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गौरचरण वनय

*********
1

हमरौ कछु
अ भमान न छु ो न वषय भोग कौ याग
बाँ
वरी मू
ढा ज म ज म क हय कौन भाँ
त उपजै
वै
राग
कौन भाँ
त उपजै
वै
राग बाँ
वरी षडरस लागे
नीको
भजन हीन फरै
जग माँ
ह लगैवाद भजन कौ फ को
जब ँवाद भजन कौ फ को कौन भाँ
त हय म
ेउमगाय
नाम वहीना षडरस लोभी बाँ
वरी कै
सो म
ेरँ
ग रँ
गाय
2
: ह रह बाँ
वरी फरै
जग त बौराई
भोग वासना क पु
तरी मू
ढ़ा साँ
चो नाथ बसराई
साँ
चो नाथ बसराई ज मन स पु
न पु
न फरत चौरासी
हय शु
क कठोर पाथर स कौन वध आवैम
ेरासी
बनु
हर म
ेबाँ
वरी तू
ज म ज म बरथा गमावै
अब ँ
जाग भव न ा स मू
ढ़े
कौन वध तोहे
जगावै
3
ह रह भोग वषय के
गाढ़ै
बाहर वां
ग बनावै
झूठै
भीतर भोग लालसा बाढ़ै
भोग लालसा बाढ़ैन शबासर कब ँ
भजन लगै
नीको
भजन वहीन फरत बाँ
वरी मू
ढ़ा वाद भजन कौ फ को
जो न वाद भजन कौ पाई बाँ
वरी बरथा ज म गमाई
पसु
चौपाया यू

व ा डोले
बाँ
वरी काहे
जननी जाई
4

ह रह दे
यो नाम कौ म

बाँ
वरी मू
ढ़ा जग वी थन डोले
न जाने
भजन अ ने

नधन रही ज म ज म स न नाम कौ धन सं
चय क ह
साँ
चो लागे
षडरस मू
ढ़े
बाँ
वरी कब ँ
ह र शरण न ली ह
जग वी थन फरै
बौराई तोहे
लगै
कब ँ
भजन कौ वाद
कब ँ
होय ते
रौ भव भोग छु
टकारा हय उठैम
ेउ माद
5
ह रह और न द जौ वासा
मू
ढ़ अधम प तत बाँ
वरी न बू
झेम
ेक भासा
वासा वास गमाई बाँ
वरी न ह र भ क ह
काहे
बोझा दे
ह कौ ढोवै
काहेबरथा वासा ली ह
जे
ई वासा ह रनाम अ सु
मरण ते
ई वास अनमोल
हर म
ेरँ
ग हय रँ
गावै
बाँ
वरी तब ँ
मानु
स दे
ह कौ मोल
6
ह रह हम ँ
ढ गी ब ते
रे
कौन भाँ
त हय म
ेउमगावै
क जौ चरणन चे
रे
क जौ चरणन चे
रे
ह रह अब ँ
कछु
न हय सु
हावै
बाँ
वरी भटक ज म ब ते
रे
अब ँ
कौन ारे
जावै
नाथा गौर ह र मे
रौ साँ
चो झू
ठ बाँ
वरी झू
ठ ीत
साँ
चो क जौ नाथा अब ँ
आपही हय आवैम
ेरीत
7
भ नाम क म हमा भ कौ होय सार
भ नाम सु
न ह र हय उपजै
सु
खरा श अपार
भ न कौ न य गान भ न य हय उपजावै
छू
टेले
श क मष हय के
अहं
कार र नसावै
बाँ
वरी नत ज हा राख अपनी ह रभ न कौ गान
नाम से
वा कौ च उपजावै
दे
य म
ेभ को दान
8
ह रह कब ँवकल होय पु
का ँ
नाम टे
र बनैन शबासर कब ँ
नयनन नीर झराऊं
कब ँ
नयनन नीर झरै
कब ँ
पाथर हय सरसावै
ज हा वरथा राखी मु
ख माँ
ह कब ँ
ह रगु
ण गावै
हा हा नाथा माया घे
री बाँ
वरी आप ँ
आय नकार दे
यो
से
वा क चटपट कब ँ
लागै
साँ
ची हय पु
कार दे
यो
9
ह रह कब ँम
ेचटपट लागै
बाँ
वरी मू
ढ़ा लोभी अ त पामर र भजन ते
भागै
र भजन ते
भागैकस वध होवै
क मष नासा
लोभ लु
भावै
जग त के
सारे
न बू
झेम
ेक भासा
बाँ
वरी हय खोटो अ त ते
रौ भजन हीन ते
रौ सु
भाय
कौन वध म
ेचटपट लागै
न रसना स ह रगु
ण गाय
10
ह रह अपनी ओर दे
खत लजात
कब ँपघलेहय पाथर बाँ
वरी बरथा ज म गमात
बरथा ज म रहे
गमात बाँ
वरी कब ँ
ह रनाम न भावै
वषयन कू
करी वाद जग त को जग वी थन लौटत जावै
कब ँ
ते
रौ भव न ा छू
टे
कब ँ
ह रनाम सु
ध आवै
बाँ
वरी मू
ढ़ा भव न ा गाढ़ ते
रौ कस वध छु
टकारा पावै
11
ह रह काहे
प ततपावन नाम धरायो
प तत अधम जो बाँ
वरी भू
लै
झू
ठो नाम बनायो
प ततन तारे
अधमन तारे
ग णका नाँ
ह बसरायो
बाँ
वरी ज म ज म क प तता काहे
रहै
सकु
चायो
साँ
चो क जौ नाम आपनो ह रह झू
ठो बाँ
वरी बनायो
आवो नाथा साँ
ची झू
ठ पु
कार ते
बाँ
वरी पु
कार लगायो
12
ह रह भोग वषय के
गाढ़ै
बाहर वां
ग बनावै
झूठै
भीतर भोग लालसा बाढ़ै
भोग लालसा बाढ़ैन शबासर कब ँ
भजन लगै
नीको
भजन वहीन फरत बाँ
वरी मू
ढ़ा वाद भजन कौ फ को
जो न वाद भजन कौ पाई बाँ
वरी बरथा ज म गमाई
पसु
चौपाया यू

व ा डोले
बाँ
वरी काहे
जननी जाई
13
ह रह बाँ
वरी फरै
जग त बौराई
भोग वासना क पु
तरी मू
ढ़ा साँ
चो नाथ बसराई
साँ
चो नाथ बसराई ज मन स पु
न पु
न फरत चौरासी
हय शु
क कठोर पाथर स कौन वध आवैम
ेरासी
बनु
हर म
ेबाँ
वरी तू
ज म ज म बरथा गमावै
अब ँ
जाग भव न ा स मू
ढ़े
कौन वध तोहे
जगावै
14
: ह रह और न द जौ वासा
मू
ढ़ अधम प तत बाँ
वरी न बू
झेम
ेक भासा
वासा वास गमाई बाँ
वरी न ह र भ क ह
काहे
बोझा दे
ह कौ ढोवै
काहेबरथा वासा ली ह
जे
ई वासा ह रनाम अ सु
मरण ते
ई वास अनमोल
हर म
ेरँ
ग हय रँ
गावै
बाँ
वरी तब ँ
मानु
स दे
ह कौ मोल
15
ह रह हम ँ
ढ गी ब ते
रे
कौन भाँ
त हय म
ेउमगावै
क जौ चरणन चे
रे
क जौ चरणन चे
रे
ह रह अब ँ
कछु
न हय सु
हावै
बाँ
वरी भटक ज म ब ते
रे
अब ँ
कौन ारे
जावै
नाथा गौर ह र मे
रौ साँ
चो झू
ठ बाँ
वरी झू
ठ ीत
साँ
चो क जौ नाथा अब ँ
आपही हय आवैम
ेरीत
16
हां
स करै
या रोय करै
जो हय आवै
कर लीजो
नाम ह रवं
श रसना स बस टे
र टे
र के
जीजो
टे
र टे
र ह रवं
श बाँ
वरी नाम उमगावै
भीतर बाहर
नाम बना या जीवन होवैहय छलके
नाम कौ सागर
ीह रवं
श ीह रवं
श क रटन बनै
एहो कामना होय
हय बसै
तब ँ
वृदावन हय खे
लेबहारी बहा र न दोय
17
ह रह दे
यो नाम कौ म

बाँ
वरी मू
ढ़ा जग वी थन डोले
न जाने
भजन अ ने

नधन रही ज म ज म स न नाम कौ धन सं
चय क ह
साँ
चो लागे
षडरस मू
ढ़े
बाँ
वरी कब ँ
ह र शरण न ली ह
जग वी थन फरै
बौराई तोहे
लगै
कब ँ
भजन कौ वाद
कब ँ
होय ते
रौ भव भोग छु
टकारा हय उठैम
ेउ माद
18
ाण भय बहारी बहा र न के
ल करत दन रै

कब ँ
उ क ठा जगैहय सु
नँ

यु
गल रसीले
बै

नयनन भरी रहै
यु
गल जो र डत न ण ँ
अघावै
रास वलास न य के
ल को मधु
र गान बाँ
वरी गावै
कब ँहय नकु यै
रह बलसत यामा याम
वृ
दावन हय आय बस बाँ
वरी यह साँ
चो व ाम
19
: रे
मन बरथा छां
ड सब वृ
दा व पन नहार
कब ँ
उ क ठा ाण बनैन य नरखू

यु
गल वहार
न य रास वलासमई के
ल करत यु
गल जो र
ण ँ
ठाड़े
लगै
साँ
झ भई हय उठै
न लालसा थो र
ब लहारी सब स खन क जन म
ेरसरी त सजाई
ज म सु
फल यै
बाँ
वरी जन हय सोइ उ क ठा आई
20
ह रह हम तौ कु
टल घने
रे
छां
ड भजन क बात न शबासर लौटत चार चु
फे
रे
भजनहीन मानु
स हम पसु
सम परत चौरासी फे
रे
कौन वध म
ेबाताँ
हय आवै
बनै
कौन वध चरणन चे
रे
बाँ
वरी तोहे
जग त रस भावै
करत रही मे
रे
मे
रे
अब ँ
मू
ढा ह रचरण लाग री नाम भज साँ
झ सवे
रे
21
साँ
ची पीर दयो वा मनी ण ण तोहे
पु
का ँ
जग वी थन बसराय सगरी कब ँ
ते
री बाट नहा ँ
ते
री बाट नहा ँ यामा कब ँहय साँ
चो अकु
लावै
कब ँ
ट स उठैहय साँ
ची बाँ
वरी नयनन नीर झरावै
अब ँीत न होय साँ
ची कशोरी झू
ठ साँ
ची मानो
हमरो बल न कोऊ वा मनी राधे
तु
म ह तु
हारी जानो
22

ह रह हय न चटपट साँ
ची
बाँ
वरी भोगी जीव अ त भारी म
ेरँ
ग न राँ
ची

ेरँ
ग न राँ
ची बाँ
वरी भोग वषय हय धराय
गाढ़ गाढ़ परतन माया क ह रनाम न कब ँ
सु
हाय
ह रनाम बन बाँ
वरी मू
ढ़े
कौन भाँ
त हय म
ेआय
ज म ज म क प तता बाँ
वरी कौन वध म
े न ध पाय
23
: ह रह तु
हरे
बल होऊँ
बलवान
कृ
पा क जौ नाथा नाम धन चा ँ
कृ
पा नधान
नाम धन चा ँ
साँ
चो ह रह साँ
चो धन सं
चय होय
तु
हरौ गु
णगान र ै
इहै
जीवन और आस न कोय
और आस नास क जौ नाथा ग त म त तु
हरो होय
ह र ह र बोले
अब ँ
बाँ
वरी अपनो हाथ उठावै
दोय
24
: ह रह तव चरणन होय ठौरा
ज म ज म थक हारी बाँ
वरी मे
टहौ सकल दौरा
मे
टहौ सकल दौरा बाँ
वरी अब ँ
न इत उत जावै
नाम भजन क राह चलत रहै
तुहरी चरण रज पावै
तु
हरी चरण रज होय बाँ
वरी अब ँ
एहो रहैबसवासा
बनती करै
पुन पु
न बाँ
वरी क जौ ह रदासन कौ दासा
25
ह रह बरथा रसना रखाई
जे
ई रसना ह रनाम न गावै
षड रस रहै
लु
भाई
षड रस रहै
लु
भाई ण ण बरथा वासा क ह
बाँ
वरी तू
ज मन क खोट कब ँ
ह रनाम न ली ह
ह रनाम बना मू
ढ़े
कैसो ह र म
े हय उमगाय
बाँ
वरी दे
रन ते
भव न ा सोई आप ँ
लयो जगाय
26
ह रह बरथा रसना रखाई
जे
ई रसना ह रनाम न गावै
षड रस रहै
लु
भाई
षड रस रहै
लु
भाई ण ण बरथा वासा क ह
बाँ
वरी तू
ज मन क खोट कब ँ
ह रनाम न ली ह
ह रनाम बना मू
ढ़े
कैसो ह र म
े हय उमगाय
बाँ
वरी दे
रन ते
भव न ा सोई आप ँ
लयो जगाय
27

ह रह हय पाथर स कठोरा
क मष ले
श सब भरे
ज म स लगै
जग त कौ दौरा
लगै
जग त कौ दौरा ण ण जब ँ
हाथ सु
म र न राखै
नयन न नरखै
मधु
र छ व कौ भोग जग त कौ भाखै
वषय भोग अ त गाढ़ै
ह रह होय कौन भाँ
त छु
टकारा
ण न रम हय नाम भजन कौ बाँ
वरी ज मन ज म बगारा
28
ह रह कह था कौन भाँ

ाकु
ल हय कत ठौर न पावैण ँमले
न शाँ

ण ँमलै
न शाँ
त ह रह बाँ
वरी हय यताप जरावै
नाम भजन कौ सार न क ह मू
ढ़ा पु
न जग वी थन जावै
साँ
ची पीर न उपजैहय अं
तर न साँ
चो ने
हा लगाई
ज मन क रही नधन बाँ
वरी कब ँ
साँ
चो धन न पाई
29
ह रह दे
यो साँ
ची पीर अपार
ण ँ
न बसरै
नाम तहारा ह रह बहैनर तर धार
बहैनर तर धार नाम कौ न शबासर क जौ कोऊ उपाय
मू
ढ़ा बल बुहीना बाँ
वरी भजनहीना ते
रौ सु
भाय
कोऊ व ध लगावो ह रनाम चटपट हय उठै
साँ
ची पीरा
ह रभजन बन बरथा क ह बाँ
वरी अब ँ
मानु
स सरीरा
30
: ह रह कोऊ व ध बनत न बात
जो होतौ बल मे
रौ कब ँ
कछुबगरी बनत बनात
मे
रौ बल न कछु
होय ह रह फ ँय ही ढोल बजात
जौ दे
खू
ँकृ
पा कृ
पा न ध तु
मको पु
न पु
नर ँ
सकु
चात
हा नाथा बलहीन बाँ
वरी सब तु
मस ही कहत सु
नात
तु
हरैबन न कोऊ नाथा अब ँ
कौन ारे
जात
31
भ गोपाल प धर गौरलीला माँ
ह आयो
गु
णमं
जरी अ गम री नाम लीला ल लत धरायो
से
वा क ह नज वा मनी हय र ौ उमगायो
प सनातन सँ
गभ रँ
ग गौर म
ेरँ
ग लायो
कटेीराधारमण लाल जु
ऐसो साँ
चो न ध पायो
भ रस चार सार कर भ जु
ज मा सु
फल बनायो
32
द नन कौ हाथ तु
म ह रह

अधम पातक भोगी बाँ


वरी कौन वध यताप ज रह

नाम क नाव बनाय ह र जी दे


त चु
काई पार उत रह

कृ
पा क जौ नाथा द न होय बाँ
वरी वाद भजन कौ प रह
33
: ह रह सगरे
भोग छु
ड़ावो
भजनहीन कं
गाल बाँ
वरी नामधन दे
य धनवान बनावो
भोग वाद न लागै
नीको साँ
चो वाद नाम कौ द जौ
मो नबल कौ बल न ह रह आप ँ
हाथ बढ़ाय क जौ
कब ँहय लगै
साँ
ची चटपट कब ँ
बाँ
वरी ह ररस पावै
कब ँ
उ म होय हाथ उठाय साँ
चो नाम ह र कौ गावै
34
ह रह भोग वषय के
गाढ़े
भजनहीन बौराय बाँ
वरी कौन वध नाम धन बाढ़ै
ह रह होऊँ
कंगाल ज मन स नाम दयो बसारी
अब ँ
नाँ
ह चे
ताई बाँ
वरी सगरौ मानु
स ज म बगारी
ह रह कस कस चपत लगावो कौऊ व ध बात भजन क होय
मू
ढ़ा प तत अधम बाँ
वरी बरथा कतनो वासा खोय
35
ह रह क जौ भोगन ते
छु
टकारा

बलपत अब ँ
गमाय ज म ब बाँ
वरी रटै
नाम तहारा

ह र ह र रटैज हा सकल वासा छू


टे
सगरौ भोग पसारा

ह रह आप ँ
क जौ स भार कछु
बाँ
वरी ज म ज म बगारा
36
ह रह कत ँ
ठौर न पाऊँ
बाहर भीतर फ ँबौराई कौऊ वध ीत तहारी पाऊँ
ने
ह लगाई जगत स गाढ़ा बाँ
वरी साँ
चो नाथ बसराई
षडरस लगै
बाँ
वरी नीकै
कब ँ
न वाद भजन कौ पाई
हा हा खात फरत ँ
नाथा आप ँ
क जौ मे
री स भार
प ततपावन होय नाम तहारो प ततन कौ तु
हरौ आधार
37
अब ँ
सुयो कान दे
य नाथा
ठौर तहारी बन र ँ
भटक आप ँ
हाथ दे
य करौ सनाथा
हा हा नाथा कत ँ
जाऊँ
कौन कौ हय क बात सु
नाऊँ
तु
हरैबन कोऊ नाथ न साँ
चो ह रह बगरी दसा बताऊँ
झू
ठो साँ
चो तु
हरी नाथा पकरौ आप ँ
जीवन डोरी
भजनहीन अधम बाँ
वरी बुहीन राखै
म त थोरी
38
ह रह काहे
प ततपावन नाम धरायो
प तत अधम जो बाँ
वरी भू
लै
झू
ठो नाम बनायो
प ततन तारे
अधमन तारे
ग णका नाँ
ह बसरायो
बाँ
वरी ज म ज म क प तता काहे
रहै
सकु
चायो
साँ
चो क जौ नाम आपनो ह रह झू
ठो बाँ
वरी बनायो
आवो नाथा साँ
ची झू
ठ पु
कार ते
बाँ
वरी पु
कार लगायो
39
ह रह दे
यो नाम को गान
नाम कथा अमृ
त सम मीठ कब ँ
होय रसपान
कब ँ
होय रसपान बाँ
वरी गौर म
े हय उमगावै
दोऊ हाथ उठाय कर बाँ
वरी नाम ह र ह र गावै
ीगौरदास क वाणी मीठ सु
न सु
न हय हषावै
ीगौरनाम क म हमा नीक जे
ई बाँ
वरी चा ै
40
गौरनाम जौ पान कयो तो ह रह कृ
पा भई अ त भारी
गौर नाम साँ
चो धन अपनो भू
लत बाँ
वरी ज म बगारी
भू
ल भू
ल रही ज मन स बाँ
वरी कब ँ
न गौर उ चारी
कब ँ
न गौर तोय मीठो लागे
कब ँ
न जग त लगै
खारी
धक धक बाँ
वरी जीवन सगरौ म
ेन उप यो हय ते
रे
गौरनाम होय धन साँ
चो मू
ढ़ेबरथा क ह ज म ब ते
रे
41
ह रह साँ
ची दे
यो हय पीर
साँ
चो बरह हय कब ँ
फूटै
कब ँण ण बनै
अधीर
कब ँण ण बनै
अधीर साँ
ची चटपट उर लागै
लोभ मोह मद म सर सारे
बाँ
वरी कब ँहय ते
भागै
को ट को ट अवगु
ण होय बाँ
वरी बोझ उठाई भारी
ह र नाम न मु
ख स गाई बाँ
वरी ज मन ज म बगारी
42
: ह रह तु
म बनु
होऊँ
अनाथा
आप ँ
क जौ स भार ह रह क जौ मोय सनाथा
ज म ज म भु
लाई ह रह बाँ
वरी ज म ज म बगारी
साँ
ची पीर उठ न उर अं
तर ह रह न कब ँ
पु
कारी
जग त फरै
षडरस मगन बाँ
वरी साँ
चो नाथ बसारी
मु
ख राखी ज हा जू
ठन पावै
कब ँ
ह रनाम न उ चारी
43
ह रह पीरा दे
यो अपार
कब ँ
जरैहय गीली काठ स बाँ
वरी करैबचार
धक धक जीवन होय बाँ
वरी भजनहीन अ त मू
ढ़े
कौन भाँ
त हय म
ेसरसावैम
ेभाव होय गू
ढे
हा हा नाथा बलपत अब ँ
ज म ज म कौ नधन
खाली आय रही खाली लौट कब ँमले
तोय म
ेधन
44
ह रह जग त फरी बौराई
भजनहीन रही प तत बाँ
वरी जग त रहै
लु
भाई
जग त रहै
लु
भाई बाँ
वरी षडरस लागै
तोय नीको
लौटत फरै
जगत वी थन माँ
ह ह रनाम लगै
फ को
कब ँ
बाँ
वरी नाम रस आवै
लोभ न हय उपजावै
मू
ढ़े
अब ँ
जाग न ा स बरथा ज म गमावै
45
ह रह अब ँ
नयनन नीरा बरसै
बाँ
वरी ी त न क ह साँ
ची ज म ज म स तरसै
ज म ज म स तरसै
बाँ
वरी ह रह आप ँ
करौ स भारा
ह र वमु
ख रही सदा स ज मन ज म बगारा
अब ँ
हाथ लगै
न कछु
बाँ
वरी बै
ठ झू
ठ साँ
ची रोवै
म लन होय अचरा दाग भरै
कब ँ
नाम कौ साबु
न धोवै
46
ह रह सोवत ज म गये
सारे
साँ
चो धन बसराई बाँ
वरी कतनो ज म बगारे
कौन व ध भव न ा जागै
बाँ
वरी भवरोग होय गाढ़ै
कौन भाँ
त ते
रौ बोझा छू
टेदन दन सवाया बाढ़ै
खोट रही ज म ज म स न साँ
चो धन सं
चय क ह
धक धक जीवन होय बाँ
वरी बरथा सगरी वासा ली ह
47
ह रह हम यै
कोयला कारो
बरथा वासा वासा क ह मानु
स ज म बगारो
मानु
स ज म बगारो बाँ
वरी ढ ग ण ण क ह
वां
ग धराय फरै
भ न कौ कब ँ
ह रनाम न ली ह
कौन वध होय ते
रौ छु
टकारा मू
ढ़ेसं
सा सु
न फू
ले
माट क पु
तरी तो बाँ
वरी काहे
तोय सगरी बाता भू
ली
48
ह रह भजन बना दन बीते
भर भर ले
य गये
नाम को धन सब हम अज ँ
रहै
रीते
हम अज ँ
रहै
रीते
ह रह गये
काम लोभ मद मारे
मानु
स दे
ह कौ मोल कये
न अज ँ
सगरौ ज म बगारे
कोऊ उपाय बनत न बाँ
वरी गुचरणन उपजै
न ीत

ेक गागर न भरेम
ेस बाँ
वरी जाने
कब ँ
रस री त
49
ह रह भजन हीन बौराई
फरत रही जग वी थन माँ
ह बाँ
वरी साँ
चो नाथ बसराई
साँ
चो नाथ बसराई बाँ
वरी ते
रौ कौन वध होय छु
टकारा
ण कौ साँ
चो भजन बनै
न कब ँ
मानु
स ज म बगारा
धक धक मू
ढ़े
प तत पामरी काहे
माता पीड़ा द ह
भजन हीन सु
भाय होय ते
रौ ऐसो काहे
ज म रही ली ह
50
ह रह छां
डो न एकै
पामरी
सगरौ जीव कौ म
ेलु
टावो काहे
राखी एकै
बाँ
वरी
काहे
राखी एकै
बाँ
वरी ह रह पा कु
पा न बचारै
आय हय लगाये
सगरौ पापी जो एकै
ह रनाम उ चारै
मू
ढ़ा प तत अधम बाँ
वरी एकै
ह रनाम न साँ
चो ली ह
बरथा क ह सगरी वासा एकैवासा ह रनाम न क ह
51
ह रह तु
म होय प ततपावन
जो प तत न पावन क हे
झू
ठो होय नाम रखावन
झू
ठो होय नाम रखावन ह रह एकै
प तता दय बसारी
कौन भाँ
त कहावो ह रह जौ आय न हमरी बारी
झू
ठो तु
हरौ नाम होय न ह रह अब ँ
साँ
चो क जै
प ततपावन नाम रखावो सब प ततन चरण रख लीजै
52
ह रह कौन ारे
जाऊँ
तु
हरैबन न नाथा कोऊ कौन कौ टे
र बु
लाऊँ
कौन कौ टे
र बु
लाऊँ
ह रह तु
म प ततन कौ नाथा
जो बसराय दय हौ अज ँ
बाँ
वरी होय गई अनाथा
तु
हरै
होवत होऊँ
अनाथा ऐसो न होय कोऊ भाँ

चरणन चे
री क जौ ह रह मलेवकल हय कौ शाँ

53
ह रह कब ँ

साँ
ची पु
कार लगाऊँ
साँ
चो नाम न नकसैहय स बलपत र ँ
अकु
लाऊँ
बलपत र ँ
अकु
लाऊँ
ह रह बड़ौ ताप हय कौ आवै
साँ
चो नाथ बसराय रही बाँ
वरी ज म ज म ख पावै
अब ँ
नाथा क जौ स भार कछु
भजन क रीत बतावो
बाँ
वरी पड़ी भव स धु
डोलत ह रह आप ँ
आय बचावो
54
ह रह न हाथ छु
ड़ाय जावो
कौन आसरो छां
ड कै
बाँ
वरी ह रह दे
हरी कदम बढ़ावो
तु
म बन कौन होय मे
रौ नाथा काहेबलपत राखी ारे
पु
न पु
न धावत छां
ड बाँ
वरी ाण धन दयेबसारे
कौन कौ टे
र लगाऊँ
नाथा पहले
मोय ठौर बतावो
जाने
कौ कोऊ बात न क जौ ाण लयो पाछै
जावो
55
र सकन कौ सरमौर नताई र सकन कौ सरमौर
अवधू
त होय दोऊ हाथ उठावै
गाय गौर गौर ह र गौर
गौर म
ेकौ धन लु
टावैनताई प ततन के
पाछै
जावै
आप ँ
उ म होय नाचैजत छु
य उ म बनावै
सब प ततन कौ म
ेदे
य दे
य ह र ह र बोल लावै
बाँ
वरी होय प ततन सरमौर नताई कौन घड़ी सु
ध पावै
56
भज गौरां
ग भज गौरां
ग, गौरां
ग म
ेकौ सार
गौर गौर नाम उ म बनावैहय बहैम
ेरस धार
क णामयी अवधू
त नताई नाम गौर ह र कौ गावै
ह र ह र बोल क णा करै
गौर ह र म
ेबरसावै
पा कु
पा बचार न राखैहय स प त सकल लु
टावै
कृ
पा यै
बाँ
वरी अ त भारी जो नाम गौर नताई गावै
57
क णा केस धु
मे
रेनताई दयाल

हय स प त दे
वै
प ततन करै
जो नहाल

मां
गे
न और कछु
बस ह र ह र बोल

सब प ततन के
जी पाछै
र ौ डोल

ऐसो कौन दयाल साँ


चो जो ह र म
ेलु
टावै

नताई नताई नाम भजै


सोई गौर म
ेपावै
58
रटौ मन आठ याम गौर नताई नाम
भजो भाई सु
बह शाम गौर नताई नाम

गाओ गाओ ाण भर गौर नताई नाम

नाम भजै
नाम पावै
गौर नताई नाम


ेउ म बनावै
गौर नताई नाम

क जौ एकै
काम भजो गौर नताई नाम
59
गौर नताई नाम अनमोल रे
भाई गौर नताई बोल
कृण म
ेकौ दाता गौरह र कहै
ह र ह र बोल
अपनो म
ेआप लु
टावै
जी ऐसो कौन होय उदार
गौरच सँ
ग कटैनताई कयो क लकाल उ जयार
क ल कै
पाप ताप सब नासै
रटै
गौर नताई नाम
बाँ
वरी चरणन परै
गौर दयाला होय साँ
चो बसराम
60
: ह रह होऊँ
अवगु
ण कौ खाना
अवगु
ण दे
खू
ँअवगु
ण चे
तु

ह रह आप ँ
करौ नदाना
आप ँ
करौ नदाना ह रह नाम क डोर बां
ध लीजौ
बाँ
वरी प तता ज म ज म क भारी चरणन र न क जौ
नाम बना एकैवास न आवै
ह रह ऐसी दसा कब होवै
ज म ज म क भव न ा गाढ़ पड़ी मू
ढ़ा बाँ
वरी सोवै
61
ह रह म ी त न क ह साँ
ची
बाँ
वरी प तता ज म ज म क वषय भोग रँ
ग राँ
ची
वषय भोग रँ
ग राँ
ची ह रह नाम कौ ने
म न भावै
वषयन भोग होय अ त गाढ़ेहय म
ेनाँ
ह लसावै
कौन व ध ते
री बात बनत रही भजनहीन पसु
समाना
बरथा रसना मु
ख रखावै
बाँ
वरी न होय ह रनाम कौ गाना
62
तु
मस कौन दया न ध नाथा
बाँ
वरी प तता ज म ज म क रख लीजौ करौ सनाथा
तु
मस कौन प ततपावन ह रह तु
मस आस लगाई
मू
ढ़ा बाँ
वरी ज म ज म स रही साँ
चो नाथ बसराई
कब ँज हा स नाम रटन बनै
गौर गौरां
ग उ चारै
प ततपावन नाम होय तहारो प ततन बाँ
वरी उबारै
63
ह रह हय पाथर स कठौरा
भजनहीन क कोऊ ग त नाँ
ह मले
न कोऊ ठौरा
मले
न कोऊ ठौरा ह रह बाँ
वरी साँ
चो नाथ बसराई
अब ँ
दे
ख लजात न कछु
मू
ढ़ा ण ँ
नाय सकु
चाई
अब ँ
तलफत बाँ
वरी ह रह नत यताप जरावै
भजनहीन हय पाथर भयौ नाँ
ह एक ँ
नाम न गावै
64
ह रह अब ँहय न छ जै
कौन स मु
ख स पु
का ँनाथा दया न ध दया क जै
अपनी ओर दे
ख लजाऊँ
ह रह ज मन क प तता भारी
कब ँ
न ली ह साँ
चो नाम एक ँण ण द ह बसारी
बरथा ज म क ह बाँ
वरी रही वासा वासा खोय
धक धक जीवन ते
रौ बाँ
वरी रहै
पसु
समाना ढोय
65
कौन कारण प ततपावन नाम धराय
बाँ
वरी भू
लै
प तता अ त भारी कै
सो प ततपावन कहाय
प ततन कौ सरमौर होऊँ
नाथा प ततन पावन क जौ
पकरौ नाम कौ डोरा बाँ
धत अपनो नाम साँ
चो क जौ
झू
ठो नाम रखायो तु
म नाँ
ह बाँ
वरी कौ करौ उधारा
ह रनाम क भ ा द जौ नाथा तु
ह साँ
चो सहारा
66
: जय स चन दन जय गौरह र
जय जय न यानं
द ाता जय जय न दया बहारी
साँ
चो नाम तहारो नाथा कौन व ध गु
ण गाऊँ
को टन को ट रसना मु
ख होय बरनत नाँ
ह अघाऊँ
भ ा नाम क चा ँ
नाथा लोभ दे
यो अब ँ
भारी
ज मन स भु
लाय राखी ह रह बाँ
वरी दसा बगारी
67
ह रह साँ
ची म
े पपासा न होई
बाँ
वरी प तता भोगी भारी ज म ज म रही सोई
ज म ज म रही सोई मू
ढ़े
साँ
चो धन रही बसराई

ेन होय ते
रे
उर अं
तर बरथा ज म गमाई
कब ँ
नाम भजन तोहे
सु
हावै
कब ँवषय लोभ छू
टै
कब ँहय म
ेरस उमगावै
कब ँम
ेकौ अं
कु
र फू
टै
68
जाको चै
नाम यु
गल कौ कछु
और न सु
हावै
नरखै
नयनन स ाणधन काहे
नयन इत उत जावै
हय राखै
यु
गल चरणन माँ
ह कोऊ पीरा नाँ
ह जरावै
बां
वरो होय यु
गलनाम गावै
पुन जग वी थन न जावै
बाँ
वरी प तता ज म ज म क तू
कब ँम
ेरस पावै

ेी को ल ण न कोऊ न यु
गल कौ लाड लड़ावै
69
ह रह भोगी जन होऊँ
भारी कब ँ
नाय लजाऊँ

े वहीना जग वी थन घू
मू

कब ँ
नाय सकु
चाऊँ

ेस हय न फू
लेकब ँ
होय पाथर स कठोरा
जो साँ
चो चरणन ने
ह न लाई कोऊ मलै
न ठौरा
से
वा लोभ न हय लगै
कभी न कब ँहय अकु
लावै
बाँ
वरी ज म ज म करैबरथा यु
गलनाम न गावै
70
ह रह न री त भजन क जानी
भजनहीन होय इत उत डोलू

क ँसदा मनमानी
अवगु
ण क खान होऊँ
नाथा मू
ढ़ा अधमा अ भमानी
बरथा क ह वासा वासा न होय नाम कौ गानी
कब ँ
मन लगै
ह रभजन माँ
ह छां
ड सकल शै
तानी
लये
सुमरनी मन इत उत भाजै
क ँसदा बे
ईमानी
71
ह रह ते
री म हमा अन त महान
बाँ
वरी मु
ख राखै
न ज हा कै
सेकरे
बखान
भ प म करै
आ वादन धर न य नव प

ेकौ ही वाद चखे
बस यही वाद बनै
अनू

भोरी गु
जरी का म
े म लत कयो आप ह र पयपान
ध यध यहरध यहरभ प यै
एको समान
72

ेकौ माग अटपटौ कोऊ बरला पगन धरात
साँ
चो हय ह र आप ँ
लखै
आप ँ
रस लसात
अ त मलीन अ त अधम कौ आप ँ
पा बनात
आप ँ
रस भरै
पा माँ
ह आप ँफरै
चखात
री त कहैम
ेक बाँ
वरी अब ँ
म रही न मे
री जात
होऊँखलौना यतम कौ जस भाँ
त ले
य नचात
73
: ह रह होऊँ
अवगु
ण क खान

भव रोग लगै
रहै
भारी क जौ तु
रं
त नदान
इतनो होय भरोसो नाथा तु
ह हौ मे
रौ ठौर

नाम तु
हारा रटैज हा न दे
व याऊँ
और

तु
म नाथ म र ँ
अनाथ फर नाँ
ह बनत बात

हरो भव पीड़ा नाथा बाँ


वरी रहै
अकु
लात
74
नाम गौरां
ग लय मद म त नाचैशव मु
रारी
पावती पू
छै
कौन यान स सगरी दसा बगारी
शव बोले
नाम *गौरां
ग* पावती सु
न भई आन दत
कहेशव स पावती नाम गौरां
ग कौ व दत
क णामयी अवतार गौरां
ग क लमल नसावैम
ेभरे
बाँ
वरी दोऊ हाथ उठाय बोले
जय जय मे
रे
गौर हरे
75
ह रह जग त फरै
बौराई
साँ
चो नाम धन सं
चय न क ह झू
ठ करै
कमाई
बरथा क ह वासा वासा दे
खो न मे
री अधमाई
बाँ
वरी क ट व ा माँ
ह लौटत दयो ह रनाम भु
लाई
भव रोग होय अ त गाढ़ा ह रह कौन वध होय छु
टाई
मु
ख स कब ँ
ह रनाम न ली ह ज हा चा डा लनी पाई
76
: ह रह भजन चटपट न लागी

बाँ
वरी प तता भोगी भारी रहै
सदा वषय रस पागी

ज म ज म क न ा गाढ़ अब ँ
न बाँ
वरी जागी

हँ
सा होतौ तो पीवत सु
धा रस रहैव ा पावत कागी
77
ह रह बरथा वासा क ह
जग वी थन लौटत रही नश दन रा न ा ली ह
भोग न ा सोवत ज म स मानु
स दे
ह बरथा क ह
वासा मली ह रभजन कौ मू
ढ़ेवषय समाय द ह
कौन भाँ
त होवै
छु
टकारा भव सां
कली चरणन ली ह
बाँ
वरी नाम कौ साबु
न धोये
कब ँ
चु
नर दागी क ह
78
ह रह कब ँ
होय छु
टकारा
भजनहीन बौराई रहै
बाँ
वरी सगरौ ज म बगारा
पु
न पु
न फरै
चु
रासी फे
रत होवै
भव रोग पसारा
हा हा नाथा अब ँ
र ौ बलपत जीवन लागै
खारा
हय माँ
ह अ न जरावै
ऐसेगरै
जौ कोऊ अं
गारा
हा हा नाथा करत बाँ
वरी करौ अब ँ
छु
टकारा
79
ह रह हम जग त कौ क च

कौन वध म
ेअं
कु
र हय फू
टै
कौन वध होवै
सच
नाम भजन न ँचै
नाँ
ह हय रमावै
भोगन बीच

बाँ
वरी प तता ज म ज म क रही नीचन स नीच
80
ह रह दे
यो भजन कौ दान
बाँ
वरी हय न म
ेउपजै
कब ँ
र ौ पाषाण समान
कब ँ
हाथ सु
मरनी राखै
कब ँज हा ह रनाम गान
बाँ
वरी र ैवषय रस पीबत कब ँ
करै
नाम रस पान
ह रह भजन क चटपट द जौ होय भव रोग नदान
भजनहीन भोगी फरै
बाँ
वरी वनय सु
नये
द जै
कान
81
ह रह पकरौ हाथा आप

भजनहीन प तता फरै


बाँ
वरी कब ँ
करै
नाम कौ जाप

वषय भोग क अ न जरावै


ह रह हय उठै
भारी ताप
कब ँ
नाम क चटपट लागै
कब ँहय करैलाप
82
ह रह दे
यो पीरा हय अपार

बाँ
वरी भोगी ज म ज म कौ न बनै
भजन कौ सार

भोग वषय माँ


ह हय रमावै
भोग रस होय पसार

ह रह कस कस चपत धरावो बाँ


वरी भोगी बनै
चमार
83
ह रह कृ
पा कब ँ
अधमन पर होवै

कब ँ
नाम लयेहय छ जै
कब ँ
नयन भर रोवै

कब ँवषय भोग लगै


खारी कब ँ
नाम रस भावै
बाँ
वरी प तता ज म ज म क न ँ
ह र न यावै
84
ह रह बगरी दसा हमारी
बाँ
वरी रहै
जग त माँ
ह लौटत साँ
चो नाम बसारी
साँ
चो नाम बसारी मू
ढ़े
झूठो धन सं
चय क ह
बाता सु
नी न स त स गुक कब ँ
कान न द ह
धक धक जीवन ते
रौ बाँ
वरी बरथा ज म गमाई
ह र गुस ने
हा न लगाई तू
प तता रही सदाई
85
ह रह कब ँ
भजन चटपट लागै
बाँ
वरी प तता होय ज मन क र भजन स भागै
कब ँ
स त र सकन क चरण धू
र ले
य भाल चढ़ावै
कब ँ
भोग वषय सब छू
टे
कब ँ
नाम रस पावै
बाँ
वरी भोग वषय न छू
टे
भोग वषय रस गाढ़ै
कब ँीत हय उमगावै
कब ँ
नाम धन बाढ़ै
86
ह रह हय पीरा दे
यो अपार
बाँ
वरी प तता जग त कौ भाजैफरै
साँ
चो नाथ बसार
फरै
साँ
चो नाथ बसार जग त भोग होय अ त यारे
अब ँ
न जगी भव न ा स मू
ढ़े
ज मन ज म बगारे
कब ँ
न ह रनाम सु
हावै
प तते
भजन लगै
न नीको
मानु
स दे
ह बरथा क ह र ौ नाम कौ रँ
ग फ को
87
ह रह प तता पड़ी हैारे
अबक बे
र स भारो नाथा ज मन ज म बगारे
ज मन ज म बगारे
ह रह अब ँ
न भजन सु
धक ह
बाँ
वरी बरथा वासा सगरी मु
ख स ह रनाम न ली ह
ह रह भ ा द जौ नाम क कछु
साँ
चो धन बनै
कमाई
प तता बाँ
वरी ज मन स नधन अब ँ
नाय सकु
चाई
88
: पोथी पढ़ प डत भयौ कब ँ
मु
ख ह रनाम न गाय
भ वहीना जो ान रहै
नहर म
ेउपजाय
बाँ
वरी पढ़ पढ़ या क जै
जो फरै
ह रनाम वहीन
हय कपट कु
टलता भरी न बनै
सु
भाव कब ँ
दन
कौन भाँ
त हय म
ेउमगाय द ह साँ
चो धन बसराई
मू
ढ़ा अधम प तत बाँ
वरी रही पढ़ पढ़ सब ँ
गमाई
89
: ह रह हम होय वष क बे
लरी उगी ऊँ
ची मचान
जस छु
य सौ पीड़ा मले
भारी होय अ त कशान
क ट होय बाँ
वरी ज म ज म स लौटत व ा माँ

पसु
समान लौटत फ ँक च भावै
सदा सदा ह
बाँ
वरी कू
करी रही भजनहीन र ौ ते
रौ सु
भाय
धक धक ऐसो जीवना न बगड़ी बनत बनाय
90
ीस गुमे
रे
खो ल म
ेकौ हाट

ेक सगरौ रसद राखी जी म
ेकौ राखै
बाट
आवै
कोऊ जोई ा च दे
वै
ले
वैम
ेदे
य मोल
ज हा राखै
ह रनाम सदा स बोले
मु
ख ते
मीठे
बोल

ेकौ सौदा करै
कोऊ बरला करैम
े यौहार
नाव चढ़ावै
स गुऐसी दये
चु
काई करै
भव स पार
91
ीस गुमे
रे
खो ल म
ेकौ हाट

ेकौ होय यौपार चौखा सदा सदगु जी क ठाट
स गुमे
रा दयाल जी सगरौ सौदा स ता क हा
नाम क लगै
दाम म
ेकौ दाम दये
सौदा ली हा
बाँ
वरी चल स गुशरणाई द जौ नाम कौ साँ
चो मोल
स गुमे
रा स चा सौदागर दे
य म
ेकौ सौदा तोल
92
ह रह चरणन र न क जै
वनय सु
नो दासी क नाथा ताप बढ़ैहय छ जै
ताप बढ़ैहय छ जै
नाथा तव चरणन मे
रौ ठौरा
चरणन क रज क जौ नाथा दासी करैनहौरा
ए ह पद पं
कज सु
मरन नाथा क जौ नाथ वासी
ई क र जो र वनय क जै
नाथा तहारी बाँ
वरी दासी
93
: सखी री न क ँ
कोऊ से
पी क ब तयाँ
दवस जावैपय पय टे
रत काटे
न जावै
र तयाँ
काटे
न जावै
री र तयाँ
बाँ
वरी बरहन बै
ठ रोवै
पय पय टे
रत र ै
मु
ख स नयनन नीर भगोवै
नक ँ
री पय आप ँ
जानत मे
रौ सगरी ब तयाँ
मौन होय रही राह नहा ँनयनन काटू

र तयाँ
94
ह रह हम ँ
सदा कं
गाला
नाम वहीना बाँ
वरी डोलत काहेहय परै
न छाला
जग त व ा भोग रस लोभी म द म त कु
चाला
ढ ग रचावत भाँ
त भाँ
त के
हाथ न पकरै
माला
बाँ
वरी ज मन स खोट कस भाँ
त हय रहै
उजाला
नाम वहीना ज मन खोई कै
सो पावैम
े नवाला
95
ह रह अजब तु
हारी बात
गू

गे
कौ कहौ बोल सखावै
अपनी बनत न बात
लँ
गरै
कौ कहौ नाच सखावै
आप ँ
चलै
न लात
बहरे
कौ कहौ राग सखावै
कानन बात न आत
नाम वहीना बाँ
वरी लखै
नाम म हमा काहे
नाँ
ह सकु
चात
नाम भजन जस आप ँ
न क हा बरथा ज म गमात
96
ह रह अजब हं
साई क ह
रस क बात करै
रसहीना भजन भु
लाय द ह
लख लख पोथी सगरी राखै
मू
ढ़े
कागद क हे
कारै
ह रनाम स च न भीजै
बाँ
वरी कौन भाँ
त बचारै
लोभ माद क भरी पोटरी बाँ
वरी हय क मष भारी
नाम वहीना फरै
जग त माँ
ह रहै
ज मन ज म बगारी
97

रटत रटत ज म जावै


आवै
न हय म

न ा स ह रभजन होय जे
ई भजन को ने

बन न ा रटन तोते
क ज म ज म रस र
शरण क जै
र सक क तब ँ
आनँ
द होय भरपू

बाँ
वरी अपनी म त न क जये
र सकन चरणन क जै
ठौर
हय पघरै
सां
चे
भजन स साँ
ची चटपट लागे
और
98
ह रह कब ँहय जलैयू

काठ
षडरस अब ँ
बड़ौ सु
हाय भावै
जग त कौ ठाठ
भोगन रस कौ लोभी बाँ
वरी बनै
कौन व ध बात
अवगु
ण क होय खान बाँ
वरी ण ँ
नाय सकु
चात
कौन व ध भजन लौभ हय आवै
भू
लै
जग त को साथ
नाथ तहारौ शरण प र न बाँ
वरी पापन स सकु
चात

99
ह रह तु
म साँ
चो बलवान।
तु
हरौ होत माया मोहै
भे
दे
क रहै
ख चा तान।।
कोऊ व ध न जाने
बाँ
वरी तड़पत मीन समान।
बुहीन बलहीन अ त पामर भजन कौ नाँ
ह भान।।
शु
क हयौ कोऊ म
ेन उपजै
होय एकै
पाषाण।
बाँ
वरी क ठौर आप ँ
नाथा क जौ कोऊ नदान।।

100
ह रह तु
म साँ
चो रखवारे

हाथ दे
त राखो नज जन कौ जो इक बे
र पु
कारे
।।
शरण पड़े
क र ा क ह दए सब दोष बसारे

क लताप से त जीव सब ह रनाम दे
य उबारे
।।
तु
म बन कौन होय साँ
चो मीत दए जन ज म बसारे

हा हा नाथ ते
रौ भजन न क हा ब ते
रे
ज म बगारे
।।

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