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Akbar History Akbar (अकबर) के इ तहास

(History) से स बं धत मह वपण
ू Points
स ाट Akbar (अकबर) का ज म 15, October 1542 ई. को हमीदा बानू बेगम के गभ से अमरकोट के राणा वीर
साल के महल म हुआ था।

अकबर का रा या भषेक 14 February 1556 ई. को पंजाब के कलानौर नामक थान पर हुआ था।

अकबर का श क अ दल
ु लतीफ़ ईरानी व वान था।

वह जलालु द न मह
ु मद अकबर बादशाह गाजी क उपा ध से राज संहासन पर बैठा था।

बैरम खां 1556 से 1560 ई. तक अकबर का संर क रहा था।

पानीपत क दस
ू र लड़ाई 5 November 1556 ई. को अकबर और हे मू के बीच हुई थी।

म का क तीथ या ा के दौरान पाटन नामक थान पर मब


ु ारक खां नामक यव
ु क ने बैरम खां क ह या कर द थी।

May, 1562 ई. म Akbar (अकबर) ने 'हरम-दल' से अपने को पण


ू तः मु त कर लया था।

ह द घाट का यु ध 18, June 1576 ई. को मेवाड़ शासक महाराणा ातक एवं Akbar (अकबर) के बीच हुआ था।
इस यु ध म Akbar (अकबर) वजयी हुआ था। इस यु ध म मग़ ु ल सेना का ने ृ व मान संह एवं आसफ खां ने
कया था।

अकबर का सेनाप त मान संह था।

महाराणा ताप क म ृ यु 57 वष क उ म 19, February 1597 ई. म हो गयी थी।

गज
ु रात वजय के दौरान अकबर सव थम पत
ु गा लय यह ं उसने सव थम समु को दे खा था।

Akbar (अकबर) वारा जीते गए दे श Akbar History


दे श शासक वष मग़
ु ल सेनाप त

मालवा बाजबहादरु 1561 आधम खां, पीरमह


ु मद

चन
ु ार अफगान का शासन 1562 अ द ु ला खां
ग डवाना वीरनारायण एवं दग
ु ावती 1564 आसफ खां वयं अधीनता

आमेर भारमल 1562 वीकार कया

मेड़ता जयमल 1562 सफु द न

मेवाड़ उदय संह एवं 1568 वयं अकबर


राणा ताप 1576 मान संघ एवं आसफ खां

रणथ भौर सरु जानहाड़ा 1569 भगवान दास एवं अकबर

का लंजर रामचं 1569 मजनू खां काकशाह

मारवाड़ राव च सेन 1570 वेछा से आधीनता वीकार

जैसलमेर रावल ह रराय 1570 वेछा से आधीनता वीकार

बीकानेर क याणमल 1570 वेछा से आधीनता वीकार

गज
ु रात मज
ु फर खां- III 1571 खाने आजम स ाट अकबर

बहार एवं बंगाल दाऊद खां 1574-76 मन


ु ीम खां खानखाना

काबल
ु हक म मजा 1581 मान संह एवं अकबर

क मीर यस
ु फ
ू याकूब खां 1586 भगवान ् दास एवं का सम खां

स घ जा नबेग 1591 अ दरु ह म खानखाना

उड़ीसा नसार खां 1590-91 मान संह


बलू च तान प नी अफगान 1595 मीर मासम

कंधार मज
ु फर हुसन
ै 1595 शाहवेग

द ण भारत

खानदे श अल खां 1591 वेछा से आधीनता वीकार

दौलताबाद चाँद बीबी 1599 मरु ाद, अ दरु ह म खानखाना,


अबफ ु जल, अकबर

अहमदनगर बहादरु शाह चाँद बीबी 1600

असीरगढ़ मीरान बहादरु 1601 अकबर (यह अकबर का


अं तम अ भयान था)

द न-ए-इलाह धम का धान परु ो हत अकबर था।

द न-ए-इलाह धम वीकार करने वाला थम एवं अं तम ह द ू शासक बीरबल था।

Akbar (अकबर) ने जैनधम के जैनाचाय ह र वजय सू र को जगतगु क उपा ध दान क थी।

राज व ाि त क ज ती णाल Akbar (अकबर) के शासनकाल म च लत थी।

Akbar (अकबर) के द वान राजा णाल ने 1580 ई. म दहसाल बंदोब त यव था लागू क थी।

अकबर के दरबार का स द संगीतकार तानसेन था।

Akbar (अकबर) के दरबार के स द च कार अ दस


ु समद था।

दसवंत एवं बसावन Akbar (अकबर) के दरबार के च कार थे।

अकबर के शासनकाल के मख
ु गायक तानसेन, बाजबहादरु , बाबा रामदास एवं बैजू बाबरे थे।

Akbar (अकबर) के कुछ मह वपण


ू काय Akbar History
काय वष काय वष
दास था 1562 इबादतखाने क थापना 1575

अकबर को हरमदल से मिु त 1562 इबादतखाने म सभी धम के लोग 1578


के वेश क अनमु त

तीथया ा कर समा त 1563 मजहर क घोषणा 1579

फतेहपरु सकर क थापना एवं 1571 द न-ए-इलाह क थापना 1582


राजधानी का आगरा से फतेहपरु
सकर थानांतरण
इलाह स वत क शु वात 1583

जिजया कर समा त 1564 राजधानी लाहौर थानांत रत 1585

Akbar (अकबर) क शासन णाल क मख ु वशेषता मनसबदार था थी।


अकबर के समकाल न स द सफ ू संत शेख सल म च ती थे।
Akbar (अकबर) को सकंदराबाद के नकट दफनाया गया था।
थाप यकला के े म Akbar (अकबर) क मह वपण ू कृ तयाँ ह- द ल म हुमायूँ का मकबरा, आगरा का
लाल कला, फतेहपरु सकर म शाह महल, द वाने खास, पंचमहल, बलु द
ं दरवाजा, जोधाबाई का महल, इबादत
खाना, इलाहबाद का कला और लाहौर का कला।

Akbar (अकबर) के दरबार को सश


ु ो भत करने वाले नौ र न इस कार थे- 1- बीरबल, 2- अबल ु फजल, 3-
टोडरमल, 4- भगवान दास, 5- तानसेन, 6- मान संह, 7- अ दरु ह म खानखाना, 8- मु ला दो याजा और 9- हक म
हुकाम।
अबलु फजल ने अकबरनामा थ क रचना क थी। वह द न-ए-इलाह धम का क टर समथक था।

बीरबल के बचपन का नाम महे श दास था।

संगीत स ाट तानसेन का ज म वा लयर म हुआ था। इनक मख


ु कृ तयाँ थीं- मयाँ क टोडी, मयां का म हार
और मयाँ का सारं ग इ या द।

क ठाभरण वाणी वलास क उपा ध Akbar (अकबर) ने तानसेन को द थी।

Akbar (अकबर) ने भगवान ् दास (आमेर के राजा भारमल के पु ) को अमीर-ऊल-ऊमरा क उपा ध द थी।

यस
ू फ़
ु जाईय के व ोह को दबाने के दौरान बीरबल क ह या हो गयी थी।

1602 ई. म सल म (जहाँगीर) के नदश पर द ण से आगरा क ओर आ रहे अबल


ु फजल को रा ते म वीर संह
बद
ंु े ला नामक सरदार ने ह या कर द थी।

मग़
ु ल स ाट Akbar (अकबर) ने 'अनव
ु ाद वभाग' थापना क थी।
मग
ु ल क राजक य भाषा फ़ारसी थी।

महाभारत का फ़ारसी भाषा म र मनामा नाम से अनव


ु ाद बदायन
ू ी, नक ब खां एवं अ दल
ु का दर ने कया था।

पंचतं का फ़ारसी भाषा म अनव


ु ाद अबल
ु फजल ने अनवर-ए-सादात नाम से तथा मौलाना हुसन
ै फैज ने
यार-ए-दा नश नाम से कया था।

Akbar (अकबर) के काल को हंद सा ह य का वणकाल कहा जाता है ।

Akbar (अकबर) ने बीरबल को क व य एवं नरह र को महापा क उपा ध दान क थी।

बल
ु द
ं दरवाजा का नमाण Akbar (अकबर) ने गज
ु ात वजय के उपल म करवाया था।

Akbar (अकबर) ने शर कलम क उपा ध अ दस


ु समद को एवं जड़ी कलम क उपा ध मह
ु मद हुसन
ै क मीर क
दया था।

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