You are on page 1of 21

ग्रामीण बीमा

ग्रामीण क्षेत्र के लिए बीमा दायित्ा

आई.आर.डी.ए. ने अपने (ग्रामीण अथवा सामाजिक क्षेत्रों के प्रति बीमाकिााओं के दातित्व) ववतनिम,
2000 में उल्ेेख क यकिा क यक सामायि बीमा कारबबार करने वाेा प्रत्िेक बीमाकिाा स सीमा िक
ग्रामीण क्षेत्र में बीमांकन कारबबार करे गा
 प्रथम ववत्िीि वष ा में के सके प्रीयमिम का कम से कम 2%
 दस
ू रे ववत्िीि वष ा में सके प्रीयमिम का कम से कम 3% और
 िीसरे और आगे के ववत्िीि वष म में सके प्रीयमिम का कम से कम 5%

दातित्वों में ोसेों के येए बीमा िायमे

ग्रामीण क्षेत्र कब वपछेी िनगणना के अनसार यकसी स्थान के प प में पभरषावष ि यकिा गिा क,
 जिसकी िनसंखिा 5000 से अधिक न ीं ब
 िनसंखिा का तनत्व 400 प्रति वगा यकेबमीटर से अधिक न ीं ब, और
 कृवष कािा करने वाेी पप ष िनसंखिा का कम से कम 75%

षारि सरकार ने समेयकि ग्रामीण ववकास कािाक्रम (आई.आर.डी.पी.) के अंिगाि छबटे यकसानों,
सीमांिक यकसानों, कृवष मिदरू ों आदद के ेाष के येए ववयषयन कािाक्रम िप यकए स कािाक्रम
में केयरीि और रा ि सरकारें 50:50 आिार पर तनधि िबगदान करिी

वविेष बीमा िबिनाएं आई.आर.डी.पी. पभरिबिनाओं के ेाषाधथािों के संरक्षण के येए िकिार की गई

न ‘वविेष बीमा िबिनाओं’ में प्रीयमिम दरें कम बिी और दावों की प्रयक्रिा कब सरे बनािा गिा

ग्रामीण बीमा सीएससी – ाीएिई प्रलिक्षण

ग्रामीण पॉयेयसिां

ग्रामीण पॉयेयसिों में नका बीमा िायमे बिा क :


1. ववयषयन पििन, अथााि ् मवेिी, षेड़, बकरी आदद
2. उप-पि अथााि ् रे िम का कीड़ा और मिमक्ख की
3. पौिरबपण और बागवानी ोसेें, अथाात्रबड़, अंगरू आदद
4. सम्पजत्ि अथााि ् कृवष पम्प सकट, आदद
5. व्िजक्ि अथााि ् ग्रामीण दताटना

माेिी बीमा

‘मवेिी’ िब्द का आिि दिााई गई आि सीमा के षीिर तनम्नयेिख कि पिओं, दे िी, ववदे िी अथवा
दबनस्ेी ब, से क
1. दिाप गाि : 2 वष ा से 10 वष ा
2. दिाप षसें : 3 वष ा से 12 वष ा
3. अयषिनक सॉडं (गाि/षस प्रिाति) : 3 वष ा से 8 वष ा
4. बके (नपस
ं क बनाए गए बके और नपस
ं क बनाए गए नर षसे) : 3 वष ा से 12 वष ा

मवेिी पॉयेसी तनम्नयेिख कि व़ह से मत्ृ ि के येए क्षतिपतू िा प्रदान की िािी क


(क). दताटना (अजनन, ेा दटंग, बाढ़, िेप्रेि, िो
ू ान, म ाचक्रवाि, षक
ू ं प, चक्रवाि,
टबरनेडब, बवण्डर, िो
ू ान, अकाे सद ि)
(ख क). स पॉयेसी की अवधि के दौरान अनबंधिि अथवा पकदा बने वाेे रबग
(ग). सजिाके ऑपरे िन
(त). दं गे और ड़िाे

ि पॉयेसी अतिभरक्ि प्रीयमिम का षगिान करने पर स्थािी पण


ू ा ववकेांगिा (पी.टी.डी.) कवर करने
के येए ववस्िाभरि की िा सकिी क:
(क). स्थािी पण
ू ा ववकेांगिा, जिससे, दिाप गाि के मामेे में , गषािारण अथवा दि
ू दे ने
में स्थािी और के अक्षमिा ब िािी क
(ख क). पी.टी.डी., जिससे, अयषिनक सॉडं के मामेे में , प्रिनन उद्देश्ि के येए स्थािी
अक्षमिा ब िािी क
(ग). पी.टी.डी., जिसमें, बकेों, बछड़े/बतछिा और नपस
ं क बनाए गए नर षसों के मामेे में
प्रस्िाव प्रपत्र में उजल्ेिख कि उपिबग के उद्देश्ि के येए स्थािी और पण
ू ा अक्षमिा ब
िािी क

बीमाकिाा कछ पॉयेयसिों के येए कछ वविेष प्रतिबंि/ििें/तनष ेि अधिरबवपि करिे


दााा प्रक्रििा

म त्वपण
ू ा दस्िावे़ह िब दावा यकए िाने के समि षेिे िाने की आवश्िकिा बिी क , वे नीचे ददए
गए :

दावा अधिसच
ू ना की एक प्रति पॉयेसी िथा प्रीयमिम रसीद की ोबटबकॉपी के साथ बीमा कम्पनी कब
उपेब्ि करवाई िािी क

(i). पि का प्रमािणक मत्ृ ि प्रमाणपत्र


(ii). कान टक ग
(iii). मत्ृ ि के कारण के ब्िबरों का उल्ेेख क करिे ए पि की प्रमािणक पबस्टमाडमा भरपबटा
(iv). एक प्रमािणक प्रमाणपत्र िब तनम्नयेिख कि में से यकय ीं दब ावारा उपेब्ि करवािा गिा ब:-
क. गॉवं का सरपंच ि ां बीमा येिा गिा था
ख क. कॉपरे दटव क्रेडडट सबसािटी का अध्िक्ष/प्राधिकृि अधिकारी
ग. दनि संग्र ण केयर का कमाचारी
त. यकसी बयकं ग अथवा क्रेडडट संस्था (यसवाि ववत्िीि बक) का पिावेक्षक अथवा
अधिकारी अथवा तनरीक्षक
ङ. प्रा मरी स्कूे का मखि अध्िापक
च. ग्राम ेेख काकार अथवा ग्राम रािस्व अधिकारी
छ. डी.आर.डी.ए. अथवा सके कबई प्राधिकृि नायमिी
ग्रामीण बीमा सीएससी – ाीएिई प्रलिक्षण

भेड़ और बकरी बीमा


ि पॉयेसी तनम्नयेिख कि व़ह से षेड़ और बकभरिों की मत्ृ ि बने पर क्षतिपतू िा (बीमाकृि रायि
अथवा बािार मल्
ू ि, िब षी कम ब) प्रदान करिी क:
(क). दताटना (अजनन, ेा दटंग, बाढ़, अकाे, ड़िाे, दं गा और िन ववरब सद ि) अथवा
(ख क). बीमा की अवधि के दौरान अनबंधिि अथवा पकदा बने वाेे रबग

तनष ेि ेगषग व ी िब पि बीमा पॉयेसी में ददए गए िे िानबझ


ू कर ेापरवा ी, िानबझ
ू कर
वि, चबरी आदद से सम्बंधिि

िथावप, तनम्नयेिख कि तनष ेि स पॉयेसी के येए ववयि्ट क :-


- नदटरबटॉजक्सेयमिा, िीप पॉक्स, भर ंडरपेस्ट, एंथ्रेक्स, ख कर-मख क पाक रबग, गेतबटू, ब्ेकक-
क्वाटा र की वि से मत्ृ ि

िे रबग केवे िषी कवर यकए िािे िदद पि कब सोेिापव


ू क
ा टीका ेगािा गिा ब और कम्पनी
कब पि-धचयकत्सक के प्रमाणपत्र की आपतू िा की गई ब

ििें व ीं िब मवेिी बीमा पॉयेसी के अंिगाि

ि पॉयेसी 6 मा से 6 वष ा के आि समू (‘िबिना’ पिओं के मामेे में 4 मा से 7 वष ा) की


सषी दे िी, दबनस्ेी, ववदे िी षेड़ िथा बकभरिों पर ेागू बिी क

षेड़ और बकभरिों का बािार मल्


ू ि प्रिाति-दर-प्रिाति, क्षेत्र िथा समि-दर-समि यषयन-यषयन बिा

पि-धचयकत्सक की यस़ााभरि दावे के िबिख कम और तनपटान की स्वीकृति के येए एक मागादिाक क


दावों से कबाड़ कीमि की कटौिी न ीं की िािी क

प्रीयमिम दरें अेग-अेग ेागू बिी :-


(क). दे िी पि
(ख क). दबनस्ेी पि
(ग). ववदे िी पि

पिओं की प चान िाि से बने कान के टक गों और/अथवा टक टू बनाने की पद्धति ावारा की िानी
चाद ए प्राकृतिक तनिान प्रस्िाव िथा पि-धचयकत्सक के प्रमाणपत्र में दिा यकए िाने चाद एं

समू छूट कवर यकए गए पिओं की संखिा (यिन


ू िम 101 से 500 पि) पर तनषार करिे ए
उपेब्ि बिी क
ग्रामीण बीमा सीएससी – ाीएिई प्रलिक्षण

कुक्कुटपालािब बीमा

संक्षक्षप्क िाारण

ि कक्कट पषियक्षिों की क्षतिपतू िा प्रदान करिी क जिसमें अंडा दे ने वाेी, सीख कों पर षन
ू े िाने वाेे
और अंड-िनन-स्थान वाेे पक्षी िायमे (प्रिनन स्टॉक) िब ववदे िी और संकर प्रिाति के बिे

दे िी िथा गकर-पभरषावष ि पषियक्षिों का बीमा न ीं यकिा िाएगा

ि िबिना कक्कटपाेन ोामम के येए ेागू क जिसमें िबिना रेणी/गकर-िबिन रेणी के अंिगाि
पषियक्षिों की यिन
ू िम संखिा िायमे ब

कार क्रकए गए जोखिम

ि पॉयेसी दताटना (अजनन, आकािीि बबिेी, बाढ़, चक्रवाि, ड़िाे, दं गा और िन ववरब और


आिंकवाद सद ि) अथवा अनबंधिि अथवा बीमा की अवधि के दौरान बने वाेे रबगों की वि से
पषियक्षिों की मत्ृ ि के प्रति क्षतिपतू िा प्रदान करे गी

प्रमि
ु यबषेध:

िानबझ
ू कर िखमी करना, यकसी षी सािन से पभरव न, चबरी िथा चबरी-तछपे बबक्री, िानबझ
ू कर
काटना, पषियक्षिों से सम्बंधिि श्वेिकणबत्पादक किक की ववृ द्ध के रबग, िद्ध िथा नायषकीि ख किरे ,
गेि प्रबंिन, कम बढ़बिरी, मन्ि-षक्षणिा, परषक्षी कारा वाई, स्थािी िथा आंयिक ववकेांगिा,
उत्पादन का नकसान और मानक तनष ेि

बीमांकब िाचार

ोामा में सषी पषियक्षिों का बीमा करवािा िाना चाद ए

पषियक्षिों की तनिााभरि यिन


ू िम संखिा बनाए रख की िानी चाद ए और सषी पक्षी पक्षी-पभरवार आिार पर
कवर यकए िाने चाद एं और सयेए प चान िप री न ीं क

ोामम में उसके स्विं की अथवा परामिा आिार पर पि-धचयकत्सक की सवविा अवश्ि बनी चाद ए
दााे

दावे केवे िषी स्वीकािा बिे िदद पक्षी-पभरवार में बीमाकृि ख किरों की वि से मत्ृ ि-दर तनिााभरि
‘अधिक’ सीमा कब पार करिी क उदा रणाथा, सीख कों पर षन
ू े िाने वाेों के येए प्रत्िेक बकच में
िनसंखिा का 5 प्रतििि ‘अधिक’ सीमा क

दावा दस्िावेि अपेषियक्षि –


(क). दावा प्रपत्र
(ख क). पिधचयकत्सक पी.एम. भरपबटा – नमन
ू ा पषियक्षिों के येए
(ग). मत्ृ ि-दर, षरण-पबष ण आदद का दक तनक भरकाडा
(त). पषियक्षिों की ख करीद के बबे
(ड.). कबई अयि प्रमाण जिनकी आवश्िकिा पड़ सकिी क िकसे ोबटबग्राो, धचयकत्सा बबे आदद
ग्रामीण बीमा सीएससी – ाीएिई प्रलिक्षण

जिचर लािब (समद्र


ु ी केकड़ा/झींगा) बीमा

अनबंि के अिीन बीमा िबिना सरकारी अधिसच


ू ना के अनसार, केवे सतन/संिबधिि सतन/मध्िम
सतन प्रणाेी अंगीकृि करिे ए ख कारे पानी के समरी केकड़ा/िा़हे पानी के झींगों में ववृ द्ध कर र े
ेा सेंसिदा ोामम पर ेागू बिी क

बीमा समरी केकड़ा/झींगों की पण


ू ा क्षति अथवा न्ट बने कब ी कवर करिा क और तनम्नवि ्
उपेब्ि क :-

िंड I : मि
ू भक
ू कार

तनम्नयेिख कि की व़ह से केवे समरी केकड़ा/झींगों का पण


ू ा नकसान:
(क). गमी की मार
(ख क). प्रदष
ू ण (केवे बाह्ि स्रबि से)
(ग). ि र ोकेने से
(त). दं गा िथा ड़िाे
(ड.). िि
ृ ीि पक्षों के दषाावनापण
ू ा कृत्ि
(च). षक
ू ंप
(छ). ववस्ोबट/अंिववास्ोबट
(ि). िो
ू ान, ऑ ंिी, चक्रवाि, बवण्डर, म ावाि ( भरकेन), प्रषंिन (टारनेडब), बाढ़, िेौि
(झ). वाई ि ाि और अयि आकािीि उपकरण अथवा सामान िब व ां से धगराए िािे , यकसी
सड़क वा न, तबड़ों और मवेिी के साथ प्रषाव
( ). आिंकवाद

िंड II : बह
ृ क ् कार

मे
ू षि
ू पॉयेसी में िथा सच
ू ीबद्ध सषी ख किरों और ख कराब प्रबंिन और/अथवा िब पबष ण कयमिों की
वि से रबग बिे उय ें छबड़कर रबग की वि से मत्ृ ि कब कवर यकिा िा र ा क

यबषेधों के कुछ उदाहरण हैं:

 दषाावनापण
ू ा अथवा िानबझ
ू कर िखमी करना, ि र दे ना, ेापरवा ी, बीमाकृि अथवा उसके
पभरवार के सदस्िों अथवा कमाचाभरिों ावारा त्रदट अथवा चूक
 गेि िरीके से और अक्षम प्रबंिन िथा ख कराब प्र स्िन
 यकसी व्िजक्ि का ववश्वासताि, सेंिमारी, धथिाना और चबरी
 यकय ीं सािनों ावारा पभरव न
 सामायि वारषाटा की जस्थति उत्पयन बने की व़ह से बाढ़ और िेौि
अनबंि में बीमाकृि रायि के तनिाारण के येए एक सत्र
ू ददिा गिा क पॉयेसी की अवधि साढ़े चार
मा (संिनन अवधि) क

दााे

स पॉयेसी के अिीन दावा यकए िाने अथवा दावा यकए िाने की संषावना वाेी यकसी जस्थति के
पकदा बने पर बीमाकृि 24 तंटों के षीिर कम्पनी कब ित्काे नबदटस दे गा, और उसके बाद चौद
(14) ददनों के षीिर परू ी िर से िकिार दावा प्रपत्र, और मछेीपाेन ववषाग/एम.पी.ई.डी.ए. के यकसी
अधिकारी अथवा यकसी िीव-वकज्ञातनक, आदद ावारा प्रमािणि ब्िबरों के साथ षेिेगा

सषी मि
ृ समरी केकड़े/झींगे कम्पनी के प्रतितनधि के समक्ष पेि यकए िाने चाद एं
ग्रामीण बीमा सीएससी – ाीएिई प्रलिक्षण

तनम्नयेिख कि पिओं कब कवर करने के येए बीमा पॉयेयसिां उपेब्ि :

5 से 60 वष ा आि समू के ाधथिों का वािणज िक/िायमाक प्रिबिनों के येए उपिबग यकिा िािा क


बीमाकृि रायि में ाथी दॉिं की कीमि िायमे न ीं की िानी चाद ए ि दर मंददर ाधथिों के येए
4.5 प्रतििि और अयि पिओं के येए 5 प्रतििि क दावों की जस्थति में , बािार कीमि के 80
प्रतििि का षगिान यकिा िािा क

6 मा से 3 वष ा आि समू में सअ
ू र (दे िी/संकर प्रिाति/ववदे िी) बीमाकृि रायि पि की आि के
अनसार यषयन-यषयन बिी क दावा के येए दे ििा की सीमा बीमाकृि रायि का 80 प्रतििि क
पाेन-पबष ण अवस्था के दौरान पीक कीमि पर दर 5 प्रतििि क

िरगोि - 1 ददन से 4 वष ा के आि समू में सषी प्रिातििॉ ं रायि बािार कीमि का 100 प्रतििि
और दर 7 प्रतििि क , दावा षगिान बीमाकृि रायि अथवा बािार कीमि, िब षी कम ब, का 7
प्रतििि क

बीमा िबिनाओं की सामायि वविेष िाएं :

(क). कवरे ि दताटना अथवा रबग के प्रति क तनष ेि सामायि िौर पर मवेिी पॉयेसी में ददए गए
अनसार क परयि कवर यकए गए ववयि्ट पि के येए प्रासंधगक अतिभरक्ि तनष ेि ब सकिे

(ख क). बीमाकृि रायि का आिार पि-धचयकत्सक प्रमाणपत्र क


(ग). पि पर उपिक्ि प चान तनिानों कब पॉयेसी में िायमे यकिा िािा क
(त). दावा प्रयक्रिा सामायि िौर पर मवेिी पॉयेसी अथवा कक्कट पॉयेसी के अिीन िथा ेागू के
समान क

रे िम उत्लादब (रे िम कीड़ा) बीमा

ि बीमा पॉयेसी केवे ि िि


ू के पेड़ के पत्िों पर पेने वाेे रे िम के कीड़ों की ितू नवबेटा न,
बा वबेटा न िथा मल्टीवबेटा न प्रिाति के येए ेागू क

बीमा की अवधि के दौरान दताटना अथवा रबक की वि से रे िम के कीड़े की मत्ृ ि का अनसरण


करिे ए क्षतिपतू िा कीटकबष के पण
ू ा नकसान अथवा न्ट बने के मामेे में क

कछ म त्वपण
ू ा तनष ेि :
 प ेे अनबंधिि रबग अथवा िबिख कम के िप बने की िारीख क से 5 ददनों के षीिर
 प्राकृतिक मत्ृ ि-दर की वि से नकसान और/अथवा सामायि व्िापार नकसान
 गेि िरीके से प्रबंिन और/अथवा ख कराब प्र स्िन की वि से नकसान
 चबरी अथवा चबरी-तछपे बबक्री

बीमाकृि के ोामा से कीटकबष माकेट िक पभरव न के दौरान दताटना की व़ह से कीटकबष के


नकसान कब कवर करने के येए पॉयेसी अतिभरक्ि प्रीयमिम पर ववस्िाभरि की िा सकिी क
ग्रामीण बीमा सीएससी – ाीएिई प्रलिक्षण

फामम कथा बागााबी के लिए बीमा लॉलिलसिॉ ं

मधम
ु क्िी बीमा

बीमा कॉपरे दटव सबसा टी से सम्बंधिि मिमक्ख की के छत्िों और/अथवा मिमक्ख की कॉेबनी पर ेागू
बिा क ि कवर मिमक्ख की के छत्िे और/अथवा मिमक्ख की कॉेबनी कब सषी दताटना नकसान
अथवा न्ट बने के मामेे में क चबरी िबिख कम अतिभरक्ि प्रीयमिम के षगिान पर कवर यकिा िा
सकिा क

म त्वपण
ू ा तनष ेि :

(क). उपेषियक्षि अथवा गेि प्रबंिन और/अथवा ख कराब प्र स्िन


(ख क). प्राकृतिक मत्ृ ि
(ग). सरकार/म्ितू नसपे प्राधिकरण के यकसी आदे ि ावारा िथा अपेषियक्षि कबई िबड़ोबड़

(क) मिमक्ख की के छत्िे की कीमि और (ख क) मिमक्ख की कॉेबनी की ेागि के येए कीमि बीमाकृि
कीमि के प प में ेी िाएगी

रा ि ख कादी एवं ग्राम बबडा अथवा ख कादी एवं ग्रामबउािबग आिबग ावारा उपेब्ि करवाए गए आंकड़ों
के आिार पर एक स मि मल्
ू ि-तनिाारण स्वीकार यकिा गिा क

बागााबी/लौधरोलण बीमा िोजबा

ि िबिना तनम्नयेिख कि पर ेागू बिी क:

(क). बागवानी ोसेें:


- अँगरू
- नीबू िाति (संिरा, नींब,ू मीठा नींब)ू
- चीकू (स्पबटा)
- अनार
- केेा
- मिप म
- नाभरिे

(दटप्पणी: कवर यकिा गिा ववष ि मामेा ोे )


(ख क). पौिरबपण
(क). रबड़, नीेधगभर वक्ष
ृ , धचनार, सागौन की ेकड़ी
(ख क). ऑिे पाम
(ग). सपारी वक्ष

(त). गयना
(ड.). चाि
(च). प्पबत्पादन
(छ). पबेी ाकस/नेास ाकस
(ि). पौििाेा
(झ). दटश्िू कल्चर
(दटप्पणी: कवर यकिा गिा ववष ि मामेा वक्ष
ृ )

लॉलिसी की मख्
ु ि िािेषकाएं

कारे ज़

अनसच
ू ी में विणाि बागवानी/पौिरबपण ोसे कब तनम्न से क्षति
(1). अजनन, िंगे की आग और झाड़ी आग सद ि
(2). सौदायमनी
(3). आिंकवाद
(4). दं गे और ड़िाे
(5). िो
ू ान, ओेावजृ ्ट, चक्रवाि
(6). बाढ़ और िेौि

स पॉयेसी में एक ववयि्ट ोसे-वार ख कंड िायमे क िब ख केिी की ववयषयन अवस्थाओं के िदनप पी
नपटों की ेागि के प्रतििि मान उपेब्ि करवािा क

बीमाकृक

(क). बीमाकृि वकिजक्िक यकसान, स्वामी िा यकरािेदार, क


(ख क). िथावप, पॉयेसी नपट की ख करीद, उत्पाद के ववपणन आदद के प्रिबिन के येए गदठि
यकसानों की पंिीकृि संस्था के नाम से िारी की िा सकिी क
(ग). प्रत्िेक सदस्ि के वववरण पॉयेसी की अनसच
ू ी में अवश्ि दिा यकए िाने चाद एं, िायक दावों
का वकिजक्िक आिार पर तनपटान यकिा िा सके
ग्रामीण बीमा सीएससी – ाीएिई प्रलिक्षण

लम्ल सटटपाों/बोराटिों हे कु बीमा लॉलिलसिां और लिु चालिक गाड़ी बीमा

कृिष लम्ल सटटपा लॉलिसी

बीमा केवे कृवष प्रिबिनों के येए प्रिक्ि यकए िाने े ि अनमबददि मेक की 25 एच.पी. क्षमिा िक
के अपकेयरीि पम्प सकटों पर प्रदान यकिा िािा क

ि कवर तनम्न कारणों से पम्प सकटों कब अप्रत्िायिि और अचानक क्षति के मामेे में क –

(क). अजनन, सौदायमनी


(ख क). दं गा, ड़िाे, दषाावनापण
ू ा क्षति, आिंकवाद
(ग). अयषिांबत्रक, ेकजक्िके ख कराबी
(त). सेंिमारी (द स
ं ा कर िबरदस्िी प्रवेि और बििे यक पम्प सकट कब िाेािक्ि स्थान में रख का
गिा ब)

बाढ़ िबिख कम अतिभरक्ि प्रीयमिम पर चिन आिार पर प्रदान यकिा िा सकिा क

कछ म त्वपण
ू ा तनष ेि :

(1). िबड़ने, वकािाप िाने-आने की ेागि और सीिा ख कड़ा यकए िाने की ेागि
(2). पॉयेसी की िप आि के समि मौिद
ू ख कराबी और बीमाकृि कब िानकारी बना
(3). क्षति जिसके येए तनमाािा अथवा आपतू िाकिाा जिम्मेदार ब
(4). बीमाकृि रायि निा बदेने की कीमि के 100 प्रतििि का प्रतितनधित्व करिी क

प्रीयमिम की दरें सकट के प्रकार, िकसे ेकजक्िक अथवा डीिे/िेे और बसापावर, के अनसार यषयन-
यषयन बिी

ि केवे मिीनरी की ख कराबी िक ेागू एक्सेस क और एक्सेस सकट के प्रकार िथा बसापावर के
अनसार यषयन-यषयन बिी क

समू पॉयेयसिों, दीताावधि पॉयेयसिों िथा ‘कबई दावा न ीं’ के येए छूट

यबष्फि-कुऑ ं बीमा
बीमा षू िे ववकयसि करने े ि और कॉपरे दटव/वािणज िक बकों और रा्िीि कृवष एवं ग्रामीण
ववकास बक (नाबाडा) ावारा प्रािबजिि कओं, बबर वकेों की ख कदाई अथवा ख कदाई-कम्बबर कओं पर ेागू
बिा क

ि पॉयेसी बीमाकृि कब सषी यसववे तनमााण की ेागि, पजम्पंग उपस्कर िथा सके अनष ंगी की
ेागि कम करें , अथवा बीमाकृि रायि, िब षी कम ब, की सीमा िक बीमा की क्षतिपतू िा करिी क,
िदद कआं ववतनददा्ट मात्रा अथवा पानी दे ने में ववोे र िा क

बक ावारा प्रति- स्िाक्षभरि प्रस्िाव प्रपत्र के साथ तनम्न ेगाए िाने चाद एं:
(क). षयू म स्थे का सा ट प्ेान जिसपर कएं की ख कदाई की िानी क (सा ट का चिन िबनि
िे-वकज्ञातनक/षव
ू ज्ञ
क ातनक ावारा यकिा िािा क)
(ख क). स्थानीि म्ितू नयसपे प्राधिकरण की अनमति

यकसानों की एक संखिा कब कवर करिे ए बक कब एक समू पॉयेसी िारी की िा सकिी क परयि


अपेषियक्षि ब्िबरे प्रत्िेक कएं के येए आपतू िा यकए िािे

कएं का तन्ोे बना तनिााभरि प्रतिमानों और रा ि सरकार ावारा गदठि जिेा/प्रख कंड प्रमाणन
अयषकरण ावारा प्रमािणि के संदषा में तनिााभरि यकिा िािा क
ग्रामीण बीमा सीएससी – ाीएिई प्रलिक्षण

लि-ु चालिक गाड़ी के लिए बीमा लॉलिलसिां ** व्िक्तक्कगक एां झोलड़ी बीमा

लि-ु चालिक गाड़ी बीमा

ि कवर तनम्नवि ् प प में उपेब्ि करवािा गिा क:

(क). दताटनावि, बाह्ि सािनों, अजनन, सौदायमनी, िो


ू ान, बाढ़, सेंिमारी, चबरी, दं ग,े ड़िाे,
दषाावनापण
ू ा कृत्ि, आिंकवाद और िब रे ेमागा, सड़कमागा अथवा अंिदे िीि िेमागो ावारा
पभरव न यकिा िािा क , गाड़ी अथवा िांगे कब ातन अथवा क्षति बिी क

(ख क). गाड़ी/िांगा की दताटना बने से बीमाकृि पि की मत्ृ ि अथवा स्थािी पण


ू वा वकेांगिा

चेाने/ख कींचने के येए प्रिक्ि पि :

- ं बके
नर षसे, सॉड,
- तबड़ा/ख कच्चर
- गिा
- कँट

पॉयेसी-दर-पॉयेसी + दताटना के अनसार रायि पर िि


ृ ीि पक्ष दे ििा का षगिान यकिा िािा क

चाेक, स्वामी अथवा अयिथा, के येए व्िजक्िगि दताटना कवर (ग्रामीण कवर के अनसार)

ग्रामीण व्िक्तक्कगक द्
ु टपा
म बा बीमा

बीमाकृि रायि मत्ृ ि, दब आंख कों/दब अंगों का नकसान और स्थािी पण


ू ा ववकेांगिा और एक आंख क
अथवा एक अंग के नकसान के येए अेग-अेग पॉयेसी पभरजस्थतििों के अनसार तनिााभरि की
िािी क

प्रीयमिम प्रति पॉयेसी तनिााभरि यकिा िािा क समू छूट और दीताावधि छूट उपेब्ि

 स्वीकृति के येए आि सीमाएं : यिन


ू िम 10 वष ा और अधिकिम 70 वष ा
 पॉयेसी-स -प्रस्िाव प्रपत्र संिबधिि यकिा गिा क और दावा प्रयक्रिा का सरेीकरण यकिा गिा

 नायमिी के प्राविान के माध्िम से मत्ृ ि दावों का िेिी से तनपटान यकिा गिा क
 ऐसी जस्थति में पबस्टमबटमा भरपबटा पर िबर न ीं ददिा िािा क ि ां दताटना का स्प्ट प्रमाण
उपेब्ि ब

झबपड़ी बीमा

ग्रामीण क्षेत्रों में बकों/कॉपरे दटव/सरकारी संस्थानों से ववत्िीि स ाििा से तनयमाि आवासीि झबपडडिां

आग, षक
ू ं प, िेौि, िो
ू ान, प्रषाव क्षति, दं गा, ड़िाे और दषाावनापण
ू ा क्षति के िबिख कम के प्रति
एक तनिााभरि बीमाकृि रायि के येए कवर की िािी

 अधिकिम 200 झबपड़ी, एक तनकटविी क्षेत्र में जस्थि, कवर की िािी


 बड़े आकार पर ववचार यकिा गिा क और िदनसार दर-तनिाारण यकिा गिा क झबपडडिों
य की
प चान वववरण िथा आबंदटि संखिा ावारा की िाएगी

कवर यकए गए िबिख कम :

1. अजनन, सौदायमनी, िो
ू ान, चक्रवाि, बाढ़ िथा िेौि, षक
ू ं प, िँसाव, षस्
ू खेन, प ाड़ों का
िख कसकना
2. ववस्ोबट, दं गा, ड़िाे, दषाावनापण
ू ा क्षति, रे े/सड़क वा नों ावारा प्रषाव अथवा पि और
आिंकवाद
 कारबबार 50 प्रतििि स -बीमा आिार पर रा ि सरकार के साथ बांटा िािा क

 सािारण दावों पर कािावा ी दावा िॉच-स -तनपटान अधिकाभरिों ावारा की िािी क
 प्रमख क दावों िकसे बाढ़ और अजनन का सवेक्षण िथा तनिाारण बीमाकिाा ावारा गदठि कािा बे
ावारा यकिा िािा क
ग्रामीण बीमा सीएससी – ाीएिई प्रलिक्षण

क्रकसाब लटकेज बीमा

एक ब ृ ि ् िबिना, िब एक पॉयेसी के अंिगाि कई कवर प्रदान करिी क


(क). आवासीि झबपड़ी
(ख क). मवेिी मत्ृ ि
(ग). कृवष अजनन, चबरी, पम्पसकट ख कराबी
(त). सॉडं गाड़ी मत्ृ ि
(ड.). ग्रामीण व्िजक्िगि मत्ृ ि

ास्कयु बष्ा प्रकार के प्र्ब

1. तनम्नयेिख कि में से कौन से िबिख कम मवेिी पॉयेसी में िायमे न ीं ?


क. पि की चबरी
ख क. षक
ू ंप
ग. बाढ़
त. चक्रवाि

2. तनम्नयेिख कि में से कौन-सी सीमाएं बागवानी/पौिरबपण पॉयेसी के अिीन दे ि रायि के दावे


कब प्रषाववि करिी ? (क) फ्रेंचा ि अथवा (ख क) अधिकिा
क. दबनों
ख क. कबई न ीं
ग. फ्रेंचा ि
त. अधिकिा

3. कक्कट बीमा तनम्नयेिख कि में से यकस रेणी के पषियक्षिों के येए बीमांयकि न ीं यकिा िािा
क?
क. सीख कों पर षन
ू े िाने वाेे
ख क. अण्डा दे ने वाेी
ग. अण्ड-िनन-स्थान काई
त. एक ददन पराना मगाा
4. मिमक्ख की बीमा के अिीन नकसान े ि दे ििाएं नकसान तनिााभरि रायि और नकसान का
िेष व न करने वाेे बीमाकृि का ------------ प्रतििि क
क. 80
ख क. 60
ग. 70
त. 90

5. तनम्नयेिख कि में से कौन-से िबिख कम बागवानी/पौिरबपण बीमा पॉयेसी के अिीन कवर बिे
?
क. सख क
ू ा पभरजस्थतििां
ख क. िंगे आग
ग. प्रबे अयषिान में ववेंब
त. ठण्डी वाएं और गमा वाएं

6. ोसे बीमा आिाभरि क


क. के नपट कीमि
ख क. बबक्री कीमि
ग. कीमि, षयू म सद ि
त. उपिक्
ा ि में से कबई न ीं

7. िा़हापानी झींगा बीमा कवर न ीं करिा क


क. प्रदष
ू ण
ख क. ि र दे ना
ग. दं गे और ड़िाे
त. आंयिक नकसान

8. कक्कट बीमा में कवर न ीं बिा क


क. अण्डा दे ने वाेी
ख क. सीख कों पर षन
ू ने वाेे
ग. अण्ड-िनन-स्थान वाेे
त. ियदरू ी

9. एक दिाप गाि मवेिी बीमा के अिीन यकस आि िक कवर की गई क


क. 8 वष ा
ख क. 10 वष ा
ग. 12 वष ा
त. 14 वष ा
10. मछेीपाेन बीमा में बीमाकृि रायि तनम्न आिार पर तनिााभरि की िािी क
क. केवे बीिों की ेागि
ख क. केवे नपट की ेागि
ग. केवे बीिों के आिाि की ेागि
त. कबई न ीं

ास्कयु बष्ा प्रकार के प्र्बों के उत्कर

1. क
2. क
3. ग
4. क
5. ख क
6. क
7. त
8. त
9. क
10. ख क

You might also like