You are on page 1of 7

न्यायालय श्रीमान प्रधान न्यायाधीश पिरवार न्यायालय गािजयाबाद

पिरवाद संख्या 973 / 2018

मास्टर अनीश जैन बनाम अंिकत जैन .

अ0 धारा 125 द० प्र० सं०


थाना - किवनगर .

आपत्ती / जवाब ओर से िवपक्षी अंिकत जैन s/o श्री सुशील कुमार जैन आयु -

36 वषर् स्थायी िनवासी DD2-301, राजीव स्वगृहा, चन्दानगर , हैदराबाद िनम्न

प्रकार है :-

1) यह की वादपत्र / यािचका की धारा - 1 सही है तथा स्वीकार है ।

2) यह की वादपत्र / यािचका की धारा - 2 पूणर्तया गलत एवं असत्य तथा

घोर आपित्तजनक है जो िक स्वीकार नहीं है। सत्य यह है िक 6 वषर् से

भी कम आयु के अबोध बच्चे को भी िवपक्षी के प्रित इतने झूठे तथ्य

बताए जा रहे हैं तथा िवपक्षी के िवरुद्ध भड़काया जा रहा है। उक्त कथन

िकसी प्रकार से िवपक्षी के मासूम बच्चे के नहीं हो सकते हैं इन तथ्यों से

वािदनी की मानिसकता स्वयं प्रकट है तथा उक्त तथ्य िवपक्षी व् स्वयं

िवपक्षी के अबोध पुत्र के प्रित भी क्रूरता है ।

3) यह की की वाद पत्र / यािचका की धारा - 3 में िदनांक 27/5/2013 को

पुत्र का जन्म होना स्वीकार है तथा शेष कथन पूणर्तया गलत व् असत्य हैं

तथा मनगढ़ंत है तथा घोर आपित्तजनक है। वािदनी द्वारा िवपक्षी के मासूम

अबोध पुत्र उक्त झूठे व् मनगढ़ंत असत्य तथ्य बताए जा रहे हैं तथा

िवपक्षी व् उसके पूरे पिरवार के प्रित िवपक्षी के मासूम पुत्र के मन में


घृणा पैदा की जा रही है जो घृिणत है व् िवपक्षी व् उसके पिरवार के

प्रित तथा िवपक्षी के अबोध पुत्र के प्रित भी क्रूरता है। िवपक्षी तथा उसके

पिरवार ने वािदनी को कभी प्रतािड़त नहीं िकया ना ही कोई घरेलू िहं सा

की।

4) यह की वादपत्र / यािचका की धारा - 4 में िवपक्षी का बी० टैक होना

तथा वािदनी व् पुत्र का िवपक्षी के साथ हैदराबाद में रहना स्वीकार है शेष

कथन गलत है तथा स्वीकार नहीं है। पिरवािदनी भली-भांित जानती है िक

िवपक्षी की नौकरी िदनांक 13-6-2018 को छूट गई है तथा िवपक्षी इस

समय िबल्कुल बेरोजगार है तथा मानिसक व आिथर् क रुप से परेशान है

तथा उसे बार-बार पिरवािदनी द्वारा दायर केसों में गािजयाबाद आना पड़

रहा है तथा पत्नी व संतान सुख से भी वंिचत है।

5) यह की वादपत्र / यािचका की धारा - 5 का कथन पूणर्तया गलत एवं

असत्य है तथा स्वीकार नहीं है उक्त धारा में किथत झूठे तथ्य, पिरवािदनी

द्वारा िवपक्षी के मासूम पुत्र को बताये तथा िसखाए-पढ़ाए जा रहे हैं जो

िक उसके प्रित क्रूरता है तथा उसको मानिसक रूप से प्रतािड़त कर रहे

हैं। सत्य यह है िक 2016 - 2017 में पुत्र की आयु 3-4 वषर् के बीच

होने पर प्रितवादी ने उसका दािखला “ग्लोब टोटेसर्” स्कूल में कराया तथा

अपने पुत्र से बहुत अिधक प्रेम होने के कारण तथा बच्चे की उिचत

देखभाल के िलए ही िवपक्षी ने ऐसी नौकरी जॉइन की थी िजसमें लेट

िशफ्ट होती थी तािक िवपक्षी अपने पुत्र की सभी िवत्तीय आवश्यकताओं

की पूतीर् कर सके तथा साथ ही साथ बेटे को सुबह स्कूल छोड़ सके तथा

दोपहर में ऑिफस जाने से पहले अपने पुत्र को स्कूल से वापस ला सके।

इसके पश्चात 2017 - 2018 में पुत्र की आयु 4 से 5 के बीच होने पर

िवपक्षी ने अपने पुत्र को हैदराबाद के उच्च कोिट के स्कूल “िदल्ली

पिब्लक स्कूल” हैदराबाद में अपने स्वयं के खचेर् पर दािखल कराया।

6) यह की वादपत्र / यािचका की धारा - 6 का समस्त कथन गलत व्


असत्य है तथा स्वीकार नहीं है। पिरवािदनी द्वारा िवपक्षी के मासूम व्
अबोध पुत्र को गलत व् असत्य तथ्य िसखाये पढ़ाई जा रहे हैं तथा
िवपक्षी के प्रित पुत्र के मन में घृणा पैदा की जा रही है।
7) यह की वादपत्र / यािचका की धारा - 7 में पिरवािदनी द्वारा िवपक्षी व
उसके पिरवार के सदस्यों के िवरुद्ध वाद दायर िकया जाना व िवचाराधीन
होना स्वीकार है शेष कथन गलत व् असत्य हैं तथा स्वीकार नहीं है। उक्त
झूठे व् मनगढ़ंत तथ्य बताकर िवपक्षी के मासूम व् अबोध पुत्र को
भड़काकर उसके प्रित क्रूरता की जा रही है तथा िवपक्षी व उसके पिरवार
के प्रित घृणा पैदा की जा रही है िजससे उसके भिवष्य व् िशक्षा पर भी
िवपरीत प्रभाव पड़ रहा है। तथा िवपक्षी के मासूम व् अबोध पुत्र से
िवपक्षी के िलए "पिरवादी के िपता एक भावहीन, िववेक शून्य व् लालची
िकस्म का व्यिक्त है" जैसे तू-तड़ाक के शब्दों का प्रयोग करना अत्यंत
खेदपूणर् व् पीड़ादायक है।
8) यह की वादपत्र / यािचका की धारा - 8 का कथन िजस प्रकार तहरीर
िकया गया है पूणर्तया गलत है तथा स्वीकार नहीं है। सत्य यह है िक
पिरवािदनी भली भाँती जानती है िक िवपक्षी िक 13 जून 2018 को
नौकरी छूट गयी है और िवपक्षी इस समय िबल्कुल बेरोजगार है तथा
पिरवािदनी द्वारा दायर िकए गए झूठे केसों के संबंध में हैदराबाद से
गािजयाबाद की बार बार यात्रा करने से शारीिरक, मानिसक तथा आिथर् क
हािन हो रही है तथा िवपक्षी को नई नौकरी नहीं िमल पाई है तथा िवपक्षी
िकराए की अल्प आय से िकसी तरह जीवन िनवार्ह कर रहा है तथा अपने
पुत्र पत्नी को अपने साथ रखकर भरण पोषण करने के िलए तैयार व
तत्पर है तथा इससे पूवर् तक का हर प्रकार का खचार् िवपक्षी द्वारा ही
वहन िकया गया है ।
9) यह की वाद पत्र की धारा - 9 का कथन िजस प्रकार तहरीर िकया गया
है गलत है तथा स्वीकार नहीं है। पिरवािदनी ने पुत्र अनीश के भरण
पोषण के खचोर् को बहुत बढ़ा चढ़ाकर बताया है तथा बच्चे की पढ़ाई
िलखाई से संबंिधत कोई िबल या रसीद दािखल नहीं की है। िवपक्षी
िदनांक 13/6/2018 से पूणर्तया बेरोजगार है तथा िकराए की अल्पआय से
अपने साथ रख कर अपने पुत्र का पालन पोषण करने के िलए तैयार व्
रजामंद है तथा इससे पूवर् का समस्त खचार् िवपक्षी द्वारा ही वहन िकया
गया है।
िवशेष कथन

10)यह िक पिरवािदनी द्वारा उपरोक्त वाद पत्र झूठे व् मनगढंत तथ्यों के

आधार पर िवपक्षी के पुत्र की ओर से झूठे कथन करते हुए पिरवािदनी

द्वारा दायर तलाक यािचका में दबाव बनाकर तलाक प्राप्त करने हेतु दायर

िकया गया है। िवपक्षी अपने साथ रख कर अपने पुत्र व् पत्नी दोनों का

भरण पोषण करने के िलए तैयार है व् तत्पर है। वाद पत्र यािचका में पुत्र

के माध्यम से िदए गए तथ्यों से पिरवािदनी के कुित्सत वचन िवपक्षी व

उसके पिरवार तथा एकमात्र पुत्र के प्रित क्रूरता गिठत करते हैं ।

11)यह िक िवपक्षी व् पिरवािदनी का िववाह िदनांक 26/11/2008 को 10

वषर् से भी अिधक समय पूवर् हुआ था तथा लगभग 10 वषोर्ं के दौरान

पिरवािदनी द्वारा कोई िशकायत िकसी प्रकार की नहीं की गई तथा िवपक्षी

द्वारा तन मन धन से पिरवािदनी व् अपने पुत्र की देखभाल की गई तथा

उनकी हर सुख सुिवधा का िवपक्षी द्वारा ध्यान रखा गया।

12) यह की शादी के लगभग 5 वषोर्ं तक संतान सुख से वंिचत रहने के बाद

तथा इस दौरान मंिदर मंिदर पूजा प्राथर्ना करने के पश्चात तथा माता

वैष्णो देवी की यात्रा करने के पश्चात िदनांक 27/5/2013 को मां वैष्णो

की कृपा से एक पुत्र अनीश उत्पन्न हुआ।

13) यह की सन 2012-2013 में पिरवािदनी की गभार्वस्था के दौरान िवपक्षी

ने अपने ऑिफस से बीच में आकर डॉक्टर से रेगुलर चेकअप के िलए

लेकर जाना, सिप्लमेंटरी फ़ूड आिद लाना िखलाना तथा हर प्रकार से

शारीिरक व् भावनात्मक देखभाल करके अपने दाियत्वों को पूणर् िकया।


14)यह की सन 2013- 2014 में िवपक्षी सदैव बच्चे की माँ व् बच्चे में ही

अपना पिरवार और खुद को देखा तथा पुत्र अनीश के जन्म के कुछ समय

पश्चात् ही पिरवािदनी व् पुत्र अनीश के भिवष्य को सुरिक्षत करने के िलए

अपनी स्वयं की कमाई से पत्नी ( पिरवािदनी ) के नाम प्लॉट खरीदा तथा

पिरवािदनी का बच्चे के कायोर्ं के प्रित अरुिच के कारण िवपक्षी 1 साल

तक ऑिफस से आकर पहले घर के काम जैसे बतर्न साफ़ करना, बच्चे

के डाइपर चेंज करना, दू ध की बोतल और बतर्न आिद स्टरलाइज़ करना,

रात में बीच में जागकर रोते बच्चे को चुप कराना गोदी िखलाना आिद

सभी कायर् करता रहा क्योंिक िवपक्षी अपनी पत्नी व् बच्चे से बेहद प्यार

करता है।

15)यह िक बच्चे के िलए देर रात तक बार-बार जागने से नींद की कमी के

कारण तथा घर पिरवार एवं ऑिफस की बढ़ती िजम्मेदारी के कारण

िवपक्षी की सेहत पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा लेिकन इसके बावजूद अपने

पुत्र व् पत्नी से अथाह प्रेम के कारण िक बच्चे की देखभाल में कोई कमी

ना रहे इसिलए िवपक्षी ने अपने कैिरयर को नजरअंदाज कर दो वषर् तक

अवकाश लेकर बच्चे के प्रित पूणर् िजम्मेदारी िनभाई। और बच्चे के प्रित

माता और िपता दोनों के कतर्व्य को पूरा िकया। 5 वषर् की आयु तक

बच्चे को नहलाना स्कूल हेतु तैयार करना आिद सभी कायर्, िवपक्षी ने

िबना िकसी िशकायत के िकये तथा बच्चे का स्कूल में एडिमशन, फीस

आिद सभी खचेर् सदैव वहन िकए तथा िवपक्षी ने स्वयं रात-रात भर

जागकर बच्चे को सुलाया तथा समय समय पर डॉक्टर एवं वैक्सीनेशन के

िलए लेकर गया तथा बच्चे के संतुिलत िवकास हेतु हर आवश्यकता को

पूरा िकया। िजस बच्चे को िवपक्षी अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता

है उसे ही पिरवािदनी द्वारा कठपुतली की तरह इस्तेमाल कर उसके नाम से


िवपक्षी व उसके पिरवार के प्रित झूठे आक्षेप लगाकर मासूम अबोध बच्चे

के मन में घृणा पैदा कर रही है यह बहुत ही दुखद एवं क्रूरता पूणर् है।

16)यह िक सत्य यह है िक पिरवािदनी व् उसके पिरवार वाले समय-समय

पर अनेक कारणों का हवाला देते हुए िवपक्षी की संपित्त तथा रुपए

पिरवािदनी के नाम करने का दबाव बनाते चले आ रहे थे तथा िवपक्षी

यथासंभव इनके दबाव में इनकी बात मानता चला आ रहा था लेिकन

2018 में पिरवादनी व् उसके िपता का लालच इतना अिधक बढ़ गया था

िक िपछले कुछ समय से वे लोग िवपक्षी के माता िपता की संपित्त को

भी पिरवािदनी के नाम कराने का दबाव बना रहे थे िवपक्षी व् उसके माता

िपता द्वारा इनकी बात ना मानने पर घर छोड़ने व् दहेज आिद के झूठे

केसों में फंसाने की धमकी दे रहे थे। िवपक्षी द्वारा पिरवािदनी की बात ना

मानने पर जून 2018 में पिरवािदनी िवपक्षी का घर छोड़ कर हैदराबाद में

ही अन्य स्थान पर आवास लेकर रहने लगी और िवपक्षी से तलाक की

मांग करने लगी िवपक्षी द्वारा तलाक देने से इं कार करने पर माननीय

पिरवार न्यायालय गािजयाबाद में वाद संख्या 1235/ 2018 तलाक हेतु

दायर कर िदया तथा तलाक हेतु दबाव बनाने के िलए बच्चे से भी िवपक्षी

को नहीं िमलने िदया। इस पर भी जब िवपक्षी तलाक देने को तैयार नहीं

हुआ तो अन्य कई वाद न्यायालय में दािखल कर िदये।

17)यह िक पिरवािदनी िबना िकसी कारण के िदनांक 13/06/2018 को

िवपक्षी की नौकरी छूट जाने तथा िवपक्षी के बेरोजगार होने पर िदनांक

24/06/2018 को िवपक्षी के मासूम पुत्र अनीश को लेकर चली गई तथा

स्कूल से िवपक्षी का फोन नंबर भी अपंजीकृत करवा िदया और िवपक्षी

को अपने पुत्र से िमलने नहीं िदया जो िक िवपक्षी व् उसके पुत्र अनीश के

प्रित घोर क्रूरता है। िवपक्षी को पुत्र से िमलने का अवसर िदया जाए।
18)यह िक िवपक्षी िदनांक 13/6/2018 से अभी तक बेरोजगार है तथा

पिरवािदनी MNC कंपनी में कायर्रत है तथा उसे ₹1,00,000/- प्रितमाह

की आय होती है िजससे वह अपना तथा िवपक्षी व् स्वयं के पुत्र का

भरण पोषण आसानी से कर सकती है।

19)यह िक पिरवािदनी ने पुत्र अनीश के भरण पोषण के खचोर् को बहुत

बढ़ा चढ़ाकर बताया है तथा बच्चे की पढ़ाई िलखाई से संबंिधत कोई

िबल या रसीद दािखल नहीं की है।

20)यह िक पिरवािदनी िबना िकसी कारण के िवपक्षी का पिरत्याग िकए हुए

है तथा समाज में िवपक्षी की बदनामी हो रही है तथा िजस बच्चे के प्रित

माता और िपता दोनों के कतर्व्यों को िवपक्षी ने पूरा िकया और जन्म से

5 वषर् तक अपनी जान से ज्यादा प्यार िकया, उसे उसके एकमात्र पुत्र

प्रेम से भी वंिचत िकया हुआ है िजससे बच्चे के उिचत परविरश एवं

िवकास पर भी िवपरीत प्रभाव पड़ रहा है। इस कारण पुत्र अनीश को

िवपक्षी की सुपुदर्गी में िदया जाना न्यायिहत में अित आवश्यक है।

अतः श्रीमान जी से प्राथर्ना है िक उपरोक्त तथ्यों

एवं पिरिस्थितयों के आधार पर उपरोक्त पिरवाद िनरस्त िकया जावे तथा

िवपक्षी के पुत्र की कस्टडी िवपक्षी को प्रदान िकया जा कर न्याय प्रदान

िकया जावे।

िदनांक प्राथीर् / िवपक्षी

You might also like