४थ स४थ भगव४ननन
कक पसज४ करनश च४कहए। इस तरह वह पकवत बन ज४त४ हह और उसश कद फलसवरप वह भलकतक जशवन
मम भश सपखश हक सकत४ हह।
इकष४--ददखकर; अदपत४कन--अतशव अदपत घटन४ओर कक; बहहश:--अनदक ब४र; ननद-गकप: --गकपत कद मपकखय४ ननननद मह४र४ज;
बकहदनद--बकहदन मम; बसपददव-बच:--वसपददव कद वचन, जक उनहतनद मथपर४ मम ननननद सद कहद थद; भसयद--ब४रमब४र; म४नय४मनन आस--
म४न कलय४ कक ककतनद सच थद; कवकसमत:--अतशव कवसमय मम.
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एकद४--एक ब४र; अभरकमनन-ब४लक कक; आद४य--लदकर; सव-अडमनन--अपनश गकद मम; आरकपय--तथ४ बहठ४कर; भ४कमनश--
म४त४ यशकद४ नद; पसनपतमनन--सतनत सद दसध बहत४ हह आ; प४यय४मनन आस--बचद कक कपल४य४; सतनमनन--अपनद सतन; सनदह-
पररषलपत४--अतशव सनदह तथ४ पदम सद यपक |.
एक कदन म४त४ यशकद४ कक षण कक अपनश गकद मम बहठ४कर उनहम म४तक-सनदह कद क४रण अपनद
सतन सद दसध कपल४ रहश थथ। दसध उनकद सतन सद चस रह४ थ४ और ब४लक उसद पश रह४ थ४।
'पशत-प४यसय--सतन-प४न करतद तथ४ सरतपष ब४लक कक षण कक; जननश--म४त४ यशकद४; सपतसय--अपनद पपत कक; रकचर-
कसमतमस--तपष मपसक४न कक ददखतश; मपखमनन-- मपहह कक; ल४लयतश--दपल४रतश हह ई; र४जननन--हद र४ज४; जकमभत:--बचद कक अहगड४ई
लदतद; दहशद--उसनद ददख४; इकदमनन--यह; खमनन--आक४श; रकदसश--सवगर तथ४ पकथवश दकनत; जयककत:-अनशकमनन-- जयककतपपरज;
आश४:-कदश४एह; ससयर --ससयर; इनदप--चरदम४; वकह-- अकग; शसन--व४यप; अमबपधशननन--समपद; च--तथ४; दशप४नस-दशप;
'नग४ननन--पवरत; ततनन-दपकहतकद --पवरतत कक पपकतय४ह ( नकदय४ह ); वन४कन--जरगल; भसत४कन--स४रद जशव; य४कन--जक हह; कसथर-
जडम४कन--अचर तथ४ चर।.
हद र४ज४ परशककत, जब ब४लक कक षण अपनश म४त४ क४ दसध पशन४ लगभग बनद कर चपकद थद
और म४त४ यशकद४ उनकद सपनदर क४कनतम४न हहसतद मपख कक छस रहश थथ और कनह४र रहश थथ तक
ब४लक नद जमह४ई लश और म४त४ यशकद४ नद ददख४ कक उनकद मपहह मम पसर४ आक४श, उच लकक तथ४
पकथवश, सभश कदश४ओर कद त४रद, ससयर, चनदम४, अकग, व४यप, समपद, दशप, पवरत, नदश, जरगल तथ४
चर-अचर सभश पक४र कद जशव सम४यद हह ए हह।
त४तपयर : यकगम४य४ कक वयवसथ४ सद म४त४ यशकद४ कद स४थ कक षण कक लशल४एह स४म४नय म४नश ज४तश
थथ। इसकलए कक षण कद ह४थ अचछ४ अवसर आय४ कक वद अपनश म४त४ कक कदख४ दम कक स४र४ बह४णड
उनकद भशतर कसथत हह। कक षण नद अपनद ननननहम रप मम हश अपनश म४त४ कक कवर४ट रप क४ दशरन कर४न४
च४ह४ कजससद उनहम यह ददखकर आननद आ सकद कक कजस ब४लक कक वद गकद मम कलयद हह वह ककस तरह
क४ ब४लक हह। यह४ह पर नकदयत कक पवरतत कक पपकतय४ह ( नग४रशर तहकहतनन ) कह४ गय४ हह। नकदयत कद बहनद
सद हश कवश४ल जरगल बनतद हह। जशव सवरत हह कजनमम सद कप छ चर हह और कप छ अचर। ककई भश सथ४न
शसनय नहथ। ईशवर कक सककष कक यह एक कवशदरत४ हह।
श४
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स४--म४त४ यशकद४; वशकय--ददखकर; कवशवमनन-समपसणर कवशव कक; सहस४--अच४नक अपनद पपत कद मपहह कद भशतर; र४जनननस-हद
र४ज४ ( मह४र४ज परशककत ); सज४त-वदपथप:--उनक४ हदय धकन न धकन न करनद लग४; सममशलय--खकल कर; मकगश४व-अकश--
मकगनहनश; नदतद--उसकक दकनत आहख;
म आसशतनन--हक गई;र सप-कवकसमत४--आशचयरचककत |.
जब यशकद४ म४त४ नद अपनद पपत कद मपख४रकवनद मम समपसणर बह४णड ददख४ तक उनक४ हदय धकन न
धकन न करनद लग४ तथ४ आशचयरचककत हककर वद अपनद अधशर नदत बनद करन४ च४ह रहतश थथ।
त४तपयर : म४त४ यशकद४ नद शपद म४तक-पदम कद क४रण सकच४ कक यह अदपत ब४लक जक तरह-तरह
कद खदल कर रह४ हह अवशय हश रकगगसत हह। उनहतनद ब४लक द४र४ पदकशरत आशचयर कक पशरस४ नहथ कक
पतयपत वद अपनश आहखम मसहद लदन४ च४हतश थथ। उनहम अनय खतरद कक समभ४वन४ थश इसकलए उनकक आहख म
मकगश कद बचद कक आहखत कद सम४न अधशर हक रहश थथ। यह सब यकगम४य४ कक वयवसथ४ थश। म४त४
यशकद४ तथ४ कक षण कद बशच शपद म४तक-पदम क४ समबनध हह। इसश पदम कद क४रण म४त४ यशकद४ भगव४ननन कद
ऐशवयर-पदशरन कक ठशक सद समझ नहथ प४ई।
““इस तरह असपरत कक दणड ददनद और उनक४ वध करनद कद कलए ब४लक कक षण नद ननननद मह४र४ज कद
घर मम अनदक लशल४एह पदकशरत ककर और बजव४कसयत नद इन घटन४ओर क४ आननद कलय४।'!
““गकपत तथ४ गककपयत कद कदवय आननदवधरन कद कलए समसत असपरत कद वधकत४र कक षण अपनद कपत४
तथ४ म४त४, ननद एवर यशकद४ द४र४ इस तरह प४लद गयद।”'
शशप४द कवजयधवज तशथर नद इस अधय४य कद तशसरद शलकक कद ब४द एक अनय शलकक जकड कदय४ हह :
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“तब परशककत मह४र४ज नद शपकददव गकसव४मश सद कक षण-लशल४ओर सद समबकनधत ऐसश कथ४एह कहतद
रहनद क४ अनपरकध ककय४ कजससद र४ज४ उनसद कदवय आननद प४प कर सकम ।''
इस पक४र शशयद४गवत कद दसवम सकरध कद अनतगरत ““ठक ण४वतर क४ वध” न४मक स४तवम अधय४य
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(1929 ४ आठ
पदशरन
गपणत कद अनपस४र उसकद अनय कई न४म हह। इस तरह ननननद कक ससकचत करकद तथ४ न४मकरण-सरसक४र पसर४
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करकद गमरमपकन नद उनहम अपनद पपत कक स४वध४नशपसवरक रक४ करनद कक सल४ह दश और कवद४ लश।
इसकद ब४द शपकददव गकसव४मश नद वणरन ककय४ हह कक ककस तरह दकनत ब४लक अपनद नननहम -ननननहम प४हवत
पर रमगनद, गलवत तथ४ बछडत कद स४थ खदलनद, मकखन तथ४ अनय दपगध-पद४थर चपर४नद और भ४रडद तकडनद
लगद। इस तरह उनहतनद कक षण तथ४ बलर४म कद अनदक नटखटत४पसणर क४यरकल४पत क४ वणरन ककय४ हह।
इनमम सबसद अदपत लशल४ वह हह जब कक षण कद स४कथयत नद म४त४ यशकद४ सद यह कशक४यत कक कक कक षण
कमटश ख४ रह४ हह। म४त४ यशकद४ इसकद पम४ण कद कलए कक षण क४ मपहह खकलन४ च४हतश थथ कजससद वद उनहम
दणड दद सकम । कभश वद दणड ददनद व४लश म४त४ क४ रप ध४रण कर लदतश थथ, तक अगलद हश कण म४तक-पदम
सद कवहल हक उठतश थथ। इन सबक४ वणरन कर चपकनद कद ब४द शपकददव गकसव४मश नद मह४र४ज परशककत कद
अनपरकध पर म४त४ यशकद४ तथ४ ननद कद भ४गय कक सर४हन४ कक। पसवर जनम मम ननननद तथ४ यशकद४ कमशद
दकण तथ४ धर४ थद और बह४ कद आददश सद वद पकथवशलकक पर आयद थद और उनहम पपत रप मम भगव४ननन प४प
हह ए।
शशशपक उब४च
गगर: पपरककहतक र४जनयदसन४र सपमह४तप४: ।
बडजर जग४म ननदसय वसपददवपचककदत: ॥ १॥
शश-शपकद उब४च-- शशशपकददव गकसव४मश नद कह४; गगर:--गगरमपकन; पपरककहत:--पपरककहत; र४जननन--हद र४ज४ परशककत; यदसन४मनन--
यदपकपल कद ; सप-मह४-तप४:--तपसय४ मम बढद चढद; बजमनन--वजभसकम मम; जग४म--गयद; ननदसय--नननननद मह४र४ज कद ; वसपददव-
पचककदत: --वसपददव कक पदरण४ सद
शपकददव गकसव४मश नद कह४ : हद मह४र४ज परशककत, तब यदपकपल कद पपरककहत एवर तपसय४ मम बढद
चढद गगरमपकन कक वसपददव नद पदररत ककय४ कक वद ननद मह४र४ज कद घर ज४कर उनहम कमलम।
'तमनन--उनहम ( गगरमपकन कक ); दघठ४-- ददखकर; परम-पशतद--नननननद मह४र४ज अतयनत पसन हह ए; पतयपतथ४य--सव४गत करनद कद कलए
खडद हककर; कक त-अजकल:--ह४थ जकडद हह ए; आनचर--पसज४ कक; अधककज-कधय४-- यदकप गगरमपकन इकनदयत द४र४ दकषगकचर थद
ककनतप ननद मह४र४ज उनकद पकत अप४र समम४न रखतद थद; पकणप४त-पपरदसरमनन--ननद मह४र४ज नद उनकद स४मनद कगर कर नमसक४र
ककय४।.
सव४गत मम दकनत ह४थ जकडद उठ खडद हह ए। यदकप गगरमपकन कक ननननद मह४र४ज अपनश आहखत सद ददख
रहद थद ककनतप वद उनहम अधककज म४न रहद थद अथ४रतनन वद भलकतक इकनदयत सद कदख४ई पडनद व४लद
सप-उपकवषमनन--जब गगरमपकन ठशक सद बहठ गयद; कक त-आकतथयमनन--तथ४ अकतकथ कद रप मम उनक४ सव४गत हक ज४नद पर; कगर४--
शबदत सद; ससनननतय४--अतयनत मधपर; मपकनमनन-गगरमपकन कक; ननदकयतव४--इस तरह पसन करकद ; अबनरवशतनन--कह४; बहनस-हद
ब४हण; पसणरसय--सभश पक४र सद पसणर; करव४म ककमस--मह आपकद कलए कनय४ कर सकत४ हह ह ( कक पय४ आज४ दम )।.
जब अकतकथ रप मम गगरमपकन क४ सव४गत हक चपक४ और वद ठशक सद आसन गहण कर चपकद तक
नननननद मह४र४ज नद भद तथ४ कवनशत शबदत मम कनवददन ककय४: महकदय, भक हकनद कद क४रण आप
सभश पक४र सद पररपसणर हह। कफर भश आपकक सदव४ करन४ मदर४ कतरवय हह। कक प४ करकद आज४ दम कक
महतनन-कवचलनमनन--मह४पपररत कक गकत; नकण४मनन-स४म४नय पपररत कद घरत मम; गककहण४मनन--कवशदरतय४ गकहसथत कक; दशन-
चदतस४मननस--जक पररव४र कद भरण मम लगद रहनद कद क४रण सरल कचत हह; कन: शदयस४य-- मह४पपरर कक गकहसथ कद घर ज४नद क४
क४रण कद वल उसद ल४भ पहह चह ४न४ हह; भगवननन--हद शककश४लश भक; कलपतद--इस तरह समझन४ च४कहए; न अनयथ४-- और
ककसश पयकजन कद कलए नहथ; ककचतनन--ककसश भश समय।.
हद मह४नपभ४व, हद मह४ननन भक, आप जहसद पपरर अपनद सव४थर कद कलए नहथ अकपतप दशनकचत
गकहसथत कद कलए हश सथ४न-सथ४न पर ज४तद रहतद हह। अनयथ४ इस तरह जगह-जगह घसमनद मम उनहम
ककई रकच नहथ रहतश।
त४तपयर : ननद मह४र४ज नद यथ४थर ब४त कहश हह कक भक हकनद कद क४रण गगरमपकन कक ककसश पक४र
कक ककई आवशयकत४ नहथ थश। इसश तरह जब कक षण आतद हह, तक उनहम ककई आवशयकत४ नहथ हकतश
कयतकक वद पसणर आतम४र४म हह। कफर भश वद भकत कक रक४ करनद तथ४ दपषत क४ कवन४श करनद कद कलए इस
भलकतक जगत मम अवतररत हकतद हह ( पररत४ण४य स४धसन४र कवन४श४य च दपषकक त४मनन ) | भगव४ननन क४ यहश बत
हह और भकत क४ भश यहश सदव४तत हकत४ हह। पर-उपक४र क४ यह क४यर जक ककई पसर४ करत४ हह, वह
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भगव४ननन कक षण कक अतयकधक कपय हकत४ हह ( नच तसम४ननन मनपषयदरप ककशवनसद कपयकतम:) | इसश तरह
चहतनय मह४पभप नद इस पर-उपक४र क४ उपददश कदय४ हह कवशदर रप सद भ४रतव४कसयत कक--
“कजसनद भ४रतभसकम मम मनपषय कद रप मम जनम कलय४ हह उसद अपन४ जशवन सफल बन४न४ च४कहए
और अनयत कद ल४भ कद कलए (पर-उपक४र) क४यर करन४ च४कहए।'' ( चदतनयचररत४यपतद आकद ९.४१)।
कप ल कमल४कर शपद वहषणव भक क४ कतरवय हह कक दससरत कद कलय४ण कद कलए क४यर करद।
ननननद मह४र४ज समझ गयद थद कक गगरमपकन इसश क४म कद कलए आयद हह ए हह अत: अब उनक४ कतरवय
थ४ कक वद गगरमपकन कद उपददश कद अनपस४र क४यर करम। अतद उनहतनद कह४, ““कक प४ करकद मपझद मदर४ कतरवय
बतल४यम।'” हर एक कक, कवशदर रप सद हर गकहसथ कक, ऐसश हश मनकवककत हकनश च४कहए। वण४रशम
सम४ज आठ कवभ४गत मम सरगकठत हह-बब४हण, ककतय, वहशय, शसद तथ४ बहचयर, गकहसथ, व४नपसथ एवर
सरनय४स । ननननद मह४र४ज सवयर गकहण४मनन अथ४रतनन गकहसथ क४ पकतकनकधतव करतद थद। वसतपत : बहच४रश कक
ककसश वसतप कक आवशयकत४ नहथ हकतश ककनतप गहश तक इकनदय-तककप मम लगद रहतद हह। भगवदशत४
(२.४४) मम कह४ गय४ हह- भकगहशवयरपसक४न४र तय४पहतचदतस४मनन । हर वयकक इस जगत मम अपनश इकनदय-
तककप कद कलए आय४ हह, अतद जक लकग इकनदय-तककप मम बहह त अकधक कलप हह और कजनहतनद गकहसथ
आशम सवशक४र ककय४ हह उनकक कसथकत बडश गमभशर हह। चसकह क इस जगत मम हर वयकक इकनदय-तककप कक
खकज मम लग४ रहत४ हह, अतद गकहसथत कक महतननन अथ४रतनन मह४तम४ बननद क४ पकशकण कमलन४ च४कहए।
इसकलए ननद मह४र४ज नद कवशदर रप सद महदननस-कवचलनमनन शबद क४ पयकग ककय४ हह। गगरमपकन कक ननद
मह४र४ज कद यह४ह ज४नद मम ककई सव४थर न थ४ अकपतप गकहसथ हकनद कद क४रण ननननद मह४र४ज जशवन क४
असलश ल४भ उठ४नद कद कलए ककसश भश मह४तम४ सद उपददश गहण करनद कद कलए सदहव तहय४र रहतद थद।
इस तरह वद गगरमपकन कद आददश कक पसर४ करनद कद कलए तहय४र थद।
जयककतर४मयन स४क४दतजज४नमतशकनदयमनन ।
पणशतर भवत४ यदन पपम४नवदद पर४वरमनन ॥ ५॥
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जयककतर४मनन--जयककतर ज४न ( म४नव सम४ज मम सरसकक कत कद अनय पकत कद स४थ स४थ जयककतर ज४न भश आवशयक हह ); अयनमनन--
नकतत तथ४ गहत कक गकतय४ह; स४क४तनन--पतयक; यतनन ततनन ज४नममस-- ऐस४ ज४न; अकत-इकचधयमननन-स४म४नय वयकक कक दकष सद परद;
पणशतमनन भवत४--आपकद द४र४ रकचत ज४न क४ समयक गरथ; यदन--कजससद; पपम४नननस-- ककई भश वयकक; बदद--समझ सकत४ हह;
पर-अवरमनन--अपनद भ४गय क४ क४रण तथ४ क४यर).
हद सनत पपरर, आपनद जयककतर ज४न कक सरककलत ककय४ हह, कजससद ककई भश मनपषय अहशय
भसत और वतरम४न ब४तत कक समझ सकत४ हह। इस ज४न कद बल पर ककई भश मनपषय यह समझ
सकत४ हह कक कपछलद जशवन मम उसनद कय४ ककय४ और वतरम४न जशवन पर उसक४ कह स४ पभ४व
पडदग४। आप इसद ज४नतद हह।
त४तपयर : अब “' भ४गय'” कक पररभ४र४ दश ज४तश हह। ऐसद बपकदहशन वयकक जक जशवन क४ अथर नहथ
समझतद वद पशपतलप य हह। पशप न तक जशवन कद भसत, वतरम४न तथ४ भकवषय कक ज४नतद हह न हश इसद समझ
सकतद हह। ककनतप धशर मनपषय इसद समझ सकत४ हह। इसकलए जहस४कक भगवदशत४ (२.१३) मम कह४ गय४
हह-- धशरसतत न मपहयकत-- धशर वयकक मककहत नहथ हकत४। सच४ई तक यह हह कक जशवन श४शवत हह कफर भश
इस भलकतक जगत मम मनपषय कक एक शरशर बदलकर दससर४ शरशर ध४रण करन४ पडत४ हह। इस यपग मम तक
मसखर लकग इस सच४ई कक भश नहथ समझ प४तद। कक षण कहतद हह ( भगवदशत४ २.१३) ।
“कजस तरह ददहध४रश आतम४ इस शरशर मम कनरनतर ब४लपन सद यपव४वसथ४ और कफर वकद४वसथ४ सद
हककर गपजरत४ हह उसश तरह मकतयप कद समय आतम४ दससरद शरशर मम चल४ ज४त४ हह। जक सवरपकसद हह, वह
ऐसद पररवतरन सद मकहगसत नहथ हकत४।'” परम अकधक४रश कक षण कहतद हह कक शरशर पररवतरनशशल हह और
जयतहश शरशर बदलत४ हह मनपषय कद स४रद क४यरकम भश बदल ज४तद हह। आज मह एक मनपषय हह य४ ककई
मह४ननन वयकक हह ह ककनतप पकक कत कद कनयमत मम थकडद सद भश पररवतरन सद मपझद कभन पक४र क४ शरशर सवशक४र
करन४ हकग४। आज मह मनपषय हह ह ककनतप कल मह कप त४ बन सकत४ हह ह और तब इस जशवन मम महनद जक भश
क४यर ककयद हतगद वद सब कवफल हक ज४यमग।द इस सच४ई कक कवरलद हश समझ प४तद हह ककनतप जक धर हह ,
वह इसद समझ सकत४ हह। जक लकग इस भलकतक जगत मम भलकतक भकग कद कलए आयद हह उनहम समझ लदन४
च४कहए कक कयतकक उनक४ वतरम४न पद सम४प हककर हश रहदग४ अतद उनहम अपनद कमर करनद कद पकत
स४वध४न रहन४ च४कहए। यहश ब४त ऋरभददव नद भश कहश हह। न स४धप मनननयद यत आतमनक5 यमसन४कप
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ननद मह४र४ज गगरमपकन कक उपकसथकत क४ ल४भ उठ४न४ च४ह रहद थद कयतकक गगरमपकन जयककतर ज४न कद
पक४णड परकडत थद कजससद मनपषय भसत, वतरम४न और भकवषय कक अदशय घटन४एह ददख सकत४ हह। कपत४ क४
कतरवय हह कक वह अपनश सननननत४नत कक जयककतर-दश४ ज४नद और उनकद सपख कद कलए जक भश आवशयक
हक करद। फलत: गगरमपकन कक उपकसथकत क४ ल४भ उठ४नद कक दकष सद ननद मह४र४ज नद सपझ४व रख४ कक
गगरमपकन उनकद दकनत पपतत, कक षण तथ४ बलर४म, कक जनमकप णडलश तहय४र कर दम।
तवमस--आप; कह--कनससनददह; बह-कवद४मनन--बह] कक ज४ननद व४लद समसत ब४हणत मम; शदष:-- शदष; सरसक४र४नननस--शपकद कद कलए
ककयद गयद उतसव ( इन सरसक४रत सद मनपषय कक दससर४ जनम कमलत४ हह, सरसक४र४दभवददनन कदज: ); कतपरमनन अहरकस--आप कक प४ करकद
पध४रद हह, तक समपन करम; ब४लयक:--इन दकनत पपतत ( कक षण तथ४ बलर४म ) क४; अनयक:--इन दकनत क४; नकण४मननस--न कद वल
उनक४ अकपतप स४रद म४नव सम४ज क४; जनमन४--जनम गहण करतद हश; ब४हण:--तपरनत ब४हण बन ज४त४ हह; गपर:--
म४गरदशरक ।*.
हद पभप, आप ब४हणत मम शदष हह कवशदरतय४, कयतकक आप जयककतर श४स सद भलशभ४हकत
अवगत हह। अतएव आप सहज हश हर वयकक कद आधय४कतमक गपर हह। ऐस४ हकतद हह ए चसहकक आप
कक प४ करकद मदरद घर आयद हह अतएव आप मदरद दकनत पपतत क४ सरसक४र समपन करम।
त४तपयर : भगवदशत४ (४.१३) मम भगव४ननन कक षण कहतद हह-- च४दपवरणयर मय४ सडषरर गपण-
कमरकवभ४गशन:--सम४ज मम ब४हण, ककतय, वहशय तथ४ शसद-इन च४रत वणर कक हकन४ हश च४कहए। स४रद
सम४ज कद म४गरदशरन कद कलए ब४हणत कक आवशयकत४ पडतश हह। यकद वण४रशम धमर जहस४ ककई सरसथ४न
नहथ हकत४ हह और यकद म४नव सम४ज मम ब४हण जहस४ ककई म४गरदशरक नहथ हकत४ हह , तक वह म४नव
सम४ज नरक बन ज४त४ हह। ककलयपग मम, कवशदर रप सद वतरम४न समय मम, असलश ब४हण जहस४ ककई रह
हश नहथ गय४ हह, अतद सम४ज असत-वयसत हह। पहलद यकगय ब४हण हकतद थद ककनतप वतरम४न समय मम
यदकप अपनद कक ब४हण कहल४नद व४लद लकग तक हह ककनतप उनमम सम४ज क४ म४गरदशरन करनद कक कमत४
नहथ हह। इसशकलए कक षणभ४वन४मकत आनदकलन म४नव सम४ज मम वण४रशम पण४लश क४ पपनद ससतप४त कर४नद
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कद कलए उतसपक हह, कजससद जक लकग मकहगसत हह अथव४ कम बपकदम४न हह, वद यकगय ब४हणत सद
म४गरदशरन प४प कर सकम ।
ब४हण क४ अथर हह वहषणव। ब४हण बननद कद ब४द म४नव सम४ज मम कवक४स कक अगलश अवसथ४
वहषणव बननद कक हह। जशवन-लकय तक पहह चह नद कद कलए स४म४नय लकगत क४ म४गरदशरन ककय४ ज४न४
च४कहए अतएव उनहम कवषणप य४ भगव४ननन कक समझन४ च४कहए। वहकदक ज४न कक समसचश पदकत इसश
कसद४नत पर आध४ररत हह ककनतप अब लकग लकय खक चपकद हह (न तद कवदपद सव४थरगकतर कह कवषणपमनन ) और
वद एकम४त इकनदय-तककप मम लगद रहतद हह कजसमम उनहम जशवन कद कनमन सतर मम चलद ज४नद क४ भय बन४
रहत४ हह ( मडतयपससर ४रवतमरकन ) | इससद अनतर नहथ पडत४ कक ककई ब४हण कद रप मम जनम४ हह अथव४
नहथ। ककई भश वयकक ब४हण कद रप मम जनम नहथ लदत४, वह शसद कद रप मम जनमत४ हह। लदककन ब४हण
द४र४ म४गरदशरन सद तथ४ सरसक४र सद वह कदज बनत४ हह और धशरद-धशरद ब४हण बन ज४त४ हह। ब४हणव४द
ककई पण४लश नहथ कजससद ककसश वगर कवशदर क४ एक४कधपतय सथ४कपत हक सकद । हर एक कक कशक४ दश
ज४नश च४कहए कजससद वह ब४हण बन सकद । हर वयकक कक इतन४ तक अवसर कमलन४ हश च४कहए कक वह
जशवन कद लकय कक प४प कर सकद । ककई च४हद ब४हण कप ल मम जनम लद य४ ककतय अथव४ शसद पररव४र
मम, उसद उकचत ब४हण क४ म४गरदशरन कमलन४ च४कहए और उसद वहषणव कद सवरच पद तक पहह हचन४
च४कहए। इस तरह कक षणभ४वन४मकत आनदकलन म४नव सम४ज कद सहश भ४गय कक कवककसत करनद क४
अवसर पद४न करत४ हह। नननननद मह४र४ज नद गगरमपकन कक उपकसथकत क४ ल४भ उठ४तद हह ए उनसद प४थरन४ कक
कक वद उनकद दकनत पपतत क४ सरसक४र समपन करकद उनहम जशवन-लकय कक ओर अगसर कर४नद मम
म४गरदशरन करम।
शशगगर उब४च
यदसन४महम४च४यर: खय४तशन भपकव सवरद४ ।
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शश-गगरद उब४च--गगरमपकन नद कह४; यदसन४मनन-यदपकपल क४; अहमनन--मह हह;ह आच४यर: --पपरककहत; खय४त: च--पहलद सद यह ज४त
हह; भपकव--सवरत; सवरद४--सदहव; सपतमनन--पपत कक; मय४--मदरद द४र४; सरसकक तमनन--सरसक४र समपन; तद--तपमह४रद; मनयतद--म४न४
ज४यदग४; ददवकक-सपतमनन--ददवकक-पपत
गगरमपकन नद कह४ : हद ननननद मह४र४ज, मह यदपकपल क४ पपरककहत हह।ह यह सवरकवकदत हह। अत: यकद
मह आपकद पपतत क४ सरसक४र समपन कर४त४ हह ह तक करस समझदग४ कक वद ददवकक कद पपत हह।
त४तपयर : गगरमपकन नद अपतयक रप सद बतल४ कदय४ कक कक षण यशकद४ कद नहथ बकलक ददवकक कद पपत
हह । चसहकक करस पहलद सद हश कक षण कक खकज मम थ४, अतद यकद गगरमपकन सरसक४र कर४तद तक करस कक पत४
चल सकत४ थ४ और इससद मह४ननन सरकट उतपन हक ज४त४। यह तकर ककय४ ज४ सकत४ हह कक यदकप
गगरमपकन यदपवरश कद पपरककहत थद और ननननद मह४र४ज भश यदपवशर श थद ककनतप ननननद मह४र४ज ककतय कमर नहथ
कर रहद थद। इसशकलए गगरमपकन नद कह४, ““यकद मह आपकद पपरककहत कद रप मम कमर करह तक इससद पपकष
हकगश कक कक षण ददवकक-पपत हह।''
'करसद--र४ज४ करस; प४प-मकत:--दसकरत मन व४ल४, अतयनत प४पश; सखयमनन-कमतत४; तब--तपमह४रश; च--भश; आनक-दपनदपभद: --
वसपददव कक; ददवकय४: --ददवकक क४; अषम: गभर: --आठव४ह गभर; न--नहथ ; सश-- औरत; भकवतपमनन अहकत-- हकन४ समभव हह;
इकत--इस तरह; सकझचनतयननन--कवच४र करतद हह ए; शपतव४--( यह सम४च४र ) सपनकर; ददवकय४:--ददवकक कक; द४ररक४-वच: --
पपतश कक व४णश; अकप--यदकप थश; हनत४ गत-आशडस डस :--हक सकत४ हह करस इस ब४लक कक म४र ड४लनद क४ पयल करद; तहनक--
इसकलए; ततननस--वह घटन४; न:--हम४रद कलए; अनय: भवदतनन--बहह त अचछ४ न हक |.
“करस बहह त बड४ कस टनशकतज हकनद कद स४थ हश अतयनत प४पश हह। अतद ददवकक कक पपतश
यकगम४य४ सद यह सपननद कद ब४द कक उसकद म४रनद व४ल४ ब४लक अनयत कहथ जनम लद चपक४ हह और
यह सपन चपकनद पर कक ददवकक कद आठवम गभर सद पपतश उतपन नहथ हक सकतश और यह ज४नतद हहए
कक वसपददव सद आपकक कमतत४ हह जब करस यह सपनदग४ कक यदपकपल कद पपरककहत मदरद द४र४ सरसक४र
कर४य४ गय४ हह, तक इन सब ब४तत सद उसद कनकशचत रप सद सनददह हक ज४यदग४ कक कक षण ददवकक तथ४
बसपददव क४ पपत हह। तब वह कक षण कक म४र ड४लनद कद उप४य करदग४ और यह मह४ननन कवपकत कसद
हकगश।
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त४तपयर : करस ज४नत४ थ४ कक यकगम४य४ आकखर कक षण तथ४ कवषणप कक द४सश हह, अत: भलद हश वह
ददवकक कक पपतश रप मम उतपन हह ई हक ककनतप हक सकत४ हह उसद यह तथय पकट करनद कद कलए मन४ ककय४
गय४ हक। वसतपतद ऐस४ हश हह आ थ४। गगरमपकन नद बडश हश गमभशरत४पसवरक तकर ककय४ कक कक षण क४
सरसक४र उनकद द४र४ कर४नद सद बहहत सद सनददह उठ सकतद हह कजससद करस इस ब४लक कक म४र ड४लनद कद
कलए अतयनत कठकर कदम उठ४ सकत४ हह। करस पहलद हश इस ब४लक कक ज४न सद म४र ड४लनद कद कलए
कई असपर भदज चपक४ थ४ ककनतप उनमम सद ककई भश जशकवत नहथ बच४। यकद गगरमपकन यह सरसक४र कर४तद तक
करस कद सनददह कक पसरश तरह पपकष हक ज४तश और वह अकधक कडद कदम उठ४त४। गगरमपकन नद ननननद
मह४र४ज कक यह चदत४वनश दश।
शशननद उब४च
अलककतकउकसमतहकस म४मकह रकप गकबजद ।
कप र कदज४कतसरसक४रर सवकसतव४चनपसवरकमनन ॥ १०॥
शश-ननदद उब४च--ननद मह४र४ज नद ( गगरमपकन सद ) कह४; अलककत:--करस कद ज४नद कबन४; अकसमननन--इस; रहकस--एक४नत सथ४न
मम; म४मकह :--यह४ह तक कक मदरद समबकनधयत द४र४; अकप--इससद भश एक४नत सथ४न; गक-बजद--गकश४ल४ मम; कप र--समपन
कककजयद; कदज४कत-सरसक४रमनन--कदज बननद क४ सरसक४र ( सरसक४र४दनन भवददनन कदज: ); सवकसत-व४चन-पसवरकमनन--सरसक४र कर४नद कद
कलए वहकदक सतकत कद उच४रण द४र४).
ननद मह४र४ज नद कह४: हद मह४मपकन, यकद आप सकचतद हह कक आपकद द४र४ सरसक४र कवकध
समपन कर४यद ज४नद सद करस सशरककत हकग४ तक चपपकद सद वहकदक मरतकच४र करम और मदरद घर कक
इस गकश४ल४ मम हश यह कदज सरसक४र पसर४ करम कजससद और तक और मदरद समबनधश तक न ज४न प४यम
कयतकक यह सरसक४र अतय४वशयक हह।
त४तपयर : ननननद मह४र४ज कक सरसक४र ट४लनद कक ब४त अचछश नहथ लगश। अनदक अवरकधत कद ब४वजसद
वद च४हतद थद कक गगरमपकन कक उपकसथकत क४ ल४भ उठ४य४ ज४य और जक आवशयक हक उसद ककय४ ज४य।
यह सरसक४र ब४हणत, ककतयत तथ४ वहशयत कद कलए कवशदर रप सद अकनव४यर हह। और चसकह क नननद मह४र४ज
वहशय थद इसकलए यह सरसक४र अकनव४यर थ४। पसवरक४ल मम ऐसद कमर अकनव४यर थद। च४दपवरणयर मय४ सपषर
गपणकमरकवभ४गश: ( भगवदशत४ ४.१३) । इन सरसक४रत कद कबन४ सम४ज पशपओर क४ सम४ज म४न४ ज४यदग४।
गगरमपकन कक उपकसथकत सद ल४भ उठ४नद कद कलए ननननद मह४र४ज न४मकरण सरसक४र कक कबन४ तडक-भडक
कद गपप रप सद हश समपन कर४न४ च४ह रहद थद। अत: सरसक४र कद अवसर कक म४नव सम४ज क४ अकनव४यर
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कतरवय म४नन४ च४कहयद। ककनतप ककलयपग मम लकग इस अकनव४यरत४ कक भसल चपकद हह। मनद४: सपमननननदमतयक
मनदभ४गय४ हन पफदपत४: ( भ४गवत १.१.१०) | इस यपग मम लकग बपरद और अभ४गद हह। वद अपनद जशवन कक
सफल बन४नद कद कलए वहकदक आददशत कक सवशक४र नहथ करतद। ककनतप ननद मह४र४ज ककसश ब४त कक
उपदक४ नहथ करन४ च४हतद थद। उनहतनद सपखश सम४ज कक आधय४कतमक ज४न मम उनत बन४यद रखनद कद कलए
गगरमपकन कक उपकसथकत क४ पसर४ ल४भ आवशयक क४यर समपन करनद कद कलए उठ४य४। प४हच हज४र वरर कद
भशतर सम४ज ककतन४ पकतत हह आ हह! मनद४द सपमनदमतयत मनदभ४गय४: / मनपषय जशवन ल४खत जनमत कद
ब४द कमलत४ हह और यह शपकद (सरसक४र) कद कनकमत हकत४ हह। प४चशन क४ल मम कपत४ अपनश सनत४नत कक
उच पद पर उठ४नद कद कलए सभश पक४र सद सह४यत४ करनद मम उतसपक रहत४ थ४। ककनतप वतरम४न मम
कदगभकमत हकनद सद लकग अपनद बचत तक क४ वध करनद कद कलए तहय४र रहतद हह कजससद उनहम बचत कद
शशशपक उब४च
एवर समप४कथरतक कवप: सवकचकककररतमदव ततनन ।
चक४र न४मकरणर गसढक रहकस ब४लयक: ॥ ११॥
शश-शपकद उब४च-- शशशपकददव गकसव४मश नद कह४; एवमनन--इस पक४र; समप४कथरत:--प४थरन४ ककयद ज४नद पर; कवप:--ब४हण,
गगरमपकन, नद; सव-कचकककररतमनन एब--कजसद वद पहलद सद करन४ च४ह रहद थद और कजसकद कलए वह४ह गयद थद; ततनन--वह; चक४र--
समपन ककय४; न४म-करणमनन--न४मकरण उतसव; गसढ:--गपप रप सद; रहकस--एक४नत मम; ब४लयक:--दकनत ब४लकत ( कक षण तथ४
बलर४म ) क४.
शशगगर उब४च
यदसन४मपकथगभ४व४तसडहररणमपशनतयकप ॥ १२॥
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यदपवरश क४; अपसथकन न-भ४व४तनन-- आपसद पकथकन न न हक सकनद कद क४रण; सडररणमनन--सरकररण न४म सद अथव४ दक पररव४रत कक
जकडनद व४ल४; उशकनत--आककररत करत४ हह; अकप-- भश |.
गगरमपकन नद कह४ : यह रककहणश-पपत अपनद कदवय गपणत सद अपनद समबकनधयत तथ४ कमतत कक
सभश तरह क४ सपख पद४न करदग४। अतद यह र४म कहल४यदग४। और अस४ध४रण श४रशररक बल क४
पदशरन करनद कद क४रण यह बलर४म भश कहल४यदग४। चसकह क यह दक पररव४रत--वसपददव तथ४ ननद
मह४र४ज कद पररव४रत--कक जकडनद व४ल४ हह, अतद यह सरकररण भश कहल४यदग४।
त४तपयर : बलददव वसतपत: ददवकक-पपत थद ककनतप उनहम ददवकक कद गभर सद रककहणश कद गभर मम
सथ४न४नतररत कर कदय४ गय४ थ४। यह तथय पकट नहथ ककय४ गय४ थ४। हररवरश कद अनपस४र--
गगरमपकन नद तक ननननद मह४र४ज कद स४मनद यह पकट कर कदय४ कक बलर४म सरकररण कहल४यदग४ कयतकक
वह दक पररव४रत--यदपवशर तथ४ ननननदवरश--कक जकडनद व४ल४ हह कजनमम सद एक ककतय वरश हह और दससर४
वहशय वरश। दकनत पररव४रत कद पसवरज एक थद, अनतर इतन४ हश थ४ कक ननद वहशय पतनश सद उतपन हह ए थद
और बसपददव ककतय पतनश सद। ब४द मम ननननद मह४र४ज नद वहशय कनय४ सद कवव४ह ककय४ और वसपददव नद
ककतय कनय४ सद । इस तरह एक हश कपत४ सद दकनत उतपन थद ककनतप वद ककतय तथ४ वहशय पररव४रत मम बहट
गयद। अब बलददव नद उन दकनत कक जकड कदय४, इसकलए वद सरकररण कहल४यद।
आसनस-थद; वण४र: तयद--तशन ररग; कह--कनससनददह; असय--तपमह४रद पपत कक षण कद ; गकहनतक द--सवशक४र करतद हह ए; अनपयगप मनन
तनस:--कवकभन यपगत कद अनपस४र कदवय शरशर; शपक:--कभश गलर ( शवदत ); रक:--क भश ल४ल; तथ४--और; पशत:--क भश
पशल४; इद४नशमनन कक षणत४मनन गत:--समपकत उनहतनद शय४म ( क४ल४ ) ररग ध४रण ककय४ हह।.
आपक४ यह पपत कक षण हर यपग मम अवत४र कद रप मम पकट हकत४ हह। भसतक४ल मम उसनद तशन
कवकभन ररग--गलर, ल४ल तथ४ पशल४--ध४रण ककयद और अब वह शय४म ( क४लद ) ररग मम उतपन
हह आ हह [अनय द४पर यपग मम वह शपक (तकत४ ) कद ररग मम ( भगव४ननन र४मचनद कद रप मम ) उतपन
हह आ। अब ऐसद स४रद अवत४र कक षण मम एकत हक गयद हह] ।
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ककय४, “आपक४ पपत मह४पपरर हह और वह कवकभन यपगत मम अपनद शरशर क४ ररग बदल सकत४ हह।'!
गपहतद शबद ससकचत करत४ हह कक कक षण सवदचछ४नपस४र चपन४व कर सकतद हह। दससरद शबदत मम, वद पसणर
पपररकतम भगव४ननन हह अतएव जक च४हम सक कर सकतद हह। वहकदक स४कहतय मम कवकभन यपगत मम भगव४ननन
द४र४ ध४रण ककयद ज४नद व४लद ररगत कक वय४खय४ कक गई हह अतएव जब गगरमपकन नद यह कह४ कक “आपक४
पपत यद ररग ध४रण कर चपक४ हह'' तक अपतयक रप सद उनहतनद यह कह४, “वह भगव४ननन हह।'” करस कद
अतय४च४रत कद क४रण गगरमपकन यह तथय पकट नहथ करन४ च४हतद थद ककनतप परकक रप मम उनहतनद ननननद
मह४र४ज कक बतल४ कदय४ कक उनक४ पपत कक षण व४सतव मम भगव४ननन हह।
शशल जशव गकसव४मश नद कमसनदभर न४मक पपसतक मम इस शलकक क४ त४तपयर कदय४ हह। पतयदक यपग मम
भगव४ननन य४ तक शवदत (शपक), य४ ल४ल य४ पशलद ररग मम पकट हकतद हह ककनतप इस ब४र वद अपनद मसल क४लद
(शय४म) रप मम स४क४तनन पकट हह ए हह और जहस४कक गगरमपकन नद भकवषयव४णश कक हह उनहतनद न४र४यण कक
शकक पदकशरत कक। चसहकक इस रप मम भगव४ननन पसणररपदण सवयर क४ पदशरन करतद हह अतएव उनक४ न४म
शशकक षण अथ४रतनन सवर-आकररक हह।
वसतपतद कक षण स४रद अवत४रत कद सकत हह अतएवर कवकभन अवत४रत कद कभन कभन सवरप कक षण मम
कनकहत रहतद हह। जब कक षण अवतररत हकतद हह, तक अनय अवत४रत कद स४रद गपण उनमम पहलद सद वतरम४न
रहतद हह। अनय अवत४र कक षण कद आरकशक सवरप हकतद हह ककनतप कक षण सवयर परम पपरर कद पसणर अवत४र
हह। यह समझ लदन४ च४कहए कक परम पपरर च४हद शपक रप मम पकट हत च४हद रक य४ पशत रप मम , वद
रहतद वहश पपरर हह। जब वद कवकभन अवत४रत मम पकट हकतद हह, तक वद कवकभन ररग ध४रण करतद हह, कजस
तरह कक ससयर पक४श मम स४त ररग हकतद हह। कभश कभश यद ररग पकथकन न-पकथकन न पकट हकतद हह अनयथ४ ससयर
पक४श चमककलद पक४श जहस४ कदखत४ हह। कक षण अवत४र मम कवकभन अवत४र-यथ४ मनवनतर अवत४र,
लशल४ अवत४र तथ४ दश अवत४र--सकममकलत रहतद हह। जब कक षण पकट हकतद हह, तक अनय स४रद अवत४र
उनकद स४थ स४थ पकट हकतद हह । जहस४कक शशमद४गवत (१.३.२६) मम वणरन आय४ हह--
कवकभन अवत४र सतत पव४कहत जल कक तरह लग४त४र पकट हकतद रहतद हह ।॥ कजस तरह पव४कहत जल
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मम लहरत कक सरखय४ कक गणन४ नहथ कक ज४ सकतश उसश तरह अवत४रत कक ककई सशम४ नहथ हह। और
कक षण सभश अवत४रत क४ पसणर पकतकनकधतव करतद हह कयतकक वद समसत अवत४रत कद सकत हह। कक षण अरशश
हह और अनय अरश हह। स४रद जशव कजसमम हम सभश सकममकलत हह; अरश हह ( ममदव४रशक जशवलककद जशवभसत:
सन४वन:) । यद अरश कवकभन म४प कद हह। मनपषय (जक कपद अरश हह) तथ४ ददवत४, कवषणपततत तथ४ अनय
स४रद जशव परमदशवर कद अरश हह। कनतयक कनतय४न४र चदतनशरदतन४न४मनन ( कठ उपकनरद २.२.१३) | कक षण स४रद
जशवत क४ पसणर पकतकनकधतव करतद हह और जब कक षण कवदम४न रहतद हह, तक स४रद अवत४र उनमम कनकहत
रहतद हह।
शशमद४गवत कद गय४रहवम सकरध मम पतयदक यपग कद अवत४रत क४ कम४नपस४र वणरन हह आ हह। भ४गवत
क४ कथन हह-कतद शपकअडदबप ४रहह, तदत४य४र रकवणरउसत, द४पपद भगव४ननन शय४मद तथ४ कक षणवणर
कतवर४कक षणमनन । हम ददखतद हह कक ककलयपग मम भगव४ननन पशतवणर मम गलर-सपनदर कद रप मम पकट हह ए यदकप
भ४गवत मम उनहम कक षणवणरमनन कह४ गय४ हह। इन सब कथनत मम समनवय सथ४कपत करनद कद कलए यह
समझन४ च४कहए कक यदकप कप छ यपगत मम कप छ ररगत क४ प४ध४नय रहत४ हह ककनतप पतयदक यपग मम, जब जब
कक षण पकट हकतद हह, तक स४रद ररग उपकसथत रहतद हह। कक षणवणर कतवर४कक षणमनन-यदकप चहतनय मह४पभप
कक षण य४ क४लद ररग सद रकहत पकट हकतद हह ककनतप उनहम स४क४तनन कक षण म४न४ ज४त४ हह । इद४नथ कक षणत४र गतद।
कवकभन वणर मम पकट हकनद व४ल४ वहश आकद कक षण अब पकट हह आ हह। आसननन शबद बतल४त४ हह कक वद
सदहव कवदम४न रहतद हह। जब भश भगव४ननन अपनद पसणर सवरप मम पकट हकतद हह, तक वद कक षण-वणर कद रहतद
हह यदकप वद कवकभन ररगत मम पकट हकतद हह। पहद४द मह४र४ज कहतद हह कक चहतनय मह४पभप छन हह अथ४रतनन वद
कक षण हककर भश पशलद ररग सद आवकत रहतद हह। इसकलए गलडशय वहषणव इस कनषकरर कक म४नतद हह कक
यदकप चहतनय मह४पभप पशत ररग मम पकट हह ए ककनतप वद कक षण हह।
( भ४गवत ११.५.३२)
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प४कप -पहलद; अयमस--यह ब४लक; वसपददवसथ--वसपददव क४; ककचतनन--कभश कभश; ज४त:--उतपन हह आ थ४; तब--तपमह४र४;
आतमज:--पपत कक षण; व४सपददव:-- अतएव उसक४ न४म व४सपददव रख४ ज४ सकत४ हह; इकत--इस पक४र; शशम४ननन--अतयनत सपनदर;
अकभज४:--कवद४न; समपचकतद--कक षण कक व४सपददव भश कहतद हह।.
अनदक क४रणत सद आपक४ यह सपनदर पपत पहलद कभश वसपददव कद पपत रप मम पकट हह आ थ४।
अतएबव जक कदद४न हह, वद इस ब४लक कक कभश कभश व४सपददव कहतद हह।
त४तपयर : गगरमपकन नद अपतयक रशकत सद यह बतल४ कदय४, ““मसलत: यह ब४लक वसपददव कद पपत कद
रप मम उतपन हहआ थ४, यदकप अब यह आपकद पपत कक भ४हकत क४यर कर रह४ हह। स४म४नयतय४ यह
इतनद पर भश कक षण स४रद जशवत कक कदवय आननद पद४न करनद कद कलए इचछप क रहतद हह फलत: वद कवकभन
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रपत मम पकट हकतद हह। इसशकलए वद कक षण कहल४तद हह । चसहकक गगरमपकन जयककतर४च४यर थद अतएव वद वह
सब ज४नतद थद, जक अनय लकग नहथ ज४नतद थद। कफर भश कक षण कद इतनद न४म हह कक गगरमपकन भश उन सबत
कक नहथ ज४नतद थद। इससद यहश कनषकरर कनकलत४ हह कक कक षण कद कदवय क४यरकल४पत कद अनपस४र उनकद
एर:--यह ब४लक; व: --तपम सबत कद कलए; शदय:--अतयनत शपभ; आध४सयतनन--शपभ क४यर करदग४; गकप-गककप ल-ननदन: --जहसद
एक गव४लब४ल गव४लत कद पररव४र मम गककप ल कद पपत रप मम पहद४ हह आ हक; अनदन--इसकद द४र४; सवर-दपग४रकण--सभश पक४र कद
कष; यसयमनन--तपम सभश; अजद--सरलत४ सद; तररषयथ--प४र कर लकगद, ल४हघ लकगद।.
यह ब४लक गककप ल कद गव४लत कद कदवय आननद कक बढ४नद हदतप तपमह४रद कलए सदहव शपभ कमर
करदग४। इसकक हश कक प४ सद तपम लकग स४रश ककठन४इयत कक प४र कर सककगद।
त४तपयर : कक षण गव४ल-समसहत तथ४ गसवत कद परम कमत हह इसशकलए उनकक सतपकत नमक बहणयददव४य
गकब४हणकहत४य च कक प४थरन४ कद रप मम कक ज४तश हह। उनकद ध४म गककप ल मम उनकक लशल४एह ब४हणत
तथ४ गलवत कद अनपकसल हकतश हह। उनक४ सवरपरर क४यर हह गलवत तथ४ ब४हणत कक स४रद सपख ददन४।
वसतपतद ब४हणत कद कनकमत सपखभश गलण हह, गलवम हश सवरपरर हह। उनकक उपकसथकत सद स४रद लकगत कक
'ककठन४इय४ह दसर हतगश और वद कदवय आननद प४प करमगद।
कदय४।
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त४तपयर : इनधर बह४णड क४ र४ज४ हह। असपर, चकर तथ४ उचकद सदहव इनध कक सत४तद हह
( इद४ररवय४कप लर लककमनन ) ककनतप जब इनद कद शतपओर (इनध४रर ) क४ प४ध४नय हक ज४त४ हह, तक कक षण
पकट हकतद हह। कषणसतप भगव४ननन सवरयर। इनद४ररवय४कप लर लककर मकडयकनत यपगद यपगद ( भ४गवत १.३.२८) ।
यद--जक लकग; एतकसमनस--इस ब४लक सद; मह४-भ४ग४द-- अतयनत भ४गयश४लश; पशकतमस--सनदह; कप वरकनत--करतद हह; म४नव४:--
ऐसद वयकक; न--नहथ; अरय:--शतपगण; अकभभवकनत--जशत प४तद हह; एत४ननन--कक षण कद पकत अनपरक लकगत कक; कवषणप-
पक४नस-कवषणप कद पक व४लद ददवत४ओर कक; इब--सहश; असपर४:--असपरगण।.
असपरत (य४ आनतररक शतप तथ४ इकनदयत ) द४र४ कभश पर४सत नहथ ककयद ज४ सकतद।
तसम४तनन--इसकलए; नननननद--हद ननननद मह४र४ज; आतमज:--आपक४ पपत; अयमनन--यह; तद-- तपमह४र४; न४र४यण-सम:--न४र४यण कद
सहश ( जक कदवय गपण व४ल४ हह ); गपणहद--गपणत सद; कशय४--ऐशवयर सद; ककतय४र--अपनद न४म और यश सद; अनपभ४वदन--तथ४ अपनद
पभ४व सद; गकप४यसव--इस ब४लक क४ प४लन करक; सम४कहत:--अतयनत धय४नपसवरक तथ४ स४वध४नश सद।.
अतएव हद ननद मह४र४ज, कनषकरर यह हह कक आपक४ यह पपत न४र४यण कद सहश हह। यह अपनद
कदवय गपण, ऐशवयर, न४म, यश तथ४ पभ४व सद न४र४यण कद हश सम४न हह। आप इस ब४लक क४ बडद
धय४न सद और स४वध४नश सद प४लन करम।
त४तपयर : इस शलकक मम न४र४यण-समद शबद महतवपसणर हह। न४र४यण कक ककई समत४ नहथ। वद
असमलधवर हह--ककई न तक उनकद सम४न हह और न उनसद बढकर। श४स मम कह४ गय४ हह--
जक ककई न४र४यण कक समत४ बडद सद बडद ददवत४ यह४ह तक कक कशवजश य४ बह४जश सद भश करत४ हह ,
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वह प४रणडश हह। न४र४यण कक समत४ ककई नहथ कर सकत४। कफर भश गगरमपकन नद सम शबद क४ पयकग
ककय४ कनयतकक वद कक षण कक भगव४ननन बतल४न४ च४ह रहद थद, जक ननद मह४र४ज कद पपत बन चपकद थद। वद ननननद
मह४र४ज कद मन मम इस ब४त पर जकर ददन४ च४हतद थद कक “आपक४ आर४धय ददव न४र४यण आप पर इतन४
पसन हह कक उसनद आपकद कलए ऐस४ पपत भदज४ हह, जक गपणत मम लगभग उनहथ कद सम४न हह। इसकलए आप
उसक४ न४म उनसद कमलत४-जपलत४ जहसद मपकपनद य४ मधपससदन रख सकतद हह। ककनतप सद४ य४द रखम कक जब
भश आप ककई उतम क४यर करन४ च४हमगद तक अनदक ब४ध४एह आयमगश। अतएव आप इस ब४लक क४ प४लन
तथ४ रक४ बडश हश स४वध४नश सद करम। यकद आप इस ब४लक कक रक४ स४वध४नश कद स४थ करमगद तक कजस
तरह न४र४यण सदहव आपकक रक४ करत४ हह उसश तरह यह ब४लक न४र४यण जहस४ हश हकग४।”' गगरमपकन नद
यह भश इरकगत ककय४ कक यदकप यह ब४लक न४र४यण कद सम४न हश गपणव४न हह, ककनतप यह र४स कवह४रश कद
रप मम न४र४यण सद भश बढकर आननद भकगदग४। बह-सरकहत४ मम कह४ गय४ हह--
लकमशसहसशतसमभमसदवयम४नमनन--उनकक सदव४ अनदक गककपय४ह करमगश जक लकमश कद हश सम४न हतगश।
शशशपक उब४च
इतय४तम४नर सम४कदशय गगर च सवगकहर गतद ।
ननद: पमपकदतक मदनद आतम४नर पसणरमम४कशर४मनन ॥ २०॥
शश-शपक: उब४च-- शशशपकददव गकसव४मश नद कह४; इकत--इस पक४र; आतम४नमनन--परम सतय परम४तम४ कक; सम४कदशय--पसणरतय४
आददश ददकर; गगर--जब गगरमपकन; च--भश; सव-गकहमनन--अपनद घर; गतद--चलद गयद; नननदन :--ननद मह४र४ज नद; पमपकदत:--
अतयनत पसन; मदनद--कवच४र ककय४; आतम४नमनन--अपनद आपकक; पसणरमनन आकशर४मनन--परम भ४गयश४लश |.
व४
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क४लदन--समय कद ; बजत४--बशतनद पर; अलपदन--अलप अवकध; गककप लद--गककप ल य४ बजध४म मम; र४म-कद शवल--बलर४म तथ४
कक षण नद; ज४नपभय४मनन-घपटनत कद बल; सह प४कणभय४मनन-ह४थत कद सह४रद; ररडड म४णल--रमगतद हह ए; कवजहडतप:--कखलव४ड ककय४ |.
कप छ समय बशतनद कद ब४द र४म तथ४ कक षण दकनत भ४ई अपनद घपटनत तथ४ ह४थत कद बल बज कद
आहगन मम रमगनद लगद और इस तरह ब४लपन कद खदल क४ आनरद उठ४नद लगद।
शपकतर अपरद समडकतर इतरद भ४रतमनन अनयद भजनतप भवभशव: अहर इह ननननदरर वनदद यसय४कलनदद पर बह।
“ भलद हश अनय लकग भवस४गर सद डर कर वददत, पपर४णत तथ४ मह४भ४रत कक पसज४ करम ककनतप मह ननननद
मह४र४ज कक पसज४ करहग४ कजनकद आहगन मम परबह रमगतद हह।'' मह४भ४गवत कक कह वलय अथ४रतनन भगव४ननन
बहजयककत मम सम४ ज४न४ नरक कद सम४न लगत४ हह ( नरक४यतम) । ककनतप यह४ह पर मनपषय ननननद मह४र४ज कद
आहगन मम कक षण तथ४ बलर४म कद रमगनद क४ कचनतन म४त करकद हश कदवय आननद मम लशन रह सकत४ हह।
जब तक ककई कक षण-लशल४ कद , कवशदर रप सद कक षण कक ब४ल-लशल४ओर कद कवच४र मम मग रहत४ हह
जहस४कक मह४र४ज परशककत च४ह रहद थद तब तक वह व४सतकवक कह वलय मम लशन रहत४ हह। इसशकलए
वय४सददव नद शशमदश४गवत कक रचन४ कक। लककसय४ज४नतत कवद४रशककद स४तवतसरकहत४मनन ( भ४गवत
१.७.६) । वय४सददव नद न४रदमपकन कद आददश४नपस४र शशमद४गवत कक रचन४ कक कजससद ककई भश इस गरथ
क४ ल४भ उठ४ सकद , कक षण कक लशल४ओर क४ कचनतन कर सकद और सद४-सद४ कद कलए मपक हक ज४य।
शपकतर अपरद समडकतर इतरद भ४रतर अनयद भजनदप भवभशत: अहम इह ननननदरर वनदद यसय४कलनदद पर बह।
त४वकडधयपगममनपककषय सरशससपनतल
घकरपघकररकचरर वतजकदरमदरप ।
तन४दहषमनस४वनपससतय लककर
मपगधपभशतवदपपदयतपरकनत म४तक: ॥ २२॥
'तल--कक षण तथ४ बलर४म दकनत; अदसकप-यपगममनन अनपककषय-- अपनद दकनत प४हवत कक घसशटतद हह ए; सरशसकपनतल--सरश ससपत कक तरह
रमगतद; घकर-पधकर-रकचरमनन-- अपनद घपधर रओर सद आव४ज करतद जक अतयनत मधपर थश; बज-कदरमदरप--वजभसकम कक धरतश पर गकबर
तथ४ गकमसत सद उतपन ककचड मम; ततनन-न४द--उन घपधर रओर कक आव४ज सद; हष-मनसल--अतयनत पसन हककर; अनपसकतय--पशछद
पशछद चलतद हहए; लककमनन--अनय लकगत कक; मपगध--मककहत हककर; पभशत-बतनन--उनसद ब४रमब४र डरतद हहए; उपदयतप:--तपरनत ललट
आयद; अकनत म४तक: --अपनश म४त४ओर कक ओर,
जब कक षण तथ४ बलर४म अपनद पहरत कद बल बजभसकम मम गकबर तथ४ गकमसत सद उतपन ककचड
व४लश जगहत मम रमगतद थद तक उनक४ रमगन४ सरश ससपत कद रमगनद जहस४ लगत४ थ४ और उनकद पहरत कद
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घपरघरओर कक आव४ज अतयनत मनकहर लगतश थश। वद अनय लकगत कद घपघर घओर कक आव४ज सद
अतयकधक पसन हककर उनकद पशछद पशछद चल ददतद म४नक अपनश म४त४ओर कद प४स ज४ रहद हत। ककनतप
जब वद यह ददखतद कक वद दससरद लकग हह, तक भयभशत हककर अपनश असलश म४त४ओर, यशकद४ तथ४
रककहणश, कद प४स ललट आतद।
त४तपयर : बजभसकम मम रमगतद हह ए कक षण तथ४ बलर४म घपघर रओर कक आव४ज सद मपगध हक ज४तद थद।
इससद कभश कभश अनय लकगत कद पशछद-पशछद लगतद। उन लकगत कक कक षण तथ४ बलर४म क४ रमगन४
अतयकधक आननद ददत४ अत: वद कचल४ पडतद, “ओह ! ददखक न! कक षण तथ४ बलर४म ककस तरह रमग रहद
हह!” यह सपनकर कक षण तथ४ बलर४म समझ ज४तद कक वद लकग, कजनकद पशछद वद ज४ रहद हह, उनकक म४त४एह
नहथ हह अतद वद अपनश असलश म४त४ओर कद प४स ललट आतद। इस तरह कक षण तथ४ बलर४म क४ रमगन४
पडकस कद लकगत कद स४थ स४थ म४त४ यशकद४ तथ४ रककहणश और दकनत ब४लकत कक भश आननद पद४न
करत४।
ततनन-म४तरल--उनकक म४त४एह ( रककहणश तथ४ यशकद४ ); कनज-सपतल--अपनद अपनद पपतत कक; घकणय४--अतयनत पदमपसवरक;
सनपवनतयल--अपनद सतनत क४ दसध कपल४तथ; पड-अडभ-र४ग-रकचरल--कजनकद कदवय शरशर गकबर तथ४ गकमसत कद ककचड सद सनद हह ए
थद; उपगकहन--रखव४लश करतद हहए; दकभय४रमस--अपनश भपज४ओर सद; दतत४--ददकर; सतनमननस--सतन; पकपबतक:--दसध पशतद हह ए;
सम--कनससनददह; मपखमनन-मपहह कक; कनरशकय--ददखकर; मपगध-कसमत-अलप-दशनमस--मपखत सद ब४हर कनकलश दहतकप लयत सद हहसतद;
'ययतप:--प४प ककय४; पमकदमनन--कदवय आननद ।.
दकनत ब४लक गकबर तथ४ गकमसत कमलद ककचड सद सनद हह ए अतयनत सपनदर लग रहद थद और जब
वद दकनत अपनश म४त४ओर कद प४स गयद तक यशकद४ तथ४ रककहणश दकनत नद बडद पय४र सद उनहम उठ४
कलय४, छ४तश सद लग४य४ और अपनद सतनत सद बहत४ दसध कपल४य४। सतन-प४न करतद हह ए दकनत
ब४लक मपसक४ रहद थद और उनकक दपतपकलय४ह कदख रहश थथ। उनकद सपनदर छकटद-छकटद द४हत ददखकर
उनकक म४त४ओर कक परम आननद हह आ।
त४तपयर : चसहकक म४त४एह अपनद अपनद बचत कक ददखरदख करतश थथ इसकलए यकगम४य४ कक
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वयवसथ४नपस४र बचत नद सकच४, “यद रहथ हम४रश म४त४एह'” और म४त४एह सकचतथ, “यद रहद हम४रद पपत।'!
सनदह कद क४रण सवभ४वत: म४त४ओर कद सतन सद सवतद दसध कनकलनद लग४ और बचद उसद पशनद लगद। जब
म४त४ओर नद बचत कद द४हत आतद ददखद तक वद उनहम कगनतथ और पसन हकतथ। जब बचत नद ददख४ कक म४त४एह
उनहम दसध पशनद दद रहश हह, तक उनहम भश कदवय आननद कक अनपभसकत हह ई। जयत जयत रककहणश तथ४ बलर४म कद
और यशकद४ तथ४ कक षण कद बशच यह सनदह बढत४ गय४ तयत तयत उनक४ कदवय आननद भश बढत४ रह४।
यह४रडडन४दशरनशयकप म४रलशल४-
उनतबरजद तदबल४: पगकहशतपपचछह: ।
वतसहररतसतत उभ४वनपककषयम४णल
पदकनतय उकजझतगकह४ जहरपईसनतय: ॥ २४॥
यकहर--जब; अडगभन४-दशरनशय--घर कद भशतर कक कसयत कद द४र४ हश दशय; कप म४र-लशलल--कक षण तथ४ बलर४म द४र४ पदकशरत
ब४ल-लशल४एह; अनतद-बजद--बज कद भशतर, ननद कद घर मम; ततननस--उस समय; अबल४: --स४रश कसय४ह; पगकहशत-पपचछह:-- कक षण
तथ४ बलर४म द४र४ गलवत कक पसहछ पकडनद पर; वतसह:--बछडत द४र४; इतद ततद--यह४ह वह४ह; उभल--कक षण तथ४ बलर४म दकनत;
अनपककषयम४णल--खथच ज४नद पर ; पदकनतय:--ऐसश दशय ददखतश हह ई; उकजझत--छकड४ हह आ; गकह४: --घर कद क४मक४ज; जहरप:--
अतयनत हकररत हहई; र हसनतय:--हहसतश हहई.
गव४लब४ल४एह ननननद मह४र४ज कद घर कद भशतर र४म तथ४ कक षण दकनत ब४लकत कक लशल४एह
ददखकर हकररत हकतथ। बचद बछडत कक पसछत कद कपछलद भ४ग पकड लदतद तक बछडद उनहम इधर-उधर
घसशटतद। जब रकसय४ह यद लशल४एह ददखतथ, तक कनशचय हश अपन४ क४मक४ज करन४ बनद कर ददतथ
और हहसनद लगतश तथ४ इन घटन४ओर क४ आननद लसटतथ।
त४तपयर : उतसपकत४वश रमगतद हहए कक षण तथ४ बलर४म कभश कभश बछडत कक पसहछत कद कसरद पकड
लदतद। तब बछडद यह अनपभव करकद कक ककसश नद उनहम पकड कलय४ हह इधर-उधर भ४गनद लगतद तब बचद
बछडत कद भ४गनद सद डर कर और हढत४ सद उनहम पकडद रहतद। बछडद भश यह ददखकर कक बचद पसहछ
हढत४ सद पकडद हह, भयभशत हक उठतद। तब कसय४ह बचत कक बच४नद आ ज४तथ और पसन हककर हहसतथ।
शकडगयकगदषरयकसजलकदजकणटकद भय:
ककड४पर४वकतचलल सवसपतल कनरददमप नन ।
गकह४कण कतपरमकप यत न तजननयल
शदक४त आपतपरलर मनसक5 नवसथ४मनन ॥ २५॥
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शकजनश--ग४य; अकग--आग; दरषश--बनदर तथ४ कप तद; अकस--तलव४र; जल--प४नश; कदज--पकश; कणटकद भय:--तथ४ क४हटत
कद स४थ; ककड४-परल अकत-चलल--दकनत बचद खदल मम वयसत तथ४ अतशव चरचल; सव-सपतल--अपनद दकनत पपतत कक; कनरददमप नन--
रककनद कद कलए; गकह४कण--घर कद क४मक४ज; कतपरमनन अकप--करकद ; यत--जब; न--नहथ; ततनन-जननयल--उनकक म४त४एह
( रककहणश तथ४ यशकद४ ); शदक४तद --समथर; आपतप:--प४प ककय४; अलमनन--कनससनददह; मनस:--मन क४; अनवसथ४मनन--
सनतपलन।,
जब म४त४ यशकद४ तथ४ रककहणश बचत कक सथग व४लश ग४यत सद, आग सद, परजद तथ४ द४हत व४लद
पशपओर यथ४ बनदरत, कप तत तथ४ कबकलयत सद एवर क४हटत सद, जमशन पर रखश तलव४रत तथ४ अनय
हकथय४रत सद हकनद व४लश दपघरटन४ओर सद रक४ करनद मम अपनद कक असमथर प४तथ तक वद सद४ कचनत४गसत
हक ज४तथ कजससद उनकद घरदलस क४मक४ज मम ब४ध४ पहह हचतश। उस समय वद भलकतक सनदह कद कष
न४मक कदवय भ४व सद सनतपलन प४प करतथ कयतकक यह उनकद मनत कद भशतर सद उठत४ थ४।
त४तपयर : कक षण कक यद स४रश लशल४एह तथ४ म४त४ओर द४र४ पदकशरत खपकशय४ह कदवय हह, उनमम कप छ भश
भलकतक नहथ हह। बह-सरकहत४ मम इनहम आननदकचनमय रस कह४ गय४ हह। आधय४कतमक जगत मम भश
भलकतक जगत कक हश तरह कचत४, रकदन तथ४ अनय भ४वन४एह प४ई ज४तश हह ककनतप इनकक यथ४थरत४ कदवय
जगत मम हश हकतश हह, कजसकक यह जगत अनपकककत हश हह इसकलए म४त४ यशकद४ तथ४ रककहणश कक इनमम
'क४लदन अलपदन--थकडद समय मम हश; र४जरर--हद र४ज४ ( मह४र४ज परशककत ); र४म: कक षण: च--र४म तथ४ कक षण दकनत; गककप लद--
गककप ल ग४हव मम; अधकष-ज४नपकभद--घपटनद कद बल रमगद कबन४ हश; पकददनकद--अपनद प४हवत कद बल; कवचकमतप:--चलनद लगद;
अजस४--आस४नश सद.
हद र४ज४ परशककत, थकडद समय मम हश र४म तथ४ कक षण दकनत अपनद प४हवत कद बल, रमगद कबन४ हश
अपनद आप गककप ल मम सरलत४ सद चलनद-कफरनद लगद।
त४तपयर : अब दकनत ब४लक घपटनत कद बल न रमग कर ककसश चशज कक पकड कर खडद हकनद लगद
और कबन४ ककठन४ई कद अपनद प४हवत कद बल थकड४-थकड४ चलनद-कफरनद लगद।
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'ततद--ततपशच४तनन; तप--लदककन; भगव४ननन-- भगव४ननन; कक षण:-- कक षण; वयसयह: --अपनद स४कथयत कद स४थ; बज-ब४लकह : --बज कद
छकटद-छकटद ब४लकत कद स४थ; सह-र४म:--बलर४म कद स४थ; बज-सशण४मननस-वज कक स४रश कसयत कद ; कचककडद--पसनत४पसवरक
खदलनद लगद; जनयननन--उतपन करतद हहए; मपदमनन--कदवय आननद |.
ततपशच४तनन भगव४ननन कक षण, बलर४म सकहत, गव४लत कद अनय बचत कद स४थ खदलनद लगद और
इस तरह गव४लत कक कसयत मम कदवय आननद उतपन करनद लगद।
त४तपयर : सह-र४मद शबद महतवपसणर हह, कजसक४ अथर हह “बलर४म कद स४थ””। ऐसश कदवय-
'कक षणसय--कक षण क४; गकपय:--स४रश गककपयत नद; रकचरमनन--अतयनत आकररक; वशकय--ददखकर; कलम४र-च४पलमनन--ब४ल-
लशल४ओर कक चपलत४; शकणवनतय४:--ब४रमब४र सपननद कद कलए; ककल--कनससनददह; ततनन-म४तप:द--म४त४ कक उपकसथकत मम; इकत--इस
पक४र; ह--कनससनददह; ऊचप:--कह४; सम४गत४: --एकत हह ई।र .
कक षण कक अकत आकररक ब४ल-सपलभ चञलत४ कक ददखकर पडकस कक स४रश गककपय४ह कक षण
कक ककड४ओर कद कवरय मम ब४रमब४र सपननद कद कलए म४त४ यशकद४ कद प४स पहह हचतथ और उनसद इस
पक४र कहतथ।
त४तपयर : कक षण कक ककड४एह भकत कक सदहव अतयकधक आकररक लगतश हह। अत: यशकद४ कक
पडकसश सकखय४ह म४त४ यशकद४ कक वद स४रश ब४तम बतल४तथ कजनहम वद पडकस मम कक षण कक करतद ददखतथ।
म४त४ यशकद४ अपनद पपत कक ककड४एह सपननद कद कलए अपनद घर कद क४मक४ज बनद कर ददतथ और पडकसश
सकखवयत द४र४ दश गई ज४नक४रश क४ आननद लदतथ।
वतस४नमपझननककचदसमयद ककशसझञ४तह४स:
सतदयर सव४दतननयथ दकधपय: ककलपतहद सतदययकगह: ।
मक४रनभककयकनवभजकत स चदन४कत भ४णडर कभनकत
दवय४ल४भद सगकहकप कपतक य४तयपपककशय तकक४ननन ॥ २९॥
वतस४नस-बछडत कक; मपखननननस--ख४लद ददनद; ककचतनन--क भश; असमयद--कवरम अवसरत पर; ककश-सज४त-ह४स:--इसकद ब४द
जब घर क४ मपकखय४ अपसन हकत४ तक कक षण हहसनद लगत४ हह; सतदयमनन--चकरश करनद सद प४प; सव४दप--सव४कदष; अकत--ख४त४ हह;
अथ--इस पक४र; दकध-पयद--दहश तथ४ दसध कद बतरन ( मटकक ); ककलपतहद --ढस हढ कनक४लश गई; सतदय-यकगहद--चकरश करनद कक
कवकध कद द४र४; मक४रनस--बनदरत कक; भककयनस--कखल४तद हहए; कवभजकत--ब४हट-ब४हट कर ददत४ हह; सद--वह बनदर; चदतननस-- यकद;
न--नहथ; अकत--ख४त४ हह; भ४णडमननस--बतरन; कभनकत--तकड ड४लत४ हह; दवय-अल४भद--ख४नद कक कप छ न कमलनद पर; स-गकह-
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'कप कपत:--वह घर कद रहनद व४लत पर गपसस४त४ हह; य४कत--चल४ ज४त४ हह; उपककशय--कचढ४तद हहए; तकक४ननन--छकटद-छकटद बचत
कक.
“हद सखश यशकद४, आपक४ बदट४ कभश कभश हम४रद घरत मम गलवम दपहनद कद पहलद आ ज४त४ हह
और बछडत कक खकल ददत४ हह और जब घर क४ म४कलक ककध करत४ हह, तक आपक४ बदट४ कद वल
मपसक४ ददत४ हह। कभश कभश वह ककई ऐसश यपकक कनक४लत४ हह, कजससद वह सव४कदष दहश, मकखन
तथ४ दसध चपर४ लदत४ हह और तब उनहम ख४त४-पशत४ हह। जब बनदर एकत हकतद हह, तक वह उनमम यद सब
ब४हट ददत४ हह और जब उनकद पदट भर ज४तद हह और वद अकधक नहथ ख४ प४तद तक वह बतरनत कक तकड
ज४त४ हह। कभश कभश, यकद उसद घर सद मकखन य४ दसध चपर४नद क४ अवसर नहथ कमलत४ तक वह
घरव४लत पर कककधत हकत४ हह और बदल४ लदनद कद कलए वह छकटद-छकटद बचत कक कचकप टश क४ट
कर भडक४ ज४त४ हह। और जब बचद रकनद लगतद हह, तक कक षण भ४ग लदत४ हह।
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हसत-अग४हन --ह४थ न पहह हचनद पर; रचयकत--बन४त४ हह; कवकधमननस--उप४य; पशठक--पशढ४, लकडश कक चलकक; उलसखल-
आइनकय:--तथ४ ओखलश इतय४कद सद; कछदमनन--छदद; कह--कनससनददह; अनतद-कनकहत--बतरन कद भशतर कक वसतपएह; वयपन:--ऐसद ज४न
सद; कशकय--कशकहर४, छथक४ सद ट४रग कर; भ४णडदरप--बतरनत कद भशतर; ततनन-कवतनन--उस ज४न मम दक; धव४नत-आग४रद-- अहधदरद
कमरद मम; धकत-मकण-गणमनन--मसलयव४न मककतयत सद सज४य४ हकनद कद क४रण; सव-अडभमनन--अपनद शरशर कक; अथर-पदशपमनन--अहधदरद
मम ददखनद कद कलए आवशयक पक४श मम; क४लद--उसकद ब४द; गकपयद --वकद४ गककपय४ह; यकहर--जयतहश; गकह-कक तयदरप--घर कद
क४मक४ज करदद मम; सप-वयग-कचत४:-- बपरश तरह लगश रहनद सद |.
“जब दसध तथ४ दहश कक मटकक कक छत सद लटकतद छथकद मम ऊहच४ रख कदय४ ज४त४ हह और
कक षण तथ४ बलर४म उस छथकद तक नहथ पहह चह प४तद तक वद पशढत कक जपट४कर तथ४ मस४लद पशसनद
कक ओखलश कक उलट कर उस पर चढ कर उस तक पहह हच ज४तद हह। बतरन कद भशतर कय४ हह, वद
अचछश तरह ज४नतद हह अतद उसमम छदद कर ददतद हह। जब सय४नश गककपक४एह क४मक४ज मम लगश रहतश
हह, तक कभश कभश कक षण तथ४ बलर४म अहधदरश ककठरश मम चलद ज४तद हह और अपनद शरशर मम पहनद
हह ए मसलयव४न आभसरणत कक मकणयत कक चमक सद उस सथ४न कक पक४कशत करकद चकरश कर लद
ज४तद हह।
त४तपयर : पपर४नद समय मम घर घर मम दहश तथ४ मकखन रख४ रहत४ थ४ त४कक आवशयकत४ पडनद पर
क४म आ सकद । ककनतप कक षण तथ४ बलर४म इतनद पशढद एक कद ऊपर एक रख लदतद कक बतरनत तक पहह हच
सकम और तब अपनद ह४थत सद बतरनत मम छदद कर लदतद कजससद उनकद भशतर कक स४मगश चस कर नशचद आयद
और वद उसद पश सकम । मकखन तथ४ दसध चपर४नद कक यह दससरश कवकध थश। यकद मकखन तथ४ दसध ककसश
अहधदरद कमरद मम रख४ हकत४ तक कक षण और बलर४म वह४ह ज४तद और अपनद शरशरत मम ध४रण ककयद गयद
बहह मसलय मकणयत सद उस सथ४न कक पक४कशत कर लदतद। कहनद क४ त४तपयर यह कक कक षण तथ४ बलर४म
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एवमनन--इस पक४र; ध४एनटय४रकन--उपदव; उशकत--सवचछ समन मद छप कतद >कभश कभश करत४ हह; मदहन-आदशकन--टटश पदश४ब
करन४; व४सतल--घरत मम; सतदय-उप४यहद-- दसध तथ४ मकखन चपर४नद कक कवकवध यपककय४ह ढस हढकर; कवरकचत-कक कतद--अतयनत दक हह;
सप-पतशक:--अब अचछद, कशष ब४लक कक तरह बहठ४ हह आ हह; यथ४ आसतद--यह४ह रहतद हह ए; इतथमनन--यद ब४तम; सशकभद--गककपयत
कद द४र४; स-भय-नयन--अब डरश हह ई आहखत सद बहठ४; शश-मपख--ऐस४ सपनदर चदहर४; आलकककनशकभ:--गककपय४ह ददखनद क४
आननद लद रहश थथ; वय४खय४त-अथ४र--म४त४ यशकद४ सद उसकक कशक४यत करतद हह ए; पहकसत-मपखश--हहसतश और आननद लसटतथ;
न--नहथ; कह--कनससनददह; उप४लबधपमनन--डर४नद-धमक४नद कद कलए; ऐचछतनन--उसकक इचछ४ हह ई, च४ह४
“जब कक षण नटखटपन करतद पकडद ज४तद हह, तक घर कद म४कलक उससद कहतद, “रद चकर''
और उस पर बन४वटश ककध पकट करतद। तब कक षण उतर ददतद, “मह चकर नहथ हह ह। चकर तपम हक।''
कभश कभश कक षण ककध मम आकर हम४रद स४फ-सपथरद घरत मम मल-मसत कवसजरन कर ददत४ हह। ककनतप
हद सखश यशकद४, अब वहश दक चकर तपमह४रद स४मनद अचछद लडकद कक तरह बहठ४ हह।'' कभश कभश
सभश गककपय४ह कक षण कक भय४तपर आहखत ककए बहठद ददखतश थथ, त४कक म४त४ ड४रटद फटक४रद नहथ
और जब वद कक षण क४ सपनदर मपखड४ ददखतथ तक उसद ड४हटनद कक बज४य वद उनकद मपखडद कक ददखतश
हश रह ज४तथ और कदवय आननद क४ अनपभव करतथ। म४त४ यशकद४ इस कखलव४ड पर मनद-मनद
मपसक४तथ और उनक४ मन अपनद भ४गयश४लश कदवय ब४लक कक ड४हटनद कक करत४ हश नहथ थ४।
त४तपयर : कक षण अपनद पडकस मम चकरश हश नहथ करतद थद अकपतप कभश कभश सवचछ घरत मम मल-मसत
कवसकजरत कर कदय४ करतद थद। जब घर क४ ककई म४कलक पकडत४ तक कक षण ““तपमहथ चकर हक'” कह कर
उसद ड४हटतद। अपनश ब४ल-लशल४ओर मम चकर हकनद कद अकतररक भश कक षण यपव४वसथ४ मम यपवकतयत कक
आकक ष करकद उनकद स४थ र४स-नकतय करनद कक चकरश भश करतद थद। यहश कक षण कद क४यर हह। वद अनदक
असपरत कद वध करनद व४लद कहरसक भश हह। यदकप सरस४रश लकगत कक अकहरस४ तथ४ अनय सदननगपण पसनद
आतद हह ककनतप ईशवर सद४ एकस४ हकतद हह ए कप छ तथ४ककथत अनहकतक क४यर मम--यथ४ चपर४नद, म४रनद तथ४
कहरस४ मम भश पटप हकतद हह। कक षण सदहव शपद हह और परम सतय हह। वद भलकतक जशवन क४ कननदनशय सद
कनननननदनशय समझ४ ज४नद व४ल४ क४म कर सकतद हह कफर भश वद आकररक हह। इसकलए उनक४ न४म कक षण हह।
ऐसद हश सतर पर कदवय पदम-वयवह४र तथ४ सदव४ क४ कवकनमय हकत४ हह। कक षण कद मपखमणडल सद म४त४एह
इतनश आकक ष हकतथ कक वद उनहम ड४हट नहथ सकतश थथ पतयपत वद हहसतथ और कक षण कक करतसतत कक सपन-
सपन कर आनकनदत हकतथ। इस तरह गककपय४ह तपष रहतश रहथ और कक षण उनकक पसनत४ क४ आननद लसटतद।
इसशकलए उनक४ दससर४ न४म गकपश-जन-वलभ हह कयतकक वद गककपयत कक पसन करनद कद कलए ऐसश
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एकद४--एक ब४र; ककडम४न४:--बडद हककर भश अपनश उप व४लद अनय ब४लकत कद स४थ खदलतद; तद--वद; र४म-आद४:--बलर४म
तथ४ अनय; गकप-द४रक४:-गव४लत कद पडकस मम पहद४ हह ए अनय ब४लक; कक षण: मकदमनन भककतव४ननन--हद म४त४! कक षण नद कमटश ख४ई
हह; इकत--इस पक४र; म४तद--म४त४ यशकद४ सद; नयवददयननन--कनवददन ककय४।.
एक कदन जब कक षण अपनद छकटद स४कथयत कद स४थ बलर४म तथ४ अनय गकप-पपतत सकहत खदल
रहद थद तक उनकद स४रद स४कथयत नद एकत हककर म४त४ यशकद४ सद कशक४यत कक कक “कक षण नद कमटश
ख४ई हह।''
त४तपयर : यह४ह पर कक षण कक एक अनय कदवय ककड४ हह, कजसद गककपयत कक पसन करनद कद कलए ढस हढ
कनक४ल४ गय४। पहलद तक कक षण द४र४ चकरश करनद कक कशक४यत म४त४ यशकद४ सद कक गई ककनतप उनहतनद
कक षण कक नहथ ड४हट। अब एक और पय४स मम कजससद म४त४ यशकद४ ककध करम और उसद ड४हटम , दससरश
कशक४यत ढस हढ कनक४लश गई--कक कक षण नद कमटश ख४ई हह।
स४--म४त४ यशकद४; गकहशतव४--पकड कर; करद--ह४थ मम; कक षणमनन-कक षण कक; उप४लभय--ड४हटन४ च४ह४; कहत-एकरणश--कक षण
क४ कलय४ण च४हनद कद क४रण वद कपबध थथ कक इस कक षण नद कमटश कह सद ख४ई ?; यशकद४--म४त४ यशकद४ नद; भय-समभ४नत-पदकण-
अकमनन-कक षण कद मपहह कद भशतर स४वध४नश सद ददखनद लगश, यह ददखनद कद कलए कक ककई खतरन४क वसतप तक नहथ भर लश;
अभ४रत--कक षण सद कह४ |.
कसम४नमकदमद४नत४तमनभव४नभककतव४तह: ।
बदकनत त४वक४ हकतद कप म४र४सतद5 गजकउपययमनन ॥ ३४॥
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हह कक षण, तपम इतनद चरचल कनयत हक कक एक४नत सथ४न मम तपमनद कमदठश ख४ लश? यह कशक४यत
तपमह४रद बडद भ४ई बलर४म समदत तपमह४रद सरगश-स४कथयत नद कक हह। यह कयतकर हह आ ?
त४तपयर : म४त४ यशकद४ कक षण कद चरचल सवभ४व सद थरपबध थथ। उनक४ घर कमठ४इयत सद भर४ पड४ थ४,
तक कफर चरचल ब४लक नद एक४नत सथ४न मम कमटश कनयत ख४ई ? कक षण नद उतर कदय४, “हद म४त४! सबत नद
रडरत करकद मदरद कवरद कशक४यत कक हह, कजससद आप मपझद दणड दम। मदरद बडद भइय४ बलर४म उनसद
कमल गयद हह। व४सतव मम महनद यह क४म नहथ ककय४। मदरश ब४त सतय म४नम | मपझ पर न४र४ज न हत और मपझद
ड४हटद नहथ।”!
न--नहथ; अहमनन--महनद; भककतव४नस--कमटश ख४ई हह; आल हद जल ; सवर--वद सभश; कमथय-अकभशरकसन:--सभश झसठद हह, कद वल
मदरश कशक४यत करतद हह कक आप मपझद ड४हटम; यकद--यकद यह यथ४थर हह; सतय-कगरद--कक उनहतनद सच बकल४ हह; तकहर--तक;
समकमनन--पतयक; पशय--ददकखयद; मद--मदर४; मपखमनन-- मपहह +
शशकक षण नद उतर कदय४, “हद म४त४, महनद कमटश कभश नहथ ख४ई।र मदरश कशक४यत करनद व४लद मदरद
स४रद कमत झसठद हह। यकद आप सकचतश हह कक वद सच बकल रहद हह, तक आप मदरद मपहह कद भशतर पतयक
ददख सकतश हह।
ब४द भक कक ऐसश आननद४नपभकस त हक सकतश हह। कजन लकगत नद पचपर पपणयकमर कद फल सरकचत कर रखद
श४
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हह उनहम हश कक षण क४ स४कनधय और उनकद स४थ स४म४नय कखल४कडयत कक तरह खदलनद क४ अवसर प४प
हकत४ हह। इन कदवय सदव४-क४यरकल४पत कक झसठद आरकप नहथ समझन४ च४कहए। ऐसद भकत पर स४म४नय
ब४लकत कक तरह झसठ बकलनद क४ कभश आरकप नहथ लग४न४ च४कहए कयतकक कक षण क४ ऐस४ स४कतनधय
प४प करनद कद कलए उनहतनद बडश तपसय४ कक हह ( तपस४ बहचयरण शमदन च दमदन च ) ।
यकद--यकद; एवमनन--ऐस४ हह; तकह--तक; वय४ददकह--अपन४ मपख खकलक ( मह ददखन४ च४हतश हह ह ); इकत उक:--म४त४ यशकद४ द४र४
ऐस४ आददश कदयद ज४नद पर; सद--उस; भगव४ननन-- भगव४ननन; हररद-- परमदशवर नद; वय४दत--अपन४ मपहह खकल कदय४; अवय४हत-
ऐशवयर:--ऐशवयर भकक मम कबन४ ककसश कमश कद ( ऐशवयरसथ समगसय ); ककड४--लशल४ य४ कखलव४ड; मनपज-ब४लक:--मनपषय कद
लडकद कक तरह।.
म४त४ यशकद४ नद कक षण कक धमक४य४ : ““यकद तपमनद कमटश नहथ ख४ई हह, तक अपन४ मपहह पसरश
तरह खकलक।'” इस पर ननद तथ४ यशकद४ कद पपत कक षण नद म४नवश ब४लक कक तरह लशल४ करनद कद
कलए अपन४ मपहह खकल४। यदकप समसत ऐशवयर कद सव४मश भगव४ननन कक षण नद अपनश म४त४ कद
व४तसलय-पदम कक ठदस नहथ लग४ई, कफर भश उनक४ ऐशवयर सवतद पदकशरत हक गय४ कयतकक कक षण
क४ ऐशवयर ककसश भश कसथकत मम कवनष नहथ हकत४ अकपतप उकचत समय पर पकट हकत४ हह।
त४तपयर : अपनश म४त४ कद सनदह भ४व कक कडग४यद कबन४ हश कक षण नद अपन४ मपहह खकल कदय४ और
अपनद प४कक कतक ऐशवयर कक पदकशरत कर कदय४। जब ककसश वयकक कक भ४हकत-भ४हकत क४ भकजन परकस४
ज४त४ हह, तक उसमम सहकडत वयरजन हक सकतद हह ककनतप यकद ककसश कक स४ध४रण श४क प४लक हश पसनद
हह, तक वह उसश कक ख४न४ च४हदग४। इसश तरह यदकप कक षण समसत ऐशवयर सद पसणर थद ककनतप अब जब
उनहम अपनश म४त४ कद आददश सद ब४लक कक तरह अपन४ मपहह खकलन४ पड४ तक उनहतनद व४तसलय रस कद
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सवभ४वकम४रशयकलडड भददमनन ।
ससनकसतनल वशकय कवद४ररत४सयद
बडजर सह४तम४नमव४प शद४मनन ॥ ३९॥
स४--म४त४ यशकद४ नद; तत--कक षण कद खपलद मपख कद भशतर; दहशद--ददख४; कवशवमनन--स४रद बह४णड कक; जगतनन--चर-प४णश;
सथ४सनप-- अचर, जड प४णश; च--तथ४; खमनन-- आक४श; कदशद--कदश४एह; स-अकद--पवरतत सकहत; दशप--दशप; अकबध--
समपद; भस-गकलमनन-पकथवश कक सतह; स-व४यप--बहतश हव४ कद समदत; अकग-- आग; इनदप--चनदम४; त४रकमनन--त४रद; जयककत:-
चकमनन-गह नकत; जलमस-- जल; तदज:-- पक४श; नभसव४नननस--अनतररक; कवयतननस--आक४श; एब-- भश; च--तथ४;
बहक४ररक४कण--अहरक४र कद रप४रतर सद बनश सककष; इकनदय४कण--इकनदय४ह; मनद--मन; म४त४:--तनम४त४; गपण४: तय:--तशनत गपण
( सतव, रजसनन तथ४ तमस ); एततनन--यद स४रद; कवकचतमनन--तरह तरह कद ; सह--समदत; जशव-क४ल--स४रद जशवत कक आयप;
सवभ४व--सवभ४व; कमर-आशय--कमर तथ४ भलकतक भकग कक इचछ४ ( व४सन४ ); कलड-भददमनन--इचछ४नपस४र शरशरत कद भदद;
ससनक: तनल--अपनद पपत कद शरशर मम; वशकय-- ददखकर; कवद४ररत-आसयद--खपलद मपहह कद भशतर; वजमनन-- बज-ध४म कक; सह-
आतम४नमनन-- अपनद समदत; अव४प--हतप भ रह गई; शटभ४मनन--शरक४ तथ४ आशचयर सद यपक).
त४तपयर : सथसल तथ४ ससकम ततवत पर कसथत स४रद कवर४ट जगत, उनकक उतदजन४ कद स४धन, तशनत गपण,
जशव, सककष, प४लन, सरह४र तथ४ भगव४ननन कक बकहररग४ शकक सद चल रहश स४रश ककय४एह--यद सभश पसणर
पपररकतम भगव४ननन गककवनद सद उदसत हह। स४रश वसतपएह उनकद कनयरतण मम हह। इसकक पपकष भगवदशत४ सद
भश (९.१०) हकतश हह। मय४धयकदण पकक कत: ससयतद स-चर४चरमनन-भलकतक पकक कत कक स४रश वसतपएह उनकद
कनयरतण मम हह। चसकह क यद स४रश अकभवयककय४ह गककवनद सद उदसत हह अतएव वद सब कक सब गककवनद कद
मपख मम कदख सकतश थथ। आशचयर कक ब४त तक यह हह कक म४त४ यशकद४ गहन म४तक -सनदह कद क४रण
भयभशत थथ। उनहम कवशव४स हश नहथ हक प४ रह४ थ४ कक उनकद पपत कद मपख मम ऐसश वसतपएह कदख सकतश
हह । कफर भश उनहतनद ददख४ और इसशकलए वद भय तथ४ आशचयर सद हकक-बकक रह गई।र
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ककमनन--कय४; सवप:--सपन४; एततनन--यह; उत--अथव४; ददव-म४य४--बकहररग४ शकक द४र४ मकहमयश अकभवयकक; ककमनन व४--
अथव४; मदशय:--मदर४ कनजश; बत--कनससनददह; बपकदद-मकह:--बपकद क४ मकह; अथक-- अनयथ४; अमपषय--ऐसद; एब--कनससनददह;
मम अभरकसय--मदरद ब४लक क४; य:--जक; कशचन-- ककई; औतपकतक:--प४कक कतक; आतम-यकग:--कनजश यकगशकक |.
[म४त४ यशकद४ अपनद मम हश तकर करनद लगथ] : कय४ यह सपन४ हह य४ बकहररग४ शकक कक
मकहमयश सककष हह? कहथ यह मदरश हश बपकद सद तक पकट नहथ हह आ ? अथव४ यह मदरद ब४लक कक
ककई यकगशकक हह?
त४तपयर : जब म४त४ यशकद४ नद अपनद ब४लक कद मपख कद भशतर यह अदपत दशय ददख४ तक वद अपनद
मन मम तकर करनद लगथ कक कहथ यह सवपन तक नहथ। तब उनहतनद कवच४र ककय४, “मह सवपन नहथ ददख
रहश कयतकक मदरश आहखम खपलश हह। जक कप छ हक रह४ हह मह वहश ददख रहश हह।ह न तक मह सक रहश हह,
ह न हश मह
सपन४ ददख रहश हह ह। तक कफर यह ददवम४य४ सद उतपन मकह हक सकत४ हह | ककनतप यह भश समभव नहथ। ऐसश
वसतपएह ददवत४गण मपझद कयत कदखल४ रहद हह ? मह तक स४ध४रण सश सश हह ह कजसक४ ददवत४ओर सद ककई समबनध
नहथ। वद ददवम४य४ मम मपझद कयत ड४लन४ च४हतद हह ? ऐस४ समभव नहथ।'” तब म४त४ यशकद४ नद सकच४ कक
यह दशय मकह (म४य४) कद क४रण हह, “मह ठशक-ठ४क हह ह, मपझद ककई रकग नहथ। तक कफर मकह कनयत ? ऐस४
नहथ कक मदर४ मकसतषक कवकक त हक कयतकक मह स४म४नय रप सद सकच सकतश हह ।ह अवशय हश यह दशय मदरद
पपत कक यकगशकक कद क४रण हह जहस४कक गगरमपकन नद भकवषयव४णश कक हह।'' इस तरह वद इस कनषकरर पर
पहह हचथ कक यह दशय उनहथ कद पपत कक हश रचन४ हह, यह और कप छ भश नहथ हह।
अथक--इसकलए उसनद भगव४ननन कक शरण मम ज४नद क४ कनशचय ककय४; यथ४-वतनन--कजतनश पसणरत४ सद ककई अनपभव कर सकतश हह;
न--नहथ; कवतकर-गकचरमनन--समसत तकर, इकनदय बकध सद परद; चदत:--चदतन४ सद; मन:--मन सद; कमर--कमर सद; वचककभ:--
अथव४ शबदत सद; अजललआ४--सबकक कमलकर भश हम उनहम नहथ समझ सकतद; यतनन-आशयमनन--कजसकद कनयरतण मम; यदन--कजसकद
द४र४; यतद--कजससद; पतशयतद--अनपभव ककय४ ज४ सकत४ हह कक हर वसतप उनहथ सद उदसत हह; सप-दपकवरभ४वयमस-- हम४रश चदतन४ सद
परद; पणत४ अकसम--शरण४गत हह ह; ततनन-पदमनन--उनकद चरणत मम |.
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त४तपयर : मनपषय कक भगव४ननन कक मह४नत४ क४ कद वल अनपभव करन४ हकत४ हह। उसद सथसल य४ ससकम
ककसश भश भलकतक उप४य सद उनहम समझनद क४ पय४स नहथ करन४ च४कहए। सरल सवभ४व कक सश हकनद कद
क४रण म४त४ यशकद४ इस दशय क४ असलश क४रण नहथ समझ प४ई र अतएव म४तक-सनदहवश उनहतनद भगव४ननन
कक कद वल नमसक४र ककय४ कक वद उनकद ब४लक कक रक४ करम। वद उनहम नमसक४र करनद कद अकतररक कर
हश कनय४ सकतश थथ? कह४ गय४ हह-- अकचनतय४: खलप यद भ४व४ न त४रसवकर ण यकजयदतनन ( मह४भ४रत भशषम
पवर ५.२२) | तकर सद परम क४रण कक समझनद क४ पय४स नहथ करन४ च४कहए। जब हम ककसश ऐसश
समसय४ सद कघर ज४तद हह कजसक४ ककई क४रण ढस हढद नहथ कमलत४ तक हम४रद प४स भगव४ननन कक शरण मम ज४नद
और उनहम स४दर नमसक४र करनद कद अकतररक ककई दससर४ कवकलप नहथ रह ज४त४। तभश हम सपरककत रह
सकतद हह। इस कसथकत मम म४त४ यशकद४ नद भश यहश कवकध अपन४ई। जक कप छ घटत४ हह उसक४ मसल क४रण
भगव४ननन हकत४ हह ( सवरक४रण क४रणमनन )। जब क४रण क४ पत४ न चलद तक हमम भगव४ननन कद चरणकमलत
पर नमसक४र म४त करन४ च४कहए। म४त४ यशकद४ इसश कनषकरर पर पहहचह थ कक अपनद पपत कद मपख मम जक
अदभपत वसतपएह उनहतनद ददखथ वद उसश ब४लक कद क४रण थथ, भलद हश वद क४रण सपकनकशचत नहथ कर प४ई।र
अतएव जब भक कक ककसश कष क४ क४रण कनकशचत नहथ हक प४त४ तक वह इसश कनषकरर पर पहह हचत४ हह--
हदन४गवपपकभरकवदधनमसतद
( भ४गवत १०.१४.८)
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कदय४ हह। इस तरह वह भगव४ननन कक ब४रमब४र नमसक४र करत४ हह। ऐस४ भक गपकक पदद स द४यभ४कन न
कहल४त४ हह अथ४रतनन इस भलकतक जगत सद उसकक मपकक सपकनकशचत हह। भगवदशत४ (२.१४) मम कह४ गय४
हह--
हमम ज४नन४ च४कहए कक भलकतक शरशर सद उतपन भलकतक कष आतद -ज४तद रहतद हह अतएव हमम
च४कहए कक कष सहन करम और आधय४कतमक गपर द४र४ आकदष अपन४ कतरवय कनब४हम।
पकत हह, कक षण मदर४ पपत हह और चसकह क मह ननद मह४र४ज कक मह४र४नश हह ह इसकलए गलबत तथ४ बछडत
कक समपकत मदरद अकधक४र मम हह और स४रद गव४लद तथ४ उनकक पकतय४ह मदरश पज४ हह। वसतपतद मह भश
भगव४ननन कद कनतय अधशन हह ।ह वद हश मदरद अनकनतम आशय हह।
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“स४धप जन मपझद हश समसत यजत तथ४ तपसय४ओर क४ चरम क४रण, समसत लककत तथ४ ददवत४ओर क४
परमदशवर तथ४ समसत जशवत क४ शपभकचनतक ज४न कर भलकतक दपखत सद श४कनत प४प करतद हह।''
हमम अपनश समपकत पर गकवरत नहथ हकन४ च४कहए। जहस४कक म४त४ यशकद४ नद यह४ह पर कह४ हह , “मह न
तक समपकत कक सव४कमनश हह ह न ननननद मह४र४ज कक ऐशवयरव४ननन पतनश। र४जय, समपकत, गलवम, बछडद तथ४
गककपयत जहसश पज४ एवर गव४लद मपझद कदयद गयद हह ।'' मनपषय कक ““मदरश समपकत, मदर४ पपत तथ४ मदर४ पकत”
इस पक४र क४ कवच४र तय४ग ददन४ च४कहए ( जनसयमकहकउयमहर ममदकत )।
इतथमनन--इस तरह; कवकदत-ततव४य४मस--हर वसतप कद सतय कक द४शरकनक रप सद समझ ज४नद पर; गककपक४य४मनन--म४त४ यशकद४ कद
पकत; सद--उस, भगव४ननन नद; ईशवर: --परम कनयनत४; वहषणवशमनन--कवषणप-म४य४ य४ यकगम४य४ क४; वयतनकतनन--कवसत४र ककय४;
म४य४मननस--यकगम४य४ कक; पपत-सनदह-मयशमनन--अपनद पपत-सनदह कद क४रण अतयनत अनपरक; कवभप:--परमद शवर नद |.
म४त४ यशकद४ भगव४ननन कक कक प४ सद असलश सतय कक समझ गई।र लदककन अनतररग४ शकक,
यकगम४य४ कद पभ४व सद परम पभप नद उनहम पदररत ककय४ कक वद अपनद पपत कद गहन म४तक-पदम मम लशन
हक ज४हय।
त४तपयर : यदकप म४त४ यशकद४ कक समसत जशवन-दशरन समझ मम आ गय४ थ४ ककनतप दससरद हश कण
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सद:--इन स४रद द४शरकनक कचनतनत कद ब४द म४त४ यशकद४ नद भगव४ननन कक शरण गहण कक; नष-समककतद--कक षण कद मपहह कद भशतर
कवशव रप ददखनद सद नष हह ई समरणशकक; गकपश--म४त४ यशकद४; स४--वह; आरकपय--बहठ४कर; आरकहमनन--गकद मम; आतमजमनन--
अपनद पपत कक; पवकद--बढ४ हह आ; सनदह--सनदह सद; ककलल--पभ४कवत; हदय४--हदय सद; आसशतनन-- हक गई; यथ४ पपर४--जहसश
पहलद थश।.
कक षण नद अपनद मपहह कद भशतर कजस कवर४ट रप कक कदखल४य४ थ४ यकगम४य४ कद उस भम कक
तपरनत हश भसलकर म४त४ यशकद४ नद अपनद पपत कक पसवरबतनन अपनश गकद मम लद कलय४ और अपनद कदवय
ब४लक कद पकत उनकद हदय मम और अकधक सनदह उमड आय४।
अयय४--तशन वददत ( स४म, यजपरनन तथ४ अथवर ) कद अधययन सद; च--भश; उपकनरकद: च--तथ४ उपकनरदत कद अधययन सद;
स४डखय-यकगहद--तथ४ स४रखय यकग कवरयक स४कहतय कद अधययन सद; च--तथ४; स४तवतहद--बडद बडद ऋकरयत-मपकनयत द४र४ अथव४
वहषणव तरत पञञर४त क४ अधययन करनद सद; उपगशयम४न-म४ह४तमयमस--कजनकक मकहम४ कक पसज४ ( इन बहकदक गरथत द४र४ ) कक ज४तश
हह; हररमनन-- भगव४ननन कक; स४-- उसनद; अमनयत--( स४म४नय ) म४न कलय४; आतमजमनन--अपन४ पपत |.
भगव४ननन कक मकहम४ क४ अधययन तशनत वददत, उपकनरदत, स४रखय यकग कद गरथत तथ४ अनय
वहषणव स४कहतय कद म४धयम सद ककय४ ज४त४ हह। कफर भश म४त४ यशकद४ परम पपरर कक अपन४
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प४रमभ मम वहकदक उददशय क४ प४लन तशन पक४र सद (तयश ) ककय४ ज४त४ हह--कमर-क४णड, ज४न-
क४णड तथ४ उप४सन४-क४णड द४र४। जब ककई वयकक उप४सन४-क४णड कक पसण४रवसथ४ कक प४प हकत४ हह,
तक वह न४र४यण य४ भगव४ननन कवषणप कक पसज४ करनद लगत४ हह। जब प४वरतश नद भगव४ननन मह४ददव सद पसछ४ कक
उप४सन४ कक सवरतम कवकध कनय४ हह, तक कशवजश नद उतर कदय४-- आर४धन४न४र सवरर४र कवषणकर४र४धनर परमनन।
कवषणसप४सन४ य४ कवषणव४र४धन कसकद कक सवरच अवसथ४ हह, कजसक४ अनपभव ददवकक नद ककय४। ककनतप
यशकद४ यह४ह पर ककई उप४सन४ नहथ करतथ कयतकक उनमम कक षण कद पकत कदवय पदम भ४व उतपन हक चपक४
हह। अतएव उनकक दश४ ददवकक कक दश४ सद शदषठतर हह । यह कदख४नद कद कलए शशल वय४सददव कलखतद हह--
तयय४ चकपकनरकद:... ।
जब ककई वयकक वददत क४ अधययन कवद४ (ज४न) प४प करनद कद कलए करत४ हह, तक वह म४नव
सभयत४ मम भ४ग लदनद लगत४ हह। इसकद ब४द वह बहज४न प४प करनद कद कलए उपकनरदत क४ अधययन
करत४ हह और तब परम कनयनत४ कक समझनद कद कलए स४रखय यकग कक ओर अगसर हकत४ हह कजनहम
भगवदशत४ मम बत४य४ गय४ हह ( पर बह परर ध४म पकवत परम भव४नन।न पपरर श४शवत...) । जब मनपषय उस
पपरर कक परम कनयरत४ परम४तम४ कद रप मम समझ लदत४ हह, तक वह यकग कवकध मम लग ज४त४ हह
( धय४न४वकसथततदननगतदन मनस४ पशयकनत यर यककगन:) । लदककन म४त४ यशकद४ इन स४रश अवसथ४ओर कक प४र
कर चपकक हह। वद कक षण कक अपनद कपय पपत कद रप मम म४न चपकक हह इसकलए उनहम आतम-स४क४तक४र कक
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सवरच अवसथ४ पर कसथत म४न४ ज४त४ हह। परम सतय कक अनपभसकत तशन रपत मम हकतश हह ( बहदकत
परम४तमदकत भगव४ननन जकत शबदतद ) ककनतप वद ऐसद भ४व कक प४प हह कक वद बह, परम४तम४ य४ भगव४ननन कक
समझनद कक परव४ह भश नहथ करतथ। भगव४ननन उनक४ कपय पपत बननद कद कलए सवयर अवतररत हह ए हह।
अतएव म४त४ यशकद४ कद सलभ४गय कक ककई बर४बरश नहथ कक ज४ सकतश जहस४कक शश चहतनय मह४पभप नद
कह४ हह ( रमय४ क४कचदनन उप४सन४ वजवधसवगरण य४ ककलपत४ ) | परम सतय अथ४रतनन पसणर पपररकतम भगव४ननन
कक अनपभसकत कवकभन अवसथ४ओर मम कक ज४ सकतश हह। भगवदशत४ (४.११) मम भगव४ननन कहतद हह--
“मनपषय कजस तरह मदरश शरण मम आतद हह उनहम मह उसश तरह सद पपरसकक त करत४ हह।ह हद पकथ४-पपत! हर
वयकक मदरद म४गर क४ सभश पक४र सद अनपसरण करत४ हह''। मनपषय पहलद कमर, कफर ज४नश, कफर यकगश
और तब भक य४ पदम-भक हकत४ हह। ककनतप स४क४तक४र कक चरम अवसथ४ पदम- भकक हह, जक व४सतकवक
शशर४जकब४च
ननद: ककमकरकदडहन ४नशदय एवर महकदयमनन ।
यशकद४ च मह४भ४ग४ पपल यसय४: सतनर हरर: ॥ ४६॥
शश-र४ज४ उब४च--मह४र४ज परशककत नद और आगद पसछ४; ननननद:--महर४ज ननद नद; ककमनन--कय४; अकरकतनन--ककय४; बहनस-हद
कदद४न ब४हण; शदय:--पपणयकमर यथ४ तपसय४; एवमनन--कजस तरह उनहतनद पकट ककय४; मह४-उदयमनन--कजससद उनहम सवरच
कसकद प४प हहई; यशकद४--म४त४ यशकद४; च-- भश; मह४-भ४ग४-- अतयनत भ४गयश४कलनश; पपल--कपय४; यसय४:--कजसक४;
सतनमस--सतन क४ दसध; हरर:--भगव४ननन नद।.
म४त४ यशकद४ कद परम सलभ४गय कक सपनकर परशककत मह४र४ज नद शपकददव गकसव४मश सद पसछ४ :
हद कवद४न ब४हण, भगव४ननन द४र४ म४त४ यशकद४ क४ सतन-प४न ककय४ गय४। उनहतनद तथ४ ननननद
मह४र४ज नद भसतक४ल मम कलन-सद पपणयकमर ककयद कजनसद उनहम ऐसश पदममयश कसकद प४प हह ई ?
त४तपयर : भगवदशत४ (७.१६) मम कह४ गय४ हह--चहदपकवरध४ भजनतद म४र जन४: सपकककतनकउरजपन।
सपकककत अथ४रतनन पपणयकमर कद कबन४ ककई भश वयकक भगव४ननन कक शरण मम नहथ आ सकत४। भगव४ननन कद
प४स च४र पक४र कद पपणय४तम४ पहह हचतद हह ( आतर कजज४सपरथर४थर ज४गश च ) ककनतप यह४ह हम ददखतद हह कक
ननननद मह४र४ज तथ४ यशकद४ इन सबत सद बढकर थद। इसशकलए परशककत मह४र४ज नद पसछ४, “उनहतनद पसवरजनम
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मम ककस तरह कद पपणयकमर ककयद थद कजसकद क४रण उनहम ऐसश कसकद-अवसथ४ प४प हक सकक ?'' यदकप
ननननद मह४र४ज तथ४ यशकद४ कक कक षण कद म४त४-कपत४ कद रप मम सवशक४र ककय४ गय४ हह कफर भश म४त४
यशकद४ कक षण कद कपत४ नननननद मह४र४ज सद अकधक भ४गयश४कलनश थथ कयतकक ननननद मह४र४ज कभश कभश कक षण
सद कबछप डतद भश हह जबकक कक षण कक म४त४ यशकद४ कण-भर कद कलए भश कक षण सद कवलग नहथ हह ई।र कक षण
कद कशशपक४ल सद ब४लयक४ल तथ४ ब४लयक४ल सद यपव४वसथ४ तक म४त४ यशकद४ कक षण कक सरगकत मम हश
रहथ। जब कक षण बडद हक गयद थद तब भश वद वकनद४वन ज४तद थद और म४त४ यशकद४ कक गकद मम बहठ ज४य४
करतद थद। अतद म४त४ यशकद४ कद भ४गय कक ककई तपलन४ नहथ कक ज४ सकतश। इसशकलए परशककत मह४र४ज
कपतरल--कक षण कद असलश कपत४ तथ४ म४त४ नद; न--नहथ; अनवकवनददत४मनन--आननद प४प ककय४; कक षण--कक षण क४; उद४र--
वद४नय; अभरक-ईकहतमनन--उसकद द४र४ समपन ब४ल-लशल४एह; ग४यकनत--मकहम४ क४ ग४न करतद हह; अद अकप--आज भश;
कवय:--बडद बडद ऋकर-मपकन; यतनन--जक; लकक-शमल-अपहमनन--कजसकद सपननद सद स४रद जगत क४ कलमर दसर हक ज४त४ हह।.
त४तपयर : कक षण क४ जनम वसतपत: ददवकक कक ककख सद हहआ थ४ ककनतप जनम हकतद हश उनहम म४त४
यशकद४ कद घर पहहचह ४ कदय४ गय४। यह४ह तक कक ददवकक कक षण कक अपन४ सतन-प४न तक न कर४ प४ई।र
इसकलए परशककत मह४र४ज आशचयरचककत थद कक यशकद४ तथ४ ननननद मह४र४ज ककस तरह इतनद भ४गयश४लश
बन सकद कक उनहतनद कक षण कक उन पसणर ब४ल-लशल४ओर क४ आननद प४प ककय४ कजनकक मकहम४ क४ ग४न
आज भश सनत पपरर करतद हह? उनहतनद पसवरजनम मम आकखर कनय४ ककय४ थ४ कजससद उनहम इतन४ उच पद
प४प हक सक४।
उ४
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शशशपक उब४च
दकणक बससन४र पवरक धरय४ भ४यरय४ सह ।
कररषयम४ण आददश४नबहणसतमपव४च ह ॥ ४८॥
शश-शपकद उब४च-- शशशपकददव गकसव४मश नद कह४; दकण:--दकण न४मक; वससन४मनन--आठ वसपओर मम; पवरद--सवरशदष; धरय४--
धर४ कद ; भ४यरय४--अपनश पतलश; सह--स४थ; कररषयम४ण: --समपन करनद कद कलए; आददश४नननस--आददश; बहण: --बह४ क४;
तमनन--उससद; उव४च-- कह४; ह-- भसतक४ल मम |.
शपकददव गकसव४मश नद कह४ : भगव४ननन बह४जश कद आददश क४ प४लन करनद कद कलए बसपओर मम
शदष दकण नद अपनश पतनश धर४ समदत बह४ सद इस पक४र कह४।
आननदकचनयय रस गकतभ४कवव४कभ-
गककवनदम४कदपपरररतमहर भज४कम॥
जब कक षण कहथ भश अवतररत हकतद हह, तक वद अपनद प४ररदत समदत आतद हह । यद प४ररद स४म४नय जशव
नहथ हकतद। कक षण कक लशल४एह कनतय हह और जब वद अवतररत हकतद हह, तक अपनद प४ररदत समदत आतद हह।
इसकलए ननद तथ४ म४त४ यशकद४ कक षण कद कनतय कपत४ तथ४ म४त४ हह। इसक४ अथर यह हह आ कक जब कभश
कक षण अवतररत हकतद हह, तक ननद तथ४ यशकद४ कद स४थ-स४थ वसपददव तथ४ ददवकक भश भगव४ननन कद म४त४-
कपत४ कद रप मम अवतररत हकतद हह। यद वयकक भगव४ननन कक षण कद कनजश शरशर कद अरश हकतद हह। यद स४म४नय
जशव नहथ हकतद। मह४र४ज परशककत इसद ज४नतद थद ककनतप वद शपकददव गकसव४मश सद ज४ननद कद कलए इचछप क थद
कक कय४ स४म४नय वयकक स४धनकसकद कद द४र४ इस अवसथ४ कक प४प हक सकतद हह ? कसकद दक पक४र कक
हकतश हह--कनतयकसकद तथ४ स४धनकसकद। कनतयकसद वह हह, जक कक षण क४ कनतय प४ररद हह--कक षण कद
शरशर क४ अरश हह, जबकक स४धनकसद स४म४नय मनपषय हकत४ हह, जक पपणयकमर करकद तथ४ भकक कद कनयमत
क४ प४लन करकद इसश अवसथ४ कक प४प करत४ हह। इस तरह मह४र४ज परशककत कद पसछनद क४ उददशय यह
थ४ कक कय४ स४म४नय वयकक म४त४ यशकद४ तथ४ ननद मह४र४ज कद पद कक प४प कर सकतद हह ? शपकददव
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ज४तयक:--जनम लदकर; नल--पकत-पलश दकनत, दकण तथ४ धर४; मह४ददवद--परम पपरर, भगव४ननन मम; भपकव--पकथवश पर; कवशव-
ईशवदर-- सभश लककत कद सव४मश मम; हरल--हरर मम; भकक:-- भकक; सथ४तनन--फह लदगश; परम४--जशवन क४ चरम लकय; लककद --
सरस४र मम; यय४--कजससद; अज:--आस४नश सद; दपगकर तमस--दपखमय जशवन सद; तरदतनन--बच सकत४ हह और उद४र हक सकत४ हह.
दकण तथ४ धर४ नद कह४ : कक प४ करकद हमम अनपमकत दम कक हम पकथवश पर जनम लम कजससद
परबह परम कनयननतन ४ तथ४ समसत लककत कद सव४मश भगव४ननन भश पकट हत और भकक क४ पस४र
करम जक जशवन क४ चरम लकय हह और कजसद गहण करकद इस भलकतक जगत मम उतपन हकनद व४लद
लकग सरलत४ सद भलकतकत४व४दश जशवन कक दपखमय कसथकत सद उबर सकम ।
त४तपयर : दकण कद इस कथन सद सपषतय४ इरकगत हकत४ हह कक दकण तथ४ धर४ कक षण कद कनतय कपत४
तथ४ म४त४ हह। जब भश कक षण कद आकवभ४रव कक आवशयकत४ हकतश हह, तक पहलद दकण तथ४ धर४ पकट
हकतद हह और तब कक षण पकट हकतद हह। भगवदशत४ (४.६) मम कक षण कहतद हह कक उनक४ जनम स४म४नय
नहथ हकत४ ( जनम कमर च मद कदवयमनन )
“यदकप मह अजनम४ हह ह और मदर४ कदवय शरशर कभश कवनष नहथ हकत४ और समसत जशवत क४ सव४मश
मह हश हह ह ककनतप कफर भश मह पतयदक यपग मम अपनद आकद कदवय-शरशर मम पकट हकत४ हह।ह '' कक षण कद पकट
हकनद कद पसवर दकण तथ४ धर४ उतपन हकतद हह कजससद वद उनकद कपत४-म४त४ बन सकम । यद हश ननननद मह४र४ज
और उनकक पतनश यशकद४ कद रप मम पकट हह ए। दससरद शबदत मम, स४धनकसद जशव कभश भश कक षण कद
कपत४ य४ म४त४ नहथ बन सकतद कनयतकक कक षण कद म४त४-कपत४ पहलद सद कनकदरष हह। ककनतप ननद मह४र४ज
तथ४ म४त४ यशकद४ और उनकद सरकगयत कद द४र४ पदकशरत कनयमत क४ अनपसरण करकद वकनद४वनव४सश, जक
कक स४म४नय जशव हह, उनहथ जहस४ सनदह प४प कर सकतद हह।
जब दकण तथ४ धर४ सद सनत४न उतपन करनद कद कलए कह४ गय४ तक उनहतनद इस सरस४र मम आनद और
भगव४ननन कक षण कक पपत रप प४नद कद कलए चपन४। कक षण कद प४कट क४ अथर हह-- पररत४ण४य स४धसन४र
कवन४श४य च दढप षकक त४मनन । अथ४रतनन भकत कक रक४ तथ४ दपषत क४ कवन४श जब भश कक षण आतद हह, तक वद जशवन
कद परम लकय, भकक क४ कवतरण करतद हह। वद इस क४यर कद कलए चहतनय मह४पभप कद रप मम पकट हकतद
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हह कयतकक भकक कक प४प ककयद कबन४ ककई भश वयकक भलकतक जगत (दपदख४लयमनन अश४शतमनन ) कद
कषत सद छप टक४र४ नहथ प४ सकत४ जह४ह जशव अपनद अकसततव कद कलए सरघरर करतद हह। भगव४ननन
भगवदशत४ (१५.७) मम कहतद हह--
“इस बद जगत कद स४रद जशव मदरद कनतय अरश हह । बद जशवन कद क४रण वद मन समदत छहत इकनदयत
कद स४थ ककठन सरघरर करतद रहतद हह।'” स४रद जशव सपखश बननद कद कलए सरघरर करतद रहतद हह ककनतप भकक
गहण ककयद कबन४ यह सपख समभव नहथ । कक षण नद भगवदशत४ (९.३) मम सपष कह४ हह :
“हद शतपओर कद कवजदत४! जक भकक कद म४गर मम शद४व४न नहथ हह, वद मपझद प४प नहथ कर सकतद
बकलक इस भलकतक जगत मम जनम और मकतयप कद कलए ललट आतद हह।''
मसखर लकगत कक पत४ नहथ रहत४ कक यकद कक षण कद उपददशत क४ प४लन नहथ ककय४ गय४ तक यह४ह पर
जशवन ककतन४ खतरन४क हह। इसकलए कक षणभ४वन४मकत आनदकलन क४ शपभ४रमभ ककय४ गय४ हह, कजससद
लकग कक षणभ४वन४मकत क४ अभय४स करकद इस भलकतक जगत कद खतरन४क जशवन सद बच सकम ।
कक षणभ४वन४मकत कक म४ननद य४ न म४ननद क४ पशन हश नहथ उठत४। यह ऐकचछक नहथ हह अकपतप अकनव४यर
हह। यकद हम कक षणभ४वन४मकत सवशक४र नहथ करतद तक हम४र४ जशवन अतयनत सरकटमय हह। भगवदशत४ मम
हर ब४त ठशक सद बतल४ई गई हह। अत: सरस४र कक दपखमय अवसथ४ सद छसटनद कद कलए भगवदशत४
यथ४रप क४ प४थकमक अधययन करन४ हकग४। भगवदशत४ समझ लदनद कद ब४द शशमद४गवत और तब
समक पसतपत कर रहद हह कजससद लकग इनहम पढकर दपखमय बद जशवन सद छप टक४र४ प४कर सपखश बनम।
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असतप--बह४ नद सवशक४र ककय४, “ह४ह, ठशक हह ''; इकत उक:--उनसद ऐस४ आददश प४कर; सद--उसनद ( दकण नद ); भगव४ननन--
कक षण कद कपत४ ( भगव४ननन क४ कपत४ भगव४ननन हकत४ हह ); बजद--बजभसकम वकनद४वन मम; दकण:--दकण, अतयनत शककश४लश वसप नद;
मह४-यश४: --परम पकसद अधय४तमव४दश; जजद-- पकट हहआ; ननद:--ननद मह४र४ज कद रप मम; इकत--इस पक४र; खय४त:--
कवखय४त हह; यशकद४--म४त४ यशकद४ कद रप मम; स४--वह; धर४--धर४; अभवतनन--पकट हह ई
जब बह४ नद कह४, “ह४ह, ऐस४ हश हक '' तक परम भ४गयश४लश दकण जक भगव४ननन कद सम४न थ४,
बजपपर वकनद४वन मम कवखय४त ननननदन मह४र४ज कद रप मम और उनकक पतनश धर४ म४त४ यशकद४ कद रप
मम पकट हहए।
त४तपयर : कयतकक जब भश इस धर४ मम कक षण पकट हकतद हह उनहम कपत४-म४त४-दकण तथ४ धर४ उनकद
श४शवत कपत४-म४त४--तक च४कहए हश जक ननद तथ४ यशकद४ कद रप मम हत। इनहम सपतप४ तथ४ पककशनगभर कक
तरह कक षण कद म४त४-कपत४ बननद कद कलए ककठन तपसय४ नहथ करनश पडश । कनतयकसद तथ४ स४धनकसद मम
यहश अनतर हकत४ हह।
ततद--ततपशच४तनन; भकक: भगवकत--भगव४ननन कक भकक, भकक समपद४य; पपतश-भसतद-- भगव४ननन कद रप मम जक म४त४ यशकद४ कद पपत
रप मम उतपन हहए; जन४दरनद-- भगव४ननन कक षण मम; दमनन-पतयक:--पकत-पतनश दकनत क४; कनतर४मनन--कनरनतर; आसशतनन-- थ४; गकप-
गकपशरप--गकप तथ४ गककपय४ह, जक वकनद४वन कद व४सश तथ४ ननद मह४र४ज तथ४ यशकद४ कद स४कतधय मम थद; भ४रत--हद मह४र४ज
परशककत |,
हद भ४रत शदष मह४र४ज परशककत, ततपशच४तनन जब भगव४ननन कक षण ननद मह४र४ज तथ४ यशकद४ कद
पपत बनद तक उन दकनत नद कनरनतर, अचल कदवय व४तसलय-पदम बन४यद रख४ तथ४ उनकद स४कतनधय मम
वकनद४वन कद अनय सभश कनव४सश, गकप तथ४ गककपयत नद कक षण-भकक-सरसकक कत क४ कवक४स ककय४।
त४तपयर : यदकप पडकसश गकपत तथ४ गककपयत कद यह४ह सद कक षण द४र४ मकखन, दहश, दसध क४ चपर४न४
ऊपर ऊपर सद दपखद४यश पतशत हकत४ थ४ ककनतप वसतपतद यह भककभ४व मम सनदह क४ आद४न-पद४न थ४।
गकप तथ४ गककपय४ह भगव४ननन कद स४थ कजतन४ हश अकधक सनदह-कवकनमय करतथ उनकक भकक उतनश हश
बढतश ज४तश। कभश कभश हम ब४हरश तलर सद ददखतद हह कक भकक मम लग४ हह आ हकनद कद क४रण भक कष
मम रहत४ हह ककनतप तथय इससद कभन हकत४ हह। जब भक कक षण कद कलए कष उठ४त४ हह, तक यह कष कदवय
आननद हकत४ हह। इसद भक बनद कबन४ नहथ समझ४ ज४ सकत४। जब कक षण अपनश ब४ल-लशल४ पकट करतद
तक न कद वल ननद मह४र४ज तथ४ म४त४ यशकद४ कक भकक बढतश अकपतप उनकद स४थ रहनद व४लत मम भश
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भकक बढतश। दससरद शबदत मम, जक लकग वकनद४वन कद क४यरकल४पत क४ अनपसरण करतद हह, वद सवरच
कसकद मम भकक भश कवककसत करमगद।
'कक षण:--भगव४ननन कक षण नद; बहण:--बह४जश क४; आददशमनन-- आददश; सतयमनन--सच; कतपरमननस-बन४नद कद कलए; बजद--बजभसकम
वकनद४वन मम; कवभप:--परम शककश४लश; सह-र४म:--बलर४म कद स४थ; वसननन--कनव४स करतद हह ए; चकद --बढ४य४; तदर४मनन--
वकनद४वनव४कसयत क४; पशकतमस--आननद; सव-लशलय४--अपनश कदवय लशल४ओर सद |.
इस पक४र शशमद४गवत कद दसवम सकरध कद अनतगरत “कक षण द४र४ अपनद मपख कद भशवर कवर४ट रप
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0 ७ 8 ० 0 10, ७ 0/0 ४ &२-9
(॥9 ए(९४/ नल
म४त४ यशकद४ द४र४ कक षण क४ ब४हध४ ज४न४
म४त४ यशकद४ कक षण कक सतन-प४न कर४ रहथ थथ ककनतप उनहतनद ददख४ कक आग कद ऊपर दसध उबल
रह४ हह। चसकह क द४कसय४ह अनय क४यर मम वयसत थथ, अतद दसध कपल४न४ बनद करकद म४त४ यशकद४ तपरनत ब४हर
कगरतद हहए दसध कद प४स गई।र इस पर कक षण कप द हक गयद और उनहतनद दहश कक मटकक तकडनद क४ उप४य
कनक४ल४। जब कक षण नद यह उतप४त मच४य४ तक यशकद४ नद उनहम ब४हधन४ च४ह४। इस अधय४य मम इनहथ
घटन४ओर क४ वणरन ककय४ गय४ हह।
तकड ड४लश और कमरद मम घपस कर त४ज४ मकखन ख४नद लगद। जब म४त४ यशकद४ उफनतद दसध कक सहभ४लनद
कद पशच४तनन ललटथ और उनहतनद ददख४ कक मटकक टस ट गई हह, तक उनहम समझतद ददर न लगश कक यह तक कक षण
कक करतसत हह। अतद वद उनहम खकजनद लगथ। जब वद कमरद मम घपससथ तक ददख४ कक कक षण उलसखल
(ओखलश) कद ऊपर खडद हह।वद ओखलश कक उलट४ खड४ करकद छथकद सद टहग४ मकखन कनक४ल कनक४ल
कर बनदरत कक ब४हटतद ज४ रहद थद। जयतहश कक षण नद म४त४ कक आतद ददख४ वद तपरनत भ४गनद लगद और म४त४
यशकद४ उनक४ पशछ४ करनद लगथ। थकडश दसर ज४कर यशकद४ कक षण कक पकड प४ई र तक वद अपनद अपर४ध कद
क४रण रकनद लगद। म४त४ यशकद४ नद डर४य४-धमक४य४ कक यकद ऐस४ कफर सद ककय४, तक वद उसद दणड दमगथ।
कफर उनहतनद कक षण कक रससश सद ब४हधनद क४ कनशचय ककय४। दपभ४रगयवश जब रससश मम ग४हठ लग४नद क४ समय
आय४ तक ब४हधनद व४लश रससश दक अरगपल छकटश पड गई। इस पर उनहतनद दससरश रससश उसमम जकड दश ककनतप
वह भश दक अरगपल छकटश पड गई। उनहतनद ब४रमब४र ग४हठ लग४नद क४ पय४स ककय४ ककनतप रससश हर ब४र
छकटश पडतश रहश । जब वद थक गई र और कक षण नद अपनश सनदहमयश म४त४ कक क४फक थक४ ददख४ तक उनहतनद
अपनद कक रससश सद बहधव४ कलय४। दय४वश उनहतनद अपनश असशम शकक उनहम नहथ कदखल४ई। जब यशकद४
नद कक षण कक ब४हध कदय४ और पपनद ककसश घरदलस क४म मम लग गई, र तब कक षण नद दक यमल-अजपरन वकक ददखद
जक व४सतव मम कप वदर कद पपत नलकस बर तथ४ मकणगशव थद ककनतप न४रद मपकन कद श४प सद वकक बन गयद थद।
अब कक षण दय४वश इन दकनत वककत कक ओर बढद कजससद न४रदमपकन कक इचछ४ पसरश हक सकद ।
शशशपक उव४च
एकद४ गकहद४सशरप यशकद४ ननदगदकहनश ।
कम४रनतरकनयपक४सप कनमरमनननथ सवयर दकध ॥ १॥
य४कन य४नशह गशत४कन तद४लचररत४कन च ।
दकधकनमरनथनद क४लद समरनननतश त४नयग४यत ॥ २॥
शश-शपक: उब४च-- शशशपकददव गकसव४मश नद कह४; एकद४--एक कदन; गकह-द४सशरप--जब घर कक नलकर४कनय४ह क४म मम लगश हह ई
थथ; यशकद४--म४त४ यशकद४; ननद-गदकहनश--ननद मह४र४ज कक र४नश; कमर-अनतर--अनय क४मक४जत मम; कनयपक४सप--लगश हह ई;
कनमरमनथ--मथनद लगश; सवयमनन-सवयर, खपद; दकध--दहश; य४कन--जक; य४कन--जक; इह--इस समबनध मम; गशत४कन--गशत; ततननस-
ब४ल-चररत४कन--कजसमम अपनद ब४लक कद क४यरकल४पत क४ वणरन थ४; च-- तथ४; दकध-कनमरनननथनद--दहश मथनद कद ; क४लद--
समय; समरनतश--समरण करतश; त४कन--उनहम; अग४यत--ग४नद लगथ ।.
त४तपयर : शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र शशल सन४तन गकसव४मश कक त वहषणव तकरणश सद उदरण ददतद
हह ए कहतद हह कक कक षण द४र४ दहश कक मटकक तकडन४ और म४त४ यशकद४ द४र४ उनक४ ब४हध४ ज४न४ दशप४वलश
य४ दशपम४कलक४ कद कदन घकटत हह आ। आज भश भ४रत मम कवशदरतय४ मपमबई मम यह तयलह४र बडश हश
धसमध४म सद क४कतरक कद महशनद मम फप लझकडयत तथ४ दशपत कक जल४कर मन४य४ ज४त४ हह। यह म४न४ ज४त४
हह कक ननननद मह४र४ज कक स४रश ग४यत मम सद म४त४ यशकद४ कक कप छ गलवम ऐसश सपगकनधत घ४सम ख४तश थथ
कजससद उनक४ दसध भश सपगकनधत हक ज४त४ थ४। म४त४ यशकद४ इनहथ ग४यत क४ दसध एकत करकद दहश
बन४कर सवयर मकखन कनक४लन४ च४हतश थथ कनयतकक उनहतनद सकच४ कक यह ब४लक कक षण पडकसश गकपत
तथ४ गककपयत कद घरत मम ज४कर मकखन चपर४त४ हह कयतकक उसद दसध तथ४ स४म४नय रशकत सद तहय४र ककय४
गय४ दहश अचछ४ नहथ लगत४ थ४।
दहश मथतद समय म४त४ यशकद४ कक षण कक ब४ल-लशल४ओर कद कवरय मम गशत ग४तद ज४ रहश थथ। पपर४नद
जम४नद मम यह पथ४ थश कक यकद ककई ककसश ब४त कक लग४त४र समरण रखन४ च४हत४ हह , तक वह य४ तक
उसद सवयर ककवत४ मम ढ४ल दद य४ पदशदवर ककव सद ऐस४ करव४ लद। ऐस४ लगत४ हह कक म४त४ यशकद४ कक षण
कक लशल४ओर कक ककसश भश समय भसलन४ नहथ च४हतश थथ। इसकलए उनहतनद कक षण कद ब४लयक४ल कक
स४रश ककड४ओर कक--यथ४ पसतन४, अघ४सपर, शकट४सपर तथ४ तकण४वतर वध कक--ककवत४ मम ढ४ल कलय४ थ४
और दहश मथतद समय वद ककवतव-मय गशतत कक ग४तश रहतश थथ। जक लकग चलबशसत घरटद
कक षणभ४वन४भ४कवत रहन४ च४हतद हह उनहम ऐस४ हश करन४ च४कहए। यह घटन४ बतल४तश हह कक यशकद४
ककतनश अकधक कक षणभ४वन४भ४कवत थथ। कक षणभ४वन४मकत मम रहनद कद कलए ऐसद हश वयककयत क४ अनपसरण
कलममनन--कद सररय४ तथ४ पशल४ कमकशत; व४स:--म४त४ यशकद४ कक स४डश; पकथप-ककट-तटद--चलडश कमर कद च४रत ओर; कबभतश--
कहलतश हह ई; ससत-नदमनन--पदटश सद बहधश; पपत-सनदह-सनपत--पग४ढ पपत-पदम कद क४रण दसध सद तर; कप च-यपगमनन--उसकद दकनत सतन;
ज४त-कमपमनन च--कयतकक वद सपनदर ढरग सद कहल-डप ल रहद थद; सप-भस:--सपनदर भसहत व४लश; रजप-आकरर --मथ४नश कक रससश कक
खथचनद सद; शम--पररशम कद क४रण; भपज--ह४थत पर; चलतनन-कडणल--कहलतद हह ए दकनत कडद; कप णडलद--क४न कद दकनत
कप णडल; च-- भश; कसवनमनन--ब४दल जहसद क४लद ब४लत सद वर४र कक तरह चसत४ हह आ पसशन४; वकतमनन--पसरद मपखमणडल मम; कबर-
कवगलतस-म४लतश--उसकद ब४लत सद म४लतश कद फस ल कगर रहद थद; कनमरमनननथ--म४त४ यशकद४ दहश मथ रहश थथ।.
कद सररय४-पशलश स४डश पहनद, अपनश सथसल कमर मम करधनश ब४हधद, म४त४ यशकद४ मथ४नश कक
रससश खथचनद मम क४फक पररशम कर रहश थथ, उनकक चसकडय४ह तथ४ क४न कद कप णडल कहल-डप ल रहद
थद और उनक४ पसर४ शरशर कहल रह४ थ४। अपनद पपत कद पकत पग४ढ पदम कद क४रण उनकद सतन दसध
सद गशलद थद। उनकक भसहम अतयनत सपनदर थथ और उनक४ मपखमणडल पसशनद सद तर थ४। उनकद ब४लत
सद म४लतश कद फस ल कगर रहद थद।
त४तपयर : जक ककई म४तक य४ कपतक-सनदह मम कक षणभ४वन४भ४कवत हकनद क४ इचछप क हक उसद म४त४ यशकद४
कद श४रशररक सवरप क४ कचनतन करन४ च४कहए। ह४ह, उसद यशकद४ जहस४ बननद कक क४मन४ नहथ करनश
च४कहए कनयतकक ऐस४ करन४ म४य४व४द हह। हमम व४तसलय-पदम य४ म४धपयर-पदम, सखय य४ द४सय--ककसश
रप मम वकनद४वनव४कसयत कद पदकचहनत क४ अनपसरण करन४ च४कहए, उनकद सम४न बननद क४ पय४स नहथ
करन४ च४कहयद। इसशकलए यह कववरण यह४ह कदय४ गय४ हह। उनत हक चपकद भकत कक इस वणरन क४ समरण
करन४ च४कहए और सदहव म४त४ यशकद४ कद सवरप क४, कक वद कय४ पहनद थथ, कह सद क४म कर रहश थथ तक
पसशन४ कनकल रह४ थ४, ककस तरह फस लत सद उनकद ब४ल सजद थद आकद आकद क४ कचनतन करन४ च४कहए।
कक षण कद कलए म४तक-सनदह मम म४त४ यशकद४ क४ कचनतन करतद हह ए इस कववरण क४ ल४भ उठ४न४ च४कहए।
त४मस--म४त४ यशकद४ कक; सतनय-क४म:--सतन-प४न कद अकभल४रश कक षण; आस४द--उनकद समक पकट हककर; मधननतशमनन--
मथतश हह ई; जननशमनन--म४त४ कक; हरर:--कक षण नद; गकहशतव४--पकड कर; दकध-मनध४नमनन--मथ४नश; नयरदधतनन--मन४ ककय४, रकक
कदय४; पशकतमनन आवहननन--पदम कक पररकसथकत उतपन करतद हह ए।.
जब यशकद४ दहश मथ रहश थथ तक उनक४ सतन-प४न करनद कक इचछ४ सद कक षण उनकद स४मनद
पकट हहए और उनकद कदवय आननद कक बढ४नद कद कलए उनहतनद मथ४नश पकड लश और दहश मथनद
सद उनहम रककनद लगद।
त४तपयर : कक षण कमरद कद भशतर सक रहद थद और जयतहश वद जगद तक उनहम भसख लगश अतद वद अपनश
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म४त४ कद प४स गयद। उनहतनद म४त४ कक दहश मथनद सद रककनद तथ४ उनक४ सतन-प४न करनद कद कलए उनहम
तमडम४रढमप४ययतसतनर
सनदहसनपतर सकसमतमश कतश मपखमनन ।
अतकपमपतसकजय जवदन स४ यय४-
वपकतसचयम४नद पयकस तवकधकशतद ॥ ५॥
'तमनन-कक षण कक; अडहमनन आरढमनन-- बडद हश सनदह सद उनहम अपनश गकद मम बहठ४कर; अप४ययतनन--कपल४य४; सतनमनन--अपन४ सतन;
सनदह-सनपतमनन--अग४ध सनदह कद क४रण दसध बहत४ हह आ; स-कसमतमनन ईकतश मपखमनन--यशकद४ नद हहसतद हह ए एवर कक षण कद हहसतद मपख
कक ददखतद हह ए; अतकपमनन--म४त४ क४ दसध पशकर भश अतकप थद; उतसकजय--एक तरफ बहठ४कर; जवदन--जलदश मम; स४--म४त४
स४ प अयल- वह सथ४न छकड कदय४; उकतसचयम४नद पयकस--दसध बहतद ददखकर; तप-- लदककन; अकधकशतद--आग पर चढश
ट तब म४त४ यशकद४ नद कक षण कक सशनद सद लग४य४, उनहम अपनश गकद मम बहठ४य४ और बडद सनदह सद
भगव४ननन क४ मपहह ददखनद लगथ। अग४ध सनदह कद क४रण उनकद सतन सद दसध बह रह४ थ४। ककनतप जब
उनहतनद ददख४ कक आग कद ऊपर रखश कड४हश सद दसध उबल कर ब४हर कगर रह४ हह, तक वद बचद कक
दसध कपल४न४ छकड कर उफनतद दसध कक बच४नद कद कलए तपरनत चलश गई र यदकप बच४ अपनश म४त४
कद सतनप४न सद अभश तकप नहथ हह आ थ४।
सनदशय दकददरकधमनननथभ४जनमनन ।
कभकतव४ मकर४शपईरदशमन४ रहक
जघ४स हहयडवमनतरर गत: ॥ ६॥
हह ए उनहतनद करकड सद मटकक तकड ड४लश और कमरद मम घपस कर त४ज४ मकखन ख४नद लगद।
उत४यर--अहगशठश सद उत४र कर; गकपश--म४त४ यशकद४; सप-शकतमनन--अतयनत गमर; पय:--दसध; पपनद --कफर सद ; पकवशय--मथनद कद
सथ४न मम घपस कर; सरदशय--ददख कर; च-- भश; दकध-अमतकमनन-- दहम डश; भगमनन--टस टश हह ई; कवलककय--ददख कर; सव-
सपतसय-- अपनद ब४लक कक; कमर--करतसत; ततननस--वह; जह४स--हहसनद लगथ; तमनन च--कक षण कक भश; अकप--स४थ हश; न--
नहथ; तत--वह४ह; पशयतश--ढस हढतश हह ई |.
गमर दसध कक अहगशठश सद उत४र कर म४त४ यशकद४ मथनद कद सथ४न पर ललटथ और जब ददख४ कक
कनरशकय पशच४तसपतम४गमचछनह: ॥ ८॥
'उलसखल-अडखद:--उलटश रखश ओखलश कद ; उपरर--ऊपर; वयवकसथतमनन--बहठद हहए कक षण; मक४रय--बनदरत कक; क४ममनन-जश -
भरकर; ददतमनन--ब४हटतद हहए; कशकच कसथतमनन-छथकद मम रखश; हहयडड बमनन--मकखन तथ४ दसध सद बनश अनय वसतपएह; चलयर-
कवशकदत--चपर४नद कद क४रण सशरककत; ईकणमनन--कजसकक आहखम; कनरशकय--इन क४यर कक ददखकर; पशच४तनन-पशछद सद; सपतमनन--
अपनद पपत कक; आगमतनन--आ गई; शनह:-- धशरद-धशरद, स४वध४नश सद |.
कक षण उस समय मस४ल४ पशसनद व४लश लकडश कक ओखलश कक उलट४ करकद उस पर बहठद हह ए
थद और मकखन तथ४ दहश जहसश दसध कक बनश वसतपएह अपनश इचछ४नपस४र बनदरत कक ब४हट रहद थद।
चकरश करनद कद क४रण वद कचकनतत हककर च४रत ओर ददख रहद थद कक कहथ उनकक म४त४ आकर उनहम
ड४हटम नहथ। म४त४ यशकद४ नद उनहम ददख४ तक वद पशछद सद चपपकद सद उनकद प४स पहह चह थ।
त४तपयर : म४त४ यशकद४ नद कक षण कद मकखन सनद पदकचहत कद सह४रद उनक४ पत४ लग४य४। उनहतनद
ददख४ कक कक षण मकखन चपर४ रह४ हह, अत: वद हहसनद लगथ। तभश कलवद भश कमरद कद भशतर घपसद ककनतप डर
कद म४रद ब४हर कनकल गयद। इस तरह म४त४ यशकद४ नद कक षण कक मकखन चपर४तद तथ४ सहमद-सहमद इधर-
त४मस--म४त४ यशकद४ कक; आत-यकषमस-ह४थ मम छडश कलए; पसमशकय--इस मपद४ मम उनहम ददखकर कक षण; सतवर:--तदजश सद;
ततद--वह४ह सद; अवरढह--उतर कर; अपसस४र-- भगनद लग४; भशत-वतनन--म४नक डर४ हह आ हक; गकपश--म४त४ यशकद४;
अनवध४वतनन-- उनक४ पशछ४ करनद लगथ; न--नहथ; यमननस--कजसकक; आप--पहह हच प४नद मम असफल; यककगन४मनन--बडद बडद यककगयत
क४; कममनन--उन तक पहह हचनद मम समथर; पवदषमस--बह तदज य४ परम४तम४ मम पवदश करनद कद कलए पयतनशशल; तपस४--तपसय४ सद;
ईररतमननस--उस क४यर कद कलए पयलशशल; मन:--धय४न सद |.
द४र४ पकडनद क४ पयत करनद पर भश उन तक नहथ पहहचह प४तद उनहथ भगव४ननन कक षण कक अपन४ पपत
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कक अपनश च४ल मनद करनश हश पडश। तदजश सद कक षण क४ पशछ४ करनद कद क४रण उनकद ब४ल
कशकथल पड गयद थद और उनमम लगद फस ल उनकद पशछद पशछद कगर रहद थद। कफर भश वद अपनद पपत कक षण
कक पकडनद मम सफल हह ई।र
त४तपयर : यदकप यकगशजन ककठन तपसय४ द४र४ कक षण कक पकड नहथ प४तद ककनतप इतनद अवरकधत कद
ब४वजसद म४त४ यशकद४ अनततद कक षण कक पकड प४नद मम समथर हक गई।र यकगश तथ४ भक मम यहश अनतर हह।
यकगशजन कक षण कद तदज तक मम पवदश नहथ कर प४तद। यसय गभ४ पभवतत जगदणडकककटकककटरप ( बह-
सरकहत४ ५.४०) | उस तदज मम ल४खत बह४णड रहतद हह ककनतप यकगश तथ४ ज४नशजन अनदक४नदक वरर तक
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ककठन तपसय४ करनद पर भश उस तदज मम पकवष नहथ हक प४तद जबकक भकजन म४त पदम तथ४ सनदह द४र४
कक षण कक बनदश बन४ सकतद हह । म४त४ यशकद४ यह४ह ऐस४ हश उद४हरण पसतपत करतश हह। अत: कक षण इसकक
पपकष करतद हह कक जक उनहम पकडन४ च४हत४ हह उसद भकक करनश च४कहए।
( भगवदशत४ १८.५०)
भकजन तक कक षण-लकक मम भश आस४नश सद पवदश कर ज४तद हह ककनतप अलपज यकगश तथ४ ज४नशजन
अपनद धय४न कद द४र४ कक षण कद पशछद पशछद दलडतद रहतद हह। यकद वद कक षण तदज मम पवदश भश करतद हह, तक भश
नशचद कगर पडतद हह।
कक त४गसर तर परदननतमककणश
करनतमझनमकरणश सवप४कणन४ ।
उदशकम४णर भयकवहद कणर
हसतद गकहशतव४ कभरयनतयव४गपरतनन ॥ ११॥
सवशक४र कर लश। जयतहश म४त४ यशकद४ नद कक षण पर दकष ड४लश तक ददख४ कक वद रक रहद थद। उनकद
आहसस आहखत कद क४जल सद कमल गयद और ह४थत सद आहखम मलनद कद क४रण उनकद पसरद मपखमणडल
मम वह क४जल पपत गय४। म४त४ यशकद४ नद अपनद सलकनद पपत क४ ह४थ पकडतद हहए धशरद सद ड४हटन४
शपर ककय४।
ककनतप वद ऐस४ भश कर प४नद मम असमथर रहतद हह । बह४जश तथ४ कशवजश जहसद बडद बडद ददवत४ हमदश४ धय४न
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तथ४ सदव४ द४र४ भगव४ननन कक पसज४ करतद हह। यह४ह तक कक सव४रकधक शककश४लश यमर४ज भश कक षण सद
डरत४ हह। अत:, जहस४कक अज४कमल कक कथ४ सद ज४त हह कक यमर४ज नद अपनद सदवकत कक भकत कद प४स
तक न फटकनद क४ आददश कदय४, उनहम पकडनद कक ब४त तक दसर रहश। दससरद शबदत मम, यमर४ज भश कक षण
तथ४ कक षण-भकत सद डरत४ हह। कफर भश वहश कक षण अपनश म४त४ यशकद४ पर इतनद आकशत हक गयद कक
उनकद ह४थ मम सकटश ददखकर उनहतनद अपनद कक अपर४धश म४न कलय४ और स४म४नय ब४लक कक तरह रकनद
लगद। म४त४ यशकद४ अपनद कपय पपत कक अकधक ड४हटन४ भश नहथ च४ह रहश थथ अतएव तपरनत हश छडश
फम कतद हहए उनहतनद कद वल इतन४ हश ड४हट४, “अब मह तपमहम ब४हध दसहगश कजससद तपम और उपदव न कर
सकक। न हश तपम अपनद सरकगयत कद स४थ कप छ समय कद कलए खदल प४ओ ।' इससद ज४कनयत, यककगयत तथ४
वहकदक अनपष४न कद अनपय४कययत सद कवपरशत शपद भक कक परम सतय मम कदवय कसथकत पदकशरत हकतश हह।
तयकतव४--फम कतद हह ए; यकषमस--अपनद ह४थ कक छडश ( सकटश ) कक; सपतमनन--पपत कक; भशतमनन--अपनद पपत कद भय पर कवच४र करतद
हह ए; कवज४य--समझतद हह ए; अभरक-वतसल४--कक षण कक सनदहमयश म४त४ नद; इयदर--इचछ४ कक; ककल--कनशचय हश; तमस-- उसकक;
बदमप --ब४हधनद कद कलए; द४मन४--रससश सद; अ-ततनन-बशयर-कककवद४--अतयनत शककम४न भगव४ननन कक ज४नद कबन४ ( कक षण कद तशत
पदम कद क४रण )।.
त४तपयर : म४त४ यशकद४ कक षण कक इसकलए नहथ ब४हधन४ च४हतश थथ कक वद उनहम ड४हटम अकपतप इस भय
सद कक इतन४ नटखट हकनद सद यह ब४लक डर कर कहथ घर न छकड दद। तब यह दससर४ हश उतप४त हकग४।
अतद सनदह सद पसररत हकनद और कक षण कक घर छकडनद सद रककनद कद कलए उनहतनद उसद रससश सद ब४हधन४
च४ह४। म४त४ यशकद४ कक षण कक बत४ ददन४ च४हतश थथ कक यकद वह उनकक छडश ददखनद म४त सद इतन४
भयभशत हह, तक उसद दहश तथ४ मकखन कद प४त तकडनद और उनमम रखश वसतपओर कक बनदरत मम ब४हटनद जहसद
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'ऊधम नहथ करन४ च४कहए। म४त४ यशकद४ नद यह समझनद कक परव४ह हश नहथ कक कक कक षण कलन हह और
उनकक शकक ककस तरह सवरत फह लतश हह। कक षण कद पकत शपद पदम क४ यह एक उद४हरण हह।
न--नहथ; च-- भश; अनत: -- भशतरश; न--न तक; बकह: --ब४ह; यसय--कजसक४; न--न तक; पसवरमस--आकद; न--न; अकप--
कनससनददह; च-- भश; अपरमनन--अनत; पसवर-अपरमनन-- आकद तथ४ अनत; बकह: च अनत:--ब४हरश तथ४ भशतरश; जगत: --समपसणर
कवशव क४; यद--जक हह; जगतनन च यद--तथ४ जक समग सककष मम सवरसव हह; तमनन-- उसकक; मतव४--म४न कर; आतमजमनन-- अपन४
पपत; अवयकमनन--अवयक; मतयर-कलडड मस--मनपषय रप मम पकट; अधककजमनन--इकनदय बकध सद परद; गककपक४--यशकद४ नद;
'डलसखलद--ओखलश मम; द४मन४--रससश सद; बबनध--ब४हध कदय४; प४कक तमनन यथ४--जहसद स४म४नय म४नवश ब४लक कद स४थ ककय४
ज४त४ हह।.
पसणर पपररकतम भगव४ननन क४ न आकद हह, न अनत, न ब४ह हह न भशतर, न आग४ हह न पशछ४।
दससरद शबदत मम, वद सवरवय४पश हह। चसकह क वद क४ल ततव कद वशशभसत नहथ हह अतएव उनकद कलए
भसत, वतरम४न तथ४ भकवषय मम ककई अनतर नहथ हह। वद सद४-सवरद४ अपनद कदवय सवरप मम रहतद हह।
सवरपरर तथ४ परम हकनद कद क४रण सभश वसतपओर कद क४रण-क४यर हकतद हह ए भश वद क४रण-क४यर
कद अनननतरत सद मपक रहतद हह। वहश अवयक पपरर, जक इकनदय४तशत हह, अब म४नवशय ब४लक कद रप
मम पकट हहए थद और म४त४ यशकद४ नद उनहम स४म४नयस४ अपन४ हश ब४लक समझ कर रससश कद द४र४
ओखलश सद ब४हध कदय४।
कक षण कक म४प४ नहथ ज४ सकत४। तक कफर यशकद४ नद ककस तरह उनहम म४पन४ और ब४हधन४ च४ह४ ? हमम यह
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कनषकरर कनक४लन४ हकग४ कक यह सब कदवय शपद पदम कद सतर पर हह आ। यहश एकम४त क४रण थ४।
अदहवमचयपतमन४कदयननतरपमनन
वदददरप दपलरभमदपलरभम४तमभकक
( बह-सरकहत४ ५.३३)
स४रश वसतपएह अदहत हह कयतकक कक षण हश सभश वसतपओर कद परम क४रण हह। वहकदक ज४न द४र४ न तक
कक षण कक म४प कक ज४ सकतश हह, न गणन४ ( वदददरप दपलरभमनन )। वद एकम४त भकत कक उपलबध हकतद हह
( अददपलरभम४तमभकक ) | भक हश उनहम सहभ४ल सकतद हह कयतकक वद पदम४भकक कद आध४र पर कमर करतद हह
( भकनतय४ म४मकभज४न४कत य४व४ननन यशच४कसम तततत:) | इसशकलए म४त४ यशकद४ उनहम ब४हधन४ च४ह रहश थथ।
ततनन द४म--ब४हधनद कक वह रससश; बधयम४नसथ--म४त४ यशकद४ द४र४ ब४हध४ ज४नद व४ल४; सव-अभरकसय--अपनद पपत क४; कक त-
आगसद: --अपर४ध करनद व४लद; कद-अदलपल--दक अरगपल; ऊनमननस-- छकटश, कम; अभसतनन--हक गई; तदन--उस रससश सद; सनदधद--
जकड कदय४; अनयतनन च--दससरश रससश; गककपक४--म४त४ यशकद४ नद ।.
जब म४त४ यशकद४ उतप४तश ब४लक कक ब४हधनद क४ पय४स कर रहश थथ तक उनहतनद ददख४ कक
ब४हधनद कक रससश दक अरगपल छकटश पड रहश थश। अतद उसमम जकडनद कद कलए वद दससरश रससश लद आई।र
त४तपयर : कक षण द४र४ म४त४ यशकद४ कक अपनश अननत शकक पदकशरत करनद क४ यह पहलश शपरआत
हह, जब म४त४ यशकद४ कक षण कक ब४हधनद क४ पय४स कर रहश थथ तक रससश छकटश पड गई। वद पहलद हश
पसतन४, शकट४सपर तथ४ तकण४वतर क४ वध करकद अपनश असशम शकक क४ पदशरन कर चपकद थद। अब कक षण
अपनश म४त४ यशकद४ कक अनय कवशसकत य४ शकक क४ पदशरन कदखल४ रहद थद। वद यह कदखल४ ददन४ च४हतद
थद कक “जब तक मह नहथ च४हह हग४ आप मपझद ब४हध नहथ सकतथ ।'' इस तरह कक षण कक ब४हधनद कद पय४स मम
म४त४ यशकद४ नद एक कद ब४द दससरश रससश ल४कर जकडश ककनतप अरत तक वद असफल हश रहथ। ककनतप जब
कक षण सहमत हक गयद तक वद सफल हक गई।र दससरद शबदत मम, मनपषय कक कक षण सद कदवय पदम करन४ च४कहए
ककनतप इसक४ अथर यह नहथ हकत४ कक वह कक षण कक वश मम कर सकत४ हह। जब कक षण ककसश कक भकक
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सद तपष हक ज४तद हह, तक वद स४र४ क४यर सवयर कर ददतद हह। सदवकनयपखद कह कजह४दत सवयमदव सफप रतयद: । जयत
जयत भक सदव४ मम आगद बढत४ रहत४ हह तयत तयत वद अपनद कक पकट करतद रहतद हह। कजह४दत: यह सदव४
जशभ सद-ककतरन सद तथ४ पस४द प४प करनद सद--शपर हकतश हह।
अत: शशकक षणन४म४कद न भवददनन ग४हकमकदयद ।
सदवकनयपखद कह कजह४दस सवयमदव सफप रतयद: ॥#
( भककरस४मकत कसनधप १.२.२३४)
यद४--जब; आसशतनन--हक गय४; ततनन अकप--नई रससश जकडनद पर भश; नयसनमनन--तब भश छकटश; तदन--तब दससरश रससश सद; अनयतनन
अकप--और दससरश रससश भश; सनदधद--जकडश; ततनन अकप--वह भश; कद-अदडप लमनन-दक अरगपल; नयसनमनन--छकटश हकतश ज४तश; यतनन यतनन
आदत--इस तरह उनहतनद एक कद ब४द एक कजतनश भश रकससय४ह जकडथ; बनधनमनन--कक षण कक ब४हधनद कद कलए।.
यह नई रससश भश दक अरगपल छकटश पड गई और जब इसमम दससरश रससश ल४कर जकड दश गई
तब भश वह दक अरगपल छकटश हश पडश। उनहतनद कजतनश भश रकससय४ह जकडथ, वद वयथर गई--वद छकटश
कक छकटश पडतश गई।र
'एवमनन--इस पक४र; सव-गदह-द४म४कन-- अपनद घर कक स४रश रकससय४ह; यशकद४--म४त४ यशकद४; सनदकत अकप--जकडतश रहनद पर
भश; गकपशन४मनन-- जब म४त४ यशकद४ कक अनय स४रश बपजपगर गकपश सकखय४ह; सप-समयनतशन४मनन-- इस तम४शद मम आननद लद रहश थथ;
समयनतश--म४त४ यशकद४ भश मपसक४ रहश थथ; कवकसमत४ अभवतनन--वद स४रश कक स४रश आशचयरचककत थथ।.
इस तरह म४त४ यशकद४ नद घर-भर कक स४रश रकससयत कक जकड ड४ल४ ककनतप तब भश वद कक षण
कक ब४हध न प४ई।र पडकस कक वकद४ गककपक४एह, जक म४त४ यशकद४ कक सकखय४ह थथ मपसक४ रहश थथ
और इस तम४शद क४ आननद लद रहश थथ। इसश तरह म४त४ यशकद४ शम करतद हह ए भश मपसक४ रहश
थथ। वद सभश आशचयरचककत थथ।
त४तपयर : व४सतव मम यह कवकचत घटन४ थश कयतकक कक षण छकटद छकटद ह४थत व४लद ब४लक म४त थद।
उनहम ब४हधनद कद कलए दक फप ट सद अकधक लमबश रससश कक आवशयकत४ नहथ हकनश च४कहए थश। घर-भर
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कक स४रश रकससय४ह कमल कर सहकडत फप ट लमबश रहश हतगश कफर भश स४रश रकससय४ह कमल४कर छकटश पड गई र
और कक षण ब४हधद नहथ ज४ सकद । सव४भ४कवक थ४ कक म४त४ यशकद४ तथ४ उनकक सखश गककपय४ह सकचतथ,
“यह कह सद हक सकत४ हह ?'” यह तम४श४ ददख कर वद सभश मपसक४ रहश थथ। पहलश रससश दक अरगपल कम
पडश थश और जब इसमम दससरश रससश जकड दश गई तक भश वह दक अरगपल छकटश पड गई। यकद सभश
रकससयत कक छकट४ई कक गणन४ कक ज४य तक यह कई सल अरगपल हक ज४तश हह। यह कनशचय हश आशचयरजनक
ब४त थश। अपनश म४त४ तथ४ उनकक सकखयत कद सममपख यह कक षण कक अकचनतय शकक क४ एक और
पदशरन थ४।
सव-म४तप:--अपनश म४त४ ( यशकद४ददवश ) क४; कसवन-ग४त४य४:--वकथ४ शम कद क४रण पसशनद सद लथपथ शरशर; कवससत--कगर रहद;
कबर--उनकद ब४लत सद; सज:--फस ल; दष४--ददखकर; पररशममनन--अकधक क४म करनद सद थकक क४ अनपभव करतश हह ई अपनश
म४त४ कक; कक षण:-- भगव४ननन नद; कक पय४-- अपनद भक तथ४ म४त४ पर अहहतपकक कक प४ द४र४; आसशतनन--र४जश हक गयद; सव-बनधनद--
अपनद कक बहध४नद कद कलए।.
म४त४ यशकद४ द४र४ ककठन पररशम ककयद ज४नद सद उनक४ स४र४ शरशर पसशनद सद लथपथ हक गय४
और उनकद कद शत मम लगश करघश और गसहथद हह ए फस ल कगरद ज४ रहद थद। जब ब४लक कक षण नद अपनश
म४त४ कक इतन४ थक४-ह४र४ ददख४ तक वद दय४दर हक उठद और अपनद कक बहध४नद कद कलए र४जश हक
गयद।
त४तपयर : जब अरत मम म४त४ यशकद४ तथ४ अनय कखयत नद ददख४ कक अनदक करगनत तथ४ रतनजकटत
आभसरणत सद सकजत कक षण कक घर-भर कक रकससयत सद भश नहथ ब४हध४ ज४ सक४ तक उनहतनद कनणरय कलय४
कक कक षण इतन४ भ४गयश४लश हह कक उसद ककसश भलकतक वसतप सद ब४हध४ नहथ ज४ सकत४। अतएव उनहतनद
उनहम ब४हधनद क४ कवच४र तय४ग कदय४। ककनतप कभश कभश कक षण अपनद भकत सद पकतयककगत४ करतद हह ए ह४रनद
कद कलए र४जश हक ज४तद हह। इस तरह कक षण कक अनतररग४ शकक यकगम४य४ क४म कर गई और कक षण नद
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एवमनन--इस पक४र; सनदकशरत४--पदकशरत ककय४ गय४; हल » अड--हद मह४र४ज परशककत; हररण४-- भगव४ननन द४र४;
भकतय-वशयत४--अपनद सदवक य४ भक कक अधशनत४ सवशक४र करनद क४ गपण; सव-वशदन--जक कद वल अपनद वश मम रहद; अकप--
कनससनददह; कक षणदन--कक षण द४र४; यसथ--कजसकद ; इकदमनन-- समपसणर बह४णड; स-ईशवरमनन--कशव तथ४ बह४ जहसद शककश४लश
ददवत४ओर सकहत; वशद--वश मम |.
हद मह४र४ज परशककत, कशवजश, बह४जश तथ४ इनद जहसद मह४ननन एवर उचसथ ददवत४ओर समदत यह
समपसणर बह४णड भगव४ननन कद वश मम हह। कफर भश भगव४ननन क४ एक कदवय गपण यह हह कक वद अपनद
भकत कद वश मम हक ज४तद हह। यहश ब४त इस लशल४ मम कक षण द४र४ कदखल४ई गई हह।
त४तपयर : कक षण कक इस लशल४ कक समझ प४न४ दपषकर हह ककनतप भकगण इसद समझ सकतद हह।
इसशकलए कह४ गय४ हह- दशरयरसतकदद४र लकक आतमनक भकवशयत४मनन (भ४गवत १०.११.९)-भगव४ननन
अपनद भकत कद वश मम हकनद क४ गपण पदकशरत करतद हह । बह-सरकहत४ (५.३५) मम कह४ गय४ हह--
अणड४नतरसथपरम४णपचय४नतरसथर
अपनद एक अरश परम४तम४ सद भगव४ननन असरखय बह४णडत एवर उनकद ददवत४ओर कक कनयरकतत करतद हह
कफर भश वद अपनद भक द४र४ कनयरकतत हकनद कद कलए र४जश हक ज४तद हह। उपकनरदत मम कह४ गय४ हह कक
भगव४ननन मन सद भश अकधक वदग सद दलड सकतद हह ककनतप यह४ह हम ददखतद हह कक अपनश म४त४ द४र४ पकडद
ज४नद सद बचनद कक इचछ४ रखतद हह ए भश कक षण पर४कजत हहए और म४त४ यशकद४ द४र४ पकड कलयद गयद।
लकमशसहसशतसमभमसदवयम४नम-कक षण कक सदव४ ल४खत लककमय४ह करतश हह। कफर भश वद मकखन कक
चकरश इस तरह करतद हह जहसद कक ककई भसख क४ म४र४ हक। यदकप स४रद जशवत क४ कनयरतक यमर४ज कक षण
सद भयभशत रहत४ हह कफर भश कक षण अपनश म४त४ कक सकटश सद भयभशत हह। इन कवरकध४भ४सत कक अभक
नहथ समझ सकत४ ककनतप भक समझ सकत४ हह कक कक षण कक अननय भकक ककतनश बलव४न हह। यह
इतनश बलव४न हह कक कक षण कक एक शपद भक द४र४ कनयरतण मम रख४ ज४ सकत४ हह। इस भतयवशयत४ क४
अथर यह नहथ हह कक वद अपनद द४स कद वश मम हह पतयपत वद द४स कद शपद पदम कद वश मम रहतद हह।
भगवदशत४ (१.२१) मम कह४ गय४ हह कक कक षण अजपरन कद स४रथश बनद। अजपरन नद उनहम आददश कदय४--
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सदनयकरभयकमरधयद रथ सथ४पय मद5 चयपत--हद कक षण! आपनद मदर४ स४रथश बनन४ और मदरद आददशत क४ प४लन
करन४ सवशक४र ककय४ हह। अत: मदरद रथ कक दकनत सदन४ओर कद मधय खड४ करक। कक षण नद तपरनत इस आददश
क४ प४लन ककय४। अतएव यह तकर कदय४ ज४ सकत४ हह कक कक षण भश सदहव पसणर सवतरत नहथ रहतद । ककनतप
यह तक मनपषय क४ अपन४ अज४न हह। कक षण सद४ हश पसणर सवतरत हह। जब वद अपनद भकत कद वशशभसत हक
ज४तद हह, तक यह आननदकचनमय-रस क४ पदशरन हकत४ हह, जक उनकद कदवय आननद कक बढ४नद व४ल४ हकत४
हह। हर वयकक कक षण कक पसज४ भगव४ननन कद रप मम करत४ हह अतएव कभश कभश वद ककसश अनय द४र४
कनयरकतत हकनद कक इचछ४ करतद हह। ऐस४ कनयरतक एक शपद भक कद अकतररक भल४ अनय ककई कह सद हक
सकत४ हह ?
न--नहथ; इममनन--यह उच पद; कवररज:--बह४; न--न तक; भव:द--कशव; न--न तक; शश:--लकमश; अकप--कनससनददह; अड-
सरशय४--भगव४ननन कक अध४रकगनश हककर भश; पस४दमननस--कक प४; लदकभरद--प४प ककय४; गकपश--म४त४ यशकद४; यतनन ततनन--जक जहस४
हह; प४प--प४प ककय४; कवमपकक-द४तननस--इस जगत सद मपकक कदल४नद व४लद कक षण सद।.
त४तपयर : यह म४त४ यशकद४ तथ४ अनय भगवदकत क४ एक तपलन४तमक अधययन हह। चहतनय-
चररत४मत (आकद ५.१४२) मम कह४ गय४ हह-- एकलद ईशवर कषण, आर सब शतय-कक षण हश एकम४त
ईशवर हह, शदर सब उनकद द४स हह। कक षण मम भतयवशयत४ अथ४रतनन अपनद भकतय य४ द४स कद अधशन हकनद क४
कदवय गपण प४य४ ज४त४ हह। यदकप सभश भकतय हह और कक षण मम भकतयवशयत४ क४ गपण प४य४ ज४त४ हह ककनतप
म४त४ यशकद४ क४ पद सवरच हह। बह४जश कक षण कद भडतय तथ४ आकद कढकव हह ( तदनद बह हदद४ य आकद
कवयद )। कफर भश उनहम म४त४ यशकद४ जहसश कक प४ प४प नहथ हक प४ई। कशवजश तक सवरशदष वहषणव हह
( वदषणव४न४र यथ४ शमभप:) । बह४जश तथ४ कशवजश कक कलन कहद, भगव४ननन कक कनतय सरकगनश लकमश कक भश
जक सदहव उनकद शरशर कद स४थ रहतश हह, ऐसश कक प४ प४प नहथ हक सकक | इसशकलए मह४र४ज परशककत यह
सकच कर चककत थद कक, “आकखर म४त४ यशकद४ तथ४ ननद मह४र४ज नद अपनद पसवरजनमत मम कय४ ककय४
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इसश शलकक मम तशन न आयद हह। जब ककसश ब४त कक तशन ब४र कह४ ज४य तक समझन४ च४कहए कक
उस पर बल कदय४ ज४ रह४ हह। इस शलकक मम तशन ब४र न लदकभरद, न लदकभरद, न लदकभरद आय४ हह। कफर भश
म४त४ यशकद४ कक सवरच पद प४प हह और इसशकलए कक षण पसरश तरह उनकद वश मम हक गयद हह।
कवमपककद४तनन शबद भश अतयनत महतवपसणर हह। मपकक कई पक४र कक हकतश हह -- स४यपजय, स४लककय,
स४रपय, स४कटर तथ४ स४मशपय। ककनतप कवमपकक क४ अथर हह “कवशदर मपकक।'' जब ककई वयकक मपकक प४प
करकद पदमभकक कद पद पर हकत४ हह, तक वह कवमपकक प४प कह४ ज४त४ हह। इसशकलए न शबद आय४ हह।
पदम४ कद उस उच पद कक शश चहतनय मह४पभप नद पदण४ एमथर मह४ननन कह४ हह और म४त४ यशकद४ पदम-
वय४प४र मम ऐसद हश उच पद पर क४यर करतश हह। इसशकलए वद कनतयकसद भक हह --कक षण कक हन ४कदनश
शकक कक अरशरप अथ४रतनन अपनद कवशदर भक रपश अरशत द४र४ अपनद कदवय आनरद कक भकगनद कक शकक
न--नहथ; अयमनन-यह; सपख-आप:--सरलत४ सद प४पय अथव४ सपख क४ लकय; भगव४ननन-- भगव४ननन; ददकहन४मनन-ददह४तमबपकद कक
प४प पपररत क४, कवशदरतय४ ककमरयत क४; गककपक४-सपत: --म४त४ यशकद४ क४ पपत कक षण ( वसपददव-पपत हकनद सद कक षण व४सपददव और
यशकद४-पपत हकनद सद कक षण कहल४तद हह ); ज४कनन४मनन च--तथ४ भवबनधन सद मपक हकनद कद कलए पयलशशल ज४कनयत क४; आतम-
भसत४न४मननस--आतमकनभरर यककगयत क४; यथ४-- जहसद; भकक-मत४मनन-- भकत क४; इह--इस जगत मम |.
म४त४ यशकद४ कद पपत भगव४ननन कक षण सवतद सफस तर पदम४भकक मम लगद भकत कद कलए सपलभ हह
ककनतप वद मनकधकमरयत, घकर तपत द४र४ आतम-स४क४तक४र कद कलयद पय४स करनद व४लत अथव४ शरशर
कक हश आतम४ म४ननद व४लत कद कलए सपलभ नहथ हकतद।
त४तपयर : म४त४ यशकद४ कद पपत रप मम कक षण भकत कद कलए सरलत४ सद उपलबध हकतद हह ककनतप
तपकसथयत, यककगयत, ज४कनयत तथ४ ददह४तमबपकद व४लत कक नहथ। यदकप इनहम कभश कभश श४नत भक कह४
ज४त४ हह ककनतप असलश भकक तक द४सय रस सद प४रमभ हकतश हह। भगवदशत४ (४.११) मम कक षण कहतद
हह--
व४
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“हद प४थर | स४रद जशव कजस तरह सद मदरश शरण मम आतद हह मह उनहम उसश तरह पपरसकक त करत४ हह।ह हर
वयकक सभश तरह सद मदरद पथ क४ अनपसरण करत४ हह।'' हर वयकक कक षण कक खकजत४ हह कयतकक वद स४रद
जशव४तम४ओर कद परम४तम४ हह। हर वयकक कक अपन४ शरशर कपय हह और वह उसकक रक४ करन४ च४हत४ हह
कयतकक वह शरशर कद भशतर आतम४ रप मम रहत४ हह और हर वयकक आतम४ सद पदम करत४ हह कयतकक यह
आतम४ परम४तम४ क४ अरश हह। अतएव हर वयकक परम४तम४ कद स४थ अपनद समबनध कक पपनरजशकवत
करकद सपख कक खकज मम लग४ हह आ हह। जहस४कक भगवदशत४ (१५.१५) मम भगव४ननन कहतद हह-- वदददशन
सवररहमदव वदद:--स४रद वददत कद द४र४ मपझद हश ज४न४ ज४त४ हह। इसशकलए स४रद कमर, ज४नश, यकगश तथ४ सनत
पपरर कक षण कक खकज करतद हह। ककनतप कक षण सद पतयक समबनध रखनद व४लद भकत कद चरणकचहत क४,
कवशदर रप सद वकनद४वनव४कसयत क४, अनपसरण करतद हह ए मनपषय कक षण कद स४कनधय कद परम पद तक
पहह हच सकत४ हह। जहस४कक कह४ गय४ हह-वकनद४वनर पररतयजय पदमदकर न गचछकत--कक षण वकनद४वन कक
कण-भर कद कलए भश नहथ छकडतद | वकनद४वनव४सश--म४त४ यशकद४, कक षण कद कमत तथ४ कक षण कक यपगल
पदकमक४एह--वद तरण गककपय४ह कजनकद स४थ वद न४चतद हह--कक षण कद स४थ घकनषट समबनध रखनद व४लद हह
और यकद ककई वयकक इन भकत कद चरणकचहत क४ अनपसरण करत४ हह, तक उसद कक षण अवशय प४प हकतद
हह। यदकप कक षण कद कनतयकसद अरश सदहव कक षण कद स४थ रहतद हह ककनतप यकद स४धनकसकद मम लगद लकग
कक षण कद इन कनतयकसद सरकगयत कद चरणकचहत क४ अनपसरण करतद हह, तक वद भश कबन४ ककसश ककठन४ई कद
कक षण कक प४प कर सकतद हह। ककनतप ऐसद भश लकग हह, जक ददह४तमबपकद मम कलप रहतद हह। उद४हरण४थर,
बह४जश तथ४ कशवजश कक अतयनत पकतकषत पद प४प हह और इस तरह वद परम पसजय ईशवर हह। दससरद
शबदत मम, बह४जश तथ४ कशवजश गपण अवत४र हकनद तथ४ उच पद प४प हकनद सद अपनद कक कप छ कप छ कक षण
जहस४ अनपभव करतद हह, ककनतप वकनद४वन मम रहनद व४लद शपद भकत मम ददह४तमबपकद नहथ रहतश। वद भगव४ननन
कक शपद पदम४भकक मम समकपरत रहतद हह। इसशकलए शश चहतनय मह४पभप नद सरसतपकत कक हह कक पदम४ एपमथर
मह४न--जशवन कक सवरच कसकद पदम४ अथ४रतनन कक षण कद पकत शपद पदम हह। और म४त४ यशकद४ उन
सवरच भकत मम सद हह कजनहतनद यह कसकद प४प कर लश हह।
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कक षण: तप--इस बशच; गकह-कक तयदरप--गकहक४यर मम लगश; वयग४य४मनन--अतयनत वयसत; म४तरर--जब उनकक म४त४; पभप:--भगव४ननन;
अद४कशतनन-ददख४; अजपरनश--यमल अजपरन वकक; पसवरमनन--उसकद पसवर; गपहकल--जक पसवरजनम मम ददवत४ थद; धनद-आतमजल--
ददवत४ओर कद ककर४धयक कप वदर कद पपत |.
जब म४त४ यशकद४ घरदलस क४यर मम अतयकधक वयसत थथ तभश भगव४ननन कक षण नद दक जपडव४ह वकक
ददखद, कजनहम यमल४जपरन कह४ ज४त४ थ४। यद पसवर यपग मम कप बदर कद ददव-पपत थद।
पपर४--पसवरक४ल मम; न४रद-श४पदन--न४रदमपकन कद श४प द४र४; वककत४मनन--वककत क४ रप; प४कपतल--प४प ककय४; मद४तनन--
प४गलपन कद क४रण; नलकस वर--इनमम एक नलकस वर थ४; मकणगशवल--दससर४ मकणगशव थ४; इकत--इस पक४र; खय४तल--
कवखय४त; कशय४ अकनवतल--अतयनत ऐ शवयरव४ननन।.
पसवरजनम मम नलकस बर तथ४ मकणगशव न४मक यद दकनत पपत अतयनत ऐशवयरव४न तथ४ भ४गयश४लश
थद। ककनतप गवर तथ४ कमथय४ पकतष४ कद क४रण उनहतनद ककसश कक परव४ह नहथ कक इसकलए न४रदमपकन
नद उनहम वकक बन ज४नद क४ श४प दद ड४ल४।
इस पक४र शशमद४गवत कद दसवम सकरध कद अनतगरत “म४त४ यशकद४ द४र४ कक षण क४ ब४हध४ ज४न४ ”
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(19 ए 7/९४/ दस
इस अधय४य मम बतल४य४ गय४ हह कक ककस पक४र कक षण नद यमल४जपरन वककत कक कगर४ कदय४ कजनसद
नलकस वर तथ४ मकणगशव न४मक कप बदर कद दक पपत पकट हह ए।
नलकस वर तथ४ मकणगशव कशवजश कद मह४ननन भक थद ककनतप भलकतक ऐशवयर कद क४रण वद इतनद
बहह वययश तथ४ कववदकहशन हक गयद कक एक कदन वद सरकवर मम नग यपवकतयत कद स४थ ककलकलम कर रहद थद
और कनलरजत४पसवरक इधर-उधर कवचरण करनद लगद। सहस४ न४रदमपकन उधर सद कनकलद ककनतप वद दकनत
अपनद ऐशवयर और कमथय४ पकतष४ सद इतनद मद४नध हक चपकद थद कक न४रदमपकन कक ददखकर भश वद नरगद हश रहद
और तकनक भश नहथ लज४यद दससरद शबदत मम, वद ऐशवयर तथ४ झसठश पकतष४ कद क४रण स४म४नय कशष४च४र भश
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भसल गयद। वसतपतद भलकतक गपणत कक पकक कत हश ऐसश हकतश हह कक जब मनपषय धन और पकतष४ कक दकष
सद अतयनत ऐशवयरवव४न हक ज४त४ हह, तब वह कशष४च४र भसल ज४त४ हह और न४रदमपकन जहसद मपकनयत कक भश
परव४ह नहथ करत४। ऐसद मकहगसत वयककयत कद कलए ( अहरक४र कवयसद४तम४ ), कवशदर रप सद जक भकत
क४ उपह४स करतद हह, उकचत दणड यहश हह कक वद कफर सद दररद बन ज४हय। वहकदक कवकध-कवध४न बतल४तद
हह कक ककस पक४र यम, कनयम इतय४कद कद अभय४स सद कमथय४ पकतष४ कद भ४व पर कनयरतण प४प ककय४
ज४ सकत४ हह ( तपस४ बहचयरण शमदन च दमदन च ) । एक कनधरन वयकक कक आस४नश सद आशवसत ककय४
ज४ सकत४ हह कक इस भलकतक जगत मम ऐशवयरश४लश पद ककणक हकत४ हह ककनतप धनश वयकक कक नहथ।
अत: न४रदमपकन नद इन दकनत वयककयत-नलकस वर तथ४ मकणगशव-कक वककत कक तरह अचदतन बननद क४
श४प ददकर एक दष४नत पसतपत ककय४। यह बहह त हश उपयपक दणड थ४। ककनतप कक षण अतशव कक प४लप हह।
अतद दकणडत हकनद पर भश दकनत भ४ई इतनद भ४गयश४लश कनकलद कक उनहम भगव४ननन क४ स४क४तक४र हक सक४।
अतद वहषणवत द४र४ कदय४ गय४ दणड, दणड नहथ पतयपत दय४ क४ अनय रप हकत४ हह। ददवकरर कद श४प सद
नलकस वर तथ४ मकणगशव यमल अजपरन वकक बन गयद और म४त४ यशकद४ तथ४ ननद मह४र४ज कद आहगन मम
कक षण क४ पतयक दशरन करनद कक पतशक४ करतद रहद। भगव४ननन कक षण नद अपनद भक कक इचछ४ सद इन
यमल४जपरन वककत कक कगर४ कदय४ और जब १०० वरर कद ब४द नलकस वर तथ४ मकणगशव क४ इस तरह उद४र
हक गय४ तक उनकक पपर४नश चदतन४ ज४गकत हक उठश और उनहतनद ददवककचत कवकध सद सतपकत कक। इस पक४र
कक षण क४ स४क४तक४र करनद क४ अवसर प४कर हश वद यह समझ सकद कक न४रदमपकन ककतनद कक प४लप थद।
'फलतद उनहतनद उनकद पकत कक तजत४ पकट कक और उनहम धनयव४द कदय४। इसकद ब४द भगव४ननन कक षण कक
शशर४जकब४च
कथयत४र भगवजनदततयक: श४पसय क४रणमनन ।
चककदगनकतर कमर यदन व४ ददवररसतम: ॥ १॥
शश-र४ज४ उब४च--र४ज४ नद आगद पसछ४; कथयत४मननस--कक पय४ कहम; भगवननन--हद परम शककम४न; एततनन--यह; तयक: --उन दकनत कद ;
श४पसय--श४प क४; क४रणमनन--क४रण; यतनन--जक; ततनन--वह; कवगकहरतमनन--कननननदनशय; कमर--कमर; यदन--कजससद; व४--
अथव४; ददवरर: तम:--न४रदमपकन इतनद कप द हक उठद ।.
र४ज४ परशककत नद शपकददव गकसव४मश सद पसछ४: हद मह४ननन एवर शककश४लश सनत, न४रदमपकन द४र४
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नलकस वर तथ४ मकणगशव कक श४प कदयद ज४नद क४ कनय४ क४रण थ४? उनहतनद ऐस४ कलन-स४
शशशपक उव४च
रदसथ४नपचरल भसतव४ सपहपल धनद४तमजल ।
कह ल४सकपवनद रमयद मनद४ककनय४र मदकतकटल ॥ २॥
व४रणथ मकदर४र पशतव४ मद४घसकणरतलकचनल ।
सशजनहरनपग४यकदशवदरतप: पपकषपतद बनद ॥ ३॥
शश-शपकद उब४च-- शशशपकददव गकसव४मश नद उतर कदय४; रदसय--कशवजश कद ; अनपचरल--दक भक य४ प४ररद; भसतव४--बन कर;
सप-हपल--अपनद पद तथ४ अपनद सपनदर रप-ररग सद गकवरत हककर; धनद-आतमजल--ददवत कद ककर४धयक कप वदर कद दकनत पपत;
कह ल४स-उपवनद--कशवजश कद कनव४स कह ल४श पवरत सद लगद एक छकटद ब४ग मम; रमयद--सपनदर सथ४न मम; मनद४ककनय४मनन--मनद४ककनश
नदश कद तट पर; मद-उतकटल--अतयकधक गकवरत तथ४ उनमत; व४रणशमननस--व४रणश कक; मकदर४मननस--नशशलद दव कक; पशतव४--पश
पश कर; मद-आधसकणरत-लकचनल--नशद सद आहखम घपम४तद हह ए; सश-जनहद--कसयत कद स४थ; अनपग४यकद:--उनकद द४र४ ग४यद गयद
गशतत सद गपझजररत; चदरतप:--घसम रहद थद; पपकषपतद बनद--सपनदर फस ल कद ब४ग मम |
शपकददव गकसव४मश नद कह४: हद र४ज४ परशककत, चसहकक कप वदर कद दकनत पपतत कक भगव४ननन
कशवजश कद प४ररद हकनद क४ गलरव प४प थ४, फलतद वद अतयकधक गकवरत हक उठद थद। उनहम मनद४ककनश
नदश कद तट पर कह ल४श पवरत सद सटद हह ए ब४ग मम कवचरण करनद कक अनपमकत प४प थश। इसक४
ल४भ उठ४कर वद दकनत व४रणश न४म कक मकदर४ कपय४ करतद थद। वद अपनद स४थ ग४यन करतश कसयत
कक लदकर उस फस लत कद ब४ग मम घसम४ करतद थद। उनकक आहखम नशद सद सदहव घसमतश रहतश थथ।
“ऐसद दपष जक कनपट मसखर हह, मनपषयत मम अधम हह, कजनक४ ज४न मकह द४र४ अपहत हक चपक४ हह और
जक आसपरश न४कसतक पकक कत व४लद हह, वद मदरश शरण मम नहथ आतद।'' जक वयकक कक षणभक नहथ हह और
उनकक शरण मम नहथ ज४त४ उसद नर४धम अथ४रतनन मनपषयत मम सबसद नशच तथ४ दपषकक तश अथ४रतनन प४पकमर कक
करनद व४ल४ म४न४ ज४न४ च४कहए। अधम वयकक कक ढस हढ लदन४ ककई ककठन क४म नहथ हह कयतकक उसकक
कसथकत क४ पत४ कद वल इसश एक कसलटश सद लग ज४त४ हह कक वह कक षण क४ भक हह अथव४ नहथ।
आकखर ददवत४ओर कद भकत कक सरखय४ वहषणवत सद अकधक कनयत हह ? इसक४ उतर यह४ह कदय४ गय४ हह।
वहषणवजन न तक व४रणश तथ४ कसयत जहसश कनमन कककट कद मनकररजनत मम रकच लदतद हह, न हश कक षण ऐसश
सपकवध४ओर कक अनपमकत ददतद हह।
अनत:--भशतर; पकवशय--घपस कर; गडज४य४मनन-गरग४ अथ४रतनन मनद४ककनश मम; अमभकज--कमलत क४; वन-र४कजकन--जह४ह घन४
जरगल थ४; कचककडतप: --दकनत ककड४ ककय४ करतद थद; यपवकतकभ:--यपवकतयत कद स४थ मम; गजल--दक ह४थश; इब--सहश;
'करदणकप भ:--हकथकनयत कद स४थ।.
कमल कद फस लत कद उद४नत सद आवकत मनद४ककनश गरग४ कद जल कद भशतर कप वदर कद यद दकनत
पपत यपवकतयत कद स४थ उसश तरह ककड४ करतद थद कजस तरह प४नश कद भशतर दक ह४थश हकथकनयत कद
स४थ ककड४ करतद हह।
त४तपयर : स४म४नयतय४ लकग अपनद प४पत सद शपद हकनद कद कलए गरग४ मम सन४न करनद ज४तद हह ककनतप
यह४ह पर इसक४ दषनत पसतपत हह आ हह कक ककस तरह मसखर लकग प४पमय क४यर करनद कद कलए गरग४ मम
पवदश करतद हह। ऐस४ नहथ हह कक गरग४ मम पवदश करनद सद हर ककई शपद हकत४ हक। आधय४कतमक अथव४
भलकतक क४यर तक मनपषय कक म४नकसक दश४ पर कनभरर करत४ हह।
'यहचछय४--सरयकगवश, स४रद बह४णड क४ भमण करतद हहए; च--तथ४; ददव-ऋकर:--ददवत४ओर मम परम सननननत-पपरर; भगव४नननस--
अतयनत शककश४लश; तत--वह४ह ( जह४ह कप वदर कद पपत ककड४ कर रहद थद ); कलरव--हद महर४ज परशककत; अपशयतनन--ददख४;
न४रदद--परम सनत नद; ददवल--ददवत४ओर कद दकनत ब४लकत कक; कशब४णल--नशद सद उनमत आहखत व४लद; समबपधयत--समझ गयद।.
हद मह४र४ज परशककत, उन दकनत ब४लकत कद सलभ४गय सद एक ब४र ददवकरर न४रद सरयकगवश वह४ह
पकट हक गयद। उनहम नशद मम उनमत तथ४ आहखम घपम४तद हह ए ददख कर न४रद उनकक दश४ समझ गयद।
न४रदमपकन जह४ह भश ज४तद हह और कजस मपहहतर मम वद पकट हकतद हह उसद अतयनत शपभ म४न४ ज४त४ हह।
कह४ भश गय४ हह ( चहतनय-चररत४यकत मधय (१९.१५१)
“स४रद जशव अपनद अपनद कमर कद अनपस४र सररद बह४णड मम भटकतद रहतद हह। इनमम सद कप छ सवगर
ज४तद हह, तक कप छ नरक ज४तद हह। भटकनद व४लद ऐसद ल४खत जशवत मम सद जक अतयनत भ४गयश४लश हकत४ हह
उसद हश कक षण कक कक प४ सद प४म४कणक आधय४कतमक गपर क४ स४कनधय प४प हक प४त४ हह। कक षण तथ४ गपर
दकनत कक कक प४ सद ऐसद वयकक कक भककलत४ क४ बशज प४प हक प४त४ हह।'' उस ब४ग मम कप वदर कद दकनत
पपतत कक भकक क४ बशज पद४न करनद कद कलए हश न४रद पकट हहए, यदकप वद दकनत नशद मम उनमत थद।
हककर अपनद शरशर कक अपनद-अपनद वसत सद ढक कलय४। ककनतप कप वदर कद दकनत पपतत नद ऐस४ नहथ
ककय४। उलटद, न४रद कक परव४ह न करतद हह ए वद नरगद हश रहद।
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तल--ददवत४ओर कद दकनत ब४लकत कक; दष४--ददखकर; मकदर४-मतल--शर४ब पशनद कद क४रण नशद मम मसत उनमत; शश-मद-
अनधल--झसठश पकतष४ तथ४ ऐशवयर कद क४रण अनधद हह ए; सपर-आतमजल--ददवत४ओर कद दकनत पपत; तयक:--उनकद ; अनपगह-अथ४रय--
कवशदर कक प४ करनद कद पयकजन सद; श४पमनन-- श४प; द४सयननन-ददनद कक इचछ४ सद; इदमनन--यह; जगल--उच४ररत ककय४ |.
ददवत४ओर कद दकनत पपतत कक नरग४ तथ४ ऐशवयर और झसठश पकतष४ गवर कद नशद मम उनमत ददखकर
ददवकरर न४रद नद उन पर कवशदर कक प४ करनद हदतप उनहम कवशदर श४प ददन४ च४ह४। अतद वद इस पक४र
बकलद।
त४तपयर : यदकप प४रमभ मम अतयनत कप द हकनद कद क४रण न४रद नद श४प दद ड४ल४ ककनतप अनत मम
नलकस वर तथ४ मकणगशव दकनत कक भगव४ननन कक षण क४ स४क४तनन दशरन हक सक४। इस तरह श४प अनततकगतव४
शपभ कसद हह आ। हमम यह ददखन४ हकग४ कक न४रद नद उनहम ककस तरह क४ श४प कदय४। शशल कवशवन४थ
चकवतर ठ४कप र नद एक सपनदर उद४हरण कदय४ हह। जब कपत४ ददखत४ हह कक बच४ गहरश नथद मम सकय४ हह आ
हह ककनतप उसद ककसश बशम४रश कद इल४ज कद कलए ककई दव४ पशनश हह, तक कपत४ कचककटश क४ट कर बचद कक
उठ४त४ हह, कजससद वह दव४ पश सकद | इसश तरह न४रदमपकन नद नलकस बर तथ४ मकणगशव कद भलकतक-अनधत४
कद रकग कक ठशक करनद कद कलए उनहम श४प कदय४।
शशन४रद उब४च
न ह४नयक जपरतक जकषय४नबपकदभरशक रजकगपण: ।
शशमद४द४कभज४तय४कदयरयरत सश दसतम४सव: ॥ ८॥
शश-न४रद: उव४च--न४रदमपकन नद कह४; न--नहथ हह; कह--कनससनददह; अनय: --दससर४ भकग; जपरत: --भकगनद व४लद क४; जकषय४नननस--
भलकतक जगत कक आकररक वसतपएह ( ख४नद, सकनद, महथपन करनद इतय४कद कक कवकभन ककसमम ); बपकद-भरश:द--बपकद कक आककररत
करनद व४लद ऐसद भकग; रज:-गपण: --रजकगपण द४र४ कनयरकतत; शश-मद४तनन--समपकत कक अपदक४; आकभज४तय-आकद:--च४र भलकतक
कनयमत मम सद ( सपनदर सवरप, र४जसश पररव४र मम जनम, कवदत४ तथ४ धन-ध४नय ); यत-- जह४ह; सश--कसय४ह; दसतमस--जपआ
खदलन४; आसव:--शर४ब |.
अपन४ स४र४ धन शर४ब, कसयत तथ४ जपआ खदलनद कद आननद मम लग४ ददत४ हह।
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त४तपयर : पकक कत कद तशनत गपणत--सतक, रजक तथ४ तमक गपणत--मम सद लकग रजक तथ४ तमक गपणत द४र४
और कवशदर रप सद रजकगपण द४र४ सरच४कलत हकतद हह। रजकगपण सद सरच४कलत हकनद पर मनपषय इस भलकतक
जगत मम अकधक४कधक कलप हकत४ ज४त४ हह। इसशकलए म४नव जशवन रजक तथ४ तमक गपणत क४ दमन करनद
और सतक गपण कक वकधरत करनद कद कलए कमल४ हह।
तद४ रजसतमकभ४व४: क४मलकभ४दयशव यद।
चदत एतहरन४कवदर कसथत सतवद पसशद४कत ॥
( भ४गवत १.२.१९)
यहश सरसकक कत हह कक रजक तथ४ तमक गपणत क४ दमन ककय४ ज४य। रजकगपण मम जब मनपषय कक अपनद
धन क४ झसठ४ गवर हक आत४ हह, तक वह अपन४ धन कद वल तशन चशजत मम लग४त४ हह--शर४ब मम, कसयत मम
तथ४ जपआ खदलनद मम । इस यपग मम कवशदर रप सद ददख४ ज४ सकत४ हह कक कजनकद प४स अन४वशयक धन हह
वद इनहथ तशन वसतपओर मम उसद खचरतद हह। प४शच४तय सभयत४ मम धन मम अन४वशयक वककद कद क४रण यद तशनत
वसतपएह अतयनत पध४न हह । न४रदमपकन नद मकणगशव तथ४ नलकस वर कद कवरय मम इन सभश ब४तत पर कवच४र
ककय४ कयतकक उनहतनद ददख४ कक वद अपनद कपत४ कप वदर कद धन पर इतन४ इतर४ रहद हह।
हनयनतद--कई पक४र सद म४रद ज४तद हह ( कवशदरतय४ कस४ईख४नत मम ); पशव: --पशप, ज४नवर ( च४र पहर व४लद ); यत--जह४ह;
कनदरयह:--रजकगपण व४लद कनदरय वयककयत द४र४; अकजत-आतमकभ:--अपनश इकनदयत कक वश मम न कर प४नद व४लत द४र४;
मनयम४नह: --सकचतद हह; इममनन--इस; ददहमनन--शरशर कक; अजर--जक न तक कभश बसढ४ हकग४, न रकगश हकग४; अमकतयप--कभश मकतयप
नहथ हकगश; नशवरमनन--न४शव४न शरशर कक |.
अपनश इकनदयत कक वश मम करनद मम असमथर धसतर लकग, कजनहम अपनद धन पर कमथय४ गवर रहत४
हह य४ जक र४जसश पररव४र मम जनम कलयद रहतद हह इतनद कनषर हकतद हह कक वद अपनद नशवर शरशरत कक
बन४यद रखनद कद कलए, उनहम अजर-अमर सकचतद हह ए, बदच४रद पशपओर क४ कनदरयत४पसवरक वध करतद
हह। कभश कभश वद कद वल अपनश मलज-मसतश कद कलए पशपओर कक म४र ड४लतद हह।
त४तपयर : जब म४नव सम४ज मम रजक तथ४ तमक गपणत कक वककद हकतश हह, तक अन४वशयक आकथरक
कवक४स हकत४ हह, कजसक४ पररण४म हकत४ हह लकगत क४ मकदर४, कसयत तथ४ जपए मम आसक हकन४। तब वद
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मदकनननमत हककर बडद बडद कस४ईख४नद चल४तद हह य४ कफर पशपओर क४ वध करनद कद कलए पयरटन पर ज४तद
हह। वद भसल ज४तद हह कक शरशर कक बन४यद रखनद कद कलए च४हद जक भश पय४स ककयद ज४हय, यह शरशर जनम,
मकतयप, जग४ तथ४ रकग सद पशकडत हकत४ रहदग४। वद मसखर एक कद ब४द एक प४पकमर करतद ज४तद हह। दपषकन कतश
हकनद कद क४रण वद पतयदक हदय मम व४स करनद व४लद परमकनयनत४ कद अकसततव कक पसरश तरह सद भसल ज४तद
हह (ईशवर: सवरभतस ४न४र हदशदउ जपन कतष४कत ) | परम कनयनननत४ उनकक हर गकतकवकध कक ददखत४ रहत४ हह और
हर एक कक पकक कत द४र४ कनकमरत उपयपक शरशर पद४न करकद पपरसकक त य४ दरकडत करत४ हह ( भ४मयननन
सवरधतस ४कन यनत४रढकन म४यय४ )। इस तरह प४पश वयकक कवकभन शरशरत मम सवतद दणड प४तद रहतद हह।
इस दणड क४ मसल क४रण यह हह कक जब मनपषय अन४वशयक रशकत सद धन क४ सरचय करत४ हह , तक वह
अकधक पकतत हक ज४त४ हह और उसद यह ज४न नहथ रह ज४त४ हह कक उसक४ धन अगलद जनम अथ४रतनन मकतयप
कद स४थ हश सम४प हक ज४यदग४।
असनकप कद शद आस ददह: ।
( भ४गवत ५.५.४)
पशप-हतय४ वकजरत हह। ककनतप हर वयकक कक कप छ न कप छ ख४न४ पडत४ हह ( जशवक जशवसय
जशवनमनन ) | इसशकलए उसद यह कशक४ कमलनश च४कहए कक वह ककस तरह क४ भकजन करद। ईशकपकनरद
क४ आददश हह- तदन तयकद न भपजशध--मनपषयत कद कलए जक भश कनयत हह, वहश ख४न४ च४कहए। भगवदशत४
(९.२६) मम कक षण कहतद हह--
“यकद ककई मपझद भकक तथ४ पदम सद एक पतश, फस ल, फल य४ जल अकपरत करत४ हह, तक मह उसद
सवशक४र करत४ हह।ह ' इसकलए भक कभश ऐसश ककई भश वसतप नहथ ख४त४ कजसकद कलए बदच४रद पशपओर कद
कलए कस४ईघर सथ४कपत करनद पडम। पतयपत भकगण कक षण क४ पस४द गहण करतद हह ( तदन तयकद न
भपजशथ४:) । कक षण कहतद हह कक उनहम पत पपषपर फल तकयर पद४न ककय४ ज४य। मनपषयत कद कलए पशप-भकजन
कक सरसतपकत कभश नहथ कक ज४तश, पतयपत मनपषय कक कक षण-पस४द लदनद कक सरसतपकत कक ज४तश हह। यज
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कशष४कशन: सनतक मपचयनतद सवरकककलबर ( भगवदशत४ ३.१३) | यकद पस४द ख४न४ प४रमभ कर कदय४ ज४य
ददवसरकजतमपयनतद कक कमकवडभसमसरकजतमनन ।
भसतथपकतकक तद सव४थर कक वदद कनरयक यतद ॥ १०॥
ददव-सरकजतमस--शरशर जक अब अतयनत मह४ननन पपरर यथ४ र४षडपकत, मरतश य४ ददवत४ कहल४त४ हह; अकप--इतन४ मह४ननन हकतद हह ए भश;
अनतद--मकतयप कद ब४द; कक कम--ककड४ बन ज४त४ हह; कवटस --य४ मल मम पररणत हक ज४त४ हह; भसम-सरकजतमननस--य४ र४ख मम बदल
ज४त४ हह; भसत-धपकनन-श४सत कद आददशत कक न म४ननद व४ल४ तथ४ अनय जशवत सद ईषय४र करनद व४ल४ वयकक; ततनन-कक तद--इस तरह
कमर करतद हहए; सव-अथरमनन-सव४थर; ककमनन--कय४ हह; वदद--जक ज४नत४ हह; कनरय: यत:--कयतकक ऐसद प४पकमर सद न४रककय दश४
भकगनश हकगश।.
जशकवत रहतद हह ए मनपषय अपनद कक बड४ आदमश, मरतश, र४षडपकत य४ ददवत४ सकचतद हह ए अपनद
शरशर पर गवर कर सकत४ हह ककनतप वह च४हद जक भश हक, मकतयप कद ब४द उसक४ शरशर ककट, मल य४
र४ख मम पररणत हक ज४त४ हह। यकद ककई वयकक अपनद शरशर कक ककणक इचछ४ओर कक तपकष कद कलए
कनरशह पशपओर क४ वध करत४ हह, तक वह यह नहथ ज४नत४ कक उसद अगलद जशवन मम कष भकगन४
हकग४ कयतकक ऐसद प४पश कक नरक ज४न४ पडदग४ और अपनद कमरफल भकगनद पडमगद।
त४तपयर : इस शलकक मम कक कम-कवडन न-भसम--यद तशन शबद महतवपसणर हह। यकद मकतयप कद ब४द शरशर
कक जल४य४ नहथ ज४त४ तक वह कक कम बन ज४त४ हह अथ४रतनन उसद ककडद ख४ ज४तद हह य४ कफर उसद चशल तथ४
गशदड जहसद पशप ख४कर मल बन४ ददतद हह। जक अकधक सभय हह, वद मकत शरशर कक जल४तद हह कजससद वह
भसम बन ज४त४ हह ( भसम सरकजतमनन )। भलद हश यह शरशर कक कम, मल य४ र४ख मम कनयत न बदल ज४य,
मसखर वयकक उसद बन४यद रखनद कद कलए अनदक प४पकमर करतद हह। यह कनशचय हश शकचनशय हह। मनपषय क४
शरशर जशवसय ततव कजज४स४ कद कलए अथ४रतनन आधय४कतमक मसलयत कद ज४न क४ पक४श प४नद कद कलए कमल४
हह। अतद मनपषय कक च४कहए कक प४म४कणक आधय४कतमक गपर कक शरण मम ज४यद। तसम४दनन गपरर पपददत-
वह गपर कद प४स ज४यद। गपर कलन हह ? श४बदद परद च कनषण४तमनन ( भ४गवत ११.३.२१)-गपर वह हह, कजसद
पसणर कदवय ज४न हक। आधय४कतमक गपर कद प४स गयद कबन४ मनपषय अज४न मम रहत४ ज४त४ हह। आच४यरव४ननन
पपररत वदद ( छ४नननदकगय उपकनरद ६.१४.२ )--जब ककई आच४यर द४र४ कनयरकतत हकत४ हह अथ४रतनन आच४यरव४ननन
हकत४ हह, तक उसद जशवन कवरयक पसर४-पसर४ ज४न रहत४ हह। ककनतप जब वह रजकगपण तथ४ तमकगपण द४र४
सरच४कलत हकत४ हह, तक वह ककसश ब४त कक परव४ह नहथ करत४, उलटद वह मसखर पशप कक भ४हकत अपनद
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ददहद--यह शरशर; ककमनन अन-द४तप:--कय४ यह मदरद सव४मश क४ हह, जक मपझद इसकद प४लन कद कलए धन ददत४ हह; सवमनन-य४ यह सवयर
मदर४ हह; कनरदक:--( य४ यह ) वशयर सखकलत करनद व४लद क४ हह; म४तप: एब--य४ ( इसद ) गभर मम ध४रण करनद व४लश म४त४ क४ हह;
च--तथ४; म४तप: कपतप: व४--यह म४त४ कद कपत४ अथ४रतनन न४न४ क४ हह कयतकक कभश कभश न४न४ अपनद न४तश कक गकद लद लदत४ हह ;
बकलन:--य४ उसक४ हह, जक बलपसवरक इस शरशर कक छशन लदत४ हह; कद तप: --य४ इस शरशर कक बहधपए मजदसर कक तरह खरशद लदत४
हह; अगद:--य४ अकग मम ( जल४ ददत४ हह ); शपन:द--य४ कप तत तथ४ गशधत क४ हह, जक उसद ख४ ज४तद हह; अकप-- भश; व४--अथव४ |.
जशकवत रहतद हह ए यह शरशर उसकद अनद४त४ क४ हकत४ हह, य४ सवयर क४, अथव४ कपत४, म४त४ य४
न४न४ क४? कय४ यह बलपसवरक लद ज४नद व४लद क४, इसद खरशदनद व४लद सव४मश क४ य४ उन पपतत क४
हकत४ हह, जक इसद अकग मम जल४ ददतद हह? और यकद शरशर जल४य४ नहथ ज४त४ तक कय४ यह उन कप तत
क४ हकत४ हह, जक इसद ख४तद हह? आकखर इतनद स४रद द४वदद४रत मम असलश द४वदद४र कलन हह ? इसक४
पत४ लग४नद कद बज४य, प४पकमर द४र४ इस शरशर क४ प४लन करन४ अचछ४ नहथ हह।
एवमनन--इस पक४र; स४ध४रणमनन--स४म४नय समपकत; ददहमस--शरशर कक; अवयक-- अवयक पकक कत सद; पभव--इस पक४र सद
वयक; अपययमननस- पपनद अवयक मम लशन हककर ( कयतकक, तस कमटश हह और तपमहम कमटश मम हश व४पस कमल ज४न४ हह'' ); क:द--कलन
हह; कवद४नननस-- ज४नश; आतमस४तनन कक तव४--अपन४ कहतद हहए; हकनत--म४रत४ हह; जनतसनस--बदच४रद पशपओर कक; ऋतद --कसव४य;
असतद--धसतर तथ४ मसढ कजनहम ककई ज४न नहथ हह।.
यह शरशर आकखर अवयक पकक कत द४र४ उतपन ककय४ ज४त४ हह और नष हककर पपनद प४कक कतक
ततवत मम कवलशन हक ज४त४ हह। अतएवर यह सबत क४ सवरस४म४नय गपण हह। ऐसश पररकसथकतयत मम जक
धसतर हकग४ वहश इस समपकत कक अपनश हकनद क४ द४व४ करदग४ और उसद बन४यद रखतद हह ए अपनश
इचछ४ओर कक तपकष कद कलए पशपओर कक हतय४ जहसद प४पकमर करत४ रहत४ हह। कद वल मसढ हश ऐसद
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त४तपयर : न४कसतक लकग आतम४ मम कवशव४स नहथ करतद। तक भश, जब तक ककई कनषह र नहथ हक तब
तक वह पशपओर कक वयथर हतय४ कयत करदग४ ? शरशर पद४थर कद सरयकग कक अकभवयकक हह। प४रमभ मम यह
कप छ नहथ थ४ ककनतप पद४थर कद सरयकग सद इसक४ अकसततव हह आ। पपन: जब यह सरयकग कछन-कभन हकग४
तक इस शरशर क४ अकसततव नहथ रहदग४। आकद मम यह शरशर कप छ नहथ थ४ और अनत मम भश यह कप छ नहथ
रह ज४यदग४। तक कफर जब वह वयक रप मम आत४ हह, तक ककई प४पकमर कयत करद ? जब तक ककई धसतर न
असतद: --ऐसद मसखर धसतर वयकक क४; शश-मद-अनधसय-- धन तथ४ ऐशवयर कद क४रण अनध४ हह आ; द४ररदननयड मनन--गरशबश; परमनन
अजनमनन-आहखत क४ सवरतम अरजन हह, कजससद वसतपएह यथ४रप मम ददखश ज४ सकतश हह; आतम-औपमयदन--अपनद सद तपलन४
करकद ; भसत४कन--जशवत कक; दररद:--गरशब वयकक; परमनन-पसणरतय४; ईकतद--ददख सकत४ हह।.
न४कसतक मसखर तथ४ धसतर धन कद मद कद क४रण वसतपओर कक यथ४रप मम नहथ ददख प४तद।
अतएव उनहम दररद बन४न४ हश सवरतम क४जल हह, कजसद वद आहखत मम लग४ कर वसतपओर कक उनकद
व४सतकवक रप मम ददख सकतद हह। और कप छ नहथ तक, जक दररद हह, वह इसक४ तक अनपभव कर हश
सकत४ हह कक दररदत४ ककतनश दपखद हकतश हह। अतएव वह कभश नहथ च४हदग४ कक अनय लकग
उसकक तरह दपखमय कसथकत मम रहम ।
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जशवत क४ उतकरर-अपकरर पकक कत कद कनयमत द४र४ हकत४ हह ककनतप अगर ककई बहह त हश भ४गयश४लश
हकत४ हह, तक उसद स४धप कक सरगकत मम रहनद सद भकक क४ बशज कमल ज४त४ हह और उसक४ जशवन सफल हक
ज४त४ हह। न४रदमपकन दररदत४ कद म४धयम सद नलकस वर तथ४ मकणगशव कक भकक कद म४गर पर ल४न४ च४हतद थद
इसशकलए उनहम श४प कदय४। वहषणवत कक कक प४ ऐसश हश हकतश हह। वहषणव पद कक प४प ककयद कबन४ मनपषय
नदक नहथ बन सकत४। हर४वभकसय कप तक महदसयणप क: ( भ४गवत ५.१८.१२) । ककनतप अवहषणव कक ककतन४
यथ४--कजस पक४र; कणटक-कवद-अडगभद--वह पपरर कजसक४ शरशर क४हटत सद कबरध चपक४ हक; जनतकद --ऐसद पशप कक; न--नहथ;
इचछकत--च४हत४ हह; त४मनन-उस; वयथ४मनन-पशड४ कक; जशव-स४मयमनन गत:--जब वह समझ लदत४ हह कक हर एक कक दश४ एकसश
हह; कलडहद--कवशदर पक४र क४ शरशर ध४रण करनद सद; न--नहथ; तथ४--उसश तरह; अकवद-कणटक:--जक वयकक क४हटत सद नहथ
कबरध४।.
कजसकद शरशर मम क४हटद चपभ चपकद हह वह दससरत कद चदहरत कक हश ददखकर उनकक पशड४ समझ
सकत४ हह कक उनहम क४हटद चपभ रहद हह। वह यह अनपभव करतद हह ए कक यह पशड४ सबत कद कलए
एकसम४न हह, यह नहथ च४हत४ कक अनय लकग इस तरह सद कष भकगम। ककनतप कजसद कभश क४हटद गडद
हश नहथ वह इस पशड४ कक नहथ समझ सकत४।
त४तपयर : कह४वत हह कक “कजसनद गरशबश क४ कष झदल४ हह, वहश समपकत कद सपख कक भकग सकत४
हह।'” एक अनय कह४वत भश हह बनधय४ कक बपकलञबद पसव-वददन४--'' ब४हझ कय४ ज४नद पसव कक पशड४''।
व४सतकवक अनपभव ककयद कबन४ मनपषय कक इस भलकतक जगत मम दपख और सपख कक अनपभसकत नहथ हक
प४तश। पकक कत कद कनयम इसश पक४र सद क४यर करतद हह। यकद ककसश नद ककसश पशप क४ वध ककय४ हह , तक
वह उसश पशप कद द४र४ म४र४ ज४यदग४। यह म४रस कहल४त४ हह। म४मनन क४ अथर हह “मपझकक'' तथ४ सक४
अथर हह “वह।'” कजस तरह मह पशप कक ख४त४ हह ह उसश तरह वह पशप मपझकक ख४नद क४ अवसर प४यदग४।
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इसशकलए पतयदक र४ज सत४ मम हतय४ करनद व४लद कक फ४हसश ददनद क४ कवध४न हह।
दररद:--गरशब; कनर-अहमनन-सतमभ:--स४रश झसठश पकतष४ सद सवयमदव छसट ज४त४ हह; मपक:--मपक; सवर--सभश; मदहद--कमथय४
अहरक४र सद; इह--इस सरस४र मम; कक चछप मस--मपकशकल सद; यहचछय४ आणककत--भ४गयवश जक उसद प४प हकत४ हह; ततनन--वह; कह--
कनससनददह; तसथ--उसकक; परमनन--पसणर; तप:-- तपसय४।.
दररद वयकक कक सवतद तपसय४ करनश पडतश हह कयतकक उसकद प४स अपन४ कहनद कद न४म पर
ककई समपकत नहथ हकतश। इस तरह उसकक कमथय४ पकतष४ सम४प हक ज४तश हह। वह सदहव भकजन,
आशय तथ४ वस कक आवशयकत४ अनपभव करत४ रहत४ हह, अतद दहव-कक प४ सद जक भश उसद कमल
ज४त४ हह उसश सद उसद सनतपष रहन४ पडत४ हह। अकनव४यरतद इस तरह कक तपसय४ करतद रहन४ उसकद
कलए अचछ४ हह कयतकक इससद उसकक शपकद हक ज४तश हह और वह कमथय४ अहरक४र सद मपक हक ज४त४
हह।
त४तपयर : सनननत-पपरर भलकतक कमथय४ पकतष४ सद छप टक४र४ प४नद कद कलए सवदचछ४ सद गरशबश सवशक४र
कर लदत४ हह। अनदक बडद बडद र४ज४ लकग अपन४ र४जसश ठ४ट-ब४ट छकडकर वहकदक सरसकक कत कद अनपस४र
तपसय४ करनद कद कलए वन मम इसकलए चलद गयद कक वद शपद हक सकम । ककनतप जक सवदचछ४ सद ऐस४ नहथ
करत४ वह यकद दररद बन ज४त४ हह, तक सवतद तपसय४ करनद लगत४ हह | तपसय४ हर एक कद कलए शदयसकर
हह कयतकक इससद भव-बरधन सद छप टक४र४ कमल ज४त४ हह। अत: कजसद अपनश भलकतक कसथकत क४ बहह त गवर
हक तक उसकक मसखरत४ ठशक करनद कद कलए सवरतम उप४य हह कक उसद दररद बन४ कदय४ ज४य। द४ररदडय-
दकरत गपण-र४कश-न४कश--जब मनपषय दररद हकत४ हह, तक धन, कशक४ तथ४ सलनदयर मम उसक४ कमथय४
अहरक४र चसर-चसर हक ज४त४ हह। इस तरह र४ह मम ल४नद पर वह मपकक कद यकगय बन ज४त४ हह।
कनतयमस--सदहव; कपतननस-- भसख सद; क४म--कनबरल; ददहसय--शरशर क४; दररदडसथ--गरशब वयकक कद ; अन-क४कडकण:--सदहव
पय४रप भकजन कक इचछ४ रखनद व४ल४; इकनदय४कण--इकनदयत कक, कजनकक उपम४ सपर सद दश ज४तश हह; अनपशपषयकनत-- धशरद धशरद कशण
सद कशणतर हकतश ज४तश हह; कहरस४ अकप--अनयत सद ईषय४र करनद कक पवककत भश; कवकनवतरतद--कम हक ज४तश हह ।.
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दररद वयकक सदहव भसख४ रहनद और पय४रप भकजन कक च४ह करनद कद क४रण धशरद धशरद कशण
हकत४ ज४त४ हह। अकतररक बल न रहनद सद उसकक इकनदय४ह सवतद श४नत पड ज४तश हह। इसकलए दररद
मनपषय ह४कनपद ईषय४रपसणर क४यर करनद मम अशक हकत४ हह। दससरद शबदत मम, ऐसद वयकक कक उन
तपसय४ओर क४ फल सवतद प४प हक ज४त४ हह, कजसद सनत-पपरर सवदचछ४ सद करतद हह।
म४नव जशवन क४ असलश क४यर अपनद कक आतम-स४क४तक४र कद कलए सवसथ रखन४ हह। म४नव
जशवन इकनदयत कक वकथ४ हट४-कट४ बन४नद कद कलए नहथ हह, कजससद वह रकगगसत हक और लड४ई-झगडद
कक भ४वन४ लदकर ईषय४रलप बनद। ककनतप इस ककलयपग मम म४नव सभयत४ क४ इतन४ कवपथन हह आ हह कक
लकग वयथर हश अथर-कवक४स मम वककद कककद अकधक४कधक कस४ईघर, मकदर४लय तथ४ वदशय४लय खकल रहद
दररदसथ--दररद वयकक क४; एब--कनससनददह; यपजयनतद--सरलत४ सद सरगकत कर सकतद हह; स४धव:--स४धप पपरर; सम-दकशरन:--
यदकप स४धप पपरर दररद तथ४ धनश दकनत पर सम४न दकष रखनद व४लद हह ककनतप दररद वयकक उनकक सरगकत क४ ल४भ उठ४ सकतद हह ;
सदकधद--ऐसद स४धप पपररत कक सरगकत सद; ककणककत--कम करत४ हह; तमनन-- भलकतक कष कद मसल क४रण; तररमनन--भलकतक मकक
कक अकभल४र४ कक; ततद--ततपशच४तनन; आर४तनन--शशघ हश; कवशपदयकत--उसक४ भलकतक कलमर धपल ज४त४ हह।.
सनननत-पपरर दररदत कद स४थ कबन४ रककटकक कद घपलकमल सकतद हह ककनतप धनश वयककयत कद
स४थ नहथ। दररद वयकक ऐसद स४धप पपररत कक सरगकत सद तपरनत हश भलकतक इचछ४ओर सद कवमपख हक
ज४त४ हह और उसकद मन क४ स४र४ महल धपल ज४त४ हह।
त४तपयर : कह४ गय४ हह-- महकदचलनर नण४र गककहण४र दशनचदतस४मनन ( भ४गवत १०.८.४) | स४धप-पपरर
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य४ सरनय४सश क४ एकम४त क४यर हह कक वह कक षणभ४वन४मकत क४ पच४र करद। यदकप स४धप-पपरर कनधरन तथ४
धनश दकनत कक उपददश ददन४ च४हतद हह ककनतप कनधरन लकग उनकद उपददशत सद धनश लकगत कक अपदक४ अकधक
ल४भ उठ४तद हह। कनधरन वयकक स४धपओर क४ तपरनत सव४गत करत४ हह, उनहम नमसक४र करत४ हह और उनकक
उपकसथकत क४ ल४भ उठ४न४ च४हत४ हह ककनतप धनश वयकक अपनद दरव४जद पर एक बड४ कशक४रश कप त४ रखत४
हह, कजससद ककई उसकद घर मम घपस न सकद । वह दरव४जद पर ““कप तद सद स४वध४न'' कलखश तखतश ट४हग ददत४
हह और स४धप-पपररत कक सरगकत सद कतर४त४ हह, जबकक कनधरन उनकद कलए अपन४ द४र खपल४ रखत४ हह।
इस तरह कनधरन लकग धनश लकगत कक अपदक४ उनसद अकधक ल४भ उठ४तद हह। न४रद मपकन पसवरजनम मम द४सश
कद कनधरन पपत थद ककनतप सनत-पपररत कक सरगकत सद ब४द मम सवयर सपपकतकषत न४रदमपकन बन गयद। यह
उनक४ व४सतकवक अनपभव थ४। इसकलए वद अब कनधरन वयकक कक अवसथ४ कक तपलन४ धनश वयकक कक
अवसथ४ सद कर रहद हह।
सव४र पसकननन मम वशयरसरकवदक
भवकनत हतकणरस४यन४: कथ४: ।
तजकरन४द४शवपवगरवतमरकन
अद४ रकवभरककरतपककमषयकत ॥
( भ४गवत ३.२५.२५)
यकद ककसश कक सनत-पपररत कक सरगकत क४ ल४भ हक सकद तक वह उनकद उपददशत सद भलकतक
इचछ४ओर सद अकधक४कधक रकहत हक ज४त४ हह।
कक षणबकहह ख हहय४ भकग-व४जछ४ करद।
कनकटसथ म४य४ त४रद ज४पकटय४ धरद ॥
( पदमकववतर )
भलकतक जशवन क४ अथर हश हह कक कक षण कक भसल कर इकनदय-तककप कक अकधक४कधक इचछ४ करन४।
ककनतप यकद मनपषय कक सनत-पपररत कद उपददशत क४ ल४भ प४प हक ज४त४ हह और वह भलकतक इचछ४ओर कक
महत४ कक भसल ज४त४ हह, तक वह अपनद आप शपद हक ज४त४ हह। चदवकदपरणम४जरतर भवमह४द४व४ररत
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सनत-पपरर ( स४धपजन ) चलबशसत घणटद कक षण क४ कचनतन करतद रहतद हह। उनकक और ककई
रकच नहथ रहतश। तक कफर लकग ऐसद आधय४कतमक पपररत कक सरगकत कक उपदक४ करकद कनयत उन
भलकतकत४व४कदयत कक सरगकत करनद क४ पय४स करतद हह तथ४ उन अभकत कक शरण लदतद हह कजनमम
सद अकधक४रश अकभम४नश तथ४ धनश हह?
त४तपयर : स४ध वह हह, जक कवचकलत हह ए कबन४ भगवदकक मम लग४ रहत४ हह ( भजतद म४मनन
अननयभ४कन न )
“स४धप कद लकण हह--वह सभश जशवत कद पकत सकहषणप, दय४लप तथ४ कमत-भ४व रखनद व४ल४ हकत४
हह। उसक४ ककई शतप नहथ हकत४। वह श४नत रहत४ हह, श४सत क४ प४लन करत४ हह और उसकद स४रद गपण
उद४त हकतद हह। ( भ४गवत ३.२५.२१) । स४धप सबत क४ कमत हकत४ हह( सपहदद सवरददकहन४मनन ), तक कफर धनश
लकग स४धपओर कक सरगकत न करकद उन अनय धनश वयककयत कक सरगकत मम अपन४ बहह मसलय समय कनयत
गहव४तद हह, कजनहम आधय४कतमक जशवन सद कवतकषण४ हह? कनधरन तथ४ धनश दकनत हश पक४र कद लकग
कक षणभ४वन४मकत आनदकलन क४ ल४भ उठ४ सकतद हह अतद सबत कक यहश सल४ह दश ज४तश हह कक वद ऐस४
करम। कक षणभ४वन४मकत आनदकलन कद सदसयत कक सरगकत सद आन४क४नश सद ककई ल४भ नहथ हकग४। नरकतम
द४स ठ४कप र नद कह४ हह--
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यकद हम कक षणभ४वन४भ४कवत स४धपओर कक सरगकत छकडकर इकनदय-तककप मम वयसत रहनद व४लद तथ४
इसश क४यर कद कलए धन सरचय करनद व४लद लकगत सद सरगकत करमगद तक हम४र४ जशवन चलपट हक ज४यदग४।
असतनन शबद अवहषणव अथ४रतनन जक कक षण-भक नहथ हह, क४ दकतक हह तथ४ सतनन शबद वहषणव अथ४रतनन
कक षण-भक क४। मनपषय कक च४कहए कक वहषणवत कक सरगकत करद और अवहषणवत कद स४थ मदल-जकल कर
कद अपन४ जशवन बब४रद न करद। भगवदशत४ (७.१५) मम वहषणव तथ४ अवहषणब क४ अनतर बतल४य४ गय४
हह--
जक कक षण कक शरण मम नहथ गय४ वह सव४रकधक प४पश ( दपषककन तश ), धसतर ( मकढ ) तथ४ सबसद नशच
( नर४धम ) वयकक हह। अत: मनपषयत कक च४कहए कक कक षणभ४वन४मकत आनदकलन कद रप मम कवशव-भर मम
प४पय वहषणवत कक सरगकत सद कतर४यम नहथ।
ततनन--अतएव; अहमनन--मह; मतयक: --इन दकनत उनमत पपररत कद ; म४धवय४--शर४ब पशनद कद क४रण; व४रणय४--व४रणश न४मक;
शश-मद-अनधयक: --जक दहवश समपद४ सद अनधद हक चपकद हह; तम:-मदमनन--तमकगपण कद क४रण इस कमथय४ पकतष४ कक; हररषय४कम--
छशन लसहग४; सहणयक: --कसयत पर अनपरक हकनद कद क४रण; अकजत-आतमनक:--इकनदयत कक वश मम न कर प४नद कद क४रण
इसकलए यद दकनत वयकक व४रणश य४ म४धवश न४मक शर४ब पशकर तथ४ अपनश इकनदयत कक वश
मम न रख सकनद कद क४रण सवगर कद ऐशवयर-गवर सद अनधद और कसयत कद पकत अनपरक हक चपकद हह।
मह उनकक इस झसठश पकतष४ सद कवहशन कर दसहग४।
त४तपयर : जब ककई स४धप ककसश कक ड४हटत४ य४ दरड ददत४ हह, तक वह बदलद कक भ४वन४ सद ऐस४ नहथ
'करत४। मह४र४ज परशककत नद पसछ४ थ४ कक न४रदमपकन मम ककस तरह बदलद कक भ४वन४ ( तम:) उठश। ककनतप
यह तमद नहथ थ४ कनयतकक न४रदमपकन कक पसणर ज४न थ४ कक इन दकनत भ४इयत क४ कहत ककसमम हह इसकलए
उनहतनद कवच४र ककय४ कक उनहम ककस तरह म४गर पर ल४य४ ज४य। वहषणवजन अचछद वहद हकतद हह। वद ज४नतद
हह कक भवरकग सद मनपषयत कक कह सद बच४य४ ज४य। अतद वद कभश भश तमकगपणश नहथ हकतद। स गपण४ननन
समतशतयहत४ननन बहभसय४य कलपतद ( भगवदशत४ १४.२६) | वहषणवजन सद४ हश बह-पद पर कसथत हकतद
व४
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हह। वद न तक कभश ककई गलतश करतद हह, न हश भलकतक गपणत कद वशशभसत हकतद हह । पसरश तरह सकच-कवच४र
कर वद जक भश करतद हह वह सबत कक भगवद४म लद ज४नद कद कलए म४गरदशरक हकत४ हह।
यतनन--चसकह क; इमल--यद दकनत तरण ददवत४; लकक-प४लसय--मह४ननन ददवत४ कप वदर कद ; पपतल--पपत; भसतव४--हककर; तम:-पहतल--
तमकगपण मम बपरश तरह सद मग; न--नहथ; कवव४ससमनन--कबन४ ककसश वस कद , पसरश तरह नरगद; आतम४नमनन--अपनद शरशरत कक;
कवज४नशत:--ज४नतद हह ए कक नरगद हह; सप-दपमरदल--कमथय४ अहरक४र कद क४रण अतयनत पकतत; अत:--इसकलए; अहहत:--प४त हह;
सथ४वरत४मनन-वकक जहसश गकतहशनत४; सथ४त४मनन--हक ज४यम; न--नहथ; एवमनन--इस तरह; यथ४--कजस तरह; पपनद--कफर; समककतद--
य४द; सथ४तनन-बनश रहद; मतनन-पस४ददन--मदरश कक प४ सद; तत अकप--इसकद अकतररक; मतनन-अनपगह४तस- मदरद कवशदर अनपगह सद;
व४सपददवसय-- भगव४ननन क४; स४कनधयमनन-सरगकत, स४क४तक४र; लबधव४--प४प कर; कदवय-शरतनन-शतद वकतद--ददवत४ओर कद एक सल
वरर बशतनद कद ब४द; सवलककत४मनन--सवगरलकक मम रहनद कक इचछ४; भसय:--पपनद; लबध-भकक-- अपनश भकक कक पपनद प४प
करकद ; भकवषयत: --हक जकयमगद।.
यद दकनत यपवक, नलकस बर तथ४ मकणगशव, भ४गयवश मह४ननन ददवत४ कप वदर कद पपत हह ककनतप
कमथय४ पकतष४ तथ४ शर४ब पशनद सद उतपन उनमतत४ कद क४रण यद इतनद पकतत हक चपकद हह कक नरगद
हककर भश यह नहथ समझ प४ रहद कक वद नरगद हह। अतद वककत कक तरह रहनद व४लद ( वकक नरगद हकतद हह
ककनतप चदतन नहथ हकतद ) इन दकनत यपवकत कक वककत क४ शरशर कमलन४ च४कहए। यहश इनकद कलए
समपकचत दणड हकग४। कफर भश वकक बननद सद लदकर अपनद उद४र कद समय तक इनहम मदरश कक प४ सद
अपनद कवगत प४पकमर कक य४द बनश रहदगश। यहश नहथ, मदरश कवशदर कक प४ सद, ददवत४ओर कद सल वरर
बशतनद कद ब४द यद भगव४ननन व४सपददव क४ दशरन कर सकम गद और भकत कद रप मम अपन४ असलश
सवरप प४प कर सकम गद।
त४तपयर : वकक मम चदतन४ नहथ हकतश कयतकक जब क४ट४ ज४त४ हह, तक उसद पशड४ क४ अनपभव नहथ
हकत४। परनतप न४रदमपकन च४हतद थद कक नलकस वर तथ४ मकणगशव कक चदतन४ (समककत) बनश रहद कजससद वकक-
जशवन सद मपकक प४नद कद ब४द भश वद उस पररकसथकत कक न भसल सकम कजसकद क४रण उनहम दकणडत हकन४
पड४ थ४। अत: उन पर कवशदर कक प४ करनद कद कलए न४रदमपकन नद ऐस४ ककय४ कक मपक हकनद कद ब४द वद
वकनद४वन मम कक षण क४ दशरन कर सकम और अपनश सपप भकक कक कफर सद प४प कर सकम ।
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सवगरलकक क४ एक कदन हम४रद छह महशनत कद बर४बर हकत४ हह। यदकप सवगर कद ददवत४ भकगश हह
ककनतप वद सब भक हह इसशकलए ददवत४ कहल४तद हह। वयकक दक पक४र कद हकतद हह--ददव तथ४ असपर।
असपरगण कक षण कद स४थ अपनद समबनध कक भसल ज४तद हह ( आसपरर भ४वम४कशत४:) ककनतप ददवत४ नहथ
भसलतद।
( पद पपर४ण )
शपद भक तथ४ कमरकमश भक क४ अनतर इस पक४र हह-शपद भक भलकतक भकग कद कलए ककसश
वसतप कक क४मन४ नहथ करत४ जबकक कमरकमश भक इस जगत क४ सवरपरर भकक४ बननद कद कलए भक
बनत४ हह। भगव४ननन कक भकक कद क४रण पतयक समपकर मम रहनद सद भक शपद तथ४ भलकतक इचछ४ओर सद
अकलपकरत रहत४ हह ( अनय४कभल४कपत४ शसनयर ज४नकम४रचन४वकतमनन ) ।
कमरकमश भकक सद मनपषय सवगरलकक ज४त४ हह, ज४नकमश भकक सद बहतदज कक प४प हकत४ हह और
यकगकमश भकक सद वह भगव४ननन कक सवरशककमत४ सद पररकचत हकत४ हह। ककनतप शपद भकक कमर , ज४न य४
यकग पर आकशत नहथ रहतश कयतकक यह एकम४त पदम-वय४प४र सद यपक हकतश हह। इसकलए भक कक मपकक
म४त मपकक नहथ अकपतप कवगपकक कहल४तश हह और प४हचत पक४र कक मपककयत-स४यपजय, स४रपय,
स४लककय, स४कपट तथ४ स४मशषय कक प४र कर ज४तश हह। शपद भक सदहव शपद सदव४ मम अपनद कक लग४त४ हह
( आजपकसलयदन कक षण४नपशशलनर भककरतम४ ) | ददवत४ कद रप मम सवगर मम जनम लदनद सद अकधक४कधक शपद
भक बननद क४ तथ४ भगवद४म ज४नद क४ अवसर प४प हकत४ हह। न४रदमपकन नद पक४र४नतर सद मकणगशव तथ४
शशशपक उब४च
एवमपकतव४ स ददवकरनरगतक न४र४यण४ शममनन ।
नलकस वरमकणगशव४व४सतपयरमल४जपरनश ॥ २३॥
शश-शपकद उब४च-- शशशपकददव गकसव४मश नद कह४; एवमनन उकतव४--ऐस४ कह कर; सद--वह; ददवकरर:--परम सनत-पपरर न४रद;
गतद--वह४ह सद चल४ गय४; न४र४यण-आशममनन--अपनद आशम, कजसद न४र४यण-आ शम कहतद हह; नलकस बर--नलकस वर;
मकणगशवल--तथ४ मकणगशव; आसतप:--वह४ह रह रहद; यमल-अजपरनल--जपडव४ह अजपरन वकक बननद कद कलए।.
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शपकददव गकसव४मश नद आगद कह४ : इस तरह कह कर ददवकरर न४रद अपनद आशम, न४र४यण-
आशम कक ललट गयद और नलकस वर तथ४ मकणगशव जपडव४ह अजपरन वकक ( यमल४जपरन ) बन गयद।
त४तपयर : आज भश अनदक जरगलत मम अजपरन वकक प४यद ज४तद हह कजनकक छ४ल हदय-वयथ४ हकनद पर
ड४कटरत द४र४ दव४ई तहय४र करनद कद क४म आतश हह। इसक४ अथर यह हह आ कक वकक हकनद पर भश
कचककतस४-कवज४न कद कलए छ४ल कनक४लनद पर उनहम सत४य४ ज४त४ हह।
ऋरद:--ऋकर न४रद क४; भ४गवत-मपखयसय--भकत मम पमपख; सतयमस--सतय, सहश; कतपरमनन-कसद करनद कद कलए; वचद--शबद;
हररद--भगव४ननन कक षण; जग४म--गयद; शनकह :--धशरद-धशरद; तत--वह४ह; यत--जह४ह; आसत४मनन-- थद; यमल-अजपनर ल-दकनत अजपरन
वकक
सवरच भक न४रद कद बचनत कक सतय बन४नद कद कलए भगव४ननन शशकक षण धशरद धशरद उस सथ४न
पर गयद जह४ह दकनत अजपरन वकक खडद थद।
ददवकरर:--परम सनत ददवकरर न४रद; मद--मदर४; कपय-तम: --सव४रकधक कपय भक; यतनन--यदकप; इमल--यद दकनत ( नलकस वर तथ४
मकणगशव ); धनद-आतमजल-- धनश कपत४ कक सननतन ४न तथ४ अभक; ततनन-ददवकरर कद वचन; तथ४--कजस पक४र; स४धकयषय४कम--
समपन करहग४ ( वद च४हतद थद कक मह यमल४जपरन कद समक आऊह तक मह ऐस४ हश करहग४ ); यतनन गशतमनन--जहस४ कह४ ज४ चपक४ हह;
ततनन--वहस४; मह४तमन४--न४रदमपकन द४र४ |.
“यदकप यद दकनत यपवक अतयनत धनश कप वदर कद पपत हह और उनसद मदर४ ककई समबनध नहथ हह
परनतप ददवकरर न४रद मदर४ अतयनत कपय तथ४ वतसल भक हह और कयतकक उसनद च४ह४ थ४ कक मह इनकद
समक आऊह अतएव इनकक मपकक कद कलए मपझद ऐस४ करन४ च४कहए।''
पतयक दशरन करम अतएव भगव४ननन नद अपनद कपय भक न४रदमपकन कद वचनत कक पसर४ करन४ च४ह४। यकद
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( आदश गपव४रशयद ) ।
इकत--ऐस४ कनशचय करकद ; अनतरदण--बशच मम; अजपरनयक: --दकनत अजपरन वककत कद ; कक षण: तप-- भगव४ननन कक षण; यमयक: ययल--
दकनत वककत कद बशच पकवष हह ए; आतम-कनवरश-म४तदण --घपसतद हश; कतयरकनन--कतरछश; गतमनन--हक गई; उलसखलमनन--ओखलश।.
इस तरह कह कर कक षण तपरनत हश दक अजपरन वककत कद बशच पकवष हह ए कजससद वह बडश
अपनद पदट सद बहधश ओखलश कक बलपसवरक अपनद पशछद घसशटतद हह ए ब४लक कक षण नद दकनत
वककत कक उख४ड कदय४। परम पपरर कक मह४ननन शकक सद दकनत वकक अपनद तनत, पतत तथ४ टहकनयत
समदत बपरश तरह सद कहलद और तडतड४तद हहए भसकम पर कगर पडद।
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तत--वह४ह, जह४ह अजपरन वकक कगरद थद; कअडय४--सज४यश गयश; परमय४--अतयकधक; ककप भद--स४रश कदश४एह; सफप रनतल--तदज सद
पक४कशत; कसदल--दक कसद पपरर; उपदतय--कनकल कर; कप जयक:--दकनत वककत कद बशच सद; इब--सहश; ज४त-बदद४:--स४क४तनन
अकग; कक षणमनन-- भगव४ननन कक षण कक; पणमय--पण४म करकद ; कशरस४--कसर कद बल; अकखल-लकक-न४थमनन-परम पपरर कक,
जक सबत कद सव४मश हह; बद-अजलश --ह४थ जकडद हहए; कवरजसल--तमकगपण धपल ज४नद पर; इकदमनन--यह; ऊचतप: सम--कह४ |.
ततपशच४तनन कजस सथ४न पर दकनत अजपरन वकक कगरद थद वहथ पर दकनत वककत सद दक मह४ननन कसद
पपरर, जक स४क४तनन अकग जहसद लग रहद थद, ब४हर कनकल आयद। उनकद सलनदयर क४ तदज च४रत ओर
पक४कशत हक रह४ थ४। उनहतनद नतमसतक हककर कक षण कक नमसक४र ककय४ और ह४थ जकड कर
कनमनकलकखत शबद कहद।
कक षण कक षण--हद कक षण, हद कक षण; मह४-यककगननन--हद यकगदशवर; तवमनन--तपम; आद:--मसल क४रण; पपरर:--परम पपरर; पर:--इस
सककष सद परद; वयक-अवयकमनन--यह कवर४ट जगत जक क४यर-क४रण अथव४ सथसल-ससकम रपत सद बन४ हह; इदमननस--यह; कवशवमनन--
स४र४ जगत; रपमनन--रप; तद--तपमह४र४; ब४हण४:--कवद४न ब४हण; कवदप:-- ज४नतद हह।.
त४तपयर : नलकस बर तथ४ मकणगशव न४मक दकनत ददवत४ अपनश कनरनतर समककत कद क४रण न४रद कक
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न४रदमपकन कद आशशव४रद सद हम४र४ उद४र हक। अतद आप परम यकगश हह। आप भसत, वतरम४न तथ४
भकवषय--सबकद ज४ननद व४लद हह। आपनद ऐसश सपनदर यकजन४ बन४ई थश कक यदकप हम यह४ह पर जपडव४ह
अजपरन वकक कद रप मम खडद रहद ककनतप हम४रद उद४र कद कलए छकटद ब४लक कद रप मम आप पकट हह ए हह।
यह आपकक हश अकचनतय यकजन४ थश। आप परम पपरर हकनद कद क४रण कप छ भश कर सकतद हह।'!
इकनदय४ह हह। आप परम पपरर, अकय कनयनत४ कवषणप हह। आप क४ल, त४तक४कलक क४रण और तशन
गपणत--सतक, रजक तथ४ तमक गपणत--व४लश भलकतक पकक कत हह। आप इस भलकतक जगत कद आकद
क४रण हह। आप परम४तम४ हह। अतएव आप हर एक जशव कद हदय कक ब४त कक ज४ननद व४लद हह।
त४तपयर : शशप४द मधव४च४यर नद व४मन पपर४ण सद कनमनकलकखत शलकक उदतक ककय४ हह--
रपयतव४तनन दप जगदनन रपर कवषणक: स४क४तनन सपख४तमकमनन।
गकहम४णहद --दशय हकनद कद क४रण पकक कत सद बनद शरशर कक सवशक४र करनद सद; तवमस-- आप; अग४ह:--पकक कत सद कनकमरत शरशर मम
हश सशकमत न रह कर; कवक४रह:--मन द४र४ कवचकलत; प४कक तहद गपणह:-- पकक कत कद गपणत द४र४ ( सतव गपण, रजकगपण तथ४ तमक
गपण ); कद--कलन हह; नप-- उसकद ब४द; इह--इस जगत मम; अहरकत--यकगय हकत४ हह; कवज४तपमस--ज४ननद कद कलए; प४कन न
कसदमनन--सककष कद पसवर उपकसथत; गपण-सरवतक :--भलकतक गपणत सद आचछन हकनद कद क४रण |.
हद पभप, आप सककष कद पसवर सद कवदम४न हह। अतद इस जगत मम भलकतक गपणत व४लद शरशर मम
बनदश रहनद व४ल४ ऐस४ कलन हह, जक आपकक समझ सकद ?
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कक षण कद न४म, गपण तथ४ रप परम सतय हह, जक सककष कद प४रमभ सद कवदम४न हह। अत: जक सककजत
ककयद गयद हह--जक भलकतक ततवत सद बनद शरशरत मम बनदश हह--भल४ वद कक षण कक ककस तरह भलशभ४हकत
समझ सकतद हह ? ऐस४ समभव नहथ। ककनतप, सदवकनयपखद कह कजलन४दस सवयमदव सफप रतयद:--जक भकक मम
लगद हह उनकद समक कक षण पकट हकतद हह । इसकक पपकष भगवदशत४ (१८.१५) मम भश सवयर भगव४ननन नद
कक हह-- भकतय४ म४मकभज४न४कत। कभश कभश शशमद४गवत मम कदयद गयद कक षण कवरयक कववरणत क४ मनद
बपकद व४लद अलपज लकग गलत अथर लग४तद हह। अतद उनहम ज४ननद क४ सवरतम उप४य हह कक शपद भकक मम
पवकत हह आ ज४य। भकक मम जक कजतनश पगकत करत४ हह, वह उनहम यथ४थर रप मम उतन४ हश अकधक समझ
सकत४ हह। यकद भलकतक पद सद कक षण कक समझ४ ज४ सकत४ तक कयतकक कक षण४ हश सबकप छ हह (सवर खलप
इदर बह) इस सरस४र कक ककसश भश वसतप कक ददखकर कक षण कक समझ४ ज४ सकत४ थ४। ककनतप ऐस४
समभव नहथ हह।
( भगवदशत४ ८.४)
तसमह--उसकक; तपभयमस--आपकक; भगवतद-- भगव४ननन कक; व४सपदवद ४य--सरकररण, पदपमम तथ४ अकनरद कद उदम व४सपददव कक;
वदधसद-- सककष कद उदम कक; आतम-हकत-गपणहद छन-मकहमनद--आपकक, कजसक४ यश अपनश हश शकक सद आचछ४कदत हह;
बहणद--परबह कक; नम: --हम४र४ नमसक४र।.
अपनश हश शकक सद आचछ४कदत मकहम४ व४लद हद पभप, आप भगव४ननन हह। आप सककष कद उदम,
सरकररण, हह और चतपवयसहर कद उदम, व४सपदवद , हह। आप सवरसव हकनद सद परबह हह अतएव हम
आपकक स४दर नमसक४र करतद हह।
त४तपयर : कक षण कक कवसत४र सद ज४ननद क४ पय४स करनद कक अपदक४ शदयसकर यहश हकग४ कक हम उनहम
स४दर नमसक४र करम कनयतकक वद हर वसतप कद उदम हह और सवरसव हह। चसहकक हम पकक कत कद गपणत सद
पचछन हह अतएव जब तक वद हम४रद समक पकट न हत तब तक हम४रद कलए उनहम समझ प४न४ अतयनत
ककठन हह। इसकलए यह सवशक४र करन४ शदयसकर हह कक वद हश सवरसव हह और हम उनकद चरणकमलत मम
नमसक४र करम।
तहसतहरतपलय४कतशयहववशयदरकहषवसडतह: ॥ ३४॥
यसय--कजसक४; अवत४र४:--कवकभन अवत४र यथ४ मतसय, कस मर, वर४ह; ज४यनतद--ककलपत ककयद ज४तद हह; शरशरदरप--कभन कभन
पक४र सद दशय कवकभन शरशरत मम; अशरशररण: --स४म४नय शरशर नहथ अकपतप कदवय हह; तहद तहद--उनहथ उनहथ कमर द४र४; अतपलय--
अतपलनशय; अकत-शयह:--असशम; वशयर:--बल द४र४; ददकहरप--शरशरध४ररयत द४र४; असडतहद --कवकभन अवत४रत मम जक क४यर कर
प४न४ असमभव हह; सद--वहश परमदशवर; भव४नननस-- आप; सवर-लककसथ--हर एक कक; भव४य--उनकत कद कलए; कवभव४य--मपकक
कद कलए; च--तथ४; अवतशणर: --अवतररत हह ए हह; अरश-भ४गदन--अरश समदत पसणर शकक मम; स४मपतमनन--इस कण; पकत:
आकशर४मनन--आप समसत शपभ कद सव४मश भगव४ननन हह।.
आप मतसय, कस मर, वर४ह जहसद शरशरत मम पकट हककर ऐसद प४कणयत द४र४ समपन न हक सकनद
व४लद क४यरकल४प--अस४म४नय, अतपलनशय, असशम शकक व४लद कदवय क४यर--पदकशरत करतद हह।
अतएव आपकद यद शरशर भलकतक ततवत सद नहथ बनद हकतद अकपतप आपकद अवत४र हकतद हह। आप वहश
भगव४ननन हह, जक अब अपनश पसणर शकक कद स४थ इस जगत कद स४रद जशवत कद ल४भ कद कलए पकट
हह ए हह।
जब असलश आधय४कतमक जशवन क४ ह४स हकत४ हह और जब सरस४र मम उतप४त मच४नद कद कलए धसतर
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तथ४ चकरत कक वककद हकतश हह, तक कक षण पकट हकतद हह। अभ४गद, अलपज, भककहशन लकग भगव४ननन कद
क४यरकल४पत कक नहथ समझ सकतद अत: ऐसद वयकक ऐसद क४यर कक कलपन४ बतल४तद हह कनयतकक वद धसतर
तथ४ अधम हकतद हह (न म४र दपषकक कतनत मकढम: पपदनतद नर४धम४:) | ऐसद लकग यह नहथ समझ प४तद कक
पपर४णत तथ४ अनय श४सत मम वय४सददव नद कजन घटन४ओर क४ वणरन ककय४ हह वद क४लपकनक नहथ अकपतप
यथ४थर हह।
कक षण अपनश असशमपसणर शकक सद पदकशरत करतद हह कक वद भगव४ननन हह कयतकक दकनत वकक इतनद
कवश४ल तथ४ सपदढ थद कक कई ह४थश कमल कर भश उनहम कहल४ नहथ सकतद थद। पर ब४लकरप कक षण नद
ऐसश अस४म४नय शकक कदखल४ई कक वद धम४कद कद स४थ भसकम पर कगर पडद। प४रमभ सद हश पसतन४,
शकट४सपर तथ४ तकण४वतर कक म४र कर, वककत कक कगर४कर तथ४ अपनद मपख कद भशतर समपसणर बह४णड
कदखल४कर कक षण नद कसद कर कदय४ थ४ कक वद भगव४ननन हह। प४पकमर कद क४रण अधम४धम ( मसढ ) इसद
नहथ समझ सकत४ ककनतप भकगण इसद ककसश शरक४ कद कबन४ सवशक४र कर लदतद हह। इस तरह भक क४
नमद--हम नमसक४र करतद हह; परम-कलय४ण--आप परम कलय४ण हह; नम:--हम४र४ आपकक नमसक४र; परम-मडल--आप जक
भश करतद हह वह उतम हह; व४सपददव४य--व४सपददव कक; श४नत४य--अतयनत श४नत कक; यदसन४मननस--यदपवशर कद ; पतयद--कनयनत४ कक;
नमद--हम४र४ नमसक४र हह।.
हद परम कलय४ण, हम आपकक स४दर नमसक४र करतद हह कयतकक आप परम शपभ हह। हद यदपबरश
कद पकसद वरशज तथ४ कनयनत४, हद वसपददव-पपत, हद परम श४नत, हम आपकद चरणकमलत मम स४दर
नमसक४र करतद हह।
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अनपज४नशकह नल भसमरसतव४नपचरककडजसरल ।
दशरन नल भगवत ऋरदर४सशदनपगह४तनन ॥ ३७॥
अनपज४नशकह--आप अनपमकत दम; नल--हमम; भसमननन--हद कवर४ट रप; तव अनपचर-ककडरल--हम आपकद कवशवसत भक न४रदमपकन कद
द४स हह; दशरनमनन-स४क४तनन ददखनद कद कलए; नल--हम४र४; भगवत: --आपक४; ऋरद: --न४रद ऋकर क४; आसशतनन-- थ४ ( श४प कद
रप मम ); अनपगह४तनन- कक प४ सद |.
हद परम रप, हम सदहव आपकद द४सत कद , कवशदर रप सद न४रदमपकन कद द४स हह। अब आप हमम
त४तपयर : भक क४ आशशव४रद प४यद कबन४ मनपषय कक अनपभसकत नहथ हक प४तश कक कक षण भगव४ननन हह।
मनपषय४ण४र सहसनदरप. ककशचद यतकत कसदयद। भगवदशत४ कद इस शलकक (७.३) कद अनपस४र, ऐसद अनदक
कसद य४ यकगश हह, जक कक षण कक नहथ समझ प४तद। उलटद वद उनक४ गलत अथर लग४तद हह। ककनतप यकद न४रद
कक परमपर४ सद चलद आ रहद ( सवयमधसन४ररद: शमभप:) भक कक शरण गहण कक ज४य तक यह समझ मम आ
सकत४ हह कक कलन वयकक भगव४ननन क४ अवत४र हह। इस यपग मम अनदक छद अवत४र इसकलए कवज४कपत
ककयद ज४तद हह कक वद कप छ ज४दसगरश कदखल४ चपकद हह ककनतप न४रद कद द४सत तथ४ कक षण कद अनय द४सत कद
अकतररक अनय ककई भश यह नहथ समझ सकत४ कक कलन ईशवर हह और कलन नहथ हह। इसकक पपकष
नरकतम द४स ठ४कप र नद कक हह। छ४कडय४ वहषणवसदव४ कनसननत४र प४यदछद कद ब४--जब तक ककसश वहषणव कक
कक प४ नहथ हकतश तब तक जशवन कद भलकतक बकध सद ककई छप टक४र४ नहथ प४त४। अनय लकग न तक कलपन४
सद न हश श४रशररक य४ म४नकसक आसनत सद कभश समझ सकम गद।
व४णश--शबद, बकलनद कक शकक; गपण-अनपक थनद--सदहव आपकक लशल४ओर कद कवरय मम ब४तम करनद मम वयसत; शवणल--क४न;
'कथ४य४मनन--आपकक तथ४ आपकक लशल४ओर कद कवरय मम ब४तम करनद मम; हसतल--ह४थ, पहर तथ४ अनय इकनदय४ह; च-- भश; कमरसप--
आपक४ आददश प४लन करनद मम लग४कर; मन: --मन; तब-- आपक४; प४दयक: --चरणकमलत क४; न: --हम४रश; समकतय४मनन--
धय४न मम लगश समककत मम; कशर:--कसर; तब--आपक४; कनव४स-जगतनन-पण४मद--चसकह क आप सवरवय४पश हह और सवरसव हह तथ४ हम४रद
श४
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कसरत कक नत हकन४ च४कहए, भकग कद कलए नहथ; दकष:--ददखनद कक शकक; सत४मनन--वहषणवत कद ; दशरनद--दशरन करनद मम ; असतप--
इसश तरह लगद रहम; भवतनन-तनसन४मस--जक आपसद अकभन हह।.
अब सद हम४रद सभश शबद आपकक लशल४ओर क४ वणरन करम, हम४रद क४न आपकक मकहम४ क४
शवण करम, हम४रद ह४थ, प४हव तथ४ अनय इकनदय४ह आपकक पसन करनद कद क४यर मम लगम तथ४ हम४रद
मन सदहव आपकद चरणकमलत क४ कचनतन करम। हम४रद कसर इस सरस४र कक हर वसतप कक नमसक४र
करम कयतकक स४रश वसतपएह आपकद हश कवकभन रप हह और हम४रश आहखम आपसद अकभन वहषणवत कद
रपत क४ दशरन करम।
( भ४गवत ७.५.२३)
हर वसतप कक भगव४ननन कक सदव४ मम लग४न४ च४कहए। हरशकद ण हरशकद शसदवनर भककरचयतद (न४रद
पदचर४त)। भगव४ननन कक षण कक सदव४ मम हर वसतप कक-मन, शरशर तथ४ स४रश इकनदयत कक--लग४न४
च४कहए। इसद न४रद, सवयमभस तथ४ शमभप जहसद दक भकत सद सशखन४ हकग४। यहश कवकध हह। हम भगव४ननन
कक समझनद कक अपनश कवकध नहथ गढ सकतद कयतकक ऐस४ नहथ हह कक हम जक भश कलपन४ कर लम य४
मन सद गढ लम उससद भगव४ननन क४ ज४न हक ज४यदग४। ऐस४ कवच४र-- यत मत, वत पथ--मसखरत४पसणर हकत४
हह। कक षण कहतद हह-- भकतय४हमदकय४ ग४हद--कद वल भकक कद क४यर द४र४ मपझद समझ४ ज४ सकत४ हह
( भ४गवत ११.१४.२१) | यह आजपकसलयदन कक षण४नपशशलनमनन अथ४रतनन भगव४ननन कक सदव४ मम अनपकसल भ४व सद
शशशपक उव४च
इतथर सडजशकततसत४भय४र भगव४नगककप लदशवर: ।
द४मन४ चकलसखलद बदद पहसन४ह गपहदकल ॥३९॥
शश-शपक: उब४च-- शशशपकददव गकसव४मश नद कह४; इतथमनन--इस पक४र, जहस४कक पहलद कह४ ज४ चपक४ हह; सडशकतरत:--मकहम४ क४
ग४यन ककयद ज४नद तथ४ पशरकसत हकनद पर; त४भय४मनन-दकनत ददवत४ओर द४र४; भगव४नननस-- भगव४ननन; गककप ल-ई शवरद --गक कप ल कद सव४मश
( कयतकक वद सवर-लकक-महदशवर हह ); द४मत४--रससश सद; च-- भश; उलसखलद--ओखलश मम; बद:--बहधद हह ए; पहसननन--हहसतद हह ए;
आह--कह४; गपहन४कल--दकनत ददवत४ओर सद ।.
शपकददव गकसव४मश नद आगद कह४ : इस तरह दकनत ददवत४ओर नद भगव४ननन कक सतपकत कक। यदकप
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भगव४ननन कक षण सबत कद सव४मश हह और गककप लदशवर थद ककनतप वद गककपयत कक रकससयत द४र४ लकडश
कक ओखलश सद ब४हध कदयद गयद थद इसकलए उनहतनद हहसतद हह ए कप बदर कद पपतत सद यद शबद कहद।
त४तपयर : कक षण इसकलए मपसक४ रहद थद कनयतकक वद सकच रहद थद, “यद दकनत यपव४ ददवत४ सवगरलकक सद
इस लकक मम कगरद हह और यदकप दशघरक४ल सद वककत कद रप मम खडद इन दकनत कक महनद बनधन सद छप टक४र४
कदल४ कदय४ हह ककनतप मह सवयर गककपयत कक रकससयत सद बहध४ हह आ हह ह और उनकक ड४हटद सह रह४ हह।ह '' दससरद
शबदत मम, कक षण शपद पदमवश जक भक द४र४ कई कवकधयत सद पशरसनशय हह, गककपयत द४र४ ड४हटद तथ४ ब४हधद
ज४नद कक अरगशक४र करतद हह।
शशभगव४नपबव४च
ज४तर मम पपरहवहतटकरण४ करण४तमन४ ।
यचछशमद४नधयकरव४कगभकवरशशक5 नपगह: कक त: ॥ ४०॥
शश-भगव४ननन उब४च-- शश भगव४ननन नद कह४; ज४तमनन-ज४त हह; मम--मपझकक; पपर४-- भसतक४ल मम; एब--कनससनददह; एततनन--यह
घटन४; ऋकरण४--न४रद ऋकर सद; करण४-आतमन४--तपम पर अतयकधक कक प४लप हकनद कद क४रण; यतनन--जक; शश-मद-अनधयक:--
जक भलकतक ऐशवयर कद पशछद उनमत हक चपकद थद फलत: अरधद बन गयद थद; व४कगभ:--व४णश सद य४ श४प सद; कवभमश:--सवगरलकक सद
कगर कर यह४ह पर अजपरन वकक बननद कद कलए; अनपगह: कक त:--तपम पर उनहतनद बहह त अनपगह ककय४ हह।.
भगव४ननन नद कह४ : परम सनत न४रदमपकन अतयनत कक प४लप हह। उनहतनद अपनद श४प सद तपम दकनत पर
बहह त बड४ अनपगह ककय४ हह कयतकक तपम दकनत भलकतक ऐशवयर कद पशछद उनमत हककर अनधद बन
चपकद थद। यदकप तपम दकनत सवगरलकक सद कगर कर वकक बनद थद ककनतप उनहतनद तपम दकनत पर सव४रकधक
कक प४ कक। मह प४रमभ सद हश इन घटन४ओर कक ज४नत४ थ४।
त४तपयर : अब भगव४ननन द४र४ इसकक पपकष हक ज४तश हह कक भक क४ श४प अनपगह भश म४न४ ज४त४ हह।
कजस तरह कक षण अथ४रतनन ईशवर सवरमरगल रप हह उसश तरह वहषणव भश हकत४ हह। वह जक भश करत४ हह , वह
स४धसन४मनन--स४रद भकत क४; सम-कचत४न४मनन--जक हर एक कद पकत समभ४व रखतद हह; सपतर४मनन--पसणरतय४; मतनन-कक त-आतमन४मनन--
उन वयककयत क४ जक पसणर शरण४गत हह य४ मदरश सदव४ करनद कद कलए कक तसरकलप हह; दशरन४तननस--म४त दशरन करनद सद; नक भवदतनन
बनधद--स४रद भलकतक बनधन सद मपकक; पपरसद--वयकक क४; अकणक:--आहखत क४; सकवतप: यथ४--म४नक ससयर कद समक हक |.
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जब ककई वयकक ससयर कद समक हकत४ हह, तक उसकक आहखत मम अहधदर४ नहथ रह ज४त४। इसश तरह
जब ककई वयकक ऐसद स४धप य४ भक कद समक हकत४ हह, जक पसणरतय४ हढ तथ४ भगव४ननन कद
शरण४गत हकत४ हह, तक उसक४ भव-बनधन छसट ज४त४ हह।
यकद सरयकगवश ककसश कक स४धप अथ४रतनन भक सद भमट हक ज४तश हह, तक उसक४ जशवन ततकण सफल
हक ज४त४ हह और वह भव-बनधन सद छसट ज४त४ हह। यह तकर ककय४ ज४ सकत४ हह कक जह४ह एक वयकक
स४धप क४ अतयकधक आदर करत४ हह, वह४ह दससर४ वयकक स४धप क४ उतन४ आदर नहथ कर प४त४। ककनतप
स४धप हर वयकक पर सम-दकष रखत४ हह। शपद भक हकनद सद स४धप सदहव भददभ४व भसल कर कक षणभ४वन४मकत
पद४न करनद कद कलए उदत रहत४ हह। स४धप क४ दशरन करनद सद हश मनपषय मपक हक ज४त४ हह। तक भश जक
लकग अतयकधक अपर४धश हह, जक वहषणव अपर४ध करतद हह य४ स४धप अपर४ध करतद हह, उनहम सपधरनद मम कप छ
ततनन गचछतमनन--अब तपम दकनत ज४ सकतद हक; मतनन-परमल--मपझद अपनद जशवन क४ परम लकय म४न कर; नलकस बर--हद नलकस वर
तथ४ मकणगशव; स४दनमनन--अपनद घर; सज४त: --समपकक; मकय--मपझमम; भ४व:--भकक; व४मनन--तपमह४रद द४र४; ईकपसत:द--
अकभलकरत; परम:--सवरच, स४रश इकनदयत सद सदहव सरलग; अभव:--कजससद जगत मम आन४ न हक।.
हह नलकस वर तथ४ मकणगशव, अब तपम दकनत अपनद घर व४पस ज४ सकतद हक। चसकह क तपम मदरश
भकक मम सदहव लशन रहन४ च४हतद हक अतद मदरद पकत पदम उतपन करनद कक तपम दकनत कक इचछ४ पसरश
हकगश और अब तपम उस पद सद कभश भश नशचद नहथ कगरकगद।
त४तपयर : जशवन कक सवरच कसकद हह भकक-पद कक प४प करन४ और भकक क४यर मम सदहव लगद
रहन४। ऐस४ ज४न कर हश नलकस वर तथ४ मकणगशव नद उस पद कक प४प करन४ च४ह४ और भगव४ननन नद
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शशशपक उव४च
इतयपकल तल पररकमय पणमय च पपन: पपनद ।
बदकलसखलम४मनतय जममतपकदरशमपतर४मनन ॥ ४३॥
शश-शपकद उव४च-- शशशपकददव गकसव४मश नद कह४; इकत उकल--इस तरह भगव४ननन द४र४ आददश कदयद ज४नद पर; तल--नलकस वर तथ४
मकणगशव; पररकमय--पररकम४ करकद ; पणमय--नमसक४र करकद ; च--भश; पपन: पपनद--कफर कफर, ब४रमब४र; बद-उलसखलमनन
आमनतय-- ओखलश सद बहधद भगव४ननन सद अनपमकत लदकर; जगमतप:--कवद४ हक गयद; कदशमनन उतर४मननस--अपनद अपनद गनतवयत कक |.
शपकददव गकसव४मश नद कह४ : इस पक४र कहद ज४नद पर, उन दकनत ददवत४ओर नद लकडश कक
ओखलश सद बहधद भगव४ननन कक पररकम४ कक और उनकक नमसक४र ककय४। भगव४ननन कक षण सद
अनपमकत लदनद कद ब४द वद अपनद अपनद ध४मत कक व४पस चलद गयद।
इस पक४र शशमदभ४गवत कद दशम सकनध कद अनतगरत “यमल४जपरन वककत क४ उद४र '” न४मक दसवम
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(190 ९ 7 गय४रह
कक षण कक ब४ल-लशल४एह
इस अधय४य मम बतल४य४ गय४ हह कक ककस तरह गककप लव४सश गककप ल छकड कर वकनद४वन चलद गयद
और ककस तरह कक षण नद वतस४सपर तथ४ बक४सपर क४ वध ककय४।
जब यमल अजपरन वकक धमम सद कगरद तक वजप४त कक भ४हकत जकरद४र शकर हह आ। चककत हह ए कक षण कद
कपत४ ननननद तथ४ गककप ल कद अनय वकद कनव४सश उस सथ४न पर गयद जह४ह उनहतनद वककत कक कगरद हह ए तथ४
लकडश कक उलसखल सद बहधद कक षण कक उनकद बशच खड४ प४य४। उनहम वककत कद कगरनद तथ४ वह४ह पर कक षण
कद हकनद क४ ककई क४रण नहथ कदख४। उनहतनद सकच४ कक यह ककसश अनय असपर कक करतसत हक सकतश हह ,
जक कक षण सद वह४ह पर कमल४ हकग४। उनहतनद कक षण कद सरकगयत सद पसछ४ कक यह घटन४ ककस तरह घटश ?
ब४लकत नद पसरश घटन४ ठशक तरह कह सपन४ई ककनतप वकदजनत कक इस कथ४ पर कवशव४स नहथ हह आ। कप छ
लकगत नद सकच४ कक यह घटन४ सच हक सकतश हह कयतकक इसकद पसवर वद कक षण कद स४थ अनदक अदपत
घटन४एह ददख चपकद थद। खहर, ननननद मह४र४ज नद तपरनत हश कक षण कक रकससय४ह खकल दथ।
कलए एक सद एक अदपत घटन४ओर क४ पदशरन करतद रहद कजससद उनकक आशचयर तथ४ हरर क४ अनपभव
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ततपशच४तनन स४रद गकपत नद गककप ल छकडनद क४ कनशचय कर कलय४ कनयतकक उनहतनद ददख४ कक गककप ल मम
कनतय हश उपदव हकतद रहतद थद। उनहतनद वकनद४वन अथव४ बजध४म ज४नद क४ कनशचय ककय४ और अगलद हश
कदन वद वह४ह सद रव४न४ हक गयद। कक षण तथ४ बलर४म नद अपनश ब४ल-लशल४एह सम४प करकद वकनद४वन मम
बछडत क४ भ४र सहभ४ल कलय४ और उनहम चर४ग४हत (गक चरण) तक चर४नद लद ज४नद लगद। इस अवकध मम
वतस४सपर न४मक र४कस बछडत कद बशच मम घपस आय४ कजसक४ कक षण नद वध कर कदय४। एक अनय असपर
जक बडद बगपलद कक आकक कत क४ थ४ (बक४सपर), म४र४ गय४। जब कक षण कद स४कथयत नद यद कथ४एह अपनश
अपनश म४त४ओर कक सपन४ई र तक वद इन पर कवशव४स नहथ कर प४ई ककनतप सनदह सद पसणर हकनद कद क४रण उनहतनद
शशशपक उव४च
गकप४ ननद४दय: शपतव४ दमयक: पततक रवमनन ।
तत४जगमपद कप र शदष कनध४रतभयशकलडत४: ॥ १॥
शश-शपकद उब४च-- शशशपकददव गकसव४मश नद कह४; गकप४:--स४रद गव४लद; ननद-आदय:--ननद मह४र४ज इतय४कद; शपतव४--सपन कर;
दपमयक:--दकनत वककत कद ; पततकद --कगरनद कक; रवमनन--तदज आव४ज, वजप४त जहसश; तत--वह४ह, उस सथ४न पर; आजगमप:--गयद;
कप र-शदष--हद मह४र४ज परशककत; कनध४रत- भय-शकदडत४:--वजप४त हकनद सद भयभशत |.
शपकददव गकसव४मश नद आगद कह४ : हद मह४र४ज परशककत, जब यमल४जपरन वकक कगर पडद तक
आसप४स कद स४रद गव४लद भय४नक शबद सपन कर वजप४त कक आशरक४ सद उस सथ४न पर गयद।
भसमय४मनन-- भसकम पर; कनपकततल--कगरद हह ए; तत--वह४ह; दहशप: --सबत नद ददख४; यमल-अजपरनल--अजपरन वकक कद जकडद कक;
बशमप:--मकहगसत हक गयद; ततनन--वह; अकवज४य--पत४ न लग४ सकद ; लकयमनन--यह ददखतद हह ए भश कक वकक कगरद हह; पतन-
'क४रणमनन--कगरनद क४ क४रण ( सहस४ ऐस४ कह सद हह आ ? )।.
कय४ सचमपच कक षण नद ऐस४ ककय४ थ४ य४ वह मनगढरत कह४नश थश ? कवमककहत हकनद क४ क४रण यहश थ४।
'डलसखलमनन--ओखलश कक; कवकररनतमनन-खथचतद हह ए; द४मन४--रससश सद; बदमनन च--तथ४ उदर सद बहधश; ब४लकमनन--कक षण कक;
'कसय--ककसक४; इदमनन--यह; कप तद--कह४ह सद; आशचयरमनन--यद अदपत घटन४एह; उतप४त: --उपदव; इकत--इस पक४र;
'क४तर४:--अतयकधक कपबध |
कक षण रससश द४र४ ओखलश सद बहधद थद कजसद वद खथच रहद थद। ककनतप उनहतनद वककत कक ककस तरह
कगर४ कलय४? व४सतव मम ककसनद यह ककय४ ? इस घटन४ क४ सकत कह४ह हह ? इन आशचयरजनक ब४तत
कक सकच सकच कर स४रद गव४लद सशरककत तथ४ मकहगसत थद।
त४तपयर : स४रद गव४लद अतयनत कन पबध थद कयतकक ब४लक कक षण दकनत वककत कद बशच खड४ थ४ और यकद
सरयकगवश यद वकक उस पर कगर ज४तद तक वह चटनश हक ज४त४। ककनतप वह जहसद क४ तहस४ खड४ थ४ और
कफर भश घटन४ घट गई। तक कफर यह सब ककसनद ककय४ ? यद स४रश घटन४एह इस आशचयरमय ढरग सद कह सद
घटथ ? उनकद कपबध तथ४ मककहत हकनद क४ क४रण यहश शरक४एह थथ। ककनतप उनहतनद सकच४ कक दहववश कक षण
सपरककत हह, अत: उसद कप छ भश नहथ हह आ।
ब४ल४:--स४रद ब४लकत नद; ऊचप:--कह४; अनदन--उसकद ( कक षण ) द४र४; इकत--इस पक४र; कतयरकनन-- टदढश; गतमननस-- हह ई;
उलसखलमनन--ओखलश ; कवकररत४--कक षण द४र४ खथचद ज४नद सद; मधय-गदन--दकनत वककत कद बशच ज४कर; पपररल--दक सपनदर वयकक;
अकप-- भश; अचकमकह--हमनद अपनश आहखत सद ददख४ हह।.
न--नहथ; तद--स४रद गकप; ततनन-उकमनन-ब४लकत द४र४ कहद गयद; जगकहह: --सवशक४र करमगद; न घटदत--ऐस४ नहथ हक सकत४; इकत--
इस पक४र; तसय--कक षण क४; ततननस--क४म; ब४लसय--कक षण जहसद ब४लक क४; उतप४टनमस--जड समदत उख४डन४; तवर:--दकनत
वककत क४; कद कचतनन--ककसश नद; सकनदगध-चदतस:--कय४ ककय४ ज४ सकत४ हह इसकद कवरय मम सशरककत ( कयतकक गगरमपकन नद
भकवषयव४णश कक थश कक यह ब४लक न४र४यण कद सम४न हकग४ )।.
त४तपयर : एक कवच४र यह थ४ कक वककत कक कगर४नद जहस४ क४यर ऐसद छकटद ब४लक कद कलए असमभव
थ४। ककनतप कप छदक कक सनददह थ४ कक कक षण कक न४र४यण कद तपलय बतल४य४ ज४ चपक४ हह। अतएव गव४लद
दपकवध४ मम थद।
जब ननद मह४र४ज नद अपनद पपत कक रससश द४र४ लकडश कक ओखलश सद बहध४ और ओखलश
कक घसशटतद ददख४ तक वद मपसक४नद लगद और उनहतनद कक षण कक बनधन सद मपक कर कदय४।
त४तपयर : ननद मह४र४ज कक आशचयर हक रह४ थ४ कक कक षण कक म४त४ यशकद४ नद अपनद पय४रद बदटद कक
इस तरह सद ब४हध४ हक। कक षण तक उससद पदम क४ आद४न-पद४न करत४ हह, तक कफर वह इतनश कस र कह सद बन
गई कक उसद लकडश कक ओखलश सद ब४हध कदय४ ? इस पदम-वय४प४र कक समझ कर ननद हहस पडद और
उनहतनद कक षण कक मपक कर कदय४। दससरद शबदत मम, कजस तरह भगव४ननन कक षण जशव कक सक४म कमर सद
ब४हधतद हह उसश तरह वद म४त४ यशकद४ तथ४ ननद मह४र४ज कक व४तसलय-पदम मम ब४हधतद हह। यहश उनकक
लशल४ हह।
गकपशकभ: सतककभतक<नकतयदगव४नब४लवतककचतनन ।
उदननग४यकत ककचनमपगधसतदशक द४रयनतवतनन ॥ ७॥
गकपशकभ:--गककपयत कद द४र४; सतककभत: --पकतस४कहत, पदररत; अनकतयतनन--ब४लक कक षण न४चत४; भगव४ननन-- भगव४ननन हककर कद भश;
ब४ल-वतनन--म४नवश ब४लक कद हश सम४न; ककचतनन--क भश; उद४यकत-- जकर सद ग४त४ हह; ककचतनन--कभश; मपगध: --चककत
हककर; ततनन-वश:--उनकद वशशभसत हककर; द४र-यनत-वतनन--कठपपतलश कक तरह।.
गककपय४ह कहतथ, “हद कक षण, यकद तपम न४चकगद तक तपमहम आधश कमठ४ई कमलदगश। ऐसद शबद कह
कर य४ त४कलय४ह बज४-बज४ कर स४रश गककपय४ह कक षण कक तरह-तरह सद पदररत करतथ । ऐसद अवसरत
पर वद परम शककश४लश भगव४ननन हकतद हह ए भश मपसक४ ददतद और उनकक इचछ४नपस४र न४चतद म४नत वद
उनकद ह४थ कक कठपपतलश हत। कभश कभश वद उनकद कहनद पर जकर-जकर सद ग४तद। इस तरह कक षण
पसरश तरह सद गककपयत कद वश मम आ गयद।'!
कबभकतर--कक षण खडद हक ज४तद और वसतपओर कक इस तरह छसतद म४नत उठ४ नहथ प४तद; ककचतननस--कभश; आजप:--आददश कदयद ज४नद
पर; पशठक-उनम४न--पशढ४ ( लकडश क४ ) तथ४ क४ठ क४ नपन४; प४दपकमनन-खड४ऊह कक; ब४हह -कदपमनन च--तथ४ शरशर पर ह४थ
म४रतद, त४ल ठतकतद; कप रतद--करत४ हह; सव४न४मनन च--तथ४ अपनद समबकनधयत, गककपयत तथ४ अनय कमतत क४; पशकतमस-- आननद;
आवहनस--बपल४तद हह ए
कभश कभश म४त४ यशकद४ तथ४ उनकक गकपश सकखय४ह कक षण सद कहतथ, “जर४ यह वसतप ल४न४,
जर४ वह वसतप ल४न४।'' कभश वद उनकक पशढ४ ल४नद, तक कभश खड४ऊह य४ क४ठ क४ नपन४ ल४नद कद
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कलए आददश ददतथ और कक षण म४त४ओर द४र४ इस तरह आददश कदयद ज४नद पर उन वसतपओर कक ल४नद
क४ पय४स करतद। ककनतप कभश कभश वद उन वसतपओर कक इस तरह छसतद म४नक उठ४नद मम असमथर हत
और वहथ खडद रहतद। अपनद समबकनधयत क४ हरर बढ४नद कद कलए वद दकनत ह४थत सद त४ल ठतक कर
कदख४तद कक वद क४फक बलव४न हह।
दशरयनस--कदखल४तद हहए; ततनन-कवद४मनन-कक षण कद क४यर कक समझनद व४लद पपररत कक; लककद --स४रद जगत मम; आतमन:-- अपनद
आप कक; भकतय-वशयत४मनन--अपनद द४सत य४ भकत कद आददशत क४ प४लन करनद कद कलए तहय४र रहनद व४लद; बजसथ--बजभसकम कद ;
उब४ह--समपन ककय४; बह--कनससनददह; हररमनन--आननद; भगव४ननन-- भगव४ननन; ब४ल-चदकषतहद:-- बचत कद जहसद क४यर द४र४.
ककणशकह--आकर खरशदम; भक:--हद पडककसयक; फल४कन--पकद फलत कक; इकत--इस पक४र; शपतव४--सपन कर; सतवरमनन-शशकघ;
अचयपत:--कक षण; फल-अथर--म४नक उनहम फल च४कहए; ध४नयमनन आद४य--कप छ ध४न ल४कर; ययल--फल बदचनद व४लश कद प४स
गयद; सवर-फल-पदद --हर एक कक सभश फल पद४न करनद व४लद भगव४ननन कक अब फल च४कहए थद। .
एक ब४र एक फल बदचनद व४लश सश पपक४र रहश थश, “'हद बजभसकमव४कसयक, यकद तपम लकगत
कक फल खरशदनद हह, तक मदर प४स आओ।'' यह सपन कर तपरनत हश कक षण नद कप छ अन कलय४ और
सलद४ करनद पहह हच गयद म४नक उनहम कप छ फल च४कहए थद।
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त४तपयर : स४म४नयतय४ आकदव४सश लकग ग४हवत मम फल बदचनद ज४तद हह। यह४ह पर बत४य४ गय४ हह कक
आकदव४सश कक षण सद ककतनद अनपरक थद। आकदव४कसयत पर अनपगह करनद कद कलए वद तपरनत अरजपरश मम ध४न
लदकर फल खरशदनद चलद आयद कयतकक अनयत कक ऐस४ करतद उनहतनद ददख४ थ४।
'फल-कवककयणश--फल बदचनद व४लश आकदव४कसनश; तसथ--कक षण क४; चयपत-ध४नय--बदलनद कद कलए जक ध४न ल४यद थद वह कगर
गय४; कर-दमनन--अहजपलश; फलह: अपसरयतनन--फलव४लश नद उनकक छकटश हथदकलयत कक फलत सद भर कदय४; रतलहद --रतलत तथ४ सकनद
कद बदलद मम; फल-भ४णडमनन--फल कक टककरश; अपसरर च-- भर गई.
“हद कप नतश-पपत! तपम जक भश करतद हक, कजतन४ ख४तद हक, कजतन४ भश हकम करतद हक, य४ द४न मम ददतद
हक तथ४ कजतनश भश तपसय४ करतद हक वह सब मपझद भमट सवरप दक।'' मनपषय कक च४कहए कक अपनश
आमदनश मम सद कप छ कप छ कक षण कक पदमपसवरक अकपरत करद। तभश मनपषय क४ जशवन सफल हकग४। कक षण
समसत ऐशवयर सद पसणर हह, उनहम ककसश सद कप छ भश नहथ च४कहए। ककनतप यकद ककई कक षण कक कप छ ददन४
च४हत४ हह, तक इसमम उसश क४ ल४भ हह। इस समबनध मम यह दष४नत कदय४ ज४त४ हह कक जब ककसश क४ मपख
सज४ हकत४ हह, तक उसकद मपख क४ पकतकबमब सवतद सज४ हकत४ हह। इसश पक४र यकद हम अपनद ऐशवयर सद
कक षण कक सदव४ करम तक बदलद मम कक षण कद अरश य४ पकतकबमब रप हम सपखश हतगद। कक षण सद४ सपखश रहतद
हह कयतकक वद आतम४र४म हह अथ४रतनन अपनद हश ऐशवयर सद पसरश तरह सरतषप ।
यमल४जपरन वककत कद उखड ज४नद कद ब४द एक ब४र रककहणशददवश र४म तथ४ कक षण कक, जक नदश
कद ककन४रद गयद हह ए थद और अनय ब४लकत कद स४थ बडद धय४न सद खदल रहद थद, बपल४नद गई।र
त४तपयर : यदकप रककहणशददवश बलर४म कक म४त४ थथ ककनतप म४त४ यशकद४ रककहणश कक अपदक४ कक षण
तथ४ बलर४म सद अकधक अनपरक थथ। म४त४ यशकद४ नद रककहणश कक भदज४ कक वद र४म तथ४ कक षण कक उनकद
खदल सद बपल४ ल४यम कयतकक दकपहर कद भकजन क४ समय हक चपक४ थ४। अत: रककहणशददवश उनहम अपन४
खदलन४ छकड कर आनद कद कलए बपल४नद गई।र
न उपदय४त४मनन-- ललटद नहथ; यद४--जब; आहह तल--खदल सद बपल४ भदजद गयद; ककड४-सडड दन-- अनय ब४लकत कद स४थ खदलनद मम इतन४
अनपरक हकनद कद क४रण; पपतकल--दकनत पपत ( कक षण तथ४ बलर४म ); यशकद४मनन पदरय४मनन आस--उनहम बपल४नद कद कलए यशकद४ कक
भदज४; रककहणश--म४त४ रककहणश नद; पपत-वतसल४मननस--कयतकक म४त४ यशकद४ कक षण तथ४ बलर४म कद पकत अकधक वतसल थथ।.
अनय ब४लकत कद स४थ खदलनद मम अतयकधक अनपरक हकनद कद क४रण बद रककहणश कद बपल४नद पर
व४पस नहथ आयद। अतद रककहणश नद उनहम व४पस बपल४नद कद कलए म४त४ यशकद४ कक भदज४ कयतकक वद
कक षण तथ४ बलर४म कद पकत अतयकधक सनदकहल थथ।
ककडनतमननस-- खदल मम वयसत; स४--उस; सपतमनन--अपनद पपत कक; ब४लह:--अनय ब४लकत कद स४थ; अकत-वदलमनन--कवलमब सद; सह-
अगजमनन--अपनद बडद भ४ई बलर४म कद स४थ खदल रहद; यशकद४--म४त४ यशकद४ नद; अजकहवशतनन-- बपल४य४ ( अरद कक षण तथ४ बलर४म
आओ! ); कक षणमनन-कक षण कक; पपत-सनदह-सनपत-सतनश--उनहम बपल४तद हह ए सनदह कद क४रण उनकद सतनत सद दसध बहनद लग४।.
यदकप बहह त ददर हक चपकक थश ककनतप कक षण तथ४ बलर४म अपनद खदल मम अनपरक हकनद कद
क४रण अनय ब४लकत कद स४थ खदलतद रहद। इसकलए अब म४त४ यशकद४ नद भकजन करनद कद कलए
उनहम बपल४य४। कक षण तथ४ बलर४म कद पकत उतकट पदम तथ४ सनदह हकनद सद उनकद सतनत सद दसध बहनद
लग४।
त४तपयर : अजकहवशतनन शबद क४ अथर हह ““ब४रमब४र पपक४रन४।”” उनहतनद पपक४र४, “कक षण तथ४
बलर४म ! व४पस आ ज४ओ । ख४नद कक ददर हक रहश हह। अब बहह त खदल चपकद हक। व४पस आओ।”
कक षण कक षण अरकवनद-अक--हद कक षण, मदरद बदटद, कमल जहसद नदतत व४लद कक षण; त४त--हद कपय; एकह--यह४ह आओ; सतनमस--मदरद
सतन कद दसध कक; कपब--कपयक; अलमनन कवह४रहद --इसकद ब४द खदलनद कक ककई आवशयकत४ नहथ हह; कपतनन-क४नत:-- भसख सद थक४;
ककड४-श४नत:--खदलनद सद थक४ हहआ; अकस--तपम हक; पपतक -हद पपत |.
म४त४ यशकद४ नद कह४: हद कपय पपत कक षण, कमलनयन कक षण, यह४ह आओ और मदर४ दसध
कपयक। हद पय४रद, तपम भसख सद तथ४ इतनश ददर तक खदलनद सद बहह त थक गयद हकगद। अब और अकधक
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हह र४म--मदरद पय४रद बलर४म; आगचछ --आओ; त४त--मदरद कपय; आशप--शशघ; स-अनपज:-- अपनद छकटद भ४ई सकहत; कप ल-
ननदन--हम४रद पररव४र कक मह४ननन आश४; प४त: एब--सपबह कद हश; कक त-आह४र:--कलदव४ ककयद हह ए; ततनन--इसकलए; भव४ननन--
तपम; भककप मस-- अकधक ख४नद कद कलए; अनहकत--यकगय हक |
हम४रद पररव४र कद सवरशदष मदरद पय४रद बलददव, तपरनत अपनद छकटद भ४ई कक षण सकहत आ ज४ओ।
तपम दकनत नद सपबह हश ख४य४ थ४ और अब तपमहम कप छ और ख४न४ च४कहए।
पतशकतद--पतश क४ कर रहश हह; तव४मनन-तपम दकनत कक; द४श४ई--हद बलर४म; भककयम४ण: --ख४नद कक इचछ४ रखतद हह ए; बज-
अकधपद --बज क४ र४ज४, ननद मह४र४ज; एकह--यह४ह आओ; आवयक:--हम४र४; कपयमनन--हरर; धदकह--जर४ कवच४र करक; सव-
गकह४नननस-- अपनद अपनद घरत कक; य४त--ज४नद दक; ब४लक४:--अनय ब४लक |.
अब बज कद र४ज४ ननद मह४र४ज ख४नद कद कलए तपमह४रश पतशक४ कर रहद हह। हद मदरद बदटद बलर४म,
बद तपमह४रश पतशक४ कर रहद हह अतद हम४रश पसनत४ कद कलए तपम व४पस आ ज४ओ। तपमह४रद स४थ
तथ४ कक षण कद स४थ खदल रहद स४रद ब४लकत कक अपनद अपनद घर ज४न४ च४कहए।
त४तपयर : ऐस४ लगत४ हह कक ननद मह४र४ज कनयकमत रप सद अपनद दकनत पपतत, कक षण तथ४ बलर४म कद
स४थ भकजन करतद थद। यशकद४ नद अनय ब४लकत सद कह४, “अब तपम सब अपनद अपनद घर ज४ओ।'!
स४म४नयतय४ कपत४ तथ४ पपत स४थ स४थ बहठतद हह इसकलए म४त४ यशकद४ नद कक षण तथ४ बलर४म सद ललट आनद
कक कवनतश कक। उनहतनद अनय ब४लकत कक सल४ह दश कक वद भश अपनद अपनद घर ज४हय कजससद उनकद
धसकल-धससररत-अडन द तवमनन--तपमह४र४ पसर४ शरशर धसल सद ढक गय४ हह; पपत--मदरद बदटद; मजनमनन आवह-- आओ, सन४न करक तथ४
अपनश सफ४ई करक; जनम-ऋकमनन--जनम क४ शपभ नकत; तद--तपमह४रद; अद--आज; भवकत-- हह; कवपदभय: --शपद ब४हणत कक;
ददकह--द४न मम दक; ग४:द--ग४एह; शपकच:--शपद हककर।.
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म४त४ यशकद४ नद आगद भश कक षण सद कह४ : हद पपत, कदन-भर खदलतद रहनद सद तपमह४र४ स४र४ शरशर
धसल तथ४ रदत सद भर गय४ हह। अतद व४पस आ ज४ओ, सन४न करक और अपनश सफ४ई करक। आज
तपमह४रद जनम कद शपभ नकत सद च४हद मदल ख४ रह४ हह, अतद शपद हककर ब४हणत कक गलवत क४ द४न
करक।
त४तपयर : वहकदक सरसकक कत कक यह एक पथ४ हह कक जब भश ककई शपभ उतसव हकत४ हह, तक ब४हणत
कक द४न मम बहह मसलय गलवम दश ज४तश हह। इसकलए म४त४ यशकद४ नद कक षण सद प४थरन४ कक कक खदलनद मम
अकधक मन न लग४ कर अब घर आकर द४न ददनद मम मन लग४यम। यजद४नतप:कमर न तय४जयर क४यरमदव
वनन / जहस४कक भगवदशत४ (१८.५) मम सल४ह दश गई हह यज, द४न तथ४ तपसय४ क४ कभश भश पररतय४ग
नहथ करन४ च४कहए। यजक द४नरर तपशचदव प४वन४कन मनशकरण४म-- आधय४कतमक जशवन मम अतयकधक बढद-
चढद वयकक कक भश यद तशन कमर नहथ छकडनद च४कहए। अपन४ जनमकतसव मन४नद कद कलए इन तशनत (यज,
'पशय पशय--जर४ ददखक तक; वयसय४नस--सम४न उम कद ब४लक; तद--तपमह४रश; म४तक-मकष४ननन--अपनश म४त४ओर द४र४ नहल४यद-धपल४यद
गयद; सप-अलडह त४नस--सपनदर आभसरणत सद सकजत; तवमनन च--तपम भश; सन४त:--नह४कर; कक त-आह४र:--तथ४ भकजन करनद कद
ब४द; कवहरसव--उनकद स४थ खदलक-कस दक; सप-अलडह त:-- अचछश तरह सजधज कर।.
जर४ अपनश उम व४लद अपनद स४रद स४कथयत कक तक ददखक कक वद ककस तरह अपनश म४त४ओर द४र४
नहल४यद-धपल४यद तथ४ सपनदर आभसरणत सद सज४यद गयद हह। तपम यह४ह आओ और सन४न करनद,
भकजन ख४नद तथ४ आभसरणत सद अलरककत हकनद कद ब४द कफर अपनद सख४ओर कद स४थ खदल सकतद
हक।
त४तपयर : स४म४नयतय४ ब४लकत मम सपध४र हकतश हह। यकद एक कमत कप छ कर लदत४ हह, तक दससर४ भश
कप छ करन४ च४हत४ हह। इसकलए म४त४ यशकद४ नद कक षण सद कह४ कक तपमह४रद स४थश सजदधजद हह कजससद वद
भश अपनद कक उनहथ कक तरह सज४ सकम ।
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इतथम--इस तरह; यशकद४--यशकद४; तमनन अशदर-शदखरमनन--कक षण कक, जक हर शपभ वसतप कक पर४क४ष४ थद, कजनमम गरदगश य४
अशपदत४ क४ पशन हश नहथ थ४; मतव४--म४न कर; सपतमनन--अपनद पपत; सनदह-कनबद-धश:--अतयकधक पदम-भ४व कद क४रण;
नकप--हद र४ज४ ( मह४र४ज परशककत ); हसतद--ह४थ मम; गकहशतव४--लदकर; सह-र४ममनन--बलर४म समदत; अचयपतमनन--कक षण कक;
नशतव४--ल४कर; सव-व४टमनन--अपनद घर; कक तवतश--ककय४; अथ--अब; उदयमननस--नहल४नद-धपल४नद, वस पहन४नद और आभसरणत
सद अलरककत करनद कद ब४द कक चमक।.
हह मह४र४ज परशककत, अतयकधक पदमवश म४त४ यशकद४ नद समसत ऐशवयर कद कशखर पर आसशन
कक षण कक अपन४ पपत म४न४। इस तरह वद बलर४म कद स४थ कक षण कक ह४थ सद पकड कर घर लद
आईर जह४ह उनहम नहल४नद-धपल४नद, वस पहन४नद तथ४ भकजन कखल४नद क४ उनहतनद अपन४ क४म पसर४
ककय४।
त४तपयर : कक षण सदहव सवचछ तथ४ ऐशवयरव४न हह। उनहम नह४नद-धकनद, सजनद-धजनद कक ककई
आवशयकत४ नहथ हह कफर भश म४त४ यशकद४ नद सनदहवश उनहम स४म४नय ब४लक समझ४ और अपनद पपत कक
शशशपक उव४च
गकपवकद४ महकतप४त४ननपभसय बकहदनद ।
ननद४दय: सम४गमय बजक४यरममनतयननन ॥ २१॥
शश-शपक: उव४च-- शशशपकददव गकसव४मश नद कह४; गकप-वकद४:--बसढद गव४लत नद; मह४-उतप४त४ननन--बडद बडद उपदव; अनपभसय--
अनपभव करकद ; बकहदनद--बकहदन न४मक सथ४न मम; ननद-आदय:--ननद मह४र४ज तथ४ अनय गव४लद; सम४गमय--एकत हह ए; बज-
क४यरमनन-बजभसकम क४ क४यर; अमनतयनस--मह४वन मम लग४त४र हकनद व४लद उतप४तत कक रककनद पर कवच४र-कवमशर ककय४।.
शशशपकददव गकसव४मश नद आगद कह४ : तब एक ब४र बकहदन मम बडद बडद उपदव ददख कर ननद
मह४र४ज तथ४ वकद गव४लद एकत हह ए और कवच४र करनद लगद कक बज मम लग४त४र हकनद व४लद उपदवत
कक रककनद कद कलए कनय४ ककय४ ज४य।
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तत--उस सभ४ मम; उपननद-न४म४--उप४ननद न४मक ( ननद मह४र४ज क४ बड४ भ४ई ) नद; आह--कह४; गकप: --गव४ल४; ज४न-वय:-
अकधक:--जक ज४न तथ४ आयप मम सबसद बड४ थ४; ददश-क४ल-अथर-ततव-ज:--ददश, क४ल तथ४ पररकसथकतयत कद अनपस४र अतयनत
अनपभवश; कपय-कक तननस--ल४भ कद कलए; र४म-कक षणयक:-- भगव४ननन बलर४म तथ४ भगव४ननन कक षण कद |.
गककप लव४कसयत कक इस सभ४ मम, उप४ननद न४मक एक गव४लद नद, जक आयप तथ४ ज४न मम
सव४रकधक पलढ थ४ और ददश, क४ल तथ४ पररकसथकत कद अनपस४र अतयकधक अनपभवश थ४, र४म तथ४
उतथ४तवयमनन-इस सथ४न कक छकड ददन४ च४कहए; इतद--यह४ह ( गककप ल ) सद; असम४कभ:--हम सबत कद द४र४; गककप लसय--गककप ल
कद ; कहत-एकपकभ:--इस सथ४न कद कहतहकरयत द४र४; आय४कनत--हक रहद हह; अत--यह४ह पर; मह४-उतप४त४:--अनदक बडद बडद उपदव;
ब४ल४न४मननस--र४म तथ४ कक षण जहसद ब४लकत कद ; न४श-हदतव: --कवनष करनद कद उददशय सद |.
उसनद कह४ : मदरद गव४लकमतक, इस गककप ल न४मक सथ४न कक भल४ई कद कलए हमम इसद छकड
ददन४ च४कहए कयतकक यह४ह पर र४म तथ४ कक षण कक म४रनद कद उददशय सद सदहव अनदक४नदक उपदव
हकतद हश रहतद हह।
मपक:--छसट४ थ४; कथकञतनन--ककसश तरह; र४कसथ४:--र४कसश पसतन४ कद ह४थत सद; ब४ल-घननय४:--ब४लकत कक म४रनद पर तपलश;
ब४लक:--कवशदरतय४ ब४लक कक षण; कह--कयतकक; असल--वह; हरदद अनपगह४तनन-- भगव४ननन कक दय४ सद; नसनमनन--कनससनददह; अनद
च--तथ४ छकड४; उपरर--ब४लक कद ऊपर; न--नहथ; अपततनन--कगर४।.
यह ब४लक कक षण, एकम४त भगव४ननन कक दय४ सद ककसश न ककसश तरह र४कसश पसतन४ कद ह४थत
सद बच सक४ कनयतकक वह उनहम म४रनद पर उत४र थश। कफर यह भगव४ननन कक कक प४ हश थश कक वह
चक-व४तदन--बवरडर कद रप मम असपर ( तकण४वतर ) द४र४; नशत: अयमनन--यह कक षण उड४ लद ज४य४ गय४; दहतयदन-- असपर द४र४;
कवपदमनन-- भय४नक; कवयतनन--आक४श मम; कशल४य४मनन-- पतथर पर; पकततद --कगर४ हह आ; तत--वह४ह; पररत४त:--बच४ कलय४
गय४; सपर-ईशवर:-- भगव४ननन कवषणप य४ उनकद सरकगयत द४र४ |
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इसकद ब४द बबरडर कद रप मम आय४ तकण४वतर असपर इस ब४लक कक म४र ड४लनद कद कलए
सरकटमय आक४श मम लद गय४ ककनतप वह असपर पतथर कक एक कशल४ पर कगर पड४। तब भश
यतनन--पपनद; न कपयदत--नहथ मर४; दपमयक: अनतरमनन--दक वककत कद बशच; प४पप--बशच मम हकतद हह ए; ब४लक: असल--वह ब४लक,
कक षण; अनयतम: --दससर४ ब४लक; व४ अकप--अथव४; ततनन अकप अचयपत-रकणमनन--तब भश भगव४ननन द४र४ बच४ कलय४ गय४।.
यह४ह तक कक ककसश और कदन, न तक कक षण न हश उनकद कखल४डश स४थश उन दकनत वककत कद
कगरनद सद मरद यदकप यद ब४लक वककत कद कनकट य४ उनकद बशच हश मम थद। इसद भश भगव४ननन क४
य४वतनन--जब तक; औतप४कतक: --उतप४त मच४नद व४लद; अररष:--असपर; बजमनन--यह गककप ल बजभसकम; न--नहथ; अकभभवदतनन
इतद--इस सथ४न सद चलद ज४हय; त४वतनन--तब तक; ब४ल४ननन उप४द४य--ब४लकत कद ल४भ कद कलए; य४सय४म:--हम चलद ज४हय;
अनयत--ककसश दससरश जगह; स-अनपग४:--अपनद अनपय४कययत समदत ।.
यद स४रद उतप४त कप छ अज४त असपर द४र४ ककयद ज४ रहद हह। इसकद पसवर कक वह दससर४ उतप४त करनद
आयद, हम४र४ कतरवय हह कक हम तब तक कद कलए इन ब४लकत समदत कहथ और चलद ज४यह जब
तक कक यद उतप४त बनद न हक ज४यस।ह
त४तपयर : उप४ननद नद पसत४व रख४, “' भगव४ननन कवषणप कक कक प४ सद कक षण अनदक४नदक घ४तक घटन४ओर
सद सद४ बचत४ रह४ हह। अब हमकक च४कहए कक ककसश और आकमणक४रश असपर सद मकतयप क४ क४रण
उतपन हकनद सद पहलद, हम इस सथ४न कक छकड कर ककसश दससरद सथ४न चलद ज४हय जह४ह हम अकवचकलत
रह कर कवषणप कक पसज४ कर सकम ।”” भक कक यहश अकभल४र४ रहतश हह कक वह अकवचल-भ४व सद भकक
करत४ रहद। ककनतप हम ददखतद हह कक नननद मह४र४ज तथ४ अनय गव४लत कद बशच भगव४ननन कक षण कद हकतद हह ए
भश उतप४त हक रहद थद। ह४ह, यह दससरश ब४त हह कक हर ब४र कक षण कवजयश हकतद रहद । इससद हमम यहश कशक४
कमलतश हह कक तथ४ककथत उतप४तत सद हमम कवचकलत नहथ हकन४ च४कहए। हम४रद कक षणभ४वन४मकत आनदकलन
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कद स४थ अनदक उतप४त हकतद रहद हह ककनतप हम अपन४ आगद बढन४ नहथ छकड सकतद। उलटद , सरस४र-भर मम
लकग इस आनदकलन क४ बडद उतस४ह सद सव४गत कर रहद हह और दसनद उतस४ह सद कक षणभ४वन४मकत कवरयक
स४कहतय खरशद रहद हह। इस तरह पकतस४हन तथ४ उतप४त दकनत रहतद हह। कक षण कद समय मम भश ऐस४ हश
थ४।
वनमनन--दससर४ वन; वकनद४वनमनन न४म--वकनद४वन न४मक; पशवयमनन--गलवत तथ४ अनय पशपओर कद प४लन कद कलए उपयपक सथ४न;
नव-क४ननमनन-कई नयद बगशचत जहसद सथ४न हह; गकप-गकपश-गव४मनन--स४रद गव४लत, उनकद पररव४र व४लत तथ४ गलवत कद कलए;
सदवयमननस--अतयनत उपयपक सथ४न; पपणय-अकद--सपनदर पवरत हह; तकण--पलधद; वशरधमनन--तथ४ लत४एह |.
ननददशवर तथ४ मह४वन कद मधय वकनद४वन न४मक एक सथ४न हठह । यह सथ४न अतयनत उपयपक हह
कयतकक इसमम गलवत तथ४ अनय पशपओर कद कलए रसशलश घ४स, पलधद तथ४ लत४एह हह। वह४ह सपनदर
बगशचद तथ४ ऊहचद पवरत हह और वह सथ४न गकपत, गककपयत तथ४ हम४रद पशपओर कद सपख कद कलए स४रश
सपकवध४ओर सद यपक हह।
त४तपयर : वकनद४वन वह सथ४न हह, जक ननददशवर तथ४ मह४वन कद बशच मम हह। पहलद गव४लद मह४वन चलद
गयद थद कफर भश उतप४त हकतद रहतद थद। अतद गव४लत नद वकनद४वन कक चपन४ जक दक ग४हवत कद बशच हह और
वहथ ज४नद क४ कनशचय ककय४।
ततनन--इसकलए; तत--वह४ह; अद एब--आज हश; य४सय४म:--चलद चलम; शकट४ननन--स४रश बहलग४कडयत कक; यपड[ --जकत कर;
म४ कचरमनन-ददरश लग४यद कबन४; गक-धन४कन--स४रश गलवत कक; अगत:--आगद आगद; य४नतप--चलनद दम; भवत४मनन--आप सबत कक;
यकद--यकद; रकचतद-- अचछ४ लगद।.
अतएव हम आज हश तपरनत चल दम। अब और अकधक पतशक४ करनद कक आवशयकत४ नहथ
हह। यकद आप सबत कक मदर४ पसत४व म४नय हक तक हम अपनश स४रश बहलग४कडय४ह तहय४र कर लम और
गलवत कक आगद करकद वह४ह चलद ज४यम।
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ततनन शपतव४--उप४ननद कक यह सल४ह सपन कर; एक-कधय: --एकमत हककर; गकप४:--स४रद गव४लत नद; स४धप स४धप--अकत उतम,
अकत उतम; इकत--इस पक४र; व४कदन: --घककरत करतद हह ए; बज४नस--गलवत कक; सव४ननन सव४नननस--अपनश अपनश; सम४यपजय--एकत
करकद ; ययप:--रव४न४ हक गयद; रढ-पररचछद४:--स४र४ स४ज-स४म४न ग४कडयत मम रख कर।.
वस तथ४ अनय स४म४न ग४कडयत पर रख कलयद और तपरनत वकनद४वन कद कलए पसथ४न कर कदय४।
वकद४नब४ल४कनसयक र४जनसवतपकरण४कन च ।
अनदसव४रकपय गकप४ल४ यत४ आतशर४सन४: ॥ ३१॥
गकधन४कन पपरसकक तय थकजणय४पसयर सवरतद ।
तसयघर करदण महत४ ययप: सहपपरककहत४: ॥ ३२॥
वकद४नस--सवरपथम स४रद बसढत कक; ब४ल४नस--ब४लकत कक; कसय:--कसयत कक; र४जननन--हद र४ज४ परशककत; सवर-उपकरण४कन
च--तथ४ स४रश आवशयक एवर घरदलस वसतपएह; अनदसप--बहलग४कडयत पर; आरकपय--ल४द कर; गकप४ल४:द--सररद गव४लद; यत४:--
स४वध४नशपसवरक; आत-शर-असन४:--तशरत तथ४ धनपरत सद लहस हककर; गक-धन४कन-- स४रश गलवत कक; पपरसकक तय--आगद रख कर;
शकज४कण--सथग कक बनश तपरहश; आपसयर --बज४कर; सवरत:द--च४रत ओर; तसयर-घकरदण--तपरहश कक धवकन सद; महत४--उच;
ययप:--रव४न४ हक गयद; सह-पपरककहत४:--पपरककहतत सकहत |.
स४रद बसढत, कसयत, ब४लकत तथ४ घरदलस स४मगश कक बहलग४कडयत मम ल४द कर एवर स४रश गलवत
कक आगद करकद , गव४लत नद स४वध४नश सद अपनद अपनद तशर-कम४न लद कलयद और सथग कद बनद
कबगपल बज४यद। हद र४ज४ परशककत, इस तरह च४रत ओर कबगपल बज रहद थद तभश गव४लत नद अपनद
पपरककहतत सकहत अपनश य४त४ कद कलए पसथ४न ककय४।
त४तपयर : इस समबनध मम यह धय४न ददनद कक ब४त हह कक यदकप गककप ल कद व४सश अकधक४रशत: गव४लद
तथ४ कक रक थद ककनतप वद सरकट सद अपनश रक४ करन४ तथ४ कखनरयत, वकदत, ब४लकत एवर ब४हण पपरककहतत
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गकपय:--स४रश गककपय४ह; रढ-रथ४: --बहलग४कडयत पर चढश हह ई; नसल-कप च-कप डह म-क४नतयद--उनकद शरशर, कवशदरतय४ उनकद
सतन त४जद कपर कप म सद सज४यद गयद; कक षण-लशल४:--कक षण-लशल४एह; जगप:--उच४रण कर रहश थथ; पशतय४--बडद हरर सद; कनषक-
'कणठ:--अपनद गलत मम ल४कद ट पहनद; सप-व४सस: --अचछद वसत सद सकजत
तथ४-- और; यशकद४-रककहणयल--यशकद४ तथ४ रककहणश दकनत; एकमनन शकटमनन--एक बहलग४डश पर; आकसथतद--बहठश; रदजतप:--
अतयनत सपनदर; कक षण-र४म४भय४मस--अपनश म४त४ओर कद स४थ कक षण तथ४ बलर४म; ततनन-कथ४--कक षण तथ४ बलर४म कक लशल४ओर
क४; शवण-उतसपकद--बडश हश उतसपकत४ सद सपनतद हह ए।.
इस तरह म४त४ यशकद४ तथ४ रककहणशददवश कक षण तथ४ बलर४म कक लशल४ओर कक बडद हरर सद
सपनतश हहई,
र कजससद वद कण-भर कद कलए भश उनसद कवयपक न हत, एक बहलग४डश मम उन दकनत कद
स४थ चढ गई र । इस दश४ मम वद सभश अतयनत सपनदर लग रहद थद।
त४तपयर : ऐस४ लगत४ हह कक म४त४ यशकद४ तथ४ रककहणश कण-भर भश कक षण तथ४ बलर४म सद कवलग
नहथ कक ज४ सकतथ थथ। वद य४ तक कक षण तथ४ बलर४म कद प४लन-पकरण मम अथव४ उनकक लशल४ओर क४
ककतरन करनद मम अपन४ समय कबत४तश थथ। इस तरह म४त४ यशकद४ तथ४ रककहणश अतयनत सपनदर कदखतश
थथ।
वबकनद४वनमनन--वकनद४वन न४मक पकतत सथ४न मम; समपकवशय--पकवष हककर; सवर-क४ल-सपख-आवहमनन-- जह४ह सभश ऋतपओर मम रहन४
सपह४वन४ लगत४ हह; तत--वह४ह; चकप :-- बन४य४; बज-आव४समनन--वज क४ कनव४स; शकटह:--बहलग४कडयत सद; अधर-चनदवतनन--
आधद चनदम४ जहस४ अधरवत क बन४कर।.
इस तरह वद वकनद४वन मम पकवष हहए जह४ह सभश ऋतपओर मम रहन४ सपह४वन४ लगत४ हह। उनहतनद
अपनश बहलग४कडयत सद अधरचनद४क४र अधरवत
क बन४कर अपनद रहनद कद कलए असथ४यश कनव४स बन४
कलय४।
व४
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शकटशव४टपयरनतशरद४धरक४र सरकसथतद
कनख४तककचछतश४ख४कभरकभगपपर समननननतत: ॥
च४रत ओर ब४ड४ बन४नद कक आवशयकत४ न थश। एक ओर पहलद सद हश कह टशलद वकक थद। इस तरह
कह टशलद वकक, बहलग४कडय४ह तथ४ पशपओर सद उनकद असथ४यश कनव४स कघर गयद।
वकनद४वनमनन--वकनद४वन न४मक सथ४न; गकवधरनमनन--गकवधरन पवरत; यमपन४-पपकलन४कन च--तथ४ यमपन४ नदश कद ककन४रद; वशकय--
ददखकर; आसशतनन--हक उठद; उतम४ पशतश--उच कककट क४ हरर; र४म-म४धवयक:--कक षण तथ४ बलर४म क४; नकप--हद र४ज४
परशककत |.
हद र४ज४ परशककत, जब र४म तथ४ कक षण नद वकनद४वन, गकवधरन तथ४ यमपन४ नदश कद तट ददखद तक
एवमनन--इस पक४र; बज-ओकस४मनन-- स४रद बजव४कसयत कक; पशकतमनन--हरर ; यचछनतल--पद४न करतद हह ए; ब४ल-चदकषतदद --ब४ल-
लशल४ओर सद; कल-व४कयह: --मशठश तकतलश बकलश सद; सव-क४लदन--समय४नपस४र; वतस-प४लल--बछडत कक रखव४लश करनद कद
कलए; बभसवतप:--बडद हक गयद |.
इस तरह कक षण और बलर४म छकटद ब४लकत कक तरह ककड४एह करतद तथ४ तकतलश बकलश बकलतद
हह ए बज कद स४रद कनव४कसयत कक कदवय आननद ददनद लगद। समय आनद पर वद बछडत कक ददखभ४ल
करनद कद यकगय हक गयद।
त४तपयर : जयतहश कक षण तथ४ बलर४म कप छ बडद हह ए तयतहश उनहम बछडत कक रखव४लश क४ क४म ससप
कदय४ गय४। यदकप वद समकद पररव४र मम उतपन हह ए थद तक भश उनहम बछडत कल रखव४लश करनश पडतश थश।
यह कशक४ कक पदकत थश। जक ब४हण पररव४रत मम जनम नहथ लदतद थद उनहम उच कशक४ नहथ दश ज४तश थश।
ब४हणत कक स४कहकतयक उच कशक४ दश ज४तश थश; ककतयत कक र४जय कक रक४ करनद क४ पकशकण कमलत४
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थ४ और वहशयत कक खदतश करनद तथ४ गलवत-बछडत कक रखव४लश करन४ कसखल४य४ ज४त४ थ४। उनहम झसठश
कशक४ प४प करनद कद कलए सकस ल ज४नद और समय बब४रद करनद कक आवशयकत४ नहथ थश कयतकक इससद
ब४द मम बदरकजग४रश हश बढतश। कक षण तथ४ बलर४म नद अपनद कनजश आचरण सद हमम कशक४ दश। कक षण ग४यत
कक रखव४लश करतद और अपनश ब४हसपरश बज४तद तथ४ बलर४म अपनद ह४थ मम हल लदकर कक कर क४यर कक
ददखरदख करतद।
अकवदसरद--वजव४कसयत कद आव४सशय घरत सद अकधक दसर नहथ; बज-भपव:--वजभसकम सद; सह गकप४ल-द४रकह :--उसश वयवस४य
व४लद अनय ब४लकत ( गव४लत ) कद स४थ; च४रय४मनन आसतप:--चर४य४ करतद; वतस४नस--बछडत कक; न४न४--तरह तरह कद ; ककड४--
खदल; पररचछदल -- भ४हकत- भ४हकत कक सपनदर वदशभसर४ओर सद यपक तथ४ औज४रत सद लहस।.
कक षण तथ४ बलर४म अपनद मक४न कद प४स हश सभश तरह कद कखललनत सद यपक हककर अनय
गव४लत कद स४थ खदलनद लगद एवर छकटद-छकटद बछडत कक चर४नद लगद।
ककचतनन--कभश; व४दयत:--बज४तद हह ए; वदणमप स--ब४हसपरश कक; कदपणहद--फम कनद कक रससश ( गपलदल ) सद; ककपतद--फल प४नद कद
कलए पतथर फम कतद; ककचतनन--क भश; ककचतनन प४दह:--कभश प४हवत सद; कककडलणशकभ:--पहजकनयत कक आव४ज सद; ककचतनन--
कभश; कक कतम-गक-वकरह: --नकलश ग४य तथ४ बहल बन कर; वकर४यम४णल-- पशपओर कक नकल उत४रतद; नदरनतल--न४दतद, जकर सद
शबद करतद; यपयधप ४तद-- लडनद लगतद; परसपरमनन-- एक-दससरद सद; अनपककतय--नकल करकद ; रतह:--आव४ज कनक४लतद हह ए;
जनतसनननस--स४रद पशपओर कक; चदरतप:--घसम४ करतद; प४कक त४--दक स४म४नय ब४लकत; यथ४--कक तरह।.
कक षण और बलर४म कभश अपनश ब४हसपरश बज४तद, कभश वककत सद फल कगर४नद कद कलए गपलदल
चल४तद, कभश कद वल पतथर फम कतद और कभश प४हवत कद घपहधरओर कद बजतद रहनद कद स४थ स४थ, वद
बदल तथ४ आमलकक जहसद फलत सद फप टब४ल खदलतद। कभश कभश वद अपनद ऊपर कमबल ड४ल कर
गलवत तथ४ बहलत कक नकल उत४रतद और जकर-जकर सद शबद करतद हह ए एक-दससरद सद लडतद। कभश
वद पशपओर कक बककलयत कक नकल करतद। इस तरह वद दकनत स४म४नय म४नवश ब४लकत कक तरह
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थ४। अत: कक षण तथ४ बलर४म इन पशपओर कक बकलश कक नकल उत४रतद तथ४ खदल क४ आननद लदत।द
'कद४कचतनन--क भश; यमपन४-तशरद-- यमपन४ कद तट पर; वतस४नननस--बछडत कक; च४रयतक:--चर४तद हह ए; सवकह :-- अपनद; वयसयहद--
अनय स४कथयत कद स४थ; कक षण-बलयक:--कक षण तथ४ बलर४म दकनत कक; कजघ४रसप:--म४रनद कक इचछ४ सद; दहतय:--अनय असपर;
आगमतनन--आ पहह हच४ ।.
एक कदन जब र४म तथ४ कक षण अपनद स४कथयत कद स४थ यमपन४ नदश कद ककन४रद अपनद बछडद
तमनन--असपर कक; वतस-रकपणमस-- बछडद क४ वदश ध४रण ककयद; वशकय--ददख कर; वतस-यसथ-गतमनन--जब वह असपर अनय
बछडत कद समसह कद बशच घपस४; हरर:--भगव४ननन कक षण; दशरयननन--ससकचत करतद हह ए; बलददव४य--बलददव कक; शनह:--अतयनत
धशमद धशमद; मपगध: इब--म४नक कप छ समझ हश न रहद हत; आसदतनन--प४स आयद।.
जब भगव४ननन नद ददख४ कक असपर बछडद क४ वदश ध४रण करकद अनय बछडत कद समसह कद बशच
घपस आय४ हह, तक उनहतनद बलददव कक इकडधत ककय४, ““यह रह४ दससर४ असपर।'' कफर वद उस असपर कद
प४स धशरद-धशरद पहहचह गयद म४नक वद असपर कद मनकभ४वत कक समझ नहथ रहद थद।
सरकदत सद बत४य४।
गकहशतव४--पकड कर; अपर-प४द४भय४मनन-कपछलद प४हव सद; सह--स४थ; ल४डस लमनन--पसहछ कक; अचयपत:द--भगव४ननन कक षण नद;
भ४मकयतव४--तदजश सद घपम४कर; ककपतथ-अगद--कह थद कद पदड कक चकटश पर; प४कहणकतनन--फम क कदय४; गत-जशकवतमनन--प४णहशन
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शरशर; सद--वह असपर; ककपतथद: --कह थद कद वकक समदत; मह४-क४य:--कवश४ल शरशर ध४रण ककयद; प४तयम४नह: --कगरत४ हह आ
वकक; पप४त ह--मकत हककर भसकम पर कगर पड४ |.
ततपशच४तनन शशकक षण नद उस असपर कक कपछलश ट४हगम तथ४ पसहछ पकड लश और वद उसकद शरशर कक
तब तक तदजश सद घपम४तद रहद जब तक वह मर नहथ गय४। कफर उसद कह थद कद पदड कक चकटश पर फम क
कदय४। वह वकक उस असपर द४र४ ध४रण ककयद गयद कवश४ल शरशर कक लदकर भसकम पर कगर पड४।
कह४ ज४त४ हह। इसक४ गसद४ बहह त सव४कदष हकत४ हह--मशठ४ तथ४ खट४ अतद इसद हर ककई पसरद करत४ हह।
तमनन--इस घटन४ कक; वशकय--ददखकर; कवकसमत४:--चककत; ब४ल४: --स४रद ब४लक; शशरसप:-- खसब पशरस४ कक; स४धप स४धप
इकत--“' बहह त अचछ४ बहह त अचछ४ '' कचल४तद हह ए; ददव४: च--तथ४ सवगरलकक सद स४रद ददवत४; पररसनतपष४: --अतयनत सरतपष;
बभसवपद--हक गयद; पपषप-वकररण:--कक षण पर फस लत कक वर४र कक।.
असपर कद मकत शरशर कक ददखकर स४रद गव४लब४ल कचल४ उठद, “बहह त खसब कक षण, बहह त
अचछद, बहह त अचछद, धनयव४द, '' सवगरलकक मम स४रद ददवत४ पसन थद अतद उनहतनद भगव४ननन पर फस ल
बरस४यद।
तल वतसप४लकल भसतव४ सवरलककह कप४लकल ।
सप४तर४शल गकवतस४रशच४रयनतल कवचदरतप: ॥ ४५॥
तल--कक षण तथ४ बलर४म; वतस-प४लकल--म४नक बछडत कक रखव४लश करनद व४लद; भसतव४--बन कर; सवर-लकक-एक-
प४लकल--यदकप बद समपसणर बह४णड कद जशवत कद प४लनकत४र हह; स-प४त:-आशल--सपबह क४ न४शत४ करकद ; गक-वतस४नस--स४रद
बछडत कक; च४रयनतल--चर४तद हहए; कवचदरतप:--इधर-उधर कवचरण करनद लगद।.
असपर कक म४रनद कद ब४द कक षण तथ४ बलर४म नद अपन४ सपबह क४ न४शत४ ( कलदव४ ) ककय४
और बछडत कक रखव४लश करतद हह ए वद इधर-उधर टहलतद रहद। भगव४ननन कक षण तथ४ बलर४म नद जक
समपसणर सककष कद प४लक हह, गव४लब४लत कक तरह बछडत क४ भ४र सहभ४ल४।
त४तपयर : पररतण४य स४धसन४र कवन४श४य च दपषकक त४म / इस भलकतक जगत मम कक षण क४ कनतय क४यर थ४
दपषकक कतयत कक म४रन४। इससद उनकद दहकनक क४यर मम ब४ध४ नहथ आतश थश कयतकक यह कनतय कमर थ४। जब
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वद यमपन४ कद तट पर बछडद चर४तद तक कनतय हश दक-तशन घटन४एह घटतश ककनतप गमभशर हकनद पर भश असपरत
सवमनन सवमनन--अपनद अपनद; वतस-कप लमनन-बछडत कद समसह कक; सवर--स४रद लडकद तथ४ कक षण एवर बलर४म; प४यकयषयनत:--प४नश
कपल४नद कक इचछ४ सद; एकद४--एक कदन; गतव४--ज४कर; जल-आशय-अभय४शमनन--त४ल४ब कद कनकट; प४यकयतव४--पशपओर
कक प४नश कपल४ कर; पपप: जलमनन--सवयर भश जल कपय४।.
एक कदन कक षण तथ४ बलर४म समदत स४रद ब४लक, अपनद अपनद बछडत क४ समसह लदकर,
जल४शय कद प४स बछडत कक प४नश कपल४नद ल४यद। जब पशप जल पश चपकद तक ब४लकत नद भश वह४ह
प४नश कपय४।
तद तत दहशपब४रल४ मह४सतवमवकसथतमनन ।
ततसपवरजकनकभरनर कगरद: शकडनकमव चयपतमनन ॥ ४७॥
तद--उन; तत--वह४ह; दहशप:--ददख४; ब४ल४: --ब४लकत नद; मह४-सतवमनन--कवश४ल शरशर; अवकसथतमनन--कसथत; ततसप:--डर
गयद; वजन-कनकमरनमननस--वजन सद टस ट४; कगरद: शकडमस--पवरत कक चकटश; इब--सहश; चयपतमनन--वह४ह पर कगरश हह ई |.
जल४शय कद प४स हश ब४लकत नद एक कवर४ट शरशर ददख४ जक उस पवरत कक चकटश कद सम४न
थ४, जक वचजन कद द४र४ टस ट पडश हक। वद ऐसद कवश४ल जशव कक ददखखर हश भयभशत थद।
सद--वह प४णश; बह--कनससनददह; बक: न४म--बक४सपर न४मक; मह४ननन असपर:--कवश४ल असपर; बक-रप-धककननस--बगपलद क४
शरशर ध४रण करकद ; आगतय--वह४ह आकर; सहस४--अच४नक; कक षणमनन-कक षण कक; तशकण-तपणड:--तदज चतच व४ल४;
अगसतनन--कनगल गय४; बलश--अतयनत बलश४लश।.
वह कवश४लक४य असपर बक४सपर थ४। उसनद अतयनत तदज चतच व४लद बगपलद क४ शरशर ध४रण
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कक षणमनन-कक षण कक; मह४-बक- गसतमनन--कवश४ल बबगपलद द४र४ कनगल४ हह आ; हघन४--ददखकर; र४म-आदय: अभरक४:--बलर४म
इतय४कद स४रद ब४लक; बभसवप:--हक गए; इकनदय४कण--इकनदय४ह; इब--सहश; कवन४--रकहत; प४णमनन--प४ण; कवचदतस:द -- अतयकधक
मकहगसत, प४यद अचदत |.
जब बलर४म तथ४ अनय ब४लकत नद ददख४ कक कक षण कवश४ल बबगपलद द४र४ कनगलद ज४ चपकद हह,
त४तपयर : यदकप बलर४म सब कप छ कर सकतद हह ककनतप अपनद भ४ई कद कलए उतकट सनदह कद क४रण
वद कण-भर कद कलए मककहत हक गयद। ऐसश हश घटन४ रककमणश-हरण कद समय हह ई बतल४ई ज४तश हह।
रककमणश-हरण करनद कद ब४द कक षण पर स४रद र४ज४ओर नद आकमण कर कदय४ तक रककमणश कण-भर कद
तर त४लपमसलर पदहनतमकगवदनन
गकप४लससनपर कपतरर जगदगपरक: ।
चचछदर सदकउकतरर४कतर बक-
सतपणडदन हनतपर पपनरभयपदत ॥ ५०॥
कक षण जक बह४ कद कपत४ हह ककनतप गव४लद कद पपत कक भसकमक४ कनभ४ रहद थद, अकग कद सम४न
बन कर असपर कद गलद कद कनचलद भ४ग कक जल४नद लगद कजससद बक४सपर नद तपरनत हश उनहम उगल
कदय४। जब असपर नद ददख४ कक कनगलद ज४नद पर भश कक षण कक ककई ककत नहथ पहह हचश तक तपरनत हश
उसनद अपनश तदज चतच सद कक षण पर कफर व४र कर कदय४।
त४तपयर : यदकप कक षण कमल कक भ४हकत ककमल हह ककनतप बक४सपर कद गलद मम उनहतनद अकग सद भश
बढकर जलन उतपन कर दश। यदकप कक षण क४ स४र४ शरशर कमशश सद भश मशठ४ हह ककनतप वह बक४सपर कक
इतन४ कडव४ लग४ कक उसनद तपरनत हश कक षण कक उगल कदय४। भगवदशत४ (४.११) मम ठशक हश कह४
गय४ हह-यद यथ४ म४र गपदचनतद त४रसतथहव भज४मयहमनन। जब कक षण कक शतप म४न कलय४ ज४त४ हह, तक वद
अभक कद कलए असहन४ बन ज४तद हह और वह उनहम भशतर-ब४हर सद सहन नहथ कर सकत४ हह। यह४ह पर
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तमनन-बक४सपर कक; आपतनतमनन--उन पर आकमण करनद कद कलए पपनद उदत; सद--भगव४ननन कक षण नद; कनगकहन--पकड कर;
तपणडयक: --चतच; दकभय४रमननस--अपनश ब४हह ओर सद; बकमनन--बक४सपर कक; करस-सखमनन--करस कद सरगश; सत४मनन पकत:--वहषणवत कद
सव४मश कक षण नद; पशयतसप--ददखतद ददखतद; ब४लदरप--गव४लब४लत कद ; दद४र--दक टप कडद कर कदयद; लशलय४--आस४नश सद; मपद४-
आवह:--मनमकहक क४यर; वशरण-वतनन--वशरण घ४स कद तपलय; कदवलकस४मनन--सवगर कद कनव४कसयत कद कलए।.
जब वहषणवत कद न४यक कक षण नद यह ददख४ कक करस क४ कमत बक४सपर उन पर आकमण
करनद क४ पय४स कर रह४ हह, तक उनहतनद अपनद ह४थत सद उसकक चतच कद दकनत भ४गत ( ठकरत ) कक
पकड कलय४ और स४रद गव४लब४लत कक उपकसथकत मम उसद उसश पक४र चशर ड४ल४ कजस तरह वशरण
घ४स ( ग४हडर ) कद डरठल कक बचद चशर ड४लतद हह। कक षण द४र४ इस पक४र असपर कद म४रद ज४नद सद
मकलक४ कद फस लत कक वर४र कक। उनहतनद दपनदपभश तथ४ शरख बज४कर एवर सतपकतयत द४र४ उनकक
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मपकम--इस पक४र छसट४ हहआ; बक-आसय४तनन--बक४सपर कद मपख सद; उपलभय-- व४पस प४कर; ब४लक४:--स४रद ब४लक, सरगश;
र४म-आदय:--बलर४म इतय४कद; प४णमनन--प४ण; इब--कद सम४न; इकनदय:--इकनदय४ह; गण: --समसह; सथ४न-आगतमनन-- अपनद
अपनद सथ४न पर ज४कर; तमनन--कक षण कक; परररभय--चसमतद हह ए; कनवकरत४द--सरकट सद मपक हहए; पणशय--एकत करकद ;
वतस४नस--बछडत कक; बजमनन एतय--बजभसकम ललट कर; ततनन जगप:--घटन४ क४ जकर-जकर सद बख४न ककय४।.
कजस पक४र चदतन४ तथ४ प४ण व४पस आनद पर इकनदय४ह श४नत हक ज४तश हह उसश तरह जब कक षण
इस सरकट सद उबर आयद तक बलर४म समदत स४रद ब४लकत नद सकच४ म४नक उनहम कफर सद जशवन प४प
हह आ हक। उनहतनद कक षण क४ पसरश चदतन४ कद स४थ आकलरगन ककय४ और अपनद बछडत कक समदट कर
वद बजभसकम ललट आयद जह४ह उनहतनद जकर-जकर सद इस घटन४ क४ बख४न ककय४।
शपतव४--सपन कर; ततनन--वह घटन४; कवकसमत४:--आशचयरचककत; गकप४:--गव४लद; गकपय: च--तथ४ गककपय४ह; अकत-कपय-
आहत४:--सम४च४र कक बडद आदर सद सपन४; पदत आगतमनन इब--म४नत यद ब४लक मकतयप कद मपख सद ललट कर आयद हत;
उतसपकय४तनन-- बडश उतसपकत४ सद; ऐशकनत--ब४लकत पर दकष ड४लतद हह ए; तककरत-ईकण४:--पसणर सनतकर सद, कक षण तथ४ ब४लकत सद
आहखम फद रनद क४ मन नहथ हक रह४ थ४।.
जब गव४लत तथ४ गककपयत नद जरगल मम बक४सपर कद म४रद ज४नद क४ सम४च४र सपन४ तक वद
त४तपयर : कक षण कद पकत पग४ढ पदम कद क४रण गव४लद तथ४ गककपय४ह यह सकचतद हह ए कक कक षण तथ४
अनय ब४लक ककस तरह बच कर आयद हह, श४नत रह गई।र वद सब उनहम ददखतद हश रहद तथ४ उनहतनद अपनश
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अहक बत--यह अतयनत आशचयर कक ब४त हह; असय--इस; ब४लसथ--कक षण क४; बहव:--अनदक; मकतयव: --मकतयप कद क४रण;
अभवनस--आयद; अकप--कफर भश; आसशतस-- थ४; कवकपयमनन--मकतयप क४ क४रण; तदर४मनन--सबत क४; कक तमनन-ककय४ हह आ;
पसवरमनन--पहलद; यत: --कजससद; भयमनन--मकतयप-भय थ४।.
ननननद मह४र४ज तथ४ अनय गव४लद कवच४र करनद लगद : यह बडद आशचयर कक ब४त हह कक यदकप इस
ब४लक कक षण नद अनदक ब४र मकतयप कद कवकवध क४रणत क४ स४मन४ ककय४ हह ककनतप भगव४ननन कक
कक प४ सद भय कद इन क४रणत क४ हश कवन४श हक गय४ और उसक४ ब४ल ब४हक४ भश नहथ हह आ।
त४तपयर : गव४लत नद सहज भ४व सद सकच४, “'कयतकक हम४र४ कक षण कनदरर हह, अतद मकतयप कद वद क४रण
हश कवनष हक गयद जक उनकद समक उपकसथत हहए। कक षण क४ ब४ल ब४हक४ भश नहथ हह आ। यह भगव४ननन कक
अथ अकप--यदकप उनहतनद आकमण करन४ च४ह४; अकभभवकनत--म४रनद मम सकम हह; एनमस--इस ब४लक कक; न--नहथ; एव--
कनशचय हश; तद--वद सब; घकर-दशरन४:--ददखनद मम भय४वनद; कजध४रसय४--ईषय४र कद क४रण; एनमननस-- कक षण कद ; आस४द--प४स
आकर; नशयकनत--नष हक ज४तद हह ( आक४मक कक मकतयप हकतश हह ); अगल--अकग मम; पतड-बतनन--ककटत कद सम४न।.
यदकप मकतयप कद क४रणरप दहतयगण अतयनत भय४वनद थद ककनतप वद इस ब४लक कक षण कक म४र
नहथ प४यद। चसकह क वद कनदरर ब४लकत कक म४रनद आयद थद इसकलए जयतहश वद उनकद कनकट पहह हचद
तयतहश वद उसश तरह म४रद गयद कजस तरह अकग पर आकमण करनद व४लद पतडद म४रद ज४तद हह।
त४तपयर : ननद मह४र४ज नद सहज भ४व सद सकच४, “श४यद इस ब४लक नद पसवरजनम मम इन असपरत कक
म४र४ हक इसकलए इस जशवन मम वद उससद ईषय४र करकद उस पर आकमण कर रहद हह। लदककन कक षण अकग
हह और वद पतद हह और अकग तथ४ पतडत कक लड४ई मम अकग हश कवजयश हकतश हह। '” असपरत तथ४
भगव४ननन कक शकक कद बशच सदहव यपद चलत४ रहत४ हह। पररत४ण४य स४धसन४र कवन४श४य च दपषकक त४मनन
( भगवदशत४ ४.८) । जक भश भगव४ननन कद कनयरतण कद कवरद हक उसक४ वध जनम-जनम४रतर ककय४ ज४न४
च४कहए स४म४नय प४णश कमर कद वशशभसत हह ककनतप भगव४ननन सद४ हश असपरत पर कवजय प४तद हह।
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अहक--ककतन४ आशचयरजनक हह; बह-कवद४मनन-बह-ज४न सद यपक वयककयत कद ; व४च: --शबद; न--कभश नहथ; असतय४:--झसठ;
सकनत--हकतद हह; ककहरकचतनन--ककसश भश समय; गगर:--गगरमपकन नद; यतनन--जक भश; आह--भकवषयव४णश कक थश; भगव४ननन--परम
शककश४लश; अनवभ४कव--वहश हक रह४ हह; तथ४ एब--जहस४; ततननस--वह।.
बह-ज४न सद यपक पपररत कद शबद कभश झसठद नहथ कनकलतद। यह बडद हश आशचयर कक ब४त हह
कक गगरमपकन नद जक भश भकवषयव४णश कक थश उसद हश हम कवसत४र सद वसतपत : अनपभव कर रहद हह।
त४तपयर : म४नव जशवन कद उददशय क४ बहससत मम सरकदत ककय४ हह-- अथ४तक बहकजज४स४। अपन४
जशवन पसणर बन४नद कद कलए--च४हद भसत हक, वतरम४न य४ भकवषय--मनपषय कक बह कद कवरय मम ज४नन४
च४कहए। तशत सनदह कद क४रण ननननद मह४र४ज कक षण कक यथ४थर रप मम नहथ समझ प४यद। गगरमपकन वददत क४
अधययन करनद सद भसत, वतरम४न तथ४ भकवषय कक हर ब४त ज४न सकतद थद ककनतप नननद मह४र४ज कक षण कक
सशधद नहथ समझ प४यद। कक षण कद पकत गहन पदम कद क४रण वद भसल गयद कक कक षण कलन हह और वद कक षण
कक शकक कक समझ नहथ प४यद। यदकप कक षण स४क४तनन न४र४यण हह ककनतप गगरमपकन नद इसकक पकट नहथ
'ककय४। इसकलए ननद मह४र४ज कक गगरमपकन कद शबद अचछद लगद ककनतप गहन पदम कद क४रण वद यह नहथ
समझ प४यद कक कक षण कलन हह यदकप गगरमपकन नद कह४ थ४ कक कक षण कद स४रद गपण न४र४यण कद हश सम४न
हतगद।
इकत--इस पक४र; ननद-आदय:--ननद मह४र४ज इतय४कद; गकप४:--गव४लद; कक षण-र४म-कथ४मनन-- भगव४ननन कक षण तथ४ र४म समबनधश
घटन४ओर कक कथ४ कक; मपद४--बडद हश आननद सद; कप वरनत:--करतद हह ए; रमम४ण४: च--आननद लदतद हहए तथ४ कक षण कद पकत पदम
बढ४तद हहए; न--नहथ; अकवनदनननस--अनपभव ककय४; भव-वददन४मनन--इस सरस४र कद कषत कक।.
इस तरह ननद समदत स४रद गव४लत कक कक षण तथ४ बलर४म कक लशल४ओर समबनधश कथ४ओर मम
बड४ हश कदवय आननद आय४ और उनहम भलकतक कषत क४ पत४ तक नहथ चल४।
ननद मह४र४ज तथ४ यशकद४ क४ प४कट वकनद४वन मम इस भलकतक जगत कद स४म४नय वयककयत कक हश तरह
श४
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हह आ ककनतप उनहम इस जगत कद कषत क४ कभश अनपभव नहथ हह आ, भलद हश उनहम कभश कभश असपरत कद
उतप४तत क४ स४मन४ करन४ पड४ हक। यह वय४वह४ररक उद४हरण हह। यकद हम नननननद मह४र४ज तथ४ गकपत कद
चरणकचहत क४ अनपसरण करम तक हम कक षण-लशल४ओर कद कवरय मम कवच४र-कवमशर करनद सद हश सपखश बन
सकतद हह।
( भ४गवत १.७.६)
समपद मम पपल बन४नद क४ सव४रग करनद तथ४ बनदरत कक तरह इधर-उधर कस दनद-फ४हदनद मम अपनश
ब४लय४वसथ४ वयतशत कक।
इस पक४र शशमद४गवत कद दशम सकरध कद अनतगरत “कक षण कक ब४ल-लशल४एह”' न४मक गय४रहवम
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एक कदन कक षण नद जरगल मम कवह४र गकषश (कपककनक) करनश च४हश अतएव वद प४तदक४ल हश अनय
गव४लब४लत कद स४थ अपनद अपनद बछडत कक टकलश समदत जरगल मम चलद गयद। जब वद भकजन-प४न कर
रहद थद तभश पसतन४ तथ४ बक४सपर क४ भ४ई अघ४सपर कक षण तथ४ उनकद सरकगयत कक म४रनद कद उददशय सद पकट
हह आ। करस द४र४ भदजद गयद इस असपर नद अजगर क४ रप बन४य४ और उसनद अपन४ कवसत४र आठ मशल
तक कर कलय४। उसकक ऊहच४ई पवरत जहसश हक गई, उसक४ मपहह पकथवश सद लदकर आक४श तक फह ल गय४।
अघ४सपर ऐस४ वदश बन४कर र४सतद मम लदट गय४। कक षण कद कमतत नद सकच४ कक यह असपर-रप वकनद४वन क४
ककई रमणशक सथल हह। इस तरह वद इस कवश४ल अजगर कद मपख कद भशतर घपसनद कद कलए इचछप क हक
उठद। उनकद कलए अजगर क४ कवश४ल रप कखलव४ड बन गय४। वद हहसनद लग पडद कयतकक वद आशवसत थद
कक यकद यह रप खतरन४क भश हक तक उनहम डरनद कक ककई ब४त नहथ कयतकक कक षण उनकक रक४ करनद कद
कलए स४थ हह। इस तरह वद कवश४ल आकक कत कद मपख कक ओर बढनद लगद।
कक षण अघ४सपर कद ब४रद मम अचछश तरह ज४नतद थद अतएव वद अपनद कमतत कक असपर कद मपख मम घपसनद
सद मन४ करन४ च४ह रहद थद ककनतप तब तक स४रद गव४लद अपनद अपनद बछडत कक टककलयत समदत उस
कवश४ल आकक कत कद मपख मम घपस चपकद थद। कक षण ब४हर पतशक४ कर रहद थद और अघ४सपर यह सकच कर
कक षण कक पतशक४ मम थ४ कक जयतहश वद घपसम कक वह अपन४ मपहह बनद कर लद तक स४रद लकग मर ज४यमग।द
कक षण कक पतशक४ मम उसनद ब४लकत कक नहथ कनगल४। तभश कक षण सकच मम थद कक ककस तरह ब४लकत कक
बच४य४ ज४य और अघ४सपर क४ वध ककय४ ज४यद। अत: वद भश उस कवश४ल असपर कद मपहह मम घपस गयद और
जब वद अपनद कमतत समदत उस असपर कद मपख मम थद तक उनहतनद अपनद शरशर कक इतन४ बढ४य४ कक असपर
क४ शव४स रक गय४ और वह मर गय४। इसकद ब४द कक षण नद अमकत-दकष फद र कर अपनद कमतत कक जशकवत
ककय४ कजससद सभश हहसतद-खदलतद ब४हर आ गयद। इस तरह कक षण नद ददवत४ओर कक पकतस४कहत ककय४ और
उनहतनद परम पसनत४ वयक कक। दपष तथ४ प४पश वयकक कद कलए स४दपजयकमक कक ककई गपरज४ईश नहथ
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रहतश ककनतप कक षण द४र४ अघ४सपर कद शरशर मम पकवष हकनद तथ४ उनकद सपशरम४त सद उस असपर कक स४यपजय
मपकक प४प हहई।
जब यह लशल४ समपन हहई तक कक षण अभश कद वल प४हच वरर कद थद। एक वरर ब४द जब वद छ: वरर कद
हह ए और उनहतनद पलगणड अवसथ४ मम पवदश ककय४ तब बजव४कसयत कक यह लशल४ बतल४ई गई। परशककत
मह४र४ज नद पसछ४, “कय४ क४रण हह कक यह लशल४ एक वरर ब४द पकट कक गई कफर भश बजव४कसयत नद
सकच४ कक यह उसश कदन घकटत हह ई हह ?”' इसश पशन कद स४थ ब४रहवम अधय४य क४ अनत हकत४ हह।
शशशपक उब४च
ककचदन४श४य मनक दधदवज४तनन
प४तद समपतथ४य वयसयवतसप४ननन ।
पबकधयजछप डड रवदण च४रण४
कवकनगरतक वतसपपरदसरक हरर: ॥ १॥
शश-शपकद उब४च-- शशशपकददव गकसव४मश नद कह४; ककचतनन--एक कदन; वन-आश४य--जरगल मम कवह४र करनद हदतप; मन:द--मन;
दधतनन--धय४न कदय४; बज४तननस-वजभसकम सद ब४हर गयद; प४तद--सपबह हकतद हश; समपतथ४य--जग कर; वयसय-वतस-प४नस--
गव४लब४लत तथ४ बछडत कक; पबकधयननन--जग४कर बतल४तद हहए; शकडनस-रवदण--सथग कद बनद कबगपल सद आव४ज करतद हह ए;
च४रण४--अतयनत सपनदर; कवकनगरत: --वजभसकम सद ब४हर आयद; वतस-पपरद:सर:--बछडत कक आगद करकद ; हरर: -- भगव४ननन.
तदन--उनकद ; एव--कनससनददह; स४कमननस--स४थ; पकथपक४:--ब४लक; सहसश: --हज४रत ; कसनगध४:-- अतयनत आकररक; सप--
सपनदर; कशकन नस-कलदव४ कक पकटलश; वदत--बछडद ह४हकनद कद कलए ल४कठय४ह; कवर४ण--सथग कद बनद कबगपल; वदणव:--ब४हसरप रय४ह;
सव४ननन सव४नस--अपनश अपनश; सहस-उपरर-सडखयय४ अकनवत४ननन--सरखय४ मम एक हज४र सद ऊपर; वतस४नननस--बछडत कक; पपरद-
कक तय--आगद करकद ; कवकनयरय:
प --ब४हर आ गयद; मपद४-- पसनत४पसवरक |.
उस समय ल४खत गव४लब४ल बजभसकम मम अपनद अपनद घरत सद ब४हर आ गयद और अपनद स४थ
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कद ल४खत बछडत कक टककलयत कक अपनद आगद करकद कक षण सद आ कमलद। यद ब४लक अतशव सपनदर
थद। उनकद प४स कलदव४ कक पकटलश, कबगपल, वरशश तथ४ बछडद चर४नद कक ल४कठय४ह थथ।
कक षणवतसहरसडखय४तहयसरथशकक तय सववतसक४ननन ।
च४रयनतक3 भरलशल४कभकवरजहडसतत तत ह ॥३॥
कक षण--कक षण क४; वतसह:--बछडत कद स४थ; असडखय४तह:-- अननत; यसथश-कक तय-- उनहम एकत करकद ; सव-वतसक४ननन--अपनद
बछडत कक; च४रयनतद--चर४तद हहए; अभर-लशल४कभद--ब४ल-लशल४ओर द४र४; कवजहह द-- आननद मन४य४; तत तत--यह४ह वह४ह;
ह--कनससनददह।.
कक षण गव४लब४लत तथ४ उनकद बछडत कद समसहत कद स४थ ब४हर कनकलद तक असरखय बछडद
एकत हक गयद। तब स४रद लडकत नद जरगल मम परम पसन हककर खदलन४ प४रमभ कर कदय४।
अतएव उनकद कलए कप छ भश असमभव नहथ हह। हमम इसश पररपदकय मम इस शलकक कक समझन४ च४कहए।
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'फलपब४लसतवकसपमन:कपचछध४तपकभ: ।
क४चगपजञ४मकणसवणरभसकरत४ अपयभसरयननन ॥ ४॥
'फल--जरगल कद फल; पब४ल--हरश पकतय४ह; सतवक-- गपचछद; सपमनद --सपनदर फस ल; कपचछ--मकरपरख; ध४तपकभद--ररगशन खकनज
पद४थर, गदर द४र४; क४च--एक पक४र क४ पतथर; गपजल४--छकटद छकटद शरख; मकण--मकतश; सवणर--सकन४; भसकरत४:--अलरककत;
अकप अभसरयननन--म४त४ओर द४र४ सज४यद ज४नद पर भश सवयर इन वसतपओर सद अपनद कक सज४नद लगद। .
यदकप इन ब४लकत कक म४त४ओर नद पहलद सद इनहम क४च, गपझल४, मकतश तथ४ सकनद कद आभसरणत
सद सज४ रख४ थ४ ककनतप कफर भश जरगल मम ज४कर उनहतनद फलत, हरश पकतयत, फस लत कद गपचछत,
मकरपरखत तथ४ गदर सद अपनद कक सज४य४।
मपषणनत:--चपर४तद हहए; अनयकनय--एक-दससरद सद; कशकय-आदशननन--कलदव४ कद कडबबद तथ४ अनय वसतपएह; ज४त४नस--उसकद असलश
म४कलक द४र४ ज४न कलयद ज४नद पर; आर४तनन च--दसर सथ४न कक; कचककपप:--फम क कदय४; तततय४: च--जक उस सथ४न पर थद, वद भश;
पपनद दसर४तस--और आगद; हसनतद च पपनद ददपद--हहसतद हह ए कफर सद म४कलक कक ललट४ कदय४।.
स४रद गव४लब४ल एक-दससरद कक कलदव४ कक पकटलश चपर४नद लगद। जब ककई ब४लक ज४न ज४त४
कक उसकक पकटलश चपर४ लश गयश हह, तक दससरद लडकद उसद दसर फम क ददतद और वह४ह पर खडद ब४लक
उसद और दसर फम क ददत।द जब पकटलश क४ म४कलक कनर४श हक ज४त४ तक दससरद ब४लक हहस पडतद और
म४कलक रक ददत४ तब वह पकटलश उसद ललट४ दश ज४तश।
त४तपयर : इस तरह क४ खदल और चकरश अब भश भलकतक जगत मम प४ई ज४तश हह कयतकक इस पक४र
क४ मनकररजन आधय४कतमक जगत मम कवदम४न हह जह४ह सद यह आननद क४ भ४व पसतपत हकत४ हह।
जनम४दसय यत: ( वदद४नत ससत १.१.२) | यहश भ४व आधय४कतमक जगत मम कक षण तथ४ उनकद सरकगयत द४र४
पदकशरत ककय४ ज४त४ हह ककनतप वह४ह क४ यह उल४स श४शवत हह, जबकक भलकतक जगत मम वहश ककणक
हकत४ हह। वह४ह क४ उल४स बह हकत४ हह और यह४ह क४ जड। कक षणभ४वन४मकत आनदकलन मनपषय कक यह
कशक४ ददनद कद कलए हह कक वह ककस तरह अपनद कक जड सद बह मम सथ४न४नननतररत कर सकत४ हह कनयतकक
मनपषय जशवन इसश कद कनकमत हह। अथ४तक बहकजज४स४ ( वदद४नत ससत १.१.१) । कक षण हमम यह कशक४ ददनद
कद कलए अवतररत हकतद हह कक हम ककस तरह आधय४कतमक जगत मम उनकद स४थ आधय४कतमक पद पर
आननद प४ सकतद हह। वद न कद वल आतद हह अकपतप वकनद४वन मम लशल४ओर क४ पदशरन करतद हह और लकगत
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यकद--यकद; दसरमनन-दसर सथ४न कक; गतद--गयद; कक षण:--कक षण; वन-शकभ--जरगल क४ सलनदयर; ईकण४य--ददखनद तथ४ आननद
लदनद कद कलए; तमनन-कक षण कक; अहमनन--मह; पसवरमननस--पथम; अहमनन--मह; पसवरमननस-- पथम; इकत--इस पक४र; सरसपकशय--उनहम छस
कर; रदकमरद--जशवन क४ आननद लदत।द .
कभश कभश कक षण जरगल कक शकभ४ ददखनद कद कलए दसर तक कनकल ज४तद। तक स४रद ब४लक
उनकद स४थ ज४नद कद कलए, यह कहतद हह ए दलतद, “दलड कर कक षण कक छसनद व४ल४ मह पहल४ हहगह ४! मह
कक षण कक सबसद पहलद छप ऊहग४।'' इस तरह वद कक षण कक ब४रमब४र छस-छस कर जशवन क४ आननद
लदतद।
द४रकद ण--कजनहतनद स४म४नय ब४लक कद सहश उनकद स४थ; स४कमनन--स४थ मम; कवजहह : --आननद लसट४; कक त-पपणय-पपझ४:--यद
स४रद ब४लक कजनहतनद जनम-जनम४रतर कद पपणयकमर कद फल एकत कर रखद थद।.
स४रद ब४लक कभन कभन क४यर मम वयसत थद। कप छ अपनश ब४हसरप रय४ह बज४ रहद थद, कप छ सथग क४
कबगपल बज४ रहद थद। कप छ भलरत कक गपज र ४र कक नकल तक अनय ब४लक ककयल कक कप हह कप हदस कक
नकल कर रहद थद। कप छ ब४लक उडतश कचकडयत कक भसकम पर पडनद व४लश परछ४इयत कद पशछद दलड
कर उनकक नकल कर रहद थद, तक कप छ हरसत कक सपनदर गकत तथ४ उनकक आकररक मपद४ओर कक
नकल उत४र रहद थद। कप छ चपपच४प बगपलत कद प४स बहठ गयद और अनय ब४लक मकरत कद न४च कक
नकल करनद लगद। कप छ ब४लकत नद वककत कद बनदरत कक आकक ष ककय४, कप छ इन बनदरत कक नकल
करतदहहए पदडत पर कस दनद लगद। कप छ बनदरत जहस४ मपहह बन४नद लगद और कप छ एक ड४ल सद दससरश
ड४ल पर कस दनद लगद। कप छ ब४लक झरनद कद प४स गयद और उनहतनद ममढडकत कद स४थ उछलतद हह ए
नदश प४र कक और प४नश मम अपनश परछ४ई र ददख कर वद हहसनद लगद। वद अपनश पकतधवकन कक आव४ज
कक कननद४ करतद। इस तरह स४रद ब४लक उन कक षण कद स४थ खदल४ करतद जक बहजयककत मम लशन
हकनद कद इचछप क ज४कनयत कद कलए उसकद उदगम हह और उन भकत कद कलए भगव४ननन हह कजनहतनद
कनतयद४सत४ सवशक४र कर रखश हह ककनतप स४म४नय वयककयत कद कलए वद हश एक स४म४नय ब४लक हह।
गव४लब४लत नद अनदक जनमत कद पपणयकमर क४ फल सरकचत कर रख४ थ४ फलतद वद इस तरह
भगव४ननन कद स४थ रह रहद थद। भल४ उनकद इस मह४भ४गय क४ वणरन कलन कर सकत४ हह?
१.७.६) | सफलत४ क४ रहसय स४म४नय लकगत कक ज४त नहथ इसशकलए इस जगत कद दशनजनत कद पकत
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दय४-भ४व सद, कवशदर रप सद इस ककलयपग मम, शशल वय४सददव नद हमम शशमद४गवत पद४न ककय४ हह।
अडशमद४गवतर पपर४णर अमलर यदनन वहषणव४न४र कपययनन ( भ४गवत १२.१३.१८) । वद वहषणवजन, जक कप छ बढद-
चढद हह य४ जक भगव४ननन कक मकहम४ तथ४ शकक सद भलशभ४हकत पररकचत हह उनकद कलए शशमद४गवत कपय
वहकदक गरथ हह। अनतत: हमम इस शरशर कक बदलन४ हकग४ ( तथ४ ददह४नतरप४कप:) । यकद हम भगवदशत४
तथ४ शशमद४गवत कक परव४ह नहथ करमगद तक न ज४नद हमम अगल४ शरशर कह स४ कमलद। ककनतप जक वयकक
इन दकनत गरथत पर अटल रहत४ हह उसद अगलद जशवन मम अवशय हश कक षण कक सरगकत प४प हकगश।
( तयकतव४ ददह पपनजरनम नहकत म४र एकत सक5 जपन )। अतद स४रद कवशव मम शशमदश४गवत क४ कवतरण धमरजत,
द४शरकनकत, अधय४तमव४कदयत तथ४ यककगयत, यह४ह तक कक आम जनत४ कद कलए एक मह४ननन कलय४ण-क४यर
हह। ( यककगन४र अकप सवरर४मनन )। जनमल४भ: पर: पपरस४मनतद न४र४यणसमककत: ( भ४गवत २.१.६)--यकद हम
अपनद जशवन कद अकनतम कण मम कक षण य४ न४र४यण क४ यदनकद न पक४रदण समरण कर सकम तक हम४र४
यतप४दप४रसपबरहहजनमकक चछकतक
धकत४तमकभयककगकभरपयलभय: ।
स एव यहह कगवरय: सवयर कसथत:
ककर वणयरतद कदषमतक बजलकस४मनन ॥ १२॥
यतनन--कजसकद ; प४द-प४रसप:--चरणकमलत कक धसल; बहह -जनम--अनदक जनमत मम; कक चछप त:--यकग, धय४न आकद कद कलए ककठन
तपसय४ करनद सद.; धकत-आतमकभ:--मन कक वश मम रखनद व४लत कद द४र४; यककगकभ:--ऐसद यककगयत द४र४ ( ज४नयकगश, र४जयकगश,
धय४नयकगश इतय४कद ); अकप--कनससनददह; अलभय:--प४प न ककय४ ज४ सकनद व४लश; सद--भगव४ननन; एब--कनससनददह; यतनन-हकन न-
कवरय: --स४क४तनन दशरन कक वसतप बन गय४ हह; सवयमनन--सवयर; कसथत: --उनकद समक उपकसथत; ककमनन--कय४; वणयरतद--वणरन
ककय४ ज४ सकत४ हह; कदषमननस- भ४गय कद कवरय मम; अत:--इसकलए; बज-ओकस४मनन--वजभसकम वकनद४वन कद व४कसयत कद |.
भलद हश यकगश अनदक जनमत तक यम, कनयम, आसन तथ४ प४ण४य४म द४र४ कजनमम सद ककई भश
सरलत४ सद नहथ ककय४ ज४ सकत४ हह, कठकर सद कठकर तपसय४ करम कफर भश समय आनद पर जब
इन यककगयत कक मन पर कनयरतण करनद कक कसकद प४प हक ज४तश हह, तक भश वद भगव४ननन कद
चरणकमलत कक धसल कद एक कण तक क४ आसव४द नहथ कर सकतद। तक भल४ बजभसकम
वकनद४वन कद कनव४कसयत कद मह४भ४गय कद कवरय मम कय४ कह४ ज४य कजनकद स४थ स४थ स४क४तनन
बन सकद ।
अथ४घन४म४भयपतनमह४सपर-
सतदर४र सपखककडनवशकण४कम: ।
कनतयर यदनतकनरजजशकवतदपसपकभ:
पशत४मकतहरपयमरहद पतशकयतद ॥ १३॥
अथ-5 तपशच४तनन; अध-न४म--अघ न४मक शककश४लश असपर; अभयपततनन--उस सथ४न पर पकट हह आ; मह४-असपर:--मह४न,
अतयनत शककश४लश असपर; तदर४मनन-गव४लब४लत कक; सपख-ककडन--कदवय लशल४ओर क४ आननद; वशकण-अकम: --ददख कर
सहन कर प४नद मम अकम; कनतयमस-श४शवत; यतनन-अनत:--अघ४सपर क४ अनत; कनज-जशकवत-ईपसपकभ:-- अध४सपर द४र४ कबन४ सत४यद
हह ए जशनद कद कलए; पशत-अमकतहद अकप--पकतकदन अमकत-प४न करतद हहए भश; अमरह:--ददवत४ओर द४र४; पतशकयतद--पतश क४ कक ज४
रहश थश ( ददवत४ भश अधघ४सपर कद वध कक पतशक४ कर रहद थद )।.
हद र४ज४ परशककत, ततपशच४तनन वह४ह पर एक कवश४ल असपर पकट हह आ कजसक४ न४म अघ४सपर थ४
और ददवत४ तक कजसकक मकतयप कक पतशक४ कर रहद थद। यदकप ददवत४ पकतकदन अमकत-प४न करतद थद
कफर भश वद इस मह४ननन असपर सद डरतद थद और उसकक मकतयप कक पतशक४ मम थद। यह असपर जरगल मम
गव४लब४लत द४र४ मन४यद ज४ रहद कदवय आननद कक सहन नहथ कर सक४।
इषल४भरक४नकक षणमपख४नघ४सपरद
करस४नपकशष: स बककबक४नपज: ।
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इकष४--ददख कर; अभरक४ननन--स४रद गव४लब४लत कक; कक षण-मपख४ननन--कक षण आकद; अध४सपर:--अधघ४सपर न४मक र४कस; करस-
अनपकशष:--करस द४र४ भदज४ गय४; सद--वह ( अध४सपर ); बकक-बक-अनपज:--पसतन४ तथ४ बक४सपर क४ छकट४ भ४ई; अयमननस--यह
कक षण; तप--कनससनददह; मद--मदर४; सकदर-न४श-कक तनन-- भ४ई तथ४ बकहन क४ म४रनद व४ल४; तयक:--अपनद भ४ई तथ४ बकहन कद कलए;
दक:--दकनत कद कलए; मम--मदर४; एनमनन--कक षण कक; स-बलमनन--उसकद सह४यक गव४लब४लत समदत; हकनषयद--ज४न सद
म४रहग४।.
करस द४र४ भदज४ गय४ अघ४सपर पसतन४ तथ४ बक४सपर क४ छकट४ भ४ई थ४। अतएवर जब वह
आय४ और उसनद ददख४ कक कक षण स४रद गव४लब४लत क४ मपकखय४ हह, तक उसनद सकच४, “इस कक षण नद
मदरश बहन पसतन४ तथ४ मदरद भ४ई बक४सपर क४ वध ककय४ हह। अतएव इन दकनत कक तपष करनद कद
एतद--यह कक षण तथ४ उसकद सरगश गव४लब४ल; यद४--जब; मतनन-सपहदक: --मदरद भ४ई तथ४ बकहन क४; कतल-आप: कक त४:--कतल
तथ४ जल सद अकनतम सरसक४र हक; तद४--उस समय; नष-सम४:--प४णकवहशन; वबज-ओकस: --बजभसकम वकनद४वन कद स४रद
कनव४सश; प४णद-- प४ण कद ; गतद--कनकल ज४नद पर; वषमरसप--जह४ह तक शरशर क४ समबनध हह; क४--कय४; नप--कनससनददह;
कचनत४--सकच-कवच४र; पज४-असव: --अपनद बचत कद कलए कजनक४ पदम अपनद जशवन कद पकत पदम जहस४ हश हह; प४ण-भकतद--वद
जशव; कह--कनससनददह; यद तद--यद स४रद बजभसकमव४सश |.
अघ४सपर नद सकच४: यकद मह ककसश तरह कक षण तथ४ उनकद सरकगयत कक अपनद भ४ई तथ४ बकहन
कक कदवरगत आतम४ओर कद कलए कतल तथ४ जल कक अकनतम भमट बन४ सकसह तक बजभसकम कद स४रद
व४सश, कजनकद कलए यद ब४लक प४णत कद तपलय हह, सवयमदव मर ज४यमगद। यकद प४ण नहथ रहमगद तक
कफर शरशर कक कय४ आवशयकत४ ? फलसवरप अपनद अपनद पपतत कद मरनद पर बज कद स४रद व४सश
सवतद मर ज४यमगद।
इकत--इस पक४र; वयवसय--कनशचय करकद ; आजगरमस-- अजगर; बकहतनन वपप:--अतयनत भ४रश शरशर; सद--अघ४सपर नद; यकजन-
आय४म--आठ मशल भसकम घदरनद व४ल४; मह४-अकद-पशवरमनन--कवश४ल पवरत कद सम४न मकट४; धकतव४--रप ध४रण कर; अदपतमनन-
अदपत; वय४त--फह ल४ कदय४; गपह४-आननमनन--कवश४ल पवरत-गपफ४ जहसद मपहह व४ल४; तद४--उस समय; पकथ--र४सतद मम;
वयशदत--घदर कलय४; गसन-आशय४--स४रद गव४लब४लत कक कनगलनद कक आश४ सद; खलद-पष |
धर४धरकषक जलदकतरकषक
दय४रनन४नतक कगररशडभदरषद ।
धव४नत४नतर४सयक कवतत४धवकजहद
परर४कनलशचव४सदवदकणकषण: ॥ १७॥
धर४-- पकथवश; अधर-ओष:--कजसक४ कनचल४ हतठ; जलद-उतर-ओष:--कजसक४ ऊपरश हतठ ब४दलत कक छस रह४ थ४; दरश-
आनन-अनत:--कजसक४ मपहह पवरत-गपफ४ कद सम४न चलड४ई मम फह ल गय४ थ४; कगरर-शसड-- पवरत कक चकटश कद सम४न; दरषद--
द४हत; धव४नत-अनतद-आसय:-- मपहह कद भशतर क४ व४यपमणडल यथ४समभव अरधक४रपसणर थ४; कवतत-अधव-कजहन द--कजसकक जशभ
चल र४सतद कक भ४हकत थश; परर-अकनल-शव४स--कजसकक शव४स गमर हव४ कक तरह थश; दव-ईकण-उषण: --कजसकक कचतवन आग
कक लपटत जहसश थश।.
उसक४ कनचल४ हकठ पकथवश पर थ४ और ऊपरश हकठ आक४श कद ब४दलत कक छस रह४ थ४। उसकद
मपख कक बगलम पवरत कक कवश४ल गपफ४ओर कद सम४न थथ और मपख क४ मधय भ४ग अतयनत
अरधक४रमय थ४। उसकक जशभ चल म४गर कद तपलय थश, उसकक शव४स गमर हव४ जहसश थश और उसकक
आहखम आग कक लपटत जहसश जल रहश थथ।
इकष४--ददख कर; तमनन--उस अघ४सपर कक; त४हशमनन--उस अवसथ४ मम; सवर--कक षण तथ४ स४रद ब४लकत नद; मतव४--सकच४ कक;
वबकनद४वन-कभयमनन--वकनद४वन कक सपनदर मसकतर; वय४त--फह ल४ हह आ; अजगर-तपणडदन--अजगर कद मपहह जहस४; कह--कनससनददह;
उतपदकनतद--म४नत ददख रह४ हक; सम--भसतक४ल मम; लशलय४--लशल४ कद रप मम।.
इस असपर क४ अदपत रप कवश४ल अजगर कद सम४न थ४। इसद ददख कर ब४लकत नद सकच४
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अजगर यह४ह रह सकद । यह तक खदलनद क४ रमणशक सथल हह।'” उन सबत नद ऐसश हश कलपन४ कक।
अहक--ओह; कमत४कण--स४रद कमत; गदत--हमम बत४ओ तक; सतव-कस टमस--मकत अजगर; पपर: कसथतमनन--पहलद सद पड४ हह आ;
असमतनन-हम सबत कक; सडगसन--कनगलनद कद कलए; वय४त-वय४ल-तपणड४-यतद--अजगर नद मपख फह ल४ रख४ हह; न व४--यह
तथय हह अथव४ नहथ।.
ब४लकत नद कह४ : कमतक, कय४ यह मकत हह य४ सचमपच यह जशकवत अजगर हह, कजसनद हम सबत
कक कनगलनद कद कलए अपन४ मपहह फह ल४ रख४ हह? इस सनददह कक दसर करक न!
त४तपयर : स४रद कमत अपनद समक पडद हह ए उस अदपत जशव कक सतयत४ कद कवरय मम परसपर
कवच४र-कवमशर करनद लगद। कय४ यह मकत हह य४ उनहम कनगलनद क४ पय४स कर रह४ जशकवत अजगर हह ?
सतयमकरकर४रकमपतर४हनपवदनमनन ।
अधर४हनपवदकधसततपकतचछ४यय४रणमनन ॥ २०॥
सतयमस--यह सचमपच जशकवत अजगर हह; अकर-कर-आरकमनन-धसप जहस४ लगनद व४ल४; उतर४-हनपवतनन घनमननस--ब४दल पर ऊपरश
हतठ कक तरह; अधर४-हनपवतनन--कनचलद हतठ कक तरह; रकध:--कवश४ल ककन४र४; ततनन-पकतचछ४यय४-- धसप कद पकतकबमब सद;
अरणमनन-ल४ल-ल४ल।.
ततपशच४तनन उनहतनद कनशचय ककय४ : कमतक, यह कनकशचत रप सद हम सबत कक कनगल ज४नद कद कलए
यह४ह बहठ४ हहआ ककई पशप हह। इसक४ ऊपरश हतठ ससयर कक धसप सद रककम हह ए ब४दल कक तरह हह
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ब४एह तथ४ द४एह दक खड जहसश पवरत-गपफ४एह कदखतश हह, वद इसकक गलफडम हह और पवरत कक
ऊहचश चककटय४ह इसकद द४हत हह।
आसतकत-आय४म--लमब४ई तथ४ चलड४ई; म४गर: अयमनन--चलड४ र४सत४; रसन४मनन--जशभ; पकतगजरकत-- कद सहश हह; एर४मनन अनत:-
'गतमनन--पवरतत कद भशतर; धव४नतमनन--अहधरद ४; एततनन--यह; अकप--कनससनददह; अनत:-आननमनन-मपहह कद भशतर |
इस पशप कक जशभ कक लमब४ई-चलड४ई चल म४गर जहसश हह और इसकद मपख क४ भशतरश भ४ग
द४व-उषण-खर-व४त: अयमनन-- अकग कद सम४न गमर श४स ब४हर कनकल रहश हह; श४स-वतनन भ४कत पशयत--ददखक न उसकक शव४स कद
सहश हह; ततनन-दगध-सतव--जलतद अकसथपरजरत कक; दपगरनननध:--बपरश महक; अकप--कनससनददह; अनत:-आकमर-गनध-वतनन--म४नत
भशतर सद आ रहश म४रस कक दपगर हक।.
यह अकग जहसश गमर हव४ उसकद मपहह सद कनकलश हह ईर शव४स हह, कजससद जलतद हह ए म४रस कक
असम४नननस-हम सबत कक; ककमनन-कय४; अतन--यह४ह; गकसत४--कनगल ज४यदग४; कनकवष४नस-- पवदश करनद क४ पयतन करनद व४लद;
अयमनन-यह पशप; तथ४--अत:द ; चदतनन--यकद; बक-वतनन--बक४सपर कद सम४न; कवनडक छषयकत--कवनष कर कदय४ ज४यदग४; कण४तनन--
तपरनत; अनदन--इस कक षण कद द४र४; इकत--इस पक४र; बक-अरर-उशतनन-मपखमनन--बक४सपर कद शतप कक षण कद सपनदर मपखमरडल कक;
वशकय-- ददखकर; उदसनतद--जकर सद हहसतद हहए; कर-त४डनह:द--त४लश बज४-बज४ कर; ययप:--मपहह कद भशतर चलद गयद।.
तब ब४लकत नद कह४, “कय४ यह प४णश हम लकगत कक कनगलनद आय४ हह? यकद वह कनगलदग४
तक तपरनत हश बक४सपर कक भ४हकत म४र ड४ल४ ज४यदग४।'' इस तरह उनहतनद बक४सपर कद शतप कक षण कद
सपनदर मपख कक ओर कनह४र४ और त४लश बज४ कर जकर-जकर सद हहसतद हह ए वद अजगर कद मपहह मम
पकवष हक गयद।
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त४तपयर : इस भशरण पशप कद कवरय मम तकर-कवतकर करनद कद ब४द उनहतनद असपर कद मपख मम पवदश
करनद क४ कनशचय ककय४। उनहम कक षण पर पसर४-पसर४ कवशव४स थ४ कयतकक उनहम अनपभव हक चपक४ थ४ कक
कक षण नद ककस पक४र उन सबत कक बक४सपर कद मपख सद बच४य४ थ४। अब यह दससर४ असपर अघ४सपर थ४।
अत: वद इस असपर कद मपख मम घपस कर खदल क४ आननद लदन४ और बक४सपर कद शतप कक षण द४र४ बच४य४
इतथमनन--इस पक४र; कमथ: --अथव४ दससर४; अतथयमनन--जक तथय नहथ हह, ऐस४ कवरय; अ-ततनन-ज--कबन४ ज४नद; भ४करतमस--जब
वद ब४तम कर रहद थद; शपतव४--कक षण नद सपन कर; कवकचनननय--सकच कर; इकत--इस पक४र; अमकर४--सचमपच; मकर४यतद--जक झसठ४
लग रह४ थ४ ( वसतपतद वह पशप अघ४सपर थ४ ककनतप अलप-ज४न कद क४रण वद उसद मकत अजगर समझ रहद थद ); रक:--( ककनतप कक षण
समझ गयद थद कक ) वह असपर हह; कवकदतव४--ज४न कर; अकखल- भसत-हतनन-कसथत:--अनतय४रमश अथ४रतनन हर एक कद हदय मम कसथत
हकनद कद क४रण; सव४न४मननस--अपनद सरकगयत क४; कनरकदमप नन--उनहम मन४ करनद कद कलए; भगव४नननस--भगव४ननन नद; मन: दधद--सरकलप
ककय४।.
हर वयकक कद हदय मम कसथत अनतय४रमश परम४तम४ भगव४ननन शशकक षण नद ब४लकत कक परसपर
नकलश अजगर कद कवरय मम ब४तम करतद सपन४। वद नहथ ज४नतद थद कक यह व४सतव मम अघ४सपर थ४,
जक अजगर कद रप मम पकट हह आ थ४। यह ज४नतद हह ए कक षण अपनद कमतत कक असपर कद मपख मम
पवदश करनद सद रककन४ च४हतद थद।
त४वदडकवष४सतवसपरकदर४नतरर
परर न गशण४र: कशशव: सवतस४: ।
पतशकम४णदन बक४ररवदशनर
हतसवक४नतसमरणदन रकस४ ॥ २६॥
त४वतनन--तब तक; पकवष४:--सभश ब४लक घपस गयद; तप--कनससनददह; असपर-उदर-अनतरमनन--उस असपर कद पदट कद भशतर; परमनन--
लदककन; न गशण४र:--कनगलद नहथ ज४ सकद ; कशशव: --स४रद ब४लक; स-वतस४:--अपनद अपनद बछडत समदत; पतशकम४णदन--
पतशक४रत; बक-अरर--बक४सपर कद शतप क४; वदशनमनन--पवदश; हत-सव-क४नत-समरणदन--वह असपर अपनद मकत समबकनधयत कद
ब४रद मम सकच रह४ थ४ और तब तक सरतषप नहथ हकग४ जब तक कक षण मर न ज४य; रकस४--असपर द४र४ ।.
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समबकनधयत कद कवरय मम सकच रह४ थ४ और अपनद मपख मम कक षण कद घपसनद कक पतशक४ कर रह४ थ४।
हन ४ननयन४थ४नसवकर४दवचयपत४ननन ।
दशन४रशव मकतयकजरठर४कगघ४स४ननन
घकण४कदरतक कदषकक तदन कवकसमत: ॥ २७॥
त४नस--उन ब४लकत कक; वशकय--ददखकर; कक षण: -- भगव४ननन कक षण; सकल-अभय-पदद --जक सबत कक अभय पद४न करनद व४लद
हह; कह-- कनससनददह; अननय-न४थ४नननस-- कवशदरतय४ उन गव४लब४लत कद कलए जक कक षण कद अकतररक और ककसश कक नहथ ज४नतद थद;
सव-कर४तनन--अपनद ह४थ सद; अवचयपत४ननन-गयद हह ए; दशन४ननन च--तथ४ असह४य; मकतयक: जठर-अकग-घ४स४ननन--जक अघ४सपर कद पदट
कक अकग मम कतनकत कक तरह पकवष हक चपकद थद और जक असपर बहह त कदलदर और स४क४तनन मकतयप कक तरह भसख४ थ४ ( कवश४ल शरशर
ध४रण करनद सद असपर क४फक भसख४ रह४ हकग४ ); घकण४-अकदरत:-- अहहतक प क कक प४ कद क४रण दय४लप; कदष-कक तदन-- भगव४ननन कक
अनतररग४ शकक सद कनयककजत वसतपओर द४र४; कवकसमत:--वद भश कण-भर कद कलए आशवयरचककत थद।.
कक षण नद ददख४ कक स४रद गव४लब४ल, जक उनहम हश अपन४ सवरसव म४नतद थद, उनकद ह४थ सद
कनकल कर स४क४तनन मकतयप रपश अघ४सपर कद उदर कक अकग मम कतनकत जहसद पकवष हक ज४नद सद
असह४य हह। कक षण कद कलए अपनद इन गव४लब४ल कमतत सद कवलग हकन४ असह थ४। अतएव यह
ददखतद हहए कक यह सब उनकक अनतररग४ शकक द४र४ कनयककजत ककय४ पतशत हकत४ हह, कक षण
कक तयमनन ककमननस-कय४ ककय४ ज४य; अत--इस दश४ मम; असय खलसय--इस ईषय४रलप असपर क४; जशवनमनन--जशवन; न--नहथ;
व४--अथव४; अमशर४मनन च--तथ४ कनदररत क४; सत४मनन-भकत क४; कवकहरसनमनन--मकतयप; दयमनन-दकनत क४यर ( असपर वध तथ४
ब४लकत कक रक४ ); कथमनन--कह सद; सथ४तननस--समभव हक सकत४ हह; इकत सरकवकचनतय--इस कवरय कद ब४रद मम भलश भ४हकत सकच कर;
ज४तव४--और यह कनशचय करकद कक कय४ करन४ हह; अकवशतस--घपस गयद; तपणडमनन--असपर कद मपख मम; अशदर-हकन न हरर:--कक षण,
जक अपनश असशम शकक सद भसत, वतरम४न तथ४ भकवषय कक ज४न सकतद हह।.
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त४तपयर : कक षण अननतवशयरसवरतञ कहद ज४तद हह कयतकक उनहम हर ब४त ज४त हह। हर ब४त पसणरतय४
ज४ननद कद क४रण उनकद कलए ऐसश यपकक ढस हढ लदन४ ककई ककठन क४म न थ४ कजससद वद ब४लकत कक बच४नद
कद स४थ हश असपर कक भश म४र सकतद। इसकलए उनहतनद भश असपर कद मपख मम घपसनद क४ कनशचय ककय४।
'तद४--उस समय; घन-छद४द --ब४दलत कद पशछद; ददव४:--स४रद ददवत४; भय४तनन-- असपर कद मपहह मम कक षण कद घपस ज४नद सद डर कर;
ह४-ह४--ह४य, ह४य; इकत--इस पक४र; चपकपशपद:--पपक४रनद लगद; जहरप:--पसन हह ए; यद--जक; च-- भश; करस-आद४:--करस
तथ४ अनय लकग; कलणप४:--असपरगण; तप--कनससनददह; अध-ब४नधव४:--अधघ४सपर कद कमत.
जब कक षण अघ४सपर कद मपख मम घपस गयद तक ब४दलत कद पशछद कछपद ददवत४गण ह४य ह४य करनद
लगद। ककनतप अघ४सपर कद कमत, यथ४ करस तथ४ अनय असपरगण अतयनत हकररत थद।
'ततनन--वह ह४य ह४य कक पपक४र; शपतव४--सपन कर; भगव४ननन-- भगव४ननन; कक षण:--कक षण; तप--कनससनददह; अवयय:--कभश कवनष
न हकनद व४लद; स-अभर-वतसकमनन-गव४लब४लत तथ४ बछडत समदत; चसणर-कचककरर: --उस र४कस क४ जक उनहम अपनद पदट कद भशतर
चसणर कर ददन४ च४हत४ थ४; आतम४नमनन-सवयर; तरस४--जलदश सद; बवकधद--; गलद--.
'ततनन--वह ह४य ह४य कक पपक४र; शपतव४--सपन कर; भगव४ननन-- भगव४ननन; कक षण:--कक षण; तप--कनससनददह; अवयय:--कभश कवनष
न हकनद व४लद; स-अभर-वतसकमनन-गव४लब४लत तथ४ बछडत समदत; चसणर-कचककरर: --उस र४कस क४ जक उनहम अपनद पदट कद भशतर
चसणर कर ददन४ च४हत४ थ४; आतम४नमनन-सवयर; तरस४--जलदश सद; कववकधद--बढ४ कलय४; गलद--गलद कद भशतर।
त४तपयर : कक षण कद क४यर ऐसद हश हकतद हह। पररत४ण४य स४धसन४र कवन४श४य च दपषकन कत४मनन ( भगवदशत४
४.८) | कक षण नद असपर कद गलद मम अपन४ कवसत४र करकद उसकक शव४स अवरद कर दश और उसद म४र
ड४ल४। इस तरह उनहतनद अपनश तथ४ अपनद सरकगयत कक आसतन मकतयप सद रक४ कक तथ४ ददवत४ओर कक भश
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ततद--ततपशच४तनन, असपर कद गलद मम शरशर बढ४ कर म४रनद कद ब४द; अकत-क४यसय--कवश४ल शरशर व४लद असपर क४; कनरद-
म४कगरण:--दम घपट ज४नद सद, स४रद कनक४स म४गर रकनद सद; कह उदगशणर-दषद:-- आहखम ब४हर कनकल आई हह ई; र भमत: तप इतद तत:--
पपतकलय४ह य४ प४णव४यप इधर-उधर चलतश हहई;
र पस ण:
र -- पस रश तरह मर४; अनत:-अडलद - - शरशर कद भशतर; ;
पबन:--प४णव४यप
कनरद:--रक४ हहआ; मसथरनस--कसर कद ऊपर क४ छदद; कवकनकभरद--तकड कर; कवकनगरतद --कनकल गय४; बकह:--ब४हर।.
चसहकक कक षण नद अपनद शरशर क४ आक४र बढ४ कदय४ थ४ इसकलए असपर नद अपनद शरशर कक
क४फक बड४ कर कलय४। कफर भश उसकक शव४स रक गई उसक४ दम घपट गय४ और उसकक आहख म
इधर-उधर भटकनद लगथ तथ४ ब४हर कनकल आई।र ककनतप असपर कद प४ण ककसश भश छदद सद कनकल
नहथ प४ रहद थद अतद अनत मम उसकद कसर कद ऊपरश छदद सद ब४हर फस ट पडद।
तदन एव--उसश बहरनधन अथ४रतनन कसर कद ऊपरश छदद सद; सवररप--शरशर कद भशतर कक स४रश व४यप; बकह: गतदरप--ब४हर ज४नद सद;
प४णदरप--प४णत कद ; वतस४नननस--बछडद; सपहद: --गव४लब४ल कमत; परदत४नननस--जक भशतर मर चपकद थद; दषय४ सवय४--कक षण कक
कचतवन सद; उतथ४पय--पपनद जशकवत करकद ; ततनन-अकनबत:--उनकद स४थ; पपन:--कफर; वकत४तस-मपख सद; मपकपनदद-- भगव४ननन;
भगव४नस--कक षण; कवकनयरयल--ब४हर आ गयद ।.
जब उस असपर कद कसर कद ऊपरश छदद सद स४रश प४णव४यप कनकल गई तक कक षण नद मकत बछडत
तथ४ गव४लब४लत पर अपनश दकष फद र कर उनहम कफर सद जशकवत कर कदय४। तब मपकपनद जक ककसश
कक भश मपकक दद सकतद हह अपनद कमतत तथ४ बछडत समदत उस असपर कद मपख सद ब४हर आ गयद।
पशन४कहभकगककतथतमदपतर मह-
जयककतद सवध४मन४ जवलयकदशक दश ।
पतशकय खदडवकसथतमशशकनगरमर
कववदश तकसमकनमरत४र कदवलकस४मनन ॥ ३३॥
पशन--अतयनत कवश४ल; अकह-भकग-उकतथतमनन-- भलकतक भकग कद कलए बनद सपर कद शरशर कद कनकलनद व४लश; अदपतमनन--कवकचत;
महतनन--मह४ननन; जयककत: --तदज; सव-ध४मन४--अपनद पक४श सद; जवलयतनन--चमक४त४ हह आ; कदशद दश--दशत कदश४एह; पतशकय--
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पतशक४ करकद ; खद--आक४श मम; अवकसथतमनन--कसथत; ईश-कनगरममनन--भगव४ननन कद ब४हर आनद तक; कववदश--पवदश ककय४;
तकसमनस-कक षण कद शरशर मम; कमरत४मनन--ददखतद ददखतद; कदवलकस४मनन-ददवत४ओर कद .
त४तपयर : ऐस४ पतशत हकत४ हह कक अघ४सपर न४मक सपर कक कक षण कद शरशर मम पवदश करनद और
उनकक सरगकत प४प हकनद सद मपकक कमलश। कक षण कद शरशर मम पवदश करन४ स४यपजयमपकक कहल४तश हह ककनतप
अगलद शलककत सद कसद हकत४ हह कक दनतवक तथ४ अनयत कक तरह अघ४सपर कक स४रपयमपकक प४प हह ई।
शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र नद शशल जशव गकसव४मश कक त वहषणव तकरणश सद उदरण ददतद हह ए इसक४
कवशद वणरन ककय४ हह। अघ४सपर कक स४रपयमपकक कमलश अथ४रतनन कवषणप जहसद चतपभपरज शरशर कद स४थ
वहकपणठ लकक मम रहनद क४ अवसर कमल४। ऐस४ कह सद हह आ इसकक वय४खय४ सरकदप मम इस पक४र हह--
कक षण पसणर तदज हह और हर जशव उस तदज क४ अरश हह। जहस४कक यह४ह कसद हह हर जशव क४ अपन४
अपन४ तदज हकत४ हह। असपर क४ तदज कप छ क४ल तक उसकद शरशर कद ब४हर रहत४ रह४ और वह पसणर तदज
अथ४रतनन बहजयककत सद कमल नहथ प४य४। यह बहजयककत भलकतक आहखत कक कदख४ई नहथ पडतश ककनतप यह
कसद करनद कद कलए हर वयकक वयकष हह, कक षण नद वयकष तदज कक असपर कद शरशर सद ब४हर कप छ समय
तक खड४ रहनद कदय४ कजससद हर ककई उसद ददख सकद । तब कक षण नद यह कसद ककय४ कक जक भश उनकद
द४र४ म४र४ ज४त४ हह उसद मपकक कमलतश हह, च४हद वह स४यपजय हक, स४रपय हक, स४मशपय हक य४ अनय कप छ।
जक लकग पदम कद कदवय पद कक प४प हह उनकक मपकक कवशदर पक४र कक-- कवगपकक-हकतश हह। इस
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स४वपजयमपकक कहल४तश हह। ककनतप ब४द कद शलककत मम हम ददखतद हह कक अघ४सपर कक स४रपयमपकक कमलश।
शलकक ३८ मम बतल४य४ गय४ हह कक अघ४सपर कक कवषणप जहस४ शरशर प४प हह आ और अगलद शलकक मम
सपष तलर पर यह भश बत४य४ गय४ हह कक उसद न४र४यण जहस४ पसरश तरह आधय४कतमक शरशर प४प हह आ।
अतएव भ४गवत मम दक-तशन सथ४नत पर इसकक पपकष हह ई हह कक अघ४सपर कक स४रपयमपकक कमलश। पपन: यह
तकर ककय४ ज४ सकत४ हह कक वह बहजयककत मम कह सद कमल गय४? इसक४ उतर यह हह कक जय तथ४
कवजय कक तशन जनमत कद ब४द पपनद स४रपयमपकक कमलश और अघ४सपर कक भश भगव४ननन कद स४कतधय कद
क४रण ऐसश हश मपकक कमलश।
ततद--ततपशच४तनन; अकत-हष४:-- अतयनत पसन; सव-कक त:--अपन४ अपन४ क४यर; अकक त--पसर४ ककय४; अहरणमनन-- भगव४ननन कक
पसज४ रप मम; पपषपह:--ननदन क४नन मम उगद फस लत कक वर४र सद; सप-ग४द--दहवश ग४यक; अपसरसद च--ददवलकक कक नतरककय४ह;
नतरनहद:--न४च सद; गशतहद --ददवलकक कद गशत ग४नद सद; सपर४:--स४रद ददवत४; व४द-धर४: च--तथ४ ढकल बज४नद व४लद; व४दकह : --
ब४ज४ बज४ करकद ; सतवह: च--तथ४ सतपकतयत द४र४; कवप४:--ब४हणणण; जय-कन:सवनह:-- भगव४ननन कक मकहम४ ग४यन सद;
गण४:--हर ककई।.
ततपशच४तनन हर एक कद पसन हकनद पर ददवत४ लकग ननननदन क४नन सद फस ल बरस४नद लगद, अपसर४एह
न४चनद लगथ और ग४यन कद कलए पकसद गनधवरगण सतपकत ग४नद लगद। ढकलककयद दपनदपभश बज४नद लगद
तथ४ ब४हण वहकदक सतपकतय४ह करनद लगद। इस पक४र सवगर तथ४ पकथवश दकनत पर हर वयकक भगव४ननन
कक मकहम४ क४ ग४यन करतद हह ए अपन४ अपन४ क४यर करनद लग४।
त४तपयर : हर एक क४ कवशदर क४यर हकत४ हह। श४सत नद कनरकपत ककय४ हह कक हर वयकक अपनश
अपनश यकगयत४ओर कद अनपस४र भगव४ननन कक मकहम४ओर क४ ग४यन करद। यकद आप ग४यक हह, तक अचछश
तरह ग४ कर भगव४ननन क४ गपणग४न करम। यकद आप सरगशतज हह, तक व४दयरतत द४र उनक४ गपणग४न करम।
सवनपकरतसथ धमरसय सरकसकदहशरर तकरणमनन ( भ४गवत १.२.१३)। जशवन क४ स४फलय भगव४ननन कक तपष
करनद मम हह। इसकलए पकथवश सद लदकर ददवलकक तक हर वयकक भगव४ननन क४ गपणग४न करनद मम लग४ हह आ
हह। सभश मह४ननन सनत-पपररत क४ यहश कनणरय हह कक मनपषय जक भश यकगयत४एह अकजरत कर चपक४ हह उनक४
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इदर कह पपरससतपस:नपतसय व४
अकवचयपतक5 थ: ककवकभकनररकपतत
यदपतमशलककगपण४नपवणरनमनन ॥
““कवद४न मपकनयत नद कनकशचत कनषकरर कनक४ल४ हह कक ज४न, तप, वहकदक अधययन, यज, सतपकत तथ४
द४न कक उनकत क४ अमकघ उददशय भगव४ननन कद गपणत क४ उतम शलककत मम कदवय वणरन करन४ हह।'!
( भ४गवत १.५.२२) | यहश जशवन कक कसकद हह। मनपषय कक उसकद अपनद गपणत कद अनपस४र भगव४ननन कद
गपणग४न करनद कक कशक४ दश ज४नश च४कहए। कशक४, तप य४ आधपकनक जगत मम वय४प४र, उदकग, कशक४
आकद--इन सबकक भगव४ननन कद गपणग४न मम लग४न४ च४कहए। तभश सरस४र क४ हर वयकक सपखश हक सकद ग४।
इसकलए कक षण अपनश कदवय कलड४एह पदकशरत करनद हदतप आतद हह कजससद लकगत कक हर तरह सद उनक४
गपणग४न करनद क४ अवसर कमल सकद । ककनतप भगव४ननन क४ गपणग४न ककस तरह ककय४ ज४य यह समझ
प४न४ शकध क४ कवरय हह। ऐस४ नहथ हह कक ईशवर कद कबन४ हर ब४त समझश ज४ सकद । इसकक कननननद४ कक
ज४तश हह।
सम४न हह।
तददतप सतकतसपव४दगशकतक४-
जय४कदनहककतसवमडलसवन४ननन ।
'ततनन--उस ( सवगरलकक मम ददवत४ओर द४र४ मन४य४ गय४ उतसव ); अदपत--कवकचत; सतकत--सतपकत; सप-व४द--अचछद अचछद ब४जद;
गशकतक४--दहवश गशत; जय-आकद--जयजयक४र इतय४कद.; न-एक-उतसव--भगव४ननन कद गपणग४न कद कलए हश उतसव; मडल-
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सवन४नस-हर एक कद कलए शपभ कदवय धवकनय४ह; शपतव४--ऐसश धवकन सपन कर; सव-ध४मन:--अपनद ध४म सद; अकनत--प४स हश;
अज:--बहम; आगत:--वह४ह आ गयद; अकचर४तनन--तपरनननत; दष४--ददखकर; मकह--गपणग४न; ईशसय--कक षण क४; जग४म
कवसमयमनन--कवकसमत हक गयद।.
जब भगव४ननन बह नद अपनद लकक कद कनकट हश ऐस४ अदपत उतसव हकतद सपन४, कजसकद स४थ
स४थ सरगशत, गशत तथ४ जयजयक४र हक रह४ थ४, तक वद तपरनत उस उतसव कक ददखनद चलद आयद।
कक षण क४ ऐस४ गपणग४न ददखकर बद अतयनत कवकसमत थद।
र४जनस--हद मह४र४ज परशककत; आजगरमनन चमर--अघ४सपर क४ शपषक शरशर जक बडद चमडद कद रप मम बच४ थ४; शपषकमनन--ससख४;
वकनद४वनद अदपतमनन--वकनद४वन मम कवकचत अज४यबघर कक तरह; बज-ओकस४मनन--वजभसकम कद कनव४कसयत कद कलए; बहह -कतथमनन--
क४फक कदनत तक; बभसव--बन गय४; आककड--ककड४ सथल; गहरमनन-गपफ४ |.
एततनन--अघ४सपर तथ४ कक षण कद सरकगयत कद उद४र कक यह घटन४; कलम४र-जमनन कमर--कलम४र ( ५ वरर कक ) अवसथ४ मम समपन;
हरदद-- भगव४ननन कक; आतम--भकजन भगव४ननन कक आतम४ हह; अकह-मककणमनन--उनक४ मकक तथ४ अजगर क४ मकक; मकतयक:--
जनम-मरण कद म४गर सद; पलगणडकद --पलगणड अवसथ४ मम ( जक ५ वरर कद एक वरर ब४द शपर हकतश हह ); ब४ल४:--स४रद ब४लक;
इकष४ ऊचप:--एक वरर ब४द यह ब४त पकट कक; कवकसमत४:--म४नक उसश कदन कक घटन४ हक; बजद-- वकनद४वन मम |.
सवयर तथ४ अपनद स४कथयत कक मकतयप सद बच४नद तथ४ अजगर रप अघ४सपर कक मकक ददनद कक
घटन४ तब घटश जब कक षण प४हच वरर कद थद। इसक४ उद४टन बजभसकम मम एक वरर ब४द हह आ म४नक
यह उसश कदन कक घटन४ हक।
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मम जनम, मकतयप, जर४ तथ४ रकग हकतद हह ककनतप आधय४कतमक जगत मम ऐस४ कप छ नहथ हह। वह४ह तक हर वसतप
श४शवत हह। ककनतप अघ४सपर नद भश कक षण तथ४ उनकद भकत कद स४कनधय सद श४शवत जशवन कक वहश सपकवध४एह
प४प कर लथ। इसशकलए आतय४कहमककणमनन शबद सद इरकगत ककय४ गय४ हह कक यकद अघ४सपर कक भगव४ननन
क४ स४कतधय प४प हक सक४ तक उनकद कवरय मम कय४ कह४ ज४य जक पहलद सद हश भगव४ननन कद सरगश हह ?
स४कर कवज: कक तपपणयपपज४: ( भ४गवत १०.१२.११) | यह४ह पर इसक४ पम४ण हह कक ईशवर हर एक कद
कलए शपभ हह। यह४ह तक कक जब वद ककसश कक म४रतद हह, तक उसद मपकक कमल ज४तश हह, अतद उनकद कवरय
मम कय४ कह४ ज४यद जक पहलद सद भगव४ननन कक सरगकत मम हह।
नहतकदकचतर मनपज४भरभ४कयनद
पर४वर४ण४र परमसय वदधस: ।
अघकडकप यतसशरनधलतप४तक:
प४प४तमस४मयर तवसत४र सपदल प रभमनन ॥ ३८॥
न--नहथ; एततनन--यह; कवकचतमनन-- अदपत हह; मनपज-अभर-म४कयन:--कक षण कद कलए जक ननद तथ४ यशकद४ पर दय४लप हकनद कद
क४रण उनकद पपत रप मम पकट हहए; पर-अवर४ण४मनन--समसत क४यर तथ४ क४रणत क४; परमसय वदधस: --परम सष४ क४; अधद
अकप--अघ४सपर भश; यतनन-सपशरन--कजनकद सपशर म४त सद; धलत-प४तक:--सरस४र कद स४रद कलमरत सद मपक हक गय४; प४प--प४प
ककय४; आतम-स४मयमनन--न४र४यण जहस४ शरशर; तप--लदककन; असत४मनन सपदल
प रभमनन--जक कलपकरत आतम४ओर कद कलए सरभव नहथ हह
ककनतप भगव४ननन कक दय४ सद सबकप छ सरभव हक सकत४ हह।.
कक षण समसत क४रणत कद क४रण हह। भलकतक जगत--उच तथ४ कनमन जगत-कद क४यर-
क४रण आकद कनयनत४ भगव४ननन द४र४ हश सककजत हकतद हह। जब कक षण ननद मह४र४ज तथ४ यशकद४ कद
पपत रप मम पकट हहए तक उनहतनद अपनश अहहतपकक कक प४ सद ऐस४ ककय४। अतद उनकद कलए अपनद
असशम ऐशवयर क४ पदशरन ककई कवकचत ब४त न थश। ह४ह, उनहतनद ऐसश महतश कक प४ पदकशरत कक कक
सव४रकधक प४पश दपष अघ४सपर भश ऊपर उठ गय४ और उनकद सरकगयत मम सद एक बन गय४ और उसनद
स४रपय मपकक प४प कक जक वसतपतद भलकतक कलपरत सद यपक पपररत कद कलए प४प कर प४न४
असमभव हह।
त४तपयर : पदम कद पसरग मम म४य४ शबद भश वयवहत ककय४ ज४त४ हह। म४य४वश हश कपत४ अपनद पपत सद
पदम करत४ हह। अतद म४कयन: शबद ससकचत करत४ हह कक कक षण पदमवश ननननद मह४र४ज कद पपत रप मम पकट
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क४यर-क४रण कद सष४ हह और परम कनयनत४ हह। उनकद कलए कप छ भश असमभव नहथ हह। अत: अघ४सपर
जहसद जशव कक भश उनहतनद स४रपय मपकक पद४न कक | कक षण कद कलए यह तकनक भश कवकचत नहथ हह। कक षण
कक अपनद सरकगयत कद स४थ स४थ अघ४सपर कद मपहह मम पवदश करनद मम आननद आय४। अत: जब अघ४सपर
कक उनकक इस ककड४ क४ स४कनधय जक आधय४कतमक जगत मम हकत४ हह, प४प हह आ तक उसकद स४रद कलमर
धपल गयद और कक षण कक कक प४ सद उसद स४रपय मपकक तथ४ कवमपकक प४प हह ई। कक षण कद कलए यह ककई
अनकखश ब४त न थश।
सकक ददडढपकतम४नतर४कहत४
मनकमयश भ४गवतथ ददल गकतमनन ।
स एव कनतय४तमसपख४नप भसतयकभ-
वयपदसतम४यकउनतगरतक कह कक पपनद ॥ ३९॥
सकक तनन--कद वल एक ब४र; यतनन--कजसक४; अडभ-पकतम४--भगव४ननन क४ सवरप ( वहसद रप अनदक हह ककनतप कक षण आकद रप हह );
अनतद-आकहत४--अपनद अनतर मम रखतद हहए; मनद-मयश--बलपसवरक उनक४ कचनतन करतद हह ए; भ४गवतशमनन--जक भगव४ननन कक भकक
पद४न करनद मम सकम हह; ददल--कक षण नद पद४न ककय४; गकतमनन--सवरतम सथ४न; सद--वद ( भगव४ननन ); एब--कनससनददह; कनतय--
सदहव; आतम--स४रद जशवत क४; सपख-अनपभसकत--उनकद कचनतन म४त सद कदवय आननद प४प हकत४ हह; अकभवयपदसत-म४य:--कयतकक
बद स४रद मकह कक दसर कर ददतद हह; अनतद-गत:--हदय कद भशतर सदहव कसथत रहनद व४लद; कह--कनससनददह; ककमनन पपनद--कय४ कह४
ज४य।.
कबन४ भकक कद ककई कक षण क४ कचनतन नहथ कर सकत४, इसकद कवपरशत जब ककई कक षण क४ कचनतन
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करत४ हह, तक उसमम कनकशचत रप सद भकक हकतश हह। यदकप अघ४सपर क४ उददशय कक षण कक म४र ड४लन४ थ४
ककनतप कण-भर उसनद कक षण क४ कचनतन भककपसवरक ककय४ और कक षण तथ४ उनकद सरकगयत नद अघ४सपर कद
मपख कद भशतर ककड४ करनश च४हश। इसश तरह पसतन४ कक षण कक कवर ददकर म४रन४ च४हतश थश ककनतप कक षण
नद उसद म४त४ क४ आदर ककय४ कयतकक उनहतनद उसक४ सतन-प४न ककय४ थ४। सवलपमपथसय धमरसय त४यतद
महतक भय४तनन ( भगवदशत४ २.४०) । कवशदर रप सद जब कक षण अवत४र कद रप मम पकट हकतद हह और जक
ककई वयकक कक षण कद इन कवकवध अवत४रत क४ ( र४म४कद मसकतररप कल४कनयमदन कतषननन ) कचनतन करत४ हह,
कवशदर रप सद उनकद आकद रप कक षण क४ तक उसद मपकक प४प हकतश हह। इसकद अनदक दष४नत हह कजनमम सद
अघ४सपर भश हह, कजसनद स४रपय मपकक प४पतकक। अतएव कवकध यह हह-- सतवर ककतरयनतत म४र यतनतशन
हढबत४: ( भगवदशत४ ९.१४)। अतद भक लकग सदहव कक षण क४ गपणग४न करनद मम लगद रहतद हह।
अदहवमचयपतमन४कदमननतरपयनन--जब हम कक षण क४ उलदख करतद हह, तक हम उनकद स४रद अवत४रत यथ४
कक षण, गककवनद, न४र४यण, कवषणप, चहतनय, कक षण-बलर४म तथ४ शय४मसपनदर क४ उलदख करतद हह। जक सदहव
कक षण क४ कचनतन करत४ हह उसद कवमपकक जक भगव४ननन कद कनजश सरगश कद तलर पर कवशदर मपकक हकतश हह,
प४प हकनश च४कहए, भलद हश वह वकनद४वन मम न हक, कम सद कम वहकपणठ लकक मम तक हक। यह स४रपय
मपकक कहल४तश हह।
शशससत उब४च
इतथर कदज४ य४दवददवदतद
शपतव४ सवर४तपशचररतर कवकचतमनन ।
पपचछ भसयक5 कप तददव पपणयर
वहय४सककर यकनगकहशतचदत४: ॥ ४०॥
शश-ससतद उब४च-- शश ससत गकसव४मश नद नहकमर४रणय मम एकत सननतन त सद कह४; इतथमनन--इस पक४र; कदज४:--हद कवद४न ब४हणक;
य४दव-ददव-दत:--मह४र४ज परशककत ( य४ यपकधकषर ) कजसकक रक४ य४दवददव कक षण नद कक थश; शपतव४--सपन कर; सव-र४तप:--
म४त४ कद गभर मम अपनद रकक कक षण क४; चररतमनन-क४यरकल४प; कवकचतमनन--अतयनत अदपत; पपचछ--पसछ४; भसयद अकप-- पपनद
पपनद; ततनन एब--ऐसद क४यरकल४प; पपणयमनन--पपणयकमर सद पसणर ( शकणवत४र सवकथ४: कक षण: पपणयशवणककतरन:, कक षण क४ शवण
'करन४ सदहव पपणय हह ); वहय४सककमनन--शपकददव गकसव४मश कक; यतनन--कयतकक; कनगकहशत-चदत४: --परशककत मह४र४ज पहलद हश कक षण
क४ कसथर मन सद शवण कर रहद थद।.
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कवरय मम सपन कर कसथरकचत हक गयद और उनहतनद शपकददव गकसव४मश सद कफर कह४ कक वद उन पपणय
लशल४ओर कक सपन४यम।
शशर४जकब४च
बहनक४ल४नतरकक तर ततक४लशन कथरर भवदतनन ।
यतकलम४रद हररकक तर जगप: पलगणडकद 5 भरक४: ॥ ४१॥
शश-र४ज४ उव४च--मह४र४ज परशककत नद पसछ४; बहनस--हद ब४हण ( शपकददव गकसव४मश ); क४ल-अनतर-कक तमनन-- भसतक४ल मम कभन
अवसथ४ मम ( कलम४र अवसथ४ ) ककयद गयद कमर; ततनन-क४लशनमनन--उसद अब घकटत हकतद वणरन ककय४ ( पलगणड अवसथ४ मम ); कथमनन
भवदतनन--यह कह सद हक सकत४ हह; यतनन--जक लशल४; कलम४रद--कलम४र अवसथ४ मम; हरर-कक तमनन--कक षण द४र४ कक गई; जगप:--वणरन
ककय४; पलगणडकद --पलगणड अवसथ४ मम ( एक वरर ब४द ); अभरक४:--स४रद ब४लकत नद।.
ततनन बककह--अत: आप बतल४यम; मद--मपझकक; मह४-यककगननन--हद मह४ननन यकगश; परमनन-- अतयनत; कलतसहलमनन-- उतसपकत४; गपरक--हद
गपर; नसनमस--अनयथ४; एततनन--यह घटन४; हरदद-- भगव४ननन कक; एब--कनससनददह; म४य४--म४य४; भवकत--हह; न अनयथ४-- और
कप छ नहथ।.
हद मह४यकगश, मदरद आधय४कतमक गपर, कक प४ करकद बतल४यम कक यह कह सद हह आ ? मह यह ज४ननद
कद कलए परम उतसपक हह ।ह मह सकचत४ हह ह कक यह कक षण कक अनय म४य४ कद अकतररक और कप छ न
थ४।
त४तपयर : कक षण कक अनदक शककय४ह हह-- पर४सय शकककवकवधदव शसयतद ( शरदत४शरतर उपकनरद ६.८) ।
अघ४सपर क४ वकत४नत एक वरर कद ब४द पकट ककय४ गय४। इसमम कक षण कक ककई शकक कनकहत हकगश।
इसशकलए मह४र४ज परशककत इसकद कवरय मम ज४ननद कद कलए परम उतसपक थद और उनहतनद शपकददव
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वयमनन--हम हह; धनय-तम४:--सव४रकधक धनय; लककद --इस जगत मम ; गपरक--हद पभप, हद मदरद आधय४कतमक गपर; अकप-- यदकप;
कत-बनधव: --ककतयत मम कनमनतम ( कयतकक हमनद ककतयत जहस४ क४यर नहथ ककय४ ); वयमनन--हम हह; कपब४म: --पश रहद हह; मपहहद--
सदहव; तवत:--तपमसद ; पपणयमनन--पकवत; कक षण-कथ४-अमकतमनन--कक षण-क थ४ क४ अमकत।,
हद पभप, हद मदरद आधय४कतमक गपर, यदकप हम ककतयत मम कनमनतम हह, कफर भश हम४र४ अहकभ४गय
हह कक हम ल४भ४कनवत हह ए हह कयतकक हमम आपसद भगव४ननन कद अमकतमय पकवत क४यरकल४पत क४
कनरनतर शवण करतद रहनद क४ अवसर प४प हह आ हह।
त४तपयर : भगव४ननन कद पपणय क४यरकल४प अतयनत गपह हह। स४ध४रणतय४ इन क४यरकल४पत कक सपन
प४न४ सरभव नहथ हकत४। जक अतयनत भ४गयश४लश हकत४ हह, वहश इनहम सपन प४त४ हह। परशककत मह४र४ज नद
अपनद कक कतबनधवद म४न४ हह, कजसक४ अथर हह “'ककतयत मम कनमनतम ।' ककतयत कद गपणत क४ वणरन
भगवदननगशव४ मम हह आ हह यदकप ककतय क४ स४म४नय गपण ईशवर भ४व हह अथ४रतनन श४सन करनद कक पवककत
ककनतप ब४हण कद ऊपर श४सन चल४नद कक उससद आश४ नहथ कक ज४तश। इस तरह मह४र४ज परशककत
पशच४त४प कर रहद थद कक उनहतनद ब४हणत कद ऊपर श४सन करन४ च४ह४ इसशकलए उनहम श४कपत हकन४ पड४।
वद अपनद कक ककतयत मम कनमततम म४नतद थद। द४नमशशचरभ४वशन क४तर कमर सवभ४वजमनन ( भगवदशत४
१८.४३) । इसमम सरशय नहथ हह कक मह४र४ज परशककत मम ककतय कद अचछद गपण थद ककनतप भक कद रप मम
उनहतनद दशनत४वश तथ४ कवनमत४वश अपनद कक ककतयत मम कनमबतम रप मम पसतपत ककय४ कयतकक उनहम
ब४हण कद गलद मम मकत सपर ड४लनद क४ अपन४ क४यर समरण थ४। कवद४थर तथ४ कशषय कक अकधक४र हह कक
वह गपर सद ककसश गपह सदव४ कद कलए पसछद और गपर क४ कतरवय हह कक वह अपनद कशषय कक इन गपद
कवरयत कक बतल४यद।
शशससत उब४च
इतथर सम पकष: स तप ब४दर४यकण-
सततसम४ररत४ननतहत४कखलदकनदय: ।
कक चछ४तपपनलरबधबकहईकश: शनहद
पतय४ह तर भ४गवतकतमकतम ॥ ४४॥
शश-ससतद उब४च-- शश ससत गकसव४मश नद कह४; इतथमनन--इस पक४र; सम--भसतक४ल मम; पकष:--पसछद ज४नद पर; सद--उसनद; तप--
कनससनददह; ब४दर४यकण:--शपकददव गकसव४मश; ततनन--उनसद ( शपकददव गकसव४मश सद ); सम४ररत-अननत--कक षण क४ समरण ककयद ज४तद
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हश; हत-- भ४व मम लशन; अकखल-इकनदयद--ब४ह इकनदयत कद स४रद क४यर; कक चछ४तननस--बडश मपकशकल सद; पपन:--कफर; लबध-बकह:-
हकश:--ब४ह अनपभकस त कद ज४गकत हकनद पर; शनह: --धशरद धशरद; पतय४ह--उतर कदय४; तमनन--मह४र४ज परशककत कक; भ४गवत-उतम-
उतम--हद मह४ननन सनत-पपरर, समसत भकत मम शदष (शलनक )।.
ससत गकसव४मश नद कह४, “'हद सनननतत तथ४ भकत मम सवरशदष शलनक, जब मह४र४ज परशककत नद
शपकददव गकसव४मश सद इस तरह पसछ४ तक तपरनत अपनद अनतदकरण मम कक षण-लशल४ओर क४ समरण
करतद हहए अपनश इकनदयत कद क४यर सद उनक४ ब४ह समपकर टस ट गय४। ततपशच४तनन बडश मपकशकल सद
उनकक ब४ह चदतन४ व४पस आयश और वद कक षण-कथ४ कद कवरय मम मह४र४ज परशककत सद ब४तम करनद
लगद।
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इस अधय४य मम बह४जश द४र४ गव४लब४लत तथ४ बछडत कक चपर४नद कद पय४स कद वणरन कद स४थ हश
बह४जश कद मककहत हकनद तथ४ मकह कद हटनद क४ वणरन हह आ हह।
यदकप अघ४सपर समबनधश घटन४ एक वरर पसवर घट चपकक थश जब गव४लब४ल प४हच वरर कद थद ककनतप
जब वद छह वरर कद हह ए तक उनहतनद कह४, “यह घटन४ तक आज घटश हह।'” जक हह आ थ४ वह इस पक४र
हह। अघ४सपर कक म४रनद कद ब४द कक षण तथ४ उनकद सरगश जरगल मम कवह४र करनद चलद गयद। बछडद हरश घ४स
सद आकक ष हककर चरतद-चरतद जब दसर चलद गयद तक कक षण कद सरगश कप छ-कप छ कपबध हह ए और उनहतनद
अपनद बछडत कक व४पस ल४न४ च४ह४। ककनतप कक षण नद गव४लब४लत कक यह कह कर पकतस४कहत ककय४,
“तपम शरपबध हहए कबन४ अपन४ भकजन करक। बछडत कक ढस हढनद मह ज४ऊहग४।'” इस तरह कक षण वह४ह सद चलद
गयद। तब कक षण कक शकक कक परशक४ लदनद कद कलए हश बह४जश स४रद बछडत तथ४ गव४लब४लत कक चपर४ लद
गयद और लद ज४कर उनहम एक४नत सथ४न मम रख कदय४।
जब कक षण बछडत तथ४ ब४लकत कक न ढस हढ प४यद तक वद समझ गयद कक यह बह४ कक च४ल हह। कफर
समसत क४रणत कद क४रण भगव४ननन नद बह४जश कक तथ४ अपनद सरकगयत और उनकक म४त४ओर कक पसन
करनद कद कलए अपन४ कवसत४र ककय४ कजससद वद पसवरवतनन बछडद तथ४ ब४लक बन ज४हय। इस तरह उनहतनद
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अनय लशल४ खकज कनक४लश। इस लशल४ कक कवशदरत४ यह थश कक गव४लब४लत कक म४त४एह अपनद अपनद
पपतत सद और अकधक अनपरक हक गई र और ग४एह अपनद बछडत सद। लगभग एक वरर ब४द बलददव नद ददख४
कक स४रद गव४लब४ल तथ४ स४रद बछडद कक षण कद कवसत४र हह तब उनहतनद कक षण सद पसछ४ और उनहतनद जक कप छ
हह आ थ४ बतल४ कदय४।
पसर४ एक वरर बशतनद पर जब बह४ ललटद तक ददख४ कक कक षण पसवरवतनन अपनद कमतत, अपनश गलओर तथ४
बछडत कद स४थ खदल रहद थद। कक षण नद स४रद बछडत तथ४ गव४लब४लत कक न४र४यण कद चतपभरज रप मम
पदकशरत ककय४। तब ज४कर बह४ कक कक षण कक शकक क४ पत४ लग सक४ और वद अपनद आर४धयददव कक षण
कक लशल४ओर पर आशचयरचककत रह गयद। ककनतप कक षण नद बह कक अपनश अहहतपकक कक प४ पद४न कक और
उनहम मकह सद मपक ककय४। इस तरह बह४जश भगव४ननन क४ गपणग४न करनद कद कलए सतपकत करनद लगद।
शशशपक उब४च
स४धप पकष मह४भ४ग तवय४ भ४गवतकतम ।
यनसतनयसशशसय शकणवनकप कथ४र मपहहद ॥ १॥
शश-शपकद उब४च--शपकददव गकसव४मश नद कह४; स४धप पकषमनन--आपकद पशन सद मह समम४कनत हह आ हह ह; मह४-भ४ग--परम भ४गयश४लश
वयकक; तवय४--तपमह४रद द४र४; भ४गवत-उतम-हद सवरशदष भक; यतनन-- कयतकक; नसतनयकस--तपम नय४ सद नय४ कर रहद हक;
ईशसथ-- भगव४ननन कद ; शकणवननन अकप--कनरनतर सपनतद हह ए भश; कथ४मनन--लशल४ओर कक; मपहहद--ब४रमब४र।.
शशल शपकददव गकसव४मश नद कह४ : हद भक कशरकमकण, परम भ४गयश४लश परशककत, तपमनद बहह त
सपनदर पशन ककय४ हह कयतकक भगव४ननन कक लशल४ओर कक कनरनतर सपननद पर भश तपम उनकद क४यर कक
कनतय नसतन रप मम अनपभव कर रहद हक।
त४तपयर : कक षणभ४वन४मकत मम पलढ हहए कबन४ भगव४ननन कक लशल४ओर क४ कनरनतर शवण कर प४न४
ककठन हह। कनतय नवनव४यम४नमनन-यदकप अगगणय भक भगव४ननन कद कवरय मम वरर तक कनरनतर शवण
करतद हह ककनतप तक भश उनहम यद कथ४एह कनतय नसतन लगतश हह। अतएवर ऐसद भक भगव४ननन कक षण कक
लशल४ओर क४ शवण करन४ तय४ग नहथ सकतद। पम४झनचछप ररतभकककवलकचनदन सननननतद सददव हदयदरप
कवलककयकनत। सनननतद शबद उस वयकक कद कलए आय४ हह, कजसमम कक षण-पदम उतपन हक चपक४ हह। यर
शय४मसपनदरमकचनतयगपणसवरपर गककवनदम४कदपपररर तमहर भज४कम (बह-सरकहत४ ५.३८) । इसशकलए परशककत
मह४र४ज कक भ४गवतकतम कह कर समबककधत ककय४ गय४ हह कयतकक भकक मम अगसर हहए कबन४
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अकधक४कधक शवण करनद क४ आननद अनपभव नहथ हक सकत४ और कथ४एह कनतय नसतन नहथ लग सकतथ ।
सत४मनन-भकत क४; अयमनन-यह; स४र-भकत४मनन-परमहरसत क४, कजनहतनद जशवन स४र सवशक४र ककय४ हह; कनसगर:--लकण य४ गपण;
यतनन--जक; अथर-व४णश--जशवन क४ लकय, ल४भ क४ लकय; शपकत--समझनद क४ उददशय; चदतस४मनन अकप--कजननहन तनद कदवय कवरयत
कद आननद कक हश जशवन लकय सवशक४र कर रख४ हह; पकत-कणमनन--हर कण; नवय-वतनन--म४नक नवशन सद नवशनतर हक;
अचयपतसय-- भगव४ननन कक षण क४; यतनन--कयतकक; कसय४:--कसथयत य४ यलन कक ( कथ४एह ); कवट४न४मनन-कसयत सद अनपरकत य४
लमपटत कद ; इब--सहश; स४धप व४त४र--व४सतकवक व४त४रल४प।.
त४तपयर : स४रभत४मनन क४ अथर हह “परमहरस।'” ““हरस'” दसध तथ४ प४नश कद कमशण मम सद दसध गहण
कर लदत४ हह और जल कक असवशक४र कर ददत४ हह। इसश तरह जक वयकक आधय४कतमक जशवन तथ४
कक षणभ४वन४मकत सवशक४र कर लदतद हह और कक षण कक हश हर एक कद प४ण४ध४र समझतद हह, वद सवभ४वतद
कण-भर कद कलए भश कक षण-कथ४ क४ पररतय४ग नहथ कर सकतद। ऐसद परमहरस सदहव अपनद अनतदकरण
मम कक षणदशरन करतद हह ( सनननतद सदहव हदयदरप कवलककयकनत )। क४म, ककध तथ४ भय इस जगत मम तक
सदहव बनद रहतद हह ककनतप आधय४कतमक जगत मम इनक४ उपयकग कक षण कद कलए हश ककय४ ज४त४ हह। क४म
कक षणकम४रपरणद। अतएव परमहरसत कक यहश अकभल४र४ रहतश हह कक वद सदहव कक षण कद कलए कमर करम।
ककधर भकददकर जनद। वद ककध क४ उपयकग अभकत कद कवरद करतद हह और भय कक कक षणभ४वन४मकत सद
कवचकलत हकनद कद भय मम रप४नतररत करतद हह। इस तरह परमहरस-भक क४ जशवन पसणरतय४ कक षण कद
कलए पयपक हकत४ हह, कजस तरह भलकतक जगत मम कलप वयकक क४ जशवन एकम४त कसयत तथ४ धन कद
कलए हकत४ हह। भलकतकत४व४दश वयकक कद कलए जक कदन हह, वहश अधय४तमव४दश कद कलए र४त हह।
भलकतकत४व४दश कद कलए जक मधपर हह--सनकडय४ह तथ४ धन--वहश अधय४तमव४दश कद द४र४ कवर म४न४ ज४त४ हह।
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शदणसप व--कक पय४ सपनम; अवकहत:--धय४नपसवरक; र४जनननस--हद र४ज४ ( मह४र४ज परशककत ); अकप-- यदकप; गपहन४मनन--अतयनत गकपनशय
(कयतकक स४म४नय वयकक कक षण-लशल४ओर कक नहथ समझ सकतद ); वद४कम--मह कहह हग४; तद--तपमसद; बसय:प --बत४तद हह;
कसनगधसय--कवनशत; कशषयसय--कशषय कद ; गपरव:--गपरजन; गपहमनन--अतयनत गकपनशय; अकप उत--ऐस४ हकनद पर भश ।.
हद र४जन, मदरश ब४त धय४नपसवरक सपनम। यदकप भगव४ननन कक लशल४एह अतयनत गपह हह और
स४म४नय वयकक उनहम नहथ समझ सकत४ ककनतप मह तपमसद उनकद कवरय मम कहहगह ४ कयतकक गपरजन
कवनशत कशषय कक गपद सद गपहन तथ४ ककठन सद ककठन कवरयत कक भश बत४ ददतद हह।
तथ४--ततपशच४तनन; अध-वदन४तनन--अधघ४सपर कद मपख सद; मकतयक: --स४क४तनन मकतयप; रककतव४--रक४ करकद ; वतस-प४लक४ननन--स४रद
गव४लब४लत तथ४ बछडत कक; सररतनन-पपकलनमनन--नदश कद तट पर; आनशय--ल४कर; भगव४ननन-- भगव४ननन कक षण नद; इकदमनन--यद शबद;
अबवशतननस- कहद |.
मकतयप रप अघ४सपर कद मपख सद ब४लकत तथ४ बछडत कक बच४नद कद ब४द भगव४ननन कक षण उन
अहक--ओह; अकत-रमयमनन--अतशव सपनदर; पपकलनमस--नदश क४ ककन४र४; वयसय४: --मदरद कमतक; सव-कद कल-समपतनन--खदलनद कक
स४मगश सद यपक; मपदल
प -अचछ-ब४लपकमनन--मपल४यम तथ४ स४फ ब४लसद४र ककन४र४; सफप टतनन--कखल४ हह आ; सर:-गनध--कमल कक
गरध सद; हत--आकक ष; अकल--भलरम क४; पकतक--तथ४ पककयत कक; धवकन-पकतधव४न--उनकक चहचह४हट तथ४ उसकक
पकतधबकन; लसतननस--गकतशशल; दपम-आकप लमनन--सपनदर वककत सद पसणर |.
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कमतक, ददखक न, यह नदश क४ ककन४र४ अपनद मकहक व४त४वरण कद क४रण ककतन४ रमय लगत४
हह! ददखक न, कखलद कमल ककस तरह अपनश सपगनध सद भलरत तथ४ पककयत कक आकक ष कर रहद हह।
भलरत कक गपनगपन४हट तथ४ पककयत कक चहचह४हट जरगल कद सभश सपनदर वककत सद पकतधवकनत हक
रहश हह। और यह४ह कक ब४लस स४फ तथ४ मपल४यम हह। अतद हम४रद खदल तथ४ हम४रश लशल४ओर कद
कलए यह सवरतम सथ४न हह।
त४तपयर : वकनद४वन कद जरगल क४ यह वणरन प४हच हज४र वरर पसवर कक षण द४र४ ककय४ गय४ थ४ और
यहश कसथकत ३००-४०० वरर पसवर वहषण आच४यर कद समय तक बनश रहश।
कस जतककककलहरसस४रसगण४कक णम मयसर४कप लद। वकनद४वन क४ जरगल सदहव ककककल, हरस, स४रस जहसद
पककयत कक चहक तथ४ कप हह -कप हनस सद पसररत रहत४ हह और इसमम मकर भश रहतद हह ( मयसर४कप लद )। आज
भश वहश धवकन तथ४ व४त४वरण उस कदत मम कवदम४न हह जह४ह हम४र४ कक षण-बलर४म मकनदर कसथत हह। जक
भश इस मकनदर कक ददखनद आत४ हह, वह यह४ह पर वकणरत पककयत कद कलरव कक सपन कर पसन हक ज४त४
हह ( कक जतककककल-हरसस४रस ) ।
अत भककवयमसम४कभकदरव४रढर कपध४कदरत४: ।
वबतस४: समशपद5 प: पशतव४ चरनतप शनकह सतकणमनन ॥६॥
अत-यह४ह, इस सथ४न पर; भककवयमस-- भकजन ककय४ ज४य; असम४कभ:--हम लकगत कद द४र४; कदव-आरढमनन-क४फक ददर हक
चपकक हह; कपध४ अकदरत४:-- भसख सद थकद ; वतस४:--बछडद; समशपद--प४स हश; अप:--जल; पशतव४--पशकर; चरनतप--चरनद दम;
शनकह :--धशरद धशरद; तकणमनन-घ४स |.
मदरद कवच४र मम हम यह४ह भकजन करम कयतकक कवलमब हक ज४नद सद हम भसखद हक उठद हह। यह४ह
बछडद प४नश पश सकतद हह और धशरद धशरद इधर-उधर ज४कर घ४स चर सकतद हह।
तथ४ इकत--कक षण कद पसत४व कक गव४लब४लत नद सवशक४र कर कलय४; प४यकयतव४ अभ४र:--प४नश पशनद कदय४; वतस४नस--बछडत कक;
आरधय--वककत मम ब४हध कर चरनद कदय४; श४दलद--हरश मपल४यम घ४स मम; मपक४--खकल कर; कशकय४कन-- पकटलश, कजनमम ख४नद
कक तथ४ अनय वसतपएह थथ; बपभपजपद--ज४कर आननद मन४य४; सममननस--सम४न रप सद; भगवत४--भगव४ननन कद स४थ; मपद४--कदवय
आननद मम.
और कफर उनहम वककत सद ब४हध कदय४ जह४ह हरश मपल४यम घ४स थश। तब ब४लकत नद अपनद भकजन कक
पकटकलय४ह खकलथ और कदवय आननद सद पसररत हककर कक षण कद स४थ ख४नद लगद।
कक षणसय कवषवकपपरर४कजमणडलह-
एछद४ यथ४मभकरहककणरक४य४: ॥ ८॥
कक षणसय कवषवकन न--कक षण कक घदर कर; पपर-र४कज-मणडलह:--सरकगयत कद कवकभन घदरत सद; अभय४नन४:--बशचकबशच ददखतद हहए,
जह४ह कक षण बहठद थद; फप ल-हडश:--कदवय आननद सद पफप कलत चदहरद; बज-अभरक४:--बजभसकम कद स४रद गव४लब४ल; सह-
उपकवष४द:--कक षण कद स४थ बहठद हह ए; कवकपनद--जरगल मम; कवरदजप:--सपनदर ढरग सद बन४यद गयद; छद४:--परखकडय४ह तथ४ पकतय४ह;
यथ४--कजस पक४र; अमभकरह--कमल कद फस ल कक; ककणरक४य४: --ककश कक।.
कजस तरह परखकडयत तथ४ पकतयत सद कघर४ हह आ ककई कमल-पपषप ककश हक उसश तरह बशच मम
कक षण बहठद थद और उनहम घदर कर परककयत मम उनकद कमत बहठद थद। वद सभश अतयनत सपनदर लग रहद थद।
उनमम सद हर ब४लक यह सकच कर कक षण कक ओर ददखनद क४ पय४स कर रह४ थ४ कक श४यद कक षण
भश उसकक ओर ददखम। इस तरह उन सबत नद जरगल मम भकजन क४ आननद कलय४।
त४तपयर : जहस४कक बह-सरकहत४ मम कह४ गय४ हह ( सनत: सदहव हदयदरप कवलककयकनत ) कक षण अपनद
शपद भकत कक सदहव कदखतद हह। भगवदशत४ मम भश कक षण नद इसश ओर सरकदत ककय४ हह ( सवरतद प४कणर४दर
वतसवरतक5 कककशरकमपखमनन ) । यकद पपणयकमर कक सरकचत करकद ( कक तपकणयपपज४:) ककई वयकक शपद भकक
प४ लदत४ हह, तक उसकद हदय मम कक षण सदहव दकषगकचर हकतद हह। कजसनद ऐसश कसकद प४ लश हह, वह कदवय
आननद मम परम सपनदर बन ज४त४ हह। वतरम४न कक षणभ४वन४मकत आनदकलन कक षण कक कद नद मम रखनद क४ एक
पय४स हह कयतकक यकद ऐस४ ककय४ ज४त४ हह, तक स४रद क४यर सवयमदव सपनदर तथ४ आननदमय बन ज४तद हह।
कद कचतनन--ककई; पपषपह:--फस लत पर; दलहद--फस लत कक सपनदर पकतयत पर; कद कचतनन--ककई; पलनलबह: --पकतयत कद गपचछत पर;
अहडप रहद -- फस लत कद अरकपरत पर; फलहद--तथ४ ककई फलत पर; कशकगभ:--ककई डकलय४-सद कडबबद मम; तवकगभ:--पदड कक छ४ल सद;
हरकद:द--चट४नत पर; च--और; बपभपजप:--आननद मन४य४; कक त-भ४जन४:--ख४नद कक पदटम बन४कर।.
चट४नत पर रख कलय४। ब४लकत नद ख४तद समय इनहम हश अपनश पदटम ( थ४कलय४ह ) म४न कलय४।
सवर--सभश गव४लब४ल; कमथ: --परसपर; दशरयनत: --कदख४तद हह ए; सव-सव-भकजय-रकचमनन पकथकन न-घर सद ल४यद गयद भकजय पद४थर
कक कभन कभन ककसमम तथ४ उनकद पकथकन न-पकथकन न सव४द; हसनतद--चखनद कद ब४द सभश हहसतद हहए; ह४सयनतद च--तथ४ हहस४तद हह ए;
अभयवजहह :--भकजन क४ आननद कलय४; सह-ई शवर४:--कक षण कद स४थ।.
अपनद अपनद घर सद ल४यद गयद भकजन कक ककसमत कद कभन कभन सव४दत कक एक-दससरद कक
बतल४तद हहए स४रद गव४लत नद कक षण कद स४थ भकजन क४ आननद कलय४। वद एक-दससरद क४ भकजन
चख-चख कर हहसनद तथ४ हहस४नद लगद।
त४तपयर : कभश ककई कमत कहत४, “कक षण! ददखक मदर४ भकजन ककतन४ सव४कदष हह'” तक कक षण थकड४-
स४ लद लदतद तथ४ हहसतद। इसश पक४र बलर४म, सपद४म४ तथ४ अनय कमत एक-दससरद क४ भकजन चख-चख
कर हहसतद । इस तरह स४रद कमत परम हकररत हककर घर सद ल४य४ हह आ अपन४ अपन४ भकजन करनद लगद।
कबभतनन वदणमप नन--वरशश कक रख कर; जठर-पटयक:--कसद हह ए चपसत वस तथ४ पदट कद बशच; शकड-वदतद--सथग क४ बन४ कबगपल तथ४
ग४य ह४हकनद कक छडश; च--भश; ककद--कमर मम; व४मद--ब४एह; प४णल--ह४थ मम लदकर; मसकण-कवलमनन--च४वल तथ४ दहश सद
बन४ सपनदर भकजन; ततनन-फल४कन--बदल जहसद फल; अडजपलशरप--अहगपकलयत कद बशच; कतषनननस--इस पक४र रखश; मधयद--बशच मम;
सव-परर-सपहदद-- अपनद कनजश सरगश; ह४सयननन--हहस४तद हह ए; नमरकभद --ह४सय; सवहद-- अपनद; सवगर लककद कमरकत--सवगरलकक कद
कनव४सश इस अदपत दशय कक ददख रहद थद; बपभपजद--कक षण नद आननद कलय४; यज-भपकनन ब४ल-कद कल:--यदकप वद यज कक आहह कत
सवशक४र करतद हह ककनतप ब४ल-लशल४ हदतप वद अपनद गव४लब४ल कमतत कद स४थ बडश हश पसनत४पसवरक भकजन कर रहद थद।.
लग४ रहद थद। उस समय सवगर कद कनव४सश ददख रहद थद और आशचयरचककत थद कक ककस तरह यज-
भपकनन भगव४ननन अब अपनद कमतत कद स४थ जरगल मम बहठ कर ख४न४ ख४ रहद हह।
स४म४नय ब४लक कक तरह अपनद कमतत कद स४थ जरगल मम भकजन कर रहद हह।
भ४रत--हद मह४र४ज परशककत; एवमनन--इस पक४र ( भकजन करतद हह ए ); वतस-पदर- प -बछडद चर४नद व४लद ब४लकत कद स४थ;
भपझल४नदरप--भकजन करनद मम वयसत; अचयपत-आतमसप--अचयपत अथ४रतनन कक षण कद अकभन हकनद सद; वतस४:--बछडद; तप--कफर भश;
अनत:-वनद--गहन जरगल कद भशतर; दसरमनन--क४फक दसर; कवकवशप:--घपस गयद; तकण-लककभत४:-- हरश घ४स सद लपबध हककर।.
त४नननस--उन दसर ज४ रहद बछडत कक; दष४--ददखकर; भय-सनतसत४नस--उन गव४लब४लत कक जक भय सद कपबध थद कक गहन वन कद
भशतर बछडत पर ककई खसनश ज४नवर आकमण न कर दद; ऊचद--कक षण नद कह४; कक षण: असय भश-भयमनन--कक षण, जक सवयर सभश
पक४र कद भय क४ भश भय हह ( कक षण कद रहनद पर ककई भय नहथ रहत४ ); कमत४कण--हद कमतक; आश४तनन-- भकजन कद आननद सद; म४
कवरमत--मत रकक; इह--इस सथ४न मम; आनदषयद--व४पस ल४यद ददत४ हह ह; वतसक४नननस--बछडत कक; अहमनन--मह |.
त४तपयर : कक षण कक महतश हकनद पर भक कक ककई भय नहथ रह ज४त४। कक षण परम कनयनत४ हह, यह४ह
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भव४मबपकधरवतसपदर पर पदर
सम४कशत४ यद पदपलनलवपवर
भव४मबपकधरवतसपदर पर पदर
( भ४गवत १०.१४.५८)
अतएव हर वयकक कक च४कहए कक कनभरकत४ कद सकत भगव४ननन कक शरण गहण करद और इस तरह
सपरककत हक लद।
इकत उकतव४--यह कह कर ( कक मपझद बछडद ल४नद दक ); अकद-दरश-कप झन-गहरदरप--पवरतत, पवरत कक गपफ४ओर, झ४कडयत तथ४
सहकरश जगहत मम; आतम-वतसक४ननन--अपनद कमतत कद बछडत कक; कवकचनवनस--ढस हढतद हहए; भगव४ननन--भगव४ननन; कक षण: --कक षण;
'स-प४कण-कवल:--दहश तथ४ च४वल अपनद ह४थ मम कलए; ययल--चल पडद |.
कक षण नद कह४, “मपझद ज४कर बछडद ढस हढनद दक। अपनद आननद मम खलल मत ड४लक।'' कफर
ह४थ मम दहश तथ४ च४वल कलए, भगव४ननन कक षण तपरनत हश अपनद कमतत कद बछडत कक खकजनद चल
पडद। वद अपनद कमतत कक तपष करनद कद कलए स४रद पवरतत, गपफ४ओर, झ४कडयत तथ४ सहकरद म४गर मम
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खकजनद लगद।
त४तपयर : वदद ( शवदत४शचवतर उपकनरद ६.८) बलपसवरक कहतद हह कक भगव४ननन कक अपनद कलए कप छ भश
नहथ करन४ हकत४ (न तसय क४यर करण च कवदतद ) कयतकक वद अपनश शककयत कद द४र४ हर क४यर करतद
रहतद हह ( पर४सय शकककवकवधहव शसयतद )। कफर भश हम यह४ह ददखतद हह कक वद अपनद कमतत कद बछडत कक
ढस हढनद सवयर ज४तद हह। यह कक षण कक अहहतपकक कक प४ हह। मय४धयकदण पकक कत: ससयतद सचर४चरम-स४रद
जगत और समसत बह४णड कद कजतनद भश क४यर हह, वद उनहथ कद कनदरशन मम उनहथ कक कवकभन शककयत
द४र४ समपन हकतद हह। तक भश जब अपनद कमतत कक रखव४लश करनद कक आवशयकत४ हकतश हह वद उसद सवयर
करतद हह । कक षण नद अपनद कमतत कक आशव४सन कदय४, “'डरक नहथ, मह सवयर तपम लकगत कद बछडत कक ढस हढनद
ज४ रह४ हह ह ।'' यह कक षण कक अहहतक प क कक प४ थश।
अमभकजनमजकनसतदनतरगतक म४य४भरकसयदकशतप-
षरर मदप मकहतवमनयदकप तदतस४कनतक वतसप४ननन ।
नशतव४नयत कप रदह४नतरदध४तखद3 बकसथतक यद पपर४
इकष४घ४सपरमककणर पभवत: प४प: परद कवसमयमनन ॥ १५॥
हद मह४र४ज परशककत, सवगरलकक मम व४स करनद व४लद बह४ नद अघ४सपर कद वध करनद तथ४ मकक
ददनद कद कलए सवरशककम४न कक षण कद क४यरकल४पत कक ददख४ थ४ और वद अतयकधक चककत थद।
अब वहश बह४ कप छ अपनश शकक कदख४न४ और उस कक षण कक शकक ददखन४ च४ह रहद थद, जक
म४नक स४म४नय गव४लब४लत कद स४थ खदलतद हहए अपनश ब४ल-लशल४एह कर रहद थद। इसकलए कक षण
कक अनपपकसथकत मम बह४ स४रद ब४लकत तथ४ बछडत कक ककसश दससरद सथ४न पर लदकर चलद गयद।
इस तरह वद फह स गयद कयतकक कनकट भकवषय मम वद ददखमगद कक कक षण ककतनद शककश४लश हह।
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बह४ नद अपनश म४य४ द४र४ यह परशक४ लदनश च४हश कक कक षण वह४ह व४सतव मम उपकसथत हह य४ नहथ। यद
गव४लब४ल तक कक षण कद सव४रश हह हश ( आननदकचनमय-रसपकतभ४कवत४कभ:) । ब४द मम कक षण बह४ कक यह
कदखल४यमगद कक ककस पक४र वद अपन४ कवसत४र हर वसतप मम अपनश हन४कदनश शकक कद रप मम करतद हह--
आननदकचनमययरस। हन४कदनश शककरसम४त--कक षण कक एक कदवय शकक हह, जक ह४कदनश शकक कहल४तश हह।
वद भलकतक शकक सद उतपन ककसश भश वसतप क४ भकग नहथ करतद। अतद बह४ ददख मगद कक भगव४ननन कक षण
ककस तरह अपनश शकक क४ कवसत४र करतद हह।
बह४जश कक षण कद सरकगयत कक उठ४ लद ज४न४ च४हतद थद ककनतप धकखद सद वद अनय ब४लकत तथ४ बछडत
कक लदतद गयद। र४वण सशत४जश कक लद ज४न४ च४हत४ थ४ ककनतप यह असमभव थ४ अतएव वह म४य४ सशत४
कक लद गय४। इसश पक४र बह४जश म४य४भरक४:--कक षण कक म४य४ द४र४ पकट ब४लकत कक लद गयद। बह४
इन म४य४भरकत कक तक ककई अकदतशय ऐशवयर कदखल४ सकतद थद ककनतप वद कक षण कद सरकगयत कक ककई
अकदतशय शकक नहथ कदखल४ सकतद थद। इसद वद सवयर आगद ददखमगद। म४य४भरकसय ईकशदप: / यह म४य४ परम
कनयनत४- पभवत:--सवरशककम४न परम पपरर कक षण द४र४ उतपन कक गई थश और इसक४ पररण४म हम
आगद ददखमग।द भलकतक जगत मम उतपन ककई भश वयकक म४य४ कद वश मम रहत४ हह। इसशकलए यह लशल४
बहकवमकहन लशल४ कहल४तश हह। मककहतर न४कभज४न४कत म४मदभय: परमवययमनन (भगवदशत४ ७.१३)।
भलकतक कवकध सद उतपन वयकक कक षण कक पसरश तरह नहथ समझ प४तद। यह४ह तक कक ददवत४ भश उनहम नहथ
समझ प४तद ( मपहकनत यतनन ससरय:) | तदनद बह४ हदद४ य आकदकवयद ( भ४गवत १.१.१)। बह४ सद लदकर
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ततद--ततपशच४तनन; वतस४नस--बछडत कक; अदनकनर४--जरगल मम न ददख कर; एतय--ब४द मम; पपकलनद अकप--यमपन४ कद तट मम भश;
च--भश; वतसप४नननस-गव४लब४लत कक; उभल अकप--दकनत हश कक ( बछडत तथ४ ब४लकत कक ); बनद--जरगल मम; कक षण: -- भगव४ननन
कक षण नद; कवकचक४य--सवरत ढस हढ४; समनततद--इधर-उधर |.
त४तपयर : कक षण तपरनत समझ गयद कक बह४ हश ब४लकत तथ४ बछडत कक चपर४ लद गयद हह ककनतप वद
अबकध ब४लक कक तरह उनहम इधर-उधर ढस हढनद लगद कजससद बह४ कक षण कक म४य४ कक न समझ सकम ।
यह सब न४टककय ढरग सद हह आ। न४टक क४ प४त हर ब४त ज४नत४ रहत४ हह ककनतप मरच पर वह इस तरह
व अकप--कहथ भश; अदनकध४--न ददखकर; अनत:-कवकपनद--जरगल कद भशतर; वतस४नस--बछडत कक; प४ल४ननन च--तथ४ उनकक
रक४ करनद व४लद गव४लब४लत कक; कवशव-कवतनन--इस जगत मम हक रहश पतयदक ब४त कक ज४ननद व४लद कक षण; सवरमनन-हर वसतप कक;
कवकध-कक तमनन--बह४ द४र४ समपन; कक षण:-- कक षण; सहस४--तपरनननत; अवजग४म ह--समझ गयद।.
जब कक षण बछडत तथ४ उनकद प४लक गव४लब४लकत कक जरगल मम कहथ भश ढस हढ न प४यद तक वद
त४तपयर : यदकप कक षण कवशवकववननन--स४रद बह४णड मम घटनद व४लश पतयदक ब४त कक ज४नतद हह ककनतप
उनहतनद अबकध ब४लक कक तरह बह४ कक करतसत कद पकत अनकभजत४ पकट कक, यदकप वद तपरनत हश ज४न
गयद थद कक यह सब बह४ कक करनश-धरनश हह। यह लशल४ बहकवमकहन कहल४तश हह। बह४ पहलद सद हश
अबकध ब४लक कक षण कक ककड४ओर सद मककहत थद और अब तक वद और भश अकधक मककहत हक गयद।
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ततद--ततपशच४तनन; कक षण:--भगव४ननन; मपदमनन-- आननद; कतपरमनन-उतपन करनद कद कलए; ततनन-म४तकण४मनन च--गव४लब४लत तथ४ बछडत
कक म४त४ओर कद ; कसय च--तथ४ बह४ कद ( आननद कद कलए ); उभय४कयतमनन--बछडत तथ४ ब४लकत, दकनत कद रप मम कवसत४र;
आतम४नमनन-सवयर; चकद --ककय४; कवशव-कक तनन ईशवरद--समपसणर जगत कद सष४ हकनद कद क४रण उनकद कलए यह ककठन न थ४।.
ततपशच४तनन बह४ कक तथ४ बछडत एवर गव४लब४लत कक म४त४ओर कक आनकनदत करनद कद कलए,
समसत बह४णड कद सष४ कक षण नद बछडत तथ४ ब४लकत कद रप मम अपन४ कवसत४र कर कलय४।
त४तपयर : यदकप बह४ पहलद हश म४य४ मम फह स चपकद थद ककनतप वद गव४लब४लत कक अपनश शकक क४
पदशरन करन४ च४हतद थद। जब वद ब४लकत तथ४ बछडत कक चपर४ कर अपनद घर पहह हचद तक कक षण नद बह४ कद
कलए तथ४ ब४लकत कक म४त४ओर कद कलए दससर४ चमतक४र उतपन कर कदय४--उनहतनद कफर सद जरगल मम
भकजन-लशल४ सथ४कपत कर दश और उसश तरह ब४लकत कक भकजन करतद और बछडत कक चरतद पकट
कर कदय४। वददत कद अनपस४र एकर बहह सय४म-- भगव४ननन अपनद आपकक असरखय बछडत तथ४ ब४लकत मम
बदल सकतद हह जहस४कक बह४ कक मककहत करनद कद कलए उनहतनद ककय४।
य४वदडतसपवतसक४लपकवपपय४रवतकर४डहय४कदकर
य४वदकषकवर४णवदणदप लकशगय४वकदठ भसर४मबरमनन ।
य४वचछशलगपण४कभध४कक कतवयक य४वकदह४र४कदकर
सवर कवषणपमयर कगरक5 डड वदज: सवरसवरपक बभल ॥ १९॥
य४वतनन वतसप--गव४लब४लत कक हश तरह कद ; वतसक-अलपक-वपप:--तथ४ बछडत कद ककमल शरशरत जहसद हश; य४वतनन कर-अडकपन-
आकदकमस--वहसश हश न४प कद ह४थ-पहर व४लद; य४वतनन यकष-कवर४ण-वदण- प दल-कशकन न -- जहसद उनकद कबगपल, वरशश, ल४कठय४ह, भकजन
कद छथकद आकद थद ठशक वहसद हश; य४वतनन कवभसर४-अमबरमनन--जहसद उनकद गहनद तथ४ वस थद ठशक वहसद हश; य४वतनन शशल-गपण-
अकभध४-आकक कत-वय:--वहसद हश गपण, आदत, सवरप, लकण तथ४ श४रशररक सवरप व४लद; य४वतनन कवह४र-आकदकमनन--वहसश हश
रकच य४ मनकररजन व४लद; सवरमनन--हर वसतप; कवषणप-मयमनन--कवषणप य४ व४सपददव कद अरश; कगर: अडभ-वतनन--उनहथ कक तरह कक
व४णश; अज:--कक षण नद; सवर-सवरप: बभल--सवयर हर वसतप उतपन कर दश।.
अपनद व४सपददव रप मम कक षण नद खकयद हहए गव४ल-ब४लकत तथ४ बछडत कक कजतनश सरखय४ थश,
उतनद हश वहसद हश श४रशररक सवरपत, उसश तरह कद ह४थत, प४हवत तथ४ अनय अरगत व४लद, उनकक
ल४कठयत, तपरकहयत तथ४ वरकशयत, उनकद भकजन कद छथकत, कवकभन पक४र सद पहनश हह ईर उनकक
कवशदर वदशभसर४ओर तथ४ गहनत, उनकद न४मत, उपत तथ४ कवशदर क४यरकल४पत एवर गपणत सद यपक
सवरपत मम अपन४ कवसत४र कर कलय४। इस पक४र अपन४ कवसत४र करकद सपनदर कक षण नद यह उकक
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अदहवमचयपतमन४कदमननतरपमनन
कक षण पर बह तथ४ आदम-हर वसतप कद आकद हह | वद आकद पपरर, सवरद४ यलवन सद पसणर रहनद व४लद
हह। वद कलपन४ सद अकधक रपत मम कवसत४र कर सकतद हह कफर भश वद अपनद आकद रप सद नहथ कगरतद
इसकलए वद अचयपत हह। यहश भगव४ननन हह। सवर कवषणपमयर जगतनन। सवर खकलवदर बह / इस तरह कक षण नद
कसद कर कदय४ कक वद सवरसव हह और वद कप छ भश बन सकतद हह कफर भश वद हर वसतप सद कभन रहतद हह
( मतसथ४कन सवरभसत४कन न च४ह तदषववकसथत: ) | ऐसद कक षण अकचनतय भदद४भदद ततव दशरन द४र४ ज४नद ज४तद
हह। पसणरसय पसणरम४द४य पसणरमदव४वकशषयतद-कक षण पसणर हह और सभश ऐशवयर सद पसणर ल४खत बह४णडत कक
सककष करनद पर भश वद कबन४ ककसश पररवतरन कद पसवरवतनन ऐशवयरव४न बनद रहतद हह ( अदहतडमनन )। कवकभन
वहषणव आच४यर कवशपद४दहत, कवकशष४दहत तथ४ दहत४दहत दशरनत कद म४धयम सद इसश कक वय४खय४ करतद हह।
अतएव मनपषय कक च४कहए कक आच४यर सद कक षण कद कवरय मम ज४नम। आच४यरव४ननन पपररत वदद--जक वयकक
आच४यर कद म४गर क४ अनपसरण करत४ हह, वह वसतपओर कक यथ४रप मम ज४नत४ हह। ऐस४ वयकक कक षण कक
यथ४रप मम ज४न सकत४ हह, च४हद कप छ हद तक हश सहश और कक षण कक समझ लदनद पर ( जनम कमर च मद
कदवयमदवर यक वदकत ततत:) वह भवबनधन सद मपक हक ज४त४ हह ( तयकतव४ ददह पपनजरनम नहकत म४मदकत
सकउ 5 जपन ) ।
सवयम४तम४तमगकवतस४नपकतव४य४रतमवतसपह: ।
ककडन४तमकवह४रहशव सव४रतम४ प४कवशदवजमनन ॥ २०॥
सवयमनन आतम४--परम४तम४ सवरप कक षण; आतम-गक-वतस४नननस--अपनद हश सवरप बछडत मम अपन४ कवसत४र कर कलय४; पकतव४यर
आतम-वतसपह:-- पपनद उनहतनद बछडत कक चर४नद व४लद गव४लत मम पररणत कर कलय४; ककडननन--इस तरह उन लशल४ओर मम हकनद व४लश
हर वसतप सवयर बन गयद; आतम-कवह४रह: च--सवयर हश अनदक पक४र सद आननद लदनद लगद; सवर-आतम४--परम४तम४, कक षण;
प४कवशतनन--पकवष ककय४; बजमनन--वजभसकम मम जक मह४र४ज ननननद तथ४ यशकद४ कक भसकम हह।.
इस तरह अपन४ कवसत४र करनद कद ब४द कजससद वद सभश बछडत तथ४ ब४लकत कक तरह लगम
और स४थ हश उनकद अगपव४ भश लगम, कक षण नद अब अपनद कपत४ ननद मह४र४ज कक बजभसकम मम इस
तरह पवदश ककय४ कजस तरह वद उन सबकद स४थ आननद मन४तद हह ए स४म४नयतय४ ककय४ करतद थद।
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त४तपयर : अपनद सरगश गव४लब४लत कद स४थ बछडत तथ४ गलवत कक रखव४लश करतद हह ए कक षण
स४म४नयतय४ जरगल तथ४ चर४ग४ह मम रह४ करतद थद। अब जबकक उस असलश टकलश कक बह४ चपर४ लद गयद
थद कक षण नद हश उन सबत क४ रप ध४रण कर कलय४ थ४। इसद ककई भश, यह४ह तक कक बलददव भश, नहथ
ज४न प४यद और वद अपन४ क४म करतद रहद। वद अपनद कमतत कक क४म करनद कद कलए आददश ददतद ज४ रहद थद,
वद बछडत पर कनयरतण रख रहद थद और जब नई घ४स कद लकभ मम वद इधर-उधर चलद ज४तद तक उनहम जरगल
मम ढस हढनद भश सवयर ज४तद। वद हश बछडद और गव४लब४ल बनद हह ए थद। यह कक षण कक अकचनतय शकक थश।
शशल जशव गकसव४मश नद कह४ हह-- र४ध४कक षणपणयकवकक कतहन ४कदनश शककरसम४तनन।/ र४ध४ और कक षण एक हह।
कक षण अपनश हन४कदनश शकक क४ कवसत४र करकद र४ध४र४नश बन ज४तद हह। वहश ह४कदनश शकक
( आननदकचनययरस ) तब भश कवसतकत हहई जब वद सवयर बछडद तथ४ ब४लक बन गए और बजभसकम मम
आननद-मरगल मन४नद लगद। यह सब यकगम४य४ शकक द४र४ ककय४ गय४ थ४। जक मह४म४य४ शकक कद अधशन
हह उनकद कलए यह अकचनतय हह।
ततस-ततनन-वतस४ननन--कजन कजन ग४यत कद जक जक बछडद थद, उनहम; पकथकन न-- अलग अलग; नशतव४--लद ज४कर; ततनन-ततनन -गकषद--उनकक
अपनश अपनश गकश४ल४ओर मम; कनवदशय-- भशतर करकद ; सद--कक षण नद; ततनन-ततनन-आतम४--पहलद जहसद कवकभन वयककयत कद रप मम;
अभवतनन--अपन४ कवसत४र कर कलय४; र४जननन--हद र४ज४ परशककत; ततननस-ततनन-सद--उन उन घरत मम; पकवषव४ननन--घपस गयद ( इस तरह
कक षण सवरत थद )।.
हद मह४र४ज परशककत, कजन कक षण नद अपनद कक कवकभन बछडत तथ४ कभन कभन गव४लब४लत मम
कवभक कर कलय४ थ४ वद अब बछडत कद रप मम कवकभन गकश४ल४ओर मम और कफर कवकभन ब४लकत
कद रपत मम कवकभन घरत मम घपसद ।
त४तपयर : कक षण कद अनदक४नदक कमत थद कजनमम सद शशद४म४, सपद४म४ तथ४ सपबल पमपख थद। इस तरह
कक षण सवयर शशद४म४, सपद४म४ तथ४ सपबल बन कर उनकद घरत मम उनकद हश बछडत समदत घपसद ।
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ब४लकत कक म४त४ओर नद अपनद अपनद पपतत कक वरकशयत तथ४ कबगपलत कक धवकन सपन कर अपन४
अपन४ गकहक४यर छकड कर उनहम गकदत मम उठ४ कलय४, दकनत ब४हहत मम भर कर उनक४ आकलरगन ककय४
और पग४ढ पदम कद क४रण, कवशदर रप सद कक षण कद पकत पदम कद क४रण सतनत सद बह रह४ दसध वद
उनहम कपल४नद लगथ। वसतपतद कक षण सवरसव हह लदककन उस समय अतयकधक सनदह वयक करतश हह ईर वद
परबह कक षण कक दसध कपल४नद मम कवशदर आननद क४ अनपभव करनद लगथ और कक षण नद उन
म४त४ओर क४ कमशद दसध कपय४ म४नक वह अमकतमय पदय हक।
त४तपयर : यदकप स४रश वकद४ गककपय४ह ज४नतश थथ कक कक षण तक यशकद४ कद पपत हह कफर भश उनकक
अकभल४र४ थश, “यकद कक षण मदर४ पपत हकत४ तक मह भश यशकद४ कक तरह उसकक ददख-भ४ल करतश।'” यहश
उनकक आनतररक इचछ४ थश। इसशकलए उनहम तपष करनद कद कलए अब उनक४ पपत रप ध४रण करकद कक षण नद
उनकक अकभल४र४ पसरश कक। उनहतनद कक षण क४ आकलरगन करकद तथ४ दसध कपल४कर कक षण कद कलए अपनद
कवशदर पदम कक बढ४य४ और कक षण नद उनक४ सतन-प४न अमकतमय पदय कद रप मम ककय४। इस तरह बह४
कक मककहत करतद हह ए सवयर उनहतनद अनय म४त४ओर तथ४ अपनद बशच यकगम४य४ द४र४ उतपन कदवय आननद
क४ भकग ककय४।
ततक नकपकनमदरनमजलदपन४-
लड४ररक४कतलक४शन४कदकभ: ।
सरल४कलत: सव४चररतह: पहररयननन
स४यर गतक य४मयमदन म४धव: ॥ २३॥
ततद--ततपशच४तनन; नकप--हद र४ज४ ( मह४र४ज परशककत ); उनमदरन--उनकक तदल सद म४कलश करकद ; मजज--सन४न कर४कर; लदपन--
शरशर मम उबटन लग४कर; अलडज४र--आभसरणत सद सज४कर; रक४--रक४-मरतत क४ उच४रण करकद ; कतलक--शरशर मम ब४रह
सथ४नत पर कतलक लग४कर; अशन-आकदकभ: --तथ४ खसब कखल४कर; सरल४कलत:--इस तरह म४त४ओर द४र४ ल४ड-पय४र सद; सव-
आचररतह:द --उनकद अपनद आचरण सद; पहरर-बननन--म४त४ओर कक पसन करतद हह ए; स४यमनन--सरधय४ समय; गत:--आ गयद; य४म-
यमदन--हर क४म कद कलए समय पसर४ हकनद पर; म४धव:--भगव४ननन कक षण |.
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हर गव४लब४ल कद घर घपसतद और असलश बचत कक तरह क४यर करतद कजससद उनकक म४त४ओर कक
कदवय आननद प४प हकत४। म४त४एह अपनद ब४लकत कक ददखभ४ल करतथ, उनहम तदल लग४तथ, उनहम
नहल४तथ, चनदन क४ लदप लग४तथ, गहनत सद सज४तथ, रक४-मरत पढतथ, उनकद शरशर पर कतलक
लग४तथ और उनहम भकजन कर४तथ। इस तरह म४त४एह अपनद ह४थत सद कक षण कक सदव४ करतथ।
ततपशच४तनन स४रश गलवम अपनद अपनद गकषत मम घपसतथ और अपनद अपनद बछडत कक बपल४नद कद कलए
जकर सद रहभ४नद लगतथ। जब बछडद आ ज४तद तक म४त४एह उनकद शरशरत कक ब४रमब४र च४टतथ और उनहम
अपनद थनत सद बह रह४ पचपर दसध कपल४तथ।
त४तपयर : बछडत तथ४ उनकक म४त४ओर कद बशच कद स४रद क४यरकल४प सवयर कक षण चल४ रहद थद।
गक-गकपशन४मनन-गलवत तथ४ गककपयत दकनत कद कलए; म४तकत४--म४तक-सनदह; अकसमननन--कक षण कद पकत; आसशतनन--स४म४नयतय४ थ४;
सनदह-- सनदह कक; ऋकधक४मनन--वकदकध; कवन४--रकहत; पपरद-वतनन--पहलद कक तरह; आसप--गलवत तथ४ गककपयत कद बशच थ४;
अकप--यदकप; हरद: --कक षण क४; तककत४--मदर४ पपत कक षण हह; म४यय४ कवन४--कबन४ म४य४ कद |.
त४तपयर : अपनद तथ४ पर४यद पपत कद बशच भदद हकन४ असव४भ४कवक नहथ हह। अनदक वकद४ मकहल४एह
अनयत कद पपतत सद म४तकवतनन सनदह रखतश हह। ककनतप वद भश अपनद तथ४ पर४यत मम भदद बरततश हह । ककनतप अब
बकद४ गककपक४एह अपनद पपतत तथ४ कक षण मम यह भदद नहथ बरत प४ई र कयतकक उनकद पपतत कक तक बह४ चपर४
व४
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लद गयद थद और कक षण हश उनकद पपत बनद हह ए थद। अतएवर अपनद पपतत कद कलए जक अब कक षण सवयर हश थद,
यह अकधक सनदह मकह कद क४रण थ४, जक बह४ जहस४ हश थ४। पहलद शशद४म४, सपद४म४, सपबल और कक षण
कद अनय कमतत कक म४त४एह एक-दससरद कद पपतत सद ऐस४ सनदह नहथ करतश थथ ककनतप अब गककपय४ह स४रद
ब४लकत कक अपन४ हश पपत म४न रहश थथ। इसशकलए शपकददव गकसव४मश सनदह कक इस वककद कक बह४,
गककपयत, गलवत इतय४कद कद मकह कद रप मम बतल४न४ च४हतद थद।
बज-ओकस४मनन--वज कद स४रद कनव४कसयत क४; सव-तककद रप--अपनद अपनद पपतत कद कलए; सनदह-वलश--सनदह रपश लत४; आ-
अबदमनन-एक वरर तक; अनप-अहमनन-- पकतकदन; शनहद--धशरद धशरद; कनदसशम--अप४र; ववकधद--बढत४ गय४; यथ४ कक षणद--कक षण
कक पपत रप म४ननद सद; तप--कनससनददह; अपसवर-बतनन--जहस४कक पहलद कभश न थ४।.
यदकप बजभसकम कद स४रद कनव४कसयत-गव४लत तथ४ गककपयत--मम पहलद सद हश कक षण कद कलए
अपनद कनजश पपतत सद अकधक सनदह थ४ ककनतप अब एक वरर तक उनकद अपनद पपतत कद पकत यह सनदह
लग४त४र बढत४ हश गय४ कयतकक अब कक षण उनकद पपत बन चपकद थद। अब अपनद पपतत कद पकत, जक
कक कक षण हश थद, उनकद पदम कक वककद क४ ककई व४र४प४र न थ४। कनतय हश उनहम अपनद पपतत सद कक षण
कजतन४ पदम करनद कक नई पदरण४ प४प हक रहश थश।
इतथम४तम४तमन४तम४नर वतसप४लकमरदण स: ।
'प४लयनवडतसपक वरर कचककडद वनगकषयक: ॥ २७॥
इतथमनन--इस पक४र; आतम४--परम४तम४, कक षण नद; आतमन४--अपनद आप सद; आतम४नमनन-पपनद अपनद कक; वतस-प४ल-कमरदण --
गव४लत तथ४ बछडत कद वदश मम; सद--स४क४तनन कक षण; प४लयननन--प४लन करतद हह ए; वतस-प:--बछडत कक चर४तद हह ए; वररमनन--
लग४त४र एक वरर तक; कचककडद--ककड४ओर क४ आननद कलय४; बन-गकषयक: --वकनद४वन तथ४ जरगल दकनत मम हश।.
इस तरह अपनद कक गव४लब४लत तथ४ बछडत क४ समसह बन४ लदनद कद ब४द भगव४ननन शशकक षण
अपनद कक उसश रप मम बन४यद रहद। वद उसश पक४र सद वकनद४वन तथ४ जरगल दकनत हश जगहत मम एक
वरर तक अपनश लशल४एह करतद रहद।
त४तपयर : जक कप छ थ४ वह कक षण थ४। बछडद, गव४लब४ल तथ४ उनकद प४लक सवयर सभश कक षण थद।
दससरद शबदत मम, कक षण नद अपन४ कवसत४र न४न४ पक४र कद बछडत तथ४ गव४लब४लत मम कर कलय४ थ४ और
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एक वरर तक वद अनवरत अपनश ककड४एह करतद रहद। भगवदशत४ मम कह४ गय४ हह कक कक षण क४ कवसत४र
(अरश) हर एक कद हदय मम परम४तम४ रप मम कवदम४न हह । इसश तरह अपनद कक परम४तम४ रप मम कवसत४र
न ददकर उनहतनद बछडत तथ४ गव४लब४लत कद अरश रप मम लग४त४र एक वरर कद कलए कवसत४र कर कलय४।
एकद४--एक कदन; च४रयननन वतस४नननस--बछडत कक चर४तद हह ए; स-र४म:--बलर४म समदत; वनमनन--वन मम; आकवशतनन--घपसद; पदञ-
घ४सप--प४हच य४ छह; कत-य४म४सप--र४तम; ह४यन--पसर४ वरर; अपसरणशरप--पसरश न हकनद पर ( एक वरर मम प४हच-छह कदन शदर रहनद
पर ); अज:--भगव४ननन शशकक षण |.
एक कदन जबकक वरर पसर४ हकनद मम अभश प४हच-छद र४तम शदर थथ कक षण बलर४म सकहत बछडत
कक चर४तद हह ए जरगल मम पकवष हह ए।
त४तपयर : इस समय तक बलर४म भश बह४ जहसद मकह सद आवकत थद। बलर४म भश यह नहथ ज४नतद थद
कक यद स४रद बछडद तथ४ गव४लब४ल कक षण कद हश कवसत४र हह य४ सवयर वद भश कक षण कद कवसत४र हह । बलर४म
कक यह ब४त वरर पसर४ हकनद कद कद वल प४हच-छ: कदन पसवर बतल४ई गई।
ततद--ततपशच४तनन; कवदसर४तननस--अकधक दसर सथ४न सद नहथ; चरत:--चरतश हह ई; र ग४व:--स४रश गलवम; वतस४नननस--तथ४ उनकद बछडद;
उपबजमनन-वकनद४वन कद कनकट चरतद हह ए; गकवधरन-अकद-कशरकस--गकवधरन पवरत कक चकटश पर; चरनतय:--चरतश हह ई; र दहशप:--
ददख४; तकणमनन--प४स हश मपल४यम घ४स।.
ततपशच४तनन गकवधरन पवरत कक चकटश पर चरतश हह ईर गलवत नद कप छ हरश घ४स खकजनद कद कलए नशचद
ददख४ तक उनहतनद अपनद बछडत कक वकनद४वन कद कनकट चरतद ददख४ जक अकधक दसरश पर नहथ थ४।
स गकबजक5 तय४तमपदपगरम४गर: ।
कदप४तककप दगशव उद४सयपपचछक
इकधल४--ददख कर; अथ--ततपशच४तनन; ततनन-सनदह-वश:-- अपनद बछडत कद कलए बढद हह ए सनदह कद क४रण; असमकत-आतम४--म४नत
अपनद आप कक भसल गई;
र सद--वह; गक-बज:--गलवत क४ समसह; अकत-आतम-प-दपगर-म४गर:--म४गर कद अतयनत दपगरम हकतद हहए भश
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बछडत कद कलए अकत सनदह कद क४रण चर४नद व४लत सद कबछड कर दसर कनकल आई;र कद-प४तनन-पहरत कक जकडश; ककप तनन-गशव:--
उनकक गदरन कद स४थ हश उनकद कडलद ( कस बड ) कहल रहद थद; उद४सय-पपचछ: --अपनद कसर तथ४ पसछम उठ४यद; अग४तननस--आई;
हह डह तहद--हरक
र ४र करतश; आसतर-पय४:--उनकद थनत सद दसध बह रह४ थ४; जवदन--बलपसवरक |.
जब ग४यत नद गकवधरन पवरत कक चकटश सद अपनद अपनद बछडत कक ददख४ तक वद अकधक सनदहवश
अपनद आप कक तथ४ अपनद चर४नद व४लत कक भसल गई र और दपगरम म४गर हकतद हह ए भश वद अपनद बछडत
कक ओर अतशव कचकनतत हककर दस म४नक वद दक हश प४हवत सद दलड रहश हत। उनकद थन दसध सद भरद थद
और उनमम सद दसध बह रह४ थ४, उनकद कसर तथ४ पसछम उठश हह ई थथ और उनकद कडलद ( कस बड )
उनकक गदरन कद स४थ स४थ कहल रहद थद। वद तब तक तदजश सद दलडतश रहथ जब तक वद अपनद बचत
कद प४स दसध कपल४नद पहह हच नहथ गई।र
त४तपयर : स४म४नयतय४ ग४य तथ४ बछडद अलग-अलग चर४यद ज४तद हह | बडद लकग गलवत कक रखव४लश
करतद हह और छकटद लडकद बछडत कक। ककनतप इस ब४र गलबत नद जयतहश गकवधरन पवरत कद नशचद अपनद
बछडत कक ददख४ वद अपनश कसथकत भसल गई र और तदजश सद अपनश पसहछ उठ४यद, अगलद तथ४ कपछलद पहर जकडद
दलडतश रहथ जब तक वद अपनद बछडत कद प४स पहह हच नहथ गई।र
समदतय--एकत करकद ; ग४व: --स४रश गलवम; अध: --नशचद, गकवधरन पवरत कद नशचद; वतस४नस--अपनद बछडत कक; वतस-वतय:--
म४नत उनहम नयद बछडम उतपन हह ए हत; अकप--यदकप नयद बछडद उपकसथत थद; अप४ययननन--उनहम कपल४य४; कगलनतय:--कनगलतद हह ए;
इब--म४नक; च-- भश; अजञ४कन--उनकद शरशरत कक; कलहनतय:--च४टतद हह ए म४नक नवज४त बछडद हत; सव-ओधसमनन पय:-- अपनद
थन सद बहत४ हह आ दसध |.
गलवत नद नयद बछडत कक जनम कदय४ थ४ ककनतप गकवधरन पवरत सद नशचद आतद हह ए, अपनद पपर४नद
बछडत कद कलए अतशव सनदह कद क४रण इनहथ बछडत कक अपनद थन क४ दसध पशनद कदय४। वद कचकनतत
हककर उनक४ शरशर च४टनद लगथ म४नक उनहम कनगल ज४न४ च४हतश हत।
गकप४सतदकधन४य४समलधयलजकरमनयपन४ ।
दपग४रधवकक चछप तक 5 भयदतय गकवतसहदरदशप: सपत४नस ॥ ३२॥
गकप४:-गव४लद; ततनन-रकधन-आय४स--ग४यत कक बछडत कक ओर ज४नद सद रककनद कद अपनद पय४स क४; मलघधय--कनर४श४ कद क४रण;
'लज४--लजनककत हककर; उर-मनयपन४--स४थ हश क४फक कप द हककर; दपगर-अधव-कक चछप त: --बडश ककठन४ई सद दपगरम म४गर प४र करतद
हह ए; अभयदतय-वह४ह पहह हच कर; गक-वतसह:-- बछडत समदत; दहशप:--ददख४; सपत४नननस--अपनद अपनद पपतत कक |.
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गलवत कक उनकद बछडत कद प४स ज४नद सद रककनद मम असमथर गव४लद लकजत हकनद कद स४थ स४थ
कप द भश हह ए। उनहतनद बडश ककठन४ई सद दपगरम म४गर प४र ककय४ ककनतप जब वद नशचद आयद और अपनद
अपनद पपतत कक ददख४ तक वद अतयकधक सनदह सद अकभभसत हक गयद।
त४तपयर : हर एक मम कक षण कद कलए सनदह बढ रह४ थ४। जब गव४लत नद पवरत सद नशचद आकर अपनद
अपनद पपतत कक ददख४, जक कक षण कद अकतररक अनय ककई न थद, तक उनक४ सनदह बढ गय४।
तदशकणकतपदमरस४पहत४शय४
ततनन-ईकण-उतपदम-रस-आपहत-आशय४: --गव४लत कद स४रद कवच४र अपनद पपतत कक ददख कर उठनद व४लद व४तसलय-पदम मम लशन हक
गयद; ज४त-अनपर४ग४:-- अतयकधक आकररण क४ अनपभव करतद हह ए; गत-मनयव: --ककध दसर हक ज४नद सद; अभरक४ननन--अपनद पपतत
कक; उदपह--उठ४कर; दककभर: -- अपनश ब४हहत सद; परररभय--आकलरगन करकद ; मसधकर न--कसर पर; प४णहद--ससहघ कर; अव४पप:--
प४प ककय४; परम४मननस--सवरच; मपदमननस--आननद; तद--उन गव४लत नद।.
उस समय गव४लत कद स४रद कवच४र अपनद अपनद पपतत कक ददखनद सद उतपन व४तसलय-पदम रस मम
कवलशन हक गयद। अतयकधक आकररण क४ अनपभव करनद सद उनक४ ककध छस-मनतर हक गय४। उनहतनद
अपनद पपतत कक उठ४कर ब४हहत मम भर कर आकलरगन ककय४ और उनकद कसरत कक ससहघ कर सवरच
आननद प४प ककय४।
त४तपयर : बह४ द४र४ असलश गव४लब४लत तथ४ बछडत कद चपर४ कलए ज४नद कद ब४द कक षण अपन४
कवसत४र करकद सवयर गव४लब४ल तथ४ बछडद बन गयद थद। कयतकक ब४लक वसतपतद कक षण कद अरश थद,
इसकलए गव४लद इन बचत कद पकत अतयकधक आकक ष हह ए। पहलद यद गव४लद जब पवरत कक चकटश पर थद तक
अतयनत कप द थद। ककनतप कक षण हकनद कद क४रण उनकद ब४लक अतयकधक आकररक थद इसकलए कवशदर
पदमवश गव४लद तपरनत हश पवरत सद नशचद उतर आयद।
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ततद--ततपशच४तनन; पवयस:--वयसक; गकप४: --गव४लद; तकक-आशलदर-सपकनवकतर ४:-- अपनद पपतत क४ आकलरगन करकद परम पसन
हह ए; कक चछ४तनन-- ककठन४ई सद; शनहद--धशरद धशरद; अपगत४:--आकलरगन करन४ छकड कर जरगल ललट गयद; ततनन-अनपसमककत-उद-
शवद--अपनद पपतत क४ समरण करनद पर उनकक आहखत सद आहसस आ गयद।.
ततपशच४तनन पलढ गव४लद अपनद पपतत कद आकलरगन सद अतयनत तपष हककर बडश ककठन४ई और
अकनचछ४ सद उनक४ आकलरगन धशरद धशरद छकड कर जरगल ललट आयद। ककनतप जब उनहम अपनद पपतत
क४ समरण हह आ तक उनकक आहखत सद आहसस लपढक आयद।
बजसथ--ग४यत कद झपडर क४; र४म:--बलर४म; पदम-ऋरद: --सतदह बढनद कद क४रण; वशकय--ददख कर; औतनन-कणठमनन--अनपरकक;
अनप-कणमनन--कनरनननतर; मपक-सतनदरप--बडद हक ज४नद कद क४रण अपनश म४त४ओर क४ सतन-प४न छकड चपकद थद; अपतयदरप--उन बछडत
कक; अकप--भश; अहदतप-कबतनन--क४रण न समझनद सद; अकचनतयतनन--इस पक४र सकचनद लगद
त४तपयर : कप छ ग४यत कद छकटद बछडद थद, जक उनक४ दसध पशन४ शपर कर चपकद थद और कप छ नद अभश
अभश बचद कदयद थद ककनतप पदमवश गलवम भ४व४वदश मम आकर उन पपर४नद बछडत कद पकत भश सनदह पदकशरत
करनद लगथ कजनहतनद दसध पशन४ छकड रख४ थ४। यद बछडद बडद हक चपकद थद ककनतप कफर भश म४त४एह उनहम दसध
कपल४न४ च४ह रहश थथ। इसकलए बलर४म कक कप छ-कप छ आशचयर हह आ और उनहतनद कक षण सद उनकद इस
वयवह४र क४ क४रण पसछन४ च४ह४। गलवम नए बछडत कद उपकसथत हकतद हह ए भश, अपनद बडद बछडत कक दसध
कपल४नद कद कलए अकधक उतसपक थथ कनयतकक पपर४नद बछडद कक षण कद अरश थद। यद आशचयरजनक घटन४एह
यकगम४य४ कद पबनध सद हक रहश थथ। कक षण कद कनदरशन मम दक तरह कक म४य४एह क४यर करतश हह-- मह४म४य४
जक भलकतक जगत कक शकक हह तथ४ यकगम४य४ जक आधय४कतमक जगत कक शकक हह।यद अस४म४नय घटन४एह
यकगम४य४ कद पभ४व सद घट रहश थथ। कजस कदन सद बह४ नद बछडत तथ४ गव४लब४लत कक चपर४य४ थ४ उसश
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कदन सद यकगम४य४ इस तरह क४यर कर रहश थश कक वकनद४वन कद व४सश, कजसमम भगव४ननन बलर४म भश
सकममकलत थद, यह नहथ समझ प४यद कक यकगम४य४ ककस तरह सद इन अस४म४नय घटन४ओर कक घकटत कर
रहश हह। ककनतप जयत जयत यकगम४य४ धशरद धशरद क४यर करनद लगश, तक कवशदरकर बलर४म समझ गयद कक कनय४
हक रह४ हह अतएव उनहतनद कक षण सद पसछ४।
यह कवकचत घटन४ कय४ हह? सभश वजव४कसयत क४, मपझ समदत. इन ब४लकत तथ४ बछडत कद
पकत अपसवर पदम उसश तरह बढ रह४ हह, कजस तरह सब जशवत कद परम४तम४ भगव४ननन कक षण कद पकत
हम४र४ पदम बढत४ हह।
त४तपयर : पदम कक यह वककद म४य४ नहथ थश। चसकह क कक षण नद अपन४ कवसत४र पतयदक वसतप कद रप मम
कर कलय४ थ४ तथ४ वकनद४वन कद हर व४सश क४ सरपसणर जशवन कक षण कद कनकमत थ४, स४रश गलवम कक षण-पदम
कद क४रण नयद बछडत कक अपदक४ पपर४नद बछडत मम अकधक सनदह कदख४ रहश थथ। इसश तरह पपरर अपनद
पपतत कद पकत सनदह मम वककद कर रहद थद। वकनद४वन कद स४रद व४कसयत मम अपनद अपनद बचत कद पकत कक षण
जहस४ हश पदम ददख कर बलर४म चककत थद। इसश तरह गलवम अपनद अपनद बछडत कद पकत उतनश हश सनदकहल
हक उठश थथ कजतनश कक षण कद पकत थथ। यकगम४य४ क४ क४यर ददख कर बलर४म चककत थद। इसशकलए उनहतनद
'क४--कलन; इयमनन--यह; व४--अथव४; कप तद--कह४ह सद; आय४त४--आयश हह; दहवश--ददवश; व४--अथव४; न४रश--सश; उत--
अथव४; आसपरश--र४कसश; प४य:--अकधक४रशत:; म४य४--म४य४; असतप--हक सकतश हह; मद--मदरद; भतपर:--पभप, कक षण कद ; न--
नहथ; अनय४--ककई दससर४; मद--मदर४; अकप--कनकशचत रप सद; कवमककहनश--मकहगसत करनद व४लश।.
यह यकगशकक कलन हह और वह कह४ह सद आई हह? कय४ वह ददवश हह य४ ककई र४कसश हह?
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अवशय हश वह मदरद पभप कक षण कक म४य४ हकगश कयतकक उसकद अकतररक मपझद और कलन मकह
सकत४ हह?
त४तपयर : बलर४म चककत थद। उनहतनद सकच४ कक पदम क४ यह अस४ध४रण पदशरन य४ तक ददवत४ओर कक
य४ ककसश अदपत वयकक कक म४य४ हह। अनयथ४ ऐस४ पररवतरन कह सद हकत४ ? उनहतनद सकच४, ““यह म४य४
ककई र४कसश म४य४ हक सकतश हह ककनतप वह मपझद कह सद वशशभसत कर सकतश हह ? ऐस४ समभव नहथ। अतद
यह अवशय हश कक षण कक म४य४ हह।'” इसकलए उनहतनद कनषकरर कनक४ल४ कक यह कक षण द४र४ उतपन हह,
कजसद वद अपन४ आर४धयददव म४नतद थद। उनहतनद सकच४, “यह कक षण कक करनश हह और मह भश इसकक
यकगशकक कक रकक नहथ प४य४।'' इस तरह बलर४म समझ गयद कक स४रद लडकद तथ४ बछडद कक षण कद हश
अरश हह।
इकत सदकझजनतय--इस पक४र सकच कर; द४श४हई:--बलददव नद; वतस४नननस--बछडत कक; स-वयस४ननन--अपनद स४कथयत समदत; अकप--
भश; सव४रनस--स४रद; आचष-ददख४; बहकपणठमनन-कद वल शशकक षण रप मम; चकपर४ वयपनदन--कदवय ज४न कद चकपओर द४र४; सद--
उसनद ( बलददव नद).
इस पक४र सकचतद हह ए बलर४म अपनद कदवय ज४न कद चकपओर सद ददख सकद कक यद स४रद बछडद
तथ४ कक षण कद स४थश शशकक षण कद हश अरश हह।
त४तपयर : हर वयकक कभन हकत४ हह। यह४ह तक कक जपडवत मम भश भदद हकत४ हह। कफर भश जब कक षण नद
अपन४ कवसत४र ब४लकत तथ४ बछडत कद रप मम ककय४, तक हर ब४लक तथ४ हर बछड४ अपनद मसल रप मम
पकट हह आ और हर एक मम अपनश अपनश वहश च४ल-ढ४ल, वहश ररग, वदश इतय४कद थ४ कयतकक कक षण इन
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न--नहथ; एतद--यद लडकद ; सपर-ईश४:--ददवत४ओर मम शदष; ऋरय: --ऋकरगण; न--नहथ; च--तथ४; एतद--यद बछडद; तवमनन--
तपम ( कक षण ); एब--कद वल; भ४कस-- पकट हक रहद हक; ईश--हद परम कनयनत४; कभतनन-आ शयद--न४न४ पक४र कद भदद मम; अकप--
हकतद हह ए भश; सवरमनन-पतयदक वसतप; पकथकन न--कवदम४न; तवमस-तपम ( कक षण ); कनगम४तनन--सरकदप मम; कथमनन--कह सद; बद--
बतल४ओ; इकत--इस पक४र; उकद न--( बलददव द४र४ ) प४थरन४ ककयद ज४नद पर; वकतमनन--कसथकत; पभपण४-- कक षण द४र४ ( कहश ज४नद
पर ); बल:--बलददव; अवहतनन--समझ गयद |.
भगव४ननन बलददव नद कह४, “हद परम कनयनत४, मदरद पहलद सकचनद कद कवपरशत यद ब४लक मह४ननन
ददवत४ नहथ हह न हश यद बछडद न४रद जहसद मह४ननन ऋकर हह। अब मह ददख सकत४ हह ह कक तपमहथ अपनद कक
न४न४ पक४र कद रप मम पकट कर रहद हक। एक हकतद हहए भश तपम बछडत तथ४ ब४लकत कद कवकवध
रपत मम कवदम४न हक। कक प४ करकद मपझद यह कवसत४र सद बतल४ओ।'' बलददब द४र४ इस पक४र
प४थरन४ ककयद ज४नद पर कक षण नद स४रश कसथकत समझ४ दश और बलददव उसद समझ भश गयद।
त४तपयर : कक षण सद असलश कसथकत ज४ननद कद कलए बलर४म नद पसछ४, “हद कक षण! पहलद तक मह समझ
रह४ थ४ कक यद स४रश गलवम, बछडद तथ४ गव४लब४ल य४ तक मह४ननन ऋकर य४ स४धप-सरत हह अथव४ ददवत४ हह
ककनतप इस समय ऐस४ लग रह४ हह कक व४सतव मम यद तपमह४रद हश अरश हह। यद सब तपमह४रद रप हह --तपमहथ
बछडत, गलवत और ब४लकत कक भसकमक४ अद४ कर रहद हक। इसक४ कय४ रहसय हह ? वद दससरद बछडद, गलवम
तथ४ गव४लब४ल कह४ह गयद ? तपमनद इन सब मम अपन४ कवसत४र कयत ककय४ ? इसक४ क४रण बतल४ओ।'!
बलर४म कद इस अनपरकध पर कक षण नद सरकदप मम स४रश ब४त बतल४ दश--ककस तरह बह४ नद बछडत और
गव४लब४लत कक चपर४य४ और ककस तरह कक षण अपन४ कवसत४र करकद इस घटन४ कक कछप४यद रहद कजससद
लकग यह न ज४न प४यम कक असलश गलवम, बछडद तथ४ लडकद खक गयद हह । इसकलए बलर४म समझ गयद कक
यह म४य४ नहथ अकपतप कक षण क४ ऐशवयर हह। कक षण सवर-ऐशवयरयक
प हह और यह कक षण क४ एक और ऐशवयर
हश थ४।
बलर४म नद कह४, “पहलद तक महनद समझ४ कक यद लडकद तथ४ बछडद न४रद जहसद मह४ननन ऋकरयत कक
शकक क४ पदशरन हह ककनतप अब मह ददख रह४ हह ह कक यद लडकद तथ४ बछडद तपमह४रद हश रप हह।'' कक षण सद
पसछनद पर भगव४ननन बलर४म कक पत४ चल४ कक कक षण हश अनदक रपत मम उपकसथत थद। भगव४ननन ऐस४ कर
सकतद हह इसक४ उलदख बह-सरकहत४ (५.३३) मम हह आ हह-- अदहतर अचपतर अन४कदर अननतरपमननस-यदकप
वद एक हह ककनतप अनदक रपत मम कवसत४र कर सकतद हह। वहकदक पम४ण कद अनपस४र एकर बहह सय४म-वद
करकडत रपत मम कवसत४र करकद भश एक बनद रहतद हह। इस दकष सद हर वसतप आधय४कतमक हह कयतकक वह
कक षण क४ कवसत४र (अरश) हकतश हह अथ४रतनन स४रश वसतपएह सवयर कक षण य४ उनकक शकक कक हश कवसत४र हह।
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चसहकक शकक शककम४न सद अकभन हह, अत: शकक तथ४ शककम४न एक हश हह ( शककशककमतकरभदद:) ।
लदककन म४य४व४कदयत क४ कहन४ हह-- कचदकचतसमनवयद--आतम४ तथ४ पद४थर एक हह। यह ध४रण४ गलत
हह। आतम४ ( कचत ) पद४थर (अकचवनन ) सद कभन हह जहस४कक सवयर कक षण नद भगवदशत४ (७.४-५) मम
कह४ हह--
“भसकम, जल, अकग, व४यप, आक४श, मन, बपकद तथ४ कमथय४ अहरक४र--यद आठत कमलकर मदरश कभन
भलकतक पकक कत बनतश हह। ककनतप इस अपर४ पकक कत कद अकतररक भश, हद मह४ब४हह अजपरन! एक पर४शकक
हह, जक उन स४रद जशवत सद बनश हह ई हह, जक भलकतक पकक कत सद सरघरर कर रहद हह और बह४णड कक ध४रण
करतद हह।' आतम४ तथ४ पद४थर कक एक नहथ ककय४ ज४ सकत४ कयतकक वद पर४ तथ४ अपर४ शककय४ह हह।
कफर भश म४य४व४दश अथव४ अदहतव४दश उनहम एक बन४नद क४ पय४स करतद हह। यह ठशक नहथ हह। यदकप
आतम४ तथ४ पद४थर अनततद एक हश सकत सद आतद हह ककनतप उनहम एक नहथ बन४य४ ज४ सकत४।
उद४हरण४थर, ऐसश अनदक वसतपएह हह, जक हम४रद शरशर सद कनकलतश हह ककनतप एक हश सकत सद आनद पर भश
उनहम एक नहथ कह४ ज४ सकत४। हमम धय४न रखन४ च४कहए कक यदकप परम सकत एक हह ककनतप इस सकत
सद कनकलनद व४लश वसतपओर कक अपर तथ४ पर म४नन४ च४कहए। म४य४व४द तथ४ वहषणव दशरनत क४ अनतर
इतन४ हश हह कक वहषणव दशरन मम इस तथय कक म४नयत४ दश ज४तश हह। इसशकलए शश चहतनय मह४पभप क४
दशरन अकचनतय भदद४भदद कहल४त४ हह। उद४हरण४सवरप, अकग तथ४ उषम४ कक कवलग नहथ ककय४ ज४
सकत४ कयतकक जह४ह अकग हह, वहथ उषम४ हह और जह४ह उषम४ हह, वहथ अकग हह। तक भश जह४ह हम अकग
कक छस नहथ सकतद वहथ उषम४ कक हम सहन कर लदतद हह। इस तरह वद एक हक करकद भश कभन कभन हह।
त४दददतय४तमभसर४तमम४नदन तपटनदहस४ ।
पपरकवद४बदर ककडनतर दहशद सकलर हररमनन ॥ ४०॥
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त४वतनन--तब तक; एतय--ललट कर; आतम-भस:--बह४ नद; आतम-म४नदन-- अपनश म४प कद अनपस४र; बपकट-अनदहस४--कण-भर
मम; पपरद-बतनन-- पहलद कक तरह; आ-अबदमनन--एक वरर तक; ककडनतमनन--खदलतद हह ए; दददशद --ददख४; स-कलमनन--अपनद अरशत
सकहत; हररमनन-- भगव४ननन हरर ( शशकक षण ) कक |.
त४तपयर : बह४ तक अपनद समय कद अनपस४र कण-भर कद कलए गयद थद ककनतप जब वद ललटद तक मनपषय
कक म४प कद अनपस४र एक वरर बशत चपक४ थ४। कवकभन लककत मम क४ल कक गणन४ कभन कभन हकतश हह।
उद४हरण४थर, मनपषय द४र४ कनकमरत अनतररकय४न एक घरट४ पचशस कमनट मम पकथवश क४ चकर लग४ सकत४
हह--और इस तरह एक कदन पसर४ कर सकत४ हह, जबकक पकथवश पर रहनद व४लद लकगत कद कलए कदन मम
चलबशस घणटद हकतद हह। इसकलए बह४ क४ एक कण पकथवश पर एक वरर कद तपलय थ४। कक षण पसरद एक वरर
इतनद रपत मम अपन४ कवसत४र ककयद रहद ककनतप यकगम४य४ कक यकजन४ कद फलसवरप बलर४म कद अकतररक
अनय ककई इसद ज४न नहथ प४य४।
बह४ अपनश गणन४ कद अनपस४र एक कण ब४द यह ददखनद कद कलए ललटद कक उनकद द४र४ ब४लकत
तथ४ बछडत कक चपर४नद सद कह स४ कलतपक हह आ हकग४। ककनतप स४थ हश वद भयभशत थद कक यह तक आग कद
स४थ कखलव४ड करन४ हह। कक षण उनकद सव४मश हह और कलतपक कद कलए उनहतनद कक षण कद बछडत तथ४
कमतत कक चपर४कर शहत४नश कक हह। वद सचमपच उतसपक थद इसशकलए उनहतनद ददरश नहथ कक, अपनद कहस४ब सद
कण-भर ब४द हश वद ललट आयद। जब बह४ ललटद तक उनहतनद ददख४ कक स४रद ब४लक, बछडद और गलवम
कक षण कद स४थ पसवरबतनन खदल रहद हह। कक षण कक यकगम४य४ सद वहश ककड४एह कबन४ ककसश पररवतरन कद चल
रहश थथ।
कजस कदन बह४ पहलद पहल आयद थद उस कदन कक षण तथ४ गव४लब४लत कद स४थ बलर४म नहथ ज४
सकद कनयतकक उस कदन उनक४ जनमकदन थ४ और उनकक म४त४ नद ज४कनतक सन४न कद कलए उनहम घर पर रकक
कलय४ थ४। इसकलए बह४जश बलर४म कक चपर४ नहथ प४यद थद। अब एक वरर ब४द बह४ ललटद , तक यह भश
ठशक वहश कदन थ४ अतद उस कदन भश बलर४म अपनश वररग४हठ मन४नद कद कलए घर पर हश थद। इसशकलए
इस शलकक मम यदकप उलदख हह कक बह४ नद कक षण तथ४ गव४लब४लत कक ददख४ ककनतप बलददव क४ उलदख
नहथ हह। यह तक प४हच-छह कदन पसवर कक ब४त हह कक बलददव नद कक षण सद गलवत तथ४ गव४लत कद कवलकण
श४
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सनदह कद कवरय मम पसछ४ थ४ ककनतप अब जब बह४ ललट कर आयद तक उनहतनद कक षण कद स४थ स४रद गव४लत
तथ४ बछडत कक उनकद अरशरप मम खदलतद ददख४ ककनतप उनहतनद बलददव कक नहथ ददख४। कपछलद वरर कक
तरह भगव४ननन बलददव उस कदन जरगल नहथ गयद जब बह४जश कफर सद वह४ह पकट हह ए थद।
च४वनतद--उतनद हश; गककप लद--गककप ल मम; ब४ल४:--ब४लक; स-वतस४:--अपनद अपनद बछडत कद स४थ; सवर--सभश; एव--
कनससनददह; कह-- कयतकक; म४य४-आशयद--म४य४ कक सदज पर; शय४न४:--सक रहद हह; मद--मदरश; न--नहथ; अद--आज; अकप--
भश; पपनद --कफर सद; उकतथत४: --उठद हह।.
भगव४ननन बह नद सकच४: गककप ल कद कजतनद भश ब४लक तथ४ बछडद थद उनहम महनद अपनश
यकगशकक कक सदज पर सपल४ रख४ हह और आज कद कदन तक वद जगद नहथ हह।
त४तपयर : बह४जश नद अपनश यकगशकक सद स४रद बछडत तथ४ ब४लकत कक गपफ४ मम एक वरर तक सपल४
रख४ थ४। अत: जब बह४ नद अब भश भगव४ननन कक षण कक स४रश गलवत तथ४ बछडत कद स४थ खदलतद ददख४ तक
जक कप छ हक रह४ थ४ वद उसक४ क४रण ज४ननद क४ पय४स करनद लगद। उनहतनद सकच४, “यह कय४ हह? हक
सकत४ हह कक मह कजन बछडत तथ४ गव४लत कक चपर४ लद गय४ थ४ वद हश गपफ४ सद पपनद यह४ह पर ल४ कदयद गयद
हत। कनय४ ऐस४ हश हहआ हह ? कय४ कक षण उनहम व४पस लद आय४ हह ?”' ककनतप कफर बह४जश नद ददख४ कक कजन
बछडत तथ४ ब४लकत कक वद चपर४ लद गयद थद वद अब भश उसश यकगम४य४ मम हह कजनमम उनहम रख४ गय४ थ४।
अतद उनहतनद यह कनषकरर कनक४ल४ कक कक षण कद स४थ अब खदल रहद बछडद तथ४ गव४लब४ल गपफ४ व४लद
बछडत तथ४ ब४लकत सद कभन हह। वद समझ गयद कक असलश बछडद तथ४ ब४लक गपफ४ मम हश हह जह४ह वद
उनहम रख आयद थद ककनतप कक षण नद अपन४ कवसत४र कर कलय४ हह और स४मनद कदखनद व४लद यद बछडद तथ४
ब४लक उनहथ कद अरश हह। इन अरशत कद वहसद हश सवरप थद, वहश पवककत और वहश कवच४रध४र४ थश ककनतप
थद वद भश कक षण हश।
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इतद--इस क४रण सद; एतद--अपनद अपनद बछडत समदत यद स४रद ब४लक; अतन--यह४ह पर; कप ततय४:--कह४ह सद आयद हह; मतनन-म४य४-
मककहत-इतरद--मदरश म४य४ सद मककहत हहओर कद अकतररक; त४वनतद--उतनद हश ब४लक; एव--कनससनददह; तत--वह४ह पर; आ-
अबदमनन-एक वरर तक; ककडनत: --खदल रहद हह; कवषणपन४ सममनन--कक षण कद स४थ |.
यदकप पसरद एक वरर तक कक षण कद स४थ उतनद हश ब४लक तथ४ बछडद खदलतद रहद कफर भश यद
मदरश यकगशकक सद मककहत ब४लकत सद कभन हह। यद कलन हह ? यद कह४ह सद आयद ?
त४तपयर : यदकप वद बछडत, गलवत तथ४ गव४लब४लत जहसद लग रहद थद ककनतप वद सभश कवषणप थद।
वसतपत: वद कवषणपततव थद, जशववतव नहथ थद। बह४ कक आशचयर हह आ। उनहतनद सकच४, “' असलश ब४लक
तथ४ गलवम तक अब भश वहथ हह जह४ह उनहम महनद कपछलद वरर रख४ थ४। तक कफर वह कलन हह , जक पसवरबतनन
कक षण कद स४थ हह ? वद कह४ह सद आयद ?'” बह४ कक आशचयर हक रह४ थ४ कक मदरश यकगशकक कक उपदक४ हह ई
हह। कक षण नद बह४ द४र४ लद ज४ई गई गलवत तथ४ ब४लकत कक कबन४ छप यद हश बछडत तथ४ ब४लकत कक दससरश
पसरश टकलश उतपन कर दश हह, जक कवषणपततव कद अरश हह । इस तरह बह४ कक यकगशकक पर४सत हह ई।
एवमनन--इस तरह; एतदरप भदददरप--इन ब४लकत कद बशच, जक पकथकन न कवदम४न हह; कचरमनन--दशघरक४ल तक; धय४तव४--सकच कर;
सद--वह; आतम-भस:--बह४; सतय४:-- असलश; कद --कलन; कतरद--कलन; न--नहथ हह; इकत--इस पक४र; ज४तपमस-- ज४ननद कद
कलए; न--नहथ; इष--समथर थ४; कथञनन--ककसश भश तरह सद.
त४तपयर : बह४ ककरकतरवयकवमसढ थद। उनहतनद सकच४, '' असलश लडकद तथ४ बछडद तक वहसद हश सक रहद
हह कजस तरह महनद उनहम रख४ थ४ ककनतप कक षण कद स४थ यह४ह दससर४ समसह खदल रह४ हह। यह कह सद हह आ?”
बह४ समझ नहथ प४यद कक कनय४ हक रह४ हह। कलन सद ब४लक असलश हह और कलन सद नकलश हह ? बह४
ककसश ठकस कनषकरर पर नहथ पहह हच प४ रहद थद। वद इस कवरय पर दशघरक४ल तक मनन करतद रहद--
“बछडत तथ४ ब४लकत कद एक हश समय दक समसह कह सद हक सकतद हह ? कय४ कक षण नद इन ब४लकत तथ४
बछडत कक उतपन ककय४ हह? य४ जक सकयद हह ए हह उनहम कक षण नद उतपन ककय४ हह ? य४ दकनत हश कक षण कक
सककषय४ह हह ?'' बह४ नद इस कवरय पर कई पक४र सद सकच४। “यकद मह गपफ४ ज४कर यह ददखसह कक ब४लक
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तथ४ बछडद वह४ह अब भश हह, तक कय४ कक षण वह४ह ज४कर उन सबत कक यह४ह ल४कर रख दमगद कजससद मह
उनहम यह४ह ददख सकसह और पपनद उनहम यह४ह सद वह४ह रख आयमगद ?'” बह४ यह पत४ नहथ लग४ प४यद कक
एक-जहसद ब४लकत तथ४ बछडत कद एक हश स४थ दक समसह कह सद समभव हह। यदकप वद सकचतद रहद, सकचतद
रहद ककनतप वद कप छ भश न समझ प४यद।
एवमनन--इस तरह सद; सममकहयननन-- मककहत करनद कक इचछ४ सद; कवषणपमनन--सवरवय४पश भगव४ननन कक षण कक; कवमकहमनन--जक कभश
मककहत नहथ ककयद ज४ सकतद; कवशव-मकहनमनन--ककनतप जक स४रद बह४णड कक मककहत करनद व४लद हह; सवय४--अपनद हश द४र४; एब--
कनससनददह; म४यय४--यकगशकक द४र४; अज:--बह४; अकप-- भश; सवयमननस--सवयर; एब--कनशचय हश; कवमककहत:--मककहत हक गयद।.
चसहकक बह४ नद सवरवय४पश भगव४ननन कक षण कक, जक कभश मककहत नहथ ककयद ज४ सकतद अकपतप
समपसणर बह४णड कक मककहत करनद व४लद हह, मककहत करन४ च४ह४ इसकलए वद सवयर हश अपनश
यकगशकक द४र४ मकह मम फह स गयद।
त४तपयर : बह४ नद उन कक षण कक मककहत करन४ च४ह४ जक समपसणर बह४णड कक मककहत करतद हह। स४र४
बह४णड कक षण कक यकगशकक कद अधशन हह ( मम म४य४ दपरतयय४ ) ककनतप बह४ नद उनहम हश मककहत करन४
च४ह४। इसक४ पररण४म यह हह आ कक बह४ सवयर मककहत हक गयद कजस तरह कक ककसश अनय कक म४रनद
क४ इचछप क वयकक सवयर म४र ड४ल४ ज४य। दससरद शबदत मम, बह४ अपनश हश च४ल सद पर४कजत हक गयद।
ऐसश हश कसथकत उन वहज४कनकत तथ४ द४शरकनकत कक हह, जक कक षण कक यकगशकक पर कवजय प४न४ च४हतद
हह। वद यह कह कर कक षण कक ललक४रतद हह, “ईशवर कय४ हह ? हम यह कर सकतद हह, हम वह कर सकतद
हह।'” ककनतप वद कजतन४ हश अकधक कक षण कक ललक४रतद हह उतन४ हश अकधक वष प४तद हह। हमम यह४ह यहश
कशक४ कमलतश हह कक हम कक षण कक पछ४डनद क४ पयतन न करम। उनहम पछ४डनद क४ पय४स करनद कद बज४य
हम उनकक शरण मम ज४हय ( सवरधधम४रननन पररतयजय म४मदकर शरणर बज )
बह४ च४हतद थद कक षण कक हर४न४ ककनतप सवयर ह४र गयद कयतकक वद यह नहथ ज४न प४यद कक कक षण कय४
कर रहद हह। जब इस बह४णड कद मपखय पपरर बह४ इस तरह मककहत हत तक कफर तथ४ककथत वहज४कनकत
तथ४ द४शरकनकत कद कवरय मम कय४ कह४ ज४यद ? सवरधम४रननन पररतयजय म४मदकर शरणर बज । हमम च४कहए कक
कक षण कक वयवसथ४ कक अवज४ करनद व४लद अपनद लघप पय४सत कक हम तय४ग दम | हमम च४कहए कक वद जहसश
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वयवसथ४ करम उसद हम सवशक४र कर लम। यह सदहव शदयसकर हकत४ हह कयतकक इससद हम सपखश बन
सकम गद। हम उनकक वयवसथ४ कक पर४कजत करनद क४ कजतन४ हश अकधक पय४स करमगद उतन४ हश अकधक
कक षण कक म४य४ मम फह सतद ज४यमगद ( दहवश हकर४ गपणमयश मम म४य४ दपरतयय४ ) ककनतप जक वयकक भगव४ननन
कक षण कद आददशत कक म४न कर शरण मम ज४तद हह ( म४मदव यद गपदचनतद ) वद कक षण-म४य४ सद छसट ज४तद हह
( म४य४मनन एवर तर४कनत तद )। कक षण कक शकक उस सरक४रश शकक कद सम४न हह, कजसद जशत४ नहथ ज४
सकत४। सवरपथम सरक४र कद कनयम हकतद हह, तब पपकलस बल हकत४ हह और उसकद ऊपर सहनय बल हकत४
हह। अतएव सरक४रश बल कक पर४कजत करनद सद कय४ ल४भ? इसश तरह कक षण कक ललक४रनद सद कनय४
ल४भ?
इस शलकक मम कवषयप शबद महतवपसणर हह। कवषणप समपसणर भलकतक सरस४र मम वय४प हह ककनतप बह४
उनकद अधशन एक पद पर कनयपक हह।
यसयहककनशवकसतक४लमथ४वलमबय
( बह-सरकहत४ ५.४८)
न४थ४: शबद बह४जश कद कलए आय४ हह ककनतप हह बहह वचन मम कयतकक बह४णड असरखय हह और बह४
भश असरखय हह । बह४ तक एक कपद शकक म४त हह । इस तथय क४ प४कट द४रक४ मम हह आ थ४ जब कक षण नद
बह४ कक बपल४ भदज४ थ४। एक कदन जबबह४ कक षण क४ दशरन करनद द४रक४ आयद तक द४रप४ल नद भगव४ननन
कक षण कद आददश सद यह पसछ४, ““आप कलन सद बह४ हह ?'” ब४द मम जब बह४ नद कक षण सद पसछ४ कक कय४
इसक४ अथर यह हह कक हम४रद अकतररक और भश बह४ हह, तक कक षण मपसडक४यद और तपरनत हश अनदक
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तमय४मनन--अहधदरश र४त मम; तम:द-वतनन-- अरधक४र कद सम४न; नहह४रमस--बफर सद उतपन; खदकत-अकचर: --जपगनस क४ पक४श; इब--
सहश; अहकन--कदन कद समय, ससयर-पक४श मम; महकत--मह४पपरर मम; इतर-म४य४--अपर४ शकक; ऐशयमनन--स४मथयर; कनहकनत--
नष करतश हह; आतमकन--अपनद कक; यपजत:द -- पयकग करनद व४लद वयकक कक |.
कजस तरह अहधरद श र४त मम बफर क४ अहधदर४ तथ४ कदन कद समय जपगनस कद पक४श क४ ककई
महतव नहथ हकत४, उसश तरह कनकक ष वयकक कक यकगशकक मह४ननन शककश४लश वयकक कद कवरद
पयकग ककयद ज४नद पर कप छ भश नहथ कर प४तश, उलटद उस कनकक ष वयकक कक शकक कम हक ज४तश
हह।
त४तपयर : जब ककई वयकक अपनद सद शदष शककश४लश कक पछ४डन४ च४हत४ हह, तक उस कनकक ष कक
अपनश शकक उपह४स४सपद बन ज४तश हह। कजस तरह कदन मम जपगनस तथ४ र४त मम बफर क४ ककई मसलय नहथ
हकत४, उसश तरह कक षण कद स४मनद बह४ कक यकगशकक वयथर हक गई कयतकक मह४ननन यकगशकक कपद
यकगशकक कक वयथर कर ददतश हह। अहधदरश र४त मम बफर सद उतपन अहधदरद क४ ककई अथर नहथ हकत४। र४त मम तक
जपगनस अतयनत महतवपसणर रहत४ हह ककनतप कदन मम उसकद पक४श क४ ककई मसलय नहथ रहत४--इसक४ रह४-
सह४ मसलय भश ज४त४ रहत४ हह। उसश तरह कक षण कक यकगशकक कद समक बह४ पभ४वहशन हक गयद। कक षण
कक म४य४ क४ तक महतव नहथ घट४ ककनतप बह४ कक म४य४ उपह४स४सपद बन गई। इसकलए मह४ननन शकक कद
समक अपन४ कपद ऐशवयर पदकशरत करनद क४ पय४स नहथ करन४ च४कहए।
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त४वतनन--इतनद लमबद समय सद; सवर--सभश; वतस-प४ल४:--बछडद तथ४ उनहम चर४नद व४लद ब४लक दकनत हश; पशयत:--ददखतद हहए;
अजसय--बह४ कद ; ततनन-कण४तनन--तपरनत; वयहशयनत--कदखल४ई पडद; घन-शय४म४:--शय४म ब४दलत कद सवरप व४लद; पशत-
'कलशदय-व४सस:--पशल४ रदशमश वस पहनद हहए।.
जब बह४ ददख रहद थद तक तपरनत हश स४रद बछडद तथ४ उनहम चर४नद व४लद ब४लक नशलद ब४दलत कद
त४तपयर : जब बह४ मनन कर रहद थद तक स४रद बछडद तथ४ ब४लक तपरनत हश कवषणप मसकतरयत मम बदल
गयद। उनकक आकक कतय४ह नशलद ररग कक थथ और वद पशलद वस पहनद थद। बह४ अपनश शकक तथ४ कक षण कक
अतयकधक असशम शकक कद कवरय मम सकच-कवच४र कर रहद थद ककनतप ककई भश कनणरय कर प४नद कद पसवर
चतपभपरज४: शटबपचकगद४र४जशवप४णय: ।
शशवतस४डड ददकरलकमबपकडहणप४णय: ।
चतप:-भपज४:--च४र भपज४ओर व४लद; शटभप-चक-गद४-र४जशव-प४ण-य: --अपनद ह४थत मम शरख, चक, गद४ तथ४ कमल क४ फस ल
ध४रण ककयद; ककरशकटन:--अपनद कसरत पर मपकपट पहनद; कप णडकलन: --क४नत मम कप णडल पहनद; ह४ररण:--मकतश कद ह४र पहनद;
बन-म४कलन:--जरगल कद फस लत कक म४ल४एह पहनद; शशवतस-अडभद-दक-रतन-कमबप-कडहण-प४णय:-- अपनद वकसथलत मम लकमश
क४ कचह, भपज४ओर मम ब४जसबनद, गलत मम कलसतपभ मकण, कजसमम शरख जहसश तशन रदख४एह अरककत थथ तथ४ ह४थत मम करगन पहनद हह ए;
नसपपरहद--प४हवत मम घपरघपर सद यपक; कटकह द--टखनत मम चसडत सद यपक; भ४त४द--सपनदर लग रहद थद; ककट-ससत-अदनपलश-यकह :--
कमर मम पकवत करधनश तथ४ अरगपकलयत मम अहगसकठयत समदत |.
इन सबत कद च४र ह४थ थद कजनमम शरख, चक, गद४ तथ४ कमल ध४रण ककयद थद। वद अपनद कसरत
पर मपकपट पहनद थद, उनकद क४नत मम कपर डल और गलत मम जरगलश फस लत कद ह४र थद। उनकद वशरसथलत
कद द४कहनश ओर कद ऊपरश भ४ग मम लकमश क४ कचनह थ४। वद अपनश ब४हत मम ब४जसबनद, शरख जहसश
तशन रदख४ओर सद अरककत गलत मम कलसतपभ मकण तथ४ कल४इयत मम करगन पहनद थद। उनकद टखनत मम
प४यजदब थथ, प४हवत मम आभसरण और कमर मम पकवत करधनश थश। वद सभश अतयनत सपनदर लग रहद
थद।
त४तपयर : सभश कवषणप रपत कद च४र ह४थ थद कजनमम शरख, चक आकद थद ककनतप यद लकण उनमम भश
प४यद ज४तद हह कजनहतनद वहकपणठ मम स४रपय मपकक प४प कक हह और कजनकद रप भगव४ननन जहसद हश हह। ककनतप
बह४ कद समक कवषणप कद जक रप पकट हहए थद उनमम शशवतस क४ कचह तथ४ कलसतपभ मकण भश थद, जक
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कद वल भगव४ननन कद कवशदर लकण हह। इससद कसद हह कक यद स४रद ब४लक तथ४ बछडद यथ४थर मम भगव४ननन
कवषणप कद अरश थद, कद वल उनकद वहकपणठ सरगश नहथ। कवषणप सवयर कक षण मम सम४कहत हह। कवषणप कद स४रद
ऐशवयर कक षण मम पहलद सद कवदम४न हह फलतद इतनद कवषणप-रपत क४ पदशरन कक षण कद कलए ककई
आशचयरजनक क४यर नहथ थ४।
वहषणव वकरणश मम शशवतस कचह कक भगव४ननन कवषणप कद वकसथल कक द४कहनश ओर कद ऊपरश भ४ग मम
सपनदर पशलद ब४लत क४ छलनल४ (कपर चन) बतल४य४ गय४ हह । यह कचह स४ध४रण भकत कद कलए नहथ हह। यह
आडस कपमसतकम४पसण४रसतपलसशनवद४मकभ: ।
'ककमलह: सवरग४तदरप भसररपपणयवरदकपरतद: ॥ ४९॥
आ-अदकडध-मसतकमनन--प४हव सद लदकर कसर तक; आपसण४र:--पसरश तरह सज४; तपलसश-नव-द४मकभ:--तपलसश कक त४जश पकतयत सद
बनद ह४रत सद; ककमलह: --ककमल; सवर-ग४तदरप --पसरद शरशर मम; भसरर-पपणयवतनन-अकपरतह:--पपणयकमर मम लगद भकत द४र४ अकपरत ककयद
गयद।.
प४हव सद लदकर कसर तक उनकद शरशर कद स४रद अरग तपलसश दल सद बनद त४जद मपल४यम ह४रत सद
पसरश तरह सकजत थद कजनहम पपणयकमर ( शवण तथ४ ककतरन ) द४र४ भगव४ननन कक पसज४ मम लगद भकत
नद अकपरत ककय४ थ४।
म४य४कशत४न४र नरद४रकद ण
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भगव४ननन कक सव४मश म४न कर भकक मम लगद हह ए हह तथ४ वद लकग जक भगव४ननन कक स४म४नय वयकक म४नतद
हह ए म४य४ कद वशशभसत हह, वद यह नहथ समझ सकतद कक पपणयकमर सरकचत ककयद हह ए ऐसद कप छ मह४पपरर
हह, जक भगव४ननन कद स४थ गव४लब४लत कद रप मम कमत बनकर खदल रहद हह ।''
वकनद४वन कद हम४रद कक षण-बलर४म मकनदर मम एक तम४ल वकक हह, जक आहगन कद पसरद एक ककनद मम
छ४य४ हह आ हह। जब तक मकनदर नहथ बन४ थ४, यह वकक उपदककत रहत४ थ४ ककनतप अब इसकक इतनश ब४ढ
हक गई हह कक इसनद आहगन कद पसरद ककनद कक घदर कलय४ हह । यह भसररपणय कहल४त४ हह।
चकनदक४-कवशद-समदरह:--पसणर वदरम४न चनदम४ कक तरह शपद मपसक४न सद; स-अरण-अप४डप -वशककतह:-- अपनश ल४ल-ल४ल
आहखत कक सवचछ कचतवन सद; सवक-अथ४रन४मनन--अपनद भकत कक इचछ४ओर कद ; इब--सहश; रजद-सतव४भय४मस--रजक तथ४ सतक
गपणत सद; सनडषटप४लक४:--सष४ तथ४ प४लनकत४र थद।.
बद कवषणप रप जक चरदम४ कद बढतद हह ए पक४श कद तपलय थद, अपनश शपद मपसक४न तथ४ अपनश
ल४ल-ल४ल आहखत कक कतरछश कचतवन कद द४र४, अपनद भकत कक इचछ४ओर कक, म४नक रजकगपण
एवर तमकगपण सद, उतपन करतद तथ४ प४लतद थद।
त४तपयर : यद कवषणपसवरप पसणर चनदम४ कद बढतद हह ए पक४श कद सम४न अपनश कनमरल कट४कत तथ४
मपसक४नत सद भकत कक आशशव४रद दद रहद थद ( शरदय:कद रवचकनक४कवतरणमनन ) । प४लनकत४रओर कद रप मम वद
अपनद भकत पर कट४क कर रहद थद और उनक४ आकलरगन कर रहद थद और अपनश मपसक४न सद उनकक रक४
कर रहद थद। उनकक हहसश सतक गपण कद तपलय भकत कक समसत इचछ४ओर कक पसणर करनद व४लश थश और
उनकद कट४क रजकगपण कद सम४न थद। वसतपतद इस शलकक मम आय४ हह आ रज: शबद ““क४म'' क४ नहथ
अकपतप “सनदह '' क४ ससचक हह। भलकतक जगत मम रजकगपण क४म क४ ससचक हह ककनतप आधय४कतमक जगत
मम यहश सनदह हकत४ हह। भलकतक जगत मम रजकगपण तथ४ तमकगपण सद सनदह कलपकरत हकत४ हह ककनतप डप द
सतव मम भकत कक प४लन करनद व४ल४ सनदह कदवय हकत४ हह।
सवक४थ४रन४मनन ससचक हह महतश इचछ४ओर क४। जहस४कक इस शलकक मम उलदख हह, भगव४ननन कवषणप कक
कचतवन भकत मम इचछ४ओर कक उतपन करनद व४लश हह। ककनतप शपद भक मम तक ककई इचछ४ हश नहथ रहतश।
इसशकलए सन४तन गकसव४मश कक टशक४ हह कक कजन भकत क४ धय४न कक षण मम लग४ हह ऐसद भकत कक
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इचछ४एह पहलद सद पसरश हह ई रहतश हह। अत: उनमम भगव४ननन कद कट४कत सद कक षण तथ४ भकक कद पकत तरह-
तरह कक इचछ४एह उतपन हकतश हह। भलकतक जगत मम इचछ४ तक रजकगपण तथ४ तमकगपण कक उपज हकतश हह
ककनतप आधय४कतमक जगत मम इचछ४ सद तरह-तरह कक श४शवत कदवय भकक उतपन हकतश हह। इस पक४र
सवक४थ४रन४मनन शबद कक षण कक सदव४ करनद कक उतसपकत४ कक पदकशरत करत४ हह।
आतम४कदसतमबपयरनतहनमसकतरमकद शवर४चरह: ।
नकतयगशत४दनदक४हह: पकथकपकथगपप४कसत४: ॥ ५१॥
आतम-आकद-सतमब-पयरनतह: --बह४ सद लदकर कपद जशव तक; मसकतर-मकदद--वहश रप ध४रण करकद ; चर-अचरह:--चल तथ४
अचल प४कणयत द४र४; नकतय-गशत-आकद-अनदक-अहह:-- पसज४ कद कवकवध स४धनत द४र४, यथ४ न४च और ग४नद सद; पकथकन न पकथकन न--
अलग अलग; उप४कसत४:--पसकजत हककर।.
चतपमपरख बह४ सद लदकर शरपद सद कपद जशव, च४हद वद चर हत य४ अचर, सबत नद सवरप प४प
कर रख४ थ४ और वद अपनश अपनश कमत४ओर कद अनपस४र न४च तथ४ ग४यन जहसश पसज४ कवकधयत सद
उन कवषणप मसकतरयत कक अलग अलग पसज४ कर रहद थद।
त४तपयर : असरखय जशव अपनश अपनश शककयत तथ४ कमर कद अनपस४र पपररकतम कक कवकभन पक४र
कक उप४सन४ मम लगद हह ए हह--हर प४णश वयसत हह ( जशवदर सवरप हय-कन कषणदर कनतयद४स ) । ककई ऐस४
नहथ कमलदग४ जक सदव४ न कर रह४ हक । इसकलए जक मह४भ४गवत हह, वह हर एक कक कक षण-भकक मम लग४
हह आ ददखत४ हह--कद वल अपनद कक हश वह उसमम नहथ लग४ हह आ प४त४। हमम अपनद कक कनमन पद सद उच
पद तक उठ४न४ हकग४ और उच पद वह हह, कजसमम वकनद४वन मम पतयक सदव४ कक ज४तश हह। लदककन हर
वयकक सदव४ मम लग४ हह आ हह। भगव४ननन कक सदव४ क४ कनरदध करन४ हश म४य४ हह।
“कद वल कक षण सवरच पभप हह, शदर सभश लकग उनकद द४स हह। कक षण जहस४ च४हतद हह उसश कद
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जशव दक पक४र कद हह-चर तथ४ अचर। उद४हरण४थर, वकक एक सथ४न पर खडद रहतद हह जबकक
चथकटय४ह चलतश-कफरतश हह। बह४ नद ददख४ ककननपद सद कपद प४णश भश कवकभन रप ध४रण करकद भगव४ननन
कवषणप कक सदव४ मम लगद हहए हह।
जक कजस कवकध सद भगव४ननन कक पसज४ करत४ हह, उसश कद अनपस४र उसद रप कमलत४ हह। भलकतक जगत
मम जशव कक जक शरशर कमलत४ हह, वह ददवत४ओर द४र४ कनयरकतत हकत४ हह। इसश कक कभश कभश नकतत क४
पभ४व कह४ ज४त४ हह। भगवदशत४ (३.२७) मम इसद हश गकक तद: ककयम४ण४कन शबदत कद द४र४ ससकचत ककय४
गय४ हह, कजसक४ अथर हह कक पकक कत कद कनयम४नपस४र प४णश क४ कनयरतण ददवत४ओर द४र४ हकत४ हह।
स४रद जशव कक षण कक सदव४ कवकवध पक४रत सद करतद हह ककनतप जब वद कक षणभ४वन४भ४कवत रहतद हह, तक
उनकक सदव४ पसरश तरह पकट हकतश हह। कजस पक४र कलश मम कछप४ फस ल कमशद कखल कर अपनश सपगनध
तथ४ सपनदरत४ कबखदरत४ हह उसश तरह जब जशव कक षणभ४वन४मकत पद तक पहहचह ज४त४ हह, तक उसकद असलश
सवरप क४ सलनदयर पसरश तरह कखल उठत४ हह। यहश चरम सलनदयर तथ४ चरम इचछ४पसकतर हह।
अकणम४दमरकहमकभरज४द४कभकवरभकस तकभ: ।
चतपकवरशकतकभसततवह: परशत४ महद४कदकभ: ॥ ५२॥
अकणम४-आइनयहद:-- अकणम४ इतय४कद; मकहमकभ:--मकहम४ आकद; अज४-आद४कभ: --अज४ आकद; कवभसकतकभ: --शककयत सद; चतप:-
कवरशकतकभद--चलबशस; ततवद--जगत कक सककष कद ततवत द४र४; परशत४:--( स४रश कवषणप मसकतरय४ह ) कघरश हहई; महतनन-आकदकभ:--
महतनन ततव इतय४कद सद |.
बद स४रश कवषणप मसकतरय४ह अकणम४ इतय४कद कसकदयत, अज४ इतय४कद यकगकसकदयत तथ४ महत ततव
आकद सककष कद २४ ततवत सद कघरश हहई थथ।
त४तपयर : इस शलकक मम आयद मकहमकभ: शबद क४ अथर ऐशवयर हह। भगव४ननन जक च४हद सक कर सकत४
हह। यहश उसक४ ऐशवयर हह। उस पर ककई आज४ नहथ चल४ सकत४ हह ककनतप वह हर एक कक आज४ दद
सकत४ हह। रडनऐशवयर पणरम--भगव४ननन छहत ऐशवयर सद पसणर हह। यकगकसकदय४ह--कजनकद अनतगरत अकणम४
य४ मकहम४ कसकद आतश हह कवषणप मम उपकसथत रहतश हह। रडन न ऐशवयर पसणर य इह भगव४ननन ( चहतनय-
चररत४यपत आकद १.३) | अज४ क४ अथर हह म४य४। समसत म४य४मय वसतपएह कवषणप मम कनकहत हकतश हह।
कजन २४ ततवत क४ उलदख हह आ हह वद हह--प४हच कमरकनदय४ह, प४हच ज४नदकनदय४ह, प४हच मह४भसत, प४हच
तनम४त४, मन, अहरक४र, महतनन ततव तथ४ पकक कत। इस भलकतक जगत कक अकभवयकक मम इन स४रद चलबशस
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ततवत क४ पयकग हहआ हह। महतनन ततव कद भश कवकभन ससकम कवभ४ग ककयद ज४तद हह ककनतप मसल रप सद इसद
क४लसवभ४वसरसक४रक४मकमरगपण४कदकभ: ।
सवमकहधवसतमकहकभमसरकतरमकदरप४कसत४: ॥ ५३॥
तब भगव४ननन बह नद ददख४ कक क४ल, सवभ४व, सरसक४र, क४म, कमर तथ४ गपण--यद सभश
अपनश सवतरतत४ खक कर पसणरतय४ भगव४ननन कक शकक कद अधशन हककर सवरप ध४रण ककयद हह ए थद
और उन कवषणप मसकतरयत कक पसज४ कर रहद थद।
त४तपयर : कद वल कवषणप कक सवतरतत४ प४प हह। यकद हममम यह चदतन४ ज४गकत हक सकद तक हम यथ४थर
मम कक षणभ४वन४भ४कवत हह। हमम सदहव समरण रखन४ च४कहए कक कक षण हश एकम४त परम सव४मश हह और
अनय हर वयकक उनक४ द४स हह ( एकलद ईशवर कषण. आर सब भतय )। च४हद ककई न४र४यण हक य४
कशवजश, पतयदक जशव कक षण कद अधशन हह ( कशवकवररकशवतपतमनन ) | यह४ह तक कक बलददव भश कक षण कद
अधशन हह। यह तथय हह।
“जक वयकक बह४ तथ४ कशव जहसद ददवत४ओर कक न४र४यण कद समकक म४नत४ हह, वह कनकशचत रप सद
अपर४धश समझ४ ज४न४ च४कहए।'” न४र४यण य४ कक षण कक समत४ ककई भश नहथ कर सकत४। कक षण हश
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न कह सवरददकहन४मनन कह कर समबककधत करतद हह कजसक४ अथर हह कक तपम न४र४यण भश हक, तपमहथ आकद
न४र४यण हक ( भ४गवत १०.१४.१४) ।
क४ल कद अनदक सह४यक हह यथ४ सवभ४व, सरसक४र, क४म, कमर तथ४ गपण। सवभ४व भलकतक गपणत कद
मदल कद अनपस४र बनत४ हह। क४रणर गपण-सरगक5 सननय सदसदककनजनमसप ( भगवदशत४ १३.२२)। सतनन तथ४
असवनन सवभ४व क४ कनम४रण कवकभन गपणत--सतव गपण, रजकगपण तथ४ तमक गपण--कद मदल सद हकत४ हह। हमम
कमश: सतव गपण प४प करन४ च४कहए कजससद दक कनमन गपणत सद बच४ ज४ सकद । यकद हम शशमद४गवत
क४ कनतय मनन करम और कक षण कद क४यरकल४पत कक सपनम तक ऐस४ हक सकत४ हह। नष प४यदषवभददरप कनतयर
भ४गवतसदवय४ ( भ४गवत १.२.१८) | शशमद४गवत मम वकणरत कक षण कक पसतन४ समबनधश लशल४ सद लदकर
स४रश लशल४एह कदवय हह। अतएव शशमद४गवत पर कवच४र-कवमशर करनद तथ४ इसक४ शवण करनद सद रजक
तथ४ तमक गपणत क४ दमन हक ज४त४ हह और एकम४त सतगगपण बच रहत४ हह। तब रजक तथ४ तमकगपण हमम
ह४कन नहथ पहह हच४ प४तद।
इसशकलए वण४रशम धमर अकनव४यर हह कयतकक इससद लकग सतव गपण प४प कर सकतद हह। तद४
रजसतमकभ४व४: क४मलकभ४दयशर यद ( भ४गवत १.२.१९)। तमकगपण तथ४ रजकगपण क४म तथ४ लकभ कक
बढ४नद व४लद हह कजससद जशव इस तरह बहध ज४त४ हह कक उसद अनदक४नदक रपत मम इस जगत मम रहन४ पडत४
हह। यह बहह त हश घ४तक हह। इसकलए वण४रशम धमर कक सथ४पन४ करकद मनपषय कक सतव गपण प४प कर४न४
हकग४। उसमम शपद तथ४ सवचछ रहनद, प४तद:क४ल जलदश उठनद तथ४ मरगल आर४कतक ददखनद जहसद ब४हण-
गपणत कक कवककसत करन४ हकग४। इस तरह सचतव गपण प४प हकनद पर मनपषय तमकगपण तथ४ रजकगपण द४र४
पभ४कवत नहथ हक सकद ग४।
( भ४गवत १.२.१९)
इस शपकद क४ सपअवसर म४नव जशवन क४ कवशदर अरग हह, दससरद जशवनत मम यह समभव नहथ। ऐसश
शपकद र४ध४-कक षण भजन द४र४ भश आस४नश सद प४प कक ज४ सकतश हह। इसशकलए नरकतमद४स ठ४कप र नद
ग४य४ हह-- हरर हरर कवफलद जनम गहव४इनप--कजसक४ अथर हह कक जब तक र४ध४-कक षण कक पसज४ नहथ कक
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ज४तश यह मनपषय-जशवन वयथर हक ज४त४ हह। व४सपददवद भगव४कत कभक-यकग:पयककजत: ।जनयतय४शप वहर४गयमनन
( भ४गवत १.२.७) । व४सपददव कक सदव४ मम लगनद पर मनपषय कक इस भलकतक जशवन सद शशघ हश कवरकक
हक ज४तश हह। उद४हरण४थर, कक षणभ४वन४मकत आनदकलन कद सदसय व४सपददव-भकक मम लगद रहनद सद तपरनत हश
अचछद वहषणव बन ज४तद हह--यह४ह तक कक लकगत कक यह ददख कर आशचयर हकत४ हह कक मलदचछ तथ४ यवन
इस अवसथ४ कक प४प हक सकद हह। यह व४सपददव-भकक सद समभव हह। ककनतप यकद हम इस मनपषय जशवन
मम सतव गपण प४प नहथ कर प४तद तक जहस४कक नरकतमद४स ठ४कप र ग४तद हह-- ह४रर ह४रर कवफलद जनम
गहव४इनप--तक इस मनपषय जशवन कक प४प करनद सद ककई ल४भ नहथ हह।
जह४ह तक सरसक४र क४ समबनध हह यह अचछश सरगकत सद सरभव हह, कयतकक अचछश सरगकत सद अचछश
आदतम बनतश हह और आदत हश कदतशय सवभ४व बन ज४तश हह। इसकलए भकसनद व४स--लकगत कक भकत
कद स४थ रहनद क४ अवसर कमलन४ च४कहए। तभश उनकक आदतम बदलमगश। मनपषय जशवन मम यह अवसर
कमलत४ हह ककनतप नरकतमद४स ठ४कप र ग४तद हह-- ह४रद ह४रर कवफलद जनम गहव४इनप--यकद लकग इस अवसर
क४ ल४भ उठ४नद मम कवफल रहतद हह, तक उनक४ मनपषय-जशवन वयथर ज४त४ हह। इसकलए म४नव सम४ज कक
नशचद ज४नद सद बच४नद क४ और लकगत कक व४सतव मम ऊपर उठ४नद क४ हम पय४स कर रहद हह।
जह४ह तक क४म तथ४ कमर कक ब४त हह, यकद मनपषय अपनद कक भकक मम लग४त४ हह, तक उसक४ सवभ४व
इकनदय-भकग मम अपनद कक लग४नद सद बनद सवभ४व कक अपदक४ कभन हकत४ हह। इसक४ पररण४म भश कनससरददह
कभन हकत४ हह। मनपषय कक कवकभन सवभ४वत कक सरगकत कद अनपस४र हश कवशदर पक४र क४ शरशर प४प हकत४
हह। क४रणर गपणसरगक5 सय सदसदककन जनमसप ( भगवदशत४ १३.२२) | इसकलए हमम अचछश सरगकत-भकत
कक सरगकत--खकजनश च४कहए। तभश हम४र४ जशवन स४थरक हकग४। मनपषय कक पहच४न उसकक सरगकत सद
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हकतश हह। यकद मनपषय कक भकत कक सतसरगकत मम रहनद क४ अवसर कमलत४ हह , तक वह ज४न क४ अनपशशलन
करनद मम समथर हकत४ हह और उसक४ चररत अथव४ सवभ४व भश उसश कद अनपस४र उसकद सथ४यश ल४भ कद
सतयज४न४ननत४ननदम४तहकरसमसतरय: ।
असपकषभसररम४ह४तमय४ अकप हपपकनरदशक ञ४मनन ॥ प४॥
सतय--श४शवत; ज४न-ज४न सद यपक; अननत-- असशम; आननद--आननद सद पसणर; म४त--कद वल; एक-रस--सदहव कसथत;
मसतरयद --सवरप; असपकष-भसरर-म४ह४तमय४:--कजसकक महतश मकहम४ छस तक नहथ ज४तश; अकप--भश ; कह-- कयतकक; उपकनरतनन-
हश४मनन--उपकनरदत क४ अधययन करनद व४लद ज४कनयत द४र४).
वद समसत कवषणप मसकतरय४ह श४शवत, असशम सवरपत व४लश, ज४न तथ४ आननद सद पसणर एवर क४ल
कद पभ४व सद परद थथ। उपकनरदत कद अधययन मम रत ज४नशजन भश उनकक महतश मकहम४ क४ सपशर
तक नहथ कर सकतद थद।
यमदवदर वकणत
प द तदन लभयसतसयहर
बह क४ एक वणरन हह--सतयर बह आननदरपम-बह परम सतय तथ४ पसणर आननद हह। यदकप
कवषणप अथ४रतनन परबह कद सवरप एक थद ककनतप वद कभन कभन पक४र सद वयक थद। ककनतप उपकनरदत कद
अनपय४यश बह द४र४ पकट न४न४ रपत कक नहथ समझ प४तद। इसक४ अथर यह हह आ कक बह तथ४ परम४तम४
कक कद वल भकक द४र४ ज४न४ ज४ सकत४ हह, कजसकक पपकष भगव४ननन नद शशमद४गवत (११.१४.२१) मम कक
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हह-- भकतय४हमदकय४ ग४ह: / बह कद कदवय सवरप कक सथ४पन४ हदतप शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र
श४सत सद कवकवध उदरण ददतद हह। शरदतर४शरकर उपकनरद (३.८) मम बह कक आकदतयवणर तमस: परसत४तस-
कजनक४ सवरप ससयर कद सम४न जयककतम४न तथ४ अज४न कद अरधक४र सद परद हह। आननदम४तमनन अजरर
पपर४पमदकर सनत बहह ध४ दशयम४नम-तह आननदपसणर हह, उनमम दपख क४ लदश नहथ। वद सबसद पपर४नद हककर
भश कभश बसढद नहथ हकतद हह और एक हकतद हह ए भश अनदक रपत मम अनपभव ककयद ज४तद हह सवर कनतय४:
श४शत४शनन च ददह४सनन तसय पर४तम४न: । उन परम पपरर कद सभश रप श४शवत हह ( मह४वर४ह पपर४ण )। परम
पपरर क४ रप ह४थ-प४हव आकद सद यपक हकत४ हह लदककन उनकद ह४थ-प४हव भलकतक नहथ हकतद। भकगण
ज४नतद हह कक बह अथव४ कक षण क४ सवरप ररच-भर भश भलकतक नहथ हकत४ पतयपत बह कदवय सवरप
व४लद हह और जब ककई वयकक भककपसवरक उनमम लशन हकत४ हह तभश वह उनहम समझ सकत४ हह
( पदम४जनचछप ररतभकककवलकचनदन ) । ककनतप म४य४व४दश इस कदवय रप कक नहथ समझ सकतद कनयतकक वद
इसद भलकतक म४नतद हह।
भगव४ननन कद स४क४र कदवय रप इतनद मह४ननन हह कक उपकनरदत कद कनकवरशदर अनपय४यश उनहम समझनद कद
कलयद ज४न कद उस पद तक पहह हच नहथ सकतद। कवशदर रप सद भगव४ननन कद कदवय रप उन कनकवरशदरव४कदयत
कक पहह हच कद परद हकतद हह, जक उपकनरदत कद अधययन कद द४र४ इतन४ हश समझ प४तद हह कक परबह पद४थर
नहथ हह और वह सशकमत शकक द४र४ बहध४ नहथ हह।
यदकप कक षण क४ दशरन उपकनरदत कद म४धयम सद नहथ ककय४ ज४ सकत४ ककनतप कहथ कहथ ऐस४ कह४
गय४ हह कक इस कवकध सद वसतपतद कक षण कक ज४न४ ज४ सकत४ हह। औपकनरदर पपररमनन--वह उपकनरदत कद
द४र४ ज४न४ ज४त४ हह। इसक४ अथर यह हहआ कक वहकदक ज४न सद शपद हकनद पर मनपषय कक भकक ज४न मम
पकवष हकनद कदय४ ज४त४ हह ( मदकक लभतद पर४मनन )।
“एक कजज४सप अथव४ मपकन, जक ज४न तथ४ वहर४गय सद भलशभ४हकत यपक हकत४ हह, वह परबह कक
अनपभसकत वदद४नत शपकत सद सपनश हह ई भकक करकद करत४ हह।”” ( भ४गवत १.२.१२) | शरतडगहड शतय४ ससचक हह
वदद४नत ज४न क४, ककसश भ४वन४ य४ अनपभसकत क४ नहथ। &गकहशत गमभशर ज४न हकत४ हह।
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इस पक४र बह४ कक लग४ कक भगव४ननन कवषणप सतय, ज४न तथ४ आननद कद आग४र हह। वद इन तशन
कदवय सवरपत सद यपक हह और उपकनरदत कद अनपय४कययत कद आर४धय हह। बह४ नद अनपभव ककय४ कक
गलवत, बछडत तथ४ लडकत कक जक कवषणप रप प४प हहए हह, वद ककसश यकगश य४ ददवत४ मम कनकहत कवशदर
शकक कद पदशरन नहथ हह । कवषणप मसकतरयत कद रप मम यद गलवम, बछडद तथ४ ब४लक कवषणप-म४य४ कद पदशरन
न हककर स४क४तनन कवषणप हह। कवषणप तथ४ कवषणप म४य४ कद ककमक गपण अकग तथ४ उषम४ जहसद हह। उषम४ मम
अकग क४ गपणहह ककनतप वह अकग नहथ हह। बछडत, गलवत तथ४ ब४लकत कद रप मम कवषणप सवरपत कक
अकभवयकक उषम४ कद तपलय नहथ अकपतप अकग कद तपलय थश--वद सचमपच कवषणप थद। यथ४थररप मम कवषणप
तक सकचद४ननद कवगह हह। दससर४ उद४हरण भलकतक पद४थर सद कदय४ ज४ सकत४ हह, जक कई रपत मम
पकतकबकमबत हकतद हह । इसश तरह ससयर अनदक जलप४तत मम पकतकबकमबत हकत४ हह ककनतप प४तत मम कदखनद व४लद
पकतकबमब ससयर नहथ हकतद। इन पकतकबमबत मम ससयर क४ व४सतकवक पक४श तथ४ उषम४ नहथ रहतद यदकप यह
ससयर कक भ४हकत हश कदख४ई ददत४ हह। ककनतप कक षण नद कजतनद स४रद सवरप ध४रण कर रखद थद वद सबकद सब
कवषणप थद।
हमम च४कहए कक यथ४समभव हम पकतकदन शशमद४गवत कद ब४रद मम चच४र करम कजससद हर ब४त सपष
हक सकद कयतकक भ४गवत समसत वहकदक व४डमय क४ स४र हह ( कनगमकलपतरकनगकलतर फलमनन )। इसद
वय४सददव नद तब कलख४ जब वद आतमज४न प४प कर चपकद थद ( मह४यपकनकक तद )| अत: हम भ४गवत क४
कजतन४ हश अधययन करमगद, ज४न उतन४ हश सपष हकत४ ज४यदग४। इसक४ पतयदक शलकक कदवय हह।
एवमनन--इस पक४र; सकक तनन--एक हश स४थ; ददशर--ददख४; अज: --बह४ नद; पर-बह--परम सतय कद ; आतमन: --अरश;
अकखल४नस--स४रद बछडत तथ४ ब४लकत कक.; यसय--कजसकद ; भ४स४-- पकट हकनद सद; सवरमनन--सभश; इकदमनन--यह; कवभ४कत--
वयक हह; स-चर-अचरमनन--जक कप छ भश चर तथ४ अचर हह।.
इस पक४र भगव४ननन बह४ नद परबह कक ददख४ कजसकक शकक सद यह समपसणर बह४णड स४रद चर
तथ४ अचर प४कणयत समदत वयक हकत४ हह। उनहतनद उसश कद स४थ हश स४रद बछडत तथ४ ब४लकत कक
भगव४ननन कद अरशत कद रप मम ददख४।
त४तपयर : इस घटन४ सद बह४जश यह ददख सकद कक ककस तरह कक षण समपसणर बह४णड क४ न४न४
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पक४र सद भरण करतद हह । चसकह क वद हर वसतप कक पकट करतद हह इसकलए हर वसतप कदखतश हह।
'ततद--तब; अकतकप तपक-उदतप य-कसतकमत-एक४दश-इकनदयद:--कजनकक गय४रह इकनदय४ह आशचयर कद क४रण कपबध हक चपकक थथ और
कदवय आननद कद क४रण सतकमभत हक गई थथ; तदनन-ध४मन४--उन कवषणप मसकतरयत कद तदज सद; अभसतननस--हक गय४; अज:--बह४;
तकषणशमस--मलन; पस:-ददवश-अकनत--ग४मय ददवत४ कक उपकसथकत मम; इब--कजस तरह; पपकतक४--बचद द४र४ बन४य४ गय४ कमटश क४
कखललन४.
तब उन कवषणप मसकतरयत कक तदज शकक सद बह४ कक गय४रहत इकनदय४ह आशचयर सद कपबध तथ४ कदवय
आननद सद सतबध हक चपकक थथ अतद वद मलन हक गयद म४नक ग४मय ददवत४ कक उपकसथकत मम ककसश
बचद कक कमटश कक बनश गपकडय४ हक।
त४तपयर : कदवय आननद सद बह४ सतबध थद ( मपहन४कनत यतनन ससरय:)। आशचयरचककत हकनद सद उनकक
स४रश इकनदय४ह सतबध हक गई थथ और वद कप छ भश कह प४नद मम असमथर थद। बह४ नद अपनद आपकक
एकम४त शककम४न ददवत४ म४न कर सवरच समझ रख४ थ४ ककनतप उनक४ वह गवर अब चसर -चसर हक गय४
और वद पपनद म४त एक ददवत४ रह गयद। अतद बह४ कभश ईशवर--कक षण य४ न४र४यण--कक समत४ नहथ कर
सकतद। न४र४यण कक तपलन४ बह४ तथ४ कशव जहसद ददवत४ओर सद भश करन४ वकजरत हह, तक अनय ददवत४ओर सद
तपलन४ तक कक हश नहथ ज४ सकतश।
“जक वयकक बह४ तथ४ कशव जहसद ददवत४ओर कक न४र४यण कद समकक म४नत४ हह उसद कनससरददह
अपर४धश समझन४ च४कहए।”” हमम च४कहए कक न४र४यण कक समत४ ककसश ददवत४ सद न करम कयतकक
शरकर४च४यर तक नद इसकद कलए वकजरत ककय४ हह ( न४र४यण: परक5 वयक४तनन )। यहश नहथ, वददत मम भश
उलदख हह-- एकक न४र४यण आसशत बह४ नदश४न:--सककष कद प४रमभ मम कद वल न४र४यण थद। बह४ य४ कशव
क४ अकसततव तक न थ४--इसशकलए जक भश अपनद जशवन कद अनत समय मम न४र४यण क४ समरण करत४ हह
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इकत--इस पक४र; इर४-ईशद--इर४ अथ४रतनन सरसवतश कद सव४मश, बह४ कद ; अतकयम --परद; कनज-मकहमकन--अपनश मकहम४; सव-
पकमकतकद -- सवत: वयक तथ४ आननदमय कद ; परत--परद; अज४त:--भलकतक शकक ( पकक कत ); अततनन-- अप४सरकगक; कनरसन-
मपख--अप४सरकगक कद पररतय४ग द४र४; बहदयक--वदद४नत द४र४; कमतल--ज४नव४न; अनशशद --असमथर हकनद सद; अकप-- भश; दषमनन--
ददखनद कद कलए; ककमनन--कय४; इकदमनन--यह; इकत--इस पक४र; व४-- अथव४; मपहकत सकत--मककहत हककर; चचछ४द--हट४ कदय४;
अज:-भगव४ननन कक षण नद; ज४तव४--ज४न कर; सपकद--तपरनत; परम:--सवर शदषट अज४-जवकनक४मनन--म४य४ क४ पद४र |.
परबह म४नकसक तकर कद परद हह। वह सवतद वयक, अपनद हश आननद मम कसथत तथ४ भलकतक
शकक कद परद हह। वह वदद४नत कद द४र४ अप४सरकगक ज४न कद कनरसन करनद पर ज४न४ ज४त४ हह। इस
तरह कजस भगव४ननन कक मकहम४ कवषणप कद सभश चतपभपरज सवरपत कक अकभवयकक सद पकट हह ई थश
उससद सरसवतश कद पभप बह४जश मककहत थद। उनहतनद सकच४, '“यह कय४ हह?'' और उसकद ब४द वद
ददख भश नहथ प४यद। तब भगव४ननन कक षण नद बह४ कक कसथकत समझतद हहए तपरनत हश अपनश यकगम४य४
क४ परद४ हट४ कदय४।
त४तपयर : बह४ पसरश तरह मककहत थद। वद यह समझ नहथ प४यद कक वद कनय४ ददख रहद हह और उसकद
ब४द तक वद ददख भश नहथ सकद । तब भगव४ननन कक षण नद बह४ कक कसथकत समझ कर उस यकगम४य४ कद
आवरण कक हट४ कलय४। इस शलकक मम बह४ कक इरदश कह४ गय४ हह। इश क४ अथर हह सरसवतश अथ४रतनन
कवद४ कक ददवश और इरदश हह ए उनकद पकत बह४। अत: बह४ अतयनत बपकदम४न हह। ककनतप सरसवतश-पकत
बह४ तक कक षण कद कवरय मम मकहगसत हक गयद। पय४स करनद पर भश वद कक षण कक नहथ समझ प४यद।
प४रमभ मम ब४लक, बछडद तथ४ सवयर कक षण यकगम४य४ द४र४ आचछ४कदत थद। इस यकगम४य४ नद बछडत तथ४
ब४लकत कक दससरश जकडश पकट कर दश थश जक कक षण कद अरश थद और इसकद ब४द उसनद अनदक चतपभपरज
रप कदखल४यद। अब बह४ कद मकह कक ददखतद हह ए भगव४ननन कक षण नद उस म४य४ कक अदशय कर कदय४। हक
सकत४ हह कक ककई यह सकचद कक कक षण नद कजस म४य४ कक समदट कलय४ वह मह४म४य४ रहश हक ककनतप शशल
कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र कक टशक४ हह कक वह यकगम४य४ थश--वह शकक कजससद कक षण कभश पकट
कदखतद हह और कभश नहथ। जक म४य४ व४सतकवकत४ कक आवकत करकद अव४सतकवक वसतपएह कदखल४तश हह,
वह मह४म४य४ हकतश हह ककनतप कजस म४य४ सद परम सतय कभश पकट कदखतद हह और कभश नहथ वह
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सव४भ४कवकक ज४नबलककय४ च॥
कक षण कक शकक कवकवधरप४ हह अतएव वहश शकक कवकवध पक४र सद क४यर करतश हह। कवकवध४ क४
अथर हह “कवकवधत४।”” कवकवधत४ मम एकत४ हह। इस तरह यकगम४य४ तथ४ मह४म४य४ एक हश शकक कद
कवकवध अरग हह और यद शककय४ह अपनद अपनद कवकभन ढरगत सद क४यर करतश हह। सरकवत, सकनधनश तथ४
आहन४कदनश शककय४ह--कक षण कक अकसततव-शकक, उनकक ज४न-शकक तथ४ उनकक आनरद-शकक--
यकगम४य४ सद पकथकन न हह। इनमम सद हर एक वयकष शकक हह। आह४कदनश शकक र४ध४र४नश हह। सवरप द४मकदर
गकसव४मश नद बतल४य४ हह-र४ध४ कषणपणयकवकक कतह४कदनश शककरसम४तनन ( चहतनय-चररत४यकत आकद १.५) |
आह४कदनश शकक र४ध४र४नश कद रप मम पकट हकतश हह ककनतप कक षण तथ४ र४ध४र४नश एक हह यदकप इनमम सद
एक शककम४न हह, तक दससरश शकक हह।
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सवशक४र करनद क४ यह परथ अवरकहपनथ४ कहल४त४ हह। अवरकह शबद क४ समबनध अवत४र शबद सद
हह, कजसक४ अथर हह ““जक नशचद आत४ हह।'' भलकतकत४व४दश तकर कद द४र४ अथ४रतनन आरकहपनथ४ द४र४ हर
वसतप कक ज४नन४ च४हत४ हह ककनतप कदवय कवरयत कक इस तरह सद नहथ ज४न४ ज४ सकत४। इसकद कलए
अवरकहपनथ४ क४ अनपसरण करन४ हकत४ हह। इसशकलए परमपर४ पदकत सवशक४र करनश च४कहए। सवरशदष
परमपर४ वह हह, जक कक षण सद आगद कक ओर चलतश हह ( एवर परमपर४प४पमनन ) | हमम च४कहए कक कक षण जक
भश कहतद हह उसद सवशक४र करम ( इमर र४जररयक कवदप:) | यहश अवरकहपनथ४ हह।
ककनतप बह४ नद आरकहपनथ४ गहण ककय४। वद अपनश सशकमत कचनतय शकक सद कक षण कक म४य४ कक
समझन४ च४ह रहद थद इसकलए वद सवयर मककहत हक गयद। हर वयकक कक अपनद ज४न मम आननद आत४ हह।
वह सकचत४ हह, “मह कप छ ज४नत४ हह ह ।'” लदककन कक षण कद स४मनद यह ध४रण४ नहथ चल सकतश कयतकक
कक षण कक पकक कत कक सशम४ओर मम नहथ ब४हध४ ज४ सकत४। मनपषय कक समपरण करन४ हश हकग४। इसक४
ककई कवकलप नहथ हह। न त४रसतकर ण यकजयदतनन।/ यहश समपरण कक षणव४कदयत तथ४ म४य४व४कदयत क४ अनतर
हह।
अवनस-कनरसन ससचक हह अप४सरकगक क४ कनर४करण (अत क४ अथर हह “जक तथय नहथ हह'')।
व४
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कभश कभश बह कक असथसलमनणवहसवमदशररमनन कह४ ज४त४ हह अथ४रतनन '“जक न दशघर हह, न ससकम, न छकट४,
न लमब४'' ( बकहद४रणयक उपकनरद ५.८.८)। नदकत नदकत--'“यह नहथ हह, वह नहथ हह'' परनतप वह हह
कय४? एक कलम क४ वणरन करनद मम ककई कह सकत४ हह कक “यह यह नहथ हह; यह वह नहथ हह, '' पर
इससद यह ज४त नहथ हकत४ हह कक कलम हह कननय४। इसद हश कनरदध द४र४ पररभ४र४ करन४ कहतद हह।
भगवदगशत४ मम कक षण नद भश कनरदध४तमक पररभ४र४एह ददकर आतम४ कक वय४खय४ कक हह। न ज४यतद कपयतद
व४-यह न जनम लदत४ हह, न मरत४ हह। इससद अकधक और कप छ नहथ समझ४ ज४ सकत४। ककनतप यह हह
कय४? यह श४शवत हह। अजक कनतय: श४शतक5 यर पपर४णक न हनयतद हनयम४नद शरशरद--यह अजनम४, श४शवत,
पपर४तन, न मरनद व४ल४ तथ४ सन४तन हह। जब शरशर कक हतय४ कर दश ज४तश हह, तक इसकक हतय४ नहथ
हकतश--( भगवदशत४ २.२०)। प४रमभ मम आतम४ कक समझ प४न४ ककठन हह इसशकलए कक षण नद
कनरदध४तमक पररभ४र४एह दश हह--
ततकडव४रकपकतलबध४क: कद परदतवदपकतथत: ।
कक चछ४दपनमशलय वह दषशर४चषददर सह४तमन४ ॥ ५८ ॥
तत:--तब; अव४रकनन-ब४हन ; पकतलबध-अक:--चदतन४ ज४गकत हकनद पर; क:--बह४; परदत-वतनन-- मकत वयकक कक तरह;
उकतथतद:--उठ खडद हहए; कक चछ४तनन--ककठन४ई सद; उनननमशलय--खकल कर; बह--कनससनददह; दषश:--अपनश आहखम; आचष--ददख४;
इकदमनन--इस बह४णड कक; सह-आतमन४--अपनद सकहत ।.
तब बह४ कक ब४ह चदतन४ व४पस ललटश और वद इस तरह उठ खडद हहए म४नक मकत वयकक
जशकवत हक उठ४ हक। बडश मपकशकल सद अपनश आहखम खकलतद हहए उनहतनद अपनद सकहत बह४णड कक
ददख४।
त४तपयर : व४सतव मम हम मरतद नहथ। मकतयप कद समय हम कप छ समय तक कनशचल रहतद हह जहसद नथद
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मम हत। र४कत मम जब हम सकतद हह, तक हम४रद स४रद क४यर ठपप हक ज४तद हह ककनतप जयतहश हम जग ज४तद हह , तक
हम४रश समककत ततकण ललट आतश हह और हम सकचनद लगतद हह, “रद मह कहक हह ह ? मपझद कय४ करन४ हह ?'”
यह सपपककतथतनय४य कहल४त४ हह। म४न लशकजयद हम मर ज४तद हह। “मरनद '” क४ अथर हह कप छ क४ल तक
कनकषकय रहन४ और कफर सद अपनद क४यर च४लस कर ददन४। यह कम हम४रद कमर तथ४ सवभ४व कद अनपस४र
जनम-जनम४रतर तक चलत४ रहत४ हह। यकद मनपषय-जशवन मम हम अपनद क४यरकल४प आधय४कतमक जशवन
कद क४यर सद शपर करम तक हम असलश जशवन मम ललट आतद हह और कसकद प४प करतद हह। अनयथ४ कमर ,
सवभ४व, पकक कत इतय४कद कद अनपस४र तरह-तरह कद जशवन तथ४ क४यर चलतद रहतद हह और उसश तरह हम४रद
जनम तथ४ मकतयप भश चलतद हह। भकककवनकद ठ४कप र नद बतल४य४ हह--म४य४र वशद य४चछ भदसद, ख४चछ
ह४बपडनब भ४इ-पय४रद भ४इयक ! तपम म४य४ कक लहरत मम कनयत बहद चलद ज४ रहद हक ? आधय४कतमक पद कक
प४प करनद पर हश क४यर सथ४यश हक सकतद हह। कक तपपणयपपज४:--अनदक४नदक जशवन कद पपणयकमर कद
सरकचत हकनद पर हश यह अवसथ४ प४प हकतश हह। जनमकककटसपककवरनर लभयतद ( चहतनय-च४ररत४गकत मधय
८.७० ) | कक षणभ४वन४मकत आनदकलन जनम-मकतयप कद चक, कककटजनम, कक रककन४ च४हत४ हह। एक जनम मम
सपकद--तपरनननत; एब--कनससनददह; अकभत:--च४रत ओर; पशयननन--ददखतद हह ए; कदशद --कदश४ओर मम; अपशयतनन--बह४ नद ददख४;
पपरद-कसथतमनन--स४मनद कसथत; वकनद४वनमनन--वकनद४वन; जन-आजशवय-दपम-आककणरमनन-- वककत सद पसररत, जक कनव४कसयत कक जशकवक४
कद स४धन थद; सम४-कपयमनन--और जक स४रश ऋतपओर मम सम४न रप सद सपह४वनद थद।.
तब स४रश कदश४ओर मम ददखनद पर भगव४ननन बह४ नद तपरनत अपनद समक वकनद४वन ददख४ जक उन
वककत सद पसररत थ४, जक कनव४कसयत कक जशकवक४ कद स४धन थद और स४रश ऋतपओर मम सम४न रप सद
कपय लगनद व४लद थद।
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१.१०.४) । वकक तथ४ वनसपकत जशवन कद व४सतकवक स४धन पद४न करतद हह, उदकग नहथ।
अत--जह४ह; नहसगर--पकक कत द४र४; दपवरर४:--वहर हकनद पर; सह आसननन--स४थ स४थ रहतद हह; नक--मनपषय; मकग-आदय: --तथ४ पशप;
कसव४ कमल हल स४ ; अकजत- शशकक षण कद ; आव४स--कनव४ससथ४न; हपत--चलद गयद; रटन न--ककध; तररक-
वकनद४वन भगव४ननन क४ कदवय ध४म हह जह४ह न भसख हह, न ककध, न पय४स। यदकप मनपषयत तथ४
कहरस पशपओर मम सव४भ४कवक बहर हकत४ हह ककनतप वद यह४ह कदवय महतश-भ४व सद स४थ स४थ रहतद हह।
त४तपयर : वन क४ अथर हह जरगल। हम जरगल सद डर कर वह४ह नहथ ज४न४ च४हतद ककनतप वकनद४वन कद
जरगलश जशव ददवत४ओर कद हश सम४न हह कयतकक वद वहर नहथ रखतद। इस भलकतक जगत मम भश जरगल मम
पशप एकस४थ रहतद हह और जब वद प४नश पशनद ज४तद हह, तक ककसश पर आकमण नहथ करतद | बहर उपजनद क४
क४रण इकनदयभकग हह लदककन वकनद४वन मम इकनदयभकग हह हश नहथ कयतकक वह४ह तक कक षण कक तपकष हश सबत
क४ एकम४त लकय रहत४ हह। इस भलकतक जगत मम भश वकनद४वन कद पशप जरगल मम रहनद व४लद स४धपओर सद
वहर नहथ रखतद। स४धपगण गलवम प४लतद हह और कसरहत कक दसध कपल४तद हह और उनहम कहतद हह कक यह४ह
आओ और थकड४-स४ दसध पश लक। इस तरह वकनद४वन मम वहर तथ४ ईषय४र क४ न४मककनश४न नहथ हह।
वकनद४वन तथ४ स४म४नय जगत मम यहश अनतर हह। हम वन क४ न४म सपन कर डर ज४तद हह ककनतप वकनद४वन मम
ऐस४ भय नहथ हह। वह४ह पतयदक वयकक कक षण कक पसन करकद सपखश हह। कक षणकतककतरनग४ननतरनपरत । च४हद
वह गकसव४मश हक, अथव४ कसरह य४ ककई अनय कहरसन पशप--हर एक क४ क४यर एक हश हह-कक षण कक तपष
रखन४। कसरह भश भक हह। वकनद४वन कक यह कवशदरत४ हह। वकनद४वन मम हर वयकक सपखश हह। वह४ह बछड४
सपखश हह, कबलश तथ४ कप त४ सपखश हह और मनपषय भश सपखश हह। हर ककई अपनश अपनश कमत४ कद अनपस४र
कक षण कक सदव४ करन४ च४हत४ हह, अत: बहर क४ न४मककनश४न नहथ रहत४। ककई कभश कभश यह सकच
सकत४ हह कक वकनद४वन कद बनदर बहर रखतद हह कयतकक वद भकजन छशन लदतद हह और उतप४त मच४तद हह ककनतप
हम ददखतद हह कक वह४ह बनदरत कक भश मकखन ख४नद कदय४ ज४त४ हह जहस४कक शशकक षण सवयर करतद हह | कक षण
नद यह सवयर कदखल४ कदय४ हह कक हर प४णश कक जशकवत रहनद क४ अकधक४र हह। यह वकनद४वन क४ जशवन
हह। भल४ मह कयत जशकवत रहह ह और आप मरम ? नहथ। यह तक भलकतक जशवन हह। वकनद४वन कद कनव४सश
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इस भलकतक जगत मम कन:शपलक भकजन कवतरण कद कलए स४रद कवशव सद चनद४ एकत ककय४ ज४ सकत४
हह ककनतप कजनकक यह भकजन कदय४ ज४त४ हह, हक सकत४ हह वद इसद पसनद न करम। ककनतप कक षणभ४वन४मकत
कद महतव कक कमशद पसनद ककय४ ज४यदग४। उद४हरण४थर, डबरन दककण अफकक४ मम हरद कक षण आनदकलन
कद मकनदर कद कवरय मम डबरन फकसट सम४च४र-पत नद सम४च४र छ४प४ हह : “यह४ह स४रद भक भगव४ननन कक षण
कक सदव४ मम ततपर हह कजसकद पररण४म सपसपष हह--सपख, उतम सव४सथय, मनदश४कनत तथ४ सभश सदगपणत
क४ कवक४स।” वकनद४वन कक पकक कत ऐसश हश हह। हर४वभकसय कप तक महदसगपण४:--कक षणभ४वन४मकत कद
कबन४ सपख असमभव हह। ककई भलद हश सरघरर करद ककनतप सपख नहथ प४ सकत४। अतएव हम
कक षणभ४वन४मकत कद म४धयम सद म४नव सम४ज कक जशवन-सपख, उतम सव४सथय, मनदश४कनत तथ४ समसत
ततकदहतपशपपवरशकशशपतवन४टर
बह४दयर परमननतमग४धबकधमनन ।
वतस४नसखशकनव पपर४ पररतक कवकचनव-
ददकर सप४कणकवल परमदछयचष ॥ ६१॥
तत--वह४ह ( वकनद४वन मम ); उददतनन-- ध४रण करतद हह ए; पशपप-वरश-कशशपतव-न४टमनन--गव४लत कद पररव४र मम कशशप बननद कक ककड४
(कक षण क४ अनय न४म गकप४ल हह अथ४रतनन वह जक गलवम प४लत४ हह ); बह --बह; अदयमनन--अकदतशय; परमननस--परम; अननतमननस--
असशम; अग४ध-बकधमनन--अप४र ज४न सद यपक; वतस४नस-- बछडत कक; सखशनननस--तथ४ उनकद सरगश ब४लकत कक; इब पपर४--पहलद
कक तरह; पररत:--सवरत; कवकचनवतनन--खकजतद हह ए; एकमनन--अकद लद, अपनद आप; स-प४कण-कवलमस--ह४थ मम भकजन क४ कलर
कलयद; परमदषश -- बह४जश नद; अचष--ददख४।.
तब भगव४ननन बह४ नद उस बह ( परम सतय ) कक जक अदय हह, ज४न सद पसणर हह और असशम हह
गव४लत कद पररव४र मम ब४लक-वदश ध४रण करकद पहलद कक हश तरह ह४थ मम भकजन क४ कलर कलए
बछडत कक तथ४ अपनद गव४लकमतत कक खकजतद हह ए एक४नत मम खडद ददख४।
त४तपयर : अग४ध-बकधमनन शबद इस शलकक मम महतवपसणर हह, कजसक४ अथर हह ““असशम ज४न सद
यपक।'' भगव४ननन क४ ज४न असशम हह अतएवर उसकद छकर क४ उसश तरह ककई छस नहथ सकत४ कजस तरह
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समपद कक म४प४ नहथ ज४ सकत४। समपद-जल कद कवसत४र कद समक हम४रश बपकद क४ पस४र ककतन४ हक
सकत४ हह? अमरशक४ कक य४त४ कद दलर४न मदर४ जह४ज ककतन४ महतवहशन लग रह४ थ४। वह समपद मम
कदय४सल४ई कक कडबबश जहस४ लग रह४ थ४। कक षण कक बपकद समपद कद सम४न हह कयतकक इसकक कवश४लत४
क४ अनपम४न नहथ लग४य४ ज४ सकत४। अतएव यहश सवरशदष उप४य हह कक कक षण कक शरण गहण कक ज४य,
कक षण कक म४पनद क४ हम पयतन न करम।
अदयमनन शबद भश महतवपसणर हह। इसक४ अथर हह “अकटतशय।” चसकह क बह४ कक षण कक म४य४ सद
आचछ४कदत थद अतएव वद अपनद कक सवरच म४न रहद थद। भलकतक जगत मम पतयदक वयकक सकचत४ हह , “' मह
इस जगत क४ सवरशदष वयकक हह ।ह मह सब ज४नत४ हह ।ह '' वह सकचत४ हह, “मह भगवदशत४ कनयत पढसह ? मपझद
सब आत४ हह। मदरश अपनश वय४खय४ हह।'” ककनतप बह यह ज४न गयद कक परम पपरर तक कक षण हह। ईशवर:
परम: कक षण: ।इससद कक षण क४ अनय न४म परमदशवर भश हह।
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कक षण न४टक कद एक प४त कक तरह क४यर कर रहद थद। चसकह क बह४ कक यह सकच कर कक उनकद प४स
कप छ शकक हह कमथय४ पकतष४ क४ भम हक गय४ थ४ अतद कक षण नद उनहम उनकक असलश कसथकत कदखल४ दश।
ऐसश हश घटन४ तब घटश जब बह४जश कक षण सद भमट करनद द४रक४ गयद। जब कक षणजश कद द४रप४ल नद
ससचन४ दश कक बह४जश आयद हह, तक कक षण नद पसछ४, “कलन सद बह४ ? उनसद पसछक कलन सद बह४?!
द४रप४ल नद ज४कर यहश पशन पसछ४ तक बह४जश चककत रह गयद। उनहतनद सकच४, “कय४ मदरद अकतररक भश
ककई अनय बह४ हह ?'' जब द४रप४ल नद ज४कर ससकचत ककय४ कक ““चतपर४नन बह४ आयद हह '” तक भगव४ननन
कक षण नद कह४, “ओरद ! चतपर४नन ! दससरत कक भश बपल४ओ और चतपर४नन कक कदख४ओ।”' यह हह कक षण कक
कसथकत। कक षण कद कलए चतपर४नन बह४ महतवहशन हह, तक भल४ “च४र कसर व४लद वहज४कनकत '' कक कनय४
कबस४त! भलकतकत४व४दश वहज४कनक सकचतद हह कक यह पकथवशलकक तक स४रद ऐशवयर सद पसणर हह ककनतप अनय
लकक ररक हह। चसकह क वद कद वल सकचतद हह इसकलए उनक४ यह वहज४कनक कनषकरर कनकलत४ हह। ककनतप
भ४गवत सद हम ज४नतद हह कक स४र४ बह४णड जशवत सद पसररत हह। यह तक वहज४कनकत कक मसखर त४ हह कक वद
कप छ भश न ज४नतद हहए अपनद कक वहज४कनक, द४शरकनक तथ४ ज४नश म४नतद हह ए लकगत कक भ४नत करतद हह।
इकष४--ददख कर; तवरदण--तदजश सद; कनज-धकरणत:--अपनद व४हन हरस सद; अवतशयर--उतरद; पकथवय४मनन-पकथवश पर; बपप:--उनक४
शरशर; कनक-दणडमनन इब--सकनद कक छडश जहस४; अकभप४तय--कगर पडद; सपकष४--छसकर; चतप:-मपकपट-कककट-कभ:--अपनद च४रत
मपकपटत कद कसरत सद; अकडध-यपगममनन--दकनत चरणकमलत कक; नतव४--नमसक४र करकद ; मपतनन-अशप-सप-जलह:--अपनद पसनत४ कद
अशपओर कद जल सद; अकक त--समपन ककय४; अकभरदकमनन--उनकद चरणकमल पख४रनद क४ उतसव।.
यह ददख कर बह४ तपरनत अपनद ब४हन हरस सद नशचद उतरद और भसकम पर सकनद कद दणड कद
सम४न कगर कर भगव४ननन कक षण कद चरणकमलत क४ सपशर अपनद कसर मम ध४रण ककयद हह ए च४रत
मपकपटत कद अगभ४गत ( सरत ) सद ककय४। उनहतनद नमसक४र करनद कद ब४द अपनद हरर-अशपओर कद
जल सद कक षण कद चरणकमलत कक नहल४ कदय४।
त४तपयर : बह४जश दणड कद सम४न नतमसतक हह ए और चसकह क बह४ क४ ररग सपनहर४ हह, अतद वद कक षण
कद स४मनद सपनहरद दरड कद सम४न पतशत हह ए। जब ककई वयकक अपनद गपरजन कद समक दणड कद सम४न
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कगरत४ हह, तक उसक४ नमसक४र दणडवतनन (“दरड कद सम४न'”) कहल४त४ हह। 'दणड' क४ अथर हह 'दरड'
और “वतनन' क४ अथर हह 'कद सम४न'। ऐस४ नहथ हह कक ककई कद वल दणडवतनन कहद, अकपतप उसद कगरन४
च४कहए। इस तरह बह४ नद दणडवतनन ककय४, कक षण कद चरणकमलत कक अपनद मसतकत सद छप आ और
पदमवश उनकद कनदन कक कक षण कद चरणकमलत क४ अकभरदक समझन४ च४कहए।
थ४।
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उतथ४य उतथ४य--ब४रमब४र उठ कर; कक षणसय--कक षण कद ; कचरसथ--दशघरक४ल सद; प४दयक:--चरणकमलत पर; पतनननस--कगर कर;
आसतद-पडद रहद; मकहतवमनन-मह४नत४; प४कन -
न दषभस-- कजसद उनहतनद पहलद ददख४ थ४; समकतव४ समकतव४--समरण कर करकद ; पपनद
पपनद--ब४रमब४र।,
शनपकतमपरद समककतकमतरद
यसय४कलनदद पर बह ॥
“भलकतक सरस४र सद डर कर ककई भलद हश वददत, समककतयत तथ४ मह४भ४रत क४ अधययन करद ककनतप मह
तक उन नननननद मह४र४ज कक पसज४ करहग४ कजनकद आहगन मम परबह रमग रहद हह। ननननद मह४र४ज इतनद मह४न हह
कक उनकद आहगन मम परबह रमग रहद हह अतएव मह उनकक पसज४ करहग४।'' ( पद४वलश १२६) ।
बह४ हर४रकतरकद सद कगरद ज४ रहद थद। मनपषय कद ब४लक सदश भगव४ननन कक उपकसथकत कद क४रण
बह४जश आशचयरचककत थद। अतएव यह समझतद हह ए कक यहश परम पपरर हह उनहतनद रद कणठ सद सतपकत
कक।
शनहद--धशरद-धशरद; अथ--तब; उतथ४य--उठ कर; कवमकजय--पतछ कर; लकचनद-- अपनश दकनत आहखम; मपकपनदमनन-मपकपनद य४
भगव४ननन कक षण कक; उदशकय--ऊपर ददखतद हहए; कवनप-कनधर: --अपनश गदरन झपक४यद; कक त-अदजकल:--ह४थ जकडद हहए; पशय-
व४ननन--अतयनत कवनशत; सम४कहत:--मन कक एक४ग ककयद; स-वदरथप:--क४हपतद हह ए शरशर सद; गदगदय४--अवरद; ऐलत--बह४
पशरस४ करनद लगद; ईलय४--शबदत सद |.
तब धशरद-धशरद उठतद हहए और अपनश दकनत आहखम पतछतद हह ए बह४ नद मपकपनद कक ओर ददख४।
कफर अपन४ कसर नशचद झपक४यद, मन कक एक४ग ककयद तथ४ करकपत शरशर सद वद लडखड४तश व४णश
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त४तपयर : पसनत४ कद म४रद बह४ अशपप४त करनद लगद और उनहतनद अपनद आहसपओर सद कक षण कद
चरणकमलत कक धक कदय४। वद कक षण कक अदपत लशल४ओर क४ समरण कर करकद ब४रमब४र कगरनद और
उठनद लगद। दशघरक४ल तक नमसक४र करतद रहनद कद ब४द बह४जश उठ खडद हह ए और अपनद अशपओर कक
पतछ४। शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र कक टशक४ हह कक लकचनद शबद इरकगत करत४ हह कक उनहतनद दकनत
ह४थत सद अपनद च४रत मपखत कक दक-दक आहखत कक पतछ४। अपनद समक भगव४ननन कक ददख कर बह४जश नद
अतयनत कवनय, आदर तथ४ मनकयकग सद सतपकत करनश शपर कक।
इस पक४र शशमद४गवत कद दशम सकरध कद अनतगरत “बह४ द४र४ ब४लकत तथ४ बछडत कक चकरश /”
शश शशगपर-गलर४जभत जयतद
कक षणदहप४यन वय४स
कक त
शशमद४गवतमनन
कक षणकक प४मसकतर शश शशमदनन ए. सश. भककवदद४नत सव४मश पभपप४द द४र४ कवरकचत वहकदक गरथरतन :
शशमदगवदशत४ यथ४रप
शशउपददश४मकत
शशईशकपकनरदनन
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रसर४ज शशकक षण
यकग कक पसणरत४
जनम-मकतयप सद परद
शशकक षण कक ओर
र४जकवद४
कक षणभ४वन४मकत कक प४कप
पपनर४गमन:पपनजरनम क४ कवज४न
शशमद४गवतमनन
(भगवतननन-सनददश)
दशम सकनध
लतस एरकजकलसलरदनसटतकहकमकसडनशबमबई
हरद कक षण ध४म,
जपहह, बमबई-४०००४९
छ४
0 ७ 81 ० 10, ७०/%9 &२-14
((॥9879(९४/ चलदह
बह४ द४र४ कक षण कक सतपकत
भगव४ननन कक पसन करनद कद कलए बह४ नद सवरपथम उनकद कदवय अरगत कक सतपकत कक और कफर यह
घककरत ककय४ कक उनकक म४धपरश कक मसल पहच४न कक समझ प४न४ उनकद ऐशवयर कक अपदक४ अकधक
ककठन हह। वहकदक पम४णत सद प४प कदवय धवकन कद शवण तथ४ ककतरन कक भककमयश कवकध द४र४ हश
भगव४ननन कक अनपभसकत हक सकतश हह। वहकदक पम४ण कद अकतररक अनय कवकधयत सद ईशवर कक अनपभसकत
करनद क४ पय४स वयथर हह।
असशम आधय४कतमक गपणत कद आग४र भगव४ननन क४ रहसय अकचनतय हह। इसद समझ प४न४ कनकवरशदर
बह सद भश अकधक ककठन हह। कद वल भगवतकक प४ सद हश उनकद यश कक समझ४ ज४ सकत४ हह। अनत मम
इसकक अनपभसकत हकनद पर बह४ नद अपनद क४यर कक ब४रमब४र भतसरन४ कक और यह म४न४ कक बह४णड कद
परम आशय शशकक षण हश उनकद अपनद कपत४, आकद न४र४यण हह। इस तरह बह४ नद भगव४ननन सद कम४-
य४चन४ कक।
ततपशच४तनन बह४ नद भगव४ननन कद अकचनतय ऐशवयर क४ गपणण४न ककय४ और कजन कजन ब४तत मम बह४ तथ४
कशव कवषणप सद कभन हह, कजन कजन क४रणत सद भगव४ननन ददवत४ओर, पशपओर इतय४कद कक यककनयत मम जनम
लदतद हह, कजस तरह सद भगव४ननन लशल४एह करतद हह, उन सबक४ तथ४ भलकतक जगत कक नशवरत४ आकद क४
वणरन ककय४। भगव४ननन कक ज४न लदनद पर जशव४तम४ भव-बनधन सद मकक प४प कर सकत४ हह। ककनतप
व४सतकवकत४ तक यह हह कक मकक तथ४ बनधन दकनत हश असतय हह कयतकक जशव कद बद हकनद सद हश बनधन
तथ४ मकक उतपन हकतद हह। भगव४ननन कक षण कद स४क४र रप कक भ४मक म४नकर मसखर लकग भगव४ननन कद
चरणकमलत कक छकडकर परम४तम४ कक अनयत खकज करतद हह। ककनतप उनकक वयथर कक यह खकज उनकक
मसखरत४ क४ सपष पम४ण हह। भगव४ननन कक कक प४ कद कबन४ भगव४ननन कद सतय कक समझनद क४ ककई भश सरल
उप४य नहथ हह।
कक अचछ४ हकत४ यकद वद सवयर एक तकण, कपर ज य४ लत४ कद रप मम वह४ह उतपन हह ए हकतद। वकनद४वनव४कसयत
कद आव४स भलकतक जगत कद बनदशगकह नहथ हह अकपतप ज४कनयत तथ४ यककगयत द४र४ भश इन आव४सत कक
क४मन४ कक ज४तश हह। दससरश ओर, ककई भश आव४स कजसक४ भगव४ननन कक षण सद समबनध नहथ हकत४ हह, वह
भलकतक जगत क४ बनदशगकह हह। अनत मम बह४ नद भगव४ननन कद चरणकमलत पर अपनद आप कक पसणरतय४
समपरण कर कदय४ और ब४रमब४र पशरस४ करतद हह ए उनकक पदककण४ कक और कवद४ लश।
ततपशच४तनन कक षण नद बह४ द४र४ चपर४यद गयद स४रद पशपओर कक एकत ककय४ और उनकक लदकर यमपन४ तट
पर पहह हचद जह४ह गव४लब४ल भकजन कर रहद थद। जक कमतगण, पहलद सद वह४ह बहठद थद वद हश अभश भश वहथ
पर थद। कक षण कक म४य४ कद क४रण उनहम इसक४ ररच भर भश पत४ नहथ चल४ कक कनय४ हहआ हह। अत: जब
कक षण बछडत कद स४थ आयद तक उनहतनद पसछ४, “अरद! आप तक इतनश जलदश ललट आयद। बहह त अचछ४
हह आ। जब तक आप नहथ थद, हमनद एक कलर भश नहथ तकड४। आइयद और ख४इयद ।''
गव४लब४लत कक ब४त पर भगव४ननन कक षण हहसतद हह ए उनकद स४थ भकजन करनद लगद। भकजन करतद हह ए
कक षण नद ककशकर कमतत सद अजगर कद चमर कक ओर सरकदत ककय४, तक ब४लकत नद सकच४, “श४यद कक षण नद
अभश अभश इस भय४नक सपर कक म४र४ हह।”' ब४द मम उनहतनद वकनद४वनव४कसयत कक कक षण द४र४ अघ४सपर कद
वध क४ वकत४नत कह सपन४य४। इस तरह गव४लब४लत नद भगव४ननन कक षण कक ब४लयक४ल (१-५ वरर) कक
लशल४ओर क४ वणरन ककय४ यदकप भगव४ननन कक पलगणड आयप (६-१० वरर) प४रमभ हक चपकक थश।
शशबहकव४च
नलमशड तद5 भवपपरद तकडदमबर४य
गपझज४वतरसपररकपचछलसनमपख४य ।
वनयसजद कवलवदतकवर४णवदण- प
लकमकशयद मकदपप दद पशपप४डज४य ॥ १॥
शश-बह४ उव४च-- बह४ नद कह४; नलकम--मह यशकग४न करत४ हह ह; ईड--हद पसजय; तद--आपक४; अश--क४लद ब४दल कक तरह;
वपपरद--शरशर व४लद; तकडतनन--कबजलश कक भ४हकत; अमबर४य--कजसकद वस; गपज४--घपघर पचश सद बनद; अवतरस--( क४न कद )
आभसरण; पररकपचछ--तथ४ मकर परख; लसतनन--शकभ४यम४न; मपख४य--कजसक४ मपखमरडल; वनय-सजद--वन फस लत कक म४ल४
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पहनद; कवल--कलर; वदत--दरड; कवर४ण-- भहस कद सथग क४ बन४ कबगपल; वदण- प -तथ४ ब४हसरप श; लकम--लकणत सद यपक;
कअडयद--कजसक४ ससदयर; मकद-
प -मपल४यम; पदद--कजसकद प४हव; पशप-प--नव४लद ( ननद मह४र४ज ) कद ; अडड -ज४य--पपत कक
बह४ नद कह४ : हद पभप, आप हश एकम४त पसजय भगव४ननन हह अतएवर आपकक पसन करनद कद
कलए मह आपकक स४दर नमसक४र करत४ हह ह और आपकक सतपकत करत४ हह ।ह हद गव४लनरदश पपत,
आपक४ कदवय शरशर नवशन ब४दलत कद सम४न गहर४ नशल४ हह; आपकद वस कबजलश कद सम४न
दददशपयम४न हह और आपकद मपखमणडल क४ सलनदयर गपज४ कद बनद आपकद कप णडलत सद तथ४ कसर पर
लगद मकरपरख सद बढ ज४त४ हह। अनदक वन-फस लत तथ४ पकतयत कक म४ल४ पहनद तथ४ चर४नद कक
छडश ( लकप टश ), शकरग और बरशश सद सकजत आप अपनद ह४थ मम भकजन क४ कलर कलए हह ए सपनदर
रशकत सद खडद हह ए हह।
त४तपयर : कपछलद अधय४य मम बह४णड कद सष४ बह४ नद भगव४ननन कक षण कद गव४लकमतत तथ४ उनकद
बछडत कक चपर४ कर उनकक परशक४ लदनश च४हश थश। ककनतप जब कक षण नद ररच भर अपनश यकगशकक
पदकशरत कक तक बह४जश पसणरतय४ मककहत हक गयद और अब वद अतयनत कवनय एवर भकक भ४व सद उनहम
स४दर नमसक४र करकद उनकक सतपकत करतद हह।
इस शलकक मम कवल शबद कक षण द४र४ ब४एह ह४थ मम च४वल तथ४ दहश कद कलर क४ ससचक हह।
सन४तन गकसव४मश कद अनपस४र कक षण अपनद ह४थ मम ग४य चर४नद व४लश छडश कलयद थद और ब४ई र क४हख मम
शनकरग दब४यद थद। उनकक वरशश उनकक कमर पदटश कद नशचद लगश थश। ररग-कबररगद जरगलश खकनजत सद अलरककत
सपनदर ब४ल-कक षण वहकपणठ कद ऐशवयर कक लज४ रहद थद। यदकप बह४ नद भगव४ननन कद असरखय चतपभपरज रप
ददखद थद ककनतप अब उनहतनद कदभपज कक षण कद चरणकमलत मम अपनद आपकक समकपरत कर कदय४ जक ननद
मह४र४ज कद पपत रप मम पकट हह ए थद। बह४जश नद इसश रप कक सतपकत कक।
असय--इसक४; अकप--भश; ददव--हद पभप; वपपर:--शरशर; मतनन-अनपगहसय-- कजसनद मदरद ऊपर कक प४ कदखल४ई हह; सव-इचछ४-
मयसय--जक अपनद शपद भकत कक इचछ४ सद पदररत हककर पकट हकतद हह; न--नहथ; तप--दससरश ओर; भसत-मयसय--पद४थर कक
उपज; कद--बह४; अकप-- भश; न ईशद--मह समथर नहथ हह ह; मकह--शकक; तप--कनससनददह; अवकसतपमनन-- अनपम४न लग४नद मम;
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मनस४--मन सद; अनतरदण--जक कनयरकतत हकतश तथ४ कवरत हकतश हह; स४क४तनन--पतयक; तब--आपकक; एव--कनससनननददह; ककमनन
उत--कय४ कह४ ज४य; आतम--आप मम ; सपख--सपख कद ; अनपभसतद:--आपकद अनपभव क४.
हद पभप, न तक मह, न हश अनय ककई आपकद इस कदवय शरशर कद स४मथयर क४ अनपम४न लग४
सकत४ हह, कजसनद मपझ पर इतनश कक प४ कदख४ई हह। आपक४ शरशर आपकद शपद भकत कक इचछ४
पसरश करनद कद कलए पकट हकत४ हह। यदकप मदर४ मन भलकतक क४यरकल४पत सद पसरश तरह कवरत हह , तक
भश मह आपकद स४क४र रप कक नहथ समझ प४त४। तक भल४ मह आपकद हश अनतर मम आपकद द४र४
अनपभसत सपख कक कह सद समझ सकत४ हह ह?
त४तपयर : शशल पभपप४द “भगव४ननन शशकक षण'” (१ अधय४य १४) मम कलखतद हह कक इस शलकक मम
बह४ नद कनमनकलकखत सतपकतपसणर भ४व वयक ककय४, ““गव४लब४ल कद रप मम आपक४ आकवभ४रव भकत कद
ल४भ कद कलए हह आ हह। यदकप महनद आपकक गलवम, ब४लक तथ४ बछडद चपर४कर आपकद चरणकमलत मम
अपर४ध ककय४ हह ककनतप मह समझ सकत४ हह ह कक अब आप मपझ पर कक प४ कदख४ रहद हह। यह तक आपक४
कदवय गपण हह कक आप अपनद भकत कद पकत अतयनत वतसल हह । अपनद पकत आपकद व४तसलय कद ब४वजसद
मह आपकद श४रशररक क४यर कद स४मथयर क४ अनपम४न नहथ लग४ सकत४। जब इस बह४णड क४ सवरपरर
पपरर मह, बह४, भगव४ननन कद ब४ल-रप शरशर क४ अनपम४न नहथ लग४ सकत४ तक अनयत कद कवरय मम कय४
कह४ ज४य ? और यकद मह आपकद ब४ल-रप शरशर कक आधय४कतमक शकक क४ अनपम४न नहथ लग४ सकत४
तक भल४ आपकक कदवय लशल४ओर कक कह सद समझ सकत४ हह ह ? अतएव, जहस४कक भगवदशत४ मम कह४ गय४
हह, जक ककई भगव४ननन कक कदवय लशल४ओर, उनकद प४कट तथ४ कतरकध४न कक ररचम४त भश समझत४ हह, वह
इस भलकतक शरशर कक तय४गनद कद ब४द भगवद४म मम पवदश करनद क४ प४त बन ज४त४ हह। वददत मम इसकक
पपकष इन शबदत मम सहज रप मम हह ई हह : पसणर पपररकतम भगव४ननन कक ज४न लदनद पर मनपषय जनम-मकतयप कद
बनधन सद प४र प४ सकत४ हह। इसकलए मह तक यहश कहह हग४ कक लकग आपकक म४नकसक ज४न द४र४ समझनद
क४ पय४स न करम।'!
शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र कद अनपस४र भगव४ननन कक षण क४ कदवय शरशर अपनद सव४रशत द४र४ अपनद
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क४यर समपन कर सकत४ हह, कजनहम कवषणप-वतव कहतद हह। बह४ नद बहसरकहत४ (५.३२) मम कह४ हह--
अककन यसय सकलददकन य वककतमकनत । यह शलकक न कद वल इतन४ हश ससकचत करत४ हह कक भगव४ननन अपनद
शरशर क४ ककई भश क४यर अपनद ककसश अरग द४र४ समपन कर सकतद हह अकपतप वद अपनद कवषणप अरश कद य४
ककसश भश जशव कद नदतत द४र४ ददख भश सकतद हह । इसश पक४र वद कवषणप य४ जशव-अरश कद क४नत सद सपन
सकतद हह। शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र इरकगत करतद हह कक भगव४ननन अपनश ककसश भश इकनदय सद ककई
भश क४यर कर सकतद हह ककनतप कक षण रप मम अपनश लशल४ओर मम वद स४म४नयतय४ अपनश हश आहखत सद
ददखतद हह, अपनद हश ह४थत सद छसतद हह और अपनद हश क४नत सद सपनतद हह। इस तरह वद अतयनत सपनदर एवर
मनकहर गव४लब४ल कक तरह आचरण करतद हह।
वहकदक ज४न क४ कवसत४र बह४ सद हकत४ हह कजनहम शशमद४गवत कद पथम शलकक मम आकद ककव कह४
गय४ हह। तक भश बह४जश भगव४ननन कक षण कद कदवय शरशर कक ज४न नहथ प४यद कयतकक वह स४म४नय वहकदक
ज४न कक पहह हच सद ब४हर हह। भगव४ननन कद समसत कदवय रपत मम गककवनद क४ कदभपज रप--कक षण-हश
आकद एवर परम रप हह। अतद गककवनद द४र४ मकखन चपर४नद, गककपयत क४ सतन-प४न करनद, बछडद चर४नद,
वरशश बज४नद तथ४ ब४लककड४एह करनद कक लशल४एह भगव४ननन कवषणप कद अरशत कद क४यरकल४पत कक तपलन४ मम
अकदतशय हह।
ज४नद--ज४न कद कलए; पय४समननस-- पय४स; उदप४सय--तय४गकर; नमनत:--नमसक४र करतद हहए; एब--कद वल; जशवकनत--जशकवत
रहतद हह; सतनन-मपखररत४मनन--शपद भकत द४र४ उच४ररत; भवदशय-व४त४रमस--आपकक कथ४; सथ४नद--अपनद भलकतक सथ४न मम;
कसथत४:--कसथत रहकर; शपकत-गत४मनन--सपन करकद प४प; तनप-- अपनद शरशर द४र४; व४कन नप--शबद; मनककभ: --तथ४ मन कद द४र४;
यद--जक; प४यश:द--अकधक४रशत:; अकजत--हद अजदय; कजत:--जशतद गयद; अकप--कफर भश; अकस--हक ज४तद हक; तहद--उनकद
द४र४; कत-लककय४मनन-तशनत लककत मम |.
जक लकग अपनद पकतकषत स४म४कजक पदत पर रहतद हहए ज४न-कवकध क४ कतरसक४र करतद हह और
मन, वचन और कमर सद आपकद तथ४ आपकद क४यरकल४पत कद गपणग४न कद पकत समम४न वयक
करतद हह और आप तथ४ आपकद द४र४ गपरकजत इन कथ४ओर मम अपन४ जशवन नयकछ४वर कर ददतद हह, वद
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कनकशचत रप सद आपकक जशत लदतद हह अनयथ४ आप तशनत लककत मम ककसश कद द४र४ भश अजदय हह।
त४तपयर : उदप४सय शबद सपष ससकचत करत४ हह कक म४नकसक कचनतन कक कवकध (ज४न) द४र४ परम
सतय कक समझनद क४ तकनक भश पय४स नहथ करन४ च४कहए कयतकक इससद ईशवर क४ अपसणर एवर कनकवरशदर
ज४न हश प४प हक सकत४ हह। जशवकनत शबद इसक४ दकतक हह कक जक भक कक षण क४ सदहव शवण करत४
हह, वह भगवद४म ज४त४ हह भलद हश वह कप छ भश न करद और कद वल भगव४ननन कवरयक कथ४एह हश सपनत४
रहद।
शशल सन४तन गकसव४मश नद तनपव४इयनकशकभ: शबदत कक वय४खय४ तशन पक४र सद कक हह। भकत कद पसरग
मम, कक वद मसस४-व४च४-कमरण४ भगव४ननन कक षण कक जशतनद मम समथर हकतद हह। इस तरह कक षणभ४वन४मकत मम
पसणर बनकर वद अपनद ह४थत सद उनकद चरणकमलत क४ सपशर कर सकतद हह, अपनश व४णश सद उनहम बपल४
सकतद हह और उनक४ कचनतन करकद अपनद मन कद भशतर उनक४ पतयक दशरन कर सकतद हह ।
अभकत कद पसरग मम, तनपव४इमनककभ: शबद अकजत कद दकतक हह और ससकचत करतद हह कक जक लकग
कक षण कक पदम४भकक नहथ करतद वद अपनद श४रशररक बल, व४कन चन ४तपयर य४ म४नकसक शकक सद परम सतय कक
जशत नहथ सकतद। स४रद पय४सत कद ब४वजसद परम सतय उनकक पहह हच कद परद रह ज४त४ हह।
कजत: शबद कद पसरग मम तनपव४इयनककभ: शबद यह ससकचत करतद हह कक शपद भकगण भगव४ननन कक षण
कद तन, मन तथ४ व४णश कक जशत लदतद हह। भगव४ननन कक षण अपनद शपद भकत कद प४स रहनद कद क४रण तन सद
जशत कलए ज४तद हह और अपनद भकत क४ गपणग४न करतद रहनद सद व४णश सद तथ४ अपनद कपय भकत क४
कनरनतर कचनतन करनद सद मन सद जशत कलयद ज४तद हह।
शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र नद तनपव४इमनककभ: शबदत कक वय४खय४ नमनतद कद स४थ जकडतद हह ए
कक हह। वद बतल४तद हह कक भकमण मनस४-व४च४-कमरण४ भगव४ननन कवरयक कथ४ओर क४ आदर करतद हह ए
उनक४ पसर४ ल४भ उठ४ सकतद हह। भगव४ननन कक कथ४ओर कक नमसक४र करतद समय भक कक च४कहए कक
अपनद ह४थत तथ४ कसर सद भसकम सपशर करतद हह ए शरशर कक सदव४ मम लग४यद। वह शशभदभ४गवत तथ४
भगवदशव४ जहसद कदवय गरथत एवर इन गरथत क४ पच४र करनद व४लद भकत कक पशरस४ करनद मम अपनश व४णश
कक लग४ए तथ४ भगव४ननन कक कथ४ओर क४ शवण करतद समय आदर तथ४ आननद क४ अनपभव करद मम
अपनद मन कक लग४ए। इस तरह कजस कनष४व४न भक नद कक षण कवरयक सवलप ज४न भश प४प कर कलय४
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हह, वह उनकक जशत सकत४ हह और उनकद प४स कनतय जशवन कबत४नद कद कलए भगवद४म व४पस ज४ सकत४
हह।
ककशयकनत यद कद बलबकधलबधयद ।
तदर४मसल कद शल एव कशषयतद
न४नयदथ४ सथसलतपर४वघ४कतन४मनन ॥ ४॥
शदय:--परम ल४भ क४; सककतमनन--म४गर; भककम-- भकक; जय करकद ; तद--वद; कवभक--हद सवरशककम४न भगव४ननन;
ककशयकनत--कद श सहन करतद हह; यद--जक; कद वल-- एकम४त; बकध--ज४न कक; लबधयद--प४कप कद कलए; तदर४मनन--उनकद
कलए; असल--यह; कद शल: --झरझट; एब--कद वल; कशषयतद-- रहतश हह; न--कप छ नहथ; अनयतनन--दससर४; यथ४--कजस तरह;
सथसल-तपर-- थकथश भससश; अवध४कतन४मनन--म४रनदव४लत कद कलए।.
हद पभप, आतम-स४क४तक४र क४ सवरतम म४गर तक आपकक हश भकक हह। यकद ककई इस म४गर कक
तय४ग करकद ज४न कद अनपशशलन मम पवकत हकत४ हह, तक उसद कद श उठ४न४ हकग४ और व४रकछत फल
भश नहथ कमल प४एग४। कजस तरह थकथश भससश कक पशटनद सद अन ( गदहह ) नहथ कमलत४ उसश तरह जक
कद वल कचनतन करत४ हह उसद आतम-स४क४तक४र नहथ हक प४त४। उसकद ह४थ कद वल कद श लगत४ हह।
त४तपयर : परम पपरर कक पदम४भकक पतयदक जशव क४ सहज तथ४ कनतय कमर हह। यकद ककई वयकक
अपनद वहध४कनक कमर कक तय४गकर कनकवरशदर ज४न कद म४धयम सद तथ४ककथत पक४श कक खकज करत४ हह,
तक बन४वटश पककय४ क४ अनपसरण करनद सद कमलनद व४लद कद श कद अकतररक कप छ भश उसकद ह४थ नहथ
लगत४। ककई मसखर थकथश भससश कक ककतन४ हश कनयत न पशटद ककनतप वह उसमम सद अन नहथ प४प कर
सकत४। इसश तरह जक वयकक भगव४ननन कक शरण मम गयद कबन४ अपनद मन कक ब४रमब४र ज४न कक खकज मम
लग४त४ हह, वह मसखर हह कयतकक ज४न क४ स४र तथ४ लकय तक भगव४ननन हश हह कजस तरह कक कक कर-कमर कद
स४रद पय४सत क४ एकम४त लकय अन प४प करन४ हह। वहकदक ज४न, य४ यत कहम कक ईशवरकवहशन भलकतक
कवज४न थकथश भससश कद सम४न हह।
ककई तकर कर सकत४ हह कक यकग४भय४स द४र४ य४ कनकवरशदर ज४न कद अनपशशलन सद मनपषय कक पकतष४,
धन, यकगशकक य४ कनकवरशदर मपकक क४ ल४भ हकत४ हह। ककनतप यद तथ४ककथत ल४भ वयथर हह कयतकक इनसद
जशव कक परमदशवर कक पदम४भकक करनद क४ वहध४कनक पद प४प नहथ हक प४त४। अत: ऐसद ल४भ ककणक
हकतद हह। जहस४कक नककसरहयपर४ण मम कह४ गय४ हह- पतदरप पपषपदर ष फलदरप तकयदषवककवलभयदरप वददव सतसप/
भकतय४ सपलभयद पपररद पपर४णद मपकनतयद ककमथर ककयतद पयत:--जब आकद पपरर सहज हश उपलबध
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हकनदव४लश वसतपओर यथ४ पत, पपषप, फस ल तथ४ जल सद प४प ककयद ज४ सकतद हह, तक कफर मपकक कद कलए
अलग सद पय४स करनद कक कय४ आवशयकत४ हह ?
यदकप भगव४ननन कक षण कक भकककवकध अतयनत सरल हह ककनतप उदनरड बदजशवत कक भगव४ननन कद समक
पसणरतय४ कवनशत बननद और चलबशसत घणटद उनकक सदव४ मम लगद रहनद मम अतयकधक ककठन४ई हकतश हह। ऐसद
पथभष जशव जक ईशवर कक अवज४ करकद भकग करन४ च४हतद हह उनकद कलए भककभ४व अकभश४प हह। जब
ऐसद उदरड जशव ज४न, तप तथ४ यकग जहसद गकवरत पय४सत सद भगवदपरण सद बच कनकलन४ च४हतद हह, तक वद
ईशवर कद सशक कनयमत द४र४ भलकतक जगत मम व४पस ललट४ कदयद ज४तद हह और भलकतक सरस४र न४मक
भवस४गर मम डप बक कदयद ज४तद हह।
पपर४--भसतक४ल मम; इह--इस सरस४र मम; भसमननन-- हद सवरशककम४न; बहव:--अनदक; अकप--कनससनददह; यककगन:--यकगशजन;
तवतननस-आपकद पकत; अकपरत--अकपरत; ईह४: --अपनद स४रद पय४स; कनज-कमर-- अपनद कनयत कतरवयत सद; लबधय४--जक प४प
ककय४ ज४त४ हह; कवबडपधय-- समझनद पर; भकतय४--भकक कद द४र४; एब--कनससनददह; कथ४-उपनशतय४--आपकक कथ४ओर कद
शवण तथ४ ककतरन कद म४धयम सद अनपशशकलत; पपदकदरर--समपरण द४र४ उनहतनद प४प ककय४; अज:--सरलत४ सद; अचयपत--हद
अचयपत; तद--आपक४; गकतमनन--गनतवय; पर४मस-- परम ।.
तथ४कप भसमनमकहम४गपणसय तद
कवबकदमप ईतयमल४नतर४तमकभ: ।
अकवककय४तसव४नपभव४दरपतक
ह४ननयबकधय४तमतय४ न च४नयथ४ ॥६॥
तथ४ अकप--कफर भश; भसमननन--हद असशम; मकहम४--शकक; अगपणसय--भलकतक गपणत सद रकहत; तद-- आपकक; कवबकदमप स--
समझनद कद कलए; अहरकत--समथर हकत४ हह; अमल--कनषकलरक; अनत:-आतमकभ:--मन तथ४ इनदयत सद; अकवककय४तनन-- भलकतक
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भदद पर कनर४कशत; सव-अनपभव४तनन--परम४तम४ कद अनपभव सद; अरपत: --भलकतक रपत कद पकत अनपरक हह ए कबन४; कह--
कनससनददह; अननय-बकधय-आतमतय४--कबन४ ककसश अनय पक४शक कद , जहस४कक सवत: पकट; न--नहथ; च--तथ४; अनयथ४--
नहथ तक।.
ककनतप अभकगण आपकद पसणर स४क४र रप मम आपक४ अनपभव नहथ कर सकतद। कफर भश
त४तपयर : परमदशवर कद समसत कदवय सवरपत कक समझ प४न४ बदजशवत कद कलए ककठन हह। जहस४कक
अऔरशमद४गवत कद पथम सकरध (१.२.११) मम पपकष हह ई हह-- बहदकत परम४तमदकत भगव४ननन इकत शबदतद । ईशवर
कद अकसततव कक कमश: कनकवरशदर तदज, घट-घट-व४सश अनतय४रमश परम४तम४ तथ४ अपनद कनतय ध४म मम
व४स करनद व४लद भगव४ननन कद रप मम समझ४ ज४त४ हह। कक षण क४ अकसततव भलकतक गपणत कद परद हह।
इसशकलए यह४ह पर भगव४ननन कक अगपणसय कह४ गय४ हह।
यकग४भय४स करनद य४ उच द४शरकनक कचनतन करनद पर भश भलकतक गपणत सद परद कदवय अकसततव कक
समझ प४न४ ककठन हह। और यद स४रश कवकधय४ह एक तरह सद भगव४ननन कद अननत कदवय गपणत कक समझनद मम
वयथर हकतश हह। कद वल भगव४ननन कद शपद भकत कक कक प४ सद य४ भगव४ननन कक सरगकत करनद सद हश ईशवर कद
स४क४र रप क४ अनपभव ककय४ ज४ सकत४ हह--यह वह कवकध हह, जक शपद कक षणभ४वन४मकत मम ज४कर
गपण४तमनसतद5 कप गपण४कनवम४तपर
कहत४वतशऋनसय क ईकशरदउसथ ।
क४लदन यहव४र कवकमत४: सपकलपह-
भसप४रशव: खद कमकहक४ दपभ४स: ॥ ७॥
गपण-आतमन:--समसत उतम गपणत सद समपन वयकक क४; तद--आप; अकप--कनशचय हश; गपण४ननन-- गपणत कक; कवम४तपमनन--कगननद कद
कलए; कहत-अवतशणरसय--जक समसत जशवत कद कहत कद कलए अवतशणर हह आ हह; कद --कलन; ईकशरद--समथर हह; असय--बह४णड
क४; क४लदन--क४लकम मम; यह:--कजसकद द४र४; व४--अथव४; कवकमत४:--कगन४ हह आ; सप-कलपह: --मह४ननन कवज४कनयत द४र४; भस-
'प४रशव:--पकथवश लकक कद परम४णप; खद--आक४श मम; कमकहक४द --बफर कद कण; दप-भ४स:--त४रत तथ४ गहत क४ पक४श |.
श४यद ससयर, नकत तथ४ गहत सद कनकलनद व४लद जयककत कणत कक भश गणन४ करनद मम समथर हक
सकतद हह ककनतप इन कवद४नत मम ऐस४ कलन हह, जक आप मम अथ४रतनन पसणर पपररकतम परमदशवर मम कनकहत
असशम कदवय गपणत क४ आकलन कर सकद । ऐसद भगव४ननन समसत जशव४तम४ओर कद कलय४ण कद
कलए इस धरतश पर अवतररत हह ए हह।
शशल सन४तन गकसव४मश आगद यह भश बतल४तद हह कक भगव४ननन हर जशव कद ल४भ हदतप एक कवकशष
आधय४कतमक गपण पदकशरत करतद हह। चसकह क इस सककष मम असरखय जशव हह अतएव भगव४ननन अननत गपण
पकट करतद हह। इस तरह पतयदक बदजशव भगव४ननन कक कवकशष रप सद ज४न सकत४ हह।
यह४ह पर उद४हरण कदय४ गय४ हह कक भलद हश सबसद कवद४न परकडतगण पकथवश, कहम तथ४ पक४श कद
कणत कक गणन४ कर लम ककनतप तक भश वद भगव४ननन कद गपणत कक समझ नहथ प४एरग।द इस उद४हरण मम पकथवश,
कहम तथ४ पक४श उतरकतर ससकम हकतद ज४तद हह अतएवर उनकद अननत कणत कक गणन४ कर सकन४ एक
पक४र सद बहह त हश ककठन हह।
शशल कवशवन४थ चकवतर कद अनपस४र भगव४ननन सरकररण जहसद मह४पपररत नद पकथवश कद हश नहथ अकपतप
स४रद बह४णड भर कद परम४णपओर कक सरखय४ कक गणन४ कक हह। कफर भश सरकररण जहसद वयकक जक कक
अन४कद क४ल सद भगव४ननन कक मकहम४ क४ कनरनतर गपणग४न करतद आ रहद हह उन गपणत कक गणन४
कद अकनतम दलर मम भश नहथ पहहचह प४यद।
भगव४ननन कक षण वकनद४वन मम अपनश ब४ललशल४ओर कद समय आशचयरजनक गपण पदकशरत करतद हह--वह४ह
वद गककपक४ओर क४ म४खन चपर४तद हह, अपनश सकखयत कद स४थ न४चतद हह और अपनद कपय सरगश गव४लब४लत
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कद स४थ उनकद सव४रकधक कपय सख४ कद रप मम ककड४ करतद हह। यदकप यद स४म४नय म४नवश ककड४एह पतशत
हकतश हह ककनतप इन कदवय लशल४ओर मम कक षण कद असरखय सपनदर गपण कनकहत रहतद हह, जक शपद भकत कद
जशवन४ध४र हह।
ततदडनपकमप४र सपसमशकम४णक
भपज४न एव४तमकक तर कवप४कमनन ।
हद४गवपपकभरकवरदधनमसतद
जशवदत यक मपककपदद स द४यभ४कन न ॥ ८॥
ततनन--अत:; तद--आपकक; अनपकमप४मनन-दय४ कक; सप-समशकम४ण: --आश४ रखतद हह ए; भपझञ४न:--सहन करतद हह ए; एब--
कनशचय हश; आतम-कक तमनन--अपनद सद ककय४ गय४; कवप४कमनन--कमर फल; हतनन--हदय; व४कन न--व४णश; वपपकभर:--तथ४ शरशर सद;
कवदधननन-- अकपरत करतद हह ए; नम:--नमसक४र; तद--आपकक ; जशवदत--जशकवत रहत४ हह; य:--जक; मपकक-पदद--मपकक पद कद
कलए; सद--वह; द४य-भ४कन न-- असलश उतर४कधक४रश |.
हद पभप, जक वयकक अपनद कवगत दपषकमर कद फलत कक थहयरपसवरक सहतद हह ए तथ४ अपनद मन,
व४णश तथ४ शरशर सद आपकक नमसक४र करतद हहए सतयकनष४ सद आपकक अहहतक प क कक प४ पदत ककयद
ज४नद कक पतशक४ करत४ हह, वह अवशय हश मकक क४ भ४गश हकत४ हह कयतकक यह उसक४ अकधक४र
बन ज४त४ हह।
त४तपयर : शशल शशधर सव४मश टशक४ करतद हह ए बतल४तद हह कक कजस पक४र वहध पपत कक कपत४ क४
उतर४कधक४रश बननद कद कलए कद वल जशकवत रहन४ हकत४ हह उसश तरह जक वयकक भककयकग कद कनयमत क४
प४लन करतद हह ए कक षणभ४वन४मकत कक अपन४ प४ण४ध४र बन४त४ हह उसद भगवतकक प४ प४प हकतश हह। दससरद
शबदत मम, वह भगवद४म कक ज४त४ हह।
सपसमशकम४ण शबद ससकचत करत४ हह कक भक अपनद पसवर प४पकक तयत कद कषक४रक फलत क४ भकग
करतद हहए भश भगव४ननन कक कक प४ कक पतशक४ करत४ हह। भगव४ननन कक षण नद भगवदशत४ मम कह४ हह कक जक
भक उनकक शरण मम चल४ ज४त४ हह उसद पसवरकमर क४ फल नहथ भकगन४ पडत४। कफर भश चसहकक भक कद
मन मम अपनश पसवरप४प मनकवककत कद अवशदर रह सकतद हह अतद भगव४ननन कभश कभश अपनद भक कक दणड
ददतद पतशत हकतद हह, जक प४प कद फलत जहस४ हक सकत४ हह। ईशवर कक समपसणर सककष क४ उददशय जशव कक उस
पवककत कक सपध४रन४ हह, कजसमम वह ईशवर कद कबन४ भकग करन४ च४हत४ हह, अतद ककसश प४पकमर कद कलए
कवशदर दणड कदय४ ज४न४ उस मनकवककत कक कम करनद कद कलए हकत४ हह, कजससद वह कमर हह आ हकत४ हह।
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कनष४व४न भक भगवद४म ज४नद कद कलए इचछप क रहत४ हह, इसकलए वह खपशश खपशश भगव४ननन कद
दय४पसणर दणड कक सवशक४र करत४ हह और वह मन, वचन तथ४ कमर सद भगव४ननन कक आदर ददत४ हह तथ४
नमसक४र करत४ हह। भगव४ननन क४ स४कतधय प४प करनद कद कलए भगव४ननन क४ ऐस४ प४म४कणक द४स ईशवर क४
वहध पपत बन ज४त४ हह जहस४कक द४यभ४कन न शबदत सद ससकचत हकत४ हह। कजस पक४र सवयर अकग बनद कबन४
ककई भश वयकक ससयर कद प४स नहथ पहह हच सकत४ उसश तरह कठकर शपदशकरण कवकध क४ प४लन ककए कबन४
ककई परम पकवत कक षण तक नहथ पहह हच सकत४-यह शपदशकरण भलद हश कष जहस४ पतशत हक ककनतप यह
ह४हर ककय४नहचछकमव४कचररगल ॥ ९॥
पशय--जर४ ददखम तक; ईश-हद पभप; मद-- मदर४; अन४यरमनन--कननदनशय आचरण; अननतद--अननत कद कवरद; आदद--आकद; पर-
आतमकन--परम४तम४; तवकय--तपम; अकप-- भश; म४कय-म४कयकन--म४य४ कद सव४कमयत कद कलए; म४य४मनन--( मदरश ) म४य४; कवततय--
कवसतकत हककर; ईककतपमस-ददखनद कद कलए; आतम--आपकक; वहभवमनन--शकक कक; कह--कनससनददह; अहमनन-मह; ककय४नननस--
ककतनश; ऐचछमनन--महनद इचछ४ कक; इब--सहश; अकचर:--कचनग४रश; अगल--अकग कक तपलन४ मम |.
हद पभप, मदरश अकशषत४ कक जर४ ददखम! आपकक शकक कक परशक४ करनद कद कलए महनद अपनश
म४य४मयश शकक सद आपकक आचछ४कदत करनद क४ पयत ककय४ जबकक आप असशम तथ४ आकद
परम४तम४ हह, जक म४य४पकतयत कक भश मककहत करनदव४लद हह। आपकद स४मनद भल४ मह कनय४ हह ह?
कवश४ल अकग कक उपकसथकत मम मह छकटश कचनग४रश कक तरह हह।ह
त४तपयर : कवश४ल अकग सद अनदक कचनग४ररय४ह कनकलतश हह, जक उसकक तपलन४ मम नगणय हकतश हह।
यकद एक छकटश कचनग४रश मसल अकग कक जल४नद क४ पय४स करद तक यह पय४स उपह४स४तमक हकग४। इसश
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पक४र अकखल बह४णड कद रष४ बह४ भश ईशवर कक शकक कक नगणय कचनग४रश हह इसकलए बह४ द४र४
परमदशवर कक मककहत करनद क४ पय४स कनकशचत रप सद ह४सय४सपद थ४।
अत:--अतएव; कमसव--कक पय४ कम४ कर दम; अचयपत--हद अचयपत पभप; मद--मपझकक; रज:-भपव:--रजकगपण मम उतपन; कह--
कनससनददह; अज४नतद--अज४न हकनद सद; तवतनन--आपसद; पकथकन न-कभन; ईश--कनयनत४; म४कननद --अपनद कक म४नतद हह ए; अज--
अजनम४; अवलदप--आवरण; अनध-तमद --अज४न कद ऐसद अरधक४र सद; अनध--अनधश; चकपर:--मदरश आहखम; एर:--यह वयकक;
अनपकमपय:--दय४ कदख४नश च४कहए; मकय--मपझ पर; न४थ-व४ननन--अपनद सव४मश कद रप मम प४कर; इकत--ऐस४ सकचतद हह ए।.
त४तपयर : शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र नद अपनश टशक४ मम बतल४य४ हह कक बह४ भगव४ननन कद
समक कनमनकलकखत तकर पसतपत करन४ च४ह रहद थद: “हद पभप! चसहकक महनद बहह त बपर४ कमर ककय४ हह
इसकलए मह दणड क४ प४त हह ।ह स४थ हश चसहकक मह इतन४ बड४ अज४नश हह ह इसकलए आप मपझद अबकध मसखर
म४नकर मपझ पर कक प४ कककजयद। इस तरह यदकप मह दणड तथ४ कम४ दकनत क४ प४त हह ह ककनतप मदरश कवनम
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न४थव४ननन जकत शबदत कद द४र४ बह४जश भगव४ननन कक षण कक जत४न४ च४ह रहद थद कक आकखर वद उनकद
कपत४ और सव४मश हह अतएवर वद अपनद इस कवनशत सदवक कद अपर४ध कक कम४ कर दम। पतयदक बदजशव,
च४हद वह बह४ हक य४ कपद चथटश, अपनश पहच४न भलकतक जगत सद बन४न४ च४हत४ हह और इस तरह
भगव४ननन कद स४थ अपनद समबनध कक भसल ज४त४ हह। बह४जश भश इस कवर४ट जगत कद सष४ कद पकतकषत पद
पर हकनद कद क४रण अपनश पहच४न इस जगत कद सव४मश कद रप मम करतद हह और कभश कभश वद भसल ज४तद
हह कक वद परमदशवर कद तपचछ सदवक हह। अब भगव४ननन कक षण कक कक प४ सद यह कमथय४ पहच४न सहश कक ज४
रहश हह और बह४जश ईशवर कद कनतयद४स कद रप मम अपनश कसथकत क४ समरण कर रहद हह।
क४हर तमकमहदहरखचर४कगव४भसर-
सरवदकषत४णडघटसपकवतकसतक४य: ।
कद हकगवध४कवगकणत४णडपर४णपचय४र-
व४त४धवरकमकववरसय च तद मकहतवमनन ॥ ११॥
क--कह४ह; अहमनन--मह; तम:द--भलकतक पकक कत; महतनन--समपसणर भलकतक शकक; अहमनन-कमथय४ अहरक४र; ख-- आक४श;
चर--व४यप; अकग--आग; व४:-- जल; भस--पकथवश; सरवकद षत--कघर४ हह आ; अणड-घट-घडद कद सहश बह४णड; सप-
कवतकसत--स४त ब४कलशत; क४य:--शरशर; क--कह४ह; ईहकन न --इसकद ; कवध४--सहश; अकवगकणत-- असशम; अणड--बह४णड;
पर-अणप--परम४णप कक धसल सहश; चय४र--चल४यम४न; व४त-अधव--व४यप कद छदद; रकम--शरशर कद रकमत कद ; कववरसय--छददत
कद ; च--भश; तद--आपकक; मकहतवमनन--मह४नत४ |.
कह४ह मह अपनद ह४थ कद स४त ब४कलशतत कद बर४बर एक कपद प४णश जक भलकतक पकक कत, समग
भलकतक शकक, कमथय४ अहरक४र, आक४श, व४यप, जल तथ४ पकथवश सद बनद घडद-जहसद बह४णड सद
कघर४ हह आ हह ह! और कह४ह आपकक मकहम४! आपकद शरशर कद रकमकस पत सद हककर असरखय बह४णड
उसश पक४र आ-ज४ रहद हह कजस तरह कखडकक कक ज४लश कद छददत सद धसल कण आतद-ज४तद रहतद
हह।
बदजशव, यह४ह तक कक समग बह४णड कद क४मक४ज चल४नद व४लद बह४जश भश भगव४ननन कक बर४बरश नहथ
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कर सकतद कयतकक भगव४ननन अपनद शरशर कद रकमकछदत सद कनकलनद व४लश आधय४कतमक ककरणत सद असरखय
बह४णडत कक सककष कर सकतद हह | भलकतक कवज४कनयत कक बह४जश कद इन शबदत सद ईशवर कद समक अपनश
नगणयत४ कद कवरय मम कशक४ गहण करनश च४कहए बह४जश कक इन सतपकतयत मम उन लकगत कद कलए बहह त
कप छ सशखनद कक हह, जक शकक कद सरचय सद गकवरत हक उठद हह ।'!
शशल पभपप४द “भगव४ननन शशकक षण'” (भ४ग १, अधय४य १४) मम इस शलकक कक टशक४ करतद हह ए
आगद कहतद हह, ““बह४जश कक अपनश असलश कसथकत क४ अनपभव हह आ। कनकशचत हश वद इस बह४णड कद
परम गपर हह और भलकतक बह४णड कद सकजन कद कलए उतरद४यश हह, जक पसणर भलकतक ततवत, कमथय४
अहरक४र, आक४श, व४यप, अकग, जल तथ४ पकथवश सद बन४ हह आ हह। भलद हश ऐस४ बह४णड कवश४ल हक
ककनतप उसद म४प४ ज४ सकत४ हह, कजस तरह हम शरशर कक स४त ब४कलशतत मम म४पतद हह। स४म४नयतद हरदक
कद अपनद शरशर कक आप उसकद अपनद ह४थत कद स४थ यह बह४णड भलद हश कवश४ल शरशर पतशत हक
ककनतप यह बह४जश कद स४त ब४कलशतत कद बर४बर हह।'!
उतकदपणमनन--ल४त म४रन४; गभर-गतसय--गभरसथ कशशप; प४दयक:--दकनत प४हवत क४; ककमनन-कय४; कलपतद--मसलय हह; म४तप:द--
म४त४ कद कलए; अधककज--हद कदवय पभप; आगसद--अपर४ध कद रप मम; ककमनन--कय४; अकसत--हह; न अकसत--नहथ हह; वयपददश --
उप४कध सद; भसकरतमनन--अलरककत; तब-- आपक४; अकसत-- हह; कप कद:--उदर कद ; ककयतनन--ककतन४; अकप-- भश; अननत:--ब४ह४।.
हद पभप अधककज, कनय४ ककई म४त४ अपनद गभर कद भशतर कसथत कशशप द४र४ ल४त म४रद ज४नद कक
अपर४ध समझतश हह? कय४ आपकद उदर कद ब४हर व४सतव मम ऐसश ककसश वसतप क४ अकसततव हह,
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त४तपयर : शशल पभपप४द नद “भगव४ननन शशकक षण'” (भ४ग १ अधय४य १४) मम इस शलकक कक टशक४
इस पक४र कक हह, “अतद बह४ नद अपनश बर४बरश ककसश म४त४ कद गभर मम कसथत एक कशशप सद कक। यकद
कशशप गभर कद भशतर ह४थ-पहर चल४त४ हह और वद म४त४ कद शरशर सद छस ज४तद हह, तक कय४ म४त४ इस कशशप सद
रष हकतश हह? कनससनददह नहथ। इसश तरह बह४ भलद हश मह४ननन पपरर हत ककनतप न कद वल बह४ अकपतप
हर वसतप भगव४ननन कद उदर मम कसथत हह। भगव४ननन कक शकक सवरवय४पक हह। सककष मम ऐस४ ककई सथ४न नहथ
हह जह४ह यह शकक ककय४शशल न हक। स४रश वसतपएह भगव४ननन कक शकक कद हश अनतगरत कवदम४न हह अतद
इस बह४णड कद बह४जश अथव४ अनय करकडत बह४णडत कद बह४ भश भगव४ननन कक शकक कद अनतगरत
कसथत हह। इसशकलए भगव४ननन कक म४त४ म४न४ ज४त४ हह और म४त४ कद गभर कद भशतर कसथत पतयदक वसतप
कशशप म४नश ज४तश हह। अचछश म४त४ कभश भश कशशप क४ अपर४ध नहथ म४नतश भलद हश वह अपनद प४हवत सद
जगतनय४नतकदकधसमपवकदद
न४र४यणसयकदरन४कभन४ल४तस ।
जगतनन-तय--तशनत लककत कक; अनत--कवजय मम; उदकध--स४रद समपदत मम; समपब-- पसणर आप४वन क४; उदद--जल मम;
न४र४यणसथ-- भगव४ननन न४र४यण कद ; उदर--उदर सद उग कर; न४कभ--न४कभ; न४ल४तननस--कमल कद डरठल सद; कवकनगरतद--ब४हर
कनकलद; अज: --बह४; तप--कनससनददह; इकत--इस पक४र कहतद हहए; व४कन न--शबद; न--नहथ हह; बह--कनशचय हश; मकर४--झसठ४;
ककनतप--इस पक४र; ई शवर--हद ईशवर; तवतनन--आपसद; न--नहथ ; कवकनगरतद--कवशदर रप सद कनकल४; अकसम--मह हह ह ।.
हद पभप, ऐस४ कह४ ज४त४ हह कक जब पलय कद समय तशनत लकक जलमग हक ज४तद हह, तक
आपकद अरश, न४र४यण, जल मम लदट ज४तद हह, उनकक न४कभ सद धशरद-धशरद एक कमल क४ फस ल
कनकलत४ हह और उस फस ल सद बह४ क४ जनम हकत४ हह। अवशय हश यद वचन झसठद नहथ हह। तक कय४ मह
आपसद उतपन नहथ हह ह?
त४तपयर : यदकप स४रद जशव ईशवर कक सनत४न हह ककनतप बह४जश यह४ह पर कवशदर द४व४ करतद हह कयतकक
उनक४ जनम भगव४ननन न४र४यण कक न४कभ सद कनकलद कमल कद फस ल सद हह आ हह। अनततकगतव४ स४रद जशव
भगव४ननन कद कदवय शरशर कद एक अरश हह। लदककन बह४णड कक सककष करनद सद बह४जश क४ उनसद घकनष
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समबनध हह इसशकलए वद भगव४ननन कक कवशदर दय४ कक य४चन४ करतद हह ए कवकनगरत शबद कद स४थ कव उपसगर
लग४तद हह । बह४जश अज कहल४तद हह कयतकक वद ककसश म४त४ सद उतपन न हककर सशधद भगव४ननन कद शरशर सद
उतपन हह ए हह। जहस४कक शशल पभपप४द नद “भगव४ननन शशकक षण'” मम कलख४ हह, “इससद यहश कनषकरर
कनकलत४ हह कक न४र४यण हश बह४ कक म४त४ हह।'' इनहथ क४रणत सद बह४जश अपनद अपर४धत कद कलए
न४र४यणसतवर न कह सवरददकहन४-
म४तम४सयधशश४कखललककस४कश ।
न४र४यणकडडड र नरभसजल४यन४-
तच४कप सतयर न तवहव म४य४ ॥ १४॥
न४र४यण:-- भगव४ननन न४र४यण; तवमननस-तपम; न--नहथ; कह-- कय४; सवर--सभश; ददकहन४मस--ददहध४रश जशवत कद ; आतम४--परम४तम४;
अकस-हक; अधशश--हद परम कनयनत४; अकखल--समपसणर; लकक--लककत कद ; स४कश--गव४ह; न४र४यण: -- शश न४र४यण;
अडभमस--अरश; नर-- भगव४ननन सद; भस--कनकलकर; जल--जल कद ; अयन४तनन-- पकट करनद व४लद सकत हकनद सद; ततननस--वह अरश;
च--तथ४; अकप--कनससनददह; सतयमननस--सच; न--नहथ; तब--तपमह४र४; एब--तकनक भश; म४य४--मकहक शकक
हह परम कनयनत४, पतयदक ददहध४रश जशव कद आतम४ तथ४ समसत लककत कद श४शवत स४कश हकनद कद
क४रण कनय४ आप आकद न४र४यण नहथ हह? कनससनददह, भगव४ननन न४र४यण आपकद हश अरश हह और वद
न४र४यण इसकलए कहल४तद हह कयतकक बह४णड कद आकद जल कद जनक हह। वद सतय हह, आपकक
म४य४ सद उतपन नहथ हह।
सतपकत कक। भगव४ननन कक षण न४र४यण हह अथ४रतनन बह४ कद कपत४ हह कयतकक कक षण कद अरश रप गभरदकश४यश
व४
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कवषणप नद गभरदक मम शयन करतद हहए बह४ कक अपनद शरशर सद उतपन ककय४ थ४। क४रण४णरव मम मह४कवषणप
और सबत कद हदय मम व४स करनदव४लद परम४तम४ सवरप कशरकदकश४यश कवषणप भश परम सतय कद अरश
हह।'!
शशल सन४तन गकसव४मश नद इस शलकक कक टशक४ करतद हह ए भगव४ननन कद आकद सवरप शशकक षण कद
अवत४र कवषणप य४ न४र४यण कद अरश कक कवसतकत वय४खय४ कक हह। इसक४ स४र यह हह कक यदकप बह४जश
न४र४यण सद उतपन हह ए थद ककनतप अब बह४ समझ रहद हह कक न४र४यण तक आकद भगव४ननन शशकक षण कद हश
अरश हह।
ततनन--वह; चदतननस--यकद; जल-सथमनन--जल मम कसथत थ४; तब--तपमह४र४; सतननस--असलश; जगतनन--समपसणर बह४णड कक आशय ददतद
हह ए; वपप:--कदवय शरशर; ककमनन-कननयत; मद-- मदरद द४र४; न दषमननस--नहथ ददख४ गय४; भगवननन--हद भगवननन; तद४ एब--उसश समय;
'ककमस--कननयत; व४--अथव४; सप-दषमस-- भलश भ४हकत ददख४ हह आ; हकद--हदय मम; मद--मदरद द४र४; तद४ एब--तभश हश; ककमनन--कयत;
न--नहथ; उ--दससरश ओर; सपकद--अच४नक; एव--कनससनददह; पपनद --कफर; वयदकशर--ददख४ गय४।.
हद पभप, यकद समपसणर बह४णड कक शरण ददनद व४ल४ आपक४ यह कदवय शरशर व४सतव मम जल मम
शयन करत४ हह, तक कफर आप मपझद तब कनयत नहथ कदखद जब मह आपकक खकज रह४ थ४? और तब
कयत आप सहस४ पकट नहथ हक गयद थद यदकप मह अपनद हदय मम आपकक ठशक सद ददख नहथ प४य४
थ४।
त४तपयर : यह४ह पर बह४जश कवर४ट सककष कद प४रमभ कद अपनद अनपभव क४ उलदख कर रहद हह।
जहस४कक शशमद४गवत कद कदतशय सकनध मम कह४ गय४ हह कक बह४ क४ जनम उस कवश४ल कमल४सन सद
हह आ कजसकक न४ल न४र४यण कक न४कभ सद कनकलश थश। बह४ अपनद कवरय मम , अपनद क४यर तथ४ अपनश
पहच४न कद ब४रद मम मककहत थद अतएवर सहश ज४नक४रश प४नद कद उददशय सद वद कमलन४ल कद उदम क४ पत४
लग४न४ च४ह रहद थद। भगव४ननन कक न प४कर बह४ अपनद आसन पर ललट आयद और अदशय ककनतप कदवय
भगवद४णश द४र४ आददश कदयद ज४नद पर घकर तपसय४ मम लग गयद। दशघर धय४न कद ब४द बह४ नद भगव४ननन कक
ददख४ ककनतप वद तपरनत हश ओझल हक गयद। इस तरह बह४ नद कनषकरर कनक४ल४ कक भगव४ननन क४ कदवय शरशर
18
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भलकतक नहथ अकपतप अकचनतय यकगशककयत सद ओतपकत कनतय आधय४कतमक सवरप हह। दससरद शबदत मम,
अतहव म४य४धमन४वत४रद
ह४सय पपञञसय बकह: सफप टसय ।
कक तसनसय च४नतजरठरद जननय४
म४य४तवमदव पकटशकक तर तद ॥ १६॥
अत--इसश; एव--हश; म४य४-धमन--हद म४य४ कक वश मम करनद व४लद; अवत४रद-- अवत४र मम; कह-- कनशचय हश; असय--इस;
पपशलसथ--सककजत जगत क४; बकह:--ब४हर सद; सफप टसय--दशय; कक तसतसथ--समपसणर; च--तथ४; अनत:-- भशतर; जठरद--
आपकद उदर मम; जननय४:--आपकक म४त४ कद ; म४य४तवमस--आपकक म४य४वश शकक; एब--कनससनददह; पकटश-कक तमनन-पकट कक
ज४ चपकक हह; तद--आपकद द४र४ |.
हद पभप, आपनद इसश अवत४र मम यह कसद कर कदय४ हह कक आप म४य४ कद परम कनयरतक हह।
यदकप आप अब इस बह४णड कद भशतर हह ककनतप स४र४ बह४णड आपकद कदवय शरशर कद भशतर
हह--आपनद इस तथय कक म४त४ यशकद४ कद समक अपनद उदर कद भशतर बह४णड कदखल४कर
पदकशरत कर कदय४ हह।
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यसय--कजसकद ; कप कल--उदर मम; इकदमस-- यह कवर४ट जगत; सवरमनन--स४र४; स-आतममनन--अपनद समदत; भ४कत--पकट ककय४
ज४त४ हह; यथ४--कजस तरह; तथ४--उसश तरह; ततनन--वह; तवकय--तपम मम; अकप-- यदकप; इह--ब४ह रप सद यह४ह; ततननस--वह
कवर४ट जगत; सवरमनन--समपसणर; ककमनन--कय४; इकदमनन--यह; म४यय४--आपकक अकचनतय शकक कद पभ४व कद ; कवन४--कबन४ |.
कजस तरह आप समदत यह स४र४ बह४णड आपकद उदर मम पदकशरत ककय४ गय४ थ४ उसश तरह
अब यह उसश रप मम यह४ह पर पकट हह आ हह। आपकक अकचनतय शकक कक वयवसथ४ कद कबन४ भल४
ऐस४ कह सद घकटत हक सकत४ हह ?
त४तपयर : शशल पभपप४द नद “भगव४ननन शशकक षण”! मम इस शलकक कक टशक४ इस पक४र कक हह, “इसमम
बह४ नद बल कदय४ हह कक पसणर पपररकतम भगव४ननन कक अकचनतय शकक कक सवशक४र ककयद कबन४ वसतपओर
कक, वद कजस रप मम हह, वय४खय४ नहथ कक ज४ सकतश।''
अद--आज; एव-हश; तवतनन ऋतद--आपसद पकथकन न; असय--इस बह४णड क४; ककमनन--कय४; मम--मपझकक; न--नहथ; तद--
आपकद द४र४; म४य४तवमस-- आपकक अकचनतय शकक क४ आध४र; आदकशरतमनन--कदखल४य४ हह आ; एक:--अकद लद; अकस--हक;
पथममनन--सवरपथम; तत:--तब; बज-सपद न कतनन-आपकद वकनद४वन कद गव४लब४ल कमत; वतस४:--तथ४ बछडद; समसत४: --स४रद;
अकप--भश; त४वनतद --उतनद हश; अकस--हक गयद; चतप:-भपज४:-- भगव४ननन कवषणप कक च४र भपज४एह; ततननस--तब; अकखलह:--सबत कद
द४र४; स४कमनन-स४थ; मय४--मदरद द४र४; उप४कसत४: --पसकजत हककर; त४वकनत--उतनश हश सरखय४ कद ; एब-- भश; जगकनत--
बह४णड; अभस:--बन गयद; ततनन-- तब; अकमतमनन--असरखय; बह--परम सतय; अदबमनन--अकदतशय; कशषयतद --अब आप शदर हह।.
कनय४ आपनद आज मपझद यह नहथ कदखल४य४ कक आप सवयर तथ४ इस सककष कक पतयदक वसतप
आपकक अकचनतय शकक कद हश प४कट हह? सवरपथम आप अकद लद पकट हह ए, ततपशच४तनन आप
वकनद४वन कद बछडत तथ४ अपनद कमत गव४लब४लत कद रप मम पकट हह ए। इसकद ब४द आप उतनद हश
चतपभपरजश कवषणप रपत मम पकट हह ए जक मपझ समदत समसत जशवत द४र४ पसजद ज४ रहद थद। ततपशच४तनन
आप उतनद हश सरपसणर बह४णडत कद रप मम पकट हह ए। तदननतर आप अकदतशय परम बह कद अपनद
अननत रप मम व४पस आ गयद हह।
त४तपयर : वहकदक व४डमय मम कह४ गय४ हह-- सवर खकलवदर बह-स४रश कवदम४न वसतपएह भगव४ननन कद
अरश हह। इस तरह पतयदक वसतप भगव४ननन क४ अरश हह। भगव४ननन कक षण कक अहहतक
प क कक प४ सद बह४ नद सवयर
अनपभव ककय४ कक स४र४ जगत ईशवर कक शकक हकनद कद क४रण उनसद अकभन हह।
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अज४नत४र तवतपदवशमन४तम-
अज४नत४मनन--अज४न मम रहनदव४लद मनपषयत कद कलए; तवतनन-पदवशमनन--आपकद कदवय पद क४; अन४तमकन--भलकतक शकक मम;
आतम४--सवयर; आतमन४--सवयर सद; भ४कस--पकट हकतद हक; कवततय--कवसत४र करकद ; म४य४मनन--अपनश अकचनतय शकक कक;
सकषश--सककष कद ब४रद मम; इब--म४नक; अहमनन--मह, बह४; जगत:--बह४णड कद ; कवध४नद--प४लन पकरण मम; इब--म४नक; तवमनन
एर:--आप हश; अनतद--सरह४र मम; इव--म४नक; कत-नदत:--कशवजश |.
आपकक व४सतकवक कदवय कसथकत सद अपररकचत वयककयत कद कलए आप इस जगत कद अरश
रप मम अपनद कक अपनश अकचनतय शकक कद अरश द४र४ पकट करतद हह ए अवतररत हकतद हह। इस तरह
बह४णड कद सकजन कद कलए आप मदरद ( बह४ ) रप मम, इसकद प४लन कद कलए अपनद हश ( कवषणप )
रप मम तथ४ इसकद सरह४र कद कलए आप कतनदत ( कशव ) कद रप मम पकट हकतद हह।
त४तपयर : यदकप कनकवरशदर म४य४व४दश द४शरकनक यह सकचतद हह कक ददवत४गण म४य४ हह ककनतप बह४,
कशव तथ४ कवषणप कक यह४ह पर भगव४ननन क४ अरश कह४ गय४ हह फलत: वद सतय हह। वद बह४णड कद
अकदतशय शककश४लश कनयरतक हह| परम सतय सवरच एवर सपनदर पपरर हह इसकलए ईशवर कक सककष मम हमम
सपरदरप--ददवत४ओर मम सद; ऋकररप--ऋकरयत मम; ईश--हद पभप; तथ४--और; एव--कनससनददह; नसरप -मनपषयत मम; अकप--तथ४;
कतयरकप--पशपओर मम; य४द:सप--जलचरत मम; अकप-- भश; तद--आपक४; अजनसथ-- अजनम४; जनम--जनम; असत४मनन--अभकत
क४; दपमरद--कमथय४ अहरक४र; कनगह४य--दमन करनद कद कलए; पभक--हद सष४। कवध४त:--हद सष४; सतनन-- आज४क४रश भकत पर;
अनपगह४य--अनपगह कदख४नद कद कलए; च--तथ४ |.
हद पभप, हद परम सष४ एवर सव४मश, यदकप आप अजनम४ हह ककनतप शद४कवहशन असपरत कद कमथय४
गवर कक चसर करनद तथ४ अपनद सननननत-सदश भकत पर दय४ कदख४नद कद कलए आप ददवत४ओर,
ऋकरयत, मनपषयत, पशपओर तथ४ जलचरत तक कद बशच मम जनम लदतद हह।
त४तपयर : भगव४ननन कक षण ददवत४ओर कद बशच व४मनददव कद रप मम, ऋकरयत मम परशपर४म, मनपषयत मम
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कक वदकत भसमनभगवनपर४तमननन
यकगदशवरकतशभरवतकसलककय४मनन ।
कद--कलन; वदकत-- ज४नत४ हह; भसमननन-हद कवर४ट; भगवननन-- भगव४ननन; पर-आतमननन--हद परम४तम४; यकग-ई शवर--हद यकग कद
सव४मश; ऊतशद--लशल४एह; भवतद -- आपकक; कत-लककय४मनन-तशनत लककत मम; क--कह४ह; व४--अथव४; कथमनन--कह सद; व४--
अथव४; ककत--ककतनद; व४--अथव४; कद४--कब; इकत--इस पक४र; कवसत४रयननन-- कवसत४र करतद हह ए; ककडकस-- खदलतद हक;
यकग-म४य४मनन--अपनश आधय४कतमक शकक सद।.
त४तपयर : इसकद पसवर बह४जश कह चपकद हह कक भगव४ननन कक षण ददवत४ओर, मनपषयत, पशपओर, इतय४कद कद
बशच अवतररत हकतद हह। ककनतप इसक४ यह अथर नहथ लग४न४ च४कहए कक अपनद अवत४रत सद भगव४ननन
कनर४हत हकतद हह। जहस४कक बह४जश यह४ह पर सपष करतद हह भगव४ननन कद क४यरकल४पत कक कदवय पकक कत कक
ककई भश नहथ समझ सकत४ कयतकक यद उनकक आधय४कतमक शकक द४र४ समपन हकतद हह। वद भसमननन हकतद हह ए
भश परम सपनदर वयकक हह अथ४रतनन कतसपर भश वद भगव४ननन हश हह, जक अपनद ध४म मम पदममयश लशल४एह करतद
रहतद हह। इसकद स४थ हश वद परम४तम४ हह, जक स४रद बदजशवत कद क४यरकल४पत कक अनपमकत ददतद हह और
उनकद स४कश हह। यकगदशवर शबद सद भगव४ननन कक कवकवध पहच४न हकतश हह। परम सतय समसत यकगशककयत
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कद सव४मश हह। यदकप वद एक हह तथ४ सवरच हकतद हह ए भश वद कवकवध पक४रत सद अपनश मह४नत४ तथ४
ऐशवयर पदकशरत करतद हह ।
ऐसद उच आधय४कतमक कवरयत कक तपचछ भलकतक शरशर सद सवयर कक पहच४न करनदव४लद मसखर वयकक
मपकशकल सद समझ प४यमगद। ऐसद बदजशव, यथ४ न४कसतक कवज४नश अपनश गकवरत बपकद कक हश सवरशदष
म४नतद हह। म४य४ मम इढ कवशव४स करनद कद क४रण वद पकक कत कद गपणत मम फह स ज४तद हह और ईश-ज४न सद दसर
धकद ल कदए ज४तद हह।
तसम४कददर जगदशदरमसतसवरपर
सवपन४भमसतकधरणर पपरदप:खदपदखमनन ।
तवययदव कनतयसपखबकधतन४वननतद
म४य४त उददकप यतसकदव४वभ४कत ॥ २२॥
तसम४तनन--अत:; इकदमनन-यह; जगतनन-- सरस४र; अशदरमनन--समपसणर; असतनन-सवरपमनन--ककणक हकनद कद अथर मम कजसकक कसथकत
असतनन हह; सवपन-आभमनन--सवपन कक तरह; असत-कधरणमनन--कजसमम चदतनत४ आचछ४कदत हक ज४तश हह; पपर-दपदख-दपदखमनन--
ब४रमब४र कषत सद पसणर; तवकय--तपम मम; एब--कनससनददह; कनतय--श४ शवत; सपख--सपखश; बकध--चदतन४; तनल--कनजश सवरप मम;
अननतद--अननत; म४य४त:--म४य४ कद द४र४; उदतस-सद कनकल कर; अकप--यदकप; यतनन--जक; सतनन--असलश; इब--म४नक;
अवभ४कत--पकट हकत४ हह।.
ककनतप दससरद अथर मम बह४णड सतय हह। वदद४नत-ससत कद भ४षय मम शशल मधव४च४यर नद वहकदक शपकत मरतत
कक उदतक करतद हहए इसकक पपकष कक हह-- सतयर हनकवददर कवशवमसनडजत-- भगव४ननन द४र४ सककजत यह बह४णड
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सतय हह। यदकप वददत क४ यह समयकन न पम४ण बह४णड कद सतय हकनद कक पपकष करत४ हह कफर भश म४य४
द४र४ हम४र४ ज४न अपहत हकनद कद क४रण ( असत-कधरणमनन शबदत सद लककत), हम इस बह४णड कक य४
इस बह४णड कद सकजनकत४र भगव४ननन कक सहश ढरग सद ज४न नहथ सकतद। भगव४ननन कक षण क४ अरश हकनद कद
क४रण यह बह४णड सतय हह और भगव४ननन कक सदव४ मम लगद रहनद कद कनकमत हह। जक भगवद४म कक अपन४
घर, भगव४ननन कक पदम कक वसतप तथ४ इस बह४णड कक भगव४ननन कक सदव४ कक स४ज-स४मगश म४नत४ हह, वह
श४शवत सतय कद अनतगरत कनव४स करत४ हह, च४हद वह भलकतक तथ४ आधय४कतमक जगतत मम कहथ भश कनयत
न रहद।
एक:--एक; तवमनन-तपम; आतम४--परम४तम४; पपरर:-- परम पपरर; पपर४ण: --सबसद पपर४न४; सतय:--परम सतय; सवयमनन-
जयककत:--सवत: पकट; अननत:--अनतहशन; आद: --अन४कद; कनतय:--श४ शवत; अकर: --अनशवर; अजस-सपख: --कजसकद सपख
मम वयवध४न नहथ ड४ल४ ज४ सकत४; कनरञन:--कलमररकहत; पसण- र -पसणर; अदबद --अकदतशय; मपक:--सवतरत, मपक; उप४कधत:--
स४रश भलकतक उप४कधयत सद; अमकत: --मकतयपरकहत, अमर।.
आप हश परम४तम४, आकद पसणर पपररकतम भगव४ननन, परम सतय, सवयरपकट, अननत तथ४
अन४कद हह। आप श४शवत तथ४ अचयपत, पसणर, अकदतशय तथ४ समसत भलकतक उप४कधयत सद मपक हह। न
तक आपकद सपख कक रकक४ ज४ सकत४ हह, न हश आपक४ भलकतक कलमर सद ककई न४त४ हह। आप
कवन४शरकहत और अमकत हह।
त४तपयर : शशल शशधर सव४मश नद बतल४य४ हह कक इस शलकक कद कवकवध शबद इस ब४त कद दकतक हह
कक भगव४ननन कक षण क४ शरशर भलकतक शरशरत कद गपणत सद सवरथ४ सवतरत हह। स४रद भलकतक शरशरत मम छह
पररवतरन हकतद हह--जनम, वककद, पलढत४, पजनन, ह४स तथ४ कवन४श। ककनतप भगव४ननन कक षण जनम नहथ लदतद
कयतकक वद आकद सतय हह जदहस४कक आद शबद सद पपष हकत४ हह। हम कवशदर व४त४वरण कद अनतगरत जनम
लदतद हह और हम४रद शरशर कवकभन भलकतक ततवत कद कमशणत सद बनद हकतद हह। चसहकक भगव४ननन कक षण ककसश
भलकतक व४यपमणडल य४ ककसश ततव कक सककष कद बहहत पहलद सद कवदम४न हह अतएव उनकद कदवय शरशर
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इसश तरह पसणर शबद इस ध४रण४ क४ कनर४करण करत४ हह कक कक षण इसशकलए बढ सकद कयतकक वद
सदहव पसणतर ४ कक प४प रहतद हह । जब मनपषय क४ शरशर पलढ हक ज४त४ हह, तक वह यपव४वसथ४ जहस४ आननद-
भकग नहथ कर सकत४ लदककन अजस सपख शबद कजनक४ अथर हह “कनररतर सपख कक भकगनद व४ल४, '!
ससकचत करतद हह कक भगव४ननन कक षण क४ शरशर कभश भश तथ४ककथत मधय४वसथ४ कक प४प नहथ हकत४ हह
कयतकक वह सदहव कदवय तरण४ई कद आननद सद पसणर रहत४ हह। अकर शबद कक षण कद शरशर कद वकद हकनद य४
उसकद ह४स कक सरभ४वन४ क४ कनर४करण कर४नदव४ल४ हह। इसश तरह अमकत शबद मकतयप कक समभ४वन४ क४
कनरदध करत४ हह।
दससरद शबदत मम, कक षण क४ कदवय शरशर भलकतक शरशरत कद रप४नतरत (कवक४रत) सद मपक हह। ककनतप
भगव४ननन असरखय जगतत कक सककष करतद हह और असरखय जशवत कद रप मम अपन४ कवसत४र करतद हह। तक भश
भगव४ननन क४ यह पजनन पसणरतय४ आधय४कतमक हह।
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लबध-प४प; उपकनरतनन-- गपह ज४न क४; सप-चकपर४--पसणर आहख सद; यद--जक; तद--वद; तरकनत--प४र करतद हह; इब--सरलत४ सद;
भव--सरस४र; अनकत--जक सच नहथ हह; अमबपकधमननस--स४गर कक |.
कजनहतनद ससयर जहसद आधय४कतमक गपर सद ज४न कक सपष दकष प४प कर लश हह वद आपकक समसत
आतम४ओर कक आतम४ तथ४ हर एक कद परम४तम४ कद रप मम ददख सकतद हह। इस तरह आपकक आकद
पपररसवरप समझकर वद म४य४रपश भव-स४गर कक प४र कर सकतद हह।
““जक मदरद प४कट तथ४ कमर कक कदवय पकक कत कक ज४नत४ हह, वह शरशर-तय४ग कद ब४द इस भलकतक
जगत मम पपनद जनम नहथ लदत४, अकपतप हद अजपरन! वह मदरद ध४म कक प४प हकत४ हह।'!
आतम४नमदव४तमतय४कवज४नत४र
तदनहव ज४तर कनकखल पपकशचतमनन ।
ज४नदन भसयक5 कप च ततपलशयतद
रजव४महदभकगभव४भवल यथ४ ॥ २५॥
त४तपयर : जक लकग म४य४ मम कनमग रहतद हह, वद भलकतक जगत कक उसश तरह असशम ददखतद हह कजस
तरह जल मम डस ब४ हह आ वयकक अपनद च४रत ओर जल हश जल ददखत४ हह। उद४हरण४थर , भलकतक कवज४नश
तथ४ द४शरकनकगण भव-स४गर मम कनमग हकनद कद क४रण यह कलपन४ करतद हह कक भलकतक पकक कत क४
सभश कदश४ओर मम अननत कवसत४र हह। वसतपत: भलकतक जगत अज४न क४ सशकमत स४गर हह, कजसमम भगव४ननन
कद आददश सद मसखर जशव यथ४ भलकतक कवज४नश डप बक कदयद गयद हह।
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कजस जगत मम स४रश वसतपएह उतपन हकतश और मरतश हह उसमम फह स ज४न४ सचमपच भय४वह अनपभव
हह। सव४भ४कवक हह कक अरधक४रपसणर सथ४न मम फह स४ वयकक डर ज४त४ हह । चसकह क भलकतक जशवन अज४न कद
अरधक४र सद सदहव आवकत रहत४ हह इसकलए पतयदक बदजशव भयभशत रहत४ हह। भलकतक पकक कत चरमसतय
नहथ हह, अत: पद४थर कद कवशलदरण सद अकनतम पशनत क४ उतर नहथ कमल सकत४। यह अरधक४रपसणर सपर-
जहस४ जशवन जक कक भलकतक जशवन कहल४त४ हह कक षणभ४वन४मकत क४ पखर पक४श प४तद हश आहखम खपलनद
पर तपरनत कवलपप हक ज४त४ हह।
अज४नसरजस भवबनथमककल
दल न४म न४नयल सत ऋतजभ४व४तनन ।
अजसकचतय४तमकन कद वलद परद
कवच४यरम४णद तरण४कवव४हनश ॥ २६॥
अज४न--अज४न सद पकट हकनदव४लश; सरजल--उप४कधय४ह; भव-बनध--सरस४र क४ बनधन; मककल--तथ४ मपकक; दल-- दक; न४म--
कनससनददह; न--नहथ; अनयल--पकथकन न; सत:--हह; ऋत--सतय; ज-भ४व४तनन--ज४न सद; अजस-कचकत--अब४ध चदतन४ व४ल४;
आतमकन--आतम४; कद वलद--पद४थर सद कभन; परद--शपद; कवच४यरम४णद --उकचत ढरग सद पहच४ननद पर; तरणल--ससयर कद भशतर;
इब--कजस तरह; अहनश--कदन-र४त।.
भव-बनधन तथ४ मकक दकनत हश अज४न कक अकभवयककय४ह हह। सचद ज४न कक सशम४ कद ब४हर
हकनद कद क४रण, इन दकनत क४ अकसततव कमट ज४त४ हह जब मनपषय ठशक सद यह समझ लदत४ हह कक
शपद आतम४, पद४थर सद कभन हह और सदहव पसणरतय४ चदतन हह। उस समय बनधन तथ४ मकक क४ ककई
महतव नहथ रहत४ कजस तरह ससयर कद पररपदकय मम कदन तथ४ र४त क४ ककई महतव नहथ हकत४।
चसहकक र४कत क४ अरधक४र ससयर कक अनपपकसथकत कद क४रण हकत४ हह, अतद ससयर कद भशतर र४कत क४
श४
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अनपभव नहथ हक सकत४, न हश कदन और र४त पकथकन न-पकथकन न लग सकतद हह। इसश तरह शपद जशव कद
भशतर भलकतक अरधक४र नहथ हकत४ अत: ऐसद अरधक४र सद मपकक क४ अनपभव भश नहथ हकत४। जब बदजशव
शपद चदतन४ कद इस सतर कक प४प हकत४ हह, तक वह भगवद४म मम भगव४ननन कक सरगकत करनद क४ प४त बन
ज४त४ हह।
जर४ उन अज४नश पपररत कक मसखरत४ तक ददकखयद जक आपकक मकह कक कभन अकभवयकक म४नतद
हह और अपनद ( आतम४ ) कक, जक कक व४सतव मम आप हह, अनय कप छ--भलकतक शरशर-म४नतद हह।
ऐसद मसखरजन इस कनषकरर पर पहह चह तद हह कक परम४तम४ कक खकज परम पपरर आप सद ब४हर अनयत
कक ज४नश च४कहए।
अनतभरवदडननत भवनतमदव
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अनतद-भवद--शरशर कद भशतर; अननत--हद अननत पभप; भवनतमनन-- आप; एव--कनससनददह; कह--कनशचय हश; अततनन--आपसद
'पकथकन न हर वसतप; तयजनत:--तय४ग करतद हह ए; मकगयकनत--खकज करतद हह; सनननत:--सनननत भकगण; असनतमनन--अव४सतकवक असतनन;
अकप-- भश; अकनत-- प४स हश उपकसथत; अकहमनन-( भम कद ) सपर कक; अनतरदण --कद कबन४; सनतमनन--असलश; गपणमनन-रससश कक;
'तमनन--उस; ककमनन उ--कय४; यकनत-- ज४नतद हह; सननननत:द-- आधय४कतमक पद कक प४प वयकक।.
हद अननत भगव४ननन, सनननतजन आपसद कभन हर वसतप क४ कतरसक४र करतद हह ए अपनद हश शरशर कद
भशतर आपकक खकज कनक४लतद हह। कनससनददह , कवभदद करनदव४लद वयकक भल४ ककस तरह अपनद
समक पडश हह ई रससश कक असलश पकक कत कक ज४न सकतद हह जब तक वद इस भम क४ कनर४करण
नहथ कर लदतद कक यह सपर हह?
जक लकग सनत सवभ४व कद तथ४ बपकदम४न हह, वद सदहव आधय४कतमक ज४न अथ४रतनन कक षणभ४वन४मकत क४
अनपशशलन करतद हह कयतकक वद शरशर कक 'सव' म४ननद कक मसखरत४पसणर गलत पहच४न कक तय४ग चपकद हकतद
हह। ऐसद कक षणभ४वन४भ४कवत वयककयत कक शरशर कद भशतर परम४तम४ रप मम व४स करनदव४लद भगव४ननन कक
अनपभसकत हकतश हह, जक पतयदक जशव क४ स४कश एवर म४गरदशरक हह। परम४तम४ तथ४ आतम४ कक अनपभसकत
इतनश सपखद तथ४ सनतकरपद हकतश हह कक कसद वयकक उन स४रश ब४तत कक सवयमदव छकड ददत४ हह, जक
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अथ--अतद; अकप--कनससनददह; तद--आपक४; ददव--हद पभप; पद-अमबपज-द--दक चरणकमलत कक; पस४द--दय४ क४;
लदश--ररचम४त; अनपगहक शत:--दय४ कदख४य४ गय४; एव--कनशचय हश; कह--कनससनददह; ज४न४कत--ज४नत४ हह; ततवमस-- सतय;
भगवतनन-- भगव४ननन कक; मकहमन:--मह४नत४ क४; न--कभश नहथ; च--तथ४; अनय: --दससर४; एक:--एक; अकप--यदकप;
कचरमनन--दशघरक४ल तक; कवकचनवनननस--कवच४र करतद हहए.
हद पभप, यकद ककसश पर आपकद चरणकमलत कक लदशम४त भश कक प४ हक ज४तश हह, तक वह
आपकक मह४नत४ कक समझ सकत४ हह। ककनतप जक लकग भगव४ननन कक समझनद कद कलए कचनतन
करतद हह, वद अनदक वरर तक वददत क४ अधययन करतद रहनद पर भश आपकक ज४न नहथ प४तद।
त४तपयर : उपयपरक प४ठ शशल पभपप४द कक त चदतनय-चररत४मत (मधय लशल४ ६.८४) सद उदतक ककय४
गय४ हह।
भगव४ननन कक षण उन बदजशवत पर जक भगव४ननन कक भ४मक शकक म४य४ सद वयथर हश सरघरर करतद रहतद
हह अपनश कक प४ पद४न करनद कद कलए अतयकधक उतसपक रहतद हह। बदजशव सपख कद कलए इकनदयतककप कद
द४र४ और ज४न कद कलए म४नकसक कचनतन कद द४र४ सरघरर करत४ हह। इन दकनत कवकधयत सद उसद दपखमय
तथ४ कनर४श४जनक कसथकत क४ स४मन४ करन४ पडत४ हह। ककनतप यकद बदजशव भगव४ननन कक षण कद
चरणकमलत कक शरण गहण करत४ हह और इस तरह उनकक ररचम४त भश अहहतपकक कक प४ प४प कर लदत४
हह, तक स४रश कसथकत बदल ज४तश हह और जशव कक षणभ४वन४मकत मम आननद तथ४ ज४न क४ असलश जशवन
ततनन--अतएव; असतप--ऐस४ हश हक; मद--मदरद; न४थ--हद सव४मश; सद--वह; भसरर-भ४ग: --अहकभ४गय; भवद--जनम मम; अत--यह;
व४--अथव४; अनयत--ककसश अनय जनम मम; तप--कनससनददह; व४--अथव४; कतरश४मस-पशपओर मम; यदन--कजससद; अहमनन--मह;
एक:--एक; अकप-- भश; भवतनन-- अथव४ आपकद ; जन४न४मनन-भकत मम सद; भसतवव४--बनकर; कनरदबद--आपकक सदव४ मम लग
सकसह ; तब--तपमह४रद; प४द-पललवमनन--चरणकमलत मम |.
अतद हद पभप, मदरश प४थरन४ हह कक मह इतन४ भ४गयश४लश बन सकसह कक इसश जशवन मम बह४ कद
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रप मम य४ दससरद जशवन मम जह४ह कहथ भश जनम लसह, मदरश गणन४ आपकद भकत मम हक। मह प४थरन४
करत४ हह ह कक च४हद पशप यककन मम हश सहश, मह जह४ह कहथ भश हकऊह, आपकद चरणकमलत कक भकक
मम लग सकसह ।
अहक--ओह; अकत-धनय४:--परम भ४गयश४लश; बज--वकनद४वन कक; गक--गलवम; रमणय:--तथ४ गककपय४ह; सतनननय--सतन क४ दसध;
अमकतमनन-- अमकत कद तपलय; पशतमनन--कपय४ गय४; अतशव--पसणरतय४; तद--आपकद द४र४; मपद४--सनतकर कद स४थ; य४स४मनन--
कजसक४; कवभक--हद सवरशककम४न; वतसतर-आतमज-आतमन४--बछडत तथ४ गव४कलनत कद पपतत कद रप मम; यतनन--कजसकद ;
तकपयद--सनतकर कद कलए; अद अकप--आज तक; न--नहथ; च--तथ४; अलमनन--पय४रप; अधवर४:-- वहकदक यज |
कपय४ हह! अननतक४ल सद अब तक समपन ककयद गयद स४रद वहकदक यजत सद भश आपकक उतन४ सननननतकर
नहथ हह आ हकग४।
अहक--ककतन४ बड४; भ४गयमननस-- भ४गय; अहक --ककतन४ मह४न; भ४गयमननस-- भ४गय; ननद--मह४र४ज ननद क४; गकप--अनय गव४लत
क४; बज-ओकस४मनन--बजभसकम कद कनव४कसयत क४; यतनन--कजनकद ; कमतमनन-कमत; परम-आननदमनन--परम आननद; पसणरमनन-पसण;
र
बह-- परम सतय; सन४तनमननस-सन४तन, कनतय.
ननद मह४र४ज, स४रद गव४लद तथ४ बजभसकम कद अनय स४रद कनव४सश ककतनद भ४गयश४लश हह! उनकद
सलभ४गय कक ककई सशम४ नहथ हह कयतकक कदवय आननद कद सकत परम सतय अथ४रतनन सन४तन परबह
उनकद कमत बन चपकद हह।
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एर४मनन--इनकद ( वकनद४वन व४कसयत क४ ); तप--तक; भ४गय--सलभ४गय कक; मकहम४--मह४नत४; अचयपत--हद अचयपत; त४वतनन--
इतनश; आसत४मनन--हक; एक४दश-गय४रह; एवर कह--कनससनददह; वयमस-- हम; बत--ओह; भसरर-भ४ग४:--परम भ४गयश४लश हह;
एततनन--इन भकत कक; हरशक--इकनदयत सद; चरकह :--( जक ) पय४लत ( कक तरह हह )। असकक तनन--ब४रमब४र; कपब४म:--हम पश रहद
हह; शवर-आदय:--कशवजश तथ४ अनय पमपख ददवगण; अकडघ-उदज--चरणकमल; मधप--शहद; अमकत-आसवमनन--जक अमकत
तपलय म४दक पदय हह; तद-- आपक४ |.
ततनन--वह; भसरर-भ४गयमनन--मह४नतम सलभ४गय; इह--यह४ह; जनम--जनम; ककमनन अकप--ककई भश; अटवबय४मनन-( वकनद४वन कद )
जरगल मम; यतनन--जक; गककप लद--गककप ल मम; अकप-- भश; कतम--ककसश ( भक ) कद ; अदपकध--चरणत कक; रज:--धसल सद;
अकभरदकमनन--सत४न; यतनन--कजसक४; जशकवतमनन--जशवन; तप--कनससनददह; कनकखलमनन-पसर४; भगव४ननन-- भगव४ननन; मपकपनदद --
मपकपनद; तप-लदककन; अद अकप--अब भश; यतनन--कजसकद ; प४द-रज: --चरणत कक धसल; शपकत--वददत द४र४; मकगयमननस--खकजश
ज४नदव४लश; एव--कनशचय हश ।.
मदर४ सरभ४कवत परम सलभ४गय यह हकग४ कक मह गककप ल कद इस बन मम जनम लद सकसह और इसकद
कनव४कसयत मम सद ककसश कद भश चरणकमलत सद कगरश हह ई धसल सद अपनद कसर क४ अकभरदक करह।
उनक४ स४र४ जशवनस४र पसणर पपररकतम भगव४ननन मपकपनद हह कजनकद चरणकमलत कक धसल कक खकज
आज भश वहकदक मरतत मम कक ज४ रहश हह।
त४तपयर : यह शलकक इरकगत करत४ हह कक बह४जश वकनद४वन मम घ४स क४ एक कपद कतनक४ भश बनकर
जनम लदनद कक आक४रक४ करतद हह कजससद भगवद४म कद पकवत कनव४सश उनकद कसर कद ऊपर सद हककर
गपजरम और अपनद चरणत कक धसल सद आशशव४रद दम। यथ४थरव४दश हकनद कद न४तद बह४जश सशधद भगव४ननन कक षण
कद चरणत कक धसल प४प करन४ नहथ च४हतद; पतयपत वद भगव४ननन कद भकत कक कक प४ कक क४मन४ करतद हह।
शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र कहतद हह कक बह४जश भगव४ननन कद घर कद आहगन क४ पतथर तक बनकर
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जनम लदनद कक इचछ४ करतद हह। चसकह क बह४जश अकखल बह४णड कद सष४ हह अतएव हम अनपम४न लग४
सकतद हह कक वकनद४वनव४कसयत कक यशसवश कसथकत कय४ थश।
भगवदक अननय भकक तथ४ पदम कद द४र४ अपन४ उच पद प४प करतद हह। ऐस४ आधय४कतमक ऐशवयर
कनजश पगकत कक गकवरत भलकतक कवकधयत सद प४प नहथ ककय४ ज४ सकत४। “' भगव४ननन शशकक षण '' मम शशल
पभपप४द नद बह४ कद मन कक ब४त क४ उद४टन इस पक४र ककय४ हह, “ककनतप यकद मह इतन४ भ४गयश४लश
नहथ हह ह कक वकनद४वन कद जरगल मम जनम लद सकसह तक वकनद४वन कद आसप४स कद कदत मम जनम लदनद कक मपझद
अनपमकत दश ज४य कजससद जब भकगण ब४हर ज४यम तक वद मदरद ऊपर सद हककर गपजरम। मदरद कलए यहश परम
सलभ४गय हकग४। मह तक ऐसद जनम कक आक४रक४ करत४ हह ह कजसमम भकत कक चरण-धसल मपझद सपशर करतश
रहद।!!
एर४मनन-- इन; घकर-कनव४कसन४मनन-गव४ल ज४कत कद कनव४कसयत मम; उत--कनससनददह; भव४नननस--आप; ककमस-- कय४; ददव--हद
भगवननन; र४त४-- पद४न करमगद; इकत--ऐस४ सकचतद हह ए; न:--हम४र४; चदत:--मन; कवशव-फल४तनन--समसत वरत कद परम सकत कक
अपदक४; फलमनन--पपरसक४र; तवतनन--आपकक अपदक४; अपरमनन-दससर४; कप त अकप--कहथ भश; अयतनन--कवच४र करनद पर;
मपह४कत--मककहत हक ज४त४ हह; सतनन-वदर४तनन--भक कद वदश मम; इब--कनससनददह; पसतन४--पसतन४ र४कसश; अकप-- भश; स-कप ल४--
अपनद पररव४रव४लत बक४सपर तथ४ अधघ४सपर कद स४थ; तव४मस--आपकक; एव--कनशचय हश; ददव--हद पभप; आकपत४--प४प कर४ई
गई; यतनन--कजसकद ; ध४म--घर; अथर--धन; सपहतनन-कमतगण; कपय--कपय समबनधशजन; आतम--शरशर; तनय--सनत४नम;
प४ण--प४ण व४यप; आशय४: --तथ४ मन; तवतनन-कक तद--आपकक समकपरत ।.
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त४वतननस--तब तक; र४ग-आदय:--भलकतक आसकक इतय४कद; सतदन४:--चकर; त४वतनन--तब तक; क४र४-गकहमनन-- जदल, बनदशगकह;
गकहमस--ककसश क४ घर; त४वतनन--तब तक; मकहद--प४ररव४ररक सनदह क४ मकह; अकडधन--उनकद चरणत मम; कनगड:--जरजशरम,
बदकडय४ह; य४वतनन--जब तक; कक षण --हद कक षण; न--नहथ हक ज४तद; तद--आपकद ( भक ); जन४:--लकग।.
त४तपयर : ऊपरश तलर सद, भगव४ननन कक षण कद ध४म वकनद४वन कद कनव४सश सशधदस४दद गकहसथ हह, जक गलवत
कक प४लनद, भकजन बन४नद, बचत क४ प४लनपकरण करनद तथ४ ध४कमरक कक तयत कक समपन करनद जहसद
स४म४नय क४मक४जत मम लगद रहतद हह। ककनतप यद स४रद क४यरकल४प भगव४ननन कक षण कक पदम४भकक मम समपन
हकतद रहतद हह | वकनद४वन कद कनव४सश अपनद स४रद क४यरकल४प शपद कक षणभ४वन४मकत मम करतद हह अतएव मपक
जशवन कद सवरच पद पर कसथत रहतद हह। अनयथ४ कक षणभ४वन४मकत सद रकहत यद हश क४यरकल४प भवबनधन
बन ज४तद हह।
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पपशममनन-- भलकतक ; कनषपपकच: --पसणरतय४ आधय४कतमक; अकप--यदकप; कवडमबयकस--आप अनपकरण करतद हह; भस-तलद--पकथवश
पर; पपन--शरण४गत; जनत४--लकगत क४; आननद-सनदकहमनन--न४न४ पक४र कद आननद; पकथतपमनन--कवसत४र करनद कद कलए;
पभक--हद सव४मश |.
त४तपयर : शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र इरकगत करतद हह कक कजस पक४र ससयर कद पक४श मम दशपक
क४ पक४श उतन४ उदशप नहथ ज४न पडत४ कजतन४ कक छ४य४ मम ज४न पडत४ हह, अथव४ एक हशर४ च४हदश कक
थ४लश मम उतन४ नहथ चमकत४ कजतन४ कक नशलद क४हच कक तसतरश मम , उसश तरह गककवनद रप भगव४ननन कक
लशल४एह वहकपणठ ध४म मम उतनश आशचयरजनक नहथ लगतथ कजतनश कक म४य४ कद भलकतक पररदशय मम।
भगव४ननन कक षण इस धर४ मम आकर अपनद भकत कद स४थ आज४क४रश पपत, सख४, पकत, कपत४, कमत इतय४कद
कद रप मम वयवह४र करतद हह और सरस४र कद अरधक४र मम यद तदजसवश उनमपक लशल४एह भगव४ननन कद शरण४गत
भकत कक असशम आननद पद४न करतश हह।
शशल पभपप४द नद '' भगव४ननन शशकक षण '' मम बह कद कथन कक इस रप मम उदतक ककय४ हह, “मह यह
भश समझ सकत४ हह ह कक छकटद सद गव४लब४ल कद रप मम आपक४ प४कट ककई भलकतक कक तय नहथ हह।
आप उनकद सनदह सद इतनद दबद हह ए हह कक आप अपनश कदवय उपकसथकत सद उनहम अकधक४कधक पदम४भकक
करनद कद कलए पकतस४कहत करनद यह४ह आतद हह।''
ज४ननत:--ऐसद वयकक जक सकचतद हह कक वद आपकक असशम शकक सद अवगत हह; एब--कनशचय हश; ज४ननतप--ऐस४ सकच४ करम;
ककमस--कय४ ल४भ; बहह -उकतय४-- अनदक बचनत सद; न--नहथ; मद--मदरद; पभक--हद सव४मश; मनस:--मन क४; वपपर: --शरशर क४;
व४च:--व४णश क४; वहभवमनन--ऐशवयर; तब--आपकक; गक-चर: --पररकध मम |.
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पभप, मह तक इतन४ हश कहह हग४ कक जह४ह तक आपकद ऐशवयर कक ब४त हह वद मदरद मन, शरशर तथ४ शबदत
कक पहह हच सद ब४हर हह।
अनपज४नशकह--कक पय४ ज४नद दम; म४मनन-मपझकक; कक षण --हद भगव४ननन कक षण; सवरमनन--हर वसतप; तवमनन-तपम ( आप ); वदकतस--
ज४नतद हक; सवर-इकन न--सवरदशर; तवमस--तपम; एब-- अकद लद; जगत४मनन--स४रद बह४णडत कद ; न४थ: --सव४मश; जगतनन--बह४णड;
एततनन--यह; तब--आपकक ; अकपरतमनन--अकपरत हह.
हद कक षण, अब मह आपसद कवद४ लदनद कक अनपमकत कद कलए कवनशत भ४व सद अनपरकध करत४ हह।ह
व४सतव मम आप स४रश वसतपओर कद ज४त४ तथ४ दष४ हह। आप समसत बह४णडत कद सव४मश हह कफर भश
मह आपकक यह एक बह४णड अकपरत करत४ हह ।ह
त४तपयर : शशल पभपप४द नद “भगव४ननन शशकक षण”! मम बह४ कद वचनत कक इस पक४र उदतक ककय४ हह,
“हद पभप, यदकप समसत सककष कद परम सव४मश आप हह ककनतप कभश कभश मह कमथय४ कचनतन करत४ हह ह कक
इस बह४णड क४ सव४मश मह हह।ह भलद हश मह इस बह४णड क४ सव४मश हकऊह ककनतप बह४णड असरखय हह और
उनकद अकधष४त४ बह४ भश असरखय हह। ककनतप उन सबकद व४सतकवक सव४मश आप हह। पतयदक हदय मम
परम४तम४ कद रप मम आप हर ब४त कद ज४त४ हह। अत: आप मपझद अपन४ शरण४गत सदवक सवशक४र करम।
आश४ हह कक आप मपझद अपनद कमतत तथ४ बछडत कद स४थ लशल४ओर मम हसतकदप करनद कद कलए कम४ कर
दमगद। अब यकद आप अनपमकत दम तक मह तपरनत कवद४ लसह कजससद आप मदरश अनपपकसथकत मम अपनद कमतत तथ४
बछडत कद स४थ आननदमग हक सकम ।'!
यह४ह सवर तवर वदकतस सवरहकन न शबद अतयनत स४थरक हह। कक षण सब कप छ ज४नतद हह और हर वसतप कक
ददखतद हह अतएवर भगव४ननन कद स४थ पदममय समपकर बन४यद रखनद कद कलए बह४ क४ वकनद४वन मम रहन४
आवशयक नहथ हह। वसतपतद बह४णड कद सष४ कद रप मम बह४जश वकनद४वन कद सशधदस४दद आननदमय
व४त४वरण मम खप नहथ रहद थद जह४ह भगव४ननन कक षण गलवम चर४नद, आमकद-पमकद करनद इतय४कद मम अपन४
परम वहभव पदकशरत कर रहद थद।
यह ददखनद कद ब४द कक वकनद४वनव४कसयत मम कक षण कद कलए ककतन४ गहन पदम हह, बह४ नद अपनद कक
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वह४ह रहनद कद अयकगय समझ४। वद भगव४ननन कक सरगकत छकडन४ तक नहथ च४हतद थद ककनतप उनहतनद बहलकक
मम ज४कर भकक करन४ शदयसकर समझ४। भगव४ननन कक मककहत करनद कद अपनद मसखरत४पसणर पय४स कद क४रण
दपखश तथ४ कचकनतत बह४जश नद भगव४ननन कक उपकसथकत क४ आननद-ल४भ न उठ४कर अपनश आधय४कतमक
पदम४भकक मम कफर सद लग ज४नद कक शदयसकर समझ४।
उदमरश४वररहर कककतर४कसशनप-
ग४कलपम४करमरईनभगवनमसतद ॥ ४०॥
शश-कक षण--हद कक षण; वककषण-कप ल--यदप वरश कद ; पपषकर--कमल; जकर--आननद; द४कयनननस-ददनदव४लद; कम४--पकथवश कद ;
कनजरर--ददवत४गण; कदज--ब४हण; पशप--तथ४ ज४नवर; उदकध--स४गर कक; वककद--वककद; क४ररनस--क४रणसवरप; उदमर--
न४कसतक कसद४नतत कद ; श४वरर-- अरधक४र कक; हर-- भग४नद व४लद; कककत--पकथवश पर; र४कस--असपरत क४; धपकनन--कवरकधश; आ-
'कलपमनन-बह४णड कद अनत तक; आ-अकरमननस--जब तक ससयर चमकत४ हह; अहरनननस--हद परम पसजय कवगह; भगवननन--हद भगवननन;
'नमद--मह स४दर नमसक४र करत४ हह ह; तद--आपकक |
त४तपयर : शशल सन४तन गकसव४मश कद अनपस४र बह४जश यह४ह पर न४म सडजगतरन कद आननद मम मग हह
कजससद भगव४ननन कक षण कद उन कवकभन पकवत न४मत कक मकहम४ बढतश हह, जक उनकक कवकभन लशल४ओर कक
ओर सरकदत करतद हह। भगव४ननन कक षण नद दकत४पसवरक उस पकथवश कद असपरत क४ दमन ककय४ जक करस,
जर४सनध तथ४ कशशपप४ल जहसद आसपरश र४जनशकतजत कद प४दभ४रव सद असह हक उठश थश। इसश तरह
आधपकनक सम४ज मम ईशवर सद तथ४ककथत डरनद व४लद अनदक लकग हह, जक व४सतव मम आसपरश जगत कद पकत
आकक ष हकतद हह। ऐसद लकग ससय४रसत हकतद हश म४नक जश उठतद हह और अहधदरद मम भकजन४लयत, न४इटकबत,
हकटलत इतय४कद मम जशवन क४ आननद लसटतद हह। यद स४रद स४धन अवहध यलन, नश४, दसत ककड४ तथ४
म४रस४ह४र कद कनकमत हकतद हह। इसकद अल४व४ वद लकग हह, जक अपनद कक न४कसतक तथ४ असपर घककरत करतद
हह ए ईशवर तथ४ उनकद कनयमत कक अवहदलन४ करतद हह। ईशवर कद गपप तथ४ पकट दकनत पक४र कद शतप
उ४
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बह४ कक सतपकत कद कवरय मम शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र कहतद हह, “'बह४ कक यह सतपकत जक
स४रद सरशयत कक दसर करनदव४लश तथ४ भकक क४ कवसत४र करनद व४लश हह मदरश चदतन४ कक आध४रकशल४ क४
सपनदर कलशल बनद।””
शशशपक उब४च
इतयकभषह य भसम४नर कत: पररकमय प४दयक: ।
नतव४भशषर जगद४त४ सवध४म पतयपदत ॥ ४१॥
शश-शपक: उब४च-- शश शपकददव गकसव४मश नद कह४; इकत--इस पक४र; अकभषह य--पशरस४ करतद हह ए; भसम४नमनन--अननत भगव४ननन
कद पकत; कतद:--तशन ब४र; पररकमय--पदककण४ करकद ; प४दयक: --उनकद चरणत पर; नतव४--झपककर; अभशषमनन--व४रकछत;
जगतनन--बह४णड क४; ध४त४--सष४; सव-ध४म-- अपनद घर कक ; पतयपदत--ललट गय४।.
शपकददव गकसव४मश नद कह४ : इस पक४र सतपकत करनद कद ब४द बह४जश नद अपनद आर४धय अननत
भगव४ननन कक तशन ब४र पदककण४ कक और कफर उनकद चरणत पर नतमसतक हह ए। ततपशच४तनन बह४णड
कद कनयपक सष४ अपनद लकक मम ललट आयद।
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सदहव सतकर रहन४ च४कहए। यह भगवद४म मम रहनद कद पय४स कक अपदक४ अकधक महतवपसणर हह।
'ततद--तब; अनपज४पप--अनपमकत ददकर; भगव४ननन-- भगव४ननन; सव-भपवमनन--अपनद पपत ( बह४ ) कक; प४कप -पहलद सद;
अवकसथत४नननस--कसथत; वतस४नस--बछडद; पपकलनमननस--नदश कद तट पर; आकननननयद--लद आयद; यथ४-पसवर--पहलद कक तरह; सखमनन--
जह४ह पर कमतगण उपकसथत थद; सवकमनन-- अपनद |.
अपनद पपत बह४ कक पसथ४न कक अनपमकत ददकर भगव४ननन नद बछडत कक स४थ लद कलय४, जक
अब भश वहथ थद जह४ह वद एक वरर पसवर थद और उनहम नदश कद तट पर लद आयद जह४ह पर भगव४ननन सवयर
पहलद भकजन कर रहद थद और जह४ह पर उनकद गव४लब४ल कमत पसवरवतनन थद।
त४तपयर : सव-भपवमनन शबद, कजसक४ अथर हह “अपनद पपत कक, ”” ससकचत करत४ हह कक भगव४ननन कक षण
नद बह४ द४र४ ककयद अपर४ध कक कम४ कर कदय४ थ४ और उसद अब अपनद पपत कद सम४न सनदह कर रहद थद।
इस शलकक मम यह कह४ गय४ हह कक असलश गव४लब४ल सख४ तथ४ बछडद पसवरवतनन यमपन४ तट पर तथ४
जरगल मम थद। इससद पसवर बछडद जरगल मम खक गयद थद और कक षण उनहम ढस हढनद गयद थद। उनहम न प४कर वद
अपनद गव४ल कमतत सद कसथकत पर कवच४रकवमशर करनद ललट आयद थद ककनतप वद भश वह४ह सद लपप हक चपकद
थद। अब पपन: गलवम जरगल मम थथ और भकजन करनद कद कलए गव४लब४ल नदश कद तट पर थद। शशल सन४तन
गकसव४मश कद अनपस४र बछडद तथ४ गव४लब४ल कमश: जरगल तथ४ नदश तट पर एक स४ल तक रहतद रहद।
बह४जश व४सतव मम उनहम ककसश अनय सथ४न पर नहथ लद गयद। भगव४ननन कक सवरशककयपत म४य४ सद गककपयत
तथ४ वकनद४वन कद अनय व४कसयत नद न तक बछडत तथ४ ब४लकत कक ओर धय४न कदय४, न हश बछडत तथ४
बचत नद एक वरर कक अवकध गपजरतद ददखश य४ भसख, पय४स अथव४ ठरड क४ अनपभव ककय४। भगव४ननन कक
म४य४ द४र४ यद स४रश लशल४एह कनयककजत थथ। बह४ नद सकच४, “महनद गककप ल कद स४रद ब४लकत तथ४ बछडत
कक अपनश यकगशकक कक शयय४ पर सपल४ रख४ हह और वद सब आज तक नहथ जगद हह। उतनश हश सरखय४
मम ब४लक तथ४ बछडद पसरद वरर भर भगव४ननन कक षण कद स४थ खदलतद रहद हह ककनतप कजनहम महनद यकगशकक द४र४
मककहत ककय४ हह उनसद यद कभन हह। तक कफर वद कलन हह ? वद कह४ह सद आयद ?''
भगव४ननन सद कप छ भश अदशय नहथ हह। इसशकलए भगव४ननन कक षण बछडत तथ४ ब४लकत कक खकजतद हह ए
बह४ कक मककहत करनद कक न४टककय लशल४ क४ सव४हग कर रहद थद। जब बह४ सतपकत कर चपकद तक कक षण
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असलश ब४लकत तथ४ बछडत कद प४स ललट आयद जक कबलकप ल पहलद कक हश तरह लग रहद थद यदकप एक
वरर कक अवकध बशतनद कद क४रण उनकद कद मम कप छ वककद हक गई थश।
शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र कद अनपस४र चसहकक कक षण वकनद४वन मम भकलद-भ४लद ककशकर गव४लब४ल
कक ककड४ कर रहद थद अतद जब चतपमपरख बह४ सतपकत कर चपकद तक कक षण उनकद समक मलन बनद रहद।
कक षण कक चपपपश सद कनमनकलकखत भ४व इरकगत हकतद हह--““यद चतपमपरख बह४ कह४ह सद आयद ? वद कय४ कर
रहद हह? वद कय४ बकलद चलद ज४ रहद हह? मह तक अपनद बछडत कक खकज करनद मम वयसत हह ।ह मह तक
गव४लब४ल ठहर४। मह यह सब कय४ समझस।ह '' बह४ नद कक षण कक स४म४नय गव४लब४ल समझकर उनकद स४थ
वयवह४र ककय४ थ४। बह४ कक सतपकत सवशक४र करनद कद ब४द कक षण गव४लब४ल कक तरह खदलतद रहद। उनहतनद
चतपमपरख बह४ कक ककई उतर नहथ कदय४। कक षण कक अपनद गव४लब४ल कमतत सद कमलनद और यमपन४ नदश कद
एककसमनस--एक; अकप--यदकप; य४तद--बशत ज४नद पर; अबदद--वरर ; प४ण-ईशमनन--उनकद प४णत कद सव४मश; च--तथ४;
अनतर४--रकहत; आतमन: --उनसद; कक षण--कक षण कक; म४य४--म४य४शकक सद; आहत४:--पचछन; र४जनननस--हद र४जननन; कण-
अधरमनन-- आध४ कण; मदकनरद-- सकच४; अभरक४द--ब४लकत नद।.
हद र४जन, यदकप ब४लकत नद अपनद प४णदश सद कवलग रहकर पसर४ एक वरर कबत४ कदय४ थ४
ककनतप वद कक षण कक म४य४शकक सद आवकत कर कदयद गयद थद अतद उनहतनद उस वरर कक कद वल आध४
कण हश समझ४।
ककमनन ककमनन-कय४ कय४; न कवसमरकनत--लकग भसल नहथ ज४तद हह; इह--इस सरस४र मम; म४य४-मककहत--म४य४ द४र४ मककहत ककयद
गयद; चदतस:--मन व४लद; यतनन-- कजससद; मककहतमनन--मककहत हह ए; जगतनन--सरस४र; सवरमननस--समपसणर; अभशकणमनन--कनरनतर; कवसमकत-
आतमकमनन--अपनद तक कक भसलकर।.
कजनकद मन भगव४ननन कक म४य४शकक द४र४ मककहत हत, भल४ उनहम कय४ नहथ भसल ज४त४ ? म४य४
कक शकक सद यह कनकखल बह४णड कनरनतर मकहगसत रहत४ हह और इस कवसमककत कद व४त४वरण मम
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त४तपयर : यह४ह सपष कह४ गय४ हह कक समपसणर बह४णड मककहत हह। अत: इनद तथ४ बह४ जहसद बडद
बडद ददवत४ तक इस कवसमककत कद कसद४नत सद बचद हहए नहथ हह। चसकह क भगव४ननन कक षण नद गव४ल कमतत तथ४
बछडत पर अनतररग४ म४य४शकक क४ पयकग ककय४ अतद इसमम ककई आशचयर नहथ कक उनहम एक वरर तक
अपनश कसथकत क४ समरण नहथ हह आ। भगव४ननन कक बकहररग४ शकक कद द४र४ बदजशव अपनद अकसततव कक
एक वरर कनय४ ल४खत वरर तक भसलद रह सकतद हह कयतकक वद अज४न कद लकक मम, कजसद भलकतक जगत
कहतद हह, ददह४नतरण करतद रहतद हह।
'ऊचप:--बकलद; च--तथ४; सपहद:द--कमतगण ; कक षणमनन-- भगव४ननन कक षण सद; सप-आगतमनन--व४पस आ गयद हक; तद--तपम; अकत-
रररहस४--बहह त जलदश; न--नहथ; एक:--एक; अकप-- भश; अभककज-- ख४य४ गय४ हह; कवल: --कलर; एकह--आओ; इतद--
यह४ह; स४धप--ठशक सद; भपजयत४मनन--अपन४ भकजन करक।.
गव४ल कमतत नद भगव४ननन कक षण सद कह४ “तपम इतनश जलदश आ गयद! तपमह४रश अनपपकसथकत मम
हमनद एक कलर भश नहथ ख४य४। आओ और अचछश तरह सद अपन४ भकजन करक।'
'ततद--तब; हसननन--मपसक४तद हह ए; हरशकद श:द --सबत कक इकनदयत कद सव४मश भगव४ननन कक षण नद; अभयवहतय--भकजन करतद हह ए;
ततपशच४तनन भगव४ननन हरशकद श नद हहसतद हह ए अपनद गकपकमतत कद स४थ अपन४ भकजन सम४प
ककय४। जब वद जरगल सद बज मम कसथत अपनद घरत कक ललट रहद थद तक भगव४ननन कक षण नद गव४लब४लत
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बपससनवनध४तपकवकचकतत४ड
पकद४मवदणदप लशकडभरवकतसव४ढ: ।
वतस४नगसणननपगगशतपकवतकककतर -
गकपशहगपतसवदकश: पकववदश गकषमनन ॥ ४७॥
बह--मकरपरख; पससन--फस लत; वन-ध४तप--जरगल कद खकनजत सद; कवकचकतत--अलरककत; अड:--कदवय शरशर; पकद४म--कवश४ल;
वदण-
प दल--ब४हस कक टहनश सद बन४; शकडड--वरशश कक; रब--पकतधवकन सद; उतसव--उतसव समदत; आढ:--दशप; वतस४नस-
बछडत कक; गकणनननस--पपक४रतद हह ए; अनपग--अपनद सरकगयत द४र४; गशत--ग४य४ गय४; पकवत--शपद करनद व४ल४; कककतर:--उनकक
मकहम४; गकपश--गककपयत कक; हकन नस-- आहखत कद कलए; उतसव--तयलह४र; हकश:--उनकक दकष; पकववदश--पकवष हहए; गकषमस--
चर४ग४ह मम
त४तपयर : शशल जशव गकसव४मश तथ४ शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र कद अनपस४र यह४ह पर कजन
गककपयत क४ उलदख हह आ हह वद म४त४ यशकद४ जहसश अकधक आयपव४लश गव४कलनम थथ जक कक षण कक म४त४-
कपत४ कद सम४न पय४र करतश थथ। कक षण कद गव४लकमत उनकद अदपत क४यर पर इतनद गकवरत थद कक ग४हव मम
अद--आज; अनदन--उनकद द४र४; मह४-वय४ल:--कवश४ल सपर; यशकद४--यशकद४; ननद--तथ४ मह४र४ज ननद कद ; ससननप ४--पपत
द४र४; हत:--म४र४ गय४ हह; अकवत४:--बच४यद गयद हह; वयमनन--हम सभश; च-- तथ४; असम४तनन--उस असपर सद; इकत--इस पक४र;
ब४ल४:--ब४लकत नद; बजद--वकनद४वन मम ; जगप:द--ग४य४ |.
बज ग४म पहह हचतद हश ब४लकत नद गपणग४न ककय४, “आज कक षण नद एक कवश४ल सपर म४रकर
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शशर४जकब४च
बहनपरकदवद कक षणद इय४नपदम४ कथर भवदतनन ।
यक<भसतपसवरसतककद रप सवकदवदषवकप कथयत४मनन ॥ ४९॥
शश-र४ज४ उव४च--र४ज४ नद कह४; बहनस-हद ब४हण, शपकददव; पर-उदवद--दससरद कक सनननत४न; कक षणद--कक षण कद कलए; इय४ननन--
इतन४ अकधक; पदम४--पदम; कथमनन--कयत; भवदतनन--हक सकत४ हह; यद--जक; अभसत-पसवर:-- अभसतपसवर; तककद रप--ब४लकत कद
कलए; सव-उदवदरप--अपनद हश जनमद; अकप-- भश; कथयत४मनन--कक पय४ बतल४इयद।.
र४ज४ परशककत नद कह४, “'हद ब४हण, गव४लत कक पकतनयत मम एक पर४यद पपत कक षण कद कलए
ऐस४ अभसतपसवर शपद पदम ककस पक४र उतपन हह आ--ऐस४ पदम कजसक४ अनपभव उनहम अपनद पपतत कद
पकत भश नहथ उतपन हह आ ? कक पय४ इसद बतल४इयद।''
शशशपक उब४च
सवरर४मकप भसत४न४र नकप सव४तमहव बललभ: ।
इतरद5 पतयकवत४द४सतदलभतयहव कह ॥ ५०॥
शश-शपक: उब४च-- शश शपकददव गकसव४मश नद कह४; सवरर४मनन--समसत; अकप--कनससनददह; भसत४न४मनन--जशवत मम; नकप--हद र४जन;
सव-आतम४--अपनश हश आतम४, सव; एव--कनशचय हश; वलनलभ:--कपयतम; इतरद-- अनय; अपतय--सनत४नम; कवत-- धन;
आद४:--इतय४कद; ततनन--उस आतम४ कद ; वलनलभतय४--कपयतव पर आकशत; एव कह--कनससनददह |
शश शपकददव गकसव४मश नद कह४ : हद र४जन, पतयदक प४णश कद कलए सवयर हश सव४रकधक कपय
हकत४ हह। सननतन ४न, धन इतय४कद अनय समसत वसतपओर कक कपयत४ कद वल आतम-कपयत४ कद क४रण
हह।
त४तपयर : कभश कभश आधपकनक कचनतक नहकतक आचरण कद मनककवज४न क४ अधययन करतद समय
चकर४ ज४तद हह। जहस४कक यह४ह पर बतल४य४ गय४ हह, कक पतयदक जशव आतम-रकण कद पकत उनमपख रहत४
हह ककनतप कभश-कभश ककई वयकक अपनद सव४थर कक बकल--यथ४ अनयत कद ल४भ कद कलए अपन४ धन
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ददकर य४ र४षडशय कहत कद कलए अपन४ जशवन ददकर-नवदचछ४ सद कर ददत४ हह। ऐस४ तथ४ककथत कनसव४थर
आचरण भलकतक आतम-कद नदत४ तथ४ आतम-रकण कद कसद४नत क४ कवरकधश पतशत हकत४ हह।
ककनतप जहस४कक इस शलकक मम बतल४य४ गय४ हह जशव अपनद सम४ज, र४षड पररव४र इतय४कद कक सदव४
इसशकलए करत४ हह कयतकक यद कपय वसतपएह कमथय४ अहरक४र कक कवसत४ररत कवच४रध४र४ कक हश पदकशरत
करनद व४लश हह। ददशभक अपनद कक मह४नसनन र४षड कद मह४ननन सदवक कद रप मम ददखत४ हह अतएव वह अपनद
अहरभ४व कक तपकष कद कलए अपन४ जशवन नयलछ४वर कर ददत४ हह। इसश तरह यह सपपररकचत तथय हह कक
मनपषय अपनश पतलश तथ४ अपनश सनत४न कक पसन करनद कद कलए अपन४ सवरसव अकपरत कर ददत४ हह।
अपनद कक अपनद पररव४र तथ४ अपनश ज४कत कद कनसव४थर शपभकचनतक कद रप मम ददखतद हह ए मनपषय कक
परम अहमनयत४ क४ सपख प४प हकत४ हह। ऐस४ कवरकधभसलक आचरण भलकतक जशवन कद म४य४-मकह क४
अनय पतयक पम४ण हह, जक अललककक आतम४ कद कनपट अज४न कक अकभवयकक कद अकतररक और कप छ
नहथ हह।
ततनन--अतएव; र४ज-इनद-हद र४ज४ओर मम शदष; यथ४--कजस तरह; सनदह: --सनदह; सव-सवक- पतयदक वयकक कक; आतमकन--
आतम४ कद कलए; ददकहन४मस--ददहध४रश प४कणयत कद ; न--नहथ; तथ४--उसश तरह; ममत४-आलकमब--उसकद कलए जक अपनद कक
अपनश वसतपओर कद रप मम म४नत४ हह; पपत--पपत; कवत-- धन; गकह--घर; आकदरप-- इतय४कद मम |.
अतएव इसशकलए हद र४ज४ओर मम शदष, ददहध४रश जशव आतमकद कनदत हकत४ हह। वह सनननतन ४न, धन
तथ४ घर इतय४कद वसतपओर कक अपदक४ अपनद शरशर तथ४ अपनश ओर अकधक आसक हकत४ हह।
त४तपयर : अब स४रद कवशव मम यह पचलन हक गय४ हह कक यकद म४त४ कक ककसश सननतन ४न कक जनम ददनद
मम असपकवध४ हकतश हह, तक वह अपनद गभर कद भशतर हश उस सनननत४न कक म४र ड४लतश हह। इसश तरह बडद
हकनद पर सनननत४नम अपनश सपकवध४ कद कलए वकद म४त४-कपत४ कक घर मम न रखकर अन४थ४लयत मम रख ददतश
हह। यद तथ४ अनय सहकडत उद४हरण यह कसद करतद हह कक लकग स४म४नयतय४ अपनद शरशर तथ४ अपनश
ओर अकधक अनपरक रहतद हह कयतकक यद ““अहरभ४व'' कद ससचक हह जबकक पररव४र तथ४ अनय वसतपएह
““ममतव'” कक ससचक हह। यदकप बदजशव अपनद सम४ज, पररव४र इतय४कद कद पकत पदम पर बहह त गवर क४
अनपभव करतद हह ककनतप व४सतकवकत४ तक यह हह कक पतयदक बद आतम४ सथसल य४ ससकम सव४थर कद सतर पर
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कजनक४ महतव शरशर कद कलए हकत४ हह कभश भश शरशर कजतनश कपय नहथ हकतथ।
ददह:--शरशर; अकप--भश; ममत४--सव४कमतव क४; आक -बद जब चदतनन--यकद; तकहर--तब; असल--वह शरशर; न--नहथ;
आतम-वतनन-आतम४ कद सम४न; कपय:--कपय; यतनन-- कयतकक; जशयरकत--वकद हकतद हह ए; अकप--भश; ददहद--शरशर मम; अकसमननन--
इस; जशकवत-आश४-- जशकवत रहनद कक आक४रक४; बलशयसश --अतयनत पबल |.
यकद मनपषय शरशर कक “मह'” न म४नकर ““मदर४'' म४ननद कक अवसथ४ तक पहह हच ज४त४ हह, तक
वह कनकशचत रप सद शरशर कक अपनद आप कजतन४ कपय नहथ म४नदग४। यहश क४रण हह कक शरशर कद
जशणरशशणर हक ज४नद पर भश जशकवत रहतद ज४नद कक आश४ पबल रहतश हह।
त४तपयर : यह४ह पर ममत४भ४कन न शबद अतयनत स४थरक हह। स४म४नय मसखर वयकक सकचत४ हह कक “मह यह
शरशर हह।ह ' ककनतप अकधक कववदकव४न बपकदम४न वयकक सकचत४ हह कक “यह मदर४ शरशर हह। '' स४कहतय मम
तथ४ स४म४नय लकगत कक लकक-कथ४ओर मम वकद एवर जजरर वयकक मम एक नय४ तरण शरशर प४प करनद
कक अकभल४र४ स४म४नयतय४ प४यश ज४तश हह। इस तरह स४म४नय वयककयत तक मम आतम-स४क४तक४र क४
कवच४र पहद४ हक ज४त४ हह और वद सहजभ४व सद समझतद हह कक अनदक शरशरत मम आतम४ कद कलए रह प४न४
समभव हह।
बपकदम४न वयकक क४ शरशर जयत जयत जशणरशशणर हकत४ ज४त४ हह उसमम जशकवत रहनद कक आक४रक४
बलवतश हकतश ज४तश हह, यदकप वह यह ज४नत४ रहत४ हह कक उसक४ शरशर अकधक क४ल तक चल नहथ
सकत४। इससद यह ससकचत हकत४ हह कक धशरद धशरद वह इस तथय सद अवगत हकत४ ज४त४ हह कक इस शरशर
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कक तपलन४ मम उसकक आतम४ अकधक महतवपसणर हह। इस तरह जशकवत४श४ सद मनपषय अपतयकतद आतम-
स४क४तक४र कक प४रकमभक ज४नक४रश कक ओर ज४नद लगत४ हह। मनपषय कक मसलभसत आसकक अपनश आतम४
सद रहतश हह, अपनद सद समबद वसतपओर सद नहथ।
यह४ह यह इरकगत कर कदय४ ज४य कक र४ज४ परशककत तथ४ शपकददव गकसव४मश कद बशच आतम४ कद कपयतव
कक लदकर हकनदव४ल४ समसच४ सरव४द इस कवरय कक छदडन४ हह कक वकनद४वन कक गलवम तथ४ गककपय४ह कक षण
कक अपनद आप सद भश अकधक कपय, यह४ह तक कक अपनश सननतन ४नत सद भश अकधक कपय कनयत म४नतश थथ।
शबद चल समपकत यथ४ पररव४र तथ४ प४लतस पशपओर एवर अचल समपकत यथ४ घर-ब४र क४ भश दकतक हह।
कक षणमदनमवदकह तवम४तम४नमकखल४तमन४मनन ।
जगकदधधत४य सकउपयत ददहशव४भ४कत म४यय४ ॥५५॥
कक षणमनन-भगव४ननन कक षण कक; एनमनन--इन; अवदकह--समझनद क४ पयतन करक; तवमनन--तपम; आतम४नमनन--आतम४ कक; अकखल-
आतमन४मनन--समसत जशवत कद ; जगतनन-कहत४य--स४रद बह४णड कद ल४भ हदतप; सद--वह; अकप--कनशचय हश; अत-- यह४ह; ददहश--
म४नव; इब--सहश; आभ४कत-- पकट हकत४ हह; म४यय४--अपनश अनतररग४ शकक कद द४र४।.
तपम कक षण कक समसत जशवत कक आकद आतम४ करकद ज४नक। वद अपनश अहहतकप क कक प४वश,
समसत जगत कद ल४भ हदतप, स४म४नय म४नव कद रप मम पकट हह ए हह। ऐस४ उनहतनद अपनश अनतररग४
शकक कद बल पर ककय४ हह।
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“' भगव४ननन शशकक षण कक भकक करनद सद मनपषय कक अहहतपक ज४न तथ४ सरस४र सद कवरकक प४प हकतश
हह।!!
वसतपत:--व४सतव मम; ज४नत४मनन--ज४ननद व४लत कद कलए; अत--इस सरस४र मम; कक षणमनन-- भगव४ननन कक षण कक; सथ४सनप-- अचल;
चररषणप--चल; च--तथ४; भगवतनन-रपमनन-- भगव४ननन क४ पकट रप; अकखलमनन--सवरसव; न--कप छ भश नहथ; अनयतनन--अनय;
वसतप--वसतप; इह--यह४ह; ककजन--तकनक भश।.
इस जगत मम जक लकग भगव४ननन कक षण कक यथ४रप मम समझतद हह, वद समसत चर य४ अचर
वसतपओर कक भगव४ननन कद वयक रप मम ददखतद हह। ऐसद पबपद लकग भगव४ननन कक षण सद परद अनय
व४
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त४तपयर : पतयदक वसतप कक षण मम और पतयदक वसतप मम कक षण कवदम४न रहतद हह। कफर भश पगमन कक
कदश४ शककम४न सद कवसत४ररत शकक कक ओर हकतश हह। भगव४ननन कक षण आकद सत४ हह कजनसद अनय स४रश
सत४एह उदसत हकतश हह। वद परम शककम४न हह कजनसद सभश पक४र कक शककय४ह पकट हकतश हह। इस तरह
हम४रद शरशर, आतम४, पररव४र, कमत, र४षड, लकक, बह४णड इतय४कद भगव४ननन कक हश अकभवयककय४ह हह, जक
अपनश कनजश शककयत कद म४धयम सद कवसत४र करतद हह। कनशचय हश कक षण हम४रद पदम तथ४ आकररण कद
चरम लकय हह जबकक शरशर, पररव४र तथ४ घर गलण लकय हह। यहश नहथ, पदम कद यद गलण लकय भश कक षण
कक हश अकभवयककय४ह हह | कनषकरर यहश हह कक भगव४ननन कक षण हम४रद एकम४त कमत तथ४ पदम कद लकय हह।
शशल पभपप४द नद इस शलकक कक टशक४ “' भगव४ननन शशकक षण ”' मम इस पक४र कक हह : “कक षण क४ अरश
हह ए कबन४ ककई भश वसतप आकररक नहथ बन सकतश। कवशव मम जक भश आकररक हह, वह कक षण कद क४रण
हह। अतएव कक षण समसत आननद कद आग४र हह। कक षण हर वसतप कद स४र हह और उच अधय४तमव४दश
पतयदक वसतप कक उनसद समबकनधत ददखतद हह। चदतनय-च४ररत४मनकत मम कह४ गय४ हह कक मह४भ४गवत अथ४रतनन
उच शदणश क४ भक कक षण कक समसत चर४चर जशवत क४ सकम आध४र म४नत४ हह। इसकलए वह इस जगत
ससकम पकक कत कद सकत तक भगव४ननन कक षण हह। तक भल४ उनसद पकथकन न ककसकक कह४ ज४ सकत४ हह?
सम४कशत४ यद पदपलवपवर
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सम४कशत४:--शरण४गत; यद--जक लकग; पद--पहरत क४; बललज मल कक ककलयत कद सम४न; पवमनन--नलक४ रप; महतनन--
समपसणर जगत कद अथव४ मह४तम४ओर कद ; पदमनन--शरण; पपणय--अतयनत पपनशत; यश:--कजनक४ यश; मपर-अरद:--मपर न४मक
असपर कद शतप क४; भव--सरस४र क४; अमबपकध:--स४गर; वतस-पदमनन--बछडद क४ खपर; परमनन पदमनन-परम ध४म, वहकपणठ; पदमनन
'पदमननस--पग पग पर; यतनन--जह४ह; कवपद४मनन-कवपद४एह; न--एक भश नहथ; तदर४मस--उनकद कलए
हशयजगत कद आशय एवर मपर र४कस कद शतप मपर४रश कद न४म सद पकसद भगव४ननन कद
चरणकमल रपश न४व कक कजनहतनद सवशक४र ककय४ हह उनकद कलए यह भव-स४गर बछडद कद खपर
कचनह मम भरद जल कद सम४न हह। उनक४ लकय पररर यदमनन अथ४रतनन वहकपणठ हकत४ हह जह४ह भलकतक
कवपद४ओर क४ न४मककनश४न नहथ हकत४, न हश पग पग पर ककई सरकट हकत४ हह।
त४तपयर : उपयपरक उदरण शशल पभपप४द कलकखत भगवदशत४ यथ४रप कक टशक४ (२.५१) सद कलय४
गय४ हह। शशल शशधर सव४मश कद अनपस४र इस शलकक मम शशमद४गवत कद इस अधय४य क४ स४र पसतपत
ककय४ गय४ हह। भगव४ननन कक षण कद चरणकमलत कक पलनलव कह४ गय४ हह कनयतकक वद अतयनत ककमल तथ४
गपल४बश ररग कद हह। शशल सन४तन गकसव४मश कद अनपस४र पलनलव शबद सद यह भश ससकचत हकत४ हह कक
भगव४ननन कक षण कद चरणकमल कलपवकक कद सम४न हह, जक भगव४ननन कद शपद भकत कक स४रश इचछ४ओर कक
पसर४ करनदव४लद हह। शशन४रद जहसद उचसथ भक, जक सवयर इस बह४णड कद बदजशवत कद परम आशय हह,
भगव४ननन कद चरणकमलत कक शरण गहण करतद हह। अत: सव४भ४कवक हह कक जब भगव४ननन कक षण वकनद४वन
कद समसत गव४लब४लत तथ४ बछडत कद रप मम अपनद कक पकट करतद हह, तक उनकद म४त४-कपत४ पहलद कक
अपदक४ उनकद पकत अकधक आबकक ष हकतद हह। भगव४ननन कक षण समसत आननद कद आग४र हह और सव४रकररक
एततनन--यह; तद--आपसद; सवरमनन--सभश; आखय४तमनन-वणरन ककय४; यतनन-- जक; पकष: --पसछ४ गय४; अहमनन--महनद; हह--इस
समबनध मम; तवय४--तपमह४रद द४र४; ततनन--वह; कलम४रद--ब४लयक४ल मम ( प४हच वरर कक अवसथ४ मम ); हरर-कक तमनन-- भगव४ननन हरर
द४र४ समपन; पलगणडद--ब४लयक४ल कद ब४द ( छठद वरर सद लदकर आगद ); पररकककतरतमनन--गपण४नपव४द ककय४ हहआ।.
चसहकक आपनद मपझसद पसछ४ थ४ इसकलए महनद भगव४ननन हरर कक उन लशल४ओर क४ सरपसणर वणरन
ककय४ जक उनहतनद अपनश आयप कद प४हचवम वरर मम समपन कक थथ ककनतप छठ४ वरर लगनद तक पशसत
नहथ हह ई थथ।
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एततसपहकदशवररतर मपर४रद-
रघ४दरनर श४दलजदमनर च ।
वयकद तरदसपमजकवरकभषवर
'एततनन--यद; सपहकदद-- अपनद गव४ल कमतत कद स४थ; चररतमनन--लशल४एह; मपर४रदद -- भगव४ननन मपर४रश कक; अघ-अदरनमनन--अघ४सपर क४
दमन; श४दल--जरगल कक घ४स पर; जदमनमनन-- भकजन करतद हह ए; च--तथ४; वयक-इतरतनन-- अललककक; रपमनन-- भगव४ननन क४
कदवय रप; अज--बह४ द४र४; उर--कवसतकत; अकभषवमनन--सतपकत; शकणवनस-- शवण; गकणननन--ककतरन; एकत--प४प करत४ हह;
नरद--ककई मनपषय; अकखल-अथ४रनननस--स४रश मनव४रकछत वसतपएह।.
मपर४रश द४र४ गव४लब४लत कद स४थ समपन इन लशल४ओर कक--यथ४ अघ४सपर वध, जरगल कक
घ४स पर बहठकर भकजन करन४, भगव४ननन द४र४ कदवय रपत क४ प४कट तथ४ बह४ द४र४ कक गई
अदपत सतपकत कक जक भश वयकक सपनत४ हह य४ उनक४ ककतरन करत४ हह उसकक स४रश आधय४कतमक
मनकक४मन४एह अवशय पसरश हकतश हह।
त४तपयर : शशल सन४तन गकसव४मश कद अनपस४र भगव४ननन कक षण कक लशल४ओर कक सपननद तथ४ उनक४
ककतरन करनद कद पकत म४त पवककत रखनदव४ल४ वयकक भश आधय४कतमक कसकद प४प करदग४। कक षणभ४वन४मकत
कद पच४र-पस४र मम तनननमयत४ सद लगद बहह त सद भकगण प४य: इतनद वयसत रहतद हह कक वद जश भरकर
भगव४ननन कक लशल४ओर क४ ककतरन तथ४ शवण नहथ कर प४तद। ककनतप कद वल भगव४ननन कक षण क४ सदहव
ककतरन एवर शवण करनद कक पबल इचछ४ कद क४रण वद आधय४कतमक कसकद ल४भ करमगद। ककनतप जह४ह तक
एवमनन--इस पक४र; कवह४रह:--लशल४ओर सद; कलम४रह:--ब४लयक४ल कक; कलम४रमनन-प४हच वरर तक कक ब४लय४वसथ४; जहतप:--
उनहतनद कबत४ दश; बजद--वजभसकम मम; कनल४यनहद--आहखकमचलनश खदल मम; सदतप-बनधहद-- पपल बन४नद मम; मकरट-उतपलवन--
बनदरकस द; आकदकभ: --इतय४कद मम |.
इस पक४र बज भसकम मम आहखकमचलनश क४ खदल खदलतद, खदल मम हश पपल बन४तद, बनदरत कक
तरह कस दफ४हद करतद तथ४ अनय ऐसद हश खदलत मम लगद रहकर ब४लकत नद अपन४ ब४लयक४ल
कबत४य४।
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त४तपयर : शशल सन४तन गकसव४मश कद अनपस४र कनल४यनह शबद लपक४-कछपश य४ आहखकमचलनश जहसद
खदलत क४ दकतक हह। कभश कभश ब४लकगण भगव४ननन र४मचनद कक सदन४ कद बनदरत कक तरह कस दतद और
त४ल४बत य४ झशलत मम पपल बन४कर शशलरक४ मम बनदरत द४र४ सदतप बन४नद कक नकल करतद। कभश यद ब४लक
कशरस४गर मनथन कक नकल उत४रतद और कभश गमद खदलतद। आधय४कतमक जगत मम हमम पसणर आननद कमल
सकत४ हह बशतर कक हर क४यर शपद भगवतपदम अथ४रतनन कक षणभ४वन४मकत मम समपन ककय४ ज४य।
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७ 81 ० 10, ७०७ 97 ६२-15
(1 भ 0(९४ 7 पदह
धदनक
प ४सपर क४ वध
पलगणड४वसथ४ कक लशल४एह पकट करतद-करतद एक कदन र४म (बलर४म) तथ४ कक षण अपनश गलवम
चर४तद चर४तद एक आकररक वन मम पकवष हहए कजसमम एक सवचछ सरकवर थ४। वद अपनद कमतत कद स४थ
खदलकस द करनद लगद। थक४न क४ बह४न४ करकद बलददव नद अपन४ कसर एक गव४लब४ल कक गकद मम रख
कदय४ और कक षण अपनद बडद भ४ई कक थक४न दसर करनद कद कलए उनकद प४हव दब४नद लगद। ततपशच४तनन कक षण नद
भश अपन४ कसर एक गव४लब४ल कक गकद मम रख कदय४ और एक अनय गव४लब४ल उनक४ प४हव दब४नद
लग४। इस तरह कक षण, बलर४म तथ४ उनकद गव४ल कमतत नद कवकवध लशल४ओर क४ रस कलय४।
खदलतद हहए शशद४म४, सपबल, सतकककक षण तथ४ अनय गव४लब४लत नद र४म तथ४ कक षण सद उस दपष तथ४
दपदरम धदनपक४सपर क४ बख४न ककय४ कजसनद गधद क४ वदश ध४रण कर रख४ थ४ और जक गकवधरन पवरत कद
कनकट कद त४लवन मम रह रह४ थ४। इस वन मम अनदक पक४र कद मधपर फल थद ककनतप इस असपर कद भय सद
ककई भश वयकक इन फलत क४ आसव४दन करनद क४ स४हस नहथ जपट४ प४य४। इसकलए आवशयक थ४ कक
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इस असपर तथ४ इसकद सरकगयत क४ वध ककय४ ज४य। इस कसथकत कक सपनकर र४म तथ४ कक षण अपनद सरकगयत
कक इचछ४पसकतर कद कलए इस वन कक ओर चल पडद।
त४लवन पहह चह कर जयतहश बलर४म नद त४लवककत कक कहल४कर बहह त सद फल कगर४यद तभश धदनक
प ४सपर
उन पर आकमण करनद कद कलए तदजश सद दलड४। लदककन बलर४म नद उसकक कपछलश ट४रगत कक एक ह४थ सद
दबकच कलय४, उसद घपम४य४ और एक वकक कक चकटश पर फम क कदय४। इस तरह उसक४ वध कर कदय४। तब
धदनक
प ४सपर कद सभश स४थश कप द हककर आकमण करनद कद कलयद झपटद ककनतप र४म तथ४ कक षण नद एक एक
करकद उनकक पकड कर घपम४नद कद ब४द म४र ड४ल४। इस तरह स४र४ उतप४त सम४प हक गय४। जब कक षण
तथ४ बलर४म गव४ल-समपद४य कद बशच ललट कर आयद तक यशकद४ तथ४ रककहणश नद उनहम गकद मम उठ४ कलय४,
उनकद मपखडद चसमद, अचछ४ भकजन कर४य४ और सपल४ कदय४।
कप छ कदन ब४द कक षण अपनद कमतत कद स४थ गलवम चर४नद क४कलनदश तट पर गयद ककनतप बलर४म स४थ मम
न थद। गलवम तथ४ गव४लब४ल बहह त हश पय४सद थद अत: उनहतनद क४कलनदश क४ थकड४-स४ जल कपय४। ककनतप
यह जल कवर सद कलपकरत थ४ इसकलए वद सब नदश कद तट पर बदहकश हक गयद। कक षण नद अपनश कचतवन
कक दय४-वककष सद उनहम कफर सद जशकवत ककय४। हकश मम आनद पर उन सबत नद इस मह४ननन दय४ कक भसरर
भसरर पशरस४ कक।
शशशपक उब४च
ततशच पलगणडवय: शशतल बजद
बभसवतपसतक पशपप४लसममतल ।
ग४शच४रयनतल सकखकभ: समर पदह-
ईनद४वनर पपणयमतशव चकतप: ॥ १॥
शश-शपकद उब४च-- शश शपकददव गकसव४मश नद कह४; तत:--तब; च--तथ४; पलगणड वय: --पलगणड अवसथ४ ( ६ सद १० वरर
तक ); कशतल-- प४प करकद ; बजद--वकनद४वन मम; बभसबतप:--बन गयद; तल--दकनत ( र४म तथ४ कक षण ); पशप-प४ल--नव४लत कद
रप मम; सममतल-- कनयपक; ग४: --गलवम; च४रयनतल--चर४तद हह ए; सकखकभद सममनन--अपनद कमतत कद स४थ स४थ; पदहद--प४हवत कद
कचहढत सद; वकनद४वनमनन-- शश वकनद४वन कक; पपणयमननस--प४वन; अतशव-- अतयनत; चकतप: --उनहतनद बन४ कदय४।.
शपकददव गकसव४मश नद कह४ : वकनद४वन मम रहतद हह ए जब र४म तथ४ कक षण नद पलगणड अवसथ४
(६-१० वरर ) प४प कर लश तक गव४लत नद उनहम गलवम चर४नद कद क४यर कक अनपमकत पद४न कर दश।
इस तरह अपनद कमतत कद स४थ इन दकनत ब४लकत नद वकनद४वन कक अपनद चरणकमलत कद कचनहत सद
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त४तपयर : भगव४ननन कक षण अपनद उन गव४लब४ल कमतत कक पकतस४कहत करन४ च४हतद थद कजनहम पहलद
अघ४सपर नद कनगल कलय४ थ४ और ब४द मम बह४जश चपर४ लद गयद थद। फलत: भगव४ननन नद तय ककय४ कक वद
उनहम त४लवन लद ज४यमगद जह४ह सव४कदष पकद हह ए बहह त सद फल थद। चसकह क अब कक षण क४ आधय४कतमक
शरशर, आयप तथ४ बल मम कप छ बढ४ हह आ कदखनद लग४ थ४ अत: ननद मह४र४ज समदत वकनद४वन कद गपरजनत
नद कक षण कक बछडद चर४नद व४लद सद बढ४कर कनयकमत गकप४लक कद पद पर पकनत करनद क४ कनशचय ककय४।
अब कक षण पलढ गलवत, स४हडत तथ४ बहलत कक रखव४लश ककय४ करतद थद। इसकद पसवर ननननद मह४र४ज सनदहवश
कक षण कक नननह४ ज४नकर तथ४ ग४य-बहलत कक रखव४लश करनद मम अकम म४नतद रहद। पदपपर४ण कद क४कतरक
म४ह४तमय अनपभ४ग मम कह४ गय४ हह :
“कवद४न लकग क४कतरक म४स कक शपक४षमश कक गकप४षमश कद न४म सद ज४नतद हह। उसश कदन सद
भगव४ननन व४सपददव गलवत कक सदव४ करनद लगद जबकक इसकद पसवर वद बछडद चर४तद थद।'!
परदद शबद सद ससकचत हकत४ हह कक भगव४ननन कक षण नद पकथवश कक अपनद चरणकमलत सद पकवत बन४य४। वद
न तक जसत४ पहनतद थद, न ककई अनय पदत४ण। अकपतप वद नरगद प४हव जरगल मम घसमतद थद कजससद वकनद४वन कक
ब४ल४ओर कक मह४ननन कचनत४ रहतश थश कक उनकद ककमल चरणकमलत कक कहथ चकट न लग ज४य।
ततनन--इस पक४र; म४धव:-- शश म४धव; वदणमप नन-- अपनश वरशश; उदशरयननन--बज४तद हह ए; वकतद--कघरद हह ए; गकपह: --गव४लब४लत सद;
'गकणकदद--ककतरन करतद हह ए; सव-यश:--अपन४ यश; बल-अकनवत:--बलर४म सकहत; पशसनननस--पशपओर कक; पपरसकक तय--आगद
करकद ; पशवयमनन-गलवत कद कलए पकरण सद पसणर; आकवशतनन-- पवदश ककय४; कवहतपर-क४म: --कवह४र करनद कक इचछ४ सद; कप सपम-
आकरमनन- फस लत सद पररपसणर; वनमनन--वन मम ।.
इस तरह अपनश लशल४ओर क४ आनरद उठ४नद कक इचछ४ सद अपनश वरशश बज४तद हह ए और अपनद
गपणग४न कर रहद गव४लब४लत सद कघरद हह ए तथ४ बलददव कद स४थ ज४तद हह ए म४धव नद गलवत कक अपनद
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त४तपयर : शशल सन४तन गकसव४मश नद म४धव शबद कद कवकवध अथर कक वय४खय४ कक हह, जक इस
पक४र हह म४धव स४म४नयतय४ उस कक षण क४ ससचक हह, जक “लकमश कद पदमश '' हह। उक न४म यह भश
बत४त४ हह कक वद कक षण मधप वरश मम अवतररत हह ए। चसकह क वसननननत ऋतप क४ भश न४म म४धव हह अतएव
जयतहश कक षण नद वकनद४वन जरगल मम पवदश ककय४, तक उसमम सवत: वसननननत-वहभव छ४ गय४। वह फस लत सद,
शशतल मनद व४यप सद तथ४ सवकगरक व४त४वरण सद पररपसणर हक गय४। कक षण क४ म४धव न४म सद कवखय४त हकनद
क४ यह भश क४रण हह कक वद म४धपयर पदम कद सव४द--मधप--मम अपनश लशल४एह करतद हह।
भगव४ननन कक षण शशवकनद४वन कद जरगल मम पवदश करतद हश जकर सद अपनश वरशश बज४तद कजससद उनकक
जनमसथलश बजध४म कद कनव४कसयत कक अकचनतय आननद प४प हकत४ थ४। जरगल मम पवदश करनद, वरशश
बज४नद आकद कक यद सरल लशल४एह वकनद४वन ध४म मम कनतय हश समपन हकतश थथ।
तनमझनपघकर४कलमकगकदज४कप लर
महनमनद पखयपय:सरसवत४ ।
ब४तदन जपषद शतपतगकनधन४
कनरशकय रनतपर भगव४नमनक दधद ॥३॥
ततनन--उस ( वन ); मझजप--सपह४वनश; घकर-- धवकन; अकल-- भलरद; मकग-- पशप; कदज--तथ४ पकश; आकप लमनन-- पसणर; महतनन --
मह४तम४ओर कद ; मन:--मन; पखय--सहशत४ रखनद व४लद; पयद--कजसक४ जल; सरसवत४--सरकवर समदत; व४तदन--हव४ सद;
जपषमस-सदकवत; शत-पत--सल परखकडयत व४लद कमल कक; गकनधन४--सपगकनध सद; कनरशकय-- ददखकर; रनतपमनन--आननद लसटनद कद
कलए; भगव४ननन-- भगव४ननन नद; मन:--अपन४ मन; दधद--फद र४।.
भगव४ननन नद उस जरगल पर दकष दलड४ई जक भसरत, पशपओर तथ४ पककयत कक मनकहर गपरज४र सद
गसहज४यम४न हक रह४ थ४। इसकक शकभ४ मह४तम४ओर कद मन कद सम४न सवचछ जल व४लद सरकवर सद
तथ४ सल परखकडयत व४लद कमलत कक सपगकनध लद ज४नद व४लश मनद व४यप सद भश बढकर थश। यह सब
ददखकर भगव४ननन कक षण नद इस पकवत व४त४वरण क४ आननद लदनद क४ कनशचय ककय४।
त४तपयर : भगव४ननन कक षण नद ददख४ कक वकनद४वन जरगल प४हचत इकनदयत कक आननद पद४न कर रह४ थ४।
भलरद, पकश तथ४ पशप मनकहर धवकन कर रहद थद, जक क४नत कक मधपर लग रहश थश। व४यप प४रदशर सरकवर
कक नमश लदकर जरगल मम बह रहश थश और भगव४ननन कक सचश सदव४ कर रहश थश कजससद सपशरकनदय कक
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सपख कमल रह४ थ४। व४यप कक मधपरत४ सद सव४द कक भश अनपभसकत हक रहश थश और कमल कद फस लत कक
सपगनध नथपनत कक आननद पद४न कर रहश थश। समपसणर जरगल मम सवगरय सलनदयर छ४य४ थ४ कजससद नदतत
कक आधय४कतमक आननद कमल रह४ थ४। शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र नद इस शलकक कद महतव कक
वय४खय४ इस रप मम कक हह।
स तत तत४रणपललवकशय४
'फलपससनकर भरदण प४दयक: ।
सपकशकचछख४नवशकय वनसपतशनमपद४
समयकनव४ह४गजम४कदपसरर: ॥ ४॥
फस लत कद भ४र सद लदकर अपनश श४ख४ओर कद कसरत सद उनकद चरणत कक सपशर करनद कद कलए झपक
रहद हह। तब मनद ह४स करतद हह ए वद अपनद बडद भ४ई सद बकलद।
त४तपयर : मपद४ समयननन इव शबद इरकगत करतद हह कक भगव४ननन कक षण कक पररह४स ससझ रह४ थ४। वद
ज४नतद थद कक वकक उनकक पसज४ करनद कद कलए सचमपच नशचद झपक रहद हह ककनतप जहस४कक अगलद शलकक सद
पकट हह वद कमत कक तरह पररह४स करतद हह ए इसक४ शदय अपनद बडद भ४ई बलर४म कक ददतद हह।
शशभगव४नपबव४च
अहक अमश ददववर४मर४कचरतर
प४द४मबपजर तद सपमनदफल४ईणमनन ।
नमनतयपप४द४य कशख४कभर४तमन-
सतमक5 पहतयह तरजनम यतकक तमनन ॥ ५॥
शश-भगव४ननन उव४च-- भगव४ननन शशकक षण नद कह४; अहक-- ओह; अमश --यद; ददव-बर--ददवत४ओर मम शदष ( शश बलर४म ); अमर--
अमर ददवत४ओर द४र४; अकचरतमनन-- पसकजत; प४द-अमबपजमनन--चरणकमलत पर; तद--आपकद ; सपमन:--फस ल; फल--तथ४ फल कक;
अहरणमनन-भमट; नमकनत--वद नमन कर रहद हह; उप४द४य--पसतपत करतद हह ए; कशख४कभ:--अपनद कशरत सद; आतमन:--उनक४
अपन४; तम:--अज४न क४ अरधक४र; अपहतयह--दसर करनद कद कलए; तर-जनम--वककत कद रप मम उनक४ जनम; यतनन--कजससद
अज४न; कक तमनन-उतपन हह आ।.
भगव४ननन नद कह४: हद ददवशदष, ददखम न, यद वकक जक अमर ददवत४ओर द४र४ पसजय हह आपकद
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चरणकमलत पर ककस तरह अपन४ कसर झपक४ रहद हह। यद वकक उस गहन अज४न कक दसर करनद कद
कलए आपकक अपनद फल तथ४ फस ल अकपरत कर रहद हह कजसकद क४रण उनहम वककत क४ जनम ध४रण
करन४ पड४ हह।
त४तपयर : वकनद४वन कद वकक यह सकच रहद थद कक पसवर अपर४धत कद क४रण हश उनहम अब वकक कद रप
मम जनम लदन४ पड४ हह और अचर हकनद कद क४रण वद कक षण द४र४ पसरद वकनद४वन कदत मम घसमनद मम उनक४ स४थ
नहथ दद प४ रहद थद। दरअसल, वकनद४वन कद वकक, गलएह तथ४ सभश प४णश मह४ननन आतम४एह थथ कजनहम भगव४ननन
क४ स४कनधय प४प थ४। ककनतप कवयकग भ४व कद क४रण वकक अपनद कक अज४न-गसत म४नकर कक षण तथ४
बलर४म कद चरणकमलत मम नतमसतक हककर अपनद कक पकवत बन४नद क४ पय४स कर रहद थद। भगव४ननन
कक षण उनकद मनकभ४वत कक समझ कर उन पर सनदह-दकष ड४लतद हहए अपनद बडद भ४ई बलर४म सद उन
सबकक भकक कक पशरस४ करनद लगद।
एतद--यद; अकलन:-- भलरद; तब--आपक४; यश: --कककतर; अकखल-लकक --समसत जगतत कद कलए; तशथरमनन-तशथरसथ४न;
ग४यनत: --गपणग४न कर रहद हह; आकद-पपरर--हद आकद भगव४ननन; अनपपथमनन--म४गर मम आपक४ अनपसरण करतद हह ए; भजनतद-पसज४
कर रहद हह; प४य:--अकधक४रशत:; अमश--यद; मपकन-गण४: --मपकन जन; भवदशय-- आपकद भकत मम; मपखय४:--अतशव घकनष;
गसढमनन--कछप४य४ हह आ; बनद--जरगल मम; अकप--यदकप; न जहकत--नहथ छकडतद; अनघ--हद कनषप४प; आतम-दहवमनन--अपनद
आर४धय ददव कक।.
हह आकदपपरर, यद भलरद अवशय हश मह४ननन मपकन तथ४ आपकद परम कसद भक हतगद कयतकक यद
म४गर मम आपक४ अनपसरण करतद हह ए आपकक पसज४ कर रहद हह और आपकद यश क४ ककतरन कर रहद
हह, जक समपसणर जगत कद कलए सवयर तशथरसथल हह। यदकप आपनद इस जरगल मम अपन४ वदश बदल
रख४ हह ककनतप हद अनघ, वद अपनद आर४धयददव, आपकक छकडनद कद कलए तहय४र नहथ हह।
त४तपयर : इस शलकक मम गसढमनन शबद महतवपसणर हह। यह इरकगत करत४ हह कक यदकप कक षण य४ बलर४म
कद रप मम भगव४ननन इस भलकतक जगत मम स४म४नय वयकक जहसद लगतद हह ककनतप बडद -बडद ऋकर मपकन
भगव४ननन कक परबह कद रप मम हमदश४ पहच४न लदतद हह। ईशवर कद स४रद कदवय सवरप सकचद४ननदमय हह--
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हम४रद भलकतक शरशरत कद सवरथ४ कवपरशत जक कक असथ४यश तथ४ दपख एवर अज४न सद पसणर हकतद हह।
तशथर शबद क४ एक अथर हह “' भलकतक सरस४र प४र करनद क४ स४धन।”” भगव४ननन कद यश कद शवण य४
ककतरन म४त सद मनपषय तपरनत हश भव-स४गर कद परद आधय४कतमक पद कक प४प हकत४ हह। इसशकलए भगव४ननन
कद कदवय यश क४ वणरन यह४ह पतयदक म४नव कद कलए तशथर कद रप मम हह आ हह। ग४यनतद शबद ससकचत
करत४ हह कक मपकनगण अपन४ मलन-बत भरग करकद एवर अनय कनजश क४यर क४ तय४ग करकद भगव४ननन कद
क४यरकल४पत क४ गपणग४न करतद हह। असलश मलन क४ अथर हह वयथर न बकलन४, अपनश व४णश कक भगव४ननन
कक पदम४भकक सद समबकनधत धवकन तथ४ ब४तचशत तक हश सशकमत रखन४।
अनघ शबद बतल४त४ हह कक भगव४ननन कभश ककई प४प कमर य४ अपर४ध नहथ करतद। यह शबद इस
ब४त कक भश ससकचत करत४ हह कक वद अपनद कनष४व४न भक द४र४ अकसम४तनन ककयद गयद प४प य४ अपर४ध कक
तपरनत कम४ कर ददतद हह। इस शलकक कद कवशदर सरदभर मम अनघ शबद यह ससकचत करत४ हह कक बलर४म जश
लग४त४र पशछ४ करनद व४लद भसरत सद तकनक भश कवचकलत नहथ हक रहद थद। उनहतनद उनहम यह आशशव४रद
कदय४, “हद भसरक! मदरद गकपनशय कपर ज मम आओ और इसकक सपगकनध क४ आननद लक।'!
नकतयकनत--न४च रहद हह; अमश--यद; कशकखनद--मयसर; ईड--हद आर४धय ददव; मपद४--हरर सद; हररणय:--कहरकणय४ह; कप वरकनत--कर
रहश हह; गकपय:--गककपय४ह; इब--म४नक; तद--आपकद कलए; कपयमनन-कपय; ईकणदन-- अपनश कचतवन सद; ससकह:--वहकदक सतपकतयत
सद; च--तथ४; ककककल-गण४: --ककयलम; गकहमनन--अपनद घर मम; आगत४य--आकर; धनय४: -- भ४गयश४लश; वन-ओकसद--
जरगल कद कनव४सश; इय४नननस--ऐस४; कह--कनससनददह; सत४मनन-- सनत पपररत कक; कनसगर:--पकक कत |.
हह आयर ईशवर, यद मकर पसनत४ कद म४रद आपकद समक न४च रहद हह, कहरकणय४ह अपनश सनदकहल
कचतवनत सद आपकक गककपयत कक भ४हकत पसन कर रहश हह। यद ककयलम आपक४ समम४न वहकदक
सतपकतयत द४र४ कर रहश हह। जरगल कद यद स४रद कनव४सश परम भ४गयश४लश हह और आपकद पकत इनक४
बत४रव ककसश मह४तम४ द४र४ अपनद घर मम आयद अनय मह४तम४ कद सव४गत कद अनपरप हह।
धनय४-- भ४गयश४लश; इयमनन--यह; अद-- अब; धरणश--पकथवश; तकण--घ४स; वशरध: --तथ४ झ४कडय४ह; तवतनन--आपकद ; प४द--
पहरत क४; सपकशद--सपशर प४कर; दपम--वकक; लत४द--तथ४ लत४एह; कर-ज--अपनद ह४थ कद न४खसनत सद; अकभमकष४द --सपशर कक
ज४कर; नदद--नकदय४ह; अदय:--तथ४ पवरत; खग--पकश; मकग४द--तथ४ पशप; सदय--कक प४पसणर; अवलककह :द-- आपकक कचतवनत
सद; गकपय:--गककपय४ह; अनतरदण--बशच मम; भपजयक:--आपकक दक भपज४ओर कद ; अकप--कनससनददह; यतनन--कजसकद कलए; सपकह४--
इचछ४ रखतश हह; शश:--लकमश जश |.
अब यह धरतश परम धनय हक गई हह कयतकक आपनद अपनद पहरत सद इसकक घ४स तथ४ झ४कडयत
क४, अपनद न४खसनत सद इसकद वककत तथ४ लत४ओर क४ सपशर ककय४ हह और आपनद इसकक नकदयत,
पवरतत, पककयत तथ४ पशपओर पर अपनश कक प४-दकष ड४लश हह। इनसद भश बढ कर, आपनद अपनश
तरणश गकपकरयत कक अपनश दकनत भपज४ओर मम भर कर उनक४ आकलरगन ककय४ हह, कजसकद कलए
सवयर लकमश जश ल४ल४कयत रहतश हह।
त४तपयर : अद शबद इस धर४ पर बलर४म तथ४ कक षण कद प४कट क४ समय ससकचत करत४ हह। वर४ह
क४ रप ध४रण करकद भगव४ननन कक षण नद सवयर पकथवश कक बच४य४ थ४ और यह म४न४ ज४त४ हह कक धरतश
सथ४यश रप सद शदर कद बल पर कटकक हह। वर४ह तथ४ शदर दकनत हश बलर४म कद अरश हह और सवयर
बलर४म आकद भगव४ननन कक षण कद अरश हह। शशकक षण क४ कथन कक “यह धरतश अब धनय हक गई हह
( धनयदयमद धरणश ) यह इरकगत करतश हह कक कक षण कद रप मम भगव४ननन कद आशशव४रद कद तपलय कप छ भश
नहथ हह कयतकक शशकक षण अपनद अरश बलर४म सकहत पकट हह ए हह। करज४कभमकष४: अथ४रतनन न४खसनत सद सपशर
स४म४कसक पद हह, जक ससकचत करत४ हह कक कक षण तथ४ बलर४म स४थ-स४थ जरगल मम ज४तद तक वककत,
झ४कडयत तथ४ लत४ओर सद फल तथ४ फस ल तकडतद ज४तद और इनक४ उपयकग अपनश लशल४ओर मम करतद।
कभश कभश वद तकडश हहई पकतयत कक पपषपत कद स४थ लग४कर अपनद शरशरत कक अलरककत करतद थद।
कक षण तथ४ बलर४म वकनद४वन कक समसत नकदयत, पह४कडयत तथ४ प४कणयत कक पदम तथ४ दय४ कक दकष
सद ददखतद थद। ककनतप कक षण द४र४ गककपयत कक ब४हह ओर मम भरकर आकलरगन ककय४ ज४न४ सबसद बड४ वर थ४
कजसकद कलए लकमशजश भश तरसतश ल४ल४कयत थथ। बहकपणठ मम भगव४ननन न४र४यण कद वकसथल पर कनव४स
करनद व४लश लकमशजश कक एक ब४र इचछ४ हह ई कक वद शशकक षण कद वकसथल सद आकलरगनबद हत तक इसकद
कलए उनहम कठकर तपसय४ करनश पडश। शशकक षण नद उनहम बतल४य४ कक उनक४ व४सतकवक सथ४न वहकपणठ मम
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शशशपक उब४च
एवर वकनद४वन शशमतकक षण: पशतमन४: पशसननन ।
रदमद सज४रयनददद सररदकधदसप स४नपगद ॥ ९॥
शश-शपक: उब४च-- शशशपकददव गकसव४मश नद कह४; एवमनन--इस तरह; वकनद४वनमनन--वकनद४वन कद जरगल तथ४ उसकद कनव४कसयत कद
पकत; शशमतनन--सपनदर; कक षण: -- भगव४ननन कक षण नद; पशत-मन४:--मन मम सरतषप हह ए; पशसनननस--पशपओर कक; रदमद-- हरर क४ अनपभव
ककय४; सजञ४रयनननस-चर४नद मम; अददद--पवरत कद कनकट; सररतनन--नदश कद ; रकध:सप--ककन४रत पर; स-अनपग:-- अपनद स४कथयत
समदत.
ककचतनन--कभश; ग४यकत--ग४तद हह; ग४यतसप--उनकद ग४नद पर; मद-अनध--मद सद अरधद हककर; अकलरप-- भलरद; अनपवकत: --अपनद
कमतत कद स४थ; उपगशयम४न--सरगशत अल४पतद हह ए; चररत:--लशल४एह; पथनक--र४सतद मम; सडररण-अकनवत:--बलर४म कद स४थ;
अनपजलपकत--नकल करतद हह; जलपनतमननस--चहचह४नद कक; कल-व४कयह:--तकतलश व४णश मम; शपकमनन--तकतत कक; ककचतनन--
कभश; ककचतनन--कभश; स--सकहत; वलगप--मकहक; कस जनतमनन--ककयल कक कस क; अनपकसजकत--कस कस कक नकल करतद हह;
ककककलमनन--ककयल कक; ककचतनन--क भश कभश; च--भश; कल-हरस४न४मनन--हरसत कद ; अनपकसजकत कस कजतमनन--ककयल कक कस क
क४ अनपकरण करतद हह; अकभनकतयकत--न४चतद हह; नकतयनतमस--न४चतद हह ए; बकहरणमनन--मकर कद समक; ह४सयननन--हहसतद हह ए;
ककचतनन--कभश; मदघ--ब४दल कद सम४न; गकमभरय४ --गमभशर; व४च४--अपनश व४णश सद; न४मकभ:--न४म लदकर; दसर-ग४नननस--
भटक कर दसर गए हह ए; पशसनननस--पशपओर कक; ककचतनन--क भश; आहकत--टदरतद हह; पशतय४--सनदहपसवरक; गक--गलवत; गकप४ल--
तथ४ गव४लब४लत कक; मन:-जय४--मन कक मकहनद व४लश ( व४णश ) सद |.
कभश कभश वकनद४वन मम भलरद आननद मम इतनद मग हक ज४तद थद कक वद अपनश आहख म बनद करकद
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ग४नद लगतद थद। शशकक षण अपनद गव४लकमतत तथ४ बलददव कद स४थ जरगल मम कवचरण करतद हह ए
अपनद र४ग मम उनकद गपनगपन४नद कक नकल उत४रतद थद और उनकद कमत उनकक लशल४ओर क४ ग४यन
करतद थद। भगव४ननन कक षण कभश ककयल कक बकलश कक नकल उत४रतद तक कभश हरसत कद कलरव
कक नकल उत४रतद। कभश वद मकर कद नकतय कक नकल उत४रतद कजस पर उनकद गव४लकमत कखलकखल४
पडतद। कभश कभश वद ब४दलत जहसद गमभशर गजरन कद सवर मम झपडर सद दसर गयद हह ए पशपओर क४ न४म
लदकर बडद पय४र सद पपक४रतद कजससद गलवम तथ४ गव४लब४ल मपगध हक ज४तद।
त४तपयर : शशल सन४तन गकसव४मश कलखतद हह कक भगव४ननन कक षण अपनद कमतत सद मज४क ककय४ करतद,
“ददखक न, यह मकर ठशक सद न४चन४ नहथ ज४नत४।'' और तब वद बडद जकश सद मकर कद न४च कक नकल
करतद कजससद उनकद कमतत मम हहसश कद फलवव४रद छसटतद। वकनद४वन कद भलरद फस लत क४ रस पशतद और इस
अमकत तथ४ शशकक षण कक सरगकत कद सरयकग सद वद मद४नध हक हककर अपनश आहखम बनद करकद गपनगपन४कर
अपनश तपकष वयक करतद। शशकक षण इस गपनगपन४नद क४ बडश हश कप शलत४ सद अनपकरण करतद थद।
चककर-कलजध-चक४ह-भ४रद४ज४नस च--चककर, कसच, चक४ह तथ४ भ४रद४ज न४मक पकश; बकहरण: --मकर; अनपरलकत सम--उनकक
नकल उत४रतद; सतव४न४मस--अनय प४कणयत सकहत; भशत-वतनन--डरद हहए कक तरह; वय४प-कसरहयक:--ब४घत तथ४ कसरहत सद |.
कभश कभश वद चककर, कसच, चक४ह, भ४रद४ज जहसश पककयत कक नकल करकद कचल४तद
और कभश छकटद पशपओर कद स४थ ब४घत तथ४ शदरत कद बन४वटश भय सद भ४गनद लगतद।
त४तपयर : भशववतनन अथ४रतनन “म४नक भयभशत हक '' ससकचत करत४ हह कक शशकक षण स४म४नय ब४लक कक
तरह कलड४ करतद और ब४घत तथ४ कसरहत कद बन४वटश भय सद वद जरगल कद कपद प४कणयत कद स४थ भ४गतद
थद। वसतपतद भगव४ननन कद ध४म वकनद४वन मम ब४घ तथ४ कसरह कहरसन नहथ हकतद अत: ककसश पक४र क४ भय हकनद
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ककचतनन--कभश कभश; ककड४-- खदलनद सद; पररश४नतमनन--थकद हह ए; गकप--गव४लब४ल कक; उतसडन स-- गकद; उपबहणमनन-- तककय४
बन४ कर; सवयमनन--सवयर भश; कवशमयकत-- थक४न कमट४तद; आयरमनन--अपनद बडद भ४ई कक; प४द-सरव४हन-आकदकभद--उनकद प४हव
दब४कर तथ४ अनय सदव४एह करकद |.
जब उनकद बडद भ४ई खदलतद खदलतद थक कर अपन४ कसर ककसश गव४लब४ल कक गकद मम
रखकर लदट ज४तद तक भगव४ननन कक षण सवयर बलर४म कद प४हव दब४कर तथ४ अनय सदव४एह करकद
उनकक थक४न दसर करतद।
कभश कभश, जब गव४लब४ल न४चतद, ग४तद, इधर उधर घसमतद और खदल खदल मम एक दससरद सद
झगडतद तक प४स हश ह४थ मम ह४थ ड४लद खडद हककर कक षण तथ४ बलर४म अपनद कमतत कद
क४यरकल४पत कक पशरस४ करतद और हहसतद।
ककचतपलवतलपदरप कनयपदशमककशरतद ।
वककमसल४शयद शदतद गकपकतसडड कपबहरण: ॥ १६॥
ककचतनन--कभश; पलनलव--नई ककपलत सद बनश; तलपदरप--शयय४ओर पर; कनयपद-झगडनद सद हह ई; शम-- थक४वट सद;
ककशरत:--थकद हहए; वकक--वकक कक; मसल--जड कद प४स; आशय: --शरण लदकर; शदतद-- लदट ज४तद; गकप-उतसड--ककसश
गव४लब४ल कक गकद कक; उपबहरण:-- तककय४ बन४कर.
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प४द-सरव४हनमनन-पहर दब४नद क४ क४यर; चकह :--ककय४; कद कचतनन--ककसश नद; तसय--उनकद ; मह४-आतमन:--मह४ननन आतम४ओर नद;
अपरद--अनय; हत-प४पम४न: --समसत प४पत सद मपक; वयजनहद--परखत सद; समवशजयननन-- भलश भ४हकत परख४ झल४।.
हह र४जनस, अनय ब४लक समयककचत मनकहर गशत ग४तद और उनकद हदय भगव४ननन कद पकत पदम सद
दकवत हक उठतद।
एवमनन--इस पक४र; कनगसढ--कछप४य४ हह आ; आतम-गकत:--कनजश ऐशवयर; सव-म४यय४--अपनश हश यकग शकक सद; गकप-
आतमजतवमनन-गव४लद क४ पपततव; चररतहद:--अपनद क४यरकल४पत सद; कवडमबयननन--बह४न४ करतद हह ए; रदमद--आननद कलय४; रम४--
लकमशजश द४र४; ल४कलत--सदकवत; प४द-पलनलव:--ककमल नवशन कलश जहसद प४हव; ग४मयह: सममनन--ग४मशण लकगत कद स४थ; ग४मय-
बतनन-ग४मशण पपरर कक भ४हकत; ईश-चदकषत:-- भगव४ननन कद अकदतशय क४यर भश पदकशरत करतद हह ए।.
इस तरह भगव४ननन कजनकद ककमल चरणकमलत कक सदव४ लकमशजश सवयर करतश हह, अपनश
अनतररग४ शकक कद द४र४ अपनद कदवय ऐशवयर कक कछप४ कर गव४लपपत कक तरह क४यर करतद। अनय
ग४मव४कसयत कद स४थ ग४मशण ब४लक कक भ४हकत कवचरण करतद हह ए वद कभश कभश ऐसद करतब
कदखल४तद जक कद वल ईशवर हश कर सकत४ हह।
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शशद४म४ न४म--शशद४म४ न४मक; गकप४ल:--गव४लब४ल; र४म-कद शवयक: --र४म तथ४ कक षण दकनत क४; सख४--कमत; सपबल-
सतकककक षण-आद४:--सपबल, सतकककक षण तथ४ अनय; गकप४:--गव४लब४ल; पदमण४--पदमपसवरक; इकदमनन--यह; अबनपवनननस--बकलद |.
एकब४र र४म तथ४ कक षण कद अतयनत घकनष कमत शशद४म४, सपबल, सतकककक षण तथ४ अनय
गव४लब४ल बडद हश पदमपसवरक इस पक४र बकलद।
त४तपयर : पदमण४ शबद ससकचत करत४ हह कक कक षण तथ४ बलर४म कद स४मनद पसतपत कक ज४नद व४लश
य४चन४ पदम सद पदररत थश, ककसश वयककगत इचछ४ सद नहथ। गव४लब४ल इचछप क थद कक कक षण तथ४ बलर४म
असपरत कद सरह४र तथ४ त४लवन कद मधपर फलत कद ख४नद कक लशल४एह पदकशरत करम। इसशकलए इनहतनद
कनमन४नपस४र अनपरकध ककय४।
र४म र४म--हद र४म; मह४-ब४हक--हद शककश४लश भपज४ओर व४लद; कक षण--हद कक षण; दपष-कनबईण--दपषत क४ अनत करनद व४लद;
इतद--यह४ह सद; अकवदसरद--दसर नहथ; सप-महतनन--अतयनत कवसतकत; वनमनन--जरगल; त४ल-आकल--त४ड वककत कक परककयत सद;
सडह लमननस-पररपसणर |.
“मथपर४ कद पकशचम दक यकजन (सकलह मशल) कक दसरश पर गकवधरन न४मक एक पकवत सथ४न हह,
कजसद प४प कर प४न४ अतयनत ककठन हह।'” वर४ह पपर४ण मम यह भश कह४ गय४ हह :
“मथपर४ सद पकशचम कदश४ मम कनकट हश एक यकजन (आठ मशल) कक दसरश पर त४लवन न४मक जरगल
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हह, कजसकक रखव४लश धदनकप ४सपर करत४ थ४। ''अतद ऐस४ पतशत हकत४ हह कक त४लवन मथपर४ तथ४ गकवधरन
पवरत कद बशचकबशच कसथत हह। शशहररवरश पपर४ण मम त४लवन क४ वणरन इस पक४र प४प हकत४ हह :
“यह४ह कक भसकम समतल एवर अतयनत कवसतशणर हह। उसकक कमटश क४लश हह , दभर घ४स सद ढकक हह
'फल४कन--फलत; तत--वह४ह; भसरशकण-- अनदक४नदक ; पतकनत--कगरतद रहतद हह; पकतत४कन--पहलद हश कगर चपकद हह; च--तथ४;
सकनत--हह; ककनतप--कफर भश; अवरद४कन--कनयरतण मम रखद हह ए; धदनपकदन--धदनपक द४र४; दपर४तमन४--दपष |
उस त४लवन मम वककत सद अनदक४नदक फल कगरतद रहतद हह और बहह त सद फल पहलद सद हश जमशन
पर पडद हह ए हह। ककनतप इन स४रद फलत कक रखव४लश दपष धदनपक द४र४ कक ज४ रहश हह।
त४तपयर : धदनक
प ४सपर त४लवन कद त४ड वककत कद सव४कदष पकद फलत कक ककसश कक ख४नद नहथ ददत४ थ४
अतद कक षण कद तरण कमतत नद जनत४ कद इस जरगल कद फलत क४ मज४ लसटनद कद अकधक४र सद अनपकचत
तलर पर वरकचत हकनद क४ कवरकध ककय४।
सद--वह; अकत-वशयर: --अतयनत शककश४लश; असपर:--असपर; र४म--हद र४म; हद कक षण--हद कक षण; खर-रप--गथद क४ रप;
धककननस--ध४रण करकद ; आतम-तपलय-- अपनद सम४न; बलह:--कजनकक शकक; अनयह:--अनय; ज४कतकभ:--स४कथयत कद स४थ;
बहह कभ:--अनदक; वकत:--कघर४ हह आ।.
हद र४म, हद कक षण, धदनपक अतयनत बलश४लश असपर हह और उसनद गधद क४ वदश बन४ रख४ हह।
उसकद आसप४स अनदक कमत हह कजनहतनद उसश जहस४ हश रप ध४रण कर रख४ हह और वद उसश कद
तसम४तकक तनर४ह४र४दशतहननककभरकमतहननन ।
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तसम४तनन--उससद; कक त-नर-आह४र४तनन--मनपषयत कक ख४ ज४नद व४लद सद; भशतहद --डरद हह ए; नककभ:--मनपषयत कद द४र४; अकमत-हनननस-हद
शतपओर क४ वध करनद व४लद; न सदवयतद--सदवन नहथ ककय४ ज४त४; पशप-गणह:--कवकभन पशपओर कद द४र४; पकक-सचठहद--पककयत कद
झपरड द४र४; कववकजरतमनन-पररतयक |.
धदनक
प ४सपर नद जशकवत मनपषयत कक ख४ कलय४ हह इसकलए स४रद लकग तथ४ पशप त४लवन ज४नद सद
डरतद हह। हद शतपहनत४, पकश तक उडनद सद डरतद हह।
कवदनतद-- उपकसथत हह; अभपक-पसव४रकण--इसकद पसवर कभश भश कजनक४ सव४द नहथ कलय४ गय४; फल४कन-- फल; सपरभशकण--
सपगकनधत; च--तथ४; एर:--यह; बह--कनससनददह; सपरकभ: --सपगकनधत; गनध: --सपगकनध; कवरसचशन: --सवरत फह लश हह ई;
अवगकहतद--अनपभव कक ज४तश हह.
त४लवन मम ऐसद मधपर गनध व४लद फल हह, कजनहम ककसश नद कभश नहथ चख४। त४लफलत कक
च४रत ओर फह लश खपशबस कक हम अब भश ससहघ सकतद हह।
त४तपयर : शशल शशधर सव४मश कद अनपस४र त४लफलत कक मधपर सपगरध पपरव४ हव४ द४र४ लद ज४ई ज४तश
थश जक वकनद४वन मम वर४र कर४नद मम ल४भद४यश हकतश हह। यह पपरव४ हव४ स४म४नयतय४ भ४दत म४स मम चलतश
हह और इस तरह फलत कक सवरच पकत४ कक ससकचत करतश हह। यह तथय कक ब४लगण सपगनध कक ज४न
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पयचछ--कक पय४ दशकजयद; त४कन--उनकक; नद--हमकक; कक षण--हद कक षण; गनध--सपगकनध सद; लककभत--लपबध; चदतस४मनन--
कजनकद मन; व४उछ४--इचछ४; अकसत-- हह; महतश--कवश४ल; र४म--हद र४म; गमयत४मनन--हमम ज४नद दम; यकद--यकद; रकचतद--अचछ४
कवच४र जहस४ लगत४ हह।.
हद कक षण! आप हम४रद कलए वद फल ल४ दम। हम४रद मन उनकक सपगनध सद अतयकधक आदष हह।
हह बलर४म, उन फलत कक प४नद कक हम४रश इचछ४ अतयनत पबल हह। यकद आप सकचतद हह कक यह
कवच४र अचछ४ हह, तक चकलयद उस त४लबन मम चलम।
एवमनन--इस पक४र; सपहतनन--अपनद कमतत कद ; वच:--शबद; शपतव४--सपनकर; सपहतनन-कमतत कक; कपय--हरर; कचककररय४--पद४न
करनद कक इचछ४ सद; पहसथ--हहस कर; जगमतप:--दकनत गयद; गकपह:--गव४लब४लत कद द४र४; वकतल--कघरद हह ए; त४ल-वनमनन--
'त४लवन तक; पभस--दकनत सव४मश |.
अपनद कपय सख४ओर कद वचन सपनकर कक षण तथ४ बलर४म हहस पडद और उनहम खपश करनद कद
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त४तपयर : भगव४ननन कक षण सकच रहद थद, “भल४ गदरभ इतन४ कवकचत कह सद हक सकत४ हह ?”' अतद
अपनद ब४लकमतत कद अनपनय-कवनय पर उनहम हहसश आ गई। जहस४कक भगव४ननन ककपल नद शशमद४गवत
(३.२८.३२) मम कह४ हह-- ह४सर हरदरवनत४कखललककतशबशकक४शपस४गरकवशकरणमतयपद४रम-- भगव४ननन कक
हहसश अतयनत उद४र हकतश हह। जक लकग भगव४ननन कद समक नतमसतक हकतद हह, उनकद इस जगत कद कषत सद
उतपन अशपओर कद स४गर कक भगव४ननन कक हहसश सपख४ ददतश हह। अतद अपनद ब४लसख४ओर कक पकतस४कहत
करनद कद कलए कक षण तथ४ बलर४म हहसद और तपरनत हश उनकक स४थ लदकर त४लवन कद कलए चल पडद।
बल:--बलर४म नद; पकवशय--घपस कर; ब४हह भय४मनन--अपनश दकनत भपज४ओर सद; त४ल४नननस--त४ड वककत कक; समपररकमपयननन--
झकझकरतद हहए; फल४कन--फलत कक; प४तय४मनन आस--कगर४ कदय४; मतमनन-गज: --मतव४ल४ ह४थश; इब--सहश; ओजस४--अपनद
बल सद।.
भगव४ननन बलर४म सबसद पहलद त४लवन मम पकवष हहए। तब अपनद दकनत ह४थत सद मतब४लद ह४थश
समदतय--उनसद कमल कर; तरस४--तदजश सद; पतयकन न --कपछल४; द४भय४मनन-दकनत; पदभय४मनन-पहरत सद; बलमनन--बलददव कक;
बलश--बलश४लश असपर नद; कनहतय--व४र करकद ; उरकस--छ४तश पर; क४-शबदमनन-भदश रमकनद कक आव४ज; मपझननस--करतद हह ए;
पयरसरतननस--च४रत ओर दलडनद लग४; खल:--दपष गध४।.
व४
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पपनद--कफर सद; आस४द--उनकद कनकट आकर; सररबध:--पचणड, उग; उपककष४--गधद नद; पपकन नस--उनकक ओर अपनश पशठ
करकद ; कसथत:--खडद हककर; चरणल--दकनत पहर; अपरल--कपछलद; र४जननन--हद र४ज४ परशककत; बल४य--बलर४म पर; प४ककपतनन--
अल४य४; रर४--ककध सद।.
तरह यह४ह यह इरकगत हह आ हह कक बलश४लश धदनपक ककध भरश भय४नक आव४ज कनक४ल रह४ थ४।
सद--उनहतनद; तमनन--उसकक; गकहशतव४--पकड कर; पपदक: --खपर सद; भ४मकयतव४--घपम४ कर; एक-प४कणन४--एक ह४थ सद;
कचकदप--फम क कदय४; तकण-र४ज-अगद--त४लवकक कक चकटश पर; भ४मण --घपम४नद सद; तयक--तय४ग कर; जशकवतमनन--अपनद
प४ण।,
तदन--उस ( थदनपक४सपर कद मकत शरशर ) सद; आहत:--चकट ख४कर; मह४-त४ल:--त४ड क४ कवश४ल वकक; वदपम४न:--कहलत४ हह आ;
बकहतनन-कशर४:--कवश४ल चकटश व४ल४; प४शवर-सथमनन--प४स हश कसथत अनय वककत कक; कमपयननन--कहल४त४ हह आ; भग:--टस ट४ हह आ;
सद--वह; च--तथ४; अनयमनन--दससरद कक; सद--वह; अकप-- भश; च--तथ४; अपरमनन--अगलद, अनय कक |.
बलर४म नद धदनक
प ४सपर कद मकत शरशर कक जरगल कद सबसद ऊहचद त४ड वकक कद ऊपर फम क कदय४
और जब यह मकत शरशर उस वकक कक चकटश पर ज४ कगर४ तक वह वकक कहलनद लग४। इस कवश४ल
वकक सद प४स क४ एक अनय वकक भश चरमर४य४ और असपर कद भ४र कद क४रण टस ट गय४। इसकद
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कनकट क४ वकक भश इसश तरह कहल कर दसट गय४। इस तरह एक एक करकद जरगल कद अनदक वकक
कहलद और टस ट गयद।
बलसय लशलयकतसकषखरददहहत४हत४: ।
त४ल४शचककमकपरद सवर मह४व४तदररत४ इव ॥ ३४॥
बलसय--बलर४म कक; लशलय४--लशल४ सद; उतसकष-- ऊपर फम क४ हह आ; खर-ददह--गथद कद शरशर सद; हत-आहत४:--एक दससरद
सद कभड कर; त४ल४:--त४ल कद वकक; चककमपरर--चरमर४यद; सवर-- सभश; मह४-व४त-- पबल व४यप द४र४; ईररत४: --उड४यद हह ए;
इब--म४नक।.
बलर४म द४र४ इस गदरभ असपर कद शरशर कक सबसद ऊहचद त४डवकक कद ऊपर फम कनद कक लशल४
सद स४रद वकक चरमर४नद लगद और एक दससरद सद कभडनद लगद म४नक पबल झरझ४ कद द४र४ झकझकरद गयद
हत।
हद परशककत, बलर४म कक अननत भगव४ननन एवर समपसणर बह४णड क४ कनयनत४ ज४न लदनद पर
प ४सपर क४ म४र४ ज४न४ उतन४ आशचयरजनक नहथ हह। कनससनददह , समपसणर बह४णड
बलर४म द४र४ धदनक
उन पर उसश पक४र कटक४ हह, कजस तरह बपन४ हह आ वस त४नत-ब४नत पर कटक४ रहत४ हह।
त४तपयर : अभ४गद वयकक भगव४ननन कक आननदमय लशल४ओर कक नहथ समझ सकतद। इस पसरग मम ,
शशल जशव गकसव४मश बतल४तद हह कक भगव४ननन मम असशम शकक हह जहस४कक अननतद शबद सद पकट हह।
भगव४ननन कवशदर अवसर कक आवशयकत४ कद अनपस४र अपनश शकक कद एक ससकम अरश क४ पदशरन करतद
हह। बलर४म जश नद त४लवन मम अवहध रप सद कबज४ करनद व४लद आसपरश गधत कद झपरड कक कवनष करन४
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च४ह४। अत: उनहतनद धदनपक४सपर तथ४ अनय असपरत कक सहज हश म४र ड४लनद भर कक कदवय शकक क४
पदशरन ककय४।
ततद--ततपशच४तनन; कक षणमन-
न -कक षण पर; च--तथ४; र४ममनन--बलर४म पर; च--तथ४; ज४तय: --घकनष कमत गण; धदनपकसय--
थदनपक कद ; यद--जक; ककष४: --गधत नद; अभयदवननन--आकमण ककय४; सवर--सभश; सररबध४: --कप द; हत-ब४नधव४: --अपनद
कमत कद म४रद ज४नद सद |.
प ४सपर कद घकनष कमत, अनय गदरभ असपर, उसकक मकतयप ददखकर अतयनत कप द हक उठद और
धदनक
वद तपरनत कक षण तथ४ बलर४म पर आकमण करनद कद कलए दलडद।
त४तपयर : शशल सन४तन गकसव४मश नद इस शलकक कक टशक४ इस पक४र कक हह “यह४ह यह कह४ गय४ हह
कक गदरभ४सपरत नद सवरपथम कक षण पर हमल४ ककय४ और तब बलर४म पर (कन कषणर च र४मर च )। इसक४
एक क४रण यह हक सकत४ हह कक यद असपर बलर४म कद शलयर कक ददख चपकद थद अत: पहलद उनहतनद कक षण
पर व४र करन४ उकचत समझ४। अथव४ यह हक सकत४ हह कक अपनद बडद भ४ई कद सनदहवश, कक षण बलर४म
तथ४ इन असपरत कद बशच आ गयद हत। कषणर च र४मर च शबदत सद यह भश ससकचत हक सकत४ हह कक अपनद
छकटद भ४ई कद सनदहवश बलर४म कक षण कक ओर चलद गयद हत।'!
त४ननन त४नस--एक एक करकद , वद सभश; आपतत:--आकमण करतद हह ए; कक षण: --कक षण नद; र४म: --बलर४म नद; च--तथ४;
नकप--हद र४जननन; लशलय४--सरलत४ सद; गकहशत--पकड कर; पशच४तनन-चरण४ननन--कपछलश ट४हगत कक; प४कहणकतननस-फम क कदय४; तकण-
र४जसप--त४ड कद वककत कद ऊपर।.
हह र४जन, जब असपरत नद आकमण ककय४ कक षण तथ४ बलर४म नद उनकक कपछलश ट४हगत सद
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'फल-पकर--फलत कद ढदर सद; सडशणरमनन--ढकक; दहतय-ददहहद --असपरत कद शरशरत सद; गत-असपकभ:--प४णकवहशन; रर४ज--
सपशककभत; भस:--पकथवश; स-त४ल-अगह:--त४ड वककत कक चककटयत समदत; घनह: --ब४दलत सद; इब--कजस तरह; नभद-तलमस--
आक४श.
इस तरह फलत कद ढदरत सद तथ४ त४ड वकक कक टस टश चककटयत मम फह सद असपरत कद मकत शरशरत सद
ढकक हह ईर पकथवश अतयनत सपनदर लग रहश थश म४नक ब४दलत सद आक४श अलरककत हक।
त४तपयर : शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र कद अनपस४र असपरत कद शरशर क४लद तथ४ नशलद ब४दलत जहसद
क४लद थद और उनकद शरशरत सद बडश म४त४ मम बहकर कनकल४ रक चमककलद ल४ल ब४दलत जहस४ लग रह४
थ४। इस तरह स४र४ दशय अतयनत सपनदर थ४। र४म तथ४ कक षण जहसद कवकवध रपत मम भगव४ननन सदहव कदवय
लगतद हह और जब वद अपनश कदवय लशल४एह करतद हह, तक पररण४म भश सपनदर और कदवय हकत४ हह भलद हश
वद कटर गदरभ४सपरत कद वध जहसद उग क४यर कयत न कर रहद हत।
'तयक:--दकनत भ४इयत कद ; ततनन--उस; सप-महतनन-- अतयनत मह४न; कमर--क४यर कक; कनशमय--सपनकर; कवबपध-आदय:--ददवत४
गण तथ४ अनय उच जशवत नद; मपमपचप:--छकड४; पपषप-वर४रकण--फस लत कक वर४र; चकप :--समपन ककय४; व४द४कन--सरगशत;
तपषवप:--सतपकत कक ।.
दकनत भ४इयत क४ यह सपनदर करतब ( लशल४ ) सपनकर ददवत४ओर तथ४ अनय उचसथ प४कणयत
अथ त४लफल४नय४दनमनपषय४ गतस४धवस४: ।
तकणर च पशवशचदरहतधदनक
प क४ननद ॥ ४०॥
कजस बन मम धदनक
प ४सपर म४र४ गय४ थ४, उसमम लकग मपक भ४व सद कफर सद ज४नद लगद और कनडर
हककर त४ड वककत कद फल ख४नद लगद। अब गलवम भश वह४ह पर सवतरतत४पसवरक घ४स चरनद लगथ।
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त४तपयर : आच४यर कद अनपस४र कनमन ज४कत कद लकग, यथ४ पपकलनद त४डवकक कद फल ख४तद थद ककनतप
कक षण कद गव४लकमतत नद उनहम ख४न४ उकचत नहथ समझ४ कयतकक वद गधत कद रक सद सन चपकद थद।
कक षण: -- भगव४ननन कक षण; कमल-पत-अक:--कमल कक परखकडयत कद सम४न नदतत व४लद; पपणय-अडवण-ककतरन:--कजनक४ शवण
तथ४ ककतरन अतयनत पपणय क४यर म४न४ ज४त४ हह; सतसयम४न:--सतपकत ककय४ गय४; अनपगह:-- अपनद अनपय४यश; गकपह:--गव४लब४लत कद
द४र४; स-अग-ज:--अपनद बडद भ४ई बलर४म कद स४थ स४थ; बजमनन-तज; आबजतनन--ललट आयद।.
ततपशच४तनन कमलनदत भगव४ननन शशकक षण, कजनकद यश कक सपनन४ और कजनक४ ककतरन करन४
अतयनत पकवत हह, अपनद बडद भ४ई बलर४म कद स४थ अपनद घर बज ललट आयद। र४सतद भर उनकद
शद४व४न अनपय४यश गव४लब४लत नद उनकद यश क४ ग४न ककय४।
त४तपयर : जब कक षण कद यश क४ उच४रण ककय४ ज४त४ हह, तक वक४ तथ४ शकत४ दकनत हश शपद एवर
'तमनन--उसकक; गक-रज: --ग४यत कद चलनद सद उठश हह ई धसल सद; छप ररत--सनद; कप नतल--ब४लत कद भशतर; बद--बहध४ हह आ;
बई--मकरपरख; वनय-पससन--जरगलश फस ल; रकचर-ईकण--मकहनद व४लश आहखम; च४र-ह४समनन--तथ४ सपनदर मपसक४न; वदणमप नन--
ब४हसपरश; कणनतमनन-बज४तद हह ए; अनपगहद--अपनद स४कथयत कद द४र४; उपगशत--ग४यश ज४कर; कककतरमननस--उनकक कककतर; गकपय:--
गककपय४ह; कददककत-- ददखनद कद कलए उतसपक; दशद--उनकक आहखम; अभयगमननन--आगद बढथ; समदत४द--एकस४थ |.
गलबत कद द४र४ उड४ई गईर धसल सद सनद शशकक षण कद ब४ल मकर परख तथ४ जरगलश फस लत सद
सकजत ककयद गयद थद। भगव४ननन कक षण अपनश बरशश बज४तद हह ए मकहक दकष सद ददख रहद थद और
सपनदर ढरग सद हहस रहद थद तथ४ उनकद सरगश उनकद यश क४ ग४न कर रहद थद। स४रश गककपय४ह एकस४थ
उनसद कमलनद चलश आई र कयतकक उनकद नदत दशरन करनद कद कलए अतयनत वयग थद।
त४तपयर : ब४ह रप सद गककपय४ह कवव४कहत तरकणय४ह थथ फलत: वद शशकक षण जहसद सपनदर तरण सद
आहखम कमल४नद मम सरककच कर रहश थथ और डर रहश थथ। ककनतप शशकक षण तक भगव४ननन हह और स४रद जशव
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उनकद कनतय द४स हह। इसकलए गककपय४ह, यदकप हदय सद अतयनत शपद आतम४एह थथ ककनतप वद सपनदर तरण
शशकक षण कद दशरन करकद पदमपशकडत आहखत कक तपष करनद कद कलए आगद आनद मम तकनक भश नहथ
सकप च४ई।र गककपयत नद उनकक वरशश कक मधपर धवकन क४ तथ४ उनकद शरशर कक मकहक सपगनध क४ भश
आसव४दन ककय४।
पशतव४ मपकपनदमपखस४रधमककभसडह-
सत४पर जहह कवररहजर वजयककरतक5 कह ।
ततसतकक कतर समकधगमय कववदश गकषर
सबशडह४सकवनयर यदप४डप मककमनन ॥ ४३॥
पशतव४--पशकर; मपकपनद-मपख--भगव४ननन मपकपनद कद मपख क४; स४रधमनन--मथप; अकक-भसडहद--भलरद जहसद नदतत सद; त४पमनन-पशड४;
'जहह :--तय४ग कदय४; कवरह-जमनन--कवरह सद उतपन; बज-यककरत:--वकनद४वन कक कसयत नद; अकह--कदन मम; ततननस--उस; सतनन-
'कक कतमस--आदर करतद हह ए; समकधगमय-- पसरश तरह सवशक४र करकद ; कववदश--उनहतनद पवदश ककय४; गकषमनन--गव४लत कद ग४हव मम;
स-बशड--लज४ सकहत; ह४स--हहसश; कवनयमनन--तथ४ कवनयशशलत४; यतनन--जक; अप४डन स--कतरछश कचतवनत क४; मककमनन--ड४ल४
न वकनद४वन कक कसयत नद अपनद भमर रपश नदतत सद मपकपनद कद सपनदर मपख क४ मधपप४न ककय४
और इस तरह कदन मम कवयकग कद समय उनहम जक पशड४ हह ई थश उसद उनहतनद तय४ग कदय४। वकनद४वन कक
तरण कसयत नद भगव४ननन पर कतरछश कचतवन ड४लश जक ल४ज, हहसश तथ४ कवनय सद पसणर थश तथ४
कक षण नद इस कचतवन कक समपकचत समम४न म४नतद हह ए गकप-पग४म मम पवदश ककय४।
त४तपयर : शशल पभपप४द नद भगव४ननन शशकक षण मम इस घटन४ क४ वणरन इस पक४र ककय४ हह “कक षण कक
अनपपकसथकत कद क४रण स४रश गककपय४ह वकनद४वन मम अतयकधक उद४स रहतश थथ। वद स४र४ कदन य४ तक जरगल
मम कवचरण कर रहद य४ चर४ग४ह मम गलवम चर४तद कक षण क४ कचनतन करतश रहतथ। ककनतप जब उनहतनद कक षण
कक ललटकर आतद ददख४ तक उनकक स४रश कचनत४एह दसर हक गईर और वद कक षण कद मपख कक ओर उसश पक४र
ददखनद लगथ कजस तरह कमल कद फस ल कद मधप कद कलए भलरद महडर४तद हह। जब कक षण ग४हव मम पकवष हह ए
तक तरण गककपय४ह मपसक४नद लगथ। अपनश वरशश बज४तद कक षण नद गककपयत कद सपनदर हहसमपख चदहरत क४
आननद लसट४।'
भगव४ननन शशकक षण शकगर ४र कलशल कद परम सव४मश हह। उनहतनद वकनद४वन कक तरण गककपयत कद स४थ
पदम४ल४प ककय४। जब ककई कप म४रश यपवतश पदम करतश हह, तक वह अपनद पदमश कक लज४, हरर तथ४ कवनय
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कद स४थ कतरछश नजरत सद ददखतश हह। जब पदमश उसकक कचतवन क४ पदम-कनमरतण सवशक४र कर लदत४ हह
और उससद सरतपष हक ज४त४ हह, तक पदकमक४ क४ हदय सपख सद ओतपकत हक उठत४ हह। यद सचमपच मम सपनदर
तरण कक षण तथ४ वकनद४वन कक पदमकपप४सप गककपयत कद बशच चल रहद पदम४ल४प कद आद४न-पद४न थद।
'तयक:--दकनत; यशकद४-रककहणयल--यशकद४ तथ४ रककहणश ( कक षण तथ४ बलर४म कक म४त४ओर ) नद; पपतयक:--पपतत कक; पपत-
बतसलद--अपनद पपतत कद सनदहकसक; यथ४-क४ममनन--अपनश अपनश इचछ४ओर कद अनपरप; यथ४-क४लमस--पररकसथकतयत कद अनपरप;
वयधरत४मनन- पसतपत ककय४; परम-आकशर:--उतम भमटम |.
म४त४ यशकद४ तथ४ रककहणश नद अपनद दकनत पपतत कद पकत अतयकधक सनदह दश४रतद हह ए उनहम उनकक
इचछ४ कद अनपस४र तथ४ समय४नपकसल उतमकतम वसतपएह पद४न ककर।
त४तपयर : परम४कशरद शबद पदममयश म४त४ओर कद आशशव४रद कक ससकचत करत४ हह, कजसकद अनतगरत
उतम भकजन, सपनदर वस, आभसरण, कखललनद तथ४ सथ४यश सनदह कनकहत हह। यथ४क४मर यथ४क४लमनन यह
बतल४तद हह कक यदकप यशकद४ तथ४ रककहणश नद कक षण तथ४ बलर४म कक स४रश इचछ४एह पसरश कर दथ ककनतप
स४थ हश उनहतनद अपनद पपतत कद क४यरकल४पत कक भश कनयकमत बन४य४। दससरद शबदत मम, उनहतनद अपनद पपतत
कद कलए उतम भकजन तहय४र ककय४ ककनतप स४थ हश उनहतनद इसक४ भश धय४न रख४ कक वद समय सद भकजन
करम। इसश तरह उनकद द४र४ उकचत समय पर खदलनद और उकचत समय सद सकनद क४ भश धय४न रख४।
यथ४क४ममनन क४ अथर यह नहथ हह कक म४त४ओर नद अपनद पपतत कक मनम४न४ करनद कक छसट दद दश थश अकपतप
उनहतनद कशष ढरग सद अपनद पपतत पर आशशर कक वर४र कक थश।
शशल सन४तन गकसव४मश टशक४ करतद हह कक म४त४एह अपनद पपतत कक इतन४ अकधक पय४र करतश थथ कक
जब वद उनक४ आकलरगन करतथ तक ठशक सद ददखतथ कक उनकद स४रद अरग सवसथ तथ४ पपष तक हह।
गत४धव४नशमल तत मजनकनमदरन४कदकभ: ।
नशवथ वकसतव४ रकचर४र कदवयसनडगगनननथमकणडतक ॥ ४५॥
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सन४न करनद तथ४ म४कलश सद उन दकनत कक ग४मशण र४सतत मम चलनद सद उतपन थक४न दसर हक
गई।र इसकद ब४द उनहम सपनदर बसत सद सज४य४ गय४ और कदवय म४ल४ओर तथ४ सपगकनधत पद४थर सद
'जननश--अपनश म४त४ओर कद द४र४; उपहतमनन--पदत; प४शय--अचछश तरह ख४कर; सव४दप--सव४कदष; अनमस-- भकजन;
'उपल४कलतल--ल४ड पय४र ककयद ज४कर; सरकवशय-- पवदश करकद ; वर-- शदष; शयय४य४मननस-- कबसतर पर; सपखमनन-- सपखपसवरक;
सपरपपतप:--दकनत सक गयद; बजद-- बज मम ।.
अपनश म४त४ओर द४र४ पदत सव४कदष भकजन कक पदट-भर ख४नद तथ४ कवकवध पक४र सद दपल४रद
ज४नद कद ब४द वद दकनत भ४ई बज मम अपनद अपनद उतम कबछलनत पर लदट गयद और सपखपसवरक सक
गयद।
एवमनन--इस पक४र; सद--वह; भगव४ननन-- भगव४ननन; कक षण: --कक षण; वकनद४वन-चरद --वकनद४वन मम कवचरण करतद हह ए;
ककचतनन--एक ब४र; ययल--गयद; र४ममनन ऋतद--बलर४म कद कबन४; र४जननन--हद र४ज४ परशककत; क४कलनदशमनन--यमपन४ नदश कद तट
पर; सकखकभ: --अपनद कमतत कद द४र४; वकत:--कघरद |.
हह र४जन, इस पक४र भगव४ननन कक षण अपनश लशल४एह करतद हह ए वकनद४वन कदत मम कवचरण करतद
थद। एक ब४र वद अपनद कमतत समदत यमपन४ नदश कद तट पर गयद। तब बलर४म उनकद स४थ नहथ थद।
अथ-तपशच४तनन; ग४व:--गलवम; च-- तथ४; गकप४:--गव४लब४ल; च--तथ४; कनद४घ-गशषम कक; आतप--कडश धसप सद;
'पशकडत४:--सरतप; दपषमननस-- पदसकरत; जलमननस--जल कक; पपप:--पश कलय४; तसय४: --उस नदश क४; तकर-आत४र:--पय४स सद पशकडत;
कवर--कवर सद; दसकरतमनन-दसकरत |.
उस समय गलवम तथ४ गव४लब४ल गशषम कक कडश धसप सद अतयनत सरतप हक उठद। पय४स सद
वय४कप ल हकनद कद क४रण उनहतनद यमपन४ नदश क४ जल कपय४। ककनतप यह जल कवर सद दसकरत थ४।
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कवर४मभसतदपपसपकशय दहवकपहतचदतस: ।
कनपदतपवयरसव: सवर सकलल४नतद कप रदठह ॥ ४९॥
वशकय त४नवह तथ४भसत४नकक षणक यकगदशवरदशवर: ।
ईकय४मकतवकररणय४ सवन४थ४नसमजशवयतनन ॥ ५०॥
कवर-अमभ: --कवर४क जल; ततनन--उस; उपसपकशय--सपशर म४त सद; दहव-- भगव४ननन कक यकग शकक सद; उपहत--खक दश;
चदतस:--अपनश चदतन४; कनपदतप:--कगर पडद; वयसव:--कनजरव; सवर--सभश; सकलल-अनतद--जल कद ककन४रद; कप र-उदद-हद
कप रवरशश वशर; वशकय--ददखकर; त४नननस--उनकक; बह--कनससनददह; तथ४-भसत४ननन--ऐसश अवसथ४ मम; कक षण:-- भगव४ननन कक षण नद;
यकग-ई शवर-ई शवर: -- यकगद शवरत कद ई शवर; ईकय४-- अपनश कचतवन सद; अमकत-वकररणय४--अमकत रपश वर४र सद; सव-न४थ४ननन--उनहम हश
अपन४ सव४मश म४ननद व४लद; समजशवयतनन--पपनदकजल४ कदय४।.
कवरहलद जल क४ सपशर करतद हश स४रश गलवम तथ४ गव४लब४ल भगव४ननन कक दहवश शकक सद अचदत
हक गयद और कनज४रव हककर नदश कद तट पर कगर पडद। हद कप र-वशर, उनहम इस अवसथ४ मम ददखकर,
समसत यकगदशवरत कद ईशवर भगव४ननन कक षण कक अपनद उन भकत पर दय४ आ गई र कजनक४ उनकद
अकतररक अनय ककई सव४मश नहथ थ४। इस तरह उनहतनद अपनश अमकत -कचतवन कक वककष द४र४ उनहम
तपरनत पपनद जशकवत कर कदय४।
तद--वद; समपतशत--पपनद प४प करनद पर; समकतय:--अपनश समककत; समपतथ४य--उठकर; जल-अकनतक४तनन--जल कद ब४हर सद;
आसनस--हक गयद; सप-कवकसमत४:-- अतयकधक चककत; सवर--सभश; वशकम४ण४:--ददखतद हह ए; परसपरमनन--एक दससरद कक |.
अपनश पसणर चदतन४ व४पस प४कर स४रश गलवम तथ४ ब४लक जल कद ब४हर आकर उठ खडद हह यद
अनवमरसत तद४जनगककवनद४नपगहदककतमनन ।
पशतव४ कवरर परदतसय पपनरतथ४नम४तमन: ॥ ५२॥
अनवमरसत--अत: उनहतनद सकच४; ततनन--वह; र४जननन--हद र४ज४ परशककत; गककवनद--गककवनद कक; अनपगह-ईककतमनन-कक प४-दकष कद
क४रण; पशतव४-- पशकर; कवरमननस--कवर; परदतसथ--जशवन सद ह४थ धक बहठनद व४लत क४; पपन:--कफर सद; उतथ४नमनन-- उतथ४न, उठ
खडद हकन४; आतमन: --अपनद सद |.
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इस पक४र शशमद४गवत कद दसवम सकनध कद अनतगरत “धदनक प ४सपर क४ वध” न४मक पदहवम
अधय४य कद शश शशमदनन ए.सश. भककवदद४नत सव४मश पभपप४द कद कवनशत सदवकत द४र४ रकचत त४तपयर पसणर
हह ए।
श४
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(॥थ५ए(९०/ सकलह
कक षण द४र४ क४कलय न४ग कक पत४डन४
इस अधय४य मम भगव४ननन कक षण द४र४ यमपन४ नदश कद सकनकट कसथत सरकवर कद भशतर क४कलय न४ग-
दमन कक लशल४ तथ४ न४गपतनकयत द४र४ सतपकत ककयद ज४नद पर क४कलय पर कक प४ ककयद ज४नद क४ वणरन हहआ
हह।
'क४कलय कद कवर सद दसकरत यमपन४ जल कक कफर सद शपद करनद कद कलए भगव४ननन कक षण नदश तट पर
एक कदमब वकक पर चढ गयद और वह४ह सद जल मम कस द पडद। ततपशच४तनन वद कनभरक हककर जल कद भशतर
मदमसत ह४थश कक तरह ककड४ करनद लगद। क४कलय कक कक षण क४ इस तरह उसकद कनजश व४स मम घपसन४
सहन नहथ हक प४य४ अतद: उसनद भगव४ननन कद प४स ज४कर छ४तश मम डस कलय४। जब कक षण कद कमतत नद यह
ददख४ तक वद मसकछरत हककर भसकम पर कगर पडद। उसश समय बजभसकम मम तरह तरह कद अपशकप न पकट हकनद
लगद-कथवश क४हपनद लगश, उलक४प४त हकनद लग४ और प४कणयत कद व४म अरग फडकनद लगद।
वकनद४वनव४सश कवच४र करनद लगद, “'आज कक षणजश बलर४म कद कबन४ हश जरगल गयद हह अतद न ज४नद
उन पर कलन कवपकत आ पडश हक।”” ऐस४ सकचतद हह ए वद कक षण कद पदकचहन“त क४ अनपसरण करतद हह ए
यमपन४ कद तट पर पहहचह द। उनहतनद यमपन४ नदश कद सकनकट सरकवर कद जल कद भशतर अपनद प४णकपय कक षण
कक क४कलय न४ग कक कप णडलश मम कलपट४ हह आ ददख४। वकनद४वनव४कसयत कक तशनत लकक शसनय सद कदखनद
लगद और उन सबत नद जल मम पवदश करनद कक तहय४रश कर लश। ककनतप भगव४ननन बलर४म नद उन सबत कक
रकक४ कयतकक उनहम कक षण कक शकक क४ पसर४ पसर४ पत४ थ४।
तब अपनद कमतत तथ४ समबकनधयत कक इस तरह कवशलपबध ददखकर कक षण नद अपनद शरशर क४ अतयकधक
कवसत४र कर कलय४ कजससद सपर कक अपनश कप णडलश कक ढशल४ करन४ पड४ और कक षण कक छकडन४ पड४।
इसकद ब४द वद उस सपर कद फनत पर न४चनद लगद। अपनद इस अदपत पचणड नकतय सद शशकक षण नद सपर कद
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एक हज४र फनत कक कप चल ड४ल४ कजससद उसक४ शरशर कशकथल पड गय४। मपख सद रक वमन करत४
हह आ क४कलय अरत मम समझ गय४ कक कक षण आकदपपरर न४र४यण हह, जक चर४चर कद सव४मश हह अत: उसनद
उनकक शरण गहण कक।
न४गपकतयत कक प४थरन४ सद पसन हककर कक षण नद क४कलय कक छकड कदय४। उसद धशरद धशरद चदतन४ हक
आई और उसनद अपनश मह४ननन शककयत कक पपनद प४ कलय४। तब क४कलय नद सरतप सवर सद अपनद द४र४
ककयद गयद अपर४ध कक सवशक४र ककय४ और कक षण कक कई पक४र सद सतपकत कक। उसनद कह४ कक वह
उनक४ आददश प४लनद कद कलए तहय४र हह। कक षण नद उससद कह४ कक वह सपररव४र यमपन४ कद सरकवर
(कपर ड) कक छकड दद और रमणक दशप चल४ ज४यद।
शशशपक उव४च
कवलककय दसकरत४र कक षण४र कक षण: कक षण४कहन४ कवभप: ।
तसय४ कवशपकदमकनवचछनसपर तमपदब४सयतनन ॥ १॥
शश-शपक: उव४च-- शश शपकददव गकसव४मश नद कह४; कवलककय--ददखकर; दसकरत४मनन-- पदसकरत; कक षण४मनन--यमपन४ नदश कक;
कक षण:--भगव४ननन शशकक षण नद; कक षण-अकहन४--क४लद सपर ( क४कलय ) द४र४; कवभप:--सवरशककम४न; तसय४:--नदश कक;
कवशपकदमननस- शपकदद कक; अकनवचछननन--इचछ४ करतद हहए; सपरमनन-सपर कक; तमनन--उस; उदव४सयतनन-- भग४ कदय४।.
शपकददव गकसव४मश नद कह४ : भगव४ननन शशकक षण नद यह ददखकर कक क४लद सपर क४कलय नद
यमपन४ नदश कक दसकरत कर रख४ हह, उसद शपद करनद कक इचछ४ कक और इस तरह उनहतनद क४कलय
शशर४जकब४च
'कथमनतजरलद5 ग४धद नयगकह४दभव४नकहमनन ।
स वह बहह यगप ४व४सर यथ४सशकदप कथयत४मनन ॥ २॥
शश-र४ज४ उब४च--र४ज४ परशककत नद कह४; कथमनन-कह सद; अनतद-जलद--जल कद भशतर; अग४धद--अथ४ह; नयगकह४तनन-दमन
ककय४; भगव४ननन- भगव४ननन नद; अकहमननन--सपर कक; सद--वह, क४कलय; बह--कनससनददह; बहह -यपग--अनदक यपगत सद; आव४समनन--
कनव४स सथ४न बन४यद हहए; यथ४--ककस तरह; आसशतनन--हक गय४; कवप--हद कवद४न ब४हण; कथयत४मनन--कक प४ करकद बतल४यम।.
र४ज४ परशककत नद पसछ४: हद कवद४न मपकन, कक प४ करकद यह बतल४यम कक ककस तरह भगव४ननन नद
यमपन४ कद अग४ध जल मम क४कलय न४ग कक पत४कडत ककय४ और वह क४कलय ककस तरह अनदक
बहनस-हद ब४हण; भगवत: -- भगव४ननन क४; तसथ-- उस; भसमन:-- अननत; सव-छनद-वकतरन:--अपनश इचछ४ सद कमर करनदव४लद;
गकप४ल--गव४लब४ल कद रप मम; उद४र-- उद४र; चररतमनन-- लशल४एह; क:--कलन; तकपयदत--तकप कक ज४ सकतश हह; अमकतमनन--ऐसश
अमकतमय; जपरननन- भ४ग लदतद हहए, सदवन करनद सद।.
हद ब४हण, अननत भगव४ननन अपनश इचछ४नपस४र सवतरत रप सद कमर करतद हह। उनहतनद वकनद४वन
मम गव४लब४ल कद रप मम जक अमकत तपलय उद४र लशल४एह समपन ककर भल४ उनहम सपनकर कलन तकप हक
सकत४ हह?
शशशपक उव४च
क४कलनदन४र क४कलयसय४सशदनन हदद ककशचकदर४कगन४ ।
शपपम४णपय४ यकसमनपतनतयपपररग४: खग४: ॥ ४॥
शश-शपक: उब४च-- शश शपकददव गकसव४मश नद कह४; क४कलनद४मस--यमपन४ नदश कद भशतर; क४कलयसय--क४कलय न४ग क४;
आसशतस-- थ४; हदद--झशल, सरकवर, कपर ड; ककशचतनन--ककई; कवर--उसकद कवर कक; अकगन४--अकग सद; शपपम४ण--गमर सद
'उबलकर; पय४: --इसक४ जल; यकसमनननस--कजसमम; पतकनत--कगर पडतद थद; उपरर-ग४:--ऊपर सद ज४तद हहए; खग४:--पकशगण |.
त४तपयर : इस पसरग मम आच४यर कक वय४खय४ हह कक क४कलय कपर ड (सरकवर) नदश कक मपखय ध४र४ सद
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अलग कसथत थ४ अनयथ४ यमपन४ क४ जल मथपर४ जहसद नगरत तथ४ उसकद आगद कद सथ४नत मम भश कवरहल४ हक
गय४ हकत४।
कवपपषमत४ कवरदककमरम४रतदन४कभमकशरत४: ।
कपयनतद तशरग४ यसय प४कणन: कसथरजडड म४: ॥५॥
कवपहद-
स मत४--जल कक बसहदत सद यपक; कवर-द--कवरहलश; जल म४रतदन--व४यप कद द४र४; अकभकमशत४: --सपशर करतद;
कपयनतद--मर ज४तद; तशर-ग४:--तट पर कसथत; यसय--कजसकद ; प४कणन:--स४रद जशव; कसथर-जडम४:--चर तथ४ अचर।.
त४तपयर : कसथर शबद वकक समदत सभश पक४र कक वनसपकत क४ दकतक हह और जडभम शबद सचल
प४कणयत, यथ४ पशपओर, सरशससपत, पककयत और ककटत क४ दकतक हह। शशल शशधर गकसव४मश नद शश हररवरश
पपर४ण (कवषणप पवर ११.४२, ४४, ४६) सद इस सरकवर कद कवरय मम उदरण कदय४ हह--
कवर४रकणभवसय४रनदधकमदन पररवदकशतमनन ॥
“सरकवर कहथ कहथ पर आठ मशल तक चलड४ थ४ और ददवत४ तक उसद प४र नहथ कर सकतद थद।
सरकवर क४ जल क४फक गहर४ थ४ और समपद कक अचल गहर४इयत कक भ४हकत कपबध नहथ हक सकत४ थ४।
उस सरकवर तक पहह हचन४ ककठन थ४ कनयतकक इसकद ककन४रद पर अनदक कबल थद कजनमम सपर रहतद थद।
सरकवर कद च४रत ओर सपर कद कवर कक अकग सद उतपन कप हत४ थ४ और यह शककश४लश अकग जल मम
कगरनद व४लद घ४स कद कतनकद तक कक तपरनत भसम कर ददतश थश। सरकवर सद आठ मशल कक दसरश तक
शशल सन४तन गकसव४मश कहतद हह कक जल सतमभ कद गपद कवज४न सद अथ४रतनन जल सद ठकस वसतपएह
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बन४नद कक कवद४ सद क४कलय नद सरकवर कद भशतर अपन४ नगर बन४ रख४ थ४।
तर चणडवदगकवरदवशयरमवदकय तदन
दपष४र नदथ च खलसरयमन४वत४रद ।
कक षण: कदमबमकधरह४ ततक5 कततपड-
म४सफकट ग४ढरशनक नयपतकदरकदद ॥६॥
तमनन--उस क४कलय कक; चणड-वदग-- डर४वनश शकक क४; कवर--कवर ; वशयरमनन--पबल; अवदकय--ददखकर; तदन--उसकद द४र४;
दपष४मनन-- पदसकरत; नदशमननस-- नदश कक; च--तथ४; खल--ईषय४रलप असपर; सरयमन--दमन करनद कद कलए; अवत४र:-- आधय४कतमक
जगत सद अवतरण हहआ हह, कजसक४; कक षण:-- कक षण; कदमबमनन--कदमब वकक मम; अकधरह -- चढकर; तत:--उसमम सद; अकत-
तपडनम--अतयनत ऊहच४; आसफकट--अपनश भपज४एह ठतकतद हहए; ग४ढ-रशन:--हढत४ सद फम ट४ ब४हधतद हह ए; नननयपततनन--कस द पडद;
कवर-उदद--कवरहलद जल मम |.
भगव४ननन कक षण नद ददख४ कक क४कलय न४ग नद ककस तरह अपनद अतयनत पबल कवर सद यमपन४
नदश कक दसकरत कर रख४ थ४। चसकह क कक षण आधय४कतमक जगत सद ईषय४रलप असपरत क४ दमन करनद
कद कलए हश कवशदर रप सद अवतररत हह ए थद इसकलए बद तपरनत एक बहह त ऊहचद कदमब वकक कक
चकटश पर चढ गयद और उनहतनद यपद कद कलए अपनद कक तहय४र कर कलय४। उनहतनद अपन४ फम ट४
ब४हध४, ब४हह ओर मम त४ल दश और कफर कवरहलद जल मम कस द पडद।
त४तपयर : आच४यर कद अनपस४र भगव४ननन कक षण नद क४कलय सद यपद करनद कक तहयय४रश मम अपनद ब४लत
कक भश पशछद ब४हध कलय४।
सपरहदद पपररस४रकनप४तवदग-
सडकककभतकरगकवरकचछप कसत४मबपर४कश: ।
पयरकपहतक कवरकर४यकबभशरणककमर-
नध४वनधनप:शतमननतबलसय कक ततनन ॥ ७॥
कजसकद क४रण कवर कक म४त४ सद जल और भश दसकरत हक उठ४। भगव४ननन कद पकवष हकनद कद वदग सद
सरकवर च४रत ओर उमडनद लग४ और भयरकर कवरहलश लहरत नद एक सल धनपर -दसरश तक कक स४रश
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भसकम कक आप४कवत कर कदय४। ककनतप अननत शकक रखनद व४लद भगव४ननन कद कलए यह तकनक भश
करतद हहए, श४हश ह४थश कक तरह ककड४ करनद लगद। जब क४कलय नद यद शबद सपनद तक वह ज४न गय४
कक ककई उसकद सरकवर मम घपस आय४ हह। वह इसद सहन नहथ कर प४य४ अतद वह तपरनत हश ब४हर
कनकल४।
तर पदकणशयसपकपम४रघन४वद४तर
शशवतसपशतवसनर कसमतसपनदर४सयमनन ।
ककडनतमपकतभयर कमलकदर४कडरघ
सनदशय ममरसप रर४ भपजय४ चछ४द ॥ ९॥
क४कलय नद ददख४ कक पशलद रदशमश वस ध४रण ककयद शशकक षण अतयनत सपककमल लग रहद थद,
उनक४ आकररक शरशर सफद द ब४दलत कक तरह चमक रह४ थ४, उनकद वकसथल पर शशवतस क४
कचनह थ४, उनक४ मपखमरडल सपमधपर हहसश सद यपक थ४ और उनकद चरण कमल कद फस ल कद गपचछत
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कद सहश थद। भगव४ननन कनडर हककर जल मम ककड४ कर रहद थद। उनकद अदपत रप कद ब४वजसद
ईषय४रलप क४कलय नद कप द हककर उनकद वकसथल पर डस कलय४ और कफर उनहम अपनश कपर डलश मम
तमनन--उनकक; न४ग--सपर कक; भकग--कपर डलश कद भशतर; पररवशतमनन--कघर४ हहआ; अदनकष-चदषमनन-ककसश पक४र कक गकत न
कदखल४तद हह ए; आलककय--ददखकर; ततननन-कपय-सख४:--उनकद कपय सख४; पशप-प४:--गव४लद; भसश-आत४र:--अतयकधक
कवचकलत; कक षणद--कक षण कक; अकपरत-- अकपरत ककय४; आतम--सवयर कक; सप-हतनन-- अपनद समबनधश; अथर--समपकत; कलतब--
पकतलय४ह; क४म४द--तथ४ स४रश भकगय वसतपएह; दपदख--पशड४ सद; अनपशकक--पशच४त४प; भय--तथ४ डर; मसढ--मककहत; कधयद --
बपकद; कनपदतप:-- भसकम पर कगर पडद |.
जब गव४ल समपद४य कद सदसयत नद, कजनहतनद कक षण कक अपन४ सवरकपय कमत म४न रख४ थ४,
त४तपयर : शशल सन४तन गकसव४मश बतल४तद हह कक गव४लब४ल, कप छ गकप तथ४ आस-प४स कद ककस४न
ग४व:--गलवम; वकर४: --बहल; वतसतयर: --बकछय४; कनदम४न४:--जकर सद कचल४तद हह ए; सप-दप/दकखत४:-- अतयकधक दपकखत;
कक षणद--कक षण पर; नयसत--गड४ कदय४; ईकण४:-- अपनश नजर; भशत४:-- भयभशत; रदनतय:--रकतद हह ए; इब--म४नक; तकसथरद--
कबन४ कहलद-डप लद खडद रहद |.
गलवम, बहल तथ४ बछकडय४ह सभश अतयकधक दपख४रश हककर करण४पसवरक कक षण कक पपक४रनद
लगथ। वद पशप उन पर अपनश दकष गड४यद हह ए भयवश कबन४ कहलद-डप लद खडद रहद म४नक कचल४न४
अथ--तब; बजद-- वकनद४वन मम; मह४-उतप४त४:--बडद बडद उपदव; कत-कवध४:--तशन पक४र कद ; कह--कनससनददह; अकत-
द४रण४:--अतयनत भय४वनद; उतपदतप:--पकट हह ए; भपकव--पकथवश पर; कदकव--आक४श मम; आतमकन--जशवत कद शरशरत मम;
आसन--कनकट; भय--खतर४; सरकशन:--घकरण४ करतद हहए, ससचन४ ददतद हह ए।
तब वकनद४वन कदत मम सभश तशन पक४र कद -पकथवश पर हकनदव४लद, आक४श मम हकनदव४लद तथ४
जशवत कद शरशर मम हकनदव४लद--भय४वनद अपशकप न पकट हकनद लगद जक तपरनत आनद व४लद खतरद कक
चदत४वनश कर रहद थद।
त४तपयर : शशल शशधर सव४मश कद अनपस४र अपशकप न इस पक४र थद: पकथवश मम करपन उतपन हकनद लगद,
आक४श सद उलक४प४त हकनद लग४ और जशवत कद शरशर मम कमपन कद स४थ हश ब४ई र आहख तथ४ शरशर कद
अनय अरग फडकनद लगद। यद अपशकप न तपररत आनद व४लद सरकट कक ससचन४ ददतद हह।
इन अपशकप नत कक ददखकर ननद मह४र४ज तथ४ अनय गव४लद भयभशत थद कयतकक उनहम ज४त थ४
कक उस कदन कक षण अपनद बडद भ४ई बलर४म कद कबन४ ग४य चर४नद गयद थद। चसहकक उनहतनद कक षण कक
अपन४ प४ण म४नतद हहए अपनद मन उनहथ पर व४र कदयद थद कयतकक वद उनकक मह४ननन शकक तथ४ ऐशवयर
सद अनज४न थद। इस तरह उनहतनद इन अपशकप नत सद यह अथर कनक४ल४ कक कक षण कक मकतयप हक गई हह
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और वद दपदख, पशच४त४प तथ४ भय सद अकभभसत हक गयद थद। ब४लक, कसय४ह तथ४ वकद पपररत समदत
वकनद४वन कद स४रद कनव४सश कक षण कक उसश तरह म४नतद थद कजस तरह ग४य अपनद कनरशह नवज४त
बछडद कक म४नतश हह। इस तरह यद दशन-दपखश लकग उनहम ढस हढनद कद इर४दद सद ग४हव सद ब४हर दलड पडद।
त४नस--उनहम; तथ४--इस तरह; क४तर४नननस--वय४कप ल; वशकय--ददखकर; भगव४ननन-- भगव४ननन; म४धव: --समसत यकग कवद४ कद
सव४मश; बल:--बलर४म; पहसय--मपसक४तद हह ए; कककशजतनन-- थकड४-स४; न--नहथ; उब४च--कह४; पभ४व-ज:--बल कक ज४ननद
व४लद; अनपजसथ--छकटद भ४ई कद ; सद--उनननहतनद
समसत कदवय ज४न कद सव४मश भगव४ननन बलर४म हहसनद लगद और वकनद४वन-व४कसयत कक इस तरह
वय४कप ल ददखकर कप छ भश नहथ बकलद कयतकक उनहम अपनद छकटद भ४ई कद अस४ध४रण बल क४ पत४
थ४।
त४तपयर : शशबलर४म भगव४ननन कक षण कद हश सव४रश हह अत: उनसद अकभन हह। वसतपतद वद पकथकन न रपत
मम एक हश परम सतय हह। शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र कद अनपस४र भगव४ननन बलर४म हहस रहद थद
कयतकक उनहतनद सकच४, “कक षण मदरद शदरन४ग रप मम व४लद मपझसद कभश नहथ खदलतद लदककन अब वद क४कलय
न४मक स४म४नय सरस४रश सपर सद खदल रहद हह ।''
यह पशन ककय४ ज४ सकत४ हह कक कक षण तथ४ बलर४म नद कयत अपनद कपय भकत कक क४कलय न४ग कक
कप णडलश कद भशतर कक षण कद बनदश रहनद कक ककणक अवकध तक इतनश वददन४ मम रख४। यह समरण रखन४
च४कहए कक कयतकक वकनद४वन कद व४सश कनत४नत मपक४तम४ थद अतएव उनहम भलकतक भ४वत क४ अनपभव नहथ
हह आ। जब उनहतनद अपनद कपय कक षण कक ककणक सरकट मम ददख४ तक उनक४ कक षण कद कलए पदम पर४क४ष४
तक पहह हच गय४ और इस तरह वद उनकद पदमभ४व सद पसणरतय४ मग हक गयद। स४रश पररकसथकत कक
तद--वद; अनवदरम४ण४:--ढस हढतद हह ए; दकयतमनन--अपनद कपयतम; कक षणमनन--कक षण कक; ससकचतय४--कचकनहत ( पथ ); पदहद --पहर कद
कनश४नत सद; भगवतनन-लकणह:--भगव४ननन कद कचहत सद; जगमप:--गयद; पदवय४--र४सतद सद हककर; यमपन४-तटमनन--यमपन४ कद ककन४रद
तक.
तद तत तत४बजयव४डलप श४शकन-
धवजकपपन४कन पद४कन कवशपतद: ।
म४गर गव४मनयपद४नतर४नतरद
कनरशकम४ण४ ययपरडन सतवर४: ॥ १८॥
तद--वद; तत तत--यह४ह वह४ह; अबज--कमल कद फस ल; यव--जल; अहजढप श--ह४थश ह४हकनद क४ अरकपश; अशकन--वज; धवज--
तथ४ पत४क४ सद; उपपन४कन--कवभसकरत; पद४कन--पदकचदत कक; कवटन न-पतद: --गव४ल ज४कत कद सव४मश, भगव४ननन कक षण कद ; म४गर--
र४सतद मम; गब४मस--गलवत कद ; अनय-पद--तथ४ अनय पदकचह; अनतर-अनतरद--बशच बशच मम; कनरशकम४ण४: --ददखकर; यपय: प --
गयद; अड--हद र४जननन; स-तवर४:--तदजश सद।.
समसत गव४ल समपद४य कद सव४मश भगव४ननन कक षण कद पदकचनह कमल कद फस ल, जल, ह४थश कद
अरकपश, वजन तथ४ पत४क४ सद यपक थद। हद र४ज४ परशककत, म४गर मम गलवत कद पदकचनहत कद बशच बशच
मम उनकद पदकचनहत कक ददखतद हहए वकनद४वन कद कनव४सश तदजश सद दलडद चलद गयद।
त४तपयर : शशल सन४तन गकसव४मश इस पक४र टशक४ करतद हह: “चसकह क कक षण कप छ समय पहलद उस
म४गर सद हककर कनकलद थद तक कफर उनकद पदकचह गलवत, गव४लब४लत इतय४कद कद पदकचहत सद कघरकर कमट
कयत नहथ गयद ? वकनद४वन कद पशपओर तथ४ पककयत कद पदकचहत सद वद कयत नहथ कमटद थद? इसक४ उतर
कवशपकत शबद द४र४ ससकचत हकत४ हह। चसकह क भगव४ननन कक षण सभश जशवत कक समपकत हह अतएवर बज कद
जरगल कद स४रद कनव४सश उनकद चरणकचहत कक जक पकथवश कद आभसरण सम४न थद मह४ननन ककर कक तरह
सपरककत रखमग।द वकनद४वन कद अनतगरत एक भश प४णश कक षण कद पदकचहन“त कद ऊपर कभश भश नहथ चल४
हकग४।!
अनतईदद भपजगभकगपरशतम४र४तनन
कक षणर कनरशहमपपलभय जल४शय४नतद ।
गकप४रशव मसढकधरण४नपररतद पशसशच
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जयतहश वद यमपन४ नदश कद ककन४रद कक ओर भ४गद ज४ रहद थद तयतहश उनहतनद दसर सद ददख४ कक कक षण
सरकवर मम क४लद स४हप कक कप णडलश मम कनशवदष पडद हह। उनहतनद यह भश ददख४ कक स४रद गव४लब४ल
मसकछरत हककर पडद हह और स४रद पशप उनकद च४रत ओर खडद हककर कक षण कद कलए रमभ४ रहद हह। यह
इकशय ददखकर वकनद४वनव४सश वददन४ तथ४ भम कद क४रण कवह हक उठद।
त४तपयर : हडबडशमम एवर शकक४कप ल वकनद४वनव४कसयत नद यह पत४ लग४नद क४ पय४स ककय४ कक कहथ
क४कलय कक षण कक ककन४रद सद जल मम बलपसवरक घसशट तक नहथ लद गय४ थ४ य४ कक षण सवयर ककन४रद सद
कस दकर सपर कद चरगपल मम ज४ पहह चह द थद। उनहम पररकसथकत कद कवरय मम कप छ भश नहथ पत४ चल प४य४ और
कक षण कद गव४लसख४ अचदत हकनद कद क४रण उनसद कप छ भश नहथ बत४ सकतद थद। गलवम तथ४ बछडद कक षण कद
कलए रमभ४ रहद थद। स४रश पररकसथकत कवहल बन४नद व४लश थश कजससद वकनद४वन कद व४कसयत कद मन मम
गकपय:--गककपय४ह; अनपरक-मनस:--उनसद अनपरक मनव४लश; भगवकत-- भगव४ननन मम; अननतद-- अननत; ततनन--उनक४; सलहद--
पदमपसणर; कसमत--मपसक४न; कवलकक--कचतवन; कगर:--तथ४ वचन; समरनतय:--समरण कर करकद ; गसतद--पकडद ज४कर;
अकहन४--सपर द४र४; कपय-तमद--सबसद पय४रद; भसश--अतयनत; दपदख--पशड४ सद; तप४: --पशकडत; शसनयमनन--ररक; कपय-
वयकतहतमनन-- अपनद कपय सद कवलग हककर; दहशपद--उनहतनद ददख४; कत-लककमनन--तशनत लककत ( समपसणर बह४णड ) कक।.
जब यपवतश गककपयत नद, कजनकद मन कनररतर अननत भगव४ननन कक षण मम अनपरक रहतद थद, ददख४
कक वद क४कलय कद चरगपल मम हह, तक उनहम उनकक कमतत४, उनकक मपसक४न-भरश कचतवन तथ४ उनकद
बचनत क४ समरण हक आय४। अतयनत शकक सद सरतप हकनद कद क४रण उनहम स४र४ बह४णड शसनय
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त४: कक षणम४तरमपतयमनपपकवष४र
तपलयवयथ४: समनपगकह४ शपचद सवनतय: ।
त४सत४ बजकपयकथ४: कथयनतय आसननन
कक षण४ननद5 कपरतहडशक मकतकपतशक४: ॥ २१॥
त४:--वद; कक षण-म४तरमनन--कक षण कक म४त४ ( यशकद४ ); अपतयमनन--अपनद पपत पर; अनपपकवष४मनन--अपनश दकष कटक४यद; तपलय--
सम४न रप सद; वयथ४:--वयकधत; समनपगकह--हढत४पसवरक पकडकर; शपच:--शकक कक ब४ढ; सवनतय:--उमडतद हह ए; त४: त४:--
उनमम सद हर शबद कक; बज-कपय--वज कद परम कपय कक; कथ४:--कथ४एह; कथयनतय:--कहतद हह ए; आसनस--वद खडश रहथ;
कक षण-आननद--कक षण कद मपख पर; अकपरत--चढ४यश, अकपरत कक हह ई; दश:--अपनश आहखम; मकतक --शव; पतशक४:--तपलय |.
यदकप पलढ गककपयत कक उनहथ कद बर४बर पशड४ थश और उनमम शककपसणर अशपओर कक झडश
लगश हह ई थश ककनतप उनहतनद बलपसवरक कक षण कक म४त४ कक पकडद रख४, कजनकक चदतन४ पसणरतय४
अपनद पपत मम सम४ गयश थश। यद गककपय४ह शवत कक तरह खडश रहकर, अपनश आहखम कक षण कद मपख
पर कटक४यद, ब४रश ब४रश सद बज कद परम ल४डलद कक लशल४एह कहद ज४ रहश थथ।
कक षण-प४ण४नननस--कजनकद प४ण कक षण थद; कनकवरशत:-- पवदश करतद; ननद-आदशननन--ननद मह४र४ज इतय४कद कक; वशकय-- ददखकर;
तमनन--उस; हदमनन-सरकवर मम; पतयरद धतननस--मन४ ककय४; सद--वद; भगव४ननन-- भगव४ननन; र४म: --बलर४म नद; कक षण--कक षण कक;
अनपभ४व--शकक; कवतननस-- भलशभ४हकत ज४नतद हह ए।.
ततपशच४तनन भगव४ननन बलर४म नद ददख४ कक नननननद मह४र४ज तथ४ कक षण कक अपन४ जशवन अकपरत
करनदव४लद अनय गव४लद सपर-सरकवर मम पवदश करनद ज४ रहद हह। भगव४ननन हकनद कद न४तद बलर४म कक
कक षण कक व४सतकवक शकक क४ पसर४ पसर४ ज४न थ४ अतएव उनहतनद उन सबत कक रकक४।
त४तपयर : शशल सन४तन गकसव४मश कलखतद हह कक भगव४ननन बलर४म नद कप छ गव४लत सद ब४तम करकद ,
कप छ कक पकडकर और कप छ पर अपनश शककद४कयनश हहसशभरश मपसक४न कबखदरकर रकक४। स४रद गव४लद
इस कसथकत सद वयग हककर कक षण कद कलए सपर-सरकवर मम घपसकर अपनद प४ण ददनद कद कलए तहय४र थद।
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इतथमनन--इस तरह सद; सव-गककप लमनन--गककप ल कद अपनद कप ल मम; अननय-गकतमनन--( उनकद अकतररक ) ककई अनय गनतवय य४
आशय न हकनद सद; कनरशकय--ददखकर; स-सश--कसयत समदत; कप म४रमनन--तथ४ बचक; अकत-दप:कखतमनन-- अतयनत दपखश; आतम-
हदतकद --अपनद क४रण; आज४य--ज४नकर; मतयर-पदवशमनन-मरनद व४लत कक तरह; अनपवतरम४न: --अनपकरण करतद हह ए; कसथतव४--
रहद आकर; मपहहतरमनन--कप छ क४ल तक; उदकतषतनन--उठ खडद हह ए; उरडन --सपर कद ; बनध४तनन--बनधन सद |.
भगव४ननन कप छ क४ल तक स४म४नय मतयरप४णश कद वयवह४र क४ अनपकरण करतद हह ए सपर कक
कपर डलश कद भशतर पडद रहद। ककनतप जब उनहम इसक४ भ४न हह आ कक उनकद गककप ल ग४म कक कसय४ह,
बचद तथ४ अनय कनव४सश अपनद जशवन कद एकम४त आध४र उनकद पदम कद क४रण कवकट दपखश हह,
ततपथयम४नवपपर४ वयकधत४तमभकग-
सतयकतवकनमयय कप कपत: सवफण४नभपजडद ।
तसथल शवसजछप सनरनशकवर४मबरशर-
सतबधदकणकलमपकमपखक हररमशकम४ण: ॥ २४॥
जब भगव४ननन कद शरशर क४ कवसत४र हकनद सद क४कलय कक कपर डलश दपखनद लगश तक उसनद उनहम
छकड कदय४। तब वह सपर बहह त हश कप द हककर अपनद फनत कक ऊहचद उठ४कर कसथर खड४ हक गय४
और जकर जकर सद फप फक४रनद लग४। उसकद नथपनद कवर पक४नद कद प४तत जहसद लग रहद थद और उसकद
मपखपर कसथत घसरतश आहखम आग कक लपटत कक तरह लग रहश थथ। इस तरह उस सपर नद भगव४ननन
पर नजर ड४लश।
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तमनन--उसकक, क४कलय कक; कजह४-- अपनश जशभ सद; कद-कशखय४--दकमपहश; पररलदकलह४नमनन--ब४रब४र च४टत४ हह आ; दद--दक;
सककणश--हतठ; कह--कनससनददह; अकत-कर४ल--अतयनत भय४वनद; कवर-अकग--कवरहलश अग सद पसणर ; दकषम--कजसकक दकष;
ककडनननस--खदलतश हह ई; अमपमनन--उसकक; पररसस४र--च४रत ओर घसम गई; यथ४--कजस तरह; खग-इनद: --पककर४ज गरड;
बश४म--च४रत ओर घसम४; सद--क४कलय; अकप-- भश; अवसरमनन--( पह४र करनद क४ ) अवसर; पसमशकम४ण: --धय४नपसवरक
ददखतद हहए, कक त४क मम |.
'क४कलय ब४रमब४र अपनश दकमपहश जशभ सद अपनद हतठत कक च४टत४ और कवरहलश कवकर४ल
अकग सद पसणर अपनश दकष सद कक षण कक घसरत४ ज४ रह४ थ४। ककनतप कक षण नद म४नक खदल-खदल मम हश
उसक४ उसश तरह चकर लग४य४ कजस तरह गरड सपर सद कखलव४ड करत४ हह। पकतककय४ कद रप
मम, क४कलय भश उनकद स४थ स४थ घसमत४ ज४त४ थ४ और भगव४ननन कक क४टनद क४ अवसर ढस हढ रह४
थ४।
त४तपयर : कक षण इतनश चतपर४ई सद क४कलय कद च४रत ओर घसम रहद थद कक क४कलय कक उसद क४टनद क४
अवसर हश नहथ कमल प४य४। इस तरह शशकक षण कक कदवय चरचलत४ कद द४र४ सपर पर४कजत हक गय४।
एवर पररभमहतलजसमपनत४रस-
म४नमय ततपसपथकप शर:सवकधरढ आद: ।
तनमसधररलकनकरसपश४रकतत४प-
प४द४मबपजकडकखलकल४कदगपरनरनतर ॥ २६॥
एवमनन--इस तरह; पररभम--भगव४ननन द४र४ उसकद च४रत ओर चकर लग४नद कद क४रण; हत--कवनष; ओजसमनन--कजसक४ बल;
उनत--ऊपर उठ४; अरसमनन--कजसकद करधद; आनमय--झपकनद कद कलए ब४धय करकद ; ततनन--उसकद ; पकथप-कशर:सप--चलडद कसर पर;
अकधरढ:--चढकर; आद:--हर वसतप कद मसल; ततनन--उसकद ; मसथर--कसरत पर; रल-कनकर--अनदक४नदक रल; सपशर--छसनद सद;
अकत-त४ग--अतयकधक ल४ल हहए; प४द-अमबपज:--चरणकमल; अकखल-कल४--समसत कल४ओर कद ; आकद-गपर:--मसल गपर;
ननतर--न४चनद लगद।.
लग४त४र चकर लग४तद लग४तद सपर कद बल कक बपरश तरह कशण करकद , समसत वसतपओर कद मसल
शशकक षण नद क४कलय कद उभरद हह ए कनधत कक नशचद दब४ कदय४ और उसकद चलडद फनत पर चढ गयद।
इस तरह समसत कल४ओर कद आकद गपर भगव४ननन शशकक षण नकतय करनद लगद और सपर कद फनत पर
कसथत असरखय मकणयत कद सपशर सद उनकद चरण गहरद ल४ल ररग कद हक गयद।
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आन४क४नश करतद हह। ककनतप कजस तरह भगव४ननन कक षण नद बलपसवरक क४कलय कद कसरत कक नशचद दब४कर
उसद हर४ कदय४ उसश तरह भगव४ननन कक शकक अटल क४ल कद रप मम स४रश बद आतम४ओर कक म४र ड४लतश
हह और उनकद दमभश कसरत कक झपकनद कद कलए कववश कर ददतश हह। अत: हमम च४कहए कक हम भलकतक
जशवन कद बन४वटश पद कक तय४गकर भगव४ननन कद चरणकमलत पर कवनत हककर उनकद आज४क४रश सदवक
बन ज४यम।
शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र बतल४तद हह कक भगव४ननन कद चरणकमल त४हबद कद सम४न ल४ल
इसकलए हक गयद कनयतकक वद क४कलय कद फनत पर लगश असरखय कठकर मकणयत कद सरपकर मम आ गए थद।
तब भगव४ननन कक षण उन तदजमय ल४ल चरणत सद सपर कद फनत कक अकसथर, गकतम४न सतह पर न४चकर
अपनश कल४-च४तपरश क४ पदशरन करनद लगद। नकतय कल४ क४ यह अस४म४नय पदशरन वकनद४वन कक तरण
कखयत कक आननद पद४न करनद कद कनकमत थ४, जक कक षण कद स४थ पदम मम बपरश तरह फह सश थथ।
पशतय४ मकदडपणव४नकव४दगशत-
पपषपकपह४रनपकतकभ: सहसकपसदद:
प ॥ २७॥
तमनन--उनकक; नतपरमननस--न४चनद मम; उदतमनन--लग४ हहआ; अवदकय--ददखकर; तद४--तब; तदशय--उनकद सदवक; गनधवर-कसद--
गनधवर तथ४ कसदगण; मपकन-च४रण--ऋकर तथ४ च४रण; ददव-वधव: --ददवपकलनय४ह; पशतय४--हररपसवरक; मकदड-पणव-आनक--
कवकभन पक४र कद ढकल; व४द--ब४जत समदत; गशत--गशत; पपषप-- फस ल; उपह४र-- अनय भमटम; नपकतकभ:--तथ४ सतपकतयत द४र४;
सहस४--तपरनत; उपसदद: प --आ गयद।.
भगव४ननन उनकक न४चतद ददखकर सवगरलकक कद उनकद सदवक-गनधवर, कसद, मपकन, च४रण
तथ४ ददवपकतलय४ह-वह४ह तपरनत आ गयद। वद मकदरग, पणव तथ४ आनक जहसद ढकल बज४-बज४कर
कक षण कद नकतय क४ स४थ ददनद लगद। उनहतनद गशत, फस ल तथ४ सतपकतयत कक भमटम भश दथ।
त४तपयर : जब ददवत४ओर तथ४ उच लकक कद अनय कनव४कसयत कक पत४ चल४ कक कक षण नकतय कल४
क४ अदभपत पदशरन सवयर कर रहद हह, तक वद तपरनत उनकक सदव४ मम उपकसथत हक गयद। जब नकतय कद स४थ
मकदरग व४दन, ग४यन तथ४ सतपकत उच४रण भश ककय४ ज४त४ हह, तक उस नकतय कक ददखन४ और भश सपनदर तथ४
आननदद४यक हक ज४त४ हह। क४कलय सपर कद फनत पर आनरदपसवरक न४चनद मम वयसत भगव४ननन शशकक षण पर
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यतनन यतननस--जक जक; कशर:द--कसर; न नमतद--नहथ झपकतद थद; अडग--हद र४ज४ परशककत; शत-एक-शशषषण:--१०१ कसरत व४ल४; ततनन
ततनन--उन उन कक; ममदर--कप चल ड४ल४; खर--दपषत कक; दणड--सज४; धर:--ददनद व४लद भगव४ननन; अकडध-प४तहद-- अपनद पहरत
कद पह४र सद; कशण-आयपर:--आयप कशण हक रहद क४कलय क४; भमत:--जक अब भश घसम रह४ थ४; उलबणमनन-- भय४वह;
आसयतद:--मपखत सद; अससकनन --रक; नसत:--नथपनत सद; वमननन--कह ; परम--अतयनत; कशमलमननस-- कष; आप-- अनपभव ककय४;
न४ग:--सपर नद।.
हद र४जनस, क४कलय कद १०१ कसर थद और यकद इनमम सद ककई एक नहथ झपकत४ थ४, तक कस र
कक तय करनदव४लत कक दरड ददनदव४लद भगव४ननन शशकक षण अपनद प४द-पह४र सद उस उदणड कसर कक
कप चल ददतद थद। जब क४कलय मकतयप कद कनकट पहह हच गय४ तक वह अपनद कसरत कक च४रत ओर घपम४नद
लग४ और अपनद मपखत तथ४ नथपनत सद बपरश तरह सद रक वमन करनद लग४। इस तरह सपर कक
तसय४कककभगररलमपदमत: कशरदसप
यदतसमपनमकत कनदशवसतक ररकचह: ।
नकतयनपद४नपनमयनदमय४र बभसव
पपषपह: पपसकजत इवदह पपम४नपपर४ण: ॥ २९॥
'तसय--उसकक; अकककभद--आहखत सद; गरलमननस--कवरहल४ कस ड४; उदमत:--वमन करत४ हह आ; कशरदसप--कसरत मम सद; यतनन यतनन--
जक जक; समपनमकत--ऊपर उठत४; कन: शवसत:-- शव४स लदत४ हह आ; रर४--ककध सद; उचह:--क४फक अकधक; नकतयनस--न४चतद हह ए;
'पद४--अपनद प४हव सद; अनपनमयननन-- झपक४तद हह ए; दमय४मनन बभसब--दमन कर कदय४; पपषपह: फस लत सद; पपकसकजत: --पसज४ ज४कर;
इब--सहश; इह--इस अवसर पर; पपम४नननस-पपरर; पपर४ण:-- आकद।.
'क४कलय अपनश आहखत सद कवरहल४ ककचड कनक४लतद हह ए रह रहकर अपनद ककसश एक कसर कक
ऊपर उठ४नद क४ दपसस४हस करकद ककध सद फप फक४रत४ थ४। तब भगव४ननन उसपर न४चनद लगतद और
अपनद प४हव सद नशचद झपक४कर उसक४ दमन कर ददत।द ददवत४ओर नद इन सभश पदशरनत कक उकचत
तकचतत४णडवकवरगगफण४सहसक
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'ततनन-- उनकद ; कचत--कवसमयक४रश; त४णडब--शककश४लश ज४ व कवत -> भग; फण४-सहस:--अपनद एक हज४र फन;
रकमस--रक; मपखह:--मपख सद; उरस--अतयकधक; वमननन--उगलतद हह ए; नकर--हद र४ज४ परशककत; भग-ग४त:--कप चलद अरगत व४ल४;
समकतव४--समरण करकद ; चर-अचर--स४रद जड तथ४ जरगम प४कणयत कद ; गपरमनन-गपर; पपररमनन--पपरर; पपर४णमनन--प४चशन;
न४र४यणमनन--न४र४यण कक; तमनन--उन; अरणमनन--शरण कद कलए; मनस४--मन मम.
त४तपयर : शशल पभपप४द नद भगव४ननन शशकक षण (भ४ग १, अधय४य १६) मम कदखल४य४ हह कक इसकद पसवर
जक क४कलय कवर उगल रह४ थ४, वहश अब कवर सम४प हक ज४नद सद रक वमन करनद लग४। इस तरह
उसक४ हदय कवर रपश कलपर सद धपल गय४। समकतव४ शबद अतयनत स४थरक हह। क४कलय कक पकतनय४ह
व४सतव मम सचद रप सद कक षण-भक थथ और आच४यर क४ कथन हह कक उन पकतयत नद प४यद अपनद पकत
कक भगव४ननन कक शरण गहण करनद कद कलए मन४नद क४, पय४स ककय४ थ४। अनत मम असह पशड४ कद क४रण
क४कलय नद अपनश पकतनयत कक सल४ह क४ समरण ककय४ और भगव४ननन कक शरण गहण कर लश। शशल
कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र कहतद हह कक परमपर४ सद क४कलय क४ पमपख पकतदनदश कवषणपव४हन गरड रह४ हह।
ककनतप क४कलय नद यह अनपभव ककय४ कक अब ऐसद पकतदनदश सद उसक४ प४ल४ पड४ हह , जक गरड सद हज४रत
गपन४ बलश४लश हह अतएवर हक न हक वह भगव४ननन हश हक सकत४ हह। इस तरह क४कलय नद भगव४ननन कक षण
कक षणसथ--कक षण कद ; गभर--उदर मम; जगत:--स४र४ बह४णड प४य४ ज४त४ हह; अकत-भर--अतयकधक भ४र सद; अवसनमनन-- थक४
हह आ; प४कणणर--एकडयत कद ; पह४र--चकट सद; परररग--कत-कवकत; फण४--फन; आतपतमनन-छ४तत कक तरह; दष४--ददखकर;
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त४तपयर : शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र कद अनपस४र क४कलय कक पकतनय४ह अपनद पकत कद आसपरश
क४यर सद तरग आ चपकक थथ। वद यहश सकचतश रहतथ थथ, “यकद यह न४कसतक भगव४ननन कद दणड सद म४र४
ज४त४ हह, तक इसद मरनद दम। हम कवधव४ हककर भगव४ननन कक पसज४ मम लग ज४यमगश ।'” ककनतप जब उन कसयत
नद क४कलय कद मपख तथ४ अनय अरगत कक अकभवयकक ददखश तक समझ गई र कक क४कलय नद मन हश मन
भगव४ननन कक शरण गहण कर लश हह। यह ददखकर कक वह कवनयशशलत४, पशच४त४प, शकक तथ४ सनददह कद
लकण वयक कर रह४ हह, उनहतनद सकच४, “ददखक न, हम ककतनश भ४गयश४कलनश हह! अब हम४र४ पकत
वहषणव बन गय४ हह। अतएवर अब हमम उसकक रक४ करनश च४कहए।'' उनमम अपनद पशच४त४प करनदव४लद पकत
कद कष तथ४ उसकक दयनशय अवसथ४ पर सनदह उमड आय४ और वद सब कक सब भगव४ननन कद समक
आई।र
त४द--वद, क४कलय कक पतनकय४ह; तमनन--उसकक; सप-कवग--अतयनत उकदग; ममनसद--मन; अथ--तब; पपरद-कक त--स४मनद करकद ;
अभ४र:--अपनद बचद; क४यमनन--अपनद शरशर कक; कनध४य--रखकर; भपकव-- भसकम पर; भसत-पकतमनन--समसत प४कणयत कद सव४मश
कक; पणदमपद--पण४म ककय४; स४धवय:--स४धवश कसय४ह; कक त-अदजकल-पपट४द:--ह४थ जकडकर; शमलसय-- प४पश; भतपर:--पकत कक;
मकक--मपकक; ईपसवद--इचछ४ करतश हह ई;र शरण-दमनन--शरण ददनदव४लद; शरणमनन--शरण कद कलए; पपन४:--कनकट आई।र .
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न४गपतय ऊचपद
नय४ययक कह दणड: कक तकककलबरद5 कसम-
सतव४वत४र: खलकनगह४य ।
ररपक: सपत४न४मकप तपलयदकष-
धरतसद दमरर फलमदव४नपशरसननन ॥ ३३॥
हश हह। आपनद इस जगत मम ईषय४रलप तथ४ कस र पपररत क४ दमन करनद कद कलए हश अवत४र कलय४ हह।
आप इतनद कनषपक हह कक आप शतपओर तथ४ अपनद पपतत कक सम४न भ४व सद ददखतद हह कयतकक जब
आप ककसश जशव कक दणड ददतद हह, तक आप यह ज४नतद हकतद हह कक अनततद यह उसकद कहत कद कलए
हह।
अनपगहक5नयर भवतद कक तक कह नक
दणडक5 सत४र तद खलप कलमर४पह: ।
यहनदशसकतवममपषय ददकहनद
ककधक5 कप तदउनपगह एवर सममत: ॥ ३४॥
अनपगहद--कक प४; अयमननस--यह; भवतद--आपकद द४र४; कक तद--कक गई; कह--कनससनददह; नद--हम पर; दणड:--दणड, सज४;
असत४मनन--दपषत क४; तद--आपकद द४र४; खलप--कनससनददह; कलमर-अपह:--उनकद कलमर कक दसर करतद हह ए; यतनन-- कयतकक;
दनदशसकतवमनन--सपर कद रप मम पकट हकनद कक अवसथ४; अमपषय--इस क४कलय कक; ददकहन:--बदजशव; ककध: --कक ध; अकप--
भश; तद--आपकक; अनपगह:--कक प४; एब--व४सतव मम; सममत:--सवशक४र हह।.
आपनद जक कप छ यह४ह ककय४ हह, वह व४सतव मम हम पर अनपगह हह कयतकक आप दपषत कक जक
दणड ददतद हह वह कनकशचत रप सद उनकद कलमर कक दसर कर ददत४ हह। चसकह क यह बदजशव हम४र४ पकत
इतन४ प४पश हह कक इसनद सपर क४ शरशर ध४रण ककय४ हह अतएवर उसकद पकत आपक४ यह ककध
उसकद पकत आपकक कक प४ हश समझश ज४नश च४कहए।
त४तपयर : इस समबनध मम शशल मधव४च४यर इरकगत करतद हह कक जब इस जगत मम ककई पकवत वयकक
कष भकगत४ हह, तक वह यह अनपभव करत४ हह कक, “भगव४ननन द४र४ कदय४ ज४नद व४ल४ यह दणड व४सतव मम
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उनकक अहहतकप क कक प४ हह।”' ककनतप ईषय४रलप वयकक अपनद शपकदकरण कद हदतप दकणडत हकनद पर भश भगव४ननन
सद ईषय४र करन४ नहथ छकडतद और आककश सद भरद रहतद हह। इसश मनकभ४व कद क४रण वद परम बह कक नहथ
समझ प४तद।
तपद--तपसय४; सप-तपमस--ठशक सद कक गई; ककमननस-- कय४; अनदन--इस क४कलय द४र४; पसवरमनन--पसवरजनमत मम; कनरसत-म४नदन--
कमथय४ अहरक४र सद रकहत हकनद सद; च--तथ४; म४न-ददन--अनननयत क४ समम४न करतद हह ए; धमर:--ध४कमरक कतरवय; अथ व४--य४
अनय कप छ; सवर-जन--सभश लकगत कद कलए; अनपकमपय४--अनपकमप४पसवरक; यत:--कजससद; भव४ननन-- आप; तपषयकत-- पसन हकतद
हह; सवर-जशव:-- समसत जशवत कद प४ण४ध४र।.
कय४ हम४रद पकत नद पसवरजनम मम गवररकहत हककर तथ४ अनयत कद पकत आदरभ४व सद पसररत हककर
स४वध४नश सद तपसय४ कक थश? कनय४ इसशकलए आप उससद पसन हह? अथव४ कनय४ उसनद ककसश
पसवरजनम मम समसत जशवत कद पकत दय४पसवरक ध४कमरक कतरवय पसर४ ककय४ थ४ और कय४ इसशकलए
समसत जशवत कद प४ण४ध४र आप अब उससद सनतपष हह?
त४तपयर : इस समबनध मम शशल पभपप४द नद भगव४ननन शशकक षण (भ४ग १, अधय४य १६) मम इस तरह
टशक४ कक हह, ““न४गपकतनय४ह इसकक पपकष करतश हह कक जब तक ककसश नद अपनद पसवरजनमत मम भकक द४र४
पपणयकमर नहथ ककयद हकतद, वह कक षण कद समपकर मम नहथ आ सकत४। जहस४कक भगव४ननन शश चहतनय मह४पभप
नद अपनद कशक४षक मम उपददश कदय४ हह-मनपषय कक च४कहए कक अपनद कक म४गर कद तकण सद भश नशचद
समझतद हह ए तथ४ अपनद समम४न कक आश४ न रखतद हह ए अनयत क४ सभश पक४र समम४न करतद हह ए हरद
कक षण मरत क४ कवनम हककर ककतरन करतद हह ए भकक करद। न४गपकतनय४ह कवकसमत थथ कक यदकप अतयनत
प४पपसणर कक तयत कद क४रण क४कलय कक सपर क४ शरशर कमल४ थ४ ककनतप अब उसकद फनत पर भगव४ननन कद
चरणकमलत क४ सपशर हक रह४ हह। कनशचय हश यह ककसश स४म४नय पपणयकमर क४ फल नहथ थ४। यद दक
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तव४डकपरदणसप परश४कधक४र: ।
यद४]जछय४ शशललन४चरतपक
कवह४य क४म४नसपकचरर धकतवत४ ॥ ३६॥
'कसय--ककसक४; अनपभ४व: --फल; असय--इस सपर क४; न--नहथ; ददव--हद पभप; कवदनदह--हम ज४नतश हह; तब--आपकद ;
अकदध--चरणकमलत कक; रदण- प -धसकल क४; सपरश--सपशर करनद कद कलए; अकधक४र: --प४तत४, यकगयत४; यतननस--कजसकद कलए;
व४उनछय४--इचछ४ सद; शश:-- लकमशजश नद; ललन४--( सवरशदष ) सश; आचरतनन--समपन कक; तप:द--तपसय४; कवह४य--छकडकर;
'क४म४ननन--स४रश इचछ४ओर कक; सप-कचरमनन--दशघरक४ल तक; धकत-- ध४रण ककय४; बत४--अपन४ बत, पकतज४.
हद पभप, हम नहथ ज४नतथ कक इस क४कलय न४ग नद ककस तरह आपकद चरणकमलत कक धसल
कक सपशर करनद क४ सपअवसर प४प ककय४। इसकद कलए तक लकमशजश नद अनय स४रश इचछ४एह
नन४कपकषर न च स४वरभलमर
न प४रमदषयर न रस४कधपतयमनन ।
न यकगकसदशरपपनभरवर व४
व४उनछकनत यतप४दरजदपपन४: ॥ ३७॥
'न--नहथ; न४क-पकषमस-सवगर; न च--न तक; स४वर-भलममनन--सवरपरर सत४; न--नहथ; प४रमदषथममनन--बह४ क४ सवरच पद; न--
नहथ; रस-अकधपतयमनन--पकथवश कद ऊपर श४सन; न--नहथ; यकग-कसदश:--यकग कक कसकदय४ह; अपपन:-भवमनन--पपनजरनम सद
छप टक४र४; व४--अथव४; व४उछकनत--इचछ४ करतद हह; यतनन--कजसकद ; प४द--चरणकमलत कक; रज:--धसल; पपन४: --कजनहतनद
प४प कर लश हह।.
ततनन--वह; एब: --यह क४कलय; न४थ-हद पभप; आप--प४प कर चपक४ हह; दपर४पमनन-दपषप४पप; अनयह: --अनयत कद द४र४; तम:-
'जकन:--तमकगपण मम उतपन; ककध-वश:--ककध कद वशशभसत; अकप-- भश; अकह-ईश:--सपरर४ज; सरस४र-चकद --सरस४र कद चकर
मम; भमत:द--घसमत४ हह आ; शरशररण:--जशवध४ररयत कद कलए; यतनन--कजससद ( चरणत कक धसल सद ); इचछत: --भलकतक इचछ४ओर
व४ल४; सथ४तनन- पकट करत४ हह; कवभव: --स४रद ऐशवयर; समक: --अपनद स४मनद।.
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हह ककनतप इसनद अनयत कद कलए जक दपषप४पय हह उसद भश प४प कर कलय४ हह। इचछ४ओर सद पसणर हककर
जनम-मकतयप कद चकर मम भमण करनदव४लद ददहध४रश जशव आपकद चरणकमलत कक धसल प४प करनद
सद हश अपनद समक स४रद आशशव४रदत कक पकट हकतद ददख सकतद हह।
त४तपयर : बदजशव कद कलए अपनद आपकक मकह कद कलमर सद छप ड४कर परबह कक पसणर चदतन४ कक
प४प कर प४न४ अतयनत दपलरभ हह। तक भश क४कलय कक यह आशशव४रद प४प हक सक४ कयतकक भगव४ननन नद
अपनद चरणकमलत सद उस सपर कद फणत पर सवयर नकतय ककय४। भलद हश हम बदजशवत कक अपनद कसर पर
भगव४ननन कद नकतय हकनद कक कक प४ प४प न हक सकद ककनतप भगव४ननन कद पकतकनकध, प४म४कणक गपर, कद म४धयम
सद बह कद चरणकमलत कक धसल तक प४प हक हश सकतश हह। इस तरह बह४णड कद कष तथ४ अज४न सद
हद भगवननन, हम आपकक स४दर नमसक४र करतश हह। यदकप आप सभश जशवत कद हदयत मम
परम४तम४ रप मम कसथत हह, तक भश आप सवरवय४पक हह। यदकप आप सभश उतपन भलकतक ततवत कद
आकद आशय हह ककनतप आप उनकद सकजन कद पसवर सद कवदम४न हह। यदकप आप हर वसतप कद क४रण
हह ककनतप परम४तम४ हकनद सद आप भलकतक क४यर-क४रण सद परद हह।
त४तपयर : वक४ तथ४ शकत४ कद कदवय आननद हदतप इस सपनदर सरसकक त शलकक क४ जकर सद उच४रण
करन४ च४कहए।
ज४नकवज४ननशधयद बहणदउननतशकयद ।
अगपण४य४कवक४र४य नमसतद प४कक त४य च ॥ ४०॥
ज४न--चदतन४; कवज४न--तथ४ आधय४कतमक शकक कद ; कनधयद--स४गर क४; बहणद-- परबह] कक; अननत-शकयद-- असशम
शककम४न कक; अगपण४य--दवय कद गपणत सद न पभ४कवत हकनदव४लद कक; अकवक४र४य--भलकतक कवक४र न हकनदव४लद कक; नम:--
नमसक४र; तद--आपकक; प४कक त४य--पकक कत कद आकद सरच४लक; च--तथ४।.
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हद परम सतय, हम आपकक नमसक४र करतश हह। आप समसत कदवय चदतन४ एवर शकक कद
आग४र हह और अननत शककयत कद सव४मश हह। यदकप आप भलकतक गपणत एवर कवक४रत सद पसणरतय४
मपक हह ककनतप आप भलकतक पकक कत कद आकद सरच४लक हह।
त४तपयर : जक लकग अपनद कक बलकदक, द४शरकनक य४ कमलनस४र म४नतद हह उनहम यह धय४नपसवरक ज४न
लदन४ च४कहए कक परम सतय य४ भगव४ननन समसत ज४न तथ४ चदतन४ कद स४गर हह। अतएव भगव४ननन कक शरण
ज४नद क४ अथर यह नहथ हह कक अपनश कमलनस४रश कक तय४ग कदय४ ज४य। पतयपत इससद तक मनपषय
कमलनस४र तकरपसणर ज४न कद स४गर मम लशन हकत४ हह। भगव४ननन समसत ज४न तथ४ कवज४न कक कसकद हह।
कद वल ईषय४रलप तथ४ कपद४शय वयकक हश इस सपष ब४त सद इनक४र करमग।द
हम आपकक नमसक४र करतश हह। आप स४क४तनन क४ल, क४ल कद आशय तथ४ क४ल कक
कवकभन अवसथ४ओर कद स४कश हह। आप बह४णड हह और इसकद पकथकन न दष४ भश हह। आप इसकद
सष४ हह और इसकद समसत क४रणत कद क४रण हह।
त४तपयर : यदकप भगव४ननन कवकभन अवत४रत कद रप मम पकट हकतद हह ककनतप उनहम क४ल कद द४र४ ब४हध४
नहथ ज४ सकत४ कयतकक वद सवयर क४ल, क४ल कद आशय तथ४ क४ल कक कवकभन अवसथ४ओर कद स४कश हह।
भसतम४तदकनदयप४णमनकबपदधय४शय४तमनद ।
कतगपणदन४कभम४नदन गसढसव४तम४नपभसतयद ॥ ४२॥
नमक<5 ननत४य ससकम४य कस टसथ४य कवपकशचतद ।
न४न४व४द४नपरकध४य व४चयव४चकशकयद ॥ ४३॥
भसत-- भलकतक ततवत कद ; म४त-- अनपभसकत कद ससकम आध४र; इकनदय--इकनदयत; प४ण--प४णव४यप; मन: --मन; बपकदर--बपकद;
आशय--तथ४ भलकतक चदतन४ कद ; आतमनद--परम४तम४ मम; कत-गपणदन--तशन गपणत सद; अकभम४नदन--झसठश पहच४न सद; गसढ--
आचछन; सव--कनज; आतम-- अपनश; अनपभसतयद-- अनपभसकत कक; नम: --नमसक४र; अननत४य--अननत भगव४ननन कक; ससकम४य--
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अतयनत ससकम कक; कस ट-सथ४य--कद नद मम कसथर; कवपकशचतद--सवरज कक; न४न४--कवकवध; व४द--दशरन कद ; अनपरकध४य--सवशकक कत
पद४त४ कक; व४चय--वयक कवच४रत कद ; व४चक--तथ४ वयक शबद; शकयद--शककम४न कक |.
समसत पम४णत कद आध४र, श४सत कद पणदत४ तथ४ परम सकत, इकनदय तककप कक पकतस४कहत
करनदव४लद ( पवककत म४गर ) तथ४ भलकतक जगत सद कवर४ग उतपन करनदव४लद वहकदक स४कहतय मम अपनद
कक पकट करनदव४लद आपकक हम ब४रमब४र नमसक४र करतश हह।
त४तपयर : यकद हममम अनपभकस त तथ४ सरज४न कक शककय४ह न हकतथ तक पम४ण क४ पदरण न हक प४त४ और
यकद हम पम४ण कद कवकशष गपणत मम कवशव४स न करतद हकतद तक कवशवसनशयत४ न हक प४तश। इस तरह
अनपभसकत, सरज४न, कवशव४स तथ४ पदरण--यद स४रश कवकधय४ह भगव४ननन कक कवकवध शककयत द४र४ हश घकटत
हकतश हह। पसणर पपररकतम भगव४ननन कक षण सवयर मह४नतम परकडत तथ४ बपकदम४न परकडत हह। वद बह४ तथ४
न४रद जहसद मह४भ४गवतत कद हदयत कद भशतर कदवय श४सत कक पकट करतद हह और समसत वहकदक ज४न कद
रचकयत४ वददवय४स कद रप मम भश अवतररत हकतद हह। भगव४ननन न४न४ पक४र सद ध४कमरक श४सत कक उतपन
करतद हह, कजससद बदजशव कवकभन कसथकतयत मम सद गपजरनद कद पशच४तनन कमश: भगवद४म व४पस ज४तद हह।
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नमद--नमसक४र; कक षण४य-- भगव४ननन कक षण कक; र४म४य-- भगव४ननन र४म कक; वसपददव-सपत४य--वसपददव कद पपत; च--तथ४;
पदपमन४य-- भगव४ननन पदपमम कक; अकनरद४य--अकनरद कक; स४तवत४मनन-भकत कद ; पतयद--सव४मश कक; नम:--नमसक४र।.
हम बसपददव कद पपत, भगव४ननन कक षण तथ४ भगव४ननन र४म कक और भगव४ननन पदमन तथ४ भगव४ननन
अकनरद कक स४दर नमसक४र करतश हह। हम कवषणप कद समसत सनत सदश भकत कद सव४मश कक
नम:--नमसक४र; गपण-पदशप४य--कवकभन गपणत कक पकट करनदव४लद कक; गपण--भलकतक गपणत सद; आतम--सवयर; छ४दन४य--
वदश बदलनदव४लद कक; च--तथ४; गपण-- गपणत कद ; वककत--क४यर करनद सद; उपलकय४य--सपकनकशचत ककयद ज४ सकनद व४लद कक;
गपण-दषद--गपणत कद पकथकन न स४कश कक; सव--अपनद भकत कक; सरकवदद--ज४त |.
न४न४ पक४र कद भलकतक तथ४ आधय४कतमक गपणत कक पकट करनदव४लद, हद भगवननन, आपकक
हम४र४ नमसक४र। आप अपनद कक भलकतक गपणत सद कछप४ लदतद हह ककनतप अनततद उनहथ भलकतक गपणत
कद अनतगरत हक रहद क४यर आपकद अकसततव कक पकट कर ददतद हह। आप स४कश रप मम भलकतक गपणत
सद पकथकन न रहतद हह और एकम४त अपनद भकत द४र४ भलशभ४हकत जदय हह।
त४तपयर : गपण कद अनदक अथर हह-पकक कत कद तशन गपण--सतक, रजक तथ४ तमकगपण; शपदत४ तथ४
आधय४कतमक उनकत कद क४रण पकट ककयद गयद उतम गपण; अथव४ मन, बपकद जहसश आनतररक इकनदय४ह।
पदशप४य क४ अथर हह “पकट हकनदव४लद य४ पक४श करनदव४लद कक।' इस तरह न४गपतनकय४ह यह४ह पर
भगव४ननन कक समबककधत कर रहश हह कक आप समसत भलकतक तथ४ आधय४कतमक गपणत कक पकट करनदव४लद
हह एवर जशवत कक चदतन बन४नदव४लद हह। ककई भश वयकक भलकतक पकक कत कद पदर सद ऊपर उठकर हश
भगव४ननन क४ दशरन कर सकत४ हह इसशकलए उनहम गपण४तमचछ४दन४य कह४ गय४ हह। यकद ककई कवकधवतनन तथ४
बपकदम४नश कद स४थ भलकतक गपणत कक क४यरपण४लश क४ अधययन करद तक वह इसश कनषकरर पर पहह हचगद ४ कक
भगव४ननन क४ अकसततव हह और वद अपनश म४य४शकक उनहथ कक चकर४नद कद कलए कदखल४तद हह, जक उनकक
शरण गहण नहथ करत४।
चसहकक भगव४ननन गपणत कद स४कश हह अतएव वद इनसद कभश पभ४कवत नहथ हकतद। वद गपण-दषद कहल४तद
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हह। सवड क४ अथर “अपनद हश” हह, अत: सव-सरकवदद क४ अथर हह कक भगव४ननन कक षण अपनद हश लकगत--
भकत-द४र४ ज४नद ज४ सकतद हह और कद वल भगव४ननन हश अपनद आपकक भलशभ४हकत ज४न सकतद हह।
अतएव हमम भगवदशत४ मम कदयद गयद कक षण कद उपददशत कक गहण करकद इस सहश कनषकरर--भगव४ननन कद
चरणकमलत पर पसणर समपरण--पर पहह हचन४ च४कहए। इस तरह हमम न४गपकतनयत कद उद४हरण क४ प४लन
अवय४कक त-कवह४र४य--अग४ध मकहम४ व४लद; सवर-वय४कक त--सभश वसतपओर कद सकजन तथ४ प४कट; कसदयद-- अकसततव व४लद कक;
हरशक-ईश-हद इकनदयत कद पदरक; नम:--नमसक४र; तद--आपकक; असतप--हकए; मपनयद--मलन रहनदव४लद कक; मलन-शशकलनद--
मलन अवसथ४ मम हश कमर करनदव४लद कक |.
समझ सकतद हह ककनतप अभकत कद कलए आप आतमलशन रह कर मलन बनद रहतद हह।
'पर-अवर--उतम तथ४ कनषकक ष दकनत हश तरह कक वसतपओर कद ; गकत--गनतवय; ज४य--ज४ननदव४लद कक; सवर--सभश वसतपओर कद ;
अधयक४य--कनयनत४ कक; तद--आपकक; नम:--हम४र४ नमसक४र; अकवशव४य--बह४णड सद पकथकन न रहनदव४लद कक; च--तथ४;
कवशव४य-- भलकतक जगत कक म४य४ पकट करनदव४लद कक; ततनन-दष--ऐसश म४य४ कद स४कश कक; असय--इस जगत कद ; च--तथ४;
हदतवद--मसल क४रण कक |.
उतम तथ४ अधम समसत वसतपओर कद गनतवय कक ज४ननदव४लद तथ४ समसत जगत कद अधयक
कनयनत४ आपकक हम४र४ नमसक४र। आप इस बह४णड कक सककष सद पकथकन न हह कफर भश आप वह
मसल४ध४र हह कजस पर भलकतक सककष कक म४य४ क४ कवक४स हकत४ हह। आप इस म४य४ कद स४कश भश
हह। कनससनददह आप अकखल जगत कद मसल क४रण हह।
त४तपयर : पर तथ४ अवर शबद उतम ससकम ततवत तथ४ कनकक ष सथसल ततवत क४ बकध कर४नदव४लद हह।
यद शबद उतम पपररत अथ४रतनन भगवदकत तथ४ उन कनकक ष पपररत कद भश ससचक हह, जक भगव४ननन कक
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मकहम४ सद अनज४न हकतद हह। भगव४ननन कक षण समसत उतम तथ४ कनकक ष जशवत एवर चर४चर कद भ४गय कक
ज४नतद हह और परबह कद रप मम वद सबत कद ऊपर अपनद अननय पद पर बनद रहतद हह जहस४कक
तततसवभ४व४नपकतबकधयनसत:
समशकय४मकघकवह४र ईहसद ॥ ४९॥
तवमस-- आप; कह--कनससनददह; असय--इस बह४णड कद ; जनम-कसथकत-सरयम४नननस-- सकजन, प४लन तथ४ सरह४र; कवभक--हद
सवरशककम४न; गपणह:-- पकक कत कद गपणत द४र४; अनशह:--ककसश भश भलकतक पय४स मम कनकहत न हकतद हह ए भश; अकक त--अन४कद;
क४ल-शकक--क४ल कक शकक कद ; धकसकनन--ध४रण करनदव४लद; ततनन-ततनन--पतयदक गपण कद ; सव-भ४व४नस-- लकणत कक;
पकतबकधयननन--ज४गत करतद हह ए; सतद--सपप अवसथ४ मम रह रहद; समशकय४--अपनश कचतवन सद; अमकघ-कवह४र:-- अमकघ
ककड४ओर व४लद; ईहसद-- आप कमर करतद हह।.
हद सवरशककम४न पभप, यदकप आपकद भलकतक कमर मम फह सनद क४ ककई क४रण नहथ हह, कफर
भश आप इस बह४णड कद सकजन, प४लन तथ४ सरह४र कक वयवसथ४ करनद कद कलए अपनश श४शवत
क४लशकक कद म४धयम सद कमर करतद हह। इसद आप सकजन कद पसवर सपप पडद पकक कत कद पतयदक गपण
कद कवकशष क४यर कक ज४गत करतद हह ए समपन करतद हह। बह४णड-कनयरतण कद इन स४रद क४यर कक
आप खदल खदल मम कद वल अपनश कचतवन सद पसणरतय४ समपन कर ददतद हह।
त४तपयर : सरशयव४दश पशन कर सकतद हह कक परमदशवर नद जनम, प४लन तथ४ मकतयप सद भरश-पसरश
भलकतक जगत कक सककष कयत कक। यह४ह पर न४गपकतनय४ह सरकदत करतश हह कक भगव४ननन कक लशल४एह अमकघ
अथ४रतनन तपकट-रकहत हह। व४सतव मम कक षण यहश च४हतद हह कक स४रद बदजशव उनकद स४थ उनकद कदवय ध४म मम
रहम ककनतप वद भपलकड जशव४तम४एह जक ईशवर कद इस पदम-समबनध कक ददर कक दकष सद ददखतश हह उनहम
भलकतक जगत मम ज४न४ पडत४ हह और क४ल कक कसथकतय४ह भकगनश पडतश हह। भ४गयश४लश बदजशवत कक
भगव४ननन कद कपय सदवकत कद रप मम अपनद व४सतकवक पद क४ समरण कर४कर सतकर कर कदय४ ज४त४ हह,
तक भगव४ननन उनकद हदय कद भशतर सद उनहम भगवद४म व४पस आनद कद कलए पकतस४कहत करतद हह जह४ह क४ल
अनपपकसथत रहत४ हह और जह४ह दशय जगत कद सकजन तथ४ सरह४र जहसद कवचकलत करनदव४लद न४टककय कक तय
श४
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तसय--उनक४; एव--कनससनददह; तद-- आपक४; अमस:--यद; तनव:-- भलकतक शरशर; कत-लककय४मनन-तशनत लककत मम; श४नत४:--
श४नत ( सतकगपण मम ); अश४नत४: --अश४नत ( रजकगपण मम ); उत--और भश; मसढ-यकनय:-- अज४नश यककनयत मम उतपन; श४नत४:--
सतकगपणश श४नत वयकक; कपय४:--कपय; तद--आपकक; कह--कनशचय हश; अधपन४--अब; अकवतपमनन--रक४ करनद कद कलए; सत४मनन--
स४धप भकत कक; सथ४तप:--उपकसथत; च--तथ४; तद--आपकद ; धमर--धमर कद कसद४नत; परशपसथव४--प४लन करनद कक इचछ४ सद;
ईहत:--क४यर करनदव४ल४ |.
इसकलए तशनत लककत भर मम स४रद भलकतक शरशर--जक सतकगपणश हकनद कद क४रण श४नत हह, जक
रजकगपणश हकनद सद कवशलपबध हह तथ४ जक तमकगपणश हकनद सद मसखर हह--आपकक हश सककषय४ह हह। तक भश
कजनकद शरशर सतकगपणश हह, वद आपकक कवशदर रप सद कपय हह और उनहथ कद प४लन हदतप तथ४ उनहथ
अपर४ध: --अपर४ध; सकक तनन-- एक ब४र; भत४र--सव४मश द४र४; सकढवय:--सहन ककय४ ज४न४ च४कहए; सव-पज४--आपकक पज४
द४र४; कक त:--ककय४ गय४; कनतपमस--सहनद कद कलए; अहकस-- आपकक शकभ४ ददत४ हह; श४नत-आतमननन--हद श४नत रहनदव४लद;
मसढसय--मसखर कद ; तव४मननस--आपकक; अज४नत:--न समझनद व४ल४ |.
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अनपगकहशषव--कक प४ करम; भगवननन--हद भगव४ननन; प४ण४ननन-- प४णत कक; तयजकत--तय४ग रह४ हह; पनग: --सपर; सशण४मनन--कसयत कद
कलए; नद--हम; स४धप-शकचय४न४मनन--स४धप पपररत द४र४ कमय; पकत:--पकत; प४ण:--जशवन सवरप; पदशयत४मनन--व४पस दद कदय४
ज४य।.
हद भगवननन, आप हम पर कक प४लप हत। स४धप पपरर कक हम-जहसश कसयत पर दय४ करन४ उकचत
हह। यह सपर अपन४ प४ण तय४गनद हश व४ल४ हह। कक पय४ हम४रद जशवन तथ४ आतम४ रप हम४रद पकत कक
कवधदकह--आज४ दम; तद--आपकक; ककडहरशण४मनन--द४कसयत द४र४; अनपषदयमननस--जक ककय४ ज४न४ हक; तब--आपकक; आजय४--
आज४ सद; यतनन--जक; शदय४-- शद४पसवरक; अनपकतषननन-- समपन करतद हहए; बह--कनशचय हश; मपचयतद--मपक हह आ ज४ सकद ;
सवरतद--सभश; भय४तनन-- भय सद |.
शशशपक उव४च
इतथर स न४गपतनशकभभरगव४नसमकभषक तद ।
मसकचछरतर भगकशरसर कवससज४रकडधकप डनद: ॥५४॥
शश-शपक: उब४च-- शश शपकददव गकसव४मश नद कह४; इतथमनन--इस तरह; सद--उन भगव४ननन कक षण नद; न४ग-पलशकभ:--क४कलय कक
पकतयत द४र४; भगव४ननन-भगव४ननन नद; समकभषक त:--पसरश तरह सद पशरकसत; मसकचछरतमनन--मसकचछरत, बदहकश; भग-कशरसमनन-कप चलद
हह ए कसरव४लद; कवससजर--ज४नद कदय४; अकडध-कप टनहद --प४हवत कद पह४र सद |.
शपकददव गकसव४मश नद कह४ : इस तरह न४गपतनकयत द४र४ पशरकसत भगव४ननन नद उस क४कलय सपर
कक छकड कदय४, जक मसकछत हककर कगर चपक४ थ४ और कजसकद कसर भगव४ननन कद चरणकमलत कद
पह४र सद कत-कवकत हक चपकद थद।
त४तपयर : शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र कद अनपस४र भगव४ननन कक षण अपनद कनणरय पर पहह चह कर
तपरनत हश क४कलय कद फनत सद नशचद कस द पडद और सपर तथ४ उसकक पकतनयत कद समक खडद हक गयद। हमम
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पकतलबध--पपन: प४प करकद ; इकनदय--इकनदयत क४ क४यर; प४ण: --तथ४ अपनश जशवनश शकक; क४कलय: --क४कलय; शनकह :--
धशरद धशरद; हररमस-- भगव४ननन; कक चछ४तनन--ककठन४ई सद; समपचछप सननन--तदजश सद स४हस लदत४; दशन:--दपखश; कक षणमनन--कक षण सद;
प४ह--बकल४; कक त-अजकल:--कवनशत हककर |.
धशरद धशरद क४कलय कक अपनश जशवनश शकक तथ४ इकनदयत कक ककय४शशलत४ प४प हक गई। तब
कषपसवरक जकर-जकर सद स४हस लदतद हह ए बदच४रद सपर नद कवनशत भ४व सद भगव४ननन शशकक षण कक
समबककधत ककय४।
'क४कलय उब४च
बयर खल४: सहकतपतय४ तमस४ दशघरमनयव: ।
सवभ४वक दपसतयजक न४थ लकक४न४र यदसदगह: ॥ ५६॥
'क४कलय: उव४च--क४कलय नद कह४; वयमनन--हम; खल४:--दपष; सह उतपतय४--अपनद जनम सद हश; त४मस४: --त४मसश पकक कत कद ;
दशघर-मनयवद --कनरनतर कप द; सवभ४व: --सवभ४व; दपसतयज:--कजसद छकड प४न४ अतयनत ककठन हह; न४थ--हद सव४मश;
लकक४न४मनन--स४म४नय जनत कद कलए; यतनन--कजससद; असतनन--असतय तथ४ अशपद कक; गह:द--सवशकक कत |.
त४तपयर : सन४तन गकसव४मश सरकदत करतद हह कक अपनश दशन दश४ कद क४रण हश क४कलय भगव४ननन कद
कलए मलकलक सतपकतय४ह नहथ रच सक४ इसशकलए वह अपनश पकतनयत द४र४ कक गई कप छ सतपकतयत क४
शबद४नतरण कर रह४ थ४। असदगह शबद बतल४त४ हह कक बदजशव असथ४यश तथ४ अशपद वसतपओर कक हश
हढत४ सद पकडत४ हह--यथ४ अपन४ शरशर, अनयत कद शरशर तथ४ न४न४ पक४र कद भलकतक इकनदय कवरय ।
ऐसश भलकतक आसकक क४ अकनतम फल दपर४श४, कनर४श४ तथ४ ककध हकत४ हह, जक उस बदच४रद सपर क४कलय
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तवव४--आपकद द४र४; सकषमनन--उतपन; इदमस--यह; कवशवमनन-बह४णड; ध४त:--हद कवध४त४; गपण--भलकतक गपणत कक;
कवसजरनमननस--कवकवध सककष; न४न४--कवकवध; सव-भ४व--सवभ४व; वशयर--न४न४ पक४र कक शकक; ओज: --तथ४ श४रशररक शकक;
यककन--गभर; बशज--बशज; आशय--मनकवककत; आकक कत--तथ४ रप |.
त४तपयर : इस शलकक कक टशक४ करतद हह ए शशल मधव४च४यर नद न४रद पपर४ण क४ यह उदरण कदय४ हह
“'कहरणयगभर बह४ सद इस बह४णड कक दपब४र४ सककष हकतश हह, परनतप मसल सककष तक स४क४तनन कवषणप द४र४ हश
कक ज४तश हह। इस पक४र कवषणप मसल सष४ हह और चतपर४नन म४त कद वल गलण सनटड हह।''
वयमनन--हम; च--तथ४; तत--उस भलकतक सककष कद भशतर; भगवननन--हद भगवननन; सप४र:--सपरगण; ज४कत--ज४कत, यककन; उर-
मनयव: --अतयनत ककधश; कथमनन--कह सद; तयज४म:--हम तय४ग सकतद हह; तवतनन-म४य४मस--आपकक म४य४शकक कक; दपसतयज४मननस--
कजसद तय४ग प४न४ असमभव हह; मककहत४: --मककहत; सवयमनन--अपनद आप।.
त४तपयर : क४कलय यह४ह पर अपतयक रशकत सद भगव४ननन कक कक प४ कक य४चन४ कर रह४ हह कयतकक उसद
अनपभव हक रह४ हह कक वह अपनद आप कभश भश मकह तथ४ कष सद मपक नहथ हक सकत४। भगव४ननन कक
शरण मम ज४कर और उनकक कक प४ प४प करकद हश ककई वयकक भलकतक जशवन कद कषत सद छप टक४र४ प४
सकत४ हह।
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भव४नननस--आप; कह--कनशचय हश; क४रणमनन--क४रण; तत--उस म४मलद मम ( मकह हट४नद मम ); सवर-ज:--सबकप छ ज४ननदव४लद;
जगतनन-ईशवर:द-- बह४णड कद परम कनयनत४; अनपगहमनन-कक प४; कनगहमनन-दरड; व४--अथव४; मननननयसद--जक आप उकचत समझम;
'ततनन--वह; कवधदकह--वयवसथ४ करम; न:--हम४रद कलए.
हद ईशवर, बह४णड कद सवरज भगव४ननन हकनद कद क४रण आप मकह सद छसटनद कद व४सतकवक क४रण
हह। कक प४ करकद आप जक भश उकचत समझम, हम४रद कलए वयवसथ४ करम, च४हद हम पर कक प४ करम य४
दणड दम।
शशशपक उब४च
इतय४कणयर बच: प४ह भगव४नक४यरम४नपर: ।
न४त सथदयर तवय४ सपर समपदर य४कह म४ कचरमनन ।
सवज४तयपतयद४र४ढक गकनककभभपरजयतद नदश ॥६०॥
शश-शपकद उब४च-- शश शपकददव गकसव४मश नद कह४; इकत--इस पक४र; आकणयर --सपनकर; वच: --यद शबद; प४ह-- तब बकलद;
भगव४ननन-भगव४ननन; क४यर-म४नपर: --मनपषय जहसद क४यर करनदव४लद; न--नहथ; अत--यह४ह; सथदयमनन--ठहरन४ च४कहए; तवव४--
तपमकक; सपर--हद सपर; समपदमस-- समपद मम; य४कह--ज४ओ; म४ कचरमनन--कबन४ ददरश ककयद; सव--अपनद; ज४कत--स४कथयत कद द४र४;
अपतय--बचद; द४र--तथ४ पतलश कक; आढ:--स४थ लदकर; गक--गलवत कद द४र४; नककभ: --तथ४ मनपषयत द४र४; भपजयतद-- भकगश
ज४नद दक; नदश--यमपन४ नदश।.
शपकददव गकसव४मश नद कह४ : क४कलय कद शबद सपनकर मनपषय कक भसकमक४ समपन कर रहद
भगव४ननन नद उतर कदय४: हद सपर, अब तपम और अकधक यह४ह मत रकक। तपरनत हश अपनद बचत,
पकतनयत, अनय कमतत तथ४ समबकनधयत समदत समपद मम ललट ज४ओ। अब इस नदश कक गलवत तथ४
मनपषयत द४र४ भकगश ज४नद दक।
यद--जक ककई; एततनन--इसद ; सरसमरदतनन--समरण करत४ हह; मतयर:--प४णश; तपभयमननस--तपमकक; मतनन--मदर४; अनपश४सनमनन--आददश;
'ककतरबननन-ककतरन करतद हहए; उभयक:--दकनत; सनधयक:--कदन कद सकनधक४लत पर; न--नहथ; यपषमतनन--तपमसद; भयमन न स-- भय;
आलजपय४तनन--प४प करत४ हह।.
यकद ककई वयकक तपमहम कदयद गयद मदरद इस आददश क४ ( वकनद४वन छकडकर समपद मम ज४नद क४ )
समरण करत४ हह और प४तद तथ४ सरधय४ समय इस कथ४ कक ब४हचत४ हह, तक वह तपमसद कभश
भयभशत नहथ हकग४।
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यद--जक; अकसमनस--इस मम ( यमपन४ नदश कद क४कलय सरकवर मम ); सन४तव४--सत४न करकद ; मतनन-आककडद--मदरश लशल४ कद सथ४न
पर; ददव-आदशनननस--ददवत४गण तथ४ अनय पसजय वयकक कक; तपरयतद नन-- तकप करत४ हह; जलहद:--( सरकवर कद ) जल सद; उपकषय--
उपव४स रखकर; म४मनन--मपझकक; समरननन-- समरण करतद हह ए; अचरतनन--पसज४ करत४ हह; सवर-प४पह:--स४रद प४पत सद; पमपचयतद--छसट
ज४त४ हह।.
त४तपयर : आच४यर कद अनपस४र, भगव४ननन नद यह शलकक क४कलय कक यह सपष करनद कद कलए कह४
कक वह ककसश भश ह४लत मम यमपन४ कद सरकवर मम रह नहथ सकत४ थ४। यदकप भगव४ननन नद कक प४पसवरक सपर
कक कम४ द४न दद कदय४ थ४ और उसकक अपनद सभश स४कथयत समदत समपद मम ज४नद क४ आददश दद कदय४ थ४,
क४कलय कक भसलकर भश उस सरकवर मम रहनद कक प४थरन४ नहथ करनश च४कहए कयतकक आधय४कतमक
य४कतयत कद कलए इसद अब पकवत तशथर सथल बनन४ थ४।
दशपमनन--दशप कक; रमणकमनन-रमणक न४मक; कहतव४--तय४गकर; हदमस--छकटद सरकवर कक; एतमनन-- इस; उप४कशत:--शरण
कलए हहए; यतनन--कजसकद ; भय४तनन-- भय सद; सद--वह; सपपणर:--गरड; तव४मनन-तपमहम; न अद४तनन-नहथ ख४यदग४; मतनन-प४द--मदरद
चरणत सद; ल४उनकछतमनन--अरककत |.
तपम गरड कद भय सद रमणक दशप छकडकर इस सरकवर मम शरण लदनद आयद थद। ककनतप अब
तपमह४रद ऊपर मदरद चरणकचनह अरककत हकनद सद, गरड तपमहम ख४नद क४ पय४स कभश नहथ करदग४।
शशऋकररव४च
मपकक भगवत४ र४जनकक षणदन४दधपतकमरण४ ।
तर पसजय४म४स मपद४ न४गपतयशचव स४दरमनन ॥ ६४॥
शश-ऋकर: उव४च--ऋकर ( शपकददव ) नद कह४; मपक: --मपक; भगवत४-- भगव४ननन द४र४; र४जनस--हद र४ज४ परशककत; कक षणदन--
कक षण कद द४र४; अदपत-कमरण४--अदपत क४यरकल४प व४लद; तमनन--उनकक; पसजय४मनन आस--पसज४ कक; मपद४--हररपसवरक; न४ग--
सपर कक; पलय:--पतलयत नद; च--तथ४; स-आदरमनन--आदरपसवरक |.
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द४र४ छकडद ज४नद पर क४कलय न४ग नद अपनश पकतनयत क४ बडद हश हरर तथ४ आदर कद स४थ उनकक
पसज४ करनद मम स४थ कदय४।
कदवय--दहवश; अमबर--वस; सकस --म४ल४; मकणकभ:--तथ४ मकणयत सद; पर-अधयह: -- अतयनत मसलयव४न; अकप-- भश;
भसरणह:--आभसरणत सद; कदवय--दहवश; गनध--सपगकनध; अनपलदपह:--तथ४ लदप सद; च--तथ४; महतय४--सपनदर; उतपल--कमल
कक; म४लय४--म४ल४ सद; पसजकयतव४--पसजकर; जगतनन-न४थमनन--जगत कद सव४मश कक; पस४द--तपष करकद ; गरड-धवजमनन--
कजसकक धवज४ मम गरड कचह अरककत हह, उसद; ततद--तब; पशत:--सपख क४ अनपभव करतद हह ए; अभयनपज४त:--ज४नद कक अनपमकत
कदय४ ज४कर; पररकमय--पररकम४ करकद ; अकभवनद--नमसक४र करकद ; तमनन--उनहम; स--सकहत; कलत--अपनश पतनश;
सपहतननस-कमतगण; पपत:--तथ४ बचद; दशपमनन-दशप कक; अबधद:--समपद मम; जग४म--चल४ गय४; ह--कनससनददह; तद४ एब--उसश
कण; स-अमकत--अमकत तपलय; जल४--जल व४लश; यमपन४--यमपन४ नदश; कनकवरर४--कवर सद रकहत; अभवतनन--हक गई;
अनपगह४तनन-कक प४ सद; भगवत:--भगव४ननन कक; ककड४--ककड४ओर कद कलए; म४नपर--मनपषय जहस४; रकपण:--रप ध४रण करकद ।.
क४कलय नद सपनदर वस, म४ल४एह, मकणय४ह तथ४ अनय मसलयव४न आभसरण, कदवय सपगकनधय४ह
तथ४ लदप और कमलफस लत कक बडश म४ल४ भमट करतद हह ए जगत कद सव४मश कक पसज४ कक। इस तरह
गरड-धवज भगव४ननन कक पसन करकद क४कलय कक सनतकर हह आ। ज४नद कक अनपमकत प४कर
'क४कलय नद उनकक पररकम४ कक और उनहम नमसक४र ककय४। तब अपनश पकतनयत, कमतत तथ४ बचत
कक स४थ लदकर वह समपद मम कसथत अपनद दशप चल४ गय४। क४कलय कद ज४तद हश यमपन४ नदश अपनद
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त४तपयर : शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र नद इस शलकक कक कवशद टशक४ कक हह। मकणकभ: शबद कक
वय४खय४ करनद कद कलए आच४यर नद रप गकसव४मश कक त शश र४ध४-कक षण गणकददश दशकपक४ सद कनमनकलकखत
उदरण कदय४ हह--
क४कलयपदयकसवकनदहसतहर४तमकपहन४ररतद ॥#
“भगव४ननन नद अपनश कलसतपभ मकण कक सपर कद सरकवर मम पकवष कर४ कदय४ थ४ और कफर क४कलय
कक पकतनयत सद उसद सवयर कक अकपरत कर४य४ थ४।' दससरद शबदत मम, चसहकक भगव४ननन कक षण स४म४नय वयकक
क४ स४ आचरण करन४ च४हतद थद अतएव उनहतनद कदवय कलसतपभ मकण कक अदशय करकद क४कलय कद ककर
मम पकवष कर४ कदय४। ततपशच४तनन जब अनदक मकणयत तथ४ आभसरणत सद क४कलय द४र४ पसज४ करनद क४ उकचत
समय आय४ तक भगव४ननन कक कदवय च४ल४कक सद अनज४न सपर कक पकतनयत नद वह कलसतपभ मकण यह
सकचकर कक यह उनकद प४स रखश एक स४म४नय मकण हह भगव४ननन कक भमट कर दश।
इस पक४र शशमद४गवत कद दसवम सकरध कद अनतगरत “कक षण द४र४ क४कलय न४ग कक पत४डन४
न४मक सकलहवम अधय४य कद शश शशमदनन ए.सश. भककवदद४नत सव४मश गभपप४द कद कवनशत सदवकत द४र४ रकचत
त४तपयर पसणर हहए।
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०#ध४० 10, 0/शह४र-17
(प 4 शफसतह
क४कलय क४ इकतह४स
इस अधय४य मम बतल४य४ गय४ हह कक क४कलय नद ककस तरह सपर कद दशप कक छकड४ थ४ और सकए
हह ए वकनद४वनव४सश ककस तरह जरगल कक आग सद बच४यद गयद थद।
जब र४ज४ परशककत नद क४कलय द४र४ सपर कद कनव४स रमणक दशप कक छकडनद तथ४ गरड द४र४ उसकद
पकत शतपभ४व पदकशरत ककयद ज४नद कद ब४रद मम पसछ४ तक शश शपकददव गकसव४मश नद इस पक४र उतर कदय४: उस
दशप कद स४रद सपर भयभशत थद कक कहथ गरड उनहम कनगल न ज४य। उसद पसन करनद कद कलए वद पकत म४स
एक वटवकक कद नशचद भ४हकत भ४हकत कक भमटम चढ४ आतद थद। ककनतप क४कलय कमथय४ अकभम४नवश इन भमटत
कक सवयर ख४ ज४त४ थ४। यह सपनकर गरड अतयनत कप द हक उठ४ और क४कलय कक म४रनद चल पड४ तक
इस सपर नद कवर४ट पकश गरड कक डहसन४ शपर कर कदय४। गरड नद पचणडत४पसवरक अपनद परख सद उसद म४र४
कजससद क४कलय अपनश ज४न बच४नद कद कलए यमपन४ नदश कद सरकवर मम भ४ग आय४।
इस घटन४ कद पसवर गरड एक ब४र यमपन४ नदश मम आय४ थ४ और मछकलय४ह ख४नद लग४ थ४। सलभरर
ऋकर नद उसद रककन४ च४ह४ ककनतप भसख क४ म४र४ गरड ऋकर कद कनरदध कक नहथ म४न प४य४ अतद ऋकर नद
उसद श४प दद कदय४ थ४ कक यकद वह दपब४र४ वह४ह आय४ तक तपरनत मर ज४यदग४। क४कलय नद यह सपन कलय४ थ४
इसकलए वह वह४ह कनडर हककर रहत४ थ४। ककनतप अनत मम कक षण नद उसद भग४ कदय४।
जब बलर४म तथ४ वकनद४वन कद स४रद व४कसयत नद शशकक षण कक कवकभन पक४र कद मकणयत तथ४
आभसरणत सद अलरककत हककर उस सरकवर सद ऊपर कनकलतद ददख४ तक हरर सद उनहतनद उनक४ आकलरगन
ककय४। तब आधय४कतमक गपरओर, पपरककहतत तथ४ कवद४न ब४हणत नद गव४लत कद र४ज४ ननद मह४र४ज कक
बतल४य४ कक यदकप उनकद पपत कक क४कलय नद अपनद चरगपल मम पकड रख४ थ४ ककनतप र४ज४ कद भ४गय सद
अब वह पपनद मपक हक चपक४ हह।
चसहकक वकनद४वन कद कनव४सश भसख, पय४स तथ४ थक४वट कद क४रण तसत थद अतएवर उनहतनद वह र४त
यमपन४ कद तट पर हश कबत४ई। अधरर४कत कद समय जरगल मम अकग भडक उठश कनयतकक गशषमऋतप मम यह
जरगल ससख गय४ थ४। जब सकतद हह ए वकनद४वनव४कसयत कक आग नद घदर कलय४ तक वद सहस४ जगद और रक४
कद कलए कक षण कक ओर दसडद । तब असशम बलश४लश शशकक षण अपनद कपय समबकनधयत तथ४ कमतत कक इस
तरह पशकडत ददख तपरनत हश उस द४व४कग कक पश गयद।
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शशर४जकब४च
न४ग४लयर रमणकर कथरर ततय४ज क४कलय: ।
कक तर कक व४ सपपणरसय तदनदकदन४समझसमनन ॥ १॥
शश-र४ज४ उब४च--र४ज४ नद कह४; न४ग--सपर क४; आलयमनन--व४ससथ४न; रमणकमनन--रमणक न४मक दशप; कथमनन-कयत;
ततय४ज--तय४ग कदय४; क४कलय:--क४कलय नद; कक तमननस--व४धय ककय४ गय४; ककमनन व४--तथ४ कनयत; सपपणरसय--गरड कक; तदन--
उससद, क४कलय सद; एकद न-- अकद लद; असमझसमस--शतपत४ |.
[इस पक४र कक षण नद क४कलय कक पत४डन४ कक उसद सपनकर] र४ज४ परशककत नद पसछ४:
क४कलय नद सपर कद कनव४स रमणक दशप कक कनयत छकड४ और गरड उसशक४ सद इतन४ कवरकधश कनयत
बन गय४ ?
शशशपक उब४च
उपह४यर: सपरजनहम४रस म४सशह यक बकल:
व४नसपतयक मह४ब४हक न४ग४न४र प४इसकनरकपत: ।
सवर सवर भ४गर पयचछकनत न४ग४: पवरकण पवरकण
गकपशथ४य४तमन: सवर सपपण४रय मह४तमनद ॥ ३॥
शश-शपकद उब४च-- शश शपकददव गकसव४मश नद कह४; उपह४यर:-- भमट प४नद कद प४त; सपर-जनह: --सपर ज४कत कद द४र४; म४कस म४कस--
हर महशनद; इह--यह४ह ( न४ग४लय मम ); यद--जक; बकलद--भमट; व४नसपतय:--वकक कद नशचद; मह४-ब४हक--हद बकलष भपज४ओर व४लद
परशककत; न४ग४न४मननस--सपर कद कलए; प४कप -पहलद सद; कनरकपत:--कनकशचत; सवमनन सवमस--अपन४ अपन४; भ४गमनन--अरश;
पयचछकनत-- भमट करतद; न४ग४:--सपरगण; पवरकण पवरकण --म४स मम एक ब४र; गकपशध४य--रक४ हदतप; आतमन:--अपनश अपनश;
सवर--सभश; सपपण४रय--गरड कक; मह४-आतमनद--बलश४लश |.
शपकददव गकसव४मश नद कह४ : गरड द४र४ ख४यद ज४नद सद बचनद कद कलए सपर नद पहलद सद उससद
यह समझलत४ कर रख४ थ४ कक उनमम सद हर सपर म४स मम एक ब४र अपनश भमट ल४कर वकशर कद नशचद
रख ज४य४ करदग४। इस तरह हद मह४ब४हह परशककत, पतयदक म४स हर सपर अपनश रक४ कद मसलय कद
रप मम कवषणप कद शककश४लश व४हन कक अपनश भमट चड४य४ ज४य४ करत४ थ४।
त४तपयर : शशल शशधर सव४मश नद इस शलकक कक एक दससरश भश वय४खय४ दश हह। उपह४यर शबद क४
एक दससर४ अथर भश ककय४ ज४ सकत४ हह “कजनहम ख४य४ ज४न४ हह उनकद द४र४।'” इसश तरह सपर-जनद क४
अथर हह “वद मनपषय जक सपर ज४कत कद अधशन थद य४ उससद समबकनधत थद।'' इस प४ठ कद अनपस४र, मनपषयत
क४ एक समपद४य सपर कद अधशन हक गय४ थ४ और उनकद द४र४ ख४यद ज४ सकतद थद। इससद बचनद कद कलए
यद लकग सपर कक म४कसक भमट चढ४तद थद कजसमम सद एक अरश वद गरड कक ददतद थद त४कक वह उनहम न ख४
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ज४य। यह४ह जक कवशदर अथर पसतपत ककय४ गय४ हह, वह शशल सन४तन गकसव४मश कक टशक४ तथ४ शशल
पभपप४द द४र४ ' भगव४ननन कक षण” न४मक गनथ कद पर आध४ररत हह। हर ह४लत मम, स४रद आच४यर मम मतहकय हह
कक सपर नद गरड सद सपरक४ मकल लद रखश थश।
कवर--कवर ; वशयर--तथ४ शकक कद क४रण; मद--नशद मम; आकवष:--लशन; क४दवदय: --कदप क४ पपत; तप--दससरश ओर;
'क४कलय: --क४कलय; कदथर-कक तय--अवहदलन४ करकद ; गरडमनन--गरड कक; सवयमनन--खपद; तमनन--उस; बपभपजद-- ख४त४ थ४;
बकलमनन-- भमट कक |.
यदकप अनय सभश सपरगण ईम४नद४रश सद गरड कक भमट दद ज४य४ करतद थद ककनतप एक सपर ,
कबनप-पपत अकभम४नश क४कलय, इन सभश भमटत कक गरड कद प४नद सद पहलद हश ख४ ज४य४ करत४ थ४।
ततनन--वह; शपतव४--सपनकर; कप कपत:--कप द; र४जनननस--हद र४ज४; भगव४ननन--अतयनत शककश४लश गरड; भगवतनन-कपय:-- भगव४ननन
क४ कपय भक; कवकजध४रसप:--म४रनद कक इचछ४ सद; मह४-वदग:--फप तर सद; क४कलयमस--क४कलय कक ओर; समपप४दवतनन-दलड४
तमस--उसपर; आपतनतमननस-- आकमण करत४ हह आ गरड; तरस४--तदजश सद; कवर--कवरहलद; आयपध: --हकथय४र कलयद हह ए; पकत--
कक ओर; अभयय४तनन--दलड४; उकतथत--उठ४य४; न एक--अनदक; मसतक :-- अपनद कसर; दकदद--कवरहलद द४हतत सद; सपपणरमनन--
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गरड कक; वयदशतनन--क४ट कलय४; दतनन-आयपध:--द४हतरपश हकथय४रत सद; कर४ल-- भय४वनश; कजह४--जश भ; उचछप कसत--फह ल४
कदय४; उग--तथ४ भशरण; लकचन:--आहखम |.
जयतहश गरड तदजश सद क४कलय पर झपट४ तयतहश कवर कद हकथय४र सद लहस उसनद व४र करनद कद
कलए अपनद अनदक कसर उठ४ कलयद। अपनश भय४वनश जशभम कदखल४तद और अपनश उग आहख म फह ल४तद
हह ए उसनद अपनद कवर-दत हकथय४रत सद गरड कक क४ट कलय४।
त४तपयर : आच४यर क४ कहन४ हह कक क४कलय नद कवर वमन करकद शतप पर कवर आयपध क४ इसतदम४ल
दसर सद और अपनद भय४वनद द४हतत सद डसकर कनकट सद ककय४।
त४नषय क४ कप द पपत क४कलय कद व४र कक पशछद धकद लनद कद कलए पचरड वदग सद आगद बढ४। उस
अतयनत शककश४लश भगव४ननन मधपससदन कद व४हन नद कदप कद पपत पर अपनद सवणर जहसद चमककलद
सपपणर--सपपणर कद ; पक--परख सद; अकभहतद --चकट ख४कर; क४कलय:--क४कलय; अतशव--अतयकधक; कवह: --बदचहन;
हदमनन--सरकवर मम; कववदश--घपस गय४; क४कलनद४: --यमपन४ नदश कद ; ततनन-अगमयमस-गरड द४र४ थ४ह प४ सकनद मम अकम;
दपर४सदमनन-घपसनद मम ककठन ।.
गरड कद परख कक चकट ख४नद सद क४कलय अतयकधक बदचहन हक उठ४ अतद उसनद यमपन४ नदश कद
कनकटसथ सरकवर मम शरण लद लश। गरड इस सरकवर मम नहथ घपस सक४। कनससनददह , वह वह४ह तक
तत--वह४ह ( उस सरकवर मम ); एकद४--एक ब४र; जल-चरमनन--जल कद प४णश कक; गरड:--गरड नद; भकयमनन--अपन४ ख४द;
ईकपसतमनन--इचछ४ कक; कनव४ररत:--मन४ ककय४ गय४; सलभररण४--सलभर मपकन द४र४; पसह४--स४हस करकद ; कपकधत: -- भसख४;
अहरतनन--ख४ कलय४।.
उसश सरकवर मम गरड नद एक ब४र एक मछलश कक, जक कक उसक४ स४म४नय भकय हह, ख४न४
च४ह४। जल कद भशतर धय४नमग सलभरर मपकन कद मन४ करनद पर भश गरड नद स४हस ककय४ और
भसख४ हकनद कद क४रण उस मछलश कक पकड कलय४।
त४तपयर : अब शपकददव गकसव४मश बत४ रहद हह कक गरड यमपन४ नदश कद उस सरकवर तक कनयत नहथ
पहह हच सक४। मछकलयत कक ख४न४ पककयत क४ सवभ४व हह, अत: यकद गरड भगव४ननन कक वयवसथ४ कद
फलसवरप मछलश ख४कर अपन४ जशवन कनव४रह करत४ हह, तक वह ककई अपर४ध नहथ करत४। ककनतप
सलभरर मपकन द४र४ एक मह४नतर प४णश कक अपनश भकजय वसतप ख४नद सद मन४ ककय४ ज४न४ एक अपर४ध बन
ज४त४ हह। शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र कद अनपस४र सलभरर नद दक अपर४ध ककयद--एक तक यह कक
उनहतनद गरड जहसद उच मह४तम४ कक आददश ददनद क४ स४हस कदखल४य४ और दससर४ यह कक उनहतनद गरड
मशन४नसपद:
प कखत४नदष४ दशन४नननमशनपतल हतद ।
कक पय४ सलभररद प४ह तततयकदमम४चरननन ॥ १०॥
त४तपयर : इस पसरग मम शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र कहतद हह कक जब हम४रश तथ४ककथत दय४
भगव४ननन कद आददश सद मदल नहथ ख४तश तक उससद कद वल उतप४त मचत४ हह। चसहकक सलभरर नद उस सरकवर मम
आनद सद गरड कक मन४ ककय४ थ४ अतएवर क४कलय उसमम घपस गय४ और उसनद उसद अपन४ आव४स बन४
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अत--इस सरकवर मम; पकवशय--घपसकर; गरड:--गरड; य४द यकद मतसथ४नस--मछकलयत कक; सद--वह; ख४दकत--ख४त४ हह;
सदद--तपरत; प४णह:--प४णत सद; कवयपजयदत--ह४थ धकन४ पडत४; सतयमननस--सहश सहश; एततनन--यह; बवशकम--कह रह४ हह ह;
स४ गरड नद कफर कभश इस सरकवर मम घपसकर मछकलय४ह ख४ई र तक वह तपरनत अपनद प४णत
सद ह४थ धक बहठगद ४। मह जक कह रह४ हह ह वह सतय हह।''
नवम सकनध मम बतल४य४ गय४ हह कक सलभरर मपकन नद अनदक सपनदर कसयत सद कवव४ह ककय४ और
उनकक सरगकत सद भ४रश कष सहद। ककनतप चसकह क उनहतनद वकनद४वन मम यमपन४ कक शरण लद रखश थश इसकलए
तमननस--वह; क४कलय:--क४कलय; परमनन--एकम४त; वदद--ज४नत४ थ४; न--नहथ; अनय:--दससर४; कशचन--ककई; लदकलह: --सपर;
अव४तसशतनन-रहत४ थ४; गरड४तनन-गरड सद; भशत:-- भयभशत; कक षणदन--कक षण द४र४; च--तथ४; कवव४कसत:--कनक४ल४ गय४।.
स४रद सपर मम कद बल क४कलय हश इस ब४त कक ज४नत४ थ४ और गरड कद भय सद उसनद यमपन४
कद सरकवर मम अपन४ कनव४स बन४ रख४ थ४। ब४द मम कक षण नद उसद कनक४ल भग४य४।
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कक षणमस-कक षण कक; हद४तनन-सरकवर सद ब४हर; कवकनषक४नतमस-कनकलकर; कदवय--कदवय; सकस -म४ल४एह पहनद; गनध--
सपगकनध; व४ससमननस--तथ४ वस; मह४-मकण-गण-- अनदक सपनदर मकणयत सद; आककणरमनन--ढक४ हह आ; ज४मबसनद--सकनद सद;
पररषकक तमनन--अलरककत; उपलभय--ददखकर; उकतथत४:--ऊपर उठतद; सवर --सभश लकग; लबध-प४ण४:--कजनननहम प४ण कमल गयद हत;
इब--सहश; असवद --इकनदय४ह; पमकद--हररपसवरक ; कनभकत-आतम४न:--पसररत हककर; गकप४:--गव४लत नद; पशतय४-- सनदहपसवरक;
अकभरदकभरद--उनक४ आकलरगन ककय४।.
[कक षण द४र४ क४कलय कक पत४डन४ क४ वणरन कफर सद प४रमभ करतद हह ए शपकददव गकसव४मश नद
कह४] : कक षण कदवय म४ल४एह, सपगकनधय४ह तथ४ वस ध४रण ककयद, अनदक उतम मकणयत सद
आचछ४कदत एवर सवणर सद अलरककत हककर उस सरकवर सद ऊपर उठद। जब गव४लत नद उनहम ददख४ तक वद
सब तपरनत उठ खडद हक गयद म४नत ककसश मसकछरत वयकक कक इकनदय४ह पपन : जशकवत हक उठश हत। उनहतनद
अतशव हरर सद सर४बकर हककर सनदहपसवरक उनकक गलद लग४ कलय४।
यशकद४ रककहणश ननननदद--यशकद४, रककहणश तथ४ ननद मह४र४ज; गकपय: --गककपय४ह; गकप४: --गव४लद; च-- तथ४; कलरव--हद कप रवरशश
परशककत; कक षणमनन-कक षण सद; समदतय--कमलकर; लबध--कफर सद प४प करकद ; ईह४: -- चदतन४; आसननन--हक गयद; शपषक४: --ससखद
हह ए; नग४द--वकक; अकप-- भश |.
अपनश जशवनद४यश चदतन४एह व४पस प४कर यशकद४, रककहणश, ननद तथ४ अनय स४रश गककपय४ह एवर
गव४लद कक षण कद समशप पहह हच गयद। हद कप रवरशश, ऐसद मम ससखद वकक भश सजशव हक उठद।
र४मशच४चयपतम४कलडगय जह४स४सय४नपभ४वकवतनन ।
पदमण४ तमडम४रकपय पपनद पपनरदहकत ।
ग४वक वकर४ वतसतयर लदकभरद परम४र मपदमनन ॥ १६॥
तरह ज४नतद हह ए हहसनद लगद। अतयकधक पदमभ४व कद क४रण बलर४म नद कक षण कक अपनश गकद मम
उठ४ कलय४ और ब४रमब४र उनकक ओर ददख४। गलवत, स४हडत तथ४ बकछयत कक भश परम आननद प४प
हह आ।
ननदमनन--ननद मह४र४ज कक; कवप४:--स४रद ब४हण; सम४गतय--आकर; गपरव:--गरजन; स-कलतक४:--अपनश अपनश पकतयत
समदत; ऊचप:--कह४; तद--वद; क४कलय-गसत:--क४कलय द४र४ पकड४ हह आ; कदषधय४--दहव सद; मपक:--छकड४ गय४; तब--तपमह४र४;
आतम-ज:--पपत।.
स४रद गपरजन ब४हण अपनश पकतनयत सकहत ननननद मह४र४ज कक बध४ई ददनद आयद। उनहतनद उनसद
कह४, “तपमह४र४ पपत क४कलय कद चरगपल मम थ४ ककनतप दहवकक प४ सद अब वह छसट आय४ हह।''
इससद आशवसत रहनद कद कलए तपमहम च४कहए कक ब४हणत कक द४न दक।'' हद र४जन, तब पसनकचत
ननद मह४र४ज नद हररपसवरक उनहम गलवत तथ४ सवणर कक भमटम दथ।
यशकद४--म४त४ यशकद४; अकप--तथ४; मह४-भ४ग४--परम भ४गयश४कलनश; नष--खककर; लबध--पपनद प४कर; पज४--अपन४ पपत;
सतश--स४धवश सश; पररषवजय--आकलरगन करकद ; अडमनन-गकद मम; आरकपय--उठ४कर; मपमकच--टपक४य४; अशप-- आसपहओर कक;
कल४मनन--झडश; मपहहद--ब४रमब४र।.
परम भ४गयश४कलनश म४त४ यशकद४ नद अपनद खकयद हह ए पपत कक कफर सद प४कर उसद अपनश गकद
मम लद कलय४। उनकक ब४रमब४र गलद लग४तद हह ए उस स४धवश नद आहसपओर कक झडश लग४ दश।
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त४मस--उस; र४कतमनन--र४कत मम; तत--वह४ह; र४ज-इनद--हद र४ज४ओर मम शदष; कपतनन-तकडभय४मनन-- भसख तथ४ पय४स सद; शम--थक४न
सद; ककररत४:--कनबरल हहए; ऊरप:--रहद आयद; बज-ओकसद --वकनद४वन कद लकग; ग४व:--तथ४ गलवम; क४कलनद४:--यमपन४ नदश
कद ; उपकस लत:--तट कद कनकट.
हद नकपशदष ( परशककत ), चसकह क वकनद४वन कद कनव४सश भसख, पय४स तथ४ थक४न कद क४रण
अतयनत कनबरल हक रहद थद अतद उनहतनद तथ४ गलवत नद क४कलनदश कद तट कद कनकट हश लदटकर वहथ
र४त कबत४ई।
त४तपयर : शशल जशव गकसव४मश नद सरकदत ककय४ हह कक यदकप लकग भसख तथ४ पय४स सद कनबरल हक
गयद थद ककनतप वह४ह पर उपकसथत गलवत क४ दसध उनहतनद नहथ कपय४ कयतकक उनहम भय थ४ कक उनक४ दसध
सपर कद कवर सद दसकरत न हक गय४ हक। वकनद४वनव४सश अपनद कपय कक षण कक व४पस प४कर इतनद अकधक
पसन थद कक वद अपनद अपनद घरत कक ज४न४ नहथ च४ह रहद थद। वद कक षण कद स४थ यमपन४ तट पर हश ठहरन४
च४हतद थद कजससद वद उनहम लग४त४र ददख सकम । इसशकलए उनहतनद नदश कद तट कद कनकट कवश४म करनद क४
कनशचय ककय४।
तद४--तभश; शपकच-गशषमक४लशन; वन-- जरगल मम; उदतक :-- उतपन; द४व-अकग:-- जव४ल४; सवरत:--स४रश कदश४ओर मम;
बजमनन--वकनद४वन कद लकगत कक; सपपमनन-- सकयद हहए; कनशशधद --अधरर४कत मम; आवकतय--घदरकर; पदगधपमनन--जल४नद; उपचकमद--
लगश।.
त४तपयर : शशल सन४तन गकसव४मश तथ४ शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र नद टशक४ कक हह कक कद४कचतनन
क४कलय कद ककसश कवशवसनशय कमत नद अपनद कमत क४ बदल४ लदनद कद कलए द४व४कग क४ रप ध४रण कर
त४तपयर : शपकत य४ वहकदक मरत कहतद हह-- सवरपभसतय४ कनतय-शवकनतय४ म४य४खयय४- भगव४ननन कक
श४शत शकक कजसक४ न४म म४य४ हह उनकद आकद रप मम कनकहत हह। इस तरह भगव४ननन कद श४शवत
आधय४कतमक शरशर मम असशम शकक रहतश हह, जक परम सतय कक सवरज इचछ४ कद अनपस४र स४रद जगत क४
कबन४ पय४स सरच४लन करतश हह। वकनद४वनव४कसयत नद यह सकचतद हह ए कक षण कक शरण लश कक यह वरप४प
ब४लक अवशय हश हमम बच४नद कद कलए ईशवर द४र४ शककपदत हकग४। उनहतनद कक षण कद जनमकदवस पर
गगरमपकन द४र४ कहद गयद वचनत क४ समरण ककय४-- अनदन सवरदगप ४रकण यसयमनन अजसतररषयथ--उनकद बल पर
आप स४रद अवरकधत कक प४र कर सकम गद (भ४गवत १०.८.१६)। इसकलए कक षण पर पसणर कवशव४स
रखनदव४लद वकनद४वनव४कसयत नद इस आश४ कद स४थ कक षण कक शरण गहण कक कक वद द४व४कग सद हकनद
कक षण कक षण मह४भग हद र४म४कमतकवकम ।
एर घकरतमक वहनकसत४वक४नगसतद कह न: ॥ २३॥
कक षण--हद कक षण; कक षण--हद कक षण; मह४-भ४ग--समसत वहभव कद सव४मश; हद र४म--हद बलर४म, हद समसत आननद कद सकत;
अकमत-कवकम--असशम शककव४लद; एर: --यह; घकर-तम:--अतयनत भय४नक; वकहद--अकग; त४वक४नननस--आपकद लकगत कक;
गसतद--कनगलद ज४ रहश हह; कह--कनससनददह; न:--हमकक |.
[वकनद४वन व४कसयत नद कह४] हद कक षण, हद कक षण, हद समसत वहभव कद सव४मश, हद असशम शकक
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सप-दपसतर४तनन-दपलरधय; न:--हम; सव४नस--अपनद भकत कक; प४कह--रक४ कककजयद; क४ल-अगद:--क४लरपश अकग सद; सपहद:--
आपकद असलश कमतगण; पभक--हद परम सव४मश; न शककनननपमद--हम अकम हह; तवतनन-चरणमनन--आपकद प४हवत कक; सनतयकप मस-
छकड सकनद मम; अकप तद-भयमनन--स४रद भय कक भग४नदव४लद |.
हद पभप, हम आपकद सचद कमत तथ४ भक हह। कक प४ करकद आप इस दपलरघय क४लरपश अकग
सद हम४रश रक४ कककजयद, समसत भय कक भग४नद व४लद आपकद चरणकमलत कक हम कभश नहथ
तय४ग सकतद।
त४तपयर : वकनद४वनव४कसयत नद कक षण सद कह४, ““यकद यह भय४नक अकग हमम पर४सत कर ददतश हह, तक
हम आपकद चरणकमलत सद कबछप ड ज४यमगद जक कक हम४रद कलए असह हह। अतद आप हम४रश रक४ करम
कजससद हम आपकद चरणकमलत कक सदव४ करतद रहम।''
इतथमनन--इस पक४र सद; सव-जन--अपनद हश भकत कक; वहकवयमननस--कवकलत४; कनरशकय--ददखकर; जगतनन-ई श: --जगत कद
सव४मश; तमनन--उस; अकगमस--अकग कक; अकपबतनन--पश कलय४; तशबमस--भय४नक; अननत:-- अननत भगव४ननन नद; अननत-शकक-
धककनन --असशम शकक कक ध४रण करनदव४लद।.
अपनद भकत कक इतन४ वय४कप ल ददखकर जगत कद अननत सव४मश तथ४ अननत शकक कक ध४रण
करनदव४लद शशकक षण नद उस भयरकर द४व४कग कक कनगल कलय४।
डन ए।
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इस अधय४य मम पलमब४सपर कद म४रद ज४नद क४ वणरन हहआ हह। वकनद४वन मम आननदमय ककड४ करतद
समय भगव४ननन बलददव पलमब४सपर कद कनधत पर चढ गयद और उसकद कसर पर मपकषक-पह४र करकद
उसक४ अनत कर कदय४।
सकजत रहतश थश। उस समय बलर४म तथ४ अनय गव४लत सद कघर कर शशकक षण न४न४ पक४र कक ककड४ओर
मम मग हक ज४तद थद। एक कदन वद जश भर कर न४च रहद थद , ग४ रहद थद तथ४ खदल रहद थद। तभश पलमब
न४मक असपर गव४लब४ल क४ वदश बन४कर उनकद बशच मम घपस आय४। सवरज शशकक षण नद उस वदश मम उसद
पहच४न कलय४ और कह सद उसद म४र४ ज४य इस कक यकजन४ बन४तद हह ए भश उसकद स४थ कमत-जहस४ बत४रव
करतद रहद।
तब कक षण नद बलददव तथ४ अपनद तरण कमतत सद कह४ कक वद प४रसपररक कवरकधश टककलयत मम बहटकर
ककई खदल खदलम। कक षण तथ४ बलर४म नद अगपवई करतद हह ए ब४लकत कक दक टककलयत मम ब४हठ कदय४ और
यह तय ककय४ जक खदल मम ह४रदग४ वह जशतनद व४लद कक अपनद करधत पर उठ४एग४। इस तरह जब बलर४म
कक टकलश कद सदसय शशद४म४ तथ४ वकरभ जशत गयद तक कक षण तथ४ उनकक टकलश कद एक और ब४लक नद
उन सबत कक अपनद करधत पर चढ४य४। पलमब४सपर नद सकच४ कक अजदय कक षण सद टकर लदन४ मपकशकल हकग४
अतद वह बलर४म सद कभड गय४ और ह४र गय४। उसनद बलर४म कक अपनश पशठ पर चढ४ कलय४ और तदजश
सद लद ज४नद लग४ ककनतप बलर४म सपमदर पवरत कद सम४न भ४रश हक गयद और उनहम लद ज४नद मम असमथर हकनद
कद क४रण उस असपर नद अपन४ असलश रप पचणड ककय४। जब बलर४म नद उसकद भय४नक रप कक ददख४
तक उनहतनद अपनश मपकषक४ सद उसकद कसर पर घकर पह४र ककय४। इस पह४र सद असपर क४ कसर उसश पक४र
कवदशणर हक गय४ कजस पक४र इनद कद वज सद पवरत चसर चसर हक ज४तद हह। वह असपर ब४रमब४र रक वमन
करत४ हहआ भसकम पर कगर पड४। जब गव४लब४लत नद बलर४म कक व४पस आतद ददख४ तक उनहतनद बध४इय४ह दथ
और पसनत४पसवरक उनक४ आकलरगन ककय४ तथ४ ददवत४ओर नद सवगर सद पपषपवर४र करतद हह ए उनक४ यशकग४न
ककय४।
शशशपक उब४च
अथ कक षण: पररवकतक ज४कतकभमपरकदत४तमकभ: ।
अनपगशयम४नक नयकवशदवडजर गककप लमकणडतमनन ॥ १॥
शश-शपक: उब४च-- शशशपकददव गकसव४मश नद कह४; अथ--इसकद ब४द; कक षण: --कक षण; पररवकत: --कघर कर; ज४कतकभ:--अपनद
सरकगयत सद; मपकदत-आतमकभ:--सवभ४व सद पसन रहनद व४लद; अनपगशयम४न:--यश क४ ग४न ककय४ ज४त४ हह आ; नयकवशतनन--पकवष
हह ए; बजमनन-बज मम; गक-कप ल--ग४यत कद झपडर त सद; मकणडतमनन--सपशककभत |.
शपकददव गकसव४मश नद कह४ : अपनद आननद-कवभकर स४कथयत सद कघरद हह ए, जक कनरनतर उनकद
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यश क४ ग४न कर रहद थद, शशकक षण बज ग४म मम पकवष हह ए जक गलवत कद झपडर त सद मकणडत थ४।
बजद--वकनद४वन मम; कवककडतक:--दकनत कद खदलतद हहए; एवमनन--इस पक४र; गकप४ल--गव४लब४लत क४; छद--वदश बन४कर;
म४यय४--म४य४ द४र४; गशषम:--गमर; न४म--न४मक; ऋतप:--ऋतप; अभवतनन-- आ गई; न--नहथ; अकत-पदय४ननन-- अतयकधक
अनपकसल; शरशररण४मनन-ददहध४ररयत कद कलए।.
त४तपयर : शशल पभपप४द नद भगव४ननन शशकक षण (भ४ग १ अधय४य १८) मम इस पक४र टशक४ कक हह,
“भ४रत मम गशषम ऋतप क४ अकधक सव४गत नहथ हकत४ कनयतकक गमर बहह त पडतश हह ककनतप वकनद४वन मम हर
सद--वह ( गशषम ऋतप ); च--कफर भश; वकनद४वन--वकनद४वन कद ; गपणहद --कदवय गपणत कद क४रण; बसनत:द--वसनत ऋतप; इब--
सहश; लककत:--लकण पकट करतश हह ई; यत--कजसमम ( वकनद४वन ); आसतद--रहतद हह; भगव४ननन-- भगव४ननन; स४क४तनन--सवयर;
र४मदण सह--बलर४म सकहत; कद शव: -- शशकक षण |.
कफर भश चसकह क स४क४तनन भगव४ननन कक षण बलर४म सकहत वकनद४वन मम रह रहद थद अतएव गशषम
ऋतप वसनत कद गपण पकट कर रहश थश। वकनद४वन कक भसकम कद ऐसद हह गपण।
यत कनझररकनह४रदकनवकतसवनकझकलकमनन ।
शशचतचछशकरजररदपममणडलमकणडतमनन ॥ ४॥
यत--कजस ( वकनद४वन ) मम; कनमरर--झरनत कक; कनह४रद--तशब धवकन नद; कनवकत--रकक कदय४; सवन--धवकन; कझकलकमनन--
झथगपरत कक; शशवतनन--कनरनतर; ततनन--उन ( झरनत ) कक; शशकर--जल कक बसहदत सद; ऋजशर-- भशगद; दपम--वककत कद ; मणडल--
समसहत सद; मकणडतमस--सपशककभत |.
वकनद४वन मम झरनत कक तशव धवकन सद झथगपरत कक झरक४र कछप गई और उन झरनत कक फप ह४र सद
त४तपयर : इस शलकक मम तथ४ अगलद तशन शलककत मम वकनद४वन मम गशषम ऋतप मम भश वसनननत कद लकण
सररतसरदपसतवणककमरव४यपन४
कह४रकञकतपलरदणहप ४ररण४ ।
न कवदतद यत बनलकस४र दवक
कनद४घवहनयकर भवकउकतश४दलद ॥ ५॥
सररतनन--नकदयत; सर:--झशलत क४; पसनवण--ध४र४ओर क४ ( सपशर करकद ); ऊकमर--तथ४ लहरम; व४यपन४--व४यप द४र४; कह४र-
'कञञ-उतपल--कह४र, करज तथ४ उतपल ( कमलत ) कद ; रदण- प -पर४ग-कण; ह४ररण४--लद ज४तद हहए; न कवदतद--नहथ थ४; यत--
कजसमम; वन-ओकस४मनन--जरगल कद कनव४कसयत कद कलए; दव:--तपतश धसप; कनद४घ--गशषम ऋतप कक; वकह--द४व४कग सद;
अकर--तथ४ ससयर सद; भव:--उतपन; अकत-श४दलद--जह४ह पचपर हरश भरश घ४स थश |.
सरकबरत कक लहरत तथ४ बहतश हह ई नकदयत क४ सपशर करतश हह ई अनदक पक४र कद कमलत तथ४
कमकलकनयत कद पर४ग-कण अपनद स४थ लदतश हह ई व४यप समपसणर वकनद४वन कक शशतल बन४तश थश।
इस तरह वह४ह कद कनव४कसयत कक गशषम कक जलतश धसप तथ४ मलसमश द४व४कगयत सद उतपन गमर सद
कष नहथ उठ४न४ पडत४ थ४। कनससनददह वकनद४वन त४जश हरशभरश घ४स सद भर४पपर४ थ४।
अग४धतकयहनककदनशतटककमरकभ-
ईनवतपपरशषय४: पपकलनह: समनततद ।
न यत चणड४रशपकर४ कवरकलबण४
भपवक रसर श४दकलतर च गकहतद ॥ ६॥
अग४ध--बहह त गहर४; तकय--जल; हकदनश--नकदयत कद ; तट--ककन४रत पर; ऊकमरकभ:--लहरत सद ; दवतनन-- दवशभसत; पपरशषय४:--
ककचड; पपकलनह:--रदतशलद तटत सद; समनतत:--च४रत ओर; न--नहथ; यत--कजस पर; चणड--ससयर कक; अरशप-कर४द--ककरणम;
कवर--कवर कद सम४न; उलबण४:--कवकर४ल; भपव: --पकथवश पर; रसमनन--रस; श४दकलतमनन--हररय४लश; च--तथ४; गकहतद --लदतश
हह।.
गहरश नकदय४ह अपनश उठतश लहरत सद अपनद तटत कक तर करकद उनहम गशल४ तथ४ दलदल४ बन४
ददतश थथ। इस तरह कवर कक तरह कवकर४ल ससयर कक ककरणम न तक पकथवश कद रस कक उड४ प४तथ न
इसकक हरश घ४स कक सपख४ प४तथ।
वनमसनन--जरगल; कप सपकमतमनन-फस लत सद पसणर; शशमतनन--अतयनत सपनदर; नदतनन--शकर करतद; कचत--न४न४ पक४र कद ; मकग--पशप;
कदजमननस--तथ४ पककयत कक; ग४यनननस--ग४तद हह ए; मयसर--मकर; भमरमनन--तथ४ भसरत कक; कस जतनन- कप हदस कप हन करतद; ककककल--
'ककयलत; स४रसमनन--तथ४ स४रसत कक।.
फस लत सद वकनद४वन बडद हश सपनदर ढरग सद सज४ हह आ थ४ और न४न४ पक४र कद पशप तथ४ पकश
अपनश धवकन सद उसद पसररत कर रहद थद। मकर तथ४ भलरद ग४ रहद थद और ककयल तथ४ स४रस कप हह कप हह
कर रहद थद।
कककडषयम४णसततवरकषणक भगव४नबलसरयतप द ।
वदणरप कवरणयनगकपहगतधनह: सरवकतकडकवशतनन ॥ ८ ॥
कककडषयम४ण:--ककड४ करनद कक इचछ४ सद; ततनन--उस ( वकनद४वन ); कक षण:--कक षण; भगव४ननन-- भगव४ननन; बल-सरयतप :--बलर४म
कद स४थ; वदणमप नन-- अपनश वरशश; कवरणयननन-- बज४तद हह ए; गकपहद --गव४लब४लत सद; गक-धनह:--गलवत सद, जक कक उनकक समपकत हह;
सरवकत:--कघरद हहए; अकवशतनन-पकवष हह ए।.
ककड४ करनद कक इचछ४ सद, पसणर पपररकतम भगव४ननन कक षण गव४लब४लत भगव४ननन बलर४म सकहत
पव४लबहसतबकसनडगध४तपककत भसरण४: 1
र४मकक षण४दयक गकप४ ननपतयप रयप धप पजरगप: ॥ ९॥
पव४ल--कत पलम; बई--मकर परख; सतबक--छकटद छकटद फस लत कद गपचछद; सकस --म४ल४एह; ध४तप-- तथ४ ररगशन खकनज ( गदर );
कक त-भसरण४:--उनहम अपन४ आभसरण बन४कर; र४म-कक षण-आदय:-- बलर४म, कक षण इतय४कद; गकप४:--गव४लब४ल; ननकतपद--
न४चनद लगद; यपयधप प:--लडनद लगद; जगप:--ग४नद लगद।.
लगद।
कक षणसयथ नकतयत:--कक षण कद न४चतद समय; कद कचतनन-- उनमम सद ककई; जगप:--ग४नद लग४; कद कचतननस--ककई; अव४दयननन--बज४नद
लग४; वदण-प -वरशश; प४कण-तलह:--खड त४कलयत सद; शकदठशद--सथग सद; पशशरसप:-- पशरस४ ( व४हव४हश ) करनद लगद; अथ--तथ४;
अपरद--अनय लकग।.
कद सथग बज४ बज४कर उनक४ स४थ ददनद लगद तथ४ कप छ अनय ब४लक उनकद न४च कक पशरस४ करनद
लगद।
त४तपयर : शशकक षण कक पकतस४हन ददनद कक इचछ४ सद कप छ गव४लब४लत नद उनकद न४च कक खपल कर
पशरस४ कक।
हह र४जन, ददवत४ओर नद गकप ज४कत कद सदसयत क४ वदश बन४य४ और कजस तरह न४टक कद
नतरक दससरद नतरक कक पशरस४ करतद हह उसश तरह उनहतनद गव४लब४लत कद रप मम पकट हहए कक षण
भमणहलरडसनह: कदपर४सफकटनकवकररणह: ।
कचककडतपकनरयद
प दन क४कपकधरल ककचतनन ॥ १२॥
भमणह:--चकर लग४कर; लडनहद--कस दफ४हद कर; कदपहद--फम ककर; आसफकटन--पटकक ददकर; कवकररणह:--तथ४ घसशट कर;
कचकक ईडतप:--उनहतनद ( कक षण तथ४ बलर४म नद ) ककड४ कक; कनयपददन-- लडतद हह ए; क४क-पक--ब४लत कद गपचछ४ दकनत ओर
'लटकतद; धरल--पकडतद हहए; ककचतननस--कभश |.
कक षण तथ४ बलर४म चकर क४टतद, कस दतद, फम कतद, थपथप४तद तथ४ लडतद कभडतद हह ए अपनद
गव४ल सख४ओर कद स४थ खदलनद लगद। कभश कभश कक षण तथ४ बलर४म ब४लकत कद कसरत कक
चपकटय४ खथच लदतद थद।
अथर हह कक वद एक दससरद कद करधद थपथप४तद य४ पशठ ठतकतद। कवकररण शबद ससकचत करत४ हह कक खदल
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खदल मम वद एक दससरद कक घसशटतद थद। कनयपददत शबद त४ल ठतककर कप शतश लडनद तथ४ अनय पक४र कक
महतशपसणर लड४ई करनद कक ससकचत करत४ हह। क४कपकधर४ क४ अथर हह कक कभश कभश कक षण तथ४ बलर४म
खदल-खदल मम अनय ब४लकत कक चपकटय४ पकड कर खथच लदतद थद।
ककचतनन--कभश; नकतयतसप--नकतय करतद समय; च--तथ४; अनयदरप-- अनयत कद ; ग४यकल--दकनत ( कक षण तथ४ बलर४म ) ग४तद हह ए;
व४दकल--दकनत ब४ज४ बज४तद हह ए; सवयमनन--सवयर; शशरसतप: -- पशरस४ करतद; मह४-र४ज--हद मह४ननन र४ज४; स४धप स४धप इकत--बहह त
अचछ४, बहह त अचछ४; व४कदनल--कहतद हह ए।.
हद र४जनस, जब अनय ब४लक न४चतद हकतद तक कक षण तथ४ बलर४म कभश कभश गशत तथ४ व४द
सरगशत सद उनक४ स४थ ददतद और कभश कभश वद दकनत “बहह त अचछ४'', “बहह त अचछ४' कहकर
लडकत कक पशरस४ करतद थद।
ककचतनन--कभश ; कबलवह:-- बदल कद फल सद; ककचतनन--कभश; कप मभ:--कप मभ फलत सद; कच--तथ४ कभश; आमलक-
मपकषकभ:--मपटश भर आहवलत सद; असपकशय--छप ई-छप औअल खदल; नदत-बनध--आहख कमचलनश मम एक दससरद कक पहच४ननद कक
'कककशश करतद हह ए; आदह:--इतय४कद द४र४; ककचतनन--क भश; मकग-- पशप; खग--तथ४ पककयत कक तरह; ईहय४--नकल करतद
हह ए.
गव४लब४ल कभश कबलव य४ कप मभ फलत सद खदलतद और कभश मपटश मम आमलक फलत कक
लदकर खदलतद। कभश वद एक दससरद कक छसनद क४ य४ आहख कमचलनश कद समय ककसश कक पहच४ननद
क४ खदल खदलतद तक कभश वद पशपओर तथ४ पककयत कक नकल उत४रतद।
त४तपयर : शशल सन४तन गकसव४मश वय४खय४ करतद हह कक आदहशबद एक दससरद क४ पशछ४ करनद तथ४
पपल बन४नद जहसद खदलत क४ सरकदत करत४ हह। दकपहर मम जब कक षण कवश४म करतद हकतद तक एक अनय लशल४
हकतश थश। प४स सद गशत ग४तश तरण गककपक४एह गपजरतथ तक कक षण कद कमत उनसद दसध क४ भ४व पसछनद क४
बह४न४ करतद। तब यद लडकद उनक४ दहश तथ४ अनय वसतपएह चपर४ लदतद और भ४ग ज४तद। कक षण, बलर४म
तथ४ उनकद कमत न४वत द४र४ नदश प४र करनद क४ भश खदल खदल४ करतद थद।
शशल कवशवन४थ चकवतर इसकद आगद वय४खय४ करतद हह कक कप छ ब४लक फलत कक हव४ मम उछ४ल
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कर दससरद फलत कक फम क कर उनहम म४रनद क४ खदल खदलतद। नदतबनध ऐसद खदल क४ ससचक हह, कजसमम एक
लडक४ आहख मसहदद हह ए ब४लक कद पशछद सद आकर उसकक आहखत पर अपनश हथदलश रखत४ थ४। तब
उसकक हथदलश कक छसकर हश आहख मसहदद लडकद कक बतल४न४ पडत४ कक वह कलन हह। ऐसद सभश खदलत मम
लडकद द४हव लग४तद थद कजससद जशतनद व४लद कक इन४म मम वरशश य४ छडश ददनश पडतश। कभश कभश लडकद
जरगलश ज४नवरत कद लडनद कक कवकधयत कक नकल उत४रतद और कभश पककयत कक तरह चथ चथ करतद।
ककचच ददपररप४वहकवरकवधरपह४सकह : ।
कद४कचतसयनदककलकय४ ककहरकचनकरचदषय४ ॥ १५॥
ककचतनन--कभश कभश; च--तथ४; ददपरर--मदढकत कक तरह; प४बह:--कस द कर; कवकवधह:--अनदक पक४र कद ; उपह४सकह : --
'कठठककलयत सद; कद४कचतननस--क भश कभश; सयनदककलकय४--झसलद मम पमग म४र कर; ककहरकचतस-- कभश क भश; नकप-चदषय४ --र४ज४ कक
नकल करकद ।.
कभश कभश वद मदढकत कक तरह फप दक फप दक कर चलतद, कभश तरह तरह कद ह४स पररह४स
करतद, कभश झसलद मम झसलतद और कभश र४ज४ओर कक नकल उत४रतद।
त४तपयर : शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र नद नकफचदषय शबद कक वय४खय४ इस पक४र कक हह:
वकनद४वन मम एक सथ४न थ४, जह४ह पर यमपन४ कक प४र करनद व४लत कक थकड४-स४ कर ददन४ पडत४ थ४। कभश
कभश गव४लब४ल इस सथ४न पर एकत हककर वकनद४वन कक तरण गककपयत कक नदश प४र करनद सद पहलद कर
ददनद कद कलए ब४धय करतद। ऐसद क४यर हहसश-मज४क सद भरद हकतद थद।
एवमनन--इस पक४र सद; तल--वद दकनत, कक षण तथ४ बलर४म; लकक-कसद४कभ:--म४नव सम४ज मम भलश भ४हकत ज४त; ककड४कभ: --
ककड४ओर सद; चदरतप:--घसमतद हह ए; बनद--जरगल मम; नदश--नकदयत; अकद--पवरतत; दककण--घ४कटयत; कप झदरप--तथ४ कपर जत कद
बशच; क४ननदरप--छकटद जरगलत मम; सरदसप--सरकवरत कद ककन४रद; च--तथ४।.
इस तरह सद कक षण तथ४ बलर४म वकनद४वन कक नकदयत, पवरतत, घ४कटयत, कपर जत, वककत तथ४
सरकवरत कद बशच घसमतद हहए सभश पक४र कद पकसद खदल खदलतद रहतद।
पशसननन--पशपओर कक; च४रयतक:--दकनत वयकक चर४तद हह ए; गकपह: --गव४लब४लत कद स४थ; ततनन-बनद--उस जरगल मम, वकनद४वन मम;
र४म-कक षणयक: --र४म तथ४ कक षण; गकप-रपश--गव४लब४ल क४ रप ध४रण कर; पलमब:--पलमब; अग४तनन--आय४; असपरद--
असपर; ततनन--उनकक; कजहशररय४--उठ४कर भ४ग ज४नद ( हरण करनद ) कक इचछ४ सद।.
इस तरह जब उस वकनद४वन कद जरगल मम र४म, कक षण तथ४ उनकद गव४लकमत गलवम चर४ रहद थद तक
पलमब न४मक असपर उनकद बशच मम घपस आय४। कक षण तथ४ बलर४म क४ हरण करनद कद इर४दद सद
उसनद गव४लब४ल क४ वदश बन४ कलय४ थ४।
त४तपयर : कक षण तथ४ बलर४म द४र४ स४म४नय ब४लकत कक तरह क४यर करनद क४ वणरन करनद कद ब४द
अब शपकददव गकसव४मश भगव४ननन कक ऐसश कदवय लशल४ क४ उद४टन करनद ज४ रहद हह, जक म४नव-क४यर कक
सशम४ सद परद हह। शशल कवशवन४थ चकवतर ठ४कप र कद अनपस४र पलमब४सपर नद उस ब४लक कवशदर क४ वदश
'तमनन--उस पलमब४सपर कक; कवद४नस-- भलशभ४हकत ज४नतद हहए; अकप--यदकप; द४श४ई: --दश४ई कद वरशज; भगव४ननन-- भगव४ननन नद;
सवर-दशरन:--सवरज; अनवमकदत--सवशक४र कर लश; ततनन--उसकद स४थ; सखयमनन--कमतत४; वधमनन--वध; तसय--उसक४;
कवकचनतयनननस--सकचतद हह ए।.
चसहकक दश४ई वरश मम उतपन भगव४ननन शशकक षण सब कप छ ददखतद हह अतएव वद ज४न गयद कक वह
असपर कलन हह। कफर भश भगव४ननन नद ऐस४ कदख४व४ ककय४ जहसद कक वद उसद अपन४ कमत म४न चपकद हत
जबकक वद गमभशरत४पसवरक यह कवच४र कर रहद थद कक उसकक कह सद म४र४ ज४य।
एकसम४न हत कजससद खदल अचछ४ हक सकद । खदल क४ आननद लसटनद कद स४थ हश इस खदल क४ उददशय
तत--उस खदल मम; चक: --उनहतनद बन४यद; पररवकढश--दक अगपआ; गकप४:--गव४लब४ल; र४म-जन४दरनल--बलर४म तथ४ कक षण;
कक षण-सडरटन:--कक षण कक टकलश कद सदसय; कद कचतनन--उनमम सद कप छ; आसननन--हक गयद; र४मसय--बलर४म कद ; च--तथ४;
अपरद--अनय।.
आचदर:--समपन ककय४; कवकवध४: --तरह तरह कद ; ककड४:-- खदल; व४हय-- लद ज४यद ज४नद व४लद द४र४; व४हक --लद ज४नद व४ल४;
लकण४:--लकणत सद यपक; यत-- कजसमम; आरकहकनत--चढतद हह; जदत४र:--जशतनद व४लद; वहकनत--ढकतद हह, लद ज४तद हह; च--
तथ४; पर४कजत४:--ह४रनद व४लद |.
ब४लकत नद तरह तरह कद खदल खदलद कजनमम पशठ पर चढन४ तथ४ उठ४न४ जहसद खदल हकतद हह। इन
खदलत मम जशतनद व४लद ह४र ज४नद व४लत कक पशठ पर चढतद हह और ह४रनद व४लद उनहम अपनश पशठ पर
चअढ४तद हह।
त४तपयर : शशल सन४तन गकसव४मश नद कवषणप पपर४ण (५.९.१२) सद कनमनकलकखत शलकक इस सरदभर मम
उदतक ककय४ हह--
“इसकद ब४द उनहतनद ब४लकत क४ खदल खदल४ जक हररण४ ककडनमनन कहल४त४ हह, कजसमम पतयदक
ब४लक कवपक सद अपनश जकडश बन४त४ हह और स४रद ब४लक एकस४थ अपनद अपनद पकतदनदश पर ध४व४
बकलतद हह।'!
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'वहनत:--चढतद; व४हम४न४:--चढ४तद हह ए; च--तथ४; च४रयनत: --चर४तद हह ए; च-- भश; गक-धनमनन--गलवत कक; भ४णडशरकमनन
न४म--भ४णडशरक न४मक; वटमनन--बरगद कद पदड तक; जगमप:--गयद; कक षण-पपर:-गम४:--कक षण कक आगद करकद ।.
त४तपयर : शशल सन४तन गकसव४मश नद शश हररवरश (कवषणप पवर ११५.१८-२२) सद कनमनकलकखत शलकक
उदतक ककयद हह कजनमम वटवकक क४ वणरन हह आ हह :
गयन४धरकचछत४क४रर पवरव४भकगध४ररणमनन ।
कवश४लमसल४वनवर प४वन४मभकदध४ररणमनन ।
“उनहतनद सबसद बकढय४ उस वकक कक ददख४ कजसमम अनदक लमबश लमबश श४ख४एह थथ। अपनश घनश
पकतयत कद आचछ४दन सद वह ऐस४ लगत४ थ४ म४नक पकथवश पर ककई ब४दल बहठ४ हक। इसक४ सवरप इतन४
कवर४ट थ४ कक यह आधद आक४श कक ढकद हह ए पवरत कद सम४न लग रह४ थ४। उस कवश४ल वककमम नशलद
परख व४लद अनदक सपनदर पकश आतद थद कजससद यह वकक अपनद सघन फलत तथ४ पकतयत कद क४रण उस
ब४दल कद सम४न पतशत हकत४ थ४ कजसमम इनदधनपर उग४ हक य४ ककई घर हक कजसद लत४ओर तथ४ पपषपत सद
सज४य४ गय४ हक | इसकक चलडश जडम नशचद कक ओर फह ल रहश थथ और यह अपनद ऊपर पकवत ब४दलत कक
ध४रण ककयद हहए थ४। वह वटवकक आसप४स कद अनय वककत क४ सव४मश तपलय थ४ कयतकक यह वर४र तथ४
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धसप कक दसर रखनद क४ सवरमरगलमय क४यर करत४ थ४। यह नयगकध, कजसक४ न४म भ४णडशर थ४, एक
कवश४ल पवरत कक चकटश जहस४ लगत४ थ४।”!
र४म-सदडरटन:--बलर४म कक टकलश कद सदसय; यकहर--जब; शशद४म-वकरभ-आदय: -- शशद४म४, वकरभ तथ४ अनय ( यथ४ सपबल );
ककड४य४मनन-खदलत मम; जकयन: --कवजयश; त४ननन त४नननस--इनमम सद पतयदक; ऊहह :--चढ४तद थद; कक षण-आदय:--कक षण तथ४ उनकक
टकलश कद अनय सदसय; नकसप--हद र४जन |
हद र४ज४ परशककत, जब इन खदलत मम भगव४ननन बलर४म कक टकलश कद शशद४म४, वकरभ तथ४ अनय
सदसय कवजयश हकतद तक कक षण तथ४ उनकद स४कथयत कक उन सबत कक अपनद ऊपर चढ४न४ पडत४
थ४।
उब४ह--चढ४तद थद; कक षण:--कक षण; भगव४ननन-- भगव४ननन; शशद४म४नमस-- अपनद भक तथ४ सख४ शशद४म४ कक; पर४कजत:--ह४र
कर; वकरभमनन--वकरभ कक; भदसदन: --भदसदन; तप--तथ४; पलमब:--पलमब; रककहणश-सपतमनन--रककहणगश पपत ( बलर४म ) कक |.
ह४र कर, भगव४ननन शशकक षण नद शशद४म४ कक अपनद ऊपर चढ४ कलय४। भदसदन नद वकरभ कक
तथ४ पलमब नद रककहणश पपत बलर४म कक चढ४ कलय४।
त४तपयर : ककई यह पशन कर सकत४ हह कक भगव४ननन कक उनकद कमत ककस तरह हर४ सकतद हह।
इसक४ उतर यह हह कक ईशवर अपनद मसल रप मम अतयनत कखल४डश पकक कत कद हकतद हह और कभश कभश
अपनद कपय कमतत कक इचछ४ य४ बल कद समक झपक कर आननद लदतद हह। कभश कभश कपत४ अपनद छकटद सद
कपय पपत द४र४ पह४र ककयद ज४नद पर खदल खदल मम जमशन पर कगर पडत४ हह। सनदह-भरद इन क४यर सद स४रद
लकगत कक आननद प४प हकत४ हह। इस तरह शशद४म४ अपनद कपय कमत शशकक षण कक जक यत तक पसणर
पपररकतम भगव४ननन थद, पसन करनद कद कलए उनकद कनधत पर चढनद कद कलए र४जश हक गयद।
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अकवरह४मनन--दपदरम; मनयम४न:--कवच४र करतद हह ए; कक षणमनन--कक षण कक; द४नव-पपडवद--वह अगगणय असपर; वहननन-लद ज४तद
हह ए; दपत-तरमनन--तदजश सद; प४ग४तननस--चलनद लग४; अवरकहणत: परमननस--उत४रनद कद कलए कनकशचत सथ४न सद आगद।.
भगव४ननन कक षण कक दपदरम सकच कर वह ज४न४ आन४ असपर ( पलमब ), बलर४म कक तदजश सद
उस सथ४न सद बहह त आगद लद गय४ जह४ह उत४रन४ कनकशचत ककय४ गय४ थ४।
त४तपयर : पलमब बलर४म कक भगव४ननन कक षण कक नजर सद दसर लद ज४न४ च४हत४ थ४ कजससद वह उन
पर व४र कर सकद ।
तमपदहनधरकणधरदनदगलरवर
मह४सपरक कवगतरयक कनजर वपप: ।
'तमनन--उनहम, बलददव कक; उददनननस--ऊहचद लद ज४कर; धरकण-धर-इनद--पवरतत कद र४ज४ सपमदर कक तरह; गलरवमनन-- भ४र; मह४-
असपरद--मह४ननन असपर; कवगत-रय:--अपन४ वदग खक कर; कनजमस-- अपनद असलश; वपप:--शरशर कक; सद--वह न४; आकसथत:--
कसथत हककर; पपरट--सपनहरद; पररचछद:-- आभसरणत सद यपक; बभल--चमक रह४ थ४; तकडतननस--कबजलश कक तरह; दप-म४नननस--
चमककल४; उडप -पकत--चनदम४; व४टस --वहन करतद हहए; इब--सहश; अमबप-दद--ब४दल |.
जब वह मह४ननन असपर बलर४म कक कलयद ज४ रह४ थ४, तक वद कवश४ल सपमदर पवरत कक तरह भ४रश
हक गयद कजससद पलमब कक अपन४ गकत धशमश करनश पडश। इसकद ब४द उसनद अपन४ असलश रप
ध४रण ककय४--तदजमय शरशर जक सपनहदद आभसरणत सद ढक४ थ४ और उस ब४दल कद सम४न लग
रह४ थ४ कजसमम कबजलश चमक रहश हक और जक अपनद स४थ चनदम४ कलयद ज४ रह४ हक।
त४तपयर : यह४ह पर पलमब४सपर कक उपम४ ब४दल सद, उसकद सपनहरद आभसरणत कक उपम४ ब४दल कद
भशतर चमकनद व४लश कबजलश सद तथ४ बलर४म कक उपम४ ब४दल कद भशतर चमक रहद चनदम४ सद दश गई
हह। मह४ननन असपर अपनश यकग शकक सद अनदक रप ध४रण कर सकतद हह ककनतप जब भगव४ननन कक
आधय४कतमक शकक उनकक शकक कक कम कर ददतश हह, तक उनहम अपन४ कक कतम रप तय४ग कर असलश
आसपरश शरशर ध४रण करन४ पडत४ हह। भगव४न बलर४म सहस४ कवश४ल पवरत कद सम४न भ४रश हक गयद
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कनरशकय--ददखकर; ततनन--उस पलमब४सपर क४; वपप:--शरशर; अलमनन--तदजश सद; अमबरद--आक४श मम; चरतनन--कवचरण करतद;
पदशप--पजवकलत; हकन न-- आहखम; शप-कप कट--अपनश भसहत पर कद गपससद क४; तट--ककन४रद पर; उग-- भय४नक; दरषकमनन--द४हतत
कक; जवलतनन-- अकग तपलय; कशखमनन-ब४ल; कटक--अपनद ब४जसबनद; ककरशट--मपकपट; कप णडल--तथ४ कपर डलत कद ; कतवर४--
तदज सद; अदपतमस--आशचयरजनक; हल-धर: --हल ध४रण करनद व४लद, बलर४म; ईरतनन--टप क, थकड४; अतसतनन-- भयभशत हह ए।.
जब हलधर भगव४ननन बलर४म नद आक४श मम कवचरण करतद हहए उस असपर कक जलतश हह ईर
आहखम, अकग सदश ब४ल, भसहत तक उठद भय४नक द४हत तथ४ उसकद ब४जसबनदत, मपकपट तथ४
कपर डलत सद उतपन आशचयरजनक तदज यपक कवर४ट शरशर कक ददख४ तक वद कप छ कप छ भयभशत सद हक
गयद।
अथ--तब; आगत-समककत:-- अपन४ समरण करतद हह ए; अभय:--कनभरय; ररपपमनन--शतप कक; बल:--बलर४म नद; कवह४य--
छकडकर; स४थरमनन--स४थ; इब--कनससनददह; हरनतमनन--हरण करतद हहए; आतमन:--अपनद आप; रर४--ककध कद स४थ; अहनतनन--
पह४र ककय४; कशरकस--कसर कद ऊपर; हढदन--कठकर; मपकषन४--अपनश मपटश सद; सपर-अकधप:--ददवत४ओर कद र४ज४, इनद; कगररमस--
पवरत पर; इब--सहश; वजन--वजन क४; ररहस४--फप तर सद
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और उनहतनद असपर कद कसर पर अपनश कठकर मपटश सद उसश तरह पह४र ककय४ कजस पक४र ददवत४ओर
कद र४ज४ इनद अपनद वजन सद पवरत पर पह४र करतद हह।
त४तपयर : भगव४ननन बलर४म कक बकलष मपटश असपर कद कसर पर ऐसद पडश कक उस कद टपकडद टपकडद हक
गयद कजस तरह कवश४ल वजप४त सद पवरत चसर चसर हक ज४त४ हह। कवह४य स४थरमनन इव पद क४ सकनध-कवचछदद
कवह४यस४ अथरयनन इव कद रप मम भश ककय४ ज४ सकत४ हह, कजसक४ अथर हकग४ कक वह असपर कवह४यस
अथ४रतनन आक४श कद कवर४ट पथ पर बलर४म कक लद ज४नद कद उददशय सद उड रह४ थ४ कयतकक वद हश उसकद
अथरमनन अथ४रतनन खकज कक वसतप थद।
सद--वह, पलमब४सपर; आहत:--पह४र ककय४ गय४; सपकद--तपरनत; कवशशणर --कवदशणर; मसतक:--कसर; मपख४तनन--मपहह सद;
वमननन--उगलत४ हह आ; रकधरमनन--रक; अपसमकत:--बदहकश; असपर: --असपर; मह४-रवमनन-- भशरण शबद; वयसप:--कनजरव;
अपततनन--कगर पड४; समशरयनननस-- आव४ज करत४ हह आ; कगरर:--पवरत; यथ४--कजस तरह; मघवत:--इनद कद ; आयपध-- हकथय४र
सद; आहत:--चकट ख४कर।.
इकष४--ददखकर; पलमबमनन-- पलमब४सपर कक; कनहतमनन--म४र४ गय४; बलदन--बलर४म द४र४; बल-श४कलन४--बलश४लश; गकप४: --
गव४लब४ल; सप-कवकसमत४: --अतयनत चककत; आसननन--हह ए; स४धप स४धप--'' अकत उतम , '' '' अकत उतम ''; इकत--यद शबद;
व४कदन:--कहतद हहए।.
गव४लब४ल यह ददखकर अतयनत चककत थद कक बलश४लश बलर४म नद ककस तरह पलमब४सपर
कक म४र ड४ल४ और वद सभश “बहह त खसब '' “बहह त खसब'' कहकर कचल४ उठद।
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आकशर:--आशशव४रद; अकभगकणनत: --भमटम ददतद हहए; तमनन--उनननहम; पशशरसप:--पशरस४ कक; ततनन-अनहणमनन--उस सपप४त कक; पदतय--
मरकर; आगतमनन--व४पस आय४ हह आ; इब--म४नक; आकलनय-- आकलरगन करतद हह ए; पदम--पदमवश; कवह-- भ४वकवभकर;
चदतस:--मन।.
उनहतनद बलर४म कक खसब आशशव४रद कदय४ और सभश तरह कक पशरस४ कद प४त हकनद कद क४रण
उनकक खसब पशरस४ कक। उनकद मन पदम सद कवभकर हक उठद और उनहतनद उनक४ इस पक४र आकलरगन
ककय४ म४नक वद मरकर ललटद हत।
प४पद--प४पश; पलमबद--पलमब४सपर पर; कनहतद--म४रद ज४नद पर; ददव४:--ददवत४ओर नद; परम--अतयकधक; कनवकरत४:--पसन;
अभयवररनननस--बरस४य४; बलमनन--बलर४म कक; म४लयहद--म४ल४ओर सद; शशरसप:--सतपकतय४ह कक; स४धप स४धप इकत--'' अकत उतम”
“अकत उतम'” आल४प करतद हहए।.
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(0 ० 7 ० उनशस
द४व४नल प४न
इस अधय४य मम बतल४य४ गय४ हह कक ककस पक४र कक षण नद मपझ४रणय मम लगश मह४कग सद गलवत तथ४
गव४लत कक रक४ कक।
एक कदन स४रद गव४लब४ल खदल मम मग हक गयद तक गलवम घनद जरगल मम चरनद कनकल गई।र सहस४
द४व४कग भडक उठश तक लपटत सद बचनद कद कलए गलवत नद मसहज कद कपर ज मम ज४कर शरण लश। जब
गव४लब४लत कक अपनश ग४एह न कदख४ई दथ, तब वद उनकद पदकचहत और उनसद रसदनद सद य४ द४हतत सद तकडद
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ज४नद सद घ४स कद कतनकत तथ४ दससरद पलधत सद बनश लककर क४ पशछ४ करतद हह ए तल४श मम कनकल पडद।
अनत मम गलवम उनहम मपरजबन मम कमलथ और उनहतनद उनहम वह४ह सद हट४ कलय४। ककनतप तब तक आग जकर
पकड चपकक थश और उससद गलवत तथ४ ब४लकत कक खतर४ पहद४ हक गय४ थ४। इस तरह ब४लकत नद
यकगदशवर कक षण कक शरण लश। कक षण नद उनसद आहखम मसहदनद कक कह४। जब उनहतनद ऐस४ ककय४, तक शशकक षण
नद कण-भर मम उस भयरकर द४व४कग कक कनगल कलय४ और उन सबत कक भ४णडशर वकक कद प४स लद आयद
कजसक४ उलदख कपछलद अधय४य मम ककय४ गय४ हह। इस यकगशकक कद अदपत चमतक४र कक ददखकर
गव४लब४लत नद सकच४ कक कक षण अवशय हश ददवत४ हह अतद वद उनकक पशरस४ करनद लगद। इसकद ब४द सभश
लकग घर ललट आयद।
शशशपक उब४च
ककड४सकद रप गकपदरप तद४वक दसरच४ररणश: ।
सवहरर चरनतयक कवकवशपसतकणलकभदन गहरमनन ॥ १॥
शश-शपक: उब४च-- शश शपकददव गकसव४मश नद कह४; ककड४--खदल मम; आसकद रप--पसरश तरह लशन; गकपदरप--गव४लब४लत मम; ततनन-
'ग४व:--उनकक गलवम; दसर-च४ररणश:--दसर दसर तक घसमनद व४लश; सवहरमनन--सवतरत रप सद; चरनतय:--चरतश हह ई; कवकवशप:--घपसथ;
तकण--घ४स कद ; लकभदन--ल४लच सद; गहमनन-घनद जरगल मम |.
शपकददव गकसव४मश नद कह४ : जब गव४लब४ल खदलनद मम पसरश तरह मग थद तक उनकक गलवम दसर
चलश गई।र अकधक घ४स कद लकभ मम तथ४ ककई उनकक ददखभ४ल करनदव४ल४ न हकनद सद वद घनद
अज४:--बकररय४ह; ग४व:--गलवम; मकहषय:--भहसद; च--तथ४; कनकवरशनतयद--पवदश करतथ; वन४तस--एक जरगल सद; वनमनन-- दससरद
जरगल कक; ईरशक४-अटवशमनन--मसरज कद जरगल मम; कनकवरकवशप:--पकवष हह ई; कनदनतय:--कचल४तश हह ई; द४व--जरगल कक अकग
कद क४रण; तकररत४:--पय४सश |.
कवश४ल जरगल कद एक भ४ग सद दससरद भ४ग मम ज४तद हहए बकररय४ह, गलवम तथ४ भमसम अनततद मसरज
सद आचछ४कदत कदत मम घपस गई।र प४स कद जरगल कक अकग कक गमर सद उनहम पय४स लग पडश और वद
तद--वद; अपशयनत:--न ददखतद हह ए; पशसननन--पशपओर कक; गकप४:--गव४लब४ल; कक षण-र४म-आदय:--कक षण, र४म इतय४कद;
तद४--तब; ज४त-अनपत४प४:--पशच४त४प अनपभव करतद हहए; न कवदप:--नहथ ज४न प४यद; कवकचनवनत:--ढस हढतद हहए; गव४मनन-गलवत
कक; गकतमनन-र४सत४। .
गलवत कक स४मनद न ददखकर, कक षण, र४म तथ४ उनकद गव४लकमतत कक सहस४ अपनश
अस४वध४नश पर पछत४व४ हह आ। उन ब४लकत नद च४रत ओर ढस हढ४ ककनतप यह पत४ न लग४ प४यद कक वद
कह४ह चलश गई हह।
तकणहसततखपरदकचछनहगकषपदहररडतहगवर ४मनन ।
म४गरमनवगमनसवर नष४जशवय४ कवचदतस: ॥ ४॥
तकणहद--कतनकत सद; ततनन--उन ग४यत कद ; खपर--खपरत सद; दतनन--तथ४ द४हतत सद; कछनहद--तकडद गयद; गक:-पदहद --ग४यत कद खपरत कद
कनश४नत सद; अकडधतह:द--पकथवश पर बनद; गव४मनन-ग४यत कद ; म४गरमनन--र४सत४; अनवगमननन-- पशछ४ ककय४; सवर --सबत नद; नष-
आजशवय४:--अपनश जशकवक४ कद नष हक ज४नद कक; कवचदतस:--कचनत४ मम |.
तब ब४लकत नद गलवत कद खपरत कद कचनहत तथ४ उनकद खपरत तथ४ द४हतत सद तकडश गई घ४स कद
कतनकत कक ददखकर उनकद र४सतद क४ पत४ लग४न४ शपर ककय४। स४रद गव४लब४ल अतयकधक कचकनतत
थद कयतकक वद अपनश जशकवक४ क४ स४धन खक चपकद थद।
अनत मम गव४लब४लत कक अपनश बहह मसलय गलवम मपझ वन मम कमलथ जक अपन४ र४सत४ भटक
ज४नद सद कचल४ रहश थथ। तब पय४सद तथ४ थकद -म४हदद गव४लब४ल उन गलवत कक घर कद र४सतद पर
व४पस लद आयद।
त४:द--वद गलवम; आहहत४:--बपल४ई गई; भगवत४-- भगव४ननन द४र४; मदघ-गमभशरय४--ब४दल कक तरह गमभशर; कगर४--व४णश सद; सव-
न४मत४मस--अपनद अपनद न४मत कक; कननदमनन--धवकन; शपतव४--सपनकर; पकतनदद:
प --उतर कदय४; पहकररत४: --अतयकधक हकररत
हककर।.
भगव४ननन नद उन पशपओर कक गरजतद ब४दल कक तरह गसहजतश व४णश सद पपक४र४। अपनद -अपनद
न४मत कक धवकन सपनकर गलवम अतयकधक हकररत हह ईर और हह क
र ४र भर कर भगव४ननन कक उतर ददनद
लगथ।
ततद--तब; समनत४तनन--च४रत ओर; दव-धसमकद तप:-- भशरण जरगल कक अकग; यहचछय४--सहस४; अभसतनन--पकट हह ई; कय-
'कक तस--नष करनद पर तपलश; वन-ओकस४मनन--जरगल मम उपकसथत प४कणयत कक; समशररत:--ह४हकक गई; स४रकथन४--स४रथश तपलय
हव४ द४र४; उलबण-- भय४नक; उलमपकह:--उलक४ जहसश कचनग४ररयत सद यपक; कवलदकलह४न:--च४टतश हह ई; कसथर-जडड म४नननस--समसत
चर तथ४ अचर प४कणयत कक; मह४नस--मह४न।.
सहस४ च४रत कदश४ओर मम मह४ननन द४व४कग पकट हह ई कजससद जरगल कद समसत प४कणयत कद नष
हकनद क४ सरकट उतपन हक गय४। स४रथश तपलय व४यप, अकग कक आगद बढ४तश ज४ रहश थश और च४रत
ओर भय४नक कचनग४ररय४ह कनकल रहश थथ। कनससनददह , इस मह४ननन अकग नद अपनश जव४ल४ओर रपश
कजह४ओर कक समसत चल और अचर प४कणयत कक और लपलप४ कदय४ थ४।
त४तपयर : अभश कक षण, बलर४म तथ४ गव४लब४ल अपनश गलवम लदकर घर ललटनद हश व४लद थद कक जक
द४व४कग लगश थश वह क४बस कद ब४हर हक गई और उसनद उन सबत कक घदर कलय४।
जब गलवत तथ४ गव४लब४लत नद च४रत ओर सद द४व४कग कक अपनद ऊपर आकमण करतद ददख४
तक वद बहह त डर गयद। अतद वद रक४ कद कलए कक षण तथ४ बलर४म कद कनकट गयद कजस तरह मकतयप-
भय सद कवचकलत लकग भगव४ननन कक शरण मम ज४तद हह। उन ब४लकत नद उनहम इस पक४र सद समबककधत
ककय४।
कक षण कक षण--हद कक षण, हद कक षण; मह४-वशर--हद अतयनत बलश४लश; हद र४म--हद र४म; अमकघ-कवकम-- अमकघ शककव४लद; द४व-
अकगन४--जरगल कक आग सद; दहन ४मम४न४नननस--जलतद हह ओर कक; पपन४नस--शरण४गतत कक; त४तपमनन अरहथ:--कक पय४ बच४यम।.
नसनमस-- अवशय हश; तवतनन--आपकद ; ब४नधव४: --कमतगण; कक षण--हम४रद पय४रद कक षण; न--क भश नहथ; च--और; अईकनत--
यकगय हह; अवस४कदतपमनन-कवनष हकनद कद ; ववमनन--हम; कह--यहश नहथ; सवर-धमर-ज--समसत जशवत कक भलशभ४हकत ज४ननदव४लद;
तवतनन-न४थ४:--आपकक अपनद सव४मश कद रप मम प४कर; तवतनन-पर४यण: --आपकक हश भकक मम लगद हहए |
कक षण! कनससनददह आपकद अपनद कमतत कक तक नष नहथ हकन४ च४कहए। हद समसत वसतपओर कक
पकक कत कक ज४ननदव४लद, हमनद आपकक अपन४ सव४मश म४न रख४ हह और हम आपकद शरण४गत हह।
शशशपक उब४च
बचक कनशमय कक पणर बनधसन४र भगव४नहरर: ।
कनमशलयत म४ भहष लकचन४नशतयभ४रत ॥ ११॥
शपकददव गकसव४मश नद कह४ : अपनद कमतत कद ऐसद दयनशय वचन सपनकर भगव४ननन कक षण नद
उनसद कह४ : “तपम लकग, बस अपनश आहखम मसहद लक और डरक नहथ।''
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त४तपयर : इस शलकक सद कक षण तथ४ उनकद शपद भकत कद बशच क४ सरल कदवय समबनध सपष हकत४
हह। परम सतय परम शककम४न भगव४ननन व४सतव मम एक तरण आननदमय गव४लब४ल हह कजसक४ न४म
कक षण हह। भगव४ननन असल मम तरण हह और उनकक पकक कत कखल४डश कक हह। जब उनहतनद ददख४ कक उनकद
कपय कमत द४व४कग सद भयभशत हक चपकद हह, तक उनहतनद उनसद इतन४ हश कह४ कक तपम लकग अपनश आहखम
तथ४--बहह त अचछ४; इकत--ऐस४ कहकर; मशकलत--बनद करतद हह ए; अकदरप-- अपनश आहखम; भगव४ननन-- भगव४ननन; अकगमस--
अकग कक; उलबणमनन-- भय४नक; पशतव४--पशकर; मपखदन--मपख सद; त४नस--उनकक; कक चछ४तनन-- सरकट सद; यकग-अधशश: --समसत
यकगशकक कद परम कनयनत४; वयमकचयतनन-- उद४र कर कदय४।.
ब४लकत नद उतर कदय४ “बहह त अचछ४ '' और तपरनत हश उनहतनद अपनश आहखम बनद कर लथ। तब
समसत यकगशकक कद सव४मश भगव४ननन नद अपन४ मपख खकल४ और उस भय४नक अकग कक
कनगलकर अपनद कमतत कक सरकट सद बच४ कलय४।
त४तपयर : गव४लब४ल अतयकधक थक४न, भसख तथ४ पय४स सद तसत थद और वद कवकर४ल द४व४कग सद
भसम हकनद हश व४लद थद। इस कसथकत क४ सरकदत कक चछ४तनन शबद सद कमल ज४त४ हह।
ततद--तब; च--तथ४; तद--वद; अकशकण--अपनश आहखम; उनननमशलय--खकलतद हह ए; पपनद:--कफर; भ४णडशरमननस-- भ४णडशर तक;
आकपत४:--लद गयद; कनशमय--ददखकर; कवकसमत४:--चककत; आसननन--हह ए; आतम४नमनन--अपनद आपकक; ग४:--गलवत कक; च--
तथ४; मककचत४:--बच४ कलय४।.
गव४लब४लत नद अपनश आहखम खकलथ तक यह ददखकर चककत हहए कक न कद वल उनहम तथ४ गलवत
कक उस कवकर४ल अकग सद बच४ कलय४ गय४ हह अकपतप वद भ४णडशर वकक कद प४स व४पस ल४ कदयद
गयद हह।
त४तपयर : वकनद४वन कद गव४लब४ल कक षण कक अपन४ एकम४त कमत तथ४ पसजनशय म४नतद थद। कक षण नद
इन सबत कद आननद कक बढ४नद कद कलए अपनश यकगशकक क४ पदशरन ककय४ और उनहम उस भय४नक
द४व४कग सद बच४ कलय४।
यद गव४लब४ल ककसश भश दश४ मम कक षण सद अपनश आननदमयश एवर पदममयश कमतत४ क४ पररतय४ग नहथ
कर सकतद थद। अतद उनहतनद जब उनकक यह अस४ध४रण शकक ददखश तक सकच४ कक कक षण ईशवर नहथ,
अकपतप श४यद ककई ददवत४ हह। ककनतप कक षण उनकद कपय कमत थद अतद वद उनहथ कद सम४न सतर पर थद।
अतएव उनहतनद अपनद आपकक भश ददवत४ तपलय हश सकच४। इस तरह कक षण कद गव४लकमत आननदकवभकर हक
उठद।
ग४:--गलवम; सकनवतमर--ललट४कर; स४य-अकद--दकपहर बशत ज४नद कद ब४द; सह-र४म:--बलर४म सकहत; जन४दरन:-- शशकक षण;
बदणमप नन--अपनश वरशश; कवरणयननन--कवशदर ढरग सद बज४तद हह ए; गकषटमनन-गव४लत कद ग४हव मम; अग४तनन-गयद; गकपहद --गव४लब४लत
द४र४; अकभषक त:-- पशरकसत हककर |.
गककवनद कक घर आतद ददखकर तरण गककपयत कक अतयनत आनरद प४प हह आ कयतकक उनकक
सरगकत कद कबन४ एक कण भश उनहम सल यपगत कद सम४न पतशत हक रह४ थ४।
इस पक४र शशमद४गवत कद दसवम सकरध कद अनतगरत “द४व४नल क४ कनगल४ ज४न४ ”' न४मक उनशसवम
अधय४य कद शश शशमदनन ए.सश. भककवदद४नत सव४मश गभपप४द कद कवनशत सदवकत द४र४ रकचत त४तपयर पसणर
डन ए।
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(॥०ए(९४" बशस
वकनद४वन मम वर४र ऋतप तथ४ शरदनन ऋतप
शशशपक उब४च
तयकसतददपतर कमर द४व४मनदमर कम४तमन: ।
गकप४: सशभय: सम४चखयप: पलमबवधमदव च ॥ १॥
शश-शपक: उव४च-- शश शपकददव गकसव४मश नद कह४; तयक:--उन दकनत ( कक षण तथ४ बलर४म ) क४; ततनन--वह; अदपतमनन-- अदपत;
कमर-क४यर ; द४व-अगद:--द४व४कग सद; मककमनन-- उद४र; आतमन:-- अपन४; गकप४:--गव४लब४ल; सश भय: --कसयत सद;
सम४चखयप:--कवसत४र सद बतल४य४; पलमब-वधमनन-- पलमब४सपर क४ म४र४ ज४न४; एब--कनससनददह; च-- भश |.
वणरन ककय४।
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गकप-वकद४:--बसढद गव४लद; च--तथ४; गकपय:--गककपय४ह; च-- भश; ततनन--सद; उप४कणयर--सपनकर; कवकसमत४द --आशचयरचककत;
मदकनरर--कवच४र ककय४; ददव-पवरल--दक पकतकषत ददवत४; कक षण-र४मल--कक षण तथ४ बलर४म दकनत भ४ई; बजमनन--वकनद४वन मम;
गतल-चकमद.
ततद--ततपशच४तनन; प४वतरत-- शपर हह ई; प४वकटनन--वर४र ऋतप; सवर-सतत--स४रद जशवत कक; समपदव४-- उतपकत कक सकत;
कवदकतम४न--कबजलश सद चमकत४; पररकध: --कककतज; कवसफस कजरत--( गरज सद ) कवशरपबध; नभ:-तल४-- आक४श.
इसकद ब४द वर४र ऋतप क४ शपभ४रमभ हह आ जक समसत जशवत कक जशवनद४न ददतश हह। आक४श
स४नदनशल४मबपदवयकम सकवदपतसतनकयतनपकभ: ।
असपषजयककतर४चछनर बहकव सगपणर बभल ॥ ४॥
स४नद-घनद; नशल--नशलद; अमबपदह:--ब४दलत सद; वयकम-- आक४श; स-कवदपतस-कबजलश सकहत; सतनकयलपकभ:--तथ४ गरज कद
स४थ; असपष-- धसकमल; जयककत:-- पक४श; आचछनमननस--ढक४ हह आ; बह--आतम४; इब--म४नक; स-गपणमनन-- भलकतक गपणत सद
यपक; बभल--पकट हक गय४ हक |.
ततपशच४तनन कबजलश तथ४ गरज सद यपक घनद नशलद ब४दलत सद आक४श आचछ४कदत हक गय४। इस
तरह आक४श तथ४ उसकक प४कक कतक जयककत उसश तरह ढक गयद कजस तरह आतम४ पकक कत कद तशन
गपणत सद आचछ४कदत हक ज४त४ हह।
त४तपयर : कबजलश कक उपम४ सतकगपण सद, गजरन४ कक रजकगपण सद तथ४ ब४दलत कक तमकगपण सद दश गई
हह। इस तरह वर४र ऋतप कद प४रमभ हकनद पर ब४दलत सद ढक४ आक४श उस शपद आतम४ कद सहश हह, जक
पकक कत कद गपणत सद कवचकलत हक ज४त४ हह कयतकक तब यह आचछ४कदत हक ज४त४ हह, कजससद उसकक मसल
जयककतमरयश पकक कत भलकतक गपणत कद कप ह४सद सद मनद मनद पकतकबकमबत हक प४तश हह।
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अषल-- आठ; म४स४ननन-महशनत कद दलर४न; कनपशतमनन--कपय४ हह आ; यतनन--जक; भसमय४: --पकथवश क४; च--तथ४; उद-मयमननस--जल
सद यपक; वसप--समपकत; सव-गककभ:--अपनश हश ककरणत सद; मककप मस--मपक करनद कद कलए; आरदभद--प४रमभ कर कदय४;
पजरनय:--ससयर नद; क४लद--उकचत समय; आगतद--आ ज४नद पर.
ससयर नद अपनश ककरणत सद आठ म४स तक पकथवश कक जल रपश समपकत क४ शकरण ककय४ थ४।
अब उपयपक समय आ गय४ थ४ और ससयर अपनद उस सरकचत सरपकत कक मपक करनद लग४।
त४तपयर : आच४यरगण ससयर द४र४ पकथवश कक जल समपकत कद भ४प बननद कक तपलन४ र४ज४ द४र४ कर
वससल करनद सद करतद हह। शशल पभपप४द नद भगव४ननन शशकक षण (भ४ग १, अधय४य २०) मम इस रपक कक
वय४खय४ इस पक४र कक हह, ““ब४दल धसप द४र४ पकथवश सद खथच४ गय४ सरकचत जल हह। ससयर लग४त४र आठ
म४स तक पकथवश कक सतह सद सभश पक४र कद जल कक भ४प बन४कर उड४त४ हह और यह जल ब४दलत कद
रप मम सरकचत हकत४ हह, जक आवशयकत४नपरप जल कद रप मम बहट ज४तद हह। इसश पक४र सरक४र न४गररकत
पर तरह तरह कद कर लग४तश हह, कजसद न४गररक समपद४य कक कर, वय४प४र तथ४ उदकग जहसद अपनद भलकतक
क४यर सद चपकत४ करत४ हह। इस तरह सरक४र आयकर तथ४ कवकलकर कद रप मम भश कर लग४ सकतश हह।
इसकक उपम४ ससयर द४र४ पकथवश सद जल खथचनद सद दश गई हह। जब पकथवश पर पपन: जल कक आवशयकत४
हकतश हह, तक वहश ससयर कक धसप इस जल कक ब४दल मम बदलकर स४रद कवशव मम कवतररत करतश हह। इसश
पक४र सरक४र द४र४ सरगकहशत करत कक जनत४ मम शहककणक क४यर, जन क४यर, सफ४ई क४यर इतय४कद कद रप
मम कवतररत कर ददन४ च४कहए। अचछश सरक४र कद कलए यह अकनव४यर हह। सरक४र कक वयथर मम लपटनद कद
कलए हश कर नहथ लग४न४ च४कहए पतयपत सरगहशत कर क४ उपयकग र४जय कद जनकलय४ण मम ककय४ ज४न४
च४कहए।!
'तकडतनन-वनत:--कबजलश क४ पदशरन करतद; मह४-मदघ४:--बडद बडद ब४दल; चणड--उग; शसन--व४यप द४र४; वदकरत४:--कहल४यद
गयद; पशणनमनन--तककप; जशवनमनन--उनक४ जशवन ( जल ); कह--कनससनददह; असय--इस जगत क४; मपमपचप:--मपक ककय४;
'करण४:--दय४लप वयकक; इब--सहश |.
कबजलश चमक४तद बडद बडद ब४दल पचणड व४यप कद द४र४ कहल४यद-डप ल४यद ज४कर दसर लद ज४यद
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गयद थद। यद ब४दल दय४लप पपररत कक तरह इस सरस४र कक खपशश कद कलए अपन४ जशवन द४न कर रहद
थद।
त४तपयर : कजस तरह कभश कभश मह४ननन दय४लप वयकक सम४ज कद सपख हदतप अपनद जशवन य४ धन क४
उतसगर कर ददतद हह उसश तरह ब४दलत नद ससखश पकथवश पर जल बरस४य४। यदकप इस तरह सद ब४दल कवनष
हक गयद ककनतप पकथवश कक खपशश कद कलए उनहतनद मपकभ४व सद वर४र कक।
शशल पभपप४द नद भगव४ननन शशकक षण मम इस शलकक कक टशक४ इस पक४र कक हह : ““वर४र ऋतप मम स४रद
ददश कद ऊपर पबल व४यप झकझकरतश हह और जल ब४हटनद कद कलए ब४दलत कक एक सद दससरद सथ४न तक लद
ज४तश हह। जब गशषम ऋतप कद ब४द प४नश कक अतयकधक आवशयकत४ पडतश हह, तक यद ब४दल एक धनश
पपरर कक भ४हकत हकतद हह। कजस तरह आवशयकत४ पडनद पर धनपकत अपन४ स४र४ ककर ख४लश हक ज४नद पर
भश, धन लपट४ ददत४ हह उसश तरह यद ब४दल पकथवश कक सतह पर अपन४ स४र४ जल कवतररत करकद सवयर
ररक हक ज४तद हह।
कह४ ज४त४ हह कक जब भगव४ननन र४मचनद कद कपत४ मह४र४ज दशरथ अपनद शतपओर सद लडतद थद तक वद
उनकद प४स इस तरह पहह हचतद थद जहसद ककई ककस४न अन४वशयक पलधत और वककत कक उख४डत४ हह। और
जब द४न ददनद कक आवशयकत४ पडतश तक वद धन क४ कवतरण इस तरह करतद म४नक ब४दल जल कवतररत
कर रह४ हक। ब४दलत द४र४ जल क४ कवतरण इतन४ उद४र हकत४ थ४ कक इसकक तपलन४ मह४ननन द४नश वयकक
द४र४ धन कवतरण सद कक ज४तश हह। ब४दल सद इतनश पचपर वर४र हकतश हह कक यह जल चट४नत तथ४ पवरतत
पर और जह४ह आवशयकत४ नहथ हह उन स४गरत पर भश बरसत४ हह। ब४दल उस द४नश वयकक कक तरह हकत४
हह, जक कवतरण कद कलए अपन४ ककर खकल ददत४ हह और प४त य४ कप प४त क४ भददभ४व नहथ करत४। वह
मपकहसत द४न ददत४ हह।'”
अलरक४ररक भ४र४ मम ब४दलत मम जक कबजलश चमकतश हह, वह ऐस४ पक४श हह, कजससद वद पकथवश कक
दपकखत अवसथ४ कक ददखतद हह। तदज बहनदव४लश हव४एह उनकद गहरद स४हस हह जहस४कक ककसश दपखश वयकक मम
ददख४ ज४त४ हह । पकथवश कक दपकखत अवसथ४ ददखकर ब४दल व४यप मम दय४लप वयकक कक तरह क४हपतद हह और
इसकलए वद जल बरस४तद हह।
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तपद-कक श४-गशषम कद त४प सद दपबरल; ददव-मशढ४--जलददव दद इएवरक कछडकक; आसशतनन-- हक गयश; वररयसश-- पसणरतय४
पककरत; महश--पकथवश; यथ४ एव--कजस तरह; क४मय--इकनदय तककप पर आध४ररत; तपसद--तपसवश क४; तनपद--शरशर;
समप४पय--प४प करकद ; ततनन--उस तपसय४ क४; फलमनन--फल।
गशषम कद त४प सद पकथवश कक रक४य हक चपकक थश ककनतप वर४र कद ददवत४ द४र४ तर ककयद ज४नद पर
पपनद पसरश तरह हरशभरश हक गई। इस तरह पकथवश उस वयकक कद सम४न थश कजसक४ शरशर भलकतक
क४मन४ सद कक गई तपसय४ कद क४रण कक रक४य हक ज४त४ हह ककनतप तपसय४ क४ फल प४प हक ज४नद
पर वह पपनद पसरश तरह हष पपष हक उठत४ हह।
'फल प४प हकत४ हह, वह ककणक हकत४ हह और कद वल अलप ज४नश हश ऐसद फल कक क४मन४ करतद हह।''
कनश४-मपखदरप--स४रधयक४लशन धपधर लकद कद समय; खदकत४:--जपगनस; तमस४-- अरधक४र कद क४रण; भ४कनत--चमकतद हह; न--
नहथ; गह४:--नकतगण; यथ४--कजस तरह; प४पदन--प४पकमर कद क४रण; प४रणड४: --न४कसतक कसद४नत; न--नहथ; कह--कनशचय
हश; वदद४:--वदद; कलल यपगद-इननन थद अगद ओफन न ककल.
वर४र ऋतप कद स४हझ कद धपधर लदपन मम, अरधक४र कद क४रण जपगनस तक चमक रहद थद ककनतप
नकतगण पक४श नहथ कबखदर प४ रहद थद, कजस पक४र कक ककलयपग मम प४पकक तयत कक पध४नत४ सद
न४कसतक कसद४नत वददत कद असलश ज४न कक आचछ४कदत कर ददतद हह।
त४तपयर : शशल पभपप४द कक टशक४ इस पक४र हह : “वर४र ऋतप मम सरधय४ समय वककत कक चककटयत पर
यततत बहह त सद जपगनस कदखतद हह और वद पक४श कक तरह चमकतद हह ककनतप आक४श कद नकत--यथ४
च४हद और कसत४रद--दकषगकचर नहथ हकतद। इसश पक४र ककलयपग मम न४कसतक अथव४ दपष लकगत कक पध४नत४
हक ज४तश हह ककनतप आधय४कतमक उतथ४न कद कलए वहकदक कसद४नतत क४ व४सतव मम प४लन करनदव४लद
वयककयत क४ प४य: लकप हक ज४त४ हह। इस ककलयपग कक तपलन४ वर४र ऋतप सद कक गई हह। इस यपग मम
असलश ज४न भलकतक सभयत४ कक पगकत कद पभ४व सद ढक ज४त४ हह। ससतद मनकधमर, न४कसतक तथ४
तथ४ककथत ध४कमरक कसद४नत बन४नदव४लद लकग जपगनपओर कक तरह पध४न बन ज४तद हह जबकक वहकदक
कसद४नतत अथव४ श४सत कद आददशत क४ हढत४ सद प४लन करनदव४लद वयकक इस यपग कद ब४दलत द४र४
आचछ४कदत हक ज४तद हह।
लकगत कक च४कहए कक वद आक४श कद व४सतकवक गहत--ससयर, चनदम४ तथ४ त४रत--क४ ल४भ उठ४यम,
जपगनपओर कद पक४श क४ नहथ। वसतपतद यद जपगनस र४कत कद अरधक४र मम ककई पक४श नहथ दद सकतद। कजस
तरह वर४र ऋतप मम भश कभश कभश ब४दल छट ज४तद हह, तक ससयर, चनदम४ तथ४ त४रद दशख पडतद हह उसश तरह
इस ककलयपग मम भश कभश कभश कप छ ल४भ कमलतद हह। शश चहतनय मह४पभप क४ वहकदक आनदकलन--जक हरद
कक षण मरत ककतरन क४ कवतरण हह--इसश तरह सद समझ४ ज४त४ हह। जक लकग गमभशरत४पसवरक असलश जशवन
कक खकज करतद हह उनहम च४कहए कक वद मनकधकमरयत तथ४ न४कसतकत कद तथ४ककथत पक४श कक न गहण
शपतव४--सपनकर; पजरनय--वर४र कद ब४दलत कक; कननदमनन--पकतधवकन; मणडप क४:--ममढकत नद; ससकजप:--कनक४लश; कगर:--अपनश
धवकन; तकषणशमननस--मलन भ४व सद; शय४न४:--लदटद हह ए; प४कप -पहलद; यदतननस--कजस तरह; ब४हण४:--ब४हण छ४त; कनयम-
अतययद--प४तदक४लशन कक तयत कक सम४प करकद |.
वद ममढक जक अभश तक मलन पडद हह ए थद, वर४र ऋतप कद ब४दलत कक गजरन४ सपनकर अच४नक
टररनद लगद म४नक श४नत भ४व सद प४तदक४लशन कक तय करनदव४लद ब४हण कवद४थर अपनद गपर द४र४
बपल४ए ज४नद पर अपन४ प४ठ सपन४नद लगद हत।
त४तपयर : शशल पभपप४द नद इसकक टशक४ इस पक४र कक हह : “पथम वर४र कद ब४द जब ब४दलत मम
गजरन४ हकतश हह, तक स४रद ममढक टररनद लगतद हह म४नक एक४एक कवद४थरगण अपन४ प४ठ पढनद लगद हत।
कवद४थर स४म४नयतद प४त:क४ल जलदश जग ज४तद हह । ककनतप वद सवदचछ४ सद नहथ उठतद अकपतप जब मकनदर य४
स४रसकक कतक सरसथ४न मम घरटश बजतश हह तभश उठतद हह। वद आधय४कतमक गपर कद आददश सद तपरनत उठ ज४तद हह
और प४तदक४लशन कनतयकमर करनद कद ब४द वददत क४ अधययन करनद य४ वहकदक मरतत क४ उच४रण करनद
बहठ ज४तद हह। इसश तरह ककलयपग कद अरधक४र मम हर वयकक सकत४ रहत४ हह ककनतप ककसश मह४ननन आच४यर
कद पपक४रतद हश व४सतकवक ज४न प४प करनद कद कलए हर वयकक वददत क४ अधययन करनद लगत४ हह।'!
आसनस--हक गयद; उतपथ-ग४कमनय:-- अपनद अपनद म४गर सद कवपथ; कपद--नगणय; नद:द--नकदय४ह; अनपशपषयतश:--ससखकर कद ;
पपरस:--मनपषय क४; यथ४--कजस तरह; असवतनतसथ--जक सवतरत नहथ हह उसक४ ( अपनश इकनदयत कद वशशभसत ); ददह--शरशर;
दकवण--श४रशररक समपकत; समपद:द--तथ४ समपकत।.
वर४र ऋतप कद आगमन कद स४थ हश ससखश हह ई कपद नकदय४ह बढनद लगथ और अपनद असलश म४गर
कक छकडकर इधर उधर बहनद लगथ म४नक इकनदयत कद वशश भसत ककसश मनपषय कद शरशर, समपकत तथ४
धन हत।
त४तपयर : शशल पभपप४द कक टशक४ इस पक४र हह : “वर४र ऋतप मम अनदक पकखर, सरकवर तथ४ छकटश
छकटश नकदय४ह जल सद भर ज४तश हह अनयथ४ वरर कक शदर अवकध मम ससखश रहतश हह। इसश तरह सद
भलकतकत४व४दश वयकक शपषक हकतद हह ककनतप कभश कभश जब वद तथ४ककथत ऐशवयरश४लश कसथकत मम हकतद
हह--उनकद घरब४र, ब४लबचद य४ थकडश बहह त बहक-बचत हक ज४तश हह वद फलतद-फस लतद पतशत हकतद हह
ककनतप ब४द मम वद शशघ हश उसश तरह शपषक हक ज४तद हह कजस तरह छकटश छकटश नकदय४ह तथ४ पकखर ससख
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ज४तद हह। कवद४पकत ककव नद कह४ हह कक कमत, पररव४र, सनत४न, पतनश इतय४कद कक सरगकत मम कनशचय हश
कप छ आननद हकत४ हह ककनतप वह आननद मरसथल मम एक बसहद कद सम४न हह। हर वयकक सपख कद पशछद
उसश तरह पगल४य४ रहत४ हह, जहसद कक मरसथल मम हर वयकक प४नश कद पशछद। यकद मरसथल मम एक बसहद
जल हक, तक कहनद कक तक जल हह ककनतप उस जल कक बसहद सद हकनदव४ल४ ल४भ न४मम४त क४ हश हह। हम
भलकतकव४दश जशवन मम सपख कद समपद कद पशछद पडद रहतद हह ककनतप सम४ज, कमत तथ४ सरस४रश पदम कद रप
मम हमम उसकक एक बसहद सद अकधक नहथ कमल प४तश हह। हम४रश तककप कभश नहथ हक प४तश कजस तरह कक
छकटश छकटश नकदय४ह, सरकवर तथ४ त४ल-तलहय४ शपषक मलसम मम कभश जल सद पसणर नहथ हक प४तद।''
हररत४:--हररत४ भ; हररकभ:--हरश; शषपह: --नई उगश घ४स सद; इनदगकपह:--इनदगकप ककटत ( बशरबहह टश ) सद; च--तथ४; लककहत४--
ल४ल४भ; उकचछलशनध--कप कप र मपतत द४र४; कक त--कक गई; छ४य४--छ४य४; नकण४मनन-मनपषयत कद ; शश:--ऐ शवयर; इब--सहश;
भस:--पकथवश; अभसतननस--हक गई।.
नई उगश घ४स सद पकथवश पनद ( मरकत ) कक तरह हरश हक रहश थश, इनदगकप ककटत नद उसमम ल४ल
ररग कमल४ कदय४ और शदत ररग कद कप कप रमपतत नद और भश ररगत ल४ दश। इस पक४र पकथवश उस वयकक
जहसश लगनद लगश जक सहस४ धनश बन ज४त४ हह।
त४तपयर : शशल पभपप४द कक टशक४ हह कक नकण४मनन शबद र४जसश वयककयत क४ ससचक हह। इस तरह
गहरद हरद खदत जक चमककलद ल४ल ककडत तथ४ शवदत ररग कद कप कप रमपतत रपश छतत सद ररगकबररगद लग रहद थद
उनकक तपलन४ श४हश सहनय-शकक कद पदशरन सद कक ज४ सकतश हह।
कदत४कण --खदत; शषय-समपकद:--अपनश अन४ज कक समपकत सद; कररक४ण४मनन--कक रकत कक; मपदमनन--हरर; ददपद--पद४न ककय४;
म४कनन४मनन-कमथय४ गवर करनदव४लत कक; अनपत४पमनन-- जलन, पशच४त४प; बह--कनससनददह; दहव-अधशनमनन-- भ४गय कद अधशन;
अज४नत४मनन--न ज४ननदव४लत कक |.
अपनश अनरपश समपद४ सद स४रद खदत ककस४नत कक पफप कलत कर रहद थद। ककनतप वहश खदत उन
लकगत कद हदयत मम पशच४त४प उतपन कर रहद थद, जक इतनद घमणडश थद कक खदतश कद क४यर मम नहथ
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लगन४ च४हतद थद और यह नहथ समझ प४तद थद कक ककस तरह हर वसतप भगव४ननन कद अधशन हह।
त४तपयर : अकधक वर४र हकनद पर बडद शहरत मम रहनद व४लद लकगत क४ घबड४ उठन४ एक स४म४नय ब४त
हह। वद य४ तक समझतद नहथ य४ भसल चपकद हह कक यह वर४र उन फसलत कक लहलह४यदगश कजनसद प४प अन
कक वद ख४एहगद। उनहम ख४न४ तक अचछ४ लगत४ हह ककनतप वद भसल ज४तद हह कक भगव४ननन इस वर४र सद न कद वल
मनपषयत कक अनद४न दद रहद हह अकपतप पलधस, पशपओर तथ४ सवयर पकथवश कक पककरत कर रहद हह।
आधपकनक नज४कत भरद लकग कक करकमर मम लगद वयककयत पर न४क-भस कसककडतद हह। अमरशकक
लककभ४र४ मम सशधदस४दद कम बपकदम४न वयकक कक कभश कभश “ककस४न” (फ४मरर) कह४ ज४त४ हह। कप छ
ऐसश सरक४रश एजमकसय४ह भश हह, जक कक कर-उतप४दन कक सशकमत रखन४ च४हतश हह कयतकक कप छ पसहजशपकत
डरतद रहतद हह कक इसक४ पभ४व ब४ज४र-मसलयत पर पड सकत४ हह। आधपकनक सरक४रम न४न४ पक४र कद
कक कतम एवर च४ल४कक कद क४यर मम लगश रहतश हह कजससद कवशव-भर मम, यह४ह तक कक सरयक प र४जय
अमरशक४ मम भश, गरशबत मम, अन कक कमश प४ई ज४तश हह कफर भश कप छ सरक४रम फसल न बकनद कद कलए
ककस४नत कक पहस४ ददतश हह। कभश कभश यद सरक४रम पय४रप ख४द वसतपओर कक समपद मम फम कव४ ददतश हह।
इस तरह अहरव४दश तथ४ अज४नश पश४सन जक इतनद घमरडश हकतद हह कक भगव४ननन कद कनयमत क४ प४लन नहथ
करन४ च४हतद य४ इतनद बदसमझ हकतद हह कक उनहम म४नन४ नहथ च४हतद , लकगत मम कनर४श४ उतपन करतद रहमगद
जबकक ईशभ४वन४भ४कवत सरककरम सबत कक पचपर अन तथ४ सपख पद४न करतश रहमगश।
जल--जल कद ; सथल--तथ४ सथल कद ; ओकस:--कनव४सश; सवर-- सभश; नव--नवशन; व४रर-- जल क४; कनरदवय४--सदवन
करनद सद; अकब भनस--गहण ककय४; रकचरमस-- आकररक; रपमनन--रप; यथ४--कजस तरह; हरर-कनरदवय४-- भगव४ननन कक भकक
करनद सद।.
चसहकक जल तथ४ सथल कद समसत प४कणयत नद नवशन वर४रजल क४ ल४भ उठ४य४ इसकलए उनकद
रप आकररक एवर सपह४वनद हक गयद कजस तरह ककई भक भगव४ननन कक सदव४ मम लगनद पर सपनदर
लगनद लगत४ हह।
त४तपयर : शशल पभपप४द नद इस पक४र टशक४ कक हह : ““इसक४न मम हमम अपनद कवद४कथरयत कद स४थ
इसक४ वय४वह४ररक अनपभव हह। कवद४थर बननद कद पसवर वद गरदद लगतद थद भलद हश उनकद अरग-पतयरग
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रपव४न थद। ककनतप कक षणभ४वन४मकत कद कवरय मम ककई ज४नक४रश न रखनद कद क४रण वद गनदद और दपकखय४रद
सद लगतद थद। अब कक षणभ४वन४मकत गहण करनद कद अननतर उनक४ सव४सथय सपधर गय४ हह और यम-
कनयमत क४ प४लन करनद सद उनकक श४रशररक क४कनत भश बढ गई हह। जब वद कद सररय४ वस ध४रण करकद
अपनद मसतक पर कतलक लग४ लदतद हह और अपनद ह४थत मम तथ४ गलद मम म४ल४एह कलयद रहतद हह, तक वद इस
तरह लगतद हह म४नक सशधद वहकपणठ सद चलद आ रहद हत।'!
सररकद:द--नकदयत समदत; सडभत:--कमलनद सद; कसनधप:--स४गर; चपककभ--शरपबध हक उठ४; शवसन--व४यप सद उडकर; ऊकमर-म४ननन--
लहरत सद यपक; अपकब--अपलढ; यककगन:--यकगश क४; कचतमनन--मन; क४म-अकमनन-क४मव४सन४ सद ररकजत; गपण-यपकनन --इकनदय
तककप कद कवरयत सद समबनध रखनद सद; यथ४--कजस तरह।.
जह४ह जह४ह नकदय४ह आकर समपद सद कमलथ, वह४ह समपद कवकपबध हक उठ४ और हव४ सद इसकक
लहरम इधर उधर उठनद लगथ, कजस तरह कक ककसश अपररपक यकगश क४ मन क४मव४सन४ सद ररकजत
हकनद तथ४ इकनदयतककप कद कवरयत कद पकत अनपरक हकनद सद डगमग४नद लगत४ हह।
कगरय:--पवरत; वरर-ध४र४कभ: --जल ध४रण ककयद हह ए ब४दलत द४र४; हनयम४न४:--चकट ख४कर; न कववयथप: --कहलद नहथ;
अकभभसयम४न४:-- पह४र ककयद ज४नद पर; वयसनह:--सरकटत सद; यथ४--कजस तरह; अधककज-चदतस: -- भगव४ननन मम लशन मन व४लद |.
कजस पक४र भगव४ननन मम लशन मन व४लद भकगण सभश पक४र कद सरकटत सद पह४र ककयद ज४नद
पर भश श४नत बनद रहतद हह उसश पक४र वर४र ऋतप मम जलव४हश ब४दलत द४र४ ब४रमब४र पह४र ककयद
ज४नद पर भश पवरत तकनक भश कवचकलत नहथ हह ए।
त४तपयर : पवरत मससल४ध४र वर४र हकनद पर तकनक भश कवचकलत नहथ हकतद पतयपत उनकक गतर धपल
ज४तश हह और वद सपनदर तथ४ दशकपम४न लगनद लगतद हह। इसश पक४र भगव४ननन क४ उच भक कवरम
पररकसथकतयत मम भश अपनद भकक समबनधश क४यर सद चल४यम४न नहथ हकत४ पतयपत इससद इस जगत कक
अनपरकक रपश उसकद हदय कक धसल स४फ हक ज४तश हह। इस तरह ककठन पररकसथकतयत कक सहन करनद सद
भक सपनदर तथ४ क४कनतम४न लगनद लगत४ हह। वसतपत: एक भक जशवन कक स४रश पर४जयत कक भगव४ननन
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म४ग४र:--र४सतद; बभसवपद--हक गयद; सकनदगध४: --असपष; तकणहद--घ४स सद; छलन४द--ढकद हह ए; कह--कनससनददह; असरसकक त४:--
असवचछ; न अभयसयम४न४:--न पढद ज४नद सद; शपतडथद --श४स; कदजह:--ब४हणत द४र४; क४लदन--समय कद पभ४व सद; च--तथ४;
आहत४:-शष |
लकक--स४रद जगत कद ; बनधपरप--कमत; मदघदरप --ब४दलत मम; कवदपतद--कबजलश; चल-सलहद४द--कजनकक कमतत४ चल४यम४न हह;
सथहयरमस--कसथरत४; न चक: -- नहथ बन४यद रखतद; क४कमनय:--क४मपक ररतय४ह; पपररदरप--पपररत मम; गपकणरप--गपणव४न; इब--कजस
'चचमकप ब४दल स४रद जशवत कद शपभहरश कमत हकतद हह लदककन दपबरलमन४ चरचल कबजलश ब४दलत कद
एक समसह सद दससरद समसह मम इस तरह गकत करनद लगश म४नक गपणव४न पपररत कद पकत भश
कवशव४सघ४त करनदव४लश क४मपक सनकडय४ह हत।
और हर क४म पर बपर४ पभ४व पडत४ हह। अत: सरसतपकत कक ज४तश हह कक जक सश कक षणभ४वन४मकत मम आगद
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बढन४ च४हतश हक वह अपनद पकत कद स४थ श४कनत सद रहद और पकत-पतनश ककसश भश पररकसथकत मम एक-
दससरद सद अलग न हत। पकत-पतनश कक महथपन मम सरयम बरतन४ च४कहए और अपनद मन कक कक षणभ४वन४मकत
मम कद कनदत करन४ च४कहए कजससद उनक४ जशवन सफल हक सकद । आकखर इस भलकतक जगत मम पपरर कक
सश कक और सश कक पपरर कक आवशयकत४ पडतश हह। जब वद कमल ज४हय तक उनहम कक षणभ४वन४मकत मम
श४कनतपसवरक रहन४ च४कहए और ब४दलत कद एक समसह सद दससरद समसह मम चमकनदव४लश कबजलश कक तरह
धनप:-- धनपर ( इनदधनपर )। कवयकत--आक४श मम; म४ह४-इनदमस--इनद क४; कनगपरणमनन--गपणहशन ( पतयरच४रकहत ); च--यदकप;
गपकणकन--आक४श मम, कजसमम धवकन जहस४ कनकशचत गपण प४य४ ज४त४ हह; अभ४तनन--पकट हह आ; वयकद --वयक जगत कद भशतर;
'गपण-वयकतकरद-- भलकतक गपणत कक प४रसपररक ककय४ओर व४लद; अगपण-व४ननन-- भलकतक गपणत सद समबनध न रखनदव४लद; पपरर:--
परम पपरर; यथ४--कजस तरह।.
जब उस आक४श मम इनदधनपर पकट हह आ कजसमम गजरन४ करनद क४ गपण थ४, तक वह स४म४नय
धनपरत सद कभन थ४ कनयतकक वह पतयज४ पर कटक४ हह आ नहथ थ४। इसश पक४र जब भगव४ननन इस
जगत मम, जक कक भलकतक गपणत कक प४रसपररक ककय४ सवरप हह, पकट हकतद हह, तक वद स४म४नय
पपररत सद कभन हकतद हह कयतकक वद समसत भलकतक गपणत सद मपक तथ४ समसत भलकतक दश४ओर सद
सवतरत हकतद हह।
त४तपयर : शशल पभपप४द कक टशक४ इस पक४र हह : ““कभश कभश ब४दलत कक गजरन४ कद अकतररक
इनदधनपर कनकलत४ हह, जक पतयज४रकहत धनपर जहस४ पतशत हकत४ हह। स४म४नयतय४ धनपर वक कसथकत मम
इसशकलए बन४ रहत४ हह कनयतकक इसकद दकनत कसरद पतयज४ (डकरश) द४र४ बहधद रहतद हह ककनतप इनदधनपर मम
ककई ऐसश पतयज४ नहथ हकतश कफर भश वह आक४श मम बहह त अचछश तरह कटक४ रहत४ हह। इसश पक४र
जब भगव४ननन इस भलकतक जगत मम अवतररत हकतद हह, तक वद स४म४नय वयकक कक तरह पकट तक हकतद हह
ककनतप वद ककसश भलकतक अवसथ४ पर कटकद नहथ हकतद। भगवदशत४ मम भगव४ननन कहतद हह कक वद अपनश
अनतररग४ शकक कद द४र४, जक कक ब४ह शकक कद बनधन सद मपक हह, पकट हकतद हह। जक स४म४नय प४णश कद
कलए बनधन हह, वहश भगव४ननन कद कलए सवतरतत४ हह।''
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न रर४ज--चमक४ नहथ; उडडप प: --चदम४; छन:--ढक४ हक सद >यकहन४-अपसश च४हदनश सद; र४कजतह:--पक४कशत; घनह: --
ब४दलत सद; अहमनन-मतय४--कमथय४ अहरक४र सद; भ४कसतय४-- पक४कशत; सव-भ४स४--अपनश हश दपकत सद; पपरर:--जशव; यथ४--
कजस तरह.
वर४र ऋतप मम ब४दलत सद ढकद रहनद कद क४रण चनदम४ कद पकट हकनद मम वयवध४न पडत४ थ४
और यहश ब४दल चनदम४ कक ककरणत सद पक४कशत हकतद थद। इसश पक४र इस भलकतक जगत मम
कमथय४ अहरक४र कद आवरण सद जशव पतयक पकट नहथ हक प४त४ जबकक वह सवयर शपद आतम४ कक
चदतन४ सद पक४कशत हकत४ हह।
त४तपयर : यह४ह पर कदय४ गय४ दष४नत अतयपतम हह। वर४र ऋतप मम हम आक४श मम चनदम४ कक नहथ
ददख सकतद कयतकक वह ब४दलत सद ढक४ रहत४ हह। ककनतप यद ब४दल चनदम४ कक हश ककरणत कद पक४श सद
चमककलद बनतद हह। इसश पक४र इस बद जगत मम हम पतयकतद आतम४ कक नहथ ददख प४तद कयतकक हम४रश
चदतन४ कमथय४ अहरक४र सद आवकत रहतश हह, जक भलकतक जगत और भलकतक शरशर सद एक कमथय४ पहच४न
हह। तक भश आतम४ कक कनजश चदतन४ सद हश कमथय४ अहरक४र पक४कशत हकत४ हह।
जहस४कक गशत४ मम वणरन हह आ हह, आतम४ कक शकक चदतन४ हह और जब यह चदतन४ कमथय४ अहरक४र कद
पदर सद हककर पकट हकतश हह, तक वह धपधह लश भलकतक चदतन४ कद रप मम पकट हकतश हह, कजसमम आतम४ य४
ईशवर कक पतयक दकष नहथ हकतश। भलकतक जगत मम बडद सद बडद द४शरकनक परम सतय कद कवरय मम बकलतद
समय अरततद धपधह लद दहत क४ सह४र४ लदतद हह कजस पक४र कक ब४दल सद ढक४ आक४श चनदम४ कक च४हदनश
कक धपधह लद तथ४ अपतयक रप मम हश पदकशरत करत४ हह।
भलकतक जशवन मम हम४र४ कमथय४ अहरक४र प४य: उतस४हपद, आश४पसणर तथ४ कवकभन स४रस४ररक
म४मलत सद पररकचत-स४ लगत४ हह और ऐसश चदतन४ हश हमम इस जगत मम आगद बढनद कद कलए पकतस४कहत
करतश हह। ककनतप सच४ई तक यह हह कक हम अपनश मसल शपद चदतन४ कद , जक कक कक षणभ४वन४मकत अथ४रतनन
आतम४ और ईशवर क४ सशध४ कनरपण हह, धपधह लद पकतकबमब क४ हश अनपभव करतद हह। इसकक परव४ह न
करतद हहए कक यह कमथय४ अहरक४र हम४रश असलश आधय४कतमक चदतन४ कक जक पसणररपदण जयककतमरय और
आनरदमय हह मनद बन४त४ हह। हम तपकटवश सकचतद हह कक भलकतक चदतन४ ज४न तथ४ आननद सद ओतपकत
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हह। इसकक तपलन४ इस कवच४र सद कक ज४ सकतश हह कक पक४शव४न ब४दल र४त मम आक४श कक पक४कशत
करतद हह जबकक तथय यह हह कक च४हदनश आक४श कक पक४कशत करतश हह और ब४दल तक च४हदनश कद म४गर
मम ब४धक बनतद हह और उसद मनद बन४तद हह। ब४दल इसकलए पक४शमय पतशत हकतद हह कयतकक वद चनदम४
कक चमककलश ककरणत कक छ४नतद तथ४ अवरद करतद हह। इसश पक४र कभश कभश भलकतक चदतन४
आननदमय य४ पक४शयपक पतशत हकतश हह कयतकक यह आतम४ सद आनदव४लश मसल आननदमय तथ४
पक४कशत चदतन४ कक रकक य४ छ४न रहश हकतश हह। यकद हम इस शलकक मम कदयद हह ए कप शल दष४नत कक
मदघ--ब४दलत क४; आगम--आगमन हकनद सद; उतसव४: --उतसव मन४नदव४लद; हष४:--पसन हह ए; पतयननदननन--अकभननदन हदतप
कचल४ पडद; कशखकणडन: --मकरगण; गकहदरप--अपनद घरत मम; तप--दपकखत; कनकवरणण४:--और तब सपखश बनतद हह; यथ४--कजस
तरह; अचयपत-- अचयपत भगव४ननन कद ; जन--भकत कद ; आगमद-- आगमन पर।.
त४तपयर : शपषक गशषम ऋतप कद ब४द पथम गजरन करतद वर४र कद ब४दलत कद आगमन कद स४थ हश मकर
पफप कलत हक उठतद हह और अतयकधक सपख मम न४चनद लगतद हह। शशल पभपप४द कक टशक४ हह : “'हमम
इसक४ वय४वह४ररक अनपभव हह कक कक षणभ४वन४मकत मम सकममकलत हकनद कद पसवर हम४रद बहह त सद कशषय शपषक
और कखन थद ककनतप भकत कद समपकर मम आनद कद ब४द वद अब पफप कलत मकरत कक तरह न४च रहद हह।'!
पशतव४--पशकर; आप:--जल; प४द-प४:--वकक; पकदद--अपनद प४हवत सद; आसननन-- ध४रण कर कलय४; न४न४--कवकवध; आतम-
मसतरवद--श४रशररक सवरप; प४कप --पहलद; क४म४:--कशण; तपस४--तपसय४ सद; श४नत४:--थकद हह ए; यथ४--कजस तरह; क४म-
अनपसदवय४--प४प व४रकछत फलत कक भकगकर कद |.
जक वकक दपबलद हक गए थद तथ४ ससख गयद थद उनकद शरशर कद कवकभन अरग अपनश जडत ( प४हवत )
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सद वर४र क४ नय४ जल प४कर लहलह४ उठद। इसश तरह तपसय४ कद क४रण कजसक४ शरशर पतल४ और
दपबरल हक ज४त४ हह, वह पपनद उस तपसय४ कद म४धयम सद प४प भलकतक वसतपओर क४ भकग करकद
सवसथ शरशरव४ल४ कदखनद लगत४ हह।
त४तपयर : प४द शबद क४ अथर हह “'प४हव'' तथ४ प४ क४ अथर हह “पशन४''। वकक प४दप कहल४तद हह
कयतकक वद अपनश जडत सद जल पशतद हह, जक उनकद पहरत कद तपलय हह । वर४र क४ नवशन जल पशकर वकनद४वन
कद वककत मम नई पकतय४ह, ककलय४ह तथ४ फस ल आनद लगद और उनमम नवशन वककद हकनद लगश। इसश तरह
भलकतकत४व४दश वयकक प४यद अपनश अभशकषसत वसतपएह प४प करनद कद कलए तपसय४ करतद हह | उद४हरण४थर,
अमरशक४ कद र४जनहकतक वयकक अपनद चपन४व कद अकभय४न कद समय ददह४तत कक य४त४ करतद समय कठकर
तपसय४ करतद हह। इसश तरह वय४प४रश लकग भश अपनद वय४प४र कक सफल बन४नद कद कलए कनजश सपख-
सपकवध४ कक कतल४रजकल दद ददतद हह। ऐसद तपसवश वयकक तपसय४ क४ फल प४प करनद पर पपनद सवसथ तथ४
सरतपष हक ज४तद हह कजस तरह वकक शपषक तथ४ तप गशषम कक तपसय४ सहन करनद कद ब४द वर४र क४ जल
सरदसप--सरकवरत मम; अश४नत--बदचहन; रकध:सप--तटत पर; नयसरप:--रहद आतद हह; अडड --हद र४ज४; अकप--कनससनददह; स४रस४:--
स४रस पकश; गकहदरप--अपनद अपनद घरत मम; अश४नत--बदचहन; कक तयदरप -क४यर मम; ग४मय४:-- भलकतकत४व४दश वयकक; इब--
कनससनददह; दपर४शय४:--दसकरत कवच४रव४लद |.
वर४रक४ल मम सरकवरत कद तटत कद कवकपबध हकनद पर भश स४रस पकश तटत पर रहतद रहद कजस तरह
दसकरत मनव४लद भलकतकत४व४दश वयकक अनदक उतप४तत कद ब४वजसद घरत पर हश रहतद ज४तद हह।
त४तपयर : वर४र ऋतप कद दलर४न प४यद सरकवरत कद ककन४रत पर ककचड फह ल ज४त४ हह और कभश कभश
क४हटदद४र झ४कडय४ह, कस ड४-करकट एवर पतथर एकत हक ज४तद हह। इन असपकवध४ओर कद ब४वजसद बतखम तथ४
स४रस पकश सरकवर कद तटत पर हश महडर४तद रहतद हह। इसश तरह गकहसथ जशवन मम असरखय पशड४जनक
घटन४एह हकतश रहनद कद ब४वजसद भलकतकत४व४दश वयकक अपनद सय४नद पपतत कद ह४थ मम पररव४र क४ भ४र
ससपनद और आधय४कतमक पगकत कक ओर अगसर हकनद क४ न४म तक नहथ लदत४। वह ऐसद कवच४र कक
असभय और कदल दहल४नदव४ल४ म४नत४ हह कनयतकक वह परबह और उनसद अपनद समबनध कद कवरय मम
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'जल-ओघह: --ब४ढ कद प४नश सद; कनरकभदचनत--टस टद हह ए; सदतवद--ब४हध; वररकत--जब वककष हकतश हह; ईशवदर--इनद; प४रकणडन४मनन--
न४कसतकत कद ; असतनन-व४दहद --झसठद कसद४नतत सद; वदद-म४ग४र:--वददत कद पथ; कलल--ककलयपग मम; यथ४--कजस तरह ।.
जब इनद नद अपनश वर४र छकड भदजश तक ब४ढ कद प४नश सद खदतत मम कसरच४ई कद ब४हध उसश तरह
टस ट गयद कजस तरह ककलयपग मम न४कसतकत कद कसद४नतत सद वहकदक आददशत कक सशम४एह टस ट ज४तश
हह।
वयमपशननननस--मपक ककय४; व४यपकभ:--व४यप कद द४र४; नपन४:--पदररत; भसतद भय:--स४रद जशवत कद कलए; च--तथ४; अमकतमनन--अमकत
तपलय जल; घन४:--ब४दल; यथ४--कजस तरह; आकशर:--द४तवय आशशव४रद; कवटस -पतय:--र४ज४; क४लद क४लद--समय समय
पर; कदज--ब४हणत द४र४; ईररत४: -एनचकउरगददन. न
ब४यप द४र४ पदररत ब४दलत नद स४रद जशवत कद ल४भ हदतप अपन४ अमकत तपलय जल उसश तरह कवमपक
ककय४ कजस तरह र४ज४गण अपनद ब४हण पपरककहतत कद आददश४नपस४र अपनश पज४ मम द४न ब४हटतद हह।
त४तपयर : शशल पभपप४द कक टशक४ हह : “वर४र ऋतप मम व४यप द४र४ उछ४लद गयद ब४दल जल पद४न करतद
हह कजसक४ सव४गत अमकत कद सम४न हकत४ हह । जब वददत कद अनपय४यश ब४हणजन र४ज४ तथ४ धनश वय४प४रश
जहसद समकद वयककयत कक बडद बडद यज समपन करनद कद कलए द४न ददनद कद कलए पकतस४कहत करतद हह, तक
ऐसश समपकत क४ कवतरण भश अमकत तपलय हकत४ हह। म४नव सम४ज कद च४तपवर रणर--ब४हण, ककतय, वहशय
तथ४ शसद--प४रसपररक सहयकग सद श४कनतपसवरक रहनद कद कलए हह ककनतप ऐस४ तभश समभव हह जब उनक४
म४गरदशरन ऐसद कप शल वहकदक ब४हण करम जक यज करतद हत और धन क४ सम४न कवतरण करम।
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एवमनन--इस पक४र; वनमनन--जरगल मम; ततनन--उस; वकररषमनन--अतशव शकभ४यम४न; पकननव--पकद ; खजपरर--खजसर; जमबप--तथ४
ज४मपन; मतनन--सद यपक; गक--गलवत; गकप४लह:--तथ४ गव४लब४लत द४र४; वकत:--कघरद हहए; रनतपमस--खदलनद कद उददशय सद; स-बल:--
बलर४म सकहत; प४कवशतनन-- पवदश ककय४; हररद--कक षण नद |.
जब वकनद४वन क४ जरगल पकद खजसरत तथ४ ज४मपन कद फलत सद लदकर इस पक४र शकभ४यम४न
थ४, तक भगव४ननन शशकक षण अपनश गलवत तथ४ गव४लब४लत सद कघरकर एवर शशबलर४म कद स४थ उस
थदनव:--गलवम; मनद-ग४कमनय: --मनद गकत सद चलनदव४लश; ऊध: --अपनद थनत कद ; भ४रदण-- भ४र सद; भसयस४--अतयकधक;
ययप:--गई; र भगवत४-- भगव४ननन द४र४; आहहत४: --बपल४ई ज४नद पर; दपतमनन-शशघ; पशतय४--सनदहवश; सनपत--नम; सतन४:--सतन,
य४ चसचपक।.
गलबत कक अपनद दसध सद भरद थनत कद भ४र कद क४रण मनद गकत सद चलन४ पड४ ककनतप जयतहश
भगव४ननन नद उनहम बपल४य४ वद तपरनत दलड पडथ और उनकद पकत सनदह कद क४रण उनकद सतन गशलद हक
गयद।
त४तपयर : शशल पभपप४द कक टशक४ हह : ““गलवम नई घ४स चरकर क४फक पपष हक गई र थश और उनकद
थन दसध सद भर गयद। जब भगव४ननन कक षण नद न४म लद लदकर उनहम पपक४र४ तक वद सनदहवश तपरनत उनकद प४स
भगव४ननन नद हकररत वनव४सश कनय४ओर, मधपर रस टपक४तद वककत तथ४ पवरतशय झरनत कक ददख४
कजनकक पकतधवकन सद ससकचत हक रह४ थ४ कक प४स हश गपफ४एह हह।
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ककचतनन--कभश कभश; वनसपकत--वकक कद ; ककडद--ककटर मम; गपह४य४मनन--गपफ४ मम; च--अथव४; अकभवररकत--वर४र हकनद पर;
कनकवरशय--पवदश करकद ; भगव४ननन-- भगव४ननन नद; रदमद--रमण ककय४; कनद-मसल--कनदमसल, जडम; फल--तथ४ फल; अशन: --
ख४कर।.
जब वर४र हकतश तक भगव४ननन कभश ककसश गपफ४ मम, तक कभश वकक कद ककटर मम घपस ज४तद जह४ह
वद खदलतद तथ४ कनदमसल और फल ख४तद।
त४तपयर : शशल सन४तन गकसव४मश बतल४तद हह कक वर४र ऋतप मम कनदमसल अतयनत ककमल तथ४
सव४कदष हक ज४तद हह और भगव४ननन कक षण जरगलश फलत कद स४थ स४थ उनहम भश ख४य४ करतद थद। कक षण तथ४
उनकद ब४लकमत कभश ककसश वकक कद ककटर मम य४ कफर गपफ४ कद भशतर बहठकर वर४र कद रकनद तक पतशक४
करतद हहए ककलड४ओर क४ आननद उठ४तद थद।
दकध-ओदनमनन--दहश कद स४थ कमल४ भ४त; सम४नशतमनन-- भदज४ हह आ; शशल४य४मनन--पतथर कक चट४न पर; सकलल-अकनतकद --जल
कद कनकट; समभकजनशयह:--अपनद स४थ भकजन करनदव४लद; बपभपजद-- भकजन ककय४; गकपह:--गव४लब४लत कद स४थ; सडहररण-
अकनवत:--बलर४म समदत |.
भगव४ननन कक षण नद हरश घ४स पर बहठद और आहखम बनद ककयद चरतद हह ए सरतपष स४हडत, बछडत तथ४
गलवत पर नजर ड४लश और ददख४ कक गलवम अपनद दसध सद भरद भ४रश थनत कद भ४र सद थक गई हह। इस
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तरह परम आननद कद श४शवत सकत वकनद४वन कक वर४र ऋतप कद सलनदयर और ऐशवयर क४ कनरशकण
करतद हहए भगव४ननन नद उस ऋतप कक नमसक४र ककय४ जक उनहथ कक अनतररग४ शकक क४ कवसत४र थश।
त४तपयर : वकनद४वन मम वर४र ऋतप क४ अनपपम सलनदयर शशकक षण कद आननद-कवह४र मम वककद करनद कद
हदतप हह। इसकलए भगव४ननन कद पदम४ल४पत कद कलए पकषभसकम तहय४र करनद कद कलए उनकक अनतररग४ शकक इस
एवमनन--इस पक४र; कनवसतक:--दकनत कद रहतद हह ए; तकसमनननस-- उस; र४म-कद शवयक: --र४म तथ४ कद शव कद ; बजद--वकनद४वन मम;
'शरतनन--शरद ऋतप; समभवतनन-- पसरश तरह पकट हक आई; वयभ४--ब४दलत सद मपक आक४श; सवचछ-अमबप--सवचछ जल व४लद;
अपरर-अकनल४--तथ४ मनद व४यप।.
कजसमम आक४श ब४दलत सद रकहत, जल सवचछ तथ४ व४यप मनद हक ज४तश हह।
शरद४--शरद ऋतप कद पभ४व सद; नशरज--कमल कद फस ल; उतपतय४--कफर सद उतपन करनदव४ल४; नशर४कण--जल समसह;
पकक कतमस--अपनश प४कक कतक अवसथ४ मम ( सवचछ ); ययप:--हक गयद; भष४न४मस-पकततत कद ; इब--सहश; चदत४रकस--मन; पपन:--
एक ब४र कफर; यकग--भकक कद ; कनरदवय४--अभय४स सद।.
कमलपपषपत कक पपनद उतपन करनदव४लश शरद ऋतप नद कवकवध जल४शयत कक पसवरबतनन सवचछ
( कनमरल ) बन४ कदय४ कजस तरह कक भककयकग पकतत यककगयत कद मनत कक पपनद: इस ओर ललटनद
वयकमन:--आक४श मम; अपनन-भमस-- ब४दल; भसत-- पशपओर कक; श४बलयमनन--बहह लत४; भपव: --पकथवश कद ; पडमनन--ककचड;
अप४मनन--जल क४; मलमस--महल; शरतनन--शरद ऋतप नद; जह४र--हट४ कदय४; आशकमण४मनन--म४नव सम४जकद च४रत आशमत कद
सदसयत क४; कक षणद--कक षण मम; भकक:-- भकक; यथ४--कजस तरह; अशपभमनन-स४रद अशपभ कक |.
शरद ऋतप नद आक४श सद ब४दलत कक हट४ कदय४, पशपओर कक भशडभ४ड भरश जगहत सद
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कनक४ल कलय४, पकथवश कद ककचड कक स४फ कर कदय४ तथ४ जल कद गहदलदपन कक दसर कर कदय४
कजस तरह कक भगव४ननन कक षण कक पदम४भकक च४रत आशमत कद सदसयत कक उनकक अपनश अपनश
वय४कधयत सद मपक कर ददतश हह।
त४तपयर : हर वयकक कक च४र आशमत मम सद अपनद आशम कद अनरप कनयत कतरवय करनद च४कहए।
यद आशम हह--बहचयर, गकहसथ, व४नपसथ तथ४ सरनय४स। बहच४रश कक कवद४थर जशवन मम अनदक कनमन
क४यर करनद हकतद हह ककनतप जयत जयत वह कक षण कक पदम४भकक मम आगद बढत४ ज४त४ हह उसकद गपरजन उसकद
आधय४कतमक पद कक म४नयत४ ददतद हह ए उससद उचतर कतरवय करनद कक कहतद हह। गकहसथ कक पतनश तथ४
सनत४न कद कलए कनरनतर अनगकनत क४यर करतद रहनद सद ऊब ज४न४ पडत४ हह ककनतप जयतहश वह कक षण कक
पदम४भकक मम आगद बढ पडत४ हह उसकद भलकतक क४यर घटकर कम सद कम हकतद ज४तद हह।
व४नपसथ आशम मम रहनदव४लद लकगत कक भश अनदक क४यर करनद हकतद हह कजनकद सथ४न पर कक षण कक
भ४वमयश पदम४भकक कक ज४ सकतश हह। इसश तरह सरनय४स आशम मम भश अनदक प४कक कतक ककठन४इय४ह हह
कजनमम सद पमपख हह परबह कद कनर४क४र पक क४ धय४न करनद कक पवककत। भगवदशत४ (१२.५) मम कह४
गय४ हह--कद शकउकधकतरसतदर४मनन अवयक४सकचदतस४मस--कजनकद मन भगव४ननन कद अवयक कनकवरशदर
सवरप मम आसक हह उनकद कलए पगकत कर प४न४ अतयकधक पशड४जनक हकत४ हह। ककनतप जयतहश सरननननय४सश
हर नगर तथ४ हर ग४म मम कक षण कक मकहम४ क४ पच४र करन४ शपर कर ददत४ हह, तक उसक४ जशवन सपनदर
आधय४कतमक स४क४तक४र कक ओर अगसर हकत४ हह आ आननदमय बन ज४त४ हह।
शरद ऋतप मम आक४श पपनद प४कक कतक नशल४ ररग ध४रण कर लदत४ हह। ब४दलत क४ सम४प हक ज४न४
बहच४रश जशवन कद कषपद कतरवयत कद सम४प हकनद जहस४ हह। चसकह क गशषम कद तपरनत ब४द वर४र ऋतप आतश
हह इसकलए पशप कभश कभश मससल४ध४र वर४र सद कवचकलत हककर प४स-प४स दपहस ज४तद हह। ककनतप शरद
ऋतप सरकदत ददतश हह कक वद अपनद अपनद कदतत मम ज४कर श४कनतपसवरक रहम | यह गकहसथ द४र४ प४ररव४ररक
कतरवयत कक उलझन सद छसटकर अपनद तथ४ अपनद पररव४र कद असलश लकय आधय४कतमक उतरद४कयतवत मम
अकधक समय लग४नद कद तपलय हह। पकथवश सद ककचड हटनद कक तपलन४ व४नपसथ जशवन कक असपकवध४ओर
कद हट४यद ज४नद सद कक ज४ सकतश हह और जल क४ सवचछ हकन४, महथपन-क४मन४ कद कबन४, कक षण-मकहम४
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ब४दल अपन४ सवरसव तय४गकर शपद तदज सद उसश तरह चमकनद लगद कजस तरह श४नत मपकनगण
अपनश समसत भलकतक इचछ४एह तय४गनद पर प४पपसणर ल४लस४ओर सद मपक हक ज४तद हह।
त४तपयर : जब ब४दल जल सद पसररत हकतद हह, तक वद शय४म ररग कद हक ज४तद हह और ससयर कक ककरणत
कक ढक लदतद हह कजस तरह अशपद मनपषय क४ भलकतक मन भशतर चमकनदव४लश आतम४ कक ढक लदत४ हह।
ककनतप जब ब४दल अपन४ जल बरस४कर सफद द पड ज४तद हह तब वद चमककलश ससयर कक ककरणत कक
पकतकबकमबत करतद हह कजस तरह कक भलकतक इचछ४ओर तथ४ प४पपसणर ल४लस४ओर कक तय४ग ददनवद ४ल४ वयकक
शपद बन ज४त४ हह और तब वह अपनश आतम४ तथ४ अनतसथ परम४तम४ कक अचछश तरह पकतकबकमबत
करत४ हह।
कगरय:--पवरतत नद; मपमपचप:--मपक ककय४; तकयमस--अपन४ जल; ककचतननस--कभश कभश; न मपमपचप:--नहथ मपक ककय४; कशवमनन--
शपद; यथ४--कजस तरह; ज४न--कदवय ज४न रपश; अमकतमननस--अमकत; क४लद--उपयपक समय पर; ज४कनन:--ज४नश लकग; ददतद--
पद४न करतद हह; न व४--अथव४ नहथ |.
इस ऋतप मम पवरत कभश तक अपन४ शपद जल मपक करतद थद और कभश नहथ करतद थद कजस
तरह कक कदवय कवज४न मम पटप लकग कभश तक कदवय ज४न रपश अमकत पद४न करतद हह और कभश
कभश नहथ करतद।
त४तपयर : इस अधय४य कद पथम भ४ग मम वर४र ऋतप क४ वणरन हह आ हह और दससरद भ४ग मम वर४र कद
ब४द आनदव४लश शरद ऋतप क४। वर४र ऋतप मम पवरतत सद जल सदहव बहत४ रहत४ हह ककनतप शरद ऋतप मम
कभश बहत४ हह और कभश नहथ भश बहत४। इसश तरह मह४ननन सनत उपददशक कभश तक आधय४कतमक ज४न
कद कवरय मम कवसत४र सद बतल४तद हह और कभश कभश मलन रहतद हह। सवरपकसद वयकक परम४तम४ कद
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कनकट समपकर मम रहत४ हह, अतद परम४तम४ कक इचछ४नपस४र पटप आधय४कतमक कवज४नश पररकसथकत-कवशदर
कक ददखतद हह ए परबह कद कवरय मम ब४तम कर भश सकतद हह और नहथ भश कर सकतद।
'न--नहथ; एव--कनससनददह; अकवदननन--ज४न प४यद; कशयम४णमनन-कम हकतद हह ए; जलमननस-- जल कक; ग४ध-जलद--कछछलद जल मम;
चर४:--गकत करनदव४लद; यथ४--कजस तरह; आयप:--उनकक आयप; अनप-अहमनन--पकतकदन; कगयमनन--घटतश हह ई; नर४:--लकग;
मसढ४:--मसखर; कप टपकमबन:--पररव४र कद सदसयत कद स४थ रहतद हह ए।.
अतयनत कछछलद जल मम तहरनदव४लश मछकलय४ह यह नहथ ज४न प४ई र कक जल घट रह४ हह, कजस
तरह कक पररव४र कद मसखर लकग यह नहथ ददख प४तद कक हर कदन कद बशतनद पर उनकक ब४कक आयप
ककस तरह कशण हकतश ज४ रहश हह।
त४तपयर : वर४र ऋतप कद ब४द जल कमशद घटत४ ज४त४ हह ककनतप बदखबर मछकलय४ह इसद नहथ समझ
प४तथ अत: वद झशल तथ४ नकदयत कद तट पर प४यद भटक ज४तश हह। इसश तरह गकहसथ जशवन मम वयसत
रहनदव४लद लकग यह नहथ समझ प४तद कक उनकक ब४कक आयप कनरनतर घटतश ज४ रहश हह। इस तरह वद
अपनश कक षणभकक पसरश नहथ कर प४तद और जनम-मकतयप कद चकर मम भटक ज४तद हह।
ग४धव४ररचर४सत४पमकवनदजछरदकरजमनन ।
यथ४ दररद: कक पण: कप दपमबयकवकजतदकनदय: ॥ ३८ ॥
कजस पक४र करजसस तथ४ कनधरन कप टपमबश अपनश इकनदयत कक वश मम न रखनद कद क४रण कष
प४त४ हह उसश तरह कछछलद जल मम तहरनदव४लश मछकलयत कक शरदक४लशन ससयर क४ त४प सहन४
पडत४ हह।
त४तपयर : कपछलद शलकक कद अनपस४र यदकप बदखबर मछकलयत कक जल घटनद क४ ककई पत४ नहथ
चल प४त४, ककनतप यह सकच४ ज४ सकत४ हह कक तब भश यद मछकलय४ह सपखश हतगश कयतकक कह४वत हह
“अज४न वरद४न हकत४ हह।'' ककनतप अज४नश मछकलय४ह भश शरदक४लशन ससयर कद त४प सद झपलसनद लगतश हह।
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इसश तरह भलद हश ककई आसक कप टपमबश आधय४कतमक जशवन कद पकत अपनद अज४न कक वरद४न म४नद
ककनतप प४ररव४ररक जशवन कक समसय४ओर सद वह सदहव कवचकलत हकत४ रहत४ हह और उसकक अकनयरकतत
इकनदय४ह उसद दरअसल वददन४ कक कसथकत मम ड४ल ददतश हह।
शनह: शनह:--धशरद धशरद; जहह :--तय४ग कदय४; पडम--अपन४ ककचड; सथल४कन--सथल कद सथ४नत नद; आममनन--कचश अवसथ४ मम;
च--तथ४; वशरध:--पलधद; यथ४--कजस तरह; अहमनन-ममत४मनन--अहरभ४व तथ४ ममत४ कक; धशर४: --धशर मपकन; शरशर-आकदरप--
भलकतक शरशर तथ४ अनय ब४ह वसतपओर पर कद कनदत; अन४तमसप-- आतम४ सद सवरथ४ पकथकन न |.
धशरद धशरद सथल कद कवकभन भ४गत नद अपनश ककचड-यपक अवसथ४ तय४ग दश और पलधद अपनश
कचश अवसथ४ सद आगद बढ गयद। यह उसश तरह हह आ कजस तरह कक धशर मपकन अपन४ अहरभ४व
तथ४ ममत४ तय४ग ददतद हह। यद व४सतकवक आतम४--अथ४रतनन भलकतक शरशर तथ४ इसकद उतप४दत सद
सवरथ४ कभन वसतपओर-पर आधसकत हकतद हह।
त४तपयर : इस शलकक मम आगत आकदरप शबद शरशर कद उप-उतप४दत-यथ४ सननतन ४न, घर तथ४
कनशचल--जड; अमबप:--जल; अभसतनन-- हक गय४; तकषनशमनन-श४नत; समपद:--समपद; शरतनन--शरद ऋतप कद ; आगमद-- आगमन सद;
आतमकन--जब आतम४; उपरतद-- भलकतक क४यर सद कवरक; समयकन न--पसरश तरह; मपकन:--मपकन; वयपपरत--तय४गकर; आगम:--
वहकदक मरतत क४ प४ठ।.
शरद ऋतप कद आतद हश समपद तथ४ सरकवर श४नत हक गयद, उनक४ जल उस मपकन कक तरह श४नत
हक गय४ जक स४रद भलकतक क४यर सद कवरत हक गय४ हक और कजसनद वहकदक मरतत क४ प४ठ बनद कर
कदय४ हक।
त४तपयर : मनपषय भलकतक उनकत, यकगशकक तथ४ कनकवरशदर मकक कद हदतप स४म४नय वहकदक मरतत क४
प४ठ करत४ हह। ककनतप जब मपकन कनजश इचछ४ओर सद पसणरतय४ मपक हकत४ हह, तक वह एकम४त परमदशवर कद
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कद द४रदभयद--जलभरद ध४न कद खदतत सद; तप--तथ४; अपद _ जल, अगलद कलय४; कररक४: --कक रकत नद; दह--मजबसत;
सदतपकभ:--ब४हधत सद; यथ४--कजस तरह; प४णहद --इकनदयत सद; सनरवतनन--बहतश हह ई;
र ज४नमननस-- चदतन४ कक; ततनन--उन इचनकडयत कद ;
कनरकधदन--सरयम सद; यककगन: --यकगशगण |.
कजस तरह यकग क४ अभय४स करनदव४लद अपनश चदतन४ कक कपबध इकनदयत द४र४ ब४हर कनकलनद
सद रककनद कद कलए अपनश इकनदयत कक कठकर कनयरतण मम रखतद हह उसश तरह ककस४नत नद अपनद ध४न
कद खदतत सद जल कक बहकर ब४हर न ज४नद ददनद कद कलए मजबसत ममडम उठ४ दथ।
त४तपयर : शशल पभपप४द कक टशक४ हह : ““शरद मम ककस४न अपनद खदतत कद भशतर क४ जल बच४नद कद
कलए मजबसत मदडम बन४ ददतद हह कजससद खदतत कद भशतर क४ प४नश ब४हर न ज४ सकद । चसकह क अब नई वर४र
कक ककई आश४ नहथ रहतश अतएव वद खदत मम जक भश प४नश रहत४ हह उसद बच४न४ च४हतद हह । इसश तरह जक
वयकक आतम-स४क४तक४र मम व४सतव मम बढ४-चढ४ हकत४ हह, वह अपनश इकनदयत कक कनयरकतत करकद
अपनश शकक कक रक४ करत४ हह। यह सल४ह दश ज४तश हह कक पच४स वरर कक आयप हकनद पर मनपषय
प४ररव४ररक जशवन सद कवरक हक लद और अपनश श४रशररक शकक क४ उपयकग कक षणभ४वन४मकत कक उनकत
हदतप करद। जब तक मनपषय अपनश इकनदयत कक वश मम करकद उनहम मपकपनद कक कदवय पदम४भकक मम नहथ
शरदकरशपज४रसत४प४नभसत४न४मपडपपक 5 हरतनन ।
ददह४कभम४नजर बकधक मपकपनदक बजयककरत४मनन ॥ ४२॥
शरतनन-अकर--शरदक४लशन ससयर कक; अरशप--ककरणत सद; ज४नननस--उतपन; त४प४नस--कष; भसत४न४मनन--स४रद जशवत क४; उडहप:--
चनदम४ नद; अहरतनन--हर कलय४ हह; ददह--शरशर कद स४थ; अकभम४न-जमनन--कमथय४ पहच४न पर आध४ररत; बकध:--ज४न; मपकपनदद--
भगव४ननन कक षण नद; बज-यककरत४मनन--वकनद४वन कक कसयत कद |.
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खमनन--आक४श; अशकभत--चमकनद लग४; कनमरघमनन--ब४दलत सद रकहत; शरतनन--शरद ऋतप मम; कवमल--सवचछ; त४रकमनन-तथ४
त४रत सद यपक; सतव-यपकमनन--स४कतवक अचछ४ई सद पदत; यथ४--कजस तरह; कचतमनन-कचत कक; शबद-बहय--वहकदक श४स क४;
अथर-त४तपयर; दशरनमननस-- पतयक अनपभव ककय४ ज४नदव४ल४।.
ब४दलत सद रकहत तथ४ स४फ कदखतद त४रत सद भर४ हह आ शरदक४लशन आक४श उसश तरह
चमकनद लग४, कजस पक४र वहकदक श४सत कद त४तपयर क४ पतयक अनपभव करनदव४लद कक
आधय४कतमक चदतन४ करतश हह।
त४तपयर : सवचछ तथ४ त४रत सद पसररत शरदक४लशन आक४श कक उपम४ भक कद शपद हदय सद भश दश
ज४ सकतश हह। आधय४कतमक पकक कत सदहव तदजकमय, सवचछ तथ४ आननदमय हकतश हह और वहकपणठ
कहल४नद व४लश यह आधय४कतमक पकक कत तपरनत हश आतम४ कक स४रश इचछ४ओर कक तपष कर ददतश हह।
अखणड--अदसट; मणडल: --गकल४; वयककग--आक४श मम; रर४ज--चमकनद लग४; उडप -गणह:--त४रत कद स४थ; शशश--चनदम४;
यथ४--कजस तरह; यदप-पकतद--यदपवशर कद सव४मश; कक षण: --कक षण; वककषण-चक --वककषणयत कद घदरद सद; आवकत:--कघरद; भपकव--
पकथवश पर।.
पसणर चनदम४ त४रत सद कघरकर आक४श मम उसश तरह चमकनद लग४, कजस तरह यदपवशर कद
थद तक वद वककषण वरश कद पमपख सदसयत यथ४ ननननद, उपननद, वसपददव तथ४ अकस र सद कघरद हह ए हकतद थद।
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आकशलषय--आकलरगन करकद ; सम--सम४न; शशत-उषणमनन--सदर तथ४ गमर कद बशच; पससन-वन-- पपषपवन कक; म४रतमनन--व४यप;
जन४:--आम जनत४; त४पमनन-कष; जहह द--छकड सकद ; गकपय:--गककपय४ह; न--नहथ; कक षण-- कक षण द४र४; हत--चपर४यद गयद;
चदतस:--हदय व४लश |.
गककपयत कद हदय कक षण द४र४ हर कलयद गयद थद अतद उनकद अकतररक स४रद लकग पपषपत सद लदद
बन सद आनदव४लश व४यप क४ आकलरगन करकद अपनद अपनद कष भसल गयद। यह व४यप न तक गमर थश,
न सदर।
ग४व:--गलवम; मकग४:--मककगय४ह; खग४:--कचकडय४ह; न४यर: --कसय४ह; पपकषपणय:--अपनद अपनद रजकक४ल मम; शरद४--शरद कद
क४रण; अभवनस-- हक गई; र अनबशयम४न४:--पशछ४ कक गई; सव-वकरहद-- अपनद अपनद सरकगयत द४र४; फलहद--उतम पररण४मत सद;
ईश-ककय४:--भगव४ननन कक सदव४ मम समपन क४यर; इब--सहश .
शरद ऋतप कद पभ४व सद स४रश गलवम, मककगय४ह, कसय४ह तथ४ कचकडय४ह ऋतपमतश हक गई र और महथपन
सपख कक खकज मम उनकद अपनद-अपनद जकडद उनक४ पशछ४ करनद लगद कजस पक४र भगव४ननन कक सदव४
मम ककयद गयद क४यर सवतद सभश पक४र कद ल४भपद फल ददतद हह।
त४तपयर : शशल पभपग४द कक टशक४ हह : “शरद ऋतप कद आगमन पर स४रश गलवम, मककगय४ह, कचकडय४ह
तथ४ सभश कखतय४ह गकभरणश हक ज४तश हह, कयतकक इस ऋतप मम स४म४नयतद सबकद पकत क४मदचछ४ कद वशशभसत
हक ज४तद हह। यह उसश तरह हह जहसद कक भगव४ननन कक कक प४ सद अधय४तमव४कदयत कक जशवन-लकय क४ वर
पद४न ककय४ ज४त४ हह। शशल रप गकसव४मश नद उपददश४यनतक मम उपददश कदय४ हह कक मनपषय कक च४कहए कक
अतशव उतस४ह, थयर तथ४ सरकलप कद स४थ भकक करद, यम-कनयमत क४ प४लन करद, अपनद कक भलकतक
कलमर सद दसर रखद और भकत कक सरगकत करद। इन कनयमत क४ प४लन करनद पर उसद भकक क४ व४रकछत
'फल अवशय प४प हकग४। जक मनपषय धदयरपसवरक भकक कद यम-कनयमत क४ प४लन करत४ हह, वह क४लकम
मम फल प४त४ हह, कजस तरह पकतनय४ह गभर ध४रण करकद व४हकछत फल प४प करतश हह ।''
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उदहषपननन-- पचपर म४त४ मम फस ल उठद; व४रर-ज४कन--कमल; ससयर--ससयर; उतथ४नद--उग आनद पर; कप मपतनन--कप मपकदनश, जक र४त मम
'फस लतश हह; कवन४--कद अकतररक; र४ज४--र४ज४ कक उपकसथकत मम; तप--कनससनददह; कनभरव४:--कनडर; लकक४:-- जनत४; यथ४--
कजस तरह; दसयसनननस--चकरत कद ; कवन४-- अकतररक; नकप--हद र४ज४ |.
पपरग४मदषव४गयणहररकनदयहशव महकतसवहद ।
बभल भस: पकननवशषय४द४ कल४भय४र कनतर४र हरद: ॥ ४८॥
पपर--नगरत; ग४मदरप--तथ४ ग४मत मम; आगयणहद --नव४न गहण करनद कद कलए वहकदक यज समपन करकद ; इकनदयद:-- अनय
( स४रस४ररक ) सम४रकहत द४र४; च--तथ४; मह४-उतसवह: --बडद बडद उतसवत द४र४; बभल--सपशककभत हक उठश; भस:--पकथवश; पकननव--
पक४; शषय--अन सद; आढ४--समकद; कल४-- भगव४ननन कक अरश रप; आभय४मनन--उन दकनत ( कक षण तथ४ बलर४म ) कद स४थ;
कनतर४मनन-अतयकधक; हरद: -- भगव४ननन क४।.
सभश नगरत तथ४ ग४मत मम लकगत नद नई फसल कद नव४न क४ सव४गत और आसव४दन करनद कद
कलए वहकदक अकग-यज करकद तथ४ सथ४नशय पथ४ एवर परमपर४ क४ अनपसरण करतद हह ए अनय ऐसद
हश सम४रकहत सकहत बडद-बडद उतसव मन४ए। इस तरह नव४न सद समकद एवर कक षण तथ४ बलर४म कक
उपकसथकत कद क४रण कवशदरतय४ सपनदर कदखनद व४लश पकथवश भगव४ननन कद अरश रप मम सपशककभत हक
उठश।
त४तपयर : अगयणर शबद कवशदर प४म४कणक वहकदक यज क४ दकतक हह और इकदयद शबद लकककतसवत
क४ ससचक हह, कजनकद स४रस४ररक धयदय हकतद हह।
शशल पभपप४द कक टशक४ इस पक४र हह ; “शरद ऋतप मम खदत पकद अन सद पसणर हक ज४तद हह। उस
समय लकग फसल कक ददखकर पमपकदत हक ज४तद हह और अनदक उतसव मन४तद हह यथ४ नव४जन कजसमम
भगव४ननन कक नयद अन कक भमट दश ज४तश हह। नव४तन सवरपथम कवकभन मकनदरत कद अच४रकवगहत कक भमट
चढ४य४ ज४त४ हह और सभश लकगत कक बपल४कर इन नव४नत सद बन४ई गई खशर कखल४ई ज४तश हह। और भश
पसज४ कक कवकधय४ह और ध४कमरक उतसव हह, कवशदरतय४ बरग४ल मम जह४ह सबसद बड४ उतसव दपग४र-पसज४ कद
वकणडमपकननकपसन४त४ कनगरमय४थ४रनपपदकदरद ।
श४
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वकणकन न--वय४प४रशगण; मपकन--कवरक स४धपगण; नकप--र४ज४; सन४त४:--तथ४ ब४हण कवद४थर ; कनगरमय--ब४हर ज४कर;
अथ४रनननस--अपनश इकचछत वसतपएह; पपदकदरर--प४प ककय४; वरर--वर४र द४र४; रद४द--अवरद; यथ४--कजस तरह; कसद४द--
कसदपपरर; सव-कपणड४नननस--इकचछत सवरपत कक; क४लद--समय कद ; आगतद--आनद पर।.
वय४प४रश, मपकनजन, र४ज४ तथ४ बहच४रश कवद४थर, जक वर४र कद क४रण जह४ह तह४ह अटकद पडद थद
अब ब४हर ज४नद और अपनद अभशष पद४थर प४प करनद कद कलए सवतरत थद कजस तरह इसश जशवन मम
कसकद प४प वयकक उपयपक समय आनद पर भलकतक शरशर तय४गकर अपनद अपनद सवरप प४प
करतद हह।
इस पक४र शशमद४गवत कद दसवम सकरध कद अनतगरत “वकनद४वन मम वर४र तथ४ शरद ऋतपएह/” न४मक
बशसवम अधय४य कद शश शशमदनन ए.सश. भककवदद४नत सव४मश पभपप४द कद कवनशत सदवकत द४र४ रकचत त४तपयर
पसणर हहए।
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