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यभर से जानें अऩने अबीष्ट प्रश्नों का हर


यभर से जानें अऩने अबीष्ट प्रश्नों का हर

स्नानादद से ननवत्ृ त होकय अऩने इष्टदे व का ध्मान कयें तथा ननम्न


भन्त्र का मथासॊबव मा १०८ फाय जऩ कयें - “ॐ नभो बगवनत दे वी
कूष्भाण्डडनन सववकामवप्रसाधधनन सववननमभत्तप्रकामिनन एदह एदह त्वय त्वय
वयॊ दे दह मरदह भातॊधगनन मरदह सत्मॊ ब्रदू ह ब्रदू ह स्वाहा।।”
भन्त्र जऩ के ऩश्चात अऩने अबीष्ट प्रश्न का ववचाय कयें तथा १६
कोष्ठकों वारे मॊर के ककसी एक कोष्ठक ऩय अऩनी अॊगुरी यख दें । तथा
सम्फण्न्त्धत प्रश्न का उत्तय प्राप्त कयें ।

१॰
२ कब्जुर ३॰ कब्जुर ४॰ जभात
रह्मान
(दाखखर) (खारयज़) (साबफत)
(खारयज)

५॰ पयहा ६॰ उ़रा ७॰ अॊकीस ८॰ हुभया


(भुॊकमरफ) (भुॊकमरफ) (दाखखर) (साबफत)

१० १२॰
९॰ फमाज ११॰ नस्रर

नस्रुर अतवे
(साबफत) (दाखखर)
(खारयज़) (खारयज)
१४॰ १६॰
१३॰ नकी १५इज्जतभा
अवते तयीक
(भुॊकमरफ) (साबफत)
(दाखखर) (भुॊकमरफ)

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दाम्ऩत्म जीवन कैसा यहे गा?


१॰ रह्मान (खारयज)-जीवनसाथी प्रेभ का ददखावा कये गा, वास्तववक प्रेभ
नहीॊ।
२॰ कब्जर
ु (दाखखर)-जीवनसाथी फहुत प्माय कये गा।
३॰ कब्जरु (खारयज़)-जीवनसाथी प्रेभ का ददखावा कये गा, वास्तववक प्रेभ
नहीॊ।
४॰ जभात (साबफत)-ऩये िाननमों एवॊ ददक्कतों के फाद दाम्ऩत्म सुख
मभरेगा।
५॰ पयहा (भुॊकमरफ)-दाम्ऩत्म जीवन उताय-चढावऩूर्व होगा।
६॰ उ़रा (भुॊकमरफ)-दाम्ऩत्म जीवन उताय-चढावऩूर्व होगा।
७॰ अॊकीस (दाखखर)-जीवनसाथी फहुत प्माय कये गा।
८॰ हुभया (साबफत)-वववाह के कापी सभम फाद सख ु मभरेगा। स्थानमत्व
है ।
९॰ फमाज (साबफत)-वववाह के कापी सभम फाद सुख मभरेगा। स्थानमत्व
है ।
१०॰ नस्रर
ु (खारयज़)-जीवनसाथी प्रेभ का ददखावा कये गा, वास्तववक प्रेभ
नहीॊ।
११॰ नस्रर
ु (दाखखर)-जीवनसाथी फहुत प्माय कये गा।
१२॰ अतवे (खारयज)-जीवनसाथी प्रेभ का ददखावा कये गा, वास्तववक प्रेभ
नहीॊ।
१३॰ नकी (भुॊकमरफ)-दाम्ऩत्म जीवन उताय-चढावऩूर्व होगा।
१४॰ अवते (दाखखर)-जीवनसाथी फहुत प्माय कये गा।
१५॰ इज्जतभा (साबफत)-वववाह के कापी सभम फाद सुख मभरेगा।

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स्थानमत्व है ।
१६॰ तयीक (भुॊकमरफ)-दाम्ऩत्म जीवन उताय-चढावऩूर्व होगा।

वववाह होगा मा नहीॊ?


१॰ रह्मान (खारयज)-वववाह िीघ्र तथा अवश्म होगा एवॊ दाम्ऩत्म जीवन
सुखभम यहे गा।
२॰ कब्जर
ु (दाखखर)-वववाह िीघ्र तथा अवश्म होगा एवॊ दाम्ऩत्म जीवन
सुखभम यहे गा।
३॰ कब्जुर (खारयज़)-वववाह ववघ्न एवॊ ऩये िाननमों के उऩयान्त्त ही सॊबव
होगा।
४॰ जभात (साबफत)-वववाह भें अबी ववरम्फ है ।
५॰ पयहा (भुॊकमरफ)-अनेक वववाह प्रस्तावों के आने के फाद वववाह तम
होगा।
६॰ उ़रा (भॊक
ु मरफ)-वववाह तम होते ही टूटे गा तथा दस
ू या वववाह सपर
होगा।
७॰ अॊकीस (दाखखर)-वववाह िीघ्र तथा अवश्म होगा एवॊ दाम्ऩत्म जीवन
सुखभम यहे गा।
८॰ हुभया (साबफत)-वववाह ववरम्फ से होने की सम्बावना है ।
९॰ फमाज (साबफत)-वववाह भें अबी ववरम्फ है ।
१०॰ नस्रर
ु (खारयज़)-वववाह िीघ्र तथा अवश्म होगा एवॊ दाम्ऩत्म जीवन
सख
ु भम यहे गा।
११॰ नस्रर
ु (दाखखर)-वववाह िीघ्र होने वारा है ।
१२॰ अतवे (खारयज)-वववाह इसी वर्व होने वारा है ।
१३॰ नकी (भुॊकमरफ)-वववाह होना असॊबव है ।

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१४॰ अवते (दाखखर)-वववाह िीघ्र तथा अवश्म होगा एवॊ दाम्ऩत्म जीवन
सुखभम यहे गा।
१५॰ इज्जतभा (साबफत)-वववाह भें अबी ववरम्फ है ।
१६॰ तयीक (भॊक
ु मरफ)-अनेक वववाह प्रस्तावों के आने के फाद वववाह तम
होगा।

रड़का होगा मा रड़की?


१॰ रह्मान (खारयज)-गबव भें रड़का है ।
२॰ कब्जुर (दाखखर)-गबव भें रड़की है ।
३॰ कब्जुर (खारयज़)-गबव भें रड़का है ।
४॰ जभात (साबफत)-गबव भें रड़की है ।
५॰ पयहा (भुॊकमरफ)-गबव भें रड़का है ।
६॰ उ़रा (भुॊकमरफ)-गबवऩात आदद से सॊतान हानन सॊबव है ।
७॰ अॊकीस (दाखखर)-गबव भें रड़की है ।
८॰ हुभया (साबफत)-गबव भें रड़का है ।
९॰ फमाज (साबफत)-गबव भें रड़की है ।
१०॰ नस्रर
ु (खारयज़)-गबव भें रड़का है ।
११॰ नस्रर
ु (दाखखर)-गबव भें रड़की है ।
१२॰ अतवे (खारयज)-गबव भें रड़का है ।
१३॰ नकी (भुॊकमरफ)-गबवऩात आदद से सॊतान हानन सॊबव है ।
१४॰ अवते (दाखखर)-गबव भें रड़की है ।
१५॰ इज्जतभा (साबफत)-गबव भें रड़का है ।
१६॰ तयीक (भुॊकमरफ)-गबव भें रड़की है ।

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अभक
ु व्मण्क्त भझ
ु से प्रेभ कयता है मा नहीॊ?
१॰ रह्मान (खारयज)-प्रेभ कभ कयता है ।
२॰ कब्जुर (दाखखर)-फहुत प्रेभ कयता है ।
३॰ कब्जरु (खारयज़)-प्रेभ ददखावा है ।
४॰ जभात (साबफत)-फहुत सभम के फाद प्रेभ कये गा।
५॰ पयहा (भुॊकमरफ)-प्रेभ स्थामी नहीॊ है ।
६॰ उ़रा (भुॊकमरफ)-प्रेभ ददखावा है ।
७॰ अॊकीस (दाखखर)-नहीॊ कयता है ।
८॰ हुभया (साबफत)-फहुत सभम के फाद प्रेभ कये गा।
९॰ फमाज (साबफत)-फहुत सभम के फाद प्रेभ कये गा।
१०॰ नस्रर
ु (खारयज़)-प्रेभ कभ कयता है ।
११॰ नस्रर
ु (दाखखर)-फहुत प्रेभ कयता है ।
१२॰ अतवे (खारयज)-प्रेभ ददखावा है ।
१३॰ नकी (भुॊकमरफ)-नहीॊ कयता है ।
१४॰ अवते (दाखखर)-फहुत प्रेभ कयता है ।
१५॰ इज्जतभा (साबफत)-फहुत सभम के फाद प्रेभ कये गा।
१६॰ तयीक (भुॊकमरफ)-प्रेभ स्थामी नहीॊ है ।

चोयी गमा धन वाऩस मभरेगा मा नहीॊ?


१॰ रह्मान (खारयज)-वाऩस नहीॊ मभरेगा।
२॰ कब्जर
ु (दाखखर)-चोय से बी दयू जा चक
ु ा है ।
३॰ कब्जर
ु (खारयज़)-वाऩस नहीॊ मभरेगा।
४॰ जभात (साबफत)-वाऩस िीघ्र मभरेगा।
५॰ पयहा (भुॊकमरफ)-वाऩस कुछ भारा भें ही मभरेगा।

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६॰ उ़रा (भॊक
ु मरफ)-वाऩस नहीॊ मभरेगा।
७॰ अॊकीस (दाखखर)-वाऩस कुछ भारा भें ही मभरेगा।
८॰ हुभया (साबफत)-वाऩस कुछ भारा भें ही मभरेगा।
९॰ फमाज (साबफत)-वाऩस िीघ्र मभरेगा।
१०॰ नस्रर
ु (खारयज़)-वाऩस नहीॊ मभरेगा।
११॰ नस्रर
ु (दाखखर)-वाऩस िीघ्र मभरेगा।
१२॰ अतवे (खारयज)-चोय से बी दयू जा चुका है ।
१३॰ नकी (भॊक
ु मरफ)-वाऩस कुछ भारा भें ही मभरेगा।
१४॰ अवते (दाखखर)-वाऩस िीघ्र मभरेगा।
१५॰ इज्जतभा (साबफत)-वाऩस िीघ्र मभरेगा।
१६॰ तयीक (भुॊकमरफ)-वाऩस कुछ भारा भें ही मभरेगा।

भुझे ककस व्मवसाम से राब होगा?


१॰ रह्मान (खारयज)-धोखेफाजी, चोयी एवॊ अनैनतक व्मण्क्तमों की सहामता
से।
२॰ कब्जुर (दाखखर)-वस्र, सौन्त्दमवप्रसाधन एवॊ कृवर् आदद से।
३॰ कब्जुर (खारयज़)-धोखेफाजी, चोयी एवॊ अनैनतक व्मण्क्तमों की सहामता
से।
४॰ जभात (साबफत)-ऩिुऩारन तथा धचककत्सा से जुड़े कामों से।
५॰ पयहा (भुॊकमरफ)-कराकायी, ऩॊसायी, जड़ी-फूटी तथा ववनोदऩूर्व कामों से।
६॰ उ़रा (भॊक
ु मरफ)-ठगी ववद्मा, धोखेफाजी, चोयी जानवयों के क्रम-ववक्रम
से।
७॰ अॊकीस (दाखखर)-सोना-चाॉदी, वकारत एवॊ वस्तुओॊ को कूटने-ऩीसने के
कामव से।

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८॰ हुभया (साबफत)-ऩरवाहक के कामव तथा मबऺावण्ृ त्त से।


९॰ फमाज (साबफत)-ऩरवाहक के कामव तथा मबऺावण्ृ त्त से।
१०॰ नस्रर
ु (खारयज़)-धोखेफाजी, चोयी एवॊ अनैनतक व्मण्क्तमों की
सहामता से।
११॰ नस्रर
ु (दाखखर)-ववद्मा के द्वाया।
१२॰ अतवे (खारयज)-कृवर् कामव, दरारी, दक
ु ानदायी से।
१३॰ नकी (भुॊकमरफ)-वस्र-ववक्रेता, ज्मोनतर्, क्रम-ववक्रम से।
१४॰ अवते (दाखखर)-वस्र, सौन्त्दमवप्रसाधन एवॊ कृवर् आदद से।
१५॰ इज्जतभा (साबफत)-सॊगीत, गामन, वादन, ककसी ववद्मा के प्रमिऺर्
से।
१६॰ तयीक (भुॊकमरफ)-ड्राइक्रीनसव, भेवा व्मवसाम एवॊ गुप्तचयी से।

भुझे ववदे ि मारा से राब होगा मा हानन?


१॰ रह्मान (खारयज)-ववदे ि जाने का कोई राब नहीॊ होगा।
२॰ कब्जुर (दाखखर)-ववदे ि मारा से राब होगा।
३॰ कब्जुर (खारयज़)-ववदे ि मारा से िायीरयक कष्ट होगा।
४॰ जभात (साबफत)-ववदे ि जाने का कोई राब नहीॊ होगा।
५॰ पयहा (भॊक
ु मरफ)-ववदे ि भें मभर से राब होगा।
६॰ उ़रा (भुॊकमरफ)-ववदे ि मारा से िायीरयक कष्ट होगा।
७॰ अॊकीस (दाखखर)-ववदे ि भें मभर से राब होगा।
८॰ हुभया (साबफत)-ववदे ि मारा से िायीरयक कष्ट होगा।
९॰ फमाज (साबफत)-ववदे ि मारा से राब होगा।
१०॰ नस्रर
ु (खारयज़)-ववदे ि भें मभर से राब होगा।
११॰ नस्रर
ु (दाखखर)-ववदे ि मारा से राब होगा।

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१२॰ अतवे (खारयज)-ववदे ि मारा से िायीरयक कष्ट होगा।


१३॰ नकी (भुॊकमरफ)-ववदे ि भें मभर से राब होगा।
१४॰ अवते (दाखखर)-ववदे ि जाने का कोई राब नहीॊ होगा।
१५॰ इज्जतभा (साबफत)-ववदे ि मारा से राब होगा।
१६॰ तयीक (भॊक
ु मरफ)-ववदे ि भें मभर से राब होगा।

अभक
ु कैदी छूटे गा मा नहीॊ?
१॰ रह्मान (खारयज)-कैदी फन्त्धन से भुक्त हो जामेगा।
२॰ कब्जुर (दाखखर)-कैदी भुक्त नहीॊ होगा।
३॰ कब्जुर (खारयज़)-कैदी फन्त्धन से भुक्त हो जामेगा।
४॰ जभात (साबफत)-कापी सभम तक फॊधन भें कष्ट बोगने के फाद
छूटे गा।
५॰ पयहा (भुॊकमरफ)-कैदी फॊधन भें अत्मधधक कष्ट बोगेगा तथा अधधक
ववरम्फ से छूटने की सम्बावना है ।
६॰ उ़रा (भुॊकमरफ)-कैदी फॊधन भें अत्मधधक कष्ट बोगेगा तथा अधधक
ववरम्फ से छूटने की सम्बावना है ।
७॰ अॊकीस (दाखखर)-कैदी भुक्त नहीॊ होगा।
८॰ हुभया (साबफत)-कापी सभम तक फॊधन भें कष्ट बोगने के फाद
छूटे गा।
९॰ फमाज (साबफत)-कापी सभम तक फॊधन भें कष्ट बोगने के फाद
छूटे गा।
१०॰ नस्रर
ु (खारयज़)-कैदी फन्त्धन से भक्
ु त हो जामेगा।
११॰ नस्रर
ु (दाखखर)-कैदी भुक्त नहीॊ होगा।
१२॰ अतवे (खारयज)-कैदी फन्त्धन से भुक्त हो जामेगा।

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१३॰ नकी (भॊक


ु मरफ)-कैदी फॊधन भें अत्मधधक कष्ट बोगेगा तथा अधधक
ववरम्फ से छूटने की सम्बावना है ।
१४॰ अवते (दाखखर)-कैदी भुक्त नहीॊ होगा।
१५॰ इज्जतभा (साबफत)-कापी सभम तक फॊधन भें कष्ट बोगने के फाद
छूटे गा।
१६॰ तयीक (भुॊकमरफ)-कैदी फॊधन भें अत्मधधक कष्ट बोगेगा तथा अधधक
ववरम्फ से छूटने की सम्बावना है ।

अभुक स्थान ऩय गड़ा धन है मा नहीॊ ?


१॰ रह्मान (खारयज)-नहीॊ है ।
२॰ कब्जर
ु (दाखखर)-है ।
३॰ कब्जुर (खारयज़)-नहीॊ है ।
४॰ जभात (साबफत)-भेहनत व्मथव जाएगी।
५॰ पयहा (भॊक
ु मरफ)-थोड़ा है ।
६॰ उ़रा (भुॊकमरफ)-है ।
७॰ अॊकीस (दाखखर)-है ।
८॰ हुभया (साबफत)-भेहनत व्मथव जाएगी।
९॰ फमाज (साबफत)-भेहनत व्मथव जाएगी।
१०॰ नस्रर
ु (खारयज़)-नहीॊ है ।
११॰ नस्रर
ु (दाखखर)-है ।
१२॰ अतवे (खारयज)-नहीॊ है ।
१३॰ नकी (भॊक
ु मरफ)-होना चादहए।
१४॰ अवते (दाखखर)-है ।

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१५॰ इज्जतभा (साबफत)-भेहनत व्मथव जाएगी।


१६॰ तयीक (भुॊकमरफ)-होना चादहए।

भक
ु दभे भें हाय होगी मा जीत?
१॰ रह्मान (खारयज)-जीत अवश्म होगी।
२॰ कब्जुर (दाखखर)-जीत अवश्म होगी।
३॰ कब्जर
ु (खारयज़)-ववयोधी ऩऺ प्रफर है ।
४॰ जभात (साबफत)-ववयोधी से सभझौता कयना होगा।
५॰ पयहा (भुॊकमरफ)-जीत अवश्म होगी।
६॰ उ़रा (भुॊकमरफ)-ववयोधी ऩऺ प्रफर है ।
७॰ अॊकीस (दाखखर)-ववयोधी ऩऺ प्रफर है ।
८॰ हुभया (साबफत)-ववयोधी ऩऺ प्रफर है । जीत नहीॊ होगी।
९॰ फमाज (साबफत)-जीत अवश्म होगी।
१०॰ नस्रर
ु (खारयज़)-जीत अवश्म होगी।
११॰ नस्रर
ु (दाखखर)-जीत अवश्म होगी।
१२॰ अतवे (खारयज)-ववयोधी ऩऺ प्रफर है ।
१३॰ नकी (भुॊकमरफ)-ववयोधी ऩऺ प्रफर है ।
१४॰ अवते (दाखखर)-जीत अवश्म होगी।
१५॰ इज्जतभा (साबफत)-ववयोधी से सभझौता होगा।
१६॰ तयीक (भुॊकमरफ)-जीत अवश्म होगी।

गौतभ केवरी भहाववद्मा

गौतभ केवरी भहाववद्मा

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१११ ११२ ११३ १२१ १२२ १२३ १३१ १३२ १३३


२११ २१२ २१३ २२१ २२२ २२३ २३१ २३२ २३३
३११ ३१२ ३१३ ३२१ ३२२ ३२३ ३३१ ३३२ ३३३

अॊक िकुनावरी कोष्ठक से उत्तय जानने से ऩूवव िुद्ध एवॊ ऩववर होकय
अऩने इष्ट दे व का स्भयर् कयने के उऩयान्त्त अॊक िकुनावरी के ककसी
एक कोष्ठक ऩय अऩनी अॊगुरी अथवा िराका यखें । कोष्ठक भें अॊककत
सॊख्मा के अनुसाय अऩने अबीष्ट प्रश्न का हर नीचे ददमे गमे अॊकों से
जानने का प्रमास कयें ।

१११॰ आऩने जो प्रश्न ववचाया है वह सपर होगा। तुम्हाये खयाफ ददनों


का नाि होकय अच्छे ददन आए हैं। भन की काभनाएॉ ऩूर्व होंगी। ववववध
प्रकाय की धचॊताएॉ भन भें यहती हैं, वे अफ थोड़े ददनों भें नाि हो जाएॉगी।
एक मभर के धोखे को बोग यहे हो। धभव कामव की इच्छा है , ऩयन्त्तु
ऩाऩकभव से ववघ्न आता है । आभदनी से खचव अधधक यहता है । कोई कामव
मसद्ध होने को आता है , तो िरु उसभें ववघ्न डार दे ते हैं। दान-ऩुडम कयो।
ण्जससे भन की अमबरार्ा ऩर्
ू व होगी। ववयोधी चाहे ककतनी कोमिि कयें ,
ऩयन्त्तु तुम्हायी धायर्ा अवश्म परीबूत होगी।
११२॰ आऩका अबीष्ट प्रश्न राबदामक है । धन की प्राण्प्त होगी।
बाग्मोदम के ददन अफ नजदीक आ गए हैं। ण्जस कामव को हाथ भें रोगे,
उसभें जम प्राप्त कयोगे। वप्रमजन का मभराऩ होगा। धभव के कामव कयते
यहो, ण्जससे ऩुडम की प्राण्प्त होगी तथा सुख बी मभरेगा। भन धचण्न्त्तत
यहता है । बाइमों से जुदाई होगी। भकान फनाने का इयादा कयते हो वह
ऩाय ऩड़ेगा। जभीन से तुभको राब होगा। आभदनी से खचव अधधक होता

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है । तीथों की मारा कयने की अमबरार्ा है , वह ऩर्


ू व होगी। धामभवक कामव
सम्ऩन्त्न होगा।
११३॰ आऩका अबीष्ट प्रश्न अच्छा है । तुम्हाये ददर को आयाभ मभरेगा।
सख
ु -चैन प्राप्त कयोगे। जो कामव भन भें सोचा है , उसभें ववजम प्राप्त
कयोगे। वप्रमजनों का मभराऩ होगा। धचन्त्ता के ददन ननकर चक
ु े हैं तथा
अफ अच्छे ददन आए हैं। धभव के प्रबाव से सुखी हुए हो तथा आगे बी
सुख प्राप्त कयोगे। कष्ट सहन कयते हुए बी दस
ू ये का कामव कयते हो
ऩयन्त्तु अऩने कामव भें सस्
ु ती यखते हो। फवु द्ध तेज है , बफगड़े कामव को बी
सुधाय रेते हो। बववष्म भें राब मभरेगा।
१२१॰ आऩका ववचाया हुआ प्रश्न राबदामक है । फहुत ददनों तक द्ु ख
सहन कयने से ननयाि हो गए हो, फुये ददन ननकर गए हैं औय अफ िुब
ददन आए हैं। भन की इच्छाएॉ परीबत
ू होंगी। ण्जतनी रक्ष्भी गॊवाई है
उससे बी अधधक प्राप्त कयोगे। ण्जस काभ की धचन्त्ता कयते हो वह
धचन्त्ता मभट जामेगी, उसभें एक व्मण्क्त ववघ्न उऩण्स्थत कयने आमेगा,
ककन्त्तु अन्त्त भें तुभको सपरता प्राप्त होगी। बाइमों तथा सम्फण्न्त्धमों
का ननबाव कयते हो, ण्जससे तुम्हायी कीनतव फढी है । ददर के उदाय हो,
जहाॉ जाते हो वहाॉ सुख मभरता है ।
१२२॰ आऩने जो काभ ववचाया है , उसभें सपरता नहीॊ मभर ऩाएगी।
आऩने आज तक फहुतों का बरा ककमा है । अिब ु कभव के उदम से ववघ्न
उऩण्स्थत होते हैं। जहाॉ तक फन सके वहाॉ तक धभव कयो। अऩने इष्टदे व
की मथािण्क्त आयाधना तथा भन्त्र का जऩ कयो, ण्जससे तकरीप दयू
होगी।
१२३॰ आऩके अबीष्ट कामव भें सपरता अवश्म मभरेगी। इतने ऩाऩकभव के
थे तथा आऩने भहान सॊकट उठामे हैं। अफ िुब ददन आए हैं। फहुतों का
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बरा ककमा, ककन्त्तु उन्त्होनें उऩकाय न भाना। धभव के ननमभत्त का ननकारा


हुआ ऩैसा घय भें न यखो। तीथों की मारा कयो, ण्जस स्थान ऩय द्ु खी हुए
हो, उस स्थान का त्माग कयो, दस
ू ये स्थान भें जाकय यहो। ऩयदे ि भें राब
होगा। तम्
ु हाया ददर धचन्त्ता भें डूफा यहता है । अफ िब
ु कभव का उदम
हुआ है । ववचाये हुए कामव भें सपरता एवॊ धन प्राप्त होगा।
१३१॰ जो फात आऩने सोची है वह अवश्म मसद्ध होगी, ण्जसका नुकसान
हुआ है वह दयू होकय बववष्म भें राब होगा। धन मभरेगा। तुम्हाये हाथ
से धभव के कामव होंगे। ण्जस भनष्ु म से भर
ु ाकात चाहते हो वह होगी।
धचन्त्ता के ददन अफ गए हैं। धातु, धन, सम्ऩण्त्त औय कुटुम्फ की ववृ द्ध
होगी।
१३२॰ आज तक तुम्हाये फड़े-फड़े दश्ु भन हुए अफ उनका जोय नहीॊ चरेगा।
भन भें ववचाये हुए कामों भें सपरता प्राप्त कयोगे। इज्जत भें ववृ द्ध होगी।
तुम्हाये हाथों से धभव के कामव होंगे, भन वाॊनछत सुख की प्राण्प्त होगी।
बाइमों का मभराऩ होगा। दान-ऩुडम के प्रबाव से सुखी होंगे।
१३३॰ इतने ददन सॊकट यहा। धचॊनतत कामव अच्छी तयह से ऩाय न ऩड़ा,
अफ अच्छे ददनों की िुरुआत हुई है , जो कामव ववचाया है वह परीबूत
होगा, ककसी बी प्रकाय का ववघ्न नहीॊ आमेगा। इष्टदे व के प्रबाव से
रक्ष्भी प्राप्त होगी, वप्रमजन से अचानक राब होगा।
२११॰ तभ
ु ने भन भें ण्जस कामव का ववचाय ककमा है , वह सपर नहीॊ होगा।
इसके मसवाम कोई दस
ू या काभ कयो। तीथों की मारा कयो, ण्जससे ऩुडम
का राब हो। दश्ु भन रोग तुभको फाधाएॉ डारते हैं।
२१२॰ ववचाया हुआ कामव होगा। प्रेमभका से राब होगा। कुटुम्फ की ववृ द्ध
होगी। फहुत भुद्दत से ववचाया हुआ कामव होगा। दश्ु भन तुम्हाये ववरुद्ध
कोमिि कयें गे, ककन्त्तु तुम्हाये सद्भाग्म के आगे उनका जोय नहीॊ चरेगा।
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तीथों की मारा कयने की इच्छा है वह हो सकेगी। भकान फनाने का तथा


जभीन खयीदने का तुम्हाया इयादा सपर होगा। तुभको जभीन से राब
है । बाग्मफर से कामव मसद्ध होंगे।
२१३॰ द्ु ख के ददन अफ दयू हो गए हैं। सख ु के ददन िुरु हुए हैं। फहुत
ददनों से कष्ट उठा यहे हो, ऩयदे ि गए तो बी सख ु की प्राण्प्त न हुई,
ककन्त्तु अफ सुख बोगने के ददन प्राप्त हुए हैं। आफरु फढे गी, सॊतान का
सुख होगा। इतने ददनों मभरों तथा कुटुम्फी जनों की तयप से द्ु ख सहन
ककमा। जहाॉ तक फना दस
ू यों का बरा ककमा, ऩयन्त्तु उन रोगों ने गर्

नहीॊ भाना। िरु रोग ऩग-ऩग ऩय तैमाय यहते हैं, ककन्त्तु उनका जोय नहीॊ
चरता क्मोंकक तुम्हाया बाग्म फरवान ् है । ऩास भें धन थोड़ा है , ककन्त्तु
इज्जत अच्छी है , इसमरमे ण्जतना प्राप्त कयने का ववचाय कयोगे उतना
प्राप्त कय सकोगे। मभर रोगों से जैसा चादहए वैसा सख
ु नहीॊ है । इज्जत
आफरु के मरमे खचव फहुत कयते हो। तुम्हाया धभव सुधया हुआ है , इसमरए
धभव ऩय श्रद्धा यखो।
२२१॰ इतने ददन गए वे अच्छे गए, जो जो कामव ककए वे बी ऩाय ऩड़
गए, ककन्त्तु अफ जो कामव ददर भें ववचाया है वह ऩाऩ कभव के उदम से
ऩूर्व नहीॊ होगा। मभर रोग बी िरु हो जाएॉगे। कुटुम्फ भें अनफन यहे गी,
बाई जुदा होंगे। जो काभ ददर भें ववचाया है , उसका त्माग कयना ही श्रेष्ठ
है । धभव ऩय श्रद्धा यखो, इष्टदे व की सेवा कयो, दान-ऩड
ु म के प्रबाव से सख

मभरेगा।
२२२॰ जो काभ भन भें ववचाया है , उसको छोड़कय दस
ू या काभ कयो। मदद
इस ववचाये हुए कामव को कयोगे तो सॊकट उत्ऩन्त्न होगा, नक ु सान होगा,
िरु रोग ववघ्न उऩण्स्थत कयें गे। इष्टदे व की सेवा कयो, तीथों ऩय जाओ,
ण्जससे दस
ू ये कामव बी सुधयें गे। ददर भें ववववध प्रकाय की धचन्त्ताओॊ ने
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वास ककमा है , वह ववचाये हुए कामव को छोड़ दे ने से दयू होगी।


२२३॰ मह सवार अच्छा है , सुख के ददन नजदीक आए हैं। व्माऩाय से
धन प्राप्त होगा, ऐिो-आयाभ प्राप्त कयोगे। ऩत्नी का सुख प्राप्त कयोगे
तथा सॊतान की ववृ द्धहोगी, जो कामव कयोगे उसभें राब प्राप्त कयोगे।
ईभानदायी से काभ कयते हो तो अन्त्त भें बरा ही होगा। धभव के प्रबाव
से सुखी होंगे, इसमरमे धभव को बूरना भत, धभव के कामों भें सुस्ती यखना
ठीक नहीॊ।
२३१॰ ण्जस कामव के मरए भन भें ववचाय ककमा है , वह कामव तीन भास भें
होगा। अऩनी स्री की तयप से राब होगा। आज तक कुटुम्फीजनों की
तयप से सुख नही मभरा, ककन्त्तु बववष्म भें मभरेगा। सॊतानों की ववृ द्ध
होगी। ससुयार के खचव की धचन्त्ता है , सो मभट जाएगी। आफरु के मरए
आभदनी से खचव अधधक कयना ऩड़ता है । तीथों की मारा कयने का इयादा
है , ककन्त्तु ववघ्न आता है । बववष्म भें धभव कामव कय सकोगे। हृदम भें
ण्जस कामव की धचन्त्ता है , वह धभव के प्रबाव से दयू हो जाएगी, इसमरए
धभव ऩय श्रद्धा यखो, ण्जससे सपरता प्राप्त कय सकोगे।
२३२॰ जो काभ ववचाया है , उसे छोड़कय कोई दस ू या काभ कयो। ववचाये हुए
कामव को कयने भें राब नहीॊ है , मदद कयोगे तो तुभको तुम्हाया स्थान
छोड़कय दस
ू ये स्थान ऩय जाना ऩड़ेगा, कुटुम्फीजनों का ववमोग होगा।
इसमरए उधचत है कक इस कामव को छोड़ दो। धभव भें होमिमाय यहना तथा
अऩनी िण्क्त के अनुसाय दान-ऩुडम कयना ण्जससे सुख हो।
२३३॰ थोड़े ददनों भें धन मभरेगा। जो काभ ववचाया है , वह ऩूर्व होगा।
वप्रमजनों से मभराऩ होगा। जभीन, जागीय अथवा भकान से राब होगा।
आफरु फढे गी। धभव कामों भें खचव कयो। उसके प्रताऩ से सुख-चैन यहे गा।
याज्मऩऺ से राब होगा। भन की धायर्ा ऩूर्व होगी। स्री की तयप से
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सख
ु है । एक सभम अकस्भात ् राब मभरेगा।
३११॰ मह सवार फहुत ही गयभ है । ण्जस कामव का ववचाय ककमा है , वह
ऩूर्व होगा। भुकदभा जीत जाओगे, व्माऩाय योजगाय भें राब होगा। कीनतव
फढे गी, याज्म की तयप से राब होगा। धभव के प्रबाव से सख
ु मभरा है
तथा बववष्म भें बी मभरेगा। दस
ू यों के कामव ऩरयश्रभ से ऩयू ा कयते हो,
ककन्त्तु अिुब कभव उददत होने से अऩने कभव भें उदासीन यहते हो, ववदे ि
मारा होगी औय वहाॉ राब होगा। धभव ऩय श्रद्धा यखो ण्जससे सॊकट दयू
हों। अऩने हाथ से रक्ष्भी प्राप्त कयोगे।
३१२॰ जो कामव ववचाया है उसे छोड़कय कोई दस
ू या काभ कयो अन्त्मथा िरु
रोग ववघ्न डारेंगे, दौरत की खयाफी होगी, घय के भनुष्मों तथा ऩिुओॊ
ऩय सॊकट आएगा, इसमरए ववचाये हुए कामव को छोड़ दे ना ही उधचत है ।
धभव के प्रबाव से सफ कामव सपर होते हैं। ननयाधश्रतों को आश्रम दो तथा
दे वाधधदे व का स्भयर् कयो ण्जससे सुखी होंगे।
३१३॰ मह प्रश्न अच्छा है । धन तथा स्री से सहमोग एवॊ सुख मभरेगा।
सॊतान से सुख मभरेगा। सॊतान होगी, वप्रमजन का मभराऩ होगा। अभक

भुद्दत की धायी हुई धायर्ा सपर होगी। धचन्त्ता के ददन अफ दयू हुए हैं।
दे व गुरु तथा धभव की सेवा कयो। दश्ु भन रोग सताते हैं, ककन्त्तु अफ
तुम्हाया प्रायब्ध फरवान ् फना है ण्जससे इन रोगों का जोय नहीॊ चरेगा।
जभीन से राब होगा। कीनतव के मरए खचव अधधक कयना ऩड़ता है । मभरों
से राब होगा।
३२१॰ जभीन, भकान अथवा फाग-फगीचे से राब होगा। धन प्राप्त कयोगे ,
स्नेही जन से मभराऩ होगा। ककसी बी भनष्ु म के साथ मभरता होगी औय
उसके द्वाया धनादद की प्राण्प्त होगी। ऩुडम के उदम से इच्छाएॉ ऩयीऩूर्व
होगी। धभव का आयाधन कयो। दश्ु भन रोग ऩग-ऩग ऩय तैमाय यहें गे,
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ककन्त्तु सन्त्भख
ु होने से उनका जोय नहीॊ चरेगा। अऩनी िण्क्त के
अनुसाय खचव कयो। भकान फनाने के भनोयथ परीबूत होंगे। धन ऩैदा
कयते हो, ककन्त्तु खचव अधधक होने से इकट्ठा नहीॊ होता है , वऩता से धन
थोड़ा मभरेगा। स्री की तयप से राब होगा। वद्ध
ृ ावस्था भें धभव के कामव
फन सकते हैं।
३२२॰ जो कामव आऩने भन भें ववचाया है , उसभे िरु रोग ववघ्न डारें गे,
ऩरयर्ाभ अच्छा नहीॊ। याज्म की तयप से नायाजगी होगी मदद सुखी होना
चाहते हो, तो ववचाया हुआ कामव छोड़कय दस
ू या कामव कयो, तम्
ु हाये सहमोगी
फदर गए हैं, उनका ववश्वास भत कयना। बजन-ऩूजन, व्रत-ननमभ भें
ध्मान दो।
३२३॰ ण्जस कामव का भन भें ववचाय ककमा है , उसभें राब होगा, इच्छा ऩूर्व
होगी, स्नेही का मभराऩ होगा, जो जो धचन्त्ताएॉ उऩण्स्थत हुई हैं, वे सफ दयू
होंगी। धभव के कामव फन सकेंगे। फहुत ददनों से ऩयदे ि भें द्ु ख प्राप्त
ककमा है , ककन्त्तु अफ द्ु ख के ददन गए। तीथवमारा होगी। अफ दे ि भें
जाकय आनन्त्द प्राप्त कयोगे। धभव के कामों भें रक्ष्म यखो, ण्जससे सफ
सुख प्राप्त कयोगे।
३३१॰ तुम्हाये भन की धचन्त्ता मभटे गी। फीभायी की परयमाद दयू होगी। भन
की धायर्ा ऩूर्व होगी। थोड़े ददनों भें ही धन की प्राण्प्त होगी। स्नेही का
मभराऩ होगा। धभव-कभव भें ऩैसा खचव कयो, ण्जससे ऩरयर्ाभ भें पामदा
होगा। अच्छे ददन आए हैं, ऩाऩकभव से इतने ददन द्ु ख प्राप्त ककमा है ,
ऩयन्त्तु अफ वे फीत गए हैं।
३३२॰ फयु े ददन गए अफ अच्छे ददन आए हैं। जभीन तथा धन-दौरत भें
जो हानन हुई है, वह मभट जाएगी तथा बववष्म भें राब होगा। ऩयभेश्वय
का ध्मान कयो। हृदम िुद्ध है , ण्जससे भन की धचन्त्ता जल्दी दयू होगी।
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ऩयदे ि भें यहे भनष्ु म की धचन्त्ता है सो उसका मभराऩ होगा। धभव के


प्रबाव से सुखी होंगे।
३३३॰ इतने ददन ननधवन अवस्था भें व्मतीत ककए, ककन्त्तु अफ धन प्राप्त
होगा तथा भन की धायर्ा परीबत
ू होगी। जीवनसाथी से सख
ु प्राप्त
होगा, तीन भदहने फाद अच्छे ददन आएॉगे। इष्टदे व की आयाधना कयो।
आभदनी से खचव अधधक है , धन इकट्ठा ककमा नहीॊ, मभर की तयप से
धोखा मभरा है , दश्ु भन रोग ऩीछे से ननन्त्दा कयते हैं, ककन्त्तु साभने आकय
फोर नहीॊ सकते। जभीन से राब होगा। ऩयभेश्वय का जऩ कयो।

स्वय ववऻान

स्वय ववऻान

प्रार् वामु भनुष्म के ियीय भें श्वास रेने ऩय नामसका के भाध्मभ से


प्रवेि कयती है । नामसका भें दो नछद्र होते हैं, जो फीच भें एक ऩतरी हड्डी
के कायर् एक दस
ू ये से अरग यहते हैं। भनष्ु म कबी दादहने नछद्र से औय
कबी फाॉएॉ नछद्र से श्वास रेता है । दादहने नछद्र से श्वास रेते सभम
“दादहना स्वय” तथा फाॉएॉ नछद्र से श्वास रेते सभम “फाॉमाॉ स्वय” चरता
है । अथावत ् श्वास-प्रश्वास की गनत ण्जस नामसका नछद्र से प्रतीत हो, उस
सभम वही स्वय चरता सभझें। मदद दोनों नामसका-नछद्रों से सभान रुऩ
से नन्श्वास होता हो, तो उसे “भध्म स्वय” कहते हैं। मह स्वय प्राम् उस
सभम चरता है , जफ स्वय ऩरयवतवन होने को होता है ।
वस्तुत् नामसका के बीतय से जो श्वास ननकरती है , उसी का नाभ “स्वय”
है । जफ दादहना स्वय चरता हो तो, सूमव का उदम जानना चादहए।
इसीमरए दादहने स्वय को “सूमव स्वय” बी कहते है तथा फाॉएॉ स्वय को

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“चन्त्द्र स्वय”।
स्वय का सम्फन्त्ध नाडड़मों से है । मद्मवऩ ियीय भें ७२,००० नाडड़माॉ हैं
तथावऩ इनभें से २४ प्रधान है औय इन २४ भें से १० अनत प्रधान तथा
इन १० भें से बी ३ नाडड़माॉ अनतिम प्रधान भानी गई है , ण्जनके नाभ
इड़ा, वऩॊगरा तथा सर्
ु म्र्ा है ।
ियीय भें भेरु-दडड के दक्षऺर् (दादहने) ददिा की तयप वऩॊगरा (सूम)व
नाड़ी, वाभ (फाॉईं) तयप इड़ा (चन्त्द्र) नाड़ी तथा दोनों के भध्म सुर्म्र्ा
नाड़ी है । सर्
ु म्र्ा नाड़ी के प्रकाि से दोनों नथन
ु ों से स्वय चरता है ।

दादहना-स्वय फामाॉ-स्वय भध्म-स्वय


ग्रह सम
ू व चन्त्द्र याहु
नाड़ी वऩॊगरा इड़ा सर्
ु म्
ु र्ा
प्रकृनत उग्र सौम्म मभधश्रत
धातु वऩत्त कप वामु
मरॊग ऩुरुर् स्री नऩुॊसक
अद्धव-
दे वता मिव िण्क्त
नायीश्वय
मभधश्रत मा
वर्व कृष्र् गौय
धूम्र
कार ददवस याबर सन्त्ध्मा
प्रफर
अण्ग्न, वामु जर, ऩथ्
ृ वी आकाि
तत्त्व

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सॊऻा चय ण्स्थय द्वव-स्वबाव


फुध (मा
वाय यवव, भॊगर सोभ, फध

गुरु)
ऩऺ कृष्र् िक्
ु र *
कृष्र् ऩऺ- िक्
ु र ऩऺ-
नतधथ १,२,३,७,८,९,१३,१४,३० १,२,३,७,८,९,१३,१४,१५ *
िुक्र ऩऺ-४,५,६,१०,११,१२ कृष्र् ऩऺ-४,५,६,१०,११,१२
ज्मेष्ठ, बाद्रऩद, भागविीर्व, आर्ाढ,
वैिाख, श्रावर्, कानतवक,
भास पाल्गन
ु , वर्
ृ ब, ककव, कन्त्मा, आण्श्वन,
भाघ
वण्ृ श्चक, भकय, भीन ऩौर्, चैर
भेर्, मभथुन, मसॊह, तुरा, वर्
ृ ब, ककव, कन्त्मा, वण्ृ श्चक,
सॊक्राण्न्त्त *
धनु, कुम्ब भकय, भीन
यामि १, ४, ७, १० २, ५, ८, ११ ३, ६, ९, १२
अण्श्वनी, बयर्ी, कृण्त्तका, आश्रेर्ा, भघा, ऩव
ू ाव-पाल्गन
ु ी, भग
ृ मिया,
उत्तयार्ाढ, अमबण्जत ्, हस्त, धचरा, स्वाती, वविाखा, आद्राव,
नऺर
श्रवर्, धननष्ठा, ितमबर्ा, अनुयाधा, भूर, ऩूवावर्ाढा, ऩुनववसु,
ये वती, ऩव
ू ावबाद्रऩद, योदहर्ी ज्मेष्ठा ऩष्ु म
सॊख्मा ववर्भ सभ िन्त्
ू म
ण्स्थनत नीचे, ऩीछे , दादहने ऊऩय, फाएॉ, साभने *
ददिा ऩूव,व उत्तय ऩण्श्चभ, दक्षऺर् कोर्

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जफ एक स्वय को फदर कय दस
ू या स्वय आ यहा हो, तो उस सभम “स्वय-
सॊक्राण्न्त्त” होती है । ण्जतने सभम दोनों स्वय चरें , वह सभम “ववर्ुवत ्-
कार” कहराता है ।

स्वयों की अवस्था
जफ श्वास फाहय ननकर यही हो, तो स्वय की ननगर्
ुव अवस्था होती है औय
स्वय को ननगर्
ुव स्वय कहा जाता है । जफ श्वास नामसका के बीतय जा यही
हो, उस सभम स्वय की सगुर् अवस्था होती है तथा स्वय को सगुर् स्वय
कहते हैं। जो स्वय चर यहा हो, उसे उददत स्वय कहा जाता है औय फन्त्द
स्वय को अस्त स्वय कहते हैं। इन्त्हें क्रभि् ऩूर्व तथा रयक्त स्वय बी कहते
हैं।
स्वय सगुर् औय उददत हो, तो कामव मसद्ध हो। इसके ववऩयीत हो, तो कामव
की हानन होती है ।

अनुबवमसद्ध है कक िकुन अथवा ककसी प्रश्न के उत्तय के मरए नाक से


चर यहे श्वास को सभझकय कोई कामव कयें तो उत्तभ परदामक मसद्ध
होता है ।

दादहने स्वय (सूम-व स्वय, वऩॊगरा नाड़ी)- इस श्वास के चरते क्रूय कभव, चय
कामव, उग्र कभव, अस्र-िस्र-अभ्मास, िास्राभ्मास, स्री के साथ सॊसगव
(सम्बोग), मन्त्र-तन्त्र-ननभावर्, याज-ऩुरुर्-दिवन, मुद्ध (वाद-वववाद मा
भुकदभा-न्त्मामारम), स्नान एवॊ िौच, नदी/सभुद्र ऩाय की मारा,
धचककत्सकीम कामव, ववधायम्ब, वाहन खयीदना, वाहन ऩय चढना,
ऩववतायोहर्, नौकायोहर्, तैयाकी, भद्म-ऩान, द्मत
ू -क्रीड़ा, मिकाय, उग्र भन्त्र-
साधना, मोगाभ्मास, अध्ममन, बोजन, िमन, िेमय इत्मादद खयीदना,

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भिीनयी, गह
ृ ोऩमोगी साभान खयीदना, क्रम, ववक्रम, नमा फही-खाता मरखना-
मरखवाना, ऩर-रेखन, ईंट-ऩत्थय, रकड़ी औय यत्न आदद का काटना-छाॉटना,
िरु के घय जाना, नौकयी जैसे कामव सदै व मसद्ध होते हैं।
दादहने स्वय से सम्फण्न्त्धत भहत्त्वऩर्
ू व कामों को मदद कृष्र्-ऩऺ भें यवव,
भॊगर मा िननवाय को दादहने स्वय के उदम के सभम ककमा जाए, तो
सपरता मभरती है ।

इडा- जफ इडा अथावत फाएॊ नासा नछद्र से श्वास चर यहा हो तो सौम्म


कभव, ण्स्थय कामव, िाण्न्त्त कभव, ककसी से मभरता कयना, दे व-दिवन, दे व-
प्रनतष्ठा, भण्न्त्दय ननभावर्, ऩौण्ष्टक कामव, गह
ृ प्रवेि, वववाह, भकान की नीीँव
यखना, जरािम, कुआॉ, फाग-वादटका ननभावर्, खेतीफाडी, मभरता, व्माऩाय-
उद्मोग-स्ताऩना, ग्राभ-नगय फसाना, अनाज सॊग्रह, वस्र-आबूर्र्-सौन्त्दमव
प्रसाधन इत्मादद खयीदना, धामभवक अनुष्ठान, कदठन/गम्बीय योगों की
धचककत्सा, बभ
ू ी खयीदना,स्री श्रॊगाय, नौकयी इत्मादद के मरए इन्त्रव्मू दे ने
जाना, सॊगीत-नत्ृ म सीखना प्रायॊ ब कयना, यसामन-कभव, दयू -गभन, प्रेभ-
ननवेदन, प्राथवना, फन्त्धु-मभरन, याज-नतरक, ऩद-ग्रहर्, रघु िॊका आदद कामव
िुब यहते हैं।
फाॉएॉ स्वय भें वखर्वत भहत्त्वऩर्
ू व कामों को मदद िक्
ु र ऩऺ भें सोभ, गरु

मा िुक्रवाय को ककमा जाए, तो सपरता मभरती है ।
सुर्ुम्ना- प्रार्ी के ियीय भें ण्स्थत सुर्ुम्ना सभस्त कामों के मरए ववऩयीत
अथवा अिब
ु ही भानी जाती है । इसके चरते अगय आऩ इसी कामव हे तु
प्रस्थान कयें तो वो कामव कबी बी परीबत
ू नहीॊ हो सकता। केवर ऩज
ू ा-
ऩाठ,अनुष्ठान इत्मादद धामभवक कृत्म ही इस स्वय के चरते सपर होते
हैं।

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ईश्वये धचण्न्त्तते कामं मोगाभ्मासादद कभव च ! अन्त्मर न कतवव्मॊ जम


राब सुखैवर्मब:!!

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बववष्म-ऻान-प्रश्नावरी

बववष्म-ऻान-प्रश्नावरी

मह प्रश्नावरी चौंतीसा मन्त्र के आधाय ऩय फनाई


गई है । प्रश्न कयने वारा श्री सण्च्चदानन्त्द स्वरुऩ
बगवान ् का स्भयर् कय नीचे मरखे प्रश्नों भें से
अऩने प्रश्न का उच्चायर् कये तथा फाॉमी ओय
ददमे ३४सा मन्त्र के ककसी कोष्ठक भें अॊगर
ु ी
यखे। इसके ऩश्चात ् प्रश्न सॊख्मा तथा कोष्ठक
९ १६ २ ७
अॊक को जोड़कय उसभें से एक घटामें। जो िेर्
६ ३ १३ १२ फचे उस सॊख्मा के साभने ण्जस दे वता का नाभ
१५ १० ८ १ मरखा हो, उसी दे वता के प्रश्न-पर भें चौंनतसा
मन्त्र भें अॊगुरी यखे हुए कोष्ठक के अॊक ऩय
४ ५ ११ १४
अऩने प्रश्न का उत्तय ऩामें। मदद कोष्ठक अॊक
तथा प्रश्न सॊख्मा का जोड़ ३४ से अधधक हो तो
मोगपर भें से ३४ घटाकय िेर् कक्रमा कयें ।
उदाहयर् १- जैसे कक प्रश्न कयने वारे ने बगवान ्
का स्भयर् कय ९ सॊख्मा वारे प्रश्न “ववद्मा प्राप्त
होगी मा नहीॊ?” फोरा तथा चौंनतसा मन्त्र के

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कोष्ठकों भें से ण्जस सॊख्मा ऩय अॊगुरी यखी वह


सॊख्मा १३ है ।
अफ ९ + १३ = २२
२२ - १ = २१
इक्कीसवें प्रश्न के साभने दे वता का नाभ ध्रव
ु है
अत् ध्रुव-प्रश्न-पर की सारयर्ी भें १३ नम्फय
(मन्त्र भें यखी अॊगुरी वारी सॊख्मा) ऩय उत्तय
दे खा तो मभरा “ववद्मा प्राप्त कयोगे।”

उदाहयर् २- जैसे कक प्रश्न सॊख्मा ३० तथा चौंनतसा


मन्त्र के कोष्ठक भें सॊख्मा १५ तो
३० + १५ = ४५
४५ - १ = ४४ (मे सॊख्मा ३४ से अधधक है
इसमरमे इसभें से ३४ घटामे)
४४ - ३४ = १०
१० सॊख्मा वारे प्रश्न के साभने दे वता वसुदेव
अत् वसुदेव-प्रश्न-पर सारयर्ी भें १५ नम्फय
(मन्त्र भें यखी अॊगर
ु ी वारी सॊख्मा) ऩय उत्तय
दे खा तो मभरा “स्री उत्तभ स्वबाव की मभरेगी”

सन्त्तान सख
ु होगा भेयी धचॊता दयू होगी
१ गर्ेि १८ िनन
मा नहीॊ? मा नहीॊ?
भुकदभे भें हाय होगी मभर के साथ कैसी
२ ब्रह्भा १९ याहु
मा जीत? फनेगी?

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३ बाग्मोदम कफ होगा? ववष्र्ु २० कजव मभरेगा मा नहीॊ? केतु


नौकयी मभरेगी मा खोई वस्तु मभरेगी मा
४ मिव २१ ध्रव

नहीॊ? नहीॊ?
तयक्की का मोग है
५ इन्त्द्र २२ ऩयदे िी कफ आमेगा? मभ
मा नहीॊ?
खेती भें राब होगा मारा से राब मभरेगा
६ अण्ग्न २३ ववश्वेदेवा
मा हानन? मा हानन?
भकान फनेगा मा बाइमों भें कैसी
७ वामु २४ मऺ
नहीॊ? फनेगी?
ऩास होऊॊगा मा
८ सूमव २५ कुआॊ फनेगा मा नहीॊ? बैयव
पेर?
ववद्मा प्राप्त होगी
९ चन्त्द्रभा २६ मह वर्व कैसा यहे गा? वासुकक
मा नहीॊ?
भेया जीवन कैसा आज का ददन कैसा
१० वसुदेव २७ कुफेय
व्मतीत होगा? यहे गा?
जीवन भें सपरता
११ वरुर् २८ ऩर
ु होगा मा कन्त्मा? मभर
मभरेगी मा नहीॊ?
गड़ा धन मभरेगा मा भेयी इच्छा ऩूयी होगी
१२ ऩथ्
ृ वी २९ जमन्त्त
नहीॊ? मा नहीॊ?
वववाह होगा मा अण्श्वनी स्री स्वबाव भें कैसी
१३ ३० तऺक
नहीॊ? कुभाय मभरेगी?
फीभाय अच्छा होगा सम्फन्त्धी धोखा तो
१४ भॊगर ३१ िेर्
मा नहीॊ? नहीॊ दे गा?
१५ स्वप्न पर कैसा है ? फुध ३२ अभुक स्री भुझे प्रेभ काभ
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कयती है मा नहीॊ?
तफादरा होगा मा तीथव मारा को जाना
१६ फह
ृ स्ऩनत ३३ कार
नहीॊ? होगा मा नहीॊ?
व्माऩाय से राब भण्न्त्दय फनेगा मा
१७ िुक्र ३४ अनन्त्त
यहे गा मा हानन? नहीॊ?

गर्ेि-प्रश्न-पर ब्रह्भा-प्रश्न-पर
१॰ सन्त्तान का सख
ु मभरेगा। १॰ भक
ु दभे भें जीत होगी।
२॰ ककसी की सहामता से भण्न्त्दय २॰ सन्त्तान हे तु गह
ृ -दे वता की ऩूजा
फनेगा। कयो।
३॰ तीथव मारा भें ववघ्न ऩड़ेगा। ३॰ भण्न्त्दय अबी नहीॊ फनेगा।
४॰ िुद्ध प्रेभ कयती है । ४॰ तीथव मारा की आिा ऩूयी होगी।
५॰ सम्फन्त्धी धोखा दे सकता है । ५॰ इस सभम वह प्रेभ नहीॊ कयती
६॰ स्री का स्वबाव गयभ यहे गा। है ।
७॰ इच्छा ऩयू ी होने भें दे यी है । ६॰ सम्फन्त्धी धोखा दे सकता है ।
८॰ कन्त्मा होगी। ७॰ स्री का स्वबाव सयर यहे गा।
९॰ ददन भध्मभ यहे गा। ८॰ इच्छा ऩूयी नहीॊ हो सकेगी।
१०॰ मह वर्व उत्तभ है । ९॰ ऩर
ु होगा।
११॰ कूऩ-ननभावर् नहीॊ होगा। १०॰ ददन िुब यहे गा।
१२॰ बाइमों भें अच्छी फन ११॰ मह वर्व उत्तभ नहीॊ है ।
जाएगी। १२॰ कूऩ-ननभावर् की आिा ऩूयी
१३॰ मारा से राब मभरना कदठन होगा।
है । १३॰ बाइमों भें फननी फहुत कदठन
१४॰ ऩयदे िी िीघ्र ही आमेगा। है ।

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१५॰ खोई वस्तु िीघ्र मभर १४॰ १मारा से राब होगा।


जामेगी। १५॰ ऩयदे िी अबी नहीॊ आ सकता।
१६॰ कजव कदठनाई से मभरेगा। १६॰ खोई वस्तु नहीॊ मभरेगी।
ववष्र्-ु प्रश्न-पर
१॰ बाग्मोदम िीघ्र ही होगा। मिव-प्रश्न-पर
२॰ भुकदभे से जीतने भें सन्त्दे ह १॰ नौकयी िीघ्र मभर जामेगी।
है । २॰ बाग्मोदम भें दे य है ।
३॰ सन्त्तान सख
ु उऩाम से होगा। ३॰ भक
ु दभे भें हाय होगी।
४॰ भण्न्त्दय फनाने की आिा ऩूयी ४॰ सॊतान सुख की आिा ऩूयी होगी।
होगी। ५॰ भण्न्त्दय नहीॊ फन सकेगा।
५॰ तीथव-मारा नहीॊ होगी। ६॰ तीथव-मारा नहीॊ होगी।
६॰ गप्ु त-प्रेभ कयती है । ७॰ प्रेभ कयती है ।
७॰ सम्फन्त्धी धोखा नहीॊ दे गा। ८॰ सम्फन्त्धी धोखा दे गा। सावधान।
८॰ स्री का स्वबाव उत्तभ होगा। ९॰ स्री के स्वबाव से भेर मभर
९॰ इच्छा ऩयू ी होने भें सन्त्दे ह है । जामेगा।
१०॰ कन्त्मा होगी। १०॰ इच्छा ऩूयी होगी।
११॰ ददन िुब नहीॊ यहे गा। ११॰ ऩुर होगा।
१२॰ मह वर्व िुब यहे गा। १२॰ ददन िुब है ।
१३॰ कूऩ-ननभावर् नहीॊ होगा। १३॰ मह वर्व उत्तभ नहीॊ बफतेगा।
१४॰ बाइमों से नहीॊ फनेगी। १४॰ कूऩ-ननभावर् की आिा ऩूयी
१५॰ मारा से राब ऩाना कदठन होगी।
है । १५॰ बाइमों से फननी कदठन है ।
१६॰ ऩयदे िी दे य से आमेगा। १६॰ मारा से राब मभरेगा।
धचन्त्ता न कयें ।
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इन्त्द्र-प्रश्न-पर
१॰ तयक्की के मोग अच्छे हैं।
अण्ग्न-प्रश्न-पर
२॰ नौकयी प्रमत्न से मभरेगी।
१॰ खेती से राब होगा।
३॰ बाग्मोदम अबी नहीॊ हो
२॰ तयक्की के मोग भें दे य है ।
सकेगा।
३॰ नौकयी नहीॊ मभरेगी।
४॰ भुकदभे भें जीत होगी।
४॰ बाग्मोदम िीघ्र ही होगा।
५॰ सॊतान-सुख उऩाम से मभरेगा।
५॰ भुकदभे की जीत भें सन्त्दे ह है ।
६॰ भण्न्त्दय की आिा ऩयू ी होगी।
६॰ सन्त्तान-सुख दे य से होगा।
७॰ तीथव-मारा कय सकोगे।
७॰ भण्न्त्दय मभर की सहामता से
८॰ प्रेभ नहीॊ कयती, ददखावटी प्रेभ
फनेगा।
है ।
८॰ तीथव-मारा होने भें सन्त्दे ह है ।
९॰ सम्फन्त्धी गप्ु त चार चरेगा।
९॰ प्रेभ का ददखावा ही अच्छा है ।
१०॰ स्री का स्वबाव अच्छा
१०॰ सम्फन्त्धी धोखा नहीॊ दे गा।
यहे गा।
११॰ स्री का स्वबाव अच्छा नहीॊ
११॰ इच्छा ऩयू ी होने भें सन्त्दे ह
होगा।
है ।
१२॰ इच्छा ऩयू ी नहीॊ हो सकेगी।
१२॰ कन्त्मा होगी।
१३॰ ऩुर होगा।
१३॰ ददन भध्मभ है ।
१४॰ ददन उत्तभ है ।
१४॰ मह वर्व कदठनाई के साथ
१५॰ मह वर्व उत्तभ है ।
फीतेगा।
१६॰ कूऩ-ननभावर् की आिा ऩयू ी
१५॰ कूऩ-ननभावर् दे यी से होगा।
होगी।
१६॰ बाइमों से अच्छा भेर
यहे गा।
वामु-प्रश्न-पर सूम-व प्रश्न-पर
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१॰ भकान फनाने की काभना ऩयू ी १॰ ऩास हो जाओगे।


होगी। २॰ भकान के फनने भें दे य है ।
२॰ खेती से राब कभ होगा। ३॰ खेती से राब नहीॊ होगा।
३॰ तयक्की का मोग नहीॊ है । ४॰ तयक्की िीघ्र होगी।
४॰ नौकयी कापी प्रमत्न से ही ५॰ नौकयी अबी नहीॊ मभरेगी।
मभरेगी। ६॰ बाग्मोदम अबी दे य से होगा।
५॰ बाग्मोदम िीघ्र होने वारा है । ७॰ भुकदभा जीत जाओगे।
६॰ भक
ु दभे भें जीत ऩाना कदठन ८॰ सॊतान-सख
ु भें फाधा, गोऩार जऩ
है । कयाओ।
७॰ सॊतान का सुख मभरेगा। ९॰ भण्न्त्दय-ननभावर् दे य से होगा।
८॰ भण्न्त्दय फनाने की काभना ऩूयी १०॰ तीथव-मारा सकुिर होगी।
होगी। ११॰ प्रेभ ददखावटी है ।
९॰ ववघ्न के कायर् तीथव-मारा १२॰ सम्फन्त्धी धोखा नहीॊ दे गा।
नहीॊ होगी। १३॰ स्री का स्वबाव उत्तभ यहे गा।
१०॰ प्रेभ कयती है । १४॰ इच्छा ऩयू ी नहीॊ होगी।
११॰ सम्फन्त्धी धोखा दे ने भें नहीॊ १५॰ ऩुर होगा।
चूकेगा। १६॰ ददन िुब है ।
१२॰ स्री का स्वबाव कुछ
धचड़धचड़ा है ।
१३॰ इच्छा ऩूयी होगी।
१४॰ कन्त्मा होगी।
१५॰ ददन अच्छा नहीॊ है ।
१६॰ मह वर्व भध्मभ यहे गा।
चन्त्द्रभा-प्रश्न-पर वसु-प्रश्न-पर
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१॰ ववद्मा प्राप्त कयोगे। १॰ जीवन सख


ु ऩव
ू क
व व्मतीत होगा।
२॰ ऩास होने भें सन्त्दे ह है । २॰ ववद्मा थोड़ी प्राप्त कय सकोगे।
३॰ भकान नहीॊ फन सकेगा। ३॰ पेर हो जाओगे।
४॰ खेती से राब मभरेगा। ४॰ भकान की आिा ऩयू ी नहीॊ होगी।
५॰ तयक्की का मोग अबी नहीॊ ५॰ खेती से राब कभ होगा।
है । ६॰ तयक्की का मोग फन यहा है ।
६॰ नौकयी मभर जामेगी। ७॰ नौकयी मभरने भें दे य है ।
७॰ बाग्म का मसताया िीघ्र ८॰ बाग्मोदम का सभम नजदीक है ।
चभकेगा। ९॰ भुकदभे भें जीत ननण्श्चत है ।
८॰ भुकदभा जीतने भें सन्त्दे ह है । १०॰ सन्त्तान सुख नहीॊ मभरेगा।
९॰ सॊतान-सुख दे यी से होगा। ११॰ भण्न्त्दय अबी नहीॊ फनेगा।
१०॰ भण्न्त्दय नहीॊ फन सकेगा। १२॰ तीथवमारा की आिा ऩयू ी नहीॊ
११॰ तीथव-मारा नहीॊ कय सकोगे। होगी।
१२॰ प्रेभ का चक्कय हाननकायक १३॰ िुद्ध प्रेभ कयती है ।
है । १४॰ सम्फन्त्धी धोखा नहीॊ दे गा।
१३॰ सम्फन्त्धी धोखा दे गा। १५॰ स्री उत्तभ स्वबाव की
सावधान। मभरेगी।
१४॰ स्री का स्वबाव अच्छा नहीॊ १६॰ इच्छा ऩूयी होगी।
है ।
१५॰ इच्छा ऩूयी होने भें सन्त्दे ह
है ।
१६॰ कन्त्मा होगी।
वरुर्-प्रश्न-पर ऩथ्
ृ वी-प्रश्न-पर
१॰ जीवन भें सपरता प्राप्त १॰ गड़ा धन प्राप्त कयोगे।
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होगी। २॰ सईरता मभर जाएगी।


२॰ जीवन सॊघर्वभम फीतेगा। ३॰ जीवन कापी कदठनाइमों से
३॰ ऩूयी ववद्मा प्राप्त नहीॊ कय फीतेगा।
सकोगे। ४॰ ववद्मा प्राप्त कयोगे।
४॰ ऩास हो जाओगे। ५॰ ऩास होने भें सन्त्दे ह है ।
५॰ भकान नहीॊ फन सकेगा। ६॰ भकान अबी दे य से फनेगा।
६॰ खेती से राब नहीॊ होगा। ७॰ खेती से राब मभरेगा।
७॰ तयक्की होने भें सन्त्दे ह है । ८॰ तयक्की अबी नहीॊ हो सकेगी।
८॰ नौकयी मभरने के अबी ९॰ नौकयी मभर जामेगी।
आसाय नहीॊ है । १०॰ आऩके मसताये चभकने भें दे य
९॰ बाग्मोदम िीघ्र ही होने वारा है ।
है । ११॰ भक
ु दभे भें हाय की सॊबावना है ।
१०॰ भुकदभे भें जीत होने भें १२॰ सन्त्तान सुख होगा।
सन्त्दे ह है । १३॰ भण्न्त्दय अबी नहीॊ फन ऩामेगा।
११॰ सन्त्तान-सख
ु उऩाम से होगा। १४॰ तीथव-मारा नहीॊ हो सकेगी।
१२॰ भण्न्त्दय-ननभावर् की काभना १५॰ ददखावटी प्रेभ कयती है ।
ऩूयी होगी। १६॰ सम्फन्त्धी धोखा नहीॊ दे गा।
१३॰ तीथव-मारा कय सकोगे।
१४॰ गप्ु त-प्रेभ कयती है ।
१५॰ सम्फन्त्धी का धोखा दे ना
कदठन है ।
१६॰ स्री का स्वबाव मभरनसाय
होगा।
अश्वनी-प्रश्न-पर भॊगर-प्रश्न-पर
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१॰ वववाह हो जामेगा। १॰ फीभाय अच्छा हो जामेगा।


२॰ गड़ा धन वविेर् उऩाम द्वाया २॰ वववाह होने भें सन्त्दे ह है ।
मभरे। ३॰ गड़ा धन गह
ृ -दे व की ऩूजा से
३॰ जीवन भें सपरता ऩाना मभरे।
कदठन है । ४॰ जीवन भें सपरता मभरेगी।
४॰ जीवन उत्तभ प्रकाय से ५॰ जीवन भध्मभ श्रेर्ी भें फीतेगा।
फीतेगा। ६॰ ववद्मा प्राप्त कय रोगे।
५॰ ववद्मा प्राप्त नहीॊ कय ७॰ ऩास हो जाओगे।
सकोगे। ८॰ भकान िीघ्र फनेगा।
६॰ ऩास नहीॊ हो सकोगे। ९॰ खेती भें राब मभरेगा।
७॰ भकान की काभना दे य से ऩूयी १०॰ तयक्की अबी नहीॊ हो सकेगी।
होगी। ११॰ नौकयी मभरने भें सन्त्दे ह है ।
८॰ खेती से राब नहीॊ होगा। १२॰ बाग्मोदम अबी नहीॊ होगा।
९॰ तयक्की के मोग भें दे यी है । १३॰ भुकदभे की जीत भें सन्त्दे ह है ।
१०॰ नौकयी मभर जामेगी। १४॰ सन्त्तान-सख
ु मभरेगा, धचन्त्ता
११॰ बाग्मोदम ननकट बववष्म भें छोड़ दो।
होगा। १५॰ भण्न्त्दय-ननभावर् िीघ्र होगा।
१२॰ भुकदभे भें जीत होगी। १६॰ तीथव-मारा की आिा ऩूयी होगी।
१३॰ सन्त्तान-सख
ु उऩाम से होगा।
१४॰ भण्न्त्दय अबी नहीॊ फनेगा।
१५॰ तीथव-मारा नहीॊ हो सकेगी।
१६॰ िद्ध
ु प्रेभ कयती है ।
फुध-प्रश्न-पर फह
ृ स्ऩनत-प्रश्न-पर
१॰ स्वप्न का पर उत्तभ है । १॰ तफादरा िीघ्र हो जामेगा।
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33

२॰ फीभाय दे य से अच्छा होगा। २॰ स्वप्न का पर वविेर् अच्छा


३॰ वववाह उऩाम से होगा। नहीॊ है ।
४॰ गड़ा धन प्राप्त होगा। ३॰ फीभाय के ठीक होने भें सन्त्दे ह
५॰ जीवन भें सपरता नहॊ है ।
मभरेगी। ४॰ वववाह हो जामेगा।
६॰ जीवन भें कदठनाइमाॊ वविेर् ५॰ गड़ा धन उऩाम से मभरेगा।
यहे गी। ६॰ जीवन भें सपरता कभ मभरेगी।
७॰ ववद्मा प्राण्प्त मिव की ऩज
ू ा ७॰ जीवन अच्छी तयह से फीतेगा।
से होगी। ८॰ ववद्मा प्राप्त होना कदठन है ।
८॰ ऩास होने भें सन्त्दे ह है । ९॰ ऩास हो जाओगे, मिव ऩूजा कयो।
९॰ भकान अबी नहीॊ फनेगा। १०॰ भकान की काभना ऩूयी होगी।
१०॰ खेती से राब मभरेगा। ११॰ खेती से ऩयू ा राब नहीॊ
११॰ तयक्की तो होगी, ककन्त्तु दे य मभरेगा।
से। १२॰ तयक्की िीघ्र ही होगी।
१२॰ नौकयी अबी नहीॊ मभरेगी। १३॰ नौकयी मभर जामेगी।
१३॰ बाग्मोदम िीघ्र ही होने १४॰ बाग्मोदम अबी दे य से होगा।
वारा है । १५॰ भुकदभे की जीत भें सन्त्दे ह है ।
१४॰ भुकदभे भें जीत होगी। १६॰ सॊतान सुख नहीॊ मभरेगा।
१५॰ सन्त्तान-सख
ु उऩाम से होगा।
१६॰ भण्न्त्दय अबी नहीॊ फनेगा।
िुक्र-प्रश्न-पर िनन-प्रश्न-पर
१॰ व्माऩाय भें सावधानी से राब १॰ धचन्त्ता अबी दे य से मभटे गी।
मभरे। २॰ व्माऩाय भें राब होगा।
२॰ तफादरे का मोग चर यहा है । ३॰ तफादरा नहीॊ होगा।
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34

३॰ स्वप्न का पर उत्तभ है । ४॰ स्वप्न का पर उत्तभ है ।


४॰ फीभाय अच्छा हो जामेगा। ५॰ फीभाय ठीक होने भें सन्त्दे ह है ।
५॰ वववाह उऩाम से होगा। ६॰ वववाह होने भें सन्त्दे ह है ।
६॰ गड़ा धन मभरेगा। ७॰ गड़ा धन आसयु ी-मसवद्ध द्वाया
७॰ जीवन भें सपरता ऩाना मभरेगा।
कदठन है । ८॰ जीवन भें सपरता प्राप्त कयोगे।
८॰ जीवन भें कदठनाइमाॊ अधधक ९॰ जीवन सुखभम व्मतीत होगा।
आमेगीॊ। १०॰ ववद्मा प्राप्त कय सकोगे।
९॰ ववद्मा थोड़ी प्राप्त होगी। ११॰ ऩास होना भुण्श्कर है ।
१०॰ ऩास हो जाओगे। १२॰ भकान अबी नहीॊ फन सकेगा।
११॰ भकान अबी दे य से फनेगा। १३॰ खेती से राब नहीॊ मभरेगा।
१२॰ खेती से राब मभरने भें १४॰ तयक्की का मोग अबी नहीॊ
सन्त्दे ह है । फनता।
१३॰ तयक्की अबी नहीॊ हो १५॰ नौकयी मभर जामेगी।
सकेगी। १६॰ बाग्मोदम िीघ्र होगा।
१४॰ नौकयी मभरने भें सन्त्दे ह है ।
१५॰ बाग्मोदम होने वारा है ।
१६॰ भुकदभे भें जीत होगी।
याहु-प्रश्न-पर केतु-प्रश्न-पर
१॰ मभर धोखा दे गा, सावधान १॰ कजव तो मभरेगा, ककन्त्तु अबी दे य
यहना। है ।
२॰ धचॊता िीघ्र ही मभट जामेगी। २॰ मभर से सतकव यहें ।
३॰ व्माऩाय से राब नहीॊ होगा। ३॰ धचॊता हनुभान की ऩूजा से
४॰ तफादरा हो जामेगा। मभटे गी।
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35

५॰ स्वप्न का पर अच्छा नहीॊ ४॰ व्माऩाय भें राब होगा।


है । ५॰ तफादरा रुक जामेगा।
६॰ फीभाय अच्छा हो जामेगा। ६॰ स्वप्न का पर भध्मभ यहे गा।
७॰ वववाह हो जामेगा। ७॰ फीभाय अच्छा हो जामेगा।
८॰ गड़ा धन बाग्म भें नहीॊ है । ८॰ वववाह उऩाम से होगा।
९॰ जीवन भें सपरता कभ ९॰ गड़ा धन वऩत-ृ ऩूजा से मभरेगा।
मभरेगी। १०॰ जीवन भें सपरता नहीॊ
१०॰ जीवन फाधाओॊ से मक्
ु त मभरेगी।
फीते। ११॰ जीवन भें सपरता कभ
११॰ ववद्मा प्राप्त नहीॊ हो मभरेगी।
सकेगी। १२॰ ववद्मा कदठन ऩरयश्रभ से प्राप्त
१२॰ ऩास होने भें सन्त्दे ह है । होगी।
१३॰ भकान की आिा ऩूयी होगी। १३॰ ऩास हो जाओगे।
१४॰ खेती भें राब मभरेगा। १४॰ भकान की आिा ऩूयी नहीॊ
१५॰ तयक्की का मोग प्रमत्न से होगी।
है । १५॰ खेती से राब नहीॊ होगा।
१६॰ नौकयी अबी दे य से मभरेगी। १६॰ तयक्की भें फाधा है ।
ध्रुव-प्रश्न-पर मभ-प्रश्न-पर
१॰ खोई वस्तु प्रमत्न से मभर १॰ ऩयदे िी यास्ते भें चर यहा है ।
सकेगी। २॰ खोई वस्तु मभर जामेगी।
२॰ कजव मभर जामेगा। ३॰ कजव इस सभम मभरना भुण्श्कर
३॰ मभर के साथ नहीॊ फनेगी। है ।
४॰ धचन्त्ता िीघ्र दयू होगी। ४॰ मभर का साथ अच्छी फन
५॰ व्माऩाय से राब नहीॊ हो जामेगी।
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सकेगा। ५॰ धचन्त्ता अबी दयू नहीॊ होगी।


६॰ तफादरा नहीॊ होगा। ६॰ व्माऩाय से राब यहे गा।
७॰ स्वप्न का पर उत्तभ है । ७॰ तफादरा हो जामेगा।
८॰ फीभाय के अच्छे होने भें ८॰ स्वप्न का पर भध्मभ है ।
सन्त्दे ह है । ९॰ फीभायी अच्छी हो जामेगी।
९॰ वववाह दे य से होगा। १०॰ वववाह हो जामेगा।
१०॰ गड़ा धन मभरने भें सन्त्दे ह ११॰ गड़ा धन प्राप्त होगा।
है । १२॰ जीवन भें सपर होना कदठन
११॰ जीवन भें सपरता कष्ट से है ।
मभरेगी। १३॰ जीवन सुखऩूवक
व व्मतीत
१२॰ जीवन भें सुख नहीॊ मभरेगा। कयोगे।
१३॰ ववद्मा प्राप्त कयोगे। १४॰ ववद्मा प्राप्त नहीॊ कय सकोगे।
१४॰ ऩास होने भें सन्त्दे ह है । १५॰ ऩास नहीॊ होगें ।
१५॰ भकान अबी नहीॊ फन १६॰ तयक्की भें फाधा है ।
ऩामेगा।
१६॰ खेती से राब मभरेगा।
ववश्वेदेवा-प्रश्न-पर मऺ-प्रश्न-पर
१॰ मारा राबदामी यहे गी। १॰ बाइमों भें फननी भुण्श्कर है ।
२॰ ऩयदे िी अबी नहीॊ आ यहा है । २॰ मारा से राब कभ मभरे।
३॰ खोई वस्तु नहीॊ मभरेगी। ३॰ ऩयदे िी िीघ्र ही आ जामेगा।
४॰ कजव दे य से मभरेगा। ४॰ खोई वस्तु मभर जामेगी।
५॰ मभर के साथ नहीॊ फन ५॰ कजाव नहीॊ मभरेगा।
सकेगी। ६॰ मभर के साथ अच्छा भेर होगा।
६॰ धचन्त्ता सफ दयू हो जामेगी। ७॰ धचन्त्ता अबी नहीॊ मभटे गी।
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७॰ व्माऩाय भें राब मभरना ८॰ व्माऩाय से राब मभरेगा।


कदठन है । ९॰ तफादरा होने का मोग हैं।
८॰ तफादरा नहीॊ हो सकेगा। १०॰ स्वप्न का पर िुब है ।
९॰ स्वप्न का पर अिब
ु है । ११॰ फीभाय अच्छा हो जामेगा।
१०॰ फीभाय अच्छा नहीॊ होगा। १२॰ वववाह उऩाम से होगा।
११॰ वववाह होने भें सन्त्दे ह है । १३॰ गड़ा धन िीघ्र प्राप्त होगा।
१२॰ गड़ा धन नहीॊ मभरेगा। १४॰ जीवन भें सपर होना भुण्श्कर
१३॰ जीवन भें अच्छी सपरता है ।
मभरेगी। १५॰ जीवन सुखऩूवक
व फीतेगा।
१४॰ जीवन भें कष्ट अधधक १६॰ ववद्मा ऩूजा से प्राप्त होगी।
मभरे।
१५॰ मिऺा प्राप्त कयोगे।
१६॰ ऩास हो जाओगे।
बैयव-प्रश्न-पर वासुकक-प्रश्न-पर
१॰ कूऩ-ननभावर् की काभना ऩयू ी १॰ मह वर्व भध्मभ यहे गा।
होगी। २॰ कुआॊ फन जामेगा।
२॰ बाइमों भें अच्छी फन ३॰ बाइमों से नहीॊ फनेगी।
जामेगी। ४॰ मारा भें राब मभरेगा।
३॰ मारा से राब नहीॊ यहे गा। ५॰ ऩयदे िी िीघ्र ही आ जामेगा।
४॰ ऩयदे िी अबी नहीॊ आमेगा। ६॰ खोई वस्तु मभरेगी।
५॰ खोमी वस्तु प्रमत्न से ७॰ कजव मभरेगा।
मभरेगी। ८॰ मभर धोखा दे गा, सावधान यहना।
६॰ कजव मभर सकेगा। ९॰ धचन्त्ता मभट जामेगी।
७॰ मभर से फननी कदठन है । १०॰ व्माऩाय से राब मभरेगा।
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८॰ धचन्त्ता मभटे गी, दे व-ऩज


ू ा कयो। ११॰ तफादरा हो जामेगा।
९॰ व्माऩाय भें राब ऩाना १२॰ स्वप्न का पर िुब है ।
भुण्श्कर है । १३॰ फीभाय के अच्छे होने भें सन्त्दे ह
१०॰ तफादरा प्रमत्न से होगा। है ।
११॰ स्वप्न का पर उत्तभ नहीॊ १४॰ वववाह उऩाम से हो सकेगा।
है । १५॰ गड़ा धन वऩत-ृ ऩूजा से मभर
१२॰ फीभाय अच्छा होना कदठन सकेगा।
है । १६॰ जीवन भें सपरता कभ
१३॰ वववाह होगा, धचन्त्ता कयना मभरेगी।
व्मथव है ।
१४॰ गड़ा धन नहीॊ मभरेगा।
१५॰ जीवन भें अच्छी सपरता
मभरेगी।
१६॰ जीवन भें वविेर् फाधाएॊ
आमेंगी।
कुफेय-प्रश्न-पर मभर-प्रश्न-पर
१॰ ददन िुब नहीभ है । १॰ ऩुर होगा।
२॰ मह वर्व अच्छा यहे गा। २॰ ददन िुब है ।
३॰ कुआॊ नहीॊ फन सकेगा। ३॰ मह वर्व उत्तभ है ।
४॰ बाइमों भें अच्छी फन ४॰ कुआॊ फन जामेगा।
जामेगी। ५॰ बाइमों से बफगाड़ होगा।
५॰ मारा से राब नहीॊ मभरेगा। ६॰ मारा से राब कभ है ।
६॰ ऩयदे िी फीभाय है , अबी नहीॊ ७॰ ऩयदे िी रौट यहा है ।
आमेगा। ८॰ खोमी वस्तु नहीॊ मभरेगी।
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७॰ खोमी वस्तु मभरने भें सन्त्दे ह ९॰ कजव कदठनाई से मभरेगा।


है । १०॰ मभर के साथ अच्छी फन
८॰ कजव नहीॊ मभरेगा। जामेगी।
९॰ मभर के साथ सावधानी से ११॰ धचन्त्ता मभट जामेगी।
कामव कयो। १२॰ व्माऩाय से राब नहीॊ मभरेगा।
१०॰ धचन्त्ता अबी दयू नहीॊ होगी। १३॰ तफादरा हो जामेगा।
११॰ व्माऩाय से राब मभरना १४॰ स्वप्न का पर िुब है ।
कदठन है । १५॰ फीभाय रे अच्छा होने भें सन्त्दे ह
१२॰ तफादरा नहीॊ होगा। है ।
१३॰ स्वप्न का पर िुब नहीॊ है । १६॰ वववाह िीघ्र ही हो जामेगा।
१४॰ फीभाय अच्छा हो जामेगा।
१५॰ वववाह उऩाम से होगा।
१६॰ गड़ा धन िीघ्र प्राप्त हो
जामेगा।
जमन्त्त-प्रश्न-पर िेर्-प्रश्न-पर
१॰ इच्छा दे य से ऩूयी होगी। १॰ सम्फन्त्धी धोखा नहीॊ दे गा।
२॰ कन्त्मा होगी। २॰ स्री तेज स्वबाव की मभरेगी।
३॰ ददन भध्मभ यहे गा। ३॰ इच्छा ऩूयी होने भें सन्त्दे ह है ।
४॰ मह वर्व उत्तभ यहे गा। ४॰ कन्त्मा होगी।
५॰ कुआॊ फनने भें रुकावटें ज्मादा ५॰ ददन भध्मभ यहे गा।
है । ६॰ मह वर्व उत्तभ यहे गा।
६॰ बाइमों से भेर-मभराऩ यहे गा। ७॰ कुआॊ फनाने भें अचानक फाधा
७॰ मारा से राब यहे गा। ऩड़े।
८॰ ऩयदे िी अबी नहीॊ आमेगा। ८॰ बाइमों से फननी भुण्श्कर है ।
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९॰ खोई वस्तु मभरने भें सन्त्दे ह ९॰ मारा से राब नहीॊ मभरेगा।


है । १०॰ ऩयदे िी िीघ्र घय आ जामेगा।
१०॰ कजव नहीॊ मभरेगा। ११॰ खोई वस्तु मभरने भें सन्त्दे ह है ।
११॰ मभर के साथ फनना कदठन १२॰ कजव अबी नहीॊ मभरेगा।
है । १३॰ मभर के साथ अच्छी फन
१२॰ धचन्त्ता फढ जामेगी। जामेगी।
१३॰ व्माऩाय भें राब मभरना १४॰ धचन्त्ता अबी दयू नहीॊ होगी।
कदठन है । १५॰ व्माऩाय से राब मभरेगा।
१४॰ तफादरा होने भें सन्त्दे ह है । १६॰ तफादरे की आिा दे य से ऩूयी
१५॰ स्वप्न का पर अच्छा नहीॊ होगी।
है ।
१६॰ फीभाय िीघ्र ही अच्छा होगा।
तऺक-प्रश्न-पर काभ-प्रश्न-पर
१॰ स्री सयर स्वबाव की १॰ गुप्त-प्रेभ कयती है ।
मभरेगी। २॰ सम्फन्त्धी से धोखे की उम्भीद
२॰ इच्छा ऩूयी होगी। कभ है ।
३॰ ऩुर होगा। ३॰ स्री सयर स्वबाव की मभरेगी।
४॰ ददन िुब यहे गा। ४॰ इच्छा ऩूयी होगी।
५॰ मह वर्व अच्छा यहे गा। ५॰ ऩर
ु होगा।
६॰ कुआॊ फन जामेगा। ६॰ ददन िुब नहीॊ है ।
७॰ बाइमों से अनफन यहे गी। ७॰ मह वर्व भध्मभ यहे गा।
८॰ मारा भें राब मभरना कदठन ८॰ गह
ृ -ननभावर् की काभना ऩयू ी
है । होगी।
९॰ ऩयदे िी अबी दे य से आमेगा। ९॰ बाइमों भें साधायर् भेर यहे गा।
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१०॰ खोमी वस्तु दे य से मभरेगी। १०॰ मारा से राब होगा।


११॰ कजव दे य से मभरेगा। ११॰ ऩयदे िी अबी नहीॊ आ यहा है ।
१२॰ मभर के साथ नही फनेगी। १२॰ खोई वस्तु मभर जामेगी।
१३॰ धचन्त्ता िीघ्र दयू होगी। १३॰ कजव मभर जामेगा।
१४॰ व्माऩाय से राब नहीॊ १४॰ मभर के साथ नहीॊ फनेगी।
मभरेगा। १५॰ धचॊता िीघ्र मभट जामेगी।
१५॰ तफादरे की आिा ऩूयी १६॰ व्माऩाय से हानन होगी।
होगी।
१६॰ स्वप्न का पर उत्तभ
होगा।
कार-प्रश्न-पर अनन्त्त-प्रश्न-पर
१॰ तीथव-मारा अबी नहीॊ हो १॰ भण्न्त्दय फनवाने की आिा ऩयू ी
सकेगी। होगी।
२॰ िुद्ध प्रेभ कयती है । २॰ तीथव-मारा कय सकोगे।
३॰ सम्फन्त्धी धोखा दे सकता है । ३॰ प्रेभ नहीॊ कयती है ।
४॰ स्री अच्छे स्वबाव की नहीॊ ४॰ सम्फन्त्धी धोखा नहीॊ दे गा।
मभरेगी। ५॰ स्री उत्तभ स्वबाव की मभरेगी।
५॰ इच्छा ऩूयी होने भें दे य है । ६॰ इच्छा ऩूयी होगी।
६॰ कन्त्मा होगी। ७॰ ऩर
ु होगा।
७॰ ददन िुब यहे गा। ८॰ ददन िुब नहीॊ है ।
८॰ मह वर्व अच्छा नहीॊ यहे गा। ९॰ मह वर्व भध्मभ है ।
९॰ कूऩ अबी दे यी से फनेगा। १०॰ कूऩ-ननभावर् की आिा िीघ्र ऩयू ी
१०॰ बाइमों भें भेर कभ यहे गा। होगी।
११॰ मारा से राब नहीॊ यहे गा। ११॰ बाइमों से नहीॊ फनेगी।
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१२॰ ऩयदे िी अबी नहीॊ आमेगा। १२॰ मारा से राब मभरेगा।


१३॰ खोई वस्तु मभरना कदठन १३॰ ऩयदे िी आ यहा है ।
है । १४॰ खोमी वस्तु नहीॊ मभर सकेगी।
१४॰ कजव मभरने भें सन्त्दे ह है । १५॰ कजव िीघ्र ही मभर जामेगा।
१५॰ मभर के साथ अच्छी फन १६॰ मभर से फनना भण्ु श्कर है ,
जामेगी। सावधान।
१६॰ धचॊता कुछ सभम फाद
मभटे गी।

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यभर प्रश्नावरी

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