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 जय श्री कृष्

 वविधी कई प्कका क ोतीी ो ाकधक 21 ददिन बोती मेनोनी काीक ो ेनवकन बही बका कतई अोनुभववि नों
ोतीक कयोवक िफदटक मेकेक ांिककााी ोतनक चकवो मेकेक ांिकका ान मेकेक जकरी ोत जकीी ो साी ीाो
अोप्ााक यंत् वी ाोी वविधध ान वनमेक्् वकयक ा वफा प्कनप्वीधरी ोतनक चकवो ,यंत् प्कनप्वीधरी ोतनन ान
जब साक ि्कपनक ाकधनक कन पोेन ददिन काीन ोै साी ामेय अोप्ााक शकक तप मेन यंत् मेत ि्कवपी ोत जकीी
ो ,ीवी जकका ाकधनक मेन ाकधक कत अोनुभववि ोतनक शुभर ोतीन ोै ंयकदिकीा ाकधक ाकमेवरयो कत ाोी ीाीक़न
ान ांिककााी ा प्कनप्वीधरी नों का पकीन जजाान सनोत कतई अोनुभववि नों ोत पकीक वफा 21 ददिन क
मेनोनी खाकब कानन कन पशकी दितबकाक ाकमेरी ीयका काविकीन ोै ाके कृपयक ाकमेरी कत पोेन ीयका का
ेत वफा ाकधनक शुभर कात......
 अोप्ााक ाकधनक ( Aspara Sadhna)
 आप ावी ाकधक वकईयो कत मेनाक ाकदिा प््कमे ,मेै जत अोप्ााक ाकधनक वविधध आपकत बीक ाोक ह यो ावी
अोप्ााकओ क ाकधनक मेन ककमे आऐगी ,बोती ान ेतग धमेेीी जुभेीी ाकधनक वविधध बीक ाकीन ो सामेत
कतई पानशकनी नों ोै वविधध चकोन क जाी ोत यक अोेग ोत ाबान मेोत्विपू्् जकप ोतीक ो अोप्ााक ीत योकँ
ीक कोीी ो वक जकप कन आगन वकाी कमेी ान फक् नों पडीक आपकन जकप ोी विो ाकिीक बनकीन ोै जजनान
प्त्यक्षीका् ोतीक ो.
 ाकविधकनी विं वनयमे
 1 ोमेनशक ाुभा्षक चक बनकका ोी ाकधनक कात,
 2 ाकधनक कके मेत ेतगो ान ाकधनक कन वविषय मेत बकी नक कात.
 3 बृोमेचय् कक पकेन कात.
 4 जजीनक ोत ाकन ददिन मेत अोप्ााक क ीिविीा पा त्कटक कात वफा आँख बंदिका साी ीिविीा कत अोंदिा दिन खनन
क कतकशश कात..
 5 ाकी मेत अोप्ााक कन के कुभछ धमेठकई कमेान कन बकोा कों वी ाखत ा ाुभबो दिन खत धमेठकई कक ांग बदिेक ो
यक धमेठकई गकयब ो
 6 ातज मेंददिा मेत अोप्ााक कन नकमे कक दिीपक जेकका आयन यददि कतई आवका नक ोत ाोक ोत ..
 7 खुभदि कत ीकेीफ दित जान ाकधनक कके म़न सपविका ाख ेत यक नंगन पा मेंददिा जकऐ , क पा पा 1 मेकेक
खड़न ोतका जकप कात
 8 ातज अोप्ााक ान दिश्न दिन नन क प्क््नक कात
 9 ातज ोविन कात ोविन मेत नद ओा कुभबना कन नकमे क वी आहवी दित ा प्क््नक कात वक विन अोप्ााक कत आज्ञक
दित काधदिी दिन नन कन के
 10 ाकधनक ान पोेन ोक् पा कन नकखून कटक दित ाकफ शाीा का ेत ,दिकढी ाख ाकीन ो कतई पानशकनी नों

 11 शकमे कत ाकधनक कन पोेन अोविश्य िनकन कात.
 12 ाकधनक कन न 21 ददिनो मेत वकाी कन घा व्यककगी ीौा पा खकनक नक खकयत ा यददि खकनक पड़न ीत ा
बकी कक वविशनष धयकन ाखत क सा घा मेत मेकंाकोका नक खकीन ोत ,
 13 दूाान व्यकक कन कपड़त नक पोनन ,वकाी कत छू ऐ नों बनविो ,कमे बतेन शकंी ाोन
 14 ाकधनक काीन ामेय नयी धतीी यक टकविे ेपनटका ाकधनक कात ,गंदिन यक पुभाकनन कपड़न नक पोनन ,कयोवक ोा
ातज नयन कपड़त नों खाीदि ाकीन ाके टकविे
 यक ेूंगी ेपनटका का ाकधनक कात ददिन मेत टकविे धत ेन ाकी कत वफा ेपनट ेत टकविे मेतटक नों पीेक पीेक
यक ाफनदि खाीदि ेकयन.......
 15....अोप्ााक क ित्ी ो ाके श्रृंगका क ्तड़ी बही ाकमेरी वी ेकका ाखत,
 16 जजा ीाो क खूबाूाी ित्ी कन के बचनन ोत जकीन ोै साी ीाो अोप्ााक कन के बचननी ोतनक चकवो
,जत अोप्ााक क .ीिविीा आप ाकमेनन ाखीन ोै साी तप मेत सनकन दिश्न कन के ेगकीका फतटत पा ंयकदिक ान
ंयकदिक त्कटक कात
 17 यन 21 ददिन ददिन ाकी अोप्ााक कक नकमे ेनका वबीकयन अोप्ााक ान बकी कात अोपनी ोा ामेियक बीकीन ाोत
जान वित आपकन ाक् ोी ोै
 18 ोा पे अोप्ााक कन के ीड़पन जान वित आपकन ाक् ाकेो ान ्ी ा अोचकनक कों चेी गई ो
 19 ाकधनक कके मेन वकाी दूााी ित्ी कन ख्यके मेन डू बनन क गेीी नक कात ,ाकवत् मेत जकप ान पोेन यक बकदि मेत
वकाी ित्ी ान फतन पा बकी नक कात अोप्ााक आपकन पका ोी ोतीी ो विानक विो आपकत दूााी ित्ी कन ीाफ
मेन ेगक दिन गी ओा ाकधनक वंग ोत जकऐगी....
 20 ाकधनक कन ामेय 5 नंबू अोपनन पका ाखत यददि अोप्ााक कतध मेत आ जकयन ीत क क नंबू ककटीन जकऐ
ा अोप्ााक कत कोीन जक बके िविीकका कात.... श्रृंगका ,धमेठकई, फूे ाकमेनन ाखन यददि वफा वी कतध शकंी
नक ोत ीत दिं डविी अोप्ााक कन ाकमेनन ेनट जक ा ा शकंवी कन के प्क््नक कात
 21 अोप्ााक वकाी कक अोवनिष नों काीी ाके डान नों सनकत प्ान कानन कन के प्यका कात......
 22--ावी प्मेुभख अोप्ााकओ कन मेंत् दिीयन जक ाोन ोै नीचन जजा अोप्ााक क ाकधनक आप कानक चकोीन ोै
सनकक मेंत् चुभन ेत ओा नीचन दिी वविधी अोनुभाका ाकधनक कात ,ावी अोप्ााक क ाकधनक ाी वविधी ान कात,
वविधध मेत जोकं जोकं वी अोमेुभक शब्दि केखक ो विोकँ आप सा अोप्ााक कक नकमे ेत जजनक ाकधनक आप कानक
चकोीन ोै ( यो वविधी ाकमेकनय ाकधको कन के आाकन ा ामेझ मेत आ ाकन ऐाी बीकई गई ो जजाकत घा
मेत वकयक जक ाकन ाकन अोेकविक ोठयतग वविधध वी ोतीी ो जत जंगे मेत क जकीी ो ेनवकन सान क व्यकक
नों बललक गुभत ाक् ाोका ोी काविक ाकीन ोै खीानकक ोतनन क विजो ान सान गुभप्ी ोी ाखक गयक ो )
 जय श्री कृष् जनकक खुशी ी ई कक आप ीी अप्सर न ्सरनाकन क कन हने ेै इ्सर ्सरनाकन को क क क ललय
आप को गुर कक आपवशयक न ेो ी ेै यदद ेल ्सर कक्सरी को गुर नकन ेै ो वेी आप क गुर ेहेग यन
आप लशी व ,कृष्, ग्शी , कक्सरी एक को ीी गुर नकक ्सरनाकन क ्सरक ेै ्सरनाकन शी ुकल क क कक्सरी
ीी शी ुकवन ्सर शी ुर क ्सरक ेै नक् 11 बज ्सर ं् जन शी ुर क हे यन 12 बज ीी शी ुर क ्सरक ेै
्सरनाकन ्सर ेल ेलकन ीोजक क हे यन फलनेन लहे ,्सरनाकन क ेल. ूजक ्सरन गी ैयन क हे,जो इ्सर
प्रकन ेै ुगुलनब क फूल लगीग 5 ,कनर यल एक जो ू 21 ददक ख खकन ोज कयन कनर यल केीं लनकन
ेै नव की म िन क ल्सरफर 2 यन 3 ी्सर , ोज कय.गुलनब कन इ् , ंहगव( दूा, देी, घी,जल,शी ेद,गौ ू्)
कनम श्र्),जल,्सरन्टड अग ब्ी,
 ेवक ्सरन गी. ेवक कुंड,स्सरंदू , अस्टगंा,हनवल, क ू , दी क, एक ीलन क ड़न, आप्सरक ,स्फदटक
नलन, त्क यन गो ी हक ,अप्सर न यं् ,अप्सर न की फोटो
 कवाी अकु्सरन ूजक क हे कफ ेवक ्न आप ी क हे कफ अप्सर न को हढ़न म िन स्वयं खन ल कफ ्सरो
्सरक ेै ज प्रक ददक 21 नलन 21 ददक क हे आपखख ी ददक ीी ेवक क हे और ूजक कन कनर यल ेवक हे
डनल दहे यदद अप्सर न प्रत्यक ेो ो म िन द व गुलनब क फूल की नलन ेकनय वहक लहे अप्सर न 21 ददक
क ेल ीी आप जनय ो ्सरनाकन ू 21 ददक क हे
 यदद अप्सर न अप्रत्यक र आपय ो ीी वहक ल यदद अप्सर न केीं आपय और स्व क ददख ो ीी
्सरनाकन ्सरफल ेो ी ेै
 कक्सरी ्सरनाक को अप्सर न कबकन ेक ककय ्सरन क. केीं आप ी ेै कवश्वन्सर क हे ,शी ंकन ्सर ्सरनाकन ्सरफल केीं
ेो ी
 23--Apsara sadhana यक वकाी वी ाकधनक कन ामेय अोपनन चकाो ओा ाुभा्षक चक कान बनकयन -मेंत् ा
वविधध | ोक् मेत ाकई कन दिकनन ेत ा नीचन केखन मेंत् कत बतेीन जक ा अोपनन चकात ीाफ कमेान मेत ाकई कन
दिकनन फतक दिन ,यक क चककू ेनका नीचन केखक मेंत् बतेीन जक ा चककू ान जमेीन पा अोपनन चकाो ओा क
ेकईन ान गते घनाक बनक ेत विं जकप काीन ामेय घनान कन बकोा नक आयत ::
 तांत्रोक भैरव कवच ||
 ोित्कान मेोकचकन कपू्ाधविेन गुभतु |
 पकीुभ मेकं बटुभ कत दिन वित वाविु ावि्कमे्ाुभ ||१||
 पूवि्ियकमेकाीकंगत मेकं ददिकश ा्षीुभ ावि्दिक |
 आग्ननयकं च ततु पकीुभ दिक्ष्न चण्ड वाविु ||२||
 नॠत्यकं कतधनु पकीुभ सनमेतु पकीुभ पकशमेन |
 विकयव्यकं मेकं कपकेी च वनत्यं पकयकी् ाुभानश्वाु||३||
 वीष्त वाविु पकीुभ सताकियकं ीुभ ावि्दिक |
 ांोका वाविु पकयकदिीशकनयकं च मेोनश्वाु ||४||
 ऊधविर पकीुभ वविधकीक च पकीकेन ननदिकत वविवुभु |
 ाद्यतजकीिीुभ मेकं पकयकी् ावि्ीत दिन विानवविीु||५||
 ाकमेदिन वित विनकनीन च विनन घतािी्कविीुभ |
 जेन ीत्पुभतषु पकीुभ ि्ेन ईशकन वि च ||६||
 डकवकनी पुभत्कु पकीुभ पुभत्कन् मेत ावि्ीु प्वुभु |
 ोकवकनी पुभत्कु पकीुभ दिकाकिीुभ ेकवकनी ाुभीु||७||
 पकीुभ शकवकवनकक पुभत्ु ानयं वि ककेवाविु |
 मेककेनी पुभत्कु पकीुभ पशूनश्वकन् गंजकिी्क ||८||
 मेोकककेतऽविीुभ ्षनत्ं कश्रयं मेन ावि्ीत वगाक |
 विकद्यमे् विकद्यवप्यु पकीुभ वावित वनत्याम्पदिक|
 JAY SHREE KRISHNA
 मेंत् जपीन ामेय मेकेक मेन जत ाुभमेत न ोतीक ोै साकत ेकंघनक नों ो जब दुााी मेकेक शुभत ोत ीत मेकेक कन
आखखाी
 दिकनन कत पोेक दिकनक मेकनका जप कात, ाकन के आपकत मेकेक कत अोंी मेन पेटनक ोतगक। ा वकयक कक
बठका पोेन ान अोभयका का ेत। पूजक ाकमेरी:- कानदुा, चकविे, गुभेकब पुभषप, चौक , नविध, पीेक आान,
धतीी यक कुभीक् त्, जे पकत् मेन जे, चम्मेच, मेतेी/केकविक, अोगाबती, दिन शी घी कक दिीपक, चनदिन, कनशा,
कुभम्कुभमे,अोिषगनध
 ववधध :
 पूजन कन के नोकधतका ाकफ-ाुभ्ान आान पा पूवि् यक सता ददिशक मेत मेुभो
ं काकन बठ जक ।ं
 अब अ की शी ुखधद क ललए आपह क क हे
 ेनथ हे जल ललए ईए आप इक ं्र क ्सरनथ धयनक क हे ॐ कशी वनय क : ॐ कन न्नय क : ॐ नावनय
क : ॐ हषीकशी नय क : और जल को ीक बन हे ीक बूंद ीय इ्सर प्रकन आपह क क क ्सर आप शी ुधद
ेो जनऐंग,ाकमेरी अोपनन पका ाख ेत। बकयत ोक् मेन जे ेनका, सान दिकवोनन ोक् ान ढक ेत। मेंत्तच्चका् कन
ाक् जे कत काा, शाीा ा पूजन ाकमेरी पा धछड़क ेत यक पुभषप ान अोपनन ऊपा जे कत धछडकन।
 ा मेनत् कत बतेीन ह ावी ाकमेवरयो पा जे धछड़कन ऐाक कानन ान ाकमेरी कन ावी अोशुभखधदियक दूा ोत
जकीी ोै ा मेंत् कक सपयतग ावी पूजन ा ाकधनकओ मेन ाकमेवरयो कत शुभधदि कानन मेत का ाकीन ोै -
ॐह्रं वत्पुभदट वत्पुभदट कठ कठ आकवचकााक-दितषं क टपींगकददििपृिषदितषं वकयकददिदूवषीं ोन ोन नकशय नकशय
शतषय शतषय हं फट् िविकोक.
 ॐ अोपववित्ु पववित्त विक ाविक्विि्कं गीतऽवप विक।
 यु िमेानी् पुभण्डाीकक्षं ा बकह्यकभयनीाु शुभधचु॥
 (वनम्नकेखखी मेंत् बतेीन ह कशखक कत गकंठ ेगकयन / िपश् कान)
 ॐ धचदूवपक् मेोकमेकयन! ददिव्यीनजुामेनननविीन। वीर दिन ववि!
 कशखकमेधयन ीनजतविृदद्धिं कुभतषवि मेन॥
 (अोपनन मेक्न पा कुभंकुभमे यक चनदिन कक वीेक कात)
 ॐ चनदिनिय मेोत्पुभण्यं, पववित्ं पकपनकशनमे्।
 आपदिकं ोाीन वनत्यं, ेक्ष्मेीसिीरवी ावि्दिक॥
 (अोपनन ाीधन ोक् ान आान कक कतनक छुभ ा कोन)
 ॐ पृथ्विी! त्वियक धृीक ेतकक दिन ववि! त्विं वविष्ुभनक धृीक। त्विं च धकाय मेकं दिन ववि! पववित्ं कुभत चकानमे्॥
 ांकलप:- दिकवोनन ोक् मेन जे ेन। मेै ……..अोमेुभक……… गतत् मेन जनमेक,……… ………. योकँ आपकन वपीक कक
नकमे………. ……… कक पुभत्……………………….. वनविकाी…………………..आपकक
पीक………………………. आज ावी दिन विी-दिन विीकओ कत ाक्षी मेकनीन ह अोप्ााक क पुभजक, ग्पीी ा
गुभत जी क पुभजक अोमेुभक अोप्ााक कन ाक्षकी दिश्न क अोकवेकषक ा प्नधमेकक तप मेन प्कननप्ी कन के का ाोक
हँ जे ा ाकमेरी कत छतड़ दिन ।
 ऋषयकददिनयका:
 ॐ श्रीमेककरडनयमेनधाऋवषभयकं नमे: - कशाका ( मेंत् पढीन ह ाा कत छुभ )
 ॐ गकयत्ीयकददि नकनक वविधछनदितभयत नमे: - मेुभखन ( मेुभख कत छुभ )
 ॐ वत्शककरवप्ी चलण्डककदिन विीकय नमे: - हृदियन( हृदिय कत छुभ )
 ॐ ऐ बीजकय नमे: - गुभोनय (जकंघ पा छुभ )
 ॐ हृं शकयकय शकय - पकदियत (पाो कत छुभ )
 ॐ कें क ेककय नमेु - नकवौ (नकवी कत छुभ )
 ॐ मेमे चचंवीीाकेमेनता् काद्धिय्र जपन वविवनयतगकय नमे: ाविक्ङगन (ाा ान पा ीक ोक् घुभमेक )
 कानयका:
 ॐ ऐ अोंगुभ"ठकभयकं नमे: ॐ हृं ीज्नीभयकं नमे: ॐ कें मेधयमेकभयकं नमे: ॐ ऐ अोनकधमेककभयकं नमे:
 ॐ हृं कवनरीककभयकं नमे: ॐ कें काीेकापृरकभयकं नमे:
 हृदियकददिनयका:
 ॐ ऐ हृदियकय नमे: ॐ हृं कशाान िविकोक ॐ कें कशखकय विषट् ॐ ऐ कविचकय हमे् ॐ हृं ननत्त्यकय विौषट्
 ॐ कें अोित्कय फट्
 ददिङ् नयका:
 ॐ ऐ प्कच्य नमे: ॐ हृं आग्ननय्य नमे: ॐ कें दिक्ष्कय नमे: ॐ ऐ नॠत्य नमे:
 ॐ हृं प्वीच्य नमे: ॐ कें सधकवि्य नमे: ॐ हृं कें वूम्य नमे:
 (आान पा बठन -बठन ावी ददिशकओ मेत ोक् घूमेकऐ )
 ाी प्कका कुभछ मेूे मेंत् कन अोवीााक कुभछ वविशनष मेनत्ो ा मेुभदकओ क वी अोवनविकय्ीक ोतीी ो.पकंच
मेुभदकओ कक १०-१० ानकतड प्दिश्न कानन ान वी अोनुभकूेीक धमेेीी ो .य्क
 दिं ड, मेत्िय, शंख, अोवय ा ह्रदिय मेुभदक
 ग्पवी कक पूजन कात।
 ावि् मेंगे मेकंगलयन कशविन ाविक्््ाकधधकन। शाण्यन त्यंबकन गौाी नकाकयक् नमेतअोिीुभीन ॐ श्री गकयतय नमेु। ॐ
काजद्धि बुभजद्धिावोीकय श्रीमेनमेोकग्कधध पीयन नमेु। ॐ ेक्ष्मेीनकाकय्कभयकं नमेु। ॐ समेकमेोनश्वाकभयकं नमेु।
ॐ विक्ीवोाण्यगवक्भयकं नमेु। ॐ शचीपुभानदिाकभयकं नमेु। ॐ ाविरभयत दिन विनभयत नमेु। ॐ ाविरभयत ब्रकह्म्नभयत
नमेु। ॐ भ्रं वाविकय नमेु
 वफा। गुभत पुभजन का ेत
 ॐ गुभतब्र्ह्मक गुभतुविंष्ुभु गुभतदिर वित मेोनश्वाु। गुभतु ाक्षकी पा ब्रह्म ीिमे श्रीगुभाविन नमेु ॥ ॐ श्री गुभत
चा्कमेेनभयत नमेु। ॐ श्री गुभाविन नमेु। आविकोयकधमे, ि्कपयकधमे, धयकयकधमे।

 गनय्ीदवी ्सर प्रनथरकन क हे अप्सर न ल्सरधदी क ललए- ॐ ीूीुरव: स्व: त््सरकव ुवर ण्यं ीग् दवस्य ाी के मायो
यो क: प्रहोदयन ् ुु

 अोब अोप्ााक कक धयकन कात ा ातचन क वित आपकन ्सरन क ेै और उक्सर प्रनथरकन क कन ेै ाक् ोी यो मेंत्
 “ॐ ह्रं श्रं कें श्रं अोमेुभक अोप्ााक आगच्छ आगच्छ िविकोक”
 मेंत् कक 11 बका सच्चका् कात
 न गुभेकबत कन ावी गनध ान वीेक कान। ा िवियँ कत वी वीेक का ेत।
 ॐ अोपूवि् ाौनदियकय, अोप्ााकय काद्धियन नमेु। मेतेी/केविक चढकयन :
 विित्मे् ामेप्यकधमे ॐ अोमेुभक अोप्ााकय नमेु (अोमेुभक कन ि्कन पा सा अोप्ााक कक नकमे ेत जजाक ाकधनक
का ाोन ोै ) कपड़क चढकयन
 गुभेकब कक त् चढकयन : गनधमे ामेप्यकधमे ॐ अोमेुभक अोप्ााकय नमेु
 वफा चकविे (वबनक टुभ टन) : अो्षीकन् ामेप्यकधमे ॐ अोमेुभक अोप्ााकय नमेु
 पुभषप : पुभषपकक् ामेप्यकधमे ॐ अोमेुभक अोप्ााकय नमेु
 अोगाबती : धूपमे् आघ्रकपयकधमे ॐ अोमेुभक अोप्ााकय नमेु
 दिीपक (दिन शी घी कक) : दिीपकं दिश्यकधमे ॐ अोमेुभक अोप्ााकय नमेु धमेठकई ान पुभजक कात।:
 नविनद्यं वनविनदियकधमे ॐ अोमेुभक अोप्ााकय नमेु वफा पुभजक ाकमेप्ी ोतनन पा ावी धमेठकई कत िवियँ ोी रो् का
ेत।
 कुभबना वगविकन ान प्क््नक कात वक वित अोप्ााक कत अोनुभमेवी दित आपकत काधदिी दिन नन क ा यो मेंत् पढन ----
ॐकुभबना यक्षण्य धन धकनय िविकधमेनय धन धकनय ामेृजद्धि मेत दिन वो दिकपय िविकोक
 अोब नद ा ावी अोप्ााकओ ान प्क््नक कात वक वित अोमेुभक ( अोमेुभक कक अो्् विो अोप्ााक जजाक ाकधनक
आप का ाोन ोै) अोप्ााक कत अोनुभमेवी दित
 पोेन अोप्ााक विशीका् मेंत् क िफकदटक क मेकेक ान 11 मेकेक जपन ा ऐाक 21 ददिन कानक ोै।
 ॐ कें अोमेुभक अोप्ााकय मेमे विश्मेनकय कें फट
 अोमेुभक कन ि्कन पा जजा अोप्ााक क ाकधनक का ाोन ोै साकक नकमे ेत
 ाकन बकदि मेूे मेंत् क 21 यक 51 यक 101 मेकेक ाकमे्् अोनुभाका जप काकन अोप्ााक कत मेंत् जप ामेुपंी
का दित ।जप कन बकदि मेन यो मेकेक कत पुभजक ि्कन पा ोी ाख दित । जकप कन बकदि आान पा ोी 15 धमेनट आाकमे
कात !
 ोतमे-वनत्य प्वी कन जप कक दिशकंश ोविन वनत्य कानक चकवो जान 2100 बका जप वकयक ीत 210 दिशकंश
हआ ीत 210 बका ोविन कात ेवक की कवमा आपग दी ग ेै
 ीप््-ोविन कानन कन बकदि बड़न बी्न मेत यक वकाी कटताी मेत ोविन क मेकत् कक दिशकंश ीप्् कान. जान 210
बका ोविन वकयक ीत 21 बका ीप्् कानक ो, क बी्न यक कटताी ेत साकत अोिषगंध,कपूा ,दूविक् आददि
धमेकश्री जे ान वा दिन ा जत वी दिन विीक यक दिन विी ोत साकक नकमे ेनका‘ीप्यकधमे नमेु’ को का जे
अोुपंी कात जान साविशी अोप्ााक ीप्यकधमे नमे:
 मेकज्न-ीप्् कन बकदि साक दिशकंश ांख्यक “अोकववषनचकधमे नमेु’ कोका जे जत बी्न मेत ाखक ो जजाान
ीप्् वकयक ो साी ान अोपनन मेिीक पा छुभ यो मेकज्न कोेकीक ो.
 पू््मेदिुपू््धमेदिं पू्क्त्पू््मेुभदिच्यीन।
 पू््िय पू््मेकदिकय पू््मेनविकविकशषयीन॥
 वफा गुभत पूजक काकन अोपनन िष क आाीी कात... जय कशवि ओमेककाक यक जय जगदिीश ोान।
 ्षमेक-प्क््नक
 अोपाकधाोित्कक् वकयनीनऽोुनंशं मेयक। दिकातऽयधमेवी मेकं मेत्विक ्षमेिवि पामेनश्वाा॥1॥
 आविकोनं न जकनकधमे न जकनकधमे वविाज्नमे्। पूजकं चवि न जकनकधमे ्षम्यीकं पामेनश्वाा॥2॥
 मेनत्ोीनं वकयकोीनं वककोीनं ाुभानश्वाा। यत्पूजजीं मेयक दिन ववि पाापू्् ीदििीुभ मेन॥3॥
 अोपाकधशीं कृत्विक जगदिम्बनवी चतच्चानी्। यकं गतीं ामेविकपननवी न ीकं ब्रह्मकदिय: ाुभाक:॥4॥
 ाकपाकधतऽसिमे शा्ं प्कप्ीित्विकं जगदिमम्बकन। दिकनीमेनुभकम्प्यतऽों य्नच्छका ी्क कुभत॥5॥
 अोज्ञकनकवद्वििमेृीनभ्र्ाकनत्यक यननयूनमेधधकं कृीमे्। ीत्ावि् ्षम्यीकं दिन ववि प्ाीदि पामेनश्वाा॥6॥
 ककमेनश्वाा जगनमेकी: ालच्चदिकननदिवविरोन। गृोक्कचक्धमेमेकं प्ीत्यक प्ाीदि पामेनश्वाा॥7॥
 गुभह्यकवीगुभह्यगतप्त्ी त्विं गृोक्किमेत्कृीं जपमे्। काजद्धिव्विीुभ मेन दिन ववि त्वित्प्ाकदिकत्ाुभानश्वाा॥8॥
 अो््
 पामेनश्वाा! मेनान द्विकाक ाकी-ददिन ाोित्ो अोपाकध ोतीन ाोीन ोै। यो मेनाक दिका ो- यो ामेझका मेनान सन अोपाकधो
कत ीुभमे कृपकपूवि्क ्षमेक कात॥1॥ पामेनश्वाा! मेै आविकोन नों जकनीक, वविाज्न कानक नों जकनीक ी्क
पूजक कानन कक ढं ग वी नों जकनीक। ्षमेक कात॥2॥ दिन ववि! ाुभानश्वाा! मेैनन जत मेनत्ोीन, वकयकोीन ा
वककोीन पूजन वकयक ो, विो ाब आपक कृपक ान पू्् ोत॥3॥ ाकडो अोपाकध काकन वी जत ीुभम्ोकाी
शा् मेत जक जगदिम्ब कोका पुभककाीक ो, सान विो गवी प्कप्ी ोतीी ो, जत ब्रह्मकददि दिन विीकओ कन केयन वी
ाुभेव नों ो॥4॥ जगदिमम्बकन! मेै अोपाकधी हँ, तकंीुभ ीुभम्ोकाी शा् मेत आयक हँ। ा ामेय दियक कक पकत् हँ।
ीुभमे जाक चकोत, कात॥5॥ दिन ववि! पामेनश्वाा! अोज्ञकन ान, वूे ान अो्विक बुभजद्धि भ्रकनी ोतनन कन कका् मेैनन जत
नयूनीक यक अोधधकीक का दिी ोत, विो ाब ्षमेक कात ा प्ान ोतओ॥6॥ ालच्चदिकननदििविरपक पामेनश्वाा!
जगनमेकीक ककमेनश्वाा! ीुभमे प्नमेपूवि्क मेनाी यो पूजक िविीकका कात ा मेुभझ पा प्ान ाोत॥7॥ दिन ववि! ाुभानश्वाा!
ीुभमे गतपनीय ान वी गतपनीय वििीुभ क ा्षक कानन विकेी ोत। मेनान वनविनदिन वकयन ह ा जप कत रो् कात।
ीुभम्ोकाी कृपक ान मेुभझन काजद्धि प्कप्ी ोत॥8॥
 अोंवीमे ददिन जब अोप्ााक दिश्न दिन ीत वफा धमेठकई त् ,गुभेकब मेकेक आददि अोुपंी कान ा अोपनन मेन कन
अोनुभाका विचन ेत।
 अोप्ााक काधदिी कक प्यतग कान कात..
 21 ददक की ्सरनाकन एक यज की े ेो ी ेै जज्सर क क क बनद आप ्सरनाक की श्र्ी हे ीी आप जन ेै
और योग्य ीी ,
 अब बन ी आप ी ेै ल्सरखधद क प्रयोग की , न हे 5 म कट अप्सर न की स्वी जो ्सरनाकन उ योग की थी
उ्सर ्नटक क हे ,अप्सर न को ू प्र ी ी कज र ्सर दखहे कबकन आपँख बंद ककय जब आपँखर ्सर आप्सरू आपक
लग ब आपँखर को बंद क क उ्सरी स्वी को अंद दखक की कोलशी शी क हे ......10 म कट प्रयन्सर क हे ो
ेलकी छवकव कज आपयगी जो ाी ाी अद शय ेो जनगगी....
 कफ अ की कोकन कन क ेी अप्सर न को ब नय जै्सर को कन रकन ई आप ेो यन को आप क
अकु्सरन केीं हल ेन ेो ो क हे एक दशय बकनय की वे वलक आप क अकुकूल हल ेन ेै यन जो कन
रकन थन ेो गयन ेै और अब आप कै्सर खुशी ी कन े ेै और क हे ्सरोह ्सरोह लट जनए और ्सरो
जनए...... आप क अप्सर न क कवषय हे जो स्वी बकनक की कोलशी शी की उ्सर्सर अप्सर न जनक जनगगी की आप
अप्सर न को प्रत्यक क क कन प्रयन्सर क ेहे ेै ्सरनाकन क बनद ीी ......
 दू्सर ी बन आप क ्सर स्यन क ेल ेो जनक की खुशी ी कनक क कवषय धयनक क क ्सर अप्सर न आप की
्सर स्यन को ्सर झ जनगगी और ्सर स्यन को खत् क दगी अगल ददक ्सरुबे ्सर आप को आप क कन
आप्सरनक ेो कज आपऐंग......और कुछव ्सर य क ्न अप्सर न क दशी रक ीी ेरग .......जय श्री कृष्
 ्सरीी प्र ुख अप्सर नाओं क ं्
 1.नककवदिश्नक मेंत्- 'ऊँ हीं कनभीदशी रकनय हीं प्रत्यक प्रगटनय फट् ।।
 2. वीेततमेक अोप्ााक-पवि्ी कशखा पा ाकधन ोतीक ो ी्क ाकंय प्दिकन काीी ो।
 मेंत्- 'ॐ श्री वीेततमेन आगच्छकगच्छ िविकोक।
 3. कुभंडेक ोकाा्ी अोप्ााक-धन वि ााकयन प्दिकन काीी ोै। ाकधनक पवि्ी कशखा पा क जकीी ो।
 मेंत्- 'ॐ श्री ह्रं कुभंडेकोकाा्ी आगच्छकगच्छ िविकोक।'
 .4. ांवक अोप्ााक-घा मेत ककंी कमेान मेत ाकधनक क जकीी ो। धन, ाकंय वि ााकयन प्दिकन काीी ोै।
 मेंत्- 'ॐ ा: ांवन आगच्छकगच्छ िविकोक।'
 5. सवि्शी अोप्ााक- घा कन ककंी क्ष मेत ाकधनक क जकीी ो। ावी च्छक ं पू्् काीी ोै।
 मेंत्- 'ॐ श्रं सवि्शी आगच्छकगच्छ िविकोक।'
 जज्सर अप्सर न कन ं् आप को केीं न ेो उ्सरकन ं् इ्सर प्रकन ेोगन।।।।। ऊँ ही ऐ
…..अमुक…..अपसरा पतयक आगचछ आगचछ ही ऐ नमः।।।।( अमुक के सथान पर ककसी भी
अपसरा का नाम ले सकते है)
 अप्सर न ल्सरधद े ु लघुशयन न प्रयोगु
 ं् :
 ऐं क उचचछवछ हनण्डनललकी न ंकग ्सरवरवशी ंकर स्वनेन ु
 दीय गय यं् की प्रन्प्रक ्न क ,इ्सर ं् कन एक लनख ज क , ु ् ् ककयन जन न ेैुइ्सरक ्न
कक्सरी प्रीय अप्सर न की ्सरनाकन की जनग ो वे अप्सर न शी ीघ् ल्सरधद ेोक जीवक ी म ् , त्की यन बेक
र हे ेक ्सरनथ द ी ेै ुइ्सरललए कीय ूवरक दीय गय ं् को ल्सरधद क क अप्सर न ्सरनाकन क हे .....
 ्सरवरप्रथ शी ुी ह ु र दखक ्सरनाकन कन ददक और ्सर य हुक ुु
 कवककयोग :
 अस्य श्री लघुशयन न ं्स्य दकऋषकष: ककमहद् गनय्ी छवन्द :दवी लघुशयन न ऐं बीज स्वनेनं शी लक :
नखखलनभीछ ल्सरधदय ज कवककयोग :ु
 ऋषषयनददन्यन्सर:
 1.ऊँ दक ऋषषय क लशी ्सर ु
 2.ककहृद ् गनय्ीचछवन्द्सर क ुखु
 3. दवी लघुशयन न दव नय क हददु
 4.ऐं बीजनय क गु्ु
 5.स्वनेन शी कय क नदयो : ु
 6.कवककयोगनय क ्सरवनगग ु
 त्यनदद न्यन्सर:
 ऐं त्यै क ीूकेकर ु
 2.हीं प्रीत्यै क हदद ु
 कलीं को ीनवनय क नदयोु
 4.ऐं इचछवन शी कय क ुख ु
 5. हीं जनक शी कय क कण्ि ु
 6.कलीं ककयन शी कय क सलंग ु
 बन् न्यन्सर :
 1.द्रनं द्रव् बन्नय क लशी ल्सर ु
 2.द्रीं शी ोष् वन्नय क ुखु
 3.कलीं न क वन्नय क हदद ु
 4.ब्लूं ोेक वन्नय क गु् ु
 5.्सर:उम् नदक वन्नय क नदयोु
 बन्न्यन्सर क ्न कफ ्सर क न्यन्सर व हदय न्यन्सर क हेु न ृकन ,ल्सरधद कन व अप्सर न न्यन्सर क हेु
 न ृकन न्यन्सर: -(1) आपँ कन ब्रनह्मी कन्यनकनयै क ूके कु
 (2) कलन ेश्व ी कन्यकनयै क वन नं्सर ु
 (3) ऊँ ेनं कौ न ी कन्यकनयै क कनीौ ु
 (4) लृं षनं वन नेी कन्यकनयै क दक नश्वै ु
 (5) ग शी नं इन्द्रनभ् कन्यकनयै क दं कन्सर ु
 (6) औं वनं हन ुण्डन कन्यकनयै क ककुददु
 (7) अ लन ेनलक्ष् ी कन्यकनयै क हददु
 अप्सर न न्यन्सर :
 1.ऊँ कलीं उवरशी ी कन्यकनयै क ूधधधक ु
 2.ऊँ कलीं ककन कन्यकनयै क ललनट ु
 3.ऊँ कलीं म्ीन कन्यकनयै क दभक् क्ु
 4.ऊँ कलीं घृ नही कन्यकनयै क वन क्ु
 5.ऊँ कलीं ुजज कस्थलन कन्यकनयै क ुखु
 हंदक ाू दी ्सर ूजक क क उ्सर अप्सर न कन धयनक क हे जज्सरकी ्सरनाकन क कन हने ेै ,,
 ऊँ भ्कयन ी ्ककव नं सस् ुखी कीलोत् लनभी व नं , कयन लक कन ललप नद क लनं क्
्यललनल्सरकन ुु
 वी्न वनदक त् नं ्सरु्सर नं की चछव शयन लनं , न ंगी शी लशी शी ख न कु ीज नम्बुल ू्र क कन (्सरनाक कन
कन अप्सर न कन कन बोल)
 आप जज्सर अप्सर न की ्सरनाकन क कन हने ेै आपग ललख ं् हे न ंगी क बनद अप्सर न कन कन लकन ेै
और ्सरवन लनख ज की ्सरनाकन कफ 10000 ेवक आपईक कन ेवक यज क हे ,
 अब ये नँ न ंगी कन ं् ेै जज्सर्सर 5 यन जज की नलन ्सरनाक क ्सरकहे क ्सरक ेै

 "ऊँ ऐ नमः उचचछछ षाठ ााण्डल मातंगी " अपसरा का नाम" अपसरायें वशां कुरर सवाहा ।।।।साकक का
नाम ।।।।

 इ्सर ्सरनाकन क बनद ्सरनाक अप्सर न ्सरनाकन क ्सरक न ेै


 यन अप्सर न ्सरनाकन क ्सरनथ ेी ये ्सरनाकन क प्रक ददक 21 नलन न ंगी ं् की और 21 नलन अप्सर न
ूल ं् की जन क हे

 कक्सरी ीी प्रकन कन ेवक क क क ललए कुछव बन र कन धयनक खकन जर ी ेो न ेै , ेवककुंड म िी कन यन


कक्सरी ान ु कन ्सरी हेट कन हौ ुखन यन गोल ीी ेो ्सरक न ेै आपजकल कबजली कन ीी ेवककुंड बनजन हे
उ लब्ा ेै लककक उ्सर हे ीी ेल क ू ्सर अगगग्क जलनकन हनकेए कफ हने ो कवघु ्सर जलनय, ेवक की
लकड़ी आप की ्सरब्सर आप्सरनकी ्सर उ लब्ा ेो जन ी ेै इ्सरललए आप की ेी लकड़ी ल आपयहे ,ेवक ्सरन गी
हे घी ,फल,अन, ीिन, लकड़ी,और कुछव औरषाीय ौा क टु कड़ ेो ेै जो कक मड ड ेवक ्सरन गी क
ैकट हे ेल ्सर ेी म लन दीय जन ेै ेवक ्सरन गी हे कवगे लकड़ी ीी ेल ्सर म लन दी जन ी ेै
इ्सरललए आप बनजन ्सर ेी ैकट ल आपय और उ्सर हे घ घी , ू ्सरनबु हनवल जो टू ट फूट कन ेो, ज
,शी क ,म लन लहे,
 अब ेवक हे जजक ं्र ्सर ्सरन नन्य ौ आपईक यनं दी जन ी ेै वे इ्सर प्रकन ेै ……...1 .ॐ आपग्कय
क : स्वनेन-ॐ अगगग्कदव नम्योक : स्वनेन
 2..ॐ ग्शी नय क : स्वनेन,ॐ गौर यनय क : स्वनेन, ॐ कवगेनय क : स्वनेन, ॐ दगनरय क : स्वनेन, ॐ
ेनकनललकनय क : स्वनेन, ॐ ेकु क : स्वनेन, ॐ ीै वनय क : स्वनेन, ॐ कुल दव नय क : स्वनेन,ऊँ
कुलदवीयै क स्वनेन, ॐ स्थनक दव नय क : स्वनेन, ॐ ब्रह्मनय क : स्वनेन, ॐ कवष्ुव क : स्वनेन, ॐ
लशी वनय क : स्वनेन, ॐ जयं ी ग ं लनकनली ीद्रकनली क नललकी दगनर क न लशी वनान्ी स्वनेन, स्वान
क स् ुक स्वनेन, ॐ ब्रह्मन ु न ी क् ु नं कन ी ीनकु: कनदी: ीूम ्सरु ो बुा्: गुर् शी क शी कक नई क ो ्सरवराह
गेन शी नंक क : स्वनेन, ॐ गुरब्ररह्मन, गुरुरवंष्ु, गुरदराह वन ेश्व : गुर ्सरनकन ब्रह्मन स् ै श्री गुरव क :
स्वनेन,
 अब उ्सर ूल ं् को बोल ईए दशी नंशी आपईक यनं दहे जज्सरकन आप जन क े थ जै्सर आप ऊँ श्रीं हीं श्रीं
ेनलक्ष्म्यै क कन जन कन 10 नलन जन ककयन ो आप 1 नलन ऊँ श्रीं हीं श्रीं ेनलक्ष्म्यै क स्वनेन
बोलक ेवक क हेग , ं् कन दशी नंशी ेवक आपईक यनं दक क बनद आपग ककम्क ं् ्सर आपईक दकन ेै .
 ॐ तयम्बकं यजन े ्सरुगसन्ां ् ुकछवारक ्/ उवनररकम व बन्ाकनक् त्ृ यो ुरकीय न ृ न ् ृत्युन्जनय क :
स्वनेन,ऊँ ्सरवर क ृ क स्वनेन, ॐ शी ्नग दीकन र र ्न् नय्, ्सरवर स्थनुर ं े दकव कन नय्ी
क स् ु ु

ससवष्टकृत हष्टम : जनक-अकजनक हे ेवक क ्सर य जो ीी गल ी ेो गयी ेो, उ्सरक प्रनयभ् क र हे
गुड़ व घृ की आपईक दहे |

मंत्र – ॐ अग्नये ससवष्टकृते सवाहा, इदं अग्नये ससवष्टकृते न मम
 अब पलट हे बही ई ेवक ्सरन गी को ककम्क ं् बोल ईए ीक बन आपई ी दक खत् क दहे
 ॐ श्री य स्वनेन |
 (२) ॐ ीुवक य स्वनेन |
 (३) ॐ ीू नकनं य स्वनेन |
 ेवक क बनद कनर यल क अंद छवद क क थोड़न ्सरन घी डनलक उ्सरक उ स्सरंदू लगनक ,कलनवन
बनंाक , ्सरनथ हे लौग, ्सरु न ी, जनयफल ,म िन प्र्सरनद जो ीी आप क बकनयन ेै उ्सर कीह ललख ं् बोल
ईए ेवक कुंड हे अुर ं क ्सरक ेै
 ं् बोल- 'ॐ ू्र द: ू्रम द ् ु्नर ूण्य ुदचय , ु्स्य ू्र नदनय ् ू र ल कवल्सरस्य स्वनेनु
 ॐ शांकत: शांकत: शांकत: |
 अब अ क इछ दव न की आप ी क हे….
 जै्सर जय जगदीशी े ,यन जय अम्ब गौ ी…..
 क ुर गौ ं कर्नव न ं ्सरं्सरन ्सरन ं ीुजगन्द्रेन ं ्सरदनव्सरन् ं हदयन यवंद ीवं ीवनकी ्सरके ं क नम .
 भसमकारणम : यजकुंड ्सर ीस् लक ्सरीी लोग स्वयं को क लक क हे |
 पदककणा: ्सरीी लोग ेवककुंड की 3 र क न क हे |
 याकन काकन ष पापाकन जनमानतर कृताकन ष |
 ताकन सवारकण नशनतु पदककण: पदे पदे ||
 साष्टांग पणाम : जज क ्सरदस्य ्सरनथ ेो ्सरीी ्सरनछनंग प्र्न क हेग |
 पाथरना : कवश्व कलयन् क ललए ेनथ जोडक प्रनथरकन क हे |
 सवर्वे भवनतु सुखखन: सवर्वे सनतु कनरामया: |
 सवर्वे भद्राकण पश्यनतु मा ककशद दुःखभाग भवेत ||
 कमा पाथरना : ूजक, ज , ेवक आपदद हे जो गलक यनँ ेो गयी ेर , उकक ललए ेनथ जोड़क ्सरीी लोग
क न प्रनथरकन क हे
 ॐ आवाहनं न जानामम न जानामम कवसजरनम |
 पूजां षैव न जानामम कमसव परमेशरी ||
 ॐ मंत्रहीनं ककयाहीनं भाण्डकहीनं सुरेशरी |
 यतपूजजतं माया दे वं पररपूणर तदसतु में ||
 कवसजरनम : थोड़-्सर अक लक दव स्थन क और ेवक कुंड हे ककम्कललखख ं् कन उचहन ् क ईए
हढनयहे
 ॐ गचछ गचछ सुर्ेछ सवसथाने परमेशरी |
 यत्र ब्रम्हादयष्ट दे वा: तत्र गचछ हुतताशन |

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