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भारत एक सिह ु दे श है । यही कारण है िक इनसािनयत के नाम पर यहां की ब सं क जनता को लूटा जाता रहा, मारा जाता
रहा, लेिकन सच को इस कदर दबाया गया िक अपने ही लुटेरों और ह ारों को यह िहं दू पूजता भी रहा। सूफी संत के पम
िस ाजा मोइनु ीन िच ी और उनके नाम पर थत अजमेरशरीफ दरगाह से जुड़ा ऐसा ही एक मामला सामने आया है ।
अजमेर शरीफ के आिधका रक वेब साइट पर ाजा मोइनु ीन िच ी का प रचय दे ते ए यह िलखा गया था िक उ ोंने िहं दू
राजा को हराकर उसकी बेटी को बंदी बना िलया और िफर उस पर दबाव डालकर उसे मुसलमान बनाया। ता ुब दे खए िक
आिधका रक प से ाजा मोइनु ीन िच ी के वा रस इसकी घोषणा कर रहे ह, लेिकन मा वादी-नेह वादी इितहासकारों ने
हमेशा के िलए इसे िकताब से गायब कर रखा है । हम पढ़ाया जाता है िक िच ी बड़े सूफी संत थे! सोशल मीिडया ने जब इनका
पोल-खोल अिभयान चलाया तो अजमेरशरीफ दरगाह ने सच को िछपाने के िलए वेब साइट से ाजा मोइनु ीन िच ी की
द रं दगी के इितहास को ही हटा िदया है ।
मु िबंदु
* ऐितहािसक और धािमक ि से मोइनु ीन िच ी जैसे भोगी को संत कहना उिचत नहीं होगा
सोशल मीिडया ने अजमेर शरीफ के मोइनु ीन िच ी के इितहास का खुलासा करते ए उनके सूफी संत के पीछे की द रं दगी से
पदा उठा िदया है ।अजमेर शरीफ के आिधका रक वेबसाइट की करतूत को उजागर कर िकया है । अजमेर शरीफ के
आिधका रक वेबसाइट म मोइनु ीन िच ी की पहली शादी म उलटफेर को लेकर एक खुलासा आ है ।
अजमेर शरीफ यािन मोइनु ीन िच ी की दरगाह की आिधका रक वेबसाइट ने अपनी पहली साम ी म िलखा था िक “मोइनु ीन
िच ी ने िहं दू राजा के साथ लड़ाई करने के दौरान उसकी िहं दू बेटी का अपहरण कर िलया और िफर उसे तािड़त कर इसलाम
कबूलने पर मजबूर कर िदया। इसके बाद मोइनु ीन िच ी ने उसे अपना बीवी बना िलया। िच ी ने तो उसकी पहचान तक को
िमटाकर उसका नाम बीवी उमुतु ा कर िदया।” वेबसाइट ारा िदए गए इस त पर उठने के बाद वेबसाइट इस त को
हटा कर दू सरा त यह पेश कर िदया िक िच ी ने राजा की बेटी से नहीं ब उनकी बहन से शादी करने के िलए उसका नाम
बीवी उमुतु ा रखा। वेबसाइट ने यह दशाने का यास िकया है िक राजा ने अपनी बहन उसे सुपूद कर िदया जो साफ-साफ
मोइनु ीन िच ी की द रं दगी को िछपाने का यास िदखता है
लेिकन जब तक वेबसाइट अपनी इस करतूत को अंजाम िदया तब तक वेबसाइट की हकीकत सोशल मीिडया पर आ चुकी थी।
तभी तो बेबसाइट के पहले वाले कंटे ट पर दज कमट भी उपल है जो 19 माच 2018 को िकया गया था। लगता है सोशल
मीिडया के गु े के असर को भां पकर ही अजमेर शरीफ वेबसाइट म बदलाव िकया गया है । िहं दू राजा की बंदी बेटी का जबरन
क जन के संदभ म की गई ीट पर लोगों का ान खींचने म सफल रही। ीट के वाइरल होने के डर से ही वेबसाइट ने अपना
कंटे ट बदल डाला।
िनि त प से यह दशाता है िक सोशल मीिडया पर उबाल आने के डर से अजमेर शरीफ अपने िस संत मोइनु ीन िच ी के
वा िवक इितहास से लोगों को अवगत कराने म शिमदा महसूस करता है , ोंिक यह दरगाह मुसलमानों के साथ िहं दुओं म
काफी िस है । बॉलीवुड के लोगों म तो इस दरगाह पर चादर चढ़ाने की होड़ सी लगी रहती है । कहा जाता है िक बॉलीवुड ने
अपनी गंदी चादर चढ़ा-चढ़ाकर िच ी की करतूतों को छु पाने का यास िकया है ।
साथ म यह भी कहा जा रहा है िक अब जब मोइनु ीन िच ी का असली इितहास का खुलासा होने के बाद मुसिलम संगठन अपने
इस िति त संत के वा िवक इितहास को िछपाने का यास करे गा तािक उसके नाम पर शां ित और सौहा की बात की जा
सके।
जब मोइनु ी की पहली शादी के बारे म तहकीकात की गई तो मुसिलम लेखक ड ू डी बेग ारा िलखी िकताब ‘हॉली मोइनु ीन
िच ी’ म भी वही त है जो अजमेर शरीफ की आिधका रक वेबसाइट पर पहले थी। यहां तक िवकीपीिडया म भी वेबसाइट
वाली साम ी ही सही साबित ई।
ऐितहािसक साम ी म मौजूद सा के मुतािबक मोइनु ीन िच ी को संत तो कतई नहीं कहा जा सकता है , न ही इस अजमेर
शरीफ को पिव थान का दजा ही िदया जा सकता है । यह वही दरगाह है जहां के बारे म यह खुलासा आ था िक यहां पर
सकड़ों नाबािलग िहं दू लड़िकयों को बंदी बना कर उसे खािदम बनाया गया। इतना ही नहीं उनके साथ बला ार आ, उनकी
िफ बनाकर सभी को भय दोहण िकया गया। इस मामले के खुलासे से काफी िववाद भी आ था।
भारत से सदा सदा के िलए िह दू वैिदक धम का रा िमताने वाले ाजा िक दरगाह पर जाकर म त मां गने वालों से , पूरे दे श म
थान थान पर बनी क ों पर हर वीरवार को जाकर म त करने वालों से मेरे कुछ ह-
२. सभी क उन मुसलमानों की ह जो हमारे पूवजो से लड़ते ए मारे गए थे, उनकी क ों पर जाकर म त मां गना ा उन वीर
पूवजो का अपमान नहीं ह िज ोंने अपने ाण धम र ा करते की बिल वेदी पर समिपत कर िदय थे?
३. ा िह दुओ के राम, कृ अथवा ३३ कोटी दे वी दे वता श हीन हो चुक ह जो मुसलमानों की क ों पर सर पटकने के िलए
जाना आव क ह?
५. भला िकसी मु म दे श म वीर िशवाजी, महाराणा ताप, हरी िसंह नलवा आिद वीरो की ृित म कोई ारक आिद बनाकर
उ पूजा जाता ह तो भला हमारे ही दे श पर आ मण करने वालो की क पर हम ों शीश झुकाते ह?
७. िह दू जाित कौन सी ऐसी अ ा क गित मुसलमानों की क ों की पूजा कर ा कर रहीं ह जो वेदों- उपिनषदों म कहीं
नहीं गयीं ह?
८. क पूजा को िह दू मु म एकता की िमसाल और सेकुलरता की िनशानी बताना िह दुओ को अँधेरे म रखना नहीं तो ाह?