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पि�यों पर मोबाइल टावर रे िडएशन का प्रभाव

शहर म� ज�रत से �ादा टावर लगाए जा चुके ह� । 2जी, 3जी के बाद अब 4जी मोबाइल और इसके टावर से िनकलने वाले
खतरनाक रे िडएशन पि�यों और मधु म��यों के िलए जानले वा सािबत हो रहे ह� ।

एक-दू सरे से आगे िनकलने की होड़ म� टे लीकॉम कंपिनयों ने िनयम-कानून को तां क पर रख िदया है । एक ही टावर म� कई
कंपिनयों के नेटवक� सं चािलत िकए जाने लगे ह� , िजससे शहर के घनी आबादी वाले �ेत्रों म� रे िडएशन की मात्रा दोगु नी से
अिधक हो गई है । सबसे �ादा नुकसान छोटे जीव-जं तुओं को हो रहा है

तर�ी म� मधुम�ी का योगदान

�रसच� के मुतािबक परागकण प�ित के ज�रए फूल, फल, दाल-दलहन और खास िक� के फसलों के उ�ादन म� मधु म��ों
का योगदान 50 से 80 फीसदी होता है । यिद मधु म��यों और पि�यों की सं �ा कम �ई तो इसका प्र��-अप्र�� प्रभाव
फसलों पर पड़े गा, िजससे प्रदे श की आिथ�क �स्थित कमजोर होगी।

भेजा है सुझाव

पया� वरण मंत्रालय ने सन 2012 म� िमिन�� ी को एक सु झाव भी भेजा था, िजसम� कहा गया है िक मोबाइल टावरों से िनकलने
वाले रे िडएशन की जानकारी को साव� जिनक िकया जाए। इससे पहले पया� वरण मं त्रालय ने टे लीकॉम िमिन�� ी को कहा था
िक एक िकमी के दायरे म� एक से अिधक टावर नहीं लगाया जाए।

टावरों के आसपास कम �ए प�रं दे

इं िदरा गां धी कृिष िविव म� �रचस� म� पाया गया है िक मोबाइल टावर के आस-पास पि�यों का बसे रा और मधुम��यों की
सं�ा काफी कम हो गई। िवशेष�ों के मु तािबक पि�यों म� मै �ेिटक स� स होता है , जब ये मोबाइल टावर से िनकलने वाले
इले��ो मे�ेिटक फी� के दायरे म� आते ह� , तब इसका दु �भाव दे खने को िमलता है ।

इनको �ादा नुकसान

गौरे या, मैना, तोता, कौआ सिहत अ� छोटे प�ी।

छोटे जीवों पर ये दु �भाव


मधुम��यों म� कोले� िडसआड� र पैदा हो रहा है । प्रजनन �मता पर असर<br><br>हमने �रसच� म� पाया है िक मोबाइल
रे िडएशन के चलते शहर म� मधु म��ों की सं�ा काफी कम हो गई। अब तो पेड़ों पर भी छ�े िदखाई नहीं दे ते। इस �रसच�
को हमने अपने लैब म� प्रै��कल करके दे खा है ।िनि�त तौर पर मोबाइल रे िडएशन से छोटे पि�यों को नु कसान हो रहा है ।
इससे पया� वरण खतरा बढ़े गा। टावर के आस-पास ३०० मीटर म� पि�यों की चहचहाट कम हो गई है ।

जनवरी 2018 से मई 2018 तक शहरी और ग्रामीण दोनों �ेत्रों म� दु ग� िजले म� पि�यों पर मोबाइल टॉवर िविकरण के प्रभाव
की जां च करने के िलए वत�मान जां च की गई है । शहरी और ग्रामीण �ेत्रों के िविभ� पां च स्थानों के पि�यों पर मोबाइल
टॉवर के प्रभाव से प्रा� सां ��कीय मू � के साथ डे टा दज� और िव�े षण िकया गया। शहरी �ेत्र म� 27 मोबाइल टॉवर
और ग्रामीण �ेत्र म� केवल 6 मोबाइल टॉवर ह� । अ�यन की अविध के दौरान शहरी और ग्रामीण दोनों �ेत्रों म� 13 प्रजाितयां
दज� की गईं, जैसे िक बुबो ब� गाल� िसस [भारतीय ईगल-उ�ू], ए��ला ए��ला [ईगल], कोरव्स स्��ड�स [कौवा],
एिक्रडोथेिसस ट� ाइिसस [मै ना], यूडोनॉइड् स मे लानॉरहाइनचस [कोयल कोयल], कोल��या िलव [पेिगयन], पासे र
डोमे��कस [हाउस �ैरो], िसटा�ू ला क्रेमरी [तोता], कोरािसयस चूड़ाल� िसस [इं िडयन रोलर], एं टीगोन [सास� क्रेन],
लुिसिनया ब्रूनेिशया [कॉमन नाइिटं गेल], चेटोरहाइ�स पापुएंिसस [ड�ोंगो] और िसपाही] प�रणाम बताते ह� िक दु ग� शहर �ेत्र
म� पि�यों का घन� 69% और अं जोरा ग्राम म� 31% घट गया है �ोंिक मोबाइल टॉवर िविकरण की सं�ा म� वृ�� �ई है ।

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जहां जानवर अपने -अपने आिशयाने व मां दों म� दु बके रहते ह� वहीं प�ी भी आसमान म� कलरव करना कम कर दे ते ह� ।
लेिकन इन िदनों शहर व आसपास ग्रामीण इलाकों म� पि�यों का कलरव सु नाई नहीं दे ता है और आसमान म� पि�यों का
िवचरण भी अब कम ही िदखता है । जानकार बताते ह� िक �ेत्र म� िविभ� मोबाइल कंपिनयों के टावर लगाए गये ह� । इन टावरों
से घातक रे िडएशन तरं ग वातावरण म� फैलती है । िजससे लोग दू रसंचार से वा का इ�े माल कर पाते ह� । ले िकन यह तरं ग
पि�यों के िलये घातक होता है । इससे उनकी बे वजह मौत होती जा रही है । मालू म हो िक �ेत्र म� मोबाइल टावरों के चुंबकीय
तरं ग से छोटे -छोटे प�ी िवलु� होते जा रहे ह� । िजससे कृिष उ�ादन की �मता व आम-आवाम की मानिसकता पर इसका
�ापक असर पडऩे की आशंका से इं कार नहीं िकया जा सकता है । हाल के कुछ वष� म� चौक-चौराहों से ले कर गां व-क�ों म�
मोबाइल टावरों का तेजी से िव�ार िकया गया है ।

मानिसक चेतना पर भी पड़ रहा प्रभाव

जानकारों का कहना है िक ऐसे टावर लगाने म� िनयम को ताक पर रख िदया गया है । सघन आबादी वाले इलाकों म� कम से
कम दो सौ मीटर के फासले पर टावर लगाने का प्रावधान है । ले िकन िग�रडीह सिहत पूरे िजले भर के कई गां वों इलाकों म�
दज�नों टावर सघन आबादी के बीच म� लगाए गए ह� । एक िचिक�क का कहना है िक टावर के चुंबकीय तरं ग से कौआ,
कोयल, गौरै या प्रजाित के प�ी लु� होते जा रहे ह� । दो दशक पूव� तक ग्रामीण �ेत्रों म� पेड़ पौधे पर तरह-तरह के पि�यों को
चहकते आसानी से दे खा जाता था। लेिकन अब इसके दश�न िसफ� िकताबों के प�ों तक िसमटकर रह गए ह� । इससे कृिष
उ�ादन की �मता प्रभािवत होने की भी आशंका है । टावर के चुंबकीय तरं ग से मनु� की मानिसक चेतना पर भी दु �भाव
पड़ रहा है ।

गां व से लेकर शहर तक मोबाइल टावरों का जाल सा िबछ गया है । दू रसंचार कंपिनयों म� प्रित�धा� व अिधक से अिधक बचत
की प्रवृित ने पूरे समाज के सम� एक बड़ा खतरा खड़ा हो गया है । अभी तो इससे प�रं दे पीिड़त ह� ले िकन िनकट भिव� म� ये
मानव के िलए भी खतरनाक सािबत हो सकते ह� ।
मालवीय नगर म� एक पुराने पेड़ के खोढरे म� उ�ू रहते थे जो रात के समय म� आवाज करते थे। उस पेड़ से करीब सौ मीटर
की दू री पर एक मोबाइल टावर लगाया गया है । मोबाइल टावर लगने के बाद उ�ू िगरकर मरने लगे । मु ह�े म� एक पोल के
पास सोमवार को लोगों ने एक उ�ू को मरा �आ दे खा। स�वत: पोल से टकराने के बाद उसकी मौत �ई थी। पास म� ही
रहने वाले एक पशुपालक ने बताया िक इस पुराने पेड़ पर मात्र यही एक उ�ू बचा था। मोबाइल टावर लगने के बाद ही यहां
के उ�ू मरने लगे थे। प्राणीशा� के �ा�ाता व लु � हो रहीं पि�यों पर शोध कर रहे एमके पा�े य ने बताया िक मोबाइल
टावर से िनकलने वाले तरं गों के कारण उ�ू और चमगादड़ जै से प्रािणयों का िदशा सं चेतन तंत्र काय� नहीं करता ऐसे म�
दु घ�टना के िशकार हो ये कालकविलत हो जाते ह� । उ�ोंने कहािक इसका घातक प्रभाव गौरै या जै सी छोटी पि�यों पर भी
पड़ता है । इतना ही नहीं नवजात िशशु पर भी इसका गहरा असर पर सकता है ।

मोबाइल फोन आव�क है लेिकन टावर लगाने म� सु र�ा का �ान रखते �ए कुछ िनयम व कानून भी बने है िजसकी छोटे
शहरों म� अनदे खी हो रही है । तमाम कानून को दरिकनार करते �ए घनी आबादी वाली ब�ी के अं दर व मकान के ऊपर
टावर लगाये गये ह� । प्रखंडों म� िविभ� कंपिनयों के दज�नों टावर लगे �ए ह� । एक ही जगह पर आधा दज� न टावर लगा िदए गए
ह� । नगर पंचायत �ेत्र म� भी टावर बे रोकटोक लगाए जा रहे ह� ।

* मकान की छत पर टावर : शहरी �ेत्र समेत ग्रामीण �ेत्र म� मकान की छत पर मोबाइल टावर लगाने की होड़ मच गयी है ।
प्रखंड म� भारी सं�ा म� टावर मकान की छत पर लग चुके ह� ।

* िबना अनुमित लग गये टावर : नगर पंचायत व ग्राम पं चायत म� टावरों को लगाने की होड़ मची है । टावर लगाने के पूव�
पंचायत के मु�खया एवं नगर पंचायत काया� लय से अनुमित ले ने की ज�रत भी महसू स नहीं की जाती। नगर पंचायत या ग्राम
पंचायत का कोई अंकुश नहीं है । इस ओर िकसी का �ान ही नहीं जाता है ।

* रे िडएशन का खतरा : लोगों पर टावर से होने वाले रे िडएशन का खतरा बढ़ता जा रहा है । घनी आबादी म� मोबाइल टावरों
की बढ़ती सं�ा ऐसे खतरे म� तेजी से वृ�� हो रही है । रे िडएशन लोगों के �ा� के िलए हािनकारक प्रभाव पड़ता है ले िकन
जानकारी के अभाव म� लोग आवाज तक नहीं उठा रहे । वहीं अिधक लाभ कमाने के च�र म� क�िनयां लोगों के �ा� के
साथ �खलवाड़ कर रही ह� ।

* स्थानीय िनकायों को टै � नही दे ते : िसवान नगर प�रषद या िजले के नगर पंचायत �ेत्रों म� पां च दज� न से �ादा मोबाइल
टावर लगे �ए ह� । टावर काम कर रहे है लेिकन इसे लगाने वाली क�नी स्थानीय िनकायों को टै � नहीं दती। अब तक ले ग
सभी टावर िबना अनुमित प्रा� िकए ही लगा िलए गए ह� ।

काय�पालक पदािधकारी ने कहा-

नगर प�रषद के काय�पालक पदािधकारी राजिकशोर लाल ने कहािक अभी तक मोबाइल टावरों से कर नहीं प्रा� हो रहा है
लेिकन उ�� नोिटस दे ने की कार� वाई शु� कर दी गयी है । टावर लगाने के िलए अभी हमारे काया� लय म� कोई भी आवे दन नहीं
पड़ा है । पूव� म� लगे टावर िबना अनुमित के ह� ।

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