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नाथरू ाम गोडसे और गाँधी---- भाग १
नाथूराम गोडसे एक ऐसा नाम है जिसको सुनते ही लोगो के मजततष ्क मं एक ही विचार आता है कक गाँधी का हत्यारा। हमारे
इततहास मं भी गोडसे का इततहास एक ही पंजतत मं समाप्त हो िाता है । गोडसे ने गाँधी वध तयं ककया, इसके पीछे तया
कारण रहे , इन बातं का कही भी व्याख्या नही की िाती।
गोडसे ने गाँधी के वध करने के १५० कारण न्यायालय के समक्ष बताये थे। उन्िंने जज से आज्ञा प्राप्त कर ली थी कक वे
अपने बयानं को पढ़कर सुनाना चािते िै । अतः उन्िंने वो १५० बयान माइक पर पढ़कर सुनाए। लेककन कांग्रेस सरकार ने
(डर से) नाथूराम गोडसे के गाँधी वध के कारणं पर बैन लगा हदया कक वे बयां भारत की जनता के समक्ष न पिुँच पायं।
गोडसे के उन बयानं मं से कुछ बयान क्रमबद्ध रूप मं , मं लगभग १० भागं मं आपके समक्ष प्रस्तुत करूंगा। आप स्वं िी
ववचार कर सकते िै कक गोडसे के बयानं पर नेिरू ने क्यो रोक लगाई ?और गाँधी वध उचचत था या अनचु चत।
अनुच्छे द, १५ व १६.............................."इस बात को तो मै सदा बबना छछपाए किता रिा िूँ कक मं गाँधी जी के
ससद्धांतं के ववरोधी ससद्धांतं का प्रचार कर रिा िूँ। मेरा यि पण
ू ण ववशवास रिा िै कक अहिंसा का अत्यचधक प्रचार हिद ू जाछत को
अत्यन्त छनबणल बना दे गा और अंत मं यि जाछत ऐसी भी निी रिे गी कक वि दस
ू री जाछतयं से ,ववशेषकर मुसलमानं के
अत्त्याचारं का प्रछतरोध कर सके।"-------------------------------------------------------------------"िम लोग गाँधी जी कक
अहिंसा के िी ववरोधी िी निी थे,प्रत्युत इस बात के अचधक ववरोधी थे कक गाँधी जी अपने कायं व ववचारं मं मुसलमानं का
अनुचचत पक्ष लेते थे और उनके ससद्धांतं व कायं से हिंद ू जाछत कक अचधकाचधक िाछन िो रिी थी।" ---------------------------
क्रमशः