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ग््ाविक एरा यूवनिव्सयटी, अमर उजाला

ज्योतिष महाकुंभ देहरादून शुक्वार, 3 रई 2019


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ग््ाधफक एरा पव्ातीर धवश््धवद््ालर रे् आरोधजत अरर उजाला-ग््ाधफक एरा ज्रोधतष रहाकुंभ के सरापन सरारोह रे् उपस्सथत ज्रोधतधषरो् और धजज््ासुओ् को संबोधित करते रुख्ररंत्ी ध््तवे्द् धसंह रावत। अरर उजाला

तस्वीरों में ज्योततष महाकुंभ


अंतवरक्् काय्यक्मो् का लॉन्चिंग ग््ाधफक एरा
पव्ातीर धवधव रे्
चल रहे दो धदनी

पैड है ज्योवतष ः व््ििंेद् राित


ज्रोधतष रहाकुंभ
के अंधतर धदन
ज्रोधतषाचार््ो्
के सम्रान सरारोह
ज्रोधतष रहाकुंभ रे् पहुंचे ज्रोधतषाचार््ो् को ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ्ाओ’ के धलए रंत्ी रेखा रे् बोले रुख्ररंत्ी
ज्रोधतष रहाकुंभ रे् अरर उजाला पढ्ते लोग।
सीएर ध््तवे्द् धसंह रावत ने धकरा सम्राधनत आर्ा ने की ज्रोधतषाचार््ो् से सहरोग की अपील
अमर उजाला ब्यूरो रुझान देखकर मुझे बेहद खुशी हो
रही है। यहां इतनी बड़ी संख्या में
देहरादून। कवश्व में इस समय जो मकहला ज्योकतषाचायय इस बात को
आधुकनक अंतकरक्ष काययक्रम चल दशायती हैं कक हर क्षेि में मकहलाएं
रहे हैं उन सबका लॉकचचंग पैड पुरुषों के साथ कंधे से कंधा
भारतीय ज्योकतष शाथि है। दुकनया कमलाकर काम कर रही हैं।
को इसके कलए भारत का आभार उचहोंने कहा कक ज्योकतषाचायोों
जताना चाकहए। मुख्यमंिी किवेंद्र की बात लोग सबसे ज्यादा मानते
कसंह रावत ने यह बातें अमर उजाला हैं। ऐसे में वे देश में ‘बेटी बचाओ,
ग्राकिक एरा ज्योकतष महाकुंभ में बेटी पढ़ाओ’ जैसे कवशेष अकभयान
देशभर से पहुंचे ज्योकतषाचायोों के में सरकार की मदद कर सकते हैं।
आचार्ा बालकृष्ण के साथ सेल्फी लेते ज्रोधतषी। सम्मान समारोह में कही। इस ज्योकतषाचायय ही बता सकते हैं कक
अवसर पर मकहला सशततीकरण बेकटयों की समाज में तया महत्ता है?
एवं बाल कवकास राज्यमंिी रेखा सम्मान समारोह में अकतकथ
आयय ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ ज्योकतषाचायय केए दुबे पद्मेश,
अकभयान में ज्योकतषाचायोों से ज्रोधतष रहाकुंभ के सरापन सरारोह को संबोधित करती् राज्ररंत्ी रेखा आर्ा और ध्रान की रुद्ा बनाती् रधहला ज्रोधतषी। अरर उजाला अजय भांबी, डॉ. लेखराज शमाय,
सहयोग करने का आह्वान ककया। सतीश शमाय, डॉ. एचएस रावत,
ग्राकिक एरा पवयतीय हस््रेखा से लगाया दिल्ली से आईं हस्तरेखा दिशेषज्ञ दिशा घई िे कहा दक हमारे हाथ में मुख्य रेखाओं के अलािा कुछ रेखाएं ऐसी होती हैं जो महत्िपूणण ग्राकिक एरा ग्रुप के चेयरमैन कमल
कवश्वकवद्यालय में चल रहे दो जा सकता है होती हैं। यह रेखाएं हस्त में स्ितंत्र रूप से दकसी भी रेखा की सहायक बिकर अपिा प्रभाि बिाए रखती हैं। उन्होंिे कहा दक ज्योदतष घनसाला, श्याम पंत, राजेश रावत
कदवसीय ज्योकतष महाकुंभ के भविष्य का अनुमान शास्त्र में हस्तरेखा का बहुत बड़ा महत्ि है। हस्तरेखा की सहायता से दकसी व्यदतत के भदिष्य का अिुमाि लगाया जा सकता है। आकद मौजूद रहे। मुख्यमंिी ने इस
अंकतम कदन ज्योकतषाचायोों के अवसर पर शेखर द मयंक के
सम्मान समारोह में मुख्यमंिी किवेंद्र कई ऐसी कवद्याएं हैं जो भारत ने ही खोज को अपना बनाकर दुकनया के हैं। दुकनया के कई देशों ने इसका श्रेय हमारे ज्योकतषाचायोों को माकलक शशांक शेखर, जगदंबा
कसंह रावत ने बतौर मुख्य अकतकथ दुकनया को दीं हैं, लेककन दुकनया ने सामने पेश कर कदया। इस समय ज्योकतषशाथि के िकलत रूप का ही जाता है। ट्रामा सेंटर के चेयरमैन रकवंद्र
कशरकत की। इस दौरान उचहोंने कभी इसका श्रेय भारत को नहीं मनुष्य ने अंतकरक्ष काययक्रमों के तहत मखौल उड़ाया है, लेककन अब इस अवसर पर मकहला गुज्जर, फ्रंकटयर ज्वेलसय के माकलक
रां ध््तशला को कुंडली धदखाती रधहला। देशभर से पहुंचे ज्योकतषाचायोों का कदया। इसके बाद कई देशों ने अपने चांद, मंगल आकद ग्रहों पर अपनी हमारे ज्योकतषाचायय दुकनया को बता सशततीकरण एवं बाल कवकास अंशुमान को भी सम्माकनत ककया।
देवभूकम उत्तराखंड में आने पर कहसाब से इनका पेटेंट आकद कराया पहुंच बना ली है। लेककन, इन रहे हैं कक िकलत ज्योकतष मनुष्य के राज्यमंिी रेखा आयय ने कहा कक काययक्रम का संचालन कहमानी
आभार जताया। साथ ही कहा कक और हमारे ऋकषयों और कवद्वानों की सबका आधार भारतीय ज्योकतष ही उिार में ककस तरह कारगर हैं। मकहलाओं का ज्योकतष की तरि कबंजोला ने ककया।

अष्ट तिति नव तनति, 14 ज्रोधतष धवद््ा को


न करे् बदनार
रत्नों में एक है शंख तनति ज्योततषाचायय गौरव आयय ने कहा
कक कुछ लोगों ने तंि-मंि का
नकारात्मक प्रयोग करके इसे
बदनाम करने का काम ककया है।
अमर उजाला ब्यूरो
हस््रेखा पर बात हुई तो हाथ की रेखाएं देखने लगे लोग। अंक ज्योततष है एक महत्वपूणय तवद्या इस कारण लोग ज्योकतषी को
तांकिक समझने लगते हैं। जबकक
देहरादून। अमर उजाला और ज्योकतष महाकुंभ में राजथथान से आए अंक व अंग ज्योकतष डॉ. कुमार तंि-मंि का अथय ककसी भी कायय
ग्राकिक एरा कवकव की ओर से गणेश ने कहा कक अंक ज्योकतष एक महत्वपूणय कवद्या है। अंकों के माध्यम को सही तरीके से करने से है।
आयोकजत ज्योकतष से व्यकतत के कवषय एवं उसके भकवष्य को जानने का प्रयास ककया जाता
उनका कहना है कक तंि का
महाकुंभ में राजथथान के राजस्थान है।और उचहोंने बताया कक अंक ज्योकतष को अंक कवद्या या अंक शाथि
संख्या शाथि आकद के नाम से भी जाना जाता है। अंक तात्पयय व्यवथथा और मंि का अथय
भीलवाड़ा से आए डॉ. से आए डॉ. पंधडत शाथि में नौ ग्रह को आधार बनाकर उनकी कवशेषताओं के व्योम से है। यानी व्यवकथथत
पंकडत सीताराम तरीके से कायय को ककया जाना।
किपाठी ने कहा कक सीतारार ध््तपाठी आधार पर गणना की जाती है। दोनों के सामंजथय से मनुष्य की
शंख कनकध अष्ट कसकि ने बतारा शंख धनधि रावण के पास भी मंकदर और भवन में आरती संभव परेशाकनयों को दूर ककया जा
नव कनकध और 14 रत्नों का रहत्व यह कवद्या थी। इसकलए नहीं है। समुद्र में 84000 प्रकार के सकता है। मंिों में असीम शकतत
में से एक है। ये अष्ट कसकि नव कनकध शंख व जीव जंतु होते हैं। शंख होती है। अनाकद काल से मंिों का
उचहोंने बताया कक शंख के दाता कहलाए। शंख जीवन से जुड़ा एक मूलभूत सत्य प्रयोग होता आ रहा है। इनका
संकहता ग्रंथ के अनुसार भगवान भारतीय संथकृकत की अमूल्य धरोहर है। शंख का आंतकरक संरचना प्रयोग मानव कल्याण के कलए
संवाद सत्् को संबोधित करते पं. सतीश शर्ाा। साथ रे् आचार्ा सुरन। रुख्ररंत्ी ध््तवे्द् धसंह रावत को शंख भे्ट करते पंधडत सीतारार शर्ाा। ककया जाना चाकहए।
कृष्ण से लेकर इंद्र देव, कुबेर और है। उचहोंने कहा कक शंख के कबना मानव की आंत से कमलती है।

इन ज्रोधतधषरो् का हुआ सम्रान

अरर उजाला-ग््ाधफक एरा ज्रोधतष रहाकुंभ रे् ज्रोधतषी धवजर के धरश््ा, पंधडत रारलखन गैरोला, गीता नंद सरस्वती, पंधडत धवनोद पोखधरराल, आचार्ा धसररन, ररुनोत््ी िार के रावल ज्रोधत प््साद उधनराल, पंधडत लक््रीकांत ध््तपाठी, आचार्ा गौरव आर्ा और हरलीन कौर को सीएर ने धकरा सम्राधनत।

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