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1/1/2019 (21) Deepak Kumar - रोना हीं तो भगवान के िलए ही रोय..... ह रबाबा से...

*भ के 64 अंग*

*1. गु के चरणों म आ य हण करना


2. उनसे दी ा ा करना
3. गु की सेवा
4. स े धम की िश ा और िज ासा
5. साधुजनों के माग का अनुसरण
6. कृ से ीित के िलए भोग िवलास का ाग
7. कृ तीथा म िनवास
8. िनवाह मा के िलए व ु हण करना
9. एकादशी उपवास
10. आं वला, पीपल, िव और वै व का स ान
11. सेवा अपराध और नाम अपराध से दू र रहना
12. अवै व के संग का ाग
13. अनेक िश न बनाना
14. अनेक ंथों का आं िशक अ यन और ा ा आिद की कला का वजन
15. लाभ और हािन म समबु
16. शोकािद के वशीभूत न होना
17. अ दे वताओं की िनंदा न सुनना
18. अ शा ों की िनंदा न सुनना
19. िवषय-भोग की चचा न सुनना
20. िकसी भी ाणी को शरीर, मन और वाणी से दु ख न दे ना
21. वण
22. कीतन
23. रण
24. पूजन
25. वंदन
26. प रचचा
27. दा
28. स
29. आ िनवेदन
30. ीिव ह के सामने नृ करना
31. गीत
32. िव अथात अपने भावों को भगवान के स ुख कहना
33. द वत णाम
34. अ ु ान अथात भगवान या भ पधार रहे हों तो उठकर खड़े होना या आगे बढ़कर स ान करना
35. अनु ा अथात भ या भगवान या ा कर रहे हों तो पीछे -पीछे कुछ दू र तक जाना 36. तीथ और मंिदर म गमन
37. प र मा
38. व पाठ
39. जप
40. संकीतन
41. भगवान को िनवेिदत माला, धूप, और गंध हण करना
42. महा साद सेवन
43. भगवान की आरती और उनके महो वों का दशन
44. ीमूित दशन
45. अपनी ारी व ु भगवान को अपण करना
46. ान
47. तुलसी सेवा
48. वै व सेवा
49. मथुरा आिद म वास
50. ीम ागवत का आ ादन
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1/1/2019 (21) Deepak Kumar - रोना हीं तो भगवान के िलए ही रोय..... ह रबाबा से...

51. कृ के िलए ही अपनी सारी चे ाएं करना


52. उनकी कृपा के िलए ती ा
53. भ ों के साथ भगवान के ज ो व मनाना
54. सब तरह की शरणागित
55. काितक आिद तों का पालन
56. वै व िच धारण करना
57. ह रनाम के अ रों को शरीर पर धारण करना
58. िनमा अथात भगवान की माला आिद व ुएं धारण करना
59. चरणामृत पान
60. स ंग
61. नाम कीतन
62. ीम ागवत का वण
63. मथुरा म वास
64. ापूवक ीमूित की सेवा।*
हरे कृ ा

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