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आप्ययायन्तत ममयाङयानन वयाकक पयाणश्चकतक शश्रोत-मथश्रो बलनमनन्न्द्रिययानण च सवयार्वानण । सवर्वामक ब्रहश्रोपननशदमक । मयाहह ब्रह ननरयाकतययार्वामक ।मया मया ब्रह ननरयाकरश्रोतक ।

अननरयाकरणमस्त्वननरयाकरणहममेऽस्तत ।तदयात्मनन ननरतमे य उपननशत्सत धमयार्वास्तमे मनय सन्तत तमे मनय सन्तत ॥

ॐ शनन्तक शयानन्तक शयानन्तक ॥

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