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बीते वष 2018 के अहम फ़ैसले

BY: LIVELAW NEWS NETWORK


3 Jan 2019 10:00 AM

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अब जब क साल 2018 ख़ म हो चुका है हम इस बात पर ग़ौर करने जा रहे ह क बीता साल कैसे-कैसे
क़ानूनी फ़ैसल का साल रहा है।

सु ीम कोट के मु य यायाधीश यायमू त द पक म ा इस साल अपने पद से सेवा नवृ ए जब क


यायमू त रंजन गोगोई ने उनक जगह ली। द पक म ा क अ य ता वाली पीठ ने ब त सारे अहम
फ़ैसले दए जो ऐ तहा सक रहे और ववा दत भी, मसलन सबरीमाला मं दर का फ़ैसला, आधार,
समल गक का मामला, भचार जैसे फ़ैसले इसी ेणी मआते ह। रफ़ाल पर नए मु य यायाधीश के
वष अंत के फ़ैसले ने काफ़ यादा बहस को ज म दया।

तुत है ऐसे 35 मह वपूण फ़ैसल क यह सूची जो सु ीम कोट ने वष 2018 के दौरान दए :-

सबरीमाला
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भ म ल गक भेदभाव नह हो सकता है। सबरीमाला म कोट ने सभी उ क म हला के वेश क
अनुम त 4:1 से द । इस पीठ क एकमा म हला जज इ म हो ा ने ब मत के इस फ़ैसले के
ख़लाफ़ अपना फ़ैसला दया। इस फ़ैसले क काफ दन से ती ा क जा रही थी।

[Indian Young Lawyer's Association & Ors. V. State of Kerala & Ors.]

समल गकता

सु ीम कोट ने अपने फ़ैसले से दो वय क के बीच सहम त से समल गक स ब ध को आपरा धक


मानने वाले 157 साल पुराने क़ानून को अंततः समा त कर दया।ऐसा करते ए कोट ने आईपीसी क
धारा 377 को असंवैधा नक क़रार दे दया। यह फ़ैसला पाँच जज क पीठ ने दया।

[Navtej Singh Johar& Ors. V. Union of India]

आधार

सु ीम कोट क सं वधान पीठ ने आधार अ ध नयम क धारा 33(2), 47 और 57 को समा त कर दया;


इससे जुड़े रा ीय सुर ा के अपवाद को भी ग़ैरक़ानूनी क़रार दया और यह क नजी े आधार डाटा
क माँग नह कर सकता। इस फ़ैसके को पीठ के लए यायमू त एके सीकरी ने लखा जसे मु य
यायाधीश यायमू त द पक म ाऔर एएम खान वलकर क स म त ा त थी।

[Justice K. S. Puttuswamy (Retd.) and Anr V Union of India & Ors.]

भचार

इस फ़ैसले से भी सु ीम कोट ने 158 साल पुराने इस क़ानून को समा त कर दया। पीठ ने आईपीसी क
धारा 497 को ग़ैरक़ानूनी क़रार दया।इस क़ानून के ारा प त को कसी म हला का मा लक समझा
जाता था। यह क़ानून भचार को ग़ैरक़ानूनी मानता था। हालाँ क, कोट ने कहा है क भचार को
तलाक़ का आधार माना जाएगा। फ़ैसलेम यह भी कहा गया क अगर भचार के कारण प त या
प नी आ मह या करने को उ त होते ह तो भचार करने वाले पाटनर को ह या के लए उकसाने के
जुम म आईपीसी क धारा 306 के तहत सज़ा हो सकती है।

[Joseph Shine V. Union of India]

इ छामृ यु

ग रमापूण मौत का अ धकार एक मौ लक अ धकार है, इस फ़ैसले ने इस बात को माना। सु ीम कोट


क पीठ ने इस फ़ैसले म इ छामृ यु को सही ठहराया और मृ यपूव वसीयत बनाकर इस बारे म नदश
दे ने क अनुम त भी दे द और कहा क यह क़ानूनी प से वैध होगा। कोट ने यह भी कहा क
ग रमापूवक जीना एक मौ लकअ धकार है और इसी तरह भयानक प से ग भीर बीमारी से त
और जसके ठ क होने क कोई संभावना अब नह है ऐसे के मरने क या को आसान
बनाना भी इसका ह सा है।

[Common Cause (A Regd. Society) V. Union of India & Anr]

पदो त म एससी/एसट के लए आर ण

सु ीम कोट ने प कया क एससी/एसट को सरकारी नौक रय म पदो त दे ने के मामले म


आर ण दे ने के लए वां ट फएबल डाटा क ज़ रत नह होगी। इससे पहले 2006 म नागराज
मामले म अपने फ़ैसले म सु ीम कोट ने कहा था क इ ह ोमोशन तभी दया जा सकता है जब
सरकार इनके पछड़ेपन के बारे म वां ट फएबल डाटा दे ।पर कोट ने इस मसले को कसी बड़ी पीठ
को स पने से मना कर दया। पाँच जज क पीठ ने वां ट फएबल डाटा क ज़ रत को इं दरा साहनी
मामले म सु ीम के फ़ैसले के ख़लाफ़ है।

[Jarnail Singh v LachhmiNarain Gupta& Ors.]

आईपीसी क धारा 498A

सु ीम कोट ने आईपीसी क धारा 498A के पयोग को रोकने के लए राजेश शमा मामले म जो


दशा नदश जारी कए थे उसम संशोधन कया और 'क याणकारी स म त' क बात को अब नकार
दया। तीन जज क पीठ ने पहले दए गए दशा नदश को वापस ले लया जसे दो जज क पीठ ने
जारी कया था और जसम कहा गया था क आईपीसी क धारा 498A के तहत क गई शकायत पर
पहले प रवार क याण स म त ग़ौर करेगी और उसके बाद ही आगे क क़ानूनी कारवाई होगी।

[Social Action Forum For Manav Adhikar V. Union of India]

हा दया

इस च चत मामले म दए गए अपने फ़ैसले म सु ीम कोट ने कहा क अपना धम बदलना इ छानु प


धम के चुनाव का मौ लक अ धकार है। सु ीम कोट ने इस मामले म अपने फ़ैसले म केरल हाईकोट के
फ़ैसले को उलट दया जसने हा दया और श फ़न जहाँ क शाद को इस आधार पर अवैध क़रार दया
था क शाद के लए धम प रवतन कया गया था। सु ीम कोट ने अपने फ़ैसले म कहा क हाईकोट
सं वधान के अनु छे द 226 के तहत दोन क शाद को ग़लत नह ठहरा सकता। हालाँ क, उसने NIA
को इस मामले म अपनी जाँच जारी रखने को कहा।

[Shafin Jahan V. Ashokan K. M. & Ors]


अयो या

अपने इस ववादा पद मामले म सु ीम कोट क पीठ ने कहा क इ माइल फ़ा क़ मामले म जो बात


कही गई ह उसे भू म अ ध हण क या के आलोक म दे खा जाना चा हए; कोट ने यह भी कहा क
यह अयो या के भू म ववाद मामले म संगत नह है। सु ीम कोट ने यह फ़ैसला 2:1 से दया और
अयो या-राम ज मभू म ववाद को कसी बड़ी पीठ को स पने से मना कर दया। इस मामले म ब मत
के इस फ़ैसले को यायमू त अशोक भूषण ने अपने और मु य यायाधीश यायमू त द पक म ा के
लए लखा पर एक अ य जज यायमू त एस अ ल नज़ीर ने इस फ़ैसले के ख़लाफ़ अपना फ़ैसला
लखा। ब मत के फ़ैसले म कहा गया क इ माइल फ़ा क़ मामले म यह कहना कम जद इ लाम
का अ भ ह सा नह है, को भू म अ ध हण क या के संदभ म समझा जाना चा हए।

[M. Siddiq (D) THR LRS..Mahant Suresh Das & Ors.]

सु ीम कोट क कायवाही का सीधा सारण

कोट क कायवाही का सीधा सारण आम लोग के हत म है। सु ीम कोट क पीठ ने कहा क


सं वधान के अनु छे द 145 के अधीन शी ही इसके लए नयम का नधारण कया जाएगा।

[Swapnil Tripathi V. Supreme Court of India]

रफ़ाल

सु ीम कोट ने 2015 म ए रफ़ाल लड़ाकू वमान सौदे क जाँच क अपील क या चका अ वीकार कर
द । अदालत ने इस सौदे से स बं धत कसी भी प जैस,े नणय लेने क या, मू य नधारण और
ख़रीद क या क जाँच क अपील वीकार नह क ।कोट ने कहा क कस एक क सोच के
आधार पर कोट कोई नणय नह ले सकता। कोट ने यह भी कहा क कसी गत त य या
प र थ तय के आलोक म र ा ख़रीद के बारे म या यक पुनरी ण का नधारण करना होगा।

[Manohar Lal Sharma V. Narendra Damodar Das Modi & Ors.]

भीड़ हसा (LYNCHING)

कोट ने भीड़ ारा दे श भर म लोग को मार दए जाने क घटना क नदा क और इस बारे म


दशा नदश जारी कए। यायमू त द पक म ा क अ य ता वाली पीठ ने कहा क भीड़ तं क
डरावनी ग त व धय को दे श म हावी होने क इजाज़त नह द जा सकती ह।

[Tehseen S. Poonawalla V. Union of India & Ors.]

पटाखे चलाने के बारे म


कोट ने पटाखा चलाने पर पूण तबंध लगाने से मना कर दया; पटाख क ऑनलाइन ब पर रोक
लगा द । कोट ने कहा क सफ़ ऐसे ापारी ही इसक ब कर सकते ह जनके पास लाइसस है।
इसके अलावा कोट ने उस समय का नधारण भी कर दया जसके बीच पटाखा छोड़े जा सकते ह।

[Arjun Gopal & Ors. V. Union of India & Ors.]

बरी कए जाने के ख़लाफ़ पी ड़त को अपील का अ धकार

एक मह वपूण फ़ैसले म सु ीम कोट के यायमू त मदन बी लोकुर, एस अ ल नज़ीर और द पक


गु ता क पीठ ने कहा क अपील क वशेष अनुम त लए बना ही कोई पी ड़त कसी आरोपी के बरी
होने के ख़लाफ़ अपील कर सकता है।

[Mallikarjun Kodagali (Dead) ... vs The State Of Karnataka]

इसरो के पूव वे ा नक नांबी नारायण पर फ़ैसला

सु ीम कोट ने इसरो के पूव वै ा नक नांबी नारायण को ₹50 लाख का मुआवज़ा दे ने का आदे श दया।
कोट ने सु ीम कोट के पूव जज यायमू त डीके जैन क अ य ता म एक क मट का भी गठन कर
दया जसे उनके ख़लाफ़ सा ज़श म पु लस क भू मका क जाँच का ज़ मा स पा गया। तीन जज
क पीठ ने उनक या चका परयह फ़ैसला सुनाया ज ह ने अपने ख़लाफ़ केरल पु लस के शीष
अ धका रय क सा ज़श के व कारवाई करने क माँग क थी। उ ह ने आरोप लगाया था क
पु लस ने उनको यातना भी द थी और उ ह ग़ैर क़ानूनी ढं ग से जेल म बंद कर दया था।

[S. Nambi Narayanan V. Siby Mathews &Ors.]

जज लोया के मौत का ववाद

सु ीम कोट क पीठ ने जज लोया के मौत क जाँच कराने के बारे म दायर या चका को ख़ा रज कर


दया। सु ीम कोट के मु य यायाधीश यायमू त द पक म ा क अ य ता म यायमू त डीवाई
चं चूड़ और एएम खान वलकर क तीन जज क पीठ ने सीबीआई के वशेष जज क मौत के इस
मामले म दायर कई या चका पर सुनवाई करते एइस मामले क वतं जाँच क अज़ ख़ा रज कर
द।

[TehseenPoonawalla V. Union of India & Anr.]

एलजी बनाम द ली सरकार

इस मामले म सु ीम कोट क सं वधान पीठ ने कहा क द ली के उप रा यपाल को द ली सरकार के


मं मंडल क सलाह के अनु प काय करना होगा। सफ़ भू म, पु लस और आम व था के मामले
म ही उसको अपने ववेक से नणय लेने का अ धकार है। पीठ ने कहा क एलजी हर मामले म अपनी
टाँग नह अड़ा सकता है।हालाँ क, कोट ने कहा क एलजी को सरकार के नणय के बारे म बताना
ज़ री है पर हर मामल म एलजी क अनुम त लेने क ज़ रत नह ह। कोट ने अपने नणय म यह भी
कहा क द ली 'रा य' नह है और उसको सं वधान के तहत वशेष अ धकार मला आ है।

[Govt. of NCT of Delhi V. Union of India & Anr.]

छह माह से अ धक का थगन नह

यायमू त आदश कुमार गोयल क अ य ता म सु ीम कोट क तीन सद य क पीठ ने कहा क ऐसे


सभी द वानी और आपरा धक मामले म जन पर थगन लगा आ है, आज से छह माह पूरे होने पर
यह थगन वतः समा त हो जाएगा बशत क अपवाद व प कसी मामले म इसे आगे बढ़ाने का
आदे श ना दया हो।पीठ ने यहभी कहा क अगर कसी मामले म भ व य म थगन दया जाता है तो
यह भी छह महीने क अव ध के बीतने के साथ ही समा त हो जाएगा।

[Asian Resurfacing of Road Agency Pvt. Ltd.& Anr. VS. Central Bureau of
Investigation]

जीएसट क वैधता

यायमू त एके सीकरी और अशोक भूषण क सु ीम कोट क पीठ ने व तु एवं सेवा कर (रा य को
मुआवज़ा) अ ध नयम, 2017 को वैध ठहराया। कोट ने व तु एवं सेवा कर मुआवज़ा शु क नयम,
2017 को भी सही ठहराया।

[Union of India & Anr. V. Mohit Mineral Pvt. Ltd.]

एससी/एसट अ ध नयम का पयोग

सु ीम कोट क यायमू त एके गोयल और यूयू ल लत क पीठ ने अनुसू चत जा त और अनुसू चत


जनजा त (अ याचार नवारण) अ ध नयम, अनुसू चत जा त और अनुसू चत जनजा त (अ याचार
नवारण) अ ध नयम, 1989 के ावधान का पयोग रोकने के लए दशा नदश जारी कए। कोट ने
इस अ ध नयम के ावधान क पड़ताल के म म कहा क इस अ ध नयम का पयोग रोकने के
लए अबसरकारी कमचा रय को पूव अनुम त के बना इस अ ध नयम के तहत गर तार नह कया
जा सकता।

[Dr. Subhash Kashinath Mahajan V. State of Maharashtra & Anr.]

क़ानून बनाने वाले वक़ ल


मु य यायाधीश यायमू त द पक म ा क अगुवाई म सु ीम कोट के तीन जज एएम खान वलकर
और डीवाई चं चूड़ क पीठ ने भाजपा नेता और वक़ ल अ नी उपा याय क या चका पर अपने
फ़ैसले म सांसद और वधायक को वक़ ल के प म ै टस करने पर रोक लगाने से मना कर दया।

[Ashwini Kumar Upadhyay V. Union of India & Anr.]

उ मीदवार को अयो य ठहराना

सु ीम कोट के मु य यायाधीश यायमू त द पक म ा क अ य ता म आरएफ नरीमन, एएम


खान वलकर, डीवाई चं चूड़, और इ म हो ा क पाँच सद य क पीठ ने कहा क कसी उ मीदवार
के ख़लाफ़ आपरा धक मामले म आरोपप दा ख़ल होने के कारण उसे अयो य नह ठहराया जा
सकता है। पीठ ने यह फ़ैसलाभाजपा नेता और अ धव ा अ नी उपा याय, पूव सीईसी जेएम
ल दोह और एक एनजीओ प लक इं े ट फ़ाउंडेशन क जन हत या चका पर दया।

[Public Interest Foundation & Ors. V. Union of India & Anr.]

मु य यायाधीश रो टर का मा टर

अ धव ा शां तभूषण क या चका को ख़ा रज करते ए सु ीम कोट क पीठ ने कहा क सु ीम कोट


का मु य यायाधीश रो टर का मा लक है और उसे पीठ के गठन और केस के बँटवारे का पूरा
अ धकार है। शां तभूषण ने सीजेआई के अ धकार के व नयमन के बारे म या चका दायर क थी।

[Shanti Bhushan V. Supreme Court of India]

एनडीपीएस का जाँच अ धकारी और सूचना दे ने वाला एक ही नह हो सकता

सु ीम कोट क तीन सद य क पीठ ने प कया क एनडीपीएस मामले क जाँच करने वाला


अ धकारी और उसके बारे म सूचना दे ने वाला अ धकारी अगर एक ही है तो आरोपी को बरी कए जाने
का अ धकार है।कोट ने प कया क ये दोन ही अ धकारी एक ही नह हो सकता।

[Mohan Lal V. State of Punjab]

कठु आ

कठु आ म आठ साल क एक लड़क के साथ ए बला कार और ह या मामले म सु ीम कोट ने इस


मामले क सुनवाई को पंजाब के पठानकोट स यायालय म ांसफ़र कर दया। पहले इस मामले क
सुनवाई ज मू एवं क मीर ज़ला और स अदालत म चल रही थी।

[Mohd. Akhtar V. State of Jammu & Kashmir]


पूव मु यमं य के लए बंगला नह

सु ीम कोट ने उ र दे श रा य मं य के वेतन, भ े और अ त र ावधान, अ ध नयम क धारा


4(3) म कए गए संशोधन को ग़ैर क़ानूनी क़रार दे दया और पूव मु यमं य को इसके तहत बंगला
दे ने के ावधान को समा त कर दया। कोट ने कहा क दे श म कसी भी पूव मु यमं ी को बंगला ा त
करने का हक़ नह है।

[Lok Prahari V. State of Uttar Pradesh & Ors.]

भीमा कोरेगाँव

सु ीम कोट क तीन सद य क पीठ ने भीमा कोरेगाँव मामले म एसआईट ग ठत करने क माँग को


ख़ा रज कर दया और कहा क ये गर ता रयाँ सरकार क आलोचना क वजह से नह ई ह। इस
मामले का फ़ैसला मु य यायाधीश यायमू त द पक म ा क पीठ ने कया जसके अ य सद य थे
यायमू त एएम खान वलकरऔर डीवाई चं चूड़। यायमू त चं चूड़ ने ब मत के इस फ़ैसले के
ख़लाफ़ अपना फ़ैसला दया। इस मामले म या चका स इ तहासकार रो मला थापर ने सामा जक
कायकता गौतम नवलखा, वन न गा सॉ वेज़, अ ण फरेरा पी वरवर राव और अ धव ा सुधा
भार ाज क गर तारी के ख़लाफ़ दायर कया था। Not A Case Of Arrest For Dissent, Plea
For SIT In BhimaKoregaon Case Turned Down By 2:1 M

[Romila Thapar& Ors. Vs Union of India & Ors.]

वदे शी व ध फ़म

यायमू त आदश कुमार गोयल और यूयू ल लत क सु ीम कोट क पीठ ने एक फ़ैसले म कहा क


वदे शी व ध फ़म भारत म अपना कायालय था पत नह कर सकते और न ही 'आते जाते ए' अपने
मुव कल को क़ानूनी सलाह दे सकते ह। पीठ ने क और बीसीआई को यह भी कहा क वे इस बारे
म नयम बनाएँ।

[Bar Council of India V. A. K. Balaji& Ors.]

कर छू ट म अ प ता

सु ीम कोट क पीठ ने कहा क अगर कर छू ट से संबं धत सूचना म कसी तरह क प ता है तो


इसका लाभ राज व वभाग को मलना चा हए। कोट ने कहा क कर म छू ट के बारे म कसी भी सूचना
को कठोरता से ा या क जानी चा हए और यह नयम कसके प म है यह सा बत करने का ज़ मा
करदाता क है।
[Commissioner of Customs (Import), Mumbai vs. M/s. Dilip Kumar and
Company]

वतः ज़मानत

अगर कसी भी आरोपी के ख़लाफ़ पु लस ारा दायर आरोप प म ज े ने कसी तकनीक कारण
से वापस कर दया है तो उस थ त म आरोपी को वतः ज़मानत का अ धकार ा त है। सु ीम कोट
के दो सद य क पीठ ने कहा क कोई भी अदालत सीआरपीसी क धारा 167(2) के तहत रमांड क
अव ध को 90 दन से आगेनह बढ़ा सकता है। कोट ने कहा क कसी भी कोट को कसी भी
को 90 दन से अ धक समय तक बना आरोपप के जेल म बंद नह रख सकता।

[Achpal @ Ramswaroop& Anr. V. State of Rajasthan]

पेशेवर अदालत बंधक

सु ीम कोट ने सभी मु य ज़ला और स अदालत म एमबीए ड ीधारी पेशेवर अदालत बंधक क


नयु का नदश दया है ता क कोट के शासन को स मता से चलाया जा सके। ।कोट ने इस बात
पर अफ़सोस ज़ा हर क क अदालत म सु वधा के बारे म कोई यान नह दया गया है।

[All India Judges Association & Ors. V. Union of India & Ors.]

मौत क सजा के ख़लाफ़ वशेष अनुम त या चका

यायमू त एके सीकरी, अशोक भूषण और इं दरा बनज क सु ीम कोट क पीठ ने कहा क जन
मामल म अ भयु को मौत क सज़ा द गई है उन मामल म वशेष अनुम त या चका को बना
कारण बताए ख़ा रज नह कया जा सकता।

[BabasahebMarutiKamble V. State of Maharashtra]

कम ता वाले एमबीबीएस

सु ीम कोट क पीठ ने अपने एक फ़ैसले म कहा क जन लोग को काम दखाई दे ता है उ ह


एमबीबीएस म बचमाक वकलांगता कोटे के तहत वेश दे ने से मना नह कया जा सकता। कोट ने
कहा क द ांग य के अ धकार अ ध नयम, 2016 के तहत ऐसे लोग को वेश दए जाने का
ावधान है और इस लए भारतीय च क साप रषद ऐसे छा को वेश दे ने से माना नह कर सकता।

[PurswaniAshutosh V. Unionof India & Ors.]

आपरा धक सुनवाई म गवाह से पूछताछ


यायमू त एएम स े और इ म हो ा क सु ीम कोट क पीठ ने केरल हाईकोट के एक नणय को
नर त करते ए कहा क सीआरपीसी क धारा 231(2) के तहत गवाह से पूछताछ पर थगन दे ते
समय आरोपी के अ धकार और अ भयोजन के वशेषा धकार के बीच संतुलन बनाए रखा जाना
चा हए।

[State of Kerala V. Rasheed]

कावेरी

सु ीम कोट के मु य यायाधीश क अ य ता म तीन जज क पीठ ने कनाटक रा य को 192


ट एमसी के बदले त मलनाडु के लए कावेरी नद का 177.25 ट एमसी पानी छोड़ने का आदे श दया।
कोट ने इस बारे म कनाटक क अपील मान ली।

[State of Karnataka vs. State of Tamil Nadu]

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