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ज्योतिष शास्त्र में तितिन्न प्रकार के नक्षत्ोों का तिक्र तकया गया है । ये सिी नक्षत् तििने महत्वपूर्ण हैं
उिने ही िैयक्तिक िीिन पर िी असर डालिे हैं । आपको यकीन नहीों होगा लेतकन ये सच है तक तिस
नक्षत् में इों सान िन्म लेिा है िह नक्षत् उसके स्विाि और आगामी िीिन पर अपना असर िरूर
छोड़िा है । आइए िानें तिन्न-तिन्न नक्षत्ोों में िन्म लेने िाले लोगोों की क्या-क्या खातसयि होिी है ।
1. अतिन नक्षत्
ज्योतिष शास्त्र में सबसे प्रमुख और सबसे प्रथम अतिन नक्षत् को माना गया है । िो व्यक्ति इस
नक्षत् में िन्म लेिा है िह बहुि ऊिाण िान होने के सथ-साथ हमेशा सतक्रय रहना पसोंद करिा है ।
इनकी महत्वाकाों क्षाएों इन्हें सोंिुष्ट नहीों होने दे िीों। ये लोग रहस्यमयी प्रकृति के इों सान होने के साथ-
साथ थोड़े िल्दबाि िी होिे हैं िो पहले काम कर लेिे हैं और बाद में उस पर तिचार करिे हैं । ये
लोग अच्छे िीिनसाथी और एक आदशण तमत् सातबि होिे हैं ।
2. भरणी नक्षत्
इस नक्षत् का स्वामी शुक्र ग्रह होिा है , तिसकी ििह से इस नक्षत् में िन्में लोग आराम पसोंद और
आलीशान िीिन िीना चाहिे हैं । ये लोग काफी आकषणक और सुोंदर होिे हैं , इनका स्विाि लोगोों
को आकतषणि करिा है । इनके िीिन में प्रेम सिोपरर होिा है और िो िी ये ठान लेिे हैं उसे पूरा
करने के बाद ही चैन से बैठिे हैं । इनकी सामातिक प्रतिष्ठा और सम्मान हमेशा बना रहिा है ।
3. कृतिका नक्षत्
इस नक्षत् में िन्में िािक ना िो पहली निर में प्यार िैसी चीि पर िरोसा करिे हैं और ना ही
तकसी पर बहुि िल्दी एिबार करिे हैं । इस नक्षत् में िन्म लेने िाले व्यक्ति पर सूयण का प्रिाि
रहिा है , तिसकी ििह से ये लोग आत्म गौरि करने िाले होिे हैं । ये लोग स्वातिमानी होने के
साथ-साथ िुनक तमिािी और बहुि उत्सातहि रहने िाले होिे हैं । ये लोग तिस िी काम को
अपने हाथ में लेिे हैं उसे पूरी लगन और मेहनि के साथ पूरा करिे हैं ।
4. ररतिणी नक्षत्
रोतहर्ी नक्षत् का स्वामी चोंद्रमा होिा है और चोंद्रमा के प्रिाि की ििह से ये लोग काफी
कल्पनाशील और रोमाों तिक स्विाि के होिे हैं । ये लोग काफी चोंचल स्विाि के होिे हैं और
स्थातयत्व इन्हें रास नहीों आिा। इन लोगोों की सबसे बड़ी कमी यह होिी है तक ये किी एक ही
मुद्दे या राय पर कायम नहीों रहिे। ये लोग स्विाि से काफी तमलनसार िो होिे ही हैं लेतकन
साथ-साथ िीिन की सिी सुख-सुतिधाओों को पाने की कोतशश िी करिे रहिे हैं । तिपरीि तलोंग
के लोगोों के प्रति इनके िीिर तिशेष आकषणर् दे खा िा सकिा है ।
5. मृगतशरा नक्षत्
इस नक्षत् के िािकोों पर मोंगल का प्रिाि होने की ििह से ये लोग काफी साहसी और दृढ़
तनश्चय िाले होिे हैं । ये लोग स्थायी िीिन िीने में तििास रखिे हैं और हर काम पूरी मेहनि के
साथ पूरा करिे हैं । इनका व्यक्तित्व काफी आकषणक होिा है और ये हमेशा सचेि रहिे हैं ।
अगर कोई व्यक्ति इनके साथ धोखा करिा है िो ये तकसी िी कीमि पर उसे सबक तसखाकर
ही मानिे हैं । ये लोग काफी बुक्तिमान और मानतसक िौर पर मिबूि होिे हैं । इन्हें सोंगीि का
शौक होिा है और ये साों साररक सुखोों का उपिोग करने िाले होिे हैं ।
6. आर्द्ाा नक्षत्
इस नक्षत् में िन्म लेने िाले लोगोों पर आिीिन बुध और राहु ग्रह का प्रिाि रहिा है । राहु का
प्रिाि इन्हें रािनीति की ओर लेकर िािा है और इनके प्रति दू सरोों में आकषणर् तिकतसि करिा
है । ये लोग दू सरोों का तदमाग पढ़ लेिे हैं इसतलए इन्हें बहुि आसानी से बेिकूफ नहीों बनाया िा
सकिा। दू सरोों से काम तनकलिाने में मातहर इस नक्षत् में िन्में लोग अपने तनिी स्वाथण को पूरा
करने के तलए नैतिकिा को िी छोड़ दे िे हैं ।
7. पुनर्ासु नक्षत्
ऐसा माना िािा है तक इस नक्षत् में िन्म लेने िाले व्यक्ति के िीिर दै िीय शक्तियाों होिी हैं ।
इनका शरीर काफी िारी और याद्दाश्त बहुि मिबूि होिी है । ये लोग काफी तमलनसार और
प्रेम िािना से ओि-प्रोि होिे हैं । आप कह सकिे हैं तक िब िी इन पर कोई तिपति आिी है िो
कोई अदृश्य शक्ति इनकी सहायिा करने अिश्य आिी है । ये लोग काफी धनी िी होिे हैं ।
8. पुष्य नक्षत्
ज्योतिषशास्त्र के अोंिगणि शतनदे ि के प्रिाि िाले पुष्य नक्षत् को सबसे शुि माना गया है । इस
नक्षत् में िन्म लेने िाले लोग दू सरोों की िलाई के तलए सदै ि िैयार रहिे हैं और इनके िीिर सेिा
िािना िी बहुि प्रबल होिी है । ये लोग मेहनिी होिे हैं और अपनी मेहनि के बल पर धीरे -धीरे
ही सही िरक्की हातसल कर ही लेिे हैं । ये लोग कम उम्र में ही कई कतठनाइयोों का सामना कर
लेिे हैं इसतलए ये िल्दी पररपक्व िी हो िािे हैं । चोंचल मन िाले ये लोग तिपरीि तलोंग के प्रति
तिशेष आकषणर् िी रखिे हैं। इन्हें सोंयतमि और व्यिक्तस्थि िीिन िीना पसोंद होिा है ।
9. आश्लेषा नक्षत्
शास्त्रोों के अनुसार यह नक्षत् तिषैला होिा है और इस नक्षत् में िन्म लेने िाले व्यक्तियोों के िीिर
िी तिष की थोड़ी बहुि मात्ा अिश्य पाई िािी है । आश्लेषा नक्षत् में िन्में व्यक्ति ईमानदार िो
होिे हैं तकोंिु मौका तमलिे ही अपने रों ग तदखाने से िी बाि नहीों आिे। िब िक इन्हें लाि
तमलिा है बस ििी िक दोस्ती तनिाने िाले ये लोग दू सरोों पर तबल्कुल िरोसा नहीों कर पािे। ये
लोग कुशल व्यिसायी सातबि होिे हैं और दू सरोों का मन पढ़कर उनसे अपना काम तनकलिा
सकिे हैं । इस नक्षत् में िन्म लेने िाले लोगोों को अपने िाइयोों का पूरा सहयोग तमलिा है ।
मघा नक्षत्र :धनवान र्त्नी से प्यार करने वाला खुशहाल माता तर्ता की से वा करने वाला चतु र व्यवहार
कुशल व्यार्ार में लाभ कमाने वाला, योजनाकार काम तर्र्ासु अस्थथर तचत्तवृ तत्त तकन्तु अत्यंत साहसी | स्वास्थ्य
तनिप ल रहना घमंडी तकन्तु र्ररश्रमी अर्ने अहं र्ूततप के तलए कुछ भी करने वाला | धनाड्य तकन्तु स्स्त्रयों में
आशक्त रहने वाला व्यथप वाि तववाि में समय व्यतीत होना | तकसी भी िात की जड़ तक र्हुाँ चने की क्षमता
रखना | भाग्योिय २५ वषप के िाि होना | क्रूर गृ ह की िशा में सू यप मंगल व् गु रु के अंतर िशा में शत्रु कष्ट
एवं चोरी का भय |
पूवाव – फाल्गु नी :इस नक्षत्र में जन्म लेने वाला शत्रु तवजयी, होतशयार हर काम में तनर्ुण मृिु भाषी तिलखुश
िड़े लोगों से सम्बन्ध रखने वाला | स्स्त्रयों के लीये आकषपक तवधावान तकसी सरकारी काम से सम्बन्ध रखने
वाला एवं राजकीय सम्मान र्ाने वाला | शफर का शौकीन व् िानी होता है | वस्त्राभू षण वाहन धनवान व्
सं तान यु क्त व् नृत्य – सं गीत प्रेमी होता है | हं सी मजाक व् चार्लूसी करने में माहीर होता है | अतधक
तमत्रवान होता है तथा सुं िर सु गतठत शरीर वाला उग्र स्वभाव वाला नेतृत्व प्रधान जीवन जीने वाला | भाग्योिय
२८ – ३२ वषप के िीच में होगा, क्रूर गृ ह की महािशा में चन्द्र राहु शतन के अंतर िशा में शत्रु कष्ट व् चोरी
का भय हो सकता है |
उत्तर – फाल्गु नी : धनी व् धन इकठ्ठा करने वाला तवलासी व् र्हलवानी का शौक करने वाला तथा कुशाग्र
िु स्द्ध वाला एवं मृिुभाषी सत्य िोलने वाला, िू सरों का काम तिल से करने वाला अतधक सं तान वाला अर्नी
मेहनत के िल र्र धनी िनने वाला | र्त्नी से मनमुटाव व् घर में कलेश रहना गृ हथथ जीवन में भाग्योिय
३० – ३२ वषप की उम्र में होना | क्रूर गृ ह की महािशा में मंगल गु रु व् िु ध के अंतर में शत्रु कष्ट चोरी
का भय हो सकता है |
हस्त नक्षत्र :अर्नी जातत तिरािरी में मुस्खया िन सकता है | तवरोतधयों से लड़ना झगड़ना, झूठ व् धोखेिाजी
की आित होना भाई िं धुओं से िू र रहना चररत्र हीन क्रोधी शरािी होना र्त्नी रोगी होना व् सं तान का गलत
आितों में र्ड़ना | अशां त मन रहना भाग्यशाली सम्मातनत व् सु खी होना तनिप यी होना | आजीवन कलह वाला
वातावरण िनाये रखना स्वभाव से क्रूर होना| िु रे कायप करना डकैती डालना व् तहं सा करना आति | भाग्योिय
३०- ३२ वषप में होना | क्रूर गृ ह की महािशा में राहु – शतन - केतु के अन्तिप शा में शत्रु कष्ट व् चोरी का
भय िना रहना |
णचत्रा नक्षत्र : तचत्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाला िु स्द्धमान साहसी धनवान िानी सु शील शरीर सु न्दर स्त्री व्
सं तान का सु ख र्ाने वाला होता है | धमप में आथथा रखने वाला व् आयु वेि को जानने वाला, भवन तनमाप ण में
रूतच रखने वाला होता है |सौंियप प्रसाधन प्रेमी तचत्रकला व् अतभनय का जानकार िहुमूल्य वस्तु ओं का व्यार्ार
करने वाला तथा प्रभावशाली व्यस्क्तत्व वाला, गायन गतणत व् औषतधयों तथा लेखनकला से धनोर्ाजपन करने
वाला होगा | भाग्योिय ३३ से ३८ वषप में होगा | क्रूर गृ ह की महािशा में गु रु, िु ध, शुक्र, के अंतर में शत्रु कष्ट
व् चोरी का भय रहे गा|
स्वाणत नक्षत्र : समझिार शीतल स्वभाव तमत्रवत होतशयार व् व्यार्ार में तनर्ुण होगा | कुशल व्यवसायी व्
व्यार्ार तथा िौस्द्धक कायों द्वारा मनचाहा लाभ अतजपत करना व् यस प्राप्त करना | तशक्षा अधू री छोड़नी र्ि
सकती है , आतथपक द्रतष्ट से सं र्न्न व् ऐश्वयप शाली होगा | अर्ने समाज में र्ूणप सम्मान प्राप्त करे गा | इं जीतनयर व्
टे क्नीकल कायप करे गा र्रोर्कारी व् साधू सं तों की से वा करने वाला िनेगा | भाग्योिय ३० से ३६ वषप में
होगा | क्रूर गृ ह के महािशा में शतन, केतु , सू यप के अंतर में शत्रु कष्ट व् चोरी का भय रहे गा |
णवशाखा नक्षत्र :इस नक्षत्र में जन्म लेने वाला सुं िर धनवान मगर खोटे कामों में रूतच रखने वाला व् लड़ाई
झगडा करने वाला,कृर्न लोभी वाक्पटु सामान्य िु स्द्ध वाला क्रोधी अहं कारी िम्भी कामासक्त शरािी जुआरी स्त्री
के वशीभू त होने वाला र्ार् र्ुण्य से िू र रहने वाला मतलिी अचानक धन प्राप्त करने वाला शत्रु
तवजयी |भाग्योिय २१-२८-३४ वषप में होगा | कलह र्ूणप जीवन यार्न करना | क्रूर गृ ह के महािशा में
िु ध, शुक्र, चन्द्र, के अंतर में शत्रु कष्ट व् चोरी का भय रहे गा |
अनुराधा नक्षत्र : शस्क्तशाली व् थथूल शरीर वाला धनवान मान,सम्मान, र्ाने वाला, तवधा कला व् काम धं धे में
तनर्ुण ज्यािा शफर करने वाला होगा | अस्थथर मनोवृ तत्त साहसी र्राक्रमी तमलनसार यशस्वी स्वालंिी
रौिीला सु न्दर व्यततत्व का धनी िहुत खाने वाला धातमपक अध्ययनशील एकां त तप्रय िानी सतहष्णु होगा | सरकारी
नौकरी र्ाने वाल स्वाथप र्ूती हे तु छल प्रर्ंच करने वाला मृ िुभाषी स्स्त्रयों के तिलों में राज करने वाला
होगा | भाग्योिय ३९ वषप र्िात होगा | क्रूर गृ ह की महािशा में केतु सू यप मंगल के अंतर में शत्रु कष्ट व्
चोरी का भय रहे गा
ज्येष्ठा नक्षत्र :चतु र सभी कायों में होतशयार िहुतमत्र सं तोषी शीतल स्वभाव कला की शौकीन क्रोधी धमप के
अनुरूर् चलने वाली र्राई स्त्री र्र आशक्त होने वाला | सम्पूणप तवधा का ज्ञान प्राप्त करना सु न्दर व्यततत्व
वाला अर्ने कायप में िक्ष अच्छी सं तान प्राप्त करने वाला, गृ हथथ जीवन का अधू रा सु ख प्राप्त करने वाला कतव
लेखक र्त्रकार सातहत्यकार प्रशाशक तनरीक्षक वकील चाटप डप एकाउं टेंट आति हो सकते हैं | उम्र के २७,३१,४९
वषप स्वास्थ्य की द्रतष्ट ठीक नही ं रहें गे| क्रूर गृ ह की महािशा में शुक्र,चन्द्र,राहु,की अन्तिप शा में शत्रु कष्ट व्
चोरी का भय रहे गा |
मू ल नक्षत्र :तवशाल ह्रिय िानी गं भीर धनी अर्ने समाज में सम्मान र्ाने वाला कमजोर स्वास्थ्य प्रायः िीमार
रहने वाला वाकर्टु चतु र कृतघ्न िु ष्ट धू तप तवश्वासघाती स्वाथी वाचाल लोकतप्रय तहं सक क्रोध करने वाला होता है
व् उसके जीवन में िार - िार िु घपटनाएाँ होती हैं | भाग्योिय २७ या ३१ वें वषप में होता है | क्रूर गृ ह
की महािशा में सू यप मंगल गु रु की अंतर िशाओं में शत्रु कष्ट व् चोरी का भय रहे गा |
पूवाव -आषाढ़ नक्षत्र :िु स्द्धमान उर्कारी सिका तमत्र सभी कामों में होतशयार सं तान के प्रतत सु खी, उिार
स्वातभमानी, शत्रु हंता, श्रेष्ठ तमत्रों वाला अतधक धन नही ं होने र्र भी कोई काम नही ं रुकना, भाग्यशाली, कायप
कुशल, यशस्वी, र्त्नी का भी र्ूणप सु ख रहता है | भाग्योिय २८ वें वषप में होता है | क्रूर गृ ह की महािशा में
चन्द्र, राहू, शतन, की अन्तिप शा में शत्रु कष्ट व् चोरी का भय होता है |
उत्तरा-आषाढ़ नक्षत्र : र्रोर्कारी,मान सम्मान र्ाने वाला, होतशयार, चतु र, िहािु र,सं गीत प्रेमी, तवनम्र शां त
स्वभाव वाला, धातमपक सु खी, सवप तप्रय, तवद्वान, िु स्द्धमान, मेहनती धनी, सट्टे िाजी आति का शौक र्ालना, तश्करी
एवं अन्य कुसं गतत में र्ड़ना, कामुक व् वे श्यागामी होना, जीवन में अनायास ही धन की प्रास्प्त होना | भाग्योिय
३१ वें वषप में होगा, क्रूर गृ ह की महािशा में मंगल,गु रु, िु ध, के अंतरिशा में शत्रु -कष्ट व् चोरी का भय रहता
है |
श्रवि नक्षत्र : धनी िहुत िोलने वाला, गं भीर िु स्द्धमान साहसी प्रतसि नेकनाम व् र्त्नी सु न्दर हो | राग तवधा
गतणत ज्योततष में लगाव रखे, असं कुतचत तवचार िु सरे के तिल से भे ि र्ाए | १९ – २४ वा वषप खराि रह
सकता है | तववे की तवद्वान उच्च तवचार धातमपक शोभायमान व्यस्क्तत्व, उच्च र्िातधकारी िन सकता है काव्य
सं गीत में रूतच रखने वाला तसनेमा प्रेमी होगा | क्रूर गृ ह की महािशा में राहु – शतन – केतु के अन्तिप शा में
शत्रु कष्ट व् चोरी का भय हो सकता है |
धणनष्ठा नक्षत्र : राग तवधा में अतधक रूतच रखने वाला होगा | भाई िं धुओं से िहुत प्यार रखे | धनी नेकनाम
साहसी अच्छे काम करने वाला व् स्त्री का प्यारा होगा | सरकारी कायप से सम्बन्ध रहे गा व् जवाहरात र्हनने
का शौकीन होगा तथा लोगों में इज्जत व् मान सम्मान प्राप्त करे गा | १५, १९, २३, वषप शुभ नही ं होंगे | धमं कमप
में तलप्त रहने वाला एश्वयाप सं र्न्न उिार व् समाज में सम्मान र्ाने वाला होगा | वासना ग्रस्त कामुक व्
र्रस्त्रीरत हो सकता है | र्त्नी व् र्त्नी र्क्ष से हमेशा ििा रहे गा लोभी तथा स्स्त्रयों से लुटने वाला होगा | क्रूर
गृ ह की महािशा में गु रु, िु ध, शुक्र, की अंतर िशा में शत्रु कष्ट व् चोरी का भय हो सकता है |
शतणभषा नक्षत्र : धनी सत्यवािी िानी प्रतसि अच्छे काम करने वाला िु स्द्धमान होतशयार सफल शत्रु तवजेता
इज्जत प्राप्त करने वाला होता है | सरकार से सम्मान प्राप्त करने वाला िू सरी स्त्री से लगाव रखने वाला तथा
२८ वााँ वषप तवशे ष महत्वर्ूणप हो सकता है | सत्य भाषी र्रन्तु जुआरी, व्यसनी सट्टे िाज साहसी र्रन्तु शां त
स्वभाव में कठोरता तनडर ज्योततष प्रेमी साधारण धन एवं िु सरे के माल को हड़र्ने की इच्छा हमेशा िनी
रहती है | क्रूर गृ ह के महािशा में शतन केतु सू यप की अन्तिप शा में शत्रु कष्ट व् चोरी का भय रहे गा |
पूवाव -भाद्रपद नक्षत्र : धनी सुं िर िहुत िोलने वाला, तवधावान कला कुशल एवं अतधक सोने वाला कई र्तत्नयों
वाला, सं तान से सु ख प्राप्त करने वाला छोटी छोटी िातों में गु स्सा होने वाला होता है | भाग्योिय १९ से २१ वषप
में होता है | अर्ने कायप में िक्ष व् चतु र तथा धू तप व् डरर्ोक धनवान होते हुए भी तनधप न हो जाता है | कम
सहन शस्क्त वाला तवचारों में कामुकता वाला, स्स्त्रयों से धोखे खाना वाला, र्त्नी स्वभाव से चंचंल व् उग्र होती
है , गृ हथथ जीवन सामान्य रहे गा | क्रूर गृ ह के महािशा में िु ध,शुक्र, चन्द्र, के अंतर में शत्रु कष्ट व् चोरी का
भय रहे गा |
उत्तरा-भाद्रपद नक्षत्र : सु न्दर र्राक्रमी साहसी िु स्द्धमान रं ग गोरा वाचाल िानी शत्रु तवजेता धमाप त्मा धनवान
होता है |उिार र्रोर्कारी, सु खी, धन-धान्य व् सं तान यु क्त जीवन | अध्ययनशील, शास्त्रों के ज्ञाता वाक्पटु
तजम्मेिार, लेखक,र्त्रकार, सं गीतज्ञ, सफल गृ हथथ जीवन, म्रिु भाषी र्त्नी वाला होता है | भाग्योिय २७ से ३१ वषप
में सं भव है | क्रूर गृ ह की महािशा में केतु , सू यप, मंगल, की अन्तिप शा में शत्रु कष्ट एवं चोरी का भय रहता है |
रे वती नक्षत्र : माता तर्ता की से वा करने वाला, िु स्द्धमान साधू स्वभाव ते ज वाणी व् तमत्रों से खुश रहने वाला
होता है | शरीर र्ुष्ट तनरोगी काया साहसी एवं सवप तप्रय धनवान सु र्ुत्रवान कामातु र सु न्दर चतु र
मेधावी, कुशाग्रिु स्द्ध, सलाह िे ने में होतशयार,अच्छा व्यार्ारी, कतव लेखक, र्त्रकार, तनिं धकार, उर्न्यासकार आति
होता है | स्वभाव शौम्य दृढ तनिय वाला, प्रततभाशाली सवप गुण सं म्पन्न सु न्दर र्त्नी वाला चररत्रवान गृ ह कायप में
िक्ष मधु र भाषी होता है | १७ वें , २१ वें , २४ वें वषप ठीक नही ं होंगे | क्रूर गृ ह की महािशा में शुक्र- चन्द्र –
राहु की अन्तिप शा में शत्रु कष्ट व् चोरी का भय हो सकता |
अणभजीत नक्षत्र : अतभजीत नक्षत्र में जन्म ले ने वाला सु न्दर होतशयार अर्रातजत दृढ तनियी व् भाग्यवान
धनवान सवप गुण सं र्न्न मेहनत करने वाला शस्क्तशाली व्यस्क्त होता है |उर्रोक्त नक्षत्र िहुत कम उर्योग में
लाया जाता है , इसतलए ज्यािातर लोग इसका वणप न कम ही करते हैं