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यान करने के बहुत सारे तर के है । ले कन तर का कोई भी हो यान का मु य ल य दमाग को के त


करना और समझना है ता क आंत रक शां त मल सके। यान का सबसे सरल तर का है अपने वांस पर
मन को के तं करना। अगर इसम आप सफल हो गए तो आप समझ जाइए क यान के थम पड़ाव को
पार कर लए है ।

पर मेरा सबसे पंसद दा तर का है क पना(visualise)। इसम आप कसी भी आकार या जगह क क पना


करना पड़ता है और उस पर यान क त करना पड़ता है ,जैसे कोई तट या फर शांत जंगल। शु आत म ये
काफ मिु कल है ले कन धीरे धीरे आप इसम मा हर हो जांएगे। यान कोई सा भी हो बस आपके मन को
शां त मलनी चा हए। ले कन यादा क ठन वाले यान से आप अपने मन को वश कर सकते है

मेष , वष
ृ भ तथा कक का राहु जातक को साहसी, उ व न मन पर तु व थ शर र दे ता है . ऐसे जातको के
ने ला लमा लए होते ह ।

वष
ृ भ तथा मथन
ु रा श का राहु उ च माना गया है जो जातक को राज स मान दलाता है . इसके वपर त
अ य रा शय का राहु जातक का सरकार से मतभेद कराता है . ऐसे जातको क आजी वका म ायः रोग के
कारण बाधा आती है ।

मेष, वष
ृ , मथन
ु , कक , संह क या तथा मकर का राहु ल न म राजयोग बनाता है . जो जातक को उदार दानी
, यश वी एवं वैभव संप न बनाती है ।

धनु ल न का राहु जातक को आ म न ठ तथा एकाक बनाता है तथा सामािजक दा य व से उसक च


कम करता है .

वष ृ भ , कक, क या, मकर या मीन रा श का राहु जातक को सभी के काय म दखलंदाजी करने क आदत
दे ता है ।

वायु त व रा श ( मथन ु , तल
ु ा या कु भ) का ल न थ राहु जातक को दस
ू र के काय म बरु ाई खोजने और
नकारा मक व लेषण क बरु आदत दे ता है . ऐसे जातक ायः अपनी बु ध का द ु पयोग दस ू र को हा न
पहुंचाने म करते ह ।

IIT के सबसे गंदे रह य या ह?

मो हत कुमार मौय, रा य ौ यो गक सं थान, मेघालय से बीटे क (2021

मथक 1: सभी को 30 lpa और उससे अ धक के वेतन के साथ रखा गया है ।

हक कत: 30 lpa को भलू जाओ, हर कोई यहाँ नह ं रखा जाता है । केवल 70% छा ह नौकर करते ह।
इसके अलावा, कुछ के लए 4 lpa के प म कम यवि थत।

मथक 2: श ण व व तर य है ।

हक कत: उ म, नह ।ं श क अपने े म तभाशाल हो सकते ह। ले कन उनम से यादातर श ण क


कला नह ं जानते ह। अ धकांश या यान उबाऊ ह, और छा क ाओं म सोते ह।

मथक 3: आईआईट बहुत सारे इंजी नयर पैदा करते ह।


वा त वकता: 50% से अ धक अंडर ज
ै ए
ु ट गैर-कोर नौक रयां लेते ह। [1]

मथक 4: शोध काय बहुत ह शानदार है ।

हक कत: अनसु ध
ं ान के बारे म अंडर ज
ै ए
ु ट शायद ह कोई परवाह करते ह। मा टस और पीएचडी के शोध
मानक बहुत अ धक नह ं ह।

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