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12 Hindielective Hindi 2019
12 Hindielective Hindi 2019
2019 20
2019 2019
1. -
, सा ा कार
3 2.
- आलेख लेखन का अ यास
3.
-
4
4.
-
5 5.
6 6. नए एवं
अ या शत यथा – द वार घडी, दरवाजा, फोन,
वषय पर लेखन दया और तफ
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7.
आद
2020
7.
8
9
मालवा े क आंच लक वशेषता का
पाठ के अनु प व लेषण
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िन िलिखत पाठ से नह पूछे जाएँग-े
अ य े (यह दीप अके ला,मने देखा एक
बूँद)
के शवदास (किव /सवैया)
घटना/ि थ त वषय को
-
वण वाचन कौशल – 10 अंक
वण कौशल - 5 अंक
2. केशव दास :-
क व त और सवैये
हहिंदी (ऐच्छिक) कोड सिंख्या – 002
कऺा 11व िं – 12व िं (2019-20)
प्रस्तावना :
उच्चतय भाध्ममभक स्तय भें प्रवेश रेने वारा ववद्मार्थी ऩहरी फाय साभान्म मशऺा से ववशेष अनश
ु ासन
की मशऺा की ओय उन्भख
ु होता है । दस वषों भें ववद्मार्थी बाषा के कौशरों से ऩरयचचत हो जाता है।
बाषा औय साहहत्म के स्तय ऩय उसका दामया अफ घय, ऩास-ऩडोस, स्कूर, प्राॊत औय दे श से होता हुआ
धीये -धीये ववश्व तक पैर जाता है । वह इस उम्र भें ऩहुॉच चक
ु ा है कक दे श की साॊस्कृततक, साभाजजक,
याजनीततक औय आचर्थिक सभस्माओॊ ऩय ववचाय-ववभशि कय सके, एक जजम्भेदाय नागरयक की तयह
अऩनी जजम्भेदारयमों को सभझ सके तर्था दे श औय खुद को सही हदशा दे सकने भें बाषा की ताकत
को ऩहचान सके। ऐसे दृढ़ बावषक औय वैचारयक आधाय के सार्थ जफ ववद्मार्थी आता है तो उसे ववभशि
की बाषा के रूऩ भें हहॊदी की व्माऩक सभझ औय प्रमोग भें दऺ फनाना सफसे ऩहरा उद्दे श्म होगा।
ककशोयावस्र्था से मव
ु ावस्र्था के इस नाजुक भोड ऩय ककसी बी ववषम का चुनाव कयते सभम फच्चे औय
उनके अमबबावक इस फात को रेकय सफसे अचधक चचॊततत यहते हैं कक चमतनत ववषम उनके बववष्म
औय जीववका के अवसयों भें भदद कये गा कक नहीॊ। इस उम्र के ववद्माचर्थिमों भें चचॊतन औय तनर्िम
कयने की प्रववृ ि बी प्रफर होती है । इसी आधाय ऩय वे अऩने भानमसक, साभाजजक, फौद्चधक औय
बावषक ववकास के प्रतत बी सचेत होते हैं औय अऩने बावी अध्ममन की हदशा तम कयते हैं। इस स्तय
ऩय ऐजच्िक हहॊदी का अध्ममन एक सज
ृ नात्भक, साहहजत्मक, साॊस्कृततक औय ववमबन्न प्रमजु ततमों की
बाषा के रूऩ भें होगा। इस फात ऩय बी फर हदमा जाएगा कक तनयॊ तय ववकमसत होती हहॊदी के अखखर
बायतीम स्वरूऩ से फच्चे का रयश्ता फन सके।
इस स्तय ऩय ववद्माचर्थिमों भें बाषा के मरखखत प्रमोग के सार्थ-सार्थ उसके भौखखक प्रमोग की कुशरता
औय दऺता का ववकास बी जरूयी है । प्रमास मह बी होगा कक ववद्मार्थी अऩने बफखये हुए ववचायों औय
बावों की सहज औय भौमरक अमबव्मजतत की ऺभता हामसर कय सके।
इस ऩाठ्मक्रभ के अध्ममन से :
1. ववद्मार्थी अऩनी रुचच औय आवश्मकता के अनरू
ु ऩ साहहत्म का गहन औय ववशेष अध्ममन
जायी यख सकेंगे।
2. ववश्वववद्मारम स्तय ऩय तनधािरयत हहॊदी-साहहत्म से सॊफचॊ धत ऩाठ्मक्रभ के सार्थ सहज सॊफध
ॊ
स्र्थावऩत कय सकेंगे।
3. रेखन-कौशर के व्मावहारयक औय सज
ृ नात्भक रूऩों की अमबव्मजतत भें सऺभ हो सकेंगे।
4. योजगाय के ककसी बी ऺेत्र भें जाने ऩय बाषा का प्रमोग प्रबावी ढॊ ग से कय सकेंगे।
5 मह ऩाठ्मक्रभ ववद्मार्थी को जनसॊचाय तर्था प्रकाशन जैसे ववमबन्न-ऺेत्रों भें अऩनी ऺभता
व्मतत कयने का अवसय प्रदान कय सकता है ।
उद्दे श्य :
सज
ृ नात्भक साहहत्म की सयाहना, उसका आनॊद उठाना औय उसके प्रतत सज
ृ नात्भक औय
आरोचनात्भक दृजष्ि का ववकास कयना।
साहहत्म की ववववध ववधाओॊ (कववता, कहानी, तनफॊध आहद), भहत्त्वऩर्
ू ि कववमों औय
यचनाकायों, प्रभख
ु धायाओॊ औय शैमरमों का ऩरयचम कयाना।
बाषा की सज
ृ नात्भक फायीककमों औय व्मावहारयक प्रमोगों का फोध तर्था सॊदबि औय सभम के
अनस
ु ाय प्रबावशारी ढॊ ग से उसकी भौखखक औय मरखखत अमबव्मजतत कयना।
ववमबन्न ऻानानश
ु ासनों के ववभशि की बाषा के रूऩ भें हहॊदी की ववमशष्ि प्रकृतत एवॊ ऺभता
का फोध कयाना।
साहहत्म की प्रबावशारी ऺभता का उऩमोग कयते हुए सबी प्रकाय की ववववधताओॊ (धभि,
जातत, मरॊग, वगि, बाषा आहद) एवॊ अॊतयों के प्रतत सकायात्भक औय सॊवद
े नशीर व्मवहाय का
ववकास कयना।
दे श-ववदे श भें प्रचमरत हहॊदी के रूऩों से ऩरयचचत कयाना।
सॊचाय-भाध्मभों (वप्रॊि औय इरेतरॉतनक) भें प्रमत
ु त हहॊदी की प्रकृतत से अवगत कयाना औय
नवीन ववचधमों के प्रमोग की ऺभता का ववकास कयना।
साहहत्म की व्माऩक धाया के फीच यखकय ववमशष्ि यचनाओॊ का ववश्रेषर् औय वववेचन
कयने की ऺभता हामसर कयना।
ववऩयीत ऩरयजस्र्थततमों भें बी बाषा का प्रमोग शाॊतत के सार्थ कयना।
अभत
ू ि ववषमों ऩय प्रमत
ु त बाषा का ववकास औय कल्ऩनाशीरता औय भौमरक चचॊतन के मरए
प्रमोग कयना।
शिऺण-यच्ु ततयााँ :
इन कऺाओॊ भें उचचत वातावयर्-तनभािर् भें अध्माऩकों की बमू भका सदै व उत्प्रेयक एवॊ सहामक की
होनी चाहहए। उनको बाषा औय साहहत्म की ऩढ़ाई भें इस फात ऩय ध्मान दे ने की जरूयत होगी कक-
कऺा का वातावयर् सॊवादात्भक हो ताकक अध्माऩक, ववद्मार्थी औय ऩस्
ु तक-तीनों के फीच एक
रयश्ता फन सके।
फच्चों को स्वतॊत्र रूऩ से फोरने, मरखने औय ऩढ़ने हदमा जाए औय कपय उनसे होने वारी बर
ू ों
की ऩहचान कया कय अध्माऩक अऩनी ऩढ़ाने की शैरी भें ऩरयवतिन कये ।
ऐसे मशऺर्-बफॊदओ
ु ॊ की ऩहचान की जाए, जजससे कऺा भें ववद्मार्थी की सकक्रम बागीदायी यहे
औय अध्माऩक बी उनका सार्थी फना यहे ।
मबन्न ऺभता वारे ववद्माचर्थिमों के मरए उऩमत
ु त मशऺर्-साभग्री का उऩमोग ककमा जाए तर्था
ककसी बी प्रकाय से उन्हें अन्म ववद्माचर्थिमों से कभतय मा अरग न सभझा जाए।
कऺा भें अध्माऩक को हय प्रकाय की ववववधताओॊ (मरॊग, धभि, जातत, वगि आहद) के प्रतत
सकायात्भक औय सॊवेदनशीर वातावयर् तनमभित कयना चाहहए।
सज
ृ नात्भकता के अभ्मास के मरए ववद्मार्थी से सार भें कभ से कभ दो यचनाएॉ मरखवाई
जाएॉ।
आिंतररक मल
ू यािंकन हे तु
श्रवण तथा वाचन ऩरीऺा हे तु हदिा ननदे ि
ु ना) (5 अिंक) : वखर्ित मा ऩहठत साभग्री को सन
श्रवण (सन ु कय अर्थिग्रहर् कयना, वातािराऩ
कयना, वाद-वववाद, बाषर्, कववताऩाठ आहद को सन
ु कय सभझना, भल्
ू माॊकन कयना औय
अमबव्मजतत के ढॊ ग को सभझना।
वाचन (बोऱना) (5 अिंक) : बाषर्, सस्वय कववता-ऩाठ, वातािराऩ औय उसकी औऩचारयकता,
कामिक्रभ-प्रस्ततु त, कर्था-कहानी अर्थवा घिना सन
ु ाना, ऩरयचम दे ना, बावानक
ु ू र सॊवाद-वाचन।
कौिऱों के अिंतरण का मल
ू यािंकन
(इस फात का तनश्चम कयना कक तमा ववद्मार्थी भें श्रवर् औय वाचन की तनम्नमरखखत मोग्मताएॉ हैं)
श्रवण (सन
ु ना) वाचन (बोऱना)
1 ऩरयचचत सॊदबों भें प्रमत
ु त शब्दों औय ऩदों को 1 केवर अरग-अरग शब्दों औय ऩदों के प्रमोग
सभझने की साभान्म मोग्मता है । की मोग्मता प्रदमशित कयता है ।
2 िोिे सस
ु फ
ॊ द्ध कर्थनों को ऩरयचचत सॊदबों भें 2 ऩरयचचत सॊदबों भें केवर िोिे सस
ु फ
ॊ द्ध कर्थनों
सभझने की मोग्मता है । का सीमभत शद्
ु धता से प्रमोग कयता है ।
3 ऩरयचचत मा अऩरयचचत दोनों सॊदबों भें कचर्थत 3 अऩेऺाकृत दीघि बाषर् भें अचधक जहिर
सच
ू ना को स्ऩष्ि सभझने की मोग्मता है । कर्थनों के प्रमोग की मोग्मता प्रदमशित कयता
है ।
4 दीघि कर्थनों की शख
ॊृ रा को ऩमािप्त शद्
ु धता 4 अऩरयचचत जस्र्थततमों भें ववचायों को ताककिक
से सभझने के ढॊ ग औय तनष्कषि तनकार ढॊ ग से सॊगहठत कय धाया-प्रवाह रूऩ भें प्रस्तत
ु
सकने की मोग्मता है । कयता है ।
5 जहिर कर्थनों के ववचाय-बफॊदओ
ु ॊ को सभझने 5 उद्दे श्म औय श्रोता के मरए उऩमत
ु त शैरी को
की मोग्मता प्रदमशित कयने की ऺभता है । वह अऩना सकता है, ऐसा कयते सभम वह केवर
उद्दे श्म के अनक
ु ूर सन
ु ने की कुशरता भाभर
ू ी गरततमाॉ कयता है ।
प्रदमशित कयता है ।
प्रस्ताववत ऩस्
ु तकें :
1. अिंतरा, भाग-1, एन.सी.ई.आय.िी. द्वाया प्रकामशत
2. अिंतराऱ, भाग-1, एन.सी.ई.आय.िी. द्वाया प्रकामशत
3. ‘अशभव्यच्तत और माध्यम’, एन.सी.ई.आय.िी. द्वाया प्रकामशत
प्रस्ताववत ऩस्
ु तकें :
1. अिंतरा, भाग–2, एन.सी.ई.आय.िी. द्वाया प्रकामशत
2. अिंतराऱ, भाग–2, (ववववध ववधाओॊ का सॊकरन), एन.सी.ई.आय.िी. द्वाया प्रकामशत
3. ‘अशभव्यच्तत और माध्यम’, एन.सी.ई.आय.िी. द्वाया प्रकामशत
प्रश्नऩत्र का प्रश्नानस
ु ार ववश्ऱेषण एविं प्रारूऩ
हहिंदी ऩाठ्यक्रम – 11व िं (ऐच्छिक) (2019-20)